टमाटर की चटनी ऐसे बनाएं

सामग्री-

– टमाटर (4)

– घी (1चम्मच)

– जीरा

– हरी मिर्च

– धनिया पत्ता

– करी पत्ता

– मिर्च पाउडर

– हल्दी पाउडर

– जीरा पाउडर

– गरम मसाला

– नमक (स्वादानुशार)

– पानी(1 कप)

– चीनी(1टेबल स्पून)

बनाने की विधि :-

– टमाटर को छोटा-छोटा काट ले.

– उसके बाद पैन चढ़ाये और घी डाले.

– अब उसमे जीरा के दाने डाले और जल जाने पे उसमे हरी मिर्च डाल दे.

– भून लेने के बाद उसमे मिर्च ,हल्दी ,जीरा ,गरम मसाला के पाउडर डाल के उसमे 1/2 पानी डाल दे और भुनें.

– मसाला पाक जाने पे उसमे टमाटर ,नमक ,चीनी और1/2 पानी डाल दें.

– अब उसे धीमी आंच पे पकाने दें.

-बिच-बिच में उसे चलाते रहे.

– अच्छी तरह से पक जाने के बाद उसमे धनिया पत्ता मिला दें और किसी बर्तन में निकाल लें.

– और अब आपकी टमाटर की चटनी तैयार है.

जानिए इंडिया पोस्ट की मंथली सेविंग स्कीम की पूरी जानकारी

इंडिया पोस्ट अपने ग्राहकों के लिए छोटी बचत योजनाओं के लिए बहुत से औफर्स लाई है. पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार 31 मार्च 2019 के आखिर तिमाही में इंडिया पोस्ट के मंथली इनकम निवेश पर 7.3 फीसदी की ब्याज दर से ब्याज देगा. इस खाते को 1500 रुपये के न्यूनतम राशि के साथ खोला जा सकता है. आइए जानिए इससे जुड़े कुछ जरूरी सवालों के जवाब.

कौन से लोग खुलवा सकते हैं खाता?

व्यस्क से लिए नाबालिग अपना खाता खुलवा सकते हैं.

कितना हो सकता है निवेश?

मंथली इनकम वाले खाते में 1500 रुपये के निवेश की जरूरत होती है. वहीं सिंगल खाते में अधिकतर 4.5 लाख से निवेश और ज्वाइंट खाते में 9 लाख तक का निवेश हो सकता है.

ब्याज दर और मैच्योरिटी?

इसमें निवेशक पांच साल के निवेश पर 7.3 फीसद की दर से ब्याज अर्जित कर सकते हैं।

समय से पहले निकासी?

अगर आप समय से पहले रकम की निकासी चाहते हैं तो इंडिया पोस्ट की शर्तों के बारे में आपको पहले जान लेना होगा. अगर कोई व्यक्ति 3 साल से पहले निकासी करता है तो उसके जमा से 2 फीसद रकम काट ली जाती है। अगर 3 साल के बाद निकासी होती है तो जम का एक फीसदी काटा जाएगा.

ट्रांसफरेबल खातों की संख्या

आपको बता दें कि एमआईएस खाते को किसी भी शाखा से कहीं भी ट्रांस्फर किया जा सकता है. इसके अलावा आप किसी भी शाखा में जा कर अपने लिए खाता खुलवा सकती हैं.

आज हर काम समय से होता है : माधुरी दीक्षित

80 और 90 के दशक में चर्चित अभिनेत्री माधुरी दीक्षित किसी परिचय की मोहताज़ नहीं. सफल अभिनेत्री के अलावा वे एक डांसिंग दिवा के रूप में भी जानी जाती हैं. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में  बेहतर फिल्में करने की वजह से उन्हें 4 बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार और पद्मश्री की उपाधि से भी नवाजा गया. शांत और हंसमुख स्वभाव की माधुरी दीक्षित बचपन में डाक्टर बनना चाहती थीं,लेकिन अभिनेत्री बन गई जिसे वह अपनी डेस्टिनी मानती हैं.

काम के दौरान उन्होंने डाक्टर श्रीराम नेने के साथ शादी की और दो बच्चों की मां बनीं. शादी के बाद कुछ दिनों का ब्रेक लेकर अमेरिका में माधुरी अपने पति के साथ रही और फिर साल 2006 में वह वापस मुंबई आईं और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ गई. अनिल कपूर के साथ कई सालों बाद वह फिल्म ‘टोटल धमाल’ में अभिनय कर रही हैं. पेश है इनसे बातचीत के अंश.

