बालों के रूखेपन से मिलेगा छुटकारा, अपनाये ये 4 हेयर पैक

इसमें तो कोई शक नहीं है कि सुन्दर, काले व चमकदार बाल किसी की भी सुंदरता में चार चाँद लगा देते हैं. महिला हो या पुरुष हर व्यक्ति को अपने बालों से बहुत लगाव होता है. पुराने समय में बालों के रखरखाव व निखार के लिए महिलाएं अनेक तरीके इस्तेमाल करती थीं, जिनसे बाल वास्तव में ही काले, घने, मजबूत और चमकदार बनते थे.

लेकिन आजकल की बिजी लाइफस्टाइल और प्रदूषण के कारण लोगों के बाल काफी बेजान और रूखे होने लगे हैं. पोषण और नमी की कमी रूखे, बेजान और उलझे बालों की वजह बनती है. कई लोग बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बहुत से महंगे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं. जो बालों को कुछ वक़्त के लिए तो चमकदार बना देते हैं, लेकिन उनमें मौजूद केमिकल्स से बाल समय से पहले या तो सफेद होने लग जाते हैं या फिर झड़ने लगते हैं.

हालांकि, आप इन्हें नर्म और मुलायम बनाने के लिए कई चीजें कर सकते हैं, जैसे – सही आहार लेना और खूब सारा पानी पीना. इसके अलावा, समय-समय पर बालों में तेल और हेयर मास्क लगाना भी जरूरी है.तो चलिए दोस्तों जानते है ऐसे घरेलू तरीके जिनकी मदद से आप घर बैठे बिना पैसे खर्च किए रूखे बालों से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकती हैं और अपने बालों में नयी जान डाल सकती हैं.

1- शहद और दही-

दोस्तों दही रूखे बालों के लिए बहुत असरदार होता है. दही बालों को गहराई से कंडीशन करता और शहद बालों में मॉइस्चर बनाए रखता है . यह बालों को कोमल, मुलायम और चमकदार भी बनाता है.

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हमें चाहिए-

दही-2 से 3 चम्मच
शहद-1 चम्मच

बनाने और लगाने का तरीका-

• एक कटोरी में शहद और दही को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें.
• अब इस मिश्रण को अपने स्कैल्प और बालों में लगाकर 30 मिनट के लिए लगा रहने दें. उसके बाद ठंडे पानी से धो लें.
• बालों को स्वस्थ और मॉइस्चर बनाए रखने के लिए आप हफ्ते में एक बार यह हेयर मास्क जरूर लगाएं.

2- एलोवेरा जूस व दही

बालों के लिए एलोवेरा भी बहुत फायदेमंद है. ये बालों को पूरी नमी देने के साथ ही पोषित करने का काम भी करता है. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन बालों को पोषण देने का काम करते हैं. साथ ही ये रूसी को भी कम करने में कारगर है.
जब इसको दही के साथ मिलाया जाता है, तो यह आपके क्यूटिकल के ऊपर एक सुरक्षा परत की तरह काम करता है. यह मॉइस्चर को खोने से बचाता है और आपके बालों को नर्म, मुलायम व चमकदार बनाता है.

हमें चाहिए-

एलोवेरा जूस-2 चम्मच
दही-2 चम्मच

बनाने और लगाने तरीका-

• सबसे पहले एलोवेरा और दही को बराबर मात्रा में ले.इसके बाद इसे अच्छे से मिला लें.
• इस मिश्रण को अपने स्कैल्‍प पर लगाएं. 30 या 40 मिनट बाद इसे सामान्य व ठंडे पानी से धो दें.
• यह प्रकिया हफ्ते में दो बार करने से रुखे बालों की समस्या से निजात मिलेगा.

3-नींबू और शहद

यह मास्क हेयर शाफ्ट से धूल-मिट्टी व गंदगी को निकालता है और बालों के क्यूटिकल्स में सुधार लाता है..इसमें भरपूर मात्रा में मौजूद विटामिन-सी बालों को बढ़ने में मदद करता है और इसमें मौजूद ब्लीचिंग के गुण आपके बालों को प्राकृतिक रूप से कोमल बनाते हैं और बालों का रूखापन दूर करते है.

हमें चाहिए –

नींबू का रस -2 चम्मच
शहद-2 चम्मच
पानी- एक कप

बनाने और लगाने का तरीका

• सभी सामग्रियों को मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें और धोए हुए बालों पर लगाएं.
• अब बालों की कुछ वक्त तक मालिश करें और 10 मिनट तक इस मिश्रण को बालों में लगा रहने दें.
• फिर बालों को शैंपू और गुनगुने पानी से धो लें.
• आप इस हेयर मास्क को दो हफ्ते में एक बार लगाएं, लेकिन ध्यान रहे कि आप सप्ताह के बाकी दिनों में अन्य कंडीशनिंग हेयर मास्क का उपयोग करें.

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4-केले का पेस्ट और नारियल का तेल-

केला बालों को कंडीशन करने के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है. नारियल तेल आपके बालों की गहराई में जाता है. इसमें फैटी एसिड मौजूद होता है, जो आपके बालों को गहराई से पोषण देता है और आपके बालों को स्वस्थ व मजबूत बनाता है. खासकर तब, जब यह केले के साथ मिल जाए.केले के साथ मिलकर यह बालों को मॉइस्चर करने का काम करता है .

हमें चाहिए-

एक केला पका हुआ
नारियल का तेल-2 चम्मच

बनाने और लगाने का तरीका-

• केले का पेस्ट बनाकर उसमें नारियल तेल मिला लें.
• इस मिश्रण से बालों में अच्छी तरह से मालिश कर के 20-25 मिनट बाद सिर वॉश कर लें.
• बाल बिल्कुल सिल्की सॉफ्ट बन जाएंगे. आप इस मिश्रण या मास्क को हफ्ते में एक बार लगाएं.

