स्नैक्स में परोसें हेल्दी और टेस्टी दलिया रोल्स

दलिया अक्सर लोग बीमार होने पर या फिटनेस मेंटेन करने के लिए बनाते हैं. लेकिन क्या आपने कभी दलिया से बने टेस्टी स्नैक्स ट्राय किए हैं. इसीलिए आज हम आपको दलिया रोल्स की रेसिपी के बारे में बताएंगे, जिसे आप स्नैक्स में अपने बच्चों और फैमिली के लिए परोस सकते हैं.

 सामग्री : 

1 कप दलिया,

150 ग्राम पनीर मैश किया हुआ,

1/2 छोटा चम्मच लालमिर्च पाउडर,

2-3 हरीमिर्चें कटीं,

1/2 इंच टुकड़ा अदरक,

1 छोटा चम्मच धनिया पाउडर,

1/2 छोटा चम्मच गरममसाला,

2-3 बड़े चम्मच धनियापत्ती कटी,

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1 छोटा चम्मच नीबू का रस,

1 छोटा चम्मच नमक,

तलने के लिए तेल,

कौर्नफ्लोर आवश्यकतानुसार.

विधि :

दलिया को 1 घंटे के लिए पानी में भिगो दें. फिर दलिया को पानी से निकाल कर उस में पनीर, नमक, लालमिर्च, धनिया पाउडर, गरममसाला, अदरक, धनियापत्ती व नीबू का रस डाल कर मिश्रण तैयार करें. अगर मिश्रण ज्यादा मुलायम हो तो उस में थोड़ा सा कौर्नफ्लोर मिला लें. अब 1 इंच के रोल बना कर कौर्नफ्लोर के घोल में डिप करें और फ्राई कर के पुदीना चटनी के साथ सर्व करें.

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क्या शादी से पहले की यह प्लानिंग

बदलती सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों ने लोगों के जीवन को बहुत प्रभावित किया है. आधुनिकता के इस युग में ऐसी सभी सामाजिक मान्यताएं जो व्यक्ति की इच्छाओं और हितों के खिलाफ हैं, अपना औचित्य खो चुकी हैं. बदलावों की इस सूची में विवाह की प्रक्रिया को भी शामिल किया जा चुका है. जहां पहले मातापिता ही अपनी संतान के लिए हमसफर चुनते थे, वहीं अब जीवनसाथी का चुनाव युवा खुद करने लगे हैं.

प्यार के नशे में चूर युवाओं को अपने साथी के साथ के अलावा कुछ नहीं सूझता. अपने रिश्ते पर सामाजिक मुहर लगवाने के लिए शादी के बंधन में युवा बंध तो जाते हैं, लेकिन प्यार का हैंगओवर तब उतर जाता है जब पारिवारिक और आर्थिक समस्याओं से सामना होता है.

इस स्थिति में कई बार रिश्ते टूटने के कगार पर पहुंच जाते हैं. ऐसा ही हुआ दिल्ली की दिव्या के साथ. वह अपने प्रेमी अमित को पति के रूप में पा कर बेहद खुश थी. दिव्या का परिवार आर्थिक रूप से मजबूत था, लेकिन अमित अपने घर में इकलौता कमाने वाला था. अत: मातापिता की जिम्मेदारी के साथसाथ छोटे भाई की पढ़ाईलिखाई का खर्च भी उसे ही उठाना पड़ता था.

पहले से अमित के परिवार की आर्थिक स्थिति से अवगत दिव्या को उस के जिम्मेदाराना  स्वभाव ने ही आकर्षित किया था. लेकिन यह आकर्षण तब फीका पड़ने लगा जब दिव्या को ससुराल जा कर घरेलू कामकाज में खटना पड़ा. आमदनी अच्छी होने के बावजूद अमित दिव्या को नौकरचाकर की सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकता था, क्योंकि उस की सैलरी का आधे से अधिक हिस्सा घर की ही जिम्मेदारियों को पूरा करने में खर्च हो जाता था.

दिव्या ने भी शादी से पहले अमित से इन सुविधाओं को उपलब्ध कराने की कोई बात नहीं की थी. अमित दिव्या को इसीलिए ऐडजस्टिंग स्वभाव का समझता था. लेकिन यहां गलती दिव्या की है. गलती यह नहीं कि सुविधाओं के अभाव में वह ऐडजस्ट नहीं कर पा रही, बल्कि गलती यह है कि दिव्या ने शादी से पूर्व अपनी जरूरतों का जिक्र अमित से नहीं किया जो उस की सब से बड़ी भूल थी.

दिव्या की ही तरह कई लड़कियां हैं, जो अपनी उम्मीदों को अपने प्रेमी पर शादी से पहले कभी जाहिर नहीं करतीं और बाद में उम्मीद के विपरीत परिस्थितियों में उन्हें इस बात का पछतावा होता है कि आखिर अपनी इच्छाओं को पहले जाहिर कर देते तो ये दिन न देखने पड़ते.  इसलिए बहुत जरूरी है कि शादी से पहले अपनी और अपने प्रेमी की इन बातों का खयाल कर लिया जाए:

– आप का प्रेमी किराए के मकान में रहता है, मगर आप अपना घर चाहती हैं, इस बात को अपने प्रेमी के आगे रखने में कोई हरज नहीं है. यदि उस की आर्थिक स्थिति उसे शादी से पहले नया घर खरीदने की मंजूरी देगी तो वह शायद ऐसा कर सकेगा वरना शादी के बाद जल्दी से जल्दी अपना घर खरीदने का प्रयास करेगा. इस के अलावा आप खुद भी अपना घर खरीदने में अपने पति की आर्थिक सहायता करने के लिए खुद को तैयार कर सकेंगी.

