19 दिन 19 टिप्स: 5 टिप्स से घर के कौकरोच और छिपकली की करें छुट्टी

अक्सर घर की सफाई करने के बावजूद घर में कौकरोच और छिपकली आ जाती हैं. जिसे देखना किसी को भी पसंद नही होता. कौकरोच और छिपकली से घर में कईं बीमारियां हो जाती हैं. बाजार में कईं ऐसे प्रोडक्ट्स हैं, जिनसे कौकरोच और छिपकली से छुटकारा पाया जा सकता है, लेकिन इन महंगे प्रौडक्ट्स को खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं हैं इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएगे, जिससे आ कौकरोच और छिपकली को अपने घर से दूर रख पाएंगे.

  1. अंडे के छिलके का करें इस्तेमाल

छिपकलियां अंडे के छिलकों की गंध से दूर भागती हैं. दरवाजों तथा खिड़कियों और घर में ऐसे स्थानों पर अंडे के छिलके रख देने से छिपकली घर के अंदर नहीं घुसती.

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2. लहसुन का करें इस्तेमाल

छिपकली लहसुन की गंध से भी दूर भागती हैं. छिपकलियों को घर से दूर रखने के लिए घर में लहसुन की कलियाँ टांगें या घर में लहसुन के रस का छिडकाव करें

3. कौफी और तंबाकू की छोटी गोलियां करें इस्तेमाल

कॉफ़ी तथा तंबाकू के पाउडर की छोटी-छोटी गोलियाँ बनायें तथा इन्हें माचिस की तीली या टूथपिक पर चिपका दें. इन्हें अलमारियों में या ऐसे स्थान पर रख दें जहाँ छिपकली अक्सर दिखाई देती है. यह मिश्रण उनके लिए जानलेवा होता है इसलिए आपको बाद में उनके मृत शरीर को फेंकना पड़ेगा.

4. प्याज का करें इस्तेमाल

इन्हें प्याज़ की कसैली गंध भी पसंद नहीं होती. अत: इन्हें घर से दूर रखने के लिए प्याज के रस का छिडकाव करें.

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5. नेफ्थलीन बौल्स का करें इस्तेमाल

छिपकली को भगाने के लिए नेफ्थलीन बौल्स का उपयोग करना भी बहुत प्रभावी होता है. इसे आप अपने किचन के शेल्फ्स, अलमारियों आदि में रख सकते हैं ताकि वहां छिपकली न पहुंच सके. मार्केट में कईं प्रौडक्ट्स मौजूद हैं, लेकिन अगर आप घर में साफ-सफाई का ध्यान रखेंगे तो कईं आपके घर से कीड़े मकौड़े दूर रहेंगे.

Lockdown के बीच बेटी समीशा खेलती दिखीं शिल्पा शेट्टी, Video Viral

बौलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं. कभी फिटनेस तो कभी बेटी समीशा को लेकर वह अक्सप अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फोटो और वीडियो शेयर करती रहती हैं. हाल ही में शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) ने नया वीडियो शेयर किया, जिसमें वह अपनी बेटी को उनका लकी चार्म बता रही हैं. आइए आपको दिखाते हैं क्या कहना शिल्पा शेट्टी का बेटी समीशा के बारे में…

बेटी समीशा के लिए शेयर किया वीडियो

 

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Some things in life are a little more special than the others. The number ‘15’ has been added to that list now❤️! Our daughter, Samisha Shetty Kundra🧿, came into our lives on 15th Feb and she turns two months old today on 15th April. It’s also a very special and happy coincidence that we have become a family of 15 MILLION on @indiatiktok today, on the 15th of April😍🤩 So grateful for all the love & blessings that you have showered on my family and me over the years… humbled beyond words. Hope you continue to stand by us, rock solid, even in the years to come🙏🏻❤️🤗🧿🌈 ~ @rajkundra9 . . . . . #20DaysOfGratefulness #Day19 #SamishaShettyKundra #happiness #gratitude #blessed #grateful #daughter #15Million #TikTokIndia

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बेटी समीशा के साथ वीडियो को शेयर करते हुए शिल्पा (Shilpa Shetty) ने लिखा, “लाइफ में कुछ चीजें दूसरों की तुलना में थोड़ी ज्यादा खास हैं. इस सूची में अब ’15’ नंबर जुड़ गया है. हमारी बेटी समीशा शेट्टी कुंद्रा 15 फरवरी को हमारी लाइफ में आई थी और वह आज 15 अप्रैल को दो महीने की हो गई. यह भी एक बहुत ही खास और अच्छा संयोग है. इसके अलावा आज 15 अप्रैल को मेरे टिकटॉक पर 15 MILLION फॉलोअर्स हो गए हैं. इसलिए आप सभी के प्यार और आशीर्वाद के लिए थैंक्स. आशा है कि आप मेरे साथ हमेशा ऐसे ही रहेंगे.

