Pintu Ki Pappi के कलाकारों ने दिल्ली में किया शानदार प्रमोशन

Pintu Ki Pappi : मैथरी मूवी मेकर्स ने विधि आचार्य के वी2एस प्रोडक्शंस के साथ मिलकर रोमांटिक कौमेडी फिल्म ‘पिंटू की बनाई, जो 21 मार्च 2024 को सिनेमाघरों मशीन रिलीज होने जा रही है. शिव हरे द्वारा निर्देशित इस जीवंत और मनोरंजक फिल्म में तीन होनहार नए कलाकार- शुशांत थमके, जान्या जोशी और विधि शामिल हैं, जो अपने शानदार अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध करने के लिए तैयार हैं. दिल्ली के द ललित होटल में ‘पिंटू की पप्पी’ के लिए एक भव्य मीडिया कार्यक्रम आयोजित किया गया.

मीडिया से किए अनुभव शेयर

जोश और उत्साह का माहौल से भरे इस शानदार शाम का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध कोरियोग्राफर-अभिनेता गणेश आचार्य की उपस्थिति थी, जिन्होंने युवा मुख्य कलाकारों शुशांत थमके और जान्या जोशी के साथ इस अवसर की शोभा बढ़ाई. कार्यक्रम में फिल्म की टीम ने मीडिया से बातचीत की और फिल्म के प्रति अपने उत्साह और अनुभव को शेयर किया.

गणेश आचार्य

कार्यक्रम में गणेश आचार्य ने कहा, ‘जब मैं पुष्पा 2: द रूल’ की शूटिंग कर रहा था, तब निर्देशक शिव हरे ने ‘पिंटू की पप्पी’ की कहानी के साथ मुझसे संपर्क किया. जैसे ही मैंने इसकी कहानी सुनी, मुझे यह अवधारणा अविश्वसनीय रूप से अनूठी लगी और मैंने इस शर्त पर तुरंत इस फिल्म का हिस्सा बनने के लिए हामी भर दी कि मेरी पत्नी विधि आचार्य इस फिल्म का निर्माण करेंगी. जैसे-जैसे हमने कहानी को आगे बढ़ाया, हमें पता चला कि प्रशांत की भूमिका के लिए सुशांत एकदम सही थे, जिन्हें प्यार से ‘पिंटू’ कहा जाता है, जबकि जान्या ने प्रेरणा के चरित्र को खूबसूरती से जीवंत किया है, जिसे प्यार से ‘पप्पी’ कहा जाता है. और इस तरह हम शीर्षक पर पहुंचे- ‘पिंटू की पप्पी’.

मैथरी मूवी मेकर्स और वी2एस प्रोडक्शंस द्वारा समर्थित ‘पिंटू की पप्पी’ मस्ती, रोमांस और कौमेडी से भरपूर एक रोलरकोस्टर राइड होने का वादा करती है. फिल्म में कई बेहतरीन कलाकार हैं, जिनमें अनुभवी अभिनेता विजय राज, मुरली शर्मा, सुनील पाल, अली असगर, पूजा बनर्जी, अदिति सनवाल, रिया एस. सोनी, उर्वशी चौहान, प्यूमोरी मेहता दास, मुक्तेश्वर ओझा और खुद गणेश आचार्य भी विशेष भूमिका में नजर आएंगे.

चार चांद लगाता संगीत

इस फिल्म के आकर्षण में चार चांद लगाने वाला इसका जीवंत संगीत एलबम है, जिसे संगीतकारों की एक प्रतिभाशाली लाइनअप डॉ. निट्ज़ उर्फ नितिन ‘निट्ज़’ अरोड़ा, सन्नी केसी, प्रसाद एस, शफ़ात अली, सोनल प्रधान और अंकित शर्मा-अभिनव ठाकुर ने तैयार किया है. उम्मीद है कि इसका साउंडट्रैक एक प्रमुख आकर्षण होगा, जो कहानी में एक युवा और जोशीला माहौल लाएगा.

आकर्षक कहानी

अपनी आकर्षक कहानी, होनहार नवोदित कलाकारों और अनुभवी सहायक कलाकारों के साथ ‘पिंटू की पप्पी’ सभी उम्र के दर्शकों के लिए एक मनोरंजक फिल्म बनने के लिए तैयार है.

हेमा मालिनी की बेटी Esha Deol ने हिट करियर के दौरान फिल्मों से क्यों किया किनारा

Esha Deol : हेमा मालिनी की बेटी ईशा देओल काफी सालों बाद विक्रम भट्ट निर्देशित फिल्म तुमको मेरी कसम में अभिनय करती नजर आएंगी . इससे पहले ईशा देओल ने 2002 में अपने अभिनय करियर की शुरुआत कोई मेरे दिल से पूछे फिल्म से की थी. उसके बाद ईशा देओल ने कई सारी हिट फिल्में दी , जैसे धूम , युवा , नो एंट्री, दस ,आदि, लेकिन इन हिट फिल्मों के बावजूद ईशा देओल ने अपना करियर आगे बढ़ाने के बजाय धीरेधीरे फिल्मों से किनारा करना शुरू कर दिया और कुछ समय बाद शादी करके घर बसा लिया और फिल्में से पूरी तरह दूर हो गई.

