Food Special: 30 मिनट में बनाएं कीमा पोटली

आज के समय में सभी नॉनवेज को कई तरह की रेसिपी से बनाई जाती है. इसी में एक रेसिपी है कीमा की जो कि कई तरह से बनाई जाती है, लेकिन आज हम यहां कीमा पोटली के बारें में बताएंगे जो कि खाने में बहुत ही टेस्टी होती है. जानिए इसे बनाने की विधि के बारें में.

सामग्री

1. 200 ग्राम कीमा

2. दो कप गेहूं का आटा

3. दो चम्मच सूजी

4. एक चम्मच हल्दी पाउडर

5. एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर

6. एक चौथाई चम्मच हींग

7. स्वादानुसार नमक

8. दो बारीक कटा हुआ प्याज

9. दो बारीक कटी हरी मिर्च

10. तलने के लिए ऑयल

ऐसे बनाएं कीमा पोटली

सबसे पहले एक पैन में तेल डालकर गर्म करें. इसके बाद इसमें जीरा, हींग, हरी मिर्च, प्याज डालकर फ्राई होने तक भूनें. इसके बाद कीमा को अच्छी तरह से फ्राई करें. इसके बाद इसमें लाल मिर्च पाउडर, हल्दी, नमक और गरम मसाला डालकर अच्छी तरह मिक्स करें. इसके बाद इसे 3-4 मिनट पकाएं. आपका कीमा तैयार है.

अब पोटली बनाने के लिए आटे में सूजी मिलाकर इसे गूंद लें और इसके छोटी-छोटी लोई बनाकर रोटी बेल लें. इसके बाद इन्हें तलने के लिए एक पैन में तेल डालकर गैस पर रख दें. हर रोटी में कीमा का मिश्रण भर दे. इसके बाद इन्हे डीप फ्राई करें और जब तक कि ये गोल्डन ब्राउन न हो जायें. इसके बाद इन्हें एक प्लेट में निकाल लें. और इसे चटनी के साथ सर्व करें.

ऐक्सपायर्ड मेकअप प्रोडक्ट्स का ऐसे करें इस्तेमाल

महिलाएं हजारों रुपए खर्च कर डिफरैंट शेड्स की लिपस्टिक्स, आईलाइनर, मसकारा जैसे कौस्मैटिक्स खरीद तो लेती हैं, लेकिन कभी उन का इस्तेमाल पूरी तरह से नहीं कर पातीं और फिर डेट ऐक्सपायर्ड होने पर आधे से ज्यादा बचे प्रोडक्ट्स मन मार कर फेंकने पड़ते हैं. यदि आप का भी मन महंगे कौस्मैटिक्स को फेंकने का नहीं करता, तो न फेंकें और कुछ इस तरह करें उन्हें रियूज.

1. लिपबाम

कड़ाके की सर्दी से अपने नर्मनाजुक होंठों की सुरक्षा के लिए बेशक आप भी लिपबाम का इस्तेमाल करती होंगी और गरमी के दस्तक देते ही उसे दरकिनार कर देती होंगी, लेकिन अब ऐसा न करें, क्योंकि आप न सिर्फ यूज किए, बल्कि ऐक्सपायर्ड हो चुके लिपबाम को भी रियूज कर सकती हैं. जी हां, अगर आप को शू बाइट की शिकायत है, तो जहां शू बाइट हो रही हो, वहां लिपबाम लगाएं और शूज पहन लें. इस से आप काफी कंफर्टेबल फील करेंगी और शू बाइट भी नहीं होगी.

2. आईशैडो

क्या आप के पास भी ऐक्सपायर्ड हो चुका डिफरैंट शेड्स वाला आईशैडो पैलेट पड़ा है और अब आप उसे फेंकने की तैयारी में हैं? अगर हां तो ऐसा न करें. शायद आप को यकीन न हो, लेकिन ऐक्सपायर्ड हो चुके आईशैडो से आप घर बैठे नेलपौलिश बना सकती हैं. इस के लिए एक ट्रांसपैरेंट नेलपौलिश लें और उस के ब्रश को आईशैडो पर रगड़ कर (ठीक उसी तरह जिस तरह आप आईशैडो लगाने के लिए ब्रश घुमाती हैं) नाखूनों पर लगाएं. इस से आप मनचाहा नेलपैंट कलर भी लगा लेंगी और आईशैडो खरीदने में लगी रकम को भी वसूल लेंगी.