 

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The first thing about gratitude is to acknowledge it and second is remember it even in the future. Our parents have done so much for us, the love, the hard work, the sacrifices… We cannot – for a single second – forget how much they’ve done. We live in a different “YUG”, where we lead such fast-paced lives and live in the present forgetting the past… But it’s only human to err. THIS (Lockdown) is a great time to introspect and appreciate how much our parents have done for us in the past. The least we can do NOW is show them love. This TIME is priceless; I was fortunate to have my maternal grandma with me in my formative years and I feel sooo overjoyed to see my son have these moments with my mom. Thank you, Mom… for all and more… always! We are truly lucky and blessed. Only gratitude ❤️🧿❤️ @sunandashetty10 . . . . . #20DaysOfGratefulness #Day15 #stayhome #staysafe #stayindoors #gratitude #IndiaFightsCorona #Mother #son #family

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बेटी के साथ शेयर कर चुकीं हैं फोटो

 

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🧿Samisha Shetty Kundra completes 40 days today🧿 The first milestone for a mother and child, revered in Hinduism. 😇 Ideally, as a ritual we would have “stepped out of the house “ for the “FIRST” time and taken her to a temple for blessings, but as things stand today don’t have that option. Hence, will seek blessings at our mandir at home. It only makes me realise that there are so many other things we should be grateful for even if some things don’t go as per plan. So, for the next 20 days, I’m going to document one thing that I’m grateful for EVERY DAY. Starting with TODAY, I’m so grateful for just having a healthy family by my side. Let’s use this time to thank the universe for all the wonderful things and daily manifest positivity in our lives. Do join me in this exercise stating what YOU are grateful for. Tell me in the comments below or post something on your handle.🌈❤️😇 Love and Gratitude, SSK . . . . . #SamishaShettyKundra #20DaysOfGratefulness #gratitude #blessed #family #40days #milestones #thankful #love

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शिल्पा (Shilpa Shetty) ने अब हाल ही में परिवार के साथ फोटो शेयर की थी. इस फोटो में शिल्पा (Shilpa Shetty) के साथ उनके पति राज कुंद्रा, बेटा और बेटी साथ नजर आईं थीं. फोटो को शेयर करते हुए शिल्पा ने लिखा था ‘शमिशा 40 दिन की हो गई है. किसी भी मां और बच्चे के लिए ये पहला मील का पत्थर है. वैसे तो होना ये चाहिए कि हमें शमिशा को कुछ परंपराओं को निभाने के लिए घर से बाहर निकालना चाहिए लेकिन अभी ऐसा करना सही नहीं होगा.

बता दें, शिल्पा शेट्टी (Shilpa Shetty) 15 फरवरी को दूसरी बार सरोगेसी के जरिए मां बनी थीं, जिसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए फैंस को दी.

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सुष्मिता सेन से फैंस ने पूछा- कब करोगी शादी, मिला ये जवाब

बौलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) भले ही फिल्मी दुनिया से दूर हैं, लेकिन वह अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं, बौयफ्रेंड रोहमन शौल (Rohman Shawl) के साथ सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) अक्सर क्ववौलिटी टाइम बिताती नजर आती है, जिसके बाद उनके फैंस का उनसे एक ही सवाल रहता है कि वह शादी कब करेंगी. हाल ही में सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) का शादी के सवाल पर रिएक्शन देखने को मिल है. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

शादी के सवाल पर सुष्मिता सेन का रिएक्शन

लौकडाउन के दौरान, सुष्मिता(Sushmita Sen), रोहमन (Rohman Shawl) और उनकी बेटी एलिशा और रिने इंस्टाग्राम पर एक साथ लाइव थे, जिस पर फैन्स उनसे सवाल पूछ रहे थे और सुष्मिता उनका जवाब दे रही थीं. इसी बीच एक फैन ने सुष्मिता से पूछा किया कि वह रोहमन के साथ शादी के बंधन में कब बंधने जा रही हैं? जिस पर सुष्मिता पहले तो बहुत जोर से हंसी और फिर जब उन्हें कुछ समझ नहीं आया तो उन्होंने रोहमन को इस सवाल का जवाब देने के लिए कहा.

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बौयफ्रेंड रोहमन ने दिया ये जवाब

सुष्मिता (Sushmita Sen), ने सवाल पढ़ा और फिर रोहमन (Rohman Shawl) की तरफ देखते हुए कहा, ‘ये सवाल तुम्हारे लिए है.’ अब रोहमन (Rohman Shawl) को इसका जवाब देना था. उन्होंने सुष्मिता (Sushmita Sen), की तरफ देखकर कहा कि जब भी ये हां कह दें मैं शादी के लिए तैयार हूं. रोहमन के इस जवाब ने फैन्स का दिल जीत लिया.

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बता दें, हाल ही में बौयफ्रेंड रोहमन शौल(Rohman Shawl)  ने सुष्मिता (Sushmita Sen)के लिए एक सरप्राइज पार्टी दी थी. रोहमन ने पूरे छत को सजाया, जो काफी शानदार लग रहा था. सुष्मिता सेन को यह सब बेहद पसंद आया और उन्होंने रोहमन को शुक्रिया भी बोलते हुए अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फोटो शेयर की. वहीं इसी के साथ सुष्मिता ने अपने बर्थडे सेलिब्रेशन की वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर की.

दर्द जो नासूर बन जाता है

दिल्ली में हुए दंगे जिन्हें मुख्यतौर पर भारतीय जनता पार्टी के कपिल मिश्रा ने खुल्लमखुल्ला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में उकसाया था, में ज्यादा नुकसान औरतों को हुआ जिन के बेटे, पति, पिता, घर, संपत्ति, वाहन नहीं रहे. आदमी आमतौर पर इस तरह के जोखिमों के लिए हर समय तैयार रहते हैं पर सभ्य समाज ने औरतों को अपनी सुरक्षा के मामले में ढीला कर दिया है.

जब दंगों में घर जलते हैं तो मां या पत्नी को ही अधिक चिंता होती है कि 4 घंटे बाद जब सब को भूख लगेगी, वह कहां से खाना लाएगी? जब रात होती है तो उसे चिंता होती है कि दूधमुंहे बच्चों से ले कर जवान लड़कियां कहां सोएंगी? औरतों को दंगों में मारे गए जने का दर्द देर तक भुगतना होता है- सालों तक, जीवन के अंत तक.