जिसका कारण लोगों ने ईशा देओल को बड़े स्टार्स हेमा धर्मेंद्र की बेटी होने का घमंड एटीट्यूड बताया. लेकिन हाल ही में तुमको मेरी कसम के प्रमोशन के दौरान एक इंटरव्यू में ईशा देओल ने इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने अपना फिल्मी करियर घमंड या एटीट्यूड की वजह से नहीं बल्कि अपने परिवार की इज्जत मान सम्मान और सख्ती की वजह से कई फिल्मों में काम करने से इनकार किया था.

क्योंकि उन फिल्मों में बोल्ड सीन और कुछ अलग तरह के सीन थे जिसे उनके परिवार की तरफ से करने के लिए सख्त मनाई थी. इसके अलावा ईशा देओल ने फिल्में इसलिए भी छोड़ी क्योंकि उस फिल्म में उस रोल के लिए वह अपने आप को फिट नहीं मानती थी.

इसी चक्कर में उनको कई फिल्मों का औफर ठुकराना पड़ा , जो कि बाद में सुपर डुपर हिट साबित हुई. लेकिन फिलहाल ईशा देओल अभिनय करियर में फिर से एंट्री मार चुकी हैं और अब वह फिल्मों में काम करने को लेकर गंभीर भी लगती है. इस प्रोजेक्ट के अलावा ईशा देओल के पास कुछ और फिल्में भी हैं जिसको लेकर अभी बात जारी है. फिलहाल उनकी फिल्म तुमको मेरी कसम 21 मार्च को रिलीज हो रही है. जिसका उनके प्रशंसकों को बेसब्री से इंतजार है.

Grihshobha Inspire : इंदिरा गांधी को अपनी प्रेरणा मानती हैं कैंसर सर्वाइवर एक्‍ट्रेस रोजलिन खान

Grihshobha Inspire : वूमंस डे 2025 के खास मौके पर यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि सशक्‍त महिलाओं की परिभाषा गढ़ने वाली पत्रिका गृहशोभा की ओर से 20 मार्च को ‘Grihshobha Inspire Awards’ इवेंट का नई दिल्‍ली में आयोजन हो रहा है. यहां उन महिलाओं को सम्‍मानित किया जाएगा, जिनके उल्‍लेखनीय योगदान लाखों लड़कियों और महिलाओं को Inspire कर रहे हैं. एक सर्वे के माध्‍यम से हमने सैकड़ों महिलाओं से बातचीत कर यह जानने की कोशिश की है कि वे ‘किस महिला से इंस्‍पायर होती हैं’?, ‘सरकार से महिलाओं को लेकर उनकी क्‍या उम्‍मीदें हैं’ और ‘एक आम महिला को इंस्‍पायरिंंग वुमन बनने की राह में क्‍या बाधाएं आती हैं ’?

स्टेज 4 की कैंसर सर्वाइवर अभिनेत्री और यूट्यूबर रोजलिन खान के लिए कई महिलाएं इन्स्पाइयरिंग वुमन हैं. वह कहती है कि पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मैं काफी प्रेरित रही हूं. उनकी लाइफ में बहुत चुनौती थी और इन चुनौतियों से लड़ कर वह एक पावरफुल महिला के रूप में सबके सामने आईं. लोगों ने उनकी कई गलतियों को गिनाया लेकिन वह मजबूती से खड़ी रहीं . दरअसल, बाहर से जो दिखता है, रियल लाइफ में वह बिलकुल अलग होता है, जो ढेरों लोगों को पता नहीं चलता. उन्‍होंने कई ऐसे काम किए जिसकी वजह से देश उनको याद करता है. फिल्म इंडस्ट्री की बात करें, तो मैं अभिनेत्री और मिस वर्ल्ड प्रियंका चोपड़ा से बहुत अधिक इंस्‍पायर्ड हूं, क्योंकि जब बॉलीवुड ने उन्हें अचानक बाहर निकाल दिया तो उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाई. वह एक मजबूत महिला हैं, यही वजह है कि उन्‍होंने अपने काम की बदौलत इंटरनेशल लेवल पर अपनी पहचान कायम की.

कोई भी महिला किसी को इंस्‍पायर करने के लिए रास्ता नहीं चुनती और ना ही इसके लिए कोई कोर्स करना पड़ता है. ये खुद ब खुद होता है, जिंदगी में कई ऐसी कठिन परिस्थितियां आती है जब महिलाओं को बाधाओं को तोड़ना पड़ता है.जब वह अपने मकसद में कामयाब होती है, तो उसके बाद लोग उनकी काबिलियत को लोग सराहने लगते हैं. अगर आपमें कुछ करने का जज्‍बा होता है, तो मंजिल मिल ही जाती है. कई बार लोग आपको आगे बढ़ने नहीं देते, आपत्ति जताते है, ऐसे में उस महिला को अधिक मजबूती से टिके रहना पड़ता है, जो बहुत कठिन होता है. पर कुछ महिलाएं हार मानने में यकीन नहीं रखती है और इसलिए वह समाज के लिए प्रेरणा बन जाती हैं.