Hyundai #AllRoundAura: ऑल राउंड Aura है सुरक्षित

हुंडई AURA का 65 प्रतिशत हिस्सा हाई स्ट्रेन्थ स्टील और एडवांस हाई स्ट्रेन्थ स्टील से बना हैजो इसे अद्भुत शक्ति और मजबूती देने के साथ एक कम वज़न वाली हल्की कार भी बनाता है. इसमें स्टैंडर्ड ABS के साथ EBD, ड्राइवर और यात्रियों दोनों के लिए मिलने वाले एयरबैग को मिला दें तो हुंडई Aura एक शानदार सुरक्षा पैकेज वाली गाड़ी बन जाती है. जब आप आपातकालीन स्थिति में ब्रेक लगाते हैंतो Aura भी पीछे की कारों को आगाह करने के लिए पीछे की लाइट को चमकाती है. Aura की यह सभी  सुरक्षा विशेषताएं आपके परिवार को हुंडई Aura के अंदर सुरक्षित रखेंगी. #AllRoundAura

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श्वेता तिवारी पर वीडियो पोस्ट करके फंसे पति अभिनव कोहली, फैंस ने ऐसे सुनाई खरी-खोटी

कसौटी जिंदगी के फेम एक्ट्रेस श्वेता तिवारी अक्सर सुर्खियां बटोरती रहती हैं. कभी बेटी पलक तो कभी एक्स हस्बैंड अभिनव कोहली एक्ट्रेस के सुर्खियों में होने की वजह बन जाते हैं. हाल ही में अभिनव कोहली ने सोशलमीडिया पर एक वीडियो शेयर की है, जिससे पता लग रहा है कि वह अपनी एक्स वाइफ श्वेता तिवारी पर नजर रख रहे हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला….

सोशलमीडिया पर शेयर किया वीडियो

हाल ही में अभिनव कोहली ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें श्वेता तिवारी अपने को-स्टार फहमान खान के साथ मस्ती करती दिख रही हैं. फहमान खान के द्वारा बनाया गए इस वीडियो में वो और श्वेता तिवारी दोनों मुंह ढके नजर आ रहे हैं और फैंस से पूछ रहे हैं कि वो बताएं कि मास्क के पीछे कौन है?

 

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श्वेता तिवारी के फैंस ने किया ट्रोल

अभिनव कोहली के इस वीडियो पोस्ट पर श्वेता तिवारी के फैंस ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया है. वो कमेंट में अभिनव को ऐसी हरकतें न करने की सलाह दे रहे हैं. वहीं वीडियो की बात करें तो अभिनव कोहली का इस तरह श्वेता की वीडियो शेयर करने का मतलब है कि वह लोगों को यह दिखाना चाहते हैं कि वह तलाक के बाद कितनी खुश है, जिस पर श्वेता तिवारी के फैंस का गुस्सा होना लाजिमी है.

शादी को लेकर कह चुकी हैं श्वेता ये बात

 

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Back from a loooonnnnggg trip with the sleeping #nanhayatri

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श्वेता तिवारी ने अपनी इस बर्बाद शादी पर बात करते हुए कहा था कि, ‘अगर कोई मेरे परिवार को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो मैं उसे अपनी जिंदगी से दूर कर दूंगी. मैं ऐसे लोंगो से बात करना भी पसंद नहीं करूंगी. मैं अपने परिवार को खुश रखने की हर संभव कोशिश करती रहूंगी.’

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बता दें, बीते साल श्वेता तिवारी ने अपने पति अभिनव कोहली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए पुलिस को बताया था कि अभिनव उनके और उनकी बेटी पलक के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं, जिसकी जांच समता नगर पुलिस स्टेशन के अधिकारी कर रहे हैं. वहीं एफआईआर के बाद से ही अभिवन कोहली और श्वेता तिवारी एक-दूसरे से अलग-अलग रहते हैं.

घर जा रहे मजदूरों से मिलने आए सोनू सूद को रेलवे पुलिस ने रोका, जानें क्या है वजह

सोनू सूद जो कि पूरे भारत से अपने नेक कामों के लिए वाह वाही बटोर चुके हैं को बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मजदूरों से मिलने से रोका गया तथा वापस जाने को बोला गया. आपको बता दें कि सोनू सूद अब तक कई हजार मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने में सफल हो चुके हैं. महाराष्ट्र सरकार उनकी पीठ थप थपाने की बजाए उनको यह नेक काम करने से रोकती नज़र आ रही है जो कि सही नही है. आखिर क्या है पूरा मामला, आईए गहराई से जानते हैं.

सोनू सूद को प्लेटफाॅर्म पर जाने से रोका

यह खबर आग की तरह फैल रही क्है कि सोमवार को रात में जब कुछ मजदूर बांद्रा से यू.पी. जाने के लिए ट्रेन में बैठे थे तो सोनू सूद उनसे मिलने के लिए बांद्रा रेलवे स्टेशन पर आए परंतु रेलवे पुलिस ने उनको स्टेशन के अंदर प्लेटफाॅर्म तक जाने से रोका व वापस जाने को बोला. हालांकि ऐसा कुछ समय के लिए ही हुआ व बाद में उनको मजदूरों से मिलने दिया. अतः यह खबर झूठ है कि अभिनेता सोनू सूद मजदूरों से बिना मिले ही वापस अपने घर चले गए.

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परंतु सोशल मीडिया के माध्यम से सोनू सूद ने यह स्पष्ट किया है कि उपर लिखित खबर पूरी तरह से झूठ है. सोनू सूद को मजदूरों से मिलने से नही रोका गया था. वह प्रवासी मजदूरों जिन्हें वे मुंबई से यू.पी भेज रहे थे से मिलने दिया गया था. यहां तक कि मुंबई पुलिस ने भी इस मामले में सफाई देते हुए कहा है कि सोनू सूद को हमने नहीं बल्कि रेलवे पुलिस फोर्स ने रोका था तथा बाद में उन्हे जाने भी दिया गया था.

ऐसी किसी भी खबर की बिना पुष्टि किए उसे आग की तरह नहीं फैलाना चाहिए. झूठी खबरों से बचिए तथा दूसरों को भी बचाइए. हमें कोशिश करनी चाहिए की इस संकट की घडी में जितना हो सके अफवाहों से बचें व एक दूसरे की अधिक से अधिक मदद करें.

महाराष्ट्र सरकार ने की सोनू सूद की सराहना

महाराष्ट्र के सी.एम उद्धव ठाकरे ने सोनू सूद की इस प्रशंसनीय काम के लिए पीठ थप थपाई है. उन्होने कहा है कि इस मुश्किल घडी में सभी को सोनू सूद की तरह एक दूसरे के साथ खडे होकर उनकी मदद करनी चाहिए तथा सरकार के साथ मिलकर इस मुसीबत भरी घडी से निकलने की कोशिश करनी चाहिए.

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वीडियोमेकर ने फ्लोएड को बचाया क्यों नहीं?

नस्लभेद का अपराधी देश बेनकाब हो गया है. उस देश के कुकर्मों को जानते तो सभी थे, लेकिन मुंह खोलने की हिम्मत किसी में न थी. एकदो देश ही उस की सख्त आलोचना करते रहे हैं, ज्यादातर और बड़े देश उस के टेरर या अपनी दोस्ती के चलते मुखालफत में जबान नहीं खोलते.

