एग नूडल्स रेसिपी

सामग्री :-

– नूडल्स (1 पीस)

-अंडा (2)

– प्याज (1 कटा हुआ)

– हरी मिर्च (3 कट कर ले)

– गाजर( 1 कट कर ले)

– सोया सौस  (2 चम्मच)

– चिल्ली सौस (2 चम्मच)

– तेल (4 चम्मच)

– मैग्गी मसाला

– मिर्ची पाउडर (1/2 चम्मच)

– नमक (स्वादानुसार)

– सबसे पहले नूडल्स को 5 मिनट उबलने के लिए रख दें.

– और उसमे थोड़ा सा तेल डाल दें,  जिससे की नूडल्स आपस में चिपकते नहीं है.

– और अब नूडल्स को ठंढा पानी से धो लें और उसे छान लें.

– और फिर से गैस पे पैन चढ़ाये उसमे तेल डाले और अंडा को तोड़कर उसमे दाल दें.

– अंडे को अच्छे से तोड़कर उसे मिला लें और किसी प्लाट में निकाल लें.

– फिर से गैस पे पैन चढ़ाये उसमे तेल डाले फिर उसमे गाजर, प्याज, मिर्च और हल्का नमक डालकर उसे     पकाये.

– अब उसमे सोया सौस, चिल्ली सौस, मिर्च पाउडर डालकर अच्छे से मिलाये.

– टमाटर जब अच्छी तरह से पक जाये तो नूडल्स डालें.

– और उसमे अब अंडे को डाल दे और मिलाये.

– यहां आपकी नूडल्स तैयार हो गयी है इसे गर्म गरम प्लेट में निकालें और ऊपर से डेकोरेशन के लिए       टमाटो सौस से भी सजा सकती हैं और गरमा गरम नूडल्स का मजा ले सकती हैं .

क्रिस्पी चिकन पकौड़ा

सामग्री

– चिकन ( 500 ग्राम)

– मैदा (2 चम्मच)

– बेसन (2 चम्मच)

– मक्के का आटा (2 चम्मच)

– अदरक लहसुन पेस्ट (2 चम्मच)

– धनिया पाउडर (1 चम्मच)

– जीरा पाउडर (1 चम्मच)

– लाल मिर्च पाउडर (1 चम्मच)

– हल्दी पाउडर (1/2 चम्मच)

– नमक (स्वादानुशार)

– विनेगर (1 चम्मच)

– अंडे (2सिर्फ उजला वाला भाग डाले)

– पानी (2 चम्मच)

– तेल (तलने के लिए)

पकोड़ा बनाने की विधि:-

– सबसे पहले चिकन को अच्छे से धोकर एक कटोरे में लें.

– फिर उसमे मैदा, बेसन, मक्के का आटा, अदरक लहसुन पेस्ट, धनिया पाउडर, जीरा पाउडर, लाल मिर्च      पाउडर, हल्दी, नमक और विनेगर डाल दें.

– उसमे अंडा के उजाले वाले भाग को डाल दें और उसे अच्छे से मिला लें.

– उसमे थोड़ा सा पानी डालकर उसे अच्छे से मिलाये.

– अब उसे 10 मिनट के लिए ढ़क कर छोड़ दें.

– फिर गैस पे तेल गरम कर लें.

– और उसमें एक एक करके चिकन की पीस को डाल दें.

– उसे मध्यम आंच या तेज आंच पे तलें.

– और पकोड़ा लगभग फ्राई होकर तैयार है अब उसे किसी टिसु पेपर पे निकाल लें.

–  इसे चाय के साथ गरमा गरम खाये.

31 मार्च के बाद रद्दी हो जाएंगे 19 करोड़ पैन कार्ड, ऐसे चेक करें अपना स्टेटस

अगर आपके पास पैन कार्ड है तो ये खबर है आपके लिए हद जरूरी. आपको बता दें कि 31 मार्च के बाद 19 करोड़ पैन कार्ड बेकार होने वाले हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये सारे पैन कार्ड आधार कार्ड से लिंक नहीं हैं. आपको बता दें कि अब पैन को आधार से लिंक कराना बेहद जरूरी हो गया है. 31 मार्च सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई सीमा है.

