पुरुष मित्र दगाबाज तो नहीं

लेखक-भैल चंदु 

नेहा की शादी के 4 साल बाद ही उस के पति की मृत्यु हो गई. कुछ साल उस ने अपने बेटे की परवरिश में गुजार दिए. बेटा होस्टल पढ़ने चला गया. नेहा नौकरी के साथ अपना घर भी संभालती थी. इस के बाद भी उसे जीवन में काफी खालीपन लगता था. परिवार के नाम पर उस की बूढ़ी मां ही थी. वह भी अपने बेटों के साथ रहती थी. नेहा अपनी मां के पास जाती जरूर थी पर वहां अपने भाई और भाभी से दिली लगाव नहीं मिलता था. उन के व्यवहार से ऐसा लगता था जैसे वे लोग नेहा को बहुत ज्यादा पसंद नहीं करते.

नेहा देखने में सुंदर और व्यवहार से काफी सुलझ हुई थी. उस के अकेलेपन का लाभ उठा कर करीब आने वालों की संख्या कम नहीं थी. इन में कई उस की सहेलियों के पति भी थे. नेहा को ऐसे लोगों के व्यवहार से पता चल जाता था कि कौन क्या चाहता है?

नेहा जितनी सुंदर थी उतनी ही फैशनेबल भी थी. उस के अंदाज को देख कर लोगों को लगता कि नेहा को हासिल करना बहुत आसान है. कई बार लोग उस को दिलफेंक समझने की गलती भी कर देते थे.

साथी की जरूरत

नेहा इन बातों से अनजान नहीं थी पर वह ऐसे लोगों और उन के व्यवहार को तवज्जो नहीं देती थी. यह बात सच थी कि नेहा को भी किसी साथी की जरूरत महसूस हो रही थी, जिस के साथ वह बैठ कर बात सके, जिसे वह सामान्य दोस्त से अलग समझ सके.

यह भी सच है कि ऐसे समय में शारीरिक संबंधों की जरूरत भी अनुभव होती है. कई बार सैक्स जरूरी भी हो जाता है. अकेलापन किसी तरह के डिप्रैशन में न डाल दे उस से बचने के लिए एक साथी की जरूरत होती है.

नेहा ने अपनी सहेलियों के दिलफेंक पतियों से अपने को दूर रखते हुए डाक्टर दिनेश के साथ दोस्ती को मजबूत आधार देना शुरू किया. वैसे तो डाक्टर दिनेश का अपना घरपरिवार था पर वे घरपरिवार के साथ कम ही रहते थे. यह बात जरूर थी कि वे घरपरिवार को संभालते हुए नेहा के साथ संबंध भी बनाने में सफल थे. वे नेहा का हर तरह से खयाल रखते थे.

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शारीरिक संबंधों के जरीए भी नेहा के साथ संबंध बनाने में भी सफल थे. वे नेहा का हर तरह से खयाल रखते थे. शारीरिक संबंधों के जरीए भी नेहा और डाक्टर दिनेश एकदूसरे का पूरा खयाल रखते थे. पर दोनों ही अपनी जिम्मेदारियां खुद ही उठा रहे थे. दोनों एकदूसरे के साथ खुश थे. बाकी लोगों को भी कोई परेशानी नहीं थी.

भारी पड़ा सहेली का पति

नेहा ने जितनी समझदारी दिखाई सुप्रिया उतना ही नासमझ निकली. सुप्रिया भी सिंगल थी. उस का पति से तलाक हो चुका था. वह अपना खुद का बिजनैस कर के खुश थी. बेटी एमबीए कर के जौब में थी. सुप्रिया की सहेली रजनी का पति अशोक उस के करीब आने का प्रयास कर रहा था. रजनी को यह बात पता नहीं थी. सुप्रिया और अशोक की दोस्ती रंग ला चुकी थी. पहले ये लोग छिपछिप कर मिलने लगे. इस के बाद खुल कर भी एकदूसरे से मिलने लगे.

अशोक अपनी पत्नी से कहीं अधिक सुप्रिया के साथ खुश रहता था. यह बात कुछ ही दिनों में रजनी और उस के परिवार वालों को पता चल गई. वे अशोक से बात करने के बजाय सुप्रिया को ही बुराभला कहने लगे. दोनों परिवारों में विवाद बढ़ गया. बात इतनी बिगड़ गईर् कि सुप्रिया और रजनी के बीच दूरियां बढ़ गईं. सभी को पता चल गया कि सुप्रिया ने रजनी के पति पर डोरे डाले हैं.

जहां सुप्रिया बदनाम हो गई वहीं रजनी से उस के रिश्ते भी खत्म हो गए. जिस खुशी के लिए सुप्रिया ने अशोक के साथ संबंध बनाए थे वे बदनामी में बदल गए. अगर सुप्रिया ने अपनी सहेली के पति से संबंध नहीं बनाए होते तो हालात यहां तक नहीं बिगड़े होते.

ऐसे में यह बात साफतौर पर समझ जा सकती है कि 40 के बाद की सिंगल महिलाएं पुरुष मित्र बनाएं पर अपनी सहेलियों के पतियों को नहीं. वहां रिश्ते बनते कम और बिगड़ते ज्यादा है. मुफ्त में बदनामी मिलती है.