‘गृहशोभा इंस्‍पायर अवार्ड्स’ इवेंट में रजिस्‍टर करने के लिए लिंक क्लिक करें – grihshobha.in/inspire/register

Healthy Sex Life : मैरिड लाइफ से हो गए हैं बोर, तो ऐसे करें ऐंजौय

Healthy Sex Life :  आजकल की भागदौड़ वाले लाइफस्टाइल और तनाव के कारण हम कम उम्र में ही बीमारियों से घिर रहे हैं जिस का असर हमारी सैक्स लाइफ पर भी पड़ रहा है. सैक्स लाइफ जल्द ही खत्म हो रही है. यदि आप अपनी सैक्स लाइफ को लंबे समय तक कैरी करना चाहते हैं तो फरमाएं इन बातों पर गौर:

रखें खुद को स्वस्थ

एक स्वस्थ शरीर ही खुश रह सकता है. यदि हम बीमार हैं तो न ही हम खुश रह सकते हैं और न ही किसी भी चीज का मजा ले सकते हैं, फिर चाहे बात सैक्स लाइफ की ही क्यों न हो. एक अस्वस्थ शरीर सैक्स लाइफ का मजा नहीं ले सकता. इस के लिए शरीर की सही देखभाल और खुद को स्वस्थ रखना आवश्यक है ताकि लंबे समय तक अपनी सैक्स लाइफ का भरपूर मजा ले सकें. स्वस्थ रहने के लिए नियमित ऐक्सरसाइज करने के साथसाथ अपने खानपान पर नियंत्रण रखना, तनाव से दूर रहना भी आवश्यक है ताकि असमय होने वाली बीमारियों से शरीर को दूर रख सकें.

रखें शरीर को फिट ऐंड फाइन

हर कपल चाहता है कि उस का पार्टनर खूबसूरत हो या दिखे. इस के लिए शरीर को मोटापे से दूर रखना आवश्यक है ताकि शरीर सुडौल रहे. शरीर को फिट ऐंड फाइन रखना आवश्यक है ताकि आप अपनी खूबसूरती से पार्टनर को आकर्षित कर सकें और अपनी सैक्स लाइफ को लंबे समय तक जारी रख सकें. इस के लिए आप को नियमित ऐक्सरसाइज करने और अपनी डाइट पर ध्यान देने की जरूरत है. इस के लिए अपने आहार में लो कैलोरी फूड शामिल करें ताकि अपने वजन को नियंत्रण में रख सकें एवं अपने शरीर को फिट ऐंड फाइन रख सकें.

उम्र के अनुसार रखें डाइट प्लान

दांपत्य जीवन को लंबे समय तक तरोताजा रखने के लिए सैक्स लाइफ का एक अहम रोल होता है. इस के लिए सब से जरूरी है खुद को स्वस्थ एवं हमेशा ऊर्जा से भरा हुआ रखना. चाहे महिला हो या पुरुष अपना खानपान उम्र के अनुसार करना चाहिए ताकि खुद को स्वस्थ रख सके खासकर महिलाओं को अपनी डाइट को ले कर कौंशस होना चाहिए क्योंकि उन्हें घर से ले कर औफिस तक की जिम्मेदारी निभानी पड़ती है. इस के लिए आवश्यक है कि वे खुद पूरी तरह से फिट और स्ट्रौंग रहें. उन का खानपान सही एवं नूट्रियस होना अति आवश्यक है. महिलाओं को उम्र के हर पड़ाव पर अलगअलग नूट्रियस हैल्दी डाइट की आवश्यकता होती है क्योंकि 40-45 की उम्र में महिलाओं के शरीर में हारमोनल बदलाव एवं उन के इंसुलिन लैवल में भी बदलाव आता है और हड्डियों से संबंधित, मेनोपौज एवं और भी कई तरह की समस्याएं शुरू होने लगती हैं. इस उम्र में उन्हें खानपान के ऊपर विशेष ध्यान देने की आवस्यकता होती है. ज्यादा फाइबर, प्रोटीन युक्त प्रोडक्ट, हरी सब्जिया, कैल्शियम युक्त डायरी प्रोडक्ट्स, नट्स अपनी डाइट में शामिल करने चाहिए ताकि वे शरीर को स्वस्थ रख सके.

पहले एकदूसरे से करें बातचीत

आज आप रोमांटिक मूड में हैं और पार्टनर संग अच्छा समय बिताना चाहते हैं तो इस के लिए आप एकदूसरे से अपने दिल की बातचीत कर लें ताकि समय पर अपने सारे कामों को निबटा लें और पहले से ही मूड बना लें कि आज आप पार्टनर के साथ कुछ रोमांचक और प्यारभरे पल बिताने वाले हैं वरना कहीं ऐसा न हो कि आप किसी तनाव में परेशान हैं तो तब आप सैक्स का पूरा मजा नहीं ले पाएंगे.

बनाएं सुखद माहौल

सैक्स लाइफ को ऐंजौय करने के लिए माहौल का शांत और खुशनुमा होना भी बहुत ही आवश्यक है. इस के लिए सही जगह और समय का चुनाव करें. आप रूम में हलकी रोशनी जलाएं और लाइट म्यूजिक बजाएं ताकि आप रोमांटिक मूड में आ जाएं और शांति का अनुभव हो. फिर आप उन सुखद पलों का पार्टनर संग भरपूर मजा लें.

अच्छे से हों मेकओवर

हर पार्टनर की यह इच्छा होती है कि उस का साथी हमेशा खूबसूरत लगे. अत: पार्टनर की  पसंद की ड्रैस का चयन करें, सजेसंवरे और मेकअप करें ताकि आप उन्हें आकर्षित कर सकें.

