वजन कम करने के लिए खाएं चीज

भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों किसी चीज पर समबसे कम ध्यान दे पाते हैं तो वो है अपना खानपान. लोगों का खानपान को सबसे कमतर आंकते हैं. अनहेल्दी खानपान, जंक फूड, फास्ट फूड जैसी चीजों के प्रति लोगों का आकर्षण उनकी खराब हो रही सेहत का प्रमुख कारण है. इन खाद्य पदार्थों में मौजूद चीज से लोगों का तेजी से वजन बढ़ता है, जिसके बाद लाख कोशिशों के बाद भी ये कम नहीं होता.

पर क्या आपको पता है कि चीज से केवल वजन बढ़ता नहीं है, बल्कि वजन कम करने में भी चीज काफी कारगर होता है. इसमें मौजूद हाई कैल्शियम आपके शरीर के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. पनीर में मौजूद प्रोटीन और फास्फोरस व्यक्ति की पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाए रखने का काम करता है. पर वजन कम करने के लिए किसी भी प्रकार के चीज का सेवन करना ठीक नहीं है. वजन कम करने के लिए चीज का सेवन करना है तो आप ऐसे चीज का चुनाव करें जिसमें सारे जरूरी न्यूट्रिएंट्स मौजूद हों पर फैट की मात्रा कम हो.

आइए जाने चीज के ऐसे तीन प्रकार जिनके सेवन से आप अपना वजन कम कर सकती हैं.

पारमेसान चीज

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चीज का ये प्रकार सेहत के लिए तो अच्छा है ही साथ में इसका स्वाद भी लाजवाब है. इसमें कई तरह के प्रोटीन्स, कैल्शियम और मिनरल्स पाए जाते हैं. आपको बता दें कि 1 चम्मच पारमेसान चीज में लगभग 21 कैलोरी मौजूद होती हैं. आप अपनी पसंद के मुताबिक इसे सलाद या सूप बनाते समय इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

कौटेज चीज

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स्लिम रहने के लिए कौटेज चीज एक बेहतर विकल्प है. इसमें करीब 50 फीसदी प्रोटीन पाया जाता है. वहीं कौटेज चीज से भरे एक कप पनीर में लगभग 163 कैलोरी मौजूद होती हैं.

फेटा चीज

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आपको ये जान कर हैरानी होगी कि फेटा चीज को भेड़ और बकरी की दूध से बनाया जाता है. इसमें अधिक मात्रा में सोडियम की मात्रा पाई जाती है. अगर आप इसका सेवन करने की सोच रही हैं तो आपको बता दें कि इसे खाने के बाद अधिक पानी का सेवन करना चाहिए. फेटा पनीर में काफी कम कैलोरी होती है, इसलिए यह वजन घटाने में मददगार होती है. 28 ग्राम फेटा चीज में लगभग 75 कैलोरी मौजूद होती है.

जब चेहरे से हटाना हो ज्यादा मेकअप

मेकअप से चेहरा खिला-खिला लगता है और सुंदरता में चार-चांद भी लग जाते हैं. पर तब क्‍या होगा जब आप अधिक मेकअप लगा लें और चेहरा रुखा लगने लगे तो. वैसे भी अधिक मेकअप चेहरे की प्राकृतिक सुंदरता को बिगाड़ देता है. अगर आप भी इसी समस्‍या में फंस गई हैं तो हम बताएंगे की चेहरे से अधिक मेकअप कैसे छुड़ाया जाए.

अधिक मेकअप को ऐसे छुडाएं

  1. अगर ज्‍यादा मेकअप लग गया हो तो उसे रुई की बौल से साफ करें. इसके लिए उसको क्रीम में डुबोएं और चेहरे पर रगड़ कर साफ करें.
  2. फेशियल क्‍लींजर अधिक मेकअप को साफ करने के लिए बहुत उपयोगी है. इससे भी आप अपने अधिक मेकअप को साफ कर सकती हैं.
  3. जब अधिक मेकअप को साफ कर लें तब चेहरे को ल्किविड फाउंडेशन से हल्‍का सा टच अप दें. अधिक पाउडर के प्रयोग से बचें और केवल कंपैक्‍ट पाउडर और ल्किविड फाउंडेशन का ही प्रयोग करें.
  4. चेहरे पर अधिक बल्‍श केवल कौटन बौल की मदद से ही साफ किया जा सकता है. इसके अलावा चाहें तो पाउडर को गाल पर लगा कर लाल रंग को छुपाया जा सकता है.
  5. अपनी आंखों से ग्‍लीटर आइ शैडो को हटान के लिए क्रीम को रगड़े और फिर थोड़ा सा पाउडर चेहरे पर लगाएं. आंखों के ऊपर से ग्‍लीटर आई शैडो को हटाना थोड़ा मुश्‍किल कार्य हो सकता है.
  6. होंठो से अधिक लिप्‍सिटक को हटाने के लिए पहले अपने होंठो को किसी प्‍लेन कागज पर दबाएं. फिर उस पर लिप बाल्‍म या बेबी औयल लगा कर उसको ऐ गीले कपड़े से गोलाई में छुडाएं.

पूरा तन सजाएं हनीमून यादगार बनाएं

हनीमून में पति जहां अपनी पत्नी पर भरपूर प्यार उड़ेल देना चाहता है, वहीं पत्नी चाहती है कि उस का साथी उस के रूप पर मुग्ध हो जाए. वह केवल सजना के लिए ही सजना चाहती है, लेकिन उस के पास मेकअप करने के लिए समय बहुत कम होता है और शादी में खूब सजनेधजने के बाद बिना मेकअप उस के सौंदर्य की चमक फीकी लगती है. हनीमून पर मेकअप के लिए ज्यादा सामान भी ले जाना संभव नहीं होता.