आको बता दें कि अभी तक करीब 42 करोड़ लोगों को पैन कार्ड जारी किया गया है. जबकि अभी तक केवल 23 करोड़ लोगों ने ही अपने पैन को आधार से जोड़ा है. सुप्रीम कोर्ट ने आधार पर सुनवाई करते हुए आयकर दायर करते वक्त आधार से पैन का लिंक रहना अनिवार्य कर दिया है. शीर्ष अदालत ने आधार से पैन को लिंक करने की समय सीमा 31 मार्च तक कर दी है.

आपका पैन कार्ड आधार से लिंक है या नहीं इसको पता करने के लिए आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आधिरिक वेबसाइट पर जाना होगा. वहां जा कर आप अपने पैन का स्टेटस जान सकती हैं. इसके लिए आपको इन स्टेप्स को फौलो करना होगा.

  • सबसे पहले आपको आयकर विभाग की वेबसाइट  gov.in पर जाएं.
  • यहां पर Know Your PAN के विकल्प पर क्लिक करें.
  • जो विंडो खुलेगी उसमें सरनेम, नेम, स्टेट्स, जेंडर, डेट औफ बर्थ और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालिए.
  • इसके बाद आपके फोन नंबर पर एक ओटीपी आएगा. खुले हुए पेज पर प ओटीपी डालें.
  • इसके बाद आपके सामने आपका पैन नंबर, नाम, सिटिजन, वार्ड नंबर और रिमार्क आ जाएगा.
  • यहां पर लिखा होगा कि आपके पैन से आधार लिंक है या नहीं.

अगर आपके पैन से आधार कार्ड लिंक नहीं है तो लिंक करने के लिए इन स्टेप्स को फौलो करें

  • आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट (incometaxindiaefiling.gov.in) पर जाएं.
  • यहां बाईं ओर आपको लिंक आधार का विक्लप दिखेगा.
  • लिंक के लिए आपके पास आधार कार्ड का होना जरूरी है. अगर आपके पास आधार कार्ड नहीं है तो आज ही पंजीकरण कराएं.
  • पेज पर लौगइन करते ही एक नया पेज खुलेगा, जिसमें ऊपर दिख रही नीली पट्टी में प्रोफाइल सेटिंग पर क्लिक करें.
  • नए पेज पर आपको आधार से लिंक करने का विकल्प दिखेगा. यहां पर क्लिक करें.
  • नए पेज में आपको आधार नंबर डालना होगा और एक कैपचा भरना होगा.
  • पूरी जानकारी को भरने के बाद आधार लिंक पर क्लिक करें और आपका प्रोसेस पूरा होता है.

गर्दन और पीठ में होता है दर्द तो आज ही बदलें अपनी ये आदत

जो लोग कामगर हैं, जिन्हें पूरे दिन कंप्यूटर पर बैठ के काम करना पड़ता है उन्हें गर्दन और पीठ दर्द की शिकायत रहती है. पर क्या आपको पता है कि अपने बैठने की आदत में बदलाव कर के आप इस परेशानी से निजात पा सकती हैं. आपको बता दें कि कंप्यूटर के सामने अधिक देर तक बैठने से आपके गर्दन और रीढ़ की हड्डियों पर काफी नुकसान पहुंचता है. इससे आपको अधिक थकान, सिर में दर्द और एकाग्रता में कमी जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर आप अधिक देर तक इसी अवस्था में बैठी रहती हैं तो आपके स्पाइनल कौर्ड में भी घाव हो सकता है.

