सना पर तो उस ने अपनी अमीरी व प्रेम का ऐसा रंग चढ़ा रखा है, जिस पर दूसरा रंग चढ़ना आसान न था. मगर अब मयूरी को जल्द ही इस का कोई हल निकालना ही था, वरना सना की जिंदगी बरबाद होते देर नहीं लगती. उसे याद आ रहा था जब मसूरी में राहुल उस से मिलता था तो इसी तरह अमीरी के दिखावे के साथसाथ बड़ी शराफत व नफासत के साथ उस से पेश आता था. उस में कोई छिछोरापन न पा कर ही मयूरी धीरेधीरे उस की हर बात पर खुद से ज्यादा यकीन करने लगी थी. यदि तब कोई उसे राहुल की असलियत बताता तो शायद वह भी उस पर यकीन न करती.
यहां तो सना उस के कहने का उलटा अर्थ भी निकाल सकती थी कि उस के पिता के एहसानों तले दबे होने से ही वह शिराज को उस की नजरों में गिरा कर रशीद से उस का निकाह कराना चाहती है. अपनी बात की सचाई साबित करने के लिए मयूरी के पास कोई पुख्ता सुबूत भी तो नहीं था, कोई फोटो तक न थी. फोटो से उसे ध्यान आया. यहां भले ही उस के पास फोटो न हो पर शादी के समय मां ने किसी से उन दोनों के कुछ फोटोज खिंचवाए थे. वहां से तो मिल ही सकते थे.
यही सब सोचतेसोचते उधेड़बुन में फंसी मयूरी को पता ही न चला कैसे आधा घंटा निकल गया. उस ने पलट कर सना की तरफ देखा. तब तक शिराज जा चुका था और सना उसी की तरफ बढ़ी चली आ रही थी.
दूर से ही लाल डब्बी दिखाती आ रही सना ने पास आ कर डब्बी खोल कर डायमंड रिंग उसे दिखाते हुए बड़ी उम्मीद से उस से पूछा.
‘‘आप ने उन्हें देखा आपा? कैसे लगे?’’
‘‘हां, सूरत को ठीकठाक ही है. अभी सीरत परखनी बाकी है. एक बार और मिलना पड़ेगा,’’ उस की बात का गोलमोल जवाब देती मयूरी उसे असलियत भी तो नहीं समझा सकती थी.
एक जरूरी काम याद आने का बहाना कर के उस ने सना को घर भेज दिया और खुद हैड पोस्टऔफिस पहुंच कर जल्दी से जल्दी लौटती डाक से अपनी शादी के फोटोग्राफ्स भेजने के लिए मां को एक पत्र लिख कर वहीं पोस्ट कर दिया. पता अपने अस्पताल का दे दिया था. पत्र का जवाब आने में कम से कम 8-10 दिन तो लगने ही थे.
वहां से निकल कर वह भारतीय दूतावास के औफिस पहुंची, जहां उस ने अपना पासपोर्ट व वीजा बनवाने के लिए अप्लीकेशन दी हुई थी. भारतीय दूतावास ने भारत में विदेश मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों को इस पूरे प्रकरण की जानकारी दे दी थी जिस की उच्चस्तरीय जांच शुरू हो चुकी थी.
भारतीय दूतावास के अधिकारियों के लिए यह काफी सनसनीखेज घटना थी. क्योंकि मयूरी के अनुसार उस का पासपोर्टवीजा आदि 2 दिनों के अंदर ही तैयार हो गया था. जबकि संवैधानिक तरीके से पूरी प्रक्रिया में कम से कम 20-22 दिनों का समय लगता ही है. इस का मतलब उस ने कहीं से नकली पासपोर्ट बनवा कर पूरी यात्रा की थी और वे दोनों कहीं पकड़े भी नहीं गए. यानी कुछ बड़े अधिकारी भी इस घोटाले में कहीं न कहीं शामिल थे. फर्जी पासपोर्ट की कुछ शिकायतें पहले भी आ चुकी थीं. पर कोई पुख्ता सुबूत न होने से मामला लटका रहा. परंतु इस बार मयूरी की तरफ से रिपोर्ट कराते ही पूरा महकमा हरकत में आ गया था.
