समय के साथ साथ क्रौकरी के बदलते अंदाज

पार्टी में क्रौकरी का विशेष महत्त्व है. आज बाजार में हर अवसर और हर प्रयोजन के लिए खूबसूरत रंगों और डिजाइनों में सुंदर, फैंसी एवं टिकाऊ क्रौकरी उपलब्ध है. क्रौकरी में आकार, रंग और डिजाइन का विशेष महत्त्व है. पहले क्रौकरी के निश्चित आकार व डिजाइन होते थे- छोटी व बड़ी प्लेटें, छोटीबड़ी कटोरियां. डिश प्लेटें थोड़ी चपटी लेकिन गोल होती थीं. सर्विंग बाउल्स भी गोल होते थे. यानी राउंड शेप का बोलबाला था. राइस प्लेट कभी कभार ओवल शेप की होती थी.

खूबसूरत रंग व डिजाइन में उपलब्ध

रंगों की बात करें तो रंगों ने टेबलवेयर और क्रौकरी के अंदाज को ही बदल दिया है. आज सफेद की जगह ब्राइट रैड, ब्लू, औरेंज, ब्लैक जैसे रंगों ने ले ली है. 2 या 3 रंगों से बने खूबसूरत डिजाइनों से सजी क्रौकरी व टेबलवेयर्स पार्टी की शोभा बढ़ाते हैं. डिजाइन की दुनिया में तो जैसे क्रांति आ गई है. आज फूलों वाली और बार्डर वाली क्रौकरी की जगह मौडर्न आर्ट ने ले ली है. नामीगिरामी कलाकारों द्वारा तैयार किए गए डिजाइन आज क्रौकरी पर आजमाए जा रहे हैं. पहले गिलास स्टैंडर्ड साइज के होते थे, 200 मि.ली. के. लेकिन आज गिलासों के साइज में ही नहीं उन के मैटेरियल, आकार और डिजाइन में भी रोमांचक बदलाव आए हैं. पहले गिलास सिर्फ पारदर्शी कांच के ही होते थे, लेकिन कुछ कंपनियों ने बोनचाइना और कांच जैसी फिनिश वाले प्लास्टिक के गिलास भी बाजार में उतारे हैं, जो न केवल देखने में खूबसूरत हैं बल्कि स्टैनप्रूफ भी हैं. गिलास कई साइजों और आकारों में मिलते हैं- लंबे और पतले, छोटे, मोटे, नाटे, राउंड, स्क्वैयर आदि. पार्टी में बहुत बड़े गिलास न रखें, इस से पानी और कोल्ड ड्रिंक्स की बरबादी होती है.

चाय या कौफी के मग की बात करेें तो बाजार में जा कर समय में नहीं आता कि क्या खरीदें और क्या छोड़ें. सैकड़ों प्रकार के खूबसूरत रंगों और डिजाइनों के कप और मग हमें अपनी ओर आकर्षित करते हैं.

ध्यान देने योग्य बातें

पार्टी के लिए क्रौकरी व टेबलवेयर्स का चयन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

– पार्टी के लिए आधुनिक किस्म की क्रौकरी का ही चयन करें.

– आधुनिक क्रौकरी आज के समय की मांग के अनुसार हर प्रकार से फिट होती है जैसे कि माइक्रोवेव, डिशवाशर, सेफ कुक ऐंड सर्व यानी एक ही बरतन में खाना पकाओ और सर्व करो. इस से बरतनों की खपत बहुत कम हो जाती है. इन बरतनों में रखे खाने को ठंडा होने पर तुरंत माइक्रोवेव में गरम किया जा सकता है.

– दूसरी जरूरी बात है क्रौकरी का ड्यूरेबल यानी टिकाऊ होना. अगर पार्टी में बच्चे अधिक हों तो कांच या बोनचाइना की क्रौकरी के प्रयोग से बचें. ऐसे में अनब्रेकेबल क्रौकरी का प्रयोग करें. प्लास्टिक या मैलामाइन की अनब्रेकेबल क्रौकरी को समेटना, सहेजना और साफ करना बहुत आसान होता है, टूटफूट की कोई गुंजाइश नहीं होती. सब से जरूरी बात है क्रौकरी व टेबलवेयर का स्टैनप्रूफ होना. स्टैनप्रूफ टेबलवेयर हमेशा नए जैसे दिखते हैं. कांच और सिरेमिक्स की क्रौकरी में तो यह खतरा नहीं रहता लेकिन प्लास्टिक और मैलामाइन की अनब्रेकेबल क्रौकरी को अगर तुरंत साफ न किया जाए तो प्लेटों, डोंगों और कटोरियों में हलदी के दाग पड़ जाते हैं, जो कभी नहीं छूटते.