बढ़ रही सिंगल औरतों की संख्या

सिंगल रहने वाली महिलाओं की संख्या पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रही है. भारत जैसे देश में कुछ सालों में यह संख्या तेजी से बढ़ी है. ‘नेशनल फोरम फौर सिंगल वूमन’ के आंकड़े बताते है कि पूरे देश में करीब 7 करोड़ 11 लाख महिलाएं सिंगल रहती हैं. यह देश की कुल आबादी का 12 फीसदी होता है. 2001 में यह आंकड़ा करीब 5 करोड़ 12 लाख था. 10 सालों में यह 39 फीसदी की दर से बढ़ा है.

पहले जहां 40 से ऊपर आयुवर्ग की औरतें सिंगल वूमन के रूप में अपना जीवन गुजरबसर कर रही थीं अब कम उम्र में ही महिलाएं सिंगल वूमन के रूप में रह रही हैं. सब से ज्यादा 25 से 30 आयुवर्ग की औरतें सिंगल वूमन के रूप में रह रही हैं. यही नहीं  22 से 24 आयुवर्ग की 1 करोड़ 70 लाख औरतें सिंगल रह रही हैं. 60 से 64 आयुवर्ग की करीब 70 लाख महिलाएं सिंगल रह रही हैं.

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बदलती सोच से बदलाव

यही नहीं देश में लड़कियों की शादी करने की औसत उम्र भी तेजी से बढ़ती जा रही है. 1990 में लड़कियों की शादी की औसत उम्र 19 साल थी जो 2011 में बढ़ कर 21 साल हो गई. आंकड़े बताते हैं कि 2001 से 2011 के बीच सब से अधिक बदलाव महसूस किया गया हैं. इस दौरान 68 फीसदी की वृद्धि हुई है.

अगर देश के अंदर अकेली रहने वाली औरतों की संख्या को देखें तो उत्तर प्रदेश सब से अव्वल है. 1 करोड़ 20 लाख अकेली औरतें केवल उत्तर प्रदेश में रहती हैं. 62 लाख अकेली औरतों के साथ महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर और 47 लाख महिलाओं के साथ आंध्र प्रदेश तीसरे नंबर पर है. मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों में भी यह संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है.

2021 के आंकड़े जब सामने आएंगे तो वे और चौंकाने वाले होंगे क्योंकि वर्क फ्रौम होम, कोरोना, असामयिक मौतें और बदलती सोच ने बहुत से बदलाव किए हैं. शादियां बुरी तरह टाली गई हैं.

शादी के अलावा दूसरी जिम्मेदारियां

40 के बाद सिंगल रहने के पहले यही कारण होते थे कि या तो औरत की शादी नहीं हुई या फिर शादी के बाद उस का तलाक हो गया या फिर पति नहीं रहा. अब ऐसा नहीं है. बहुत सारी शादीशुदा औरतें अपने कैरियर को बनाने के लिए या अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाने के लिए शादी नहीं करतीं और सिंगल रहने का फैसला करती हैं. कई बार सिंगल औरतें किसी बच्चे को गोद भी ले लेती हैं, जिस से उन्हें अपने परिवार का एहसास भी बना रहता है.

ऐसी औरतों का मानना है कि केवल शादी कर लेना भर ही जीवन का उद्देश्य नहीं है. पूरा देश और समाज तरक्की करे, खुशहाल बने यह भी होना जरूरी होता है. अब केवल सैलिब्रिटीज ही नहीं आम औरतें भी सिंगल रह कर अपनी जिम्मेदारियों को समझ रही हैं.

ऐसी औरतों के लिए जरूरी है कि वे आत्मनिर्भर बनें और सही दिशा में सोचें. सिंगल औरतों को ले कर समाज की सोच बदल रही है. ऐसे में उन्हें खुद भी आत्मविश्वास के साथ रहना चाहिए.

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5 फैक्ट्स अबाउट बेबी मसाज

किसी भी शिशु के स्वस्थ जीवन की नींव उसे बचपन में मिलने वाली मजबूत व पौष्टिक औयल मसाज से होती है. आइए, जानते हैं बेबी मसाज के फायदों के बारे में:

रिलैक्स योर बेबी

जिस तरह आप को पार्लर में जा कर हैड मसाज, फुल बौडी मसाज लेने से काफी रिलैक्स व अच्छा फील होता है, आप खुद को स्ट्रैसफ्री महसूस करती हैं ठीक उसी तरह आप के बेबी को भी मसाज से काफी रिलैक्स फील होगा और इस से उस की मांसपेशियां व हड्डियां भी मजबूत बनेंगी क्योंकि मसाज करने से बच्चे में फील गुड नामक हारमोन रिलीज होता है, जो बच्चे को शांत रखने के साथसाथ उसे अंदर से खुश रखने का भी काम करता है. जिस से उस का चिड़चिड़ापन दूर होता है और वह रिलैक्स हो कर सोता है, खेलता है, जिस से आप भी उस के साथ ऐंजौय कर पाती हैं.

विकास में मददगार

मसाज से बच्चे की इम्यूनिटी बूस्ट होने के साथसाथ वजन बढ़ने में भी मदद मिलती है क्योंकि जब आप अपने स्पर्श से अपने बेबी की मसाज करती हैं तो उस से उस के इंटरनल सिस्टम में स्फूर्ति पैदा होने के साथसाथ ब्लड सर्कुलेशन में भी बढ़ोतरी होती है.