शेयर करें अपनी फीलिंग्स

सैक्स के दौरान एकदूसरे से खुल कर बातचीत करना एक सुखद अनुभव हो सकता है ताकि पार्टनर को यह सम झना आसान हो कि उस के क्या करने से आप उत्तेजित हो रहे हैं या आनंद का अनुभव कर रहे हैं अथवा आप इस ऐक्टिविटी को ऐंजौय नहीं कर पा रहे हैं इसलिए सैक्स के दौरान पार्टनर संग बातचीत कर अपनी फीलिंग्स को अवश्य शेयर करें. यदि कोई परेशानी हो रही है तो बिना किसी हिचकिचाहट के खुल कर पार्टनर से कहें.

तनाव को करें कम

महिलाएं हों या पुरुष, दोनों में ही सैक्स क्षमता में कमी का कारण हारमोंस की गड़बड़ी, रोजमर्रा का तनाव और उम्र के साथ घटता ऐनर्जी लैवल है. वैसे तो सैक्स तनाव को कम करता है मगर कई बार रोजमर्रा की जिंदगी की टैंशन और तनाव दोनों आप पर इतने हावी हो जाते हैं कि आप की सैक्स लाइफ को प्रभावित करने लगते हैं. इस के लिए आप पर्याप्त नींद ले कर तनाव और चिंता को कम कर के रोजाना योग एवं ध्यान की मदद से अपनी सैक्स की इच्छा को बरकरार रख सकते हैं और अपने ऐनर्जी लैवल को बढ़ा सकते हैं.

मोबाइल आदि गैजेट्स को रखें औफ

आजकल हर वक्त मोबाइल हमारे आसपास ही रहता है और फिर इस पर हर वक्त आते नोटिफिकेशन, अलर्ट और मैसेस हमें किसी काम पर एकाग्र नहीं होने देते. इस से बचने के लिए आप सैक्स के दौरान अपने मोबाइल को स्विच औफ या साइलैंट मोड कर लें ताकि बिना किसी रुकावट के पार्टनर संग सैक्स का भरपूर मजा ले सकें.

लाएं कुछ नयापन

ऐसा कहा जाता है कि नयापन लाने में ही जीवन जीने का असली मजा है इसलिए अपनी सैक्स लाइफ में भी हर बार कुछ नयापन लाएं ताकि सैक्स लाइफ में बोरियत न आए. इस के लिए अपने पार्टनर के साथसाथ नईनई पोजीशन ट्राई कर उसे सरप्राइज करें. अकसर मैरिड लाइफ में एक समय के बाद सबकुछ रूटीन जैसा ही हो जाता है फिर कुछ भी नया नहीं रहता जिस के कारण हम बोर हो जाते हैं और सैक्स लाइफ जल्द ही खत्म हो जाती है. इसलिए सैक्स लाइफ को रोमांचक बनाए रखने के लिए हर बार कुछ नया आवश्यक है ताकि लंबी सैक्स लाइफ का मजा ले सकें.

शरीर को बनाएं फ्लैक्सिबल

सैक्स का भरपूर मजा लेना हो या नईनई सैक्स पोजीशन ट्राई करनी हों इस के लिए शरीर का फ्लैक्सिबल और मांसपेशियों का मजबूत होना आवश्यक है ताकि आप सैक्स के दौरान कंफर्टेबल रहें. अत: आप योग की मदद लें और ऐक्सरसाइज को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बनाएं. इस से आप की मांसपेशियां मजबूत रहेंगी और आप सैक्स का भरपूर मजा लेंगे.

Couple Goals : बौयफ्रेंड का प्यार अब बोझ लगने लगा है, मैं क्या करूं?

Couple Goals :  अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है, तो ये लेख अंत तक जरूर पढ़ें…

सवाल-

मैं कालेज टाइम में किसी लड़के से बहुत प्यार करती थी. मगर कभी उस से अपने प्यार का इजहार नहीं कर सकी. बाद में मेरी अरेंज्ड मैरिज हो गई. पति काफी अंडरस्टैंडिंग और केयरिंग नेचर के हैं. मैं अपनी जिंदगी में काफी खुश थी, मगर एक दिन अचानक जिंदगी में तूफान आ गया. दरअसल, फेसबुक पर उसी लड़के का मैसेज आया कि वह मुझ से बात करना चाहता है. मेरे मन में दबा प्यार फिर से जाग उठा. मैं ने तुरंत उस के मैसेज का जवाब दिया. फेसबुक पर हमारी दोस्ती फिर से परवान चढ़ने लगी. मैं अपना खाली समय उस से बातें करने में गुजारने लगी. धीरेधीरे शर्म और संकोच की दीवारें गिरने लगीं. फिर एक दिन उस ने मुझे अकेले में मिलने बुलाया. मैं उस के इरादों से वाकिफ हूं, इसलिए हिम्मत नहीं हो रही कि इतना बड़ा कदम उठाऊं या नहीं. उधर मन में दबा प्यार मुझे यह कदम उठाने की जिद कर रहा है. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

यह बात सच है कि पहले प्यार को इंसान कभी नहीं भूल पाता, मगर जब जिंदगी आगे बढ़ चुकी हो तो लौट कर उस राह जाना मूर्खता होगी. वैसे भी आप को कोई अपने पति से शिकायत नहीं है. ऐसे में प्रेमी से रिश्ता जोड़ कर नाहक अपनी परेशानियां न बढ़ाएं. उस लड़के को स्पष्ट रूप से ताकीद कर दें कि आप उस से केवल हैल्दी फ्रैंडशिप की उम्मीद रखती हैं, जो आप के जीवन की एकरसता दूर कर मन को सुकून और प्रेरणा दे. मगर शारीरिक रूप से जुड़ कर आप इस रिश्ते के साथसाथ अपने वैवाहिक रिश्ते के साथ भी अन्याय करेंगी. इसलिए देर न करते हुए बिना किसी तरह की दुविधा मन में लिए अपने प्रेमी से इस बारे में बात कर उसे अपना फैसला सुनाएं.

