family story in hindi
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इंसान हो या पेड़ पौधे सभी के लिए पानी जीवनदायी है बिना पानी के जहां इंसान डीहाइड्रेशन का शिकार हो बीमार पड़ जाता है वहीं पेड़ पौधे भी पानी के अभाव में मुरझा जाते हैं. हमारे घरों में छोटा सा किचिन गार्डन तो होता है और यदि फ्लैट है तो हम अपनी बालकनी में भी पेड़ पौधे लगाकर अपने प्रकृति प्रेम को पूरा कर लेते हैं. घर में लगे पेड़ पौधों के लिए पानी जितना जरूरी है उतना ही हानिकारक है उन्हें अधिक पानी देना. अक्सर घरों में लगे महंगे से महंगे इंडोर प्लांट्स पानी की अधिकता से ही मर जाते हैं क्योंकि हमें पता ही नहीं होता कि इन्हें कब और कितना पानी देना है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ टिप्स बता रहे हैं जो आपको अपने प्लांट्स की देखभाल में मदद करेंगे-
1. प्रत्येक पौधे की पानी की आवश्यकता अलग अलग होती है घर में लगे इंडोर प्लांट्स की मिट्टी में एक इंच गहराई तक अपनी उंगली डालें यदि मिट्टी सूखी लगे तो ही पानी दें अन्यथा इंतजार करें.
2. यदि किसी भी पौधे की पत्तियां आपको एकदम झुलसी और टहनी पर लटकती सी दिखें तो इसका सीधा तात्पर्य है कि पौधे को पानी की डिमांड है.
3. यदि मिट्टी में आपको फंगस लगी दिख रही है तो पानी देना बंद करके पौधे को धूप दिखाएं क्योंकि फंगस नमी की अधिकता से लगती है.
4. पत्तियों के किनारे भूरे होने पर यदि वे छूने से टूट कर जमीन पर गिर जाए तो पानी कम है परन्तु यदि पत्तियां नरम हैं तो पानी अधिक है.
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5. पौधे की मिट्टी अगर निरन्तर गीली ही रह रही है तो गमले में से पानी ठीक से निकल नहीं रहा है इसे दूर करने के लिए गमले में से पानी के निकास को चेक करें.
6. गमले में लगे पौधों की पत्तियों को स्प्रे बॉटल से स्प्रे करके नियमित रूप से साफ करें क्योंकि पेड़ पौधे अपनी पत्तियों के माध्यम से ही फोटो सिंथेसिस प्रक्रिया से श्वांस लेते हैं.
7. स्नैक प्लांट, एग्लोनिमा, जेड प्लांट, एलोवेरा, अडेनिम, सिंगोनिम और मनी प्लांट जैसे पौधों को बहुत कम पानी की आवश्यकता होती है इन्हें आप केवल तभी पानी दें जब इनकी मिट्टी छूने पर एकदम सूखी प्रतीत हो.
8. गमले में मिट्टी भरते समय उसके ड्रेनेज सिस्टम पर पत्थर अवश्य रखें ताकि पौधे को पानी मिल भी सके और पानी की निकासी भी भली भांति हो सके.
9. यदि आपका किचिन गार्डन बड़ा है तो आप उसकी सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर पद्धति का प्रयोग करें इससे सभी पौधों की पत्तियों की धुलाई भी हो जाती है और सिंचाई भी हो जाती है.
10. कैक्टस यूं तो रेगिस्तान में उगने वाला पौधा है परन्तु आजकल लोग अपने घरों में भी इन्हें लगाने लगे है. इसे धूप अधिक और पानी बहुत कम चाहिए होता है इसलिए इन्हें आप 10 दिन में एक बार ही पानी दें.
11. पौधों को पानी सीधे पाइप से न देकर पाईप में स्प्रे नोजल लगाकर दें इससे गमले की मिट्टी में एक समान पानी लगेगा.
Crime Story in Hindi. इस लेख में आज हम आपको गृहशोभा की Top 10 Crime Story in Hindi 2022 की कहानियां बताएंगे. इन Crime Story में आपको समाज, परिवार और रिश्तों की आड़ में हुए धोखे और जुर्म की कहानी के बारे में बताएंगे, जिसे पढ़कर आपको थ्रिलर का एहसास होगा. साथ ही रिश्तों को लेकर सीख मिलेगी. इन Crime Stories को पढ़कर आप जीवन के कई पहलुओं से परिचित होंगे. तो अगर आप भी Crime Stories पढ़ने के शौकिन हैं तो पढ़िए गृहशोभा की Top 10 Crime Story in Hindi 2022.
1. सही रास्ता: आखिर चोर कौन था
मुन्ना के पिता गरीब थे. उस पर जेब से इतनी बड़ी रकम के गायब होने से घर में हाहाकार मच गया. शक की सूईयां कभी मुन्ना पर तो कभी उस की अम्मा पर जातीं लेकिन चोर तो कोई और ही था.