साथ ही आप इस के द्वारा अपने बच्चे के शरीर में मायलीनेशन की प्रक्रिया को तेज व सक्रिय बनाते हैं, जो आप के शिशु के ब्रेन व बौडी को सिगनल देने का काम करता है. यह आप के बच्चे में बोलने, समझने का विकास करने में मदद करता है.

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फैक्ट्स अबाउट बौडी पार्ट्स मसाज

बैली मसाज: अगर आप के बच्चे को कब्ज या फिर पाचन में किसी भी तरह की कोई दिक्कत हो, तो बैली मसाज से पाचन संबंधित दिक्कतों से नजात मिलता है, जिस से बच्चा चैन की नींद भी सो पाता है.

आर्म्स मसाज: इस से मांसपेशियों में मजबूती आने से बच्चे के हाथों में तेजी से मूवमैंट आने लगती है.

लेग्स मसाज: इस में थाईज मसाज भी शामिल है. इस से हड्डियां स्ट्रौंग बनने के साथसाथ पैरों व बौडी मूवमैंट में भी सुधार आता है.

चैस्ट मसाज: इस से बच्चे को गरमाहट मिलने से उसे कफ, कोल्ड की शिकायत नहीं होती है.

फेस मसाज: यह चेहरे की डाइनैस को दूर कर स्किन टैक्स्चर को इंप्रूव करती है.

हैड मसाज: यह मस्तिष्क के विकास व स्ट्रैस को दूर करने के साथसाथ बेबी स्लीप को ठीक करने का काम भी करती है. इस से ब्लड सर्कुलेशन भी इंपू्रव होता है.

बैक मसाज: यह हड्डियों को मजबूत बनाती है.

बिल्ट ए स्ट्रौंग बौंडिंग

जब आप उस की आंखों में आंखें डाल कर, गुनगुनाते हुए, उसे सहलाते हुए उस की मसाज करती हैं, तो उस में आप के हाथों की खुशबू बसने के साथसाथ स्मैल सैंस विकसित होने के साथसाथ एक बहुत ही मजबूत बौंडिंग का विकास होता है, जो बहुत ही सुंदर एहसास देने का काम करता है.

बेबी स्किन में इंपू्रवमैंट

नवजात की स्किन जन्म के बाद रंग व टैक्स्चर में भिन्न होती है, जो धीरेधीरे अपनी नैचुरल स्किन टोन में आने में समय लेती है. नवजातों की स्किन टोन लाइट पिंक कलर का होती है, जो उन का रियल कंप्लैक्सन नहीं होता है. यह पिंकिश टोन ब्लड वैसल्स के कारण होती है, जो बच्चे की पतली त्वचा के माध्यम से दिखाई देती है, लेकिन धीरेधीरे यह मसाज व फीडिंग से बच्चे की खुद की स्किन में सैटल हो कर उस का खुद का स्किन कलर दिखाई देने लगता है.

लगातार बेबी मसाज करने से स्किन का कलर नहीं बल्कि उस का टैक्स्चर इंप्रूव होने लगता है क्योंकि बेबी औयल से स्किन ऐक्सफौलिएट होने से स्किन को नैचुरल मौइस्चर व शाइन मिलती है. साथ ही स्किन की ड्रायनैस भी दूर होती है.

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फैमिली के लिए बनाएं आलू भटूरे

अगर आप अपनी फैमिली के लिए कुछ टेस्टी रेसिपी ट्राय करना चाहती हैं तो आलू भटूरे की रेसिपी ट्राय करना ना भूलें.

 सामग्री :

– मैदा (02 कप)

– आलू (3 मीडियम साइज़, उबले हुए)

– दही (1/3 कप)

– तेल  01 बड़ा चम्मच (मैदा में डालने के लिये)

– तेल ( भटूरे तलने के लिये)

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आलू भटूरे बनाने की विधि :

– सबसे पहले उबले हुए आलुओं को छील लें.

– फिर उन्हें कद्दूकस कर लें.

– इसके बाद एक बर्तन में मैदा को छान लें.

– फिर उसमें मैश किए आलू, दही, 01 बड़ा चम्मच तेल और नमक डाल कर अच्छी तरह से मिला लें.

– अब मैदा में धीरे-धीरे पानी डालते हुए उसे अच्छी तरह से गूथ लें.

– ध्यान रहे कि गुथा हुआ मैदा पूरी बनाने वाले आटे से थोड़ा नरम और चपाती बनाने वाले आटे से थोड़ा     सख्त होना चाहिए.

– अब गुंथे हुए मैदे को गीले कपड़े से ढ़कर 20 मिनट के लिए रख दें.

– इससे आटा अच्छी तरह से सेट हो जाएगा और भटूरे बनाने के लिए तैयार हो जायेगा.

– आटा तैयार होने पर एक कढा़ई में तेल डाल कर गरम करें.

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– साथ ही दोनों हाथों पर थोड़ा सा सूखा आटा लगा लें.

– फिर गुंथे हुए आटे से नींबू से थोड़ा ज्यादा आटा लेकर उसकी लोई बना लें.

– लोई को सूखे आटे में लपेट लें फिर उसे बेलन पर रख कर गोलाई में पराठे के जितना मोटी बेल लें.

– तेल गरम होने पर बेले हुए भटूरे को उसमें डालें और कलछी से दबा-दबा कर सेंकें.

