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हनीमून पर वाइफ श्वेता अग्रवाल संग मस्ती करते नजर आए Aditya Narayan , Video वायरल

इंडियन आइडल के होस्ट और सिंगर आदित्य नारायण (Aditya Narayan) पिछले दिनों काफी सुर्खियों में रहे थे, जिसका कारण उनकी अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड श्वेता अग्रवाल (Shweta Agarwal) से शादी थी. वहीं वह एक बार फिर अपने हनीमून की एक वीडियो के काऱण सुर्खियों में छा गए हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है वीडियो में खास…

कश्मीर की वादियों में मना रहे हैं हनीमून

शादी के बाद आदित्य अपनी वाइफ श्वेता अग्रवाल संग हनीमून मनाने के लिए भारत का स्वर्ग कहे जाने वाले ‘कश्मीर’ पहुंचे हुए हैं. जहां से दोनों लगातार सोशलमीडिया पर फोटोज शेयर कर रहे हैं.  इसी बीच आदित्य ने पत्नी श्वेता के साथ गुलमर्ग की वादियों में बर्फ पर मस्ती करते हुए अपना पहला वीडियो फैंस के साथ शेयर किया है.

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वीडियो में गाना गाते नजर आए आदित्य

फैंस के साथ शेयर की गई वीडियो में आदित्य और श्वेता ‘ओ बेटा जी’ गाने पर लिपसिंक करते नजर आ रहे हैं. हालांकि यह गाना काफी पुराना है पर हाल ही रिलीज हुई अनुराग बासु की फिल्म ‘लूडो’ में आने के बाद ये गाना वायरल हो गया है. वहीं इस गाने में ये कपल मस्त करते हुए बेहद प्यारा लग रहा है. वहीं वाइफ के साथ पहली वीडियो में सेलेब्स जमकर प्यार लुटा रहे हैं, जिसमें नेहा कक्कड़ ने कमेंट करते हुए हुए लिखा ‘Awww’ और इसी के साथ एक प्यार वाला इमोजी भी शेयर किया है.

बता दें, बीते दिनों आदित्य की खास दोस्त नेहा कक्कड़ भी अपने एक फोटो को लेकर ट्रोलिंग का शिकार हो रही हैं, जिसमें वह बेबी बंप के साथ नजर आ रही हैं. हालांकि ये उनके नये गाने का एक सीन है. लेकिन फैंस कह रहे हैं कि हर एक टौपिक पर गाना बनाने का क्या मामला है.

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11 साल छोटे मंगेतर संग शादी करेंगी गौहर खान, रस्में हुईं शुरु

कलर्स के शो बिग बॉस में बीते दिनों नजर आ चुकीं एक्ट्रेस गौहर खान जल्द ही शादी के बंधन में बधने वाली हैं, जिसकी फोटोज इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. इसी बीच गौहर और 11 साल छोटे मंगेतर कोरियोग्राफर जैद दरबार की हल्दी की फोटोज फैंस को काफी पसंद आ रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं उनकी हल्दी सेरेमनी की खास फोटोज और वीडियो….

वीडियो हुआ वायरल

निकाह से पहले गौहर और जैद की चिक्सा का रस्म हुई, जिसकी फोटोज और वीडियो दोनों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की है. वहीं इस रस्म में दोनों परिवार जश्न मनाते नजर आए. वीडियो की बात करें तो होने वाली दुल्हनिया यानी गौहर खान और दूल्हे राजा जैद दरबार मस्ती में डांस करते नजर आए.

 

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लिखा प्यारा सा मैसेज

 

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गौहर और जैद के चिस्का सेरेमनी के लुक की बात करें तो दोनों पीले रंग के कपड़ों में दोनों की जोड़ी बेहद खूबसूरत लग रही है. वहीं दोनों ने लिखा पोस्ट शेयर करते हुए लिखा है कि ‘जब मेरा आधा हिस्सा तुम्हारे आधे हिस्से से मिला और एक हुआ, तब बैटर हाफ बना. हमारे सबसे सुंदर पल. अलहमदुल्लिलाह. गाजा सेलिब्रेशन का पहला दिन, चिक्सा.’

फैमिली और दोस्त आए नजर

 

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शादी में कम लोगों के शामिल होने की इजाजत है इसी के चलते गौहर और जैद की शादी में भी कम लोगों को इजाजत मिली है, जिसके कारण फोटोज और वीडियो में फैमिली के अलावा कुछ ही खास सदस्य हिस्सा लेते दिखे.

 

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फैंस के साथ शेयर की अपनी लव स्टोरी

 

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गौहर के अचानक शादी के फैसले के कारण हर कोई उनकी लव स्टोरी जानने के लिए बेताब रहता है. इसी कारण गौहर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर करते हुए बताया कि उनकी मुलाकात कब और कैसे हुई.

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5 TIPS: बाथरूम को ऐसे बनाएं जर्म फ्री

रीना के घर मेहमान आए हुए थे. रीना ने जब सब को पानी वगैरह देना शुरू किया तभी रीना की सास मेहमानों के सामने रीना की तारीफ करने लगीं और बोलीं कि रीना घर में बहुत ही साफसफाई रखती है और सभी का खयाल रखती है. मेहमान भी इस बात से खुश हुए. लेकिन जब वे लोग नहाने के लिए बाथरूम में पहुंचे तो देखा कि बाथरूम बहुत गंदा था. इस बारे में उन्होंने शिकायत न करते हुए रीना को सलाह दी कि पूरे घर की साफसफाई में बाथरूम की सफाई भी सम्मिलित होती है, क्योंकि इस जगह को सभी उपयोग तो करते ही हैं, साथ ही यदि यहां गंदगी रहे तो परिवार की सेहत पर भी असर पड़ सकता है.

दागधब्बों रहित, चमकती टाइलों वाला बाथरूम दिखने में तो साफ लग सकता है पर क्या रोगाणुमुक्त भी हो सकता है? यदि माइक्रोस्कोप से देखा जाए तो ऐसे चमचमाते बाथरूम में ढेरों बैक्टीरिया दिख जाएंगे. बाथरूम ही घर का वह हिस्सा है, जिस का उपयोग परिवार का हर सदस्य करता है. ऐसे में पर्याप्त स्वच्छता के न होने से संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. इस स्थिति में बाथरूम को स्वच्छ व रोगाणुमुक्त बनाने के लिए कुछ सावधानियां बरतना नितांत आवश्यक हो जाता है.

1. एक ही साबुन के प्रयोग से बचें

साबुन की एक ही टिकिया को परिवार के सभी सदस्यों द्वारा उपयोग में लाए जाने के कारण संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है. यदि संभव हो तो संक्रमण से बचने के लिए लिक्विड सोप को ही प्रयोग में लाएं व उसे पतला न करें. मल के जीवाणु पानी में तेजी से बढ़ते हैं. इसलिए साबुन की टिकिया को पानी में न छोड़ कर किसी हवादार साबुनदानी में रखें. उपयोग के बाद साबुन की टिकिया को स्वच्छ पानी में खंगाल लें.

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2. अलगअलग तौलिया

एक ही तौलिया अलगअलग लोगों द्वारा इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इस से चर्मरोग भी हो सकते हैं.

3. स्पंज की देखभाल

लगातार गीले रहने वाले स्पंज या जूना में तेजी से जीवाणु पनपते हैं, इसलिए स्पंज को अच्छी तरह से खंगालें और फिर सूखने के लिए किसी हवादार स्थान पर रखें. जब स्पंज जीवाणुओं व फंगस के कारण ब्राउन रंग का होने लगे तो उसे फेंक दें.

4. टूथब्रश का रखरखाव

याद रखें कि एक ही टूथब्रश कभी भी कई लोगों द्वारा प्रयोग में नहीं लाया जाना चाहिए. कारण, जहां एक ओर मुंह की लार में एचआईवी वायरस हो सकते हैं, वहीं मुंह में यदि कोई घाव वगैरह है तो उस से भी संक्रमण हो सकता है. टूथब्रश को काकरोचों से बचाने के लिए उसे सदैव कवर कर के ही रखें. काकरोच ब्रश के दांतों पर मल संबंधी जीवाणु छोड़ सकते हैं.

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बाथरूम में सुरक्षा की दृष्टि से ऐसी टाइलें लगवाएं, जिन पर पैर न फिसले. बाथरूम का फर्श नियमित रूप से साफ करें और सप्ताह में एक बार किसी जीवाणुनाशक रसायन से भी उसे साफ करना चाहिए  बाथरूम की दीवारें, विशेषकर बाथटब और फुहारे के आसपास, जहां नहाते समय साबुन के छींटे लग जाते हैं, नियमित रूप से साफ करें. महीने में एक बार टाइलों के बीच के जोड़ों को किसी ब्रश से साफ करें ताकि जमी हुई गंदगी निकल जाए.

आईब्रो को कैसे बनाएं घना

हर महिला चाहती है कि उसकी आईब्रो घनी व मोटी हो. क्योंकि मोटी आईब्रो आपके नयननक्श को और उभारने का काम जो करती है. लेकिन कुछ महिलाओं को नैचुरली ही पतली आईब्रो मिलती है व कुछ की आईब्रो समय के साथसाथ थ्रेडिंग व उस पर प्लकर इस्तेमाल करने के कारण वे पतली होने के साथसाथ अपनी शेप खोने लगती है, जो उन्हें गवारा नहीं होता. ऐसे में भले ही आप ग्रोथ बढ़ाकर आईब्रो करवाते भी हैं तब भी कुछ ज्यादा असर नहीं पड़ता है. इसलिए जरूरी है कि आईब्रो को घना व मोटा बनाने के लिए कुछ टिप्स को फोलो करने की , ताकि आपको इस समस्या से निजात मिल सके.

1. वैसलीन

क्या आप जानती हैं कि वैसलीन न सिर्फ आपकी आईलैशेस को खिलाखिला व शाइनी बनाने का काम करती है बल्कि ये आपकी आईब्रो को भी मोटा बनाने में सहायक होती है. क्योंकि ये स्किन को मोइस्चर और हाइड्रेट रखने का काम करती है. इसमें मिनरल आयल होने के कारण ये स्किन को न्यूट्रिशन भी प्रदान करती है. और जब हम इसे आपकी ब्रो पर अप्लाई करते हैं तो ये उसे मोइस्चर प्रदान करने के कारण बालों को घना बनाकर उन्हें हैवी लुक देने का काम करती हैं, जिससे आपकी आईब्रो धीरेधीरे परफेक्ट शेप में आने लगती है.

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2. अंडे का पीला भाग

हमारे बाल , फिर चाहे वो सिर के बाल हो या फिर आईब्रो के , वो केरातिन से बने होते है. लेकिन जब इस प्रोटीन के उद्पदन में कमी होने लगती है तो आप बाल झड़ने व आईब्रो के पतले होने की समस्या का सामना करते हैं. जबकि अंडे का पीला भाग बायोटिन का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो बालों की ग्रोथ व उसे मोइस्चर प्रदान करने का काम करता है. इसलिए अपनी घनी आईब्रो के लिए आप हफ्ते में इसका पेस्ट अपनी आईब्रो पर आधे घंटे के लिए लगाएं. आपको 2 – 3 महीने में ही बदलाव नज़र आने लगेगा.

3. ओलिव आयल

ये नैचुरली आपकी ब्रो को घना बनाने का काम करता है. इसमें मॉइस्चराइजिंग प्रोपर्टीज बालों को झड़ने से रोकती हैं, जिससे हेयर ग्रोथ अच्छे से होने के कारण आपकी ब्रो मोटी नजर आने लगती है. अनेक रिसर्च में यह साबित हुआ है कि इसमें मौजूद ओलुओपेन , जो फेनोलिक तत्व होता है, जो बालों की ग्रोथ में मदद करता है. इसलिए आप इसे रोजाना कुछ मिनट अपनी आईब्रो पर अप्लाई करके पाएं कुछ ही महीनों में घनी आईब्रो.

4. बादाम का तेल

बादाम में लोवर फैट केलोस्ट्रोल होने के कारण ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. इसमें विटामिन इ , मैग्नीशियम और पोटैशियम होने के कारण ये न्यूट्रिएंट्स और ओक्सीजन को रक्त के माध्यम से आसानी से शरीर में पहुंचाने का काम करता है. सिर्फ यही नहीं बल्कि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड होने के कारण ये बालों को नौरिश करने उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करता है. तो अगर आप अपनी आएब्रो को मोटा बनाना चाहती हैं तो रोजाना रात को सोते वक़्त बादाम का तेल से मसाज करें. कुछ ही दिनों में आपको सुधार नजर आने लगेगा.

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5. प्याज का रस

शायद ही कोई प्याज का रस अपनी स्किन या फिर अपने बालों पर लगाना पसंद करता होगा. लेकिन जब आप इसके फायदे जानेंगे तो आप भी खुशीखुशी इसे अपनी ब्रो पर लगाने के लिए तैयार हो जाएंगी. बता दें कि इसमें सल्फर, विटामिन बी , इ और मिनरल्स होने के कारण ये आईब्रो की हेयर ग्रोथ के लिए काफी असरदार माना जाता है. क्योंकि जब कोलेजन की मात्रा काफी कम हो जाती है तो बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं. लेकिन प्याज के रस में सल्फर की मौजूदगी कोलेजन के पुननिर्माण और फोलिकल्स को मजबूती प्रदान करने का काम करता है. आप इसके रस को कॉटन की मदद से आईब्रो पर अप्लाई करके आधा घंटे के लिए लगा छोड़ दें. ऐसा हफ्ते में 2 – 3 दिन करने पर आपको दिखने लगेगा सुधार.

इसके अलावा आप परमानेंट तरीके से भी अपनी आईब्रो को घना व खूबसूरत बना सकती हैं , इस बारे में कोस्मोटोलोजिस्ट भारती तनेजा से जानते हैं-

अगर आप चाहती हैं कि आपकी आइब्रो मोटी हो , जो आजकल काफी फैशन में है, तो उसके लिए आप परमानेंट आईब्रो बनवा सकती हैं. इससे आपको फ़ायदा यह होगा कि जिस तरह आप रोज खुद से घर पर जब पेंसिल से शेप बनाती हैं तो वो पसीने के कारण हटने या फिर हमेशा एक जैसी शेप में नहीं आ पाती है. ऐसे में परमानेंट आईब्रो बेस्ट सोलूशन होता है. इसमें खास तरह के fda से अप्रूव कलर्स होते हैं , जिन्हें मशीन के जरिए स्किन में इन्सर्ट किया जाता है. ये ताउम्र काम करती है. इस प्रक्रिया में सबसे पहले पेंसिल से आईब्रो को मनचाही शेप दी जाती है , उसके ऊपर स्किन को नम करने के लिए एक्सटर्नाली एनेस्थेसिया लगाया जाता है और फिर आईब्रोस को परमानेंट बना दिया जाता है. इसमें 2 सिटिंग दी जाती हैं , ताकि दूसरी सिटिंग में परफेक्ट शेप दी जा सके. बस इसमें हाइजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. इस बात का ध्यान रखें कि हर बार नया कलर व नीडल लेनी चाहिए.

मैं फेस पर कोई क्रीम नहीं लगाती, लेकिन फिर भी मेरा फेस औयली रहता है, मैं क्या करुं?

सवाल-

मेरा फेस बारबार धोने से चिपचिपा दिखाई देता है. मैं फेस पर कोई क्रीम नहीं लगाती, लेकिन देखने में ऐसा लगता है जैसे बहुत सारी चिपचिपी क्रीम मैं ने मुंह पर पोती हुई है. कृपया कोई उपाय बताएं?

जवाब-

आप की स्किन बेहद औयली है और औयली स्किन वाले लोग अकसर अपनी स्किन को ले कर परेशान रहते हैं. लेकिन जामुन औयली स्किन के लिए बैस्ट है. यह आप की त्वचा से अतिरिक्त तेल को कम करने में मददगार है. इस के लिए आप अपनी त्वचा पर जामुन से बना फेस पैक लगा सकती हैं. औयली स्किन के लिए जामुन का फेस पैक बनाने के लिए आप जामुन के गूदे को निकाल कर एक बाउल में रखें. अब आप इस में 1 चम्मच आंवले का रस और

1 चम्मच गुलाबजल मिला लें. इस के बाद आप इस मिश्रण को अच्छे से मैश कर लें. जब यह अच्छे से मिल कर गाढ़ा पेस्ट बन जाए, तो आप इस फेस पैक को अपने चेहरे पर लगाएं. 20-30 मिनट के बाद चेहरा धो लें.

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हमारी त्‍वचा में औयल ग्‍लैंड होता है जो प्राकृतिक रुप से त्‍वचा को नमी प्रदान करने के लिए तेल प्रड्यूस करता है. पर जब यह ग्रंथी हाइपर एक्‍टिव हो जाती है तो इससे ज्‍यादा मात्रा में तेल निकलने लगता है जिससे चेहराऔयली हो जाता है.

औयली स्‍किन दूसरी त्‍वचा के मुकाबले काफी संवेदनशील होती है जिसकी देखभाल करने की बहुत जरुरत होती है. मुंह पर ज्‍यादा तेल होने से त्‍वचा के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं जिससे उन में गंदगी भर जाती है. आज हम आपको कुछ ऐसे फेस पैक बताएंगे जिसको बना कर लगाने से औयली त्‍वचा से छुटकारा पाया जा सकता है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- औयली स्किन के लिए फायदेमंद हैं ये 4 फेस पैक

अगर आपकी भी ऐसी ही कोई समस्या है तो हमें इस ईमेल आईडी पर भेजें- submit.rachna@delhipress.biz
 
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Winter Special: घर पर बनाए बथुए का रायता

बहुत से लोगों को रायता खाना बहुत ज्यादा पसंद होता है फिर चाहे मौसम सर्दियों का हो या गर्मियों का. पर सच कहूँ तो ठंड के मौसम मे रायता खाने का अपना अलग ही मज़ा होता है. रायता सबसे पसंदीदा साइड डिश में से एक है, यह एक हेल्दी ,रिफ्रेशिंग और आसानी से झटपट बनने वाली रेसिपी है.

वैसे सेहत के हिसाब से देखा जाए तो रायता हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है,मगर अक्सर रायता को सर्दियों के मौसम में खाने को लेकर लोगों के मन में बड़ी टेशन रहती है. कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि सर्दियों के मौसम में रायते का सेवन नुकसान-देह होता है.

तो क्यों न हम मौसम के हिसाब से रायता बनाए, जी हाँ आज हम बनाएँगे बथुए का रायता. बथुआ के पत्ते विटामिन ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स से भरपूर होते हैं. यह आइरन , पोटेशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे खनिजों के साथ-साथ फाइबर और अमीनो एसिड का भी एक अच्छा स्रोत हैं. इसलिए, अपने आहार में इसे शामिल करना निश्चित रूप से एक अच्छा विचार है.
बथुए का रायता जितना खाने मे स्वादिष्ट होता है उतना ही फायदेमंद भी होता है और इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है की ये सर्दियों में नुकसान भी नहीं करता है.
तो चलिये जानते है की इन सर्दियों घर पर बथुए का रायता कैसे बनाए-

कितने लोगों के लिए-3 से 4
कितना समय-10 से 15 मिनट

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हमें चाहिए-

बथुआ – 200 ग्राम
दही – 400 ग्राम
नमक – स्वादानुसार
काला नमक – 1/4 छोटी चम्मच
हरी मिर्च – 1 बारीक कटी हुई
हींग – 1 पिंच
जीरा – 1/2 छोटी चम्मच
घी – 1 छोटी चम्मच

बनाने का तरीका-

1-सबसे पहले बथुए की मोटी डंडियां हटा कर इसे साफ पानी में अच्छे से धो लीजिए. फिर एक बर्तन में करीब 400 ml पानी डाल कर उसे गरम होने को गॅस पर रख दे. अब थोड़ी देर बाद पानी गरम हो जाने के बाद इसमे बथुआ डाल कर उबलने दीजिए.
(5- 6 मिनिट में बथुआ उबल जाता है)

2-बथुआ के उबलने जाने के बाद गैस बन्द कर दीजिये और बथुआ से एक्सट्रा पानी निकाल लीजिए. उबले हुए बथुए को ठंडा करके मिक्सी से हल्का मोटा पीस लीजिए.

3-अब एक बर्तन मे दही को अच्छे से फैंट लीजिये ,फिर इसमे पिसा हुआ बथुआ, नमक, काला नमक और हरी मिर्च डालकर मिला दीजिये.

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तड़का लगाने के लिए

1-सबसे पहले एक पैन में घी गरम कीजिये. अब उसमे जीरा डाल कर जीरा को हल्का ब्राउन होने तक भून लीजिये . (हींग जीरा तवे पर बिना तेल के ही भूना जा सकता है और आप चाहे तो आप इसे रायते में पीस कर भी डाल सकते हैं. )

2-अब इसमे थोड़ी सी हींग डाल दीजिये . अब इस तड़के को रायते में डाल कर मिला दीजिये.

3-स्वादिष्ट बथुआ का रायता तैयार है.आप इसे आलू का पराठा ,चावल या नान के साथ खा सकते है.

NOTE : (यदि आप सर्दियों के दिनों में भी दही खाना चाहते हैं और चाहते है की ये आपको नुकसान न करे तो अधिक ठंडी दही का सेवन न करें साथ ही कोशिश करें की ताजी दही ही खांए)

3 साल बाद ‘अक्षरा’ बनकर लौटेंगी हिना खान! वायरल हुआ NEW LOOK

टीवी से लेकर बौलीवुड तक अपने एक्टिंग का जलवा बिखेर चुकीं एक्ट्रेस हिना खान जल्द ही फैंस के लिए अक्षरा के लुक में नजर आने वाली हैं, जिसके चलते वह इन दिनों सोशलमीडिया पर छाई हुई हैं. इसी बीच हिना ने अपने अक्षरा के लुक से पर्दा उठाते हुए फैंस को तोहफा दे दिया है. आइए आपको दिखाते हैं हिना खान के लुक की खास झलक…

 शो में दिखेगा हिना का जलवा

दरअसल, इस बार हिना खान स्टार परिवार के न्यू ईयर सेलीब्रेशन में अक्षरा के साथ साथ कोमोलिका के लुक में भी नजर आने वाली हैं, जिसके चलते वह तैयारियों में जुटी हुई हैं. हालांकि बिजी होने के बावजूद वह अपने फैंस को अपने लुक की झलक दिखाने से नही पीछे रहीं.

 

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हिना का छाया अंदाज

 

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हिना खान ने पिंक और व्हाइट कलर के कौम्बिनेशन वाला लहंगा कैरी किया था, जिसके साथ मैचिंग पर्ल ज्वैलरी उनके लुक पर चार चांद लगा रहा था. हिना खान ने अपने सुपरहिट शो ये रिश्ता क्या कहलाता है की अक्षरा का एक और लुक फैंस के साथ शेयर किया, जिसमनें वह गोटेदार लहंगा पहनकर स्टाइल से पोज दिखीं.

साड़ी में भी जीत चुकी हैं फैंस का दिल

 

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हिना खान अक्सर अपने फैंस के लिए लुक्स शेयर करती रहती हैं, जिनमें उनका साड़ी लुक फैंस को काफी पसंद आता है. हाल ही में हिना खान ने अपनी एक फोटो शेयर की थी, जिसमें वह साड़ी के साथ ट्रैंडी ब्लाउज कैरी करते हुए नजर आई थीं, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया था.

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काफी पौपुलर है हिना का लहंगा लुक

 

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हिना खान का लहंगा लुक आज से ही नही बल्कि सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है के टाइम से फेमस है. सीरियल में वह कई बार अपने खूबसूरत लहंगे की झलक दिखाकर फैंस का दिल जीतती नजर आई हैं. वहीं फैंस भी उनके इन लुक्स को कौपी करने का कोई मौका नही छोड़ते.

खास बच्चों की ऐसे करें देखभाल

शारीरिक रूप से विकलांग न जाने कितने लोग आज अपनेअपने क्षेत्रों में अगर कामयाब हैं तो इस के पीछे उन के मातापिता और परिवार वालों की मेहनत व कोशिशें हैं. उन्होंने उन में आत्मविश्वास भरा और जीवन के प्रति उन की सोच को सकारात्मक बनाए रखा. सच है कि बच्चे पालना कोई बच्चों का खेल नहीं. जन्म से ले कर युवावस्था तक मातापिता अपने बच्चों की देखरेख में जरा सी भी कसर बाकी नहीं रखते. बच्चे तो गीली मिट्टी के समान होते हैं, मातापिता जैसा आकार दें, वे वैसा हो जाते हैं.  जब बात आती है शारीरिक या मानसिक रूप से विशेष बच्चों की देखभाल की तो मातापिता की जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं. ऐसे बच्चे को न सिर्फ मानसिक रूप से सकारात्मक रखने की बल्कि शारीरिक रूप से भी मजबूत बनाए रखने की जरूरत होती है. ऐसे में यदि मातापिता जरा सी भी लापरवाही दिखाते हैं तो बच्चे पर बुरा असर पड़ सकता है और वह खुद को समाज के अन्य बच्चों की तुलना में हीन समझने लगता है.

मानसिक रूप से अपंग बच्चों के पालनपोषण में न सिर्फ उन को शारीरिक रूप से सहयोग देने की जरूरत होती है बल्कि उन के अधूरे मानसिक विकास के कारण हर समय उन के साथ रहने की जरूरत होती है, जो बेहद ही जिम्मेदारी भरा काम है. विकलांगता 2 प्रकार की  हो सकती है, शारीरिक और मानसिक. दोनों ही स्थितियों में विकलांग बच्चे की देखरेख में विशेष लालनपालन करने की जरूरत होती है.  आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाएं  : शारीरिक रूप से अपंग बच्चे को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास आप बचपन से ही शुरू कर दें. बच्चे को किसी के ऊपर निर्भर रहने का आदी बनाने के बजाय उस को अपने काम खुद करने की आदत डलवाएं.

ऐसे करने से उस में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और वह परिवार वालों पर खुद को बोझ समझने की जगह अपने सारे काम खुद करने में सक्षम होगा. इस के लिए आप को छोटी उम्र से ही उस में आत्मनिर्भरता के गुण भरने की कोशिश शुरू कर देनी चाहिए. बच्चे को धीरेधीरे अपने सभी काम खुद करना सिखाएं व उस में जिम्मेदारी की भावना भरें.

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किसी से तुलना करना ठीक नहीं  : 

शारीरिक और मानसिक रूप से अविकसित या कमजोर बच्चों को अकसर दया का पात्र व मुख्यधारा से कटा हुआ माना जाता है. जबकि सचाईर् यह है कि उन को किसी की दया की नहीं, बल्कि आप के सहयोग व प्रेम की जरूरत होती है. इस में पेरैंट्स व परिवार के सदस्यों की अहम भूमिका होती है. अपंग बच्चे की तुलना न तो सामान्य बच्चों से करें और न किसी अन्य बच्चे से. यदि आप का बच्चा वह काम करने के लिए कदम बढ़ाना चाहता है जो उस के साथी बच्चे करते हैं तो उस को रोकें नहीं. दूसरे बच्चों से तुलना करने की जगह उस की आंतरिक क्षमताओं को पहचान कर उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा दें क्योंकि हर व्यक्ति में कोई न कोई विशेष गुण होता है. उस के इसी गुण को उभारें और उसे हतोत्साहित करने के बजाय उस के प्रयासों की सराहना करें.

क्षमता के अनुरूप ही आशाएं रखें :

बच्चों की क्षमताओं से ज्यादा की उम्मीद रखने से निराशा हाथ लगती है. इसलिए यह जांच लें कि आप के बच्चे में कितनी क्षमता है, इसी के आधार पर यह निर्णय लें कि वह कहां तक सफल हो सकता है. ज्यादा उम्मीदें लगाना या बच्चे पर उस की क्षमता से अधिक करने का दबाव डालने से आप का बच्चा डिप्रैशन का शिकार हो सकता है.

अपंग व सामान्य बच्चों में अंतर न करें  : 

यदि घर में एक बच्चा अपंग हो और बाकी सामान्य हों तो ऐसी स्थिति में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. कई बार भाईबहन भी नादानी या शैतानी के चलते अपंग भाई या बहन को उसी की शारीरिक कमजोरी को ले कर टिप्पणी करते हैं. इस से अपंग बच्चे के मन को आघात पहुंचता है. इसलिए मातापिता का यह दायित्व बनता है कि वे अपने सभी बच्चों को आपस में मिलजुल कर रहने की सीख दें. साथ ही, उसे यह भी एहसास न होने दें कि विकलांग होने की वजह से उस की देखभाल ज्यादा हो रही है. यदि आप हर कदम पर अपने अपंग बच्चे की मदद के लिए खड़े रहेंगे तो इस से उसे अपनी शारीरिक कमी का एहसास होगा और वह इस से चिड़चिड़ा हो सकता है. इसलिए उस के अधिकांश काम उस को खुद करने दें.

सहानुभूति दर्शाने वालों को दूर रखें:

पीतमपुरा में रहने वाली कविता का कहना है कि 21 वर्षीय मेरा बड़ा बेटा एक पैर से अपाहिज है. पढ़नेलिखने में हमेशा वह अव्वल रहता है. हम ने उस को कभी इस बात का एहसास नहीं होने दिया कि वह शारीरिक रूप से पूर्र्ण नहीं है.  एक दिन मेरी पड़ोसिन हमेशा की तरह मेरे घर आई और बोली कि मैं आप के बेटे के लिए एक बहुत अच्छा रिश्ता लाई हूं. मेरे दोनों बेटे उस दिन घर में ही मौजूद थे. पड़ोसिन ने छोटे बेटे की तरफ देखते हुए कहा कि इसे तो वे देखते ही पसंद कर लेंगे. इस पर मेरे बड़े बेटे ने सिर झुका लिया और अपने कमरे में चला गया. इस तरह कई बार रिश्तेदार या पड़ोसी आदि कुछ इस तरह की बातें बोल देते हैं जिस से बच्चे के दिल को ठेस पहुंचती है. इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि यदि आप किसी के घर जा रहे हैं या कोई आप के घर आ रहा है तो इस तरह की कोई बात न हो जिस का संबंध बच्चे की शारीरिक कमियों से हो.

हीनभावना न पनपने दें  : 

सुषमा के 5 बच्चों में सब से बड़े के एक पैर में पोलियो और छोटी बेटी के दोनों पैरों में पोलियो के कारण वे चलनेफिरने में असमर्थ हैं. सुषमा का कहना है कि घर में बड़ी संतान होने के नाते मेरे बेटे ने बिना इस बात की परवा किए कि वह एक पैर से लाचार है, अपने सारे कर्तव्य पूरे किए. उस ने न सिर्फ एमए तक पढ़ाई कर के अच्छी नौकरी हासिल की बल्कि अपनी अपंग बहन को रोजाना स्कूल और कालेज लाने, ले जाने का काम भी उस  ने पूरा किया. नतीजा यह हुआ कि मेरी बेटी बेशक अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती, लेकिन उस ने बीएड तक पढ़ाई पूरी की और एक हैंडीकैप्ट बच्चों के स्कूल में अध्यापिका के पद पर सेवारत है. आज ये जिस मुकाम पर हैं वहां पहुंचने में इन बच्चों को अन्य सामान्य बच्चों की तुलना में कई गुणा ज्यादा मेहनत करनी पड़ी, लेकिन इन्होंने हार नहीं मानी. इस के पीछे वजह थी कि हम ने उन में कभी हीनभावना नहीं पनपने दी.

हर समय देखरेख की जरूरत  होती है :

रोहिणी निवासी काजल का 15 वर्षीय बेटा जन्म से ही विकलांग है. काजल का कहना है कि जब उस का बेटा पैदा हुआ था उसी समय डाक्टरों ने बताया कि इस के दिमाग का एक हिस्सा काम नहीं कर रहा है. इस के कारण वह बोल पाने में तो असमर्थ है ही, चलफिर भी नहीं सकता. हमारे बच्चे में ये सब दोष हैं, यह सोच कर दुख तो हुआ लेकिन हम ने अपने बेटे के लालनपालन व उस की देखभाल में कोई कमी  नहीं छोड़ी.

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मुझे और मेरे पति को हर समय अपनी सभी इंद्रियां खुली रखनी पड़ती हैं, पलपल अपने बच्चे का ध्यान रखना पड़ता है. उस को रोजाना स्पीच थेरैपी के लिए और मनोचिकित्सक के पास ले कर जाते हैं. वहीं, घर में उस से बात करने की कोशिश करते हैं. दरअसल, वह सुनता और समझता तो सबकुछ है लेकिन बोलने में असमर्थ है. इसलिए हम उस की हर तरह से देखभाल करते हैं.  मनोचिकित्सक डा. आर सी जिलोहा इस बारे में बताते हैं कि अपंगता 2 तरह से होती है, एक मानसिक विकलांगता और दूसरी शारीरिक. दोनों ही परिस्थितियों में विकलांग बच्चे की जरूरतें अलगअलग होती हैं. उसी आधार पर मातापिता को देखना चाहिए कि उन के बच्चे को किस तरह की देखभाल की जरूरत है. मसलन, बच्चा मानसिक रूप से विकलांग है तो उस की क्या जरूरतें हैं और उस की किस तरह से देखभाल करनी है और शारीरिक रूप से विकलांग है तो उस की क्या जरूरतें हैं.