पैसा आताजाता रहता है, जानें भी बीमारी या दुर्घटनाओं में जाती हैं पर उस में बाकी दूसरे घर के सदस्य हाथ बंटा कर सांत्वना दे देते हैं. दंगे अचानक होते हैं, घर पर या सड़क पर अचानक बिना गुनाह के कोई मार डालता है, जला डालता है. जो यह कर रहा होता है वह जानवर से भी बदतर होता है, क्योंकि जानवर केवल अपनी सुरक्षा या खाने के लिए मारते हैं, दंगाई तो गिनते हैं कि उन्होंने 10 को मारा या 100 को, 10 गाडि़यां जलाईं या 100, 10 घरों को लूटा या 100 घरों को.

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दंगाई आमतौर पर जानते हैं कि वे भीड़ का हिस्सा होते हैं. अत: बच जाएंगे. दंगाइयों को सरकार पर भरोसा होता है कि वह उन्हें बचाएगी और शिकारों को ही दोषी करार देगी. यह तथ्य भी बहुत पीड़ा देता है.

औरतों की याद्दाश्त ज्यादा तेज होती है. यह प्राकृतिक गुण है, क्योंकि तभी वे छोटे बच्चों को जन्म दे सकती हैं, पाल सकती बाहरी खतरों का आदी होता है और दुश्मन से भी दोस्ती पालने की हिम्मत रखता है.

औरतें दंगों में बलात्कारों की शिकार भी होती हैं. सदियों से राजाओं ने यह छूट सैनिकों को दे रखी थी कि वे जीते गए इलाके में लूट भी मचाएं और औरतों का बलात्कार भी करें. दंगे लड़कियों को भगा ले जाने में सब से ज्यादा कारगर होते हैं.

अफसोस यह है कि यही औरतें दंगों के लिए मुख्यतया जिम्मेदार धर्म को पालपोस कर कंटीला पेड़ बनाए रखती हैं. वे अपने बच्चों को धर्म की अंधभक्त बनाती हैं. वे ही दूसरे धर्मों की आलोचना करती फिरती हैं. वे ही जाति, कुंडली, रीतिरिवाजों की बात करती हैं और वे ही अपने मर्दों को धर्मों के दुकानदारों तक ले जाती हैं.

दंगों के लिए जहां गुंडे जिम्मेदार हैं, उस से ज्यादा धर्म के साए में पलती गुंडों की मांएं भी जिम्मेदार हैं, जो दंगा कर के आने पर अपने बेटों, पति की आरती उतारती हैं.

इन दंगों के बाद कितनी हिंदू औरतों ने अपने दंगाई बेटों को घर में घुसने नहीं दिया? कितनों ने पतियों को छोड़ा? पति द्वारा एक थप्पड़ लगा देने पर तलाक मांगने वाली तापसी पन्नू की बहादुरी पर तालियां बजाने वाली औरतों की जमात कब कहां औरतों को लूटने, उन के घरों को जलाने पर उन को घर निकाला देती हैं?

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#coronavirus: आइये हम कोरोना थूकते है

लेखक-रंगनाथ द्विवेदी

हमारे देश के व्यंग्य साहित्य में थूकने पर लिखना कोई नया नही है, मुझसे पहले भी इस थूकने जैसे व्यंग्य के विषय पर लोग–“अपना बौद्धिक सत्यानाश कर चुके है, व्यंग्य का यही बौद्धिक सत्यानाश आज मुझे भी थूकने जैसे विषय पर व्यंग्य लिखने को ललचा रहा “. क्योंकि अगर मै इस थूकने पर नही लिखूंगा  तो निश्चित जानिए कि मेरे अंदर का व्यंग्यकार मुझे अगले जन्म में तुम भी इसी तरह “कोरोना थूकोगे ऐसा श्राप देगा”. इसलिए मै अपने दिल पर व्यंग्य रखकर शपथ लेता हूं कि–“मै कोरोना थूकता हूं व्यंग्य की वायरल बिधा जो तबलीगी जमात से उपजी है उन्हें मै अपने स्तर के विद्वान के तौर पर समर्पित करता हूं “.

हमारे इस देश में–“थूकने वाले भी दो कटेगरी के है एक तो सभ्य है, दुसरे असभ्य थूकने वाले है”. अब ये आप पर निर्भर है कि–“आइये हम कोरोना थूकते है” को आप इनमे से किस जमात में रखते है. हर देश और उसके राज्य में “थूकने का अपना एक इतिहास-भूगोल है, वैसे ही हमारे देश में भी थूकने का सबसे ज्यादा जनप्रिय इतिहास भूगोल है”. इसपे हमारे देश के “थूकने वाले अपने आप को थूकने का महापुरुष समझे और अपने थूकने पर गर्व करे”. ऐसा नही की सभी इतना ऐतिहासिक तरीके से थूकते है, कुछ बेचारे थूकने वाले यूँही बेमन से थूक देते है.

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हमारे इस देश में आपको यहां-वहा थूकने में सहायक तमाम खाद्य सामग्री छोटी-छोटी लकड़ी की गुमटी से लेकर दुकान में टंगे मिल जाएंगे इन खाद्य सामग्री को गुटखा कहते है. हमारे देश में अधिकांश थूकने वाले–“खैनी और गुटखा का बड़े चटखारे के साथ इसका वैज्ञानिक आनंद लेते है”. इनमे से कुछ एक राज्य ऐसे है जहाँ के कुछ जमातियो ने तो “आइये हम कोरोना थूकते है” कहकर और थूककर थूकने की आधुनिक व्यंग्य साहित्य का सीना ही 56 इंच का कर दिया. कुछ लोग कयास लगा रहे या कह रहे है कि ये “कोरोना वायरस थूकने वाला व्यंग्य पाकिस्तान के आतंकी व्यंग्यकार ने ईजाद किया है ये उसी की नकल कर कोरोना थूक रहे है.

लेकिन मै आपको यकीन दिलाता हूं कि–“आइये हम कोरोना थूकते है” ये मेरे स्वयं के व्यंग्य लेखन का एक भीषण बौद्धिक एक्सीडेंट है. इतना ही नही इस थूकने को हम “व्यंग्य साहित्य का आधुनिक काल भी कह सकते है “. अतः अभी तलक हम आप सभी ने बीना मतलब के बहुत थूका है, लेकिन प्लीज अब हम और आप अपने इस देश के विरुद्ध ना थूके.

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19 दिन 19 टिप्स: 14 साल में ही मौसी करीना की तरह स्टाइलिश हैं करिश्मा कपूर की बेटी समायरा

बौलीवुड में कपूर खानदान को हर कोई जानता है. एक्ट्रेस करीना कपूर (Kareena Kapoor) की एक्टिंग और फैशन किसी से छुपा नही है. वहीं बात जब उनकी फैमिली की आती है तो उनका भी जवाब नही है. बेबो यानी करीना कपूर (Kareena Kapoor) की भांजी समायरा इन दिनों सोशल मीडिया पर छाई हुई है. हाल ही में एक फैमिली फंक्शन में एक्ट्रेस करीना कपूर(Kareena Kapoor) , करिश्मा कपूर (Karisma Kapoor)अपनी बेटी संग पहुंची, जिसमें उनका लुक बेहद खूबसूरत था. आइए आपको दिखाते हैं मौसी करीना की तरफ समायरा के कुछ फैशनेबल लुक, जिसे आप भी ट्राय कर सकती हैं.

1. समायरा की ये ड्रेस है परफेक्ट

रेड कलर की लौंग ड्रेस आउटिंग या वेकेशन के लिए परफेक्ट औप्शन है. आप इसे वाइट शूज के साथ भी कौम्बिनेशन बना कर पहन सकते हैं. ये आपके लुक को ट्रेंडी बनाने में मदद करेगा.

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2. वेडिंग सीजन के लिए परफेक्ट है ये लुक

अगर आप वेडिंग सीजन के लिए परफेक्ट लुक चाहतीं हैं तो समायरा का ये सिंपल ब्लू लहंगा परफेक्ट औप्शन है. इसके साथ ब्लू कौम्बिनेशन के इयरिंग्स ट्राय कर सकती हैं. ये आपके लुक को एक अलग लुक देगा.

3. कौम्बिनेशन है परफेक्ट

 

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Twinning with my baby doll ?❤️? in @manishmalhotra05 @mmalhotraworld #familywedding

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अगर आप वेडिंग सीजन में अपनी मां के साथ मिलकर कौम्बिनेशन ट्राय करना चाहती हैं तो करिश्मा कपूर और उनकी बेटी समायरा का ये कौम्बिनेशन लुक आपके लिए परफेक्ट औप्शन है.

4. पिंक लहंगा है परफेक्ट

वेडिंग सीजन में पिंक कलर अक्सर पौपुलर होता है. पिंक कलर आपके लुक को खूबसूरत लुक देने में मदद करता है. आप भी समायरा की तरफ अपनी मम्मी के साड़ी के कलर कौम्बिनेशन को ट्राय करते हुए पिंक कलर का लहंगा ट्राय करें.

काले अंडरआर्म्स के कारण मुझे शर्मिंदगी होती है, मै क्या करूं?

सवाल-

मेरी समस्या यह है कि थोड़ी भी गरमी महसूस होने या धूप में निकलने से मेरी बगलों में पसीना आने की समस्या शुरू हो जाती है. मेरी अंडरआर्म्स भी काफी डार्क है, जिस से मुझे काफी शर्मिंदगी महसूस होती है. बताएं मुझे क्या करना चाहिए?

जवाब-

बगलों में पसीना आना और डार्क अंडरआर्म्स अकसर महिलाओं को परेशान करती हैं. इस परेशानी से बचने का सब से बेहतर तरीका है नीबू के रस और बेकिंग सोडा का प्रयोग. जहां नीबू के रस से आप की त्वचा का रंग हलका हो जाएगा, वहीं बेकिंग सोडे से ज्यादा पसीना आने की समस्या दूर हो जाएगी.

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चेहरे की रंगत निखारने के लिए आप कई तरह के क्रीम, लोशन और मास्क का इस्तेमाल करती हैं. लेकिन क्या आपने कभी अपने अंडरआर्म्स पर गौर किया है? समय की कमी के कारण आप रेजर यूज कर लेती हैं लेकिन रेजर यूज करने के साइड-इफेक्ट बहुत बाद में उनके सामने आते हैं. कुछ लोग हेयर-रीमूवल क्रीम  का भी इस्तेमाल करते हैं लेकिन इनमें भी मौजूद केमिकल्स भी स्क‍िन पर बुरा असर डालते हैं.

अगर आपको भी अंडरआर्म्स से जुड़ी ये परेशानी होती हैं तो इन घरेलू टिप्स को अपनाकर आप इससे छुटकारा पा सकती हैं.

  1. नारियल तेल

शरीर पर मौजूद हर तरह के दाग-धब्बों के लिए नारियल तेल लगाने की सलाह दी जाती है. नारियल तेल को आप चाहें तो कपूर के साथ मिलाकर भी लगा सकते हैं. इसमें मौइश्चराइज करने का गुण पाया जाता है.

2. आलू

आलू एक नेचुरल ब्लीच है. आलू को गोलाई में पतले-पतले स्लाइस में काट लें. इन स्लाइस से पांच से सात मिनट तक अंडरआर्म्स की मसाज करें. फिर ठंडे पानी से अंडरआर्म्स साफ कर लें. सप्ताह में दो से तीन बार करने से आपको फायदा होगा.

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4 टिप्स: समर शौर्टस फैशन करें ट्राय

गरमियों में हर किसी को घूमना पसंद है. आप वौटर पार्क और बीच यानी समुद्र के पास घूमना या ट्रैवल करना पसंद करते होंगे, जिसके लिए आप कम्फरटेबल कपड़े पहनना पसंद करते हैं और आप शौर्टस का फेवरेट हैं. तो आज हम आपको शौर्टस के कुछ स्टाइलिश कौम्बीनेशन के बारे में बताएंगे, जिससे आपको एक स्टाइलिश लुक के साथ-साथ कम्फर्ट भी मिलेगा.

1. रफ कट डेनिम शौर्टस के साथ शर्ट का कौम्बिनेशन

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अगर आप कहीं फौर्मल या मार्केट घूमने का प्लान बना रहीं हैं तो ये कौम्बिनेशन आपके लिए बेस्ट होगा. यह ड्रैसअप आपके लिए गरमी के लिए सबसे कम्फरटेबल आउटफिट साबित होगा.

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2. ब्लैक शौर्टस के साथ औफस्लीव टौप करें ट्राई

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अगर आपको किसी पार्टी में जाकर खुद को हौट दिखाना है तो ये ड्रैस आपके लिए बेस्ट औप्शन्स में से है. ये आपकी लाइट ब्राउन बौडी कलर के साथ परफेक्ट साबित होगी.

3. औफिस लुक के लिए भी अच्छा औप्शन है कलरफुल शौर्टस

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गरमियों मे यह जरूरी नहीं की आप घर से बाहर सिर्फ घूमने के लिए ही निकले. अगर आप वर्किंग वुमन हैं तो यह आपके लिए बेस्ट आउटफिट है. इसे आप किसी डेली औफिस जाने के लिए इस्तेमाल कर सकती हैं.

4. कलर मैचिंग शौर्टस कर सकतीं हैं ट्राई

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अगर आपके पास कलरफुल ब्लेजर हैं तो आप उन्हें कलरफुल शौर्टस के साथ मैच करके पहन सकते हैं. कलरफुल शौर्टस को आप शूज के साथ मैच करके पहन सकती हैं. यह आपको मार्केट हो या औफिस, दोनों के लिए अच्छा और स्टाइलिश लुक होगा.

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यौन स्वास्थ्य: वैजाइनल ड्रायनेस और दर्द जैसे मुद्दों की न करें अनदेखी

वैजाइनल ड्राइनेस यानी योनिमार्ग का सूखा होने की समस्या, सभी आयुवर्ग की महिलाओं में हो सकती है, लेकिन रजोनिवृति के बाद तो यह समस्या हर महिला में आम हो गई है. यह अनुमान लगाया गया है कि समस्या पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं के लगभग आधे हिस्से को प्रभावित करती है और उनमें से अधिकांश जो अपने लक्षणों के लिए इलाज की तलाश नहीं करते हैं, जिसमें न केवल सूखापन, बल्कि  इंटरकोर्स के दौरान जलन और दर्द भी शामिल है.

यह अन्य जीर्ण स्थितियों की तरह के जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकता है. जबकि अन्य रजोनिवृत्ति के लक्षण, जैसे कि हॉट फ्लैशेज, आमतौर पर समय के साथ गिरावट आती है, योनि का सूखापन बना रहता है क्योंकि यह शारीरिक परिवर्तन से उत्पन्न होता है – विशेष रूप से एट्रोफी ऑफ टिश्यूज, जो एस्ट्रोजेन के नुकसान के कारण पतले, सूखने वाले और कम लचीले हो जाते हैं.

वैजाइनल ड्राइनेस के लक्षण

*    संभोग के दौरान ल्यूब्रिकेशन और दर्द का नुकसान मेनोपॉज के बाद, लुब्रिकेशन और दर्दनाक सेक्स समस्याओं में वृद्धि होती है. योनि के आसपास की त्वचा का पतला होना इसे और अधिक आसानी से क्षतिग्रस्त कर देता है. यह क्षति अक्सर सेक्स के दौरान हो सकती है, खासकर अगर लुब्रिकेशन खराब हो. यहां तक कि कोमल घर्षण से दर्द और असुविधा हो सकती है. दर्दनाक संभोग के कारण यौन इच्छा की हानि में बढ़ाने वाले प्रभावों को और अधिक कर सकते हैं.

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*    वैजाइना और वल्वा की उपस्थिति में परिवर्तन – योनि का अलग दिखना आम बात है क्योंकि इसके किनारे और पतले हो जाएंगे.

*    वैजाइनल डिस्चार्ज में परिवर्तन -महिला महिलाओं को भी अपने योनि स्राव में बदलाव देखने को मिलता है क्योंकि यह जलन के साथ अधिक बदबूदार और थोड़ी बदबूदार होती है. ये लक्षण चिंताजनक हो सकते हैं लेकिन वे केवल हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होते हैं और कुछ और गंभीर होने के संकेत नहीं होते हैं.

*    भावनात्मक प्रभाव – वैजाइना का सूखापन महिलाओं को अलग महसूस करा सकता है. शरीर में परिवर्तन को स्वीकार करना मुश्किल हो सकता है और स्थिति के कारण होने वाले दर्द और परेशानी से आत्मविश्वास और यौन आत्मविश्वास में कमी हो सकती है.