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– आजकल कामकाजी लड़कियों के पास रसोई में परिवार के लिए खाना बनाने का समय नहीं होता, लेकिन विवाह बाद रसोई के काम के अलावा घर के बाकी काम भी करने पड़ते हैं. मगर सहयोग के लिए एक नौकर हो तो बात बन जाती है. अपने प्रेमी को शादी से पहले ही इस बात का संकेत दे दें कि आप पूरा दिन रसोई में नहीं खट सकतीं और आप को बेसिक होम ऐप्लायंस और एक नौकर की आवश्यकता पड़ेगी. यदि आप के प्रेमी के घर में पहले से ये सब चीजें उपलब्ध नहीं होगीं, तो वह कोशिश करे आप की मदद के लिए कुछ सुविधाएं उपलब्ध कराने की या फिर वह आप को साफ कह दे कि घर के काम के लिए सहयोग की उम्मीद न रखें. इस से आप अपने लिए सुविधा का सामान खुद भी जुटा सकती हैं.

– घर में वाहन होने के बाद भी उस के सुख से आप वंचित हैं, क्योंकि वाहन पति नहीं पति के पिता का है. जाहिर है आप का उस वाहन पर हक नहीं है. लेकिन यदि वाहन आप के लाइफस्टाइल के लिए बहुत जरूरी है, तो इस की व्यवस्था करने के लिए प्रेमी को कहें या फिर खुद प्रयास करें.

– प्रेमी की दादी, बहन या भाई की जिम्मेदारी उठाना.

– प्रेमी यदि संयुक्त परिवार से है तो भाभी/देवरानी आदि की समस्याएं.

– नौकरी है तो ठीक वरना अपने व्यवसाय के लंबे घंटे.

कैरियर प्लानिंग पर भी चर्चा जरूरी

आज की लड़कियां शिक्षित, आत्मनिर्भर और महत्त्वाकांक्षी हैं. घर बैठ कर रोटियां बेलने के बजाय उन्हें लैपटौप पर उंगलियां दौड़ाना पसंद है. मगर शादी के बाद पति चाहता है कि वह हाउसवाइफ बन जाए. अब यहां निर्णय आप को लेना है कि पति चाहिए या कैरियर अथवा दोनों. इस के लिए आप को विवाह का निर्णय लेने के पूर्व ही बौयफ्रैंड से इन बिंदुओं पर बात कर लेनी चाहिए:

– शादी के बाद भी आप अपने कैरियर के लिए उतनी ही फिक्रमंद रहना चाहती हैं जितनी अभी हैं. हो सकता है आप का बौयफ्रैंड इस के विपरीत आप को नौकरी छोड़ घर की जिम्मेदारियों को संभालने के लिए कहे. इस परिस्थिति में यदि आप अपने कैरियर से खुशीखुशी समझौता कर लेती हैं तो ठीक है वरना रिश्ते से समझौता करना ही बेहतर विकल्प होगा.

– शादी के बाद प्रेमी किस शहर में शिफ्ट होने की सोच रहा है. इस बारे में प्रेमी से चर्चा करें. आपसी सहमति से ही किसी दूसरे शहर में शिफ्ट होने का निर्णय लें.

– कई बार शादी के बाद भी युवा अपने कैरियर से संतुष्ट नहीं होते. ऐसे में जौब छोड़ कर फिर से पढ़ने का मन बना लेते हैं. आप के साथ ऐसा न हो, इस के लिए पार्टनर से इस विषय पर भी बात कर लें.

परखें पार्टनर की नीयत

प्यार में साथी के आकर्षण में खो जाना एक आम बात है. लेकिन आकर्षण में इतना भी न खोएं कि पार्टनर की नीयत को न परख सकें. दरअसल, लड़कियां अधिक भावुक होती हैं. लड़कों की मीठीमीठी बातों में जल्दी फंस जाती हैं. लेकिन कुछ लड़कों में इस के विपरीत गुण होते हैं. वे अपना उल्लू सीधा करने के लिए लड़कियों को अपनी चिकनीचुपड़ी बातों में फंसा लेते हैं. जैसे कानपुर की सोनिया को कौशल ने फंसाया था. दोनों एक ही कालेज में पढ़ते थे. सोनिया पढ़ाई में होशियार थी. उस के घर की आर्थिक स्थिति भी मजबूत थी. कौशल इन सभी बातों को भांप चुका था. सोनिया को अपने प्यार में फंसाने का उस का मकसद केवल उस के पैसों पर जिंदगी भर मजे लूटना था. घर वालों के बहुत समझाने पर भी सोनिया नहीं मानी और कौशल से शादी कर ली.

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शादी के बाद पति का निकम्मापन सोनिया को खलने लगा. लेकिन अब घर वालों से भी वह कुछ नहीं कह सकती थी. पछताने के सिवा अब उस के पास और कोई चारा न था.

सोनिया जैसी स्थिति का सामना हर उस लड़की को करना पड़ सकता है, जो अपने पार्टनर की नीयत को परखे बिना शादी का फैसला ले लेती है. लेकिन सवाल यह उठता है कि साथी की नीयत को कैसे परखा जाए? चलिए हम बताते हैं:

– पैसों को ले कर बौयफ्रैंड का क्या बरताव है, यह भांपने की कोशिश करें. जब आप दोनों साथ घूमते हैं, तो अधिक खर्चा कौन करता है? कहीं पैसे खर्च करने में साथी आनाकानी तो नहीं करता? इन बातों को समझने की कोशिश करें.

– भले ही आप की सैलरी आप के बौयफ्रैंड से ज्यादा हो, लेकिन उस के आत्मसम्मान को परखें. यदि वह आप से पैसे लेने में नहीं हिचकता तो जाहिर है कि उस में आत्मसम्मान की कमी है.

