डा.प्रकृति पोद्दार जानीमानी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञा हैं. वे एक प्रशिक्षित टैसो रिग्रेशन थेरैपिस्ट, एनएलपी प्रैक्टिशनर, सर्टिफाइड काउंसलर, न्यूरोफीडबैक थेरैपिस्ट, इमेज कंसल्टैंट और वैकल्पिक चिकित्सापद्धति की डाक्टर भी हैं.

डा. प्रकृति माइंड ओवर इमेज (पोद्दार वैलनैस लिमिटेड की शाखा) की सीईओ हैं. यह भारत का इकलौता होलिस्टिक मैटल वैलनैस सैंटर है जहां मानसिक स्वास्थ्य कल्याण हेतु परंपरागत काउंसलिंग को आधुनिक तकनीकी आविष्कारों के साथ जोड़ा गया है.

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यहां तक पहुंचना उन के लिए कितना मुश्किल था, जानते हैं उन्हीं से:

यहां तक पहुंचने के लिए आप को कितना संघर्ष करना पड़ा?

मुझे जीवन में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. मेरे पिता चाहते थे कि अपने कैरियर में मैं भी वही लाइन पकड़ूं जो परिवार के अधिकतर सदस्यों ने अपनाई और वह भी बैंकिंग लाइन. मैं एक हीलर बनना चाहती थी. मैं ने कनाडा में एक इंटरनैट कंपनी के साथ काम किया, लेकिन जब भी मैं ट्रेड शो के लिए जाती, भीड़ को सलाह दिया करती. फिर मैं ने जौब छोड़ दी और तमाम रुकावटों के बावजूद वह करने का फैसला लिया जो मैं वास्तव में करना चाहती थी.

2000 में मैं ने अपनी कंपनी ‘माइंड ओवर इमेज कंसल्टिंग’ की शुरुआत की. कई सालों तक कौरपोरेट प्रोफैशनल्स और अपर मिडल क्लास के भारतीयों के साथ काम करने के बाद मैं ने यह महसूस किया कि अब मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को जमीनी स्तर तक ले जाने का समय आ गया है. मैं ने अपना फोकस सुविधाओं से वंचित ऐसे भारतीयों की तरफ मोड़ा जिन के लिए मैंटल वैलफेयर हमेशा से नजरअंदाज करने वाला विषय रहा है. मेरी यही सोच 2014 में ‘पोद्दार फाउंडेशन’ के गठन का कारण बनी और फिर आगे चल कर 2018 में ‘पोद्दार वैलनैस लिमिटेड’ की शुरुआत हुई.

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