– जब भटूरा एक तरफ से सिंक जाए, उसे पलट लें और गोल्डेन ब्राउन कलर का सेंक लें.

अब आपके स्‍वादिष्‍ट आलू के भटूरे  तैयार हैं.

जानें कब और कैसे लगाएं Hair Oil

सालों से बालों में तेल लगाने की परंपरा रही है. तेल लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं. मस्तिष्क शांत रहता है. ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है, जिस से बालों का ?ाड़ना और सफेद होना दोनों में कमी आती है. यह सोचना कि आम काम करने वाली लड़कियों को अमीर घरों की लड़कियों की तरह तेल न लगा कर हीरोइनों द्वारा लगाए जाने वाले प्रोडक्ट लगाने चाहिए गलत है.

आज की भागमभाग वाली जीवनशैली में बालों का ?ाड़ना और जल्दी सफेद होना आम है. ऐसे में नियमित तेल लगाने से आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हो सकती हैं.

औयलिंग कब और कैसे करें, इस बारे में जानकारी आवश्यक है- अगर मसाज सिर, कानों के पीछे और सभी प्रैशर पौइंट को ध्यान में रख कर की जाए तो इस का लाभ तुरंत मिलता है. मसाज से केवल बाल ही नहीं चमकते वरन चेहरे पर भी ग्लो आता है.

ऐसे बनाएं स्ट्रौंग हेयर

बालों की सप्ताह में 2 दिन औयलिंग आवश्यक है. इस से बाल मुलायम और चमकदार रहते हैं, डैमेज बालों की लगातार रिपेयरिंग होती रहती है, साथ ही प्रदूषण से भी बाल डैमेज नहीं होते क्योंकि तेल बालों के प्रौटीन को बनाए रखता है, जिस से बाल हैल्दी और स्ट्रौंग रहते हैं. हर मौसम में औयलिंग अच्छी रहती है.

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वैसे तो बालों में तेल हरकोई अपनी सुविधानुसार लगाता है, पर पेश हैं कुछ तरीके जो प्रभावशाली होने के साथसाथ हेयर फौल को भी रोकते हैं:

– औयल को लगाने से पहले थोड़ा गरम करें.

– हेयर को विभागों में बांट लें और हर भाग में अच्छी तरह औयल लगाएं.

– एकसाथ अधिक तेल न लगाएं, हर भाग में थोड़ा औयल ले कर पोरों से मसाज करें.

– मसाज 10 से 15 मिनट तक करें ताकि तेल बालों की जड़ों में पहुंचे और आप ताजगी महसूस करें.

– मसाज के तुरंत बाद बालों को न धोएं. कम से कम 1 घंटे के बाद धोएं. वैसे पूरी रात तेल के लगे रहने से फायदा अधिक होता है.

– हमेशा अपने पिलो कवर को साफ रखें. चुन्नी को भी नियमित धोएं क्योंकि तेल लगाने की वजह से बैक्टीरिया जल्दी मल्टीप्लाई करता है.

– हमेशा अच्छे शैंपू और कंडीशनर का ही प्रयोग करें. बालों को प्राकृतिक वातावरण में सूखने दें. ब्लोअर या ड्रायर का इस्तेमाल कम करें क्योंकि इस के ज्यादा इस्तेमाल से बाल रूखे और बेजान हो सकते हैं.

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10 बेबी स्किन केयर टिप्स

उस दिन माया बहुत परेशान थी. वह पति और 4 महीने की बच्ची के साथ अपनी कार में मायके जा रही थी. लंबा सफर तय करना था. दिल्ली से मायके यानी इलाहाबाद पहुंचने में 7-8 घंटे लग गए थे. उस पर बारिश का मौसम था. बेटी को ठंड न लग जाए इस

वजह से 2-3 ऐक्स्ट्रा कपड़े भी पहना रखे थे. बेटी आधे रास्ते तो सोती हुई गई, मगर फिर परेशान करने लगी. वह कसमसा रही थी और रोने भी लगी थी. घर पहुंच कर माया ने देखा कि उस की स्किन में कई जगह लाल चकत्ते और दाने से हो गए हैं.

जब माया की मां ने बच्ची को गोद में लिया तो कहने लगीं कि लगता है इसे घमौरियां हो गई हैं. टाइट कपड़ों या नमी वाले मौसम में लंबी यात्रा से छोटे बच्चों में पसीने की वजह से यह प्रौब्लम हो जाती है. उन्होंने तुरंत बच्ची के टाइट कपड़ों को उतार कर ढीले और आरामदायक कपड़े पहनाए और थोड़ा बेबी पाउडर भी लगाया. फिर दूध पिला कर उसे सुला दिया. सुबह जब उठी तो उसे नौर्मल देख कर माया की जान में जान आई.

दरअसल, बच्चे की स्किन वयस्कों की तुलना में 3 गुना ज्यादा सैंसिटिव और कोमल होती है. यही वजह है कि उन की स्किन पर अकसर रैशेज, दाने या ड्राइनैस की समस्या आ जाती है. मां के गर्भ के बाहर आने के बाद बच्चे की स्किन नए वातावरण में खुद को एडजस्ट करने की कोशिश कर रही होती है. इसी वजह से शिशुओं की स्किन को अतिरिक्त देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता होती है.

ऐसे में बेबी की स्किन की केयर करने में कई बातों का खास ध्यान रखना होता है जैसे:

सूरज की रोशनी

जन्म के शुरुआती दिनों में बेबी को डाइरैक्ट सनलाइट में ले कर नहीं आना चाहिए. इस से बच्चों को सनबर्न हो सकता है. अगर आप कहीं बाहर जा रहे हैं और बच्चा लंबे समय तक धूप में रहने वाला है तो उसे पूरी बांह के कपड़े, फुल पैंट पहनाएं और कैप लगाएं, साथ ही बाकी खुले हुए हिस्सों में बेबी सेफ सनस्क्रीन लगाना बेहतर रहेगा.

जब बच्चा बड़ा हो जाए तो उसे कुछ समय के लिए धूप में ले जाया जा सकता है. इस से विटामिन डी मिलता है.

कौटन के कपड़े पहनाएं

बच्चों को गरमी से रैशेज बहुत आसानी से हो जाते हैं क्योंकि उन की स्किन फोल्ड्स में पसीना बहुत ज्यादा आता है. इसलिए बच्चों को जितना हो सके कौटन के कपड़े पहनाने चाहिए. ये सौफ्ट, पसीना सोखने वाले और काफी कंफर्टेबल होते हैं. सिंथैटिक कपड़ों से बच्चों को ऐलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं.

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मसाज जरूरी

यह बहुत जरूरी है कि आप नियमित रूप से बच्चे की मालिश करें. मालिश से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और इस से आप के बच्चे की स्किन बेहतर बनेगी. बच्चों की मालिश के लिए नारियल, सरसों, बादाम या जैतून के तेल को चुन सकती हैं. इस से उन की स्किन को पोषण मिलेगा और स्किन हाइड्रेट और मौइस्चराइज रहेगी.

मालिश से पहले तेल को कुनकुना कर लें. बच्चे की मसाज करते समय इस बात का ध्यान रखें कि कमरे का तापमान 280 सी से 320 सी के बीच होना चाहिए. हलके गरम कमरे में ही बच्चे की मसाज करें और ज्यादा से ज्यादा 5 से 7 मिनट तक ही करें.

साफसफाई पर दें ध्यान

अपने बच्चे को नियमित अंतराल पर वेट वाइप्स से साफ करें. उसे रोजाना नहलाने के बजाए आल्टरनेटिव दिनों में नहलाएं. स्पौंज बाथ ज्यादा दें.

अगर बच्चा बहुत ही छोटा है तो उसे हफ्ते में 3 बार केवल स्पौंज बाथ दें और 4 बार नौर्मल बाथ. स्पौंज बाथ देने के लिए एक स्पौंज या बहुत ही मुलायम कपड़े को कुनकुने पानी में भिगो लें. इस के बाद बहुत ही हलके हाथों से बेबी के पूरे शरीर को पोंछ लें.

नहलाने के लिए एक जैंटल कैमिकल फ्री क्लींजर या बेबी बौडी वाश चुनें जो स्किन को कोमल और स्वस्थ रखने में मदद करता हो. रोजाना सफाई करने से आप के बच्चे को किसी तरह का इन्फैक्शन आदि नहीं होता खासकर जाड़े में अधिक कपड़े पहनने की वजह से पसीने के कारण बच्चे की स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं. नहाने से बंद हुए छिद्रों को खोलने में मदद मिलती है. बौडी के पोर खुलने से बच्चा फ्रैश महसूस करेगा. सर्दियों में बच्चे को 5 मिनट से ज्यादा न नहलाएं.

ज्यादा गरम पानी से न नहलाएं

कई बार माताएं यह गलती करती हैं कि ठंड के मौसम में शिशु को सर्दीजुकाम के खतरे से बचाने के लिए बहुत गरम पानी से नहला देती हैं. मगर याद रखें कि गरम पानी शिशु की स्किन के लिए नुकसानदेह हो सकता है. इसलिए सादे पानी में थोड़ा सा गरम पानी मिला कर शिशु को नहलाएं.

सौफ्ट टौवेल ही यूज करें

नहलाने के बाद बेबी की स्किन को बहुत ही सौफ्ट टौवेल से पोंछ लें. यह जरूर ध्यान रखें कि आप जिस भी टौवेल का यूज करें वह मुलायम होने के साथसाथ साफ भी हो. एक बात का और ध्यान रखना चाहिए कि उस के कपड़े माइल्ड डिटर्जैंट से ही धोने चाहिए. वयस्कों के डिटर्जैंट में कई हानिकारक कैमिकल्स होते हैं जो बच्चे के कपड़ों पर रह सकते हैं. इस से बच्चे की स्किन पर इरिटेशन या रैशेज हो सकते हैं.

स्किन को 2 बार लोशन से मौइस्चराइज करें

नहलाने और स्किन को टौवेल से पोंछने के बाद बच्चे की स्किन को मौइस्चराइज करने की जरूरत होती है. बेबी की स्किन बहुत जल्दी ड्राई हो जाती है. इसलिए उसे लगातार हाइड्रेट रखने की जरूरत होती है. बेबी की स्किन पर दिन में 2 बार मौइस्चराइज, बेबी क्रीम या मिल्क लोशन अप्लाई किया जा सकता है.

एक बार नहाने के तुरंत बाद और दूसरी बार शाम के समय. यहां यह ध्यान रखने की जरूरत है कि मौइस्चराइजर अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए. इस में मुख्य रूप से पानी के अलावा प्रोपिलीन ग्लाइकोल होना चाहिए. प्रोपिलीन बच्चे की नाजुक स्किन को मुलायम और नर्म बनाए रखता है.

डायपर रैशेज का रखें ध्यान

छोटे बच्चे को डायपर से जल्दी रैशेज हो जाते हैं क्योंकि उस की स्किन बहुत कोमल और संवेदनशील होती है. इसलिए अपने बच्चे को कस कर या बहुत लंबे समय तक डायपर पहना कर न रखें. डायपर से अगर रैशेज हो भी गए हों तो उसे खुला रहने दें और बेबी पाउडर लगाएं.

इस से बच्चे को आराम मिलेगा. बहुत देर तक उसे गीले डायपर में न रहने दें. रैशेज वाली जगह पर नारियल का तेल भी लगा सकती हैं. यह फंगल इन्फैक्शन होने से रोकता है और बच्चे की स्किन को राहत पहुंचाता है. बच्चे के लिए ऐसे डायपर का चुनाव करें जो सौफ्ट और ज्यादा सोखने वाला हो.

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सही उत्पाद करें इस्तेमाल

शिशु की स्किन बड़ों से बहुत अलग होती है, इसलिए उस की स्किन की जरूरतें भी अलग होती हैं. अगर आप शिशु की स्किन पर बड़ों के लिए इस्तेमाल होने वाले उत्पादों का इस्तेमाल करेंगी तो उस की स्किन को नुकसान पहुंच

सकता है. बाजार में बच्चों के लिए अलग से साबुन, क्रीम, पाउडर और मौइस्चराइजर उपलब्ध होते हैं, जिन का इस्तेमाल आप शिशु के लिए कर सकती हैं.

बच्चे के नाखूनों का भी रखें ध्यान

बच्चे के नाखूनों को छोटा रखना भी जरूरी है. कई बार बच्चा अपने नाखूनों से ही खुद को चोट पहुंचा लेता है, साथ ही इन में मैल भरने से इन्फैक्शन का भी खतरा रहता है क्योंकि बच्चा अकसर अपने हाथों को मुंह में डालता रहता है. बच्चे के नाखून बढ़ते भी बहुत जल्दी हैं. उन्हें काटने के लिए नेल क्लीपर पर का इस्तेमाल करें और बेहद सावधानी से इन्हें काटें.

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Kajal Aggarwal ने कुछ यूं सेलिब्रेट की गोदभराई की रस्म, फोटोज वायरल

साउथ से लेकर बौलीवुड में अपनी एक्टिंग से धमाल मचाने वाली एक्ट्रेस काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) शादी के बाद से सुर्खियों में हैं. जहां बीते दिनों एक्ट्रेस ट्रोलिंग का शिकार हो गई थीं तो वहीं अब उनकी गोदभराई की फोटोज सोशलमीडिया पर वायरल हो गई हैं. आइए आपको दिखाते हैं एक्ट्रेस काजल अग्रवाल की बेबी शावर (Kajal Aggarwal Baby Shower) की खास फोटोज…

एक्ट्रेस ने गोदभराई की सेलिब्रेट

एक्ट्रेस काजल अग्रवाल जल्द ही मां बनने वाली हैं, जिसके चलते हाल ही में उन्होंने दोस्तों और फैमिली संग बेबी शावर सेरेमनी सेलिब्रेट की. बेबी शौवर की रस्म में काजल अग्रवाल लाल रंग की साड़ी पहने नजर आईं, जिसमें वह बेहद खूबसूरत लग रही थीं. वहीं उनके साथ सेलिब्रेशन में उनके पति गौतम किचलू प्यार लुटाते नजर आए.

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फैंस ने लुटाया प्यार

गोदभराई के मौके पर एक्ट्रेस काजल अग्रवाल अपने पति गौतम किचलू के साथ जमकर फोटोज क्लिक करवाती नजर आईं. वहीं इन फोटोज को देखकर फैंस और सेलेब्स कमेंट्स में जमकर प्यार लुटाते हुए नजर आए. जहां फैंस ने काजल और उनके बच्चे की सलामती की दुआ मांगी तो वहीं उनके गोदभराई लुक की तारीफ करते नजर आए. लाल साड़ी में बेबी बंप फ्लौंट करते हुए काजल अग्रवाल की फोटोज को फैंस बेहद पसंद कर रहे हैं.

ट्रोलिंग का हुई थीं शिकार

बता दें, बीते दिनों प्रैग्नेंसी में वजन बढ़ने के कारण एक्ट्रेस काजल अग्रवाल ट्रोलिंग का शिकार भी हो चुकी हैं. हालांकि वह ट्रोलर्स को एक पोस्ट के जरिए करारा जवाब देते हुए नजर आईं थीं. वहीं इन सबके बीच सेलेब्स ने उनका पूरा सपोर्ट किया था, जिसके चलते फैंस भी उनके साथ आ गए थे.

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Hrithik Roshan की फैमिली फोटो में दिखीं Saba Azad तो फैंस ने पूछा शादी का सवाल

बौलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) इन दिनों अपनी पर्सनल लाइफ के चलते सुर्खियां बटोर रहे हैं. जहां बीते दिनों सबा आजाद (Saba Azad) के साथ डेटिंग के कारण वह खबरों में हैं तो वहीं अब सबा आजाद के ऋतिक रोशन की फैमिली संग फोटोज वायरल हो रही हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

फैमिली संग दिखे सबा-ऋतिक

 

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इन दिनों मीडिया में खबरें हैं कि सबा आजाद और एक्टर ऋतिक रोशन एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं, जिसे अब वह वेलेंटाइन डे के मौके पर सबके सामने जाहिर करते नजर आए थे. वहीं अब ऋतिक रोशन (Hrithik Roshan) और सबा आजाद (Saba Azad) की एक फोटो सोशलमीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें ये कपल फैमिली के साथ वीकेंड का लुत्फ उठाते नजर आ रहे हैं. दरअसल, फोटो में ऋतिक रोशन अपने बच्चों, बहन और माता-पिता के साथ बैठे दिख रहे हैं. वहीं इसमें सबा आजाद भी साथ नजर आ रही हैं.

 

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फैंस कर रहे हैं ये सवाल  

ऋतिक रोशन और सबा आजाद की फैमिली संग फोटोज वायरल होने के बाद सेलेब्स और फैंस फोटोज पर जमकर कमेंट कर रहे हैं. वहीं सबा आजाद ने भी फोटो पर कमेंट करते हुए लिखा है कि यह उनका सबसे अच्छा संडे था. हालांकि फैंस भी अपने फेवरेट एक्टर की खुशी पर कमेंट करते हुए उनसे सवाल कर रहे हैं कि क्या इस फोटो का मतलब यह माना जाए कि दोनों की शादी पक्की हो गई है? वहीं दोनों की इस जोड़ी का फैंस ने #sabthik हैशटैग दे दिया है.

 

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बता दें, बीते दिनों ऋतिक रोशन की एक्स वाइफ सुजैन खान भी सबा आजाद की तारीफ करती हुईं नजर आईं थीं. जहां उन्होंने सोशलमीडिया पर एक स्टोरी शेयर करके सबा आजाद की तारीफ की थी.

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यह तो गहरी साजिश है

चुनाव निकट आते ही देशभर में हिंदूमुसलिम, हिंदूमुसलिम की आवाजें सुनाई देने लगती हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनावों में जो बात सब से ज्यादा बोली गई है वह यह है कि मुसलिम मतदाता किस और वोट देंगी, उन के वोट भारतीय जनता पार्टी को तो नहीं जाएंगे पर क्या कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में बंट जाएंगे? राजनीति के यह सवाल असल में पूरे समाज को 2 हिस्सों में बांटने लगे हैं और  भारत की मुसलिम औरतों के विकास, उन की शिक्षा, सोच, अंधविश्वासों पर गहरा असर पड़ रहा है.

पहले 3 तलाक के बहाने औरतों को मोहरा बनाया गया, यूनिकौम सिविल कोड यानि 4 तक शादियां करने की इजाजत, बुर्का और अब हिजाब को ले कर औरतों को केंद्र में रख कर हिंदू नेता अपनी वोटे इक्ट्ठी कर रहे हैं. मुसलिम नेता नाम की चीज तो यहां है ही नहीं पर जो भी लंबी दाड़ी वाले हैं वे इस विभाजन करने वाली राजनीति में अपना लंबी दूर तक चलने वाले मोटा मुनाफा देखते है और इस आग को सुलगते रहने देते रहना चाहते हैं.

औरतों को इस तरह के विवादों से ज्यादा फर्क पड़ता है क्योंकि आबादी के आधे हिस्से को अपने ही लोगों से बचाने वाले विरोध आम चर्चा से हट जाते हैं. आम हिंदू पिछड़ी व दलित औरतों की तरह आम मुसलिम औरतों को आज भी देश भर में केवल घर चलाने के लिए मुफ्त की नौकरानी समझ कर रखा जा रहा है और एक तरफ देश को इस कर्मठ हो सकने वाली आबादी की उत्पादकता का लाभ नहीं मिल रहा, दूसरी ओर ये अपने परिवारों, धार्मिक गुरुओं, रीतिरिवाजों के जंजालों में फंसी रह कर अपनी पर्सनैलिटी को लगभग शून्य कर रही है.

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मुसलिम महिलाएं जहां फैसले लेने वाली होनी चाहिए वहां उन्हें हिजाब पहना कर नुमाइश बना दिया गया है और दूसरों से अलगथलग रख कर एक बेमतलब के विवाद में फंस गई हैं. वे इस तरह उलझ गर्ई हैं कि उन के लिए निकलना मुश्किल होता जा रहा है. उन्हें हिजाब पहनने में कोई मजा आ रहा हो, यह कहना कठिन है पर जब कोई आपत्ति करे तो उन्हें लगता है कि उन के हकों पर हमला हो रहा हैं.

जहां मुसलिम महिलाओं को नौकरियों में बराबर के हक, संपत्ति में बराबर के हक, काजी मौलवी से छूटने के हक, नागरिकता कानून के पैने पंजों में दबते हकों के लिए लडऩा चाहिए उन्हें हिजाब को पहनने के हक में उलझा दिया गया है. इस में मुसलिम धार्मिक नेताओं की जीत साफ है जो औरतों की आजादी को एक बार फिर धकेलने में सफल हो रहे हैं जिस का जीताजागता उदाहरण अफगानिस्तान है जहां औरतों ने अपने बेटों को लडऩे मरने के लिए खुशीखुशी बलिदान किया, अब उन्हीं लोगों के अत्याचारों से दब रही हैं.

चुनावों में उन की बात उठा कर देश की राजनीतिक पार्टियां अपनेअपने लड्डू भून रही हैं पर कढ़ाई तो वे औरतें ही हैं जिनको तपन हो रही है. माल जो बन रहा है वह औरतों को नहीं मिलेगा.

उत्तर प्रदेश का कोई दल मुसलिम तो छोडि़ए हिंदू पिछड़ी व दलित औरतों के साथ ही नहीं खड़ा है. उन्हें मालूम है कि औरतें तो अभी तक गाय हैं, उन्हें तिलक लगाओ या हिजाब पहनाओ दूध देंगी और कहना मानेंगी वर्ना सडक़ों पर फेंकी जा सकती हैं.

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अब और नहीं ड्राय स्किन

सर्दियों में अधिकतर लोगों की समस्या होती है उन की रूखी त्वचा. इस मौसम में रूखी त्वचा को मैनेज करना थोड़ा मुश्किल होता है. कितना भी मौइश्चराइजर या क्रीम लगा लो, थोड़े समय बाद चेहरा शुष्क पड़ ही जाता है.

कई बार रूखी त्वचा की वजह से चेहरे पर ड्राई पैचेस होने लगते हैं जो अलग से ही चेहरे पर दिखने लगते हैं. ड्राई स्किन की वजह से मेकअप भी जल्दी सैट नहीं होता और चेहरे की खूबसूरती ढल जाती है.

रूखी त्वचा को ठीक करने के लिए महिलाएं तरहतरह के फेसमास्क का इस्तेमाल करती हैं, जिन का असर कुछ दिनों तक ही रहता है. लेकिन कुछ ऐसे नैचुरल फेसमास्क हैं जिन्हें आप आसानी से घर पर बना सकती हैं. इन फेसमास्क की मदद से त्वचा में लंबे समय तक नमी बनी रहती है.

एलोवेरा फेसमास्क

एलोवेरा में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं जो शरीर और त्वचा दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं. इस में पाए जाने  वाले एंटीऔक्सीडैंट से चेहरे की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं. एलोवेरा के इस्तेमाल से चेहरे में नमी आती है और जरूरी पोषण भी मिलता है.

एलोवेरा का फेसमास्क बनाने के लिए एलोवेरा जैल निकाल लें. इस में खीरे का जूस मिला लें. इस मास्क को आप फेस वाश करने के बाद चेहरे पर लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें. इस से चेहरे का रूखापन तो दूर होगा ही, चेहरे पर ग्लो भी नजर आने लगेगा.

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 एवोकाडो फेसमास्क

फलों का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है. फलों से सेहत तो अच्छी रहती ही है, चेहरे पर चमक भी बनी रहती है. एवोकाडो पोषक तत्त्वों से युक्त होता है जो त्वचा को स्वस्थ बनाने में फायदेमंद होता है.

यह ड्राई और डैमेज स्किन को हटा कर त्वचा को कोमल बनाता है. एवोकाडो फेसमास्क बनाने के लिए 2 चम्मच मैश किए हुए एवोकाडो लें. उस में एक चम्मच शहद और एक चम्मच गुलाबजल डाल कर अच्छे से मिला लें. चेहरा क्लीन करने के बाद इस मास्क को चेहरे पर लगाएं. 10 मिनट बाद गुनगुने पानी से धो लें.

स्ट्राबैरी फेसमास्क

स्ट्राबैरी से स्किन मुलायम ही नहीं बल्कि ग्लोइंग भी नजर आती है. इस में मौजूद विटामिन सी त्वचा के रूखेपन को दूर करने में मदद करता है. इस के इस्तेमाल से स्किन में जमे डैड सैल्स भी निकल जाते हैं. स्ट्राबैरी फेसमास्क के लिए 2-3 बड़े स्ट्राबैरी को मैश करें, फिर इस में शहद और एक चम्मच ओटमील मिलाएं.

इस का पेस्ट बना लें और 20 मिनट के लिए चेहरे पर लगा कर छोड़ दें. इस के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें. इस मास्क को आप हफ्ते में 2 बार जरूर लगाएं.

पपीता फेसमास्क

पतीता सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए ही बेहतरीन माना जाता है. पपीते में पोटैशियम होता है जो त्वचा को हाईड्रेट और खूबसूरत बना कर रखता है. यह त्वचा में मौजूद डैड सैल्स, दागधब्बों को साफ करने में भी मदद करता है.

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केला और चंदन फेसमास्क

बनाना फेसमास्क ड्राई स्किन को नमी पहुंचा कर उसे चमकदार बनाने में मदद करता है. इस से त्वचा का रूखापन तो खत्म होता ही है,   झुर्रियों जैसी समस्या भी खत्म होने लगती है. यह स्किन को टाइट रखने में भी मदद करता है.

बनाना फेसमास्क बनाने के लिए एक पका हुआ केला लें. उसे अच्छे से मैश करें. अब उस में एक चम्मच शहद, एक चम्मच जैतून का तेल और आधा चम्मच चंदन पाउडर मिला दें. अब इस मास्क को त्वचा पर लगाएं. जब यह अच्छे से सूख जाए तब गुनगुने पानी से धो लें.

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