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2. बड़ा जिन्न: क्या हुआ था सकीना के साथ
सकीना के मां न बन पाने का कारण उस के ससुराल वाले एक जिन्न को समझ रहे थे. उस काल्पनिक जिन्न को भगाने के लिए उसे पीर साहब के पास भेजा गया. लेकिन वहां पर सकीना का सामना काल्पनिक जिन्न के बजाय एक जीतेजागते शैतान से हुआ.
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3. पिपासा: कैसे हुई थी कमल की मौत
मदन की जिंदगी में चमेली का आना किसी सुनहरी धूप से कम न था. उस पर कमल ने उस की जिंदगी को खुशियों से भर दिया था. पर कमल की रहस्यमयी मौत क्या उसे अशांत कर पाई?
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4. संपत्ति के लिए साजिश: क्या हुआ था बख्शो की बहू के साथ
मुझे यह देख कर बहुत खुशी हुई थी कि भड़ोले से बच जाने वाला बच्चा आज कितना सुंदर जवान, बिलकुल अपने बाप गुलनवाज की तरह लग रहा था.
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5. महबूबा के प्यार ने बना दिया बेईमान: पुष्पक ने क्या किया था
अगर पत्नी पसंद न हो तो आज के जमाने में उस से छुटकारा पाना आसान नहीं है. क्योंकि दुनिया इतनी तरक्की कर चुकी है कि आज पत्नी को आसानी से तलाक भी नहीं दिया जा सकता.
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6. बदले की आग: क्या इकबाल बेटी और पत्नी को बचा पाया
इकबाल को इस बात का एहसास था कि कि उसी की गलती से उसकी पत्नी और बेटी हुस्न के बाजार में पहुंची हैं. शायद इसी वजह से वह उन्हें वापस घर ले जाने आया था, लेकिन वे नहीं मानीं. इसके बाद जो हुआ, वह बहुत बुरा था…
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7. घुंघरू: राजा के बारे में क्या जान गई थी मौली
मौली को जब राजा की इस चाल का पता चला, तो वह मन ही मन खूब कुढ़ी, लेकिन वह कर भी क्या सकती थी.
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8. बहन का सुहाग: क्या रिया अपनी बहन का घर बर्बाद कर पाई
आनंद रंजन ने बड़ी बेटी निहारिका का बीए प्रथम वर्ष में एडमिशन बडे़ शहर लखनऊ में करा दिया, जहां उस की मुलाकात राजवीर सिंह से हुई. यही मुलाकात बाद में शादी में तबदील हो गई. जब रिया अपनी बहन निहारिका के घर आई तो जीजाजी की शानोशौकत देख वैसा ही पति चाहने लगी.
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9. माहौल: क्या 10 साल बाद सुलझी सुमन की आत्महत्या की गुत्थी
सुमन की आत्महत्या की गुत्थी ने मुझे ऐसे उलझाया कि मैं मन ही मन कई तरह के कयास लगाता रहा कि आखिर सुमन ने आत्महत्या क्यों की? लेकिन सवाल ज्यों का त्यों बना रहा. आज 10 साल बाद यह गुत्थी सुलझ पाई और मैं यह जान कर अवाक रह गया.
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10. ठूंठ से लिपटी बेल : रूपा को किसका मिला साथ
33 वसंत देखने के बाद भी रूपा अविवाहित थी. सहारे की तलाश में भटकती रूपा को साथ मिला भी तो एक ऐसे अधेड़ ठूंठ का जिसे सिर्फ बेल से लिपटने की चाह थी.
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लेखिका -अनुराधा
आधुनिकता के इस दौर ने सभी चीजों में नएपन की एक परत चढ़ा दी है. यह नयापन युवतियों की सोच में भी आया है. अब युवतियां लंबी उम्र तक अकेले ही रहना पसंद करती हैं और अपने हिसाब से जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ाती हैं. मगर उम्र के 30वें पड़ाव पर पहुंचने के बाद महिलाओं का शरीर कई शारीरिक बदलाव की प्रक्रियाओं से गुजरता है खासतौर पर वे लड़कियां, जो सिंगल हैं उन में कुछ बदलाव विवाहित लड़कियों से कुछ अलग हो जाते हैं.
इस बाबत एक इन्फर्टिलिटी एवं डैंटल हैल्थ सैंटर की वूमन हैल्थ स्पैशलिस्ट कहती है कि युवतियां विवाहित हों या अविवाहित 30 की उम्र पार करते ही उन के शरीर में बदलाव शुरू हो जाते हैं और 40 की उम्र तक पहुंचनेपहुंचते बदलाव की प्रक्रिया तेज हो जाती है. अविवाहित युवतियों में कुछ बीमारियों का डर अधिक होता है क्योंकि वे सैक्सुअली ज्यादा ऐक्टिव नहीं होती हैं.