कभी-कभी ये लक्षण भ्रम पैदा कर सकते हैं क्योंकि वे यौन संचारित रोगों या थ्रश(छालों) के लक्षणों के समान होते हैं. जैसा कि ये एक शर्मनाक समस्या है, कई महिलाएं इसे इस पीड़ा को सहन रखती हैं और यह उनके साथी के साथ सम्बन्धों पर एक बड़ा दबाव डाल सकता है, खासकर अगर महिलाएं अपने साथी को यह बताने में असमर्थ महसूस करती हैं कि उन्हें यौन गतिविधि में रुचि क्यों नहीं है.

 इलाज

यदि कोई महिला इन उपरोक्त लक्षणों का अनुभव कर रही है, तो उसका डॉक्टर के पास जाना ही उचित  है. कुछ स्किन रिलेटेड कंडीशन हैं जो समान लक्षणों का कारण हो सकती हैं, जैसे कि जननांगों पर पतली, धब्बेदार सफेद त्वचा, जिसके कारण श्लेष्मा होता है, श्लेष्मा से झिल्ली और शरीर के अन्य क्षेत्रों खुजली होती है .

कम आम तौर पर, एक ही लक्षण डिसप्लासिया नामक एक  स्थिति से उत्पन्न हो सकता है.

वैजाइनल यिस्ट इन्फेक्शन या दाद वायरस के कारण लक्षण भी वेजाइना सूखापन की तरह हो सकते हैं.

एक बार जब अन्य स्थितियों से इनकार कर दिया जाता है, तो डॉक्टर योनि के सूखापन के समाधान खोजने के लिए काम कर सकते हैं, चाहे वह एक वैजाइनल माॅस्चराइजर, वैजाइनल एस्ट्रोजन, या कोई अन्य उपचार शामिल हो.

चिकित्सक भी इंटरकोर्स के दौरान एक महिला को ल्युब्रिकेन्ट का उपयोग करने की सलाह दे सकते हैं या हार्मोन थेरेपी के अन्य रूपों की पेशकश कर सकते हैं.

अन्य उपचारों के अलावा, एक अच्छी स्किन की देखभाल वाली डाइट आपके वैजाइना के टिशू को हाइड्रेट करने में मदद कर सकती है, जिस तरह यह शरीर के अन्य क्षेत्रों पर शुष्क त्वचा की मदद कर सकता है.

वैजाइना के लिए नियमित लोशन की सिफारिश नहीं की जाती है, लेकिन एक नारियल तेल, या यहां तक कि जैतून का तेल मॉइस्चराइजर के रूप में आजमा सकते हैं. कुछ महिलाओं को रात में उपयोग करना आसान लगता है लेकिन इन सबके नियमित उपयोग से संक्रमण हो सकता है.

इसके अलावा, संभावित योनि इरिटेंट से सावधान रहें, जैसे कि मूत्र असंयम के लिए पैड. ये पैड त्वचा में सूजन ला सकते हैं, क्योंकि इसमें सुगंधित डिटर्जेंट और कुछ अंडरवियर फेब्रिक हो सकते हैं.

आमतौर पर, सूती अंडरवियर नियमित आधार पर पहनने के लिए सबसे अच्छा विकल्प है.

सुगंधित साबुन से बचें.

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एक मौन समस्या

वैजाइनल ड्राइनेस से संबंधित समस्याओं का सामना करने वाली महिलाओं की भारी संख्या के बावजूद, यह अभी भी एक मूक समस्या है कि बहुत सी महिलाएं अपने साथी, दोस्तों और यहां तक कि डॉक्टरों से बात करने में शर्मिंदगी महसूस करती हैं. इन समस्याओं के साथ केवल एक चैथाई महिलाएं वास्तव में उपचार चाहती हैं.

याद रखें, रजोनिवृत्ति के बाद की अवस्था में अपना जीवन व्यतीत करने वाली महिलाओं को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि वे रजोनिवृत्ति से पहले जीवन की गुणवत्ता बनाए रखें. वैजाइनल ड्राइनेस को बढ़ती उम्र के अपरिहार्य भाग के रूप में इलाज करने की आवश्यकता नहीं है – इसके बारे में कुछ किया जा सकता है. महिलाओं को अपनी समस्याओं को अपने जीवन के हिस्से के रूप में छोड़कर समाधान प्राप्त करने के लिए आना चाहिए.

लेखक डॉ संचिता दुबे, फीमेल इश्यू एक्सपर्ट्स, मदरहुड हॉस्पिटल नोएडा

इन बातों पर करेंगी अमल, तो मिसाल बन जाएगा सास बहू का रिश्ता

भावना दिल्ली की थीं, पर इटली में काम करती थीं. वहीं उन्होंने एक रैस्टोरैंट के मालिक से प्रेम विवाह किया. अब दोनों मिल कर अपना काम करते हैं. भावना कहती हैं, ‘‘मुझे शुरूशुरू में बड़ा अचरज हुआ जब पता चला कि यहां इटली में भी सासबहू की बातें भारत जैसी ही हैं. मैं काफी सांवली हूं जबकि मेरे पति आंद्रयै काफी गोरेचिट्टे, लंबेचौड़े और हैंडसम हैं. मेरी सास ने जब मुझे पहली बार देखा तो वे खुश नहीं थीं. अपने बेटे को उन्होंने समझाने की भरसक कोशिश की. उन का कहना था कि बहू ऐसी तो होनी चाहिए, जो आंखों को अच्छी लगे. तुम इतने मूर्ख होगे यह मुझे मालूम न था. जब इस के जैसे सांवले और नाटे बच्चे हमारे घर में घूमेंगे तो मैं उन्हें प्यार नहीं कर पाऊंगी. इस ने कोई काला जादू कर के तुम्हें फंसा तो नहीं लिया? तुम ढंग से सोच लो…

‘‘इत्तफाक से मेरे दोनों बच्चे प्यारे, सुंदर और उन लोगों जैसे हैं तो गाड़ी चल रही है. फिर भी मेरी सास ने अपने बेटे का मुझ से प्यार देख कर मुझे काफी तराशा और निखारा. जिम जौइन कराया. 10 किलो वजन कम कराया. हेयरस्टाइल और ऐसे ही तमाम नुसखों से मुझे निखारा. वे आज भी यानी शादी के 11 साल बाद भी मेरे प्रति मुस्तैद और चौकन्नी रहती हैं. वे देखती रहती हैं कि मैं पति का ध्यान रखती हूं कि नहीं. उस की कमाई फालतू तो नहीं उड़ाती और उन के पोतेपोतियों की परवरिश कैसी है वगैरह.