भारत में विदेश मंत्रालय को इस घोटाले की लिखित खबर मिलने पर सीबीआई को जांच सौंप दी गई. उस ने तुरंत ही देहरादून स्थित उस औफिस के बारे में छानबीन करनी शुरू कर दी. मयूरी की मां से मिल कर भी सीबीआई को अपनी तफ्तीश में काफी जानकारी मिल गई थी. शादी पर खींचे गए फोटोज से उन्हें राहुल की फोटो मिल गई. भारत में काफी जानकारी इकट्ठा कर के सीबीआई ने संबंधित अधिकारियों को पूरी रिपोर्ट भेज दी थी. जो जद्दा में काउंसलेट को स्थानांतरित करा दी गई थी. वहां की पुलिस ने इस की मदद से रैड एलर्ट घोषित करते हुए राहुल की फोटो सब थानों में भेज दी थी ताकि उसे पहचानने व पकड़ने में मदद मिल सके.
इस केस की जांच कर रहे अधिकारी को जब मयूरी ने राहुल की फोटो 8-10 दिनों में भारत से आ जाने की जानकारी दी तो उसे चकित करते हुए उन्होंने पहले ही सीबीआई द्वारा भेजी जा चुकी तसवीर उस के हाथ पर रख दी. इतनी तेजी से इन्क्वायरी होते देख उसे काफी तसल्ली हो गई थी. तभी उस ने राहुल के पकड़े जा सकने की उम्मीद का जिक्र भी कर दिया. सना का नाम बीच में लाए बिना उस ने बताया कि घर में काम करने वाली फरीदन के साथ उस ने राहुल को बाजार में देखा था. वह राहुल के सामने पड़ना नहीं चाहती थी, सो, उस समय कुछ नहीं बोली, पर फरीदन का पता वह कल तक उन्हें दे देगी, उस से राहुल का ठौरठिकाना मिल सकता है.
मयूरी को साथ ले जा कर उन लोगों ने वह भव्य इमारत भी खोज निकाली थी, जहां राहुल उसे छोड़ कर गया था. बिल्ंिडग की शिनाख्त करा के वहां खुफिया पुलिस के आदमी सादी ड्रैस में तैनात कर दिए गए थे, जो उस बंगले में हर आनेजाने वाले की कड़ी निगरानी करते थे.
घर आ कर मयूरी ने बातोंबातों में फरीदन से उस के घर का पता जान लिया था, जो उस ने फौरन अधिकारियों तक पहुंचा दिया. और उस के घर की निगरानी भी शुरू हो गई थी.
मयूरी ने सना को बिना कुछ बताए उस की तरफ से फरीदन की मारफत शिराज के पास अगले दिन उसी पार्क में आने के लिए मैसेज भिजवाया.
घर पहुंच कर फरीदन मैसेज का पुरजा राहुल को देने के लिए जैसे ही घर से निकली, बुर्कानशीं मयूरी सादे कपड़ों की पुलिस के साथ उस के पीछे चल पड़ी. गली से निकल कर वह एक मकान के सामने जा कर रुकी और दरवाजे की घंटी दबा दी. दरवाजा राहुल ने ही खोला था. फरीदन को देखते ही उसे अंदर कर के दरवाजा फिर बंद हो गया.
मयूरी से उसी के राहुल होने की शिनाख्त करा कर पुलिस वालों ने उस घर को चारों तरफ से घेर लिया. जैसे ही फरीदन ने वापस जाने के लिए कदम बाहर रखा, उसे गिरफ्तार कर लिया गया. साथ ही, कुछ पुलिस वाले धड़धड़ाते हुए अंदर घुस गए. पुलिस को देख राहुल ने भागने की कोशिश की किंतु जल्द ही उसे भी गिरफ्त में ले लिया गया. मकान की तलाशी लेने पर नीचे बने तहखानेनुमा स्टोर में एक युवती छिपी हुई मिली, जिसे मयूरी ने राहुल की बहन सारा के रूप में पहचान लिया, किंतु फरीदन के अनुसार, वह राहुल की प्रेमिका ऐना थी.
इधर इन लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही दूसरी टीम ने भव्य इमारत को भी घेर लिया था. और उस के चौकीदार, दरबान व कुछ कर्मचारियों के साथ ही अंदर मौजूद 2 शेखों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
इमारत से बरामद लोगों में पांखी व उस की बेटी को न पा कर मयूरी बेहद परेशान हो उठी. उस ने पांखी की बताई हुई कुछ जानकारियां अधिकारियों को बताईं, जिन के आधार पर उन्होंने पूरी इमारत का चप्पाचप्पा छान मारा, तब एक आदमकद शीशे के पीछे एक चोर दरवाजा मिला, जिस पर ताला पड़ा हुआ था.
आगे पढ़ें- गिरफ्तार लोगों से पुलिस ने…
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