– यह जानने की कोशिश करें कि आप का साथी शादी के वक्त आप से किनकिन विलासिता की चीजों की डिमांड करता है. जाहिर है यदि वह आप से नक्द या किसी मूल्यवान वस्तु की चाहत रखता है तो उसे आप से नहीं आप के पैसों से प्रेम है.

शादी से पूर्व फाइनैंशियल प्लानिंग

कनासा स्टेट यूनिवर्सिटी की रिसर्चर एवं असिस्टैंट प्रोफैसर औफ फैमिली स्टडीज ऐंड ह्यूमन सर्विस की सोनया बर्ट की 4,500 कपल्स पर की गई स्टडी के परिणामस्वरूप पतिपत्नी के रिश्ते में सब से बुरा वक्त तब आता है, जब पैसों को ले कर दोनों में झगड़े होते हैं. स्टडी के मुताबिक इन झगड़ों की वजह से रिश्ता टूटने के कगार पर आ जाता है. इसलिए शादी से पूर्व ही भविष्य में आने वाली आर्थिक जरूरतों पर चर्चा कर लेनी चाहिए.

इस बाबत आर्थिक सलाहकार अरविंद सिंह सेन कहते हैं, ‘‘लव मैरिज में अकसर किसी एक पक्ष के घर वालों को रिश्ते पर आपत्ति होती है. ऐसे में शादी के बाद अपनी सभी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए नए जोड़े को अपनी ही आमदनी पर निर्भर होना पड़ता है. ऐसे में सब से अधिक जरूरी होती है सिर छिपाने के लिए एक छत यानी अपना घर और आपातकालीन स्थितियों से निबटने के लिए नक्द पैसा. यदि शादी से पूर्व कुछ निवेश किए गए हों तो इस से काफी मदद मिलती है. ये निवेश इस प्रकार के हो सकते हैं:

– अपना घर होने के सपने को पूरा करने के लिए शादी से 2-4 साल पहले ही रियल स्टेट स्मौल इन्वैस्टमैंट प्लान लिया जा सकता है. इस प्लान के तहत बिना होम लोन लिए और एकमुश्त डाउनपेमैंट की समस्या से बचने के लिए छोटीछोटी इंस्टौलमैंट्स दे कर अपना घर बुक किया जा सकता है. हां, यह प्लान लेने से पहले कुछ जरूरी बातों पर जरूर गौर कर लें:

– सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई गाइडलाइन को पढ़ कर ही कोई फैसला लें.

– विश्वसनीय बिल्डर द्वारा बनाई गई प्रौपर्टी में ही निवेश करें.

– चिट फंड कंपनियों द्वारा बनाई प्रौपर्टी में निवेश करने से बचें.

– ग्रुप हैल्थ इंश्योरैंस प्लान लें. यदि आप तय कर चुकी हैं कि शादी आप को अपने बौयफ्रैंड से ही करनी है तो अपने और उस के नाम पर इस प्लान को लिया जा सकता है. यह प्लान शादी के बाद सेहत से जुड़ी हर परेशानी में आप का आर्थिक मददगार बनेगा. इस प्लान के तहत छोटीछोटी बीमारियों से ले कर प्रैगनैंसी तक इस प्लान में कवर होते हैं.

अत: भावनाओं में बह कर बनाए गए रिश्ते भविष्य में आने वाली दिक्कतों का सामना करने में कमजोर साबित हो सकते हैं. प्रेम विवाह में अकसर ऐसा ही होता है. लेकिन थोड़ी सी समझदारी, प्लानिंग और साथी को परखने की कला आप की शादीशुदा जिंदगी को सफल बना सकती है.

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चुनाव इतने निरर्थक क्यों हैं

हालांकि 5 विधानसभा चुनावों के बाद सरकारें बन गई है पर क्या इन चुनाव परिणामों के बाद औसत आदमी और विशेषतौर पर औसत औरतों की जिंदगी पर कोई असर पडऩे वाला है. आजकल हर 5 साल में 3 चुनाव होते हैं. केंद्र का, राज्य विधानसभा का, म्यूनिसिप्लैटी का जिला अध्यक्ष का पर हर चुनाव के बाद वादों और नारों के जीवन उसी पुराने ढर्रे पर चलता रहता है.

चुनाव भारत में ही नहीं, लगभग सारी दुनिया में न उत्साह जगाते है, न नई आशा लाते हैं. लगभग सभी देशों में चुनाव अखबारों की सुर्खियों में कुछ माह बने रहते हैं. पर जनता पर कोई असर पडऩा हो, यह नहीं दिखता. शायद ही किसी देश में चुनावों से ऐसी सरकार निकली जिस ने पूरी जनता की कायापलट कर दी हो. भारत में 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी पर 2004 तक लोग खिन्न हो चुके थे कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार आ गई. यानी लोगों को चुनी सरकार का काम पसंद नहीं आया.

2009 में कांग्रेस एक बार फिर आई पर 2014 में उसे रिजैक्ट कर दिया गया. 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार आई और आज भी मजबूती से बैठी है पर फिर क्या? क्या कहीं कुछ ऐसा हो रहा है जो पहले नहीं हुआ. कहीं नई सरकार का असर दिख रहा है?

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चुनावों से सरकारें आती जाती रहती हैं या बनी भी रहती हैं पर जनता को कोई लंबाचौड़ा अंतर नहीं दिखता. आखिर क्यों? वह लोकतंत्र किस काम का, वह वोिटग किस काम की, वह हल्लागुल्ला किस काम का जब अंत में वही या उसी तरह के लोग उसी तरह से देश चलाने रहें.

