लॉक डाउन का समय चल रहा है , दिल दिमाग में नए -पुराने यादों के बीच महानता को ले कर संघर्ष चल रहा है. वही इस बदलते ज़माने के साथ रिश्ते नाते, दोस्ती और प्यार में आ रहे बदलाव का भी मूल्यांकन हो रहा है. इन सबके बीच कई बातें उभर कर सामने आ रही है. गिरती मानसिकता और बढ़ता स्वार्थ यंगिस्तान के एक बड़े समूह को मानसिक पतन को ओर अग्रसर कर रहा है. अपने पास खर्च के पैसे नही होते , लेकिन अगर उनके सबसे नजदीक साथी या उनका प्यार किसी चीज की मांग करे तो वह हर कीमत पर उसे पूरा करने में लग जाते है.

अपने मोबाईल में बैलेंस नहीं होता, लेकिन उनका रिचार्ज की उन्हें चिंता होती है. घरवालो को कभी फईनेसली मदद करे ना करे, लेकिन अपने खास दोस्त और प्यार के लिए पैसा जुटा कर उन्हें देना इनके लिए कोई बड़ा काम नही है . यंगिस्तान का एक बड़ा तबका भावनाओ में डूबा हुआ,आधुनिक रिश्ते नाते और प्यार में यह समझ ही नही पा रहा है ,कि कहा किसने उनका जम कर यूज किया. तो आइये 09 विन्दु के माध्यम से समझते है कही आप को कोई यूज तो नहीं कर रहा है.

1. किसी को आर्थिक रूप से दो या तीन बार सहायता करना बुरा नहीं है और वह भी ऐसा खास को जिसे आप पसंद करते हैं, जिसके साथ आपके मजबूत रोमांटिक संबंध हैं या जिसे आप अपने लिए सबसे खास सबसे अलग मानते है.लेकिन इस तरह की सहायता की भी सीमा होती है. अगर आप सीमा को नही समझ पा रहे है, और हर मांग को अपना खास मान कर पूरा करते जा रहे है, तो यह आपके लिए भारी पड़ सकता है.

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