आजकल अगर आप पत्नियों से यह पूछें कि पति पत्नी से क्या चाहता है तो ज्यादातर पत्नियों का यही जवाब होगा कि सौंदर्य, वेशभूषा, मृदुलता, प्यार.

जी हां, काफी हद तक पति पत्नी से नैसर्गिक प्यार का अभिलाषी होता है. वह सौंदर्य, शालीनता, बनावट और हारशृंगार भी चाहता है. पर क्या केवल ये बातें ही उसे संतुष्ट कर देती हैं?

जी नहीं. वह कभीकभी पत्नी में बड़ी तीव्रता से उस की स्वाभाविक सादगी, सहृदयता, गंभीरता और प्रेम की गहराई भी ढूंढ़ता है. कभीकभी वह चाहता है कि वह बुद्धिमान भी हो, भावनाओं को समझने वाली योग्यता भी रखती हो.

बहलाने से नहीं बनेगी बात

पति को गुड्डे की तरह बहलाना ही पत्नी के लिए पर्याप्त नहीं. दोनों के मध्य गहरी आत्मीयता भी जरूरी है. ऐसी आत्मीयता कि पति को अपने साथी में किसी अजनबीपन की अनुभूति न हो. वह यह महसूस करे कि वह उसे सदा से जानता है और वह उस के दुखसुख में हमेशा उस के साथ है. पतिपत्नी के प्यार और वैवाहिक जीवन में यह आत्मिक एकता जरूरी है. पत्नी का कोमल सहारा वास्तव में पति की शक्ति है. यदि वह सहृदयता और सूझबूझ से पति की भावनाओं का साथ नहीं दे सकती, तो वह सफल पत्नी नहीं कहला सकती.

पत्नी भी मानसिक तृष्णा अनुभव करती है. वह भी चाहती है कि वह पति के कंधे पर सिर रख कर जीवन का सारा बोझ उतार फेंके.

बहुतों का जीवन प्राय: इसलिए कटु हो जाता है कि वर्षों के सान्निध्य के बावजूद पति और पत्नी एकदूसरे से मानसिक रूप से दूर रहते हैं और एकदूसरे को समझ नहीं पाते हैं. बस यहीं से शुरू होती है दूरी. यदि आप चाहती हैं कि यह दूरी न बढ़े, जीवन में प्रेम बना रहे तो निम्न बातों पर गौर करें:

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