आपके घर में टोटल धमाल कब होता है?

जब बच्चे घर में होते है, तब खूब धमाल होता है.

अभी आप की जर्नी कैसी चल रही है?

अच्छी चल रही है,क्योंकि मैंने कई फिल्में प्रोड्यूस भी की है. इसके अलावा कई फिल्मों में अभिनय भी कर रही हूँ. बहुत सारे काम कर रही हूं ,पर मैं इसे एन्जौय कर रही हूं.

आपने पहले काम किया, अब फिर से दुबारा इंडस्ट्री से जुड़ चुकी है, कितना अंतर पहले और आज में देखती है?

पहले फिल्म जो बनती थी इंडस्ट्री कम अनुशासित थी. केवल बड़े-बड़े जो प्रोडक्शन हाउस थे वे अच्छा काम करते थे, पर बाकी में अनुसाशन की कमी थी. ऐसे में आर्टिस्ट के लिए काम करना आसान हो गया है. सोचना नहीं पड़ता है कि सेट पर कभी-कभी फिल्में शुरू होकर बंद हो जाया करती थी. कई बार हम सेट पर होते थे संवाद लिखे नहीं होते थे. सब इंतज़ार करते थे, लेकिन आज सब समय पर होता है. आज कल पहले बजट बनता है,फिर सब काम धीरे-धीरे होता है. जाकर क्या करुंगी. समय सीमा भी होती है, पर कई बार लोकेशन की वजह से देर तक काम करना पड़ता है. उसे हम जानते है.

पहले आपने हमेशा हर फिल्म में लीड रोल निभाई और आज भी कहानी आपके इर्द-गिर्द ही घूमती हुई होती है, क्या आप ऐसी ही फिल्में करना पसंद करती है? किसी फिल्म को चुनते समय किस बात का ध्यान रखती है?

ये हर किसी के चुनाव पर निर्भर करता है कि वह कैसी फिल्म में काम करें. इस फिल्म में मैं अकेली हूं, पर सभी कलाकारों की अपनी जगह है और पूरी फिल्म सबमें बंट गयी है. इसमें पूरा धमाल है और इसमें कामेडी है, जिसे मैं एन्जौय कर रही हूं. कई लोगों के साथ मैं सालों बाद काम कर रही हूं. फिर से सबके साथ काम करना और जुड़ना मुझे अच्छा लग रहा है. इसमें सबने बहुत मस्ती की है.

आजकल गानों का रिमिक्स बहुत होता है, आप इससे कितनी सहमत है?

रिमिक्स कई बार अच्छी होती है, क्योंकि इससे नए जेनरेशन को उस गाने को सुनने का मौका मिलता है. ये सही है कि कुछ को रिमिक्स पसंद नहीं होता है ,तो कुछ को पसंद भी आती है. सही तरह से किया गया रिमिक्स मुझे भी अच्छा लगता है.

इतने सालों में आपकी परफौर्मेंस में क्या बदलाव आया?

मुझे लगता है कि जीवन के अनुभव के साथ-साथ ठहराव और मैच्युरिटी आती है और जब आप परफौर्म करते हैं, तो वह आपको दिखाई पड़ती है. वही मुझमें आया है.

आप एक अच्छी डांसर है, अभी भी परफौर्म कर रही हैं, आज के जेनरेशन में किसके डांस को आप पसंद करती है?

मैंने 3 साल की उम्र से कत्थक सीखना शुरू किया और 9 साल की उम्र में सीख भी लिया था,लेकिन फिल्मों में जब डांस करती थी तो मुझे लगता था कि कुछ गड़बड़ कर रही हूं, क्योंकि बौलीवुड डांस बहुत अलग होता है. यहां कैमरे के साथ आई कांटेक्ट बनाना पड़ता है. ये समझने में देर लगी. कई बार परेशान भी हुई,लेकिन फिल्म तेज़ाब के गाना ‘एक दो तीन…’ के समय सरोज खान ने मुझे रिहर्सल करने को कही. तब मैंने इसे सीखी और आगे बढ़ी. मैंने सभी कोरियोग्राफर से कुछ न कुछ सीखा है. डांस में कैमरा और निर्देशक का बहुत बड़ा हाथ होता है जब सब मिलकर सही काम करते है, तो गाना आइकोनिक बन जाता है. इस जेनेरेशन की कैटरीना कैफ,सोनाक्षी सिन्हा,दीपिका पादुकोण,प्रियंका चोपड़ा,आलिया भट्ट आदि ऐसे कई है, जो अच्छा डांस करती है.

