Leh Ladakh : बौलीवुड फिल्म ‘3 इडियट्स’ की शूटिंग के बाद लद्दाख को और अधिक लोकप्रियता मिली. लेह लद्दाख की शौपिंग के बारे में हम ने बहुत कुछ सुन रखा था इसलिए नाश्ता करने के बाद लेह से शुरुआत की.

हमारी कार लंबी ढलान वाली सड़कों पर आसानी से चल रही थी और हम देख सकते थे कि सेना की बैरकें आने वाले वाहनों पर निगरानी रख रही थीं. कुछ दूरी पर हम ने सैनिकों के एक समूह को हमारी कार के आगे मार्च करते देखा, जो हमें लद्दाख की जटिल वास्तविकता की याद दिला रहा था.

फिर हम मेन मार्केट की ओर चल पड़े. रास्ते में हम मैरून और भूरे पहाड़ों पर मठों के कई सफेदी वाले चोर्टेन देख सकते थे. लेह मार्केट शहर के बीचोबीच स्थित है. इस मर्केट में कई छोटे तिब्बती बाजार और स्मारिका की दुकाने हैं.

खरीदारी के लिए लोकप्रिय

लेह लद्दाख न केवल साहसिक पर्यटन के लिए बल्कि खरीदारी के लिए भी लोकप्रिय है. आप यहां लद्दाखी शौल, कश्मीरी शौल, पश्मीना जैसी कई सांस्कृतिक चीजों को देख सकते हैं. लद्दाख एक नवगठित केंद्र शासित प्रदेश है, जो भारत का सब से उत्तरी स्थान पर अवस्थित है. सुंदर परिदृश्य, जीवंत संस्कृति, लुभावने बर्फ से ढंके पहाड़ों, मठों और पारंपरिक हस्तशिल्प के लिए यह जगह प्रसिद्ध है.

लेह लद्दाख में कई लोकल मार्केट हैं जिन में से सब से बिजी मार्केट लेह का मेन मार्केट है. इस में कई दुकानें हैं जो कपड़े, पारंपरिक हस्तशिल्प और इलैक्ट्रोनिक्स बेचती हैं. कुछ अन्य फेमस मार्केट जिन्हें आप लद्दाख की छुट्टियों में देख सकते हैं वे हैं मोती बाजार, तिब्बती बाजार, हेमिस मठ बाजार और तिब्बती हस्तशिल्प ऐंपोरियम. यहां के दुकानदार कई पीढ़ियों से इस काम को कर रहे हैं.

15 मिनट की ड्राइव के बाद हम आखिरकार मार्केट में पहुंच गए. यहां का मार्केट बहुत बड़ा है. वहां के दुकानदारों ने हमें बताया कि वे कई पीढ़ियों से इसी काम में लगे हैं और टूरिस्ट सीजन में इन की बिक्री काफी ज्यादा होती है. यहां दुकानों पर युवतियां भी काम करती हैं और अच्छा बिजनैस कर लेती हैं.

लेह मुख्य बाजार पारंपरिक सदियों पुराने हस्तशिल्प और स्थानीय लोगों के असाधारण शिल्प कौशल और कलात्मक कौशल का मिश्रण हैं. लेह बाजार में कई रेस्तरां और कैफे खुले थे जो आगंतुकों को स्वादिष्ठ स्थानीय व्यंजन परोसते थे. लेह बाजार में किसी भी उत्साही यात्री के लिए स्मृति चिह्न के कई विकल्प उपलब्ध थे. यहां आप तिब्बती हस्तशिल्प, कश्मीरी हस्तशिल्प, चांदी और पत्थर के आभूषण, पश्मीना शौल, कश्मीरी कालीन, सूखी खुबानी, जैविक चाय, याक ऊन के उत्पाद आदि खरीद सकते हैं.