जो बदलाव विवाहित युवतियों में शरीर को चुस्त रखने के लिए होते हैं वे सारे बदलाव अविवाहित युवतियों के शरीर में नहीं हो पाते हैं. मगर इस उम्र में सभी युवतियों की स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें लगभग एक सी होती हैं और खुद को फिट रखने के तरीकों में भी अधिक फर्क नहीं होता है.
फैमिली हैल्थ हिस्ट्री पर दें ध्यान
इस उम्र में खुद को चुस्त रखने के लिए युवाओं के पास बहुत से तरीके होते हैं खासतौर पर व्यायाम, नियमित हैल्थ चैकअप और संतुलित एवं पोषणयुक्त आहार आदि इस उम्र की खास जरूरतों में शामिल होते हैं. युवतियों के लिए इन तीनों में सही तालमेल बैठाना बहुत जरूरी है. न्यूट्रीशनिस्ट का कहना है कि क्लीनिकल डैफिशिएंसी के मामले में इस उम्र की महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा थोड़ी कमजोर हो जाती हैं.
यही वह उम्र होती है जब महिलाओं में ब्रैस्ट कैंसर होने के बहुत चांसेज होते हैं. इस की वजह होती है बढ़ता वजन. इस उम्र में युवतियों का बौडी मास्क इंडैक्स यदि 30 से अधिक है तो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी के चांस और भी बढ़ जाते हैं. अब ब्रैस्ट कैंसर का सफल इलाज हो सकता है. इसलिए 35 की उम्र में आते ही महिलाओं को अपनी फैमिली हैल्थ हिस्ट्री जरूर चैक करनी चाहिए. यदि परिवार में किसी को बै्रस्ट कैंसर रहा है तो हर 2 वर्ष में मैमोग्राम जरूर करवाएं और यदि ऐसी कोई हिस्ट्री नहीं रही तो हर 3 वर्ष में एक बार मैमोग्राम जरूर करवाएं.
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कैल्सियम लैवल न होने दें डाउन
कैंसर ही नहीं इस उम्र में कैल्सियम लैवल भी डाउन हो जाता है जिस में औस्टियोपीनिया और औस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों से संबंधित बीमारियों के होने का भी डर रहता है. यह दोनों ही स्थितियां गंभीर हैं क्योंकि दोनों में ही हड्डियां टूटने और चटकने का खतरा रहता है. यहां तक कि ये दोनों ही समस्याएं युवतियों को आसानी से उठनेबैठने का मुहताज बना देती हैं और खुद के ही काम न कर पाने पर विवश कर देती हैं. ‘कैल्सियम’ लैवल डाउन होने का बड़ा कारण शरीर में विटामिन डी की कमी होती है.
इस कमी को केवल विटामिन डी युक्त आहार ले कर पूरा नहीं किया जा सकता बल्कि इस के लिए सन ऐक्सपोजर बहुत ही जरूरी है, जिस से आधुनिक जमाने की महिलाएं घबराती हैं. उन्हें अपनी खूबसूरती बिगड़ जाने का डर होता है. त्वचा में रिंकल्स न पड़ें, इसलिए महिलाएं धूप में निकालने से पूर्व शरीर के पूरे हिस्से को ढक लेती हैं जबकि त्वचा में यूवी किरणों का पैनीट्रेट होना जरूरी है क्योंकि यह विटामिन डी का सब से अच्छा स्रोत है.
इतना ही नहीं जो युवतियां टैनिंग के डर से धूप में जाने से बचती हैं या फिर सनस्क्रीन का इस्तेमाल करती हैं, वे अपने स्किन पोर्स को ब्लौक कर देती हैं जिस से विटामिन डी त्वचा के अंदर पैनीट्रेट नहीं होता है. इसलिए खूबसूरती के चक्कर में अपनी फिटनैस से हाथ न धोएं.
विटामिन बी 12 युक्त आहार जरूरी
30 साल से ज्यादा उम्र की युवतियों के शरीर में विटामिन बी 12 की भी कमी पाई जाती है, जिस की वजह से बाल झड़ने, कमजोरी, आने, अवसाद होने और याददाश्त कमजोर होने जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ता है. साथ ही इस की कमी से त्वचा संबंधी रोग भी हो जाते हैं. डर्मैटोलौजिस्ट कहते हैं कि 90% महिलाओं को 35 से 40 की उम्र में विटामिन बी 12 की कमी हो जाती है, दरअसल यह एक ऐसी उम्र होती है जब डाइट थोड़ी कम हो जाती है और यदि डाइट में औप्टिमल प्रोटीन न लिया जाए या विटामिन बी 12 युक्त आहार का सेवन न किया जाए तो त्वचा और बाल संबंधी कई परेशानियां हो सकती हैं. विटामिन बी 12 की कमी को सही आहार ले कर पूरा किया जा सकता है.
