‘एबीसीडी 3’ में श्रद्धा कपूर की बजाय होंगी सारा अली खान ?

नृत्य निर्देशक से निर्देशक बने रेमो डिसूजा को अपनी पिछली फिल्म ‘‘रेस 3’’ की असफलता का दंश अभी भी झेलना पड़ रहा है. वह लंबे समय से अपनी सफलतम नृत्य प्रधान फिल्म ‘‘एबीसीडी’’ के तीसरे सिक्वअल ‘‘ए बी सीडी 3’’(यह एक अलग बात है कि रेमो डिसूजा का दावा है कि उनकी इस नृत्य प्रधान फिल्म का नाम ‘एबीसीडी 3’ नहीं है, क्योंकि ‘एबीसीडी’ तो ‘डिजनी’ की प्रापर्टी है.) बनाने के लिए प्रयासरत हैं.

अब वह इसकी शूटिंग 22 जनवरी 2019 से अमृतसर में शुरू करने के लिए दृढ़ संकल्प हैं. पहले वह इस फिल्म को वरूण धवन और कटरीना कैफ को लेकर बनाना चाहते थे. मगर अचानक दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में कटरीना कैफ ने इस फिल्म को करने से मना कर दिया.

उसके बाद खबर आयी थी कि रेमो डिसूजा ने अब इस फिल्म के लिए श्रृद्धा कपूर को जोड़ा है. ज्ञातव्य है कि ‘एबीसीडी 2’ में वरूण धवन और श्रृद्धा कपूर ही थे. तथा फिल्म ने जबरदस्त सफलता बटोरी थी. पर सूत्रों की माने तो श्रृद्धा कपूर ने भी इस फिल्म को करने से मना कर दिया है. श्रृद्धा कपूर का कहना है कि वह ‘साइना’, ‘साहो’ और ‘छिछोरे’ जैसी फिल्मों में व्यस्त होने के चलते रेमो डिसूजा कि इस फिल्म के लिए समय नहीं दे सकतीं.

जब इस सिलसिले में रेमो डिसूजा से बात की गयी तो रेमो ने कहा – ‘‘यह तय है कि हम अपनी फिल्म की शूटिंग 22 जनवरी से शुरू करेंगे. पर अभी तक हीरोइन का नाम तय नही किया है.

हमारे साथ कई अभिनेत्रियां काम करने को आतुर हैं. पर अंतिम रूप से किस पर मुहर लगेगी, यह कहना जल्दबाजी होगी. 22 जनवरी तक इंतजार करें.’’

सूत्रों की मानें तो इस बार इस फिल्म का निर्माण रेमो डिसूजा की पत्नी लीजले डिसूजा, टी सीरीज के भूषण कुमार और वरूण धवन खुद कर रहे हैं. सूत्रों का दावा है कि भूषण कुमार ने इस फिल्म में अभिनय करने के लिए जैकलीन फर्नान्डीस, कृति सैनन और सारा अली खान से बात की है. बौलीवुड में चर्चाएं गर्म हैं की इस फिल्म में अंततः वरूण धवन के साथ सारा अली खान ही हीरोइन बनकर नजर आएंगी.

सर्दियों में बालों का इस तरह रखें ख्याल

सर्दी दस्तक दे चुकी है. इस मौसम में बालों के रूखें और बेजान होने की समस्या आती है. इसके अलावा हमारें बाल पूरी तरह से खुले रहते हैं और प्रदूषण का शिकार होते हैं, जिससे वे डैमेज हो जाते है. ऐसे में आपको अपने बालों का खास खयाल रखना पड़ता है.

महिलाएं बालों को रूखे होने से बचाने के लिए कई तरह के हेयर प्रोडक्ट का इस्तेमाल करती हैं, पर इसके इस्तेमाल से उन्हें पूरी तरह से राहत नहीं मिल पाता. इसलिए आज हम आपको कुछ नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप बालों के रूखेपन से निजात पा सकती हैं.

