सुशांत के निधन के 1 महीने बाद अंकिता लोखंडे ने शेयर की ये फोटो, फैंस हुए इमोशनल

बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड मामले के बाद से जहां बौलीवुड में नेपोटिज्म का मुद्दा भड़क रहा है तो वहीं फैंस सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. इसी बीच एक महीना पूरा हो गया है. इस बीच एक्स गर्लफ्रेंड अंकिता लोखंडे भी सोशलमीडिया से दूर रहीं, जिस पर उनके दोस्तों का कहना था कि वह सुशांत के निधन की खबर सुनने के बाद से सुधबुध खो चुकी हैं. लेकिन अब सुशांत सिंह राजपूत के निधन के 1 महीना पूरा होते ही अंकिता लोखंडे ने अपने सोशल मीडिया पर एक फोटो पोस्ट की है. आइए आपको दिखाते हैं अंकिता की शेयर की फोटो…

फोटो के साथ शेयर किया कैप्शन

सुशांत सिंह राजपूत के निधन के बाद अंकिता लोखंडे (Ankita Lokhande) सोशल मीडिया पर बिल्कुल भी एक्टिव नहीं थी. वहीं अब अंकिता लोखंडे ने एक फोटो शेयर की है, जिसमें उन्होंने अपने घर के मंदिर की झलक दिखाई है, जहां एक दीया जलाया हुआ है. इस फोटो को पोस्ट करते हुए अंकिता लोखंडे ने कैप्शन में लिखा है कि ‘भगवान का बच्चा.’ वहीं अंकिता के इस पोस्ट के बाद उनके फैंस इमोशनल हो गए हैं और अंकिता को अपना ख्याल रखने के लिए कह रहे हैं.

 

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CHILD Of GOD 😇

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सुशांत के घरवालों से मिलने पहुंची थी अंकिता

 

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#ankitalokhande today at #SushantSinghRajput home to meet his family #rip 🙏

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सुशांत सिंह राजपूत के अंतिम संस्कार के बाद अंकिता लोखंडे उनके परिवार से बांद्रा फ्लैट पर से मिलने पहुंची थी. इस दौरान अंकिता लोखंडे की हालत देखकर हर कोई परेशान हो गया था. क्योंकि वह बिल्कुल टूटी हुई नजर आ रही थीं और खुद को संभाल नहीं पा रही थीं.

बता दें, सीरियल ‘पवित्र रिश्ता’ से अपने एक्टिंग की शुरूआत करने वाली अंकिता और सुशांत शो के सेट पर ही रियल लाइफ में एक-दूसरे को दिल बैठे थे. अंकिता लोखंडे और सुशांत सिंह 6 साल तक लिवइन रिलेशन में रहने के बाद साल 2016 में दोनों का ब्रेकअप हो गया था. हालांकि दोनों ने इसकी वजह नही बताई थी. लेकिन सुसाइड के कुछ महीनों पहले सुशांत ने कहा था कि उनका अंकिता से अलग होना नही चाहिए था.

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चारु असोपा ने दिया पति राजीव सेन के आरोपों का जवाब, सुनाई आपबीती

बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन के भाई राजीव सेन (Rajeev Sen) और उनकी पत्नी चारु असोपा (Charu Asopa) में अनबन के चलते दोनों सुर्खियों में हैं. हाल ही में दोनों की शादी को एक साल पूरा हुआ है, लेकिन उससे पहले ही दोनों के बीच दरार देखने को मिली है. वहीं पहले राजीव सेन और चारु असोपा ने रिश्ते में दरार की खबर को अफवाह बताया. लेकिन दोनों के सोशलमीडिया पर शादी की फोटोज डिलीट करने के बाद राजीव सेन ने अपनी शादी को लेकर बयान दिया था औऱ कहा था कि, ‘मैं अपनी शादी के बारे में किसी तरह का कोई बयान नहीं देना चाहता लेकिन मुझे लगता है कि चारु असोपा (Charu Asopa) का कोई ब्रेनवॉश कर रहा है. मुझे उम्मीद है कि वह जल्द ही सही रास्ते पर आ जाएगी. अगर मुझे उस आदमी के बारे में पता चला तो मैं उसे सबक जरुर सिखाऊंगा.’ वहीं अब राजीव के इस बयान के बाद चारु असोपा ने भी अपना रिएक्शन दिया है. आइए आपको बताते क्या कहती हैं चारु…

चारु असोपा ने कही ये बात

राजीव सेन के इस बयान ने चारु असोपा (Charu Asopa) को इस मुद्दे पर बात करने का मौका दिया है और उन्होंने इस पर अपनी टूटती शादी को लेकर रिएक्शन दिया है. चारु असोपा ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि, ‘कोई भी मुझे भड़काने की कोशिश नहीं कर रहा है. मैं इतनी समझदार हूं कि सही और गलत का फैसला ले सकती हूं.’

 

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#charuasopa Charu Asopa

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फोटोज डिलीट के मामले पर बोलीं चारु

आगे चारु असोपा ने कहा कि, ‘मैं अपने निर्णय हमेशा से खद ही लेती आई हूं. शायद कोई राजीव सेन को भड़का रहा है. तभी तो उसने सोशल मीडिया पर मेरे सभी फोटोज डिलीट कर दिए हैं. इस मामले में मैं बेकसूर हूं. मुझे कोई इतनी आसानी से भड़का नहीं सकता. अगर मैं उसको मासूम लगती हूं तो वह मुझे मुश्किल दिनों में छोड़कर कैसे चला गया. हमारी शादी की पहली सालगिरह से पहले ही राजीव सेन दिल्ली आ गए थे. जबकि ऐसे समय में तो परिवार साथ रहता है.’

लोगों के लिए गॉसिप नही बनना चाहतीं चारु

चारु असोपा ने बताया कि, ‘इस बात को हुए दो महीने बीत चुके हैं लेकिन अब करना क्या है? शक का कोई इलाज नहीं होता है. हमारे रिश्ते में बस यही एक कमी है. बहुत कुछ ऐसा है जिसके बारे में हम दोनों को ही बात करनी है लेकिन मैं अपनी पर्सनल लाइफ को गॉसिप नहीं बनने दे सकती. लोग हमारी तकलीफें सुनकर गॉसिप करेंगे.

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बता दें, बीते दिनों चारु असोपा अपनी इंटीमेट फोटोज के लिए काफी सर्खियों में रही थीं, जिसके बाद उनकी शादी में दरार की खबरों के कारण भी वह सोशलमीडिया पर छा गई थीं. हालांकि दोनों ने इन खबरों को अफवाह बताया था.

कोरोना से बचने के लिए नायरा-कार्तिक ने ढूंढा रोमांस करने का नया जुगाड़, Video Viral

कोरोनावायरस का असर जितना आम लोगों की जिंदगी में पड़ रहा है. उतना ही सीरियल की दुनिया में देखने को भी मिल रहा है. हाल ही में सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है के फैंस को लौकडाउन के बाद नया एपिसोड देखने को मिला, जिसमें नायरा और कार्तिक का नया लुक फैंस को काफी पसंद आ रहा है. लेकिन कोरोनावायरस के खौफ के चलते वह नायरा कार्तिक के रोमांस से दूर रहे. पर शो में नए तरह का रोमांस फैंस को खूब पसंद आ रहा है. आइए आपको दिखाते हैं शो की अपकमिंग कहानी…

नए अंदाज में नायरा और कार्तिक की जोड़ी

नायरा और कार्तिक की चार्मिंग जोड़ी लौकडाउन के बाद धमाल मचा रही है. शो के पहले एपिसोड में दोनों सोशल सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखते हुए नजर आए. बीते दिन के एपिसोड में नायरा और कार्तिक बच्चों की तरह मस्ती करते हुए नजर आए, जिसे सोशलमीडिया पर फैंस काफी पसंद कर रहे हैं.

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जब कार्तिक आया नायरा के पास

दर्शकों को नायरा और कार्तिक के बीच जबरदस्त केमेस्ट्री देखने को मिली है. नायरा और कार्तिक कोरोनावायरस के कहर के चलते फेस शील्ड लगाकर रोमांस करते हुए नजर आए. वहीं शो के अन्य किरदार भी सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार मास्क पहने नजर आए.

कार्तिक का भी नजर आएगा ये अंदाज

हाल ही में हमने आपको नायरा के डबल रोल के बारे में बताया था. लेकिन अब अपकमिंग एपिसोड में आप देखेंगे कि कार्तिक भी डबल रोल में नजर आएगा, जिसमें उसका लुक फंकी होगा.

 

बता दें, आने वाले एपिसोड में आपको कई नए ट्विस्ट देखने को मिलने वाले हैं. हालांकि फैंस को कायरव का रोल कुछ दिनों तक शो में देखने को नही मिलने वाला है. क्योंकि सरकार की गाइडलाइंस के चलते शो में बच्चों को शूटिंग पर लाना अनिवार्य़ नही है. लेकिन खबर है कि कायरव का शूट फोन से देखने को मिलेगा.

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पेशा तय करता है भविष्य

ज़्यादातर लोग नौकरी को ही रोजगार मानने लगे हैं. विशेषकर, शिक्षितवर्ग में इस के प्रति आकर्षण बहुत बढ़ा है. व्यापार में परिश्रम तो अधिक है, पर उसी तुलना में उस में पैसा व सम्मान भी बहुत अधिक है. दुनिया में जितने भी संपन्न लोग हैं, सब व्यापारी हैं. नौकरी में अकसर अफसर की धौंस सुननी पड़ती है, जबकि व्यापार में इंसान खुद मालिक होता है.

पेशा इंसान के लिए ऐसा जरिया है जिस से वह काफी ज्यादा मालूमात हासिल करने के साथसाथ पैसे कमा सकता है और अपनी जीवनशैली को बेहतर कर सकता है. पेशे का सही चुनाव करना बहुत ही जरूरी है. पेशे यानी कैरियर के चयन के लिए सब से पहली शर्त यह है कि आप को अपनी ताकत व कमजोरी पता होनी चाहिए.

जीवनशैली का नेतृत्व :

पेशा इंसान की जीवनशैली का नेतृत्व करता है जिस से समाज में उस की स्थिति तय होती है. वहीं, सिर्फ काम शुरू करने या नौकरी पा जानेभर से आप का लक्ष्य पूरा नहीं होता. आप को सीखने की प्रक्रिया लगातार जारी रखनी है. भविष्य के लक्ष्य को आप को हमेशा आगे बढ़ाते रहना चाहिए. पेशा आप के भविष्य को तय करता है.

दुनिया अब डिजिटल हो रही है और आप को डिजिटल स्किल्स के हिसाब से खुद को अपग्रेड करना चाहिए, भले ही आप किसी भी फील्ड में काम कर रहे हों. उदाहरण के लिए, सेल्स और मार्केटिंग का काम करने वाले लोगों को अब औनलाइन सेल्स और मार्केटिंग कैंपेन के बारे में जानना चाहिए. बैंकिंग प्रोफैशनल को मोबाइल बैंकिंग और डिजिटल पेमैंट को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीक की जानकारी होनी चाहिए. इसी तरह फिजिकल क्लासरूम की जगह अब टीचर्स को औनलाइन प्लेटफौर्म पर आने की जरूरत है. एचआर प्रोफैशनल को अब हायरिंग के परंपरागत तरीके की जगह लिंक्डइन जैसे औनलाइन प्लेटफौर्म पर शिफ्ट होना चाहिए.

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भ्रमित रहता है युवा :

आज के दौर में बहुत ज्यादा औपशंस यानी विकल्प होने के चलते विद्यार्थी भ्रमित रहता है कि वह कौन से विषय का चुनाव करे.  दरअसल, यह उलझन हर उस विद्यार्थी की है जो विषयों के विकल्पों के बीच अपना भविष्य तलाश रहा है. समय था जब सीमित विकल्प होते थे, जैसे इंजीनियरिंग, मैडिकल और सिविल सर्विसेस. अच्छे विद्यार्थी इन्हीं की ओर रुख करते थे. लेकिन आज, उस के सामने इतने विकल्प हैं कि वह भ्रमित हो जाता है.

पेशा यानी कैरियर आमतौर पर विद्यार्थी/युवा की जिंदगी के पेशेवर पहलू से जुड़ा होता है. इसलिए, कैरियर का चयन करना एक बड़ा फैसला है और हालत यह है कि जब विद्यार्थी को ऐसे निर्णय लेने की ज़रूरत होती है तो वह इस तरह के बड़े फैसले लेने के लिए तैयार नहीं होता. युवा अभी स्कूली जीवन में है जहां उसे विज्ञान, वाणिज्य और मानविकी स्ट्रीम के बीच चयन करना पड़ता है जो मुख्यरूप से उस के भविष्य के कैरियर के रास्ते को प्रभावित करता है.

प्रोफैशनल भविष्य की प्लानिंग :

पेशे या कैरियर का चयन करते वक्त विद्यार्थी के विचारों व इच्छाओं को समझ कर उन का सम्मान करना चाहिए. आमतौर पर इस पहलू को अनदेखा किया जाता है कि उन की रुचि किस ओर है. कैरियर का चयन करते समय इस बात पर गौर किया जाए तो नौकरी करने या कोई काम शुरू करने के बाद उन्हें उस क्षेत्र में काम करने में कोई दिक्कत नहीं होगी.

आज हर क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है. व्यावसायिक विषयों में सीमित प्रवेश संख्या होती है, प्रतिस्पर्धियों की संख्या ज्यादा है. आप में भले ही बहुत प्रतिभा या क्षमता हो, मेरिट हो, लेकिन मुमकिन है कि पसंद के कोर्स या पसंद के कालेज में दाखिला न मिले. इस के लिए जरूरी है कि एक अलग योजना भी तैयार रहे.

अपनेआप को जांचें : कभीकभी ऐसा भी होता है कि आप अपनी पहचान करने में भी गलती कर जाते हैं, खुद को सही से पहचान नहीं पाते. हो सकता है आप वैज्ञानिक  बनना चाहते हों पर आप की गणित कमजोर हो, आप गायक बनना चाहते हों पर आप की आवाज लड़खड़ाती हो, आप चार्टर्ड अकाउंटैंट बनना चाहते हों पर अकाउंटिंग में रुचि नहीं और आप रिपोर्टर बनना चाहते हों पर आप को धूप से एलर्जी हो.  सो, खुद को अच्छे से पहचानें, फिर उस फील्ड के बारे में गहराई से मालूमात हासिल करें और तब कोई फैसला लें.

आप एयरहोस्टेस बनना चाहती हैं तो ध्यान रहे परिवार से दूर रहने के लिए आप को तैयार रहना होगा. वहीं, अगर आप रिपोर्टर बनना चाहते हैं तो याद रहे, टीवी के ग्लैमर से दूर उन्हें न्यूज़ के लिए दिनरात दौड़ना भी पड़ता है, कभीकभी देररात तक भी काम करना पड़ता है. इसलिए अपनी स्ट्रीम को बारीकी से जानें, समझें, फिर फैसला लें.

ग्रूमिंग को इग्नोर न करें : नौकरी ढूंढ़ रहे लोगों को उन मसलों पर भी गौर करने की जरूरत है जो पेशे से सीधे जुड़े नहीं होते, लेकिन उन का महत्त्व कम नहीं होता. शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना ऐसी ही एक जरूरत है.

एबीसी कंसल्टैंट्स के एमडी शिव अग्रवाल कहते हैं, “’अधिकतर एंप्लौयर यह मानते हैं कि अगर आप खुद का खयाल नहीं रख सकते तो आप कंपनी के बारे में क्या सोचेंगे.”  एपियरेंस यानी ठीक से कपड़े पहनना और आकर्षक सीवी/बायोडाटा  ऐसे फैक्टर हैं जिन का ध्यान रखा जाना जरूरी है. आप का एंप्लौयर इन बातों पर ध्यान क्यों देगा, दरअसल, आप के बारे में धारणा ही हकीकत है और आप के बारे में बनी धारणा पर ही एंप्लौयर आप को जौब देता है. आप बहुत अच्छे हैं, फिर भी आप की धारणा अच्छी होनी जरूरी है. अगर 2 कैंडिडेट्स एकजैसे ही हैं तो जो फिजिकली फिट होगा, एंप्लौयर उसे तरजीह देगा, बजाय मोटे या दुबले कैंडिडेट के.

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लब्बोलुआब यह है कि प्रोफैशन का चुनाव सोचसमझ कर कीजिए और किसी नौकरी को ही अपना कैरियर बनाने की मत सोचिए. नौकरी होती है नौकरी और अपना काम अपना ही होता है. हर काम के लिए बड़ी रकम की ज़रूरत नहीं होती. सोच क्रिएटिव है तो स्टार्टअप शुरू कीजिए, पैसे लगाने वाले भी मिल जाएंगे. यह सच है कि व्यापार में कुछ तो पूंजी चाहिए,  पर पूंजी का अर्थ केवल नकद धन नहीं होता. शिक्षा, परिश्रम, धैर्य और दिमाग भी बहुत बड़ी पूंजी है. इन के सदुपयोग से भी कामयाबी मिलती है. सालदोसाल कष्ट उठाने पड़ सकते हैं, पर फिर केवल अपना ही नहीं, भावी पीढ़ी का भविष्य भी सुरक्षित हो जाता है.

किसिंग पर कोरोना का कहर

कोरोना का फैलने से रोकने के लिए लार के संपर्क से दूर रहने की बात कही जाती है. जिसकी वजह से किसिंग से दूरी बनती जा रही. इस कारण अब माउथ ऑर्गेज्म का आनंद नहीं मिल पा रहा. कुछ लोग कोरोना से बचाव के साथ पार्टनर के साथ किसिंग का प्रयास करते है पर कोरोना के डर ने किसिंग के सुखद एहसास को रोक सा दिया हैं.

किसिंग को सभी एंजॉय करते हैं. किसिंग प्यार जताने का बेहतर तरीका है. कई बार हम अपनी भावनाओं को शब्दों से उतने अच्छे तरीके से नहीं बता पाते जितने अच्छे “एक किस” सकते हैं. ‘किस’ में एक खास बात होती है जिसके कारण यह बॉडी में इम्म्यून सिस्टम को मजबूत करती हैं. किस के जरिये  हमारी बॉडी को नए तरह के बैक्टीरिया और कीटाणुओं मिलते हैं जो बॉडी के इम्म्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं. ‘ कोरोना संक्रमण के डर से लोग अब किसिंग से बच रहे है.

कोविड 19’ कोरोना संक्रमण के दौरान ‘किस’ करना खतरनाक हो गया है. खासकर उन लोगो के लिए जिनको आप कम जानते हैं. जिनका बाहर आना जाना रहता है. जो कोरोना के कैरियर हो सकते हैं. ऐसे में किसिंग से लोग दूर होते जा रहे हैं. लोग खुद इतना डरे हुए हैं कि अपने पार्टनर को कोरोना के खतरों से बचाने के लिए किसिंग से दूर होते जा रहे. ऐसे में वो तमाम तरह से किसिंग के फायदों से दूर होते जा रहे हैं.

रीना और नीलेश के बीच दोस्ती उनकी किसिंग के बाद परवान चढ़ी थी. दोनो जब भी अकेले मिलते, फ़िल्म देखने जाते कभी कभी तो लिफ्ट में ही या मॉल्स की सीढ़ियों को चढ़ते हुए सूनसान जगह देखते किसिंग का मौका जाने नही देते थे. कैंटीन और दूसरी जगहों का मौका भी जाने नही देते थे. कोरोना खतरे के बाद बहुत परेशान हैं. इनकी परेशानी का सबसे बड़ा कारण अब किसिंग करने से पहले कई बार सोचना पड़ता हैं कि कंही हम साथी में संक्रमण ना फैला दे.

कोरोना के अलावा लाभकारी होती हैं किसिंग :

कोरोना संक्रमण से हट कर बात करें तो किसिंग बॉडी और रिलेशनशिप दोनो के लिए लाभकारी होती हैं. डॉक्टर जीसी मक्कड़ कहते है कि अगर दोनो पार्टनर में किसी तरह का कोरोना संक्रमण नही है. सर्दी जुखाम, या स्वास रोग का कोई संक्रमण नही है तो किसिंग से परहेज कोई जरूरी चीज नहीं है.

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‘किस’ करते समय आँखें बंद हो जाती हैं. आंखों की पुतलियां डाईलेट हो जाती हैं जिससे फोकस करना मुश्किल हो जाता है. सब कुछ धुंधला सा दिखने लगता है. इसलिए आंखें बंद हो जाती है. आंखे बंद होने का सबसे बड़ा लाभ होता है कि तमाम तरह का तनाव कुछ समय के लिए ही सही खत्म हो जाता है.

अच्छी रिलेशनशिप के लिए जरूरी

परफेक्ट पार्टनर तलाश में ‘किस’ का अहम रोल हो सकता है. ‘किस’ करने के बाद आप दोनों यह जान सकते है कि  एक दूसरे  के लिए सही हैं.आप के बीच तालमेल कैसा रहेगा. यही नहीं किसिंग से हमे एक दूसरे की पसंद और व्यवहार के बारे में पता चलता है. एक दूसरे के प्रति कितना केयरिंग है इसका भी आभास होता है. हमें पता होता है कि किसिंग हमारे लिए कितना जरूरी है तो हम इसके लिए खुद को तैयार भी करते है. चाहे साँसों को खुश्बू से भरना हो या ताजी सांस ले पार्टनरशिप को करीब लाने की. यही कारण का की  टूथ पेस्ट का प्रचार में ताजी और खुशबू दार सांस को लेकर प्रचार अभियान भी चलता है.

किसिंग से मिलता है माउथ ऑर्गेज्म

केवल लड़का लड़की ही नही कई बार दो लड़कियां भी आपस मे किसिंग करती हैं. लेट नाइट पार्टी में यह बहुत होता हैं. अब होटल और रेस्त्रां में पार्टियां नही हो रही.  कुछ लोग अपने घरों में 4-5 करीबी दोस्तो के साथ पार्टी करते है. ऐसी ही दो दोस्तों का कहना है कि हम सब कुछ तो कर लेते हैं पर किसिंग से अब डर लगने लगा है. लोकडाउन के बाद से हमने किसिंग नहीं कि है.

अगर पूरे भरोसे और समर्पण से किसिंग की जाए तो किसिंग से माउथ ऑर्गेज्म मिलता है. खासकर जब लडकियां ओव्यूलेशन के करीब होती हैं उस समय किसिंग ज़्यादा संतुष्ट करती हैं. ऐसे में उनको ओर्गाज्म का जल्द अनुभव होता है. इसको माउथ ओर्गाज्म भी माना जाता है. किसिंग ना होने से यह आंनद नही मिल पा रहा.

किस करते वक्त हमारा दिमाग एंडोर्फिन रिलीज़ करता है जो हमें शांत करते हैं. इसलिए अगर सुबह की शुरुआत किस से की जाए तो आपके पूरा दिन पॉजिटिव होता है. किस करने से  “हैप्पी हॉरमोन” डोपामाइन रिलीज होता है. जो ना केवल आपको खुश रखता है बल्कि दो लोगो के बीच तालमेल को मजबूत करता है. रिश्तों को लंबे समय तक मजबूत बनाने के लिए किसिंग की बहुत जरूरत होती है.

किसिंग से आता हैं स्किन में ग्लो

कुछ लोगों को किस से बहुत ज्यादा डर लगता है. जिसे फिलेमाफोबिया कहते हैं. ऐसे लोग ना सिर्फ किसिंग से दूर रहते हैं बल्कि वो किसी को किस करते हुए देख भी नहीं  पाते हैं. हालांकि डरने जैसा कुछ होता नहीं. किसिंग को एक तरह की एक्सरसाइज भी माना जता है. इससे कई तरह के लाभ होते है.

माना जाता हैं कि एक घंटे तक वर्कआउट करने से 120 कैलोरीज को बर्न करने में मदद मिलती है. किसिंग में भी कैलोरीज़ बर्न होती है जो ब्लडप्रेशर, हार्ट के रोगो से शरीर को बचाती हैं. यही नही किसिंग से फेस मसाज तक हो जाती हैं.

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किसिंग में लगभग 30 फेशियल मसल्स काम कर रही होती हैं. इससे त्वचा की एक्सरसाइज हो जाती है.

ऐसे में किसिंग से डरने की जरूरत नही है. कोरोना संक्रमण से बचाव रखते हुए किसिंग को पहले की तरफ कर सकते है. यह बात जरूर है कि कोरोना के डर से सतर्क रहें. किसिंग के लिए भी वफादारी निभानी होगी. बेवफाई करने का अंजाम खतरनाक हो सकता है.

बच्चों के लिए ठाना कि लोगों की सोच से नहीं, बल्कि खुद की मौत आने पर ही मरूंगी-केतकी

केतकी जानी, बाल्ड ब्यूटी

अगर दिल में कुछ करने की ठान ली हो तो स्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हों व्यक्ति उन से लड़ कर अपनी मंजिल पा लेता है. इस का उदाहरण हैं पुणे निवासी बाल्ड ब्यूटी केतकी जानी, जिन्हें 40 साल की उम्र में पता चला कि उन्हें ऐलोपेसिया नामक बीमारी हुई है. तब उन के केश झड़ गए और वे डिप्रैशन में चली गईं, क्योंकि डाक्टरों ने इलाज असंभव बताया था. मगर एक दिन केतकी ने सोचा कि जिंदगी जिंदादिली का नाम है. अत: हिम्मत कर वे इस दौर से निकलीं और कई अवार्ड जीते, जिन में ‘भारत प्रेरणा अवार्ड,’ ‘मिसेज यूनिवर्स,’ ‘वूमन औफ कौन्फिडैंस 2018’ आदि शामिल हैं. आइए सुनते हैं उन की कहानी उन्हीं की जबानी:

सवाल- आप ने जब पहली बार जाना कि आप को ऐलोपेसिया हुआ है और आप के बाल नहीं रहेंगे तो आप की क्या प्रतिक्रिया थी?

मैं 2 बेटियों की मां हूं. मैं अपने परिवार के साथ बहुत खुश थी, लेकिन मेरी जिंदगी में ऐलोपेसिया की चिनगारी ऐसी लगी कि मेरा सुखचैन सब छिन गया और मैं डिप्रैशन में चली गई.

40 साल की उम्र में जब मैं एक दिन औफिस गई और बालों को सहला रही थी तो मैं ने पाया कि एक कान के पीछे मेरा हाथ सिर की स्किन पर लगा. मैं घबरा गई और अपनी सहकर्मी को दिखाया. उस ने कहा कि सिर पर छोटी सी जगह पर बाल चले गए हैं. पहले मैं घबराई नहीं, क्योंकि मेरे बाल बहुत घने थे. डाक्टर के पास गई तो उन्होंने एक ट्यूब लगाने की सलाह दी, लेकिन उस से कोई फायदा नहीं हुआ और 6 से 8 महीने में मेरे पूरे बाल चले गए. मैं सोच नहीं सकती थी कि मेरे साथ ऐसा होगा. हालांकि डाक्टर ने बताया भी था कि मुझे यह बीमारी है, पर मेरा मन नहीं मान रहा था.

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मैं डिप्रैशन में चली गई. मैं अपनेआप को सह नहीं पा रही थी. जब भी आईने में खुद को देखती तो बहुत दुख होता था. धीरेधीरे मेरी आईब्रोज और बाकी पूरे शरीर से बाल चले गए. मैं ने इलाज पर लाखों का खर्चा कर डाला, पर परिणाम कुछ नहीं निकला.

सवाल- बाल न होने पर किस तरह की बातें सुननी पड़ीं और डिप्रैशन से कैसे निकलीं?

इस के बाद मैं ने सब से मिलना बंद कर दिया. मुझे लोगों से मिलने में डर लगने लगा था, क्योंकि सभी को बताना पड़ता था कि मेरे बाल क्यों चले गए. मैं औफिस टाइम से पहले और बाद रात में घर आने लगी. एक दिन मैं ने सोचा कि अब मुझे जिंदा नहीं रहना चाहिए. अत: मैं ने हाथ में दुपट्टा ले कर फैन से लटक कर फांसी लगाने तक की सोच डाली. 4-5 दिन तक यही मेरे दिमाग में चलता रहा. जिस रात फांसी लगाने का तय कर रही थी तभी मेरी नजर अपने सोते दोनों बच्चों पर पड़ी. मुझे अचानक लगा कि अगर मैं ने आत्महत्या कर ली तो कल को उन का क्या होगा. जिंदगीभर वे मेरे इस लटकते शरीर को नहीं भूल पाएंगे. तब मैं ने अपनी सोच बदल डाली और सोचा कि मैं लोगों की सोच से नहीं, बल्कि खुद की मौत आने पर ही मरूंगी. अब मैं ने लोगों से डरना बंद कर दिया, क्योंकि मुझे जीना है. अगर किसी को मुझे देखने से समस्या है तो वह उस की समस्या है. इसी सोच से मेरा आत्मबल बढ़ गया.

 सवाल- परिवार का सहयोग कैसा रहा?

पति नीतीश जानी और बच्चों का बहुत सहयोग रहा. पति गुजरात में काम करते हैं और समय मिलने पर पुणे आते हैं. वे कहते थे कि विग लगा कर घूमो, लेकिन वे मेरे मन की पीड़ा को नहीं समझ पाते थे. इस के अलावा मेरी बेटी पुन्यजा और बेटा कुंज दोनों ने मुझे हर समय सहयोग दिया. बेटी कहतीं कि मैं अभी भी उतनी ही सुंदर हूं जितनी पहले थी मैं. उन्हें लोगों के कथन को अधिक महत्त्व न देने को कहती. इस से मेरे अंदर एक मजबूत महिला होने की भावना पनपी.

 सवाल- सिर को इतना खूबसूरत अंदाज देने के बारे में कब सोचा?

मैं ने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना शुरू किया. बालों के लिए डाक्टर ने मुझे स्टेराइड  दिया, जिस से मेरा वजन बढ़ गया. मुझे थोड़े बाल भी आने लगे, पर बेटी ने इस के साइड इफैक्ट बताए. तब मैं ने पहले डाइट कंट्रोल कर वजन कम किया. एक दिन आईने में अपने सिर को देख उसे कैनवास समझ सजाने की बात सोची. टैटू का खयाल आया. मैं इकलौती ऐसी महिला बनी, जिस ने गंजेपन को एक अनोखा और खूबसूरत रूप दिया. इसे करवाने में 6-7 सैशन लगे. अब फैशन मेरे जीवन का एक अंग बन गया है.

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 सवाल- इन 5 सालों में आप की जिंदगी कितनी बदली?

बहुत बदल गई है, क्योंकि जब बाल थे तो मैं यह सोच नहीं सकती थी कि मैं एक मौडल बन रैंप पर वाक करूंगी. आज मैं आत्मविश्वास के साथ रैंप पर जाती हूं और बहुत अच्छा महसूस करती हूं. सब से अधिक खुशी मिसेज यूनिवर्स अवार्ड मिलने पर हुई, जब मैं ने वहां भारत को रिप्रैजेंट किया था.

 सवाल- जिंदगी को खूबसूरत तरीके से जीने का अंदाज क्या होना चाहिए?

जिंदगी बहुत खूबसूरत है. इसे अपने हिसाब से पूरी तरह जी लेना चाहिए, क्योंकि यह एक बार ही मिलती है.

सैक्स संबंध से जुड़ी प्रौब्लम के कारण मेरे पति नाराज रहने लगे हैं?

सवाल-

मैं 27 वर्षीय शादीशुदा महिला हूं. मेरी शादी 10 महीने पहले हुई है. पति बहुत प्यार करते हैं पर मैं उन्हें सैक्स में पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाती. वजह है मेरी वैजाइनल मसल्स का जरूरत से ज्यादा संकुचित यानी टाइट होना. सैक्स संबंध के दौरान इस वजह से मैं पति को पूरा साथ नहीं दे पाती. इस दौरान मुझे तेज दर्द होता है. पति के आग्रह को मैं ठुकरा भी नहीं सकती पर सैक्स करने के नाम से ही मेरे हाथपांव फूल जाते हैं और पूरी कोशिश करती हूं कि टाल जाऊं. इस से पति नाराज रहने लगे हैं. बताएं मैं क्या करूं?

जवाब-

पहले तो आप को सैक्स के प्रति मन में बैठा डर खत्म करना होगा, क्योंकि यह कुदरत का दिया एक अनमोल तोहफा है जो दांपत्य जीवन की गरमाहट को बनाए रखता है.

दूसरा, वैजाइनल मसल्स का जरूरत से ज्यादा टाइट होना कोई गंभीर बीमारी नहीं है अलबत्ता शादी के बाद शुरुआती दिनों की एक आम समस्या हो सकती है या फिर मन में बैठे डर की वजह से आप वैजाइना को संकुचित कर लेती होंगी.

बेहतर होगा कि सैक्स संबंध बनाने से पहले फोरप्ले करें और इस की अवधि शुरुआत में इतनी अधिक हो कि आप सैक्स के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएं. इसे और मजेदार बनाने के लिए पति से कहें कि वे ल्यूब्रिकैंट या चिकनाईयुक्त औयल का प्रयोग करें.

बाजार में आजकल वैजाइनल मोल्ड्स भी उपलब्ध हैं, जिन के इस्तेमाल से सैक्स क्रिया को और अधिक आनंददायक बनाया जा सकता है. पति से कहें कि सैक्स संबंध के दौरान पैनिट्रेशन स्लो रखें. धीरेधीरे आप को भी इस में आनंद आने लगेगा और सैक्स का खुल कर लुत्फ उठाने लगेंगी. बावजूद इस के अगर समस्या जस की तस रहे तो बेहतर होगा कि पहले किसी स्त्रीरोग विशेषज्ञा से मिलें.

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Monsoon Special: फैमिली के लिए बनाएं वैजिटेबल फ्राइड राइस

चाइनीज फूड हर किसी को पसंद आता है, लेकिन वह हेल्दी नहीं होता. अगर आप अपनी फैमिली के लिए हेल्दी और टेस्टी चाइनीज फूड ट्राय करना चाहते हैं ता बनाएं वैजिटेबल फ्राइड राइस.

हमें चाहिए 

–  1 बड़ा चम्मच औयल

– थोड़ा सा लहसुन कटा हुआ

–  थोड़ा सा अदरक कटा हुआ

–  2-3 हरीमिर्चें कटी हुई

–  3/4 कप बेबी कौर्न कटे हुए

–  3/4 कप हरी बींस कटी हुई

–  3/4 कप गाजर कटी हुई

–  3/4 कप हरे मटर कटे हुए

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–  1 कप चावल पके हुए

–  1/2 छोटा चम्मच चीनी

–  1 बड़ा चम्मच सोया सौस

–  1 बड़ा चम्मच सफेद कालीमिर्च का पाउडर

–  1 बड़ा चम्मच सिरका

–  गार्निशिंग के लिए हरा प्याज कटा हुआ

–  नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका

कड़ाही में घी गरम कर उस में अदरक, लहसुन डाल कर भूनें. फिर इस में हरीमिर्च और बाकी सभी सब्जियां डाल कर 2-3 मिनट तक और पकाएं. अब इस में पके हुए चावल डाल कर हलके हाथों से मिलाते हुए थोड़ा और पकाएं. फिर इस में चीनी, सोया सौस, सफेद कालीमिर्च का पाउडर, सिरका और नमक डाल कर अच्छी तरह मिलाते हुए 1 मिनट तक पकाएं. फिर हरे प्याज से गार्निश कर के गरमगरम सर्व करें.

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Monsoon Special: हेयर केयर है जरुरी

मानसून में बालों की देखभाल करना एक चुनौती होती है. मौसम के साथ-साथ हेयर केयर रिजीम भी बदलता रहता है. मानसून में नमी की मात्रा हवा में बहुत होती है, जिससे केश चिपचिपे हो जाते है, क्योंकि अधिक गर्मी और नमी से बाल फ्रीजी हो जाते है, ऐसे में झड़ने लगते है.

अभी सेमी लॉक डाउन में आधे से अधिक महिलाएं घर से काम कर रही है, ऐसे में हेयर केयर पर उनका ध्यान कम हो रहा है, जबकि उन्हें और अधिक ध्यान देना चाहिए, ताकि हेयर की सुन्दरता बनी रहे. इस बारें में बीब्लंट की फाउंडर एंड क्रिएटिव डायरेक्टर हेयर एक्सपर्ट अधूना भबानी कहती है कि मानसून में बालों की देखभाल अन्य किसी भी मौसम के मुकाबले अधिक करनी पड़ती है, जो मुश्किल नहीं. कुछ साधारण सुझाव से आप चिपचिपी और फ्रीजी हेयर से मानसून में बच सकते है, जो निम्न है,

रूटीन में धोएं रूटीन में 

मानसून में मोइस्चराइजिंग युक्त शैम्पू और कंडीशनर हेयर के लिए अच्छा होता है.खास कर उन शैम्पू और कंडीशनर को चुने, जिसमें नैचुरल इन्ग्रेडिएन्ट मसलन अवोकेडो, आर्गन, केराटिन, क्विनोवा, जोजोबा, वीटग्राम आयल, ग्रेप सीड आयल, राइस आप्शन आदि. सप्ताह में दो से तीन दिन बालों में शैम्पू करें. 

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एंटी फ्रिज क्रीम का करें प्रयोग 

अच्छी एंटी फ्रिज क्रीम के प्रयोग से केशों की चमक, सॉफ्टनेस और खूबसूरती बढ़ाती है, इसका प्रयोग आप केश धोने के बाद या सप्ताह में कभी भी बेजान बालों में गॉर्जियस लुक पाने के लिए कर सकती है.

केशों का डीप कंडीशनिंग है जरुरी 

केशों की डीप कंडीशनिंग बरसात के दिनों में बहुत जरुरी होता है. जिसे घर पर भी आसानी से किया जा सकता है. हेयर एक्सपर्ट अधुना आगे कहती है कि सबसे पहले स्कैल्प और हेयर को साफ़ रखना इस मौसम में आवशयक है. इसके लिए रिपेयर रेमेडी शैम्पू और कंडीशनर का प्रयोग करना अच्छा रहता है. शैम्पू लगाते वक्त उँगलियों की पोरों से अच्छी तरह स्कैल्प पर मसाज करने के बाद सूखे तौलिये से पोंछकर कंडीशनर लगाये और बाद में गर्म तौलिये से थोड़ी देर लपेट कर रखे. इससे उत्पाद आपके केशों की जड़ों में जायेगा और केश नर्म और चमकदार बनेंगे. हेड मसाज के समय सर्कुलर मोशन में स्कैल्प की मसाज करें ताकि सिर की ब्लड फ्लो बढे और जड़ों को जरुरी पोषक मिले. स्कैल्प की मसाज किसी तेल से भी किया जा सकता है. 

कुछ घरेलू नुस्खे जो हेयर केयर के लिए घर पर ही बनाया जा सकता है, जो निम्न है, 

  • मेथी के दाने को रातभर भिगो लें, सुबह इसे अच्छी तरह पीसकर स्कैल्प और बालों पर लगा लें,30 मिनट रखने के बाद नार्मल पानी से धो लें. इससे बाल सुन्दर और आकर्षक हो जायेंगे. 
  • दही और नीबू की कुछ बूंदें डालकर पेस्ट बनाकर बालों में लगाने से बालों का झरना बरसात में कम हो जाता है. ये प्राकृतिक मोयस्चराइजर है, जो स्कैल्प की रूखेपन को दूर करता है, जिससे डैनड्रफ़ नहीं होता. बाल चमकदार बनते है.

केशों का झड़ना इस मौसम में खास होता है, जिसे लेकर महिलाएं चिंतित रहती है. केश कम गिरे, इसके सुझाव निम्न है.

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  • बारिश के पानी में केशों को गीला होने से बचाएँ,
  • बाल बारिश के पानी से गीले होने पर तुरंत सुखाएं, 
  • शैम्पू के बाद बालों को खुला छोड़ दें, गीले केशों में कंघी न करें,
  • बड़ी दांत वाली कंघी से बालों को सुलझाएं,
  • तौलिये से बालों को धीरे-धीरे पोंछे, बालों पर तौलिया झटके नहीं,
  • गीले बालों को बांधकर न रखें,
  • अधिक गर्म पानी से केशों को कभी न धोएं,
  • इसके अलावा अपनी डाइट में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, विटामिन्स, मिनरल्स आदि का सही संतुलन हो, इसका ध्यान रखें, ताकि बाल स्वस्थ रहे. 

जब हो जाए दूसरे पति को संदेह

सुभाष डायमंड कैफे के कोने की सीट पर अपने क्लाइंट के साथ बैठा बिज़नेस प्लांस डिस्कस कर रहा था. तभी उस ने कैफे में विभा को किसी के साथ घुसते देखा. गौर से देखने पर सुभाष ने पाया कि विभा के साथ बैठा पुरुष कोई और नहीं बल्कि उस का पुराना पति केशव है.

अब उस का दिमाग बिजनेस प्लांस में कम और विभा की एक्टिविटीज पर अधिक लग गया था. थोड़ी देर में उस ने क्लाइंट को विदा कर दिया ताकि अच्छी तरह विभा को ऑब्ज़र्व कर सके. इधर विभा केशव के साथ बातें करने में मशगूल थी.

कुछ देर में विभा ने अपना मोबाइल निकाला और केशव को मोबाइल पर कुछ दिखाने लगी. मोबाइल दिखाते समय वह केशव के काफी करीब खिसक आई थी. सुभाष के तनबदन में आग लग रही थी. उस से वहां बैठा नहीं गया और पैर पटकता हुआ वह कैफे से बाहर निकल आया.

अब तो ऑफिस में भी किसी भी काम में उस का दिल नहीं लगा. अंदर ही अंदर शक का कीड़ा कुलबुला रहा था. वह ऑफिस से समय से पहले ही निकल आया.

केशव और विभा की शादी हुए अभी मुश्किल से एक साल बीता था. विभा तलाकशुदा थी और केशव विधुर था. मेट्रीमोनियल साइट्स के जरिए उन का रिश्ता जुड़ा था.

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विभा का पुराना पति इसी शहर में रहता था मगर सुभाष उस से कभी नहीं मिला था. विभा भी यही कहती थी कि पुराने पति और उस के परिवार के साथ अब वह बिल्कुल भी कांटेक्ट में नहीं है. पर आज विभा को इतनी सहजता से केशव के साथ वक्त बिताते देख सुभाष के दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था.

शाम के समय जब वह घर पहुंचा तो विभा किसी से फोन पर बातें कर रही थी. सुभाष को देख कर उस ने फोन काट दिया और चाय बनाने चली गई. सुभाष ने विभा के मोबाइल पर कॉल हिस्ट्री चेक की तो उस ने पाया कि वह पिछले 1 घंटे से अपने पूर्व पति यानी केशव से ही बातें कर रही थी. यही नहीं एक दिन पहले भी उस ने केशव से 35 मिनट बात की थी. तब तक विभा चाय ले कर आ गई.

सुभाष ने तुरंत उस का मोबाइल छुपा दिया और उस पर गहरी नजर डालता हुआ बोला,” यह सब क्या चल रहा है?”

“क्या चल रहा है मतलब? क्या कह रहे हो सुभाष?”

“वही कह रहा हूं जो तुम मुझ से छुपा कर कर रही हो .”

सुभाष की आंखों में अपने लिए गुस्से और नाराजगी के भाव देख कर और इस तरह के सवाल सुन कर विभा असहज होती हुई बोली,” साफसाफ कहो न सुभाष क्या कहना चाहते हो?”

“आज दोपहर 12 बजे मैं डायमंड कैफे में था और तुम वहां केशव के साथ कॉफी का आनंद ले रही थी. उस के एकदम करीब बैठ कर पुरानी यादें ताजा कर रही थी. अब बताओ और भी कुछ कहना बाकी है?”

“ओह तो यह बात है…, ” विभा ने कुछ कहना चाहा तब तक सुभाष चिल्लाया,” कब से चीट कर रही हो मुझे? ऐसा क्यों किया तुम ने ? अगर उस से इतना ही प्यार था तो मेरी जिंदगी खराब करने की जरूरत क्या थी?”

“तुम गलत समझ रहे हो सुभाष. मैं कैफे में उस के साथ थी पर इस का मतलब यह तो नहीं कि….”

“ज्यादा भोली मत बनो. सब कुछ समझ गया हूं मैं. ”

“तुम कुछ नहीं समझे सुभाष. प्लीज एक बार मेरी बात तो सुन लो. मैं आज केशव से मिलने गई थी मगर पुरानी यादें ताजा करने नहीं बल्कि भविष्य के लिए उसे सचेत करने. दरअसल मैं अपनी ननद नताशा के बहकते कदमों के बारे में केशव को चेताने गई थी. नताशा कम उम्र की है. रात में 9-10 बजे मैं ने उसे शराब पी कर एक आवारा लड़के के साथ घूमते देखा. ऐसा 2 बार हो चुका है. मैं ने उस की फोटो ले ली थी. वीडियो भी बनाई थी. वही सब डिस्कस कर रही थी. नताशा मेरी छोटी बहन जैसी है. मुझे बहुत मानती थी. इसलिए बड़ी बहन होने का दायित्व निभा रही थी और कुछ नहीं. ”

विभा की बातें सुन कर सुभाष ने नजरें नीची कर ली. शर्मिंदा होता हुआ माफी मांगने लगा.

इस तरह की घटनाएं आम बात है. तलाकशुदा महिलाओं को दूसरी शादी के बाद अक्सर ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जब पूर्व पति से मुलाकात वर्तमान पति की नजरों में बेवफाई बन जाती है. नए पति के मन में शक के बीज अंकुरित होने लगते हैं.

दरअसल स्त्री को नाजुक हृदय का माना जाता है. वह रिश्तेनातों और किसी के प्रति लगाव को बहुत सहजता से खत्म नहीं कर पाती. इसलिए पुरुषों को अक्सर यह संदेह रहता है कि वर्तमान जिंदगी में जरा सी भी ऊंचनीच होने या असंतुष्टि रहने पर पहले पति की तरफ आकर्षित हो सकती है. पर ऐसी सोच अक्सर गलत साबित होती है.

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एक स्त्री अपने पुराने पति की तरफ तभी आकर्षित होगी जब—-

1. उस का तलाक आपसी सहमति से हुआ हो

यदि स्त्री ने पुराने वैवाहिक रिश्ते में लंबा अरसा बिताया हो और पूरी तरह खुश और संतुष्ट जीवन जीवन जीया हो मगर किसी हादसे या विपरीत परिस्थितियों के आने पर लाचारगी मैं उसे तलाक लेना पड़ा हो.

स्त्री ने अपने पुराने वैवाहिक रिश्ते में अपना 100% दिया हो और पति से बहुत प्यार करती हो. मगर पति ने किसी और स्त्री से अपने अफेयर की वजह से पत्नी को आजाद कर दिया हो.

बच्चा न होने या पारिवारिक मनमुटाव की वजह से उसे रिश्तों को तोड़ना पड़ा हो जबकि वह पति से प्यार करती रही हो. इस तरह के मामलों में स्त्री अपने पति से प्यार करती है इसलिए तलाक के बाद भी उस के मन में पति के लिए प्यार जिंदा रह सकता है. पर अमूमन ऐसी परिस्थिति में स्त्री दूसरी शादी नहीं करती. यदि वह दूसरी शादी कर भी ले तो भी पहले पति की यादें उस के मन में कायम रहती हैं. ऐसे में यदि वर्तमान शादी में वह खुश नहीं तो संभव है कि वह पूर्व पति की तरफ लौट जाए.

अक्सर पहले पति से तलाक के बाद और दूसरी शादी करने के बीच जो अकेलापन होता है उस में औरत न चाहते हुए भी पहले पति के बारे में सोचती रहती है. पहले पति से हमेशा के लिए दूर होने के बाद महिला के मन में अक्सर उस के साथ बिताए गए अच्छे पल और उस की अच्छाइयां घूमने लगती हैं. वह यह भी सोचती है कि कहीं उस से गलती तो नहीं हो गई. पर तलाक के बाद अक्सर वापस लौटने का रास्ता बंद हो जाता है. भावी जीवन की सुरक्षा के लिए घर वालों के कहने पर यदि वह दूसरी शादी कर भी लेती है तो मन के किसी कोने में वह नए पति की तुलना पुराने वाले पति से करती रहती है. यही बात पुराने पति के साथ भी हो सकती है और दोनों के मन में एकदूसरे के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर बन सकता है.

2.जब कड़वाहट के बाद टूटा हो रिश्ता

यदि स्त्री की पहली शादी काफी संतापपूर्ण और मानसिक यातनाओ से पूर्ण रही हो, पति मारतापीटता हो, कष्ट देता हो, मैरिटल रेप करता हो या फिर उस के और उस के घरवालों के प्रति नीच रवैया रखता हो तो स्त्री तलाक के बाद एक पल के लिए भी पुरानी यादों को दिमाग में वापस लाना नहीं चाहेगी. तलाक के बाद वह कभी पूर्व पति की शक्ल भी नहीं देखना चाहेगी.

इसी तरह यदि दोनों का तलाक लंबी कानूनी कार्यवाही के बाद हुआ हो और कोर्ट में एकदूसरे की इज्जत की धज्जियां उड़ाई गई हों तो ऐसे में भी स्त्री कभी भूल कर भी पुराने पति की तरफ आंख उठा कर देखना पसंद नहीं करेगी.

वस्तुतः तलाक एक लंबी, जटिल और यातनापूर्ण प्रक्रिया है. तलाक के बाद केवल स्त्रीपुरुष ही अलग नहीं होते बल्कि उन की सोच, उन मंजिल, उन के रास्ते और उन का परिवार सब कुछ अलग हो जाता है.

नई शादी कर के वह नए जीवन की शुरुआत करती है. नए पति को याद रखना चाहिए कि तलाकशुदा पत्नी को पूरी तरह छूट है कि वह किस से संपर्क रखे और किस से नहीं. उसे जिंदगी से जुड़े फैसले लेने और रिश्ते निभाने का हक है क्योंकि वह परिपक्व है. वह पहले ठोकर खा चुकी है और अब उस में इतनी समझ आ चुकी है कि उस का कौन सा कदम क्या परिणाम ला सकता है.

इसी तरह गौर करने वाली बात है कि शादी के बाद किसी भी पुरुष या महिला के बहुत से संबंध साथी की वजह से बनते हैं और वे सिर्फ तलाक के कारण समाप्त नहीं हो सकते. महिला किसी की भाभी बनती है, किसी की बहू, किसी की चाची और किसी की मामी बनती है. ये प्यारेप्यारे रिश्ते दिल से जुड़े होते हैं. दूसरी शादी के बाद भी पिछली शादी की वजह से बने यह रिश्ते जिंदा रहते हैं. इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता. ऐसे में यदि महिला इन रिश्तों की वजह से पहले पति या उस के घरवालों से मिलती है तो इस का मतलब यह नहीं कि वह पुराने पति की तरफ फिर से आकर्षित हो जाएगी.

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दूसरी शादी में यदि पतिपत्नी के बीच प्रेम और भरोसा पूरी तरह कायम न हो पाया हो तब इस तरह के संदेह उठते हैं और रिश्तो में कड़वाहट लाते हैं.

इसलिए जरूरी है कि जब आप दूसरी शादी करें तो नए रिश्ते में अपना 100% दे. प्यार और विश्वास की नींव पर नई जिंदगी शुरू करें और एकदूसरे के बीच कोई भी सीक्रेट न रखें. नए पति से हर बात शेयर कर उसे विश्वास में ले कर ही आगे बढ़े.

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