मेरे पति की स्मोकिंग से क्या फेफड़ों को खतरा है?

सवाल-

मेरे पति चेन स्मोकर थे, लेकिन अब उन्होंने स्मोकिंग काफी कम कर दी है. क्या उन के लिए फेफड़ों के कैंसर का खतरा अभी भी है?

जवाब-

स्मोकिंग, लंग कैंसर का सब से प्रमुख रिस्क फैक्टर है. सिगरेट से निकलने वाले धुएं में कार्सिनोजन यानी कैंसर का कारण बनने वाले तत्त्व होते हैं जो फेफड़ों की सब से अंदरूनी परत बनाने वाली कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त कर देते हैं. आप के पति लगातार कई वर्षों तक धूम्रपान करते रहे हैं. इस से उन के फेफड़ों को काफी नुकसान पहुंच चुका होगा. इसलिए उन के लिए फेफड़ों के कैंसर की चपेट में आने का खतरा धूम्रपान न करने वालों की तुलना में काफी अधिक है. जोखिम को कम करने के लिए उन्हें स्मोकिंग पूरी तरह छोड़ने और ऐसी आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करें जिन से उन के फेफड़े स्वस्थ रहें.

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वैसे तो सिगरेट से कैंसर होने का पता 4 दशक पहले चल गया था पर फिर भी आज भी सिगरेट्स इस कदर पी जा रही हैं कि हर साल 70 लाख लोग केवल धूएं के

कारण मरते हैं. फ्रांस में 34% लोग सिगरेट पीते हैं और भारत में 14% सिगरेटबीड़ी के आदी हैं. भारत का आंकड़ा कम इसलिए है कि यहां पानमसाले और खैनी में मिला कर तंबाकू ज्यादा खाया जाने लगा है.

वर्ल्ड हैल्थ और्गेनाइजेशन का कहना है कि सीमा में भी तंबाकू सेवन उसी तरह की गलतफहमी है जैसी कि शराब के बारे में है. थोड़े से सेवन से कुछ नहीं होता, नितांत गलत है. सिगरेट बीमारियां तो पैदा करेगी चाहे एक पीओ या 20. हां, कम पीने वालों के पास पैसे हों तो वे इलाज करा लेते हैं.

वैसे भी कम पीने का दावा करने वाले जब तनाव में होते हैं तो धड़ाधड़ पीने लगते हैं. उन्हें फिर कोई रोक नहीं पाता. दुनिया भर में 28 हजार अरब रुपए सिगरेट से होने वाले रोगों के इलाजों पर खर्च करे जाते हैं और टोबैको कंपनियां और व्यावसायिक अस्पताल इस लत का जम कर लाभ उठाते हैं.

घर में सिगरेट न घुसे यह जिम्मेदारी औरतों की है. उन्हें प्रेम करते समय ही इस पर पाबंदी लगा देनी चाहिए. जो सिगरेट पीए वह भरोसे का नहीं क्योंकि न जाने कब वह धोखा दे जाए. फिर घर में सिगरेट पीएगा तो बाकियों यानी छोटे बच्चों तक को दुष्प्रभाव झेलना पड़ेगा.

इंडियन लुक में फैंस का दिल जीत रही हैं Yeh Rishta Kya Kehlata Hai की अक्षरा

सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है (Yeh Rishta Kya Kehlata Hai) की कहानी में इन दिनों अक्षरा की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं. जहां एक तरफ उसकी जिंदगी में प्यार है तो वहीं दूसरी तरफ बहन आरोही का साथ देने के चलते वह दोराहे पर खड़ी हैं. हालांकि सीरियल से हटकर अक्षरा यानी प्रणाली राठौड़ (Pranali Rathod) अपने इंडियन लुक से फैंस का दिल जीतती नजर आ रही हैं. सीरियल में इन दिनों एक से बढ़कर एक इंडियन लुक में एक्ट्रेस फैंस को वेडिंग फैशन की टिप्स दे रही हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

लहंगे में शरमाती दिखीं अक्षरा

हाल ही में अक्षरा यानी प्रणाली राठौड़ ने अपनी पिंक कलर के हैवी एम्बौयडरी वाले लहंगे में कुछ फोटोज क्लिक करवाई थीं और फैंस के साथ शेयर किया था. वहीं इस लुक में वह शरमाते हुए भी नजर आईं थीं. फैंस को एक्ट्रेस का ये लुक बेहद पसंद आया था और वह सोशलमीडिया पर काफी वायरल भी हुआ था.

साउथ इंडियन लुक से जीता फैंस का दिल

लहंगे के अलावा एक्ट्रेस ने अपना साउथ इंडियन लुक भी फैंस के साथ शेयर किया था. दरअसल, एक फोटो में प्रणाली राठौड़ नीले कलरे के लौंग स्कर्ट संग पीले ब्लाउज और दुप्ट्टे में साउथ इंडियन वाइब देती नजर आईं थीं. वहीं बालों में गजरा लगाए एक्ट्रेस ने अपने इस लुक को कम्पलीट किया था.

ट्रैंडी लहंगे में आईं नजर

अक्षरा के रोल में इन दिनों प्रणाली राठौड़ नए-नए लहंगे ट्राय कर रही हैं, जिसमें वह ट्रैंड का भी पूरा ख्याल रख रही हैं. इन दिनों पेस्टल कलर के लहंगे ट्रैंड में हैं. वहीं एक्ट्रेस भी सीरियल में पेस्टल कलर के हैवी एम्ब्रैयडरी वाले लहंगे में नजर आ चुकी हैं, जो फैंस को काफी पसंद आया था.

 

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साड़ी में भी लगती हैं खूबसूरत

लहंगों के अलावा एक्ट्रेस प्रणाली राठौड़ का साड़ी कलेक्शन भी बेहद खास है. ट्रैंड रफ्फल साड़ी में एक्ट्रेस का लुक बेहद खूबसूरत है, जिसे फैंस काफी पसंद कर रहे हैं.

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Summer Special: शाही अंदाज में सैरसपाटा

घुमक्कड़ लोग 2 मिजाज के होते हैं. पहले वाले घुमक्कड़ पर्यटन स्थलों के सैरसपाटे से ही वास्ता रखते हैं. उन के लिए कहां रुकना है या फिर कहां खानपान होगा, ज्यादा माने नहीं रखता. जबकि दूसरे मिजाज के पर्यटक पर्यटन स्थलों को जितनी तरजीह देते हैं उतनी ही तरजीह रहने के शाही ठौर और खाने के मशहूर ठिकानों को देते हैं. दूसरे मिजाज के इन्हीं पर्यटकों के लिए लग्जरी पैकेज का चलन बना है. आमतौर पर लग्जरी पैकेज कुलीन वर्ग या कहें एलीट क्लास के लोग ही अफोर्ड कर सकते हैं क्योंकि इन में शानदार इंटरकौंटिनैंटल रेस्तरां, होटल, लग्जरी रिजौर्ट, पांचसितारा होटल शामिल होते हैं. लेकिन ऐसी कोई शर्त नहीं है कि आम मध्यमवर्गीय लोग लग्जरी पैकेज नहीं ले सकते, साल में 5 बार नहीं तो साल दो साल में 1 बार तो वे भी लग्जरी पैकेज का आनंद ले ही सकते हैं. लग्जरी पैकेज में हम आप के लिए लाए हैं कुछ चुनिंदा पर्यटन ठिकानों के बारे में जानकारीपरक फीचर, ताकि इन छुट्टियों में आप भी लग्जरी टूरिज्म का यादगार अनुभव ले सकें.

पैलेस औन व्हील्स

लग्जरी पैकेज में पैलेस औन व्हील्स एक ऐसा विकल्प है जो सफर में ही पर्यटन का इतना लुत्फ देता है कि किसी मंजिल तक जाने की जरूरत ही नहीं होती. यानी चलतेचलते ही सैर कर होटल, रेस्तरां और पर्यटन का पैकेज एकसाथ लिया जा सकता है. इसीलिए पैलेस औन व्हील्स सिर्फ देसी पर्यटकों के लिए ही नहीं, बल्कि विदेशी सैलानियों को भी खासा भाता है. राजामहाराजाओं की जीवनशैली और ठाटबाट के साथ राजस्थान की सैर कराने वाली आलीशान ट्रेन ने उत्तर भारत की सर्वश्रेष्ठ लग्जरी ट्रेन का खिताब जीता है. इस ट्रेन को राजस्थान पर्यटन विकास निगम लिमिटेड एवं भारतीय रेलवे द्वारा संचालित किया जाता है. मेहमाननवाजी एवं परंपरागत शाही अंदाज के लिए हर कोई इस की सवारी एक बार जरूर करना चाहता है. ट्रेन में राजसी जीवनशैली के ठाट हैं तो वहीं पर्यटकों की मौडर्न जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्पा और हैल्थ क्लब, जिम आदि का भी इंतजाम है. जरा सोचिए चलती ट्रेन में प्रत्येक सैलून में वाशरूम के साथ वाटर प्यूरीफायर्स की सुविधा के साथ मनोरंजन का भी इंतजाम हो तो कौन नहीं चाहेगा कि यह सफर यों ही चलता रहे. इस गाड़ी में पांचसितारा होटल जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं.

फलकनुमा पैलेस

दक्षिण भारत में अगर लग्जरी पर्यटन का मजा लेना है तो ताज फलकनुमा से बेहतर विकल्प हो ही नहीं सकता. बजट यहां भी मोटा होगा लेकिन जिस शाही अंदाज की सुविधाएं यहां मिलती हैं उन्हें देखते हुए इसे महंगा कहना सही नहीं होगा. फलकनुमा पैलेस की हाल में चर्चा सलमान खान की बहन अर्पिता की शादी के दौरान जम कर हुई थी. वैसे फलकनुमा पैलेस अपने शाही मेहमानों के लिए काफी अरसे से मशहूर माना जाता है. यहां आ कर अगर आप को बीते दौर के निजाम या महाराजा जैसा फील हो तो आश्चर्य की बात नहीं.

इतिहास :

हैदराबाद का यह लग्जूरियस पैलेस पैगाह हैदराबाद स्टेट से ताल्लुक रखता है. इस पर बाद में निजामों ने आधिपत्य किया. 32 एकड़ में फैला यह शाही महल चारमीनार से महज 5 किलोमीटर दूर है. इसे नवाब विकार उल उमरा ने बनवाया था जो तत्कालीन हैदराबाद के प्रधानमंत्री थे. फलकनुमा यानी आसमान की तरह या आसमान का आईना. इस की रचना एक अंगरेजी शिल्पकार ने की थी. इसे कुल 9 साल में पूरा किया गया. इटैलियन पत्थर से बना यह फलकनुमा 93,971 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला है. सर विकार इस स्थान को अपने निजी निवास के तौर पर प्रयोग करते थे, बाद में यह हैदराबाद के निजाम को सौंप दिया गया.

फलकनुमा पैलेस के निर्माण में इतनी अधिक लागत आई कि एक बार तो सर विकार को भी एहसास हुआ कि वे अपने लक्ष्य से कहीं ज्यादा खर्च कर चुके हैं. बाद में उन की बुद्धिमान पत्नी लेडी उल उमरा की चालाकी से उन्होंने यह पैलेस निजाम को उपहार में दे दिया जिस के बदले में उन्हें इस पर हुए खर्च का पूरा पैसा मिल गया. बाद में निजाम ने इस महल को शाही अतिथि गृह की तरह से प्रयोग करना शुरू कर दिया क्योंकि इस से पूरे शहर का नजारा देखने को मिलता था. सन 2000 तक यह पैलेस सामान्य जनता के लिए बंद था.

शाही ठाट :

वर्ष 2000 में इस को मौडिफाइड कर 2010 में पर्यटकों और शाही मेहमानों के लिए खोल दिया गया. इस के कमरों व दीवारों को फ्रांस से मंगाए गए और्नेट फर्नीचर, हाथ के काम किए गए सामान तथा ब्रोकेड से सुसज्जित किया गया. यहां बिलियर्ड्स रूम भी है जिसे कि बोरो और वाट्स ने डिजाइन किया था. इस में स्थित टेबल अपनेआप में अद्भुत है क्योंकि ऐसी 2 टेबल्स का निर्माण किया गया था जिन में से एक बकिंघम पैलेस में है तथा दूसरी यहां स्थित है. खानपान के मामलों में तो यहां निजामों वाला शाही इंतजाम है. 101 सीट्स वाला भोजनगृह है जिसे दुनिया का सब से बड़ा डाइनिंग हाल माना जाता है. यहां का दरबार हाल भी काफी आकर्षक है.

शाही होटल्स :

फलकनुमा के सभी कमरों में शाही फाइवस्टार होटल के जैसे इंतजाम हैं. इंटरनैट, बिजनैस सैंटर, जिम, पूल, बेबी सिटिंग सर्विस, ब्यूटी सैलून, कौन्फ्रैंस सर्विस, नौनस्मोकिंग रूम, कौकटेल लाउंज, जकूजी मसाज सर्विस, बौडी ट्रीटमैंट, बैंक्वेट, जेड रूम, हुक्का लाउंज, बिलियर्ड ऐंड डाइनिंग रूम जैसी शाही सुविधाएं हैं. साथ ही संगीत के विशेष कार्यक्रमों की सौगात भी है.

खानपान :

जितना शाही यह पैलेस है उतना ही शाही यहां का खानपान है. खाने के नाम पर नवाबी अंदाज में बार्बेक्यू रेस्तरां में शाही लजीज कबाब और रौयल अंदाज में बिरयानी सर्व की जाती है. जेड रूम में लंच, स्पैशल खाना, चौकलेट शैंपेन और कई रौयल डिशेज परोसी जाती हैं. वाइन लिस्ट में दुनियाभर की वाइन का इंतजाम होता है. वहीं, बे्रकफास्ट में जेड वरंदाह में परंपरागत हैदराबादी डिश, चारमीनारी ब्रेकफास्ट, टर्किश और साउथ इंडियन खाना खास है. हालांकि यह सुविधा सिर्फ विंटर्स में मिलती है. रौयल टैरेस में भी इंडियन, चाइनीज और कौंटिनैंटल की सारी डिशेज फलकनुमा के टैरेस में रौयल अंदाज में परोसी जाती हैं. हुक्का लाउंज में फ्लेवर्ड हुक्का की बेहतरीन वैराइटीज और रोमांटिक मूड का खास इंतजाम है.

कुल मिला कर इस

के होटल में लग्जरी के सारे विकल्प मौजूद हैं. कौन्फ्रैंस हाल दरबार में 500 मेहमान, जेड रूम में चायपान के लिए 40 मेहमान, राजस्थानी गार्डन में 150 मेहमान और बोर्डरूम में 17 लोगों का खास इंतजाम हर समय रहता है. होटल मैनेजमैंट की तरफ से लोकल टूर गाइड भी मुहैया कराया जाता है, जो आप को लग्जरी ठिकानों की सैर कराता है.

किराया :

ताज फलकनुमा पैलेस में शुरुआती रेट 38 हजार से 40 हजार के बीच है. बाकी टूर औपरेटर्स के जरिए इस से कम की डील भी ली जा सकती है.

कैसे पहुंचें

हैदराबाद पहुंच कर इंजन बावली पहुंच गए तो समझ लीजिए आप फलकनुमा आ गए. पास में और भी पर्यटन स्थल जैसे कि नेहरू जूलौजिकल पार्क, चारमीनार, तारामती बारादरी, सालारजंग संग्रहालय भी हैं. यानी यहां शाही रहनसहन के साथ नजदीकी पर्यटन के अड्डों का भी मजा लेना बेहद आसान है. सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से इस की दूरी 15 किलोमीटर है जबकि राजीव गांधी हवाई अड्डे से यह 17 किलोमीटर दूर है. अन्य जानकारियां इस की वैबसाइट ताज होटल्स डौट कौम पर मिल जाएंगी.

द लीला : गोआ

अकसर सैलानी गोआ जाने का मतलब वहां के बीच और आईलैंड ही मानते हैं और जब वहां के नजारे के साथ रहने के विकल्प खोजते हैं तो मुश्किल में फंस जाते हैं. कोई पेइंगगैस्ट ढूंढ़ता है तो कोई होटल के मामले में कन्फ्यूज्ड रहता है. जबकि गोआ में घूमने का मतलब ढेर सारी मस्ती, स्पा, बीच और शाही रहनसहन से है. भारत में ज्यादातर नए कपल्स हनीमून के लिए गोआ आते हैं.

लेकिन जरा सोचिए, अगर हनीमून के लिए शाही कमरा या होटल न हो तो फिर गोआ आने का मजा कैसा. इसलिए अगर अपना बजट थोड़ा सा संभाल सकते हैं तो गोआ का द लीला होटल न सिर्फ आप के हनीमून को यादगार बना सकता है बल्कि बीच और आईलैंड के बीच कमरे में रहने और शानदार सुविधाओं का यादगार तोहफा भी देता है.

शाही अंदाज

लीला होटल देशीविदेशी लोगों को लग्जरी के मामले में खासा भाता है. यह कई तरह के पैकेज देता है जो अलगअलग सीजन के हिसाब से मुफीद बैठते हैं. इस पांचसितारा होटल में 206 शानदार कमरे हैं जो वैलफर्निश्ड होने के साथसाथ वाईफाई तकनीक और अन्य आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं. इन मौडर्न डिजाइन कमरों में कई क्लास हैं. मसलन, लैगून टैरेस रूम, रूम लैगून, सुइट लैगून, डीलक्स सुइट, क्लब पूल सुइट, रौयल विला आदि. लीला में खानपान के नाम पर इंडियन से ले कर इटैलियन और सभी देशों के व्यंजन मिलते हैं. जरा सोचिए, चांदनी रात में होटल के पूल एरिया में डिनर करना कितना शाही अनुभव होगा. इस के अलावा कैफे, ब्रेकफास्ट सर्विस, बार, बार्बेक्यू ग्रिल और रेस्तरां आप को लग्जरी ट्रिप का पूरा मजा देते हैं. पूल एरिया में ही डांस, मस्ती और बार का भी इंतजाम है. लीला में बौडी मसाज से ले कर स्पा, जिम और बौडी ट्रीटमैंट के भी ढेरों विकल्प मौजूद हैं.

कहां और कैसे

दक्षिण गोआ में स्थित इस होटल तक पहुंचने के लिए एअरपोर्ट से 40 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. इस के नजदीक मोबोर बीच काफी फेमस है. अन्य जानकारी इस की वैबसाइट लीला डौट कौम पर मिल जाएगी. पैकेज : लीला में समर गेटवे औफर, समर मानसून पैकेज सीजन के मुताबिक मिलते हैं जिन का किराया, 5 हजार रुपए से शुरू हो कर 10 हजार रुपए तक चलता है. अधिक जानकारियां इस की वैबसाइट द लीला डौट कौम/गोवा होटल्स पर मिलेंगी.

अन्य सुविधाएं : अन्य सुविधाओं में बार, रेस्तरां, बार्बेक्यू, इंटरनैट, बिजनैस सैंटर, जिम, पूल, बेबी सिटिंग सर्विस, ब्यूटी सैलून, कौन्फ्रैंस सर्विस, नौन स्मोकिंग रूम, कौकटेल लाउंज, जकूजी मसाज सर्विस, बौडी ट्रीटमैंट, बैंक्वेट, जेड रूम, हुक्का लाउंज शामिल हैं.

रामनिवास बाग

जयपुर खूबसूरत बगीचों का शहर है. जयपुर में केसर क्यारी, मुगल गार्डन, कनक वृंदावन, जयनिवास उद्यान, विद्याधर का बाग, सिसोदिया रानी का बाग, परियों का बाग, फूलों की घाटी, रामनिवास बाग, सैंट्रल पार्क, स्मृति वन जलधारा, जवाहर सर्किल, स्वर्ण जयंती उद्यान आदि दर्जनों उद्यान हैं. लेकिन रामनिवास बाग सब को मात दे कर चहेता पर्यटन स्थल बन गया है. यहां के बाग शहर के सब से खूबसरत उद्यानों में से एक हैं. 

इतिहास :

रामनिवास बाग का निर्माण 1868 में जयपुर के महाराजा सवाई प्रतापसिंह ने कराया. हवामहल का निर्माण कराने वाले महाराजा प्रतापसिंह सौंदर्योपासक थे. उन्होंने जयपुर की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए बहुत प्रयास किए जिन में उस समय का सब से खूबसूरत और विशाल उद्यान था रामनिवास बाग. राजस्थान एक कम वर्षा वाला राज्य है. इसलिए यहां के शासकों ने शहर को सुंदर बनाने और सर्वसाधारण को गरमी में विहार करने के लिए उपयुक्त स्थान देने के लिए बागबगीचों का निर्माण कराया. प्राकृतिक संतुलन के लिए भी यह जरूरी है. शाम के समय यहां राजपरिवार के सदस्य भ्रमण के लिए आते थे. अल्बर्ट हाल के स्थान पर एक केंद्रीय बड़ा गुलाब बगीचा था. हर शाम यहां विदेशी मेहमानों के परिवार और राजपरिवार के सदस्यों की मौजूदगी से खुशगवार माहौल बन जाता है. कुछ समय के लिए यह गार्डन नागरिकों के लिए भी खोला जाता था. रामनिवास बाग का निर्माण शहर को सूखे से बचाने के लिए किया गया था.

क्या है खास

रामनिवास बाग आधुनिक महानगर जयपुर के बीचोबीच है और अपने विस्तार व खूबसूरती से सभी को बहुत प्रभावित करता है. शहर के बीचोंबीच इतना बड़ा हराभरा भूभाग अपनेआप में एक मिसाल है. यह जयपुर को ग्रीन सिटी का दरजा दिलाने में अहम भूमिका निभाता है. यहां मनोरंजन के भी कई विकल्प हैं. यहां फुटबाल का एक बड़ा मैदान है. इस के अलावा इस के कई टुकड़ों में बने वर्गाकार बगीचों में नागरिकों के बैठने, सुस्ताने और आराम करने के लिए छायादार घने वृक्ष हैं. रामनिवास बाग परिसर में ही रवींद्र मंच, अल्बर्ट हाल, चिडि़याघर आदि हैं जो पर्यटकों के लिए मनोरंजन के विशेष साधन हैं.

आकर्षण :

बाग के बीचोंबीच गोलाकार सर्किल में शहर का म्यूजियम अल्बर्ट हाल स्थित है. जब रामनिवास बाग बना था तब यहां यह म्यूजियम नहीं था. बाद में महाराजा प्रतापसिंह से माधोसिंह (द्वितीय) तक के कार्यकाल में इसे बना कर तैयार किया गया. वर्तमान में अल्बर्ट हाल रामनिवास बाग की पहचान बन गया है. वहीं रवींद्र मंच रामनिवास बाग के उत्तरपूर्वी परिसर में स्थित है. रवींद्र मंच एक विशाल प्रेक्षागृह है. यह राजस्थान का सब से बड़ा प्रेक्षागृह है. समयसमय पर यहां नाटकों का मंचन किया जाता है. यहां 2 चिडि़याघर हैं. जयपुर के चिडि़याघर में दुर्लभ वन्यजीवों के साथ टाइगर का होना मुख्य आकर्षण है.

कैसे जाएं

यहां जाने के लिए जयपुर के अजमेरी गेट जाना पड़ता है. उस के पास ही यह बाग स्थित है.

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रेतीली चांदी- भाग 3: क्या हुआ था मयूरी के साथ

देहरादून से वापस लौटते ही मयूरी को मां का भेजा पत्र मिला कि उन्होंने एक अच्छे संभ्रांत परिवार में उस का रिश्ता तय कर दिया है. केवल औपचारिक तौर पर वे लोग एक बार आमनेसामने लड़की को देखना चाहते हैं. तभी वे शगुन की रस्म भी कर देंगी. सो, अगली गाड़ी से ही वह घर आ जाए.

मां का पत्र पढ़ कर मयूरी थोड़ा पसोपेश में पड़ गई. अब वह मां को अपने दिल की बात कैसे बताए कि वह केवल राहुल को चाहती है व उसी से शादी करना चाहती है. मां का पत्र राहुल व सारा ने भी पढ़ा.

राहुल के चेहरे पर कई रंग आ कर चले गए. कुछ सोच कर वह बोला, ‘देख लो, फैसला तुम्हारे हाथ में है. एक तरफ तुम्हारी पसंद का देखापरखा तुम्हारा प्यार है, दूसरी तरफ एक अनजान परिवार जिसे न तुम ने पहले देखा है न बिलकुल जानती हो. बालिग हो, अपना फैसला खुद लेने का हक है तुम्हें. हम लोग यहीं कोर्ट में विवाह कर लेते हैं, बाद में मां को बता देंगे.’

‘पर इस तरह शादी कर लेने से मां को बहुत दुख होगा. हम दोनों बहनों के लिए उन्होंने बहुत दुख उठाए है.’ मयूरी के संस्कार उसे मां से बगावत करने से रोक रहे थे, पर अमीर राहुल से विवाह होने पर सुखसुविधा संपन्न जीवनयापन की चाह मां के फैसले के उलट करने को उकसा रही थी.

राहुल द्वारा कोर्टमैरिज के लिए जोर देने पर, उस से विवाह करने की दिली इच्छा होते हुए भी, वह मां को अंधेरे में रख कर यह विवाह नहीं करना चाहती थी. उसे वह ठीक नहीं समझ रही थी. वह विवाह तो करना चाहती थी पर मां की खुशी के साथ.

आखिर सोचविचार कर, एक बार मां को मनाने की कोशिश करने के लिए वह राहुल व सारा के साथ अगले ही दिन मां के पास जा पहुंची थी. वहां राहुल ने अपना परिचय देने के साथ ही मयूरी का हाथ भी मांग लिया तो वे इस प्रस्ताव से चौंक उठी थीं, ‘कहां तुम लोग और कहां हम. रिश्ता तो बराबरी वालों में ही अच्छा रहता है.’

‘बराबरी केवल पैसों से ही थोड़े न होती है. मुझे आप की बेटी बेहद पसंद है. आप फिक्र न करें, हमें कोई दानदहेज नहीं चाहिए?  बस, अपनी बेटी 3 कपड़ों में विदा कर दीजिएगा,’ राहुल ने अपील की.

‘पर तुम्हारे मातापिता भी आ जाते, तभी बात पक्की करते,’ वे असमंजस में पड़ कर बोलीं. इतने बड़े घर से बेटी का रिश्ता मांगा जाता देख वे थोड़ी हतप्रभ थीं, साथ ही उन्हें खुशी भी थी कि बेटी इतने बड़े संपन्न घर जा कर चैन से जिंदगी बसर करेगी.

‘हमारी मौम तो अब रही नहीं. हां, डैडी हैं, पर वे इस समय बिजनैस के सिलसिले में हौंगकौंग गए हुए हैं. सो, उन का आना तो फिलहाल संभव नहीं है. अपने डैडी से मैं खुद मयूरी को मिलाने ले जाऊंगा. तभी शादी का रिसैप्शन दिया जाएगा. अभी तो बस आप इजाजत दे दीजिए, ताकि मैं मयूरी से कोर्टमैरिज कर सकूं. क्योंकि 2 दिनों बाद ही मुझे भी बिजनैस की कई मीटिंग्स अटैंड करने फ्रांस जाना है और फिर शायद जल्दी आना नहीं हो पाएगा.’

‘पर इतनी जल्दी मयूरी का पासपोर्ट वगैरह कैसे बन पाएगा?’ वसुंधरा के मुंह से निकला.

‘वह मैं अरैंज करा दूंगा. मेरी जानपहचान है.’

राहुल ने कहा तो वसुंधरा को फिर इस रिश्ते के लिए न कहने की कोई वजह नहीं दिखी. उसे सबकुछ स्वप्न सा लग रहा था. वसुंधरा अपने रीतिरिवाजों के अनुसार विवाह की रस्में पूरी करवाना चाहती थी. पर पैसे व समय दोनों की बचत करने पर जोर दे कर राहुल कोर्टमैरिज करने के फैसले पर ही अड़ा रहा और दोचार जानपहचान वालों की मौजूदगी में उन लोगों ने एक हलफनामे पर हस्ताक्षर कर के विवाह की फौर्मेलिटीज पूरी कर दीं. वसुंधरा के बहुत मना करने पर भी राहुल डेढ़ लाख रुपए अपने यहां की ‘हक’ की रस्म के नाम पर उन्हें दे ही गया.  क्रमश:

क्या जो हसीन सपने मयूरी देख रही थी वाकई पूरे होने वाले थे या कुछ ऐसा होने वाला था जो कोई सोच भी नहीं सकता था.

मयूरी को होश आया तो उस ने खुद को अस्पताल के बैड पर पाया. उस के एक हाथ में टेप से चिपकी सूई लगी हुई थी और ग्लूकोज चढ़ रहा था. उस ने धीरे से आंखें खोल एक नजर आसपास डाली पर कमजोरी के कारण फिर आंखें बंद कर लीं. कुछ पल तो उसे यह समझने में ही लग गए कि वह वहां कैसे आई…जरूर सुबह मजदूरों ने उसे बेहोश पा कर यहां अस्पताल में ला कर भरती करा दिया होगा. तभी एक नर्स आ कर उस का ब्लडप्रैशर नापने लगी तो उस की आंखें खुल गईं.

नर्स के साथ ही एक डाक्टर भी थे जो उसे होश में आया देख पूछ रहे थे, ‘‘होश आ गया आप को, अब कैसा फील कर रही हैं?’’

‘‘काफी ठीक लग रहा है, मैं यहां आई कैसे?’’

‘‘आप 2 दिनों से बेहोश पड़ी हैं…’’ उस का बीपी चैक करती नर्स ने बताया तो वह चौंक पड़ी.

‘‘2 दिनों से?’’

‘‘जी हां, 2 दिनों से,’’ इस बीच डाक्टर उस की रिपोर्ट भी पढ़ते रहे.

‘‘पर मुझे यहां लाया कौन?’’ वह कमजोर सी आवाज में पूछ उठी.

‘‘वह तो भला हो खान चाचा का, जो आप को कचरे के ढेर के पास से उठा कर यहां लाए थे. वरना कुछ भी हो सकता था. उस की बांह पर से बीपी इंस्ट्रूमैंट की पट्टी खोलती नर्स बोली.’’

‘‘खान चाचा कौन हैं? कहां हैं? वह पूरी बात जानना चाह रही थी.

‘‘हमारे अस्पताल में स्टाफ के चीफ हैं. अभी औपरेशन थिएटर में डाक्टर साहब के साथ हैं, आते ही होंगे,’’ नर्स उसे बता कर अगले मरीज के पास पहुंच गई.

थोड़ी देर बाद ही 45-50 वर्षीय, खिचड़ी बालों वाले खान चाचा, औपरेशन पूरा होने के बाद उस के पास आए. उसे होश में आया देख उन्होंने राहत की सांस ली, ‘‘शुक्र है तुम्हें होश तो आया. अब कैसी तबीयत है?’’

‘‘बहुत बेहतर, आप का शुक्रिया कैसे अदा करूं, समझ नहीं पा रही,’’ उन्हें देखती मयूरी बोल उठी.

‘‘बेटा, शुक्रिया मेरा नहीं, समय का अदा करो. हम तो समय पर पहुंच गए थे.’’

‘‘मेरे लिए तो आप ही सबकुछ बन कर आए हैं.’’

‘‘अच्छा छोड़ो, यह बताओ तुम वहां कचरे के ढेर के पास कैसे पहुंच गईं? अपने घर का पता दो, तो तुम्हारे मातापिता को सूचना दूं. परेशान हो रहे होंगे वे लोग. यह तो कहो, मेरा घर वहीं पास में ही है. अपनी नाइट ड्यूटी खत्म कर के मैं वहां से गुजर रहा था, तब तुम्हारे कराहने की आवाज सुनी व बदन में हरकत देखी तो फौरन यहां ले आया.’’

मयूरी को समझ नहीं आ रहा था कि एक अजनबी पर वह कितना यकीन करे. एक बार धोखा खा चुकी थी, अब दोबारा नहीं खाना चाहती थी. पर उस के सामने कोई चारा न था. फिर खान चाचा तो नेक बंदे लग रहे थे. वरना आजकल की स्वार्थी दुनिया में, जहां लोग अपनों की मदद करने में हिचकते हैं, उस जैसी अनजान लड़की के लिए इतनी जहमत हरगिज नहीं उठाते. सो, उस ने संक्षेप में खान चाचा को सबकुछ सचसच बता दिया. वहां से भागते हुए वह तो उस बिल्ंिडग के अंदर पहुंचते ही बेहोश हो कर गिर पड़ी थी. सुबह वहां काम करने वालों ने शायद उसे मरा हुआ समझ कर पुलिस की झंझटों से बचने के लिए थोड़ी ही दूर पर बने कचरे के डलाव के पास डाल दिया होगा.

मयूरी के साथ घटी पूरी दास्तान सुन कर खान चाचा फिक्रमंद हो गए थे. उस की तबीयत थोड़ी संभल जाने पर अस्पताल से छुट्टी करा कर वे उसे अपने साथ अपने घर ले गए, जहां उन की पत्नी साबिया बेगम व बेटी सना थीं. उन्हें पहले ही संक्षेप में सबकुछ बता कर उन्होंने मयूरी को, भारत वापस लौटने तक अपने साथ ही रखने का मशवरा कर लिया था. सो, घर में सब ने उसे हाथोंहाथ लिया. जरा भी पराएपन का एहसास नहीं होने दिया. जानपहचान वालों से उसे अपना दूर का रिश्तेदार बता दिया गया था.

अगले दिन खान चाचा ने मयूरी की तरफ से राहुल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा कर पासपोर्ट बनवाने के लिए अप्लीकेशन जमा करवा दिया. साथ ही, पूरे घटनाक्रम की एक प्रति भारतीय दूतावास को भी भेज दी.

आगे पढ़ें- रहने के लिए उसे खान चाचा ने…

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आदित्य के जाते ही शुरु हुआ Imlie और आर्यन का रोमांस, देखें वीडियो

सीरियल इमली (Imlie)में हाल ही में आदित्य यानी मनस्वी विशिष्ट ने शो को अलविदा कहा है, जिसके बाद मेकर्स, सीरियल की कहानी कहानी को इमली  (Sumbul Touqeer Khan) और आर्यन (Fahmaan Khan) की लव स्टोरी पर फोकस करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि फैंस को भी सीरियल में ये नया ट्रैक काफी पसंद आ रहा है. लेकिन अपकमिंग एपिसोड में इमली और आर्यन के बीच रोमांस (Imlie and Aryan Romance) दिखने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

डेट पर गए इमली

 

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अब तक आपने देखा कि आदित्य के जाने के बाद इमली, आर्यन के पास वापस लौट आती है और उसके घर में रहने का फैसला करती है. इसी के चलते अर्पिता दोनों के बीच दूरियां मिटाने के लिए डेट पर जाने का प्लान करती है. दरअसल, अर्पिता, आर्यन और इमली को ऑफिस की बजाय डेट पर जाने के लिए कहती है. वहीं दोनों जाने के लिए तैयार हो जाते हैं.

 

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रोमांस होगा शुरु

 

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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अर्पिता के कारण इमली और आर्यन के दिल में एक दूसरे के लिए प्यार का एहसास होगा. दोनों एक दूसरे के करीब आते नजर आएंगे. हालांकि दोनों की लव स्टोरी में नीला टांग अड़ाती दिखेगी और दोनों को दूर करने की कोशिश करती नजर आएगी.

 

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सीरियल बंद होने की उड़ी खबरें

 

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सीरियल इमली का ट्रैक जहां फैंस को काफी पसंद आ रहा है तो वहीं खबरे हैं कि सीरियल जल्द ही बंद होने वाला है. दरअसल, हाल ही में आदित्य के रोल में नजर आने वाले एक्टर मनस्वी विशिष्ट ने सीरियल को अलविदा कहा है, जिसके चलते सोशलमीडिया पर खबरे हैं कि सीरियल बंद होने वाला है. हालांकि मेकर्स का कहना है कि वह आर्यन और इमली की लव स्टोरी पर सीरियल की कहानी को फोकस करेंगे, जिसे सुनकर फैंस काफी खुश हैं.

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Anupamaa Namaste America: बा का होगा अनुपमा जैसा हाल, मोटी बा बनाएंगी नौकरानी!

स्टार प्लस के हिट सीरियल ‘अनुपमा’ का प्रीक्वल ‘अनुपमा नमस्ते अमेरिका’ (Anupamaa Namaste America) रिलीज होने में कुछ ही दिन बचे हैं. वहीं मेकर्स फैंस के लिए लगातार शो से जुड़े प्रोमो शेयर कर रहे हैं. इसी बीच मेकर्स ने नया प्रोमो रिलीज किया है, जिसमें अनुपमा की बेइज्जती करने वाली बा की हालत मोटी बा ने खराब कर दी है. आइए आपको दिखाते हैं नया प्रोमो…

मोटी बा ने सिखाया लीला को सबक

 

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डिजनी हॉट स्टार पर 25 अप्रैल को ‘अनुपमा नमस्ते अमेरिका’ आने वाला है, जिसका मेकर्स लगातार नया प्रोमो शेयर कर रहे हैं. इसी बीच नया मेकर्स द्वारा रिलीज किए गए नए प्रोमो में मोटी बा अपनी बहू लीला को गालियां देती हुईं नजर आ रही है. दरअसल, आदत से मजबूर लीला, अनुपमा की बेइज्जती करने की कोशिश करती है, जिसके चलते मोटी बा, लीला को खरी खोटी सुनाती हुई दिख रही हैं.

 

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फैंस कर रहे तारीफ

 

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शो का नया प्रोमो देखने के बाद फैंस जहां लीला की हालत पर हंस रहे हैं तो वहीं मोटी बा की तारीफ करते हुए नजर आ रहे हैं. वहीं सीरियल को इंग्लिश विंग्लिश फिल्म का वर्जन बताते दिख रहे हैं. हालांकि फैंस इस प्रीक्वल में भी अनुज और अनुपमा को साथ देखने की बात करते हुए नजर आ रहे हैं.

अनुपमा की खुशी बना अनुज

 

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सीरियल की बात करें तो हाल ही में अनुज और अनुपमा का शगुन देखने को मिला था, जिसमें पूरा परिवार बेहद खुश था. हालांकि बा और वनराज इस फंक्शन में भी टांग अड़ाते हुए नजर आए थे. लेकिन अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुज, अनुपमा को ज्वैलरी स्टोरी ले जाएगा. जहां वह उसे हीरे की अंगूठी दिलाएगा, जिसे देखकर अनुपमा इमोशनल हो जाएगी और अनुज का उसे इतना प्यार करने के लिए शुक्रिया कहेगी. वहीं अनुज और अनुपमा का प्यार देखकर एक बार फिर वनराज को जलन महसूस होगी.

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Summer Special: हरी-भरी वादियों से घिरा ‘लोनावला’

महाराष्ट्र में बसा एक छोटा सा हिल स्टेशन लोनावला अपनी नेचुरल ब्यूटी के लिए जाना जाता है. सुंदर झील और झरनों का ये शहर टूरिस्टों के दिल को जीतने के लिए पूरे साल स्वागत को तैयार रहता है. पुणे से 64 किमी तथा मुंबई से 96 किमी दूर ये शहर एक अच्छे वीकेंड के लिए बाहें फैलाए खींचता है.

समुद्रतल से 624 मीटर की ऊंचाई पर बसे हरी-भरी पहाडियों से घिरे लोनावला की सुंदरता देखते ही बनती है. यहां घूमने लायक कई सारी जगहें हैं. ट्रैकिंग का मन हो तो पहाड़ पर चढ़ने की सुविधा भी मौजूद है. ट्रैकिंग करते समय पहाड़ों के नजारों का लुत्फ अलग ही एक्सपीरियंस देता है. इस छोटे से शहर में घूमने के लिए कई जगहें हैं. राजमची पाइंट, लोनावला झील, कारला केव्स, लोहागढ़ फोर्ट, बुशी डैम, रईवुड पार्क तथा शिवाजी उद्यान प्रमुख हैं. परिवार के साथ घूमने जाना हो या दोस्तों के साथ मस्ती करनी हो, यह जगह सभी के लिए मुफीद है.

राजमची पाइंट

लोनावला से लगभग 6 किमी की दूरी पर खूबसूरत वादियों से सजा एक दूसरी जगह है राजमची. इसका यह नाम यहां के गांव राजमची के कारण पड़ा है. यहां का खास अट्रैक्शन शिवाजी का किला और राजमची वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी है. इस जगह की सुंदरता टूरिस्टों को बहुत लुभाती है.

रईवुड पार्क

यह स्थल पूरी तरह से हरियाली से भरा रहता है. खूब सारे पेड़ और धरती पर बिछी हरी घास का इलाका सबका मन मोह लेता है. बड़ों के साथ बच्चे भी यहां खूब मस्ती करते हैं. पार्क में स्थित प्राचीन शिव मंदिर हमें भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और आस्था से सराबोर कर देता है.रईवुड पार्कलोहागढ़ किला/Lohagarh fort

लोहागढ़ किला

लोनावला से 20 किलोमीटर की दूरी पर समुद्रतल से 1,050 मीटर की ऊंचाई पर बसा लोहागढ़ किला बेहद ही दर्शनीय स्थल है.

इस किले की बनावट और इसकी ऐतिहासिकता हमें इसकी ओर खींचती है. यह किला शिवाजी का युद्धस्थल भी था. विशाल चट्टान पर स्थित इस किले में कैदियों के लिए लोहे के दरवाजे लगाए गए थे

बुशी डैम

लोनावला से 6 किलोमीटर की दूरी पर बसा बुशी डैम एक फेमस पिकनिक स्पॉट है. बरसात के दिनों में जब यह पानी से लबालब भर जाता है तो इसकी सुंदरता देखने लायक होती है. यहां कई पर्यटक पहुंचते हैं.

कब जाएं

लोनावला का मौसम ज्यादातर सुहावना ही रहता है. यहां किसी भी मौसम में जा सकते हैं. लेकिन मार्च से लेकर अक्टूबर के बीच यहां जाएंगे तो मजा कई गुना बढ़ जाएगा. बरसात का मौसम यहां की झीलों और झरनों को निहारने का सबसे अच्छा समय है.

क्या खाएं

लोनावला चिक्की के लिए मशहूर है. तिल, काजू, बादाम, मूंगफली, पिस्ता, अखरोट जैसे मेवों को शक्कर या गुड़ में मिलाकर बनाई जाने वाली चिक्की का स्वाद जबरदस्त होता है. यहां के फज भी बहुत फेमस हैं. लोनवला की यादगार के तौर पर आप यहां से चिक्की, चॉकलेट, मैंगो फज साथ ले जा सकते हैं.

कैसे जाएं

मुंबई से लोनावला 96 किमी है. लोनावला के लिए नजदीक का रेलवे स्टेशन लोनावला तथा नजदीक का हवाई अड्डा पुणे है. मुंबई और पुणे से सड़क मार्ग से भी लोनावला जा सकते हैं.

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खांसी और साइनस से जुड़ी प्रौब्लम का इलाज बताएं?

सवाल-

मुझे पिछले कुछ दिनों से लगातार खांसी आ रही है. मैं यह जानना चाहती हूं क्या यह किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का खतरा तो नहीं है?

जवाब-

खांसी दरअसल कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं है बल्कि शरीर का एक मैकेनिज्म है गले को साफ करने का. चिंता की बात तब होती है जब बारबार खांसी आए या लंबे समय तक छुटकारा न मिले. दिन की शुरुआत कुनकुना पानी पीने से करें. खांसी की समस्या गंभीर है तो कफ सिरप लें. अगर यह उपाय करने के बाद भी खांसी ठीक न हो और लगातार 8 सप्ताह तक बनी रहे तो यह एक मैडिकल इमरजैंसी है जिस का उपचार कराना जरूरी है.

सवाल-

मु झे साइनस की समस्या है. मैं ने सुना है वसंत ऋतु में साइनस के लक्षण गंभीर हो जाते हैं. क्या इन्हें नियंत्रित रखने के लिए कुछ घरेलू उपाय किए जा सकते हैं?

जवाब-

वसंत ऋतु में फूल खिलने से उन लोगों की साइनस से संबंधित समस्या बढ़ जाती है जिन्हें पराग कणों से ऐलर्जी होती है. सर्दियों की तुलना में इस मौसम में वातावरण के दबाव में भी गिरावट आती है जिस से नेजल पैसेज की सब से अंदरूनी परत सूज जाती है. इस के कारण साइनस हैडेक ट्रिगर हो सकता है. शरीर में जल का स्तर बनाए रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम 7-8 गिलास पानी पीएं. इस के अलावा ताजे और रसीले फलों तथा दूसरे तरल पदार्थों का भी सेवन करें. अगर मौसम में बदलाव के समय आप अकसर सर्दीजुकाम की शिकार हो जाती हैं तो ऐलर्जनों, संक्रमणों और प्रदूषकों से बचने के लिए जब भी बाहर निकलें नाक को ढक लें.

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ऐलर्जी इनसान के इम्यून सिस्टम की एक असामान्य प्रतिक्रिया है. परागकण, धूलकण, फफूंद, जानवरों के रोएं, कीटों के डंक, कुछ खाद्यपदार्थ, कैमिकल, दवाइयों आदि से ऐलर्जी हो सकती है.

1. ऐलर्जिक राहिनाइटिस (रनिंग नोज)

कारण:

ऐलर्जी राहिनाइटिस जिसे आमतौर पर हे फीवर भी कहते हैं, यह तब होता है जब हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली हवा में मौजूद तत्त्वों के प्रति ओवररिऐक्ट करती है. हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली को इस से छींकने और बहती नाक जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है. इन तत्त्वों को ऐलर्जन यानी ऐलर्जी पैदा करने वाले तत्त्व कहा जाता है, जिस का अर्थ यह है कि ये ऐलर्जिक रिऐक्शन का कारण बनते हैं. कई तरह के ऐलर्जन जैसे परागकण, मिट्टी, धूलकण, पशुओं के रेशे और कौकरोच आदि ऐलर्जिक राहिनाइटिस का कारण बनते हैं. हालांकि प्रदूषित वायु ऐलर्जन नहीं होती, पर यह नाक और फेफड़ों को इरिटेट (उत्तेजित) कर सकती है. जब आप ऐलर्जन में सांस लेते हैं तब इरिटेट नाक या फेफड़ों द्वारा ऐलर्जिक रिऐक्शन का खतरा ज्यादा हो सकता है.

रोकथाम:

विशेषज्ञ ऐलर्जिक राहिनाइटिस की रोकथाम कैसे की जाए इस के बारे में अभी पूरी तरह आश्वस्त नहीं हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति कई तरह के ऐलर्जन के संपर्क में आता है. धुआं और वायु प्रदूषण भी व्यक्ति को ऐलर्जी की चपेट में लाने में सहायक होते हैं.

उपचार:

इस का मुख्य उपचार ऐलर्जन से दूर रहना, लक्षणों को नियंत्रित करना और दवा के साथसाथ घरेलू उपचार और कुछ मामलों में इम्यूनोथेरैपी है. आप को कितनी बार ट्रीटमैंट करवाना है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप में कितनी बार इस के लक्षण नजर आए.

फैशन के मामले में एक्ट्रेसेस से कम नहीं Milind Gaba की वाइफ प्रिया, देखें फोटोज

बिग बॉस ओटीटी में नजर आ चुके पंजाबी सिंगर मिलिंद गाबा (Milind Gaba) ने हाल ही में अपनी गर्लफ्रैंड प्रिया बेनीवाल (Pria Beniwal) संग शादी की हैं, जिसकी फोटोज और वीडियो सोशलमीडिया पर वायरल हो रही हैं. वहीं फैंस सिंगर की वाइफ प्रिया बेनीवाल के लुक की तारीफ कर रहे हैं. हालांकि बेहद कम लोग जाते हैं कि मिलिंद गाबा की वाइफ प्रिया, फेमस यूट्यूबर हर्ष बेनिवाल की बहन हैं. वहीं फैशन की बात करें तो वह बेहद स्टाइलिश हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

शादी में दिखा खूबसूरत अंदाज

 

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प्रिया बेनीवाल के शादी लुक की तारीफें इन दिनों सोशलमीडिया पर देखने को मिल रही हैं. भारी भरकम कढ़ाई वाला रस्ट कलर का लहंगे पहने प्रिया बेहद खूबसूरत लग रही थीं. वहीं पति मिलिंद भी मैचिंग कलर की शेरवानी पहने बेहद हैंडसम लग रहे थे. लहंगे से लेकर ज्वैलरी तक, प्रिया बेनीवाल का ओवरऔल लुक फैंस को काफी पसंद आया था.

 

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इंडियन आउटफिट में लगती हैं खूबसूरत

 

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शादी लुक के अलावा प्रिया बेनीवाल के इंडियन लुक्स की बात करें तो वह एक से बढ़कर एक लुक में नजर आती हैं. लहंगा हो या सूट और या साड़ी, हर लुक में प्रिया बेनीवाल का लुक बेहद खास लगता है. वहीं फैंस को उनके हर अंदाज काफी पसंद आते हैं, जिसके चलते वह सोशलमीडिया पर अपने फैशन कलेक्शन की फोटोज और वीडियो शेयर करती रहती हैं.

 

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वेस्टर्न अंदाज भी है खास

 

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इंडियन ही नहीं सिंगर मिलिंद गाबा की वाइफ प्रिया बेनीवाल का वेस्टर्न लुक भी किसी बौलीवुड एक्ट्रेसेस से कम नही हैं. पैंट लुक हो या कोई ड्रैस, हर लुक में यूट्यूबर प्रिया बेनीवाल फैंस को इंस्पायर करती हुई नजर आती है. वहीं फैंस भी प्रिया के लुक को कैरी करने से नही घबराते. यूट्यूबर प्रिया बेनीवाल अपने भाई की तरह यूट्यूब के जरिए फैंस को एंटरटेन करते हुए दिखती है.

 

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बायोडर्मा का एंटी एक्ने सैबियम फेस वाश 

प्रोब्लम फ्री स्किन की चाहा हर महिला को होती है. लेकिन इन सबके बावजूद भी कभी ऑयली स्किन की प्रोब्लम हो जाती है तो कभी स्किन पर एक्ने. जो चेहरे की सुंदरता व रौनक को तो गायब करने का काम करते ही हैं , साथ ही एक्ने की वजह से स्किन पर इतनी ज्यादा जलन व इचिंग होती है कि कई बार तो उसे सहन करना भी मुश्किल हो जाता है. ये प्रोब्लम वैसे तो किसी भी मौसम में हो सकती है, लेकिन गर्मियों में ऑयली स्किन व उस पर एक्ने की प्रोब्लम ज्यादा देखने को मिलती है. क्योंकि गर्मियों में सेबेसियस ग्लैंड्स स्किन को हाइड्रेट रखने के लिए ज्यादा सीबम का उत्पादन करना शुरू कर देते हैं , जो एक्ने का कारण बनते हैं. जिसके लिए जरूरी है ऑयली व कॉम्बिनेशन स्किन की खास तौर पर केयर करने की.

किन कारणों से होती है 

ऑयली कोम्बिनेशन स्किन 

आज ऑयली स्किन की समस्या आम हो गई है. बता दें कि ऑयली स्किन में लिपिड का स्तर , पानी और वसा की मात्रा बहुत अधिक होती है. और जब सेबेसियस ग्लैंड्स जरूरत से ज्यादा सीबम का उत्पादन करना शुरू कर देते हैं तो एक्ने, ब्रेअकाउट्स, वाइटहेड्स  व ब्लैकहेड्स की समस्या होने लगती है. और ब्रेकआउट्स के कारण सीबम डेड स्किन सेल्स के साथ मिलकर पोर्स को ब्लौक करने का काम करते हैं , जो स्किन की हालत को और बिगाड़ने का काम करते हैं.  वहीं कोम्बिनेशन स्किन में टी जोन जैसे फोरहेड, नोज व चिन में आयल ग्लैंड्स ओवर एक्टिव हो जाते हैं. जबकि चेहरे का बाकी हिस्सा नार्मल व ड्राई होता है. इसलिए ऐसी स्किन के बीच बैलेंस ठीक नहीं होने की वजह से ऐसी स्किन के डैमेज होने का ज्यादा डर रहता है. इसलिए स्किन केयर की खास जरूरत होती है.

– ऑयली स्किन होने का एक कारण जेनेटिक भी होता है. जिसकी वजह से सेबेसियस ग्लैंड्स ओवर एक्टिव होकर हमेशा ज्यादा सीबम का उत्पादन करते हैं. जो एक्ने का कारण बनता है.

–  हाइपरकेराटिनआईजशन और बैक्टीरियल प्रोलिफ़ेरेशन , यह यौवन के दौरान ट्रिगर होने वाली हार्मोनल गतिविधि के परिणामस्वरूप सीबम का अतिरिक्त उत्पादन करता है. जिसके कारण स्किन ज्यादा ऑयली व शाइनी नजर आने लगती है. और साथ ही स्वस्थ सीबम से इसकी संरचना अलग भी होती है. जिसके कारण ये ज्यादा मोटा होने के कारण इसे फोलिकल से बाहर निकलने में दिक्कत होती है. जिससे कोमेडोम बनने का जोखिम बढ़ जाता है.

– हाइपरकेराटिनआईजशन , इसमें स्किन सेल्स में तेजी से बढ़ोतरी पोर्स को क्लोग करके सीबम को बाहर निकलने से रोकती है,  जो कोमेडोम का कारण बनता है. जिससे उसके आसपास की स्किन पिग्मेंट नजर आने लगती है.

– बता दें कि एक्ने के बैक्टीरिया के पनपने के लिए सीबम न्यूट्रिएंट का काम करता है. जिसके कारण कोमेडोम रेड पिंपल्स में बदल कर जलन व दर्द का कारण बनता है.

– कई बार बड़े पोर्स , जिसका कारण उम्र व पुराने ब्रेकआउट्स होते हैं. जिसकी वजह से इसमें ज्यादा आयल उत्पनन होने लगता है. ऐसे स्तिथि में पोर्स को श्रिंक करना संभव नहीं होता, लेकिन स्किन की खास केयर करके इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.

– कई बार हम देखादेखी या फिर बिना सोचेसमझे अपनी स्किन पर गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर लेते हैं , जिसकी वजह से स्किन और ज्यादा ऑयली हो जाती है. जो एक्ने व ढेरों स्किन प्रोब्लम्स का कारण बनती है. ऐसे में जरूरी है एक्ने व कोम्बिनेशन स्किन वालों के लिए कि वे जब भी स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें तो अपनी स्किन टाइप को जरूर ध्यान में रखें. ऐसी स्किन वालों के लिए लाइटवेट मॉइस्चराइजर व जैल बेस्ड क्लीनज़र्स का इस्तेमाल करना ज्यादा सही होता है.

क्या है जरूरी 

अवोइड सन 

असल में सूर्य की हानिकारक किरणें स्किन को ड्राई कर देती हैं. यहां तक की ऑयली स्किन को भी मोइस्चर की जरूरत पड़ सकती है. ऐसी स्तिथि में वसामय ग्रंथी ज्यादा एक्टिव हो जाती हैं , जो ज्यादा सीबम का निर्माण करने के साथ स्किन ब्लेमिशेज का कारण बनती है. यही नहीं बल्कि स्किन के ड्राई होने से ये नेचुरल रूप से डेड स्किन सेल्स को निकलने से रोकने  का काम करता है, जिससे पोर्स से सीबम बाहर निकलने में सक्षम नहीं हो पाता है. इसलिए जितना हो सके तेज धूप में बाहर निकलने से बचें. और अगर निकले भी तो कवर करके निकलें.

रेगुलर फोलो ट्रीटमेंट 

किसी भी ट्रीटमेंट का स्किन पर एकदम से असर नहीं आता है. बल्कि रेगुलर ट्रीटमेंट के साथ स्किन की एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है. जैसे डे व नाईट क्लींजिंग के रूटीन को फोलो करने के साथ मेडिकेशन ट्रीटमेंट लेने की. ऐसा करके आपको  4 – 6 हफ्ते में रिजल्ट दिखने लगेगा.

पिंपल्स को छूए 

आपको पिंपल्स होने के साथ उसमें दर्द भी है, तो यह स्तिथि काफी गंभीर है. इसलिए इर्रिटेशन होने पर उसे टच न करें. क्योंकि इससे इंफेक्शन फैलने के साथसाथ दाग होने का भी डर रहता है.

क्लींजिंग इस मस्टबायोडर्मा का सैबियम फेस वाश 

कोम्बिनेशन से ऑयली स्किन की बात हो, या फिर एक्ने स्किन की, क्लींजिंग बहुत ही अहम प्रोसेस है. ऐसे में सिर्फ क्लींजिंग से नहीं बल्कि सही क्लींज़र का भी इस्तेमाल करने की जरूरत होती है. ऐसे में बायोडर्मा का सैबियम फेस वाश  , जो जेंटल क्लींज़र का काम करने के साथ चेहरे से गंदगी को रिमूव करने के साथ ज्यादा सीबम का उत्पादन करने से तो रोकता ही है, साथ ही पोर्स को भी क्लोग नहीं होने देता. इससे स्किन धीरेधीरे प्रोब्लम फ्री होने लगती है. ये स्किन को ड्राई नहीं होने देता. इसमें जिंक सलफेट और कॉपर सलफेट , एपिडर्मिस को क्लीन करके , सीबम सेक्रेशन को कम करके दागधब्बों को कम करने में मदद करता है. साथ ही इसका सोप फ्री फार्मूला स्किन के पीएच लेवल को बैलेंस में बनाए रखने का काम करता है. आपको इसके अप्लाई के कुछ ही दिनों में रिजल्ट दिखने लगेगा. तो फिर अब ऑयली व एक्ने स्किन को कहे बाय.

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