How to Handle Emotions: सौरभ एक तूफान के इंतजार में पिछले 5 दिनों से गुमसुम बैठा है. दरअसल, सौरभ अपनी बीवी श्वेता के साथ एक हौलिडे पर जा रहा था. लेकिन अचानक औफिस में बहुत जरूरी प्रोजैक्ट आने के चलते उसे अपना हौलिडे कैंसिल करना पड़ा.
सौरभ ने अचानक ट्रिप कैंसल करने पर कई बार श्वेता से माफी मांगी लेकिन श्वेता ने गुस्से में जो चुप्पी लगाई. आज 5 दिन हो गए उस की वह गहरी चुप्पी टूटी नहीं. श्वेता की चुप्पी सौरभ का मन कचोट तो रही ही है, साथ ही एक डर भी पैदा कर रही है कि कहीं एक दिन श्वेता की यह चुप्पी उन के रिश्ते पर बिजली की तरह न गिरे.
जब कभी भी ट्रिप प्लान चेंज या पोस्टपौन या कैंसिल हो जाए तो मन बहुत उदास होता है, गुस्सा भी आता है खासकर तब जब प्लान किसी छुट्टी पर जाने का हो और वह भी किसी अपने खास के साथ.
किसी भी प्लान के फ्लौप होने का दर्द पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक होता है क्योंकि वे अधिक इमोशनल होती हैं और इस वजह से उन की नाराजगी, गुस्सा या उखड़ापन अधिक नजर आता है और इन्हीं इमोशन के
चलते उन के मन में बहुत अजीबोगरीब खयाल आते हैं जैसे:
यह तो मेरी बेइज्जती है: कई बार पत्नियां अपने हौलिडे कैंसलेशन को इतना दिल से लगा लेती हैं कि उसे अपने मानसम्मान से भी जोड़ लेती हैं, जिस वजह से प्लान कैंसलेशन पर उन्हें अपनी बेइज्जती सी महसूस होती है.
विश्वास का खंडन: अब आप के पति ने कई वादों के बाद यह प्लान बनाया होता है तो जब वह हौलिडे प्लान चेंज या कैंसिल होता है तो उन पत्नियों को पतियों के किए वादों पर संदेह होता है और यह संदेह मन में विश्वासघात का बीज भी बो देता है. पत्नियों को यही लगता है कि पति सिर्फ झूठी बातें करता है. चाहे वह कितना सच क्यों न बोले, पत्नियों को पति की हर बात, हर फरियाद झूठी ही लगेगी.
उन की कोई अहमियत नहीं: हर पत्नी यही चाहती है कि उस का पति सब से पहले उसे ही अहमियत दे. चाहे कोई भी स्थितिपरिस्थिति हो उस का साथ निभाए और उसे ही ऊपर रखे. ऐसे में जब यों कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो पत्नी को यही लगता है कि काम के आगे उस की कोई कदर नहीं.
मगर अगर यह गुस्सा या खेद पत्नी मन के अंदर ही दबा कर बैठ जाए तो उस का परिणाम अच्छा नहीं होता क्योंकि मन में दबी पीड़ा एक दिन एक तूफान की तरह उमड़ती है और फिर आपसी प्रेम और रिश्ते को खराब करती है. इसलिए बेहतर होगा कि अपने इमोशन पर काबू पाएं और ट्रिप प्लान में आए इस चेंज को हैंडल करें और वह ऐसे:
क्लीयर कंयुनिकेशन: चुप्पी धरने के बजाय अपने पार्टनर के साथ बैठ कर बातों और मुद्दों को क्लीयर करें. जो भी बात आप को बुरी लगी, आप को चुभी उस पर विस्तार से बिना एकदूसरे को दोषी माने खुल कर बातचीत करे
उन के कारण को भी समझें: माना आप का दिल दुखी है लेकिन यह भी समझें कि प्लान सिर्फ आप का ही नहीं, उन का भी तो खराब हुआ है. इसलिए उन की परेशानी को भी समझें. क्या कारण उभर आया, उसे जानें, उस की गंभीरता को समझें.
दिल नहीं बल्कि तर्क पर ध्यान दें: आप के पति जो भी कारण बता रहे हैं. उस कारण को सम?ाने का प्रयास करें न कि दिल दुखने के एवज में उन के हर तर्क को नकारें और उन की बात को मिथ्याचार समझें.