यह समस्या अधिकतर उन युवतिओं को होती है जो शाकाहारी होती हैं क्योंकि विटामिन बी 12 केवल ऐनिमल फूड जैसे अंडा, मांस और मछली में ही पाया जाता है, मगर डेयरी प्रोडक्ट्स में भी विटामिन बी 12 होता है. इस के साथ ही बाजरा, रागी, ज्वार के आटे से बनी रोटियां भी कुछ हद तक शरीर में विटामिन बी 12 की कमी को पूरा करती हैं.
व्यायाम भी करें
वैसे तो व्यायाम हर उम्र में जरूरी है, मगर उम्र के 30वें पड़ाव में आ कर व्यायाम शारीरिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यकता बन जाता है. इस उम्र की महिलाओं का मैटाबोलिज्म स्लो हो जाता है, जिस से वजन बढ़ने लगता है. मगर वजन को नियंत्रित रखना भी इस उम्र में बेहद जरूरी है नहीं तो थायराइड एवं हृदय और श्वास संबंधी रोग होने का डर रहता है.
दरअसल, एक समय था जब औरतें सारा कार्य हाथों से करती थीं इस से उन की मांसपेशियों में फ्लूइड बना रहता था. वर्तमान में भी जो युवतियां कामकाजी हैं उन में बहुत ही शारीरिक गतिविधियां होती हैं और इस का उन्हें स्वास्थ्य लाभ भी मिलता है. पर आज घरेलू कामकाज अब तकनीक की सहायता से हो जाते हैं और इस में शारीरिक श्रम कम लगता है.
30-40 की उम्र में शरीर को ऐक्टिव रखने के लिए बहुत जरूरी है कि युवतियां 45 मिनट से ले कर 1 घंटा मौर्निंग वाक पर जरूर जाएं और कार्डियो ऐक्सरसाइज करें. यह मैटाबोलिज्म को सही रखती है. जौगिंग भी इस उम्र की महिलाओं के लिए एक अच्छा व्यायाम है. लेकिन ये सारे व्यायाम सुबह के वक्त ही करने चाहिए क्योंकि इस वक्त शरीर ज्यादा गतिशील रहता है.
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अकेलेपन से लड़ने के हैं कई तरीके
30-40 की उम्र में सिंगल रहने वाली अधिकतर युवतियों को अकेलेपन से जू झना पड़ता है. यह अकेलापन महिलाओं को अवसाद जैसी गंभीर बीमारी की ओर ले जाता है. यह ऐसी उम्र होती है जब अपनी उम्र के लगभग सभी दोस्त अपनेअपने परिवार में व्यस्त हो चुके होते हैं और भाईबहन का भी अपना गृहस्थ जीवन शुरू हो चुका होता है. मातापिता से बात करने को ज्यादा कुछ नहीं होता.
इस स्थिति में सिंगल युवती को एक साथी की कमी खलती है. अकेलापन केवल कोई व्यक्ति ही नहीं बांट सकता. इस के अतिरिक्त कई चीजें होती हैं जो अकेलेपन को दूर करती हैं. किताबें इस में बड़ी भूमिका निभाती हैं. इस के अलावा ट्रैवल का शौक भी अकेलेपन को दूर करता है.
30-40 की उम्र में भी सिंगलहुड का
लुत्फ महिलाएं उठा सकती हैं बशर्ते वे अपनी फिटनैस को नजरअंदाज न करें और अपनी जीवनशैली में थोड़े से बदलाव स्वीकार कर लें और हां यदि टैंपरेरी साथी लड़की या लड़का मिले तो उस का साथ इसलिए न छोड़ें कि इस के साथ कौन सी जिंदगी निभानी है जैसे हर पतिपत्नी एकदूसरे को देख कर अपने को बदलते हैं. सिंगल वूमन को भी खुद को साथी के अनुसार बदलने की आदत डालनी चाहिए. सेम सैक्स या हैट्री सैक्स दोनों को वर्जित न मानें और नफरत पड़ने पर हिचकें नहीं पर इस में सावधानियां बहुत बरतनी होती हैं.
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बीते दिनों एक्ट्रेस मौनी रौय (Mouni Roy) की शादी की फोटोज जहां सोशलमीडिया पर वायरल हुई थी तो वहीं अब टीवी एक्ट्रेस करिश्मा तन्ना (Karishma Tanna) की शादी से जुड़ी रस्में शुरु हो गई है. इसी बीच मेहंदी (Karishma Tanna Mehendi Ceremony) की रस्म की एक वीडियो वायरल होती नजर आ रही है, जिसमें करिश्मा तन्ना के होने वाले पति वरुण बंगेरा (Varun Bangera) उनकी मेहंदी सुखाते दिख रहे हैं. वहीं फैंस को उनका ये अंदाज काफी पसंद आ रहा है. आइए आपको दिखाते हैं वायरल वीडियो…
करिश्मा की मदद करते दिखे वरुण
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हल्दी की रस्म के बाद एक्ट्रेस करिश्मा तन्ना की मेहंदी की रस्में शुरु हो गई हैं. ग्रीन कलर के सूट में करिश्मा मेहंदी लगाते हुए नजर आ रही हैं. वहीं एक वीडियो में करिश्मा तन्ना के होने वाले हस्बैंड वरुण बगेरा उनकी मेहंदी को ड्रायर से सुखाते हुए नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को देखकर फैंस करिश्मा तन्ना को लकी कहते हुए नजर आ रहे हैं.
