स्वच्छंदता का दूसरा नाम वैलेंटाइन, बंदिशें तोड़ सीखें प्यार की जबान

वैलेंटाइंस डे के खिलाफ हर साल 14 फरवरी के दिन तथाकथित संस्कृति और धर्म के ठेकेदार संगठन मोरल पुलिसिंग के लिए एंटी रोमियो मिशन पर निकल पड़ते हैं. वे वैलेंटाइंस डे का मतलब भले न समझें लेकिन युवाओं को इस से दूर रहने का फरमान ऐसे सुनाते हैं मानो वैलेंटाइंस डे मनाते ही किसी तरह का कोई पतन हो जाएगा, संस्कृति को जंग लग जाएगा,रोमांस से देश का आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक विकास थम जाएगा. यदि कोई वाकई प्रेम का उत्सव मनाना चाहे तो उस में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

बंदिशें तोड़ सीखें प्यार की जबान

यूथ को इन धार्मिक और कट्टर बंदिशों की परवा न करते हुए दिल की सुननी चाहिए. प्यार, स्वच्छंदता और सौहार्द के उत्सव वैलेंटाइंस डे को दिल खोल कर मनाना चाहिए. फैस्टिवल कोई भी हो, किसी भी देश का हमें तो उसे उस की उन्मुक्त शैली और सकारात्मकता के लिए मनाना चाहिए. जब तक यूथ अपने दिल की करना और सुनना शुरू नहीं करेगा, उसे अपने जीवन का लक्ष्य नहीं दिखेगा क्योंकि उस का संबंध भी दिल से है. वैलेंटाइंस अगर प्यार की भाषा समझाता है, तो इस में हमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

जिन देशों में यूथ को लव के बजाय हथियार की भाषा समझाई जाती है उन देशों की हालत खस्ता है. वहां का युवा बंदूक लिए आतंकी संगठनों से ट्रेनिंग ले रहा है. वह दोस्त, कैरियर और परिवार से दूर कुछ मौकापरस्त लोगों की बातों से ब्रेनवाश्ड हो कर अपनी जवानी में हिंसा और आतंक के शोले भर रहा है. अगर वैलेंटाइंस जैसे फैस्टिवल हर जगह मनाए जाने लगें तो युवाओं को गुमराह होने से रोका जा सकेगा. जिन युवा दिलों में एक बार प्रेम के बीज अंकुरित हो जाते हैं वहां फिर हिंसा की गुंजाइश नहीं रह जाती.

जोरजबरदस्ती का प्यार नहीं वैलेंटाइन

आजकल प्यार और एकतरफा प्यार के बीच एक महीन सी सीमारेखा रह गई है जबकि दोनों के बीच जमीनआसमान का फर्क है. प्यार तो दोनों युवा दिलों की आपसी रजामंदी, पसंद और प्रेम से होता है. लेकिन आजकल के युवा एकतरफा प्यार को भी वैलेंटाइन से जोड़ कर देखते हैं. वे किसी से प्यार करते हैं और बिना उस की मरजी जाने उसे अपना वैलेंटाइन बना देते हैं. और जब लड़कियां मना करती हैं तो इन का एकतरफा प्यार हवस, हिंसा और जनून की हद पार कर उन पर एसिड अटैक व रेप की विकृत शक्ल में सामने आता है.

ऐसी ही एक घटना गुजरात में हुई थी. वहां के भावनगर शहर में एकतरफा प्रेम में पागल युवक ने 3 सगी बहनों व एक बच्ची पर एसिड फेंक कर आत्महत्या कर ली थी. राष्ट्रीय अपराध रिकौर्ड ब्यूरो के आंकड़े  बताते हैं कि सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही 2014-15 में 97 एसिड अटैक के मामले सामने आए, जिन में से सिर्फ 4 में ही सजा हो पाई. पश्चिम बंगाल के 78 मामलों में से सिर्फ 1 में ही अपराधी को सजा मिली. अन्य राज्यों की स्थिति भी अच्छी नहीं है. प्रेम में जोरजबरदस्ती नहीं इकरार होता है.

कैरियर और शिक्षा न हो इग्नोर

युवाओं को कैरियर, एजुकेशन को अहमियत देते हुए प्यार और दोस्ती को भी तरजीह देनी जरूरी है. दोनों के बीच संतुलन बहुत जरूरी है. कंपीटिशन के इस दौर में युवाओं के सिर पर तमाम तरह की भारीभरकम जिम्मेदारियां लाद दी गई हैं. पेरैंट्स चाहते हैं कि उन का बच्चा भी स्कूल या सोसायटी के सब से होशियार बच्चे की तरह न सिर्फ पढ़ाई में अव्वल आए बल्कि खेलकूद और अन्य क्षेत्रों में भी बैस्ट परफौर्म करे. इतनी ऐक्सपेक्टेशंस के बोझ तले दबा युवा न तो अपने दिल की सुन पाता है और न ही अपने रचनात्मक कार्यों के लिए समय निकाल पाता है. नतीजतन, तनाव और अकेलेपन का शिकार हो कर कभी वह आत्महत्या जैसा कदम उठता है तो कभी अपने हिंसक व्यवहार से समाज को सकते में डाल देता है.

ऐसे में हमारे समाज और देश में वैलेंटाइंस डे जैसे मौके की अहमियत और भी बढ़ जाती है. इस रोमांटिक फैस्ट के बहाने युवा कालेज, स्कूल और अपनी सोसायटी में एकदूसरे से अपने प्यार, दोस्ती और अपनत्व का इजहार कर लेते हैं और आपसी रिश्तों को सकारात्मक दिशा की ओर ले जाते हैं. पढ़ाई के साथसाथ अगर यूथ रोमांस भी कर लेता है तो इस में बुराई क्या है. हमारा समाज जिस तरह से युवाओं को कट्टरता व सामाजिक भेदभाव की खाई में धकेलना चाह रहा है, उस से उन्हें ऐसे ही रूमानी त्योहार बचा सकते हैं.