इस मुद्दे पर शोध कर रहे जानकारों का मानना है कि इन परेशानियों के लिए बैठने का गलत तरीका जिम्मेदार है. अगर आप सीधे बैठें तो इन परेशानियों से निजात पा सकती हैं. अगर आप सीधे बैठती हैं तो आपकी पीछे की मांसपेशियां आपके गर्दन और सिर के भार को सहारा देती हैं.

जानकारों की माने तो अगर आप सिर को 45 डिग्री के कोण पर आगे करती हैं तो आपकी गर्दन आधार की तौर पर कार्य करती हैं. इससे आपके गर्दन पर काफी भार आता है. ऐसी स्थिति में आपके सिर और गर्दन का वजन 45 पाउंड हो जाता है. इससे आपको दर्द और कई तरह की परेशानियां होती हैं.

करती हैं अधिक सफर तो एक्सरसाइज है बेहद जरूरी

अगर आप अलग अलग शिफ्ट में काम करती हैं या लंबी यात्राएं करती हैं तो आपको कई तरह के रोगों का सामना करना पड़ सकता है. इससे आपकी नींद सबसे अधिक नकारात्मक ढंग से प्रभावित होती है. इस दौरान होने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए व्यायाम बेहद जरूरी है. व्यायाम व्यस्त दिनचर्या से पैदा होने वाली थकान को मिटाने में काफी कारगर होता है.

हाल ही में अमेरिका में हुए एक अध्ययन में ये बात सामने आई कि व्यस्त दिनचर्या के बाद भी व्यायाम शरीर के लिए काफी अहम होता है. इस शोध में पांच दिनों तक करीब 101 प्रतिभागियों पर प्रयोग किए गए. इनपर इनकी दिनचर्या के बाद व्यायाम करने को कहा गया और शरीर की गतिविधियों का परीक्षण किया गया.

इस अध्ययन में पचा चला कि सुबह में सात बजे से पहले या दिन में एक से चार बजे के बीच किए व्यायाम बौडी क्लौक को थोड़ा पहले कर देते हैं. जबकि शाम सात बजे से रात दस बजे के बीच व्यायाम करने से बौडी क्लौक और आगे हो जाता है.

जानकारों की माने तो ‘बौडी क्लौक’ पर व्यायाम के प्रभाव की तुलना करने वाला यह पहला अध्ययन है और यह अध्ययन ‘जेट लैग’ और अलग अलग पाली में काम करने के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद हेतु व्यायाम के इस्तेमाल की संभावना बता सकता है.

मैं किसी से झगड़ा नहीं करता, उसे कट कर देता हूं : इंद्र कुमार

गुजराती फिल्मों में कौमेडियन की भूमिका निभाने वाले इंद्र कुमार एक निर्माता और निर्देशक हैं. उन्होंने कई फिल्में बनायीं, जिसमें दिल, बेटा, राजा, इश्क, मन, रिश्ते, आशिक, मस्ती, धमाल आदि हैं. वे अभिनेत्री अरुणा ईरानी के भाई और अभिनेत्री श्वेता कुमार के पिता हैं. उन्हें हर तरह की फिल्मों का निर्देशन पसंद हैं, लेकिन इन दिनों उन्हें कौमेडी फिल्में अधिक प्रेरित करती हैं. अभी वे फिल्म ‘धमाल’ के बाद ‘टोटल धमाल’ फिल्म लेकर आये हैं. उनसे हुई बातचीत के अंश इस प्रकार है.

आप कौमेडी बहुत अच्छा बनाते और लिखते हैं और एक बार फिर कौमेडी फिल्म लेकर आये हैं, ऐसे फिल्म बनाने में कितनी मेहनत करनी पड़ती है?

कौमेडी बनायीं नहीं जाती है, वह व्यक्ति के अंदर में होती है. ‘फनी बोन’ किसी में भी होनी चाहिए और इन सब कलाकारों में यह बात है और फिल्म बन गयी.

पहले फिल्मों में कौमेडी नेचुरली होती थी और लोग हंसते थे,पर आज की फिल्मों में वैसी कौमेडी नहीं मिलती, लोगों को जबरदस्ती हंसाया जाता है, कौमेडी फिल्मों को बनाने में कितनी चुनौती होती है?

मेरी कोशिश रियल हंसी की होती है, पर कई बार ऐसा नहीं हो पाता. अभी मेरी कौमेडी फिल्में चल रही हैं और लोगों को पसंद भी आ रही हैं. कौमेडी फिल्मों में सही टाइमिंग को बनाये रखने की चुनौती होती है.

कौमेडी भी कई तरह की होती है, कुछ कौमेडी ‘बिलो द बेल्ट’ भी होती है, फिल्में बनाते समय आप इसका ध्यान किस तरह रखते हैं, ताकि सभी उसे देख सकें.

जब आप टोटल धमाल जैसी फिल्में बनाते हैं, तो पूरा परिवार उसे साथ बैठकर देख सकता है. मैंने इसे बनाते वक़्त इस बात का पूरा ध्यान रखा है कि ऐसी कोई बात इस फिल्म में न हो, जिससे व्यक्ति पूरे परिवार के साथ न देख सकें. मुझे इसकी सर्टिफिकेशन भी ‘यू’ मिली है, जो कौमेडी फिल्म के लिए मिलना मुश्किल होता है.

कौमेडी करते समय कई बार लोग ‘हर्ट’ हो जाते है, क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ?

मेरे साथ कभी ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि मैंने कभी किसी का मजाक नहीं उड़ाया है. मैं अपने चरित्र का ही मजाक उडाता हूं. वह किसी ऐसी सिचुएशन में पड़ता है, जिसे देखकर आपको हंसी आती है. कोई जाति या व्यक्ति इसमें लिप्त नहीं होता.

आप काफी सालों बाद माधुरी और अनिल कपूर के साथ काम कर रहे हैं, उनमें अभी क्या बदलाव आप पाते हैं?

दोनों सालों बाद भी वैसे ही है. दोनों सुंदर, प्रतिभावान और एक्टिव है. उम्र का उनपर कोई असर नहीं है. एक फर्क ये रहा है कि आज से 26 साल पहले किसी ने सोचा नहीं था कि हम फिर से एक साथ मिलकर काम करेंगे और खूब मजा आया.

‘मल्टी स्टारर’ फिल्म बनाना कितना मुश्किल है?

इसका क्रेडिट लेखक को जाता है. मैंने जिसे भी स्क्रिप्ट सुनाई, उसे दूसरा नैरेशन नहीं देना पड़ा. उसने तुरंत हां कर दी और तकलीफ नहीं आई और आसानी से फिल्म बनी. सबने एक दूसरे को  संवाद बोलने में हेल्प किया, जबकि ऐसा बहुत कम फिल्मों में देखने को मिलता है. सबके रोल डिफाइन थे. झगडे तब होते है, जब आप सुनाते कुछ हैं और सेट पर अलग करने को दिया जाता है. मैंने कई मल्टी स्टारर फिल्में पिछले 15 सालों से बनाई है . कभी मुश्किलें नहीं आई, क्योंकि मैं अपनी स्क्रिप्ट को पूरी तरह से फौलो करता हूं. कभी किसी ने शिकायत नहीं की.

इतने सालों तक आपने कई कलाकारों के साथ काम किया हैं, किस कलाकार के साथ काम करने में मुश्किलें आई?

किसी के साथ भी कोई समस्या नहीं आई, पर अभिनेता रितेश देशमुख बहुत शरारती हैं. उसका ह्यूमर बहुत अच्छा है.

कौमेडी के अलावा और क्या करने की इच्छा है?

इस बारें में अभी सोचा नहीं है. मैं हर तरह की फिल्म बनाना चाहता हूं.

इंडस्ट्री में सबसे अधिक समस्या क्या है?

सबसे अधिक समस्या पाइरेसी की है, जो कैंसर से भी अधिक खतरनाक है. ये सबसे बड़ी चोरी है, जिसका समाधान अभी तक भी नहीं हो पा रहा है और इसका हर्जाना इंडस्ट्री भुगत रही है. फिर भी फिल्म लाइन जिन्दा है. यहां लोग काम, पैसे से अधिक प्यार से करते हैं. साहूकार बनेंगे, तो फिल्म नहीं बना पायेंगे. मेरी फिल्म कई बार पाइरेसी का शिकार हो चुकी है. अभी सरकार इस बारें में सोच रही है, जो अच्छी बात है, लेकिन लागू होना मुश्किल है. इसके लिए कड़े कानून बनाने चाहिए. फिल्में पैसे से बनती है और इसकी चोरी कोई करता है, तो उसे दंड मिलनी चाहिए और अगर ऐसा हुआ, तो 5 साल के अंदर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री भी हौलीवुड की तरह बड़ी बजट की फिल्म बना सकती है. सरकार को इस दिशा में कारगर पहल करनी चाहिए, नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब हिंदी फिल्म इंडस्ट्री भी धीरे-धीरे विलुप्त हो जाएगी.

आपके दिल के करीब कौन सी फिल्म है?

फिल्म ‘बेटा’ मेरे दिल के बहुत करीब है.

आपके यहां तक पहुंचने में परिवार का सहयोग कितना रहा ?

परिवार के सहयोग के बिना आप कभी आगे नहीं बढ़ सकते .मेरी बहन अरुणा ईरानी ने हमेशा मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. इसके बाद मेरी शादी हुई और मेरी पत्नी ने मेरे घर को संभाला. मेरी कामयाबी में मेरी पत्नी का बहुत बड़ा हाथ है. पत्नी की सहयोग को लोग अधिक महत्व नहीं देते, पर मैं उसे पूरी क्रेडिट देता हूं.

कई बार किसी कलाकार का नाम आपकी फिल्मों में अभिनय के लिए आता है, फिर बाद में वह नहीं होता, ऐसी स्थिति में आप क्या करते हैं?

‘मल्टी स्टारर’ फिल्म में उनके पार्ट को काटना पड़ता है, नहीं तो फिल्म बनानी मुश्किल होती है. मैंने इस फिल्म में आमिर खान और संजय दत्त के रोल को काटा है. मैं किसी से झगड़ा नहीं करता, उसे ‘कट’ कर देता हूं.

क्या कोई सामाजिक मुद्दे पर फिल्म बनाने की इच्छा है?

पाइरेसी पर फिल्म बनाने की इच्छा है.

क्या आपको किसी कलाकार के साथ काम न करने का मलाल है?

अमिताभ बच्चन के साथ काम करने की इच्छा है. पहले एक मौका मिला भी था, पर मैं ही नहीं कर पाया था. मैंने उनकी साइनिंग अमाउंट भी लौटाई थी. मेरे लाइफ का ये रिग्रेट है.

आपकी बेटी अभिनय में कामयाब नहीं हो पायी, इसकी वजह क्या रही?

‘दिया तले हमेशा अंधेरा’ होता है. कई बड़े-बड़े लोगों के बच्चे सफल नहीं होते. वह एक अच्छी कलाकार हैं, उसके साथ मैं एक फिल्म बनाउंगा. उसकी पहली फिल्म नहीं चली, मेरा निर्णय सही नहीं था, मुझे उस फिल्म को उसे करने नहीं देना चाहिए था.

पालक पनीर रेसिपी

सामग्री

– 4 पालक की जोड़ी (बारीक़ कटी हुई)

– अदरक (2 चम्मच पिसी हुई)

–  हरी मिर्ची (4 -5 पिसी हुई)

–  दुध (2 कप)

– क्रीम  (3 चम्मच फेटी हुई)

– गरम मसाला पाउडर  (1 चम्मच)

– सुखी मेथी की पत्तिया (1 चम्मच)

– कटा हुआ पनीर

– 3 बड़े टमाटर (पिसे हुए)

पालक पनीर बनाने की विधि

– पालक को अच्छी तरह से धो ले.

– पालक को अच्छी तरह से उबाल ले और हरीमिर्च को पीस ले, पालक को कम से कम 10 मिनट तक     उबालें.

– उसे ठंडा होने दे, आधे मिनट के लिये सुखी मेथी की पत्तियो को तवे पर भून लें.

– ध्यान रहे की पत्तिया जलनी नहीं चाहिए.

– कढ़ाई में तेल गर्म होने दें और उसमे बारीक कटी हुई अदरक को भूरे होने तक तलते रहें.

– उसमे पिसे हुए टमाटर मिलाये और जब तक उसपर तेल ना दिखाई दे तब तक तलते रहें.

– बाद में इसमें पालक के पेस्ट और सुखी मेथी के पत्तियो को मिलाये और उसमे दूध मिलाये.

– बाद में स्वादानुसार गरम मसाला पाउडर डाले और 3 चम्मच क्रीम और कटे हुए पनीर डालें.

– स्वादानुसार नमक डाले और 10 मिनट तक पकने दें.

– परोसने से पहले उसमे 1 चम्मच मक्खन मिलाये.

पालक पनीर को गरमा-गर्म पराठो के साथ परोसें.

एग करी रेसिपी

सामग्री

– 4 अंडे (अच्छी तरह उबले हुए)

–  1 प्याज

– टमाटर (½ पेस्ट बनाकर )

– लहसुन(3-4)

– अदरक (½ इंच)

–  हरी मिर्च (1-2)

– धनिया पत्ती (2 चम्मच कटी हुई)

– नमक (स्वादानुसार)

– लाल मिर्च पाउडर (स्वादानुसार)

– हल्दी पाउडर ( ¾ चम्मच)

– धनिया पाउडर  (½ चम्मच)

– गरम मसाला (¾ चम्मच)

–  खाने का तेल/घी (2-3 चम्मच)

–  हरा मटर  (1 कप)

–  पनीर (250 ग्राम)

एग करी बनाने की विधि

– उबले अन्डों की उपरी परत को हटा दें और उन्हें अलग रख दें.

– यदि पनीर का उपयोग कर रहे हो तो उन्हें  छोटे-छोटे टुकडो में काट ले और सुनहरा होने तक तलें और     कुछ देर तक बाजू में रख दें.

– अब प्याज, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च को मिलाकर उनका पेस्ट तैयार करें.

– अब कढाई में तेल गर्म करें और उसमे प्याज और लहसुन का पेस्ट डालें और हल्का सुनहरा होने तक तलते रहें.

– अब उसमे गरम मसाला छोड़कर सभी मसाले डालें (नमक, हल्दी, धनिया और मिर्च पाउडर) और 1 मिनट तक तलते रहें और फिर टमाटर की पेस्ट डालें

– जबतक पेस्ट मसाले में पूरी तरह नही मिल जाता और अंत में तेल नही छोड़ता तब तक तलते रहे.

– उसमे तले हुए पनीर के टुकड़े और हरे मटर और उबले हुए अंडे डाले.

– उसमे 1 कप पानी दोबारा डाले और धीमी आंच पर उबलने दे. 15 मिनट तक इंतजार करे.

– पकने के बाद अंडा मसाला को गरम मसाला और धनिया पत्ती डालकर सजाये और गरमा-गर्म पराठे,  रोटी या चावल के साथ परोसें.

पेटीएम से ऐसे करें आधार डीलिंक

आधार कार्ड पर कुछ दिनों पहले आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले  के बाद नया सिम कार्ड लेने के लिए, बैंक अकाउंट खोलने के लिए या किसी भी तरह के डिजिटल वौलेट के लिए आधार की अनिवार्यता नहीं रही. डिजिटल पेमेंट के लिए पेटीएम बेहद जरूरी ऐप है. पेटीएम ने पहले अपने ग्राहकों को बिना किसी केवाईसी के डिजिटल लेनदेन की सुविधा दी, पर आगे चल कर कंपनी ने आधार से केवाईसी अनिवार्य कर दिया था. जिसके बाद ऐप इस्तेमाल करने के लिए केवाईसी करवाना जरूरी हो गया था.

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आप अपने पेटीएम खाते के लिए आधार की अनिवार्यता खत्म हो गई है. अगर आप पहले से पेटीएम से अपना आधार लींक कर के रखी हैं और डीलिंक करना चाहती हैं तो हम आपको बताएंगे कि आप ये कैसे कर सकती हैं.

पेटीएम से अपना आधार नंबर डीलिंक करने के लिए सबसे पहले आपको पेटीएम के कस्टमर केयर में फोन करना होगा. नंबर है 0120-4456456. आप कस्टमर केयर अधिकारी से कहें कि आपको अपने खाते से आधार नंबर डिलींक करना है. इसके बाद आपके ईमेल पर एक वेरिफिकेशन मेल आएगा. .हां आपको दोबारा वेरिफाई करना होगा. इसके लिए आपको दिए ईमेल पर अपने आधार की कौपी भेजनी होगी. आधार की कौपी भेजने के 72 घंटों के भीतर आपका पेटीएम खाता बंद हो जाएगा.

बता दें कि एक बार आपके खाते से आधार डीलिंक हो जाए फिर आपका खाता भी वेरिफाइड नहीं रहेगा. जिसके बाद आप इससे किसी भी तरह का लेनदेन नहीं कर सकेंगी. इस सूरत में आप दूसरे आईड (वोटर आईडी, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस) से दोबारा केवाईसी कर सकती हैं. हालांकि फिलहाल दूसरे दस्तावेजों को केवाईसी के रूप में स्वीकार नहीं किया जा रहा है. ऐसे में आधार डी-लिंक करने से पहले इन कठिनाइयों को समझ लेना जरूरी है.

सर्दियों में बढ़ जाता है स्ट्रोक का खतरा, जानिए क्या करें

सर्दियों में स्ट्रोक की संभावनाएं 30 फीसदी अधिक हो जाती हैं. इस बात का खुलासा कई जानकारों ने हाल ही में किया है. जानकारों की माने तो ठंड में सभी प्रकार के स्ट्रोक की संभावनाएं अधिक हो सकती है.

इस मामले पर पहले भी बहुत से शोध हुए हैं जिसमें ये सामने आया है कि सर्दियों में इंफेक्शन दर में वृद्धि होती है, लोगों के  व्यायाम में भी काफी कटौती होती है, हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी बढ़ती है. जिसके कारण लोगों में स्ट्रोक की शिकायत अधिक हो जाती है. इसके अलावा सर्दियों के दौरान वायु काफी हद तक प्रदूषित रहती है. प्रदूषित वायु के कारण लोगों की छाती और हृदय की स्थिति और भी बिगड़ जाती है.

जानकारों के मुताबिक स्ट्रोक से खुद को कैसे बचाया जाए और विकलांगता को रोकने के लिए क्या उपचार करने चाहिए, ऐसी अवधि में किसी भी व्यक्ति को अगर सही इलाज मिले तो उसमें काफी सुधार हो सकता है. इसके लक्षण पर बात करते हुए एक डाक्टर ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अगर हाथ में कमजोरी या कभी बोलने में कठिनाई होती है तो बिल्कुल सतर्क रहना चाहिए. ऐसी स्थिति में रोगी को किसी पास के अस्पताल में ले जाना चाहिए, जहां 24 गुना 7 सीटी स्कैन, एमआरआई की सेवा उपलब्ध हो. लक्षण के शुरुआती घंटे के भीतर उसका इलाज कर बचाया जा सकता है.

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