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मेहंदी सेरेमनी के लिए पहुंचा कपल
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इसी बीच मेहंदी लगाकर करिश्मा तन्ना वेन्यू पर पहुंचती हुई नजर आ रही हैं. औरेंज कलर का सूट पहने करिश्मा तन्ना पति वरुण के साथ नजर आ रही हैं. वहीं उनके हाथों में मेंहदी बेहद खूबसूरत लग रही हैं. हल्दी सेरेमनी की बात करें तो करिश्मा तन्ना ने फैंस के लिए अपनी हल्दी सेरेमनी की फोटोज शेयर की हैं, जिसमें दोनों बेहद खुश नजर आ रहे हैं, जिसके चलते सोशलमीडिया पर वीडियो वायरल हो रही हैं.
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बता दें, करिश्मा तन्ना, वरुण बंगेरा को करीब डेढ साल से डेट कर रही हैं, जिसके बाद हाल ही में दोनों ने शादी का फैसला किया है. वरुण बंगेरा की पर्सनल लाइफ की बात करें तो वह मुंबई के एक बिजनेसमैन हैं.
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सीरियल गुम हैं किसी के प्यार में (Ghum Hai Kisi Ke Pyaar Mein) की कहानी में जल्द ही नया मोड़ आने वाला है. जहां सई (Ayesha Singh) अपनी नई जिंदगी शुरु करने वाली है तो वहीं विराट (Neil Bhatt) और श्रुति को साथ देखकर सदानंद बदला लेता हुआ नजर आने वाला है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…
श्रुति करती सम्राट को फोन
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अब तक आपने देखा कि सई, विराट से सारे रिश्ते तोड़ती है, जिसके चलते पूरा परिवार विराट को खरीखोटी सुनाता है. वहीं सई अपना मंगलसूत्र अश्विनी को सौंपकर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने की बात कहती है. दूसरी तरफ विराट की परिवार के लिए दर्द देखकर श्रुति, सम्राट को घर पर बुलाती है. हालांकि सम्राट के साथ पाखी भी विराट के पास जाने का फैसला करती है.
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पाखी सुनाएगी श्रुति को खरीखोटी
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अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि सम्राट, श्रुति को चेतावनी देगा और उन्हें दोबारा मिलने की कोशिश न करे. वहीं श्रुति कहेगी कि उसे लगा था कि वे यहां विराट से मिलने आए हैं लेकिन वे यहां सिर्फ उसे निराश करने के लिए आए हैं. श्रुति की बात सुनकर पाखी को गुस्सा आएगा और वह कहेगी कि वह बहुत चालाक है, जिसने विराट के साथ रिश्ता बनाया और अब साफ दिख रहा है कि विराट को अब सई की परवाह नहीं है. इसी के साथ वह श्रुति पर बरसते हुए कहेगी कि क्या शादीशुदा आदमी के साथ बच्चा पैदा करना उसका पेशा है. पाखी की बात सुनकर विराट उसे अपनी जुबान बंद करने के लिए कहेगा. लेकिन सम्राट, पाखी का साथ देते हुए कहेगा कि वो उसकी पत्नी से ढंग से बात करें. इसी बीच पाखी, विराट को ताना मारते हुए कहेगी कि क्या उन्होंने दोनों का वेलेंटाइन डे खराब कर दिया.
सदानंद को लगेगा झटका
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इसके अलावा आप देखेंगे कि सदानंद एक बार फिर अपनी गैंग के पास वापस लौटेगा और श्रुति के बारे में सवाल करेगा, जिसके चलते उसे पता चलेगा कि श्रुति, विराट के साथ चली गई है. वहीं श्रुति, विराट से अपना प्यार का इजहार करेगी और रोते हुए विराट को गले लगा लेगी, जिसे सदानंद देख लेगा.
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मंदिर पहुंचते ही फिर सती दादी का विचार मन पर हावी हो गया. जिन से वह कभी मिली नहीं थी, देखा भी नहीं था, उन से कुछ ही दिनों में न जाने कैसा तारतम्य स्थापित हो गया था. बारबार उन का चेहरा उस के जेहन में आ कर उसे बेचैन कर रहा था. वह मंदिर के सामने खड़ी हो कर मंदिर में लगी उन की तसवीर को निहारने लगी. तसवीर में वे 20-22 वर्ष से ज्यादा नहीं होंगी, चेहरे पर छाई भोली मुसकान ने उस का मन मोह लिया. वह कल्पना ही नहीं कर पा रही थी कि जब वे जली होंगी तो उन का यही चेहरा कितना वीभत्स हो गया होगा.