तिब्बती हस्तशिल्प, कलाकृतियां और कारीगरी के तोहफे

लद्दाख अपने तिब्बती हस्तशिल्प और कलाकृतियों के लिए मशहूर है. लद्दाख में ज्यादातर तिब्बती लोग रहते हैं. यहां के लोग हस्तशिल्प डिजाइन कर के और उन्हें स्थानीय बाजारों में बेच कर अपनी संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हैं. आप अलगअलग आकार की जपेंट की गई थंका पेंटिंग खरीद सकते हैं जो अद्वितीय दीवार हैंगिंग बनाती हैं. ये पारंपरिक तिब्बती कलाकृतियां हैं जिन में विभिन्न मुद्राओं और आकारों में बौद्ध देवताओं की पेंटिंग, मंडल, बुद्ध प्रार्थना चक्र, झंडे, मोती और बौद्ध धर्म से संबंधित अन्य चीजें शामिल हैं. ये पेंटिंग विभिन्न आकारों में उपलब्ध हैं और इन की कीमत ₹500 से शुरू होती है.

यहां मोतियों के झंडे बहुतायत में पाए जाते हैं जिन का उपयोग वाहन को सजाने के लिए भी किया जा सकता है. आप नक्काशीदार लकड़ी की मेज भी देख सकते हैं, जिन्हें नैचुरल कलर्स में वार्निश और पेंट किया जाता है.

लद्दाखी क्रौकरी/रसोई के बर्तन

आप लद्दाखी छाप वाले कप, मग और अन्य रसोई के बर्तन भी खरीद सकते हैं जो आप को लद्दाख यात्रा की याद दिलाएंगे.

सूखी खुबानी

लद्दाख में खरीदने के लिए सब से अच्छी यादों में से एक स्थानीय रूप से उगाई जाने वाली खुबानी है जो बहुत स्वादिष्ठ होती है. लद्दाख के कठोर ड्राई और बंजर इलाके में केवल खुबानी ही ऐसा फल है जो बहुतायत में उगता है. आप सूखी खुबानी खरीद सकते हैं या लेह मुख्य बाजार में बिकने वाली ताजा खुबानी का आनंद ले सकते हैं.

लद्दाख की खुबानी हलकी मीठी और खट्टी होती है और इस का उपयोग जैली, जैम, शहद और तेल बनाने के लिए किया जाता है. कीमतें ₹100 से शुरू होती हैं. उत्पाद की मात्रा के अनुसार ₹100 से ₹1,000 तक.

और्गेनिक चाय

यह लद्दाख की एक हर्बल चाय है जो और्गेनिक है और इस के कई हैल्थ बेनिफिट्स हैं. चाय कई ऐंटीऔक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से बनी होती है. लद्दाख की और्गेनिक चाय के कुछ तत्त्व जंगली पुदीना, सीबकथौर्न के पत्ते, सियाचिन गुलाब, जंगली जीरा, गुलाब, कैमोमाइल और अन्य जड़ीबूटियां और मसाले हैं. आप यह चाय खरीद सकते हैं और लद्दाख के स्वाद को अपने साथ घर ले जा सकते हैं.

ज्वैलरी शौप्स

बाजार में सब से रोमांचक चीज थी ज्वैलरी शौप्स. हम ने देखा कि ज्यादातर वहां की लोकल महिलाओं ने चांदी और फिरोजा की ज्वैलरी पहन रखी थी. उन के यूनिक डिजाइन ने हमें चकित कर दिया और हम ने अपने दोस्तों को उपहार देने के लिए कुछ खरीदने का फैसला किया.

वहां कई शौप्स थीं जो कंगन, झुमके, अंगूठियां, नेकपीस और पायल बेचती थीं जो ज्वैलरी बौक्स की रौनक बढ़ा सकती हैं. ये ज्वैलरीज अच्छीखासी महंगी होती हैं.

एक मोंगा की माला या ग्रीन पत्थर की माला तक ₹5,000 से शुरू होती है. खरीदने से पहले कीमती पत्थरों और चांदी की ज्वैलरीज की प्योरिटी चेक कर लें.

लेह मार्केट में तिब्बती हस्तशिल्प

हम तिब्बती आबादी से भी मिले, जो प्राचीनकाल से लद्दाख में स्थायी रूप से बसे हुए हैं. वे बेहद गरमजोशी से भरे, दयालु और मिलनसार लोग थे. लद्दाख में उन की उपस्थिति ने स्थानीय संस्कृति की समृद्धि को बढ़ाया और उन्होंने अपनी छोटी दुकानों के अंदर हमारा स्वागत किया. वहां आकर्षक थंका पेंटिंग थीं जिन्हें इन लोगों ने जटिल रूप से चित्रित किया था.

बुद्ध, पद्मसंभव और अन्य पवित्र वस्तुओं की मूर्तियां उत्कृष्ट रूप से गढ़ी गई थीं. हम ने कुछ सुंदर नक्काशीदार लकड़ी की वस्तुएं भी देखीं, जिन्हें चमकीले रंगों में पूर्णतया रंगा गया था. इन प्यारे तिब्बती लोगों के साथ कुछ समय बिताने के बाद हम ने आखिरकार कुछ रंगबिरंगे झंडे और बहुत ही बारीकी से नक्काशीदार शानदार कटोरे खरीदे.

ऊनी और पश्मीना के आइटम्स

जैसे ही हम एक दुकान में दाखिल हुए, हम बेहतरीन पश्मीना शौल देख कर मंत्रमुग्ध हो गए. नाजुक, बेहद खूबसूरत और बेहद गरम, बढ़िया कश्मीरी ऊन से बने पश्मीना शौल यहां बहुतायत में पाए जाते हैं. शौल काफी गरम थे और प्योर पश्मीना ऊन से बने थे. हालांकि प्योर पश्मीना काफी मुश्किल से मिलता है, लेकिन यह दुकान अपने उच्च गुणवत्ता वाले ऊनी और पश्मीना उत्पादों के लिए बहुत मशहूर है. हालांकि प्योर पश्मीना की शौल ₹25 हजार से शुरू थी, यही वजह है कि एक समय था जब केवल अमीर लोग ही पश्मीना खरीद सकते थे, लेकिन अब बहुत सारी दुकानें हैं जो स्वैटर, दस्ताने, कंबल, टोपी और शौल के रूप में पश्मीना के आइटम्स बेचती हैं.

पश्मीना उत्पादों के बारे में सब से अच्छी बात यह है कि यह अविश्वसनीय रूप से हलका होता है लेकिन सर्दियों में पहनने पर गरमाहट देता है. अगर आप का बजट कम है तो प्योर पश्मीना के बजाय थोड़ा हलका पश्मीना भी मिलता है जो अपने बजट में आ जाता है. लेकिन फिर भी यह शौल या स्टोल ₹3,000 से कम में नहीं मिलेंगे क्योंकि उन की क्वालिटी है भी उसी तरह की.

आप रंगीन धागों से कढ़ाई की गई टोपी, मोजे, स्वैटर, कंबल और पारंपरिक वस्त्र गोंचा खरीद सकते हैं.

इस के अतिरिक्त लद्दाख में खरीदारी करते समय आप ऊन या कपास से बने पारंपरिक गरम वस्त्र गोंचा और स्थानीय लोगों द्वारा पहनी जाने वाली रंगबिरंगी कढ़ाई और अलंकृत हेडगियर पेराक को देख सकते हैं.

यदि आप के पास स्टाइल की समझ है या सबकुछ आसानी से कैरी करने की क्षमता है, तो आप इन स्थानीय परिधानों के साथ एक फैशन स्टेटमैंट बनाना सुनिश्चित कर सकते हैं.

कश्मीरी कार्पेट

लेह मार्केट घर को चमकीला बनाने के लिए वनस्टौप शौप है. कारपेट वहां की लोकल दुकानों में काफी थे. ये हाथ से बुने हुए कारपेट ऊन से बनाए गए थे और उन के चमकीले रंग कमरे को भी रोशन कर सकते थे. वहां के लोगों ने बताया कि इन कारपेट को नैचुरल कलर से रंगा गया है और उन की सुंदरता वास्तव में आप के घर में भव्यता का स्पर्श जोड़ देगी.

इसलिए लद्दाखी कार्पेट और गलीचे जैसी जरूरी चीजें खरीदना न भूलें, जो प्राकृतिक रूप से रंगे और ऊन से बुने हुए आकर्षक पैटर्न में, जिस में ड्रैगन और फूलों की आकृतियां शामिल हैं. मजबूत, मोटे गलीचे दीवार पर लटकाने और कालीन के लिए बढ़िया होते हैं. दूसरी ओर कश्मीरी कालीनों में ज्यादा जटिल डिजाइन होते हैं, जिन्हें ज्यादा बढ़िया ऊन और रेशम से बुना जाता है, जो अलगअलग साइज और कीमतों में उपलब्ध होते हैं.

किसी कमरे में राजशाही का एहसास शायद ही कोई चीज दे, जैसाकि कश्मीरी कालीन अपने जीवंत रंगों और जटिल पैटर्न के मिश्रण से देता है.

लद्दाख का मोती बाजार

अगर आप लद्दाख में बजट के अनुकूल खरीदारी की तलाश में हैं, तो लेह का मुख्य बाजार आप के लिए सब से अच्छी जगह है.

मोती बाजार में खरीदारी

लेह में मोती बाजार पहाड़ों की तलहटी में स्थित है और शहर के सब से पुराने बाजारों में से एक है. जैसाकि नाम से पता चलता है, यह बाजार रत्नों, प्राचीन पत्थरों और मोतियों (मोती) के लिए प्रसिद्ध है. न केवल रत्न, बल्कि आप को यहां ऊनी कपड़े, कालीन, पश्मीना शौल आदि बेचने वाली कई दुकानें भी मिलेंगी. मोती बाजार में लामो मोती की एक मशहूर पुरानी दुकान है जहां आप कीमती पत्थर और मोती खरीद सकते हैं.

हेमिस मठ बाजार

हेमिस मठ के पास स्थित यह बाजार लद्दाख के हेमिस त्यौहार के दौरान ज्यादातर जीवंत रहता है. यह जून और जुलाई में शुरू होता है और लद्दाख की स्थानीय संस्कृति का जीवंत अनुभव देता है. यहां आप हस्तनिर्मित आभूषण, तिब्बती हस्तशिल्प, थांगपा पेंटिंग और ऊनी वस्त्र खरीद सकते हैं.

तिब्बती हस्तशिल्प ऐंपोरियम में खरीदारी

लेह में घूमने के लिए एक और खूबसूरत दुकान तिब्बती हस्तशिल्प ऐंपोरियम है. यह स्टोर तिब्बत से आए शरणार्थियों द्वारा चलाया जाता है और यह उचित दरों पर हस्तशिल्प और प्राचीन वस्तुएं खरीदने के लिए सब से अच्छी दुकानों में से एक है. यहां आप को प्रामाणिक तिब्बती हस्तशिल्प, थांगपा पेंटिंग, लद्दाखी पत्थर और चांदी के गहने, रंगीन उपहार आइटम्स और बहुत कुछ मिलेगा.

लेह लद्दाख में शौपिंग करते समय ध्यान दें

यहां आप को शौपिंग करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है ताकि बाद में आप को अपनी खरीदारी के अंत में ठगे जाने का एहसास न हो. लद्दाख में खरीदारी करते समय याद रखने वाली बात है मोलभाव करना. भले ही कोई दुकान यह कहे कि फिक्सड प्राइस शौप है, लेकिन असल में यह काफी लचीली होती है, इसलिए मोलभाव करने में संकोच न करें. साथ ही, जब आप चांदी के आभूषण खरीदें, तो आभूषण पर हौलमार्क की जांच कर के तसल्ली कर लें कि आप को असली चांदी के दाम पर नकली आभूषण तो नहीं दिया जा रहा है.

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