आखिर मिल गया प्रतीक बब्बर को दूसरा प्यार, 22 जनवरी को होगी सगाई

अभिनेता व राजनेता राज बब्बर तथा अभिनेत्री स्व.स्मिता पाटिल के बेटे व अभिनेता प्रतीक बब्बर ने 2008 में आमिर खान की फिल्म ‘‘जाने तू या जाने ना’’ में अमित महंत का किरदार निभाकर अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा था. उसके बाद से अब तक वह ‘‘धोबीघाट’’ सहित करीबन आठ फिल्में कर चुके हैं. यानी कि उनका अभिनय करियर कुछ खास प्रगति नहीं कर रहा है. इसकी मूल वजह यह है कि वह अपने अभिनय करियर पर ध्यान देने की बजाय रोमांस में ही व्यस्त रहे हैं.

bollywood

2011 में फिल्म ‘‘एक दीवाना था’’ की शूटिंग करते करते प्रतीक बब्बर अपना दिल अभिनेत्री एमी जैक्सन को दे बैठे थे. इनकी जल्द ही शादी होने की भी खबरें आने लगी थीं, पर अचानक 2016 की शुरुआत में ही एमी जैक्सन  ने प्रतीक बब्बर को अपनी जिंदगी से बाहर कर दिया था. उसके बाद प्रतीक बब्बर इस कदर टूटे कि डिप्रेशन का शिकार हो गए. खुद प्रतीक बब्बर ने 2017 में बताया था कि प्यार में धोखा खाने के बाद वह किस तरह से टूटे थे और अभिनय वगैरह से उन्होंने दूरी बना ली थी. उन्होंने फिल्मों की स्क्रिप्ट पढ़नी बंद कर दी थी.

bollywood

बहरहाल, प्रतीक के इस सच को उजागर करने के बाद 2017 में ही उनकी जिंदगी में सान्या सागर का आगमन हुआ. सान्या सागर लखनऊ की रहने वाली हैं. उनके पिता राजनीति में है और खुद सान्या फिल्म निर्देशक और एडीटर है.

bollywood

प्रतीक बब्बर के नजदीकी सूत्रों की माने तो सान्या सागर ने प्रतीक बब्बर की जिंदगी बदल दी. अब प्रतीक बब्बर ‘मुल्क’ और ‘बागी 2’ सहित दो फिल्मों में अभिनय कर रहे हैं. तो वहीं वह अपनी जिंदगी को नए आयाम देने के लिए सान्या सागर के साथ आठ माह की डेटिंग के बाद अब 22 जनवरी को लखनऊ में सगाई करने वाले हैं. फिलहाल प्रतीक बब्बर और सान्या सागर दोनों सगाई को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. मगर सूत्र दावा कर रहे हैं कि सगाई समारोह में सिर्फ परिवार के लोग ही शामिल होंगे.

जब खरीदनी हो ड्रैसिंग टेबल तो इन बातों का रखें ध्यान

घर का इंटीरियर खासकर बैडरूम का इंटीरियर करते समय ड्रैसिंग टेबल का चुनाव बहुत अहम होता है. ड्रैसिंग टेबल महिलाओं के सजने संवरने में तो महत्त्वपूर्ण होती ही है, घर की साजसज्जा में भी अहम रोल अदा करती है. इन दिनों मार्केट में ड्रैसिंग टेबल की आप को बहुत सारी वैराइटी मिल जाएंगी. बस जरूरत है इस के सही इस्तेमाल और रखरखाव की.

ड्रैसिंग टेबल वुड मैटीरियल

ड्रैसिंग टेबल में 3 तरह की लकड़ी का इस्तेमाल होता है, पाइन ड्रैसिंग टेबल, टीक ड्रैसिंग टेबल और महोगनी ड्रैसिंग टेबल.

पाइन ड्रैसिंग टेबल: पाइन या देवदार की लकड़ी काफी मजबूत होती है. इस के छोटेछोटे टुकड़ों द्वारा ड्रैसिंग टेबल बनाई जाती है. देवदार की लकड़ी से बनाई गई ड्रैसिंग टेबल बहुत मजबूत होती है और अधिक दिनों तक चलती है. इस लकड़ी में ड्रैसिंग टेबल की बहुत सी डिजाइनें आप को मिल जाएंगी, जो बेहद स्टाइलिश लगती हैं.

टीक ड्रैसिंग टेबल: टीक या सागौन लकड़ी की बहुत ही फाइन क्वालिटी है. यह मल्टीकलर्स में मौजूद है. इस से बनी ड्रैसिंग टेबल और भी खूबसूरत लगती है. मार्केट में टीक वुड की ड्रैसिंग टेबल काफी पसंद की जाती है, क्योंकि आजकल कलरफुल चीजों का खासा चलन है.

महोगनी ड्रैसिंग टेबल: महोगनी लाल भूरे रंग की लकड़ी होती है, जिस का इस्तेमाल फर्नीचर बनाने के लिए किया जाता है. इस लकड़ी में काफी चमक होती है, तभी तो इस लकड़ी से बनी ड्रैसिंग टेबल ऐलिगैंट और क्लासी लुक देती है.

ड्रैसिंग टेबल के स्टाइल

कौंपैक्ट ड्रैसिंग टेबल: यदि आप के घर में कम जगह है तो आप कौंपैक्ट ड्रैसिंग टेबल खरीदें. यह कम जगह घेरती है. इस में सामान रखने के लिए 2-3 दराजें बनी होती हैं, जिन में आप आराम से अपना मेकअप का सामान रख सकती हैं. इस की कीमत 2,000 से शुरू हो कर 5,000 तक है.

लूप लैग ड्रैसिंग टेबल: लूप लैग ड्रैसिंग टेबल में 2 दराजें और 1 मिरर होता है. दराजों पर ग्लास लगा होने से वे काफी स्टाइलिश और क्लासी नजर आती हैं. मिरर का साइज काफी बड़ा होता है. साथ ही इस के आसपास स्टोंस और मिरर से डिजाइनिंग बड़ी खूबसूरत नजर आती है. यह आप के बैडरूम को यूनीक लुक देती है. इस की कीमत क्व3,000 से शुरू हो कर क्व6,000 तक है.

व्हाइट वर्टिकल डै्रसिंग टेबल: व्हाइट कलर की ड्रैसिंग टेबल अलग ही लुक देती है. इस में आप को काफी वैराइटी भी मिल जाएगी. वर्टिकल शेप की ड्रैसिंग टेबल काफी डिफरैंट नजर आती है. इस में काफी दराजें होने से आप को अपना सामान रखने में कतई दिक्कत नहीं होती. इस में राउंड और डिफरैंट शेप्स में हैंडल लगे होने से यह स्टाइलिश लुक देती है. इस की कीमत 2,500 से शुरू हो कर 7,000 तक है.

ऐंटीक डै्रसिंग टेबल: इस ड्रैसिंग टेबल पर ऐंटीक पौलिश होती है, जो आप के बैडरूम को भी ऐंटीक लुक देती है. इस की दराजों में मैटल के हैंडल लगे होते हैं, जो अलगअलग शेप और डिजाइन के होते हैं. इस में लगे मिरर भी बड़े साइज और डिफरैंट शेप्स में होते हैं. इस की कीमत 10,000 से शुरू होती है.

विक्टोरियन स्टाइल ड्रैसिंग टेबल: यदि आप अपने बैडरूम को शाही अंदाज देना चाहती हैं तो विक्टोरियन स्टाइल ड्रैसिंग टेबल को अपने इंटीरियर में शामिल करें. इस ड्रैसिंग टेबल की बहुत वैराइटी आप को मार्केट में मिल जाएगी. इस में मिरर के आसपास और दराजों पर काफी बारीक डिजाइनें बनाई गई होती हैं. यह ड्रैसिंग टेबल भारी लकड़ी से बनी होती है. इस की कीमत 25,000 से शुरू होती है:

बनाएं बैडरूम को अटै्रक्टिव

बैडरूम को स्टाइलिश और अट्रैक्टिव बनाने के लिए जरूरी है कि उस के इंटीरियर पर खासा ध्यान दिया जाए. बैडरूम के लिए जब आप को ड्रैसिंग टेबल अरेंज करनी हो तो निम्न बातों का ध्यान रखें:

कलर: डै्रसिंग टेबल खरीदते समय ध्यान दें कि आप के बैडरूम में लगे फर्नीचर, अलमारियों, दीवारों आदि का कलर कैसा है, क्योंकि फर्नीचर हमेशा मैचिंग होना चाहिए. बैडरूम में हमेशा लाइट कलर के ऐलिगैंट लगते हैं. ज्यादा ब्राइट और डार्क कलर्स का इस्तेमाल बैडरूम में कम ही करें.

लाइट्स: यदि ड्रैसिंग टेबल में लाइट्स की बात की जाए तो लेडीज के लिए ड्रैसिंग टेबल की लाइट काफी माने रखती है, क्योंकि उस में वे अपने मेकअप और ड्रैस को सही से देख पाती हैं. इस के लिए जरूरी है कि ड्रैसिंग टेबल में प्रौपर लाइट हो. मिरर के ऊपर लगी छोटी सी लाइट आप को तैयार होने में पूरी रोशनी देती है. इस के अलावा डै्रसिंग टेबल में साइड में लाइट लगी होती है, जो सजावटी होती है. ड्रैसिंग टेबल आप के बैडरूम को और भी अट्रैक्टिव बना देती है.

मिरर: बैडरूम में यदि आप कुछ मौडर्न या क्रिएटिव करना चाहती हैं तो ऐसी ड्रैसिंग टेबल चूज करें जिस का मिरर काफी बड़ा हो. आजकल वैसे भी इसी तरह की ड्रैसिंग टेबल्स का ट्रैंड है. इस से आप का बैडरूम बड़ा और अट्रैक्टिव नजर आता है. यदि आप के बैडरूम में कम स्पेस है, तो आप मिरर को दीवार में भी फिट करा सकती हैं. साथ ही दराजें बनवा कर ड्रैसिंग टेबल का लुक दे सकती हैं. वैसे फुललैंथ मिरर भी काफी चलन में है. इस से आप अपने पूरे लुक को देख सकती हैं.

रखने की जगह

इस बात को ले कर अकसर दुविधा रहती है कि ड्रैसिंग टेबल को कहां रखा जाए. वैसे ज्यादातर ड्रैसिंग टेबल बैड के साथ रखी जाती है, लेकिन इस के लिए स्पेस का होना जरूरी होता है. यदि आप के रूम में खिड़की है और साथ ही वहां ड्रैसिंग टेबल रखने की जगह भी है तो आप उसे वहां रख सकती हैं. इस से सीधी प्राकृतिक रोशनी आएगी तो आप खुद को और अच्छी तरह देख सकेंगी. या फिर कोई दीवार खाली है साथ ही वहां रोशनी का अरेंजमैंट भी अच्छा है तो वहां भी डै्रसिंग टेबल फिट कर के दीवार को अट्रैक्टिव लुक दे सकती हैं.

कुर्सी के साथ ड्रैसिंग टेबल

आजकल मार्केट में बिना कुरसी के भी ड्रैसिंग टेबल उपलब्ध है. पर अच्छा होगा कि आप कुरसी के साथ ही ड्रैसिंग टेबल लें. कुरसियां कई प्रकार की हो सकती हैं जैसे, केवल एक स्टूल या फिर कुशन के साथ भी. अगर आप को भव्य लुक चाहिए तो आप एक बड़ी ड्रैसिंग टेबल के साथ एक भारीभरकम कुरसी खरीद सकती हैं.

डैकोरेशन

ड्रैसिंग टेबल को अट्रैक्टिव बनाने के लिए आप उस पर सुंदर सा ज्वैलरी बौक्स या ज्वैलरी स्टैंड लगा सकती हैं. पर्ल और ऐंटीक ज्वैलरी रख कर भी उसे सजा सकती हैं. कौस्मैटिक चीजें रख कर भी उसे अटै्रक्टिव बना सकती हैं.

बैडरूम लुक

सब से ज्यादा जरूरी है यह देखना कि आप के बैडरूम का लुक ट्रैडिशनल है या मौडर्न. उस के अकौर्डिंग ही ड्रैसिंग टेबल खरीदें, क्योंकि अलग हट कर फर्नीचर यूज करने से बैडरूम का लुक बिगड़ जाता है.

लिपस्टिक लगाने के इन बेसिक तरीकों को जानती हैं आप

लड़कियों के नैन नक्श उनकी बेशकीमती सम्पत्ति होती है जिसे अगर हाइलाइट किया जाए या सजाया जाए तो यह आपको और सुन्दर और मनमोहक बना देता है. और जब बात होठों की आती है तो आप होठों के रंग के साथ कोई छेड़ छाड़ नहीं कर सकते. कुछ तरीके और नियम का पालन कर आप सुन्दर होंठ पा सकते हैं.

कुछ महत्वपूर्ण टिप्स पर ध्यान दे कर आप होठों को संवारने में महारथ हासिल कर सकती हैं.

सही कॉम्बिनेशन हो

अगर आप अपने होंठों पर कुछ बिंदास इस्तमाल करना चाहते हैं तो अपना बाकी का मेकअप सामान्य रखें.

एक ऐसा चेहरा जिसपर कई तरह के शेड एकसाथ दिख रहे हों कभी देखने में अच्छा नहीं लगता. इसलिए, एक बार में चेहरे के किसी एक ही हिस्से पर ध्यान दें. अगर दुसरे हिस्से भी होठों की तरह ही ज्यादा दिखेंगे तो आप अच्छे नहीं दिखेंगे.

चमकी का इस्तमाल न करें

कई मैटे और क्रीम बेस वाले लिपस्टिक ने आजकल चमकीले लिपस्टिक की जगह ले ली है.

थोड़ी बहुत चमक चल जाती है पर ज्यादा चिमकी से बचें. मेटल के पिग्मेंट आपके होठों पर चिपक जाते हैं और कई बार आपके चेहरे पर बिखर जाते हैं. यह आपके मेकअप को बिगाड़ देता है.

ज्यादा मेकअप न करें

अगर आपके होठों पर कोई बोल्ड रंग लगा हो तो यह लोगों को आपकी ओर जल्दी आकर्षित करता है.

इसके साथ ही अगर ग्लॉस आपके दांतों पर लग जाता है या होठों के किनारों पर आकार चिपक जाता है तो आपका पूरा मेकअप खराब हो जाता है. इसलिए इससे बचने के लिए लिपस्टिक की कम कोट लगाएं.

सही शेड चुनें

बाजार में लिपस्टिक के ऐसे कई शेड होंगे जिनपर आपका दिल आ गया होगा. पर जब आप इन्हें अपने होठों पर लगाते हैं तो आपको जंचता नहीं. इसके पीछे एक कारण है. आपको अपना लिपस्टिक अपने रंग के अनुसार चुनना चाहिए. अपनी स्किन टोन के बारे में पता करें और यह देखें कि कौन सी लिपस्टिक आप पर अच्छी लगेगी.

प्राइमर का इस्तमाल करें

लिप शेड को ज्यादा देर तक टिकाने के लिए प्राइमर का इस्तमाल करें. अच्छी क्वालिटी का प्राइमर लिपस्टिक लगाने से पहले लगाएं ताकि लिपस्टिक देर तक टिके. इससे लिपस्टिक सही तरीके से और सामान रूप से पूरे होंठ पर लग जाती है. अगर आपके पास प्राइमर नहीं है तो आप लिपस्टिक लगाने के बाद इसपर पाउडर या फाउंडेशन लगा सकते हैं.

लिप ब्रश का इस्तमाल करें

किनारों पर सही तरह से लिपस्टिक लग जाए इसके लिए लिप ब्रश की जरुरत पड़ सकती है. एक आर्टिस्ट सीधे स्टिक का इस्तमाल न कर के हमेशा स्ट्रोक के लिए ब्रश का इस्तेमाल करता है ताकि गलतियां कम हों. ब्रश से होंठों के सिलवट भी नहीं दिखते.

तरीका

हां, अपने होंठों को हाईलाइट करने का तरीका होता है. आपको होंठों के बीच से शुरुआत कर अंत तक जाना होता है. इससे आप कम गलतियां करेंगे. लगाने के बाद उन किनारों को मिला लें जो स्मज हो चुके हैं.

ब्लॉटिंग

अगर आप किसी शादी को और गाढ़ा दिखाना चाहते हैं तो इसे टिश्यू से थपथपा सकते हैं. ब्लॉट करने के बाद इसपर लिपस्टिक का दूसरा कोट लगाएं. इससे शेड देर तक होंठों पर टिका रहेगा और आपके होंठों पर चमक बनी रहेगी.

कामकाजी महिलाएं ऐसे करें इनकम टैक्स प्लान

सैलरीड पुरुषों की ही तरह सैलरीड महिलाओं के लिए भी टैक्स के प्रावधान समान हैं. कुछ साल पहले तक टैक्स भुगतान करने वाली महिलाओं के लिए क्व5 हजार की अतिरिक्त छूट होती थी. लेकिन कुछ अरसा पहले उसे हटा दिया गया था.

हैल्थ इंश्योरैंस

अब सैलरीड महिलाओं के लिए टैक्स प्लानिंग की बात करते हैं. यहां 2 महत्त्वपूर्ण सैक्शंस हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है. वे सैक्शन 80सी और सैक्शन 80डी हैं. सब से पहले सैक्शन 80डी पर चर्चा करते हैं, जो 20 हजार तक का हैल्थ इंश्योरैंस प्रीमियम का भुगतान करने के लिए टैक्सेबल इनकम से कटौती की अनुमति देता है. हैल्थ इंश्योरैंस हर व्यक्ति की बेसिक जरूरत है और सैलरीड महिलाओं के लिए भी. चाहे वह उन के इंप्लौयर्स द्वारा किन्हीं मैडिकल अनिश्चितताओं के लिए कवर क्यों न हो, प्रत्येक सैलरीड महिला को उचित राशि का हैल्थ इंश्योरैंस कराना चाहिए और सही राशि क्व5 लाख है.

यह देखा गया है कि कई व्यक्तियों के पास हैल्थ इंश्योरैंस पौलिसीज तो हैं, लेकिन राशि अपर्याप्त है जैसेकि 1 लाख या 2 लाख. लेकिन इलाज के लिए अस्पतालों के बढ़ते बिलों को देखते हुए यह जरूरी और उपयुक्त रहता है कि इंश्योरैंस राशि कम से कम 5 लाख होनी चाहिए. इसी प्रकार यदि इंप्लौयर्स हैल्थ इंश्योरैंस के फायदे दे रहे हैं, लेकिन केवल 1 लाख या 2 लाख की सीमा है, तो सैलरीड महिलाओं का अतिरिक्त हैल्थ इंश्योरैंस पौलिसी लेना उचित रहता है ताकि कुल कवरेज 5 लाख से ऊपर चला जाए. यदि कुछ उन के आश्रित भी हैं जैसे मातापिता, बच्चे जो उन की आमदनी पर आश्रित हैं, तो फैमिली फ्लोटर प्लान लेना उचित रहता है, जिस में आश्रित मातापिता और बच्चों का मैडिकल इलाज भी शामिल होता है अन्यथा अप्रत्याशित मैडिकल खर्च जीवन भर की बचत को खत्म कर सकता है. इसलिए यह बहुत महत्त्वपूर्ण है कि सैलरीड महिलाओं की हैल्थ इंश्योरैंस पौलिसी में आश्रित मातापिता और बच्चे भी कवर्ड हों.

अन्य विकल्प

अब दूसरा महत्त्वपूर्ण सैक्शन है, सैक्शन 80सी, जहां सैलरीड महिलाएं सैक्शन सी अंबे्रला के तहत विभिन्न टैक्स सेविंग विकल्पों में इनवैस्ट करते हुए 1.5 लाख तक की कटौती का दावा कर सकती हैं. यहां चुनते समय हर महिला को अपने खास हालात को देखना होगा कि कौन सा विकल्प सैक्शन 80सी के तहत क्लेम की कटौती के लिए उसे चुनना चाहिए. पिछले बजट की घोषणा में राशि क्व1 लाख को 1.5 लाख तक बढ़ाया गया है. अब सैक्शन 80सी के तहत विभिन्न टैक्स सेविंग विकल्पों और सैलरीड महिलाओं के लिए उन की उपयुक्तता को समझते हैं. एक प्रौविडैंट फंड्स की बास्केट है, इसलिए आमतौर पर हर सैलरीड महिला कर्मचारी प्रौविडैंट फंड (ईपीएफ) में योगदान कर रही होती है और कुछ राशि का योगदान इंप्लौयर द्वारा करना अनिवार्य होता है. इसीलिए यह खुद ही सैक्शन 80सी के तहत योग्य हो जाता है. इस पब्लिक प्रौविडैंट फंड्स अकाउंट की सैलरीड महिला सहित हर व्यक्ति की अत्यधिक सिफारिश की जाती है, क्योंकि उन के पास आज नौकरी है, लेकिन शायद कल न हो. या वे रिटायरमैंट के नजदीक हों, तो पीपीएफ निश्चित रूप से भविष्य के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बहुत प्रभावी तरीका है, जिस की हर व्यक्ति को निश्चित रूप से जरूरत पड़ती है. इसीलिए ईपीएफ के अलावा, पब्लिक प्रौविडैंट फंड की भी बहुत ज्यादा सिफारिश की जाती है.

पीपीएफ और ईपीएफ

पीपीएफ में कितनी राशि इनवैस्ट करनी चाहिए: यह हर महिला के हिसाब से अलगअलग होगा और हमारी राय में युवा सैलरीड महिलाओं के लिए, जो 40 साल से कम उम्र की हैं, ईपीएफ और पीपीएफ के लिए दोनों को मिला कर 50 हजार इनवैस्ट किए गए होने चाहिए. उदाहरण के लिए यदि 40-50 हजार हैं, तो अगले 25 हजार हर साल पीपीएफ में रखे जा सकते हैं. हालांकि यदि अकेले ईपीएफ में ही 40-50 हजार हैं तो सैलरीड महिलाओं की बचत क्षमता के अनुसार पीपीएफ के लिए सालाना 10-20 हजार अलग से रखे जा सकते हैं. लेकिन याद रखें कि 1 साल में पीपीएफ में इनवैस्ट करने की अधिकतम सीमा सालाना 1.5 लाख तक बढ़ाई गई है. यह सब से सुरक्षित विकल्प है, जहां वे सालाना योगदान में न केवल टैक्स की बचत कर सकती हैं, बल्कि साथ में इस तरह की इनवैस्ट से ब्याज भी कमा सकती हैं, जो टैक्स फ्री होता है और जब मैच्योरिटी के बाद राशि निकाली जाती है तो वह भी टैक्स फ्री होती है. इसलिए इन सभी फायदों के कारण पीपीएफ प्रत्येक सैलरीड महिला के लिए अनिवार्य है.

म्यूचुअल फंड

अन्य विचार किया जाने वाला विकल्प म्यूचुअल फंड्स द्वारा लौंच की गई इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) है. यह लंबी अवधि के लक्ष्यों वाली सैलरीड महिलाओं के लिए अतिआवश्यक होती है. लंबी अवधि के लक्ष्य रिटायरमैंट, उन के बच्चों की शिक्षा या उन के बच्चों की शादी हो सकती है. पैसा बनाने के लिए, इक्विटी में पैसा डालना महत्त्वपूर्ण होता है और इस जरूरत को कुल 1.5 लाख में से विभिन्न ईएलएसएस स्कीमों में कम से कम 50 हजार इनवैस्ट करते हुए पूरा किया जा सकता है और साथ में इनवैस्ट करने का तरीका लमसम के बजाय सिस्टैमेटिक इनवैस्ट प्लान (एसआईपी) होना चाहिए.

तीसरे विकल्प के तौर पर सैलरीड महिलाओं को अलगअलग तरह के लाइफ इंश्योरैंस प्लान पर विचार करना अनिवार्य होता है, जो यूलिप, टर्म प्लान या ट्रैडिशनल प्लान अथवा पैंशन प्लान हो सकता है. चाहे नौकरी पैंशन वाली है या कोई भी, कवर इंप्लौयर द्वारा प्रदान किया गया है या नहीं, इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें अपने परिवार या आश्रितों को सुरक्षा देने के लिए उचित प्लान चुनना चाहिए. यदि सैलरीड महिला का कोई आश्रित नहीं है और वह एक अकेली महिला की तरह जी रही है तो ऐसे मामले में लाइफ इंश्योरैंस अनावश्यक हो सकता है या इस की जरूरत नहीं हो सकती है. लेकिन ज्यादातर मामलों में ऊपर बताए गए इंश्योरैंस प्लांस की आवश्यकता होती है. इसीलिए हर सैलरीड महिला को अपने सभी भविष्य के लक्ष्यों की सूची बनानी चाहिए और उन लक्ष्यों तक पहुंचना, इन 3 कैटेगरीज में विभिन्न टैक्स सेविंग विकल्पों जो पीपीएफ, ईएलएसएस और इंश्योरैंस प्लांस हैं, के द्वारा सुनिश्चित करना चाहिए.

अब सैलरीड महिलाओं में से सैंट्रल गवर्नमैंट/केंद्र सरकार या स्टेट गवर्नमैंट/राज्य सरकार उपक्रमों में काम करने वाली महिलाओं का भी सैशन है. यहां ज्यादातर कर्मचारी पैंशन प्लांस के तहत कवर हैं, इसीलिए पैंशन प्लानिंग का खयाल रखा जाता है. इस के अलावा सरकार द्वारा सीजीएचएस प्लान के माध्यम से हैल्थ इंश्योरैंस के विस्तृत फायदे दिए जाते हैं और ईपीएफ भी होता है, जिन्हें सरकार के मामले में जीपीएफ कहा जाता है. केंद्र सरकार में काम करने वाली महिलाएं अपनी सैलरी स्तर के आधार पर ज्यादा पैसा बनाने के लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में ज्यादा इनवैस्ट कर सकती हैं.

1.5 लाख में से यदि प्रौविडैंट फंड्स में 30-40 हजार चले जाते हैं तो बाकी राशि को लंबी सीमा अवधि के साथ ईएलएसएस में इनवैस्ट किया जा सकता है. याद रखें कि टर्म प्लान महत्त्वपूर्ण है और कुल सम एश्योर्ड/बीमा राशियां इंश्योरैंस पौलिसी राशि आप की सालाना सैलरी से कम से कम 7 से 10 गुना होनी चाहिए. यदि वे 10 लाख सालाना कमाते हैं तो सैलरीड महिला का क्व1 करोड़ का कवरेज जरूर होना चाहिए. लेकिन यह केवल उन सैलरीड महिलाओं के लिए ही अतिआवश्यक है, जो परिवार की देखभाल करती हैं. उन महिलाओं के लिए यह इंश्योरैंस कवर शायद उपयुक्त न हो जो स्वतंत्र हैं, अकेली रहती हैं, अविवाहित हैं.

– अनिल चोपड़ा, ग्रुप सीईओ ऐंड डायरैक्टर, बजाज कैपिटल लि.

प्रकृति के महान आश्चर्यों को देखने का मन हो तो ‘तंजानिया’ चले जाइए

तंजानिया पूर्वी अफ्रीका का सब से बड़ा देश है. यहां वन्यजीवन अपने अद्भुत रूप में देखने को मिलता है. वन्यजीवन के साथसाथ यह अपने सुंदर समुद्री तटों के लिए भी अफ्रीका भर में मशहूर है. इस सब के अलावा प्रागैतिहासिक काल से जुड़े स्थान, चट्टानों पर बनी कलाकृतियां, प्राचीन ऐतिहासिक नगर, पुरानी मसजिद तथा गिरजाघर और इस देश के 120 से भी अधिक कबीलों के लोकगीत तथा लोकनृत्य-ये अपनेआप में दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्याप्त हैं. लाखों पर्यटक यहां अफ्रीकी सूर्योदय तथा सूर्यास्त का रोमांचक अनुभव प्राप्त करने के लिए भी आते हैं. हमारी तंजानिया की यात्रा इस देश की राजधानी दार-ए-सलाम से शुरू हुई थी. दार-ए-सलाम का अर्थ होता है शांति का स्वर्ग. यह एक आधुनिक नगर है और चूंकि यहां देश का प्रमुख तथा आधुनिकतम बंदरगाह भी स्थित है, अत: यह देश की आर्थिक गतिविधियों का केंद्र भी बन गया है.

आर्थिक गतिविधियों के साथसाथ यह तंजानिया का एक प्रमुख सांस्कृतिक तथा शैक्षणिक केंद्र भी है. यहां अनेक विश्वविद्यालय स्थित हैं, जिन में प्रमुख है दार-ए-सलाम विश्वविद्यालय, जो किसी जमाने में पूर्व अफ्रीकी विश्वविद्यालय का अंग हुआ करता था. मीलों तक फैला हराभरा तथा साफसुथरा विश्वविद्यालय परिसर देख कर हम काफी प्रभावित हुए. अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में तंजानिया ओपन यूनिवर्सिटी, इंटरनैशनल मैडिकल ऐंड टैक्नोलौजिकल यूनिवर्सिटी तथा द ह्यूबर्ट कैरूकी मैमोरियल यूनिवर्सिटी आदि उल्लेखनीय हैं.

नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम

अगर आप तंजानिया के प्रागैतिहासिक काल से ले कर अब तक की संस्कृति के दर्शन करना चाहते हैं तो नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम देखने जरूर जाएं. इस संग्रहालय में हजारों हड्डियां तथा फोसिल (जीवाश्म) संजो कर रखे गए हैं, जिन में से आदिम युग के एक परिवार के ज्वालामुखी की राख पर बने 35 लाख साल पुराने पैरों के निशान भी शामिल हैं. संग्रहालय की इस 3 मंजिला इमारत में घूमना हमारे लिए किसी रोमांचकारी अनुभव से कम नहीं था. इन लाखों साल पुराने अवशेषों को देख कर हमें लगा कि हम एकसाथ न जाने कितनी सदियां लांघ कर आदिम युग में जा पहुंचे हैं. ये अवशेष न केवल तंजानिया वरन संपूर्ण मानवजाति के विकास की प्रक्रिया पर प्रकाश डालते हैं. इस के पास ही एक अन्य संग्रहालय है, जहां इस देश के कबीलों की संस्कृति, कला तथा दैनिक जीवन से जुड़ी अनेक चीजें तो आप को देखने को मिलेंगी ही, साथ ही इस देश के वन्यजीवन की एक झलक भी आप प्राप्त कर सकते हैं.

विविध प्रकार की मछलियां

दार-ए-सलाम के अन्य दर्शनीय स्थलों में राष्ट्रीय संग्रहालय, ग्राम संग्रहालय, प्राचीन राजकीय भवन, अरबों द्वारा बनाई गई एक पुरानी मसजिद, अंगरेजों के जमाने का एक गिरजाघर तथा बोटैनिकल गार्डन भी विशेषरूप से उल्लेखनीय हैं. दार-ए-सलाम के निकट ही मार्फिया द्वीप में विविध प्रकार की मछलियां मिलती हैं. अनेक यूरोपीय पर्यटक केवल ये विशेष मछलियां पकड़ने के लिए ही वहां जाते हैं. दार-ए-सलाम के मशहूर मछली बाजार में इस द्वीप से पकड़ी गई मछलियां बेची जाती हैं. शहर के केंद्रीय भाग के उत्तर में लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम संग्रहालय में तंजानिया की विभिन्न जनजातियों के घर बनाए गए हैं. ‘नीम्बा या साना’ अर्थात कला भवन, जो उपांगा स्ट्रीट पर स्थित है, जहां से आप इस देश की परंपरागत कलाकृतियां, पोशाकें, बाटिक, आभूषण आदि खरीद सकते हैं. यह कला भवन स्थानीय कलाकारों तथा दस्ताकारों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा बनाया गया है और यहां बहुत वाजिब कीमत पर आप को ये चीजें खरीदने को मिल सकती हैं.

अगर आप की दिलचस्पी अफ्रीकी आभूषण खरीदने में है तो इस के लिए आप इंदिरा गांधी स्ट्रीट पर स्थित गहनों के एक खास बाजार में जा सकते हैं, जहां सड़क के दोनों ओर आभूषणों की 50 से भी अधिक दुकानें स्थित हैं.

कीपियो बीच

शहर से कुछ मील की दूरी पर दक्षिण में दार-ए-सलाम का दूसरा मशहूर समुद्र तट ‘कीपियो बीच’ स्थित है, जहां से आप नाव पकड़ कर एक निर्जन द्वीप पर जा सकते हैं. यहां अकसर लोग अद्भुत कोरल रीफ देखने के लिए ‘स्नोरकेलिंग’ की अपनी विशेष पोशाक में समुद्र में गोताखोरी करते मिल जाएंगे. दार-ए-सलाम में भारतीय, कौंटिनैंटल तथा अन्य दूसरे रेस्तरां आसानी से मिल जाएंगे, जहां आप अपने मनपसंद भोजन का आनंद उठा सकते हैं. शहर के केंद्रीय भाग में ही इन रेस्तराओं के अलावा कई नाइटक्लब तथा बार भी हैं, जहां आप अपनी शाम बिता सकते हैं. जंजीबार में लौंग बहुत पैदा होती है. अगर आप वहां जाएं तो वहां से लौंग खरीदना न भूलें, जो दूसरी जगहों के मुकाबले यहां सब से सस्ती मिलती है. इस के अलावा इस का मंगापवानी समुद्र तट देखना न भूलें, जहां घूमने का अपना अनोखा ही आनंद है. लेकिन अगर हम इस देश का वन्यजीवन देखने नहीं जाते तो शायद हमारी तंजानिया की यात्रा अधूरी ही रह जाती. वन्यजीवन के लिए इस के सेरेंगेती, मनयारा झील, अरुशा, मिकुनी तारांगायर तथा गोम्बे नामक स्थान प्रसिद्ध हैं. इन स्थानों पर 500 वर्गमील से ले कर 5,000 वर्गमील तक के क्षेत्र में वन्यजीवन फैला हुआ है. इन सुरक्षित वनों तथा उद्यानों में शेर, हाथी, जंगली भैंस, जिराफ, गैंडे और चीते जैसे हजारों जानवर अपने उन्मुक्त रूप में विचरण करते हुए देखने को मिलते हैं. आप कार किराए पर ले कर अथवा टैक्सी द्वारा इन स्थानों पर जा सकते हैं और कार के कांच चढ़ा कर बड़े आराम से निर्भय हो कर इस वन्यजीवन का निकट से आनंद ले सकते हैं.

ऐसा ही एक ऊंचाई वाला स्थान है नगोनगोरो, जो तंजानिया के एक अन्य प्रसिद्ध नगर अरुशा के निकट स्थित है. इस स्थान के बारे में एक विश्वप्रसिद्ध लेखक ने लिखा है कि एक ज्वालामुखी के मुंह में स्थित इस स्थान की प्राकृतिक सुषमा का शब्दों में वर्णन करना असंभव है, क्योंकि दुनिया में ऐसा कोई स्थान है ही नहीं, जिस से इस की तुलना की जा सके. अफ्रीका के अन्य किसी भी संरक्षित वन्य प्रदेश में एक जगह पर इतनी सारी विशेषताएं देखने को नहीं मिलतीं.

इस लड़के का दावा, ऐश्वर्या राय हैं उसकी मां

ऐश्‍वर्या राय बच्‍चन मेरी मां है. यह चौंका देने वाला दावा आंध्रप्रदेश के रहने वाले 29 साल के संगीथ कुमार ने किया है. उनका कहना है कि 1988 में बच्चन परिवार की बहू और बौलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन ने आईवीएफ तकनीक के जरिए लंदन में उन्‍हें जन्‍म दिया था. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि 1988 में ऐश्‍वर्या की उम्र महज 14 साल थी.

bollywood

मीडिया को दिए बयान में संगीथ का कहना है कि उनकी परवरिश विशाखापट्टनम के जिले चोड़वरम में हुई है. उसके पिता का नाम आदिवेलु रेड्डी है. दो साल तक ऐश्वर्या के माता-पिता वृंदा और कृष्णराज राय ने उसकी परवरिश की थी. हालांकि बाद में उसके पिता उसे विशाखापट्टनम के चोडावरम ले आए थे. परिवार ने धीरे-धीरे उसके जन्‍म से जुड़े सबूत मिटा दिए.

संगीथ ने इस बात का दावा भी किया है कि ऐश्वर्या राय अपने पति अभिषेक बच्चन से अलग हो चुकीं हैं. वो इन दिनों अकेले रह रहीं हैं. संगीथ के पास वैसे तो अपने दावे के पक्ष में कोई सबूत नहीं है, मगर उसने पिछले हफ्ते मंगलुरु में दिए एक इंटरव्यू में कहा- मैं चाहता हूं मेरी मां मेरे पास आकर मंगलुरु में रहें. पहले ही अपने परिवार से मुझे बिछड़े हुए 27 साल हो चुके हैं. मैं उन्हें बहुत याद करता हूं. मैं विशाखापटनम नहीं जाना चाहता. कम से कम मुझे मेरी मां का नंबर दे दो.

जब संगीथ से पूछा गया कि वो इतने सालों तक चुप क्यों थे तो उसने बताया कि मैंने पहले कभी अपनी मां ऐश्वर्या से बात नहीं कि इसकी वजह मेरे रिश्तदार थे. मेरे परिवार के बाकी लोगों ने मुझे हमेशा गलत जानकारी दी. कुछ रिश्तेदारों ने बचपन से ही चीजों के साथ हेरा-फेरी की थी. वरना मैं बहुत पहले अपनी मां के पास वापस चला जाता. पर आज मैं उनके बारे में पता कर चुका हूं और उनके साथ रहना चाहता हूं.

आपको बता दें इन दिनों ऐश्वर्या फन्ने खां की शूटिंग कर रहीं हैं. इस मूवी में उनके साथ राजकुमार राव और अनिल कपूर होंगे. खबरों की मानें तो ऐश्‍वर्या अपने एक्‍स ब्वायफ्रेंड सलमान खान के पूर्व मैनेजर रेशम शेट्टी को अपने हायर करने का प्‍लान बना रहीं हैं. माना जाता है कि रेशम ने ही सलमान के करियर को संवारने में अहम भूमिका निभाई है. उन्‍होंने सलमान के साथ तकरीबन 9 साल काम किया है. अब सलमान के करियर की हाईट देखते हुए जूनियर बच्‍चन के बेहतरीन भविष्‍य की उम्‍मीद की जा सकती है.

एसिडिटी से निजात दिलाएंगे ये फूड्स, आज ही आजमाकर देखें

ज्यादा मसालेदार भोजन के सेवन से या ज्यादा समय तक भूखे रहने की वजह से अक्सर ही एसिडिटी की समस्या हो जाती है. एसिडिटी होने वजह से कई बार हम दवाइयों का सेवन करने लगते हैं और धीरे धीरे इसकी आदत सी पड़ जाती है. इन दवाईयों का हमेशा इस्तेमाल हमारी सेहत पर असर जालता है. ऐसे में बार-बार दवाइयों के सेवन से बेहतर है कि आप कुछ घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल कर एसिडिटी से निजात पाएं. आज हम आपको कुछ ऐसे ही घरेलू उपायों के बारे में बताने वाले हैं.

दूध

एसिडिटी की वजह से गले और सीने में होने वाली जलन से छुटकारा चाहिए तो एक गिलास ठंडा दूध पीजिए. दूध कैल्शियम का महत्वपूर्ण स्रोत है. यह एसिडिटी को खत्म करने में मददगार है. रोजाना एक ग्लास सुबह शाम दूध का सेवन आपको एसिडिटी की समस्या में राहत देता है.

तुलसी

एसिडिटी महसूस होने पर तुरंत तुलसी की कुछ पत्तियां चबाइए. तुलसी में एंटी-अल्सर गुण पाए जाते हैं. यह गैस्ट्रिक एसिड्स के प्रभाव को कम करने में प्रभावी होते हैं. एसिडिटी होने पर इसका सेवन करना आपको लाभ पहुंचाएगा.

सौंफ

ज्यादातर भोजनालयों में इसीलिए भोजन के बाद सौंफ देने की परंपरा है क्योंकि सौंफ पेट को ठंडा रखने में मददगार है. एसिडिटी होने पर थोड़ा सा सौंफ पानी में उबालकर रात भर के लिए रख दें और सुबह उठकर इस पानी का सेवन करें. यह कब्ज से भी छुटकारा दिलाता है.

इलायची

पेट की मरोड़ में तथा पाचन संबंधी समस्या को दुरुस्त करने में इलायची बेहद फायदेमंद है. इसका सेवन करने से एसिडिटी की समस्या से छुटकारा मील जाता है. एसिडिटी होने पर इलायची को पानी में डालकर उबाल लें और इसे ठंडा कर पिएं. तुरंत आराम मिलेगा.

लौंग

लौंग को दांत के नीचे दबाकर रखने से इसका स्वाद आपके पूरे मुंह में फैल जाता है. यह स्वाद मुंह में ज्यादा मात्रा में लार का निर्माण करता है जिससे पाचन क्रिया आसान होती है. पाचन दुरुस्त रहने पर एसिडिटी से अपने आप ही आराम मिल जाता है. इसलिए एसिडिटी की समस्या होने पर लौंग का इस्तेमाल करें.

केला

केले में फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है साथ ही यह पोटैशिम का अच्छा स्रोत है. यह पेट में एसिड की मात्रा को संतुलित करता है. एसिडिटी होने पर पके केले का सेवन बेहद ही फायदेमंद होता है.

सर्दियों में ये तीन चीजें बना देंगी आपके बालों को मुलायम

सर्दियों का मौसम और इस मौसम में चलने वाली सर्द हवाएं बालों की नमी को छीन लेती हैं. बालों से नमी चले जाने के बाद वह रूखे और बेजान से हो जाते हैं. जिसकी वजह से बाल झड़ने और डैंड्रफ की समस्या सामने आती है. इस तरह की समस्या से बालों की खूबसूरती भी प्रभावित होती है. बालों को कोमल बनाने और उन्हें प्राकृतिक चमक देने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खे आजमा सकती हैं. इनका प्रयोग बेहद आसान है.

आइये जाने इसके बारें में-

नारियल का तेल

बालों में नारियल का तेल लगाने से जड़ों को मजबूती मिलती है और उनका रूखापन दूर होता है. हफ्ते में दो बार नारियल के तेल से बालों की मसाज करें. इससे बालों में कोमलता आती है और वो चमकदार भी बनते हैं. बालों में शैंपू करने से एक दिन पहले अपने बालों में नारियल का तेल लगाकर अच्छी तरह मसाज करें.

दही

दही बालों के लिए एक बेहतर औषधि है. दही में पाया जाने वाला लैक्टिक एसिड बालों को मुलायम बनाने में मददगार है. इसके लिए ताजे दही को बालों में लगाकर 20 मिनट तक रहने दें. बाद में पानी से बाल धो लें. यह डैंड्रफ की समस्या से निजात दिलाने के साथ ही उन्हें पोषण देता है. इससे बाल मुलायम व चमकदार भी होते हैं.

बीयर

बीयर बालों में चमक लाने और उन्हें मुलायम बनाने का काम करता है. इसके लिए एक गिलास बीयर को रात भर खुले में रख दें और सुबह नहाने के बाद उससे बाल धो लें. बाल धोने के बाद दस मिनट तक बालों को शावर कैप से ढंक दें. बाद में प्लेन वाटर से बाल धो लें और सूखने दें.

एलोवेरा और शहद

शहद बालों में नमी बरकरार रखने के लिए जाना जाता है और एलोवेरा प्राकृतिक हेयर कंडीशनर है. अगर इन दोनों का एक साथ इस्तेमाल किया जाए तो बाल कोमल और चमकदार बनते हैं. एलोवेरा के ताजे जेल में शहद मिलाकर बालों में लगाएं और 20 मिनट बाद पानी से धो लें.

शहद

शहद रूखे बालों की नमी लौटाने में मददगार नुस्खा है. इसके लिए दो चम्मच शुद्ध शहद में तीन चम्मच आलिव आयल मिलाकर बालों में लगाएं और आधे घंटे बाद बाल धो लें. इसका इस्तेमाल हफ्ते में दो बार करें.

केला

बालों में नमी बरकरार रखने के लिए तथा उसे पोषण देने के लिए केले का उपयोग बेहद फायदेमंद होता है. 1-2 पिसे हुए केले में दो चम्मच शहद मिलाकर पेस्ट बना लें और बालों में लगाएं. बाद में शैंपू से बाल धो लें. हफ्ते में एक बार इस हेयर मास्क का इस्तेमाल करने से बाल मुलायम और चमकदार बनते हैं.

मंदिरों में मत्थे टेकने से नहीं, बात मेहनत से ही बनती है

गुजरात के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी का संघर्ष एक बात साफ करता है कि जीवन संघर्ष का नाम है और कुछ पाने के लिए बहुत कुछ करना पड़ता है. नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी दोनों ने दिखावे के लिए मंदिरों में खूब मत्थे टेके पर असल में उन्हें जितनी भी सीटें मिलीं, अपनी कर्मठता के कारण. अगर नरेंद्र मोदी चुप बैठ जाते और रातदिन भाषणों की झड़ी न लगाते तो राहुल गांधी गुजराती पेड़ा गटक जाते. अगर राहुल गांधी यह सोच कर 10 जनपथ में दुबक जाते कि 1947 से उन का परिवार सत्ता के शिखर पर ही है तो आज वे कहीं के न होते.

यह राजनीतिक पाठ हर घर को पढ़ना चाहिए. सफल गृहस्थी का राज भी यही है कि हर समय सतर्क रहो, कर्मठ रहो और घर के हर सदस्य को काम में लगाए रखो. बहुत से परिवार विनाश केवल इसलिए देखते हैं, क्योंकि उन की औरतें अपनी मूल जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेती हैं और घर को ठीक करने की जगह अपने साजशृंगार या किट्टी पार्टियों में तंबोला खेलने में दक्ष होने को सफलता मान लेती हैं.

घर में पैसा हो तो भी उसे बचाए रखने में उतनी ही मेहनत करना जरूरी है जितनी नरेंद्र मोदी ने लोक सभा में 2 तिहाई सीटों और 29 में से 19 राज्यों की विधान सभाओं के कब्जे के बाद की. हां, उन की कमी इस बात की रही कि उन्होंने सारा बोझ अपने कंधों पर डाल लिया. यह भी हर हाउसवाइफ या वर्किंगवाइफ को एक सबक है कि ज्यादा काम करना थकाता नहीं वरन मजबूती ही देता है. ऐफिशिएंट और इंटैलीजैंट औरत ही घर व बाहर को ढंग से देख सकती है.

नरेंद्र मोदी ने जिस तरह गुजरात का जिम्मा वहां के अनजाने से मुख्यमंत्री विजय रूपानी पर ही नहीं छोड़ दिया, उसी तरह घर में रसोई या साफसफाई दूसरों पर न छोड़ें भले ही वे कितने ही दक्ष या विश्वसनीय ही क्यों न हों. यह न भूलें कि हर समय आप के घर पर भी दूसरों की नजर है जैसे राहुल गांधी की गुजरात पर थी. पति की खुद की और बच्चों की मनमानी व उन की सुरक्षा पर सतर्क रहना चाहिए.

राजनीति से सबक सीखें कि घर में भी केवल रोब से ही नहीं लेनदेन का भी योगदान होता है. जिस तरह राहुल गांधी ने कांग्रेस को बचाए रखने के लिए हार्दिक पटेल, जिग्नेश मवानी, अल्पेश ठाकुर की सहायता ली, वैसे ही सास, ननद, जेठानी, पड़ोसिन की सहायता लेना गलत नहीं है. यह सहायता बोझ नहीं होती, बल देती है.

इन चुनावों में दोनों पार्टियों ने बेहद पैसा खर्चा. हर सभा करने पर लाखों रुपए खर्च होते हैं. खुद के वजूद को बचाने के लिए यह पैसा होना जरूरी है. फक्कड़ हो कर राजनीति नहीं की जाती. कांग्रेस अमीर भाजपा से कहीं कम नहीं दिखी. इसी तरह हर घरवाली को शादी, उत्सव, बीमारी, मुकदमे के लिए पैसा बचा कर रखना चाहिए. छोटे खर्चों की लगभग कटौती से ही बड़ी लड़ाई को लड़ने का बल मिलता है. आजल छोटे से रोग पर भी हजारों खर्च हो जाते हैं. पढ़ाई पर लाखों लग जाते हैं.

राजनीति का एक पाठ यह भी है कि ऊंचनीच चलती रहती है. बहन या जेठानी के पास ज्यादा है तो ईर्ष्या से काम नहीं चलता, मेहनत से बात बनती है. रातदिन लगे रहना जरूरी है. पति की भी हिम्मत बढ़ाएं. उन्हें ही कमाना है तो पत्नी को संभालना है. दोनों कमाते हैं तो भी संभालने की जिम्मेदारी घरवाली की है. विरासत में मिले पैसे व रोब को भी संभालना आसान नहीं. एक बार की फतह हरदम नहीं चलती. जिंदगी लगातार चलने वाली रेस है.

साडि़यों और अन्य ड्रैसों से भी आगे दुनिया है, दुनिया की चुनौतियां हैं. हर घर पर नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी छाप रहनी चाहिए तभी सफलता मिलेगी.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें