Valentine’s Special: घर पर आसानी से बनाएं टाकोज

टाकोज एक मेक्सिकन डिश है जिसे मैदा से बनी रोटी को फोल्ड करके सब्जियों और चीज की फिलिंग का प्रयोग करके बनाया जाता है. बच्चों को बेहद प्रिय होता है टाकोज. बाजार में यह काफी महंगे दामों पर मिलते ही हैं साथ ही मैदा से बनाये जाने के कारण स्वास्थ्यप्रद भी नहीं होते तो क्यों न इन्हें घर पर ही मैदा की जगह गेहूं के आटे से बनाया जाए. घर पर बनाने से आप इसकी फिलिंग में अपनी मनपसंद सब्जियों का प्रयोग कर सकतीं हैं तो आइए देखते हैं कि इन्हें कैसे बनाया जाता है-

कितने लोंगों के लिए          6

बनने में लगने वाला समय     30 मिनट

मील टाइप                         वेज

सामग्री (कवरिंग के लिए)

गेहूं का आटा                  1 कप

नमक                            1/4 टीस्पून

अजवाइन                       1/4 टीस्पून

घी या तेल                      2 टेबलस्पून

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सामग्री(फिलिंग के लिए)

बारीक कटा प्याज               1

लहसुन अदरक पेस्ट              1 टीस्पून

बारीक कटी शिमला मिर्च      1

उबले कॉर्न                           1 कप

टमाटर                                   2

उबले और मैश किये आलू         2

चीज क्यूब                             6

टोमेटो सॉस                           1 टीस्पून

शेजवान सॉस या चटनी          1 टीस्पून

चिली फ्लैक्स                       1/2 टीस्पून

ऑरिगेनो                             1/2 टीस्पून

मिक्स हर्ब्स                          1/2 टीस्पून

नीबू का रस                        1 टीस्पून

नमक                                  स्वादानुसार

तेल                                     1 टीस्पून

विधि

टाकोज की कवरिंग  बनाने के लिए गेहूं के आटे में नमक, अजवाइन और 1 टीस्पून तेल अच्छी तरह मिलाएं. अब धीरे धीरे पानी मिलाते हुए रोटी जैसा नरम आटा लगाकर 15 मिनट के लिए सूती कपड़े से ढककर रख दें. 15 मिनट बाद आटे को हाथ से थोड़ा मसलें और 6 टुकड़ों में काट लें. इससे मध्यम मोटाई की रोटी बेलकर तवे पर दोनों तरफ से हल्का सा सेंक लें. इसी प्रकार सभी रोटियां सेककर एक कैसरोल में रख लें.

फिलिंग बनाने के लिए सबसे पहले टमाटर के बीज निकाल कर बारीक काट लें. एक पैन में 1 टेबलस्पून तेल गरम करके प्याज और अदरक, लहसुन के पेस्ट को भूनकर शिमला मिर्च, टमाटर और कॉर्न के दाने डालकर नमक डाल दें और ढककर धीमी आंच पर सब्जियों के गलने तक पकाएं. मैश किये आलू, ऑरिगेनो, मिक्स हर्ब्स, चिली फ्लैक्स  और नीबू का रस डालकर भली भांति चलाएं.

अब टाकोज बनाने के लिए एक कटोरी में टोमेटो सॉस और शेजवान सॉस को मिक्स कर लें. तैयार रोटी पर दोनों सॉसेज को अच्छी तरह फैलाएं.

आधे हिस्से पर आधा चीज क्यूब ग्रेट करके 1 टेबलस्पून  सब्जियों की फिलिंग डालें ऊपर से फिर किसा चीज डालकर रोटी को फोल्ड करें और इस फोल्ड रोटी को तवे पर धीमी आंच पर घी या बटर लगाकर दोनों तरफ से सुनहरा होने तक सेकें. तैयार टाकोज के खुले हिस्से पर टोमेटो सॉस लगाकर सर्व करें. इसी प्रकार सारे टाकोज तैयार करें.

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करें ये भी प्रयोग

-टाकोज की कवरिंग बनाने के लिए आप गेहूं के आटे के स्थान पर मल्टीग्रेन आटे का भी प्रयोग कर सकतीं हैं.

-यदि घर में रोटियां बच जाए तो उन्हें हल्का सा स्टीम करके नरम करें और मनचाही फिलिंग भरकर स्वादिष्ट टाको तैयार कर सकतीं है.

-आमतौर पर बच्चे सब्जियां खाना पसंद नहीं करते टाकोज के जरिये आप उन्हें सभी हैल्दी सब्जियां खिला सकतीं हैं.

-फिलिंग में आप आलू के स्थान सोया पनीर या सादा पनीर का प्रयोग भी कर सकतीं हैं.

-ब्रेड स्लाइस को भी आप तेल में तलकर हल्का सा फोल्ड करके इंस्टेंट टाको की कवरिंग तैयार कर सकतीं हैं.

मेरा बौयफ्रेंड किसी और को चाहने लगा है, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं एक लड़के से 3 वर्षों से प्यार करती हूं. वह भी मुझ से प्यार करता है. बीच में हम दोनों में कुछ मनमुटाव हो गया था. अब वह कहता है कि वह मुझे नहीं किसी और को चाहता है. मैं उसे भुला नहीं सकती. दिनरात रोती हूं. कभी वह कहता है कि लौट आओ. मुझे उस के व्यवहार को ले कर बहुत गुस्सा आता है, यह सोच कर कि उस ने मेरा मजाक बना रखा है. क्या मैं उस पर भरोसा करूं या नहीं?

जवाब

एकदूसरे को समझने के लिए 3 साल का समय बहुत होता है. यदि आप का प्रेमी आप से साफसाफ कह चुका है कि वह आप को नहीं किसी और लड़की को चाहता है तो आप को किसी गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए और उस से किनारा कर लेना चाहिए. अपने पहले प्यार को भुलाना थोड़ा मुश्किल जरूर होता है पर नामुमकिन नहीं. समय बीतने के साथ आप के दिलोदिमाग से उस की यादें मिट जाएंगी.

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लगभग एक साल पहले भंवरताल गार्डन जबलपुर में रहने वाली आयशा ने स्वास्थ्य महकमे में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात अपने पति डा. शफातउल्लाह खान की हत्या इसलिए करवा दी थी, क्योंकि उस का पति अपने विभाग की कई महिला कर्मचारियों से अवैध संबंध रखता था. अपनी अय्याशी की वजह से पत्नी के साथ संबंध भी नहीं बनाता था और पत्नी को प्रताडि़त करता था. हद तो तब हो गई जब पति ने पत्नी की नाबालिग भतीजी को अपनी हवस का शिकार बना लिया और इस से नाबालिग को गर्भ ठहर गया. तंग आ कर पत्नी ने सुपारी दे कर उस की हत्या करवा दी. इसी तरह दिसंबर 2019 में नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव थाना क्षेत्र में एक युवक आशीष की हत्या उस के दोस्त पंकज ने इसलिए कर दी थी, क्योंकि आशीष ने पंकज की पत्नी से सैक्स संबंध बना रखे थे.

ये घटनाएं साबित करती हैं कि समाज में बढ़ते व्यभिचार और विवाहेत्तर संबंधों के कारण अपराधों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है. आमतौर पर विवाह होने के बाद पति और पत्नी के बीच के सैक्स संबंध प्रारंभ के कुछ वर्षों में तो ठीक रहते हैं, परंतु बच्चों के जन्म के बाद पार्टनर की जरूरतों पर पर्याप्त ध्यान न देना और सैक्स संबंधों के प्रति लापरवाही कलह का कारण बन जाते हैं.

सैक्स स्पैशलिस्ट बताते हैं कि सुखद सैक्स उसी को माना जाता है जिस में दोनों पार्टनर और्गेज्म पा सकें. यदि पतिपत्नी सैक्स संबंधों में एकदूसरे को संतुष्ट कर पाने में सफल होते हैं तो उन के दांपत्य संबंधों की कैमिस्ट्री भी अच्छी रहती है.

आर्यन की कंपनी की मालकिन बनेगी Imlie तो आदित्य देगा इस्तीफा!

सीरियल इमली (Imlie) के आदित्य यानी गशमीर महाजनी (Gashmeer Mahajani) ने शो को अलविदा कह दिया है, जिसके चलते नए आदित्य की एंट्री हो गई है. हालांकि दर्शकों को आर्यन (Fehmaan Khan) और इमली (Sumbul Tauqeer) की कैमेस्ट्री काफी पसंद आ रही है. इसी बीच आर्यन, इमली को मौर्डन बिजनेसवुमन बनाने वाला है, जिसके झलक शो के नए प्रोमो में मिल गई है. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे (Imlie Latest Update)…

इमली पर गुस्सा करता है आदित्य

अब तक आपने देखा कि मालिनी, आदित्य से उसकी चिंता करने की बात कहती है. लेकिन अपर्णा आकर कहती है कि वह परिवार को मुसीबत के समय में अकेला छोड़ कर चली गई थी. लेकिन मालिनी कहती है कि उसे अनु लेकर गई थी. दूसरी तरफ अपर्णा, आदित्य से इमली का शुक्रिया करने के लिए कहती है. लेकिन आदित्य नहीं मानता और इमली के बारे में गलत बातें कहता है.

 

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आर्यन का ख्याल रखेगी इमली

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि जहां आदित्य, इमली के बारे में सोचकर परेशान होगा तो वहीं इमली, आर्यन का ख्याल रखती हुई नजर आएगी. दरअसल, आर्यन की तबीयत खराब हो जाएगी और डौक्टर उसे घर में रहने की सलाह देंगे. हालांकि आर्यन, इमली के सामने शर्त रखेगा कि वह उसकी जगह औफिस का काम संभालेगी.

सीईओ बनेगी इमली

 

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इसी के चलते आप देखेंगे कि आर्यन, इमली को मौर्डन करियर वूमन लुक देगा और उसे औफिस के लिए तैयार करेगा. साथ ही उसे भास्कर टाइम्स की सीईओ का टाइटल भी देगा, जिसके चलते इमली औफिस जाएगी. जहां उसका बदला रुप देखकर आदित्य और पूरा औफिस हैरान रह जाएगा. इसी के साथ जलन के मारे आदित्य, इमली को अपना इस्तीफा सौंपेगा.

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Anupama: अनुज के लिए वनराज को धोखा देगी मालविका, देखें वीडियो

एक्ट्रेस रुपाली गांगुली के सीरियल अनुपमा की पौपुलैरिटी इन दिनों बढ़ती जा रही हैं. वहीं अनुपमा के रोल में नजर आने वाली रुपाली गांगुली की टीवी इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा कमाई वाली एक्ट्रेसेस में गिनती हो रही है. इसी बीच मेकर्स ने सीरियल को और भी दिलचस्प बनाने का प्लान बना लिया है, जिसके चलते वह वनराज के सपनों पर पानी फिरता हुआ दिखाने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं क्या होगा शो में आगे…

मालविका कहेगी ये बात

अब तक आपने देखा कि अनुपमा और अनुज की लव स्टोरी धीरे-धीरे बढ़ रही है. जहां दोनों अपने प्यार का इजहार करने का मौका ढूंढते नजर आ रहे हैं. वहीं मालविका, वनराज के साथ मुंबई शिफ्ट होने की बात अनुज को बताती नजर आती है, जिसके कारण अनुज और मालविका के बीच बहस होती है. लेकिन अनुपमा दोनों समझाने की कोशिश करती नजर आती है.

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काव्या को चुनौती देगा वनराज

अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि वनराज, काव्या को मुबंई शिफ्ट होने की बात बताएगा और उसे चुनौती देगा कि वह उसे तंग करने के लिए औफिस में एंट्री कर सकती है लेकिन अब वह मुंबई आने की हिम्मत करके दिखाए. वहीं काव्या, वनराज को करारा जवाब देते हुए कहेगी कि वह उससे दूर जा सकता है, लेकिन उससे छुटकारा नहीं पा सकता. क्योंकि वह उसे कभी अपना जिंदगी से नहीं निकाल सकता. दूसरी तरफ, अनुज, मालविका को चेतावनी देगा कि वह उसकी सेफ्टी के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, भले ही उसे बुरा बनना पड़े और उसकी वनराज के साथ अपनी पार्ट्नरशिप तोड़ने का आदेश देना पड़े.

वनराज को लगेगा झटका

इसके अलावा आप देखेंगे कि अनुपमा, वनराज से मिलकर कहेगी कि वह मालविका की भावनाओं के साथ खेल रहा है. लेकिन वनराज कहेगा कि उसे प्यार और उससे जुड़े मामलों में कोई दिलचस्पी नहीं है और वह सिर्फ अपने लक्ष्य हासिल करने की कोशिश कर रहा है. वहीं इस दौरान मालविका आकर उससे कहेगी कि वह सही है, यह उसकी गलती नहीं है, लेकिन फिर भी वह उनकी पार्ट्नरशिप तोड़ रही है, जिसे सुनकर वनराज हैरान रह जाएगा.

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कटु सत्य: भाग 2- क्या हुआ था छवि के साथ

छवि ने उस औरत को अपने हाथ में पकड़ा गन्ने का टुकड़ा देना चाहा पर वह औरत, ‘‘मैं डायन नहीं हूं, डायन नहीं हूं. मैं बड़े ठाकु र को नहीं छोड़ूंगी,’’ कहते हुए भाग कर झाडि़यों में छिप गई. उस के चेहरे पर डर स्पष्ट नजर आ रहा था.

‘बड़े ठाकुर को नहीं छोड़ूंगी,’ ये शब्द छवि के दिल पर हथौडे़ की तरह प्रहार कर रहे थे. उस ने नील की तरफ देखा. वह इस सब से बेखबर गन्ना चूस रही थी.

उस औरत की बातें तथा गांव वालों का व्यवहार देख कर वह समझ नहीं पा रही थी कि लोगों के मन में दादाजी के प्रति डर उन के प्रति सम्मान के कारण है या उन के आंतक के कारण. दादाजी गांव के सर्वेसर्वा हैं. लोग कहते हैं उन की मरजी के बिना इस गांव में एक पत्ता भी नहीं हिलता. तो क्या दादाजी का इन सब में हाथ है. अगर दादाजी न्यायप्रिय होते तो न छोटी दादी के साथ ऐसी घटना घटती और न ही लोग उस औरत को डायन कह कर मारतेपीटते. अजीब मनोस्थिति के साथ वह घर लौटी. मन की बातें मां से करनी चाही पर वे ताईजी के साथ विवाह की तैयारियों में इतना व्यस्त थीं कि बिना सुने ही कहा, ‘‘मैं बहुत व्यस्त हूं. कुछ चाहिए तो जा शिखा या नील से कह, वे दिलवा देंगी. शिखा के मेहंदी लगने वाली है, तू भी नीचे आ जा.’’

मां की बात मान कर वह नीचे आई. मेहंदी की रस्म चल रही थी. वह कैमरा औन कर वीडियो बना रही थी. तभी एक आदमी की आवाज सुनाई पड़ी, ‘‘माईबाप, मेरे बेटे को क्षमा कर दीजिए, वे उसे फांसी देने वाले हैं.’’

‘‘तेरे बेटे ने काम ही ऐसा किया है. उसे यही सजा मिलनी चाहिए जिस से दूसरे लोग सबक ले सकें और दोबारा इस गांव में ऐसी घटना न हो,’’ दादाजी कड़कती आवाज में बोले.

‘‘माईबाप, सूरज की कोई गलती नहीं थी. वह तो कल्लू की बेटी ने उसे फंसा लिया. इस बार उसे क्षमा कर दीजिए, आगे वह कोई ऐसा काम नहीं करेगा.’’

‘‘सिर्फ उसे ही नहीं, कल्लू की बेटी को भी फांसी देने का फैसला पंचायत सुना चुकी है. मैं उस में कोई फेरबदल कर समाज को गलत संदेश नहीं देना चाहता.’’ इतना कह कर दादाजी अंदर चले गए औैर वह आदमी वहीं सिर पटकने लगा. नौकर लोग उसे घसीट कर बाहर ले जाने लगे.

पूरा परिवार मूकदर्शक बना पूरी घटना देख रहा था. उसे समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उस आदमी के लड़के ने किया क्या है जो वह आदमी, दादाजी से अपने पुत्र का जीवनदान मांग रहा है. तभी बूआजी का स्वर गूंजा, ‘‘लड़कियो, रुक क्यों गईं, अरे भई, नाचोगाओ. ऐसा मौका बारबार नहीं आता. ’’

इतनी संवेदनहीनता, ऐसा आचरण वह भी गांव के लोगों का, जिन के  बारे में वह सदा से यही सुनती आई है कि गांव में एक व्यक्ति का दुख सारे गांव का दुख होता है. उसे लग रहा था कैसे हैं इस गांव के लोग, कैसा है इस गांव का कानून जो एक प्रेमी युगल को फांसी पर लटकाने का आदेश देता है. इस को रोकने का प्रयास करना तो दूर, कोई व्यक्ति इस के विरुद्ध आवाज भी नहीं उठाता मानो फांसी देना सामान्य बात हो.

जब उस से रहा नहीं गया तब वह नील का हाथ पकड़ कर उसे अपने कमरे में ले आई. इस पूरे घर में एक वही थी जो उस के प्रश्न का उत्तर दे सकती थी. कमरे में पहुंच कर छवि ने उस से प्रश्न किया तब नील ने उस का आशय समझ कर उस का समाधान करने का प्रयास करते हुए कहा, ‘‘दीदी, गांव में हम सब एक परिवार की तरह रहते हैं, उस आदमी के बेटे ने इस गांव की ही एक लड़की से प्रेम किया तथा उस के साथ विवाह करना चाहता था. उन का गोत्र  एक है. एक ही गोत्र में विवाह करना हमारे समाज में वर्जित है. उसे पता था कि उन के प्यार को गांव वालों की मंजूरी कभी नहीं मिल सकती. सो, उन दोनों ने भागने की योजना बनाई. इस का पता गांव वालों को लग गया. पंचायत ने दोनों को मौत की सजा सुना दी. अगर दादाजी चाहते तो वे बच सकते थे पर दादाजी गांव के रीतिरिवाजों के विरुद्ध नहीं जाना चाहते हैं.’’

नील ने जो कहा उसे सुन कर उस के रोंगटे खड़े हो गए. भावनाओं पर अंकुश न रख पाई और कहा, ‘‘गांव वाले कानून अपने हाथ कैसे ले सकते हैं, दादाजी ने पुलिस को क्यों नहीं बुलाया?’’

‘‘दीदी, हमारे गांव में पुलिस का नहीं, दादाजी का शासन चलता है. कोई कुछ नहीं कर सकता.’’

‘‘दादाजी का शासन, क्या दादाजी इस देश के कानून से ऊपर हैं?’’

‘‘यह तो मैं नहीं जानती दीदी, पर दादाजी की इच्छा के विरुद्ध हमारे गांव का एक पत्ता भी नहीं हिलता.’’

‘‘अरे, तुम दोनों यहां बैठी गपशप कर रही हो. नीचे तुम्हें सब ढूंढ़ रहे हैं,’’ ताईजी ने कमरे में झांकते हुए कहा.

‘‘चलो दीदी, वरना डांट पड़ेगी,’’ सकपका कर नील ने कहा.

 

छवि उस के पीछे खिंची चली गई. शिखा को मेहंदी लगाईर् जा रही थी. कुछ औरतें ढोलक पर बन्नाबन्नी गा रही थीं. सब को हंसतेगाते देख कर उसे लग रहा था कि वह भीड़ में अकेली है. गाने की आवाज के साथ हमउम्र लड़कियों को थिरकते देख उस के भी पैर थिरकने को आतुर हो उठे थे पर मन ने साथ नहीं दिया.

अवसर पा कर मन की बात मां से की तो उन्होंने कहा, ‘‘बेटा, यह गांव है, यहां के रीतिरिवाज पत्थर की लकीर की तरह हैं. यहां हमारा कानून नहीं चलता.’’

‘‘तो क्या दबंगों का राज चलता हैं?’’ तिक्त स्वर में छवि ने कहा.

‘‘चुप रह लड़की, मुंह बंद रख. अगर तेरे दादाजी ने तेरी बात सुन ली या किसी ने उन तक पहुंचा दी तो तुझे अंदाजा भी नहीं है कि हम सब के साथ कैसा व्यवहार होगा?’’