– आज बाजार मेें अच्छे किस्म की स्टैनप्रूफ अनब्रेकेबल क्रौकरी उपलब्ध है, जो थोड़ी महंगी जरूर है लेकिन सालोंसाल नई जैसी दिखती है. बोनचाइना, सिरैमिक्स और कांच की क्रौकरी देखने में अति विशिष्ट दिखाई देती है. इस क्रौकरी का प्रयोग ऐक्जीक्यूटिव किस्म की पार्टियों तक ही सीमित रखें.

सेहत के लिए अच्छी है बिना तकिया लगाए सोने की आदत

मुलायम तकिया सोने में आराम देता है, इसलिए हम सभी को सिर के नीचे तकिया लगाकर सोने की आदत होती है. लेकिन क्या आपको पता है कि तकिया लगाकर सोना आपके सेहत के लिए काफी हानिकारक है. इससे आपको रीढ़ संबंधी समस्याओं के अलावा कील-मुहांसों और झुर्रियों तक की समस्या हो सकती है.

बिना तकिया लगाए सोने की सलाह आपने कई बार सुनी होगी लेकिन ऐसा करने से आपको क्या क्या फायदे हो सकते हैं इसके बारे में हम आज आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं.

बिना तकिया लगाए सोने के फायदे

पीठ दर्द रोकने में मददगार

जब हम बिना तकिए के सोते हैं तब हमारी रीढ़ बेहद ही आराम की मुद्रा में होती है और शरीर प्राकृतिक वक्रता में होता है. ऐसे में मोटे तकिए के साथ सोने पर पीठ और गर्दन में दर्द होने की समस्या हो सकती है. अगर आपके साथ पीठ दर्द की समस्या है तो तत्काल ही तकिए का प्रयोग बंद कर दें, इससे कुछ ही दिनें में आपको बेहतर परिणाम मिलेगा.

याद्दाश्त बढ़ाए

जब हम सोते हैं तब हमारा दिमाग आराम की स्थिति में होता है. सुबह जब हम मानसिक रूप से तरोताजा होकर उठते हैं तो हमारी मेमोरी सेहतमंद रहती है. इससे याद्दाश्त दुरुस्त रहता है. लेकिन ऐसा तभी संभव है हम जब हमारे सोने की पोजिशन सही हो. सही पोजिशन में सोने के लिए सर के नीचे से तकिया हटाना बेहद ही जरूरी है.

नींद की क्वालिटी सुधरती है

अगर आप सोचते हैं कि सोते समय मखमली तकिया आपके गर्दन और सिर को सपोर्ट करता है, उन्हें आराम देता है और आपकी नींद को बेहतर बनाता है तो आप गलत हैं. एक शोध में बताया गया है कि बिना तकिए के सोने से न कि केवल नींद की क्वालिटी सुधरती है बल्कि इन्सोम्निया जैसी नींद न आने वाली समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है.

मुहांसे और झुर्रियां रोकने में मददगार

तकिए के कवर पर काफी मात्रा में धूल-गंदगी और बैक्टीरिया होते हैं जो चेहरे की त्वचा पर चिपककर मुहांसों आदि का कारण बनते हैं. इसके अलावा तकिए पर हमारे चेहरे की त्वचा काफी आराम की स्थिति में होती है. इससे चेहरे पर झुर्रियों के आने का खतरा भी 30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. ऐसें में अगर आप मुहांसों और कम उम्र में ही झुर्रियों की समस्या से निजात पाना चाहती हैं तो आज ही से तकिए को कहे बाय बाय.

गुजरात में शुरू हुआ काइट फेस्टिवल, जानिए क्या है खास

हम में से ज्यादातर लोगों को पतंग उड़ाने का शौक होता है. बचपन में कई लोगों को पतंगबाज भी कहा जाता होगा. अगर आपको भी पतंगबाजी का शौक है, तो आप काइट फेस्टिवल (पतंग महोत्सव का हिस्सा बन सकते हैं) गुजरात में हर साल अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है. इस बार भी 7 जनवरी रविवार से अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आगाज हो गया है जो 14 जनवरी रविवार तक चलेगा.

इस बार क्या रहा खास

महज सौ करो़ड़ रुपए का पतंग कारोबार पांच सौ करो़ड़ रुपए को पार कर गया है. सरकार को इस वर्ष पतंग उद्दोग में 2.5 प्रतिशत बढ़ोतरी की आस है. राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित यह उत्सव 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन संपन्न होगा. पतंग उद्दोग से करीब तीन लाख लोगों की रोजी रोटी जु़ड़ी है. इस महोत्सव में 44 देशों के 150, 18 राज्यों के 200 तथा गुजरात के 300 पतंगबाज शामिल हैं.

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गुजरात के अहमदाबाद शहर में साल 1989 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया था और तब से हर साल इस महोत्सव का आयोजन हो रहा है. इस साल फेस्टिवल का 29वां साल है.