पेश हैं, कुछ खास टिप्स जिन्हें अपना कर वह आसानी से कम समय में आकर्षक लग सकती है:

चांद सा रोशन चेहरा

मेकअप से पहले बीबी, सीसी या फिर डीडी क्रीम लगाएं. इन की विशेषता यह है कि कई प्रकार की क्रीम्स का काम ये अकेले ही करती हैं. इन को लगाने के बाद प्राइमर, कंसीलर, फाउंडेशन या सनस्क्रीन लगाने की आवश्यकता नहीं होती.

बीबी क्रीम को ब्लैमिश बाम या ब्यूटी बाम भी कहा जाता है. यह स्किन को पूरी तरह कवर कर लेती है और चेहरा दमकने लगता है. चेहरा थोड़ी अनइवन रंगत लिए है तो सीसी क्रीम का प्रयोग करना चाहिए. यह त्वचा के साथ आसानी से घुलमिल जाती है और रंगत निखर उठती है. यही कारण है कि इसे कलर कंट्रोल क्रीम भी कहा जाता है.

यदि चेहरे पर पिगमैंटेशन या दागधब्बे हैं तो डायनैमिक डू औल या डेली डिफैंस कही जाने वाली डीडी क्रीम का प्रयोग अच्छा होगा. चेहरे के साथसाथ गरदन पर भी क्रीम अप्लाई करना ठीक रहता है.

गुलाबी गाल

अपनी स्किन के अनुसार चीक्स पर ब्लशर के प्रयोग से गाल सुंदर दिखाई देते हैं. नईनवेली जब हनीमून पर हो तो पीच या चैरी पिंक कलर ही उस के गालों पर ज्यादा खिलता है. हलके रंग के कपड़ों के साथ प्लम या मैरून और गहरे रंग की ड्रैस के साथ बेज या आमंड अच्छा लगता है. त्वचा को ध्यान में रखते हुए ड्राई या नौर्मल स्किन के लिए केक और क्रीम बेस्ड ब्लशर ठीक होंगे जबकि औयली स्किन पर पाउडर बेस्ड ब्लशर खूबसूरत दिखाई देंगे. ब्लश लगाने में ज्यादा समय नहीं लगता पर इस के प्रयोग से गालों के साथसाथ चेहरा भी लालिमायुक्त हो कर गुलाब सा खिल उठता है.

कजरारे नैन

आंखों में काजल लगाएं. यदि काजल वाटरप्रूफ हो तो अच्छा है. मेकअप करने के लिए पर्याप्त समय है तो ड्रैस के रंग से मिलता आईशैडो लगाएं. हनीमून पर किसी अच्छी कंपनी के 2 या 3 शेड्स वाला पैक ही काफी है. इस में हलके व गहरे दोनों शेड्स होते हैं. जिस दिन टाइम की कमी हो, आईलाइनर का प्रयोग भी किया जा सकता है. यदि भौंहें अनियंत्रित लग रही हैं और ट्रिम करने का समय नहीं है तो उन्हें आईब्रो पेंसिल से सही आकार दिया जा सकता है.

मसकारा आंखों की खूबसूरती बढ़ा देता है, पर ध्यान रहे कि हनीमून के समय केवल ट्रांसपेरैंट और वाटरप्रूफ मसकारा ही प्रयोग करें. ट्रांसपेरैंट मसकारा लगाने से आई मेकअप हलका लगेगा और पलकें भी दिखेंगी.

महके तनमन

शादी के समय ब्राइडल रूटीन के दौरान वैसे तो अनचाहे बालों को हटा दिया जाता है, फिर भी यदि हनीमून के समय ये बाधा बन रहे हों तो वैक्ंिसग क्रीम का प्रयोग कर इन्हें हटा देना चाहिए. इस के लिए डेपिलेटरी क्रीम का प्रयोग भी किया जा सकता है.

साफसुथरे शरीर पर डीओ या परफ्यूम का प्रयोग करें. परफ्यूम की सुगंध पार्टनर की पसंद को ध्यान में रखते हुए चुनी जाए तो अच्छा है. चौकलेट या वुडी परफ्यूम सब को पसंद आते हैं.

भीगे होंठ

आजकल विभिन्न प्रकार की लिपस्टिक्स के कई शेड्स बाजार में मिलते हैं. अलगअलग अवसरों पर अलग प्रकार की लिपस्टिक का चुनाव किया जाता है.

लिप्स हनीमून के समय आभा बिखेरते रहें. इस के लिए सही शेड और सही प्रकार की लिपस्टिक का प्रयोग कर इन की खूबसूरती में चार चांद लगाएं.

इस समय के लिए किस प्रूफ लिपस्टिक सब से अच्छा औप्शन है. घूमने के लिए बाहर जाते समय देर तक टिकने वाली लिपस्टिक का प्रयोग सही रहता है. रोज पिंक, कोरल व कौफी शेड्स किसी भी स्किन टोन के साथ अच्छे लगते हैं.

होंठों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए शिमर या ग्लौस लिपस्टिक का प्रयोग किया जा सकता है. इस वैरायटी में डार्क वौयलेट, चौकलेट ब्राउन, हौट रैड और लाल व ब्राउन रंग से बना मरसाला शेड बहुत सुंदर लगता है.

होंठ चिकने और चमकदार भी दिखें और लंबे समय तक रंगीन भी रहें इस का एक बढि़या औप्शन है लिप स्टेन. ये अधिकतर तरल रूप में आते हैं जो औयल और रंगों को मिला कर बनाए जाते हैं. इन से होंठ सूख जाते हैं इसलिए लगाने से पहले क्रीम या लिप बाम लगाना अच्छा रहता है.

हनीमून पर ये भीगे होंठ पति को मंत्रमुग्ध कर देंगे और इन रंगीन होंठों से प्यार के इजहार का भी अपना अलग ही चार्म होगा.

खूबसूरत हाथ

हाथों की खूबसूरती बहुत हद तक नाखूनों पर निर्भर करती है. इन दिनों नेल आर्ट चलन में है. हनीमून पर नाखूनों को सजाने के लिए बहुत समय देना तो संभव नहीं होता, पर इन्हें अनदेखा भी नहीं किया जा सकता. इस के लिए सब से अच्छा तरीका है कुछ हट कर आकर्षक नेल पेंट साथ ले जाना जैसे रेनबो कलर, मिंट ग्रीन या मैट ब्लैक.

हाथों में शादी का लाल चूड़ा हो तो लाइट कलर के नेल पेंट भी अच्छे लगते हैं. अगर चूड़े की जगह हाथों में ब्रैसलेट या कुछ बैंगल्स ही हैं तो नेलपौलिश के बाद ‘ग्लिटर डस्ट’ का प्रयोग किया जा सकता है. इसे इस्तेमाल करना आसान है.

रेशमी जुल्फें

बालों की खूबसूरती स्त्री की सुंदरता में हमेशा ही चार चांद लगाती है. शैंपू के साथ कंडीशनर रखना न भूलें. छोटे बालों को रोज धोया जा सकता है पर लंबे बालों के साथ ऐसा संभव नहीं होता. इसलिए गीले कंघे या ब्रश से बालों को कौंब कर हेयर क्रीम लगानी चाहिए. बाल घुंघराले हों तो हेयर सीरम का प्रयोग करना होगा.

समय की कमी होने से सुंदर हेयरस्टाइल बनाना संभव नहीं होता. यदि बाल घुंघराले हैं तो उन्हें खुला ही रहने दें. सीधे बाल भी खुले हुए अच्छे लगते हैं. फिर भी बालों को नया लुक देना चाहें तो ऊपर से बाल ले कर फ्रैंच टेल या हाफ बन या फिर आधे बालों की पोनी अच्छे विकल्प हैं.

एक आसान तरीका यह भी है कि दोनों साइड से थोड़थोड़े बाल ले कर उन्हें ट्विस्ट कर पीछे बांध लें और क्लिप लगा लें. ब्लैक या आइवरी कलर के क्लिप्स हर रंग की ड्रैस के साथ चलते हैं.

हसीन पांव

पैरों पर चमकरहित गहरे रंग की नेलपौलिश हर ड्रैस के साथ जंचती है. स्कर्ट या कैप्री के साथ एक पैर में ऐंकलैट भी पहनी जा सकती है. सैंडल ऐंकलैट्स पहनी हों तो प्रियतम को कहना ही पड़ेगा कि ये हसीन पांव जमीन पर न रखना, इन की जगह तो हमेशा मेरे दिल में रहेगी.

हनीमून का आनंद बढ़ाने में मेकअप की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता. बस ध्यान इस बात का रखा जाए कि मेकअप का सामान क्वालिटी को ध्यान में रख कर खरीदा जाए. सस्ते और घटिया प्रोडक्ट्स से त्वचा और होंठों पर ऐलर्जी हो जाती है, जिस से हनीमून का मजा खराब हो सकता है.

असली चेहरा कुछ और होता है : प्रार्थना बेहेरे

हिंदी टीवी धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ में वैशाली धर्मेश जयपुरवाला की भूमिका निभाकर चर्चित हुई मराठी अभिनेत्री प्रार्थना बेहेरे मूलरूप से गुजरात की हैं. उन्होंने मराठी फिल्मों के अलावा कई मराठी टीवी शो में भी काम किया है. एक टीवी रिपोर्टर के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली प्रार्थना को कभी लगा नहीं था कि वह एक अभिनेत्री बनेंगी. रिपोर्टिंग के काम के दौरान वह अभिनेत्री, निर्देशक और निर्माता रेणुका शहाणे से मिलीं और उनकी मराठी फिल्म ‘रीटा’ के लिए उन्हें एसिस्ट किया और वहां रेणुका ने उन्हें अभिनय करने की सलाह दी. उन्होंने हिंदी धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ के लिए औडिशन दिया और अंकिता लोखंडे की छोटी बहन के रूप में चुन ली गयीं. इसके बाद प्रार्थना को पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा उन्होंने कई मराठी धारावाहिकों और फिल्मों में काम कर अपना नाम शीर्ष मराठी अभिनेत्रियों की सूंची में शामिल कर लिया है. काम के दौरान वे निर्माता निर्देशक अभिषेक जावकर से मिलीं और पारंपरिक तरीके से शादी की. अभी प्रार्थना की मराठी फिल्म ‘ती एंड ती’ रिलीज हो चुकी है, जिसमें उन्होंने अच्छा अभिनय किया है. उनसे बातचीत हुई, पेश है अंश.

इस फिल्म को करने की खास वजह क्या रही?

इस फिल्म के निर्माता पुष्कर जोग ने मुझे सबसे पहले बताया था कि एक अच्छी रोमकौम कौमेडी वाली कहानी है, जिसका निर्देशन मृणाल कुलकर्णी कर रही हैं. मैं करुंगी या नहीं. मुझे सालों से मृणाल कुलकर्णी के साथ अभिनय की इच्छा थी और जब ये मौका मुझे सामने से मिल रहा है, तो ना कहने की कोई गुंजाईश ही नहीं थी.

ये चरित्र आपसे कितना मेल खाता है?

ये चरित्र मुझसे काफी मिलता है, क्योंकि मेरी अभी थोड़े दिन पहले ही शादी हुई है. शादीशुदा जिंदगी के बारें में मेरा अनुभव है. इस फिल्म में पति-पत्नी हनीमून पर जाने के लिए क्या-क्या करते हैं. उसे ही दिखाया गया है. उस फीलिंग को समझना मेरे लिए आसान था.

एक्टिंग कैरियर में आना इत्तफाक था या आप पहले से ही अभिनय करना चाहती थीं?

ये एक इत्तेफाक ही था. मैं एक न्यूज चैनल में जर्नलिस्ट थी और अच्छा काम कर रही थी. उसी दौरान मुझे रेणुका शहाणे ने अपनी मराठी फिल्म ‘रीटा’ के लिए एसिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में काम करने का मौका दिया. वहां उन्होंने मेरे काम को देखकर मुझे अभिनय करने की सलाह दी. मैंने कोशिश की कई औडिशन दिए और हिंदी धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ में अंकिता लोखंडे की छोटी बहन वैशाली की भूमिका मिली. इस के बाद मुझे मराठी फिल्मों में भी काम मिलने लगा और अब तक मैं 7 से 8 फिल्में कर चुकी हूं.

पत्रकार से अभिनेत्री बनने के बाद दोनों में अंतर क्या पाती हैं?

जब मैं पत्रकार थी, तब मुझे लगता था कि इंडस्ट्री मसाला लगाकर सब बातों को बाहर नहीं भेजती. यही सच्चाई है. अब मुझे समझ में आता है कि छोटी-छोटी खबरों को इंडस्ट्री ग्लैमराईज कर बड़ा कर देती है, जबकि असली चेहरा कुछ और होता है. इसके अलावा मुझे समझ में आया कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं.

आप अपनी जर्नी को कैसे लेती हैं?

मेरी जर्नी अभी बहुत छोटी है लेकिन इन 7 सालों में मैंने जितना काम किया है, मैं उससे बहुत खुश हूं, क्योंकि किसी ने कोई आरोप फिल्मों को लेकर नहीं लगाये हैं और दर्शकों का प्यार बहुत मिला है.

आपके पति भी इंडस्ट्री से हैं, क्या फायदा होता है और दोनों में क्या कौमन है?

एक क्षेत्र से होने पर बहुत फायदे होते हैं. जब कभी भी मैं अगर कंफ्यूज होती हूं तो उनकी राय लेती हूं. क्रिएटिवली हम दोनों की सोच एक है.

आपकी शादी एरेंज्ड थी या लव मैरिज? अभिषेक में आपने खास क्या देखा?

मेरी शादी एरेंज्ड थी. 10 दिन की मुलाकात में मेरी शादी हो गयी थी. मैंने शुरू में ही कह दिया था कि डेटिंग के लिए मेरे पास समय नहीं है.

मैं बहुत सारे लड़कों से मिली हूं, लेकिन अभिषेक से मिलते ही एक अलग एहसास हुआ था. उनकी सभी बातें मुझे अच्छी लगी थी. ये सही है कि हर रिश्ते में सामंजस्य बिठाने की जरूरत होती है, तभी रिश्ते बनते हैं और वह मैं करती हूं.

आपके यहां तक पहुंचने में परिवार की सहायता कितनी रही है?

शादी से पहले माता-पिता और बहन का बहुत सहयोग रहा है. शादी के बाद पति और सास ससुर भी मेरे काम से बहुत खुश हैं.

क्या कोई ड्रीम प्रोजेक्ट है?

मैं चाहती हूं कि मेरे पति एक हिंदी फिल्म की कहानी लिखे और उसे बनायें, जिसमें मुझे मुख्य भूमिका करने का मौका मिले.

एक्टिंग के क्षेत्र में किसे अपना आदर्श मानती हैं?

मुझे अभिनेत्री श्री देवी बहुत पसंद हैं. उन्हें बहुत मिस करती हूं, उनकी एक फिल्म या गाना मैं रोज देखती या सुनती हूं.

मीटू के बारें में आपकी राय क्या है?

मेरे हिसाब से ताली हमेशा दो हाथ से ही बजती है, लेकिन डर इस बात से लगता है कि ऐसा होने पर पहले कानून का सहारा लेकर सच्चाई की तह तक जाने की जरुरत होती है, नहीं तो ऐसे किसी भी व्यक्ति की जिन्दगी खराब हो जाती है. उसे काम मिलना बंद हो जाता है.

किस बात पर बहुत गुस्सा आता है?

मुझे गुस्सा बहुत कम आता है. वायलेंस मुझे बिल्कुल पसंद नहीं.

कोई सोशल वर्क करना चाहती हैं?

मैं स्ट्रीट किड्स के लिए काम करना चाहती हूं.

 

एक अदृश्य रुकावट आज भी महिलाओं को आगे बढ़ने से रोकती है : डा. प्रकृति पोद्दार

डा.प्रकृति पोद्दार जानीमानी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञा हैं. वे एक प्रशिक्षित टैसो रिग्रेशन थेरैपिस्ट, एनएलपी प्रैक्टिशनर, सर्टिफाइड काउंसलर, न्यूरोफीडबैक थेरैपिस्ट, इमेज कंसल्टैंट और वैकल्पिक चिकित्सापद्धति की डाक्टर भी हैं.

डा. प्रकृति माइंड ओवर इमेज (पोद्दार वैलनैस लिमिटेड की शाखा) की सीईओ हैं. यह भारत का इकलौता होलिस्टिक मैटल वैलनैस सैंटर है जहां मानसिक स्वास्थ्य कल्याण हेतु परंपरागत काउंसलिंग को आधुनिक तकनीकी आविष्कारों के साथ जोड़ा गया है.

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यहां तक पहुंचना उन के लिए कितना मुश्किल था, जानते हैं उन्हीं से:

यहां तक पहुंचने के लिए आप को कितना संघर्ष करना पड़ा?

मुझे जीवन में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. मेरे पिता चाहते थे कि अपने कैरियर में मैं भी वही लाइन पकड़ूं जो परिवार के अधिकतर सदस्यों ने अपनाई और वह भी बैंकिंग लाइन. मैं एक हीलर बनना चाहती थी. मैं ने कनाडा में एक इंटरनैट कंपनी के साथ काम किया, लेकिन जब भी मैं ट्रेड शो के लिए जाती, भीड़ को सलाह दिया करती. फिर मैं ने जौब छोड़ दी और तमाम रुकावटों के बावजूद वह करने का फैसला लिया जो मैं वास्तव में करना चाहती थी.

2000 में मैं ने अपनी कंपनी ‘माइंड ओवर इमेज कंसल्टिंग’ की शुरुआत की. कई सालों तक कौरपोरेट प्रोफैशनल्स और अपर मिडल क्लास के भारतीयों के साथ काम करने के बाद मैं ने यह महसूस किया कि अब मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को जमीनी स्तर तक ले जाने का समय आ गया है. मैं ने अपना फोकस सुविधाओं से वंचित ऐसे भारतीयों की तरफ मोड़ा जिन के लिए मैंटल वैलफेयर हमेशा से नजरअंदाज करने वाला विषय रहा है. मेरी यही सोच 2014 में ‘पोद्दार फाउंडेशन’ के गठन का कारण बनी और फिर आगे चल कर 2018 में ‘पोद्दार वैलनैस लिमिटेड’ की शुरुआत हुई.

क्या महिलाओं में मानसिक रूप से बीमार होने की संभावना अधिक होती है?

मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में आई 2001 की डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं को होने वाली न्यूरोसाइकिएट्रिक डिसैबिलिटी में डिप्रैशन की भूमिका 41.9% के आसपास होती है जबकि पुरुषों के मामले में यह संख्या 29.3% थी. महिलाओं को मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं अधिक  होने का निश्चित कारण क्या है, इस संबंध में अभी भी मैडिकल फ्रेटर्निटी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है.

अच्छा दिखने के लिए मेकओवर से ज्यादा जरूरी माइंड ओवर है कैसे?

मेकओवर से अधिक माइंड ओवर इसलिए जरूरी है, क्योंकि मस्तिष्क का स्वस्थ होना अधिक महत्त्वपूर्ण है. अगर हमारा मस्तिष्क अच्छा रहेगा तभी शरीर भी अच्छा रहेगा, क्योंकि कोई भी समस्या होने पर हमारा मस्तिष्क ही सब से पहले प्रतिक्रिया देता है.

भारत में महिलाओं की स्थिति पर क्या कहेंगी?

भारत में महिलाओं की स्थिति में वक्त के साथ निश्चित तौर पर बदलाव आया है और मेरा मानना है कि आज की महिलाएं पहले के मुकाबले बहुत अधिक सशक्त हैं, बावजूद इस के अभी लंबी यात्रा तय करनी है.

जिंदगी का सब से खूबसूरत पल कौन सा था?

अगर में खास मौकों की बात करूं तो मेरे लिए तो हर लमहा खास होता है, क्योंकि हम लोगों के जीवन में बदलाव लाते हैं. हम उन के जीवन में खुशी और बेहतरी को दोबारा लौटाते हैं. किसी की गायब हंसी दोबारा लौट आए इस से खास बात और क्या हो सकती है.

ग्लास सीलिंग के संदर्भ में क्या कहेंगी?

ग्लास सीलिंग वह अदृश्य रुकावट है जो महिलाओं को किसी भी संस्थान में उच्चतम पद पर पहुंचने से रोकती है. आज भी ग्लास सीलिंग व्यापक स्तर पर मौजूद है जबकि हम 21वीं सदी में जी रहे हैं. अगर आप एक महिला द्वारा संचालित कंपनी में काम करने का निर्णय करती हैं तब भी जरूरी नहीं है कि आप के लिए चुनौतियां कम होंगी.

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सैक्स शिक्षा युवाओं के लिए जरूरी

दिया की उम्र महज 20 साल है. वह अविवाहित है, लेकिन कैसे गर्भवती हो गई, दिया के मातापिता की समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर उन से कहां कमी रह गई? क्या दिया की परवरिश में कहीं कोई कमी रह गई थी? क्या वे अपनी जवान हो रही बेटी की हरकतों पर समय की कमी के चलते ध्यान नहीं दे पाए?

दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक अच्छे कालेज में पढ़ने वाली दिया के मातापिता को जब उस के गर्भवती होने की बात पता चली तो वे सन्न रह गए. उन्होंने तुरंत सामान पैक किया और दिया को ले कर दिल्ली से बाहर दूसरे शहर चले गए, ताकि बात आसपड़ोस या फिर रिश्तेदारों में न फैले. शहर के बाहर उस के पिता ने किसी अच्छे डाक्टर से उस का गर्भपात कराया और कुछ समय तक वहीं होटल में रहे. बाद में उसे दिल्ली वापस ले आए.

यह उदाहरण सिर्फ  दिया का ही नहीं है, बदलते समय के साथसाथ यंगस्टर्स की सोच में काफी बदलाव आया है, पश्चिमी सभ्यता उन के सिर चढ़ कर बोल रही है. उम्र का यह दौर ऐसा होता है कि अगर मातापिता बच्चों को कुछ समझाएं तो उन्हें समझ नहीं आता. उन्हें पूरी दुनिया गलत नजर आती है.

एक अनुमान के मुताबिक, भारत की मैट्रो सिटीज से ले कर गांवों तक 25 से 30 फीसदी युवतियां किसी न किसी कारण गर्भपात कराती हैं. ये आंकड़े 25 साल से कम उम्र की युवतियों के हैं. अधकचरी जानकारी में टीनऐज में गर्भपात के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. सरकारी संस्था नैशनल सैंपल सर्वे औफिस के आंकड़ों पर गौर करें तो ग्रामीण क्षेत्रों में 20 साल से कम उम्र की युवतियों में गर्भपात का प्रतिशत मात्र 0.7 है, जबकि शहरों में यह 14त्न है.

युवती की बढ़ जाती हैं मुश्किलें

अविवाहिता जब संबंध बनाती है तब क्या सही और क्या गलत है, इस का खयाल तक उस के दिमाग में नहीं आता. तब मन गहरे समंदर में प्यार के गोते लगाता है. इस के दुष्परिणाम तब सामने आते हैं जब कम उम्र में युवती गर्भवती हो जाती है. इस उम्र में न तो प्रेमी शादी के लिए तैयार होता है और न ही प्रेमिका. लिहाजा, दोनों के सामने बस एक ही रास्ता होता है और वह है गर्भपात.

जब यह बात घर वालों को पता चलती है तो पूरे घर में बवंडर आ जाता है जो लाजिमी है, लेकिन इस गलती का युवती को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. उसे न केवल गर्भपात जैसे जटिल दौर से गुजरना पड़ता है बल्कि कई तरह की मानसिक परेशानियों से भी दोचार होना पड़ता है. प्रेमी के बदलते रवैए और घर वालों के तानों से पीडि़ता डिप्रैशन में चली जाती है जबकि कई मामलों में युवती ऐसे हालात में मौत को भी गले लगा लेती है.

कौन है जिम्मेदार

देश में अब टीनऐजर्स के लिए गर्भपात कोई नई बात नहीं है. युवा पहले शादी फिर सैक्स जैसी बातों को अब दकियानूसी मानते हैं और इस की वजह है उन्हें आसानी से सबकुछ उपलब्ध हो जाना, ऐसे में वे क्यों शादी का इंतजार करें और जिम्मेदारियों के बोझ तले दब जाएं.

इस के पीछे मुख्य कारण एकल परिवार भी है, जहां मातापिता दोनों कामकाजी हैं. ऐसे में वे बच्चों पर ज्यादा निगरानी नहीं रख पाते. बच्चे अकेले टीवी पर क्या देख रहे हैं या फोन पर क्या डाउनलोड कर रहे हैं, ये सब देखने की उन्हें फुरसत ही नहीं है. आजकल टीवी और इंटरनैट के माध्यम से सब चीजें उपलब्ध हैं, जिस के दुष्परिणाम आगे चल कर हमारे सामने गर्भपात के रूप में आते हैं.

प्रेमी का व्यवहार भी है इस की वजह

प्यार की शुरुआत में तो सबकुछ अच्छा लगता है और कई बार युवती इस उम्मीद में रिश्ता भी बना लेती है कि उस की प्रेमी से शादी हो जाएगी, लेकिन जब वह गर्भ ठहरने की बात प्रेमी को बताती है तो अधिकतर मामलों में वह प्रेमिका से पीछा छुड़वाने की भरपूर कोशिश करता है. वह न तो बच्चे को अपना नाम देना चाहता है और प्रेमिका से शादी करने से भी मना कर देता है, जिस के चलते युवती के पास सिवा गर्भपात के कोई उपाय नहीं बचता और फिर उसे कई तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ता है. इस से न केवल उस का स्वास्थ्य प्रभावित होता है बल्कि मानसिक रूप से भी उसे गहरा सदमा लगता है.

गर्भपात के बाद युवती खुद को अलगथलग महसूस करती है. बारबार उसे लगता है कि उस के साथ धोखा हुआ है. धीरेधीरे उस के व्यवहार पर भी इस का गहरा असर दिखाई देता है.

गलती दोनों की

यदि शादी से पहले कोई युवती गर्भवती हो गईर् है तो इस में सिर्फ उस की ही गलती नहीं है, जितनी दोषी वह युवती है उतना ही दोष उस युवक का भी है. दोनों इस में बराबर के हकदार हैं. हमारा समाज शादी से पूर्व युवती के गर्भवती होने पर उसे कई तरह के ताने जैसे बदचलन, कुलटा, कलमुंही कह कर उस का तिरस्कार करता है, लेकिन उस युवक का क्या, जो गर्भ में पल रहे बच्चे का बाप है? क्या उस का कोई कुसूर नहीं? लिहाजा, किसी एक पर गलती का दोष न डाला जाए तो अच्छा है.

कैसे निबटें ऐसे हालात से

अगर आप कामकाजी या हाउसवाइफ हैं तो जरूरी है कि अपने बढ़ते बच्चों का ध्यान रखें. वे क्या कर रहे हैं, कब कहां जा रहे हैं, किस से बात कर रहे हैं? इन सब बातों को नजरअंदाज न करें बल्कि बच्चे का खयाल रखें, उस के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करें. ध्यान रखिए डराधमका कर वह आप को कभी कुछ नहीं बताएगा. यदि आप का बच्चे के साथ व्यवहार दोस्ताना रहेगा तो वह आप के साथ सारी बातें शेयर करेगा. उस का फोन और लैपटौप भी समयसमय पर चैक करते रहिए.

हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप जासूसी कीजिए, लेकिन यदि आप कभीकभार ये सब चीजें चैक करेंगे तो आप को पता चल जाएगा कि आप का बच्चा किस दिशा में जा रहा है.

सैक्स शिक्षा बच्चों के लिए आज काफी अहम हो गई है. स्कूलकालेजों में यदि सैक्स शिक्षा दी जाए तो बच्चों को इस के सही और गलत प्रभाव का पता चल जाएगा जिस से टीनऐज में गर्भपात के हालात से निबटा जा सकता है.

आपको गुस्सा बहुत आता है..तो चीनी खाएं

यदि आपको बात-बात में गुस्सा आता है और आप अक्सर नाराज या तनाव में रहती हैं तो चीनी खाना आपके लिए लाभदायक हो सकता है. एक नए अध्ययन में पता चला है कि शरीर में शर्करा की अधिक मात्रा गुस्से को नियंत्रित करने में मदद करती है.

अमेरिका के ओहियो स्टेट विश्वविद्यालय ने अपने अध्ययन में खाने-पीने में मीठी चीजों का इस्तेमाल न करने और मीठे पेय पीने वाले लोगों के व्यवहार की तुलना की. उन्होंने देखा कि मीठे पेय पीने वाले लोगों को गुस्सा कम आता है.

‘एग्रेसिव बिहैवियर’ जर्नल के मुताबिक शोधकर्ताओं का मानना है कि खून में मौजूद ग्लूकोज (एक सरल प्रकार की शर्करा) से मस्तिष्क को ऊर्जा मिलने की वजह से गुस्सा कम आता है.

समाचार पत्र ‘डेली मेल’ के मुताबिक अध्ययनकर्ता ब्रैड बुशमैन कहते हैं कि गुस्से के आवेगों को नियंत्रित करने के लिए आत्म नियंत्रण की आवश्यकता होती है और आत्म नियंत्रण के लिए बहुत सी ऊर्जा चाहिए. मस्तिष्क को ग्लूकोज से यह ऊर्जा मिलती है.

बुशमैन कहते हैं कि मीठे पेय पदार्थो से यह ऊर्जा जल्दी मिलती है.अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि जिन लोगों में चयापचय ठीक से नहीं होता या जिनके शरीर में ग्लूकोज की कमी होती है. वे बहुत जल्दी नाराज होते हैं और ऐसे लोग दूसरों को बहुत कम ही माफ करते हैं.

बचत करने के लिए इन बातों को ध्यान में रखें महिलाएं

घर के वित्तीय मामलों में घर की औरतों का खासा दखल होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वो घर की वित्तीय कार्यों को पुरुषों से बेहतर ढंग से संभाल लेती हैं. उनमें प्रबंधन और बचत की भावना भी पुरुषों की अपेक्षा बेहतर रहती है. ऐसे में हम महिलाओं के लिए कुछ जरूरी टिप्स ले आए हैं जो उन्हें इन बातों में खासा मदद करेंगे और इन मामलों में उनकी समझ को और अधिक विकसित करने में मदद करेंगे.

सोचें निवेश के बारे में

पैसों के बचत के लिए जरूरी है कि आप निवेश जरूर करें. पैसा बचा कर घर में रखने से कोई लाभ नहीं होता. बेहतर होगा कि आप उसे बाजार और पौलिसी में निवेश करें. इससे आपका पैसा भी सुरक्षित रहेगा और निवेश से पैसों में बढ़ोत्तरी होगी.

वित्तीय मामलों की समझ

एक महिला के लिए ये बेहद जरूरी है कि वो वित्तीय मामलों के बारे में समझ अच्छी रखे. इसके लिए आप चाहें तो फाइनेंशियल प्लानर की मदद ले सकती है.

जरूरत की चीजों की करें खरीदारी

जो भी चीजें जरूरी हैं उसे खरीदने से पीछे ना हटें पर गैर जरूरी खर्चों से दूर रहें. अगर आप शौपिंग करने जा रहीं और आपको अचानक कुछ खरीदने का मन होने लगा तो खुद से पूछें कि क्या आपको उस सामान की जरूरत है. क्या जरूरत है उस सामन की आपको?  इसके बाद भी अगर आपको लगता है कि आपको सामान खरीदना चाहिए तो खरीदें नहीं तो छोड़ दें.

ध्यान रखें कहां और कितना करना है खर्च

जहां भी आपको पैसे खर्च करने हैं उसकी पूरी जानकारी रखें. बेहतर होगा कि आप अपने खर्चों को नोट करते रहें. ध्यान रखें कि जहां और जितनी जरूरत हो उतना ही खर्च करें.

7 उपाय, जो किचन को स्मार्ट और कुकिंग को ईजी बनाएं

किसी भी घर का रसोईघर अतिथियों का स्वागत करने और परिवार के लोगों की सेहत का खयाल रखने में अहम भूमिका निभाता है. पेश हैं, रसोई को सुविधाजनक बनाने के सुझाव:

घर के अन्य कोनों की साफसफाई के साथसाथ रसोईघर की सफाई भी बहुत जरूरी है. रसोईघर में इस्तेमाल होने वाली सभी वस्तुएं भी बाहर और भीतर से अच्छी तरह साफ होनी चाहिए. सभी उपकरण, शैल्फ की दराजें, बरतन रखने के होल्डर आदि को अच्छी तरह झाड़ापोंछा जाना चाहिए. खासकर दराजों और कैबिनेट में रखी वस्तुओं को समयसमय पर बाहर निकाल कर साफ करना तो बहुत ही जरूरी है.

रसोईघर की खानेपीने से ले कर दूसरे कामों में इस्तेमाल आने वाली वस्तुओं को उपयोगिता की क्रमबद्धता के अनुसार कैबिनेट या उन के लिए बनाई गई उपयुक्त जगहों पर रखा जाना चाहिए. यह ध्यान रखना चाहिए कि कौनकौन सी वस्तुएं बारबार इस्तेमाल में आती हैं और कौन सी कभीकभार. इस आधार पर उन्हें अपने ध्यान में रखते हुए स्टोर में रखा जाना चाहिए. जैसे हमेशा इस्तेमाल वाली चीजों को अपनी पहुंच में ज्यादा मात्रा में तथा कभीकभी काम आने वाली वस्तुओं को थोड़ा दूर रखा जाना चाहिए. सभी को एकसाथ रख कर एकदूसरे का बाधक नहीं बनने दिया जाना चाहिए.

प्रत्येक वस्तु को आसानी से पहुंच के दायरे में रखना चाहिए और उसे अच्छी तरह साफ होना चाहिए. लेकिन उन्हें पास में रखने से पहले यह तय किया जाना चाहिए कि उन की उपयोगिता कितनी हो सकती है. उदाहरण के तौर पर यदि नाश्ते में आप टोस्टब्रैड का इस्तेमाल करते हैं, तो टोस्टर को रसोईघर के काउंटर के ठीक नीचे रखना चाहिए ताकि उसे आसानी से तुरंत बाहर निकाला जा सके. अन्यथा इस उपकरण को अलग सुरक्षित स्थान पर रख देना चाहिए.

पसंदीदा और हमेशा काम में आने वाली खाना पकाने की चीजों में विशेषकर खाद्यपदार्थों को एकसाथ रखना चाहिए ताकि उन के इस्तेमाल के समय आसानी से चुना जा सके. हालांकि उन्हें अलग बरतनों में रखना चाहिए ताकि प्रयोग के समय काम में बाधा नहीं आए और जीरा और आजवाइन जैसी चीजों को आसानी से पाया जा सके.

शैल्फ में वस्तुओं को करीने से रखना चाहिए. आवश्यकतानुसार और एकजैसी वस्तुओं के हिसाब से व्यवस्थित करना चाहिए. बड़ी और लंबी वस्तुएं पीछे की ओर तथा आकार एवं साइज में छोटी वस्तुओं को आगे की ओर रखा जाना चाहिए. ट्रे वाले रैक, बरतन रखने के विभिन्न खानों वाले होल्डर और खूंटियों वाले शैल्फ बरतनों को रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने चाहिए. इन में हर प्रकार के बरतनों को व्यवस्थित ढंग से रखने की जगह बनी होती है. इन्हें रसोईघर की दीवार के सहारे लगाया जा सकता है.

यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि रसोईघर में काम करने के दौरान नजर के सामने क्याक्या रखा जाना है. जिन वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं किया जाना है उन्हें हटा देना चाहिए. यदि कोई वस्तु टूटी हुई है, तो उस की तत्काल मरम्मत करवा ली जानी चाहिए और बेकार हो जाने की स्थिति में फेंक कर नई ले आनी चाहिए. सब्जी वगैरह काटने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चाकू की धार तेज होनी चाहिए.

यदि रसोई में जरूरत से ज्यादा रद्दी पेपर या फिर बेकार सामान इकट्ठा हो जाए तो उसे स्टोर में रख देना चाहिए.

थोड़ा देसी थोड़ा चाइनीज कलीफ्लौवर कोरमा

सामग्री

– 1 सैचेट फ्राइड राइस मसाला

– 1 प्याज कटा

–  1/2 कप मटर

– 1 कप गोभी कद्दूकस की

–  थोड़ी सी हरीमिर्च

– 1 बड़ा चम्मच तेल

– थोड़ी सी धनियापत्ती कटी

–  नमक स्वादानुसार

बनाने की विधि

–  कड़ाही में तेल गरम कर प्याज भूनें.

–  हरीमिर्च, मटर, गोभी, नमक और फ्राइड राइस मसाला डाल कर धीमी आंच पर ढक कर पकाएं.

–  पकने पर धनियापत्ती डाल कर परोसें.

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