इसके अलावा बालों को कोमल और चमकदार बनाने के नुस्खों के बारे में भी इस खबर में आपको जानकारी दी जा रही है. तो चलिए जानते हैं इन घरेलू टिप्स के बारे में-

डैंड्रफ के लिए

अगर आपके बालों में डैंड्रफ है तो उससे छुटकारा पाने के लिए नारियल के तेल को हल्का सा गर्म कीजिए और इसे अपने बालों की जड़ो में अच्छी तरह से लगा लीजिए और रात भर यूं ही रहने दीजिए. सुबह उठकर नींबू के रस को अपने स्कैल्प पर लगाइए और 10-15 मिनट तक रहने दीजिए. बाद में गुनगुने पानी से बाल धो लीजिए. हफ्ते में दो बार ऐसा करने से आप डैंड्रफ से पूरी तरह से निजात पा सकेंगी.

बालों को चमकदार बनाने के लिए

कच्चे अंडे, कौफी पाउडर, लेमन जूस, मेंहदी पाउडर, तेल और थोड़ी सी दही मिलाकर ठीक तरह से पेस्ट बना लीजिए. अब इसे बालों पर लगाइए. एक घण्टे बाद अपने बालों को पानी से धो लीजिए. इससे आपके बाल चमकदार बनेंगे.

बेजान बालों के लिए

रूखे और बेजान बालों के लिए एक चम्मच नारियल का तेल और कैस्टर आयल को गर्म करें. दोनों को अच्छी तरह से मिलाकर अपने स्कैल्प और बालों पर लगाएं. उसके बाद एक गर्म तौलिए से सिर को चारों तरफ से ढंक दें और कुछ घंटों तक ऐसे ही रहने दें. बाद में गर्म पानी से सिर धो लें.

हेयर क्लीनजर

इसे बनाने के लिए सूखा हुआ रीठा, शिकाकाई और आंवला को समान मात्रा में लें और इसमें एक लीटर पानी मिलाकर रात भर के लिए रख दें. सुबह उसे धीमी आंच पर तब तक पकाएं जब तक कि पानी आधा न बच जाए. अब इसे ठंडा होने के लिए रख दें. बाद में इसे एक साफ कपड़े से छान लें और इससे बाल को धुलें.

इन बातों का भी रखें ख्याल

सर्दी में आप बालों को ज्यादा गर्म पानी से न धोये, क्योकि गर्म पानी से बाल धोने से बाल टूट सकते है, या रूखे हो सकते हैं, इसलिए आप गुनगुने पानी का इस्तेमाल करे, साथ ही शैम्पू के बाद कंडीशनर का प्रयोग जरूर करे इससे आपके बाल मुलायम रहेंगे.

बालों को सुखाने के लिए ब्लो ड्रायर जैसे आर्टिफिशियल सामान का उपयोग न करें. इनके उपयोग से आपके बाल कमजोर हो सकते हैं.

बाल सुखाने के लिए बालों में कसकर तौलिया न लपेटें. तौलिया से बालों को तेजी से न पोंछें. इससे आपके बाल टूट सकते है.

घर से बाहर निकलते समय बालों को जरूर ढकें,क्योंकि इससे आपके बाल ड्राई हो जाते है. सूरज की तेज धूप बालों की नमी को खत्म कर देती है.

चेक से लेनदेन करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

बैंकों से लेनदेन के लिए चेक ट्रांजेक्शन एक महत्वपूर्ण माध्यम होता है. चेक लेनदेन में बहुत सावधानी बरतने की जरूरत होती है. चेक भरते समय थोड़ी से लापरवाही से आपको भारी नुकसान हो सकता है. इस खबर में हम आपको कुछ जरूरी बते बताने वाले हैं जिन्हें ट्रांजेक्शन करते वक्त आपको ध्यान में रखना चाहिए.

  • चेक में जानकारी भरते वक्त ओवर राइटिंग से बचें. किसी भी तरह की कटिंग या ओवर राइटिंग की सूरत में बैंक चेक कैंसिल कर देता है. यदि चेक भरते वक्त किसी तरह की गलती हो जाए तो दूसरा चेक भरें.
  • चेक भरते वक्त इस बात का खासा ध्यान रखें कि जो रकम आपने शब्दों में भरा है, वही अंकों में भी हो. अक्सर लोग अंकों में रकम भरते वक्त गलती कर बैंठते हैं. दोनों रकम में अंतर होने पर बैंक चेक कैंसिल कर देता है.
  • ध्यान दें कि चेक भरते वक्त शब्दों और फिगर्स के बीच ज्यादा स्पेस ना हो. ऐसा करने से आपके रकम के साथ छेड़छाड़ की संभावना होती है.
  • ज्यादातर लोग बैंक खाते में अपना बैलेंस देखे बिना चेक काट देते हैं, जिसके बाद उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. कई बार खाते में जो बैलेंस होता है और उससे ज्यादा रकम का चेक कट जाता है. ऐसे में आपका चेक बाउंस हो सकता है. चेक में अंकों में रकम लिखने के बाद \ साइन करना ना भूलें. ये बहुत जरूरी होता है. वहीं शब्दों में रकम लिखने के बाद ओनली लिखना कभी ना भूलें. इस / संकेत का अर्थ है कि आपने जिस राशि का चेक काटा है, वह उसी तक सीमित है. इस साइन को न डालने पर कोई भी व्यक्ति रकम की राशि को आसानी से बढ़ा सकता है.
  • किसी भी व्यक्ति को चेक से भुगतान करने बाद उसकी जानकारी अपने पास नोट करें. इसी काम के लिए चेकबुक के आखिर में एक इंडेक्स होता है. इस इंडेक्स में आप चेक नंबर, अकाउंट नंबर, रकम और तारीख नोट करके रख सकती हैं. जब किसी कारण से कोई चेक कैंसल हो जाए तो ये जानकारियां बहुत काम आती हैं.
  • आपको बता दें कि कोई भी चेक तीन महीने यानि 90 दिनों के लिए मान्य होता है. उस चेक से आप किसी भी तरह का लेनदेन इसी वक्त के दौरान कर सकती हैं. इसलिए जरूरी है कि किसी भी तरह का चेक बैंक में जमा करने से पहले उसके तारीख की जांच जरूर कर लें.
  • साइन करते वक्त ध्यान रखें कि आपका साइन ठीक उसी तरह से हो जैसा आपने बैंक रिकार्ड में दिया है. अगर दोनों साइन में किसी भी तरह का अंतर होता है तो बैंक आपके चेक को रिजेक्ट कर सकता है.

ट्रैकिंग से लेकर बर्ड वाचिंग का ले सकती हैं यहां पर आनंद

छुट्टियों में घूमने-फिरने के साथ रिलैक्सिंग और एडवेंचर के लिए केरल हमेशा से ही ट्रैवलर्स की पसंदीदा जगहों में शामिल रहा है. वैसे तो यहां सालभर ही प्रकृति हरियाली की चादर ओढ़े रहती है लेकिन मानसून के बाद यहां की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती है. इस दौरान यहां आकर आप एक साथ कई सारी चीज़ों को एन्जौय कर सकती हैं.

जैसे की मुन्नार में हर 12 साल में खिलने वाले नीरकुरिंजी फूल का. जिससे पूरे पहाड़ी का रंग नीला हो जाता है और खूबसूरती ऐसी कि बस आंखों और कैमरे में कैद करने के बाद भी बार-बार देखने को दिल करेगा. लेकिन आज हम मुन्नार की नहीं बल्कि केरल के तिरुवनंतपुरम जिले में पोनमुडी हिल स्टेशन की बात करेंगे.

पोनमुडी हिल स्टेशन

पोनमुडी पूरी तरह जंगलों से घिरी इस जगह में पशु-पक्षियों की 280 से भी अधिक प्रजातियां मौजूद हैं. यहां के जंगल पक्षियों के घोंसला बनाने के अनुकूल हैं. और यही वजह है कि यहां लुप्तप्राय पक्षियों को भी देख पाना संभव है.

पोनमुडी के घने जंगलों में तितलियों से लेकर, त्रावणकोरी कछुए, मालाबारी मेंढक और पेड़ पर रहने वाले मेंढक भी पाए जाते हैं. इन्हें देखने के लिए विदेशों से भी टूरिस्ट और प्राणी विशेषज्ञ बड़ी तादाद में यहां पहुंचते हैं.

नेचुरल ब्यूटी के बीच घूमने, पहाड़ियों पर पैदल चलने और पशु-पक्षियों को करीब से निहारना यहां बहुत ही आसान और अच्छा एक्सपीरियंस होता है. अगर आप नेचर लवर हैं तो यहां जरूर आएं. पोनमुडी में बहुत बड़े एरिया में चाय के बागान भी हैं.

शादी आसान पर तोड़ना कठिन क्यों

हिंदू विवाह कानून के अंतर्गत विवाह करना तो बहुत आसान है पर तोड़ना बहुत कठिन. देश की अदालतें ऐसे मामलों से भरी पड़ी हैं जिन में पतिपत्नी वर्षों तक तलाक के लिए इंतजार करते नजर आते हैं. हां, यह अवश्य है कि इन मामलों में एक जना तलाक का आदेश चाहता है और दूसरा उस का विरोध करता है.

कठिनाई तो यह होती है कि जब 5-7 साल बाद फैमिली कोर्ट से कोई तलाकनामा मिल भी जाए तो दोनों में से एक कोर्ट में अपील करने पहुंच जाता है. कई मामले तो 10-15 वर्षों बाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच जाते हैं जो तब कानून की व्याख्या करता है.

यह एक दुखद बात है. तलाक का कानून असल में सरल और सहज होना चाहिए. जब कोई पतिपत्नी साथ न रहना चाहें तो देश की कोई भी ताकत उन्हें साथ रहने को मजबूर नहीं कर सकती. पतिपत्नी संबंध जोरजबरदस्ती का है ही नहीं. 1956 से पहले जब हिंदू विवाह कानून नहीं था तब भी औरतें जब चाहे अपने मायके जा कर बैठ जाती थीं और पति जब चाहे एक को बिना तलाक दिए दूसरी से शादी कर लेता था.

1956 का सुधार औरतों के लिए आफत बन गया है, क्योंकि अब बिचौलिया अदालत दरअसल घर को जोड़ने की जगह जिंदगी के टूटे बरतनों को सहेज कर वर्षों तक रखने को मजबूर करती है.

अभी हाल ही में सुप्रीम कोर्ट को 2011 में हुए तलाक और दूसरे विवाह की वैधता का फैसला 7 वर्षों बाद 2018 में देना पड़ा. नए पतिपत्नी झगड़ने लगे थे कि उन का दूसरा विवाह कानूनी है या नहीं, क्योंकि पिछले तलाक के आदेश को ऊपर की अदालत में चुनौती दी गई थी.

सवाल इस मामले का नहीं है. सवाल है कि तलाक के मामलों में कानून ऐसा हो ही क्यों कि एक जना दूसरे को वर्षों तक बांध कर रख सके. जब मामला अदालत में चला गया तो तलाक पूरी तरह दे दिया जाना चाहिए और यदि तलाक मंजूर हो गया तो अपील की गुंजाइश ही नहीं होनी चाहिए. अपील केवल खर्च व बच्चों की कस्टडी के लिए होनी चाहिए.

पति और पत्नी को अपने फैसले लेने का पूरा हक होना चाहिए और जैसे वे विवाह से पहले मनमरजी से मित्र की तरह संबंध बना व तोड़ सकते हैं, वैसे ही विवाह बाद कानूनी मुहर के साथ तोड़ सकें, यह हक होना चाहिए. इस में वकीलों की जगह ही नहीं है.

तलाक मांगा, तो मिल जाना चाहिए. यह प्रक्रिया कानून में ही होनी चाहिए और अदालतों को बाल की खाल निकालने से बचना चाहिए.

हां, खर्च के मामले में कमाऊ जने पर तलाक को भारी बनाया जा सकता है, वह गुंजाइश है. जैसे सुप्रीम कोर्ट ने इंडियन पीनल कोड की धारा 497 को समाप्त कर के औरतों को आजाद किया है वैसे ही तलाक के मामले में भी हो.

जब छत पर बसा रहीं हों बगिया

टेरेस गार्डन की ख्वाहिश रखने वाले कम नहीं है. बारिश भी आने ही वाली है और बारिश का मौसम इस इच्छा को पूरी करने के लिए अनुकूल भी है. जानिये छत पर हरियाली लाने के इंतजामों से जुड़ी कुछ बातें.

वॉटर प्रूफिंग सबसे पहले-

गार्डन तैयार करने से पहले पूरी छत पर वॉटर प्रूफिंग बेहद जरूरी है. इसके बिना यह हरियाली आपको सुकून नहीं पहुंचा सकती क्योंकि लगातार बनी रहने वाली नमी नीचे की दीवारों पर फैल सकती है और उन्हें कमजोर बना सकती है.

अनुकूल मौसम-

छत पर गार्डन लगाने की तैयारी करने के लिए बारिश का मौसम सबसे अच्छा है. बरसाती मौसम में मिट्टी फटाफट सेटल हो जाती है और पौधों को भी तेजी से बढ़ने लायक माहौल मिलता है.

बची-खुची चीजों की खाद-

आप किचन की बची-खुची चीजों का उपयोग कर इस गार्डन की खाद को तैयार करने की कोशिश करें. मिट्टी के बारे में किसी जानकार से सलाह ले लें और फिर इस मिट्टी में किचन वेस्ट मिलाते रहें.

वजन का ध्यान-

छत पर वजन बढ़ाना किसी भी तरह से समझदारी का काम नहीं है. आप प्लास्टिक बैग्स का उपयोग करें. सीमेंट के भारी-भारी कुंडे रखन से बचें. इस तरह काफी खर्चा भी आप कम कर लेंगी.

क्या लगाएं छत पर-

आप छत पर टमाटर, भिंडी, बैंगन, पालक वगैरह आसानी से लगा सकते हैं. छत के आकार पर यह निर्भर करता है कि क्या-क्या आपको मिलेगा. कुछ लोग तो संतरा, अंगूर, नीबू, केला भी लगा लेते हैं. हाइब्रिड बीज आप लगा सकते हैं, ये टेरेस गार्डन के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. बेहद आसानी से मिल भी जाते हैं.

दिन में दो बार पानी जरूरी-

बरसात की बात तो जाने दें, लेकिन छत पर रखे पौधों को दिन में दो बार पानी देने की जरूरत अमूमन पड़ती है. वो सब्जियां या फल नहीं लगाए जाने चाहिए जिन्हें ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है. इससे घर में पानी की खपत भी बढ़ेगी तो इस गार्डन को सेट करने से पहले यह तय करें कि वाकई आप इतना पानी खर्च कर पाएंगे या नहीं.

सभी पौधों का ख्याल-

टेरेस पर मौजूद हर पौधे का ख्याल रखना आपकी जिम्मेदारी है इसलिए उसकी जरूरत और रखने की जगह तक की जानकारी आपको होना चाहिए. जगह के चुनाव से मतलब उसको मिलने वाली सूरज की रोशनी से है. कुछ पौधे ऐसे होते हैं जिन्हें केवल पचास फीसद धूप की जरूरत होती है. जबकि गुलाब जैसे पौधों को 75 फीसद धूप की जरूरत होती है. इनके लिए जरूरी छांव का इंतजाम भी आपको ही करना है.

फायदे अनेक-

छत पर बगीचा होने का सबसे बड़ा फायदा तो यह है कि घर के अंदर खासी ठंडक बनी रहेगी. जब इसमें सब्जियां उगने लगेंगी तो आसानी के साथ हफ्ते में चार दिन का कोटा यहां से पूरा किया जा सकता है. पक्षियों का आना-जाना यहां बढ़ेगा. तितलियां मंडराने लगेंगी. कुलमिलाकर घर में जीवंत माहौल पैदा होगा.

सर्दियों में फट रहे हैं होंठ तो अपनाएं ये उपाय

हमारे होंठ सिर्फ हमारी मुस्कान को ही नहीं, बल्कि यह हमारे व्यक्तित्व को भी निखारती है. लेकिन सर्दी में खुश्क हवाओं के चलने से हमारी स्किन के साथ हमारे होंठों की नमी भी खत्म हो जाती है. जिस कारण हमारे होंठ फटने लगते हैं. कभी-कभी तो इनमें से खून भी आने लगता है, जो हमारे मुंह में चला जाए तो हमें कई तरह की बीमारियों का शिकार बना सकता है. इसलिए हमारी स्किन और सेहत के साथ हमारे होंठों को भी खास देखभाल की जरूरत होती है, अगर मौसम सर्दी का हो तो होंठों का ख्याल रखना जरूरी हो जाता है.

आइए जानते हैं फटे होंठों को ठीक रखने के उपाय.

– मौसम सर्दी का हो या गर्मी का, सेहतमंद रहने के साथ होंठों को कोमल और मुलायम रखने के लिए भी भरपूर मात्रा में पानी पीना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि शरीर में पानी की कमी होने के कारण भी हमारे होंठों की नमी खत्म हो जाती है जिस वजह से होंठ फटने लगते हैं. इसलिए ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं.

– फटे होंठों को कोमल और मुलायम बनाने के लिए रात को सोने से पहले अपने होंठों पर शहद लगाएं. सुबह उठने पर ठंडे पानी से होंठों को धो लें. जल्दी फटें होंठों से राहत मिल जाएगी.

– फटे होंठों को ठीक करने के लिए गुलाबजल और ग्लिसरीन बहुत कारगार साबित होती है. रोजाना सोने से पहले दोनों चीजों को बराबर मात्रा में मिलाकर फटे होंठों पर लगाएं. जल्द ही आराम मिल जाएगा.

– उंगली में थोड़ा सा देसी घी लेकर होंठ पर हल्के हाथ से मसाज करें. इससे रक्त संचार बढ़ेगा और होंठों के फटने की समस्या से राहत मिलेगी.

– रात को सोन से पहले नाभि पर सरसों का तेल लगाने से होंठ फटने की समस्या दूर हो जाती है.

– गुलाब की पत्तियां पीस कर उसमें मलाई मिलाकर होंठों में लगाने से होंठ कोमल और मुलायम बनते हैं.

– होंठों की ड्राईनेस को दूर करने के लिए मैट लिपस्टिक की जगह ज्यादा क्रीमी या शीर टेक्सचर लिपस्टिक का इस्तेमाल करें.

– फटे होंठों को मुलायम बनाने के लिए लिप्स पर शीया बटर लगाएं. इसमें त्वचा को सूर्य की किरणों से बचाने वाले गुण होते हैं जो रूखेपन की समस्या को दूर करता है.

– विटामिन ई युक्त लिप बाम में एंटी-औक्सीडेंट्स के अच्छे स्रोत होते हैं और होंठों को खूबसूरत और मुलायम बनाए रखने का काम करते हैं.

– इन सब उपायों के अलावा आप होंठों पर शहद और चीनी का स्क्रब कर सकती हैं. इससे होंठ मुलायम होने के साथ पाउटी भी बनते हैं.

ऐसे मर्दों को दिल दे बैठती हैं भारत में लड़कियां

भारत में किये गये एक सर्वेक्षण ने मर्द को लेकर भारतीय नारी की पसंद का खुलासा किया है. इस सर्वेक्षण के अनुसार ज्यादातर भारतीय लड़कियां चाहती हैं कि उन्हें ऐसा पति मिले जिसका शादी से पहले यौन संबंध नहीं रहा हो साथ ही उन्हें बेईमान और बेवफा मर्दों से सख्त नफरत है लेकिन ऐसा आदमी पसंद है जो उन्हें समझ सके. इस सर्वेक्षण में बदलते जमाने में लड़कियों की बदलती पसंद के बारे में दस भारतीय शहरों में 2,150 लड़कियों से प्रश्न पूछे गए थे.

अभी तक यह धारणा थी अच्छा पैसा, ज़मीन-जायदाद, अच्छी शक्ल और सेहत वाले मर्दों को लड़कियाँ पति के रूप में पसंद करती हैं. लेकिन सर्वेक्षण के अनुसार, “औरतों की ज़रूरत के प्रति आदमी कितना संवदेनशील है यह ज़्यादा महत्वपूर्ण है.” ”उन्हें अपने जीवनसाथी की बात सुननी चाहिए, उन्हें अपने बराबर सम्मान देना चाहिए और उसे ईमानदार होना चाहिए.”

सेक्स संबंध : अब तक आप अगर यह समझते थे कि साड़ी में लिपटी रहने वाली भारतीय नारी सेक्स के बारे में बात करने से कतराती थी शायद यह सर्वेक्षण पढ़ने के बाद आँखें खुल जाएं. सर्वेक्षण के अनुसार, “किसी भी अच्छे रिश्ते के लिए अच्छे सेक्स संबंध होने भी ज़रूरी हैं. यहाँ तक कि ज़्यादा उम्र की महिलाओं के अनुसार भी अच्छे सेक्स संबंध होने ज़रूरी हैं.”

“फिर भी 55 फ़ीसदी महिलाओं का कहना था कि उनके पति का शादी से पहले यौन संबंध नहीं होना चाहिए.” 51 फ़ीसदी महिलाओं ने तो यहाँ तक कहा कि उनके पति को किसी भी तरह के यौन संबंधों का अनुभव भी नहीं होना चाहिए जबकि 37 प्रतिशत का कहना था कि अगर थोड़ा-बहुत अनुभव हो तो भी उन्हें कोई एतराज़ नहीं होगा.

पसंद : तो सर्वेक्षण के अनुसार भारतीय नारी की मर्दों के बारे में पसंद कुछ इस तरह है. सबसे बड़ा गुण यह है कि उसमें अपनी बीबी को समझने की क्षमता हो.

इसके बाद नंबर आता है ईमानदारी का. साथ ही वह महिलाओं का सम्मान करे, बुद्धिमान हो, घरेलू हो और साथ ही वफ़ादार भी हो.

फिर प्राथमिकता दी गई है कि उसका झुकाव आध्यात्म की ओर हो. इसके अलावा वह एक अच्छा प्रेमी हो जो सेक्स के बारे में नए तरीक़े से सोच सके.

मर्द की अच्छी शक्ल और पैसा प्राथमिकता की सूची में सबसे बाद में आता है.

नापसंद : अगर आप ऊपर की सूची में अपने किन्हीं गुणों को पाकर अगर यह सोच रहे हैं कि आपकी संभावनाएं अच्छी हैं तो ज़रा एक नज़र इधर भी डालें कि भारतीय महिलाओं को क्या नापसंद है?

भारतीय महिलाओं को खूब शराब पीने वाले से सख़्त नफ़रत है.

इसके बाद ग़ैर ज़िम्मेदार मर्दों का नंबर आता है और फिर ऐसे मर्दों का जो औरतों के बारे में ग़लत-सलत बातें करते हैं.

सनकी मिज़ाजी मर्दों से भी उन्हें परेशानी है.

सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश महिलाओं ने कहा कि उन्हें अपनी ज़िंदगी में मर्दों की ज़रूरत है. 84 फ़ीसदी महिलाएं चाहती हैं कि उनके पति घर के काम में उनका हाथ बटाएं.

अगर किसी गैर-औरत से पति रंगरलियाँ मनाएं तो आप क्या करेंगी?

43 फ़ीसदी महिलाओं ने कहा कि वे रिश्ता तोड़ देंगी जबकि 37 फ़ीसदी महिलाओं ने कहा कि वे घर पर बैठकर मातम मनाएंगी. हाँ! 20 फ़ीसदी महिलाओं ने कहा कि वे भी ग़ैर मर्दों के साथ रंगरेलियाँ मनाना शुरू कर देंगी.

✦ अगर आपका पति आप पर हाथ उठाए तो?

इस पर 35 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे भी अपने पति को एक-दो हाथ जमा देंगी. 31 प्रतिशत रिश्ता तोड़ देंगी और 18 प्रतिशत महिलाएं इस बारे में चुप्पी साध लेंगी.

ब्रिटिश उद्योगपति जौर्ज पनयिओटू के संग एमी जैक्सन ने की सगाई

मूलतः ब्रिटिश अदाकारा और मौडल, मगर 2010 से भारत में तमिल, तेलगू और हिंदी फिल्मों में अभिनय करती आ रही अदाकारा एमी जैक्सन ने नए वर्ष के पहले ही दिन सोशल मीडिया पर ब्रिटिश उद्योगपति जौर्ज पनयिआटू के संग सगाई कर लेने की घोषणा कर अपने प्रशंसकों को आश्चर्यचकित कर दिया. अपनी सगाई की जो तस्वीर एमी जैक्सन ने अपने प्रेमी के संग डाली है, उसमें उनके हाथ में सगाई की बड़ी अंगूठी नजर आ रही है. फिलहाल यह दोनों जाम्बिया में छुट्टी मना रहे हैं.

सूत्रों के अनुसार एमी जैक्सन ने जौर्ज पनयिआटू के संग 2015 में डेटिंग करना शुरू किया था. बीच बीच में वह उनके संग अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालती रही हैं. उससे पहले वह बौलीवुड अभिनेता व स्व.स्मिता पाटिल के बेटे प्रतीक बब्बर के साथ रिश्ते में थी.

एमी जैक्सन तमिल व तेलगू की कुछ फिल्मों के अलावा ‘एक दीवाना था’, ‘सिंह इज ब्लिंग’, ‘फ्रीकी अली’ जैसी हिंदी फिल्मों में अभिनय कर चुकी हैं. गत वर्ष वह फिल्म ‘‘2.0’’ में भी नजर आयी थीं.

कैश निकालने के अलावा एटीएम से कर सकती हैं ये 10 काम

आम तौर पर लोग एटीएम (एटीएम मशीन) को इस्तेमाल केवल पैसा निकालने के लिए करते हैं. इसके अन्य सुविधाओं के बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती. हम आपको बताएंगे कि कैश निकालने के अलावा एटीएम अन्य 10 तरह के काम करता है. आइए जानते हैं एटीएम की अन्य सुविधाओं के बारे में.

पिन बदलना

एटीएम से आप अपने कार्ड का पिन जेनरेट करने के अलावा बदल भी सकती हैं.

मिनी स्टेटमेंट

एटीएम से आप अपने अकाउंट ट्रांजेक्शन्स की जानकारी ले सकती हैं. इसे मिनी स्टेटमेंट कहते हैं. इसके लिए आपको बैंक जाने की जरूरत नहीं है.

पता करें अकाउंट बैलेंस

अपके खाते में कितना पैसा है इसकी जानकारी आप एटीएम से ले सकती हैं.

करें बिल की पेमेंट

आजकल लगभग सभी एटीएम मशीनों में ये सुविधा मौजूद है. इससे कई तरह के बिल, जैसे इलेक्ट्रिसिटी, डीटीएच और गैस बिल, एटीएम मशीन में मौजूद पे यूटिलिटी बिल्स विकल्प पर क्लिक करके कर सकती हैं.

करें मोबाइल रिचार्ज

अपने मोबाइल फोन को रिचार्ज करें एटीएम से. जी हां, प्री-पेड फोन का रिचार्ज अब एटीएम से संभव है. इसके लिए आपको मशीन में मौजूद रिचार्ज मोबाइल ऑप्शन को सिलेक्ट करके ज़रूरी निर्देशों का पालन करना होगा.

करें क्रेडिट कार्ड का पेमेंट

अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट करने के लिए आप एटीएम का इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके लिए आपको अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करना होगा. इसकी बकायदा आपको रसीद दी जाएगी. इसके लिए जरूरी है कि आपका डेबिट और क्रेडिट कार्ड एक ही बैंक का हो.

करें फंड ट्रांसफर

एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसा भेजन की सुविधा एटीएम पर मिलती है. आपको बता दें कि एक बार में 15 हज़ार और एक दिन में आप 30 हजार तक ट्रांसफर कर सकती हैं.

फिक्ड डिपौजिट अकाउंट खोलें

बचत के लिए फिक्स्ड डिपौजिट एक बेहतर विकल्प है. इसके लिए किसी तरह के फौर्म को भरने की जरूरत नहीं है. एटीएम के ज़रिए भी आप यह कर सकती हैं. कुछ बैंक 10 हज़ार से लेकर 50 हज़ार तक के फिक्स्ड डिपौजिट एटीएम से करने की सुविधा देते हैं.

करें चेक बुक रिक्वेस्ट

अगर आपकी चेकबुक खत्म हो जाए और आप उसे दोबारा प्रिंट करवाना चाहती हैं तो एटीएम पर आपको ये सुविधा मिलेगी. एटीएम से रिक्वेस्ट भेजें और आपकी चेक बुक आपके घर पहुंच जाएगी.

करें कैश डिपौजिट

आजकल कई एटीएम में कैश डिपौजिट की सुविधा मिलती है. वहां से आप पैसे जमा कर सकती हैं.

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