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें-

submit.rachna@delhipress.biz   सब्जेक्ट में लिखे…  गृहशोभा-व्यक्तिगत समस्याएं/ Personal Problem

गीतकार और लेखक Javed Akhtar ने आज की फिल्मों की तुलना की शीरीं फरहाद की लव स्टोरी से…

Javed Akhtar : 80 वर्षीय लेखक और गीतकार जावेद अख्तर का सेंस औफ ह्यूमर आज भी उतना ही पावरफुल है जितना कि आज से 40 -50 साल पहले था. इस बात का जीता जागता उदाहरण हाल ही में आमिर खान के लिए की गई उनकी फिल्मों की फिल्म फेस्टिवल प्रेस कौन्फ्रेंस में देखने को मिली. जावेद अख्तर आमिर खान के लिए बतौर गेस्ट उपस्थित हुए थे. जहां पर जावेद अख्तर से आज की फिल्में न चलने को लेकर सवाल किया गया, जिसके जवाब में जावेद अख्तर ने अपने मजाकिया अंदाज में एक मौके की बात कह दी.

जावेद अख्तर का कहना था कोई भी चीज अगर आसानी से मिल जाती है तो उसकी वैल्यू नहीं होती, जैसे कि आज अगर फिल्में थिएटर में रिलीज होती है तो कुछ हफ्ते बाद ही ओटीटी के जरिए लोगों के मोबाइल तक पहुंच जाती है . ऐसे में जब कोई चीज आसानी से मिलती है जिसको देखने के लिए कोई मेहनत मुश्शकत नहीं करनी पड़ती, भला उसकी वैल्यू कैसे बढ़ेगी जैसे कि अगर आज के जमाने में शीरीं फरहाद होते तो उनकी भी प्रेम कहानी इतनी दिलचस्प नहीं होती, क्योंकि आज के जमाने में अगर उनके पास स्मार्टफोन होता तो शीरीं को देखने के लिए फरहाद को घंटों बारिश में या धूप में भीगते और तपते शीरी का इंतजार ना करना पड़ता, बल्कि वह वीडियो कौल के जरिए आसानी से बात कर लेता.

ऐसे में शीरीं फरहाद को एक दूसरे के लिए बेचैनी या इंतजार ना होता. कहने का मतलब यह है कि आज फिल्में फिल्मों को देखने को लेकर दर्शकों के पास बहुत औप्शंस है , जिस वजह से फिल्म चाहे कितनी ही अच्छी हो या बुरी हो वह वो फिल्म आराम से देख लेते है. ओटीटी उनके लिए आसान माध्यम हो गया है. इसलिए आज फिल्में भी पहले के मुकाबले कम चलती है क्योंकि वह आसानी से देखने को मिल जाती है.

Grihshobha Inspire: आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मूर्म के राष्‍ट्रपति बनने से इंस्‍पायर हैं संगीता चौरसिया

Grihshobha Inspire : वूमंस डे 2025 के खास मौके पर यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि सशक्‍त महिलाओं की परिभाषा गढ़ने वाली पत्रिका गृहशोभा की ओर से 20 मार्च को ‘Grihshobha Inspire Awards’ इवेंट का नई दिल्‍ली में आयोजन हो रहा है. यहां उन महिलाओं को सम्‍मानित किया जाएगा, जिनके उल्‍लेखनीय योगदान लाखों लड़कियों और महिलाओं को Inspire कर रहे हैं. एक सर्वे के माध्‍यम से हमने सैकड़ों महिलाओं से बातचीत कर यह जानने की कोशिश की है कि वे ‘किस महिला से इंस्‍पायर होती हैं’?, ‘सरकार से महिलाओं को लेकर उनकी क्‍या उम्‍मीदें हैं’ और ‘एक आम महिला को इंस्‍पायरिंंग वुमन बनने की राह में क्‍या बाधाएं आती हैं ’? 49 वर्षीय संगीता चौरसिया ने अपने विचारों को कुछ इस तरह से हमारे सामने रखा.

डिफेंस रिसर्च एंड डेवलमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) में कार्यरत संगीता की दुनिया उस समय पल भर को ठहर जाती है जब उन्‍हें पता चलता है तक उनके बेटे को सेलिब्रल पाल्‍सी है. बेटे की देखभाल करने के लिए संगीता को एक भारत सरकार की एक प्रतिष्ठित संस्‍था की जॉब छोड़नी पड़ती है. संगीता का कहना है कि मैंने हार मान कर जॉब नहीं छोड़ी थी, मेरे सामने एक नई चुनौती थी, जिसका सामना मुझे करना था. थोड़ी देर बातचीत करने के बाद यह महसूस होता है कि संगीता खुद ही एक इंस्पिरेशन हैं लेकिन संगीता से जब उनके इंस्पिरेशन के बारे में पूछा गया, तो उन्‍होंने बताया कि भारत की महिला राष्‍ट्रपति द्रौपदी र्मूमू उनको इंस्‍पायर करती हैं. संगीता का मानना है कि द्रौपदी मूर्मू बेहद साधारण पृष्‍ठभूमि से आती हैं, अनुसूचित जनजाति से होने के बावजूद उन्‍होंने यह साबित किया कि महिलाओं अगर चाहे, तो सर्वोच्‍च पद पर भी अपनी जगह बना सकती हैं. द्रौपदी र्मूमू के अलावा मुझे सुधा मूर्ति भी बहुत इंस्‍पायर करती हैं.