‘‘बेटी, तुम कभी विवाह नहीं करना और अगर विवाह हो गया है तो कभी कन्या को जन्मने नहीं देना,’’ पीछे से आवाज आई. आवाज सुन कर उस ने पलट कर देखा तो पाया सफेद बाल तथा झुर्रियों वाला चेहरा उस की ओर निहार रहा था. छवि को अपनी ओर देख कर उस ने अपनी बात फिर दोहराई.
‘‘यह आप क्या कर रही हैं?’’
‘‘मैं सच कह रही हूं बेटी, बेटी के दुख से बड़ा कोई दुख इस दुनिया में नहीं है.’’
हताश निराश औरत की दुखभरी आवाज सुन कर छवि का मन विचलित हो उठा. ध्यान से देखा तो पाया वह लगभग 80 वर्ष की बुढि़या है. वह मंदिर की दीवार के सहारे टेक लगा कर बैठी थी तथा उसी की तरह मंदिर को निहारे जा रही थी. चेहरे पर दर्द की अजीब रेखाएं खिंच आई थीं. उसे एहसास हुआ कि यह अनजान वृद्धा भी उसी की भांति किसी बात से परेशान है. इस से बातें कर के शायद उस के मन का द्वंद्व शांत हो जाए. वह नहीं जानती थी कि वह वृद्धा उस की बात समझ भी पाएगी या नहीं. पर कहते हैं मन का गुबार किसी के सामने निकाल देने से मन शांत हो जाता है, यही सोच कर वह जा कर उस के पास बैठ गई तथा मन की बातें जबान पर आ ही गईं.
‘‘दादी, यह सती रानी का मंदिर है. कहते हैं ये अपने पति को बहुत प्यार करती थीं, उन के जाने का गम नहीं सह पाईं, इसलिए उन के साथ सती हो गईं. पर क्या एक औरत की अपने पति से अलग कोई दुनिया नहीं होती, यह तो आत्मदाह ही हुआ न? ’’ कहते हुए उस ने फोन पर यह सोच कर रिकौर्डिंग करनी प्रारंभ कर दी कि शायद इस घटना से संबंधित कोई सूत्र उसे मिल जाए.
वृद्धा कुछ क्षण के लिए उसे देखती रही, फिर कहा, ‘‘बेटी, तुम्हारा प्रश्न जायज है पर मर्द के लिए औरत सिर्फ औरत है. मर्द ही उसे कभी पत्नी बनाता है तो कभी मां, यहां तक कि सती भी. इस संसार की जननी होते हुए भी स्त्री सदा अपनों के हाथों ही छली गई है.’’
‘‘आप क्या कहना चाहती हैं, दादी?’’
‘‘मैं सच कह रही हूं बिटिया, लगता है तुम इस गांव में नई आई हो?’’
‘‘हां दादी, प्यार अलग बात है, पर मुझे विश्वास ही नहीं होता कि कोई औरत अपनी मरजी से अपनी जान दे सकती है.’’
‘‘तू ठीक कह रही है, बेटी. मैं तुझे सचाई बताऊंगी पर पता नहीं तू भी औरों की तरह बात पर विश्वास करेगी या नहीं. मेरी बात पर किसी ने भी विश्वास नहीं किया, बल्कि पगली कह कर लोग सदा मेरा तिरस्कार ही करते रहे. सती रानी और कोई नहीं, मेरी अपनी बेटी सीता है.’’
‘‘आप की बेटी सीता?’’आश्चर्य से छवि ने कहा.
‘‘हां बेटी, मेरी बेटी, सीता. पिछले 40 वर्षों से मैं इसे न्याय दिलवाने के लिए भटक रही हूं पर कोई मेरी बात पर विश्वास ही नहीं करता. इस के पति वीरेंद्र प्रताप सिंह की मृत्यु एक बीमारी में हो गई थी. उस समय यह पेट से थी. उस समय उस के जेठ को लगा भाई तो गया ही, अब दूसरे घर की यह लड़की उन की सारी संपत्ति में हिस्सा मांगेगी, इसलिए बलपूर्वक इसे अपने भाई की चिता के साथ जलने को मजबूर कर दिया. इस बात की खबर उस घर में काम करने वाली नौकरानी ने हमें दी थी. हम ने जब अपनी बात ठाकुर के सामने रखी तो वे आगबबूला हो गया. हम ने गांव वालों के सामने अपनी बात रखी तब ठाकुर के डर से किसी गांव वाले ने हमारा समर्थन नहीं किया. और तो और, नौकरानी भी अपनी बात से मुकर गई. जब मेरे पति और बेटे ने ठाकु र को देख लेने की धमकी दी तब ठाकुर ने न केवल मेरे पति बल्कि मेरे बेटे को भी अपने गुंडों के हाथों मरवा दिया. सबकुछ समाप्त हो गया बेटी.’’