हर दिन हो वैलेंटाइंस डे

सिर्फ 14 फरवरी को रस्मी तौर पर वैलेंटाइंस डे मना कर खानापूर्ति करने के बजाय युवा इस फैस्ट की फिलौसफी को भी समझेंगे तो उन के लिए हर दिन वैलेंटाइन डे होगा. यह मान कर न चलें कि वैलेंटाइंस डे  सिर्फ गर्लफ्रैंड और बौयफ्रैंड के लिए ही होता है. यह तो रिलेशनशिप में रूमानियत की बात करता है. 2 दोस्त भी वैलेंटाइन डे मना सकते हैं, जरूरी नहीं है कि केवल रूमानी प्रेम की ही अभिव्यक्ति हो. मातापिता, भाईबहन और टीचरस्टूडैंट्स भी वैलेंटाइंस डे के जरिए अपने पारस्परिक प्रेम, आदर व सद्भाव को जाहिर कर सकते हैं.

प्यार तो दुनिया का सब से खूबसूरत एहसास है, जो 2 दिलों में होता है और यह भी जरूरी नहीं कि यह प्यार सिर्फ पतिपत्नी या प्रेमीप्रेमिका का ही हो. प्यार तो हर रूप में प्यारा होता है. अगर आप का पार्टनर आप से सच्चा प्यार करता है तो उस के लिए वैलेंटाइन डे कोई माने नहीं रखता. हर दिन आप के लिए वैलेंटाइंस डे हो सकता है.

प्यार के लिए उपहार जरूरी नहीं

गिफ्ट का लेनदेन आपसी संबंधों, जेब और इच्छा पर निर्भर करता है, यह कोई रस्मी दबाव नहीं होना चाहिए कि आप अपनी गर्लफ्रैंड, दोस्त या हसबैंड को वैलेंटाइंस डे के दिन कोई महंगा तोहफा दे कर ही अपने प्यार का इजहार करें. गिफ्ट तो सिंबौलिक होते हैं. संबंधों में गर्माहट तो आपसी समझ, परस्पर सम्मान से आती है. दिखावे के नाम पर अपनी भावनाओं और प्यार को बाजार के महंगे गिफ्ट वाले तराजू से न तोलें.

ऐसा बिलकुल नहीं है कि वैलेंटाइंस डे निकल जाने के बाद आप का प्यार खत्म हो जाएगा. जो बात एक चौकलेट से कही जा सकती है उस के लिए चौकलेट के बड़े और महंगे बौक्स की जरूरत नहीं. दरअसल, प्यार में कोई सौदा नहीं होता.

प्यार बांटते चलो

यंग जेनरेशन को 14 फरवरी का जितनी बेसब्री से इंतजार रहता है उतनी बेताबी शायद किसी और दिन के लिए नहीं होती. प्रेम का उत्सव व प्यार का त्योहार वैलेंटाइन डे सिर्फ प्यार को एकदूसरे तक सीमित रखना नहीं सिखाता है. नफरत और हिंसा से भरे इस समाज, दुनिया को भी प्यार की भाषा सिखाना असल मानो में वैलेंटाइन डे मनाना होगा.

आज हर कोई तनाव, हिंसा, ईर्ष्या, प्रतिस्पर्धा, लालच, साजिश, अकर्मण्यता, धार्मिक रूढि़यों, अंधविश्वास, चमत्कार और शौर्टकट के जाल में उलझा है, समाज से जैसे प्रेम शब्द गायब ही हो गया है. अगर वैलेंटाइंस डे मनाना है तो समाज में भी प्यार की भावना का संचार करना होगा ताकि सारी युवा जाति, धर्म और ऊंचनीच की बेडि़यां तोड़ कर एक स्वस्थ समाज में स्वस्थ प्यार का संचार करे. तब होगा   वैलेंटाइंस डे का असली सैलिब्रेशन.

ऐसे हुई वैलेंटाइन की शुरुआत

वैलेंटाइन डे की शुरुआत के बारे में कहा जाता है कि यह फैस्टिवल अमेरिका में संत वेलेटाइन की याद में मनाया जाता है. इस की शुरुआत सब से पहले अमेरिका में हुई फिर इंगलैंड और इस के बाद धीरेधीरे यह दिन समूचे विश्व में मनाया जाने लगा. अलगअलग देशों में इसे अलगअलग नाम से जाना जाता है.

भारत में वैलेंटाइन डे की शुरुआत 1992 से हुई. 1969 में कैथोलिक चर्च ने कुल 11 सैंट वैलेंटाइन के होने की पुष्टि की. उन के सम्मान में 14 फरवरी को पर्व मनाए जाने की घोषणा की गई. वैलेंटाइन डे एक सप्ताह तक मनाया जाना वाला पर्व है, जिस की शुरुआत 7 फरवरी से होती है और अलगअलग दिन यह अलग नाम से मनाया जाता है.

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अजब गजब वैलेंटाइंस : इन्हें जान कर आप मुसकराए बिना नहीं रह सकेंगे

भारत सहित विश्व के कई देशों में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है. हर देश में इस दिन को अलगअलग तरीके से मनाने का रिवाज है. कुछ तरीके ऐसे भी हैं जिन्हें जान कर आप मुसकराए बिना नहीं रह सकेंगे.

जापान : मैंस औनली

जापान में वैलेंटाइन डे सिर्फ पुरुष मनाते हैं. इस दिन महिलाएं अपने पिता, भाई, दोस्त, प्रेमी आदि का आभार प्रकट करने के लिए उन्हें चौकलेट्स देती हैं.

दक्षिण कोरिया : प्रेम है तो गिफ्ट दो

इस देश में वैलेंटाइन डे मनाने का तरीका बड़ा ही दिलचस्प है. इस दिन महिलाएं पुरुषों को चौकलेट्स और तोहफे देती हैं, पुरुष इस दिन कुछ नहीं देते. हां, अगर उन्हें प्रेम है तो वह अगले 14 मार्च को ‘व्हाइट डे’ के मौके पर महिलाओं को रिटर्न गिफ्ट दे कर प्यार का इजहार करते हैं.

रोम : परची में नाम

वैलेंटाइन डे को रोम में रोमन ल्युपर केलिया नाम से भी जाना जाता है. इस दिन युवा एक दिलचस्प खेल खेलते हैं. लड़का मनपसंद लड़की का नाम एक परची पर लिखता है, फिर उसे मोड़ कर चुपचाप एक डब्बे में रख देता है. ऐसा सभी करते हैं. अंत में डब्बे से परचियां निकाली जाती हैं. अब जिस परची पर जिस लड़की का नाम निकलता है, लड़का उसी के साथ वैलेंटाइन डे मनाता है.

दक्षिण अफ्रीका : तुम मेरे हो

इस देश में वैलेंटाइन डे मनाने का तरीका कुछ अलग है. महिलाएं जहां प्रेमी का नाम आस्तीन पर टांक लेती हैं, वहीं प्रेमी दिलनुमा आकृति को बाजुओं में बांध कर प्रेम का इजहार करते हैं.

इंगलैंड : अंधविश्वास हावी

इस दिन महिलाएं अपने तकिए पर 5 तेजपत्ते रखती हैं. वे ऐसा इसलिए करती हैं ताकि उन के होने वाले पति उन के सपने में आएं.

वेल्स : तोहफे में चम्मच

यहां प्रेमी जोड़े एकदूसरे को तोहफे में चम्मच देते हैं, जिन्हें लव स्पून्स कहते हैं. इस में कुछ संदेश भी लिखा होता है. अब हमारे यहां अगर कोई लड़का किसी लड़की को प्रेम का इजहार चम्मच दे कर करे, तो? न…न…आजमाना भी मत.

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हर किसी को वैलेंटाइन डे मनाना चाहिए : साकिब सलीम

‘‘मुझसे फ्रेंडशिप करोगे’’, ‘‘हवा हवाई’’ सहित सात आठ फिल्मों में अभिनय कर चुके अभिनेता साकिब सलीम एक तरफ तापसी पन्नू के संग अपने रोमांस को लेकर चर्चा में हैं, तो दूसरी तरफ वह नौ मार्च को प्रदर्शित होने वाली रोमांटिक एडवेंचरस और कौमेडी फिल्म ‘‘दिल जंगली’’ में सुमित उप्पल का रोमांटिक किरदार निभा रहे हैं. साकिब सलीम खुद को वैलेंटाइन डे का प्रबल समर्थक बताते हैं.

फिल्म ‘‘दिल जंगली’’ के अपने किरदार सुमित उप्पल की प्यार की जो सोच है, उसके साथ उनके निजी जिंदगी की सोच के मेल खाने की चर्चा करते हुए साकिब सलीम ने कहा- ‘‘सुमित उप्पल की प्यार को लेकर जो सोच है, उससे मेरी निजी जिंदगी की प्यार की सोच कहीं कहीं मेल खाती है, कहीं नहीं भी. कलाकार के तौर पर हर किरदार में कुछ प्रतिशत साकिब होता ही है. उसके बाद उसे बनाने की कोशिश करता हूं. सुमित उप्पल में पचास प्रतिशत साकिब है, क्योंकि इसे मैने जिया है, बाकी मेरा द्वारा गढ़ा गया है.’’

इन दिनों युवा पीढ़ी के बीच प्रचलित ‘‘काफी डे वाला प्यार’’ को प्यार न मानते हुए साकिब सलीम कहते हैं

‘‘यह प्यार नही, सिर्फ शारीरिक आकर्षण है, जो कि गलत है. प्यार तो वह होता है, जो एक नजर में हो जाए, आप मन की बात कह जाएं. और प्यार हमेशा जिंदा रहे, फिर भले मिले या ना मिले. मैं तो वह लड़का हूं, जो ‘वीर जारा’ जैसी फिल्म देखकर रोता है.’’

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वह आगे कहते हैं- ‘‘मेरी राय में ‘काफी डे’ वाला प्यार इसलिए शुरू हो गया है, क्योंकि अब लोगों के पास औप्शन बहुत हैं. अब वक्त ऐसा बदला है कि लोग तलाक होने पर शर्मिंदा महसूस नहीं करते. अब लोग सुख सुविधा तलाशने और दूसरों को दिखावे वाली जिंदगी जीते हैं. लोग सोचते हैं कि शादी के दस साल हो गए, पर बन नही रही है, तो छोड़ दो.’’

वह आगे कहते हैं- ‘‘प्यार तो सदैव बना रहता है. इंस्टाग्राम पर ह्यूमन औफ बौम्बे करके एक पेज है. इसमें 102 साल के एक पति पत्नी की कहानी आयी थी. शायद मुंबई के नजदीक मीरा रोड के रहने वाले थे. पत्नी की मौत के दो घंटे बाद ही पति की भी मौत हो गयी. ऐसा इनके बीच प्यार था. दोनों ने 76 साल एक साथ जिंदगी जी. दोनों हर दिन कम से कम एक घंटे तक गार्डेन में जाकर बैठते थे. तो यह प्यार है.’’

वह प्यार का एक अलग उदाहरण देते हुए कहते हैं- ‘‘मैं अपने एक दोस्त को जानता हूं, जिसने 34 साल पहले किसी से प्यार किया था, लेकिन दोनों मिल नहीं पाए. दोनों की अलग अलग जगह शादी हो गयी. अब उनके बच्चों की भी शादियां हो रही हैं. पर दोनों एक दूसरे से अभी भी प्यार करते हैं. प्यार ऐसा अहसास है, जिसमें शारीरिक मिलन की जरुरत नही होती. मुझे जब भी प्यार हुआ है, तो ऐसा ही हुआ है कि मुझे उसके बिना रहा नही गया. फिर चाहे आप मुझे फिल्मी कह लो. अब लोग प्यार नही बल्कि सामने वाले की संपत्ति से या उसके शरीर से आकर्षित होकर करते हैं. यह प्यार नहीं अपराध है.

साकिब सलीम आगे कहते हैं- ‘‘कुल मिलाकर यह समय ऐसा है, जहां लोग सिर्फ मौके की तलाश में रहते हैं. इसलिए मैं लोगों से कहता हूं कि आप शादी तभी करें, जब आप शादी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हों. यदि आपको पहली शादी करना गलती लगी, तो इस बात की क्या गारंटी है कि दूसरी बार गलती नही होगी?

वेंलेटाइन डे की चर्चा करते हुए साकिब सलीम कहते हैं- ‘‘हर किसी को मनाना चाहिए. सच कहूं तो यह दिन आर्चीस वालों ने अपना कार्ड बेचने के लिए बनाया है. मैं तो हर दिन सिर्फ अपनी प्रेमिका से नहीं मां बाप भाई बहन सबसे प्यार करता हूं. मैं अपने दोस्तों से भी कहता हूं कि प्यार करो. प्यार से बढ़कर कोई इमोशन नहीं,  कोई ताकत नहीं. जो लोग वैलेंटाइन डे मनाना चाहते हैं, जरूर मनाएं. प्यार का जश्न मनाना चाहिए. जो लोग वेलेनटाइन डे का विरोध करते हैं, वह गलत हैं. क्योंकि प्यार करना गलत नहीं है.’’

जब हमने उनसे पूछा कि क्या आपको नहीं लगता कि वैलेंटाइन डे के नाम पर प्यार का बाजार वाद हो गया है?

तो साकिब ने कहा- ‘‘यदि ऐसा है, भी तो इसमें गलत क्या है? जिनके पास पैसा है, वह खर्च कर रहे हैं. प्यार करने से भागना नहीं चाहिए. मैं यह कह सकता हूं कि प्यार करने के लिए कोई दिन नही होता. लेकिन दुनिया ने कोई दिन बना दिया है, लोगों के पास पैसा है, तो उन्हें खर्च करने दीजिए. भले आप किसी को गुलाब भी ना दे, लेकिन यदि कोई महंगा गिफ्ट अपने प्रेमी या प्रेमिका को दे रहा है, तो कम से उसे ना रोकें.’’

तापसी पन्नू को अच्छी दोस्त बताते हुए वह कहते हैं- ‘‘ हम दोनों दिल्ली से हैं और अच्छे दोस्त हैं. खुद हम दोनों एक साथ काम करना चाहते हैं. मुझे उनके साथ काम करने में मजा आता है. रोमांस का कोई मसला नहीं है.’’

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मोहब्बत से हर समस्या खत्म की जा सकती है : जेन खान दुर्रानी

12 वर्ष की उम्र से रोमांटिक कविताएं लिखते आ रहे तथा नौंवीं कक्षा में अपनी पहली प्रेमिका के लिए छह माह के अंदर 2500 पन्ने लिखकर भी उसे दे पाने की जुर्रत न कर पाने वाले जेन खान दुर्रानी अब 16 फरवरी को प्रदर्शित हो रही ओनीर निर्देशित फिल्म ‘‘कुछ भीगे अल्फाज’’ में रोमांटिक किरदार में नजर आने वाले हैं. वह भी वैलेंटाइन डे के प्रबल समर्थक हैं.

प्रस्तुत है उनसे बातचीत के अंश-

आपके लिए मोहब्बत क्या है?

मोहब्बत सिर्फ एक एहसास है. मोहब्बत होने का एक आलम है. मेरे लिए मोहब्बत में हम होते नही हैं, बल्कि खुद मोहब्बत बन जाते हैं. मेरे लिए मेरा प्यार मुकम्मल है. भले ही सामने वाला उसे ठुकरा दे. भले ही मैं अपने प्यार का इजहार ना कर पाऊं. पर मैं अपनी बात सामने वाले तक पहुंचा जरूर दूंगा.

तो फिर आपने 2500 पन्ने पहली प्रेमिका को क्यों नहीं सौपे थे?

आज जो बात कर रहा हूं, यह समझ आते आते काफी देर लग गयी. उस वक्त मैं बहुत छोटा था. पर अब बहुत देर हो चुकी है.

वैलेंटाइन डे मनाते हैं या नहीं..?

मैं वैलेंटाइन डे का बहुत बड़ा समर्थक हूं. हमें किसी को भी कुछ भी करते हुए देखकर कभी गुस्सा नहीं आता, तो फिर किसी को मोहब्बत मनाते हुए देखना क्यों पसंद नहीं करते. मेरे हिसाब से मोहब्बत को हर दिन मनाना चाहिए. मैं तो यही कहूंगा कि वेंलेटाइन के दिन मोहब्बत का जश्न मनाए और आपको याद रखना चाहिए कि सिर्फ 14 फरवरी नहीं बल्कि हर दिन मोहब्बत कर जश्न मनाना है.

पर कुछ लोग इसका विरोध करते हैं?

हम सबके पास अपनी बात कहने का हक है. पर मेरी राय में मोहब्बत से हर समस्या खत्म की जा सकती है.

आपको नहीं लगता कि वैलेंटाइन डे के नाम पर बाजार वाद हावी हो रहा है?

यह सच है कि बाजार वाद हावी हो रहा है. मेरी राय में बाजार वाद और मैटेरियलाइजेशन का विरोध किया जाना चाहिए. जिस इंसान के पास टेडीबियर तक खरीदने के पैसे नहीं, क्या वह वेलेंटाइन डे नहीं मना सकता? क्या वह अपने प्यार का इजहार नहीं कर सकता? क्या प्यार का एहसास कराने के लिए लाल रंग का टेडीबियर या लाल रंग का तकिया खरीद कर देना जरूरी है. मेरी राय में वैलेटाइन डे को आप बिना कुछ दिए महज मोहब्बत का एहसास कर मना सकते हैं.

मगर जिनके पास धन है, वह कुछ भी खरीदें, उन्हें इसकी छूट है. मैं किसी भी चीज को बाजार वाद के नाम पर तौलने के खिलाफ हूं. जो लोग बैंकबैलेंस या चेहरा देखकर प्यार करते हैं, वह गलत है. असली मोहब्बत आपको सतही चीजों की तरफ कभी नहीं ले जाती. मोहब्बत में सामने वाले इंसान को बदलने की जरूरत नहीं होती. पर मटेरियलाइजेशन के इस युग में सब कुछ करप्ट हो रहा है. वैलेटाइन डे पर आप कहीं भी बैठकर बात करते हुए भी मना सकते हैं.

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ये हैं बेस्ट वैलेंटाइन डैस्टिनेशन, जहां प्रकृति का भी आया है दिल

वैलेंटाइन वीक चल रहा है और ऐसे में आसपास का माहौल रोमांटिक लग रहा है. मार्केट में भी चहल-पहल दिखाई दे रही है. हर कोई वैलेंटाइन को अपने ही अंदाज में स्पेशल बनाने में लगा हुआ है. कोई कहीं शौपिंग की योजना बना रहा है तो कोई कहीं घमने की ताकि वह अपने पार्टनर के साथ कुछ खास लम्हों को शांति से जी सके. ऐसे में रोमांटिक डेस्टिनेशन पर कपल्स की भीड़ देखी जा सकती है. आज हम आपको दुनिया की ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो दिल के आकार की बनी हुई है और कपल्स यहां आकर खूब इंजौय करते हैं.

कागोशिमा (जापान)

जापान में कागोशिमा (Kagoshima) के अममी ओशिमा ( Amami Oshima ) के तटसुगो-को (Tatsugo cho ) के तट पर दिल का नजारा सिर्फ कुछ समय के लिए ये नजारा देखने को मिलता है. ये दृश्य दिनभर में कुछ ही वक्त के लिए दिखता है, जब समुद्र की लहरें कम होती हैं. क्योंकि यहां पत्थरों पर ऐसे गड्ढे है जो जब पानी से भर जाते हैं तो दिल की तरह लगते है ऐसे में आप भी यहां आकर अपने पार्टनर के साथ इंजौय कर सकती हैं.

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लश की पहाड़ी (कजाकिस्तान)

कजाकिस्तान के लश की पहाडियों में एक ऐसा जगह जो हूबहू दिल के आकार है तथ इसमें एक तीर की तरह दिखने वाला आकार भी है. यह जगह अपने हार्ट शेप के झील के कारण जानी जाती है. आपको बता दे कि यह जगह बेहद खूबसूरत है.

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नोगी-मची (जापान)

यह जापान देश का सबसे बड़ा वौटर रिज़र्व है और नोगी-मची (Nogi Machi) में स्थित है. यहां से कई शहरों में पानी सप्लाई होता है. यहां लोगों के लिए वौटर स्पोर्ट्स, पैराग्लाइडिंग और हौट एयर बैलून जैसे एडवेंचर गेम भी यहां मौजूद हैं. यहां पर एक जगह ऐसा है जो दिल का आकार का है जिसे यहां आने वाले सैलानी खूब पसंद करते हैं.

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न्यू कैलेडोनिया

न्यू कैलेडोनिया (New Caledonia ) के कोने( Kone ) की उत्तरी तरफ और वोह (Voh) के बिलकुल करीब ये दिल के आकार का खूबसूरत दलदल अपने आप बना है. यहां हमेशा कपल्स का जमावड़ा लगा रहता है. यहां आकर आप अपने वैलेंटाइन को खास बना सकती हैं क्योंकि यहां ज्यादातर कपल्स ही आते हैं.

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अमेरिका के गुआम

अमेरिका के गुआम (Guam ) द्वीप में ये चूने की विशाल चट्टान है. इसमें दिल के आकार का छेद है. इसे ब्लू होल भी कहा जाता है, इस ब्लू होल से होते हुए आप चट्टान के अंदर जा सकते हैं. ये ब्लू होल 59 फीट चौड़ा और 301 फीट गहरा है.

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जापानी जंगल

जापान के जगल में एक एसा बड़ा गड्ढा है जिसमें दिल की आकृति बनी हुई हैं, इसे जमीन के उपर से तो देखा सकता है लेकिन जमीन के नीचे से इसे देखने का अलग ही मजा है. यहां लगभग 400 वर्ष पहले 144 फीट लम्बा सुगी (Sugi ) पेड़ गिर गया था और यह उस पेड़ की जड़ की वजह से बना है.

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इस वैलेंटाइन डे खुश रहें और स्वस्थ रहें

वैलेंटाइन डे हर प्यार करने वालों के लिए खास होता है. प्यार से सराबोर इस माहौल में जितना हो सकें खुश रहने की कोशिश करें. आपने अक्सर सुना होगा आपके चाहने वालों से कि आपकी खुशी में उनकी खुशी होती है ठिक ऐसा ही कुछ रिश्ता आपका आपके सेहत के साथ भी है आपके खुश रहने से आपके सेहत को भी खुशी होती है. यानी कि आप खुश तो दिल खुश. दिल खुश मतलब आप स्वस्थ.

खुश रहना न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत जरुरी है. जब हमारे शरीर में कुछ खास तरह के हार्मोन्स एंडोर्फिन्स, सेरोटोनिन, डोपामाइन और औक्सीटोसिन का स्राव होता है तब हमारा मन-मस्तिष्क भीतर से खुश रहता है. किसी भी व्यक्ति का शरीर में इन हार्मोन्स को बनायें रखना बेहद आवश्यक है. कई तरह के शोधों में यह पाया गया है कि खुश रहने से व्यक्ति को बहुत से फायदे होते हैं.

आइए जानते हैं खुश रहने के पीछे और क्या-क्या स्वास्थ्य संबंधित लाभ होते हैं.

हृदय रोगों से रखता है स्वस्थ

एक शोध के अनुसार अगर एक दिन में आप खुद को ज्यादा से ज्यादा समय खुश रखती हैं, तो उससे आपका हृदय स्वस्थ तो रहता ही है साथ ही साथ उसका ब्लड प्रेशर भी सामान्य रहता है. यह भी माना गया है कि हृदय संबंधित रोगों के खतरे को कम करने का काम भी हम खुश रहकर कर सकते हैं.

इम्यून सिस्टम को और ज्यादा मजबूत बनाता है:

अपने भीतर सकारात्मक सोच लाने से आप अपने शरीर को बेहतर रूप से स्वस्थ रख सकती हैं. जो महिला जितनी सकारात्मक होती है वह उतनी ही खुश भी होती है. हमारी खुशी हमें भावनात्मक रूप से स्वस्थ तो रखती ही है साथ ही यह हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम को और भी ज्यादा मजबूत बनाती है. जिसके कारण शरीर रोग मुक्त रहता है.

तनाव को कम रखता

तनाव एक मानसिक विकार है, जिसके कारण महिलाएं बहुत ज्यादा निशारावादी और नकारात्मक हो जाती हैं. इस तरह की समस्या से निपटने के लिए जरुरी है कि इससे ग्रसित महिला स्वयं के भीतर सकारात्मक भाव उत्पन्न करे और खुश रहे.

कई रोगों से बचाता है

जब भी आप खुश होती हैं तो शरीर की कई सारी मांसपेशियां मूव करने लगती है जो कि हमारे इम्यून सिस्टम के लिए काफी फायदेमंद है. इससे शरीर से कई तरह के रोगों की दूरी बनी रहती है. मानसिक रूप से होने वाले विकारों को ठीक करने के लिए मनोचिकत्सक पीड़ित व्यक्ति को खुश रहने और सकरात्मक सोच लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

खुश रहने से उम्र बढ़ती है

खुश रहने से हमारें जीवनकाल में वृद्धि नहीं होती, लेकिन यह हमें कई घातक रोगों से बचाने का काम करता है जिसके कारण हमारा शरीर लंबे समय तक फिट रहता है. जैसा की ऊपर भी बताया गया है कि जो व्यक्ति हमेशा खुश रहता है वह शारीरिक और मानसिक रूप से तंदरुस्त रहता है. इसलिए हम सभी को हमेशा खुश रहना चाहिए और अपने भीतर सकारात्मक सोच लानी चाहिए.

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इस वैलेंटाइन अपने परिवार के नाम करें फैमिली फ्लोटर पौलिसी

वैलेंटाइन डे का मौका है ऐसे में हर कोई अपने पार्टनर तथा अपने परिवार के लिये कुछ करना चाहता है कुछ ऐसा जिससे उसके अपनों को उसपर गर्व हो तथा वह उन्हें प्यार एहसास करा सके की वह उसे किस कदर मोहब्बत करता है. ऐसे में तमाम तरह के गिफ्ट्स खरीदते हुए लोग दिख जाएंगे लेकिन सोचिये की अगर आप अपने लाईफ पार्टनर तथा अपने परिवार से प्यार करते हैं तो आप चाहेंगे की उनकी उम्र लंबी हो. किसी भी परेशानी की वजह से वह आप से दूर ना जाए चाहे वह पैसे की ही परेशानी क्यो ना हो.

ऐसे में आज हम आपको एक खास तोहफे के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अगर आप अपनों को देंगे तो यकिनन उन्हे आपके प्यार का एहसास होगा, हम आपको आज हेल्थ इंश्यौरेंस पौलिसी के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे की भविष्य में कभी भी आपके परिवार को कुछ ना हो किसी भी हालत में और आप पर भी इसका कोई भार ना हो.

देश में बढ़ती जा रही इलाज लागत को देखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस जरूरी हो जाता है. मौजूदा समय में छोटी सी बीमारी के इलाज में भी लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं. जीवन की इन्हीं अनिश्चितताओं के बचने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस एक बेहतरीन विकल्प है. लेकिन बीमारियों के इलाज के साथ-साथ हेल्थ इंश्योरेंस पौलिसी की प्रीमियम दरें भी आए दिन बढ़ रही हैं. अगर आपके परिवार में चार सदस्य है तो चार इंडिविजुअल पौलिसी के लिए कुल 10 हजार रुपए खर्च करने होंगे. ऐसे में इसका सस्ता विकल्प फैमली फ्लोटर प्लान है.

इसमें हर एक सदस्य के लिए अलग-अलग पौलिसी लेने की जरूरत नहीं होती है. इंडिविजुअल पौलिसी की तुलना में इसकी लागत 30 से 50 फीसदी कम आती है. आज हम आपको फ्लोटर प्लान के फायदे और उनकी खासियतें बताने जा रहे हैं.

क्या होती है फैमिली फ्लोटर पौलिसी

फैमली फ्लोटर पौलिसी पूरे परिवार को शामिल करती है. आमतौर पर तमाम बीमा कंपनियां फैमिली के साइज, सदस्यों की उम्र और बीमा की राशि के आधार पर फैमिली फ्लोटर प्लान औफर करती हैं. सामान्य रुप से इस पौलिसी में पति-पत्नी और बच्चों को कवर किया जाता है. इसके तहत परिवार के सभी सदस्यों को बीमा राशि का लाभ मिलता है. हालांकि आप बीमा पौलिसी के टौप-अप की मदद से कवरेज को और भी बढ़ाया जा सकता है.

क्या हैं फैमली फ्लोटर के फायदे

फैमिली फ्लोटर पौलिसी का सबसे बड़ा फायदा इसकी कम लागत है. यह इंडिविजुअल पौलिसी से काफी सस्ती पड़ती है. वहीं इसमें सामान्य पौलिसी के बेनिफिट जैसे हौस्पिटलाइजेशन फीस, डौक्टर फीस, एंबुलेंस, मेडिकल प्रक्रियाओं का खर्च, प्री एवं पोस्ट हौस्पिटलाइजेशन का खर्च आदि शामिल होता हैं. आप को बता दें कि कुछ पौलिसी में परिवार के सभी सदस्यों के हेल्थ चेकअप का भी सुविधा दी जाती है.

कम लागत में परिवार की सुरक्षा

फैमिली फ्लोटर पौलिसी की कम लागत इसका सबसे बड़ा फायदा है. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए एक परिवार में 4 सदस्य हैं. सभी की दो लाख रुपए की इंडिविजुअल पौलिसी करवाते हैं तो 10 हजार रुपए खर्च करने होंगे. लेकिन वहीं अगर आप इसकी तुलना में चार लाख रुपए का फ्लोटर प्लान लेने जाते हैं तो आपकी लागत सिर्फ सात हजार रुपए ही आएगी. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि अगर परिवार के किसी एक सदस्य को इलाज की जरूरत होती है तो पूरे परिवार के बीमा की राशि उस पर खर्च की जा सकती है.

रिस्टोरेशन बेनिफिट का मिलता है फायदा

फैमिली फ्लोटर पौलिसी के साथ लोगों को इसी बात की आशंका होती है कि अगर परिवार के किसी एक सदस्य पर बीमा की पूरी राशि खर्च हो जाएगी तो परिवार के अन्य सदस्यों का क्या होगा. लेकिन आप को बता दें कि अधिकांश बीमा कंपनियां फैमिली फ्लोटर प्लान पर रीस्टोरेशन बेनिफिट देती हैं. इसके तहत बीमा कंपनी शेष बचे हुए समय के लिए बीमा की राशि को दोबारा टौप-अप कर देती हैं.

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यहां आपके पैसों की कीमत है करोड़ों में, तो देर क्यों फौरन घूम आएं

पैसा किसे अच्छा नहीं लगता है, खासतौर पर इस महंगाई के दौर में हर इंसान ज्यादा पैसा कमाना चाहता है. ऐसे में हर कोई चाहता है कि वो अमीर हो जाए. लेकिन इसके साथ ही जब भी बात कहीं विदेश यात्रा की होती है तो हम सोच में पड़ जाते हैं कि बहुत खर्चा हो जाएगा और पैसे भी कम हो जाएंगे लेकिन आज हम एक बार फिर आपको विदेश यात्रा की पर ले जाने के लिये आएं हैं,

लेकिन यह यात्रा कुछ खास तरीके की है, इस यात्रा में आपके कम पैसे भी बहुत ज्यादा होंगे और आराम से जैसा चाहे वैसा कर सकेंगी जो चाहे खरीद सकेंगी चलिये हम आपको बताते हैं पूरी बात आज हम आपको विदेश की सैर कराने वाले हैं लेकिन बहुत ही कम दाम में क्योंकि हम आपको जिन जगहों के नाम बताने जा रहे हैं वहां आपके एक लाख की कीमत कई गुना तथा कई जगहों पर तो करोड़ो तक के भाव हो जाएंगे. अब सोचिये की आप अपने एक लाख में इन विदेश की जगहों पर आप क्या कुछ नहीं कर सकती और तो और हम जिन जगहों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं ये जगह अपने पर्यटन के लिये काफी मशहूर हैं. यहां सालभर पर्यटकों का तांता लगा रहता है तो चलिये हम आपको इन जगहों के बारे में बताते हैं.

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श्रीलंका

श्रीलंका में एक भारतीय रुपये की कीमत 2 श्रीलंकन रुपये है. यानी हर एक रुपया वहां जाकर डबल हो जाएगा. आपके पास अगर 1 लाख रुपये हैं, तो यहां उसकी वैल्यू 2 लाख रुपये हो जाएगी.

जिम्बाब्वे

जिम्बाब्वे में एक भारतीय रुपये की कीमत 6 जिम्बावियन डौलर है. यानी हर एक रुपया यहां जाकर छ गुना हो जाएगा. अगर आपके पास 1 लाख रुपया है, तो उसकी कीमत 6 लाख हो जाएगी.

कोस्ता रीका

मध्य अमेरिका का एक छोटा-सा शहर है. जो कैरिबियाई और पेसिफिक सागर से घिरा हुआ है. यहां एक भारतीय रुपये की कीमत 8 कौलोन्स है. यानी हर एक रुपया यहां जाकर आठ गुना हो जाएगा. अगर आपके पास 1 लाख रुपये है, तो यहां उसकी कीमत 8 लाख हो जाएगी.

कम्बोडिया

कम्बोडिया में एक भारतीय रुपये की कीमत 63 कम्बोडियल रेयल है. यानी हर एक रुपया यहां जाकर 63 गुना हो जाएगा. यहां अगर आपके पास 1 लाख रुपये है, तो उसकी कीमत यहां 63 लाख रुपये होगी.

इंडोनेशिया

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इंडोनेशिया में एक भारतीय रुपये की कीमत 206 इंडोनेशियन रुपाह है. यानी हर एक रुपया यहां जाकर 206 हो जाएगा. यहां 1 लाख रुपये की कीमत 2 करोड़ हो जाएगी.

बेलारूस

बेलारूस में एक भारतीय रुपये की कीमत 216 रुबल है. यानी हर एक रुपया यहां जाकर 216 हो जाएगा. यहां अगर आपके पास 1 लाख रुपये 2.1 करोड़ रुपये हो जाएगी.

वियतनाम

वियतनाम में एक भारतीय रुपये की कीमत 350 वियतनामेस डौन्ग है. यानी हर एक रुपया यहां जाकर 350 हो जाएगा. यहां 1 लाख रुपये की कीमत है 3.5 करोड़.

अब आप सोचिये की इतने पैसे में आप कितने आराम से इन जगहों की सैर करने के साथ साथ खूब सारी शौपिंग कर सकती हैं तो फौरन बैग पैक कर निकल जाइये इन जगहों की सैर पर.

अमीर बनने की आज से ही करें शुरुआत, ऐसे करें निवेश

अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने के लिए बचत और निवेश सबसे महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में अपने निवेश को अनुशासित और नियमित रखने से छोटी अवधि में बड़े रिटर्न हासिल किये जा सकते हैं. आपको बता दें कि मजह महीने में 500 रुपये की बचत के साथ भी निवेश करने से अच्छा रिटर्न कमाया जा सकता है. इस संबंध में निवेश और टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि दीर्घ अवधि (पांच वर्ष या उससे अधिक) के लिए लार्ज कैप फंड में एसआईपी, मध्यम अवधि (तीन से पांच वर्ष) के लिए बैलेंस्ड फंड और लघु अवधि (एक से तीन वर्ष) के लिए लिक्विड फंड या डेट फंड में निवेश बेहतर विकल्प हैं.

अगर नजरिया है दीर्घ अवधि के लिए

दीर्घ अवधि यानी कि पांच वर्ष या उससे अधिक के लिए निवेश योजना बना रहे हैं तो ऐसी स्थिति में टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि लार्ज कैप फंड में सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लानिंग (एसआईपी) करें. इन निवेश विकल्प में आप महीने के 500 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. साथ ही इसपर मिलने वाला रिटर्न शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर निर्भर करता है. सिप में निवेश म्युचुअल फंड के माध्यम से डेट और इक्विटी दोनों में किया जा सकता है. इसके जरिए निवेशक आम तौर पर 12 से 13 फीसद के रिटर्न का अनुमान लगाता है.

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अगर नजरिया है मध्यम अवधि का

मध्यम अवधि यानी कि तीन वर्ष से पांच वर्ष की अवधि के लिए बैलेंस्ड फंड में निवेश करना बेहतर है. जानकारी के लिए बता दें कि बैलेंस्ड फंड लगभग समान अनुपात में डेट और इक्विटी में निवेश किये जाते हैं. शेयर बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव के आधार पर फंड मैनेजर आवंटन में बदलाव कर सकता है. यह उन निवेशकों के लिए बेहतर होते हैं जो निकट भविष्य में रिटायर हो रहे हैं. साथ ही जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.

अगर नजरिया है छोटी अवधि का

छोटी अवधि यानी कि एक वर्ष से तीन वर्ष के लिए निवेश. यदि निवेशक एक वर्ष से कम समय के लिए निवेश करना चाहता है तो लिक्विड फंड या शौर्ट टर्म डायनैमिक बौन्ड फंड में निवेश करना चाहिए. वहीं, अगर एक वर्ष से अधिक समय के लिए निवेश करना है तो डेट फंड का चुनाव करना चाहिए. वहीं, छोटी अवधि के लिए रेकरिंग डिपौजिट (आरडी) में भी निवेश किया जा सकता है. लेकिन निवेश और टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार इसपर मिलने वाला ब्याज काफी कम होता है. इसलिए लिक्विड फंड या डेट फंड अच्छे विकल्प हो सकते हैं.

क्या होते हैं लिक्विड फंड

लिक्विड फंड म्यूचुअल फंड्स के ही एक प्रकार हैं. ये गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, सर्टिफिकेट औफ डिपौजिट, ट्रेजरी बिल्स, कौमर्शियल पेपर्स और दूसरे डेट इंस्टूमेंट्स में निवेश करते हैं जिनकी मैच्योरिटी 91 दिनों तक होती है. ये फंड सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खास होते हैं.

क्या होते हैं डेट फंड

डेट फंड से निवेशक कभी भी अपने पैसों की निकासी कर सकता है और महज एक दिन के भीतर यह राशि निवेशक के बैंक एकाउंट में ट्रांस्फर कर दी जाती है. इसका मुख्य उदेश्य निवेशकों को सुरक्षित निवेश के जरिए फायदा पहुंचाना है. आम तौर पर निवेशकों का पैसा सरकारी प्रतिभूतियों, बांड और कोरपोरेट डिबेंचर्स में निवेश किया जा है. अलग-अलग फाइनेंशियल लक्ष्यों के मुताबिक विभिन्न डेट फंड होते हैं. इनपर शेयर बाजार में हो रहे उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ता. इनमें जोखिम नहीं होता है. हालांकि डेट फंड का रिटर्न फिक्स्ड नहीं होता है. यह घटता बढ़ता रहता है.

बौलीवुड के बाद अब ‘मैन वर्सेज वाइल्ड’ में काम करेंगी सनी लियोनी

एक्ट्रेस सनी लियोनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और फैंस के लिए अपनी तस्वीरें शेयर करती रहती हैं. सनी ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. सनी के द्वारा शेयर की गई तस्वीरों पर यजूर्स ने कमेंट कर ट्रोल करना शुरु कर दिया है. सनी लियोनी मशहूर इंटरनेशनल शो ‘मैन वर्सेज वाइल्ड’ की शूटिंग में बिजी हैं.

इस बात की जानकारी खुद सनी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शूटिंग की तस्वीर पोस्ट कर दी. सनी ने कैप्शन लिखा, मैन वर्सेज वाइल्ड के सेट पर. जिसके बाद यूजर्स ने सनी की फोटो पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं देने लगे. सनी लियोनी कलर्स टीवी पर प्रसारित होने वाले शो बिग बौस के बाद बौलीवुड जगत में कदम रखा था. सनी फिल्मों में लीड रोल के साथ ही साथ आइटम नंबर्स भी कर चुकी हैं.

सनी की फोटो में कमेंट कर लोगों ने पूछा, अब किस फिल्म की शूटिंग कर रही हो. इतना ही नहीं लोगों ने कमेंट कर पोर्न स्टार तक कह डाला, जबकि सनी के कुछ फैंस ने सपोर्ट में भी कमेंट किए. सनी के सपोर्ट में लोगों ने कमेंट कर कहा, अब सनी बौलीवुड स्टार हैं. सनी इन दिनों फिल्म ‘वीरमादेवी’ की शूटिंग में बिजी हैं. सनी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक फोटो शेयर कर जानकारी दी है.

When you think you know magic! ? #SunnyLeone

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एमटीवी पर प्रसारित होने वाले शो स्पिलिट्सविला के कुछ सीजन्स को भी होस्ट कर चुकी हैं. सनी इन दिनों नए चैनल डिस्कवरी जीत में प्रसारित होने वाले शो मैन वर्सेज वाइल्ड को होस्ट कर रही हैं. शो की शूटिंग की तस्वीरों को भी सनी ने शेयर किया है. तस्वीर में सनी लियोनी एक पेड़ से लटकी हुई नजर आ रही हैं. सनी की फैन फौलोइंग का पता उनके फौलोवर्स से चलता है. सनी के इंस्टाग्राम पर 11 मिलियन से ज्यादा फौलोवर्स हैं.

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