क्या आज की कुछ डांस फार्म को आप सीखना चाहती है?

आज की डांस में क्राम्पिंग, बैली डांस आदि कई अलग फार्म है,जिसे मैं सीखना चाहती हूं.

क्या आज आप ‘चूजी’ हो चुकी है?

नहीं, अगर आपको अभिनय करते रहना है, तो अलग-अलग भूमिकायें निभानी पड़ेगी. तभी आप हमेशा एक फ्रेश काम दे सकते है. मैंने आजतक 78 फिल्मों में अलग-अलग भूमिकाएं निभाई है.

महिला दिवस पर महिलाओं को क्या संदेश देना चाहती हैं?

महिलाओं ने अभी बहुत तरक्की की हैं और वे अच्छा कर भी रही हैं. काम के साथ-साथ हमेशा उन्हें परिवार को भी देखने की जरुरत होती है. मेरे घर में बहुत हेल्प है,जिससे काम करने में असुविधा नहीं होती. आम कामकाजी महिला को ये नहीं होता, इसलिए परिवार का पूरा सहयोग उन्हें हो,ताकि वे अच्छा काम कर सकें.

मेरी मां मेरी प्रेरणास्त्रोत है: नताशा ढोडी

सुंदर दिखना हर महिला का अधिकार है और इसे मेकअप के द्वारा बहुत हद तक अच्छा बनाया भी जा सकता है, ऐसे में सही मेकअप की जानकारी का होना बहुत जरुरी है. कुछ ऐसी ही सोच रखती हैं मुंबई की ‘मेकअप एकादमी’ की ओनर नताशा ढोडी, जिन्होंने बहुतों को मेकअप के बारें में शिक्षा देकर उन्हें स्थापित किया है. विनम्र और हंसमुख नताशा को बचपन से इस क्षेत्र में जाने की इच्छा थी ,क्योंकि उसकी मां भी इसी क्षेत्र से हैं और पंजाब के लुधियाना में एकेडेमी खोल चुकी हैं. नताशा फैशन फोटोग्राफी मेकअप, ब्राइडल मेकअप, प्रोस्थेटिक मेकअप आदि सिखाती हैं, जिसमें क्रिएटिविटी की बहुत जरुरत होती है. ‘नताशा एकेडेमी’ के उद्घाटन पर उनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है अंश.

आप को इस क्षेत्र में आने की प्रेरणा कहां से मिली?

असल में मैं पंजाब के लुधियाना से हूं. जब मैं छोटी थी, तो मैंने मां इन्द्रा अहलुवालिया की ‘ग्रेस सैलून’ और कई मेकअप एकादमी को देखा है. वहीं से मेरी इच्छा इस क्षेत्र में जाने की हुई, क्योंकि बचपन से वही माहौल देखा है, लेकिन मेरी मां बहुत स्ट्रिक्ट थी और उन्होंने मुझे पढ़ाई पूरी करने की सलाह दी.  जब मैं 16 साल की हुई और अपनी पढ़ाई पूरी की. फिर मैंने इस क्षेत्र में प्रशिक्षण लेना शुरू किया और इसके बाद से पीछे मुड़कर नहीं देखा. 18 से 20 साल की उम्र में मैंने सेमीनार लेना शुरू कर दिया था. हजारों को सिखा रही थी. मैंने मेकअप, हेयर, नेल्स आदि सभी के बारें प्रशिक्षण देश और विदेश से लिया है. मेरी मां मेरी प्रेरणास्त्रोत हैं.

आपकी खासियत क्या है और नए मेकअप के प्रोडक्ट की जांच कैसे करती है?