3. लिपस्टिक

डेट ऐक्सपायर्ड होने की वजह से अगर आप अपनी पसंदीदा लिपस्टिक नहीं लगा पा रहीं तो टैंशन न लें, क्योंकि अब आप उसी रंग का लिपबाम लगा सकती हैं. इस के लिए 1 छोटी कटोरी में 1 छोटा चम्मच वैसलीन जैसी कोई भी कोल्ड क्रीम लें. अब इस में चाकू से काट कर थोड़ी सी लिपस्टिक डाल दें. फिर इसे 3 मिनट के लिए माइक्रोवेव में रखें. अब आप जब इसे बाहर निकालेंगी तब यह अच्छी तरह पिघल कर लिक्विडनुमा नजर आएगी. अब इसे जमने के लिए कुछ घंटों के लिए फ्रीजर में रख दें. आप का लिपबाम तैयार है.

4. काजल

अकसर ऐसा होता है कि जब हम कहीं जाने के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं तब अचानक हमारी नजर मांग के पास खड़े छोटे सफेद बाल पर पड़ती है. बेशक कुछ महिलाएं इसे तुरंत कैंची से काट देती हैं, लेकिन तब भी जड़ के करीब सफेद बाल झांकता नजर आता है. ऐसे में इसे छिपाने के लिए ऐक्सपायर्ड हो चुका काजल आप के काम आ सकता है, जो आप के सफेद बाल को मिनटों में काला कर सकता है.

5. पाउडर बेस्ड कौस्मैटिक

फेस पाउडर या पाउडरनुमा फाउंडेशन, आईशैडो, ब्लशऔन की डेट अगर ऐक्सपायर्ड हो गई है और उस की मात्रा बहुत अधिक है, तो उस का इस्तेमाल क्राफ्ट पेपर को चमकाने या फिर किसी पेंटिंग को नया रूप देने के लिए भी किया जा सकता है. कौस्मैटिक प्रोडक्ट्स में शाइनी इफैक्ट के लिए यूज किया जाने वाला ग्लिटर आप की पेंटिंग को और भी खूबसूरत लुक दे सकता है.

6. क्रीम बेस्ड कौस्मैटिक

डेट ऐक्सपायर्ड होने के बाद मौइश्चराइजर, सनस्क्रीन या फिर बौडी लोशन को स्किन मौइश्चराइजिंग के लिए यूज न करते हुए लैदर की चीजों को चमकाने के लिए इन का इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे लैदर के बूट, शूज, बैग, पर्स, बैल्ट, जैकेट, कोट आदि. इन्हें पोंछने के लिए कौटन पर क्रीम लगाएं और हलके हाथों से लैदर की चीजें पोंछें. इस से धूल लगी हुई लैदर की चीजें फिर से चमकने लगेंगी.

7. मसकारा

बाकी मेकअप प्रोडक्ट्स के मुकाबले मसकारा की उम्र बहुत कम होती है. ऐसे में इसे पूरी तरह यूज करने से पहले ही इस की डेट ऐक्सपायर्ड हो जाती है और इसे न चाहते हुए भी फेंकना पड़ता है. लेकिन आप ऐसा न करें, क्योंकि ऐक्सपायर्ड हो चुका मसकारा न सही, लेकिन मसकारा ब्रश आप के बहुत काम आ सकता है. अत: इस के ब्रश को अच्छी तरह धो कर उसे अपने मेकअप टूल्स बौक्स में रख लें और इस का इस्तेमाल बतौर आईब्रो ब्रश और आईलैशेज को कर्ल करने के लिए करें.

8. आईलाइनर

अगर आप का पैंसिल या पैननुमा किसी भी शेड का आईलाइनर आउटडेटेड हो गया है, तो उसे फेंकने के बजाय उसे रियूज करें जैसे अगर आप के घर में रखी किसी पेंटिंग का रंग धूप से उड़ चुका है, तो उस के बौर्डर को आईलाइनर से आउटलाइन दें. इसी तरह इस का इस्तेमाल आप किचन कैबिनेट में रखे अलगअलग डब्बों को नाम देने के लिए (अंदर कौन सी चीज रखी है यह लिखने के लिए) भी कर सकती हैं. इस के लिए पहले डब्बों पर प्लेन पेपर चिपकाएं, फिर आईलाइनर से सुंदर अक्षरों में उस का नाम लिखें. यह नौर्मल पैन और पैंसिल से ज्यादा उभरा नजर आता है और जल्दी मिटता भी नहीं है.

