कोरोनावायरस में अगर सर्जरी करवाएं तो पहले की तुलना में खर्च ज्यादा आएगा?

सवाल-

मैं ने सुना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान अगर मैं सर्जरी कराती हूं तो पहले की तुलना में खर्च अधिक आएगा?

जवाब-

हां, यह बिलकुल सही है कि कोरोना संक्रमण के दौरान किसी भी प्रकार की सर्जरी पर खर्च अधिक आ रहा है. ऐसा इसलिए है कि संक्रमण से बचाव के लिए मैडिकल टीम और मरीज, सभी को कई विशेष सुरक्षात्मक चीजों का इस्तेमाल करना पड़ता है, जिस का खर्च मरीज को उठाना पड़ता है, जिस से सर्जरी थोड़ी महंगी हो जाती है.

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कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वैज्ञानिक नित्य नए रिसर्च के द्वारा इस बीमारी की जानकारी देते जा रहे है, पर अभी तक न तो इस दिशा में कोई ठोस जानकारी मिली है और न ही कोई इलाज. सबकी नजर वैक्सीन पर टिकी हुई है, ताकि जन मानस को इस जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके,ऐसे में विकल्प सिर्फ मास्क पहनना, सेनीटाईजर का प्रयोग करना, साबुन से हाथ धोना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना ही है. कोरोना के लक्षण में लगातार परिवर्तन विश्व स्तर पर देखे जा रहे है. भारत में भी इस पर वैज्ञानिकों की अलग-अलग मत सामने आ रहे है. कोरोना आंखों के द्वारा कितना फ़ैल सकती है, इस बारें में विजन ऑय सेंटर के नेत्र रोग,सर्जन विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु मेहता कहते है कि आंखों में कॉनजन्क्तिवाईटिस या सब कॉनजंकटाइवल हेमरेज कभी-कभी कोरोना वायरस का पहला लक्षण हो सकता है. इन दिनों अधिकतर मरीजों को फ़ोन पर ही दवाइयां दी जा रही है, उन्हे बुलाया नहीं जाता, क्योंकि वे स्टाफ और दूसरे मरीजो को संक्रमित कर सकते है. लॉक डाउन से पहले कॉनजन्क्तिवाईटिस के रोगी आते थे, लेकिन तब किसी को कोरोना के बारें में पता नही था. जब ये बीमारी फैली तब जाकर रिसर्चर्स ने पाया कि ये दोनों बीमारी कोरोना संक्रमण के प्राम्भिक लक्षण हो सकते है. साधारणत: आंख आ जाना और इसमें काफी अंतर है. बारिश के मौसम में काफी लोगों को वायरल इन्फेक्शन होता है. सालों साल ये होता आ रहा है. पहले एडिनो वायरस था, अब कोरोना वायरस है.

पूरी खबर पढ़ने के लिए- आंखों से नहीं फैलता कोरोना – डॉ. हिमांशु मेहता

कैसे रहे राशन सुरक्षित, जानें यहां

घर में राशन ले कर आने के बाद उसे रखने में सावधानी बरतें. अगर राशन सही ढंग से न रखा जाए तो उस में से दुर्गंध आने लगती है, उस में कीट व कीटाणु पनपने लगते हैं और वह खाने के योग्य नहीं रह जाता. इसलिए उस की साफसफाई की तरफ विशेष ध्यान देना जरूरी होता है. राशन की देखभाल कैसे की जाए, बता रहे हैं सरदार बल्लभभाई पटेल एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कीट वैज्ञानिक घनानंद तिवारी.

अनाज के शत्रु कीट

खपरा बीटल

यह स्टोर में रखे अनाज का सब से बड़ा दुश्मन है. इस के बच्चे दाने के अंदर के हिस्से को खा कर नुकसान पहुंचाते हैं. प्रभावित अनाज से पाउडर निकलना शुरू हो जाता है.

सूंड़ी

यह दाने में सूक्ष्म छेद कर के इसे खोखला बना देती है.

कैसे पहुंचते कीट स्टोररूम तक

कुछ कीट अनाज, दालों व उन की फलियों पर दिए अंडों के जरिए घरों तक पहुंच जाते हैं.

अनाज ढोने के वाहन में छिपे कीट भी आप के स्टोररूम में पहुंच सकते हैं.

कई बार पुराने बोरोें के प्रयोग से भी कीट अनाज तक पहुंच जाते हैं.

स्टोररूम की दीवारों की दरारों और छेदों में घुस कर भी ये अनाज तक पहुंच जाते हैं.

अगर आप स्टोररूम में गंदगी रखते हैं, तो कीट बहुत जल्दी वहां पैदा हो जाते हैं.

राशन स्टोर कैसे करें

राशन को स्टोर करने से पहले अनाज के दानों को धूप में अच्छी तरह से सुखा कर साफ कर लेना चाहिए.

जिस जगह आप राशन स्टोर कर रहे हैं, वह नमीमुक्त होना चाहिए.

भंडारण से पहले ध्यान रखें कि दाने साफ हों व टूटेफूटे न हों.

पुराने अनाज में नया अनाज नहीं मिलाना चाहिए.

जहां अनाज स्टोर कर रहे हैं, उस जगह की दीवारों में अगर दरारें या छेद हैं, तो सामान रखने से पहले उन्हें सीमेंट से भर दें और पुताई करा दें.

स्टील के कंटेनर में सामान भरने से पहले उस में पहले पेंट कर दें, तो सामान पर नमी नहीं आएगी.

प्लास्टिक का कंटेनर अनाज रखने के लिए उपयुक्त रहता है. जिस स्थान पर आप कंटेनर रख रहे हैं, वहां पहले चारकोल बिछा लें. इस से अनाज कीड़ों से सुरक्षित रहता है.

अनाज को स्टोर करने से पहले स्टोररूम में सेल्फास, डीलोसिया या फिर फौसरौक्सीन का धुआं कर लें.

यदि स्टोररूम में पुराने बोरों का प्रयोग करना है, तो इन्हें 1% मैराथियान के घोल में 10 मिनट तक डुबो दें और सुखा कर प्रयोग करें.

स्टोररूम में रखे अनाज को हर 15 दिन के अंतराल में चैक करते रहें कि वह ठीक है या नहीं.

स्टोररूम को बारबार खोलना नहीं चाहिए, लेकिन कुछ दिनों के अंतराल में 1 बार चैक जरूर कर लें.

अनाज के बोरों को दीवारों से दूर रखें.

अनाज को भरने से पहले चैक कर लें कि उस में 10% से ज्यादा नमी न हो.

स्टोररूम के आसपास गंदगी न रहने दें.

स्टोररूम के खिड़कीदरवाजे अच्छी तरह से बंद होने चाहिए, ताकि चूहे आदि के जानेआने का रास्ता न बन पाए.

रक्षा के घरेलू उपाय

चावल को स्टोर करने के लिए पहले नीम की पत्तियों को छाया में सुखा लें और फिर कंटेनर में नीचे रख दें और फिर चावल भर कर उस के ऊपर और पत्तियां रख दें. इस से कीड़े होने की संभावना कम होती है और अगर कीड़े होते भी हैं तो इन पत्तियों के सेवन से मर जाते हैं.

चने, छोलों और गेहूं को धूप में सुखाया जा सकता है, लेकिन चावल को धूप में न सुखाएं वरना वह खराब हो जाएगा.