अब जब उस की करतूत का सुबूत जगजाहिर हो गया तो उस के मित्रदेश तक मुखर हो उठे हैं. यह अच्छा संकेत है. लेकिन, इंसानियत के दुश्मन और हर तरह के भेदभाव के पोषक कुछ देश अभी भी चुप हैं. ऐसे देशों के प्रधान, दरअसल, भेदभाव, नफरत व हिंसा फैला कर सत्ता पाने व चलाने में यकीन रखते हैं.

महाशक्ति अमेरिका के मिनेसोटा राज्य के मिनीयापोलिस शहर की सड़क पर 25 मई को दिन के उजाले में 46-वर्षीय अश्वेत (काले) अमेरिकी नागरिक जौर्ज फ्लोएड की गरदन को गोरे पुलिस अधिकारी डेरेक चौविन ने अपने पैर के घुटने से तब तक दबाए रखा जब तक उस की सांस चलती रही. नस्लभेद के शिकार काले अमेरिकी की जान निकलने में 8 मिनट 46 सैकंड लगे और तब तक उक्त क्रूर गोरे ने उस की गरदन दबाए रखी.

देखी न जा सकने वाली दर्दनाक घटना की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और उस के बाद पूरे अमेरिका ही नहीं, विश्व के कई देशों में तूफ़ान मच गया. घटना का वीडियो किस ने बनाया? जिस ने भी बनाया, वह प्रशंसा के लायक है. लेकिन अफ़सोस, कुछ लोग उस की टांगखिंचाई कर रहे हैं. वहीं, काफी लोग उस की दिल से तारीफ़ भी कर रहे हैं.

यह वीडियो अफ़्रीक़ी मूल की अश्वेत (काली) अमेरिकी नागरिक 17-वर्षीया लड़की डारलेना फ्रेज़ियर ने बनाया. हाईस्कूल की स्टूडैंट डारलेना ने यह वीडियो 25-26 की यानी घटना घटने की रात में अमेरिकी समय के अनुसार 2:26 बजे अपनी फेसबुक पर पोस्ट कर दी. वीडियो 10 मिनट 6 सैकंड का है. इस वीडियो को डारलेना ने अपने मोबाइल फ़ोन से बनाया है.

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डारलेना फ्रेजियर के वीडियो का ही कमाल था कि महाशक्तिशाली राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति निवास  ‘वाइट हाउस’ के भीतर किसी महाकमजोर की तरह भाग रहे थे और आखिरकार उसी में अंडरग्राउंड बने बंकर में घुस कर एक घंटे तक छिपे रहे. और फिर वाइट हाउस के नज़दीक के चर्च के बाहर हाथ में बाइबिल लिए हुए दिखे.

अमेरिका की टीएमज़ेड वैबसाइट से बात करते हुए डारलेना ने कहा कि वह बहुत सदमे में है क्योंकि बहुत से लोगों ने कमेंट किया है कि उस ने वीडियो बनाया, फ़्लोयड को बचाने की कोशिश नहीं की. उसे मारने की धमकियां भी मिल रही हैं.

डारलेना ने फ़ेसबुक पर अपनी एक पोस्ट में लिखा- “जो व्यक्ति वहां नहीं था वह अंदाज़ा नहीं लगा सकता कि मेरी क्या हालत थी और मैं क्या महसूस कर रही थी. मेरी उम्र केवल 17  साल है, मैं किसी पुलिसकर्मी को रोक नहीं सकती.  मैं उन लोगों में हूं जो पुलिस से बहुत ज़्यादा डरते हैं.”

डारलेना का कहना है कि वह घटनास्थल से मात्र 6-7 फुट की दूरी से ही वीडियो बना रही थी. यह तो अच्छा हुआ कि किसी पुलिस वाले ने उसे वीडियो बनाने से रोका नहीं. वरना यह घटना भी आम घटनाओं की तरह गुम हो जाती, अमेरिका में ऐसी नस्लभेदी घटनाएं आमतौर पर घटती रहती हैं. लोगों को हर घटना का पता पुलिस वर्जन से चलता है और पुलिस हर घटना की झूठी कहानी गढ़ती है.

यह सच है कि 17-वर्षीया कोई लड़की घटना में शामिल लंबेतगड़े 4 पुलिसवालों से किसी विक्टिम को बचा नहीं सकती. अच्छा हुआ कि डारलेना ने वीडियो शूट कर लिया. अब यह वीडियो घटना का जिंदा सुबूत है, जिसे झुठलाया नहीं जा सकता.

डारलेना ने इनसाइड वैबसाइट से बात करते हुए कहा कि पुलिस को रोकने का मतलब यह था कि वहां दूसरा यानी मेरा भी क़त्ल हो सकता था. उस ने कहा, “अगर मैं ने वीडियो बना कर वायरल न किया होता तो घटना में शामिल चारों पुलिस अफ़सर अब तक अपने ओहदे पर होते और दूसरी अनगिनत घटनाएं अंजाम दे रहे होते.”

डारलेना ने यह भी साफ़ कहा, “मैं ने वीडियो न बनाई होती तो पुलिस ने इस पूरी घटना पर परदा डाल दिया होता और कोई मनगढ़त कहानी सुना दी होती. ऐसे में मुझे बुरा कहना, मेरी आलोचना करना ठीक नहीं है.”

यह भी अच्छा रहा कि डारलेना ने पूरा वीडियो वन टेक (लगातार एक शूट) में बनाया. डारलेना ने वीडियो बनाने के दौरान ब्रेक लिया होता, तो उस के बनाए वीडियो को तोड़मरोड़ कर यानी मौर्फ्ड वीडियो पेश करना करार दे दिया जाता. और तब, नस्लभेदी गोरी पुलिस डारलेना पर केस दर्ज कर फंसा व जेल में डाल सकती थी.

अमेरिकन न्यूज़ रिपोर्ट्स के मुताबिक़, डारलेना फ्रेजियर ने अपने लिए घृणा पैदा कर ली है. गोरे अमेरिकी बिस्तर पर सोने के लिए जाएंगे तो उन्हें काली डारलेना याद आएगी. यही नहीं, भविष्य में होने वाली पुलिस-पब्लिक झड़पों में पुलिस ऐक्टिविस्टों से जबजब कैमरा (मोबाइल) छीनेगी, तबतब डारलेना फ्रेजियर के वीडियो को याद किया जाएगा. न्यूज़ रिपोर्ट्स डारलेना के बारे में कहती हैं कि वह सही समय पर सही सिटीजन जर्नलिस्ट साबित हुई है.