महिलाओं की राह की बाधा

महिलाओं की राह में ढेरों बाधाएं हो सकती है लेकिन अगर महिला ही महिला की सपोर्ट करे, तो वह आधी जंग जाती है. यह महिला उसकी मां, बहन, भाभी, ननद, सास, सहेली कोई भी हो सकती है. मेरे दो बेटे हैं. मैंने सोचा है कि जब मेरी बहुएं आएंगी, तो मैं भी उनके करियर को लेकर उनका खुल कर सपोर्ट करूंगी. आज बहुत सारी युवतियां शादी के बाद न्यूक्लियर फैमिली में रह रही हैं, ऐसे में वह अपने मन से निर्णय लेने को आजाद होती हैं.

सोने पे सुहागा

अगर सरकार की तरफ से महिलाओं को स्किल ट्र‍ेनिंग दी जाए, तो बहुत सारी महिलाएं अपने सपनों को पूरा कर पाएंगी और अपने पैरों पर खड़ी हो पाउंगी. स्किल ट्रेनिंग के बाद बात आती है, फाइनैंस से जुड़ी मदद की. फाइनेंशियल हेल्‍प, जरूरतमंद लड़कियों के लिए जरूरी है. कमजोर घरों की स्किल्‍ड लड़कियों के लिए यह मदद बहुत जरूरी होती है.

बोल्‍ड है आज की वुमन

आज लड़कियां काफी बोल्‍ड हो गई है और इसे मैं सकारात्‍मक अंदाज में लेती हूं. अस्‍सी के दशक की तो बात ही छोड़ दें, नब्‍बे के दशक में भी महिलाओं में समाज से लड़ने का दम नहीं था. वह फैमिली और सोसाइटी के वैल्‍यूज में जकड़ी होती थीं और इस वजह से उन्‍हें क्‍या करना है, कहां जाना है, उन्‍हें पैसे क्‍यों चाहिए जैसी बातों को अपने घरों में अपने माता पिता को भी शेयर नहीं कर पाती थी. वह हमेशा यह सोचती रहती थी कि अपने लक्ष्‍य तक पहुंचने के उनके कदम को समाज किस तरह से देखेगी? बचपन से ही वह सामाजिक मान्‍यताओं की जंजीरों में जकड़ी होती थी. आज के पेरेंट्स का नजरिया भी बदला है, वो अपनी बेटी पर रोकटोक का शिकंजा नहीं कसते. वह अपनी बेटी पर उठने वाली उंगुली का जवाब देने को तैयार हैं

‘गृहशोभा इंस्‍पायर अवार्ड्स’ इवेंट में रजिस्‍टर करने के लिए लिंक क्लिक करें – grihshobha.in/inspire/register

Alia Bhatt की इंस्पिरेशन हैं ऐश्वर्या राय बच्चन

Alia Bhatt : बाल कलाकार के रूप में अभिनय के क्षेत्र में आई अभिनेत्री आलिया भट्ट से कोई अपरिचित नहीं. उनका सिर्फ खूबसूरत चेहरा ही नहीं, बल्कि पिछले कुछ सालों में इस अभिनेत्री ने जो तरक्की की है, वह वाकई अविश्वसनीय है. आज वह एक मां हैं, जो काम और मातृत्व के बीच सहजता से संतुलन बनाए हुए हैं. वह एक आधुनिक भारतीय महिला का बेहतरीन उदाहरण है.

इंडस्ट्री में सदियों से चली आ रही कहावत के विपरीत उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि एक अभिनेत्री गर्भावस्था और शादी के बाद नीचे चली नहीं जाती, बल्कि फिर से आसमान छू सकती है. दिलचस्प बात यह भी है कि उनकी कुछ फिल्में उसी स्वतंत्र और उन्मुक्त लड़की का बहुत अच्छा उदाहरण पेश करती हैं, जो वह स्क्रीन के बाहर भी हैं.

उनके कुछ किरदारों को दर्शकों ने खूब सराहा है, मसलन 2 स्टेट्स में अनन्या स्वामीनाथन, बद्रीनाथ की दुल्हनियां में आशा, डियर जिंदगी में कायरा, रौकी और रानी की प्रेम कहानी में रानी चैटर्जी इन सभी भूमिका से आज की एक लड़की इन्सपायर होती है, यही वजह है कि आलिया को हर फिल्म में दर्शकों का प्यार मिला. आलिया को यहां तक पहुंचने में काफी मेहनत करनी पड़ी.

