Gardening: ग्रीन डैकोर अर्थात हरियाली से घर को सजाना. आजकल इंडोर गार्डनिंग या ग्रीन डैकोर से घर को सजाना काफी ट्रेंड में है. कुछ समय पूर्व तक इंडोर गार्डनिंग केवल घर की बालकनियों और छतों पर ही की जाती थी परंतु आजकल ऐसे प्लांट्स बाजार में उपलब्ध हैं जिन्हें आप घर के हर कमरे में भी लगा सकते हैं. ये पौधे घर की आबोहवा को तो शुद्ध करते ही हैं, साथ ही घर के सौंदर्य में भी चार चांद लगा देते हैं. ये पौधे घर के ड्राइंगरूम से ले कर बाथरूम तक में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं.

ग्रीन डैकोर की सब से बड़ी खूबी है कि ये कम खर्चे में घर को सुंदर, पौजिटिव और हैल्दी बना देते हैं. आप अपने बजट, स्पेस और रुचि के अनुसार ग्रीन डैकोर से घर को नया लुक दे सकती हैं.

एअर प्यूरिफाइंग प्लांट्स बढ़ाएंगे एअर क्वालिटी: धूलधुंआ आदि से वायु प्रदूषण आज की सब से बड़ी चुनौती है. स्नैक प्लांट, एरिका पाम, मनी प्लांट और पीस लिली जैसे प्लांट्स हवा को शुद्ध करते हैं. नासा के अनुसार घर की वायु को शुद्ध रखने के लिए एक कमरे में इस तरह के 4-5 पौधे रखने से इंडोर एअर क्वालिटी काफी बेहतर हो सकती है. इन पौधों की मैंटेनैंस बहुत आसान होती है क्योंकि इन्हें बहुत कम पानी और रोशनी की आवश्यकता होती है.

गुड हैल्थ के लिए हैल्दी प्लांट्स: तुलसी, मीठा नीम, पुदीना और धनिया के अलावा आजकल किचन की खिड़की, बालकनी और घर की छत पर पालक, टमाटर, बैगन, लौकी, तोरई जैसी सब्जियां भी उगा रहे हैं. इस से घर का लुक तो बढि़या होता ही है, साथ ही आप को ताजा और और्गेनिक सब्जियां भी खाने को मिलती हैं.

कम स्पेस के लिए वर्टिकल गार्डनिंग: वर्टिकल गार्डनिंग अर्थात सीधी खड़ी या लंबाई में की जाने वाली गार्डनिंग. इस प्रकार की गार्डनिंग की सब से बड़ी विशेषता है कि इसे आप पिलर, दीवार की जाली या मेहराब कहीं पर भी कर सकते हैं. चूंकि यह लंबाई में की जाती है इसलिए कम जगह में अधिक उत्पादन किया जा सकता है. आप इस में अपनी आवश्यकतानुसार सब्जियां या सजावटी पौधे कुछ भी लगा सकती हैं.

बाथरूम के लिए मौइस्चर लवर प्लांट्स: मौइस्चर लविंग प्लांट्स अर्थात ऐसे पौधे जो किसी भी जगह की नमी को सोख कर वहां की हवा को शुद्ध करते हैं. बैंबू, स्पाइडर, पीस लिली, इंग्लिश आइवरी, जांजीबार जेम और फर्न जैसे प्लांट्स बाथरूम के लिए उपयुक्त रहते हैं. ये नमी को सोख लेते हैं, जिस से फंग्स लगने की संभावना नहीं रहती.

घर के नए लुक के लिए डैकोरेटिव प्लांट्स: क्रोटन, ऐग्लोनिमा, कोलियस, गुलाब, गैंदा, जेड प्लांट्स जैसे पौधों से आप बहुत कम खर्चे में अपने घर को नया लुक दे सकती हैं. इन्हें आप बालकनी, कमरे या फिर टैरेस पर रख सकती हैं. गुलाब और गैंदें जैसे फूल वाले पौधों को छोड़ कर अन्य किसी भी ऐसे स्थान पर रखा जा सकता है जहां सूर्य की सीधी रोशनी न आती हो.

करें यह प्रयोग: आप अपने घर के पुराने प्लास्टिक के डब्बों, कांच की खाली बोतलों, पुराने टायरों और पुराने कप्स आदि पर प्लास्टर औफ पैरिस अथवा सफेद सीमेंट की एक पतली परत लगा कर सुखा लें. फिर इस पर मनचाहे रंग से पेंट कर के अथवा कांच आदि से सुंदर प्लांटर बना सकती हैं.

यदि किसी गमले में लगा पौधा बहुत अधिक घना हो गया है तो आप उसे मिट्टी सहित गमले से निकाल लें और फिर उस की जड़ों से 3-4 पौधे निकाल कर अलगअलग गमलों में लगा लें. इस से आप एक पौधे से 3-4 पौधे तैयार कर लेंगी. पुराने स्टूल और घर में पड़ी बेकार रौड से आप स्टैंड बना सकती हैं.

सप्ताह में एक बार आप पौधों की मिट्टी की पुराने चाकू या कलछी से गुड़ाई कर दें. इस से पौधों की जमी मिट्टी हलकी और भुरभुरी हो जाती है, जिस से पौधे सांस अच्छी तरह ले पाते हैं.

पौधे लगाने के लिए मिट्टी तैयार करते समय सामान्य मिट्टी में बराबर की खाद मिला कर थोड़ा रेत मिलाएं ताकि मिट्टी हलकी और भुरभुरी रहे व पानी की निकासी अच्छी तरह हो सके.

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