भारत में सब कुछ अच्छा हो रहा है. यह दावा तो बहुत थोड़े से ही कर सकेंगे. चुनाव देश की कार्यप्रणाली को बदलने में पूरी तरह असफल होते जा रहे हैं. घर में एक बच्चा होता है, घर की शक्ल बदल जाती है. शादी हो जाती है, घर व रवैया बदल जाता है. किसी की अकाल मृत्यु होती है, झटका लगता है. कुछ भी पहले की तरह नहीं होता रहता. फिर चुनाव देश की जिंदगी में ऐसा बदलाव क्यों नहीं करते जैसे एक व्यक्ति जिंदगी में बच्चे होना उन की पढ़ाई में सफलता मिलना, नौकरी मिलना, दोस्ती बनने से होती है. चुनाव इतने निरर्थक से क्यों हैं.

लोग लेट देने जा रहे हैं. पिछले चुनावों में 4 विधानसभाओं ने उसी पार्टी को चुना जो पहले थी. तो अब वहां क्या नया होगा? पंजाब में कुछ दिन नई पार्टी का नयापन दिखेगा पर फिर सब कुछ दर्रे पर आ जाएगा. तो क्या चुनाव निरर्थक हो गए हैं?

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सौफ्ट & शाइनी स्किन के लिए अपनाएं ये 10 टिप्स

अंजली का चेहरा हमेशा बुझाबुझा सा नजर आता था. अरे यार, वह अपने चेहरे पर ध्यान देगी तभी तो उस की त्वचा साफ, कोमल और दमकी नजर आएगी. क्या आप को भी लगता है कि आप अपने चेहरे को साफ रखती हैं, तब भी उस में चमक नहीं आ पाती है? कई बार ऐसा होता है कि त्वचा पर से डेड सेल्स ठीक से न निकलने पर त्वचा बेजान और धुंधली दिखाई देने लगती है.

इस के अलावा त्वचा की नमी और तैलीयता बनाए रखने की शक्ति भी कम होती जाती है. डेड सेल्स ठीक से न निकलने पर नए सेल्स को निकलने के लिए जगह नहीं मिलती, जिस के कारण त्वचा पर कई तरह की समस्याएं जैसे मुंहासे, ब्लैकहेड्स और दागधब्बे दिखाई देने लगते हैं. त्वचा को पानी या साबुन से धोने से उस पर जमी धूलमिट्टी और चिकनाई तो दूर हो जाती है लेकिन डेड सेल्स अच्छी तरह से नहीं निकल पाते हैं. इसलिए त्वचा पर से डेड सेल्स को अच्छी तरह से निकालने के लिए कुछ खास उपायों की आवश्यकता होती है.

1. एस्ंट्रिजेंट

बाजार में कई प्रकार के एस्ट्रिंजेंट उपलब्ध हैं. अल्कोहल बेस्ड एस्ट्रिंजेंट त्वचा पर से डेड सेल्स को हटाता है.

2. प्यूमिक स्टोन

त्वचा पर हलके हाथों से प्यूमिक स्टोन को रगड़ने से डेड सेल्स निकल जाते हैं. प्यूमिस स्टोन जब इस्तेमाल करें तब इसे त्वचा पर जोरजोर से न रगड़ें. इस से त्वचा के डेड सेल्स तो हट जाते हैं, लेकिन नए सेल एमीलोइड नामक एक प्रकार के प्रोटीन का निर्माण करते हैं और यही प्रोटीन त्वचा पर काले दागधब्बे के रूप में उभर आता है.

3. बौडी ब्रशिंग

पूरे शरीर पर साबुन लगाने के बाद लूफा या ब्रश से हलके हाथों से त्वचा को रगड़ना चाहिए. बौडी ब्रशिंग से त्वचा पर जमे डेड सेल्स अच्छी तरह से निकल जाते हैं.

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4. स्क्रब

स्क्रब द्वारा त्वचा के डेड सेल्स को आसानी से निकाला जा सकता है. स्क्रब करने से पहले त्वचा को माइल्ड सोप से अच्छी तरह धो लें. होममेड स्क्रब त्वचा के लिए काफी अच्छे रहते हैं. इन्हें आप आसानी से घर पर ही बना कर इस्तेमाल कर सकती हैं. सप्ताह में एक बार त्वचा पर होममेड स्क्रब करना चाहिए. इस से त्वचा दमकती रहती है.

5. फेस पैक और फेस मास्क

फेस पैक और फेस मास्क चेहरे और गरदन के डेड सेल्स को हटाने के अच्छे उपाय हैं. फेस पैक को चेहरे पर लगाया जाता है. सूख जाने पर हलके हाथ से रगड़ कर निकाल दिया जाता है. इस के बाद ठंडे पानी से त्वचा को साफ कर लिया जाता है. फेस मास्क को त्वचा की प्रकृति के हिसाब से इस्तेमाल कर सकती हैं.

6. फेशल

फेशल एक प्रकार की मसाज है. यह भी त्वचा पर से डेड सेल्स निकालने का अच्छा उपाय है. फेशल से त्वचा में निखार आता है. चेहरे की त्वचा में रक्तसंचार ठीक से होने लगता है. त्वचा की झुर्रियां नष्ट हो जाती हैं. आंखों के डार्क सर्कल्स खत्म हो जाते हैं.

7. प्रिजरवेटिव फेशल

स्वस्थ त्वचा पर प्रिजरवेटिव फेशल किया जाता है.

8. हर्बल फेशल

हर्बल फेशल में कुकुंबर, रोज, लैमन, संदल आदि मिला होता है. घरेलू हर्बल फेशल आप खुद भी घर पर कर सकती हैं.