इमोशन पर काबू रखें: ऐसी स्थिति से मन बहुत व्याकुल और रुष्ठ होता है, जिस के चलते न भावनाओं पर काबू होता है और न जबान पर. ठेस पहुंचाने की इच्छा न रखते हुए भी मुंह से कुछ अपशब्द या तीखी भाषा निकल ही आती है. इसलिए अपने दिल और दिमाग को ठंडा रखें और अधिक इमोशनल न हों.
चेंज को स्वीकारें: जब प्लान रद्द हो ही चुका है तो उसे स्वीकार करें न कि एक हठी की तरह शिकायत करती रहीं. आप के जिद्द करने या गुस्सा दिखाने से प्लान वापस तो औन नहीं हो जाएगा, जो परिस्थिति अचानक उभरी है, वह अपनेआप ही तो नहीं सुलझ जाएगी. इसलिए अच्छा होगा कि इस बदलाव को सहजता से स्वीकारें और अगर अपने पति की आई परेशानी या कार्य में कुछ मदद कर सकती हैं तो करें. उन के साथ बैठ कर कोई रास्ता निकालें.
नया प्लान करें: बहुत बार देखा गया है कि एक बार प्लान कैंसिल या पोस्टपौन होने पर पत्नियां अगले प्लान के लिए पतियों का साथ नहीं देती. न अगला ट्रिप प्लान करती हैं और जाने को भी तैयार नहीं होती हैं. नहीं उन का यही कहना होता है कि तुम ने कैसे ट्रिप कैंसिल किया, अब जाओ. मैं अब कहीं जाऊंगी ही नहीं. उन का यह रोष, न जाने की जिद्द सही नहीं. माना आप के पति ने एक ट्रिप किसी कारणवश कैंसिल कर दिया, लहकिन ये भी देखिए कि उस की भरपाई के लिए वे अगले ट्रिप की प्लानिंग भी तो कर रहे हैं. इसलिए उन के प्रयास को व्यर्थ न करें बल्कि उन का साथ दें.
अनुमान या ओवर थिंकिंग से बचें: भले कोई समस्या हो या नहीं, महिलाओं को ओवर थिंकिंग करनी ही होती है. फालतू के अनुमान लगाना तो दिनभर किसी न किसी बहाने दिमाग में लगा ही रहता है और फिर अगर बात हौलिडे ट्रिप जैसी खास हो तो उस के कैंसलेशन पर तो बहुत से अनुमान का गुणाभाग होने लगता है जैसे ‘मेरा पति को मेरी कोई कदर नहीं,’ ‘मुझ से प्यार नहीं करते,’ ‘अचानक क्यों कैंसिल किया,’ ‘कहीं कोई दूसरा चक्कर तो नहीं,’ ‘सिर्फ अपने काम को महत्त्व देते हैं,’ ऐसे अनेक मनगढ़ंत कारण उन के दिमाग में दौड़ने लगते है और फिर यह मनगढ़ंत सोच दौड़तेदौड़ते जब दिमाग से मुंह के जरीए बाहर आती है तो आप के पति का दिल दुखाती है और रिश्ते में संदेह पैदा करती है.
ट्रिप पर जाने की उत्सुकता, तैयारी, शौपिंग लिस्ट और बहुत सी ट्रिप से जुड़ी आशाएं और इच्छाओं पर जब पानी फिरे तो मन तो दुखेगा ही, गुस्सा भी आएगा और यह जायज भी है. मगर अपने गुस्से में यह अनदेखा न करें कि आप जितनी ही उत्सुकता और इच्छा आप के पति की भी तो होगी इस ट्रिप की.
ट्रिप कैंसिल करने से उन का भी मन उदास हुआ होगा और जब कैंसलेशन की पहल उन्होंने ही किसी कारणवश की है तो उन्हें तो अपराधबोध अर्थात गिल्ट भी फील हो रहा होगा. इसलिए उन की माफी को खुले दिल से स्वीकार करें और अगले ट्रिप पर जाने को हां भी कहें अन्यथा आप के मनमुटाव से कहीं आप के रिश्ते में किसी प्रकार का असंतुलन न पैदा हो जाए.
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