कई कामों को एकसाथ करने पर ऐसा समझा जाता है कि समय तो बचेगा ही, साथ ही, क्रिएटिविटी और प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी. परंतु, ऐसा होता नहीं. दरअसल, एकसाथ कई काम करने से न तो आप की प्रोडक्टिविटी बढ़ती है और न ही क्रिएटिविटी, उलटे, आप के दिमाग पर अधिक स्ट्रैस पड़ता है. और इस के बहुत सारे नुक़सान होते हैं.

यदि आप एकसाथ बहुत से काम करेंगे तो आप ज्यादा गलतियां करेंगे, जिस की वजह से आप को उन्हें सुधारने में पहले से भी अधिक समय लगेगा. मल्टीटास्किंग के क्याक्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, जानते हैं-

नकली इल्यूज़न है :

जब आप एक समय पर कई सारे काम करते हैं तो आप को बारबार एक काम से दूसरे काम पर जाना पड़ता है. नतीजतन, आप के दिमाग पर असर होता है और आप का दिमाग कंफ्यूज्ड हो जाता है कि कौन सा काम करना है. इस इल्यूज़न की वजह से हो सकता है आप को सभी काम करते समय थोड़ाथोड़ा अधिक समय लगे क्योंकि आप के दिमाग को काम समझने में समय लगेगा. सो, इस से आप के समय की बचत नहीं होगी, बल्कि, अधिक समय लगेगा.

आप गलतियां करते हैं :

कई काम करते समय आप किसी एक काम पर अपना ध्यान केंद्रित करने के बजाय अपने ध्यान को कई जगह बांट देते हैं जिस से आप कोई भी काम ढंग से नहीं कर पाते हैं. ऐसे में आप से गलतियां होने की बहुत अधिक संभावना रहती है. फिर उन गलतियों को सुधारने में भी आप का बहुत अधिक समय लग जाएगा. इसलिए बेहतर है कि हर कम को अलगअलग समय पर करें.

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