‘‘दादी, वह दरिंदा कौन था?’’
‘‘ठाकुर राघवेंद्र प्रताप सिंह.’’
‘‘ठाकुर राघवेंद्र्र प्रताप सिंह?’’ सुन कर छवि स्तब्ध रह गई.
‘‘हां बेटी, वह दरिंदा ठाकुर राघवेंद्र प्रताप सिंह ही है जिस ने मेरी बेटी को मरने के लिए मजबूर किया. हमारे विरोध करने पर उस ने मेरे पूरे परिवार को मिटा डाला. मैं किसी तरह बच भागी तो मुझे पागल घोषित कर दिया.’’
‘‘दादाजी ने ऐसा किया, नहींनहीं. ऐसा नहीं हो सकता. मेरे दादाजी ऐसा नहीं कर सकते,’’ अचानक छवि के मुंह से निकला.
‘‘क्या तुम ठाकुर राघवेंद्र की पोती हो?’’ उस वृद्धा के चेहरे पर आश्चर्य झलका पर उस के उत्तर देने से पूर्र्व ही वह फिर कह उठी, ‘‘मैं जानती थी, तुम भी औरों की तरह मेरी बातों पर विश्वास नहीं करोगी. मुझ पर कोई विश्वास नहीं करता, सब मुझे पगली कहते हैं, पगली.’’
अट्टहास करती हुई वृद्धा उठी और टेढ़ेमेढे रास्तों में खो गई. वह वृद्धा सचमुच उसे पगली ही लगी. पर वह झूठ क्यों कहेगी. एक मां हो कर वह भला अपनी बेटी की छवि को धूमिल क्यों करेगी. किसी पर बेबुनियाद आरोप क्यों लगाएगी. यह नहीं हो सकता, अगर यह नहीं हो सकता तो आखिर सचाई क्या है? तभी पिछली सारी घटनाएं उस के मनमस्तिष्क में घूमघूम कर उस बुढि़या की बात की सत्यता का एहसास कराने लगीं.
नील भी यही कह रही थी कि सती दादी
हमारी छोटी दादी हैं तो क्या, दादाजी ने जायदाद के लिए अपने छोटे भाईर् की पत्नी को सती होने के लिए मजबूर किया. उन पर किसी को शक न हो, इसलिए उन्होंने सती दादी को इतना महिमामंडित कर दिया कि वहां हर वर्ष मेला लगने लगा. छवि का मन कल से भी ज्यादा अशांत हो गया था. दादाजी का एक वीभत्स चेहरा सामने आया था. एक दबंग और उस से भी अधिक लालची, जिस ने पैसों के लिए अपने ही छोटे भाई की गर्भवती पत्नी की जान ले ली. उस का मन किया कि जा कर सीधे दादाजी से पूछे पर उन से पूछने की हिम्मत नहीं थी. वे इतने रोबीले थे कि बच्चे, बड़े सभी उन से डरते थे. जमींदारी चली गई पर जमींदार होने का एहसास अभी भी बाकी था. वैसे भी, वे अपना गुनाह क्यों कुबूल करेंगे. जिस गुनाह को छिपाने के लिए उन्होंने छोटी दादी के घर वालों को मिटा डाला, गांव वालों का मुंह बंद कर दिया.
दादाजी से छवि का बात करना या बहस करना व्यर्थ था पर उस के जमीर ने उस का साथ नहीं दिया. वह अपने प्रश्नों का भंडार ले कर उन के कमरे की ओर गई. कमरे से आती आवाजों ने उसे चौकन्ना कर दिया. सुराग पाने की कोशिश में उस ने मोबाइल औन कर दिया- ‘‘ठाकुर साहब, संभालिए अपनी पोती को, आज जब वह गन्ने के खेत में थी तभी हम उस कम्मो को सताते हुए उधर से गुजरे. आप की बात मान कर हम ने कम्मो को लोगों की नजरों में डायन बना दिया है. कम्मो को मारते देख कर आप की पोती ने हमें मना किया. जब हम ने कहा कि वह डायन है तब उस ने कहा कि डायनवायन कोई नहीं होती, बच्चे उस की बुरी नजर के कारण नहीं बल्कि अन्य कारणों से मरे हैं. वह बड़ीबड़ी बातें कर रही थी. आज उसे मंदिर में उस बुढि़या से बातें करते भी देखा. अगर कुछ दिन और वह यहां रही तो हमें डर है कि कहीं कम्मो का भेद न खुल जाए. आज तो कम्मो ने उस से बात नहीं की, कहीं…’’
‘‘नहींनहीं, ऐसा कुछ नहीं होगा. ऐसा करो, कम्मो को समाप्त कर दो.’’
‘‘ आप क्या कह रहे हैं, ठाकुर साहब?’’
‘‘मैं ठीक कह रहा हूं. मैं नहीं चाहता कि उस की वजह से हमारे चरित्र पर कोई दाग लगे. बस, इतना ध्यान रखना कि उस की मृत्यु एक हादसा लगे. इतना अभी रखो, बाद में और दूंगा.’’ दादाजी ने उस के हाथ में नोट की गड्डी रखते हुए कहा.
तो क्या दादाजी और कम्मो…पहले उसे भोगा, फिर दूध में पड़ी मक्खी की तरह निकाल फेंका. वह किसी को सचाई न बता पाए, इसलिए उसे डायन बना दिया. यह सुन कर वह अवाक रह गई. दरवाजा खुलने की आवाज ने उसे चैतन्य किया. वह ओट में खड़ी हो गई. दादाजी का एक अन्य घिनौना रूप उस के सामने था.
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family story in hindi
लेखिका- दीप्ति गुप्ता
भारत में लोग ओट्स का सेवन एक स्वस्थ नाश्ते के रूप में करते हैं. इसे खाने से शरीर में दिनभर ऊर्जा बनी रहती है. यह न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि यह कई पोषक तत्वों से भी भरपूर है. कुल मिलाकर शरीर को पोषण देने के साथ यह कई बीमारियों से भी राहत दिलाता है. अगर आप एक ऐसे सुपरफूड की तलाश में हैं जो पौष्टिक हो और मल्टीपर्पज भी. तो ओट्स से बेहतर कुछ नहीं है. यह एक ऐसा घटक है, जो आपके हर भोजन का हिस्सा हो सकता है. यह आपको लंबे समय तक स्वस्थ और तंदरूस्त रखने के लिए जरूरी जरूरी पोषक तत्व और फाइबर प्रदान करता है. ओट्स जैसे बहुमुखी भोजन का उपयोग कई व्यंजनों में एक घटक के रूप में किया जा सकता है. हालांकि, ओट्स खाने के फायदे कई गुना है, लेकिन इसके एक नहीं बल्कि कई उपयोग हैं. यहां हम आपको ओट्स को अपने दैनिक जीवन में उपयोग करने के दिलचस्प तरीके बता रहे हैं.
1. फेस मास्क-
मौसम में होने वाला बदलाव अक्सर आपकी त्वचा को खराब कर देता है. अगर आप केमिकल वाले उत्पादों से हटकर त्वचा को खूबसूरत बनाने के कुछ सुरक्षित विकल्प तलाश रहे हैं, तो ओट्स का उपयोग नेचुरल क्लीनर के रूप में करें. ओट्स एंटीइंफ्लेमट्री और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो त्वचा से तेल को हटाते हैं, पोर्स को बंद करते हैं और त्वचा को एक्सफोलिएट करने में मदद करते हैं. ओट्स से बने फेस मास्क को सप्ताह में एक बार जरूर लगाना चाहिए.
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2. गंध को दूर करने के लिए-
अब तक आप किसी गंध को दूर करने के लिए टी बैग्स और बेकिंग सोड़ा का इस्तेमाल करते आए होंगे. लेकिन ओट्स भी गंध को दूर करने का बेहतरीन विकल्प है. ओट्स तरल, तेल और गंध को अवशोषित करता है, जो अक्सर दुर्गंध का कारण बनते हैं. इसके लिए आप बिना पके हुए ओट्स को खुले में रखें , जहां से इसकी महक आए.
3. खुजली से राहत के लिए-
प्राकृतिक और राहत देने वाले ओट्स में एक हल्का पीएच होता है. यह सूजन वाली त्वचा को बहुत जल्दी ठीक करता है. त्वचा विशेषज्ञ अक्सर एक्जिमा और अन्य त्वचा की स्थिति वाले लोगों के लिए ओट बेस क्रीम और बॉडीवॉश की सलाह देते हैं.
4. वजन घटाने के लिए-
सभी पोषक तत्वों के साथ ओट्स वजन घटाने में बहुत मदद करता है. एक कप ओटमील में 6 ग्राम प्रोटीन और 4 ग्राम फाइबर होता है, जिससे आप लंबे वक्त तक भरा हुआ महसूस करते हैं. ऐसे में वजन कम करने में बहुत मदद मिलती है.
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5. हीट पैक के रूप में-
पीठ में दर्द या शरीर के किसी अन्य हिस्से में दर्द से निपटना निराशाजनक हो सकता है. यदि दर्द होने पर आपके पास हीट पैक नहीं है , तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप ओट्स का हीट पैक बना सकते हैं. इसके लिए एक कपड़े के बैग को ओट्स से भरें और बैग को बंद कर दें. एक बार जब बैग तैयार हो जाए, तो माइक्रोवेव में 30 सैकंड के अंतराल पर तब तक गर्म करें जब तक की हीट पैक उतना गर्म न हो जाए , जितना आप चाहते हैं. हीट पैक को दर्द वाली जगह पर रखें और आराम से लेट जाएं.