Personality Tips: आज रीमा औफिस से घर वापस आई तो कुछ उदास सी थी. हमेशा की तरह चहक नहीं रही थी तो बेटी ने पूछा कि क्या हुआ मम्मी आज औफिस में कुछ हुआ क्या? तब रीमा धीरे से बोली कि नहीं कुछ नहीं हुआ. तब बेटी ने पूछा कि फिर आप खुश क्यों नहीं हो?
तब मम्मी ने बताया कि दरअसल बात यह है कि आज औफिस में मेरी मीटिंग थी. उस में मु झे बाहर के एक क्लाइंट को प्रेजैंटेशन देना था. मैं ने उस के लिए बहुत अच्छे से तैयारी की थी, हर बार की तरह आज भी मेरा प्रेजैंटेशन बहुत अच्छा हुआ, क्लाइंट ने प्रेजैंटेशन की बहुत तारीफ भी की लेकिन औफिस में किसी ने मेरी तारीफ नहीं की. तुम बताओ क्या औफिस के साथियों को मेरी तारीफ नहीं करनी थी क्या? क्या मेरा प्रेजैंटेशन अच्छा नहीं हुआ था क्या? अब मैं कभी भी प्रेजैंटेशन नहीं दूंगी,
रीमा गुस्से में बड़ाबड़ा रही थी. शायद उस का मन बहुत उदास था क्योंकि उसे हर बार औफिस में अच्छे काम के लिए तारीफ सुनने को मिलती थी लेकिन इस बार नहीं मिली तो वह दुखी थी. क्या आप के साथ भी ऐसा होता है? तारीफ न मिलने पर दुखी, उदास या निराश हो जाते हैं. तब ऐसे में क्या करें जाने इस लेख में…
यहां सवाल केवल अच्छे प्रेजैंटेशन के लिए तारीफ का नहीं बल्कि किसी काम या चीज को भी ले सकते हैं. जैसे आप ने अच्छा खाना बनाया लेकिन मेहमानों ने तारीफ नहीं की, आप पार्टी के लिए अच्छे से तैयार हुए किसी ने भी तारीफ नहीं की, औफिस में अच्छा काम किया बौस ने तारीफ नहीं की या नए कपडे़ पहनने पर तारीफ नहीं मिली आदि.
यदि हमेशा आप को आप के काम के लिए या किसी और चीज के लिए तारीफ मिलती हो और किसी दिन न मिले तो आप भी ऐसा यानी उदास महसूस कर सकते हैं क्योंकि हमें हर काम को अच्छा करने की आदत हो जाती है और जब वह अच्छा नहीं होता या अच्छा होने पर तारीफ न मिले तब भी तनाव हो जाता है जिस का असर हमारी मैंटल हैल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है.
जैसे जब आप किसी शादी या पार्टी या किसी विशेष समारोह में जाते हैं और कोई कहता है कि आप अच्छे दिख रहे हैं तो आप भी. कहना सही रहता है क्योंकि ज्यादातर लोग ऐसे आयोजनों में सब से अच्छा दिखने के लिए सचेत प्रयास करते हैं क्योंकि यदि आप भी. ऐसा नहीं कहते या औफिस में किसी ने अच्छा काम किया और उसे तारीफ सुनने को न मिले तब यह उसे दुखी कर सकता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति से प्राप्त तारीफ हमें खुश करती है जिस से हमारा आत्मविश्वास बढ़ने के साथसाथ हमेशा अच्छा काम करने के लिए प्रोत्साहन भी मिलता है.
वहीं दूसरी ओर यदि तारीफ न मिले तो भी हम दुखी या उदास हो जाते हैं इसलिए लाइफ में खुश रहने के लिए तारीफ का होना जरूरी है. यह हमारी मैंटल हैल्थ को दुरुस्त रखने में जादू की तरह काम करती है इसलिए जब भी मौका मिले समयसमय पर एकदूसरे की तारीफ करना न भूलें.
तारीफ न मिलने पर निराशा
कभीकभी लोग हमारी प्रशंसा सिर्फ इसलिए करते हैं क्योंकि वे हम से कुछ चाहते हैं या वे अपने बारे में बेहतर महसूस करना चाहते हैं लेकिन याद रहे बारबार ज्यादा तारीफ या प्रशंशा मिलने से हम उस के आदी हो जाते हैं और धीरेधीरे घमंड से भी घिर जाते हैं और साथ ही तारीफ न मिलने पर निराशा से भी भर जाते हैं यानी जितनी ज्यादा हमारी प्रशंसा की जाती है, उतना ही कई बार हम दबाव भी महसूस करते हैं.
हर बार अच्छा करना जैसे अच्छे से तैयार होना है, अच्छे कपड़े पहनने हैं, मु झे अच्छा ही दिखना है चाहे कुछ भी हो जाए, यह काम अच्छे से करना है, अच्छे से स्पीच बोलनी है आदि यानी जो भी काम कर रहे हों उसे अच्छा करने का तनाव हमारे ऊपर हावी हो जाता है ताकि तारीफ मिल सके और तारीफ न मिलने पर निराशा भी हावी हो जाती है यानी दोनों ही स्थितियों में हमारी मैंटल हैल्थ प्रभावित होती है. एक तरफ अच्छा करने का दबाव और दूसरी तरफ अच्छा न होने का तनाव.
तो क्या करें
दूसरों से तुलना करना बंद करें: दूसरों की सफलता से प्रेरणा लें, आखिर वे शिखर तक कैसे पहुंचे यह जानें ताकि अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकें.
अपनी अपेक्षाएं कम करें: यदि आप अपेक्षा से अच्छा नहीं कर पाए तो निराशा को हावी न होने दें. अगली बार खुद को फिर से अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करें, जब आप खुद को नकारात्मक महसूस करें, तब अपने लिए पौजिटिव बातें बोलना खुद को प्रोत्साहित कर सकता है. Personality Tips