डारलेना के सम्मान में एक अमेरिकी ब्लौगर ने लिखा कि, “अप्रशिक्षित 17-वर्षीया डारलेना फ्रेजियर सेंचुरी (शताब्दी) की सब से ज्यादा प्रभावकारी वीडियो-मेकर होगी, जिस के बारे में लोगों ने इस के पहले शायद सुना नहीं होगा.

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इस बीच, डारलेना फ्रेजियर की मदद व उस के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए ‘गो फंड मी’ बनाया गया है. इसे शिकागो की रहने वाली महिला मीका कोल कमेंस्की ने प्लान किया है. बता दें कि मीका की डारलेना के परिवार से किसी तरह की कोई जानपहचान नहीं है. इन्होंने अपने फंडरेजर पेज पर लिखा है कि वे डारलेना की मां ला टैंगी गिलेप्सी से मिलेंगी और डारलेना के उज्ज्वल भविष्य के लिए उन्हें फंड की रकम सौंपेंगी. दिलचस्प यह है कि फंडरेजर ने 50 हजार डौलर के अपने टारगेट को पूरा कर लिया है. 2,200 लोगों के दान से ही यह टारगेट पूरा हो गया है.

बहरहाल, इंसान की आंख जब भी दर्दनाक घटना की किसी तसवीर या वीडियो को मान्यता देगी तब डारलेना का नाम याद किया जाएगा, उस को भुलाया नहीं जा सकेगा.

मेरे घुटनों में बहुत ज्यादा दर्द होता है. क्या सर्जरी ही दर्द से मुक्ति का एकमात्र इलाज है?

सवाल-

मेरे घुटनों में बहुत ज्यादा दर्द होता है. सर्दियों में यह और बढ़ जाता है. क्या सर्जरी ही दर्द से मुक्ति का एकमात्र इलाज है?

जवाब-

सर्दियों में जोड़ों में दर्द होने की बहुत ज्यादा संभावना होती है. बैरोमीट्रिक दबाव में बदलाव से घुटनों में सूजन और बहुत तेज दर्द हो सकता है. चूंकि घुटने ही शरीर का पूरा भार वाहन करते हैं, इसलिए अपने वजन पर निगरानी रखनी बहुत जरूरी है. अगर आप में घुटनों के आर्थ्राइटिस की पहचान हुई है तो इस का मतलब यह नहीं है कि आप को अभी घुटने बदलवाने की आवश्यकता है. अगर आप को बारबार घुटनों में दर्द होता है तो डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए. आप की स्थिति की गंभीरता के आधार पर डाक्टर आप के इलाज के तरीके पर फैसला कर सकता है. आमतौर पर शुरुआत में मरीज को अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने, उचित आहार लेने, वजन कम करने और नियमित व्यायाम की सलाह दी जाती है. सर्जरी की सलाह मरीज को तभी दी जाती है, जब दर्द कम करने की किसी भी तकनीक से मरीज को कोई आराम न मिले.

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आर्थ्राइटिस अब हमारे देश की आम बीमारी बन चुका है और इस से पीडि़त व्यक्तियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आर्थ्राइटिस से सिर्फ वयस्क ही नहीं, बल्कि आज के युवा भी पीडि़त हो रहे हैं. जिस की वजहें आज की मौडर्न जीवनशैली, खानपान, रहनसहन आदि हैं. आज हर व्यक्ति आराम चाहता है, मेहनत तो जीवनचर्या से खत्म हो चली है. फलस्वरूप ऐंडस्टेज आर्थ्राइटिस से पीडि़त अनेक रोगियों के पास जौइंट रिप्लेसमैंट सर्जरी के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह जाता.

इस विषय पर मुंबई के फोर्टिस हौस्पिटल के डा. कौशल मल्हान, जो यहां के सीनियर और्थोपैडिक कंसल्टैंट हैं और घुटनों की सर्जरी के माहिर हैं से बातचीत की गई. वे पिछले 20 सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. उन का कहना है कि हमेशा से हो रही घुटनों की प्रत्यारोपण सर्जरी ही इस रोग से मुक्ति दिलाती है, पर यह पूरी तरह कारगर नहीं होती, क्योंकि सर्जरी के दौरान मांसपेशियां और टिशू क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. परिणामस्वरूप जितना लाभ व्यक्ति को चलनेफिरने में होना चाहिए उतना नहीं हो पाता. इसलिए डा. कौशल मल्हान पिछले 7-8 साल से इस शोध पर जुटे रहे कि कैसे इस क्षति को कम किया जाए. अंत में उन्हें यह सफलता मिली और आज पिछले 3 सालों से वे अलगअलग आयुवर्ग के 900 से अधिक मरीजों का इलाज कर चुके हैं. एसिस्टेड तकनीक घुटनों के प्रत्यारोपण सर्जरी में परिशुद्धता के लिए प्रयोग में लाई जाती है. इस तकनीक से मांसपेशियों के कम क्षतिग्रस्त होने से सर्जरी के बाद व्यक्ति जल्दी चलनेफिरने लगता है और सर्जरी की गारंटी भी बढ़ती है. इस विधि से सर्जरी करने पर, रिकवरी जल्दी होती है व दर्द भी कम होता है.

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गरमी में जरूरी है स्क्रब ट्रीटमैंट

स्क्रब से स्किन में जमी हुई गंदगी आसानी से बाहर निकल जाती है. यह स्किन को रूखा और बेजान होने से बचाता है और स्किन को फ्रैश व कोमल भी बनाता है. स्क्रब कई तरह के होते हैं. आप अपनी पसंद के अनुसार उन्हें बाजार से खरीद व चाहे तो घर में भी बना सकती हैं.

जब हो अनईवन स्किन टोन की समस्या

स्किन की रंगत में असमानता के पीछे कई कारण हो सकते हैं. गरमी में तेज धूप में बाहर घूमने से ज्यादातर महिलाओं के साथ यह समस्या होती है. स्किन की रंगत एकसमान करने के लिए स्क्रब सब से आसान उपाय है.

स्किन की रंगत एकसमान करने के लिए आप चावल का आटा और दही का इस्तेमाल कर सकती हैं. चावल का आटा और दही से बना हुआ मिश्रण बौडी स्क्रब का काम बहुत अच्छे तरीके से करता है. चावल के आटे में स्किन लाइटनिंग एजेंट होता है जो स्किन के कलर को लाइट करता है. साथ ही साथ, दही स्किन को अंदर से नमी प्रदान करता है. इस मिश्रण को बनाने के लिए 2 से 3 चम्मच चावल का आटा और 2 से 3 चम्मच दही लें. दोनों को मिला कर पेस्ट बना लें और पूरे शरीर पर लगा कर हलके हाथों से 8 से 10 मिनट तक मसाज करें, फिर गुनगुने पानी से नहा लें.