‘‘मां, क्या इसी डर से सब उन की गलत बात का भी समर्थन करते रहें.?’’

‘‘नहीं बेटा, वे बड़े हैं, उन्होंने दुनिया देखी है. वे जो कर रहे हैं वही शायद गांव के लिए उचित हो,’’ मां ने स्वर में नरमी लाते हुए कहा.

‘‘मां कहने को तो हम 21वीं सदी में पहुंच चुके हैं पर 2 प्यार करने वालों को इतनी बेरहमी से मृत्युदंड?’’

‘‘बेटा, मैं मानती हूं यह गलत है, लेकिन जिन बातों पर हमारा वश नहीं, उन के बारे में  सोचने से कोई लाभ नहीं.’’

‘‘मां, बात हानिलाभ की नहीं, उचितअनुचित की है.’’

‘‘कहां हो छवि की मां, शिखा का सूटकेस पैक करा दो,’’ ताईजी की आवाज आई.

‘‘आई दीदी,’’ कह कर मां शीघ्रता से चली गईं.

उस के प्रश्नों का उत्तर किसी के पास नहीं है, विचारों का झंझावात उस का पीछा नहीं छोड़ रहा था. पहले सती दादी, फिर डायन और अब यह खाप पंचायत का फैसला, कहीं तो कुछ गलत हो रहा है जिसे उस का मासूम मन पचा नहीं पा रहा था. मन की शांति के लिए वह अकेली ही मंदिर की ओर चल दी.

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पुरसुकून की बारिश : मायके के कारण जब बर्बाद हुई बेटी की शादीशुदा गृहस्थी

पूरे 2 वर्षों के बाद उसे देखा, सरेराह, भीड़ भरे बाजार में, रोमरोम से मानो आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा था. बमुश्किल नयनों के कोरों पर उन्हें सहेजा. पिछली बार जब मिली थी, उसे दो बोल धन्यवाद के फूल भी अर्पित नहीं कर पाई थी. कितना एहसान था उस का मुझ पर. कालेज से लौट रही थी, जैसे ही गली की नुक्कड़ पर सहेली के अपने घर मुड़ने पर अकेली हुई थी कि इंसानी खाल में छिपे कुछ दरिंदों ने हमला कर दिया था. इस से पहले कि उन के नाखून मेरी अस्मिता को क्षतविक्षत करते, जाने कहां से यह रक्षक प्रकट हुआ था.

जहां अकेली नारी का बल कौडि़यों का मोल होता है वहीं एक पुरुष की उपस्थिति उसे दस हाथियों का बल दे जाती है. हुआ भी यही, उस के आते ही सभी नरपिशाच अपने पंजे समेट अदृश्य हो गए. जब दुपट्टा खींचा गया, किसी ने नहीं देखा, पर जब उसे ओढ़ाया गया, लोगों ने देख लिया. उस के नाम से मैं अपने दकियानूसी परिवार में बदनाम हो गई. जिस की हिम्मत और नेकदिली की ढाल ने परिवार की बेटी के स्वाभिमान की रक्षा की थी, उसी ढाल को गलत समझा गया.

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बड़ी मुश्किल से मां को सारा हाल बताया था. मां ने मेरे होंठों पर चुप्पी का ताला टांग ताकीद की कि यदि गली वाली बात का जिक्र घर में किया तो कल से ही पढ़ाई रोक दी जाएगी. बिना किसी गुनाह के अगले दिन से गुनाहगारों सरीखी सिर झुकाए कालेज जाना अनवरत चलता रहा. कभी 7 वर्षीय भाई मेरा अंगरक्षक बनता तो कभी 80 वर्षीया दादी.

हां, एक साया था जो बिला नागा, मेरा हमसाया बना चलता था. कभी नजरें भी नहीं मिलती थीं पर मालूम रहता था कि वह है. उस के होने का एहसास मात्र ही मुझे अगले कुछ महीने कालेज जाने और परीक्षा देने की हिम्मत देता रहा. नहीं जानती कि उस के लिए मेरा क्या महत्त्व था पर वह तो मेरे लिए कुछ खास ही था, जिस की उपस्थिति मात्र की परिकल्पना मुझे उन भेडि़यों व नरपिशाचों के बीच से गुजरने का हौसला देती थी.

बहरहाल, येनकेनप्रकारेण स्टडी सैशन पूरा किया, आती गरमी में मेरी शादी करा दी गई. अब गायबकरियों या भेड़ों से राय तो ली नहीं जाती है, सो मुझ से पूछने का तो कोई औचित्य ही नहीं था. सुन रही थी बड़ा ही भरापूरा परिवार है. पति का बहुत बड़ा कारोबार है. काफी संपन्न लोग हैं. रोका की रस्म के वक्त एक बड़े भारी जरीदार दुपट्टे से लंबा घूंघट कर एक वजनी सतलड़ा हार को गले में डाल दिया गया. इसी पगहे को पकड़ मायके के खूंटे से खोल ससुराल के खूंटे में बांध दी गई.

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यों कहा जाए कि एक जेल से दूसरे जेल में शिफ्ंिटग हो गई. मायके में भी सिर झुका जमीन ताकती ही चलती थी, यहां भी घूंघट से बस उतनी ही धरती दिखती थी जहां अगला पग रखना होता था. सुना था आसमान का रंग नीला होता है पर मैं ने तो आज तक कभी देखा ही नहीं था.

नए परिवार में सामंजस्य बैठाने में कोई खास समस्या नहीं आई क्योंकि बचपन से बस यही तो सिखाया गया था कि जब शादी हो, अपने घर जाऊंगी तो कैसे तालमेल बैठाना है. बस, एक बात खटकती थी, घर के पुरुषों की नीयत. मुझे हर वक्त लगता जैसे आज भी मायके की उन्हीं गलियों से कालेज जा रही हूं. हर वक्त देवर का स्पर्श गलत जगह हो जाना अनायास तो नहीं था. मानसिक रूप से अविकसित कुंआरे जेठ की लोलुपता से बचना दिनोंदिन दूभर हो रहा था. फिर सास का बारबार मुझे गाहेबगाहे बिना मतलब जेठजी के पास भेजना, अब मुझे खटकने लगा था. घर में हर वक्त लगता मैं किसी दोधारी तलवार पर चल रही थी. आज बच भी गई तो जाने कल क्या होगा.

मेरे पति का घर में बड़ा रोब था. उन के आते सब पलकपांवड़े बिछा शालीनता की प्रतिमूर्ति बन जाते. पर उन के रोब तले मेरा दम घुटता था. हमारा आपसी संबंध मित्रवत न हो कर दासी और मालिक का होता था.