इसके आगे आलिया उन महिलाओं से अधिक प्रेरित होती है, जिन्होंने अपना रास्ता खुद चुना है और उसे वे वैश्विक स्तर पर ले गई. उन्होंने एक जगह कहा है कि मैं ऐश्वर्या राय बच्चन से प्रेरित महसूस करती हूं, जिन्होंने अपना रास्ता खुद चुना और अपनी यात्रा को ग्लोबल लेवल पर ले गईं, जब कोई इसके बारे में सोच भी नहीं रहा था. अभिनेत्री करीना कपूर खान जो हर तरह से प्रतिष्ठित हैं, उन्होंने भी मेहनत कर अपनी मुकाम खुद हासिल की है. सिंगर श्रेया घोषाल, जिनकी आवाज़ से दिए गए हर शब्द और लय, श्रोता के लिए कर्णप्रिय बन जाता है. ये सभी महिलाएं अपने सफर को मेहनत और लगन से अपना चुकी है, जिससे मैं बहुत प्रेरित होती हूं और इसी प्रामाणिकता को मैं अपने अभिनय में भी लाने की कोशिश करती हूं.

इसके अलावा आलिया मां सोनी राजदान और बहन शाहीन भट्ट से बहुत प्रेरित होती है. मां ने उन्हे हर परिस्थिति में साथ दिया है, जिसके परिणामस्वरूप वह अभिनेत्री बन सकी. बहन शाहीन के मानसिक स्वास्थ्य से जूझने के संघर्ष से प्रेरणा ले कर ही आलिया ने फिल्म डियर जिंदगी और औस्कर ड्रीम्स की कहानियों से जुड़ाव महसूस किया.

रोजलिन खान

स्टेज 4 की कैंसर सर्वाइवर अभिनेत्री और यूट्यूबर रोजलिन खान के लिए इन्स्पाइयरिंग वुमन कई है. वह कहती है कि मैं बहुत ज्यादा इंदिरा गांधी से प्रेरित हुई हूं, उनकी लाइफ में बहुत चुनौती थी, लेकिन वह एक पावरफुल महिला रही है. लोगों ने उनकी कई गलतियों को गिनाया, लेकिन वह मजबूती से खड़ी रही. बाहर से जो दिखता है, रियल में बहुत अलग होता है, जो लोगों को पता नहीं चलता. मैंने उनके हर काम को पसंद किया है. फिल्म इंडस्ट्री की बात करें, तो मैं अभिनेत्री और मिस वर्ल्ड प्रियंका चोपड़ा से बहुत अधिक इंसपायर्ड हूं, क्योंकि हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री ने जब उन्हे अचानक बाहर निकाल दिया, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाई. वह एक ग्रेट स्पीकर और टैलन्टिड एक्ट्रेस होने के बाद भी इंडस्ट्री ने ग्रुप बनाकर उन्हे बाहर निकाला, वह एक मजबूत महिला है, यही वजह है कि उन्होंने अपनी पहचान बनाकर आज भी अच्छा काम कर रही है.

कोई भी महिला किसी को इंस्पायर करने के लिए रास्ता नहीं चुनती, इसके लिए न तो कोई कोर्स करना पड़ता है, ये खुदबखुद होता है, जिंदगी के रास्ते में परिस्थितियां ऐसी आती है कि आपको उसमें सही रिएक्ट कर आगे बढ़ना पड़ता है, ऐसे में उनकी इस काबिलियत को लोग सराहने लगते है, क्योंकि अंत में वह अपनी मकसद में कामयाब हो जाती है. ये सारी चीजें अचानक जीवन में होती चली जाती है. कई बार लोग आपको आगे बढ़ने नहीं देते, आपत्ति जताते है, ऐसे में उस महिला को अधिक मजबूती से टिके रहना पड़ता है, जो बहुत कठिन होता है. बहुत कम ऐसी स्ट्रौंग हे महिलाएं होती हैं, जो किसी भी परिस्थिति में अपने उद्देश्यों तक पहुंच कर दम लेती है.

शादी एक बुरा सपना है : Adah Sharma

Adah Sharma : अदा शर्मा उन हीरोइनों में से हैं जिन्होंने कंगना रनौत की तनु वेड्स मनु और आलिया भट्ट की गंगूबाई काठियावाड़ी के कलेक्शन को बौक्स औफिस में पछाड़कर 2023 में कंट्रोवर्शियल फिल्म द केरल स्टोरी के जरिए घरेलू बौक्स औफिस पर 242 करोड़ की नेट कमाई की जिसका कलेक्शन कंगना की तनु वेड्स मनु और आलिया की गंगूबाई से कहीं ज्यादा है.

द केरल स्टोरी के अपार सफलता के बाद अदा शर्मा रातों रात स्टार बन गई हालांकि 2008 की हौरर फिल्म 1920 से अदा शर्मा ने फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था लेकिन सफलता पाने में उनको काफी संघर्ष करना पड़ा. अदा शर्मा ने अपने अभिनय कैरियर में बेहतरीन फिल्में की है. लेकिन जहां तक शादी की बात है तो अदा शर्मा ने इंटरव्यू में शादी को एक बुरा सपना बताया है, अदा शर्मा के अनुसार वह कभी भी शादी नहीं करना चाहती. क्योंकि उन्हें इस रिलेशनशिप में विश्वास नहीं है. फिल्मों में रील लाइफ में ही फिल्मों में शादीशुदा जिंदगी की इतनी बर्बादी देख ली है कि असल जिंदगी में उनको शादी करने की कोई इच्छा ही नहीं है.