इस काइट फेस्टिवल का मुख्य आकर्षण है अलग-अलग शेप, साइज और कलर में दिखने वाली लाखों पतंगें.

गुजराज टूरिज्म इस महोत्सव का समर्थन करता है और इस महोत्सव का मुख्य इवेंट अहमदाबाद स्थित साबरमती रिवरफ्रंट पर होता है.

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कैसे पहुंचे

अहमदाबाद के अन्यर स्टे्शन, मणिनगर, वाटवा, गांधीग्राम, असरवा, चंदलोदिया, काली गम, वस्त्र पुर, साबरमती, सारखेज, नरौदा और आमली हैं. अहमदाबाद का एयरपोर्ट, सरदार बल्लभ  भाई पटेल अंतरराष्ट्रीरय एयरपोर्ट है, जो शहर से 15 किमी. की दूरी पर स्थित है और यहां का रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट से 8 किमी. की दूरी पर स्थित है. बस स्टैंड, घरेलू और अंतरराष्ट्री य पर्यटकों के लिए सुविधा प्रदान करते है.

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जानिए लोन ना चुका पाने की सूरत में बैंक क्या कर सकता है आपके साथ

पैसों (लोन) की आसान उपलब्धता के चलते आज हर कोई अपने खुद के घर को खरीदने की योजना बना लेता है. इस सूरत में लोग डाउन पेमेंट के लिए तो अपनी सेविंग में से एकमुश्त राशि जुटा लेते हैं, लेकिन वो बाकी के पैसों के लिए अपनी क्षमता के मुताबिक बैंक का सहारा लेते हैं. ऐसे में जरा सोचिए कि काफी मशक्कत के बाद जब आप अपना घर पा लेते हैं और उसके बाद अगर आप ईएमआई न चुकाने की स्थिति में आ जाएं तो क्या होगा?

मान लीजिए घर का मालिकाना हक पा लेने के बाद आपकी नौकरी चली जाए तब आप क्या करेंगे? यह आपके लिए एक बेहद गंभीर स्थिति होगी. ऐसे में आपकी वित्तीय स्थिति तो खराब होगी ही, लेकिन आप लोन का भुगतान न कर पाने की स्थिति में भी आ चुके होंगे. ऐसे में यह जान लेना आपके लिए बेहद जरूरी है कि इस स्थिति में आ जाने पर आपको क्या करना चाहिए.

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लोन के भुगतान में देरी पर क्या होता है?

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक अगर लगातार 90 दिनों तक लोन के संबंध में किसी भी राशि या ईएमआई (EMI) का भुगतान नहीं किया जाता है तो इसे नौन परफार्मिंग एसेट्स (एनपीए) मान लिया जाता है. ऐसी स्थिति में बैंक खाताधारक को एक नोटिस भेजेगा जिसमें कहा जाएगा कि वो लोन की कुल राशि का भुगतान एक बार में कर दे. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं (लोन का भुगतान) तो बैंक आपको कानूनी कार्यवाही की धमकी भी दे सकता है.

लोन लेने के बाद न चुकाने की सूरत में क्या होता है?

लोन न चुका पाने की सूरत में पहले तो बैंक आपको एक नोटिस भेजता है. पहली लीगल नोटिस भेजे जाने के दो महीने बाद (लोन का भुगतान न करने के पांच महीने बीत जाने के बाद) बैंक आपको दूसरी नोटिस भेजता है. बैंक इस नोटिस के जरिए आपको बताता है कि आपके घर की कुल कीमत कितनी है और इसे नीलामी के लिए कितनी कीमत पर रखा गया है. घर की नीलामी की तारीख भी निश्चित होती है जो कि आमतौर पर दूसरा नोटिस भेजे जाने के एक महीने बाद की होती है. आमतौर पर आवासीय ऋण के अधिकांश मामले एनपीए से जुड़े हुए नहीं होते हैं. इसलिए बैंक ऐसे मामलों में तत्काल कार्यवाही नहीं करते हैं बल्कि खाताधारक पर लगातार दबाव बनाते रहते हैं. लेकिन इन सब के बावजूद अगर खाताधारक कोई प्रतिक्रिया नहीं देता है, तब बैंक कानूनी कार्यवाही का इस्तेमाल करते हैं.

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बैंक क्या कर सकते हैं?

कर्ज देने वाली एजेंसियों की रक्षा के लिए संसद ने साल 2002 में एक कानून पास किया था, जिसे सर्वे सी कहा गया. इसके मुताबिक अगर होम लोन का भुगतान नहीं किया जाता है, तो बैंक संपत्ति को जब्त कर सकता है और उसकी नीलामी करा सकता है. हालांकि बैंक इस कार्यवाही को अंजाम देने से पहले अन्य विकल्पों पर भी गौर करते हैं. बैंको का मुख्य काम अटके हुए लोन की राशि को वापस पाना होता है. हालांकि कुछ परिस्थितियों में बैंक अंतिम विकल्प (एक्स्ट्रीम कंडीशन) को अपनाते हैं. क्योंकि बैंक का प्राथमिक काम ही लोन देना और एक निश्चित अवधि के बाद उसे पाना होता है.

प्रौपर्टी नीलाम करने के बाद क्या होता है?

हालांकि कर्जदार की प्रौपर्टी नीलाम करने के बाद भी बैंकों को सकून नहीं मिलता है. अगर बैंक आपका घर सीज करके नीलामी के जरिए बेच देता है तो उस सूरत में अगर नीलामी में मिली राशि व्यक्ति के ऊपर बैंक के कर्ज से ज्यादा बैठती है तो बाकी की राशि बैंक को उसके (कर्जदार) खाते में वापस डालनी होती है. लेकिन अगर इसके उलट आपकी संपत्ति को नीलामी में आपके ऊपर चढ़े कर्ज से कम रकम हासिल होती है तो आपको बाकी की राशि बैंक को चुकानी होगी.

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एक्सपर्ट की राय

एक्सपर्ट बताते हैं कि बैंक पहले तो होम लोन के गारंटर को एक वार्निंग नोटिस भेजता है. इस नोटिस का जवाब न मिलने की सूरत में बैंक सिक्योरिटाइजेशन एक्ट के तहत (Securitisation Act) संपत्ति को कब्जे में ले लेता है. संपत्ति को कब्जे में लेने के बाद उसकी नीलामी कर लोन की राशि भुना ली जाती हैं.

वहीं अगर पर्सनल लोन के मामले में कोई ऐसा करता है, यानी लोन नहीं चुकाता है तो सिबिल में उसके खिलाफ शिकायत कर दी जाती है. इस शिकायत के बाद उक्त व्यक्ति देश के किसी भी बैंक लोन पाने का हकदार नहीं रह जाता है. उन्होंने बताया कि पर्सनल लोन अमूमन छोटी राशि के होते हैं इसलिए सिबिल में ही इसकी शिकायत करना काफी रहता है.

आपको जानकारी के लिए बता दें कि लोन दो तरह के होते हैं एक सिक्योर्ड लोन और दूसरा अनसिक्योर्ड लोन. सिक्योर्ड लोन में होम लोन, गोल्ड लोन, म्यूचुअल फंड लोन, औटो लोन और मौर्गेज लोन आते हैं. वहीं अनसिक्योर्ड लोन की श्रेणी में पर्सनल लोन और एजुकेशन लोन आते हैं.

आपकी आंखों की रोशनी बढ़ाएंगे ये आसान से उपाय

आजकल की जीवनशैली में कंप्यूटर, मोबाइल और लैपटौप आदि लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन गया है. इनके लगातार इस्तेमाल की वजह से लोगों को आंखों से संबंधित समस्याएं हो रही हैं. टीवी, मोबाइल और कंप्यूटर पर ज्यादा समय बिताने की वजह से बहुत कम उम्र के बच्चों में भी नजरदोष की समस्याएं होने लगी हैं. इस कारण बचपन में ही उनकी आंखों में चश्मा चढ़ जाता है. कई बार नजरे इतनी कमजोर हो जाती हैं कि बच्चों की आंखों पर जीवन भर के लिए चश्मा चढ़ा दिया जाता है. ऐसे माहौल में आंखों के प्रति हमारी जिम्मेदारियां बढ़ी हैं. इसलिए हमें अब इसका ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है.

आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताने जा रहे हैं जिनका नियमित इस्तेमाल कर आप आंखों की समस्याओं से से निजात पा सकती हैं.

हरी घास पर टहलें

हर रोज सुबह हरी घास पर 15-20 मिनट तक नंगे पैर टहलने से आप आंखों की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकती हैं. घास पर ओस की नमी रहती है. इस वजह से इसकर टहलने से आंखों को ठंडक पहुंचती है. इससे तनाव से भी राहत मिलता है. नियमित रूप से ऐसा करने पर आंखों की रोशनी भी बढ़ती है.

आखों पर ठंडे पानी के छीटें मारें

सुबह उठकर सबसे पहले मुंह में पानी भरकर आंखों पर साफ ठंडे पानी के छीटें मारें. इस दौरान आंखें खुली रखें. ऐसा करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है.

गाजर खाएं

हर रोज 1-2 गाजर चबा-चबाकर खाएं. आंखों की रोशनी बढ़ाने में गाजर बेहद ही कारगर उपाय है.

हरी पत्तेदार सब्जियां खाएं

हरी सब्जियां जैसे पालक, पत्ता गोभी और पीले फल खाना आंखों की सेहत के लिए अच्छा होता है. इनमें विटामिन ए, सी और ई पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. इसके अतिरिक्त पपीता, संतरा, नींबू आदि के सेवन से भी आंखों की रोशनी बढ़ती है.

डाइट में शामिल करें सोया

सोया व इसके उत्पाद में बहुत कम फैट होता है. इसमें प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है. यह आंखों के अच्छे स्वास्थ्य के लिहाज से जरूरी होता है. इसमें फैटी एसिड, विटामिन ई सहित अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसलिए अगर आपको आंखों से संबंधित किसी भी तरह की समस्या है तो अपने डाइट में सोया को जरूर शामिल करें.

ओंब्रे मेकअप बन गया है ब्यूटी का नया ट्रैंड

मेकअप और ब्यूटी दोनों को फ्रैश बनाए रखने के लिए मेकअप आर्टिस्ट को हमेशा कुछ न कुछ चुनौतीपूर्ण काम करते रहना पड़ता है, ताकि नयापन बना रहे. इस दिशा में आजकल ‘ओंब्रे मेकअप’ ट्रैंड में है. छोटीमोटी पार्टी हो या विवाह ओंब्रे मेकअप हर जगह अच्छा लगता है.

असल में मेकअप में ओंबे्र हेयर कलर से ही आया है, जिसे सभी ने खूब पसंद किया. यही वजह है कि इस तकनीक को लिप्स, चीक्स और आईज मेकअप में लाया गया है. इस में एक ही कलर टोन या कंट्रास्ट कलर के लाइट और डार्क शेड का प्रयोग कर मेकअप किया जाता है, जो सुंदर दिखने के साथसाथ आकर्षक भी लगता है.

फैशन में इन है

लैक्मे सैलून की क्रिएटिव डाइरैक्टर और मेकअप ऐक्सपर्ट सुषमा खान बताती हैं कि ओंब्रे मेकअप इस साल फैशन में खूब है. ओंब्रे एक तकनीक है, जिस में होंठों पर 2-3 कलर का प्रयोग कर फाइनल कलर दिया जाता है. इस में अधिकतर 3 रंग मिलाएं जाते हैं. ब्राइड में इस बार हौट औरेंज कलर बहुत अधिक प्रचलन में है. रैड कलर पहले से ही पौपुलर है. ब्राइड के लिए रैड क्लासिक कलर है. इंडियन वैडिंग में इस की खास जगह होती है. लाल रंग के बिना शादी अधूरी होती है. 80% महिलाएं लाल या मैरून कलर की पोशाक शादी में पहनती हैं. सारे ब्राइट कलर जैसे हौट औरेंज, फ्यूशिया कलर आदि सभी फैशन में हैं.

यह मेकअप करने से पहले निम्न बातों का ध्यान दें:

– सब से पहले ड्रैस क्या पहनने वाली हैं, उस पर ध्यान देना जरूरी होता है. ड्रैस को कौंप्लिमैंट करने वाला रंग आप ले सकती हैं. मसलन, अगर आप लाल रंग की ड्रैस पहनने वाली हैं तो रैड के साथ मैरून और पिंक को भी लिया जा सकता है.

– ओंब्रे का अर्थ है एक ही फैमिली के डार्क और लाइट शेड लेना जैसेकि अगर आप ने लाल रंग की लिपस्टिक ली हो तो, उस से मैचिंग रंगों का चयन करें.

– पहले बेस लिपस्टिक से 1 शेड डार्क आउटर लिपलाइनर लगाएं. लाइन को थोड़ा थिक रखें. इस के बाद बेस लिपस्टिक और अंत में लिप्स के अंदर लाइट शेड लगाएं. इस के ऊपर लिप ग्लौस लगा कर उसे फाइनल टच दें.

– घर पर भी इस मेकअप को कर सकती हैं. इस के लिए आप अपने पर्सनल मेकअप आर्टिस्ट या सैलून से मेकअप का सामान खरीदते वक्त वहां की ऐक्सपर्ट से इसे करने की तकनीक जान लें.

– इस के अलावा इस साल होलोग्राफी का भी चलन है. इस में चेहरे के किसी एक भाग को हाईलाइट किया जाता है. ऐक्स्ट्रा शाइनिंग दे कर उस भाग को उभारा जाता है. इस में गोल्डन या सिल्वर कलर अधिक पौपुलर है. इस बार आंखों के ऊपर उसे देने का ट्रैंड रहेगा. ब्राइड भी इसे लगा कर अलग लुक पा सकती है.

– यंग ब्राइड पौप कलर और ब्राइट कलर पहन सकती है. उसी के अनुसार ओंब्रे मेकअप करें.

– स्किन कलर के आधार पर ड्रैस का चयन करें ताकि मेकअप सही दिखे.

सुषमा कहती हैं कि ब्राइड बनने जा रही लड़की को शादी के कुछ महीने पहले से स्किन की देखभाल करते रहना चाहिए ताकि शादी के दिन मेकअप उस के चेहरे को सुंदर बनाए.

‘पद्मावत’ देख इमोशनल हुईं संजय लीला भंसाली की मां, बोलीं..बेटे पर है गर्व

संजय लीला भंसाली की फिल्म को सेंसर से हरी झंडी मिलने के बाद भी विवाद कम नहीं हुए हैं. वहीं इस फिल्म को संजय लीला भंसाली की मां देखकर इमोशनल हो गईं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भंसाली ने खुद इस फिल्म के स्पेशल स्क्रीनिंग के दौरान यह फिल्म अपनी मां को दिखाया. उन्होंने कहा, मेरे बेटे का अब तक का सबसे बेहतरीन काम है पद्मावती. मुझे अपने बेटे पर गर्व है.

सूत्रो ने बताया कि उनकी मां यकीन नहीं कर पा रही थीं कि फिल्म और उनके बेटे के साथ इतना कुछ हुआ लेकिन फिल्म बहुत खूबसूरत बनी है. उनकी मां का कहना है कि फिल्म राजपूत महिलाओं के लिए सच्ची श्रद्धांजलि है.

रिलीज डेट पर बना है कंफ्यूजन

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पद्मावत की रिलीज डेट को ले करके कंफ्यूजन बना हुआ है, बता दें कि एक दिन पहले सूत्रों के हवाले से खबर आई थी का यह फिल्म 26 जनवरी को रिलीज होगी. अब कुछ रिपोर्ट्स में 25 जनवरी की रिलीज डेट बताई जा रही है. हालांकि वायकौम 18 से इस बारे में बात करने के बाद रिलीज डेट को लेकर कोई कंफर्म डेट नहीं बताई गई है.

इस बीच फिल्म की रिलीज को लेकर एक बातचीत के दौरान राजस्थान बीजेपी चीफ अशोक परनामी ने कहा है कि अगर सेंसर बोर्ड ने फिल्म को क्लीयरेंस दे दी है तो फिल्म में सभी आपत्तिजनक बातों को निकालना होगा. अगर फिल्म से आपत्तिजनक चीजों को हटा दिया गया है तो कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ है तो ये बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

राजस्थान में नहीं दिखाई जाएगी पद्मावत

पद्मावत फिल्म विवाद के बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने यह ऐलान किया है कि राजस्थान में पद्मावती फिल्म प्रदर्शित नहीं की जाएगी. फिल्म को लेकर राजे ने बयान जारी करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए यह फैसला लिया गया.

राजे ने कहा कि रानी पद्मिनी का बलिदान प्रदेश के मान-सम्मान और गौरव से जुड़ा हुआ है इसलिए रानी पद्मिनी हमारे लिए सिर्फ इतिहास का एक अध्याय भर नहीं बल्कि हमारा स्वाभिमान हैं. उनकी मर्यादा को हम ठेस नहीं पहुंचने देंगे.

राजस्थान में करणी सेना पद्मावत फिल्म के रिलीज को लेकर सरकार से आर या पार के मूड में है. राज्य में दो लोकसभा अजमेर और अलवर के साथ एक विधानसभा मांडलगढ़ में उप चुनाव होने हैं. ऐसे में राजपूत वोटों को ध्यान में रखते हुए BJP किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है.

अपने हौट डांस से दर्शकों का दिल जीतने आ रही हैं सपना चौधरी

बिग बौस-11 से चर्चा में आई हरियाणवी सिंगर और डांसर सपना चौधरी भोजपुरी लुक में अपने जलवे दिखाने के लिए तैयार है. सपना भोजपुरी फिल्मों के मेगा स्‍टार रवि किशन की फिल्‍म ‘बैरी कंगना-2’ के लिए एक आइटम सौन्ग शूट किया है. जिसमें वह बेहद ही बोल्ड अंदाज में नजर आएंगी. सपना के आइटम सौन्ग को संजय कोर्वा ने कोरियोग्राफ किया है.

ये सपना की पहली भोजपुरी फिल्म है, जिसमें उन्होंने अपना सौ प्रतिशत देने की कोशिश की है. सपना के बारे में संजय कोर्वा का कहना है कि वे कमाल की एक्‍ट्रेस हैं. हमें उनसे जितनी उम्मीदें थी, उससे कहीं ज्यादा बेहतर परफार्म सपना ने किया है. संजय ने कहा कि भोजपुरी के औडियंस के लिए सपना का ये वेलकम गिफ्ट होगा.

सपना चौधरी ने कहा कि उसके लिए हर औडियंस और स्‍टेज बराबर है. बिग बौस के बाद उसके फैंस और बढ़े हैं, तो उन पर जिम्‍मेदारियां भी बढ़ी हैं. उनके पास फिल्मों के औफर भी हैं. सपना ने आगे कहा कि वह हर फिल्म में मर्यादा में रहकर काम करेंगी. उनके लिए हर किरदार बराबर है. वह किसी भी किरदार को छोटा-बड़ा नहीं मानती.

अपनी अदाओ और डांस से लोगों का दिल जीतने वाली सपना की लोकप्रियता बिग बौस में जाने के बाद और बढ़ गई है. इस वजह से फिल्‍म के प्रोड्यूसर विनोद पांडेय और अशोक श्रीवास्तव को उनसे काफी उम्‍मीद हैं.

बता दें कि आरएसवीपी प्रोडक्‍शन के बैनर तले बन रही फिल्‍म ‘बैरी कंगना-2’ में रवि किशन के साथ भोजपुरी की दो खूबसूरत एक्ट्रेस काजल राघवानी और शुभी शर्मा भी नजर आएंगी. मगर फिल्म पंडितों का मानना है कि सपना चौधरी इन दोनों अभिनेत्रियों पर भारी पड़ सकती हैं.

उधर,  इस फिल्‍म को लेकर रवि किशन भी काफी एक्‍साइटेड हैं और कहते हैं कि विनोद कुमार पांडेय प्रस्‍तुत फिल्‍म ‘बैरी कंगना-2’ पर पूरी इंडस्‍ट्री की नजर पहले ही दिन से है, क्‍योंकि इसका पहला पार्ट बेहद खूबसूरत था.

रवि किशन ने सपना चौधरी के एपीयरेंस पर कहा कि सपना चौधरी एक बेहतरीन कलाकार हैं. आज वे जिस मुकाम पर हैं, वो उन्‍होंने अपने बलबूते पर कड़ी मेहनत और लगन से हासिल किया है. इसलिए उनका हमारी फिल्‍म का पार्ट बनना सार्थक ही होगा.

क्या आपने देखा ये खूबसूरत गांव, एक बार जरूर जाएं

ज्यादातर लोग गांव में अपनी ट्रिप प्लान नहीं करना चाहते, उन्हें लगता है कि भला गांव में घूमने-फिरने की क्या जगह होगी? अगर आपको भी ऐसा लगता है तो हम आपको शिलौन्ग के पास मावलिननांग गांव के बारे में ऐसी खास बातें बताएंगे, जिससे आप एक बार तो यहां घूमना जरूर चाहेंगे. साथ ही आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में सबसे ज्यादा विदेशी टूरिस्ट आते हैं.

आपको जानकर हैरानी होगी कि एशिया में सबसे साफ-सुथरे गांव का खिताब 2003 भारत के शिलौन्ग के पास मावलिननांग गांव को मिला है. इस गांव का एक और नाम भी है- भगवान का अपना बगीचा (God’s own garden). इस गांव की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं.

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दूसरे गांवों से अलग है ये गांव

उत्तर पूर्व के इस छोटे से गांव में अगर आप प्लास्टिक से बनी चीजें ले जाते हैं, तो संभल जाइए क्योंकि यहां प्लास्टिक बैन है. यहां के लोग साफ-सफाई के लिए प्रशासन पर निभर्र नहीं हैं बल्कि खुद ही पूरे गांव की सफाई करते हैं. यहां सफाई के प्रति जागरुकता न केवल बड़ों में बल्कि बच्चों में भी है. यहां के लोग कुड़े-कचरे को बांस से बनी कुड़ेदान में डालते हैं जिसे हर गली और चौराहों पर बांधकर रखा जाता है. जमा किए गए कुड़े को खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. मावलिननांग गांव जाने के बाद आपको ऐसा लगेगा जैसे यहां के लोग साफ-सफाई के अलावा और कुछ नहीं जानते.

शहरों से ज्यादा आगे है ये गांव

मेघालय की राजधानी शिलौन्ग से कुछ ही दूरी पर स्थित मावलिननांग गांव 2003 से पहले भारत सहित पूरे विश्व के लिए एक अपरिचित गांव था. यहां पर्यटक भी नहीं आते थे लेकिन जैसे ही इस गांव की चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी बड़ी संख्या में यहां पर्यटक आने लगे. पूरे साल पर्यटकों का यहां जमावड़ा लगा रहता है. इससे इस गांव की आमदनी भी होती है. साल 2014 की गणना के अनुसार, यहां 95 परिवार रहते हैं. यह गांव न केवल साफ-सफाई के मामलों में अव्वल है बल्कि यहां कि साक्षरता दर भी सौ फीसदी है.

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इस गांव की एक और खास बात है. भारतीय समाज में जहां पिता की संपत्ति पर पुरुष का अधिकार माना जाता है, वहीं इस गांव में पिता के पास संपत्ति रहती ही नहीं बल्कि मां से पुत्री के पास संपत्ति जाती है. यहां के बच्चों को मां का सरनेम दिया जाता है.

कैसे पहुंचे : नेशनल हाइवे 40 के जरिए शिलांग देश के बाकी हिस्सों से अच्छे से जुड़ा हुआ है. एनएच 40 शिलांग को गुवाहाटी से जोड़ता है. मुख्य शहर से 30 किमी दूर उमरोई में एयरपोर्ट भी है.

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घूमने का बेस्ट टाइम : ठंड और बरसात के ठीक बाद शिलांग घूमना सबसे अच्छा माना जाता है, यानी आप मार्च-अप्रैल और सितंबर-फरवरी घूमने जा सकते हैं.

इन जगहों पर लगाएं पैसे, टैक्स में होगी बचत

आयकर रिटर्न दाखिल करने के दौरान आपको अपनी सेविंग और उन खर्चों की पूरी डिटेल देनी होती है जो आपको टैक्स की बचत करने में मदद करते हैं. टैक्स डिडक्शन की श्रेणी में आने वाले अधिकांश खर्चे 80सी के तहत आते हैं, हालांकि कुछ ऐसे खर्चे भी होते हैं जो आपकी टैक्स की बचत करते हैं और ये आयकर की धारा 80सी के दायरे में नहीं बल्कि अन्य धाराओं के अंतर्गत आते हैं. हम अपनी इस रिपोर्ट में आपको ऐसे ही कुछ खर्चों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.

एजुकेशन लोन

अगर आपने अपने लिए, पत्नी या बच्चे के लिए एजुकेशन लोन लिया हुआ है या फिर आप किसी ऐसे स्टूडेंट के कानूनी रूप से अभिभावक है तो सेक्शन 80ई के तहत लोन के लिए भुगतान की गई ब्याज राशि पर क्लेम कर सकते हैं. किसी भी वित्त वर्ष में भुगतान की गई कुल ब्याज राशि बिना किसी लिमिट के इस कटौती के लिए वैध है. स्कूल की ट्यूशन फीस भी सेक्शन 80सी के टैक्स बेनिफिट्स के दायरे में आती है. टैक्स बेनिफिट की राशि 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष की कुल सीमा के भीतर है. टैक्स के लिहाज से फीस करदाता की टोटल ग्रौस इनकम को कम देता है जिससे टैक्स देनदारी भी कम हो जाती है.

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मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम

सेक्शन 80डी के तहत मेडिकल इंश्योरेंस के लिए भुगतान की गई प्रीमियम राशि कटौती के लिए योग्य होती है. इस सेक्शन के तहत क्लेम की जाने वाली अधिकतम राशि 60,000 रुपये है. लेकिन इसमें कई उप सीमाएं भी शामिल हैं. कोई भी व्यक्ति 25000 रुपये की प्रीमियम राशि पर अधिकतम कटौती क्लेम कर सकता है जो उसने खुद के लिए, पत्नी या आश्रित बच्चों के लिए दी है. साथ ही 25000 रुपये की अतिरिक्त कटौती भी वैध होती है अगर प्रीमियम माता-पिता के लिए भुगतान किया गया है. अगर पौलिसीधारक वरिष्ठ नागरिक है तो कटौती की लिमिट 30,000 रुपये होती है.

होम लोन

सेक्शन 80सी के तहत होम लोन रिपेमेंट की प्रिंसिपल राशि पर कर कटौती उपलब्ध है. इस सेक्शन के अंतर्गत लागू कटौती में यह बात मायने नहीं रखती है कि आपने किस साल में भुगतान किया है. स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस की राशि भी इस सेक्शन के अंतर्गत कटौती योग्य होती है.

होम लोन के ब्याज भुगतान पर टैक्स ब्रेक की सुविधा आयकर की धारा 24 के अंतर्गत दी जाती है. सेल्फ औक्युपाइड प्रौपर्टी पर अधिकतम टैक्स डिडक्शन की सीमा 2 लाख रुपए निर्धारित है.

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फर्स्ट टाइम बायर्स के लिए होम लोन की ब्याज राशि पर सेक्सन 80ईई के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती का प्रावधान है. इस स्थिति में लोन राशि 35 लाख रुपये से कम और घर की कीमत 50 लाख रुपये से कम होनी चाहिए.

सेविंग एकाउंट पर ब्याज

सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज सेक्शन 80टीटीए के तहत कटौती के लिए योग्य है. क्लेम की जाने वाली अधिकतम राशि 10,000 रुपये है. इसका मतलब यह नहीं है कि 10,000 रुपये तक का ब्याज आयकर के दायरे से बाहर है.

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