सैक्स लाइफ में इनकी नो ऐंट्री

दिलीप ने जब रुही से यह कहा कि वह बिस्तर पर अब पहले जैसा साथ नहीं देती, तो वह यह सुन कर परेशान हो उठी. फिर रुही ने सैक्स ऐक्सपर्ट डा. चंद्रकिशोर कुंदरा से संपर्क किया.

डा. कुंदरा के मुताबिक, सैक्स सफल दांपत्य जीवन का महत्त्वपूर्ण आधार है. इस की कमी पतिपत्नी के रिश्ते को प्रभावित करती है. पतिपत्नी की एकदूसरे के प्रति चाहत, लगाव, आकर्षण खत्म होने के कई कारण होते हैं जैसे शारीरिक, मानसिक, लाइफस्टाइल. ये सैक्स ड्राइव को कमजोर बनाते हैं.

तनाव: औफिस, घर का वर्कलोड, आर्थिक समस्या, असमय खानपान आदि का सीधा असर तनाव के रूप में नजर आता है, जो हैल्थ के साथसाथ सैक्स लाइफ को भी प्रभावित करता है.

डिप्रैशन: यह सैक्स का सब से बड़ा दुश्मन है. यह पतिपत्नी के संबंधों को प्रभावित करने के साथसाथ परिवार में कलह को भी जन्म देता है. डिप्रैशन के कारण वैसे ही सैक्स की इच्छा में कमी आ जाती है. ऊपर से डिप्रैशन की दवा का सेवन भी कामेच्छा को खत्म करने लगता है.

नींद पूरी न होना: 4-5 घंटे की नींद से हम फ्रैश फील नहीं कर पाते, जिस से धीरेधीरे हमारा स्टैमिना कम होने लगता है. इतना ही नहीं सैक्स में भी हमारा इंट्रैस्ट नहीं रहता है.

गलत खानपान: वक्तबेवक्त खाना और जंक फूड व प्रोसैस्ड फूड का सेवन भी सैक्स ड्राइव को खत्म करता है.

टेस्टोस्टेरौन की कमी: शरीर में मौजूद यह हारमोन हमारी सैक्स इच्छा को कंट्रोल करता है. इस की कमी से पतिपत्नी दोनों ही प्रभावित होते हैं.

बर्थ कंट्रोल पिल्स: बर्थ पिल्स महिलाओं में टेस्टोस्टेरौन लैवल को कम करती हैं, जिस से महिलाओं में सैक्स संबंधों को ले कर विरक्ति हो जाती है. पतिपत्नी का दांपत्य जीवन तभी सफल होता है, जब सैक्स में दोनों एकदूसरे को सहयोग करें. सैक्स एक दोस्त की तरह भी जीवन में रंग भर देता है. शादीशुदा जिंदगी से प्यार की कशिश और इश्क का रोमांच खत्म होने लगा है तो सावधान हो जाएं.

यदि आप की सैक्स लाइफ अच्छी है तो इस का सकारात्मक प्रभाव आप की सेहत पर भी पड़ता है.

जानिए, सैक्स के सेहत से जुड़े कुछ फायदे:

शारीरिक तथा मानसिक पीड़ा में राहत दिलाता है: सैक्स के समय शरीर में हारमोन पैदा होते हैं, जो दर्द की अनुभूति कम करते हैं. भले ही कुछ समय के लिए.

सर्दीजुकाम के असर को कम करता है: सैक्स गरमी, सर्दीजुकाम के प्रभाव को काफी हद तक कम कर देता है. अमेरिका स्थित ओहियो यूनिवर्सिटी के अध्ययन बताते हैं कि चुंबन एवं प्यारदुलार करने से रक्त में बीमारियों से लड़ने वाले टी सैल्स की तादाद बढ़ जाती है.

मानसिक तनाव को कम करता है: सैक्स मन को शांति देने के साथसाथ मूड को भी बढि़या बनाने वाले हारमोन ऐंडोर्फिंस के उत्पादन में वृद्धि करता है. इस के मानसिक तनाव कम हो जाता है.

मासिकधर्म के पूर्व की कमी को कम करता है: सैक्स में लगातार गरमी के चलते ऐस्ट्रोजन स्तर काफी हद तक कम होता है. इस दौरान शरीर में थकान कम महसूस होती है.

दिल के रोग और दौरों की आशंका कम होती है: अकसर दिल के मरीजों को सैक्स संबंध बनाने से दूर रहने की सलाह दी जाती है. मगर अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ,  डा. के.के. सक्सेना के अनुसार, पत्नी के साथ सैक्स संबंध बनाने से पूरे शरीर का समुचित व्यायाम होता है, जिस से दिमाग तनावरहित हो जाता है. दिल के दौरों की आशंका कम हो जाती है. सैक्स संबंध बनाने से धमनियों में रक्त का प्रवाह और हृदय की मांसपेशियों की क्षमता बढ़ती है.

दूर ही रहो: लौकडाउन में प्यार की हुई नई शुरुआत

‘फूल तुम्हें भेजा है खत में, फूल नहीं मेरा दिल है…’ गौरवी ने सुबह से ही ‘कारवां’ चला रखा था. 5,000 गाने हैं उस में. लौकडाउन के कारण आजकल इन्हीं गानों के सहारे तो उस का दिन कटता है, नहीं तो समझ नहीं आता कि करे तो क्या करे.

इतना पुराना यह गाना सुन कर गौरवी को फिर से करण की याद आ गई. खत कौन लिखता है भला अब. व्हाट्सऐप से झट से अपने दिल का हाल पहुंचा देते हैं अपनों को. यही तो जरिया है अपना दिल बहलाने का.

लेकिन करण मैसेज भी कहां करता है. कहता है कि उस की आदत नहीं ज्यादा लिखनेपढ़ने की. वीडियो भेजा करूं उसे. अब भला अपने मन की बात कहने के लिए मैं वीडियो भेजूंगी.

अच्छा लौकडाउन हुआ है. पता नहीं अब कब मिलना होगा. 15 दिन में एक बार मिल लेते थे, तो दिल को चैन पड़ जाता था. अब लगता है 4-5 महीने तक मिलना नहीं हो पाएगा.

ओफ, करण कितना मिस कर रही हूं तुम्हें. एक साल ही तो हुआ है करण को उस की जिंदगी में आए. विकास के बाद कोई और उस की जिंदगी में आएगा, कल्पना भी नहीं की थी उस ने. विकास को कितना प्यार करती थी वह. वह भी दिलोजान से चाहता था उसे. बेशक अरेंज्ड मैरिज थी उन की लेकिन दोनों की चुहलबाजी, प्यार करने का अंदाज बौयफ्रैंडगर्लफैं्रड जैसा था. विकास अकसर कहता था उस से, ‘गौरवी, मैं ने अच्छा किया कि जल्दी शादी नहीं की वरना तुम मुझे कैसे मिलती.’

दोनों की पसंद भी एकजैसी थी. विकास शौकीनमिजाज था. पढ़ाई में अव्वल तो नहीं कहेंगे लेकिन स्कूलकालेज की बाकी सब ऐक्टिविटीज में सब से आगे रहता. पर्सनैलिटी ऐसी थी कि लड़कियां मरती थीं. लेकिन विकास अपनी ही धुन में रहता था. ऐसा नहीं था कि लड़कियों में उसे इंट्रैस्ट नहीं था, लेकिन पता नहीं क्यों तेजतर्रार, ज्यादा बोलने वाली लड़कियां उसे भाती नहीं थीं.

गौरवी एक ही नजर में दिल में उतर गई थी. उस की बड़ीबड़ी आंखें, सलोना मुखड़ा, धीरेधीरे बोलना उसे इतना भाया कि झट शादी के लिए हां बोल दी. कहां तो शादी की बात भी करना नहीं चाहता था और अब हालत यह थी कि चाहता था महीने के अंदर ही शादी हो जाए. अपने लिए विकास का यह उतावलापन गौरवी को भी भा गया था. एक तरह से गुमान हुआ था अपनेआप पर कि जिस पर इतनी लड़कियां मरती हैं उस ने उसे पसंद किया है. फिर वही हुआ, जैसा विकास चाहता था. महीने के भीतर ही सगाई हुई और फिर शादी. हनीमून के लिए मनाली गए थे वे दोनों.

आज भी सोचती हूं तो वे दिन एक सपने से लगते हैं. कितने रंगीन दिन थे. घूमनाफिरना, खानापीना, एकदूसरे को रिझाना, लुभाना और प्यारभरी बातें, मदभरी रातें. अब भी कभी वे दिन याद आते हैं तो आंखें गीली हो जाती हैं. काश, पुराने दिन वापस आ पाते.

ओफ, क्यों याद आती है पुराने दिनों की. खुशियों से भरे दिन थे, तब ही तो मन में याद कर कसक सी उठती है. शादी के बाद बहुत जल्द ही वह 2 बच्चों की मां बन गई थी. खुद को डूबो दिया था उस ने उन की देखभाल में. वह तो नौकरी भी नहीं करना चाहती थी. उस की सोच हमेशा से यही रही थी कि बच्चों की जिम्मेदारी ली है तो उन्हें अच्छी परवरिश दो. लेकिन विकास को उस का घर में सिर्फ बच्चों के लिए नौकरी छोड़ कर बैठ जाना गवारा न था. वे बोलते, ‘गौरवी, मम्मी हैं न बच्चों की देखरेख के लिए. फिर फुलटाइम मेड भी रख ली है, क्या जरूरत है नौकरी छोड़ने की. घर में रहने से औरत की सारी स्मार्टनैस खत्म हो जाती है. मुझे घरेलू टाइप औरतें बिलकुल पसंद नहीं हैं.’

विकास की अच्छीखासी जौब थी. नौकरी करने की मुझे कोई जरूरत नहीं थी, फिर भी विकास की खुशी के लिए करती रही.जिंदगी मजे से गुजर रही थी. दोनों बच्चे स्कूल जाने लगे थे. बच्चों को खूब लाड़ करते थे विकास. कहते थे मेरे

3 बच्चे हैं. हंसी आ जाती है यह बात सोच कर. वाकई बच्चों की तरह लाड़ करते थे मुझ से. रात में जब मैं विकास की बांहों में होती थी तो बोलते थे, ‘गौरवी, तुम में मुझे रोज नयापन नजर आता है. बहुत प्यार करता हूं तुम से. मेरे सिवा किसी और के बारे में सोचना भी मत कभी.’

कहां सोचा था मैं ने 8 साल तक किसी और के बारे में. सुध ही कहां रह गई थी अपनी, विकास के जाने के बाद. ब्रेन हेमरेज के बाद विकास की मौत ने जैसे सबकुछ बदल दिया था. बच्चे तो समझ ही नहीं पा रहे थे क्या हो रहा है घर में यह सब. मुझे समझ ही नहीं थी दुनियादारी की. न शादी से पहले न कभी कोई जिम्मेदारी ली थी और न शादी के बाद विकास ने मुझे कोई जिम्मेदारी दी. हमेशा यही कहते, ‘मेरे राज में तू ऐश कर, माई डियर. बस, तेरा काम है मुझे खुश रखना, समझी न.’

नौकरी जो मेरा पैशन थी, जरूरत बन गई. फिर हालात इंसान को सब सिखा देते हैं. फिर मेरे मायकेवालों और ससुरालवालों दोनों तरफ से सहारा था मुझे. आर्थिक रूप से कोई कमी न थी मुझे.

जब पिता का साया सिर पर न हो तो बच्चे भी जल्दी समझदार हो जाते हैं. मेरे दोनों बच्चे कभी जिद न करते. स्कूल में जब पेरैंट मीटिंग में जाती, हमेशा बच्चों की तारीफ ही सुन कर आती. बच्चे और घर व नौकरी बस यही जिंदगी रह गई थी.

जिंदगी किसी के जाने से रुकती नहीं है. 8 साल हो गए हैं विकास को गुजरे. तीजत्योहार, खुशी के मौके आते हैं. शादीब्याह नातेरिश्तेदारी में होते रहते हैं. सब क्रियाकलाप होते हैं लेकिन सब ऊपरी तौर पर. मन की खुशी तो सब विकास के जाने के बाद उन्हीं के साथ चली गई थी.

उस दिन को कैसे भूल सकती हूं जिस ने एक बार फिर मेरी जिंदगी का नया अध्याय शुरू किया था. औफिस से मैं ने छुट्टी ली थी. बड़ा बेटा अनुज कालेज गया हुआ था और मनु स्कूल. सासुमां अपने कमरे में आराम कर रही थीं. उन का सारा दिन अपने कमरे में ही गुजरता है. मैं नहाधो कर नाश्ता कर के आराम से अपना मोबाइल ले कर बैठी थी. व्हाट्सऐप हमारी जिंदगी का अब एक जरूरी हिस्सा बन गया है. एकदूसरे का हाल इसी से पता चल जाता है.

‘हाय,’ व्हाट्सऐप पर एक अनजान नंबर से मैसेज आया.

‘हू आर यू?’ मैं ने सवाल किया.

‘ब्यूटीफुल डीपी,’ जवाब आया.

‘मेरा नबंर कहां से आया आप के पास?’ मैं ने फिर सवाल किया. ‘पता नहीं,’ जवाब आया. और फिर ‘सौरी’ मैसेज कर वह व्यक्ति औफलाइन हो गया.

बात वहीं खत्म हो गई. दोपहर हो गई थी. अनुज कालेज से आ गया था. मैं उसे खाना परोस ही रही थी कि मनु भी स्कूल से आ गया. वह भी झटपट कपड़े बदल कर खाने के लिए बैठ गया.

सब ने साथ ही लंच किया. फिर अनुज सोने के लिए अपने कमरे में और मनु ट्यूशन क्लास के लिए चला गया. मैं भी अपने कमरे में जा कर लेट गई. तभी मोबाइल में मैसेज बीप आई.

‘क्या आप की उम्र जान सकता हूं?’ उसी अनजान नंबर से मैसेज आया.‘आए एम 48,’ मैं ने जवाब दिया.

‘ओह, लेकिन 35 की लगती हैं. अच्छा मेंटेन कर रखा है आप ने अपने को. खैर, उम्र का क्या है. दिल जवान होना चाहिए.’ ‘आप अपने बारे में बताइए,’ मुझे उस के बारे में जानने की उत्सुकता हुई.

‘रोहित नाम है मेरा, देहरादून में रहता हूं, उम्र 32 वर्ष.’‘करते क्या हो?’ मैं ने और जानना चाहा.

‘फादर का बिल्ंिडग कंस्ट्रक्शन का बिजनैस है. मुझे उस में कोई इंट्रैस्ट नहीं. फिर भी इकलौता बेटा हूं, सो उन का कहना मान कर, अपना मन मार कर उन के साथ बिजनैस में ही हूं.’

‘हूं… अच्छा, प्रोफाइल फोटो क्यों नहीं लगाई अपनी, ज्यादा हैंडसम हो क्या?’ मैं ने उस की टांग खींचने की कोशिश की. वैसे भी उम्र में मुझ से काफी छोटा था, इसलिए बात करने में कोई हिचक नहीं हो रही थी.

‘मैडम, क्या आप मुझे देखना चाहती हैं. हां, हैंडसम तो हूं मैं. आएदिन रिश्ते आ जाते हैं. मम्मीपापा पीछे पड़े हैं शादी के लिए. अच्छा खैर छोड़ो, पहले मेरी डीपी देखो.’

‘हूं, गुड लुकिंग. तुम शादी क्यों नहीं करना चाहते?’ डीपी देख कर मैं ने पूछा.

‘शादी में मैं विश्वास नहीं रखता. अपनेआप को एक बंधन में बांधना भला कहां की समझदारी है. शादी के बिना भी जब सब हसरतें पूरी हो सकती हैं तो फिर क्यों यह फंदा गले में डालें.’

‘अपनीअपनी सोच है, ओके. गुड बाय,’ और मैं ने मोबाइल चैट बंद कर दी और मोबाइल चार्जिंग में लगा दिया.

2-3 दिन बीत गए. मैं घर और औफिस दोनों जगह काम में बिजी थी. बुरी तरह थक जाती और रात में बिस्तर पर लेटते ही नींद मुझ पर हावी हो जाती. रोहित से हुई चैट दिमाग से निकल चुकी थी कि एक हफ्ते बाद उस का एक मैसेज आया, ‘आप को बुरा लगेगा लेकिन कहे बिना नहीं रह सकता. आप से प्यार हो गया है मुझे. एक हफ्ते तक अपने दिल को बहुत समझाया मैं ने, लेकिन आप का चेहरा आंखों के सामने से हटता ही नहीं. आज रहा नहीं गया और मैं ने अपने दिल की बात कह डाली.’

‘पागल हो गए हो तुम क्या. मेरे बारे में जानते ही क्या हो. और अपनी उम्र देखी है. कुछ सोचसमझ कर तो

बात करो.’ उस की बात अच्छी नहीं लगी मुझे, ‘तुम ने पूछा नहीं, इसलिए बताया नहीं, सिंगल मदर हूं मैं. 2 बच्चे हैं मेरे और तुम्हें मुझ से प्यार हो गया है. मजाक समझते हो प्यार को,’ मैं ने अपना गुस्सा जताया.

‘उम्र से क्या होता है. लेकिन अफसोस हुआ जान कर. तलाकशुदा हैं या फिर आप के हसबैंड…’

‘हां, माई हसबैंड इज नो मोर. 8 साल हो चुके हैं.’ मैं पता नहीं क्यों अपने बारे में उसे बताती गई.

‘क्या आप को फिर से खुशी पाने का कोई हक नहीं. बहुत प्यार करती हैं अपने पति से आप. लेकिन जिंदगी सिर्फ यादों के सहारे तो नहीं चलती.’ रोहित की बातें न जाने क्यों मुझे अपने बारे में सोचने पर मजबूर करने लगी थीं.

अब अकसर हमारे बीच चैट होने लगी. उस की रोमांटिक बातें मुझे अच्छी लगने लगी थीं. दोबारा से मन में खुशी की उमंग करवटें लेने लगी थीं. खुद को सजानेसवांरने लगी थी.

एक दिन रोहित का मैसेज आया, ‘दिल्ली आ रहा हूं, तुम से मिलना चाहता हूं. जगह और टाइम रात में मैसेज कर दूंगा.’ मैसेज पढ़ कर दिमाग में एक झटका सा लगा.

‘ओफ, क्या कर रही हूं मैं. नहींनहीं, बिलकुल सही नहीं है यह सब. नहीं मिलना मुझे किसी से,’ और उसी वक्त मोबाइल ले रोहित का नंबर ब्लौक कर दिया.

मैं ने मोबाइल से तो रोहित को ब्लौक कर दिया था लेकिन उस ने मेरे मन में प्यार की जो सुगबुगाहट जगा दी थी उस का क्या. रोहित की बातों ने ही मुझे दोबारा अपने बारे में सोचने पर मजबूर किया था.

अब मन चाहने लगा कि कोई हो जिस से अपने दिल की बात कही जाए. समान मानसिक स्तर, हमउम्र हो. जो मेरे दिल की बात समझे. दोनों एकदूसरे से अपनी फीलिंग्स शेयर कर सकें.

पता नहीं एक दिन मुझे क्या सूझी, मैट्रिमोनियल साइट पर अपना प्रोफाइल बना डाला. बस, फिर क्या था, दिन में ढेरों रिप्लाई आ जाते. उन में से एक करण का भी रिप्लाई आया था. न जाने क्यों करण का प्रोफाइल स्ट्राइक कर गया था. डिर्वोस हो चुका था उस का. कहते हैं न कि जब जिस से मिलना होता है तो रास्ते अपनेआप बनते जाते हैं. पहली ही मुलाकात में करण की बातें, उस की सचाई, उस की पर्सनैलिटी पसंद आ गई थी. वह अंदर से कितना टूटा हुआ है, कितना गुस्सा अपनी टूटी हुई शादी को ले कर उस के भीतर भरा हुआ है, यह भी मुझ से छिपा नहीं था.

प्यार से शायद विश्वास उठ चुका था उस का. लेकिन मैं वाकई दिल से चाहने लगी थी उसे. और जब मैं ने उस से कहा, ‘आई लव यू’ और जवाब में जब वह बोला, ‘नहीं यार, हम दोनों के रिश्ते के बीच में प्यारव्यार मत लाओ. जब दिल टूटता है तो बहुत दर्द होता है.’

कहने को कह दिया था करण ने लेकिन मुझे सुन कर कितना दर्द हुआ था, उस का अंदाजा न हुआ उसे.

एक बार सोचा, नहीं रखना  रिश्ता ऐसे इंसान से जिसे मेरी फीलिंग्स की कद्र ही नहीं. सालों बाद जिंदगी को नया मोड़ क्या मैं करण के साथ दे पाऊंगी? औरों से कितना अलग है. लेकिन शायद उस के सोचने का, समझने का यह तरीका ही उस की क्वालिटी है.

जितना मैं करण को समझती जा रही थी, मिल रही थी, उतना ही पसंद करती जा रही थी. मैं ने सोच लिया था कि करण के मुंह से बुलवा कर ही रहूंगी कि वह मुझ से प्यार करता है.

एक साल हो रहा था, करण और मुझे मिलते हुए. बर्थडे आने वाला था करण का. उस के बर्थडे से 4 महीने पहले मेरे बर्थडे को मुझे काफी स्पैशल फील कराया था उस ने. खुश थी बहुत मैं. उस वक्त तो और भी मजा आया जब लंच कर हम दोनों कार में बैठे और पीछे की सीट पर मैं ने 2 बड़ेबड़े पैकेट रखे देखे.

मैं पूछने ही वाली थी कि करण बोला, ‘गौरवी, मुझे पसंद नहीं बर्थडे पर चौकलेट, फूल वगैरह देना, इन पैकेट में खानेपीने का सामान है तुम्हारे लिए. मुझे जो समझ में आया, ले आया.’

‘अरेअरे, इतना सबकुछ मैं नहीं ले जाती. घर में क्या कहूंगी, किस ने दिया यह सब,’ मैं ने मना किया.

‘मुझे नहीं पता, कुछ भी बता देना. तुम्हें ले कर जाना ही पड़ेगा.’ और आखिरकार मुझे वह सब घर ले जाना ही पड़ा था. बच्चों ने पूछा तो बहाना बना दिया कि फ्रैंड से मंगवाया है, उस की वहां की शौप से. टेस्ट अच्छा होता है, खा कर देखना.

तो ऐसा तो है करण. यह था मेरा गिफ्ट. दिखावा नहीं करता. उस का ऐसा करना मुझे एक तरह से अच्छा ही लगा था. शोशेबाजी मुझे भी पसंद नहीं. हां, लेकिन उस के मुंह से अपने लिए तारीफ न करना, यह कभीकभी अखरता है मुझे. मेरी ड्रैसिंग सैंस के लिए दूसरे लोग कितने अच्छे कंप्लीमेंट देते हैं लेकिन मजाल है कि वह कभी तारीफ कर दे. शिकायत भी करती हूं तो कहता है, ‘बहुत गंदी तारीफ करता हूं मैं. सुनना पसंद करोगी?’ क्या जवाब दूं उस की इस बात का, इसलिए चुप रह जाती हूं.

साल 2020 आया. मन में आया था इस साल सब अच्छा होगा. लेकिन यह क्या, कोविड-19 की पूरे विश्व में छाए खतरे की घंटी ने सब को हिला दिया. देशभर में लौकडाउन हो गया. मिलने को तरस गए थे हम दोनों. फोन पर भी अब ज्यादा बात नहीं कर सकते थे. सब घर पर ही होते थे. करण के बर्थडे के बारे में सोची मेरी सारी प्लानिंग धरी की धरी रह गई थी.

मौका देख कर एक दिन फोन किया तो करण ने झट से कौल पिक कर ली, नहीं तो अकसर जब मैं फोन करती, रिंग जाती रहती. उठता नहीं था फोन और फिर उस के 1 घंटे बाद कौलबैक करता था.

‘कैसी हो, गौरवी,’ करण की आवाज में बेचैनी थी.‘ठीक हूं, बस, इंतजार है कब लौकडाउन खत्म हो और सब ठीक हो जाए. ऐसा लग रहा है बरसों हो गए हैं तुम से मिले.’

‘आई लव यू गौरवी,’ करण के ये शब्द कानों में गूंज गए.‘ओह करण, आखिरकार तुम ने बोल ही दिया जो मैं सुनने के लिए तरस गई थी. लौकडाउन ने तुम्हें एहसास करा दिया कि तुम मुझ से प्यार करते हो,’ मैं खुशी से बोली.

‘हां, ऐसा ही समझ लो. नहीं रह पा रहा हूं तुम्हारे बिना. आई मिस यू मैडली,’ आज लग रहा था करण के दिल में वही चाहत है जो मेरे दिल में उस के लिए.

‘चलो, लौकडाउन ने हमारे बीच के प्यार को और बढ़ा दिया. अब जब मिलेंगे, वो मिलना कुछ और ही होगा.’ फोन रख दिया था मैं ने. अपनों के लिए, अपने लिए जरूरी था कि हम दूर ही रहें. कैसी मजबूरी थी यह. अपने दिल का हाल बयां करती भी तो किस से. कुछ रिश्ते बताए नहीं जाते और न दूसरा कोई समझ सकता है. करण तुम ठीक कहते हो हमारी फीलिंग्स कोई नहीं समझ सकता क्योंकि अधूरापन, अकेलापन हम जी रहे हैं, दूसरे नहीं. हम एकदूसरे को समझ रहे हैं, यही काफी है.

एक बार फिर मन को समझाया, ‘कल की खुशी के लिए तुम दूर ही रहो.’ और बेमन से मेज पर रखे रिमोट से टैलीविजन औन किया. सभी न्यूज चैनलों पर लौकडाउन कोविड-19 की खबरें आ रही थीं और स्क्रीन पर नीचे लगातार लिखा आ रहा था, ‘घर पर रहो, सुरक्षित रहो.’

गरबा 2022: ये 7 ब्यूटी गैजेट्स अपनाएं, पार्लर का पैसा बचाएं

स्किन केयर से ले कर अपने लुक को परफैक्ट रखने के लिए अगर आप भी अकसर महंगे पार्लर या स्पा जाती हैं और महीना दर महीना हजारों खर्च करती हैं, तो अब से पार्लर या स्पा जाना कम कर दीजिए, क्योंकि खास आप के लिए हम ने जुटाएं हैं कुछ ऐसे ब्यूटी गैजेट्स, जिन के इस्तेमाल से आप घर बैठे पा सकती हैं पार्लर सा निखार और वह भी आसानी से. अच्छी त्वचा के साथसाथ सौंदर्य बढ़ाने के लिए अपने पास कौनकौन से ब्यूटी गैजेट्स रखें, यह जाना हम ने डर्मैटोलौजिस्ट डा. गीताजंलि शेट्टी से:

1. क्लींजिंग ब्रश

अच्छी त्वचा के  लिए रोजाना क्लींजिंग, टोनिंग और मौश्चराइजिंग करना जरूरी है. इस में भी सब से बड़ी भूमिका होती है क्लींजिंग की, जिस से त्वचा की गंदगी दूर होती है, त्वचा अंदर से स्वस्थ रहती है और कीलमुंहासों की संभावना भी आधी रह जाती है. इसलिए अपने वैनिटी बौक्स में क्लींजिंग ब्रश ब्यूटी गैजेट जरूर रखें. यह त्वचा को बाहर से साफ रखता है और अंदर से स्वस्थ बनाता है. इस के इस्तेमाल से त्वचा की मसाज होती है और वह नर्ममुलायम बनी रहती है.

कैसे करें इस्तेमाल

क्लींजिंग ब्रश के किट के साथ ब्रश के साथसाथ क्लींजिंग क्रीम भी मिलती है. पहले पूरे चहेरे पर अच्छी तरह क्लींजिंग क्रीम लगाएं, उस के बाद हैंडी क्लींजिंग ब्रश को हलके से पूरे चेहरे पर 5 मिनट तक घुमाएं. बाद में कुनकुने पानी से चेहरा धो लें.

स्मार्ट टिप्स

ओले प्रो. ऐक्स माइक्रोडर्माब्रेशन ऐडवांस क्लींजिंग ब्रश, प्रोऐक्टिव स्किन क्लींजिंग ब्रश व स्पा सोनिक केयर सिस्टम आदि में से कोईर् एक क्लींजिंग ब्रश खरीद सकती हैं. इस की कीमत 1 से 6 हजार तक हो सकती है.

2. रिंकल इरेजर

चेहरे पर उभर आई रिंकल्स को हटाने के लिए पार्लर जा कर हजारों खर्च करने से बचना चाहती हैं तो अपने पास रिंकल इरेजर गैजेट या रिंकल इरेजर पैन जरूर रखें. इस से आप घर बैठे फाइन लाइंस के साथसाथ आंखों के नीचे, होंठों के पास और गालों की छाई झुर्रियों को भी कम कर सकती हैं. सप्ताह में 2 बार इस का इस्तेमाल किया जा सकता है. इस से रिंकल्स तो कम होती ही हैं, साथ ही स्किन फ्रैश और यंग भी नजर आती है.

कैसे करें इस्तेमाल

रिंकल इरेजन पैन यूज करने से पहले आंखों के नीचे अंडर आई क्रीम लगाएं. उस के बाद रिंकल इरेजर पैन को झुर्रियों पर रख कर हलके से दबाएं. फिर उठा लें. यह क्रिया 2-3 मिनट दोहराएं. इसी तरह होंठों के आसपास और जौ लाइन की रिंकल्स को भी हटाया जा सकता है.

स्मार्ट टिप्स

रिंकल इरेजर पैन की कीमत की शुरुआत क्व2 हजार से होती है और रिंकल इरेजर गैजेट किट क्व4 हजार से. केयर जौय, इरेजर पैन, एचईजीएफ रिंकल इरेजर पैन, डर्मासीन इंस्टैंट रिंकल इरेजर आदि में से किसी एक का चुनाव कर सकती हैं.

3. स्किन स्मूदर

चेहरे की त्वचा बहुत कोमल होती है. धूप, धूलमिट्टी और प्रदूषण के साथ ही मौसम का मिजाज भी सब से पहले चेहरे की त्वचा को ही प्रभावित करता है, जिस से त्वचा रूखी हो जाती है और उस का रंग फीका नजर आता है. ऐसे में स्किन स्मूदर गैजेट आप के बेहद काम आ सकता है. सप्ताह में 2 बार त्वचा पर स्किन स्मूदर का इस्तेमाल करने से रूखी त्वचा की परत हट जाती है और नई त्वचा मुलायम महसूस होती है. स्किन स्मूदर डार्क स्पौट्स को भी कम करता है.

कैसे करें इस्तेमाल

पूरे चेहरे पर अच्छी तरह मौइश्चराइजर लगा कर स्किन स्मूदर से चेहरे की मसाज करें. इस से रूखी त्वचा की परत हट जाएगी. आखिर में कुनकुने पानी से चेहरे को धो लें.

स्मार्ट टिप्स

फिलिप्स स्किन स्मूदर, पीएमडी पर्सनल माइक्रोडर्म, अल्ट्रासोनिक स्किन स्मूदर मशीन आदि ट्राई कर सकती हैं. इस की कीमत 1 हजार से शुरू होती है. औनलाइन मंगवाने से छूट भी मिल सकती है.

4. टैंपरेरी स्किन टाइटनर

बढ़ती उम्र की वजह से तो कई बार चेहरे पर जरूरत से ज्यादा कैमिकलयुक्त प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने से त्वचा में ढीलापन आ जाता है या फिर त्वचा लटक जाती है, जिसे आप पार्लर या स्पा जा कर तरहतरह के ब्यूटी ट्रीटमैंट ले कर कम कर सकती हैं, लेकिन आप के पास अगर पार्लर या स्पा जाने का वक्त नहीं है तो आप टैंपरेरी स्किन टाइटनर गैजेट भी यूज कर सकती हैं. इस के इस्तेमाल से स्थाई तो नहीं, लेकिन कुछ समय के लिए स्किन टाइट जरूर महसूस होगी.

कैसे करें इस्तेमाल

स्किन टाइटनिंग मशीन को प्रभावित जगह पर रख कर हलके से दबाएं, फिर उठा लें. कुछ मिनट यह क्रिया दोहराने से त्वचा में हलका सा कसाव महसूस होगा.

स्मार्ट टिप्स

कई रिंकल इरेजर गैजेट्स स्किन को भी टाइट करते हैं, लेकिन आप सिर्फ स्किन टाइटनिंग खरीदना चाहती हैं तो वीनस विवा स्किन टाइटनिंग, ट्रिआ स्किन टाइटनिंग, मिशा स्किन टाइटनिंग मशीन में से कोई एक चुन सकती हैं. इस की कीमत 1,500 से शुरू होती है.

5. ट्वीजर

अगर आप भी आईब्रोज की शेप बिगाड़ने वाले ऐक्स्ट्रा बालों को नहीं देखना चाहतीं और तुरंत अगले दिन उन्हें निकालने के लिए पार्लर पहुंच जाती हैं, तो इस के बजाय ट्वीजर को अपना साथी बना लें. इस की मदद से आप जब चाहें तब और जहां चाहें वहां आईब्रोज के ऐक्स्ट्रा और अनचाहे बालों को उखाड़ सकती हैं. इस से आईब्रोज भी हमेशा शेप में रहेंगी और आप को पार्लर जाने की भी जरूरत नहीं होगी.

कैसे करें इस्तेमाल

ट्वीजर को इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है. यह चिमटे की तरह होता है. आप जिस तरह चिमटे से बरतन उठाती हैं, उसी तरह ट्वीजर के बीच ऐक्स्ट्रा बाल को पकड़ कर खींच लिया जाता है.

स्मार्ट टिप्स

ट्वीजर 100 से ले कर 600 तक में भी मिलता है. ब्लू स्लैंट ट्वीजर, ट्वीजर गुरु, हारपरटोन प्लककिट आदि खरीद सकती हैं.

6. फैशियल हेयर रिमूवर

चेहरे पर आने वाले अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए महीने में 2 बार पार्लर या स्पा के चक्कर लगाने के बजाय मार्केट जाएं और अपने लिए फैशियल हेरर रिमूवर खरीद लाएं. आप घर बैठे इस के इस्तेमाल से चेहरे के अनचाहे बालों को आसानी से हटा सकती हैं. इस के लिए आप को वैक्स से बाल हटाने या ब्लीच के जरीए उन्हें छिपाने की जरूरत नहीं होगी. इस के इस्तेमाल से मिनटों में ही बाल छूमंतर हो जाएंगे.

कैसे करे इस्तेमाल

फैशियल हेयर रिमूवर के दोनों छोरों को 1-1 हाथ से पकड़ें और फिर उन्हें ऊपर से नीचे की तरफ घुमाते हुए फैशियल हेयर को रिमूव करें.

स्मार्ट टिप्स

ट्वीजर की तरह फैशियर हेयर रिमूवर भी काफी सस्ता मिलता है. इस की कीमत 150 से शुरू होती है. ट्वीजरमैन स्मूद फिनिश फैशियल हेयर रिमूवल, यूनिक हेयर रिमूवल, डीआईवाई क्विक स्मूद हेयर रिमूवल आदि में से किसी एक का चुनाव किया जा सकता है.

7. हेयर रिमूवल लेजर

हाथपैरों के साथसाथ बिकिनी लाइन या फिर पूरे शरीर के अनचाहे बालों से छुटकारा पाना चाहती हैं तो अपने पास हेयर रिमूवल लेजर ब्यूटी गैजेट रखना न भूलें. यह बालों को त्वचा से हटाने के साथ ही त्वचा को कोमल भी बनाता है. सब से अच्छी बात यह है कि इस के इस्तेमाल से दर्द भी नहीं होता है. हर महीने के बजाय इस का इस्तेमाल डेढ़ से 2 महीनों के अंतराल पर करें.

कैसे करें इस्तेमाल

हेयर रिमूवल लेजर को अनचाहे बालों वाली जगह पर हलके से घुमाएं. इस से बाल साफ होते जाएंगे.

स्मार्ट टिप्स

वीट हेयर रिमूवल डिवाइस, वर्सो ईपेन परमानैंट हेयर रिमूवल, ट्रिआ हेयर रिमूवल लेजर आदि में से कोई भी हेयर रिमूवल लेजर खरीद सकती हैं. इस की कीमत 5 हजार से शुरू होती है.

सेफ्टी रूल्स

डा. गीताजंलि शेट्टी के अुनसार, घर पर भी ब्यूटी गैजेट्स यूज करने से पहले निम्न बातों को ध्यान में रखें:

– ब्यूटी गैजेट के पैकेट पर उसे इस्तेमाल करने का लिखा तरीका ध्यान से पढ़ लें.

– अगर आप को स्किन ऐलर्जी है तो कोई भी  ब्यूटी गैजेट इस्तेमाल करने से पहले डर्मेटोलौजिस्ट की सलाह अवश्य लें.

– त्वचा संबंधी किसी प्रौब्लम के चलते अगर आप किसी डर्मेटोलौजिस्ट की निगरानी में उस का इलाज करवा रही हैं, तो कोई भी ब्यूटी गैजेट्स यूज करने से बचें.

– अगर आप प्रैगनैंट या बच्चे को स्तनपान करा रही हैं तो ब्यूटी गैजेट यूज करने से पहले डर्मेटोलौजिस्ट से जरूर पूछें.

गरबा 2022: बच्चों के लिए बनाएं पोटैटो स्नैक्स

फेस्टिवल के मौके पर अगर आप बच्चों के लिए घर पर स्नैक्स तैयार करना चाहते हैं तो पोटैटो स्नैक्स आपके लिए परफेक्ट औप्शन है. इस स्नैक्स को आप आसानी से अपने मेहमानों को भी परोस सकते हैं.

सामग्री

–  15-20 आलू छोटे आकार के

–  1 बड़ा चम्मच कौर्नफ्लोर

–  1/4 कप प्याज बारीक कटा

–  1 छोटा चम्मच कटा लहसुन

–  तेल तलने के लिए

–  1 बड़ा चम्मच टोमैटो सौस

–  1 छोटा चम्मच सोया सौस

–  1 चुटकी कालीमिर्च पाउडर

–  1 छोटा चम्मच सिरका

–  1 छोटा चम्मच रैड चिली पेस्ट

–  नमक स्वादानुसार.

विधि

आलुओं को छिलके सहित आधा गलने तक उबाल लें. फिर कांटे से गोद लें. इन में कौर्नफ्लोर मिला कर अच्छी तरह हिला लें. फिर तल लें.

एक पैन में 1 चम्मच तेल गरम कर प्याज डाल कर भूनें. फिर लहसुन मिला कर कुछ देर भूनें. सारे मसाले व सौस मिला दें. 1 चम्मच कौर्नफ्लोर को 2 चम्मच पानी में घोल कर इस में मिला दें. गाढ़ा होने तक पकाएं. तले आलू मिला कर तब तक पकाएं जब तक कि सौस सभी आलुओं पर अच्छी तरह से न लिपट जाए.

बेहतर शिक्षा से संवारें बच्चों का भविष्य

देश में बढ़ती महंगाई के कारण अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा मुहैया कराना सब से मुश्किल काम है. अच्छी शिक्षा से मतलब उसे सिर्फ स्कूल भेजना मात्र नहीं है, बल्कि उस की प्राइमरी एजुकेशन से ले कर उच्च शिक्षा तक इस तरह से करानी है कि उस की पढ़ाई व कैरियर निर्माण के दौरान कभी आर्थिक अड़चन न आए और वह अपने मनमुताबिक कैरियर चुन सके.

अमूमन हम बच्चों की शिक्षा के खर्च में स्कूल, कालेज और स्नातकोत्तर तक की शिक्षा पर होने वाले खर्च को ही शामिल करते हैं, जबकि आजकल बच्चों की स्कूली शिक्षा में स्कूल की फीस के साथसाथ ट्रांसपोर्ट, रचनात्मक गतिविधियां, दाखिला, ट्यूशन फीस, ड्रैस, स्कूलबैग, स्टेशनरी और उच्च शिक्षा हेतु विदेश जाने से ले कर और न जाने कितने खर्च शामिल होते हैं, जो जेब में पैसा न होने पर भविष्य में आप के बच्चों की शिक्षा व कैरियर में दीवार बन जाते हैं.

इन हालात में बच्चों की उच्चस्तरीय पढ़ाई का खर्च उठाना क्या आसान है? बिलकुल नहीं. तो क्या आप बच्चों की शिक्षा के लिए पर्याप्त राशि जमा कर रहे हैं? अगर नहीं तो अभी से कमर कस लीजिए. बच्चों की बेहतर शिक्षा और भविष्य के लिए अभी से पैसा जमा करना शुरू कर दीजिए.

शिक्षा की सुयोजना अभी से

देश में शिक्षा को 3 अहम भागों में बांटा जा सकता है. पहला भाग है प्राथमिक शिक्षा. इस में शुरुआती स्तर पर बच्चों की प्राथमिक शिक्षा संपन्न होती है. यह शिक्षा का सब से आसान हिस्सा है. इस के बाद आता है दूसरा भाग, मध्य यानी माध्यमिक शिक्षा. इस में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई आ जाती है. यह काफी हद तक आगे के भविष्य की नींव रखती है.

इस के बाद आता है तीसरा और सब से अहम हिस्सा उच्च शिक्षा. उच्च शिक्षा में अकादमिक और प्रोफैशनल यानी व्यावसायिक शिक्षा आती है. यही शिक्षा सब से ज्यादा खर्चीली होती है. लगभग सभी तरह की व्यावसायिक शिक्षा पर लाखों रुपए खर्च होते हैं. इसलिए अभिभावक बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए आज से ही जरूरी कदम उठाएं.

हम बच्चों की प्राथमिक शिक्षा का खर्च तो जैसेतैसे निकाल लेते हैं पर कालेज और व्यावसायिक शिक्षा पर खर्च होने वाले पैसों का इंतजाम करना मुश्किल हो जाता है. तब आपातकाल में किसी को लोन लेना पड़ता है, तो किसी को अपने गहने आदि बेचने पड़ते हैं. इसलिए अगर बच्चों के बचपन से ही उन की पढ़ाईलिखाई के लिए पैसे जमा करना शुरू कर दिए जाएं तो बाद में आर्थिक परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है.

एक बीमा कंपनी से जुड़े फाइनैंशियल प्लानर नितिन अरोड़ा इस बाबत कुछ सुझाव देते हैं. उन के मुताबिक, अगर बच्चों की पढ़ाई को ले कर पहले से कुछ वित्तीय योजनाएं बना ली जाएं तो आगे का रास्ता काफी हद तक सुलभ हो जाता है और इन योजनाओं के आधार पर आप अपने बच्चे की एजुकेशन प्लान कर सकते हैं.

सब से पहले लक्ष्य का समय यानी तारीख तय कीजिए यानी उस तारीख और वर्ष की गणना कीजिए जब आप का बच्चा उच्चशिक्षा लेने लायक हो जाएगा. उस के बाद वर्तमान में होने वाले शिक्षण व्यय का हिसाबकिताब कर लीजिए. फिर उसे बच्चे की शिक्षा के अनुरूप भविष्य की महंगाई दर के मुताबिक जोडि़ए. इस हिसाब के बाद आप को भविष्य में होने वाले खर्च की रकम का मोटा सा अंदाजा हो जाएगा.

इसे आसान भाषा में समझते हैं. मान लीजिए आज उच्च शिक्षा में लगभग 5 लाख से 10 लाख रुपए का खर्च आता है, तो बढ़ती महंगाई के हिसाब से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि 20-21 साल तक यह खर्च बढ कर 20 लाख से 30 लाख रुपए या उस से भी अधिक तक तो हो ही जाएगा. अब आप के पास एक टारगेट रकम का अनुमान आ चुका है. बस, इसी रकम के इंतजाम के लिए आप को अपनी आय व हैसियत के हिसाब से पैसे जोड़ने या फिर निवेश करना होता है.

अगर आप इस गणना के मुताबिक सही समय में इस राशि को जमा कर पाते हैं, तो आप के बच्चे की शिक्षा में किसी भी तरह की मुश्किल नहीं आ सकती. इस तरह से शिक्षा के लिए वित्तीय योजनाओं का खाका खींच कर आप अपने बच्चे का आज ही से बेहतर भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं.

समझदारी से करें शिक्षा निवेश

एक इंश्योरैंस कंपनी से जुड़े एक्सपर्ट बताते हैं कि जिस अनुपात से लोगों का वेतन बढ़ रहा है उस से कहीं ज्यादा तेजी से पढ़ाई में होने वाला खर्च बढ़ रहा है. ऐसे में बच्चों की एजुकेशन प्लानिंग हम कुछ चरणों में बांट लेते हैं. ये चरण अभिभावकों के वेतन और शिशु की अवस्था के आधार पर बांटते हैं.

पहले चरण के तहत शिशु के पैदा होने से उस के लगभग 5 साल के होने तक आप ज्यादा से ज्यादा सेविंग करें, क्योंकि इस दौरान शिशु की पढ़ाई पर खर्च अपेक्षाकृत कम होता है. उस के बाद बच्चा स्कूल जाना शुरू कर देता है. इस चरण में सेविंग कम हो जाती है, क्योंकि उस की पढ़ाई का खर्च आ जाता है. 9 से 16 साल की उम्र के दौरान बहुत ही संतुलित राशि जमा करें. फिर 18 से 25 साल की उम्र में बच्चा युवा होने पर आप की जमाराशि का सही उपयोग करने लायक हो जाता है. इस तरह आप अपनी राशि को अलगअलग चरणों में घटातेबढ़ाते हुए जमा करेंगे तो आप की जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा.

एजुकेशन प्लान के अलावा

बाजार में लगभग सभी बड़े बैंक और वित्तीय कंपनियां बच्चों के लिए लुभावने औफर देती हैं. इन के अलावा और भी कई तरह के निवेश के विकल्प हैं, जो अच्छा रिटर्न देते हैं. मसलन, म्यूचुअल फंड, बौंड्स, प्रौविडैंट फंड, राष्ट्रीय बचत खाता आदि. साथ ही, डाकघर की निवेश योजनाओं का इस्तेमाल भी अपने बच्चों के लिए निवेश करने में कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड कंपनियों ने तो बच्चों की शिक्षा को ध्यान में रख कर 20 से भी ज्यादा ऐसी योजनाएं लौंच की हैं. बस, आप को अपनी आवश्यकता के अनुसार योजना का चयन करना है.

बच्चों के शैक्षिक भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस समय मार्केट में कई इनवैस्टमैंट टूल मौजूद हैं. लेकिन जानकारी के अभाव में आमतौर पर अधिकांश पेरैंट्स सिर्फ लाइफ इंश्योरैंस स्कीम्स में ही निवेश करते हैं. जबकि कई इन्वैस्टमैंट टूल्स, इंश्योरैंस स्कीम्स से बेहतर रिटर्न देते हैं. आप के लिए जरूरी है कि इंश्योरैंस के साथ ही पीपीएफ, म्यूचुअल फंड, यूनिट लिंक्ड प्लान जैसे विकल्पों में भी निवेश करें.

पीपीएफ यानी पब्लिक प्रौविडैंट फंड में आप अपने बच्चे की शिक्षा के लिए एक बड़ी बचत का निर्माण कर सकते हैं. इस के अलावा आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत आप को कर में 1.5 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. सुकन्या समृद्घि खाता भी एक अच्छा विकल्प है. यह योजना भी 8.1 फीसदी के ब्याज दर के साथ पूरी तरह कर मुक्त है. यहां भी आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर लाभ प्रदान किया गया है. हालांकि, यह योजना केवल लड़कियों के लिए है. इक्विटी म्यूचुअल फंड भी एक विकल्प हो सकता है.

गैरपरंपरागत निवेश

कुछ लोग अपने बच्चे के नाम पर प्रौपर्टी खरीद लेते हैं, जो बाद में बच्चे के काफी काम आती है. साथ ही, सोनाचांदी और शेयरों में भी कुछ अभिभावक निवेश करते हैं. यहां समझने वाली बात यही है कि बच्चे की शिक्षा के लिए पैसा सिर्फ एजुकेशन प्लान या परंपरागत तरीकों से ही जोड़ा जाए, ऐसा जरूरी नहीं है. आप को तो बस पैसा जोड़ना है, जिसे भविष्य में उस की पढ़ाई पर खर्च कर सकें.

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क्यों आती है प्रैग्नैंसी में रुकावट

मानव शरीर एक ऐसी जटिल मशीन है जिस का प्रत्येक भाग दूसरे के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है. ऐसे में महिलाओं में बां झपन का कारण उन के जीवन में आई बीमारियों, गलत जीवनशैली और आनुवंशिक रोगों के साथसाथ उम्र का फैक्टर भी हो सकता है. डायबिटीज, ऐनीमिया और मोटापा जैसी स्थितियां या लापरवाह जीवनशैली जैसे तंबाकू और शराब का सेवन किसी के भी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और यह बां झपन का बड़ा कारण हो सकता है. इस के अतिरिक्त कुछ महिलाएं जन्मजात ऐसी पैदा हो सकती हैं जिन का शरीर प्रजनन के लिए अनुकूल नहीं होता है.

आइए, इन में से कुछ फैक्टर्स को सम झते हैं:

ओव्यूलेशन विकारों का प्रभाव

ओव्यूलेशन वह घटना है जब एक परिपक्व अंडा अंडाशय से बाहर निकलता है जो शुक्राणु द्वारा निषेचित होने के लिए तैयार होता है. ओव्यूलेशन से संबंधित विकारों का मतलब है कि प्रजनन पीरियड के दौरान अंडे अनुपस्थित हैं जिस से स्वाभाविक रूप से कोई भू्रण (ऐंब्रो) नहीं बनता है.

ऐंडोमिट्रिओसिस का प्रभाव

ऐंडोमिट्रिओसिस वह स्थिति है जिस में ऐंडोमिट्रियम जो गर्भाशय को लाइनिंग करने

वाला टिशू होता है, इस के बाहर बढ़ता है. यह 10-15% महिलाओं में प्रजनन आयु के दौर में पाया गया है. इसलिए यह कई फर्टिलिटी पैरामीटर्स को प्रभावित करता है यानी व्यवहार्य अंडों (बाइबल एग्स) की कम संख्या (लो ओवेरियन रिजर्व), अंडे और भू्रण की खराब क्वालिटी और साथ ही इंप्लांटेशन में बाधा डालता है.

गर्भाशय फाइब्रौयड का प्रभाव

गर्भाशय फाइब्रौयड गैरकैंसर वाले ट्यूमर हैं जो कंसीव कर सकने की उम्र में महिलाओं के गर्भाशय में बढ़ते हैं. वे विभिन्न आकारों और गर्भाशय के विभिन्न भागों में पाए जा सकते हैं. हारमोन ऐस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरौन जब ज्यादा होता है तो ये इन की वृद्धि का कारण बन सकते हैं. वे गर्भावस्था के नुकसान के जोखिम को बढ़ाते हैं और महिलाओं में बां झपन की संभावना बढ़ा देते हैं.

डायबिटीज और पीसीओएस का प्रभाव

टाइप 1 डायबिटीज के रोगियों में मासिकधर्म में देरी और रजोनिवृत्ति की शुरुआत में देरी होती है, साथ ही ओव्यूलेशन में देरी और अनियमित माहवारी भी होती है. इस के अलावा इस से गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है या गर्भपात तथा मरे बच्चे को जन्म देने की संभावना बढ़ जाती है.

टाइप 2 डायबिटीज में जहां अतिरिक्त इंसुलिन होता है, वहां इस का प्रतिरोध देखा जाता है जिस का उपयोग नहीं किया जा रहा है. इस के अलावा ब्लड शुगर की अधिकता भी पाई जाती है. पौलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) प्रजनन आयु वाली 5-13% महिलाओं को प्रभावित करता है और यह इंसुलिन प्रतिरोध और बढ़े हुए टेस्टोस्टेरौन के स्तर से जुड़ा होता है. डायबिटीज होने पर महिलाओं के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है.

मोटापे का प्रभाव

मोटापे को गर्भधारण के लिए हानिकारक माना गया है. माहवारी संबंधी विकार और एनोव्यूलेशन (जब मासिकधर्म के दौरान अंडाशय से अंडा नहीं निकलता है) मोटी महिलाओं में आम बात होती है. अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में गर्भपात के साथसाथ बां झपन का खतरा भी अधिक होता है. इस के साथ ही गर्भधारण, गर्भपात और गर्भावस्था की समस्याओं के खतरे भी बढ़ जाते हैं.

तंबाकू के सेवन का प्रभाव

अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान करने वाली 60% से अधिक महिलाएं दूसरों की तुलना में बां झपन से जू झती हैं. यह भी पाया गया है कि तंबाकू का धूम्रपान ओवेरियन के काम को बाधित करता है और हारमोन की एकाग्रता को कम करता है. तंबाकू शरीर में जहरीले तत्त्व लाता है जिन में अंडों को नुकसान पहुंचाने और उन की संख्या को कम करने की क्षमता होती है. इस के अलावा यह अनियमित मासिकधर्म के कारण मासिकधर्म को बाधित करता है और इस के परिणामस्वरूप जल्दी रजोनिवृत्ति (अर्ली मेनोपौज) भी हो सकती है. तंबाकू के सेवन से अस्थानिक गर्भावस्था (ऐक्टोपिक प्रैगनैंसी) की संभावना भी बढ़ जाती है.

तंबाकू का सेवन न केवल प्रजनन प्रणाली (ह्म्द्गश्चह्म्शस्रह्वष्ह्लद्ब1द्ग ह्य4ह्यह्लद्गद्व) को खराब करता है बल्कि गर्भावस्था को भी जटिल कर सकता है. गर्भधारण करने वाले और जन्म लेने वाले बच्चे के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकता है. पूर्ण अवधि के जन्म (फुल टर्म बर्थ) के बावजूद बच्चे बहुत छोटे पैदा हो सकते हैं, मस्तिष्क और फेफड़ों में क्षति के साथसाथ कटे होंठ आदि जन्मजात दोषों का खतरा भी बढ़ जाता है.

ब्लौक्ड फैलोपियन ट्यूब का प्रभाव

फैलोपियन ट्यूब अंडाशय (ओवरी) को गर्भाशय (यूटरस) से जोड़ती है और यह वह मार्ग है जिस के माध्यम से अंडे गर्भ में पहुंचते हैं. जब फैलोपियन ट्यूब ठीक से काम नहीं कर रही होती है, तो इस से बां झपन हो सकता है क्योंकि निषेचन (फर्टिलाइजेशन) की प्रक्रिया ही नहीं होती है. ऐसा ब्लौकेज और संक्रमण के कारण हो सकता है.

फैलोपियन ट्यूब ब्लौकेज एक ऐसी स्थिति है जहां या तो एक या दोनों मार्ग अवरुद्ध हो जाते हैं, जिस से विभिन्न स्वास्थ्य और प्रजनन संबंधी जटिलताएं पैदा होती हैं. ये रुकावटें शुक्राणुओं के अंडों तक पहुंचने के मार्ग को बाधित करने के साथसाथ निषेचित अंडे (फर्टिलाइज्ड एग) के मार्ग को भी बाधित करती हैं. फैलोपियन ट्यूब बैक्टीरिया सहित विभिन्न रोगजनकों से संक्रमित हो सकती है और उन्हें पेल्विक इनफ्लैमेटरी डिजीज (पीआईडी) के तहत वर्गीकृत किया जाता है. रुकावटें जन्मजात भी सकती हैं और पूर्व सर्जरी के कारण भी.

उम्र का प्रभाव

महिलाएं अपने अंडाशय में सीमित अंडे के रिजर्व के साथ पैदा होती हैं जो उम्र के साथ घटती जाती है. 10 लाख से अधिक अपरिपक्व अंडे यौवन आतेआते लगभग 3 लाख अंडे तक रह जाते हैं जो माहवारी के प्रत्येक ओव्यूलेशन के साथ और कम हो जाते हैं और कुछ नष्ट भी हो जाते हैं. 30 के दशक के मध्य में अंडों की मात्रा और गुणवत्ता खराब हो जाती है और महिलाओं के 40 वर्ष की उम्र में लगभग 50% अंडे का पूल आनुवंशिक रूप से असामान्य हो जाता है. रजोनिवृत्ति यौवन के अंत और व्यवहार्य अंडों की अनुपलब्धता का प्रतीक है. अंडों का कम होना प्रजनन क्षमता में कमी का एक स्पष्ट संकेत है. रजोनिवृत्ति शरीर में कई संबंधित परिवर्तनों को प्रेरित करती है और इस में स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने की क्षमता भी शामिल है.

इलाज क्या है

जिस प्रकार बां झपन का कारण भिन्न होता है, उसी प्रकार इस का इलाज भी भिन्नभिन्न होता है. जो महिलाएं डायबिटीज, पीसीओएस और मोटापे जैसी परिस्थितियों के कारण स्वाभाविक रूप से गर्भधारण करने में असमर्थ हैं, उन के लिए पहला उपाय इस पर नियंत्रण पाना है. यह नियमित रूप से डाक्टरों से परामर्श कर के किया जा सकता है ताकि स्वस्थ आहार, शारीरिक गतिविधि के साथसाथ नियमित रूप से दवा की मौनिटरिंग होती रहे. इस के अलावा यह भी देखा गया है कि शराब और तंबाकू के सेवन न करने से प्राकृतिक गर्भाधान की संभावना काफी बढ़ जाती है.

हालांकि कुछ मामलों में बीमारियों से पहुंची क्षति या जन्मजात परिस्थितियों के कारण प्राकृतिक गर्भधारण संभव नहीं है. ऐसे में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टैक्नोलौजी या एआरटी इन महिलाओं के जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. एआरटी में इनविट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ), इंट्रासाइटोप्लाज्मिक स्पर्म इंजैक्शन (आईसीएसआई) और अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान (आईयूआई) जैसी प्रक्रियाएं शामिल हैं.

यदि कोई दंपती बां झपन से परेशान है और यहां तक कि मौजूदा बीमारियों के लिए उपाय भी कर रहे हैं, तो भी उन्हें अपनी मैडिकल हिस्ट्री पर चर्चा करने के लिए प्रजनन क्षमता/आईवीएफ विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए. यहां यह ध्यान रखना महत्त्वपूर्ण है कि एआरटी 100% सफलता की गारंटी नहीं देता है और इस के संभावित दुष्प्रभावों को सम झ लेना चाहिए. इस के बाद कई परीक्षण और स्कैन किए जाते हैं जो दोनों पार्टनर्स के मैडिकल कंडीशन की जांच करते हैं.

महिलाओं के प्रजनन अंगों की जांच करने के लिए अल्ट्रासाउंड और रक्त परीक्षण, ऐंटीमुलरियन हारमोन (एएमएच) के स्तर या गर्भाधान में बाधा डालने वाली किसी भी वृद्धि की जांच शामिल हो सकती है. इस के बाद ट्रीटमैंट का सु झाव दिया जाता है जिस में परिपक्व अंडों के लिए हारमोनल इंजैक्शन, उन का कलैक्शन, स्पर्म के साथ फर्टिलाइजेशन और भ्रूण को गर्भाशय में ट्रांसफर करना शामिल है. अंत में बीटाह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (बीटाएचसीजी) परीक्षण गर्भावस्था की पुष्टि करता है.

     -डा. क्षितिज मुर्डिया

सीईओ और कोफाउंडर इंदिरा आईवीएफ    

मेरा पहला प्यार वापस लौट आया है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मैं एक लड़के से प्यार करती थी. फिर किसी बात पर हम दोनों में अनबन हो गई. 2 साल तक न उस ने मुझ से बात की और न ही मैं ने. इस बीच मेरी जिंदगी में एक और लड़का आ गया. मैं उसे प्यार करती हूं पर अपने पहले प्रेमी जितना नहीं. हम ने विवाह करने का फैसला कर लिया है. घर वाले भी हमारे रिश्ते से सहमत हैं. अब जब हमारी शादी होने वाली है मेरा पहला प्रेमी जिसे मैं अभी तक भुला नहीं पाई हूं, लौट आया है. वह भी अब मुझ से शादी करने को तैयार है. मैं समझ नहीं पा रही कि मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

शादी कोई हंसीखेल नहीं है. आप का पहला प्रेमी 2 साल के लंबे अंतराल के बाद उस समय लौटा है जब आप किसी और लड़के से विवाह करने जा रही हैं. आप का पूर्वप्रेमी अवसरवादी लगता है. इसीलिए आप की शादी तय हो जाने के बाद उस ने अचानक न केवल आप से संपर्क साधा वरन तुरतफुरत आप के सामने विवाह का प्रस्ताव भी रख दिया. आप को अपने निर्णय पर अडिग रहना चाहिए. आप उस से कह दें कि आप का विवाह तय हो चुका है. वह अब आप से कभी संपर्क न करे.

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‘‘दा,तुम मेरी बात मान लो और आज खाने की मेज पर मम्मीपापा को सारी बातें साफसाफ बता दो. आखिर कब तक यों परेशान बैठे रहोगे?’’

बच्चों की बातें कानों में पड़ीं तो मैं रुक गई. ऐसी कौन सी गलती विकी से हुई जो वह हम से छिपा रहा है और उस का छोटा भाई उसे सलाह दे रहा है. मैं ‘बात क्या है’ यह जानने की गरज से छिप कर उन की बातें सुनने लगी.

‘‘इतना आसान नहीं है सबकुछ साफसाफ बता देना जितना तू समझ रहा है,’’ विकी की आवाज सुनाई पड़ी.

‘‘दा, यह इतना मुश्किल भी तो नहीं है. आप की जगह मैं होता तो देखते कितनी स्टाइल से मम्मीपापा को सारी बातें बता भी देता और उन्हें मना भी लेता,’’ इस बार विनी की आवाज आई.

‘‘तेरी बात और है पर मुझ से किसी को ऐसी उम्मीद नहीं होगी,’’ यह आवाज मेरे बड़े बेटे विकी की थी.

‘‘दा, आप ने कोई अपराध तो किया नहीं जो इतना डर रहे हैं. सच कहूं तो मुझे ऐसा लगता है कि मम्मीपापा आप की बात सुन कर गले लगा लेंगे,’’ विनी की आवाज खुशी और उत्साह दोनों से भरी हुई थी.

‘बात क्या है’ मेरी समझ में कुछ नहीं आया. थोड़ी देर और खड़ी रह कर उन की आगे की बातें सुनती तो शायद कुछ समझ में आ भी जाता पर तभी प्रेस वाले ने डोर बेल बजा दी तो मैं दबे पांव वहां से खिसक ली.

बच्चों की आधीअधूरी बातें सुनने के बाद तो और किसी काम में मन ही नहीं लगा. बारबार मन में यही प्रश्न उठते कि मेरा वह पुत्र जो अपनी हर छोटीबड़ी बात मुझे बताए बिना मुंह में कौर तक नहीं डालता है, आज ऐसा क्या कर बैठा जो हम से कहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है. सोचा, चल कर साफसाफ पूछ लूं पर फिर लगा कि बच्चे क्या सोचेंगे कि मम्मी छिपछिप कर उन की बातें सुनती हैं.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए- पहला पहला प्यार : मां को कैसे हुआ अपने बेटे की पसंद का आभास

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

Raju Srivastav को अंतिम विदाई देने पहुंचे ये सितारे

बीते दिनों कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव के निधन ने फैंस को चौंका दिया था. वहीं दिल्ली में आखिरी सांसे लेने वाले एक्टर की अंतिम बिदाई में सितारे नहीं आ पाए. लेकिन हाल ही में मुंबई में हुई प्रेयर मीट में सितारों की भीड़ देखने को मिली, जिनमें कॉमेडियन कलाकारों के साथ-साथ कई सेलेब्स देखने को मिले. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

प्रार्थना सभा में पहुंचे कपिल शर्मा

 

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दरअसल, हाल ही में दिवंगत कॉमेडी स्टार राजू श्रीवास्तव की फैमिली ने मुंबई में प्रार्थना सभा का आयोजन किया था, जिसमें फिल्म और टीवी इंडस्ट्री के कई सेलेब्स ने आकर एक्टर को भीगीं पलकों से श्रद्धांजलि दी. वहीं इनमें एक्टर कपिल शर्मा और भारती सिंह जैसे सितारों का नाम भी शामिल है. इस दौरान कपिल शर्मा और भारती सिंह काफी इमोशनल नजर आए.

कौमेडी की दुनिया के सितारे प्रार्थना सभा में पहुंचे

 

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दिवंगत कॉमेडी स्टार राजू श्रीवास्तव की प्रार्थना सभा में कौमेडी की दुनिया के कई सितारे देखने को मिले, जिनमें एक्टर कीकू शारदा, सुगंधा मिश्रा और उनके पति संकेत भोंसले पहुंचे. वही इसके अलावा, एक्टर गुरमीत चौधरी, शैलेश लोढा, नील नितिन मुकेश, केके मेनन और सिंगर सुखविंदर सिंह जैसे सितारे पहुंचे. हालांकि इस दौरान गमगीन माहौल देखने को मिला.

 

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प्रार्थना सभा में रोईं पत्नी

 

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पति राजू श्रीवास्तव की प्रार्थना सभा  के दौरान नकी पत्नी शिखा श्रीवास्तव फूट फूटकर रोने लगी, जिसे देखकर सेलेब्स भी इमोशनल हो गए. दरअसल, पति के जाने पर इमोशनल होकर शिखा श्रीवास्तव ने कहा, पूरी दुनिया उनसे बेहद प्यार करती थी. इस कारण कितने अनजान लोग उनके ठीक होने की प्रार्थना कर रहे थे. लेकिन डॉक्टर की लाख कोशिशों के बावजूद वह बच नहीं पाए. हालांकि वह जहां भी वह होंगे सभी को हंसा रहे होंगे. पर मेरी तो जिंदगी ही चली गई. एक्टर की पत्नी की ये बात सुनते ही सभी सेलेब्स इमोशनल हो गए और उन्हें सांत्वना देने लगे.

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Anupama से बदला लेगा तोषू, छोटी अनु को पहुंचाएगा नुकसान!

सीरियल अनुपमा (Anupama) में इन दिनों फैमिली ड्रामा बढ़ता दिख रहा है. जहां तोषू के कारण लीला और अनुपमा के बीच तकरार कम होने का नाम नहीं ले रही है तो वहीं बरखा, किंजल को भड़काती दिख रही है. इसी के चलतो तोषू का गुस्सा छोटी अनु पर निकलता हुआ दिखने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा सीरियल में आगे (Anupama Update In Hindi)…

अनुपमा को दोषी ठहरा रही बा

 

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अब तक आपने देखा कि बा, कपाड़िया हाउस में जाकर हंगामा करती है. लेकिन अनुपमा और अनुज उन्हें घर से जाने के लिए कहते हैं, जिसके बाद बा घर आकर वनराज को किंजल के वापस न आने की बात बताती हैं. इसी के साथ वह कहती हैं कि अनुपमा के कारण यह सब हुआ है. दूसरी तरफ, अनुज, बरखा और अंकुश से औफिस के बारे में पूछता है, जिसे सुनकर वह हैरान रह जाते हैं.

किंजल के पास पहुंचा तोषू

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि तोषू के गायब होने से पूरा शाह परिवार परेशान दिखेगा. वहीं अनुपमा से बात करते वक्त किंजल को भी तोषू के बारे में पता चलेगा और वह परेशान हो जाएगी. दूसरी तरफ, बरखा इस बात का फायदा उठाकर किंजल को दोबारा शाह हाउस जाने के लिए कहेगी. ताकि वह कपाड़िया हाउस छोड़कर चली जाए. इसी बीच तोषू, कपाड़िया हाउस आकर अपनी बेटी से मिलने के लिए हंगामा करेगा और खुद को नुकसान पहुंचाने की बात करेगा. लेकिन अनुपमा उसे रोकेगी नहीं.

अनुपमा को धमकी देगा तोषू

इसके अलावा आप देखेंगे कि बेटी आर्या और किंजल से दूर होने के लिए परितोष, अनुपमा को जिम्मेदार मानेगा और उसे धमकी देगा कि वह उसे छोटी अनु से अलग कर देगा ताकि वह भी उसका दर्द महसूस कर सके. हालांकि अनुपमा, तोषू को करारा जवाब देते हुए कहेगी कि वह अपनी सीमा में रहे क्योंकि अगर उसने कुछ गलत कदम उठाया तो वह भी अपनी सीमा भूल जाएगी.

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