दाल को 2 या 3 महीने के लिए स्टोर करने के लिए उस पर सरसों के तेल की मालिश करें यानी हलके हाथों से हलका सा सरसों का तेल दाल पर लगा दें और फिर धूप में सुखा कर दाल भरें. इस से वह साफ रहेगी.

चना व दालों को ढोरों से सुरक्षित रखने के लिए अनाज के ऊपर 3 इंच मोटी रेत की परत बनाएं. लेकिन बाद में खाने के लिए इस का प्रयोग करते समय इसे अच्छी तरह साफ कर लें ताकि सारी रेत निकल जाए.

इसी तरह राजमा, छोले पर भी सरसों का तेल लगा कर धूप में सुखाने के बाद भरने से वे सुरसुरियों जैसे कीड़ों से बचे रहते हैं. इस के अलावा 100 किलोग्राम चने में 1 किलोग्राम नीम की निंबोली मिलाने से भी वे सुरक्षित रहेंगे.

गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए उस में प्याज भी मिलाया जा सकता है. 1 क्ंिवटल गेहूं में आधा किलो प्याज मिलाएं. सब से पहले प्याज को नीचे रखें और फिर बीच में. इस के बाद सब से ऊपर रखें. इस से कीड़े नहीं आएंगे.

आटे और चावल को कीड़ों से बचाने के लिए साबूत लालमिर्च और साबूत नमक डब्बे में डाल दें. खाने वाले नमक के टुकड़ों को भी कौटन के कपड़े में बांध कर गेहूं में ऊपरनीचे लेयर बना कर रख दें.

वैसे 100 किलोग्राम गेहूं में 1 किलो भूसा मिला कर रखने से भी वह कीट व कीटाणुओं से बचा रहता है, लेकिन बाद में गेहूं साफ करने में मेहनत करनी पड़ेगी. इसलिए सोचसमझ कर ही भूसा मिला कर रखें.

घरेलू प्रयोग के लोहे की टंकी आदि में गेहूं को सुरक्षित रखने के लिए टंकी में 1 क्विंटल गेहूं रखते समय तीलियों से भरी एक माचिस तली में, दूसरी मध्य में तथा तीसरी सब से ऊपर रखनी चाहिए.

1 किलोग्राम नीम की पत्तियों को छाया में

सुखा कर भंडारण करने से पहले टंकी की तली में बिछाने से भी गेहूं खराब नहीं होगा.

सुरक्षा के अन्य उपाय

बैद्यनाथ की पारद टैबलेट:

आमतौर पर घरों में राशन में डालने के लिए यही टैबलेट इस्तेमाल की जाती है. 1 क्विंटल में इस की 4-5 गोलियां डालें. ईडीबी एंपल कैमिकल: इसे अनाज में रखा जा सकता है. यह कीटाणुओं से अनाज की सुरक्षा करता है और आप को कीटनाशक रखने वाली किसी भी दुकान पर मिल जाएगा. 1 क्विंटल अनाज के लिए यह 3 मि.ली. काफी होता है.

इस के अलावा खाने के लिए रखे अनाज के कीड़ों को मारने के लिए एल्युमिनियम फास्फाइड अर्थात सल्फास का प्रयोग करना चाहिए तथा इस की 1 गोली 10 क्विंटल अनाज के हिसाब से 2 या 3 फुट गहराई पर रखनी चाहिए.

कीड़ों से बचाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले कीटनाशक हैं- एल्युमिनियम फास्फाइड, क्लोरोमोनो प्रोटोफास व साइफेट.

सावधानी:

जब आप अनाज या राशन इस्तेमाल में लाएं, तो उसे धो कर अच्छी तरह साफ कर लें. गोलियां रखने के लिए कौटन का एक कपड़ा लें और उस में गोलियां रख कर छोटीछोटी पोटलियां बना लें. फिर उन्हें अनाज के बीचोबीच या लेयर में रख दें. पूरे साल का राशन स्टोर करने के लिए राशन स्टोर करने की जगह को कीटरहित करने के लिए 0.5% मैलाथियान के घोल यानी एक भाग दवा और उस का 100 गुना पानी से फर्श, दीवारों व छत पर छिड़काव करना चाहिए. इस के बाद उस कमरे को 7 दिन के लिए हवाबंद कर दें.

अगर आप का बड़ा परिवार है और आप ने अनाज की कई बोरियां खरीद ली हैं, तो अनाज व बोरियों को सीधे दीवार से सटा कर नहीं रखना चाहिए, बल्कि उन्हें लकड़ी के तख्तों व बांस की चटाई पर रखना चाहिए. जहां तक संभव हो तो अनाज को धातु की बनी टंकियों में रखें. खाने के लिए रखे अनाज के कीड़ों को मारने के लिए एल्युमिनियम फास्फाइड अर्थात सल्फास का प्रयोग करना चाहिए तथा इस की 1 गोली 10 क्विंटल अनाज के हिसाब से 2 या 3 फुट गहराई पर रखें, क्योंकि इस से निकलने वाली गैस हवा से भारी होती है, जो ऊपर से नीचे की ओर जाती है और कीड़ों को मार देती है.

कोरोना वायरस के बीच मां बनीं ये टीवी एक्ट्रेस, शेयर किया एक्सपीरियंस

कसौटी जिंदगी की, कहानी घर-घर की, उतरन, जमाई राजा, कवच, दो हंसों का जोड़ा आदि कई सीरियल में काम कर नाम कमा चुकी अभिनेत्री प्रणिता पंडित 6 साल की शादीशुदा जिंदगी बिताने के बाद कुछ ही दिनों में मां बन गई हैं. लॉक डाउन और कोरोना संक्रमण के दौरान उन्हें अपने परिवार से मिलने और गले लगने का समय नहीं मिल रहा है, पर वह अपनी होने वाली इस नयी पहचान से बेहद खुश है और बहुत उतावलेपन से बच्चे के आने का इंतजार कर रही है. उसके हिसाब से मां बनना किसी भी महिला के लिए वरदान है, जिसका सुख उन्हें मिला है. वह अपने पति शिवी पंडित के साथ इन दिनों मुंबई में रह रही है, जो उनका बहुत ख्याल रख रहे है. क्या कहती है प्रणिता अपने इस नयी अनुभव के बारें में आइये जाने उन्ही से.

सवाल- मां बनना आपके लिए कितना सुखद रहा? 

मां बनना वाकई बहुत सुखद एहसास होता है और मैंने सुना था कि मां बनने के बाद बहुत अच्छा लगता है. अच्छा लगने के साथ-साथ कई समस्याएं भी है. 9 वें महीने में तो मुझे 30 दिन नहीं 1500 दिन लग रहे थे. किसी भी दिन वह हमारी जिंदगी में आ सकती थी. ख़ुशी के साथ-साथ नर्वसनेस भी बहुत थी. सारे मिक्स्ड इमोशन है. आसपास के सभी कह रहे थे कि बेबी के आते ही मां अपने सारे कष्टों को भूल जाती है. इस समय मेरी मां, सास सभी लोग मेरी डांट सुन लेते है. सब मुझे हैंडल कर ले रहे है. अभी मैं मां की हर बात को समझ सकती हूं, जब तक आप उस दौर से गुजरते नहीं, उसे समझ नहीं सकते.

सवाल- अभिनय में आना एक इत्तफाक था या सोचा था?

अभिनय में आना मेरे लिए एक इत्तफाक ही था. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक्ट्रेस बनूँगी. बालाजी ने मुझे अभिनय करने का मौका दिया. मुझे एक्टिंग आती भी नहीं थी. मैं पूणे में पढाई करने के दौरान मुझे ये ऑफर मिला .मैंने काम किया और लगा कि यही मेरा कैरियर है, क्योंकि मुझे पसंद है. इसके बाद से मुझे पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. इसमें मेरे माता-पिता का पूरा सहयोग रहा है, इसलिए मैं यहाँ तक पहुँच पाई.

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सवाल- पहली बार जब पेरेंट्स से अभिनय की बात कही तो उनकी प्रतिक्रिया कैसी थी?

उनकी प्रतिक्रिया अच्छी नहीं थी. मेर पिता राजेश कुमार साहू खुश नहीं थे, क्योंकि कोई भी इस क्षेत्र से जुड़े नहीं है. अलग वातावरण परिवार का रहा है, उन्होंने भी कभी नहीं सोचा था कि मैं इस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाउंगी. धीरे-धीरे वे मान गए. इसके अलावा मैं कभी भी अपने काम को लेकर असुरक्षित नहीं थी. मेरा प्लान बी भी था. इससे मुझे काम मिलता गया और मैं हमेशा अपने काम को लेकर खुश रही. 

सवाल- दिल्ली से मुंबई आना कैसे हुआ?

मैं काम के साथ मुंबई आई थी, क्योंकि उस समय मैं पुणे में बी बी ए की पढाई कर रही थी. निर्माता, निर्देशक एकता कपूर ने मेरी फोटो कही देखी थी और मुझसे कांटेक्ट किया और मुझे काम मिला.

सवाल- आपके मां बनने के सफ़र में पति आपका कितना ध्यान रखा?

वे मेरा बहुत ध्यान रखते है. अभी वे काफी रेस्पोंसिबल और धैर्यवान बन गए है, क्योंकि अभी कोरोना संक्रमण का समय है, ऐसे में बाहर की पूरी दायित्व वे सम्हाल रहे है. हर चीजे साफ़ सुथरी और हायजिनिक तरीके से मेरे पास पहुंचे इसका ख्याल रख रहे है. मेरे सास ससुर भी इसका पूरा ध्यान रख रहे है. 

सवाल- कोरोना में डिलीवरी की प्लानिंग कैसे कर रही है?

अभी तो हॉस्पिटल में किसी भी परिवारजन का जाना संभव नहीं है. मेरे पति साथ जायेंगे और 3 दिन तक मेरे साथ ही रहेंगे और जिस दिन डिस्चार्ज मुझे मिलेगा. उस दिन ही मेरे साथ बाहर आयेंगे. कोविड टेस्ट होगा. इसके अलाव हायजिन की सारी प्रक्रिया फोलो करनी पड़ेगी. मास्क जरुरी है. मैंने अभी तक गायनोकोलोजिस्ट की शक्ल तक नहीं देखी है, क्योंकि वह मास्क में रहती है.  मैं टच एंड फील को बहुत मिस कर रही हूं. मैं अपने माता-पिता से मिल नहीं सकती उनसे गले नहीं मिल सकती. बहुत ही अलग अनुभव हो रहा है. उस गैप को भरना है और कोशिश कर रही हूं. 

सवाल- पति शिवी पंडित से कैसे मिली थी?

वे मेरे क्षेत्र से नहीं है वे एक व्यवसायी है और मेरी रिश्तेदारी में है. इसलिए उनसे मिलना हुआ.ये शादी एरेंज्ड कम लव है. 

सवाल- कौन सी धारावाहिक आपके दिलके करीब है और क्यों?

धारावाहिक ‘कसम तेरे प्यार की’ मेरे दिल के बहुत करीब है, उसमें मैंने कृतिका के साथ काम किया था उसके 10 साल बाद भी मैंने उसके साथ काम किया. उसमें मैंने पॉजिटिव और उसने निगेटिव भूमिका निभाई थी, पर रियल लाइफ में हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त है. इसमें पहले मेरा काम बहुत कम था, पर बाद में बहुत लम्बा चला और पैरेलल लीड भी रहा. उससे बहुत प्रोत्साहन मिला. 

सवाल- आजकल इंडस्ट्री में लोग मायूस बहुत हो रहे है, अभिनेता शमीर शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली है, क्या होता है ऐसे कलाकारों के साथ, जो सफल होने के बाद भी डिप्रेशन के शिकार होकर अपना जीवन ख़त्म कर लेते है? आप क्या सोचती है?

मैंने उनके साथ धारावाहिक ‘कहानी घर-घर की’ और कही किसी एपिसोड में भी काम किया है. वे एक जेंटल इंसान थे. असल में कलाकार अधिकतर इमोशनल और सेंसेटिव होते है. कई बार सारे इमोशन स्क्रीन पर दिखा देते है, पर रियल लाइफ में उसे किसी के आगे रख नहीं पाते. ये दुःख की बात है, ऐसे कलाकार को कोई नहीं मिलता जो उसकी रियलिटी को समझ सकें. मेरे हिसाब से ये बहुत सारा पारिवारिक और इमोशनल सपोर्ट का होता है. काम करते हुए व्यक्ति अपनी जिंदगी में इतने व्यस्त हो जाता है कि अपने परिवार को उतना महत्व नहीं दे पाता, उनसे जुड़े नहीं रहते जितना जुड़े रहने की जरुरत होती है, ऐसे में अकेलापन, जो उनकी ख़ास बीमारी हो जाती है, जिससे उसे अकेले ही जूझना पड़ता है. आजकल लोग बनावटी अधिक होते है, वे अपने असली समस्या को किसी के आगे ज़ाहिर करना नहीं चाहते. वे उपर से खुश नजर आते है, पर अंदर से दुखी होते है. साथ ही ऐसे किसी भी व्यक्ति की बात कोई सुनना नहीं चाहता. सुनने वाला आज कोई नहीं है, सुनने से पहले ही जज करने लगते है. बाते बनने लगती है. कुछ लोग तो ‘कुछ नहीं होता, ठीक हो जायेगा’ कहकर बात को टाल देते है. किसी भी बात को सुनने का धैर्य व्यक्ति में होने की आज जरुरत है, भले ही बात मामूली हो. इसके अलावा आजकल शादियों में, रिलेशनशिप में भी समस्या आती रहती है. इंडस्ट्री में प्लेटफॉर्म बढ़ने के बावजूद संघर्ष बहुत अधिक है. काम मिलना आसान नहीं होता. चीजे आसान लगती है, पर जब आप काम ढूंढने जाते है तो वह मुश्किल से मिलता है. 

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सवाल- कोरोना संक्रमण की वजह से लोग घरों में कैद है, लेकिन इससे सबको सीख क्या मिली है?

(हंसती हुई) सीख सबको कुछ न कुछ अवश्य मिली है. मैं अपने लिए ये कहना चाहूंगी कि हम सभी ने बिना जरुरत की चीजों को बहुत मूल्य दिया है, जबकि अब सब कुछ बेसिक में चला गया है. हर इंसान अब बेसिक के साथ जी रहा है, जिसमें उसे अपना परिवार के महत्व को समझ में आ रहा है. असल में अबतक परिवार हमारे घर में होती है और हम बाहर दोस्तों के साथ होते थे. इस समय कोई दोस्त नहीं है, कोई आपको नहीं मिलेगा. बाहर दोस्त नहीं, सिर्फ कोरोना वायरस है, जिससे आपको बचना है. कोई फिजूलखर्ची नहीं. लाइफ आसान हो गयी है. पैसे कमाने की होड़ में पैसे तो मिले पर इमोशन नहीं. लोग अकेले होते जा रहे है. ये अजीब बात अवश्य है, पर कोरोना ने इमोशनली रिच अवश्य बनाया है पर मटेरियलिस्टिक हम सब गरीब हो गए है. अब मैं हर चीज को खरीदते समय उसकी जरुरत को अपनी जिंदगी में अवश्य देखूंगी. मैं हमेशा पहले अधिक बीमार पड़ती थी, पर अब ठीक हूं, क्योंकि घर का खाना खा रही हूं. 

रुठी नायरा संग 2050 में रोमांस करता दिखा बूढ़ा कार्तिक, Photos Viral

सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है की टीम लौकडाउन के बाद से फैंस को एंटरटेन करने के लिए शो में नए-नए ट्विवस्ट ला रहे हैं. हाल ही में शो के नए प्रोमो में दिखाया गया था कि पिता का मानसिक संतुलन बिगड़ने से कार्तिक उनका ख्याल रखता हुआ नजर आया. लेकिन अब सोशलमीडिया पर कुछ फोटोज वायरल हो रही हैं, जिसमें नायरा और कार्तिक बूढ़े होते हुए नजर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला…

2050 में पहुंचे नायरा-कार्तिक

ये रिश्ता क्या कहलाता है में कार्तिक और नायरा रातों रात बूढ़े हो गए हैं. वायरल फोटोज के मुताबिक कार्तिक और नायरा भी अपने ख्यालों में बूढ़ापे की सैर करते करते 2050 में पहुंच गए हैं. वहीं बूढ़े होने के बावजूद कार्तिक और नायरा का प्यार बिल्कुल भी कम नहीं हुआ है.

बीवी को मनाता नजर आया कार्तिक

फोटोज में कार्तिक बड़े ही प्यार से अपनी पत्नी को मनाता नजर आ रहा है. वहीं लुक की बात करें तो जहां मोहसिन खान ब्राउन कलर के सूट में नजर आ रहे हैं तो वहीं शिवांगी जोशी भी व्हाइट ऑरेंज कलर की ड्रेस में दिख रही हैं. दोनों ने बूढ़ा दिखने के लिए मेकअप के साथ साथ चश्मा भी लगाया हुआ है.

फैंस को पसंद आया कपल का लुक

2050 में नायरा और कार्तिक का बुढ़ापा फैंस को काफी पसंद आ रहा है. वह इस लुक की सोशलमीडिया पर काफी तारीफें करने में लगे हैं.

शो में दिखेगा नया ड्रामा

नायरा-कार्तिक के रोमांस के बीच शो में जल्द ही नया ड्रामा देखने को मिलने वाला है. हाल ही में रिलीज किए गए प्रोमो के मुताबिक, कार्तिक अपने पिता की जिम्मेदारियां उठाता नजर आने वाला है. वहीं नायरा इस मुश्किल वक्त में कार्तिक का हर कदम पर साथ देते हुए नजर आएगी.

Naagin 5: हिना खान के प्यार के लिए होगी इन दो एक्टर्स में जंग, देखें Promo

टीवी क्वीन एकता कपूर (Ekta Kapoor) का सुपर नैचुरल शो नागिन 5 (Naagin 5) शुरू होने से पहले ही फैंस के बीच सुर्खियां बटोर रहा है. हाल ही में एक्ट्रेस हिना खान (Hina Khan)ने सीरियल में अपने लुक की फोटोज शेयर की थीं, जिसे फैंस ने काफी पसंद किया था. इसी के साथ अपने शो में होने का भी खुलासा किया था. वहीं अब शो की स्टारकास्ट को लेकर एकता कपूर ने एक प्रोमो के साथ पर्दा उठाया दिया है. आइए आपको बताते हैं क्या है शो के प्रोमों में खास…

दिखाई प्रोमो की झलक

जारी किए गए प्रोमो के अनुसार, हिना खान, मोहित मल्होत्रा और धीरज धूपर लीड रोल में नजर आएंगे. एकता कपूर के बैनर ने इस प्रोमो को शेयर करते हुए लोगों को इस बात की जानकारी दी है कि ‘नागिन 5’ इसी वीकेंड की 9 तारीख से यानी कल से शुरू हो जाएगा, जो कि शनिवार और रविवार को रात 8 बजे दिखेगा.

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प्यार के लिए होगी जंग

 

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खबरों की मानें तो हिना खान के इस शो की कहानी में अपने प्यार को जीतने के लिए हर मुमकिन कोशिश करते हुए नजर आएंगे मेल किरदार. इसी के साथ ही शो की कहानी को दिलचस्प बनाने के लिए हिना खान का लुक भी बाकी सीजन से हटकर दिया गया है.

बता दें, बीते दिनों लौकडाउन के कारण सीरियल नागिन 4 को अपने समय से पहले ही बंद करना पड़ा था, जिसके बाद एकता कपूर ने अपने इस शो को लेकर खुलासा किया था और फैंस को एक नई और दिलचस्प स्टोरी लाने का वादा किया था.

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‘बारिश’ के टीजर में शिवांगी और मोहसिन की दिखी सिजलिंग केमिस्ट्री, देखें Video

टीवी सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है की नायरा-कार्तिक की जोड़ी फैंस के बीच काफी पौपुलर है. वहीं रियल लाइफ की बात की जाए तो फैंस मोहसिन खान और शिवांगी जोशी को साथ देखने के लिए बेकरार रहते हैं और दोनों की फोटोज और वीडियोज सोशलमीडिया पर शेयर करते रहते हैं. इसी बीच मोहसिन और शिवांगी ने अपने फैंस को तोहफा देने वाले हैं. दरअसल दोनों जल्द ही एक म्यूजिक वीडियो में नजर आने वाले हैं, जिसका टीजर सोशलमीडिया पर वायरल हो रहा है. आइए आपको दिखाते हैं क्या है इस म्यूजिक वीडियो की….

सिजलिंग केमिस्ट्री आएगी नजर

मोहसिन खान और शिवांगी जोशी जल्द ही ‘बारिश’ म्यूजिक वीडियो में नजर आने वाले हैं. हाल ही में मेकर्स ने इस गाने का टीजर जारी किया है, जिसमें शिवांगी जोशी और मोहसिन खान की सिजलिंग केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आ रही है.

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शिवांगी ने शेयर किया वीडियो

फैंस के बीच अपने इंस्टाग्राम पर शिवांगी जोशी ने म्यूजिक वीडियो का टीजर शेयर करते हुए कैप्शन दिया, ‘तुम्हें बारिश बड़ा याद करती है…आज भी मुझसे तेरी बात करती है! बारिश गाना जल्द ही 11 अगस्त 2020 को रिलीज होने जा रहा है. कैसा लगा टीजर?’ वहीं टीजर को देखने के बाद फैंस उनकी जमकर तारीफें कर रहे हैं. वहीं ‘बारिश’ गाने के लिए पायल देव और स्टेबिन बेन ने अपनी आवाज दी है. इसके बोल कुनाल वर्मा द्वारा लिखे गए हैं. इस बीच आरिफ खान द्वारा निर्देशित वीडियो का म्यूजिक आदित्य देव ने दिया है.