मैं ने कई बार बताना चाहा कि आज देवर की दृष्टता सीमा लांघ गई या सास ने उसी वक्त मुझे जेठ के पास जाने को मजबूर किया जब वे नहा रहे थे. पर मेरे अतिसफल समृद्घ कारोबारी पति के लिए ये सारी बातें मेरी कपोलकल्पना थीं. मैं हर दिन उन गंदी कामुक निगाहों से दोचार होती, बचतीबचाती एकएक दिन काटती. इतने सफल, समृद्ध पति के होते हुए भी मुझे पुरसुकून मयस्सर नहीं था.

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उन दिनों 2 बातें हुई, एक अच्छी और एक बुरी. मैं मां बनने वाली हूं, यह मेरे लिए एक बड़ी खुशी की बात थी. नन्हे की आहट ने मुझे फिर से उसी बल से समृद्ध कर दिया जो मुझे कालेज जाते वक्त उस अनजान हमसाए से मिलती थी. एक नवीन ऊर्जा और बल से संचारित मैं, अनचाहे स्पर्शों को झटकने और कामुक नजरों को आंखें दिखाने का साहस करने लगी. मेरे बदलते अंदाज जाने किनकिन लांछनों के साथ नमकमिर्च छिड़क मेरे पति को परोसे जाने लगे. पति नाम का वह महान, बलशाली व्यक्तित्व न पहले मेरा था, न अब. उस के समक्ष मेरी हैसियत तुच्छ थी.

दूसरी बुरी बात यह हुई कि मेरे मायके में विभिन्न कारणों से द्वेष और कलह की अग्नि भड़क गई. उस की आंच से मैं भी अछूती नहीं रह पाई. यह उन दिनों की बात थी, जब मेरे बेटे के जन्म को अभी 2 महीने ही हुए थे और उस दिन मैं खुद को एक अर्धविकसित मानसिक पुरुष के पाश्विक पंजों से आजाद नहीं कर पाई थी.

पर गोद के बालक के बल से संचारित ऊर्जावान मैं ने इस बात पर बहुत कुहराम मचाया. मूक गुडि़या की जबान उस दिन देख सभी चकित थे. दुख इसी बात का था कि मेरे भगवान, मेरे देव, मेरे पतिदेव ने एक रहस्यमय चुप्पी लगा ली थी.

इस बीच, मायके में रिश्तों के बीच घमासान हुआ और आग लग गई मेरी गृहस्थी में. ताऊ के बेटे ने मेरे पति के जाने क्या कान भरे कि बीच आंगन में मेरे बेटे की वैधता को फिर उस के नाम से कलंकित किया गया, उसी के नाम से जिसे 2 सालों से देखा भी नहीं था.

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सीता, अहल्या के बाद अब मेरी बारी थी. गृह निष्कासन की सजा सुनाई गई थी. आज फिर इज्जत की चीथड़ों में लिपटी मैं जीवन के मुहाने पर खड़ी थी कि वह दिख गया. अपने आंसुओं को तो मैं ने जज्ब कर लिया पर उसी वक्त कुदरत मूसलाधार बारिश के रूप में बिलख पड़ी. दीवार की ओट में बेटे को गोद में लिए बारिश से बचने का प्रयास विफल साबित हो रहा था कि अचानक भीगना बंद हो गया. दरअसल, वह छतरी थामे, खुद भीगता, मुझे बचा रहा था. उस के एहसानों की बारिश तले मैं सुकूनमंद हो, नयनों से मोती लुटाने लगी.

सोशल मीडिया Etiquette का पालन करें कुछ इस तरह

सोशल मीडिया की भूमिका और महत्व को आज शायद ही कम करके आंका या अनदेखा किया जा सकता है, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि हर कोई सोशल मीडिआ प्लेटफार्म के ज़रिये अपनी बहुत अच्छी इमेज सामने रखना चाहता है और इमेज कॉन्शीयसनेस के दौर में हर कोई इस बात का भी ध्यान रखना चाहता है की वो किस तरह खुद के ओपिनियन सोशल मीडिया के ज़रिये रखते हैं और या फिर खुद को प्रेजेंट करते हैं. आये दिन हमें ऐसे भी किस्से देखने को मिलते हैं जब किसी पुरुष द्वारा सोशल मीडिया पर किसी महिला फ्रेंड की लुक्स या फिर व्यक्तित्व पर जाने अनजाने में की गयी टिप्पड़ी या तो किसी अप्रिय घटनाक्रम और या फिर अलग ही प्रतिस्पर्धा को पैदा कर देती हैं और या फिर एक विचित्र स्थिति उत्पन्न कर देते हैं.

सावधानियाऔर एटिकेट्स का ध्यान

इसके अतिरिक्त कई और ऐसी सावधानिया हैं और एटिकेट्स हैं जिनका ध्यान हमें रख कर कई बार हम अपने सोशल मीडिया पर किए गए व्यवहार और तालमेल से भी अपनी छवि खराब कर लेते हैं. हम जो भी छवि अपनी बनाते हैं, उसका असर हमारे आत्मसम्मान पर भी पड़ता है. सोशल मीडिया खासकर जेंडर बुलिंग पर धमकाना आज के दौर में आम बात हो गई है और सोशल मीडिया पर व्यक्त भावनाओं का मजाक सिर्फ इमोजी के जरिए ही उड़ाया जा सकता है. सोशल मीडिया पर की गयी शरारते, अनुचित व्यवहार, अवांछित टैगिंग, कमेंट्स, हैकिंग आदि के मामले भी सामने आ रहे हैं, जेंडर बुलिंग एक ऐसी समस्या है जो एक महिला के लिए ही नहीं बल्कि पुरुषों के लिए भी परेशान करने वाली है.

इसलिए कुछ सोशल मीडिया शिष्टाचार का पालन करके अपने आप को व्यक्त करना बहुत महत्वपूर्ण है जिसे हर आदमी को सोशल मीडिया पर पालन करना चाहिए, मूल बातें सभी को पता हैं, फिर भी कई पुरुष उनका पालन नहीं करते हैं और अनजाने में उन्हें अनदेखा कर देते हैं.

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सोशल मीडिया शिष्टाचार –

श्री विमल और प्रीति डागा से – प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ और युवा कोच ऐसे ही महत्वपूर्ण टिप्स आपसे शेयर कर रहे हैं- जो सोशल मीडिया पर आपके छवि को निखारने में आपकी मदद करेंगे.

खास टिप्स

सोशल मीडिया पर महिलाओं के पर्सनल स्पेस का सम्मान करें, यह जरूरी नहीं है कि अगर किसी महिला ने आपकी फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लिया है, तो आप किसी भी समय और समय पर उन्हें मैसेज करना शुरू कर दें, या उन्हें स्टॉक करना शुरू कर दें. गोपनीयता के उल्लंघन से बचें.

यदि आपको भेजे गए संदेश का कोई उत्तर नहीं मिलता है, तो आप संदेश की प्रतीक्षा करें और फिर दुबारा से संदेश न भेजें, थोड़े को बहुत समझे और वहा से खुद का ध्यान हटा दें.

किसी को भी कॉल करने या मीटिंग के लिए समय का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी होता है , और सोशल मीडिआ पर भी यह रूल अप्लाई होता है , समय का ध्यान रखें, जहा तक मुमकीन हो देर रात तक फेसबुक कॉल आदि न करें. हां यदि आपका सोशल मीडिया फ्रेंड बहुत खास है या आपका सम्बन्ध बहुत अटूट है वहा यह नियम अप्प्लाई नहीं होता है. कहा जाता है कि इज्जत दोगे तो इज्जत मिलेगी, सोशल मीडिया पर भी वैसा ही व्यवहार करो.

आपका लहजा न केवल फोन पर, बल्कि आपकी भाषा से भी पता चलता है, चाहे वह ट्विटर हो या फेसबुक अपनी भाषा और शब्दों के साथ विनम्र और चयनात्मक रहें.

अपनी प्रोफाइल पिक्चर को ओरिजिनल ही रखें, और अपनी जानकारी भी ओरिजिनल के रूप में दर्ज करें, कई बार पुरुष अपनी प्रोफाइल पिक्स पोस्ट करने के बजाय बॉलीवुड स्टार्स या उनकी पसंदीदा हस्तियों की तस्वीरें लगाते हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने बारे में सब कुछ वैसे ही साझा करें जैसे वह है, लेकिन वास्तविक बनें और अपने बारे में सही जानकारी दर्ज करें.

किसी के साथ जहा तक हो सोशल मीडिआ पर सार्वजनिक टूर पर चैट न करें, चाहे वह पेशेवर हो या व्यक्तिगत, सार्वजनिक.

जब तक आप नहीं जानते, आपको अनावश्यक संदेश भेजने और टिप्पणियों को इंडेंट करने से बचना चाहिए, या सिर्फ इसलिए कि आपके संदेश का उत्तर नहीं दिया गया था, खराब टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.

किसी को टैग करने से पहले सोचें, हो सकता है कि कई लोग आपको सीधे तौर पर बाधित न करें लेकिन टैग किया जाना हर किसी को पसंद नहीं होता है, बेहतर है की टैगिंग से पहले आप मैसेज कर के टैग करने की परमिशन ले लें.

जहां तक संभव हो, शराब पीते समय अपनी बहुत सारी व्यक्तिगत तस्वीरें, पार्टी की तस्वीरें और अपनी तस्वीरें पोस्ट करने से बचें.

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जहां तक संभव हो सोशल मीडिया पर वाद-विवाद से बचें, आप अपने विचार रख सकते हैं लेकिन जानबूझ कर किसी से वाद-विवाद में न पड़ें, जरूरी नहीं कि आप उनसे हर विवाद को जीत लें, भले ही वाद-विवाद का मंच किसी के साथ आ जाए, तो पूरी शालीनता से अपनी बात और दूसरे व्यक्ति की बात के साथ तर्क से बाहर निकलें और अपनी बात समझाएं और उसका सम्मान करें.

अपनी भाषा के साथ-साथ सोशल मीडिया पर अपने व्याकरण का ध्यान रखें, हमेशा वर्तनी और व्याकरण की जांच करें.

अगर कोई आपकी पोस्ट पर टिप्पणी या ट्वीट करता है, तो बातचीत शुरू करने के लिए धन्यवाद कहना न भूलें, सोशल मीडिया पर किसी को भी नजरअंदाज करना पसंद नहीं है.

कुछ लोग सोशल मीडिया पर बहुत लंबे कमेंट करते हैं या लंबी पोस्ट डालते हैं, उन्हें भी ऐसी लंबी पोस्ट या कमेंट पढ़ना पसंद नहीं है, कोशिश करें कि आपकी पोस्ट सटीक हो और आप कम समय में अपनी बात कह सकें.

Valentine’s Special: प्यार जताना भी है जरूरी

पतिपत्नी के नाजुक रिश्ते की डोर प्यार से बंधी होती है. वैवाहिक जीवन खुशीखुशी बीते, इस के लिए प्यार का इजहार बेहद जरूरी है. आपसी रिश्ते में गरमाहट बनी रहे, इस के लिए पतिपत्नी को एकदूसरे के सामने प्यार को जताते रहना चाहिए. वरिष्ठ पत्रकार विवेक सक्सैना ने लव मैरिज की है. वे अपनी पत्नी से बेहद प्यार करते हैं. अकसर वे शाम को अपनी पत्नी को लेने औफिस जाते हैं. महीने में 2-3 बार उन्हें शौपिंग के अलावा रेस्तरां में खाना खिलाने भी ले जाते हैं. नेपाल के पूर्व गृहमंत्री एवं सांसद खड़का ने दूसरी जाति में 26 साल पहले लव मैरिज की. जब भी उन्हें लगता है कि बहुत दिन हो गए हैं अपनी पत्नी से प्यार जताए, तो वे उन्हें न सिर्फ बेशकीमती तोहफा देते हैं, बल्कि दोनों नेपाल से 10-15 दिनों के लिए बाहर चले जाते हैं. उन का रोमांटिक पल दोनों को बेहद करीब लाता है.

यौवन को रखें जीवंत

प्यार जताने में उम्र कभी भी बाधक नहीं होती. अगर आप की उम्र ज्यादा लग रही हो, तो ब्यूटी पार्लर, योगाभ्यास को अपनाएं. थोड़े से प्रयास से आप युवा दिख सकती हैं. आत्मविश्वास से भरे कदम, पहननेओढ़ने का सलीका, बातव्यवहार का कशिश भरा अंदाज आप दोनों के आकर्षण को ही नहीं दर्शाता, बल्कि एकदूसरे के प्रति प्यार को भी जताता है. बस, दिनचर्या के रूटीन को झटकें और प्रेम में सराबोर हो जाएं. नए लुक को देख कर पति महोदय आप की मुसकराहट से आप के नैनों की शरारती भाषा को समझ कर प्यार जताना नहीं भूलेंगे.

प्यार भरा स्पर्श

जब भी आप के साथी को लगे कि आपस में प्यार के मिठास की चाशनी कम हो रही है, नीरसता आहिस्ताआहिस्ता कदम बढ़ा रही है, तो बहुत जरूरी होता है प्यार को सलीके से जताना. एकदूसरे को प्यार भरा स्पर्श करें, बांहों में भर कर आहिस्ताआहिस्ता सहलाएं, आलिंगन में कस लें, केशों को उंगलियों से सहलाएं, प्यार भरे चुंबन लें. आप का यह सौफ्ट प्यार जताना उन के दिल को छू लेगा. प्यार को महसूस कराने का एक तरीका यह भी है कि आप का चेहरा हमेशा खिलाखिला रहे. होंठों पर मुसकराहट हो. आप चाहे हाउसवाइफ हों या कामकाजी महिला, आप के कपड़ों, हाथों से प्याजलहसुन, मसाले की गंध न आए. औफिस से पति के आने पर सजसंवर कर प्यार भरे अंदाज में उन्हें मिलें.

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भेजें संदेश भी

ईमेल पर अपना प्यार भरा संदेश कभीकभी जरूर भेजें. एस.एम.एस. में ‘आई लव यू’, ‘विदाउट यू आई एम नथिंग’, ‘यू आर माई हार्ट बीट’ आदि रोमांटिक शब्दों से उन्हें प्यार का एहसास कराएं. उन्हें फोन कर के रेस्तरां, तो कभी पार्क, तो कभी पिक्चर हाल पर बुलाएं. ग्रीटिंग कार्ड में ‘मिसिंग यू’, ‘कम सून’, ‘लव यू’ लिख कर कार्ड पति महोदय के औफिस के बैग में रख दें. बैडरूम, ड्राइंगरूम, ड्रैसिंग टेबल पर ग्रीटिंग कार्ड ऐसे रखें कि उन की निगाह जरूर पड़े. आप का प्यार जताना उन्हें जरूर भाएगा.

पति की पसंद का ध्यान रखें

कहावत है कि पुरुषों के दिल तक पहुंचने का रास्ता पेट से हो कर ही जाता है. उन की मनपसंद डिश बनाएं, उन्हें प्यार से खिलाएं. कई बार फोन पर ही पूछ लें कि खाने में क्या बनाना है. उन्हें अच्छा लगेगा कि आप उन्हें कितना चाहती हैं और उन की पसंदनापसंद का ध्यान रखती हैं. हाईकोर्ट के सीनियर ऐडवोकेट आर.एम. तुफैल का मानना है कि पतिपत्नी को आपसी संबंधों में मजबूती के लिए एकदूसरे से प्यार का इजहार बारबार करते रहना चाहिए. वरना कभीकभी जीवन ऐसे मोड़ पर आ जाता है जहां दोनों एकदूसरे के प्रति निराश ही नहीं हो जाते, बल्कि प्यार के अभाव में लड़ाईझगड़े भी होने लगते हैं. डिप्रैशन के चलते तलाक तक की भी नौबत आ जाती है.

आलिंगन एवं चुंबन

प्यार जताने का यह सशक्त माध्यम है. भागमभाग भरी जिंदगी में कुछ पल अपने लिए निकालने चाहिए. औफिस जाते वक्त, बैडरूम या स्टडीरूम में जैसे ही वे आएं उन के होंठों पर चुंबन कर प्यार से सराबोर कर दें. उन्हें अपने नजदीक होने का एहसास कराएं. आप का यह रूप उन के अंदर नई ऊर्जा भर देगा.

खास होने का एहसास कराएं

एकदूसरे के चेहरे को पतिपत्नी बखूबी पढ़ लेते हैं. औफिस से आने पर पति को परेशान देख कर उन के साथ प्यार जताएं. उन के हाथों को अपने हाथों में ले कर उन की काबिलीयत की तारीफ करें. उन की बातें प्यार से सुनें. उन के आराम पर ध्यान दें. परेशानी को दूर करने व उन का मूड बदलने के लिए उन्हें रोमांटिक एहसास कराएं. अंतरंग पलों में ले जाएं. उन की परेशानी भी दूर होगी, साथ ही उन्हें प्यार का वह क्षण नया भी लगेगा.

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फूलों से करें स्वागत

प्यार का प्रतीक फूल भी हैं, जो आप के अंदर मस्ती और जोश को भर देते हैं. नईनई शादी के बाद औफिस से फोन करना, फूलों का गजरा लाना, जैसी छोटीछोटी चीजों को कतई नजरअंदाज न करें. कभीकभी पत्नी को चाय की प्याली के साथ लाल गुलाब दे कर ‘आई लव यू’ कहें. तकिए के पास फूलों की पंखुडि़यां बिखेर दें. बैडरूम में फूलों का गुलदस्ता रख कर कमरे में रोमैंटिक एहसास लाएं. अपने प्यार का इजहार कुछ अलग अंदाज में करें.

यौन इच्छाएं जाग्रत रखें

पतिपत्नी एकदूसरे की यौन इच्छाओं के प्रति स्नेहपूर्ण बर्ताव रखें. एकदूसरे को संतुष्ट रखें. आंखों से, मुसकरा कर अपनी भावनाओं को व्यक्त करें. बौद्धिक ही नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक संतुष्टि के लिए प्यार को बरकरार रखें. इसे कह कर जताएं.

उन्हें महक से करें मदहोश

अच्छी खुशबू वाला परफ्यूम लगाएं. खुशबू से वे आप तक खिंचे चले आएंगे. उन्हें भी अच्छी क्वालिटी का डियो या परफ्यूम दें.

एकदूसरे को उपहार दें

साथ रहते हुए एकदूसरे की पसंदनापसंद का पता लग ही जाता है. उन का मनपसंद गिफ्ट दे कर प्यार को जताएं.  

करें कुछ नया

आप दोनों एकदूसरे को चाहे बेहद प्यार क्यों न करते हों फिर भी कभीकभी ‘आई एम योर्स’, ‘प्लीज लव मी’, ‘हग मी’, ‘किस मी’ जैसे प्यार भरे शब्दों को कह कर अपने प्यार की गहराई को महसूस कराएं.

यदि पति कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं, तो उन्हें प्यारा सा कार्ड अवश्य दें.

घर में आतेजाते एकदूसरे को हलका स्पर्श करें, अपने चुलबुलेपन और शरारती प्यार को उन्हें दिखलाएं.

उन के बालों में कलर करें. उन का फेशियल करें, उन्हें खुद कभीकभी नहलाएं.

छुट्टी के दिन दोनों ही एकदूसरे की पसंदनापसंद हर इच्छा को पूरा करने को तैयार रहें.

मनपसंद ड्रैस पहनें और छुट्टी के दिन का प्लान उन के मुताबिक करें.

पत्नी के लिए समय पर पहुंचें, चाहे वह घर पर हो या बाहर.

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Valentine’s Special: फैशन के मामले में ‘काव्या’ को टक्कर देती हैं ‘मालविका’, देखें फोटोज

सीरियल अनुपमा (Anupama) में इन दिनों मालविका (Aneri Vajani) और वनराज (Sudhanshu Panday) की दोस्ती से अनुज नाराज नजर आ रहा है. वहीं अनुपमा (Rupali Ganguly) पूरी कोशिश कर रही है कि मालविका को वनराज के जाल से निकाल सके. हालांकि मालविका के सिर पर वनराज के प्यार का भूत चढ़ा हुआ है. लेकिन आज हम सीरियल में किसी आने वाले ट्विस्ट की नहीं बल्कि मालविका के रोल में नजर आने वाली एक्ट्रेस अनेरी वजानी के फैशन (Aneri Vajani Fashion) की बात करें. अनेरी वजानी कई पौपुलर टीवी सीरियल्स में नजर आ चुकी हैं, जिसमें वह एक से बढ़कर एक लुक में फैंस का दिल जीत चुकी हैं. इसी के चलते आज हम आपको वैलेंटाइन डे (Valentine’s Day) के लिए अनेरी वजानी के इंडियन से लेकर वेस्टर्न कलेक्शन (Indian to Western)की झलक दिखाएंगे….

साड़ी में ढाती हैं कहर

 

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सीरियल अनुपमा में हाल ही के एपिसोड में मालविका यानी अनेरी साड़ी लुक में नजर आईं थी, जिसकी फोटोज उन्होंने सोशलमीडिया पर शेयर की थीं. वहीं फैंस ने उनके इस लुक की काफी तारीफें की थी. लुक की बात करें तो पर्पल कलर की प्लेन साड़ी किसी कैजुअल पार्टी में जाने के लिए अच्छा औप्शन है. वहीं अगर आप शादीशुदा हैं और वेलेंटाइन डे के मौके पर पति के साथ इंडियन लुक ट्राय करना चाहती हैं तो ये औप्शन परफेक्ट रहेगा.

 

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वेस्टर्न लुक में लगती हैं खूबसूरत

 

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एक्ट्रेस अनेरी वजानी को ट्रैवलिंग काफी शौक है, जिसका अंदाजा उनके सोशलमीडिया पेज को देखकर लगाया जा सकता है. वहीं ट्रैवलिंग में वह एक से बढ़कर एक लुक में नजर आती है, जिनमें शर्ट ड्रैसेस का कलेक्शन बेहद खास होता है.

 

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ड्रैसेस भी हैं खास

 

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अनेरी वजानी के वेस्टर्न लुक में ड्रैसेस की बात करें तो वह एक से बढ़कर एक ड्रैसेस ट्राय करती हैं, जिसमें फ्लोरल से लेकर स्लिम फिट ड्रैसेस शामिल हैं. इन लुक्स में वह बेहद खूबसूरत लगती हैं.

 

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डैनिम भी कर सकती हैं ट्राय

 

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ड्रैसेस के अलावा अनेरी वजानी के पास डैनिम जींस और ड्रैसेस का फी अच्छा कलेक्शन मौजूद हैं, जिन्हें वह फैंस के साथ शेयर करना नहीं भूलती हैं. वहीं फैंस भी वेलेंटाइन डे हो या आउटिंग. हर मौके पर अनेरी वजानी के इंडियन व वेस्टर्न कलेक्शन को ट्राय कर सकती हैं.

मेरी मंगेत्तर ने किसी और से शादी कर ली, मैं क्या करुं?

सवाल

मैं 28 साल का हूं. जिस लड़की से मेरी शादी तय हुई थी, वह 6 महीने तक मेरे संपर्क में रही और मेरे साथ सोई भी. मुझ से पहले उस की शादी कहीं और तय हुई थी, पर दहेज के चलते टूट गई थी. लड़की चोरीछिपे उस लड़के के संपर्क में भी रही और उसे चचेरी बहन का मंगेतर बताती रही. वह यह भी कहती थी कि उस का अंग खराब है. मगर आखिरकार उस ने उसी लड़के से शादी कर ली. मैं उसे बहुत प्यार करता हूं. अब मैं क्या करूं?

जवाब

वह लड़की हमबिस्तरी की काफी शौकीन है. अच्छा हुआ, जो आप बच गए. उस ने आप को चखा और शायद उस लड़के को भी. आखिर में उसे बेहतर पा कर उस से शादी कर ली. आप झूठी और कामुक लड़की के जाल से बच गए, लिहाजा, उस का फरेब वाला प्यार भी भूल जाएं.

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अगर पत्नी पसंद न हो तो आज के जमाने में उस से छुटकारा पाना आसान नहीं है. क्योंकि दुनिया इतनी तरक्की कर चुकी है कि आज पत्नी को आसानी से तलाक भी नहीं दिया जा सकता. अगर आप सोच रहे हैं कि हत्या कर के छुटाकारा पाया जा सकता है तो हत्या करना तो आसान है, लेकिन लाश को ठिकाने लगाना आसान नहीं है. इस के बावजूद दुनिया में ऐसे मर्दों की कमी नहीं है, जो पत्नी को मार कर उस की लाश को आसानी से ठिकाने लगा देते हैं. ऐसे भी लोग हैं जो जरूरत पड़ने पर तलाक दे कर भी पत्नी से छुटकारा पा लेते हैं. लेकिन यह सब वही लोग करते हैं, जो हिम्मत वाले होते हैं. हिम्मत वाला तो पुष्पक भी था, लेकिन उस के लिए समस्या यह थी कि पारिवारिक और भावनात्मक लगाव की वजह से वह पत्नी को तलाक नहीं देना चाहता था. पुष्पक सरकारी बैंक में कैशियर था. उस ने स्वाति के साथ वैवाहिक जीवन के 10 साल गुजारे थे. अगर मालिनी उस की धड़कनों में न समा गई होती तो शायद बाकी का जीवन भी वह स्वाति के ही साथ बिता देता.

उसे स्वाति से कोई शिकायत भी नहीं थी. उस ने उस के साथ दांपत्य के जो 10 साल बिताए थे, उन्हें भुलाना भी उस के लिए आसान नहीं था. लेकिन इधर स्वाति में कई ऐसी खामियां नजर आने लगी थीं, जिन से पुष्पक बेचैन रहने लगा था. जब किसी मर्द को पत्नी में खामियां नजर आने लगती हैं तो वह उस से छुटकारा पाने की तरकीबें सोचने लगता है. इस के बाद उसे दूसरी औरतों में खूबियां ही खूबियां नजर आने लगती हैं. पुष्पक भी अब इस स्थिति में पहुंच गया था. उसे जो वेतन मिलता था, उस में वह स्वाति के साथ आराम से जीवन बिता रहा था, लेकिन जब से मालिनी उस के जीवन में आई, तब से उस के खर्च अनायास बढ़ गए थे. इसी वजह से वह पैसों के लिए परेशान रहने लगा था. उसे मिलने वाले वेतन से 2 औरतों के खर्च पूरे नहीं हो सकते थे. यही वजह थी कि वह दोनों में से किसी एक से छुटकारा पाना चाहता था. जब उस ने मालिनी से छुटकारा पाने के बारे में सोचा तो उसे लगा कि वह उसे जीवन के एक नए आनंद से परिचय करा कर यह सिद्ध कर रही है. जबकि स्वाति में वह बात नहीं है, वह हमेशा ऐसा बर्ताव करती है जैसे वह बहुत बड़े अभाव में जी रही है. लेकिन उसे वह वादा याद आ गया, जो उस ने उस के बाप से किया था कि वह जीवन की अंतिम सांसों तक उसे जान से भी ज्यादा प्यार करता रहेगा.

पूरी कहानी पढ़ने के लिए- महबूबा के प्यार ने बना दिया बेईमान: पुष्पक ने क्या किया था

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