क्याआप अपने घर में सुस्ती और थकान के बजाय खुशी और सकारात्मकता महसूस करना चाहते हैं? क्या हमारी रोजमर्रा की लाइफ  में लाइट महत्त्वपूर्ण है? क्या हमें अपने घर में उचित लाइट अरेंजमैंट करना चाहिए? अगर हां तो क्यों?

आइए, जानते हैं इस संबंध में सीईओ ऐंड फाउंडिंग पार्टनर, लाइट डाक्टर प्राची लाड से:

घर के किसी कोने में जब आप भरपूर सकारात्मकता ऊर्जा महसूस करते हैं तो आप का मूड अच्छा और आप खुद को रिफ्रैश भी महसूस करते हैं. तब मन में यह प्रश्न आना स्वाभाविक है कि ऐसा क्यों होता है? जब आप समझ नहीं पाते तब आप इस अनुभव को ‘सकारात्मक ऊर्जा’ से जोड़ देते हैं. लेकिन अब जब अगली बार आप ऐसा अनुभव करें तो कमरों की रोशनी के प्रकार का निरीक्षण जरूर करें.

अच्छे और बुरे प्रकाश का प्रभाव

हम सभी जानते हैं कि अपर्याप्त लाइट में देखने की कोशिश करने का मतलब है आंखों पर तनाव डालना और वहीं लाइट की अधिकता आंखों को नुकसान पहुंचा कर दृष्टिहीन कर सकती है. दोनों ही स्थितियां हमारी नजर को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती हैं और यदि इस तरह का दोषपूर्ण लाइट अरेंजमैंट डिजाइन घरों में लंबे समय तक बना रहता है, तो यह हमारी हैल्थ के लिए कभी न भरपाई करने वाला कारण बन सकता है. यही कारण है कि हमारे घर व वर्क एरिया में प्रौपर लाइट की आवश्यकता होती है.

एक घर में लाइट की कितनी आवश्यकता

लाइट की मात्रा को लैक्स में मापा जाता है और एक घर में प्रत्येक कमरे में खास लैक्स स्तरों की आवश्यकता होती है. दिन या रात में विभिन्न समय सीमा में हम अपने घर पर जो कार्य करते हैं, उस के आधार पर खास कोने या क्षेत्र में सही मात्रा में लाइट अरेंजमैंट करने की आवश्यकता होती है.

क्या है लाइट अरेंजमैंट

जब हम लाइट अरेंजमैंट के बारे में बात करते हैं तो लाइट अरेंजमैंट के विभिन्न पहलू हमारे सामने होते हैं जैसे लोग ज्यादा चकाचौंध करने को ही लाइट अरेंजमैंट मान बैठते हैं, जबकि हर समय इस से सही रिजल्ट मिले ऐसा जरूरी नहीं बल्कि हम अकसर महसूस ही नहीं करते हैं या अपने आसपास किए गए लाइट अरेंजमैंट को पर्याप्त महत्त्व भी नहीं देते हैं, लेकिन यकीन मानिए कि यह हमारी मनोदशा, स्वास्थ्य, नजर और हमारे सामान्य जीवन पर जबरदस्त प्रभाव डालता है.

सही लाइट अरेंजमैंट डिजाइन यह सुनिश्चित करता है कि आप जिस कार्य को करना चाहते हैं, उसे करने के लिए आप हर समय पर्याप्त लाइट अरेंजमैंट पा सकें.

लाइट अरेंजमैंट डिजाइन करना

घर के लिए लाइट अरेंजमैंट डिजाइन करना एक कला है. लाइट अरेंजमैंट डिजाइन सिर्फ घर के हर कोने में लाइट जोड़ने से संबंधित नहीं है, बल्कि यह शैडो और लाइट का एक खेल है. घर की लाइटिंग की लेयरिंग सब से कारगर होती है.

पहली परत ऐंबिएंट लाइट कहलाती है, जिसे सामान्य या आसपास बिखेरने वाली लाइट भी कहा जाता है. इसे डाउनलाइट्स, लीनियर लाइट्स और कोव लाइट्स लगा कर हासिल किया जा सकता है. खाना पकाने, सफाई जैसे हमारे प्रतिदिन के कार्यों में सामान्य विसारित प्रकाश व्यवस्था की आवश्यकता होती है. यह हमें टेबल टौप, दीवारों, छत और फर्श जैसी सतहों पर भी बिखेर कर रोशनी देने में मदद करता है.

दूसरी परत ऐक्सैंट लाइट की होती है. इस का उपयोग कलाकृति, दीवार की विशेष बनावट जैसी खास विशेषता को उजागर करने के लिए किया जाता है.

टास्क लाइटिंग अधिक फोकस्ड अरेंजमैंट है, जो पढ़ना, लिखना और अन्य तरीकों को आसान बनाता है. हम में से बहुत से लोगों की पसंदीदा जगहों पर पढ़ने या लिखने की आदत होती है. व्यसकों के लिए यह एक स्टडी कौर्नर या बिस्तर हो सकता है क्योंकि कुछ लोग सोने से पहले पढ़ना पसंद करते हैं. बच्चों के लिए यह उन की स्टडी डैस्क हो सकती है. हमारी स्वस्थ दृष्टि के लिए सही प्रकार की और सही मात्रा में लाइट अरेंजमैंट की आवश्यकता होती है. पढ़ने या लिखने के दौरान अपनी आंखों को तनाव से बचाने के लिए व्यक्ति को ग्लेर फ्री लाइटिंग अरेंजमैंट का उपयोग करना चाहिए.

वार्म और कूल कलर्स का संयोजन

हमारे घर में वार्म और कूल कलर्स की लाइटिंग का संयोजन होना चाहिए. हम अपने लिविंगरूम और बैडरूम में वार्मर कलर टोन डैकोरेटिव लाइटिंग फीचर्स लगा कर एक शांत वातावरण बना सकते हैं. रसोई जैसी जगहों के लिए कूलर रंगीन प्रकाश व्यवस्था पसंद की जाती है. बाथरूम में हमें मिक्स कलर टोन रखना चाहिए, बिस्तर पर लेटने से पहले कूलर कलर की लाइटिंग स्विचऔन करने से बचना चाहिए. विभिन्न अध्ययनों के अनुसार कूलर कलर लाइटिंग हमारे मस्तिष्क में मैलाटोनिन हारमोन के स्तर को दबाने में मदद करती है, जो हमें अधिक सक्रिय बनाती है. लेकिन बिस्तर पर जाते समय अच्छी नहीं हो सकती.

इस तरह परिपेक्ष्य में देखा जाए तो अच्छी लाइटिंग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने में हमारी मदद करती है.

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