मानसिक रूप से विकलांग बच्चों की समझ थोड़ी कमजोर होती है. ऐसे बच्चों को छोटी से छोटी बातें भी पेरैंट्स को सिखानी पड़ती हैं, जैसे उन को किस तरह से साफसुथरे रहना है, किस तरह से खाना खाना है, किस तरह से अपने सामान को रखना चाहिए आदि. ये हर रोज की जिम्मेदारियां होती हैं मातापिता के कंधों पर. डा. जिलोहा आगे बताते हैं कि शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों की जरूरतें अलग होती हैं. शारीरिक रूप से विकलांगता कई तरह से हो सकती है जैसे पैरों से अपाहिज होना या देखनेसुनने व बोलने में असमर्थ होना आदि. इन बच्चों में हालांकि सामान्य बच्चों जैसी सारी बातें होती हैं लेकिन वे किसी न किसी रूप में शारीरिक तौर पर अपंग होते हैं. ऐसे बच्चे हीनभावना के शिकार बहुत जल्दी हो जाते हैं.

पेरैंट्स को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि वे विशेष बच्चों को आम बच्चों की तरह से ही ट्रीट करें और उन को आगे बढ़ने का हौसला देते रहें. साथ ही, विशेष बच्चों की सीमा से ज्यादा उन से उम्मीदें लगाना ठीक नहीं है. जितना वे कर रहे हैं या कर सकते हैं उसी में मातापिता संतुष्ट रहें. उन में जो गुण मौजूद है उन को वे पहचानें और उसी आधार पर उन का कैरियर बनाने में उन की मदद करें.

पैदल चलने के फायदे

जब भी फिटनैस की बात होती है, तब पैदल चलना सब से सरल और अधिक असरदार माना जाता है. जो भी सजग हैं और बढ़ती उम्र को थाम लेना चाहते हैं, अच्छी सेहत के आनंद से वंचित नहीं रहना चाहते वे इस के लिए सब से बढ़िया नुसखा आजमाते हैं और पैदल चलना शुरू कर देते हैं.

पैदल चलना सब से सस्ता तरीका है जिस में आप को ज्यादा कुछ नहीं करना है, बल्कि अपने घर से सिर्फ निकलना है.

इन सरल नियमों का पालन कीजिए और हर दिन खुश और स्वस्थ रहिए :

1. रोजाना आदत डालें :

पैदल चलने को अपनी दिनचर्या में जितनी जल्दी हो शामिल कर लें यह. अन्य व्यायाम की तुलना में चलने में सब से ज्यादा आनंद आता है. चलते वक्त आप संगीत भी सुन सकते हैं और यदि आप अपने जीवनसाथी या फिर मित्र को भी अपने साथ चलने के लिए बुला लें तो और भी बेहतर है.

2. किसी उपकरण की जरूरत नहीं :

फिटनैस ऐक्सपर्ट्स भी कहते हैं कि प्रतिदिन हर व्यक्ति को सुबह व शााम पैदल चलना ही चाहिए. यह एक ऐसा व्यायाम है जिसे करने के लिए न ही किसी उपकरण की जरूरत होती है और न ही किसी पर निर्भर रहना पड़ता है. सबसे अच्छी बात यह कि किसी भी उम्र का व्यक्ति कभी भी कहीं भी कुछ मिनट के लिए पैदल चल सकता है.

3. अवसाद खत्म करता है :

पारंपरिक तौर पर सुबह के समय पैदल चलना ही सर्वोत्तम माना गया है. लेकिन अगर आप किन्हीं वजहों से आप सुबह के समय पैदल नहीं चल पाते हैं तो फिर आप को अपनी दिनचर्या के हिसाब से जब भी वक्त मिले पैदल चलने की कोशिश जरूर कीजिए. अगर आप दिन में नहीं जा सकते तो शाम को व दोपहर को भी घर से पैदल निकला जा सकता है. चिकित्सक कहते हैं कि पीठ पर पड़ती धूप और पैदल चलना अवसाद को मिटा देता है.

4. आरामदायक तरीका :

नियमित पैदल चलने के लिए आरादायक कपड़े पहनें. वैसे तो लोगों को जिस तरह के कपड़े पहनने की आदत होती है वही उन के लिए सब से आरामदायक होता है. लेकिन कसी जींस या साड़ी जैसे कपड़ों को पहनने से बचना चाहिए. सलवारकुरता या ट्रैकसूट जैसे कपड़े चलने के लिए आरामदयक होते हैं.

ऐसे करें शुरुआत : शुरुआत में आप थोड़ा कम भी चल सकते हैं. इस क्षमता को धीरेधीरे बढ़ाया जा सकता है. शुरू में आप 3 किलोमीटर चल रहे हैं तो 1-2 हफ्ते में उसे बढ़ा कर 5 किलोमीटर भी कर सकते हैं. लेकिन यह अपनी शरीर की ऊर्जा और क्षमता के अनुपात में ही करिए.

5. शरीर को स्वस्थ रखता है :

अगर पैदल चलना अपने जीवन का एक अभियान बना लिया है, तो यह बुखार, जुकाम, खांसी, सिरदर्द, बदन दर्द, थकान, कमजोरी, बाल गिरना, अवसाद, हताशा, घबराहट, मधुमेह, थायराइड आदि बीमारियों को वैसे भी दूर से भगा देगा.

खास खयाल : यह खास खयाल रखें कि मोबाइल का उपयोग करते हुए पैदल न चलें. यह घातक है साथ ही हमेशा फुटपाथ का ही इस्तेमाल करें पर जहां फुटपाथ न हो, वहां सड़क के दाहिनी ओर चलें.

ऐसे में आप को विपरीत दिशा से आ रहे वाहन आसानी से नजर आ जाएंगे, जबकि बाईं ओर चलने पर पीछे से आने वाले वाहनों के बारे में मालूम नहीं पड़ेगा. फुटपाथ न होने पर आप हादसे का शिकार हो सकते हैं.

कहां टहलनें :

यों तो पैदल चलने के लिए हराभरा क्षेत्र अच्छा होता है. अगर आप शहर में रहते हैं तो आप को आसपास ऐसे बगीचे अथवा पार्क भी मिल जाएंगे जहां जा कर आप सैर कर सकते हैं. बाग और हरीहरी घास में नंगे पाव चलना भ्रमण का महत्त्व बढ़ा देता है.

अगर यह नहीं हो पा रहा है तो महानगरों में पैदल चलने का शौक रखने वाले लोगों के लिए यह अनिवार्य है कि जहां क्रौसिंग हो, उसी के जरीए सड़क पार करें. मगर जहां उस की व्यवस्था न हो, वहां पर दोनों तरफ ट्रैफिक लाइट और वाहन देखने के बाद ही कदम आगे बढ़ाएं. फुटओवर ब्रिज और सबवे का इस्तेमाल करना एक समझदारी और सुरक्षा भरा उपाय है.

कई फायदे : पैदल चलने के कई फायदे हैं. यह दिल के मरीजों से ले कर घुटने के दर्द से परेशान लोगों को राहत दे सकता है. कमरदर्द का तो यह मुफ्त इलाज है ही साथ ही चुस्त बना कर सुस्ती का नामोनिशान तक मिटा देता है .

बेहतर बनाएं याद्दाश्त : पैदल चलना भूलने की समस्या दूर करने के लिए भी कारगर माना जाता है. पैदल चलने के बाद याद्दाश्त पहले के मुकाबले बेहतर हो जाती है. बगीचे अथवा पार्क में हरी दूब पर पैदल चलना आखों के लिए किसी औषधि से कम नहीं है.

शरीर रखता है फिट : अगर हर दिन 20 मिनट भी चलने लगें तो शरीर में शर्करा का स्तर संतुलित रह सकता है. एक आम स्वस्थ व्यक्ति के लिए रोजाना 40 से ले कर 80 मिनट तक के पैदल चलने को आदर्श माना जाता है.

6. ताकि आराम से चल सकें :

पैदल चलना है और काफी लंबा चलना है तो इस के लिए जूते पहनें ना कि चप्पलें. इस से किसी प्रकार की मोच या असंतुलन की स्थि‍ति नहीं बनेगी. पहने गए जूते आरामदायक हों ताकि चलते समय तकलीफ न हो.

7. चलने का सही तरीका :

चलते समय अपने हाथों को नीचे की ओर रखें और हाथ हिलाते हुए चलें. इस से शरीर में ऊर्जा का संचार होगा और स्फूर्ति बनी रहेगी. चलते समय किसी प्रकार का मानसिक तनाव न रखें.

8. संतुलित आहार जरूरी :

पैदल चलने का काम शुरू करते समय और समाप्त करते समय हमेशा चलने की गति धीमी रखें. इस के साथ ही सुबह की सैर के पश्चात संतुलित आहार की ओर भी विशेष ध्यान देना चाहिए.

9. उर्जा बढाएं :

बहुत सारे लोग तो घर की छत पर ही 40-50 मिनट पैदल चल कर अपनी रचनात्मक ऊर्जा बढा लेते हैं. मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि कल्पना, रचना, सृजन, सकारात्मक यह सब उन लोगों में भरपूर मिलता है जो हर दिन कम से कम 1 घंटा पैदल चलते हैं.

10. सुंदर एहसास :

जब नियमित पैदल चलने की आदत बन जाती है तब यह महसूस होता है कि सुंदर तितलियां, चिड़िया भी हमारे आसपास खुशी से मंडराती चली आई हैं और हवा के स्पर्श से ही मौसम के बदलाव को महसूस करने लगते हैं. यह एक चकित करने वाला एहसास होता है, पर असल में यह गुण पहले ही हमारे अंदर उपस्थित रहता है.

11. सब से खास और अलग व्यायाम :

यह तो मानना ही पड़ेगा कि बाकी तरह के व्यायामों की तुलना में चलने में सब से ज्यादा आनंद आता है. अगर हम अपनेआप को एक तरह के अनुशासन मे ढाल लें और पैदल चलने की मानसिकता को दिनचर्या का हिस्सा बना लें तो काफी सुंदर अनुभवों से खुद को सराबोर कर सकते हैं.

12. खूब लगती है भूख :

चिकित्सक भी यह साबित कर चुके हैं कि रोज 40 मिनट पैदल चलने वालों को खूब खुल कर भूख लगती है साथ ही खाना आसानी से पच भी जाता है. बगैर किसी खर्च के शरीर को तराशना है तो पैदल चलना कुदरत का निशुल्क उपहार है.

13. रोमांचक अनुभव :

खुद के लिए घर के भीतर बनाई गई सुविधाजनक दीवार से बाहर आ कर अपनी देह को आनंदित होने देना चाहिए. बेहतरीन सेहत के लिए प्रकृति को सूक्ष्मता से सीखनासमझना बहुत जरूरी है. जीवन का हर आम दिन हमें तैयार करता है उस रोमांचक अनुभव के लिए.

हमें नियमित पैदल चल कर एक खिलाड़ी की तरह हर दिन की शुरुआत करनी चाहिए.

14. बनिए स्मार्ट :

पैदल चलना न सिर्फ मोटापे को दूर करता है, बल्कि पेट की चर्बी खत्म कर आप को स्मार्ट भी बनाता है. विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना पैदल चलने वालों का शरीर हमेशा स्वस्थ रहता है.

ध्यान दें : जब भी पैदल टहलने निकलें तो न तो जेब में मोबाइल रखें और न ही कानों में लीड लगाए संगीत सुनें. ऐसा करना आप के लिए असुरक्षित हो सकता है.

Serial Story: तुम से मिल कर

 

 

 

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