फेस्टिव सीजन प्रारम्भ हो चुका है. फेस्टिवल्स में बाजार में भांति भांति के वस्त्रों की भरमार होती है. कपड़ों के साथ साथ हमें घरेलू सामान की भी शॉपिंग करनी होती है और ऐसे में अक्सर बजट गड़बड़ाने लगता है. हर बार नए कपड़े खरीदना न तो हर किसी के लिए सम्भव होता है और न ही खरीदने में कोई बुद्धिमानी है क्योंकि कपड़ों का फैशन बहुत जल्दी बदलता है इस साल खरीदे गए कपड़े अगली साल तक आउट ऑफ फैशन हो जाते हैं और फिर उन्हें पहनने का मन ही नहीं करता. तो क्यों न थोड़ी सी क्रिएटिविटी से पुराने कपड़ों को ही नया रूप प्रदान किया जाए इससे आप कम खर्च में ही नई ड्रेस तैयार कर लेंगी साथ अपने हाथों से तैयार की गई ड्रेस को पहनकर आप आत्मिक संतोष भी अनुभव करेंगी. आज हम आपको पुराने कपड़ों को नया बनाने के कुछ ट्रिक्स बता रहे हैं-

-टॉय एंड डाय

ये कपड़ों को रंगने की ट्रिक है जिसमें डिजाइन के अनुसार कपड़े को धागे, सुतली से बांधकर शेष भाग को रंग देते हैं, सूखने के बाद जब धागे को खोला जाता है तो डिजाइन उभर आता है. इसके लिए डाइंग या फ़ूड कलर का प्रयोग किया जाता है. आप प्योर कॉटन के जैकेट, साड़ी, दुपट्टा, स्कर्ट आदि  को इस विधि से नया बना सकतीं हैं. इसमें आप स्पायरल, शिबोरी या क्रम्बल जैसे पैटर्न को प्रयोग कर सकतीं हैं. सूखने के बाद इन्हें पहली बार गर्म पानी में 1 टीस्पून नमक डालकर धोकर सुखाएं.

-हैंड पेंटिंग

अपने वार्डरोब की किसी भी साड़ी, दुपट्टा, जैकेट, स्कर्ट आदि पर आप अपने हाथों का जादू चलाकर उन्हें एकदम नया रूप दीजिए.

इसके लिए आप बाजार में उपलब्ध वाटर रेजिस्टेंट फेब्रिक कलर का प्रयोग करें, रंग को पतला करने के लिए पानी के स्थान पर  कपड़े के लिए विशेष रूप से बनाये गए मीडियम का प्रयोग करें. पेंटिंग पूरी हो जाने के बाद उस पर पार्चमेंट पेपर रखकर गर्म प्रेस रख दें इससे पेंटिंग जल्दी सूख जाएगी. पेंट किये गए कपड़ों को धोकर धूप में न सुखाएं और सदैव उल्टा करके ही सुखाएं.

-पैचवर्क

यूं तो यह काफी पुरानी टेक्नीक है परन्तु पैचवर्क का फैशन सदाबहार होता है जो सदैव फैशन में रहता है. पुराने शर्ट्स, दुपट्टे, कुर्ते आदि को इस विधि से नया रूप दे सकतीं हैं. बाजार में भी भांति भांति के पैच उपलब्ध हैं जिनका आप आसानी से प्रयोग कर सकतीं है. इन्हें आप फेवीग्लू से चिपकाने के साथ साथ सिलाई से भी अटैच कर सकतीं हैं.

-इम्ब्रॉयडरी और लेसेज

इम्ब्रॉयडरी अर्थात कढाई के माध्यम से आप किसी भी कपड़े को नया बना सकतीं हैं.  कढाई करने के लिए आप किसी भी फेब्रिक का प्रयोग कर सकतीं हैं. यदि आप बहुत अधिक कढाई नही  करना चाहतीं तो बॉर्डर पर लेस लगाएं और बीच में कोई भी छोटा नमूना बना सकतीं हैं. आज बाजार में भांति भांति की आधुनिक डिजाइन वाली लेसेज उपलब्ध है किसी भी सिंपल सी ड्रेस को आप लेस के प्रयोग से नया बना सकतीं हैं. कढाई के लिए सदैव अच्छी कम्पनी के धागे और पक्के रंग के कपड़े का ही प्रयोग करें ताकि धुलने पर उनका रंग न निकले.

-रीसाईक्लिंग

इस विधि से कपड़ों के साथ साथ आप किसी भी पुराने स्नीकर, सैंडल या फुटवियर को बीड्स, मोती, लेस, पॉम पॉम आदि से नया सा रूप दें. आप इन्हें ग्लू या रनिंग स्टिच से फिक्स कर सकतीं हैं. इसी प्रकार प्रयोग में न आने वाली साड़ी से लहंगा या स्कर्ट बनवाकर फेस्टिवल पर पहनें. पुराने फैंसी दुपट्टों से भी आप कुर्ते या बच्चों की स्कर्ट बनवा सकतीं हैं.

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