Kitchen Waste Composting : आज के समय में जैविक खेती और घर में किचन गार्डनिंग का चलन तेजी से बढ़ रहा है. लोग अपने गमलों में हरीभरी सब्जियां और फूल उगाना चाहते हैं. लेकिन प्रौब्लम तब आती है जब खाद की बात आती है. प्लांट लवर अपनी किचन से खाद बनाने की सोच तो रखता है लेकिन उसका लंबा प्रोसैस देख कर परेशान हो जाता है क्योंकि महीनाभर कचरे को बालटी में जमा करना पड़ता है.
इस से बदबू आती है, मक्खियां मंडराने लगती हैं और पूरा वातावरण गंदा हो जाता है. मगर अब समय है इस झंझट को खत्म करने का. हम आप को बताएंगे एक ऐसा तरीका जिस से आप किचन वेस्ट से बना सकते हैं इंस्टैंट और दमदार कंपोस्ट और वह भी बिना बदबू और सड़ांध के.
क्यों जरूरी है किचन वेस्ट से खाद बनाना
रोजाना हमारी किचन में जो जैविक कचरा निकलता है जैसे फलसब्जियों के छिलके, चायपत्ती, अंडे के छिलके, प्याजलहसुन के छिलके, हड्डियां इन सब में बहुत न्यूट्रिशन होता है. अगर इन्हें सीधा फेंक दिया जाए तो ये न केवल प्रदूषण बढ़ाते हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह होते हैं. वहीं अगर इन्हें सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो ये आप के पौधों के लिए सुपरफूड बन सकते हैं.
पुराने तरीके की परेशानी
पारंपरिक खाद बनाने के तरीके में महीनभर कचरे को बालटी या ड्रम में इकट्ठा करना पड़ता है. उस में समयसमय पर गोबर, सूखे पत्ते, मिट्टी आदि डाल कर मिलाना होता है. यह प्रोसैस लंबा होता है और इस में बदबू भी आती है, साथ ही मक्खियों और कीड़ों की समस्या हो जाती है.
यही वजह है कि कई लोग खाद बनाना छोड़ देते हैं. मगर अब एक नया तरीका है इंस्टैंट लिक्विड कंपोस्ट.
इंस्टैंट कंपोस्ट क्या है
इंस्टैंट कंपोस्ट एक ऐसा तरीका है जिस में आप को किचन वेस्ट को सड़ाने की जरूरत नहीं होती. आप ताजे कचरे को भिगो कर या उबाल कर उस का लिक्विड तैयार करते हैं और उसी दिन से उस का उपयोग पौधों में कर सकते हैं.
इस में न तो गंध आती है, न ही मक्खियों की समस्या होती है, साथ ही यह प्रक्रिया पूरी तरह प्राकृतिक भी है और पौधों के लिए तुरंत असरदार भी.
प्याज के छिलके छिपा हुआ पौधों का टौनिक
प्याज के छिलकों को अकसर लोग कूड़े में फेंक देते हैं लेकिन ये छिलके पोटैशियम, कैल्सियम और सल्फर से भरपूर होते हैं. अगर आप इन्हें पानी में कुछ दिन भिगो कर रखें तो यह एक बहुत ही असरदार लिक्विड फर्टिलाइजर बन जाता है. इसे बनाने का तरीका आसान है. आप खाली पड़ी किसी बोतल में पानी भर कर प्याज के छिलके डालें 3-4 दिन के लिए ढक कर रख दें.
जब पानी हलका भूरा या लाल हो जाए तो छान लें. इस पानी को आप डायल्यूट कर के यानी 1 लिटर कंपोस्ट में 5 लिटर पानी मिला कर हफ्ते में 1 बार पौधों में डालें. इस से आप के पत्तेदार पौधों जैसे- क्रोटोन, अजवायन, एरेका पाम, मनी प्लांट में हरे और चमकदार पत्ते आएंगे. फूलफल के पौधों में भी फलफूल बढ़ेंगे, साथ ही मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है.