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जब हो ब्लैकहैड्स की समस्या

स्किन में गंदगी इकट्ठा होने के कारण ब्लैकहैड्स की समस्या हो जाती है. ये दिखने में छोटेछोटे कील की तरह होते हैं. ब्लैकहैड्स की वजह से स्किन की खूबसूरती खो जाती है.
आप घर पर ही 3 चीजों के इस्तेमाल से ब्लैकहैड्स से छुटकारा पा सकती हैं. ब्लैकहैड्स हटाने के लिए आप को ओटमील, बेकिंग सोडा और नीबू के रस की जरूरत पड़ेगी.
4 चम्मच ओटमील में एक चम्मच बेकिंग सोडा और एक चम्मच नीबू का रस मिला कर मिश्रण बना लें. इस से स्किन पर स्क्रब करें.
ओटमील स्किन को जैंटली एक्सफौलिएट करने के साथ पोर्स को क्लीन करने और चेहरे से ऐक्स्ट्रा तेल को सोखने का काम भी करता है. बेकिंग सोडा पोर्स को क्लीन करने, स्किन पीएच लैवल को संतुलित बनाए रखने और स्किन के डैड सैल्स को हटाने में मदद करता है. नीबू स्किन की डीप क्लीनिंग करने के साथ ही पोर्स में जमी गंदगी को हटाता है. इस में मौजूद विटामिन सी से स्किन निखरती है.

ड्राई स्किन के लिए औरेंज स्क्रब

कई लोगों को लगता है स्किन सिर्फ सर्दी में ड्राई होती है, लेकिन ऐसा नहीं है. गरमी में अधिक देर तक एसी में बैठने से स्किन ड्राई होने लगती है. इसलिए गरमी में स्किन को खास देखभाल की जरूरत होती है. ऐसे में आप औरेंज स्क्रब का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह आप की स्किन टोन को सुधारेगा और साथ ही, स्किन को ड्राई नहीं होने देगा. यह स्क्रब सनटैन और काले धब्बों को कम करने के लिए भी काफी फायदेमंद है. इस के इस्तेमाल से स्किन कोमल और खूबसूरत दिखने लगेगी.
औरेंज स्क्रब बनाने के लिए संतरे के छिलके को धूप में सुखा कर उस का पाउडर बना लें. अब इस एक चम्मच पाउडर में एक चम्मच शहद मिला कर स्किन पर 10 मिनट के लिए लगाएं. 10 मिनट के बाद इसे हलके गीले हाथों से सर्कल में रब करें.

औयली स्किन से छुटकारा

बारबार पसीना आने से स्किन में कीटाणु पनप जाते हैं जिस वजह से पिंपल्स, मुंहासे जैसी समस्या होने लगती है. यह समस्या ज्यादातर औयली स्किन वालों को होती है. औयली स्किन के लिए कौफी एक बेहतरीन स्क्रब माना जाता है. यह स्किन को फ्रैश रखता है, साथ ही स्किन पर आने वाले ऐक्स्ट्रा औयल को कंट्रोल करता है. कौफी में ऐंटीऔक्सिडैंट गुण भी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं जो स्किन पर आने वाले रिंकल्स को भी कम करते हैं. इस के अलावा यह स्किन को सन डैमेज से रिपेयर करने का भी काम करता है.
कौफी स्क्रब बनाने के लिए ब्राउन कौफी, ब्राउन शुगर और औलिव औयल को ठीक से मिला लें. इस के बाद इस मिश्रण से सर्कुलर मोशन में स्किन पर मसाज करें. 5 मिनट मसाज करने के बाद इसे स्किन पर थोड़ी देर के लिए रहने दें. फिर इसे पानी से धो लें.

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– यह लेख एलएनजेपी हौस्पिटल के स्किन विभाग के पूर्व डायरैक्टर प्रोफैसर व विनायक स्किन ऐंड कौस्मेटोलौजी क्लीनिक के डा. विजय कुमार गर्ग से बातचीत पर आधारित है.

विश्व परिप्रेक्ष्य में भारतीय विश्वविद्यालय

उच्च शिक्षा प्राप्त करना हर किसी का सपना होता है. इसे प्राप्त करने के लिए युवा अच्छे से अच्छे विश्वविद्यालय में दाखिला लेने की ख्वाहिश रखते हैं. जो आर्थिक दृष्टि से सक्षम हैं, वे दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से चयन कर वहां शिक्षा प्राप्त करते हैं. शेष को अपने ही देश के विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त करने में संतुष्ट होना पड़ता है.

यदि शीर्ष 10 विश्वविद्यालयों की बात करें तो इन में पहले स्थान पर औक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का नाम है. इस के बाद क्रमश: कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी, कैंब्रिज विश्वविद्यालय, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट औफ टैक्नोलौजी, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, येल यूनिवर्सिटी, शिकागो विश्वविद्यालय और इंपीरियल कालेज आते हैं.

यूनाइटेड किंगडम की राजधानी लंदन के विश्वविद्यालयों की चमक इस रैंकिंग में साफ दिखती है. शीर्ष 40 में इस के 4 विश्वविद्यालय शामिल हैं.

ग्लोबल रैंकिंग 2020 की टौप 300 की लिस्ट में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी शामिल नहीं है. 2012 के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब भारत की कोईर् भी यूनिवर्सिटी इस लिस्ट में जगह नहीं बना पाई है. हालांकि ओवरऔल रैंकिंग में पिछले साल के मुकाबले भारतीय विश्वविद्यालयों की संख्या इस बार ज्यादा है. 2018 में जहां 49 संस्थानों को इस सूची में स्थान मिला था, वहीं इस बार 56 संस्थान इस सूची में स्थान बनाने में सफल रहे हैं.

भारत के इंडियन इंस्टिट्यूट औफ साइंस, बेंगलुरु ने टौप 350 में जगह बनाई है. दूसरी ओर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ भी इस बार टौप 350 रैंकिंग में पहुंच गया है.

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शीर्ष 500 में जरूर 6 भारतीय विश्वविद्यालय शामिल हैं. 92 देशों के 1,396 विश्वविद्यालय इस रैंकिंग में शामिल किए गए. देश के 7 विश्वविद्यालय सूची में नीचे शामिल हैं. ज्यादातर भारतीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग स्थिर है. हालांकि आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर और जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली की स्थिति सुधरी है. लेकिन जब अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में इन की तुलना की जाती है, तो इन का प्रदर्शन फिसड्डी साबित होता है.