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9. यों करें फेशल

हलके हाथों से त्वचा पर मालिश करें. हाथों की दिशा को अप एंड आउट चलाएं, जिस से त्वचा को टोन मिलेगा. आउट यानी बाहर की ओर स्ट्रोक करें. इस से त्वचा के जहरीले पदार्थ हट जाएंगे. त्वचा पर मुंहासे हैं, तो फेशल से पहले स्टीम अवश्य लें. त्वचा पर संक्रमण, एक्ने तथा त्वचा अधिक संवेदनशील होने पर फेशल न करें.

10. पैडीक्योर और मैनीक्योर

हाथपैरों के डेड सेल्स को निकालने के लिए पैडीक्योर और मैनीक्योर सब से आसान और अच्छे उपाय हैं. सप्ताह में एक बार पैडीक्योर और मैनीक्योर अवश्य करना चाहिए. 

जब खतरा हो डायबिटीज का

डाइबिटीज एक तरह का मेटाबौलिज्म  डिसआर्डर है. सामान्यता हमारे द्वारा खाए गए भोजन का अधिकांश हिस्सा ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है. पाचन के बाद ग्लूकोज खून के जरिए कोशिकाओं तक पहुंचता है, जहां कोशिकाएं इस का उपयोग ऊर्जा प्राप्त करने और उस की वृद्धि में करती हैं. इस कार्य में मददगार होता है पैंक्रियाज से निकलने वाला खास हारमोन इंसुलिन. डाइबिटीज से पीडि़त व्यक्तियों के शरीर से इंसुलिन निकलना बंद हो जाता है या कम होता है या फिर शरीर इस इंसुलिन का उपयोग ही नहीं कर पाता. ऐसे में शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है, जो पेशाब के जरिए बाहर आने लगती है.

मुख्य रूप से डाइबिटीज 2 तरह की होती है :

टाइप 1 : इस में इम्यून सिस्टम इंसुलिन उत्पाद करने वाली बीटा कोशिकाओं पर आक्रमण कर उन्हें नष्ट करने लगता है, जिस से इंसुलिन की कमी हो जाती है और शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है.

इस के मुख्य लक्ष्ण हैं- प्यास ज्यादा लगना, बारबार पेशाब आना, भूख बढ़ना, वजन कम होना, धुंधला नजर आना और बहुत ज्यादा थकावट महसूस करना.

टाइप 2 : 90 से 95% लोग टाइप 2 डाइबिटीज से पीडि़त होते हैं. इस स्थिति में पैंक्रियाज से इंसुलिन तो काफी मात्रा में निकलता है पर शरीर इस का सही उपयोग नहीं कर पाता है. इस अवस्था को इंसुलिन रिजिस्टेंस कहा जाता है. समय के साथ इंसुलिन उत्पादन भी घटने लगता है.

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टाइप 2 डाइबिटीज के लक्षण धीरेधीरे  विकसित होते हैं. इन में प्रमुख हैं- थकान होना, अधिक प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना, वजन में परिवर्तन, नजर का धुंधला पड़ना, व्याकुलता होना, इन्फैक्शन होना (स्किन इन्फैक्शन, यूटीआई), घाव भरने में वक्त लगना आदि. इस समस्या के लिए मुख्य रूप से मोटापा और अधिक उम्र जिम्मेदार होती है. टाइप 2 से पीडि़त 80% लोग अधिक वजन के होते हैं. इस के अलावा डाइबिटिक फैमिली हिस्ट्री, शारीरिक असक्रियता, तनाव, इन्फैक्शन, हाइपरटेंशन आदि मुख्य कारण हैं. डाइबिटीज की वजह से किडनी, दिल, नर्वस सिस्टम और आंखोें पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए इस से बचाव बहुत जरूरी है. साधारणतया, डाइबिटीज की समस्या पूरी तरह ठीक नहीं हो पाती, मगर नियमित दवा लेने, व्यायाम करने, शारीरिक सक्रियता और खानपान का ध्यान रख कर हम इसे कंट्रोल में रख सकते हैं. मसलन :

अपने भोजन में पोषक तत्त्वों, जैसे विटामिन बी6, विटामिन सी,ई,डी, जिंक, मैग्नीशियम, बायोटिन, क्रोमियम, ओमेगा 3 आदि की संतुलित मात्रा लेने का प्रयास करें. हाई फाइबर वाली सब्जियां खाएं. जंक फूड, सैचुरेटेड फैट या कोलैस्ट्रौल बढ़ाने वाली चीजें कम लें.

शारीरिक सक्रियता बनाए रखें. रोज कम से कम 30 मिनट जरूर टहलें.

ब्लडप्रैशर व कोलैस्ट्रौल नियमित रखें और इन की नियमित जांच कराते रहें. ब्लड ग्लूकोज की जांच भी नियमित अंतराल पर कराएं.

ताजा रिसर्च में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया है कि बहुत से हर्बल सप्लीमैंट, जैसे बिल्बरी, गर्लिक, त्रिफला, ओनियन, नोपल कैक्टस, मेलन वगैरह भी ग्लूकोज लेवल घटाने में सहायक हैं. अत: इन का उपयोग भी किया जा सकता है.

वजन न बढ़ने दें और तनाव से भी बचें.

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‘विंक गर्ल’ Priya Prakash का हुआ ट्रांसफौर्मेशन, चौंके फैंस

साउथ की एक्ट्रेस प्रिया प्रकाश वारियर (Priya Prakash Varrier) अपनी डेब्यू फिल्म में आंख मारने के कारण काफी फेमस हो चुकी हैं. वहीं हाल ही में एक्ट्रेस ने अपनी कुछ फोटोज शेयर की हैं, जिसे देखकर फैंस उन्हें ट्रोल करते हुए पूछ रहे हैं कि क्या ये उनका असली लुक है. हालांकि एक्ट्रेस के लुक्स और फैशन सोशलमीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

बदल गया एक्ट्रेस का अंदाज

स्कूल ड्रैस में फैंस का दिल जीत चुकीं एक्ट्रेस प्रिया प्रकाश वारियर का अंदाज काफी बदल गया है. वह अब ड्रैसेस से लेकर साड़ी में नजर आती हैं. इसी बीच एक्ट्रेस प्रिया ने आदिवासी महिला के लुक में नजर आ रही हैं. वहीं इन फोटोज में वह गुमसुम सी दिख रही हैं. हालांकि पीली साड़ी पहनें एक्ट्रेस बेहद खूबसूरत नजर आ रही हैं.

