दीपक और देविका की शादी को अभी चंद दिन ही हुए थे. मसूरी की हसीन वादियों से हनीमून मना कर घर वापस आए तो उन का तन और मन अभी भी वहां के रिसोर्ट के उस शानदार रूम में अटका हुआ था, जिस की दिलकश रोशनी ने उन की नई जिंदगी में मीठा उजाला भर दिया था.

उस रिसोर्ट की लाइटिंग सैंस गजब थी. कमरे में घुसे नहीं कि बैड के दाएंबाएं रखे लैंपशैड मद्धिम गुलाबी रोशनी से जगमगा उठते थे. यह देख कर दीपक और देविका की सारी थकान मिट जाती.

देखा जाए तो हर किसी का सपना होता है कि वह अपने घर को अपनी मरजी और खुशी से सजाएसंवारे, उस में अपने मन की रोशनियां भर दे, लेकिन शहरों के छोटेछोटे घर इस सपने को चारदीवारी में समेट देते हैं. ऐसी चारदीवारी, जो शुरू होते ही खत्म हो जाती है, फिर उन में महंगे रिसोर्ट की महंगी लाइट खरीद कर लगाना बड़ा मुश्किल और खर्चे वाला काम हो जाता है. लेकिन उम्मीद न छोड़ें, क्योंकि छोटे घरों को भी खूबसूरत और शानदार दिखाने के कई तरीके होते हैं. छोटे घर को बड़ा दिखाने के लिए कुछ सिंपल रूल्स फौलो करने की जरूरत होती है.

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इस सिलसिले में न्यू आर्क स्टूडियो, नोएडा की प्रिंसिपल आर्किटैक्ट नेहा चोपड़ा ने बताया,
"तरहतरह की रंगबिरंगी लाइटें लगाने से परिवारजन का मूड बनता है. जहां एक तरफ फ्लोरेसैंट लाइट आप को ऊर्जावान बनाएगी, वहीं दूसरी तरफ नीलीपीली लाइटें आप को थकान उतारने का एहसास देंगी, इसलिए जब भी रंगों का चुनाव करें तो हमेशा अपने और परिवार वालों के मूड को ध्‍यान में रख कर ही लें.

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