रैंकिंग देते समय शिक्षण, रिसर्च, नौलेज ट्रांसफर और इंटरनैशनल आउटपुट शामिल किए गए थे. प्रदर्शन के 13 मानकों पर इस का आकलन किया गया, जबकि शैक्षणिक स्तर के आधार पर उन की रैंक तय की जाती है.

भारतीय विश्वविद्यालयों का स्तर किसी से छिपा नहीं है. देश में कितने विश्वविद्यालय ऐसे हैं जिन पर गर्र्व किया जा सके? ज्यादातर सामान्य स्तर के ही हैं और कुछ का स्तर तो अत्यंत घटिया है. यही नहीं, देश में अनेक फर्जी विश्वविद्यालय और संस्थान भी चल रहे हैं, जो युवकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने 23 फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची जारी कर छात्रों को इन में दाखिला नहीं लेने के लिए आगाह किया है.

यूजीसी के अनुसार, छात्रों तथा आम लोगों को सूचित किया जाता है कि देश के विभिन्न हिस्सों में यूजीसी एक्ट का उल्लंघन कर इस समय 23 स्वयंभू तथा गैरमान्यताप्राप्त संस्थान चल रहे हैं. उन में से उत्तर प्रदेश में 8, दिल्ली में 7 तथा केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और पुद्दुचेरी में एकएक फर्जी विश्वविद्यालय हैं.

गैरमान्यताप्राप्त विश्वविद्यालयों के नाम हैं – वाराणस्य संस्कृत विश्वविद्यालय (वाराणसी), महिला ग्राम विद्यापीठ विश्वविद्यालय (प्रयागराज), गांधी हिंदी विद्यापीठ (वाराणसी), नैशनल यूनिवर्सिटी औफ इलैक्ट्रो कौम्प्लैक्स होमियोपैथी (कानपुर), नेताजी सुभाषचंद्र बोस ओपन यूनिवर्सिटी (अलीगढ़), उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय (मथुरा), महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन विश्वविद्यालय (प्रतापगढ़) तथा इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद (नोएडा). दिल्ली के कौर्मिशियल यूनिवर्सिटी लि., यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वोकेशनल यूनिवर्सिटी, एडीआर सैंटिक जूरिडिकल यूनिवर्सिटी, इंडियन इंस्टिट्यूशन औफ साइंस ऐंड इंजीनियरिंग, आध्यात्मिक विश्वविद्यालय तथा विश्वकर्मा ओपन यूनिवर्सिटी फौर सेल्फएम्प्लायमैंट शामिल हैं.

यूजीसी की इस सूची में बडागान्वी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसायटी (कर्नाटक), सेंट जौंस यूनिवर्सिटी (केरल), राजा अरैबिक यूनिवर्सिटी (महाराष्ट्र) तथा श्री बोधि एकेडमी औफ हायर एजुकेशन (पुद्दुचेरी) के भी नाम हैं.

इन के अलावा पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा में भी 2-2 फर्जी विश्वविद्यालय- इंडियन इंस्टिट्यूट औफ आल्टरनेटिव मैडिसिन, इंस्टिट्यूट औफ आल्टरनेटिव मैडिसिन ऐंड रिसर्च, नवभारत शिक्षा परिषद तथा नौर्थ ओडिशा यूनिवर्सिटी औफ एग्रीकल्चर ऐंड टैक्नोलौजी को भी फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल किया गया है. भारतीय शिक्षा परिषद, लखनऊ का मामला अभी न्यायाधीन है.

एक विश्वविद्यालय के अंतर्गत सैकड़ों कालेजों की मान्यता देने की मौजूदा व्यवस्था पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अनियमितताओं की रिपोर्ट मिली है.

लिहाजा, मंत्रालय इस व्यवस्था को बदलने पर विचार कर रहा है. मंत्रालय एक विश्वविद्यालय के तहत 100 कालेजों को मान्यता देने की संख्या तक सीमित करना चाहता है. इस के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम में बदलाव करने की बात चल रही है. मंत्रालय ने इस के लिए राज्यों और सभी विश्वविद्यालयों को चिट्ठी लिखी है.

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अधिकारियों का कहना है कि कालेजों की संख्या घटाने के पीछे का मकसद यही है कि हर कालेज पर निगरानी रखी जाए और उन की शिक्षा का गुणवत्ता स्तर सुधरे. दरअसल, एक अध्यापक का कई कालेजों में पढ़ाने या कुछ कालेजों में तो फर्जी तरीके से अध्यापकों की नियुक्ति दिखाने के मामले सामने आए हैं. मंत्रालय को मिली आंतरिक रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में आगरा और कानपुर के विश्वविद्यालयों में हजार से ऊपर कालेजों को मान्यता दी गई है, जिस से कालेजों के कामकाज पर निगरानी रखना कठिन हो रहा है और इस से छात्रों का काफी नुकसान हो रहा है.

केंद्र सरकार देश में नई शिक्षा नीति लाने जा रही है. इस का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर सुझाव व आपत्तियां मंगाई गई हैं. नई नीति के तहत कालेजों को डिग्री देने का अधिकार मिल जाएगा. हालांकि, इस के लिए उन्हें कई मानकों का कड़ाई से पालन करना होगा. वहीं, विश्वविद्यालय भी 2 प्रकार के हो जाएंगे. अनुसंधान (रिसर्च) के लिए अलग विश्वविद्यालय होंगे, जबकि शिक्षा के अलग विश्वविद्यालय होंगे. इन के पास स्नातकोत्तर कराने के अधिकार होंगे.

ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के मुताबिक, वर्तमान व्यवस्था में कालेजों को विश्वविद्यालय से संबद्धता लेनी होती है. विश्वविद्यालय ही उन के यहां परीक्षा करवाता है और रिजल्ट व डिग्री जारी करता है. नई नीति के बाद कालेज स्वायत्त हो जाएंगे. उन्हें खुद ही परीक्षा करवाने, मार्कशीट और डिग्री जारी करने के अधिकार मिल जाएंगे. लेकिन कालेज केवल स्नातक कोर्स ही करवा सकेंगे.

हर ओकेजन के लिए परफेक्ट है हाई हील

बात चाहे कालेज की हो या महिलाओं की किसी पार्टी की, जो महिलाएं और लड़कियां हाई हील सैंडल्स पहनती हैं लड़के भंवरे की तरह उन्हीं के आसपास मंडराते रहते हैं और आप अपना मन मसोस कर रह जाती हैं. आखिर क्यों? क्या आप किसी से कम हैं? नहीं न, तो फिर सोच क्या रही हैं? कहीं यह तो नहीं कि ये स्टाइलिश हाई हील सैंडल्स तो बहुत महंगी आती हैं, कहीं मेरे बजट से बाहर तो नहीं हो जाएगीं? या फिर कहीं इन्हें पहन कर मैं न संभल पाई और गिर गई तो क्या होगा? सब के सामने मजाक बनूंगी वह अलग.

अगर आप के मन में भी कुछ ऐसे ही सवाल आ रहे हैं तो परेशान मत होइए. फुटवियर डिजाइनर शिविका अग्रवाल का कहना है कि आप अपने बजट के अनुसार सैंडल खरीद भी सकती हैं और कौन्फिडैंट हो कर पहन भी सकती हैं. वह भी बिना घबराए, क्योंकि आप किसी से कम नहीं हैं.

शिविका का कहना है कि हील पहनने से महिलाओं की ओवरऔल पर्सनैलिटी में एक ऐलिगैंट टच आता है और वे ग्लैमरस भी नजर आती हैं. इस से लैग्स भी लंबे और स्लिम दिखते हैं. इसलिए अगर आप को स्टाइलिश दिखना है, तो फुटवियर्स को फुटेज जरूर दें. पैरों के लिए खास लुक चुने बिना आप का स्टाइल पूरा नहीं होगा. आजकल हील्स भी कई तरह की आती हैं, जिन्हें आप अवसर के अनुसार कैजुअल तौर पर अपनी चौइस और कंफर्ट को ध्यान में रख कर पहनने पर ग्लैमरस दिख सकती हैं.

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एक सौफ्टवेयर कंपनी में काम करने वाली अर्चना का कहना है कि मेरा प्रोफैशन ही ऐसा है कि मुझे क्लाइंट्स से मीटिंग्स के लिए जाना पड़ता है. इस के लिए ग्लैमरस दिखना बहुत जरूरी होता है. इसीलिए मैं हमेशा हील्स पहनती हूं. इस से मेरी पर्सनैलिटी ही बदल जाती है. कट स्लीव्स ब्लाउज के साथ हाई हील सैंडल पहन कर जब मैं चलती हूं तो अपनेआप ही मेरी चाल में कौन्फिडैंस आ जाता है.

गृहिणी आशा का कहना है कि पहले मेरी चाल अच्छी नहीं थी. मैं पैर खोल कर चलती थी और मेरे पति मुझे कई बार इस आदत के लिए टोकते भी थे. फिर मैं ने हील पहनना शुरू किया तो खुद ब खुद मेरी चाल बदल गई. हील पहन कर आप खुद ही पैरों को थोड़ा नजाकत के साथ उठाती हैं और नजाकत के साथ जमीन पर रखती हैं.

शमा का कहना है कि जब मैं हील्स पहन कर इतरा कर चलती हूं तो मेरी पड़ोसिनें जलभुन जाती हैं, क्योंकि उन के पति मेरे आगेपीछे डोलने लगते हैं और अपनी बीवी को कहते हैं कि तुम तो बच्चों के हो जाने के बाद बहनजी हो गई हो. पड़ोसिन रमा को देखो, उन्होंने 2 बच्चों के हो जाने के बाद भी खुद को कितना स्मार्ट बनाया हुआ है. यह सुन कर बहुत अच्छा लगता है कि हील्स की वजह से लोग मुझे स्मार्ट कहते हैं.

एक पब्लिशिंग हाउस में काम करने वाली काजल का कहना है कि खुद को हौट और सैक्सी कहलवाना भला किसे अच्छा नहीं लगता और फिर अगर यह बात किसी पुरुष के मुंह से सुनने को मिले तो लगता है कि आज तैयार होने की मेहनत सफल हो गई. वैसे सिर्फ पुरुष ही नहीं महिलाएं भी मेरे स्टाइल की दीवानी हैं. वे अकसर मुझ से कहती हैं कि मैं औफिस आनेजाने में इतनी हाई हील्स कैसे कैरी कर पाती हूं? इस बात पर मेरा उन को बस एक ही जवाब होता है कि स्टाइल के लिए कुछ भी करना मुझे अच्छा लगता है.

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वहीं पुरुषों को भी यही लगता है कि जो महिलाएं अपनी फिगर और स्टाइल को मैंटेन कर के रखती हैं वे सोसाइटी में ही नहीं, बल्कि अपने घर में भी अपना एक अलग स्थान बनाती हैं. बच्चे भी उन्हें अपने साथ अपनी पेरैंट्स मीटिंग में ले जाना पसंद करते हैं क्योंकि अपनी स्टाइलिश मम्मी को अपने दोस्तों से मिलाना वे अपनी शान समझते हैं. सिर्फ यही नहीं, उन के पति भी उन्हें अपने औफिस की पार्टी में ले जाने के लिए आतुर रहते हैं, क्योंकि बीवी अगर हाई हील्स पहनने वाली मौडर्न महिला हो तो बौस पर भी अच्छा इंप्रैशन पड़ता है कि वह एक अच्छी फैमिली से है और जब कभी औफिस से छुट्टी लेनी हो, तो बीवी को ले कर कोई बहाना बना दो और बिंदास हो कर छुट्टी लो.

पुरुषों के कमैंट्स

सौफ्टवेयर कंपनी से जुड़े दिवाकर का कहना है कि वे हील्स पहनने वाली महिलाओं को अनदेखा नहीं कर पाते. वे उन की चाल में एक अलग ही अदा महसूस करते हैं.

अंकित का कहना है कि वैसे तो एक गाना यह है कि ‘मुड़मुड़ के न देख मुड़मुड़ के…’ लेकिन जब महिला अपनी ठकठक करती हील्स के साथ पास से गुजर जाती है, तो लड़का चाहे न चाहे उसे पीछे मुड़ कर देखेगा जरूर और मन ही मन कोई कमैंट भी जरूर करेगा.

हौट ऐंड सैक्सी

  1. हील्स पहन कर महिलाएं हौट ऐंड सैक्सी लगती हैं.
  2. हील्स पहन कर महिला की हाइट न सिर्फ लंबी लगती है, वह आकर्षक भी दिखती है.
  3. महिलाएं अपनी चाल को सैक्सी बनाने के लिए हील्स पहनती हैं.
  4. हील्स पहन कर चलने से उन के कूल्हों में एक विशेष तरह की थिरकन होती है.
  5. अपने को समय के साथ चलने वाली मौडर्न वूमन दिखाने के लिए और इसलिए भी कि लचक कर गिर जाने पर कोई उठा कर उस की मदद करे, महिला हील्स पहनती है.
  6. टेबल के नीचे से अपने बौयफ्रैंड को पैर मारने की जो अदा हील में है वह किसी और फुटवियर में कहां.

हील्स कैसीकैसी

  1. स्टिलटोज हील्स: ये एकदम पतली व पौइंटेड हील्स होती हैं और 6 इंच या इस से लंबी होती हैं.
  2. पैग्ड हील्स: ये हील्स पहन कर आप आराम से चलफिर सकती हैं क्योंकि ये आरामदायक होती हैं.
  3. ब्लैरीन: ब्लैरीन शूज को ब्लैट फ्लैट्स के नाम से भी जाना जाता है. ये हील्स कई शेप में होती हैं और देखने में काफी स्टाइलिश भी लगती हैं.
  4. किटन हील्स: ये हील्स बहुत छोटी होती हैं, इसलिए कंफर्टेबल फुटवियर में आती हैं.
  5. एश्ले हील्स: ये हील्स क्यूब्स के समान होती हैं.
  6. फ्रैंच हील्स: फ्रैंच हील्स मीडियम साइज की होती हैं.
  7. पंप्स हील्स: ये हील्स बिलकुल कसी हुई नहीं होतीं. ये लो कट शेप में होती हैं.
  8. स्पाइरल हील्स: कम उम्र की युवतियों को ये हील्स ज्यादा पसंद आती हैं, क्योंकि ये थोड़ी नजाकत लिए होती हैं.
  9. लुइस हील्स: ये हील्स पीछे और किनारों की तरफ से मुड़ी हुई होती हैं.
  10. ऐके्रलिक हील्स: ये कांच की हील्स का लुक देती हैं.
  11. पेपे टोज: इन हील्स में टोज नजर आते हैं. ये हील्स वेज शेप में होती हैं.
  12. पोलीयूरेथेन सोल वाली हील्स: ये हील्स बहुत टिकाऊ और मजबूत होती हैं.

लेटैस्ट हाई हील फैशन

  1. औरेंज, यलो और रैड हैं नए शेड.
  2. शिमर लैदर का फुटवियर है इन.
  3. पैंसिल हील्स में मल्टीपल स्टैप्स के साथ जिपर डिजाइन है लेटैस्ट.
  4. हैंडमेड निटेड डिजाइन ब्राइट शेड्स में हैं.
  5. कढ़ाई की हुई हील्स भी फैशन में हैं.
  6. हील्स के चारों तरफ नग भी लगे होते हैं, जो देखने में खूबसूरत लगते हैं.
  7. मैटल और स्टील की पतली लेयर से बनी हुई हील्स का भी चलन है.

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हाई हील सैंडल खरीदने से पहले

हर किसी के पैरों की अपनी शेप होती है और फुटवियर हमेशा अपने पैरों की शेप देख कर ही खरीदने चाहिए, ताकि पैरों की शेप की वजह से बाद में कोई दिक्कत न हो. जैसे अगर आप के पैर के पंजे आगे से ब्रौड शेप के हैं तो आप को आगे से चोंच वाले फुटवियर नहीं खरीदने चाहिए, क्योंकि इस से आप के पैरों की उंगलियां दब सकती हैं जो बाद में दर्द का कारण बन जाएंगी.

जब भी आप हील्स वाली सैंडल खरीदें तो उसे दुकान में ही पहन कर कई बार चल कर अच्छी तरह देखें कि उस की फिटिंग आप के पैर में ठीक है या नहीं.

खरीदते समय यह भी चैक कर लें कि हील्स के नीचे कोई लैदर आदि का बेस चिपका हुआ है अथवा नहीं वरना कहीं ऐसा न हो कि हील्स चलने में खटखट की आवाज करे.

किस ड्रैस के साथ कौन सी हील्स

  1. जींस, ट्राउजर और टाइट्स आदि के साथ स्पाइरल हील्स अच्छी लगती हैं.
  2. अगर आप ने कोई लौंग डै्रस पहनी है जैसे कि कोई पार्टी गाउन या फिर लौंग स्कर्ट, तो इस के साथ स्टिलटोज हील्स खूब फबेंगी, क्योंकि लौंग ड्रैस में ये पौइंटेड हील्स आप की टांगों को लंबा दिखाने में मदद करेगी.
  3. जिन लड़कियों या महिलाओं की लंबाई अच्छी है उन पर किटन हील्स अच्छी लगती हैं, क्योंकि वे आप को बहुत ज्यादा लंबा भी नहीं दिखातीं.
  4. गर आप को अपनी वैडिंग के दिन के लिए कोई हाई हील पसंद करनी है, तो आप इस मौके के लिए ऐक्रेलिक हील्स को ही चुनें, क्योंकि ये लकड़ी की हाथ से बनी हुई हील्स होती हैं और देखने में कांच की हील्स जैसे लगती हैं.
  5. अगर आप औफिस में काम करती हैं और आप को काफी चलना पड़ता है, तो इस के लिए प्लेटफार्म हील्स अच्छी रहती हैं, क्योंकि ये हील्स चारों तरफ से एक से ही साइज की होती हैं, इसलिए इन्हें पहनना आरामदायक होता है.

Father’s day Special: फैमिली के लिए बनाएं आलू-बैगन का चोखा

अगर आप अलग-अलग प्रांत की डिश ट्राय करने के शौकीन हैं या नई डिश ट्राय करना चाहते हैं तो आलू-बैंगन का चोखा आपके लिए आसान और अच्छा औप्शन है.

हमें चाहिए- 

–  बैगन

–  3 आलू उबले

–  8-10 लहसुन कलियां

–  3 छोटे टमाटर

–  1 प्याज बारीक कटा

–  2-3 हरी मिर्चें कटी

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–  थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

–  1 चम्मच नीबू का रस

–  1 बड़ा चम्मच सरसों का तेल

–  नमक स्वादानुसार.

बनाने का तरीका-

बैगन में चीरा लगा कर लहसुन कलिया स्टफ करें और टमाटरों के साथ आंच पर भून लें. भुन जाने पर जली हुई लेयर हटा कर एक बाउल में मैश कर लें. इसी बाउल में आलू, प्याज, हरी मिर्चें, नमक, धनियापत्ती, सरसों का तेल और नीबू का रस मिला कर अच्छी तरह मिक्स करें. तैयार चोखा बेसन की रोटी या बाटी के साथ सर्व करें.

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