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साउथ इंडियन लुक में दिया पोज

आदिवासी लुक के अलावा एक्ट्रेस प्रिया प्रकाश ने साउथ इंडियन लुक में भी पोज दिए हैं. साउथ इंडियन स्टाइल की लहंगा चोली पहनें एक्ट्रेस पोज देती नजर आ रही हैं. वहीं फैंस को उनका ये अंदाज बेहद खूबसूरत लग रहा है और वह उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.

इंडियन लुक में आती हैं नजर

एक्ट्रेस प्रिया प्रकाश के फैशन की बात करें तो वह इंडियन से लेकर वेस्टर्न, हर लुक को कैरी करती नजर आती हैं. हालांकि उनके औफिशियल इंस्टाग्राम अकाउंट को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह इंडियन लुक को काफी पसंद करती हैं, जिसके चलते वह आए दिन अपने लुक की फोटोज सोशलमीडिया पर शेयर करती रहती हैं.

बता दें, एक्ट्रेस प्रिया प्रकाश अपनी एक आंख मारने वाली वीडियो के चलते सोशलमीडिया पर काफी फेमस हुई थीं. इसी के चलते उन्होंने कई बौलीवुड एक्ट्रेस को भी पीछे छोड़ दिया था.

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Anupama का बनेगा प्रीक्वल, वनराज-अनु की कहानी आएगी नजर

सीरियल अनुपमा (Anupama) की कहानी दर्शकों को इन दिनों बेहद पसंद आ रही है, जिसके चलते शो की टीआरपी भी पहले नंबर पर बनी हुई है. इसी बीच खबरे हैं की शो के मेकर्स यानी राजन शाही जल्द ही ओटीटी पर अनुपमा का प्रीक्वल (Anupama Prequel ) लाने वाले हैं, जिसे देखने के दर्शक बेताब नजर आ रहे हैं. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

प्रीक्वल होगा रिलीज

 

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खबरों की मानें तो जल्द ही ओटीटी प्लैटफौर्म यानी डिज्नी हौटस्टार (Disney Hotstar) पर अनुपमा का प्रीक्वल (Anupama Prequel ) नजर आएगा, जिसकी मेकर्स ने पूरी तैयारी कर ली है. वहीं इसकी कहानी भी दर्शकों को पता चलने वाली है. दरअसल, अनुपमा का प्रीक्वल 11 एपिसोड का होने वाला है, जिसके चलते अनुपमा और वनराज की कहानी बताई जाएगी.

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वनराज-अनुपमा की होगी कहानी

 

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इन दिनों सीरियल में अनुपमा (Rupali Ganguly) की अपनी लाइफ को जीने और प्यार को कूबूल करने की कशमकश की कहानी बताई जा रही है. हालांकि ओटीटी पर अनुपमा के प्रीक्वल में वनराज (Sudhanshu Panday) संग अनुपमा की शादी और वनराज के अफेयर तक पहुंचने की कहानी बताई जाएगी. वहीं इस प्रीक्वल में अनुपमा और वनराज के किरदार के अलावा काव्या, बा, बापूजी, समर, तोषू, पाखी के किरदार शामिल होंगे.

अनुज का होगा एक्सीडेंट

बता दें, सीरियल में इन दिनों अनुपमा दोराहे पर खड़ी है. जहां वह अपने दादी बनने और समाज में दूसरी शादी को कबूल करने की कशमकश में खड़ी है. वहीं अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा और अनुज की कहानी में नया ट्विस्ट आने वाला है, जिसके चलते अनुज का एक्सीडेंट हो जाएगा (Anupama Latest Update) और अनुपमा, अनुज संग जिंदगी बिताने के फैसले पर गौर करती हुई नजर आएगी.

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Anupamaa की मालविका ने छोटे रोल को लेकर कही ये बात

स्टार प्लस का सीरियल ‘अनुपमा’ (Anupamaa) की पौपुलैरिटी बढ़ती जा रही है, जिसके कारण सीरियल से जुड़े सितारे भी हैं. जहां बीते दिनों नंदिनी का किरदार निभाने वाली अनघा भोसले ने शो को छोड़ने का फैसला किया था तो वहीं मालविका का किरदार खत्म होने के बाद एक्ट्रेस अनेरी वजानी (Aneri Vajani) ने कुछ बातें कही है. आइए आपको बताते हैं पूरी खबर…

 कैमियो की कही बात

 

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बीते दिनों ही सीरियल में अनुज कपाड़िया की बहन मालविका के रोल में एक्ट्रेस अनेरी वजानी की धमाकेदार एंट्री हुई थी, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया था. हालांकि बाद में दर्शकों को बोरियत होने लगी थी. इसी के चलते मेकर्स ने इस किरदार को खत्म करने का फैसला लिया. वहीं एक्ट्रेस अनेरी वजानी ने एक इंटरव्यू में इस किरदार को शुरु से ही कैमियो होने की बात कही है.

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दर्शकों का मिला फीडबैक

 

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एक्ट्रेस ने इंटरव्यू में कहा कि लोग एक दिन इसे भूल जाएंगे क्योंकि ये शो ‘अनुपमा’ है. इसलिए मुक्कू इसमें हर समय नहीं होगी. मेरा करैक्टर हमेशा से एक कैमियो था, इसलिए मैं खुश हूं, जो भी मुझे करने के मिला. शुरुआत से ही ये किरदार एक कैमियो था और इसे दर्शकों की ओर से अच्छा फीडबैक भी मिला. लेकिन समय के साथ लोगों के लिए यह पचा पाना मुश्किल था कि कैसे मालविका को सुधांशु से प्यार होने लगता है. स्क्रिप्ट को भी उसी हिसाब से लिखा गया था कि जैसे-जैसे समय बीतता है, मुक्कू को वनराज से प्यार होने लगता है और इसमें और भी ट्विस्ट एंड टर्न्स आएंगे.’

सीरियल में आएगा नया ट्विस्ट

 

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सीरियल के लेटेस्ट ट्रैक की बात करें तो अनुपमा प्यार और परिवार के बीच फंसती नजर आ रही है. वहीं अनुज ने भी उसे चुनने के लिए कहा है, जिसके बाद अनुपमा अपकमिंग एपिसोड में अनुज के साथ शादी का फैसला करती हुई नजर आएगी. हालांकि इससे पहले अनुज का एक एक्सीडेंट होने वाला है, जिससे सीरियल की कहानी में ट्विस्ट देखने को मिलेगा.

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नेगेटिव रोल में नजर आएंगी पारुल चौहान, पढ़ें इंटरव्यू

उत्तरप्रदेश के छोटे से कस्बे, लखीमपुर खीरी में जन्मी अभिनेत्री पारुल चौहान, एक मध्यमवर्गीय परिवार से है. पारुल हमेशा एक्टिंग इंडस्ट्री में अपना कैरियर बनाने का सपना देखा करती थी, लेकिन कैसे होगा, उसे पता नहीं था. पढाई पूरी करने के बाद वह कैरियर बनाने के लिएमुंबई आई और पहली ब्रेक धारावाहिक ‘सपना बाबुल का ….बिदाई’ में मुख्य भूमिका निभाने के बाद वह घर-घर पहचानी गई, स्वभाव से विनम्र और हंसमुख पारुल शो ‘गरुड़’ में नकारात्मक भूमिका,एक सर्पिनी क्वीन खुदरूकी है, जिसके लिए उनका लिबास 8 से 9 किलोग्राम है, जो काफी हैवी है. इसे हर रोज उन्हें पहनना पड़ता है, जो शुरू में बहुत मुश्किल था,पर अब वह इस भूमिका से बहुत खुश है, उन्होंने खास गृहशोभा के लिए बात की. बातचीत के कुछ अंश इस प्रकार है.

सवाल – ऐसे हैवी पोशाक पहनकर आप सेट पर कैसे रह पाती है?

जवाब –करीब 12 से 13 घंटे इस हैवी पोशाक को पहनकर रहना पड़ता है, कई बार ज्वेलरी उतार कर रखना पड़ता है, फिर इसे पहनना पड़ता है. बहुत केयर करना पड़ता है, क्योंकि अगर कही कुछ लगा, तो ज्वेलरी टूट भी सकती है, लेकिन मैं इस चरित्र को बहुत एन्जॉय कर रही हूं.

सवाल – इसमें आपने निगेटिव भूमिका निभाई है, क्या इस तरीके की भूमिका आपको पसंद है?

जवाब –कलाकार के रूप में अगर कोई ऐसा चरित्र आपने पहले निभाया न हो तो सामने आने पर उसे करने में अच्छा लगता है, क्योंकि स्क्रीन पर मेरे आते ही दर्शक डर या सहम जाय, तो यहीं मेरे लिए अच्छी बात होगी. सीन करते-करते कई बार मेरे अंदर डेविल दिखने लग जाता है. फिर खुद को नार्मल करना पड़ता है. मिरर में देखकर खुद को समझाना पड़ता है कि क्या नया इम्प्रूव करना है, इसके लिए मुझे बहुत मेहनत करनी पड़ी, खासकर डाइट पर ध्यान देना पड़ा. एक्सरसाइज भी नहीं छोड़ सकती. हेवी ज्वेलरी के साथ विग को सम्हालना बहुत समय और मेहनत लेता है. संवाद कठिन है, लेकिन मैं लखनऊ की होने की वजह से मुझे कुछ समस्या नहीं होती. पहले इस किरदार को निभाने में बहुत मुश्किल था, भारी मुकुट को सिर पर रखने से रोज मेरा सिर दर्द होता था, और घर जाकर हर रात सिरदर्द की गोली लेनी पड़ती थी. अभी थोडा ठीक है, क्योंकि थोड़ी आदत हो चुकी है.

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सवाल – आपको अभिनय की प्रेरणा कहाँ से मिली?

जवाब – मैंने अभिनय के बारें में कभी सोचा नहीं था, लेकिन मुझे बॉलीवुड डांस का बहुत शौक था. साल 2005 में मैं राजस्थान के भीलवाडा में किसी की शादी में गई थी. वहां मैंने डांस किया, तो सभी ने मेरी डांस के साथ एक्सप्रेशन की तारीफ की और मुझे एक्टिंग में जाने की सलाह दी. मुझे हमेशा से माधुरी दीक्षित का डांस पसंद था और मैं उसे देखकर खुद वैसी ही कर लिया करती थी. इससे मुझे किसी भी खास अवसर पर हर जगह डांस के लिए बुलाया जाता था और मैं इतनी चर्चित हो गयी कि मेरे पेरेंट्स मेरे नाम से पहचाने जाने लगे. उन्हें बहुत अच्छा लगता था और मेरी माँ ने सबकुछ पता कर मुंबई भाई के साथ आने का प्लान बना दिया, 4 महीने मुंबई रुकी, बोर हो गयी, क्योंकि मेरी लाइफ और यहाँ की लाइफ में जमीन आसमान का अंतर था. मुझे लगा कि मुझमे कुछ सुधार की जरुरत है, क्योंकि मैं सबसे पीछे खुद को महसूस कर रही थी. वापस घर जाने पर आसपास के लोग और रिश्तेदार ताने मारने लगे, फिर मैंने मन में ठान लिया कि मैं बिना एक्टिंग किये वापस नहीं लौटूंगी, मैंने माता-पिता से एक मौका और माँगा और मुंबई आ गयी.भले ही मुझे जूनियर आर्टिस्ट का काम करना पड़े, पर ऐसे नहीं लौटूंगी. मैंने ढाई साल संघर्ष किया और अंत में अच्छा काम मिला.

सवाल- नकारात्मक भूमिका निभाने की वजह से क्या कभी आपको कभी कुछ ताने सुनने पड़े?

जवाब – हां,मेरे ये कॉम्प्लीमेंट है, क्योंकि इससे पता चलता है कि लोग मुझे कितना देख रहे है.पहले एक शो में मेरी निगेटिव भूमिका थी,इससे मुझे खूब ताने सुनने पड़ते थे, जैसे कितनी दुष्ट औरत है, बीच में क्यों आ जाती है, तू नरक में जा आदि. अभी भी अगर ऐसा होगा, तो मुझे ख़ुशी होगी कि मैं उस स्तर तक अभिनय करने में सफल हो रही हूं.

सवाल – रियल लाइफ में आप कैसी है?

जवाब – मैं रियल लाइफ में बहुत कूल हूं, सपने अधिक देखा नहीं करती, लेकिन मेरा परिवार, मेरे दोस्त सभी के साथ अच्छा व्यवहार मेरा रहे इसके बारें में सोचती हूं. मेरे अंदर अभी भी बचपना बहुत है. मेरी शादी हुए 3 साल हो गए है. मेरी दादी सास कहती थी कि बहू के बदले एक बच्चा मेरे घर आ गया है. मेरे पति के साथ भी मेरा बहुत अच्छा सम्बन्ध है.

सवाल – किस शो ने आपकी जिंदगी बदली?

जवाब – धारावाहिक ‘सपना बाबुल का ….बिदाई’ मेरे लिए सबसे बड़ी शो थी, जिसके बाद से मुझे पीछे देखना नहीं पड़ा. बाकी शोज से मुझे अलग-अलग शो में काम करने का मौका मिला.

सवाल – आपके काम में आपका परिवार कितना सहयोग देता है?

जवाब – पूरा सहयोग परिवार का होता है. मेरे पति राजस्थान में बालू का व्यवसाय करते है. मन किया तो वे भी कई बार अभिनय कर लेते है.

सवाल –  आप दोनों का मिलना कैसे हुआ?

जवाब – हम दोनों एक फॅमिली फ्रेंड के यहाँ मिले थे,बहुत अच्छी दोस्ती शादी में बदली है. परिवार की भी यही इच्छा थी. 3 साल की दोस्ती के बाद हम दोनों ने शादी कर ली.

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सवाल – हर दिन कोई न कोई इंडस्ट्री में अभिनय करने आ जाते है, आप उनके लिए क्या कहना चाहती है?

जवाब – मेरा उनसे कहना है कि बहुत सारे लोग पैसा, नेम और फेम देखकर मुंबई आ जाते है और रातोंरात प्रसिद्धी पाने की कोशिश करते है, जो संभव नहीं होता, इससे तनाव बढ़ता है. उन्हें अपनी वित्तीय मजबूती को समझना जरुरी होता है, क्योंकि मुंबई एक खर्चीला शहर है. ख्वाब देखें, पर उस लिमिट तक देखें जिससे उसे भी आपके सामने झुकना पड़े. लालच न करें, पैसे के पीछे न भागे.

सवाल – क्या आपको कभी कास्टिंग काउच का सामना करना पड़ा?

जवाब – मैं जब आई थी तो इंडस्ट्री इतनी खराब नहीं थी और मैंने छोटे-छोटे काम जो भी मिले उसे करती गयी, इससे इंडस्ट्री को पहचानना आसान हो गया था. सही रास्ता कैसे चुन लेना है, उसमे मैं मंजबूत थी.

सवाल – आज लोग बहुत तनाव में जीते है, आप अपने तनाव को कैसे भगाती है,सुझाव क्या है?

जवाब – मैं बहुत पोजिटिव सोचती हूं, निगेटिव सोच नहीं सकती, इससे मैं तनावग्रस्त नहीं होती, मेरे अंदर आत्मविश्वास का जन्म होता है, जिससे मुझे जो चाहिए, वो आसानी से मिल जाती है. मेडिटेशन करती हूं.

सवाल –क्या आपको टाइपकास्ट होने का डर सताता है, जिसकी वजह से आप अलग-अलग भूमिका निभाना चाहती है?

जवाब – कलाकार की कोई टाइपकास्ट नहीं होती ये उसके मन की सोच होती है, जिससे वह डरता है. एक्टर तभी अच्छा एक्टर बन पाता है, जब कैमरे के आगे बेशर्म होता है. ये सोच मेरे अंदर बड़े-बड़े कलाकारों के साथ काम कर और अपने अनुभव से आया है. मैंने खुद को हर तरीके से बदला है.

सवाल – कोई खास मेसेज जो आप देना चाहे?

जवाब – मैं सभी महिलाओं और उनके परिवार से कहना चाहती हूं कि अपनी बेटियों, बहुओं और पत्नियों को काम करने से रोके नहीं,उन्हें निकलने दें, अगर वह निकलना चाहती है.

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