बता दें, हाल ही में लौकडाउन के बाद शो में नए-नए ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं. हालांकि टीआरपी चार्ट्स में वह अपनी जगह नही बना पाए. लेकिन हाल ही में शो के प्रोमो ने एक बार दर्शकों के बीच खलबली मचा दी है, जिसे देखकर लोग शो में क्या होने वाला है, जानने के लिए बेताब हैं.

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किचन में न दें कीटाणुओं को न्योता

जिस जगह से हम अपने परिवार को पौष्टिक भोजन परोसते हैं वहां अगर कीटाणु रहेंगे तो हमारे अपने स्वस्थ नहीं रह पाएंगे. ऐसे में किचन की खास साफसफाई की जरूरत होती है, खास कर उन चीजों और जगहों की जहां बैक्टीरिया के पनपने और छिपे होने की सब से ज्यादा संभावना होती है. जानिए, जर्म्स व बैक्टीरिया के हौटस्पौट्स और उन्हें क्लीन करने के तौरतरीकों के बारे में:

बैक्टीरिया का घर किचन टौवेल

हर घर की किचन में स्लैब को साफ करने के लिए टौवेल्स होती ही हैं, जिन से न सिर्फ हम स्लैब साफ करते हैं, बल्कि कई बार जल्दी में होने के कारण उन से बरतन तक साफ कर लेते हैं. अगर आप भी ऐसा कुछ करती हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि किचन टौवेल में मौइस्चर रहने के कारण उस में कैलिफौर्म बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो लिवर से जुड़ी समस्याओं जैसे इंफैक्शन इत्यादि का कारण बनते हैं.

किचन टौवेल को रोज इस्तेमाल के बाद डिशवाश जैल मिले कुनकुने पानी में कुछ देर भिगो कर रखें और फिर पानी से धो कर सुखा लें. हाथ व बरतन पोछने वाले कपड़ों को भी इसी तरह अलगअलग भिगो कर साफ करें. कोरोना काल में तो ऐसा रोजाना करने का नियम जरूर बनाएं.

माइक्रोवेव प्लेट पर पनपते हैं जर्म्स

मौडर्न किचन के इस दौर में हर घर में माइक्रोवेव होता ही है. ऐसे में हम हर छोटीछोटी चीज के लिए स्टोव पर निर्भर न रह कर माइक्रोवेव से ही काम चला लेते हैं, जैसे खाना गरम करना या अन्य छोटीमोटी डिशेज तैयार करना. अगर आप ने इसे सही तरीके से साफ नहीं किया तो आप बीमार हो सकते हैं.

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रिसर्च में यह साबित हुआ है कि माइक्रोवेव प्लेट पर 100 गुणा ज्यादा कीटाणु होते हैं. और हम यही सोचते हैं कि जब हम माइक्रोवेव को गरम करते हैं तो उस से बैक्टीरिया मर जाते हैं. जबकि ऐसा नहीं है. कुछ बैक्टीरिया मर जाते हैं लेकिन कुछ बैक्टीरिया काफी स्ट्रौंग होते हैं, जिन पर इस का कोई असर नहीं पड़ता है और ये संख्या में बढ़ते ही चले जाते हैं.

माइक्रोवेव का इस्तेमाल करने से पहले और बाद में उस की प्लेट को अच्छे से साफ करना न भूलें. हफ्ते में एक बार माइल्ड क्लीनर से माइक्रोवेव को अच्छी तरह साफ करें और सूखने दें. आप बैक्टीरिया को मारने के लिए पानी में नीबू को काट कर माइक्रोवेव में 30 सैकंड के लिए चलाने वाली ट्रिक भी यूज कर सकती हैं. इस से निकली स्टीम बैक्टीरिया को मारने में सक्षम होती है.

चौपिंग बोर्ड को न करें नजरअंदाज

चौपिंग बोर्ड का इस्तेमाल सब्जियों, फलों को काटने के अलावा और भी कई कामों में होता है. ज्यादातर गृहिणियां इसे इस्तेमाल करने के बाद सिर्फ पानी से साफ कर रख देती हैं. यदि आप ऐसा करती हैं तो जान लें कि यह सीधेसीधे सेहत से खिलवाड़ करना है.

एक शोध की मानें तो चौपिंग बोर्ड पर टौयलेट सीट से भी कहीं ज्यादा संख्या में कीटाणु पनप सकते हैं. जिस में सालमोनेला और कैंपाइलोबैक्टर बैक्टीरिया शामिल हैं, जो फूड पौइजनिंग का कारण बनते हैं. इसलिए जरूरी है कि कच्चे और पके हुए खाने के लिए अलगअलग चौपिंग बोर्ड का इस्तेमाल हो.

इस्तेमाल करने के बाद उस पर बैक्टीरिया न पैदा हो, इस के लिए आप उसे हर बार यूज करने के बाद गरम पानी में नीबू मिला कर या फिर गरम पानी से अच्छे से साफ करें. इस से सारे बैक्टीरिया मर जाते हैं. कोशिश करें उसे सूखने के बाद ही इस्तेमाल करें.

किचन सिंक

रिसर्च में यह साबित हुआ है कि कैलिफौर्म बैक्टीरिया और मोल्ड्स किचन सिंक में पनपते हैं, क्योंकि यही वह जगह होती है जहां हम फलों, सब्जियों और जूठे बरतनों को साफ करते हैं. ऐसे में सिंक की सफाई को नजरअंदाज करना परिवार की सेहत पर भारी पड़ सकता है.

इस के लिए जरूरी है कि आप सिंक में गरम पानी डाल कर फिर स्पौंज पर एक बड़ा चम्मच ब्लीच डाल कर उस से सिंक को साफ कर के 5 मिनट के लिए छोड़ दें और फिर पानी से साफ कर लें. यह बैक्टीरिया को मारने में काफी असरदार है.

स्टोव नौब्स

जब भी गैस पर काम करने जाते हैं तो उस के नौब को ओपन करना ही पड़ता है. जिस कारण बारबार उस पर हाथ लगता ही है. ऐसे में स्टोव नौब में सब से ज्यादा बैक्टीरिया के पैदा होने के चांसेस होते हैं. आप को जान कर हैरानी होगी कि घर में स्टोव नौब को टौप 10 जर्म्स वाली जगह में गिना जाता है.

ऐसे में अगर आप चाहती हैं कि आप के खाने में बैक्टीरिया न जाएं तो 3-4 दिन में आप गरम पानी में डिशवाश जैल डाल कर उस की सफाई करें, साथ ही गैस स्टोव को भी साफ करें और सूखने के बाद ही उस का इस्तेमाल करें.

डस्टबिन है जर्म्स का अड्डा

ज्यादातर घरों में डस्टबिन तो होते हैं, मगर उन्हें व्यवस्थित रखने में परिवार के सदस्य कोई खास रुचि नहीं लेते. कई बार तो गीलासूखा कूड़ा हफ्तों तक उस में सड़ता रहता है. यदि आप के घर में भी डस्टबिन का यही हाल है तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि इस में पनपे कीटाणु घर में बहुत तेजी से फैलते हैं. डस्टबिन को हफ्ते में 2 बार सिरके में पानी मिला कर, डिसइंफैक्टैंट लिक्विड डाल कर साफ करें. इस बात का खास ध्यान रखें कि भले ही उस में कम कूड़ा हो लेकिन फिर भी रोजाना उस की थैली बदलें.

हैंडल्स

सफाई के मामले में सब से ज्यादा नजरअंदाज की जाने वाली चीजों में किचन कैबिनैट्स और फ्रिज के हैंडल्स मुख्य हैं. खाना बनाते समय हम इन्हें बारबार खोलते और बंद करते हैं और हर बार साफ हाथों से ऐसा करना असंभव है. इस तरह किचन के जर्म्स इन हैंडल्स के जरीए पूरे परिवार तक पहुंच सकते हैं.

इसलिए इन की जल्दीजल्दी सफाई करना बहुत जरूरी है. इस के लिए आप हैंडल्स को डिसइंफैक्टैंट या फिर गरम पानी से साफ करें. इस से संक्रमण का खतरा नहीं रहता.

स्लैब व फर्श की सफाई

स्लैब जहां हम खाना बनाते और रखते हैं, दीवार जहां चिकनाई जमने के ज्यादा चांसेस रहते हैं और फर्श जहां पूरे दिन कुछ न कुछ गिरता ही रहता है. ऐसे में इन जगहों की रोजाना सफाई करने की जरूरत होती है. इस के लिए या तो आप गरम पानी का इस्तेमाल करें या फिर पानी में डिसइंफैक्टैंट डाल कर उस से अच्छे से सफाई करें. इस से आप का किचन साफसुथरा रहने के साथसाथ बैक्टीरियाफ्री भी रहेगा.

रोटी टूल

रोटी हर घर में बनती है और इस के लिए चकलाबेलन ही इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन कभी आप ने सोचा है कि जो रोटी हमें ऐनर्जी देने का काम करती है अगर उसे बनाने वाले टूल को साफ नहीं किया गया तो वह इंफैक्शन व पेट संबंधित बीमारी का कारण भी बन सकती है. इसलिए जब भी रोटी बनाएं उस के बाद उस पर लगी चीजों को चाकू की मदद से हटा कर पानी से साफ कर के ही रखें. इस से उस पर बैक्टीरिया के पैदा होने की संभावना नहीं रहेगी.

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चम्मच स्टैंड

भले ही चम्मच स्टैंड में नीचे से पानी निकलने के लिए स्पेस होता है फिर भी उस में पानी रह जाने के कारण उस में इ. कोली बैक्टीरिया, मोल्ड, यीस्ट उत्पन्न हो जाते हैं, जिस के कारण किसी भी तरह का इंफैक्शन हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप इस में चम्मच तभी रखें जब वह अच्छे से सूख जाए. हर हफ्ते इसे डिसइंफैक्टैंट से साफ कर के ही इस्तेमाल करें.

वाइट टी यंग रखने के साथ आपको रखे हैल्दी

चाय पीना किसे पसंद नहीं होता. अधिकांश लोगों के दिन की शुरुवात चाय से ही होती है. कोई अदरक वाली मिल्क टी पीना पसंद करता है, तो लोई ग्रीन टी पीना पसंद करता है तो कोई लेमन टी , ताकि सुबह की शुरुवात ताजगी के साथ हो और हम अपनी हैल्थ को भी मैंटेन रख पाएं . लेकिन क्या कभी आपने वाइट टी के बारे में सुना है ? अगर नहीं, तो आपको बता दें कि वाइट टी में बाकी चाय के मुकाबले ज्यादा एन्टिओक्सीडैंट्स होते हैं. यह चाय कैमेलिया के पतों से तैयार की जाती हैं , जो शरीर को कई तरह के फायदे पहुंचाती हैं. तो जानते हैं क्यों है वाइट टी फायदेमंद.

1. पावरहाउस ओफ एन्टिओक्सीडैंट्स

वाइट टी में भरपूर मात्रा में एन्टिओक्सीडैंट्स होते हैं , जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने का काम करते हैं. जिससे ओवरआल हैल्थ इम्प्रूव होती है. क्योंकि शरीर में फ्री रेडिकल्स की मौजूदगी से अंगों के खराब होने का डर बना रहता है. जबकि वाइट टी में पोलीफेनोल्स तत्व होता है, जो शरीर में एन्टिओक्सीडेंट के रूप में काम करके फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करके आपको स्वस्थ रखने का काम करता है.

2. दिल संभंधित बीमारियों से बचाए

आजकल दिल संभंधित बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है. क्योंकि इसके पीछे हमारा खराब लाइफस्टाइल भी जिम्मेदार जो है. ऐसे में हैल्थी ईटिंग हैबिट्स से काफी हद तक इसे कंट्रोल किया जा सकता है. आपको बता दें कि वाइट टी में फ्लेवोनोइड्स तत्व पाया जाता है, जो दिल संभंधित बीमारियों से बचाने में सक्षम माना जाता है. रोजाना इसका एक कप आपके कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ साथ खून को पतला करने व रक्त वाहिकाओं के कार्य को इम्प्रूव करने का काम करता है.

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3. इंसुलिन रेजिस्टेंस के खतरे को कम करे

बहुत सारे कारणों से , जिनमें चीनी का बार बार व ज्यादा मात्रा में सेवन करने से, अनुवांशिक कारणों से , हार्मोन्स में गड़बड़ी की वजह से शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, जिससे डाईबीटीज़ की समस्या पैदा होती है. बता दें कि इंसुलिन बहुत ही जरूरी हॉर्मोन होता है, जो बलूड स्टरीम्स से न्यूट्रिएंट्स को सेल्स तक पहुंचाने का काम करता है. लेकिन शोधों में यह साबित हुआ है कि वाइट टी में में पोलीफेनोल्स नामक तत्व डाईबीटीज़ के खतरे को काफी हद तक कम करने में सक्षम होता है.

4. स्किन एजिंग से बचाकर आपको रखे यंग

जैसे जैसे उम्र बढ़ती है स्किन का ढीला पड़ना व एजिंग की समस्या आम हो जाती है. लेकिन एजिंग की समस्या सिर्फ उम्र बढ़ने के साथ ही नहीं बल्कि सूर्य की अल्ट्रा वायलेट किरणों के ज्यादा संपर्क में आने से भी स्किन पर प्रभाव पड़ता है, जो एजिंग का कारण बनता है. लेकिन अनेक ाद्यानो में यह साबित हुआ है कि वाइट टी में पाया जाने वाला पोलीफेनोल्स तत्व स्किन के टेक्सचर को भीतर से इम्प्रूव करके उसे टाइट व फर्म करने का काम करता है. जिससे आप लंबे समय तक यंग व जवां बने रह सकते हो.

5. कैंसर से लड़ने की ताकत दे

वाइट टी में एन्टिओक्सीडैंट्स होने के कारण ये कोलन कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है. साथ ही ये नोर्मल सेल्स को भी हानिकारक मोलेक्यूल्स से नस्ट होने से बचाता है. कह सकते हैं कि वाइट टी के नियमित सेवन से रोगियों को कैंसर से लड़ने की ताकत मिलती है.

6. स्ट्रेस को कम करे

प्रतिस्पर्धा के समय व ख़राब लाइफस्टाइल की वजह से आज हर कोई स्ट्रेस में रहने को मजबूर हो गया है. जिसके कारण डिप्रेशन जैसी समस्या आम हो गयी है. ऐसे में अगर समय रहते खुद को तनाव से मुक्त नहीं किया गया तो इस बीमारी को कंट्रोल करना काफी मुश्किल हो सकता है. ऐसे में दवाइयों के सहारे रहना सही नहीं है , इसलिए अगर आप खुद को स्ट्रेस फ्री रखना चाहते हैं तो रोजाना एक कप वाइट टी का सेवन जरूर करें. ये आपके दिन को तरो ताजा बनाने के साथ साथ आपको स्ट्रेस से बाहर निकालने का भी काम करेगा. क्योंकि इसमें थीनाइन तत्व होता है, जो आपकी नसों को आराम पहुंचाकर आपके स्ट्रेस को कम करने का काम करता है.

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7. एनर्जी बूस्टर

जब हम खुद को ऊर्जावान महसूस करेंगे तभी हम ज्यादा अच्छे से व बेहतर तरीके से चीजों को समझ पाएंगे और साथ ही हम उसके प्रति ध्यान भी केंद्रित कर पाएंगे . ऐसे में हैल्थी डाइट के साथ साथ अगर आप वाइट टी को भी अपने रूटीन में शामिल कर लेते हैं तो ये आपकी एनर्जी को बूस्ट करने का काम करेगा. क्योंकि इसमें l – थेनिन न्यूट्रिएंट होता है, जो हमारे मस्तिष्क को शांत रखने के साथ साथ हमारी अलर्टनेस को बढ़ाने का काम करता है.

ICC क्रिकेट सुपर लीग के चलते क्या अगला विश्व कप ज्यादा प्रतिस्पर्धी होगा?

क्रिकेट की दुनिया में ‘आईसीसी क्रिकेट सुपर लीग’ नई लीग है. इसे विश्व क्रिकेट की नियामक संस्था इंटरनेशनल काउंसिल आफ क्रिकेट लेकर आयी है. इस लीग में आईसीसी के 12 फुलटाइम मेंबर के साथ 13 देश खेलेंगे. हर टीम को अगले दो सालों के भीतर 24 वन डे मैच खेलने होंगे. इस लीग का पहला वन डे 30 जुलाई 2020 को इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच सम्पन्न हो चुका है, जिसमें इंग्लैंड बायें हाथ के तेज गेंदबाज डेविड विली के 30 रन पर पांच विकेट की तूफानी गेंदबाजी और सैम बिलिंग्स की 67 रनों की शानदार पारी की बदौलत जीत हासिल की.

क्रिकेट की यह सुपर लीग कई मायने में महत्वपूर्ण है. इससे जहां विश्व क्रिकेट का दायरा बड़ा होगा, दुनिया में क्रिकेट को गंभीरता से लिये जाने की कोशिश होगी, वहीं इससे क्रिकेट के उन उभरते हुए देशों को भी दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिलेगा, जो देश और उनके खिलाड़ी क्रिकेट के ग्लोब में अपनी बड़ी जगह बनाना चाहते हैं, मसलन आयरलैंड, नीदरलैंड, अफगानिस्तान आदि. इस लगातार चलने वाली सुपर लीग के कारण अगले वल्र्ड कप क्रिकेट में वे 10 टीमें हिस्सा लेंगी जो लगातार बेहतर खेल रही होंगी और जो वास्तव में बाकी बची टीमों के मुकाबले ज्यादा अच्छी होंगी. एक तरह से यह लीग लगातार क्रिकेट की अच्छी टीमों को छांटेगी और अंत में दुनिया को विश्व कप क्रिकेट के रूप में शानदार और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों का कौशल दिखायेगी.

क्रिकेट के जो 12 स्थायी सदस्य देश हैं उनमें- भारत, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, आॅस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, वेस्टंइडीज, अफगानिस्तान, आयरलैंड और जिम्बाब्वे शामिल हैं. इनमें एक और देश ने दस्तक दी है, वह है नीदरलैंड, जिसने साल 2017 में हुई वल्र्ड क्रिकेट लीग चैंपियनशिप जीती थी. इस तरह देखें तो अब आईसीसी के 12 नहीं बल्कि 13 फुलटाइम मेंबर देश हो गये हैं. लेकिन अभी नीदरलैंड को पूरी तरह से मान्यता नहीं मिली है, इसलिए क्रिकेट के फुलटाइम मेंबर 12 ही माने जाते हैं. सुपर लीग का जिस तरीके से ढांचा और कार्यक्रम निर्धारित किया गया है, उससे लीग की हर टीम 8 अन्य टीमों से 3-3 मैच की सीरीज खेलेगी.

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इन सीरीज में से 4 सीरीज घर में और 4 विदेश में खेली जायेंगी. कहने का मतलब यह है कि हर टीम को 24 वन डे खेलकर प्वाइंट जुटाने होंगे. इन्हीं प्वाइंट के आधार पर साल 2023 के वल्र्ड कप क्रिकेट की मेरिट बनेगी. यह वास्तव में वल्र्ड टेस्ट चैंपियनशिप के तर्ज पर ही हो रही है. लीग के मैच आईसीसी के फ्यूचर टूर्स प्रोग्राम का हिस्सा होंगे. कहने का मतलब इस लीग की सीरीज के लिए अलग से कोई स्लाॅट नहीं बनाया जायेगा. जहां तक इस सीरीज के चलते नंबर जुटाने की बात है तो जीतने पर हर टीम को 10 प्वाइंट मिलेंगे. अगर मैच टाइ हो जाता है या रद्द हो जाता है तो दोनो ही टीमों को 5-5 अंक बांट दिये जाएंगे. लेकिन किसी टीम को हारने पर एक भी अंक नहीं मिलेगा.

यह सुपर लीग भारत में सम्पन्न होने वाले 2023 के वल्र्ड कप क्रिकेट हेतु एक किस्म से बड़े स्तर पर चयन का जरिया है. लेकिन ध्यान रखिए इस वल्र्ड कप के लिए जो प्रारंभिक 8 टीमें तय होंगी, उनमें एक भारत होगा और भारत को चुने जाने की दरकार नहीं हैं. मतलब यह कि 7 टीमें चुनी जाएंगी, भारत को मेजबान होने के नाते 2023 के वल्र्ड कप में पहले ही पहुंच चुका है. प्वाइंट टेबल पर नीचे की पांच टीमों को एक बार फिर वल्र्ड कप क्रिकेट खेलने के लिए मौका मिलेगा, जब निचली पांच टीमों को क्वालीफाई टूर्नामेंट खेलना होगा. इस तरह 2023 के वल्र्ड कप में 8 मूल, 2 और कुल मिलाकर 10 टीमें टूर्नामेंट खेलेंगी. इस सुपर लीग के टाइम टेबल को देखकर आम क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या अगले दो सालों मंे सिर्फ सुपर लीग के ही वन डे मैच होंगे? तो इस सवाल का जवाब है कि ऐसा नहीं है. कई टीमें सुपर लीग से अलग भी सीरीज खेलेंगी. यही नहीं ऐसा भी हो सकता है कि किन्हीं दो देशों के बीच खेली जाने वाली कोई सीरीज तीन मैचों से ज्यादा की हो और उसके महज तीन मैचों को ही आईसीसी लीग का हिस्सा माना जाए.

अब कई लोगों के जहन में एक सवाल यह पैदा हो रहा होगा कि जब 13 नियमित क्रिकेट खेलने वाले देशों में से 8 मुख्य टीमें टूर्नामेंट के लिए चुन ली जाएंगी तो नीचे की बची 5 टीमें किस तरह क्वालीफाइ करेंगी? ये क्वालीफाइ टूर्नामेंट खेलेंगे, इन पांच टीमों से खेलने के लिए पांच अन्य टीमें चैलेंजर और लीग टू से आएंगे. इनमें चैलेंजर से तीन और लीग टू से दो टीमें आएंगी. इन 10 टीमों में से 2 टीमें वल्र्ड कप के लिए क्वालीफाइ करेंगी. सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या आईसीसी के इस बहुनियोजित टूर्नामेंट को कोरोना की नजर तो नहीं लग जायेगी? तो कहना होगा कि ऐसा अभी तक के हिसाब से तो लगता है नहीं हो पायेगा. हालांकि इस लीग को 1 मई 2020 से शुरु होना था, लेकिन कोरोना के कारण 30 जुलाई 2020 को पहला मैच खेला गया है. बहरहाल कहने की बात ये है कि अभी तक दावे से यह नहीं कहा जा सकता कि कोरोना का इसमें फर्क पड़ेगा या नहीं.

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हां, नियमों के हिसाब से इसमें कई बदलाव होंगे. फ्रंट फुट, नो बौल इस टूर्नामेंट में इसे फील्ड अंपायर नहीं देंगे बल्कि यह थर्ड अंपायर का काम होगा. …और हां, दो चीजें और समझ लीजिए कोरोना के कारण अगर किसी टीम पर स्लो ओवर फेंकने का आरोप लगता है तो इससे उस टीम के प्वाइंट भी कटेंगे.

नए रिश्तों के साथ एडजस्टमेंट

शादी एक ऐसा बंधन  है जिसमें कई नए रिश्ते आपकी जिंदगी के साथ जुड़ जाते हैं. आप एक बेटी से बहू, पत्नी, भाभी, चाची, मामी और न जाने क्या-क्या रिश्तो में बंध जाती हैं.  हर रिश्ते की आपसे कुछ अपेक्षा होती है.

लेकिन हर रिश्ता इमानदारी और खूबसूरती के साथ निभाने के लिए बहुत जरूरी है कि  पति पत्नी एक दूसरे को समझे. शादी के बाद बनने वाले हर नए रिश्ते को लेकर धैर्य के साथ सोच-विचार करें न कि आरोप- प्रत्यारोप.

एक सच यह भी है कि लड़की अपना घर छोड़कर दूसरे घर में जाती है. ऐसे में उसे वहां के लोगों को और माहौल को समझने में कुछ समय तो लगेगा.

लेकिन यदि आपस में मतभेद बढ़ रहे हों और आप इस नये परिवार के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पा रही हों, तब ऐसे में दोनों पति-पत्नी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना चाहिए.

जब कोई लड़की अपने पति के परिवार के साथ रहना पसंद ही नहीं करती, वे शादी के बाद पति के साथ अलग घर में रहने की मांग करने लग जाती हैं. इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं जैसे अनुकूलता, मतों में टकराव आदि.

केस 1- सुगंधा  जो कि एक आइ टी प्रोफेशनल हैं कहती हैं कि जब वह शादी से पहले अपने पति के मां बाप से मिलीं तो उनका व्यवहार  बहुत नरम था और धीरे धीरे उसके ससुराल वालो के साथ उसका , एक बहुत अच्छा रिश्ता बन गया था. लेकिन जैसी ही उसकी शादी हुई न केवल उसकी सास बल्कि उसके ससुर भी पहले से बिल्कुल बदल गये. वह सुगंधा को केवल भारतीय कपड़े पहनने को बोलते और सलाह देते कि वह सब काम ससुराल के अनुसार ही करे. अपने मन से कुछ भी करने पर  वह  उसके साथ बहुत दुर्व्यवहार करते .

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केस 2-35 साल की सौम्या कहती हैं कि उसकी सास को उसके ऑफिस जाने की टाइमिंग से समस्या है. सौम्या की अरेंज मैरिज है और उसकी सास को उसकी जॉब का पहले से ही पता था. लेकिन जैसे ही उसकी शादी हुई उसकी सास का व्यवहार एक दम से बदल गया. वह कहती हैं कि,” मै कभी कभार ऑफिस से लेट हो जाती हूं. इससे मेरे पति को कोई समस्या नहीं है लेकिन मेरी सास को यह अच्छा नहीं लगता. एक दिन मेरे ससुराल वालों ने मुझे जॉब छोड़ने के लिए कहा क्योंकि वे मानते हैं कि महिलाओं के लिए देर से घर आना सुरक्षित नहीं है. इसके बाद वह कहने लगे कि घर के कामों में हेल्प कराने के लिए मुझे यह जॉब छोड़ देनी चाहिए”. इन सब बातों से तंग आकर सौम्या अब अपने पति के साथ अलग रहती है.

केस 3- तोषिता जोकि एक मीडिया प्रोफेशनल हैं कहती हैं कि मेरी सास मुझे मेरी पति को सिखाने के आरोप भी लगाती है. शादी से पहले मुझे बहुत स्पेशल तरीके से ट्रीट किया जाता था. परन्तु शादी के बाद मुझे मेरा ससुराल मेरी अपेक्षाओं से एकदम हट कर मिला. मेरे ससुराल वाले मुझे वह चीज करने को कहते हैं जो मेरे हिसाब से बहुत पुराने जमाने की हैं. जबकि मेरे पति अपने सारे निर्णय खुद से लेते हैं फिर भी मेरी सास को यह लगता है कि मै उन्हें मेरे निर्णय लेने पर मजबूर कर रही हूं.

रिलेशनशिप एक्सपर्ट और कंसल्टेंट साइकेट्रिक स्वाति मित्तल का मानना है कि सास और बहू में जनरेशन गैप होता है. जो कि इस रिश्ते को और भी बद्तर बना देता है. पहले सास अपने बच्चो को सफल देख कर खुश रहती थी. लेकिन अब उनमें एक भय आ गया है कि अब  घर की चाबियां अपनी बहु को सौंपनी पड़ेंगी. वह घर अलग ढ़ंग से चलाती थी और चूंकि उनकी बहु नए खयालात वाली है तो वह घर को अलग ढंग से चलाएगी.

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वे आगे कहती हैं कि यदि पति पत्नी अलग रहने का निर्णय कर भी लेते हैं तो उनको एक बार अपने माता पिता की सहमति अवश्य ले लेनी चाहिए. यदि उन्हें इस बात से कोई दिक्कत नहीं है तो वह अलग रह सकते हैं. अलग रहने के बाद अपने माता पिता को भूल ही नहीं जाना है बल्कि समय समय पर उनसे मिलते रहें. उनका हाल चाल पूछते रहें ताकि आपके घर वाले भी आपसे खुश रहें और आप का पार्टनर भी.

सीधी सी बात है एक अच्छे रिश्ते की नींव तभी पड़ेगी जब उनमें किसी भी प्रकार की मजबूरी ना हों. आपसी मतभेद न हों साथ ही खुलकर बात कर सकने की क्षमता हो. तभी आप सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हर रिशता बखूबी जी पायेंगी.

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