‘‘वहां भी नईपुरानी किसी भी उम्र की बहुएं मिलती हैं तो सास, ननद, देवर की खूब बातें करती हैं. वहां के पतियों की भी अपेक्षा रहती है कि उन के घर वालों का ध्यान रखा जाए.’’

लेनदेन भी है मुद्दा

ऐलियाना (बदला हुआ नाम) विदेश प्रसारण सेवा में हैं. वे कहती हैं, ‘‘मैं वैसे तो इंगलैंड की हूं पर इधर 4 साल से दिल्ली में हूं. मैं कई देशों में सेवाएं दे चुकी हूं और इस क्षेत्र से जुड़ी होने के कारण किसी भी देश के समाज को मुझे नजदीक से देखने का अवसर मिलता है. हालांकि भारत जैसी दहेज प्रथा विदेशों में नहीं है फिर भी वहां काफी लेनदेन है.

‘‘मेरी सास अपना स्टेटस खूब ऐंजौय करती है. मैं हिंदुस्तान में रहने के कारण कई बार वहां के त्योहार या स्पैशल डेज भूल जाती हूं, तो वे बाकायदा फोन या मेल के जरीए एतराज जताती हैं. वे मदर्स डे, क्रिसमस या ऐसे ही किसी मौके पर दिए जाने वाले उपहार खुद साथ चल कर खरीदना चाहती हैं. वहां भी बेटे द्वारा दिए गए उपहार की चर्चा आम बात है और बहू के कारण बेटे की नजरें बदल गई हैं, यह माना जाना भी आम है.

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‘‘मैं भारत से अपनी सास के लिए छोटीछोटी चीजें ले कर जाती हूं तो वे बच्चों की तरह चहक उठती हैं. ससुर भी घर में आनेजाने वालों को गर्व से बताते हैं कि ये चीजें उन की बहू ले कर आई है. वे मुझ से और मेरे पति से उम्मीद करती हैं कि हम क्रिसमस जैसे बड़े मौके पर पार्टी करें और इन के कजिन्स को भी उपहार दें. हर बहू की तरह मैं ने भी ससुराल वालों से अपनी सास के बहू रूप में बिताए समय की पड़ताल की तो जाना कि वे अपनी सास की काफी अच्छी बहू रही हैं. दोनों साथसाथ घूमनाफिरना, सिनेमा देखना, बाहर खाना ऐंजौय करती रही हैं. शायद इसीलिए वे मुझे भी ऐसी बहू के रूप में देखना चाहती हैं. पर मैं थोड़ी रिजर्व हूं जिस की कमी मेरे पति अपनी उदारता से पूरी करते हैं.’’

ऐलियाना की एक कुलीग ओलिविया कहती हैं, ‘‘बच्चे के बड़े हो जाने पर भी मां का दिल उसे बच्चा ही मानता रहता है. मेरी सास मुझ में अपना रूप खोजती हैं. वे चाहती हैं मैं उन के बेटे की देखरेख उन की तरह ही करूं. उन्हें यह अच्छा नहीं लगता कि उन का सुबह जल्दी उठने वाला बेटा मुझ से शादी के बाद देर से उठने वाला बन गया है. मैं ने पाया है कि सासबहू के रिश्ते में लेनदेन कोई बड़ा मुद्दा नहीं है. मुद्दा भावनाओं का है कि आप किस तरह अपना प्यार जताते हो.

‘‘मैं कुर्ग, चिकमगलूर और ऐसे ही प्रसिद्ध जगहों की कौफीचाय वगैरह ले कर जाती हूं तो वे बागबाग हो जाती हैं. कई लोगों को वे ये चीजें बना कर पिलाती हैं. कई बार तो इन छोटी सी चीजों के लिए वे अपनी ओर से पार्टी रख लेती हैं. वे अपनी ओर से भी मुझे कभी खाली हाथ विदा नहीं करतीं. मैं अब समझ पाई हूं कि आप को प्यार जताना भी आना चाहिए. गिफ्ट तथा फोन आदि के जरीए उसे जल्दी व ज्यादा आसानी से जताया जा सकता है.’’

अपेक्षाएं भी खूब

अकसर सास चाहती है कि बहू उस से कुछ हुनर सीखे. मार्टिना अमेरिकन बहू हैं. वे कहती हैं, ‘‘मेरी सास मेरे मां बनने के बाद मेरी देखरेख के लिए आईं, तो उन्हें बच्चे को बौटल से दूध पिलाना नहीं रुचा. इसी तरह मेरा किचन में जा कर मनपसंद खाना खाना भी नहीं रुचा. इस कारण पति की और मेरी अनबन होने लगी. जब पति ने मेरा ध्यान इस ओर दिलाया कि 60 की उम्र में भी लोग मेरी मम्मी को 30 का समझते हैं, जिस का कारण उन का हुनरमंद होना ही है, तो मैं ने कुछ दिनों के लिए उन की बात मान ली. पर अगली बार मां बनने पर मैं ने अपनी मां को बुलाया. मेरे पति को दुख है कि मैं उन की मां को नहीं समझ पाई. साथ ही उम्र से पहले मैं अधेड़ दिखने लगी हूं.’’