9. नेलपौलिश

अगर किसी नेलपौलिश की डेट ऐक्सपायर्ड हो चुकी है, तो उसे अपने कौस्मैटिक बौक्स से हटा कर ज्वैलरी बौक्स में रख दें. जी हां, यह आप के बहुत काम आ सकती है जैसे अगर आप जब भी आर्टिफिशियल नैकलैस पहनती हैं और आप को स्किन ऐलर्जी जैसे खुजली, लाल चकत्तों आदि की शिकायत होती है तब नैकलैस के पीछे नेलपौलिश लगा दें. इस से स्किन ऐलर्जी नहीं होगी. इसी तरह ऐक्सपायर्ड नेलपौलिश का इस्तेमाल आप चाबी, फुटवियर की हील्स, हेयरक्लिप जैसी ऐक्सैसरीज को रंगने के लिए भी कर सकती हैं.

क्या कोई ऐसा उपाय है जिससे पीरियड्स पहले या बाद में हो?

सवाल-

मैं 26 साल की युवती हूं. मेरा 2 महीने बाद विवाह होने वाला है. मेरा मासिकचक्र बिलकुल नियमित है. गिनती करने पर मुझे लगता है कि जिस महीने मेरा विवाह होने वाला है उस महीने मासिकधर्म और विवाह की तारीख एकदूसरे से मिल जाएं. क्या कोई ऐसा उपाय है जिस से मासिकधर्म पहले या बाद में हो?

जवाब-

आप बहुत आसानी से मासिकधर्म को आगेपीछे कर सकती हैं और यह निर्णय आप अभी से ले लें तो बेहतर होगा. अपनी फैमिली डाक्टर से मिल कर आप अभी से गर्भनिरोधक कौंट्रासेप्टिव पिल्स लेना शुरू कर दें.

इन का नियम बिलकुल सरल है. जिस तारीख को आप पीरियड्स शुरू होने की इच्छा रखती हैं, उस से 3-4 दिन पहले कौंट्रासेप्टिव पिल्स बंद कर दें. पीरियड्स के 5वें दिन से दोबारा कौंट्रासेप्टिव पिल्स लेना शुरू कर दें. आमतौर पर ये पिल्स अगले 21 दिनों तक लेनी होती हैं. पर विशेष स्थितियों में जब पीरियड्स अधिक दिन तक विलंबित करने होते हैं तो कौंट्रासेप्टिव पिल्स अधिक दिनों तक भी जारी रखी जा सकती हैं. उन्हें बंद करने के 3-4 दिनों बाद पीरियड्स आ जाता है. इस हिसाब से डाक्टर से चर्चा कर आप मासिकधर्म जितने दिन चाहें, उतने दिन आगे खिसका सकती हैं.

कौंट्रासेप्टिव पिल्स लेने से आप विवाह के शुरू के दिनों में गर्भवती होने से भी बची रहेंगी. पर यह ध्यान रखें कि कौंट्रासेप्टिव पिल्स शुरू करने से पहले फैमिली डाक्टर से एक बार सलाह जरूर ले लें.

जिन स्त्रियों को मिरगी, माइगे्रन, डायबिटीज या हाई ब्लडप्रैशर हो या फिर जो धूम्रपान करती हों, जिन्हें मासिक ठीक से न होता हो, जिन के खून में कोलैस्ट्रौल अधिक मात्रा में हों, जिन्हें पहले कभी खून का थक्का बना हो, उन्हें कौंट्रासेप्टिव पिल्स नहीं दी जातीं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

पतिपत्नी और कानूनी बंधन

आजकल बिना शादी किए एक छत के नीचे एक लडक़ेलडक़ी का साथसाथ रहना कम से कम बड़े शहरों में सहज स्वीकार होने लगा है और चाहे मकान किराए पर मिलने में कठिनाई हो पर ऐसे उदार मकान मालिकों की कमी नहीं है जो कहते हैं कि हमारी बला से कि तुम दोनों में किस तरह का रिश्ता है, हमें किराए से मतलब है. लेकिन लिवइन रिलेशनशिप में कठिनाई जब आती है जब दोनों में से कोई एक शादीशुदा हो या दोनों शादीशुदा और उन के विवाहित शादी लडऩेमरने को आ जाए.

राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक ऐसे जोड़े को पुलिस प्रोटेक्शन दिलवाने से इंकार कर दिया क्योंकि जज साहब की दृष्टि में यह अनैतिक है. विवाहित लोगों को अपनेअपने साथी के साथ ही रहने का हक है. यह संदेश उन्होंने छिपे शब्दों में दे दिया.

कामकाजी औरतों के युग में विवाहित पुरुष का दूसरे की बीवी के साथ एक साथ रहने लगना अब अजीब नहीं रह गया है. विवाहित पुरुष तो सदियों से दूसरी अविवाहित लड़कियों के साथ रहते रहते हैं और उन की पत्नियां इसे अपने भाग्य समझ कर घर में फटेहाल पड़ी रहती थीं पर अब जब 2 जोड़ों में चारों कमाऊ हो तो पतिपत्नी के अलावा जोड़ा बन जाए तो कानून कहां आता है, यह सवाल तब उठता है जब कोई अपराधिक घटना हो जाए.