अदा शर्मा के अनुसार कहीं भूले भटके अगर उनकी शादी हो गई तो वह किसी बुरे सपने से काम नहीं होगी. अगर फिर भी मुझे शादी करनी पड़ी तो मैं ऐसे ही इंसान से शादी करूंगी जो मेरी तरह आजाद ख्यालों का हो दकियानूसी बिल्कुल ना हो. अदा शर्मा के वर्क फ्रंट की अगर बात करें तो वह जल्दी ही फिल्म तुमको मेरी कसम में दिखाई देंगी जो की 21 मार्च को रिलीज हो रही है और इसका निर्देशन विक्रम भट्ट ने किया है. विक्रम भट्ट डायरेक्टर जो अब तक 1920 ,गुलाम, राज, आवारा पागल दीवाना, और दीवाने हुए पागल जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके हैं.उन्होंने ही अदा शर्मा की फिल्म तुमको मेरी कसम का निर्देशन किया है.

Grihshobha Inspire : भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से इंस्पायर्ड है श्रूति टंडन

Grihshobha Inspire : वूमंस डे 2025 के खास मौके पर यह सूचित करते हुए खुशी हो रही है कि  सशक्‍त महिलाओं की परिभाषा गढ़ने वाली पत्रिका गृहशोभा की ओर से 20 मार्च को ‘Grihshobha Inspire Awards’ इवेंट का नई दिल्‍ली में आयोजन हो रहा है. यहां उन महिलाओं को सम्‍मानित किया जाएगा, जिनके उल्‍लेखनीय योगदान लाखों लड़कियों और महिलाओं को Inspire कर रहे हैं. एक सर्वे के माध्‍यम से हमने सैकड़ों महिलाओं से बातचीत कर यह जानने की कोशिश की है कि वे ‘किस महिला से इंस्‍पायर होती हैं’ ?, ‘सरकार से महिलाओं को लेकर उनकी उम्‍मीदें क्‍या है’ और ‘एक आम महिला को इंस्‍पायरिंंग वुमन बनने की राह में क्‍या बाधा है’?  एक चर्चित कंपनी में कंसल्‍टेंट श्रूति टंडन की इंस्‍प‍िरेशन हैं, भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, ‘इंस्पायरिंग वुमन’ को लेकर उनकी सोच यहां दी जा रही है.

इंदिरा गांधी ही क्‍यों

श्रूति टंडन का मानना है कि लोगों को ऐसा महसूस हो सकता है कि इंदिरा गांधी, देश के पहले प्रधानमंत्री की बेटी थी इसलिए उनके लिए पीएम बनना बहुत आसान रहा होगा. पर मेरा मानना है कि महिलाओं के लिए चुनौतियां हमेशा से रही है, चाहे वो पारिवारिक हो या सामाजिक. श्रूति बताती है कि जिस समय मिसेज गांधी प्रधानमंत्री बनी, उस समय उनके सामने भी ढेरों चुनौती रही होगी. भारत जैसे विशाल देश की पीएम एक महिला हो, इसे एक्‍सेप्‍ट करने में लोगों को काफी समय लगा होगा, तभी तो उन दिनों उनको भी पुरुषों से भरे राजनीति में अपनी जगह बनाने के लिए काफी मजबूत रुख अपनाना पड़ा . उन्‍हें भी गूंगी गुडिया कहा गया लेकिन बाद में उनके भाषणों को सुनने के लिए लंबी भीड़ उमड़ने लगी. मेरा मानना है कि महिला किसी भी वर्ग की हो उसे अगर समाज में जगह बनानी है, तो संघर्ष करना ही पड़ेगा.

खुद से लड़ना होगा

जहां तक परिवार और समाज के रोकटोक की बात है, तो श्रूति ऐसा नहीं मानती. उनका कहना है कि महिलाओं की लड़ाई खुद से होती है. अपनी क्षमता को लेकर अगर उनके मन में संदेह रहेगा, तो कोई भी उनकी मदद नहीं कर सकता है. उन्‍हें अपने अंदर का बैरियर तोड़ना होगा. महिलाओं को कई तरह के विषयों पर परामर्श देने का काम कर रही श्रूति बताती हैं कि बहुत सारी महिलाएं खुद की जिंदगी को लेकर स्‍पष्‍ट सोच नहीं रखती हैं. कुछ अधेड़ उम्र की महिलाएं काम करना चाहती हैं, कुछ महिलाएं बच्‍चों की खातिर जौब से ब्रेक लेती हैं और दोबारा नौकरी करना चाहती हैं, कुछ अपना रोजगार शुरू करना चाहती हैं पर यही सोचती रहती हैं कि इससे उनकी फैमिली तो डिस्‍टर्ब नहीं होगी, ये सभी महिलाओं की चाहत है लेकिन वह पहला कदम उठाने को लेकर खुद पर संदेह कर रही होती है. जब महिलाएं खुद पर भरोसा करेंगी तभी लोग उन पर भरोसा करेंगे.

नीतियों को प्रभावशाली बनाना होगा

आज सरकार की तरफ से मदद तो दी जा रही है लेकिन बहुत कम लोगों तक यह पहुंच पा रही है. गर्वनमेंट को चाहिए कि वह अधिक से अधिक जरूरतमंद लड़कियों तक अपनी मदद पहुंचाएं, उनको स्किल्‍स सिखाएं, उनकी आर्थिक मदद करें. अब बहुत सारी लड़कियां आगे आ रही है इसलिए उनकी संख्‍या के अनुपात को देखते हुए मदद की जानी चाहिए. हर लड़की तक सरकारी मदद पहुंचनी जरूरी है.

‘गृहशोभा इंस्‍पायर अवार्ड्स’ इवेंट में रजिस्‍टर करने के लिए लिंक क्लिक करें
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