दिल्ली के एक परिवार की नीदरलैंड की बहू केन्यूसी कहती हैं, ‘‘वहां तो सासें अपने बेटों से ही नहीं बहुओं से भी पर्सनल बातें पूछ लेती हैं. वहां भी सासससुर चाहते हैं कि उन का आदर व लिहाज किया जाए. दुखसुख के बारे में पूछा जाए. पोतेपोतियों को उन के पास छोड़ा जाए. उन के दूसरे बेटेबहू या बेटियों के प्रति भी प्यार रखा जाए. ‘पति का पैसा केवल मेरा है’ जैसी स्थितियां वहां भी झिकझिक व तलाक का कारण बनती हैं. अभी दुनिया भर में मंदी का दौर चला तो कई सासों ने बेटेबहुओं से अपने दूसरे बेटेबेटियों की मदद की अपेक्षाएं की. दूसरे देश, कल्चर और नस्ल की बहू आने पर भी वहां अपेक्षा की जाती है कि बहू उन के बेटे व उस के देश तथा कल्चर के अनुरूप ढले. उन के बेटे को ऐसा न करना पड़े. जब कभी मौका आए तो वह परिवार के और लोगों का भी सहयोग करे तथा उदारता का परिचय दे.’’

तुलना भी खूब

विदेशों में देवरानीजेठानी व बहूबेटी की तुलना भी खूब है. रेशम ने अपने ही कुलीग अमेरिकन युवक से शादी की. वे कहती हैं, ‘‘वहां 4 सासें मिलते ही बहुओं के लेनदेन तथा स्वागतसत्कार की तुलना करने लगती हैं. मेरी सास तो मुझ से मेरे मुंह पर ही कह देती हैं कि मैं सोचती थी कि भारतीय लड़की मेरा ज्यादा ध्यान रखेगी पर तुम्हारी तुलना में जरमन बहू ज्यादा अच्छी है. वह भले ही तुम्हारे जितना लेनादेना नहीं करती पर मुझे आदरमान देती है. जिंदगी के मेरे 70 सालों के अनुभव से लाभ उठाती है. कहीं जानेआने से पहले बताती है, शेयर करती है.

‘‘तब मैं ने सोचना शुरू किया कि दुनिया भर की मांएं एक जैसी हैं. अगर बेटों को बहू चुनने की और उस से छुटकारा पाने की आजादी है तो इस का मतलब यह नहीं कि वे मनमानी करते फिरें. वहां सासें बहुओं पर निगरानी रखती हैं कि उन का कहीं और अफेयर न हो जाए, वे उन के बेटों को ठग न लें, डाइवोर्स के मामलों में भी देवरानीजेठानी या आसपड़ोस के अच्छे रिश्तों का हवाला दे कर संबंधों को निभाने की कोशिशें करवाती हैं.’’ रशियन मूल की श्रीमती आला कहती हैं, ‘‘रशियन सासों को अभी भी बच्चों के पालने की पुरानी स्टाइल और नुसखों पर गर्व है. वे घरेलू बहू भी पसंद करती हैं और जरूरत पड़ने पर जितना हो सकता है बहुओं का घर भी संभालती हैं. इस कारण नई पीढ़ी की बहुओं और पुरानी पीढ़ी की सासों में बहस व द्वंद्व आदि आम हैं.’’

शोषण, दोहन तो नहीं

विदेशों में नौकर आसानी से नहीं मिलते. ऐसी स्थिति में काम को ले कर पतिपत्नी और घर के और लोगों में लड़ाइयां आम हैं. बच्चा होने पर बहुएं उम्मीद करती हैं कि सासें आ कर उन की सारसंभाल करें. सासों को लगता है कि बहू उन्हें केवल बेबी सीटर न समझे. अगर वे अपना घर छोड़ कर आएं तो अपने पति के साथ रहने खानेपीने व सोने की व्यवस्था भी आरामदायक हो. उन की सेवा का मोल भी बहू समझे. इसी तरह नौकरीशुदा बहू टूअर या किसी कारण से उन के पास बच्चा छोड़ जाए तो उन पर भरोसा करे. 2 पैसा भी हाथ पर रखे. उन के खर्चों और सुविधाओं का भी ध्यान रखें. दुनिया इस हाथ ले उस हाथ दे के सिद्धांत पर अच्छी चलती है. शोषणदोहन कर के कोई कितना ही खुश हो ले पर वह लंबी रेस का घोड़ा साबित नहीं हो सकता.

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भारत मूल के जरमन काउंसलर प्रभु कई देशों का भ्रमण कर चुके हैं और कई सासबहुओं को परामर्श दे चुके हैं. वे कहते हैं कि पति और बेटे पर प्रभुत्व जमाने की चाह सासबहू रिश्ते का मूल है. चाहे नकारात्मक स्थिति हो चाहे सकारात्मक कई बहुएं मांबेटे की सहज आत्मीयता को गलत रिश्ते का नाम दे देती हैं, तो कहींकहीं सासें बहू को बेटे को लूटने, ठगने वाली के रूप में देखती हैं. भावात्मक रिश्ते पूरी दुनिया में एक जैसे हैं. उन्हें समझदारी, सूझबूझ तथा प्यार से हैंडल करना आना चाहिए या सीखना चाहिए वरना इन के बीच पुरुष 2 पाटों के बीच पिसने जैसा महसूस करता है.

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