मेकअप मेरा पैशन है इसलिए मैंने उसी में अधिक ट्रेनिंग ली है. ये अनुभव से पता चलता है कि कौन सी प्रोडक्ट मेकअप के लिए सही है. हमारे वैनिटी में कई सारे ब्यूटी प्रोडक्ट होते हैं,लेकिन कई बार नयी उत्पाद लाने के बाद उसका प्रयोग सही नहीं होता, ऐसे में मेरा ये दायित्व होता है कि हम सही ब्यूटी प्रोडक्ट की जानकारी हमारे ग्राहकों को दें और ऐसा हम समय-समय पर करते रहते हैं.

इस क्षेत्र की चुनौतियां क्या हैं?

इसमें मुश्किल अधिक नहीं आती, लेकिन अगर किसी को ‘टैनट्रम’ है और शूट करना है, तो समस्या आती है. आजकल सबसे अधिक टीनेजर्स यहां सीखने आते है. उन्हें बहुत अधिक क्रेज होता है. खासकर लड़कियों की संख्या अधिक होती है,पर लड़के भी इस क्षेत्र में कम नहीं है.

महिला सशक्तिकरण की दिशा में आपकी सोच क्या हैं?

हर महिला को अपने परिवार संभालने के साथ-साथ अपनी पसंद के काम भी करते रहना चाहिए और आगे बढ़ने की दिशा में अपनी सोच को बनाये रखना चाहिए.

मेकअप किसी व्यक्ति की सुंदरता को कितना अधिक बढ़ाती है?

प्रकृति ने सभी को सुंदर बनाया है, लेकिन हमारे चेहरे पर कुछ ऐसे दाग या धब्बे हैं, जो इसकी सुन्दरता को कम करती है, ऐसे में मेकअप के द्वारा आप इसे छिपा सकती हैं और सुंदर लग सकते हैं.

मां से आपने क्या सीख ली है और इतने सालों में आपने मेकअप के क्षेत्र में क्या-क्या परिवर्तन देखती हैं?

मैंने अपनी मां से हमेशा नयी चीज सीखने की प्रेरणा ली है. वह 30 साल से भी अधिक इस क्षेत्र में हैं, अभी भी सीखती हैं. वही मुझे काफी अच्छा लगता है. पहले मेकअप फैशन के लिहाज से प्रयोग होता था, पर आज मेकअप सभी पसंद करते हैं. मेकअप जगह और जलवायु के हिसाब से भी बदलता है. मुंबई में न्यूड मेकअप अधिक चलता है ,जो बौलीवुड से प्रेरित है.  पंजाब और नार्थ में ब्राइडल मेकअप का अधिक प्रचलन है. पहले वहां अधिकतर लाउड मेकअप पसंद करते थे, जिसमें गहरे रंग के लिपस्टिक या ग्लिटर को अधिक पसंद किया जाता था. अभी ग्लोबल फैशन का मार्केट है. जिसमें जगह का खास प्रभाव नहीं होता.

काम के साथ-साथ परिवार की देखभाल कैसे करती हैं?

ये कोई मुश्किल नहीं, जब बच्चे छोटे थे तो बीच में मैंने ब्रेक लिया था, अब वे बड़े हो चुके है और मैंने फिर से अपना काम शुरू कर दिया है. इसमें मेरे पति प्रभजोत ढोडी जो एक उद्योगपति हैं, उनका बहुत सहयोग होता है. मेरी रूटीन के साथ वे सामंजस्य कर लेते हैं, उन्होंने मुझे अपना काम बढ़ाने के लिए बहुत उत्साह दिया है. मेरे दो बेटे भी मेरे काम से बहुत खुश होते हैं. समय मिलता है, तो परिवार के साथ रहना पसंद करती हूं.

बिना मेकअप के कौन सी बौलीवुड अभिनेत्री आपको पसंद है?

दीपिका पादुकोण.

 आगे की योजनाएं क्या हैं?

मैं कई और अकादमी मुंबई और देश के बाकी शहरों में खोलना चाहती हूं, ताकि यहां से प्रशिक्षित व्यक्ति एक अलग लेवल पर पहुंचे.

 इस क्षेत्र में जौब औपर्चुनिटी कितनी है?

इसमें बहुत आप्शन है, मसलन ब्यूटी ब्लौैगर, राइटर, रिटेलर आदि सब बन सकते हैं, क्योंकि यहां किसी प्रोडक्ट के टेक्सचर, बनाने के तरीके उसका प्रभाव आदि सबकुछ विस्तार से सिखाया जाता है. यहां थ्योरी बहुत स्ट्रोंग है.

मेकअप मिस्टेक्स क्या-क्या हैं?

  • आजकल बहुत सारे यूट्यूब चैनल्स आ गए है, जिससे लोगों में जागरूकता बढ़ी है, लेकिन वे इसे अपने चेहरे को बिना जाने कौपी कर लेते हैं, जिससे सही मेकअप नहीं होता,
  • लोगों को अपना पर्सनल स्टाइल को देखकर ही मेकअप करना चाहिए,
  • इसे करने के लिए क्रिएटिविटी का होना जरुरी है.

घुमने जा रही हैं तो रखें इन बातों का ध्यान

घूमने जाने से पहले मौसम के अनुकूल कपड़े पैक करने से लेकर स्नैक पैक करने और कई अन्य चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. तो आइए आज बताते हैं आपको घुमने जाने से पहले किन बातों का ध्यान ऱखना चाहिए.

– सड़कों पर लगने वाले भोजन के स्टालों से खाना नहीं खाएं. इससे गैस बनने, अपच और डिहाइड्रेशन हो  सकता है. ज्यादा तैलीय भोजन का सेवन नहीं करें, इसके बजाय ठंडा और तरल पदार्थो जैसे जूस, तरबूज आदि का सेवन करें.

– अपने साथ कुछ दवाएं भी ले जाएं. जैसे अपच, उल्टी को रोकने वाली गोली, ओरल रिहाइड्रेशन पाउडर आदि.

– कार, विमान या बस से यात्रा करने के दौरान अपना पसंदीदा तकिया जरूर ले जाएं, जिससे आपको पीठ या गर्दन में किसी तरह की कोई तकलीफ नहीं हो.

– थकान से बचने के लिए बीच-बीच में रुक कर थोड़ा आराम भी कर लें.

– अगर आप गर्भवती हैं तो शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें. तरल पदार्थो का सेवन करती रहें और कुछ हल्का भोजन भी अपने साथ रखें और बीच-बीच में खाती रहें ताकि आपको और अपके अंदर पल रहे बच्चे को भूख महसूस नहीं हो.

– बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय या घरेलू यात्रा करने से पहले किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श जरूर कर लें.

प्रेग्नेंसी में प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल है खतरनाक

प्लास्टिक की बोतल में पानी पीना सेहत के लिए हानिकारक होता है. इसी से जुड़े एक शोध में ये बात सामने आई कि प्रेग्नेंसी के दौरान खराब क्वालिटी की बोतलें या बीपीए युक्त प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीना अजन्में की सेहत के लिए काफी खतरनाक है. प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से पेट में पल रहे बच्चे को आगे के जीवन में पेट से संबंधित कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

आपको बता दें कि प्लास्टिक में पाए जाने वाले बीपीए रसायन पेट में मौजूद अच्छे और बुरे जिवाणुओं का संतुलन बिगाड़ देते हैं. इससे लिवर का भी काफी नुकसान होता है. ये शोध अमेरिका में हुआ.

शोध में ये बात सामने आई कि जन्म से पहले गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए प्लास्टिक की बोतल का पानी काफी हानिकारक होता है.  इससे बच्चे खतरनाक रसायनों के संपर्क में आ जाते हैं. जानकारों का कहना है कि बच्चों को मां का दूध भी प्लास्टिक की बोतल में ना दें. खतरनाक रसायनों का प्रवाह मां के दूध से भी हो सकता है.

अधय्यनकर्ताओं के मुताबिक जन्म लेने के ठीक बाद मां के दूध से रसायनों के संपर्क में आए बच्चों को आगे की लाइफ में पेट से संबंधित परेशानियां हो सकती हैं.

आपको बता दें कि BPA प्लास्ट‍िक के कई कंटेनरों और बोतलों में पाया जाता है. खासतौर सस्ते और खराब क्वालिटी वाले बोतलों में इसका मिलना आम है. शोध में दावा किया गया है कि ऐसे ऐसे प्लास्ट‍िक के बर्तनों में रखा गया खाना आसानी से बीपीए रसायन को सोख लेता है.

देर रात खाने की आदत बदल दें, है खतरनाक

हमें कई बीमारियां हमारे खाने की गलत आदतों की वजह से होता है. गलत खाना, खाने का वक्त गलत, खाने का तरीका गलत, जैसे कई कारणों से हेल्थ संबंधी कई परेशानियां होती हैं. इन अनियमितताओं के कारण आपके वजन के बढ़ने का खतरा भी अधिक रहता है.

वजन बढ़ने के कई कारणों में से एक है देर रात में खाना खाना. अगर आपकी आदत देर रात में खाने की है तो आज ही इसे बदलें. इससे वजन तो बढ़ता है इसके साथ ही कई तरह की बीमारियों का खतरा भी अधिक हो जाता है. जानकारों की माने तो दिन भर के खाने की साइकल में सुबह का नाश्ता बेहद अहम होता है. इससे इतर आच्छे स्वास्थ के लिए हल्का लंच और डिनर करें.

हाल ही में एक जर्नल में छपी रिपोर्ट की माने तो देर रात में खाना खाने से आपका वजन तेजी से बढ़ता है. इसके अलावा आपमें कौलेस्ट्रौल के बढ़ने की संभावना बहुत अधिक होती है. जानकारों का ये भी मानना है कि रात में अधिक खाना खाने से हम शरीर को अधिक कैलोरीज का भार देते हैं. रात के वक्त इस तरह का डाइट लेने से हम अपने शरीर का नुकसान करते हैं.

एक्स्पर्ट्स की माने तो एक व्याक्ति को दिन भर में लगभग 1800 से 3000 कैलोरी की जरूरत होती है. इसे आप लंच, ब्रेकफास्ट और डिनर के तौर पर बांट सकती हैं. रात में शरीर को 450-650 कैलोरी की जरूरत होती है. इस लिए जरूरी है कि रात में देरी से भोजन लेने से हम बचें.

अंडे की जर्दी खाएं या नहीं? यहां मिलेगा जवाब

अंडा अच्छी सेहत के लिहाज से एक बेहत महत्वपूर्ण खाद्य है. इसमें पाए जाने वाले न्यूट्रिएंट्स शरीर के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. बौडी बिल्डिंग के दौरान भी इसके नियमित सेवन की बात कही जाती है. पर अंडे के सेवन को लेकर लोगों के बीच राय बटे हुए हैं. आपको बता दें कि अंडे में कौलेस्ट्रौल की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण लोग इसे सेहत के लिए हानिकारक भी मानते हैं. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि वजन कम करने और बौडी बिल्डिंग के लिए अंडे के सफेद हिस्से का सेवन करते हैं. इस खबर में हम अंडे के पीले हिस्से के सेवन के बारे में चर्चा करेंगे. हम बात करेंगे कि अंडे के पीले हिस्से का सेवन सेहत के लिए अच्छा है या नहीं.

क्या अंडे की जर्दी सेहत के लिए फायदेमंद होती है?

एक अंडे में 186 मिलिग्राम कोलेस्ट्रोल पया जाता है. ये कोलेस्ट्रोल अंडे की जर्दी में होता है. पर ये शरीर के लिए हानिकारक नहीं होते. ऐसा इस लिए क्योंकि शरीर में टेस्टोस्टेरोन के निर्माण में कोलेस्ट्रोल की आवश्यकता होती है. इससे शरीर में एनर्जी बढ़ती है और मांसपेशियां मजबूत होती हैं.

आपको बता दें कि अंडे के सफेद हिस्से में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. वहीं इसकी जर्दी में आयरन, विटामिन बी-2, बी-12 और विटामिन डी पाया जाता है, जो अंडे के सफेद हिस्से में नहीं होता है. इसलिए जब आप केवल इसके सफेद हिस्से को खाएंगे तो आप इसके बाकी जरूरी तत्व आपको नहीं मिल पाएंगे.

हाल ही में एक स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि अंडे की जर्दी में मौजूद फैट शरीर से बेड कोलेस्ट्रोल को कम करता है. अगर आप वजन कम करना चाहते हैं, तब भी आप अंडे की जर्दी का सेवन कर सकते हैं.

ग्लास सीलिंग हर देश में है : विभा बख्शी

लंबा कद, साफ रंग, लहराते बाल, चेहरे पर आत्मविश्वास और मन में कुछ करने का जज्बा, ये हैं 48 वर्षीय राष्ट्रीय फिल्म निर्माता विभा बख्शी. 2015 में इन्हें अपनी डौक्यूमैंट्री फिल्म ‘डौटर्स औफ मदर इंडिया’ के लिए सामाजिक मुद्दों पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है. इन की इस फिल्म को 11 भाषाओं में डब किया गया. अब वे अपनी नई फिल्म ‘सनराइज’ ले कर आई हैं.

हरियाणा जैसे राज्य में जहां स्त्रियों के साथ भेदभाव और  खाप पंचायतों का दबदबा बहुत आम है विभा बख्शी ने वहां के साधारण पुरुषों द्वारा जैंडर इक्वैलिटी हेतु की गई असाधारण फाइट को अपनी फिल्म का विषय बनाया है.

इस विषय पर फिल्म बनाने का खयाल कैसे आया?

मेरी पहली फिल्म ‘डौटर औफ मदर इंडिया’ रेप और जैंडर वायलैंस पर आधारित फिल्म थी. यह फिल्म बहुत सफल हुई. लोगों ने इसे एक मूवमैंट के तौर पर लिया. तभी मैं ने महसूस किया कि इस इशू को और भी आगे ले जाना चाहिए.

आप ने फिल्म के लिए हरियाणा की पृष्ठभूमि ही क्यों चुनी?

हम ने हरियाणा की पृष्ठभूमि चुनी, क्योंकि यह इलाका भारत में सब से ज्यादा डिस्टर्बिंग है. यहां इतनी भ्रूण हत्याएं होती हैं कि लड़कियों की कमी हो गई है. सब से ज्यादा गैंग रेप भी यहीं होते हैं. मैं यह दिखाना चाहती थी कि यदि हरियाणा से इतने हीरो निकल सकते हैं तो पूरे देश में ऐसे कितने हीरो मौजूद होंगे.

इस फिल्म में रियल कैरेक्टर्स हैं. पहला एक ऐसा किसान है जिस ने एक गैंग रेप विक्टिम के साथ अरैंज मैरिज की. दूसरा एक सरपंच जिस की 2 लड़कियां हैं और वह सिर्फ अपनी बेटियों के लिए ही नहीं, बल्कि हर बेटी के लिए समाज की सोच बदलना चाहता है. तीसरा कैरेक्टर है हरियाणा के सब से बड़े खाप लीडर का.

एक महिला फिल्ममेकर के तौर पर आप को किन परेशानियों का सामना करना पड़ा?

मैं ने बहुत सैंसिटिव विषय लिया था और इस के लिए मैं हरियाणा के 25 गांवों में गई जहां लोगों से बातें की. काफी परेशानियां भी आईं. महिला हो कर वहां रहना और लोगों को विश्वास में लेना मुश्किल था. शुरू में तो मैं भी डरी हुई थी, पर जब वहां रहने लगी तो लोगों का बहुत सपोर्ट मिला. हरियाणा के लोग चाहते थे कि यह फिल्म बने और अपने मकसद में सफल भी रहे. स्थानीय लोग मेरी हर संभव सहायता करते. कहां जाऊं, किस से बात करूं जैसी बातें भी वे बताते. खतरे की आशंका होने पर तुरंत मुझे आगाह भी करते. मैं उन के घरों में रही, उन के साथ खायापिया. लोगों का विश्वास जीता. इसी वजह से मैं अपनी फिल्म बेहतर ढंग से बना सकी.

आप का अगला प्रोजैक्ट क्या होगा?

अभी 1 साल तक मेरा पूरा फोकस ‘सनराइज’ पर ही रहेगा. इस की पहली स्क्रीनिंग का रिस्पौंस काफी अच्छा रहा. हम चाहते हैं कि यूएन के साथ मिल कर हर जगह इस फिल्म को पहुंचाने का प्रयास करें.

अपने और अपने परिवार के बारे में बताएं?

मेरे पिता शिपओनर हैं और मां राइटर. एक छोटी बहन है जो दुबई में है और बड़ा भाई फैमिली बिजनैस में है. मैं 12वीं तक भारत में पढ़ाई कर के अमेरिका चली गई थी जहां बोस्टन यूनिवर्सिटी से फिल्म और जर्नलिज्म में ग्रैजुएशन किया. इंडिया आ कर मैं ने विशाल बख्शी से लवमैरिज की. विशाल मां को भी बहुत पसंद थे. शादी कर के 13 साल फिर अमेरिका में रहे. मेरे सासससुर डिप्लोमैट हैं. मुझे परिवार का हमेशा पूरा सहयोग मिलता रहा है. मेरे दो बेटे हैं जिन की उम्र 9 और 13 साल है.

आप के खयाल से समाज में जैंडर इक्वैलिटी लाने के लिए क्या जरूरी है?

जैंडर इक्वैलिटी का पहला पाठ लड़के घर से ही पढ़ते हैं. अपने घर में कभी भी बेटे और बेटी के बीच फर्क न करें. घर के पुरष पत्नी, मां और बहनों का सम्मान करें. मेरे पति अपने दोनों बेटों के रोल मौडल हैं. बच्चे पिता को देख कर सीखते हैं कि औरत की इज्जत कैसे की जाती है. जिन घरों में लड़के देखते हैं कि उन की मां स्ट्रौंग और इंडिपैडैंट है, पिता मां के साथसाथ चलते हैं, तो ऐसे में बच्चे का नजरिया कुछ अलग होता है और इस की छाप बड़े होने पर भी कायम रहती है.

ग्लास सीलिंग के संदर्भ में आप क्या कहेंगी?

सैकड़ों सालों से स्त्रियां ग्लास सीलिंग का सामना कर रही है. यह तुरंत नहीं बदलेगा पर हम इस संदर्भ में बात करने लगे हैं, लोगों के दिलों में थोड़ा डर भी आ गया है यही बहुत है. ग्लास सीलिंग केवल इंडिया में नहीं यूरोप, अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी है बस पैकेजिंग थोड़ी अलग है. जरूरी है कि हम इस के बारे में बात करें. लोगों को इस का एहसास तो हो कि ग्लास सीलिंग क्या है. तभी हम इसे तोड़ पाएंगे.

एफडी में इंवेस्ट का प्लान है? ये खबर आपके लिए जरूरी है

1 फरवरी को सरकार ने संसद में वित्तीय बजट पेश किया. इस बजट में कई बड़े बदलावों को इंट्रोड्यूस किया गया हैं. पर इस खबर में हम आपको फिक्स्ड डिपौजिट और रेकरिंग डिपौजिट से जुड़ी जानकारियां देंगे. नए बजट में पोस्ट औफिस और बैंकों में फिक्स्ड डिपौजिट और रिकरिंग डिपौजिट से मिलने वाले 40,000 तक के ब्याज को टैक्स फ्री कर दिया है. इस खबर में हम आपको पांच ऐसे बैंकों के बारे में बताने वाले हैं जो तीन साल के फिक्स्ड डिपौजिट पर सलाना 9 फीसदी की ब्याज दर दे रही हैं. जबकि सिनियर सिटिजन के लिए ये ब्याज दर 9.60 का है. अगर आप एफडी या आरडी में निवेश करना चाहती हैं  तो ये खबर आपके काम की है.

आरबीएल बैंक

ये बैंक तीन साल के लिए एफडी में निवेश करने पर 7.60 फीसदी का सलाना ब्याज दे रही है. वहीं सिनियर सिटिजन के लिए ये ब्याज दर 8.10 का है.

आईडीएफसी बैंक

ये बैंक तीन साल की फिक्स्ड डिपौजिट पर 7.50 फीसदी की ब्याज दर देता है, वहीं सिनियर सिटिजन के लिए ये दर 8 फीसदी की है.

आईसीआईसीआई बैंक

आपको बता दें कि इस बैंक में अलग अलग स्लैब के लिए अलग अलग ब्याज दर हैं. एक करोड़ से कम की एफडी पर बैंक अपने ग्राहकों को 8 फीसदी की ब्याज दर दे रही है. वहीं नौन प्रीमैच्योर विड्रौल वाली एक करोड़ रुपये ये अधिक की एफडी पर 7.60 की ब्याज दर है.

डीसीबी बैंक

डीसीबी बैंक तीन साल की फिक्स्ड डिपौजिट पर 8.05 की ब्याज दर दे रही है. वहीं सिनियर सिटिजन के लिए ये दर 8.55 का है.

लक्ष्मी विलास बैंक

यह बैंक तीन साल की एफडी पर 7.75 फीसदी सलाना ब्याद दर दे रहा है. सिनियर सिटिजन के लिए ये दर 8.35 है.

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