समाज ही नहीं घरपरिवार के लोग भी इस तरह के जोड़े को संदेह की दृष्टि से देखते हैं और छोड़े गए पति व पत्नी सब की निगाहों में सिंपैथी तो पा ही लेते हैं.

यह तो पक्का है कि विवाह का आधार चाहे धाॢमक हो या न हो, यह कानूनी तो अवश्य बन चुका है. विरासत के कानून में, गोद लेने के कानून में, ङ्क्षहसा के मामलों में जो अधिकार कानूनी पत्नी को हैं, वे लिवइन में रह रहा ‘पत्नी’ को नहीं है. अगर वह अपने कानूनी पति को छोड़ कर किसी और के साथ रह रही है, तो उस से कोई भी हमदर्दी नहीं रखता न ही उसे किसी तरह की प्रोटेक्शन मिलती है. गैर शादीशुदा लडक़ी को तो फिर भी कुछ बच्चा समझ कर कुछ सपोर्ट मिल जाती है पर शादीशुदा पत्नी जब किसी और के साथ रहे तो आफत ही रहती है.

पहले तो इंडियन पीनल कोर्ड की धारा 497 मेंं पत्नी के साथ किसी और से संबंध हो तो पति पर अपराधिक मामला दर्ज कराने का हक था पर हाल में सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को रद्ध कर दिया. फिर भी इसे सामाजिक स्वीकृति नहीं मिली है. समस्या तब आती है जब मारपीट आपस में या किसी बाहर वाले से हो जाए. समस्या तब भी आती है जब बच्चा होने लगे तो किस का नाम दिया जाए. कानून अविवाहित युवती को बिना पिता के नाम से बर्थ सॢटफिकेट तो दे रहा है पर जहां युवती का कानूनी पति ङ्क्षजदा है वहां पिता के तौर पर बायलौजिकल लिवइन पिता का नाम देना टेढ़ी खीर है.

हमारे यहां यह समस्या उग्र इसलिए हो रही है कि यहां तलाक आसानी से नहीं मिलता. यदि  शादीशुदा आदमी और औरत अपनेअपने कानूनी साथी से तलाक ले कर शादी करना चाहें तो प्रक्रिया वर्षों तक चलती है और इस दौरान उन्हें लिवइन रिलेशनशिप में रहना पड़ता है.

एक पतिपत्नी कानूनी बंधन के कारण साथ जबरन पड़े, यह नितांत गलत है. साथी का व्यवहार, संबंधी, जरूरतें, आकाशाएं, अलग हो सकती हैं और उन्हें इसी तरह अलग रहने का हक होना चाहिए जो शादी करने के समय था. अफसोस यह है कि चाहे यह समस्या बड़ी हो, राजनीतिक दल इस जलती छड़ को पकडऩे को तैयार नहीं हैं. उन का सहमति के बिना कानूनों में बदलाव भी संभव नहीं है.

सास बहू के रिश्ते में किस काम की ऐसी रस्में

अमला और सुयश का विवाह धूमधाम से संपन्न हो गया. घर में बहुत ही हंसीखुशी का माहौल था. सुयश की मां माया और पति अमला सासबहू कम, मांबेटी ज्यादा लग रही थीं.  सारे मेहमान चले गए तो माया ने कहा, ‘‘अमला, अब फ्री हुए हैं. आ जाओ, हिसाब  कर लें.’’

अमला कुछ समझी नहीं. बोली, ‘‘कैसा हिसाब? मांजी, मैं समझी नहीं.’’

‘‘अरे, वह जो तुम्हें मुंहदिखाई में कैश मिला है. सब ले आओ.’’

अमला अपना पर्स ले आई. सारा कैश निकाल कर माया को पकड़ा दिया. अमला ने सोचा, देख रही होंगी कि किस ने क्या दिया है. फिर उसी को पकड़ा देंगी.  सारा कैश गिन कर माया ने अपने पर्स में रख लिया तो अमला के मुंह से निकल गया, ‘‘मांजी, इन्हें आप रखेंगी?’’

‘‘हां, और क्या? इतने सालों से सब को दे ही तो रही हूं. यह मेरा दिया हुआ ही तो वापस आया है.’’

‘‘पर यह तो बहू का होता है न.’’

‘‘नहीं अमला, इस पर सास का हक होता है, क्योंकि मैं ही तो दे रही हूं सालों से, न देती तो कौन दे कर जाता?’’

नईनवेली बहू अमला चुप रही, पर मन ही मन सास पर इतना गुस्सा आया कि कई रिश्तेदारों, परिचितों से इस बात की शिकायत कर दी. माया को पता चला तो अमला पर बहुत गुस्सा हुईं.

रिश्ते में दरार

मांबेटी जैसा प्यार धरा का धरा रह गया. शुरुआती दिनों में ही दिलों में ऐसी कटुता जन्मी कि रिश्ता फिर मधुर हो ही नहीं पाया. माया सब से कहती कि अमला को खुद ही ये पैसे ‘उन्हीं का हक है’ कह कर खुशीखुशी दे देने चाहिए थे. उधर अमला का कहना था कि यह उन की मुंहदिखाई का उपहार है, पैसे उसे ही मिलने चाहिए थे.

एक रस्म ने सासबहू के रिश्ते में उपजी मिठास को पल भर में खत्म कर दिया. 4 दिन में ही इस रिश्ते में जो प्यार व सम्मान दिखाई दे रहा था, पैसे की बात आई तो दरार पड़ गई. माया और अमला दोनों ही सासबहू के रिश्ते को प्यार  व सम्मान से निभाने की तैयार कर रही थीं पर फिर ऐसी दरार उभरी जो कभी न भर पाई. आज  3 साल बाद भी माया और अमला को किसी के भी विवाह के समय यह बात याद आ जाती है तो आज भी बहस छिड़ जाती है.

बढ़ती हैं दूरियां

सुशीला ने अपनी बड़ी बहू नीता जो साधारण परिवार से आई थी और दहेज में भी कुछ खास नहीं लाई थी, उसे मुंहदिखाई में  100 रुपए पकड़ा दिए थे. छोटी बहू नताशा अमीर परिवार की लड़की थी जो अपने साथ बहुत  कुछ लाई थी, उस की मुंहदिखाई में सुशीला ने उसे सोने का सैट दिया तो नीता को बहुत दुख हुआ.

उस ने मुंह से तो कुछ नहीं कहा पर सास के इस भेदभाव ने उस का मन इतना आहत कर दिया कि वह उन से धीरेधीरे दूर होती चली गई. नताशा के समय मुंहदिखाई का पैसा भी सुशीला ने नहीं लिया जबकि नीता से 1-1 रुपया ले लिया था. यह बात सुशीला के बड़े बेटे रमेश ने भी नोट की तो उसे मां का यह भेदभाव अच्छा नहीं लगा. मन में दूरियां बढ़ती चली गईं.

ऐसी रस्मों से फायदा ही क्या जो किसी का मन दुखा दें. विवाह का अवसर घर में, जीवन में खुशियां लाता है पर कुछ रस्में घर के आपसी संबंधों में कटुता उत्पन्न करती हैं. हमारा समाज आडंबरों, रीतिरिवाजों से घिरा है और आजकल तो परिवार में गिनेचुने ही लोग होते हैं. उन में भी अगर ऐसी रस्मों के चलते कड़वाहट भर जाए तो ऐसी रस्में जीवन भर कचोटती हैं. कोई भी रिश्ता किसी रस्म के चंद पैसों से बढ़ कर नहीं है.

तीज 2022: कोल्ड वैक्स स्ट्रिप है तो नो टैंशन

अकसर आप के साथ भी ऐसा होता होगा कि अंडरआर्म्स की वजह से आप को आखिरी समय में ड्रैस चेंज करनी पड़ती होगी और आप के पास इतना समय नहीं हो कि ब्यूटीपार्लर जा कर वैक्स करा सकें. ऐसे में आप को लेटैक्ट फैशन के बजाय अपनी वही पुरानी ड्रैस पहन कर जाना पड़ता होगा, जिसे सब ने कईर् बार देखा होगा.

मगर इस समर आप चाहती हैं कि हौट व फैशनेबल दिखें और आप को अपनी ड्रैस के साथ समझौता न करना पड़े, तो कोल्ड वैक्स स्ट्रिप आप के लिए बैस्ट औप्शन है. इस से आप कभी भी कहीं भी खुद वैक्स कर सकती हैं. आप को पार्लर में वैक्सिंग के लिए घंटों इंतजार करने की जरूरत नहीं है.

कैसे खास है कोल्ड वैक्स स्ट्रिप

ईजी टू यूज

कोल्ड वैक्स स्ट्रिप यूज करने में आसान है. इस में वैक्स को पहले गरम करने, धीरेधीरे लगाने और निकालने का झंझट नहीं होता. बस स्ट्रिप को हाथ से 5-10 सैकंड रब कर ग्रोथ की उलटी डाइरैक्शन में लगा मिनटों में हेयर फ्री स्किन पाएं. कोल्ड वैक्स स्ट्रिप की सब से खास बात यह है कि इसे सभी उम्र की महिलाओं के लिए इस्तेमाल करना आसान है.

समय की बचत

वैक्स कराने के लिए ब्यूटीपार्लर में घंटों इंतजार करना पड़ता है और फिर वैक्स होने में जो समय लगता है वह अलग. पर कोल्ड वैक्स स्ट्रिप में टाइम लिमिटेशन नहीं है. अब आप को जब समय मिले तब वैक्स कर सकती हैं और वह भी बिना किसी झंझट के.

कैरी करना आसान

कहीं घूमने जा रही हैं, तो आराम से हैंडबैग में कैरी कर सकती हैं. यह लीक नहीं होती और न ही वजनदार है.

नो पेन

वैक्सिंग का यह सब से आसान तरीका है. इस से बाल मिनटों में निकल जाते हैं. इस से न तो त्वचा पर किसी तरह की लालिमा आती है और न ही दर्द व जलन होती है. यह डैड स्किन की ऊपरी परत को भी निकालती है और त्वचा को स्मूद व सौफ्ट बनाती है.

हाइजिनिक

पार्लर में कई तरह की महिलाएं आती हैं. सभी पर एक ही प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जिस से इन्फैक्शन होने का खतरा रहता है, पर कोल्ड वैक्स स्ट्रिप हाइजिनिक है. बस इस्तेमाल किया और फेंक दिया. इस की सब से खास बात यह है कि इस में किसी तरह की बदबू नहीं आती.

कई वैराइटीज में उपलब्ध

ब्यूटीपार्लर में अलगअलग वैक्स के अलगअलग चार्जेज होते हैं पर कोल्ड वैक्स स्ट्रिप में एक ही दाम में अलगअलग स्किन के अनुसार अलगअलग स्ट्रिप्स की कई वैराइटीज उपलब्ध हैं जैसे बटर, बैरी, ऐलोवेरा, लोव्स, विटामिन ई आदि. मार्केट में कई कंपनियों की कोल्ड वैक्स स्ट्रिप उपलब्ध हैं, जिन में से वीट भी एक है.

छितराया प्रतिबिंब: क्या हुआ था मलय के साथ

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पीरियड्स में ब्रेस्‍ट पेन हो तो आजमाएं ये घरेलू नुस्‍खे

पीरियड्स के दौरान काफी सारी महिलाओं को ब्रेस्‍ट में दर्द महसूस होता है. ऐसा इसलिये होता है क्‍योंकि उस दौरान हमारे शरीर में कई सारे हार्मोनल चेंज हो रहे होते हैं.

ब्रेस्‍ट में कड़ापन, दर्द और सूजन देख कर कई महिलाओं को शंका हो जाती है कि कहीं यह ब्रेस्‍ट कैंसर के संकेत तो नहीं. हार्मोनल बदलाव के अलावा भी कई ऐसी और भी चीज़ें हैं, जो ब्रेस्‍ट में दर्द पैदा कर सकती हैं, उदाहरण के तौर पर शरीर में पोषण की कमी, खराब खान-पान की आदत और बहुत ज्‍यादा तनाव.

अगर आपको भी अपने पीरियड्स के समय ब्रेस्‍ट में दर्द रहता है तो, हमारे बताए हुए घरेलू उपचार जरुर आजमाएं, आपको इससे जरुर राहत मिलेगी.

केस्टर ऑयल

केस्टर ऑयल को जैतून के तेल के साथ मिक्‍स करें और उससे अपने ब्रेस्‍ट को हल्‍के हाथों से मसाज करें. इससे आपको आराम मिलेगा.

गरम पानी से सिकाईं

गरम पानी के बरतन में एक सादा कपड़ा डाल कर उसे निचोड़ें और फिर उसको अपने ब्रेस्‍ट पर तब तक रखें जब तक कि वह कपड़ा गरम बरकरार रहे. ऐसा 10 मिनट तक करें. इस गर्मी की वजह से खून की धमनियां खूल जाएंगी और खून पूरे शरीर में प्रवाह करने लगेगा. इससे ब्रेस्‍ट का दर्द कम हो जाएगा.

बरफ का पैक

एक साफ कपड़े में कुछ बरफ ले लें, फिर इसे ब्रेस्‍ट पर रखें. इससे दर्द कम हो जाएगा क्‍योंकि खून की सिकुड़ी हुई धमनियां खुल जाएंगी.

सौंफ

सौंफ से सूजन और दर्द दोंनो ही चीजें कम हो जाएगी. आप इसे चाय की तहर ले सकती हैं. 1 कप पानी में थोड़ी सी सौंफ डाल कर उबालें और उसे छान कर पी लें.

पीपल की पत्‍तियां

एक पैन में पीपल की पत्‍तियां रख कर उस पर कुछ बूंद सरसों या जैतून का तेल डाल कर गरम करें. फिर इन गरम पत्‍तियों को ब्रेस्‍ट पर रख कर सिकाईं करें. इन पत्‍तियों से 4-5 बार सिकाई करें.

केला

केले में पोटैशियम पाया जाता है, जिसको खाने से ब्रेस्‍ट में जमा रक्‍त प्रवाह करने लगता है और दर्द कम हो जाता है.

नारियल पानी

नारियल पानी में भी पोटैशियम की मात्रा काफी अधिक होती है, जिसे पीने पर दर्द कम हो जाता है.

अलसी के बीज

आपको अपने डाइट में रोजाना अलसी के बीजों को शामिल करना चाहिए. इन्‍हें खाने से दर्द में कमी आती है.

हरी पत्‍तेदार सब्‍जियां

ब्रॉक्‍ली और पालक जैसी सब्‍जियां शरीर में estrogen level को कम करती हैं, जिससे ब्रेस्‍ट में दर्द कम होता है.

पीरियड्स का दर्द दे सकता है हार्ट अटैक

पीरियड्स का दर्द और इस दौरान होने वाला ब्लड फ्लो सबके लिए अलग होता है. किसी को इस दौरान बहुत अधिक फ्लो और दर्द का सामना करना पड़ता है तो किसी को न के बराबर दर्द होता है.

अब तक पीरियड्स के दर्द को सिर्फ कमजोरी और चिड़चिड़ेपन से ही जोड़कर देखा जाता था लेकिन हाल में हुए एक शोध के मुताबिक, जिन महिलाओं को माहवारी के दौरान बहुत अधि‍क तकलीफ उठानी पड़ती है उन्हें हार्ट अटैक होने की आशंका तीन गुना बढ़ जाती है.

भारी और पीड़ादायक महावारी एंडोमेट्रियोसिस विकार के कारण होती है. इस विकार की वजह से यूटरस यानी गर्भाशय की बाहरी परत पर टिशूज की असामान्य वृद्धि होने लगती है.

अमेरिका के बोस्टन शहर के ब्रिंघम एंड विमेन हॉस्पिटल में हुई ए‍क रि‍सर्च में यह तथ्य सामने आया है. इसके मुख्य लेखक , फैन मू के मुता‍बिक, एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिलाओं में दूसरी महिलाओं की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा तीन गुना अधि‍क होता है. चौंकाने वाली बात यह है कि युवावस्था में यह जोखिम अधिक होता है.

इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने नर्सेस हेल्थ स्टडी के दूसरे भाग की एक लाख 16 हजार 430 महिलाओं के आंकड़ों का आकलन किया. शोधार्थियों का कहना है कि एंडोमेट्रियोसिस के ऑपरेशन से भी आंशिक रूप से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है.

यह शोध ‘सर्कुलेशन कार्डियोवस्कुलर क्वालिटी एंड आउटकम्स’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

आप भी हैं ऑनलाइन शॉपिंग करने की शौकीन?

अगर आप भी ऑनलाइन शॉपिंग करना पसंद करती हैं, तो सावधान हो जाइए, क्योंकि आप साइबर अपराधियों के निशाने पर हो सकती हैं. आज कल त्योहारों के खास मौके पर साइबर क्राइम के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें साइबर अपराधी इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों को अपना निशाना बनाने की फिराक में हैं.

कंप्‍यूटर या स्मार्टफोन की स्क्रीन पर पूरी दुनिया का बाजार सिमट आया है. लोग ऑनलाइन शॉपिंग का जमकर इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि जो लोग ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर पूरी तरह से बेफिक्र हैं, उन्हें भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए और जिन्होंने अभी अभी शॉपिंग करना शुरु किया है वे भी सावधान हो जाएं, क्योंकि साइबर अपराधी की नजर आप पर हो सकती है.

कई बार कुछ ऐसे केस भी देखे जाते हैं जहां आपको पहले ईमेल भेजा जाता है और फेक डोमेन नेम यूज किया जाता है, ताकि आप उस ईमेल को खोलें और उस साइट पर जाएं जहां फेक डोमेन नेम यूज किया गया है.

ये मेल पॉपुलर ब्रांड्स के नामों से भेजे जाता हैं और इन पर 80 फीसदी डिस्काउंट भी दिए जाते हैं, ताकि लोग आकर्षित होकर खरीदें.

ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार इतना बड़ा है कि साइबर अपराधी हमेशा इस बाजार में अपने शिकार की फिराक में रहते हैं. एक अनुमान के मुताबिक भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का बाजार 4 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है.

आजकल ऑनलाइन ऑफर्स की बरसात करने वाले ई-मेल्स का आना आम बात है लेकिन इसमें से कई ई-मेल आपको गलत वेबसाइट की तरफ ले जा सकते हैं. अगर आपने इनमें अपनी जानकारी दे दी तो साइबर अपराधी इसका फायदा उठा सकते हैं. इस तरह के मामलों को स्पियर फिशिंग कहते हैं.

यूं बचें ऑनलाइन शॉपिंग में धोखा खाने से :

– अनजान वेबसाइट पर शॉपिंग न करें.

– डिस्काउंट्स के चक्कर में पड़कर किसी स्कैम का शिकार न हों.

– पेमेंट करते हुए सचेत रहें.

– किसी और के मोबाइल फोन से शॉपिंग करना भी खतरनाक हो सकता है.

– अनसेक्योर्ड इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल ऑनलाइन पेमेंट या शॉपिंग के लिए न करें.

मजबूती के दावे और सरकार

देश में एक पार्टी मजबूत हो रही है, एक ध्धमर्म मजबूत हो रहा है. संस्कार मजबूत हो रहे हैं. मंदिरों के खंबे मजबूत हो रहे हैं. सरकार की जनता पर पकड़ मजबूत हो रही है. पुलिस के पंजे मजबूत हो रहे हैं. कानून मजबूत हो रहा है. जो चीख सकते हैं, नारे लगा सकते हैं, मजबूत हो रहे हैं.

पर इस चक्कर में सामाजिक बंधन तारतार हो रहे हैं. सपने टूट रहे हैं. कल के भविष्य की आशाएं धूमिल हो रही हैं. चाहे घरों में बच्चे कम हो रहे हैं फिर भी उन्हें पढ़ाई कर के सुखी देखने की आशा टूट रह है. घरों की दीवारों का रंग फीका हो रहा है. ममहीन, सुखद, गारंटेड फ्यूचर की नींव कमजोर हो रही है.

जब देश में हर समय खबरें सिर्फ छापों, रेडों और पाॢटयों को तोडऩे की हो रही हो तो जोडऩे की बातें कहां होंगी. एक समाज तब बनता है जब पड़ोसी से, एक गली का दूसरी गली से जुड़ाव हो, एक ईलाके की मिसाल दूसरे इलाकों से हो, देश के निवासी अपने को व्यापक भीड़ में सुरक्षित समझें न कि भगदड़ का अंदेशा हो, ट्रैफिक जाम का डर हो, लंबी लाइनों का भय हो.

आंकड़ों में देश में सब कुछ अच्छा हो रहा है पर किसी के भी व्हाट्सएप गु्रप, ट्विटर अकाउंट, इंस्टाग्राम, फेसबुक के पेजों को देख लें, एक भय का साया दिख जाएगा. इस काले साए का रंग हर घर पड़ रहा है, पतिपत्नी संबंधों पर पड़ रहा है, भाईबहन पर पड़ रहा है.

सरकार जनता से इतनी भयभीत है कि हर चौराहे पर 4-5 कैमरें लगे हैं. हर मील में 2 जगह बैरीयर रखे हैं, सरकार हर समय आप का आधार नंबर, पैन नंबर, पासवर्ड, यूजर नेम पूछ रही है. हर समय डर लगता है कि बैंक अकाउंट केवाईसी के चक्कर में बंद न हो जाए, क्रेडिट कार्ड की पेमेंट डिक्लाइन न हो जाए, बिजली का बड़ा बिल न आ जाए. पैट्रोल गैस का दाम फिर न बढ़ जाएं. यह डर हर संबंध को दीमक और घुन की तरह खाता है.

पतिपत्नी का जोड़ा साथ रहते हुए भी भरोसा नहीं करता. भाईभाई, भाईबहन अपनेअपने भविष्य के लिए दूसरे के हकों को तो रौंद नहीं रहे, यह डर रहता है. कोई ऐसी बिमारी न आ जाए जिस का इलाज मुश्किल हो या इलाज इतना मंहगा हो कि अफोर्ड नहीं कर सकते. छुट्टी में डर लगता है कि लौंड स्लाइड न हो जाए, लहरें मौत न जाए. नदी का पानी बिमार न कर दे.

देश की सारी मजबूती के दावे असलियत की धरती पर बेमानी हो चुके हैं. कल अच्छा हो या न हो, आज शाम व रात तक सब अच्छा रहे, यही डर सता रहा है और इस के आगे वादे, नारे, दावे सब निरर्थक हैं.

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