फलसब्जियों के छिलकों का पानी केले, टमाटर, सेब, आलू आदि के छिलकों को अगर पानी में भिगोया जाए तो उन से भी पौधों के लिए पोषक घोल तैयार होता है. इन्हें बनाने का तरीका भी प्याज के छिलकों जैसा ही है.
केला
केले के छिलके पोटैशियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस के अच्छे स्रोत हैं. इन से फल ज्यादा आते हैं और जड़ें मजबूत होती हैं. इन्हें छोटेछोटे टुकड़ों में काट कर पानी में डालें और 1-2 दिन के लिए छोड़ दें. फिर उस पानी को पौधों में डालें. यह फूलों और फलदार पौधों के लिए बहुत अच्छा होता है.
टमाटर और सेब
इन के छिलकों में ऐटीऔक्सीडैंट्स होते हैं. ये पौधों को रोगों से बचाते हैं. टमाटर के छिलकों को उबाल कर उन का पानी छान लें और ठंडा कर के डालें. यह एक तरह से टौनिक की तरह काम करता है.
अंडे के छलकों का उपयोग
उबले अंडों के छिलकों को आप सुखा कर हाथों से चूरा बना कर या मिक्सी में ब्लैंड कर के सीधे पौधों में डाल सकती हैं. अंडे के छिलके में भरपूर कैल्सियम होता है और यह मिट्टी के पीएच बैलेंसिंग का भी काम करता है.
कंपोस्ट के लिए ध्यान रहे
कभी नमक या मसाले मिले कचरे का उपयोग न करें.
पका खाना खाद में न डालें
तेज धूप में इस खाद को रखने से इस की गुणवत्ता कम हो सकती है, खाद वाली बोतल को हमेशा शेड वाली जगह ही रखें.
सप्ताह में 1 या 2 बार ही इस लिक्विड खाद का उपयोग करें.
अगर आप पानी में छिलके न डुबोना चाहें तो एक और उपाय कर सकती हैं. आप चाहें तो अपने कचरे को जैसे प्याज, आलू, केले, संतरे, नींबू, टमाटर जैसी सभी फलसब्जियों के छिलके, अंडे, यूज्ड चाय जैसी चीजों को धूप में अच्छे से सुखा लें, फिर उन को मिक्सर में ब्लैंड कर के सूखे डब्बे में स्टोर करें. महीने में 2 बार 1-1 चम्मच अपने पौधों में डालें. आप खाने के बाद बची बोन्स को भी इसी तरह इस्तेमाल कर सकती हैं. उन्हें पहले धो कर अच्छे से सुखा लें और फिर पीस कर 1-1 चम्मच गमलों में इस्तेमाल करें.
अब खाद बनाने के लिए महीनेभर का इंतजार करने की जरूरत नहीं. आप इंस्टेंट और दमदार कंपोस्ट से अपने पौधों को तुरंत पोषण दे सकती हैं. बस थोड़ी सी समझदारी और नियमितता से आप अपनी किचन वेस्ट को कचरा नहीं बल्कि खजाना बना सकती हैं. न बदबू, न मक्खियां और न कोई झंझट. सिर्फ शुद्ध, नैचुरल और असरदार कंपोस्ट.
इंस्टैंट खाद बनाने के आसान उपाय
अगर आप चाहती हैं बिना बदबू और मक्खियों के किचन वेस्ट से कंपोस्ट बनाना तो इन स्टैप्स को अपनाएं:
सब से पहले किचन वेस्ट को अलग रखें. सूखे पेपर या मोटे गत्ते को आप फाड़ छोटे टुकड़ों में करें और मलचिंग के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं.
तैयार किचन वेस्ट फर्टिलाइजर को छान कर उस का लिक्विड पौधों में डालें. सीधे जड़ों में या स्प्रे कर के पत्तों पर भी डाल सकती हैं.
बचे हुए हिस्से को गमले की मिट्टी में मिलाएं. पानी को छानने के बाद जो छिलके बचते हैं उन्हें आप गमले की मिट्टी में दबा दें. ये धीरेधीरे डीकंपोज हो जाएंगे और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाएंगे.