अपनी फिल्म की स्क्रीनिंग पर स्वामी ओम को नहीं बुलाऊंगी : मोनालिसा

बिग बौस सीजन-10 फेम मोनालिसा अपनी आने वाली कंट्रोवर्शियल भोजपुरी फिल्म ‘पाकिस्तान में जयश्रीराम’ की स्पेशल स्क्रीनिंग बिग बौस 10 के प्रतियोगियों के लिए रखना चाहती हैं, लेकिन वे इसमें स्‍वामी ओम को नहीं बुलाएंगी. मोनालिसा की दिली तमन्ना है कि वे मुंबई में रिलीज हो रही फिल्‍म ‘पाकिस्तान में जय श्रीराम’ का फर्स्ट शो बिग बौस 10 के प्रतियोगियों के साथ देखें.

इस बारे में मोना ने एक इवेंट में कहा था कि वे चाहती हैं कि ‘पाकिस्तान में जयश्रीराम’ की स्पेशल स्क्रीनिंग बिग बौस 10 के प्रतियोगियों के लिये रखी जाए. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्‍या वे इस स्पेशल स्क्रीनिंग में स्‍वामी ओम को भी बुलाएंगी. इस पर मोना ने साफ – साफ कह दिया कि स्वामी ओम को छोड़कर सबको वे इस शो में बुलाना चाहेंगी. उन्‍होंने मनवीर गुज्जर, मन्नू पंजाबी, लोकेश कुमारी आदि के साथ बैठकर इस फिल्म को देखने की इच्छा जाहिर की.

उन्‍होंने कहा कि स्वामी ओम से मुझे दूरी बनाकर रहना ही पसंद है. बता दें कि बिग बौस के दौरान स्‍वामी ओम ने घर में कई ऐसी हरकतें की थी, जिससे घर वालों को उनसे नफरत हो गई थी. उन्‍होंने मोनालिसा के बारे में भला बुरा कहा था. बाद में स्‍वामी ओम को अभद्र व्‍यवहार के लिए घर से बाहर कर दिया गया था. वैसे फिल्म ‘पाकिस्तान में जयश्रीराम’ में विक्रांत सिंह और मोनालिसा मुख्य भूमिका है. जो बिग बौस के बाद नच बलिये में साथ नजर आये थे.

वहीं, फिल्‍म के बारे में मोनालिसा का कहना है कि यह फिल्म उनके दिल के काफी करीब है. इस फिल्म का निर्माण दंबग निर्माता भुपेन्द्र विजय सिंह ने बबलू एम गुप्ता के साथ मिलकर किया है. यह फिल्‍म बिहार और झारखंड में गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को रिलीज होगी.

मैं बिकिनी नहीं पहन सकती : जोया हुसैन

बचपन से अभिनय की इच्छा रखने वाली अभिनेत्री जोया हुसैन दिल्ली के मुस्लिम परिवार की हैं. उनके पिता एडवेंचर ट्रेवल एजेंसी चलाते हैं, जबकि उनकी मां पहले चाइल्ड साइकोलोजिस्ट थीं और अब वह हैदराबादी फूड की कैटरिंग करती हैं. जोया को हमेशा अपने परिवार से मन पसंद काम करने की आजादी मिली है. वह अभिनेत्री के अलावा एक स्पोर्ट पर्सन भी हैं. उन्हें खाना बनाना और लोगों को खिलाना बहुत पसंद है. खिचड़ी खाना उन्हें बहुत पसंद है.

जोया फैशनेबल एकदम नहीं है, उन्हें साधारण और आरामदायक कपड़े बहुत पसंद है. स्वभाव से नम्र और हंसमुख जोया अभी फिल्म ‘मुक्काबाज’ में मुख्य भूमिका निभा रही हैं उनसे मिलकर बात करना रोचक था. पेश है अंश.

प्र. आप इस क्षेत्र में कैसे आईं? प्रेरणा कैसे मिली?

मैंने बचपन से थिएटर किया है और मेरे माता-पिता मुझे और मेरी बहन को बचपन से ही पढाई से अलग कुछ हौबी जैसे पेंटिंग, स्पोर्ट, वाद्ययंत्र बजाना आदि करने की सलाह देते थे. उसमें मैंने धातु की बांसुरी बजाना सीखा था. एक फेस्टिवल के दौरान दिल्ली में मेरी बांसुरी चोरी हो गयी, ये महंगी होने की वजह से पिता ने फिर से नहीं खरीदा और मैं नाटकों की ओर मुड़ी. 17 साल की उम्र में यात्री थिएटर ग्रुप को ज्वाइन किया. उनके साथ 4 से 5 साल तक काम किया.

थिएटर की एक अलग लाइफ होती है जहां आप अभिनय तो कर सकते हो, पर उससे अपनी जीविका नहीं चला सकते. ऐसे में कौलेज खत्म होते ही मुंबई आने की इच्छा पैदा हुई, क्योंकि यहां मैं अभिनय से जुड़ सकती हूं. मैं मेरी कर्जिन के साथ साल 2012 में यहां आई. मुझे इंडस्ट्री में घुसना था, लेकिन मैं यहां किसी को जानती नहीं थी. दिल्ली में जो मेरी पहचान नाटकों के माध्यम से थी, उसी का सहारा लेकर सबसे मिलती रही. दो साल तक यही चलता रहा. औडिशन देती रही. इस दौरान मैंने एक शोर्ट फिल्म ‘तीन और आधा’ में अभिनय किया, जिसे अनुराग कश्यप ने ही प्रोड्यूस किया था. इससे मेरी जानकारी उनके साथ हुई और उन्होंने मिलकर कुछ काम करने की इच्छा जाहिर की. कुछ सालों बाद उन्होंने फिल्म ‘मुक्काबाज’ की स्क्रिप्ट भेजी, मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि वे मुझे अपनी फिल्म में लेना चाहते हैं. मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी तो पसंद आया और मैंने हां कर दिया.

प्र. अब तक कितना संघर्ष था?

संघर्ष बहुत रहा है, जब आप फिल्मी बैकग्राउंड से नहीं होते हो तो, यहां अच्छा काम मिलना मुश्किल होता है. पहले तो मुंबई आना और आकर रहना एक चुनौती है, क्योंकि यहां की जिंदगी बहुत फास्ट है. यहां लोग काम करने के लिए आते हैं, ऐसे में यहां रहकर काम करना उस माहौल से सामंजस्य करना, अकेले रहना, छोटी बड़ी चीजों को जुगाड़ करना आदि सब मुश्किल था. मुझे वित्तीय सहायता परिवार से नहीं लेना पड़ा, क्योंकि मैंने थिएटर कर कुछ पैसे जमा किये थे. इस तरह से मैं आगे बढ़ी, सबसे मिली, परिचय हुआ और मुझे शोर्ट फिल्म मिली. मैंने तीन शोर्ट फिल्में की है, लेकिन फिल्म ‘मुक्काबाज’ मेरी पहली बड़ी कमर्शियल फिल्म है.

प्र. परिवार का सहयोग कितना रहा?

मुझे मेरे परिवार वालों ने काफी आजादी दी है, क्योंकि उन्हें फिल्में देखना बहुत पसंद है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री के बारें में वे जानते नहीं हैं. अभी उन्हें पता चला है कि ये बड़ी फिल्म है और वे बहुत खुश हैं. उन्हें मेरी सोच पता है, लेकिन चाहते हैं कि मैं जो भी करूं, उसमें खुश रहूं.

प्र. क्या ‘कास्टिंग काउच’ से आपको कभी गुजरना पड़ा?

हां, गुजरना पड़ा, मैं और परिवार वाले इससे बहुत डरे हुए थे, प्रत्यक्ष नहीं, पर अप्रत्यक्ष रूप से गुजरना पड़ा है. जो कहते हैं कि उन्हें नहीं गुजरना पड़ा, वे झूठ बोलते हैं, सबको इन सब चीजों से  इंडस्ट्री में गुजरना पड़ता है, पर मुझे उससे निकलना भी आता है. अधिकतर ऐसा होता था कि रात 10 बजे वे चर्चा करने के लिए मुझे बुलाते थे या रात को दो से तीन बजे अजीबो-गरीब मेसेज भेजते थे. मैं ऐसे किसी मेसेज का जवाब नहीं देती थी. अगर देती भी थी, तो सुबह मिलने की बात करती थी, ऐसे में उन लोगों को मेरी सोच के बारें में पता चल जाता था. इससे मुझे भी ऐसी मानसिकता वाले लोगों को समझना आसान हो गया था.

प्र. फिल्मों में अन्तरंग दृश्य करने में कितनी सहज होती हैं?

रियल लाइफ में जो होता है, उसे पर्दे पर दिखाना संभव नहीं होता, लेकिन कई बार उसे दिखाने की कोशिश की जाती है. इतनी अधिक खुलासे के साथ किसी भी दृश्य को पर्दे पर दिखाने को मैं सही नहीं मानती. मैं फिल्मों में बिकिनी नहीं पहन सकती.

प्र. आप किसे अपना आदर्श मानती हैं?

फिल्मी अभिनेत्रियों में प्रियंका चोपड़ा को मैं आदर्श मानती हूं और उन सभी एक्ट्रेस को जिन्होंने खुद अकेले अपना मुकाम बनाया है.

प्र. आप किस निर्देशक के साथ काम करना चाहती हैं?

निर्देशक अनुराग कश्यप के अलावा विशाल भारद्वाज, संजय लीला भंसाली, नीरज घेवाण, राजकुमार हिरानी, विक्रम आदित्य मोटवानी आदि सभी के साथ काम करना चाहती हूं.

प्र. आये दिन महिलाओं के साथ अत्याचार और हिंसक वारदातों की वजह क्या मानती हैं?

मर्दों को जिम्मेदार मानती हूं. साथ ही उनके माता-पिता को भी, जो अपने बेटों को बचपन से लड़कियों का सम्मान करना नहीं सिखा पाते. लड़कियों को भी इससे निकलने के लिए शिक्षित होने की जरुरत है, ताकि वे अपने साथ हुए किसी भी अत्याचार करने वालों को सामने लाने से घबराएं नहीं, फिर चाहे वह पति, पिता या भाई या दोस्त हो. हमारे देश में औरतों की हालत इतनी खराब है कि अगर आप सिर से पांव तक भी बुर्का पहन लीजिये, तो भी गलत बात होती है.

प्र. आप तीन तलाक के बारें में क्या राय रखती हैं?

मुझे इस बारें में कभी सोचना नहीं पड़ा, लेकिन हर चीज सही तरीके से व्यक्ति को फौलो करनी चाहिए और अगर समस्या है, तो कानून का सहारा लेना ही सही होता है.

हृदय रोग के चलते दम तोड़ती हैं एक तिहाई महिलाएं

दुनियाभर में होने वाली महिलाओं की मौतों में से एकतिहाई मौतें दिल की बीमारी की वजह से होती हैं. हाल के आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि पुरुषों के मुकाबले स्ट्रोक के चलते महिलाओं में मृत्युदर अधिक रही है. कैंसर, टीबी, एचआईवी, एड्स और मलेरिया जैसी अन्य बीमारियों से होने वाली मौतों की तुलना में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के कारण होने वाली मौतों की संख्या ज्यादा है.

ऐसा अनुमान है कि दुनियाभर में हर साल करीब 86 लाख महिलाएं हृदय रोगों के कारण दम तोड़ देती हैं. हालांकि, चिंताजनक बात यह है कि महिलाओं में हृदय रोग और स्ट्रोक के कारण मृत्यु या विकलांगता के जोखिम को गंभीरता से नहीं लिया जाता. इस का कारण यह भी है कि महिलाओं में हृदय रोग के लक्षण पुरुषों के समान नहीं होते हैं, इसलिए महिलाओं को शुरुआत में डाक्टर से परामर्श लेने की जरूरत महसूस नहीं होती है.

मुरादाबाद स्थित कौसमौस अस्पताल के चीफ इंटरवैंशनल कार्डियोलौजिस्ट डा. नितिन अग्रवाल इस बारे में कहते हैं, ‘‘महिलाओं का एक बड़ा हिस्सा कुछ शुरुआती चेतावनी संकेतों का अनुभव करता है. जरूरी नहीं कि इन में छाती के दर्द जैसे लक्षण शामिल हों. यह स्थिति पुरुषों की तुलना में महिलाओं में लंबे समय तक रहती है और रजोनिवृत्ति के बाद इस का जोखिम तीनगुना बढ़ जाता है. महिलाओं में टूटा हुआ दिल यानी ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम भी हृदय रोग को बढ़ावा देता है. इस में अत्यधिक भावनात्मक तनाव से (लेकिन अकसर कम समय के लिए) हृदय की मांसपेशी विफल होती है.

‘‘इस अवस्था को तनावप्रेरित यानी स्ट्रैस इंडयूस्ड कार्डियोमायोपैथी भी कहा जाता है. महिलाओं में हृदय रोग जोखिम के अन्य कारकों में उच्च रक्तचाप, कौलेस्ट्रौल  और धूम्रपान के अलावा मधुमेह, मोटापा, खराब भोजन, शारीरिक निष्क्रियता व अत्यधिक शराब पीना शामिल है.

‘‘सामान्य जोखिम कारकों के अलावा, आज महिलाएं जीवनशैली से जुड़े अनेक अन्य कारकों के कारण भी हृदय रोगों की चपेट में आ रही हैं. इन में से कुछ में डब्बाबंद भोजन यानी प्रोसैस्ड फूड का अधिक उपभोग शामिल है जो कि संतृप्त वसा, चीनी और नमक में समृद्ध होता है. साथ ही, साबुत अनाज की कमी, उदासीन जीवनशैली और तनाव के स्तर में वृद्धि जब अन्य कौमोरबिड स्थितियों के साथ मिल जाते हैं तो महिलाओं में एस्ट्रोजेन स्तर कम होने लगता है. इसे महिलाओं के बीच हृदय रोगों में वृद्धि के लिए शीर्ष कारणों में से एक माना गया है.’’

डा. नितिन अग्रवाल आगे बताते हैं, ‘‘महिलाओं के बीच जागरूकता की कमी है, इसलिए वे हृदय रोग और स्ट्रोक के चेतावनी संकेतों को पहचान नहीं पाती हैं. हृदय रोगों को पारंपरिक रूप से केवल पुरुषों को ही प्रभावित करने वाला माना गया है. इसलिए इस स्थिति को महिलाओं में काफी हद तक नजरअंदाज किया जाता है. महिलाएं छाती के दर्द के बारे में बताती हैं जो तेज होता है और जलन भी होती है. इस में गरदन, जबड़े, गले, पेट या पीठदर्द भी होता है. कई बार हृदय रोग खामोशी से चलता है और दिल का दौरा, दिल की विफलता या स्ट्रोक के संकेत व लक्षण सामने आने तक इस का निदान नहीं किया जा सकता है.’’

महिलाओं के लिए कुछ सुझाव

रक्तचाप और मधुमेह पर काबू रखें :  समय पर अपने रक्तचाप और शर्करा के स्तर को जांचना महत्त्वपूर्ण है. किन्हीं भी तरह की जटिलताओं से बचने के लिए इन पर नियंत्रण रखें.

धूम्रपान छोड़ना होगा :  धूम्रपान की घातक आदत को छोड़ कर न केवल कौलेस्ट्रौल  के स्तर को कम किया जा सकता है, बल्कि शरीर में खून के प्रवाह और औक्सीजन के स्तर को बेहतर भी किया जा सकता है.

स्वस्थ भोजन खाएं :  मोटापा दिल की बीमारी के लिए जोखिम वाले कारकों में से एक है, इसलिए स्वस्थ भोजन अपना कर वजन को काबू में रखना बेहतर है. अपने आहार में बहुत सारे ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें.

पर्याप्त व्यायाम करें :  व्यायाम रक्त के प्रवाह में सुधार करता है और अनावश्यक वजन पाने की संभावना को कम करता है. हर दिन लगभग 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि जरूर करें.

तनाव प्रबंधन :  तनाव हृदय की सेहत पर बुरा असर डालता है, इसलिए तनावमुक्त रहें.

पायें डैंड्रफ से छुटकारा

बालों में रुसी (डैंड्रफ) का होना एक साधारण सी समस्या है. यह आपको कहीं भी शर्मिंदा तो कर ही सकता है साथ इसके कारण बाल जड़ से कमजोर होकर गिरने भी लगते हैं. इसलिए इस साधारण सी समस्या को नजरअंदाज करना कभी-कभी खतरनाक भी हो सकता है, इसलिए डैंड्रफ की शुरुआत होते ही उस पर समय रहते काबू पा लेना चाहिए ताकि बड़ी मुसीबत से बचा जा सके.

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डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए लोग कई तरीके आजमाते हैं, लेकिन कई बार उनके द्वारा अपनाए गये ये तरिके बेअसर साबित होते हैं. ऐसे में अगर आप अपने बालों का खास खयाल रखें तो डैंड्रफ की समस्‍या से आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है.

डैंड्रफ के कारण

हमारी त्वचा एक नियमित अंतराल पर मृत को‌शिकाओं को बाहर छोड़ती है और वहीं नई कोशिकाओं का निर्माण भी होता है. जब हमारे सिर की त्वचा इस प्रक्रिया से गुजरती है तो मृत त्वचा बालों में फंसकर रह जाती हैं और ये मृत कोशिकायें हीं डैंड्रफ बन जाती हैं. इसके अलावा, बहुत अधिक औयली त्वचा, अधिक पसीना होना, मौसम में बदलाव, बालों की गंदगी, संक्रमण या कोई अन्‍य बीमारी भी डैंड्रफ की वजह हो सकती है.

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ऐसे पाएं छुटकारा

शैम्पू का चुनाव सोच समझ कर करें

डैंड्रफ होने पर बालों को प्रतिदिन शैंपू से धोएं ताकि बाहरी प्रदूषित वातावरण उस पर अपना प्रभाव न छोड़ पाए. प्रतिदिन शैंपू करने से केशों (बालों) का अतिरिक्त तेल भी निकल जाता है और मैल भी जमा नहीं हो पाता. इससे मृत त्वचा भी निकल जाती है.

अगर आपके बालों में भी डैंड्रफ की समस्या है तो एंटी-डैंड्रफ शैंपू का इस्तेमाल करना चाहिए. एंटीडैंड्रफ शैंपू लेते समय उसमे इस्तेमाल पदार्थों को ध्यान में रखें. इस में कोलतार, सेलिसिलिक एसिड, जिंक, सल्फर या सलेनियम सल्फाइड शामिल होता है क्योंकि हर केमिकल अपने तरीके से रुसी को कम करने का कार्य करते हैं.

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यदि आप कई महीनों से लगातार एक ही शैंपू का इस्तेमाल कर रही हैं और रुसी से छुटकारा नही मिल रहा या फिर बार बार यही समस्या हो जा रही है तो अपने शैंपू को बदल लें. हो सकता है आपके बालों में उस शैंपू में इस्तेमाल पदार्थ के प्रति प्रतिरोधक शक्ति पैदा हो गई हो.

ऐसे में 3 ब्रांडों के एंटीडैंड्रफ शैंपू प्रयोग करें. एक ब्रांड के शैंपू का 1 महीने तक प्रयोग करें. फिर दूसरे माह दूसरे ब्रांड का और तीसरे माह तीसरे ब्रांड का शैंपू प्रयोग करें. फिर पुनः अपने पुराने शैंपू को 1 माह तक प्रयोग में लाएं. ऐसा करने पर डैंड्रफ अपना कब्जा नहीं जमा पाएगा.

ऐसे करें शैंपू का प्रयोग

बालों को सप्ताह में कम से कम 2 बार अवश्य धोएं. शैंपू करते समय पहले बालों को अच्छी तरह गीला कर लें और शैंपू को एक मग में थोड़ा सा पानी डालकर माइल्ड कर लें. फिर उसे बालों पर लगाकर अपनी ऊंगलियों के पोरों से मलें ताकि सिर की त्वचा के साथ चिपकी रुसी और बालों में आया प्राकृतिक तेल अच्छी तरह से साफ हो जाए.

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दूसरी बार शैंपू करते समय बालों पर शैंपू लगाकर 3-4 मिनट तक छोड़ दें ताकि शैंपू में विद्यमान कैमिकल्स त्वचा के सेल्स में घुस कर अपना कार्य कर सकें.

बालों से पूरी तरह शैंपू निकालने के बाद सिर की त्वचा पर 1 चम्मच नीबू का रस लगाएं और पानी से अच्छी तरह साफ कर लें. नीबू का रस बालों से डैंड्रफ दूर कर आपके बालों में चमक लाता है.

अफ्रीकी देशों का न्यूयौर्क बनता मोरक्को

मोरक्को का सब से बड़ा शहर कैसाब्लांका इन दिनों अफ्रीका महादेश की वित्तीय राजधानी बनने जा रहा है. ऐसा हो भी क्यों नहीं, जहां अन्य अफ्रीकी देश आतंकवाद व गृहयुद्ध में तबाह हो रहे हैं, वहीं मोरक्को में निर्माण, बैंकिंग, दूरसंचार और ऊर्जा के क्षेत्र में भारी निवेश हो रहा है. इस कारण फ्रैंच भाषा प्रचलित मोरक्को अब अंगरेजी वाले अन्य अफ्रीकी देशों को कड़ी चुनौती दे रहा है. मोरक्को अब पूरे अफ्रीका का स्थापित बिजनैस हब का दरजा पाने को है.

2015 में मोरक्को को अफ्रीकी क्षेत्र का सब से सुरक्षित देश घोषित किया गया था. ग्लोबल फाइनैंशियल सैंटर इंडैक्सन ने भी मोरक्को को अफ्रीका का दूसरा फाइनैंशियल हब करार दिया था.

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देश के राजा मोहम्मद की दूरदर्शिता के कारण ही मोरक्को इतनी तरक्की कर पाया है. उन्होंने देश के बिजनैस माहौल को सुधारने का सुझाव दिया था, जिसे वहां के निजी क्षेत्र, जैसे निजी बैंक, निर्माण, दूरसंचार व ऊर्जा क्षेत्र की कंपनियों ने अपनाया है.

पहले ज्यादातर यूरोप की अर्थव्यवस्था पर आश्रित रहने वाली मोरक्को की कई कंपनियों ने अब अपनी नीति में बदलाव करते हुए वापस वहीं अपना ध्यान केंद्रित कर रही हैं. मोरक्को की अर्थव्यवस्था की आत्मनिर्भरता का यूरोप के आर्थिक पतन से कोई लेनादेना नहीं है. अफ्रीका भी बदल रहा है और कुछ देशों को छोड़ दें, तो अन्य देश तेजी से तरक्की को प्रयासरत हैं.

पिछले एक दशक में अफ्रीका में काफी बदलाव आए हैं. यही नहीं, अर्थव्यवस्था में अफ्रीका ने यूरोप से भी तेज छलांग लगाई है. यह मोरक्को के लिए अच्छा ही है कि उस ने इस बात को जल्द ही समझ लिया कि अपने छोटे उद्योगों पर अधिक निर्भरता उस के पिछड़ेपन का कारण बन सकती है, इसलिए वह अब अंतरमहादेशीय पार्टनरशिप पर ध्यान दे रहा है.

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मोरक्को में उन कंपनियों व प्रतिष्ठानों के लिए ऐसा पारिस्थितिक तंत्र तैयार हो रहा है जो अफ्रीका में निवेश करने को इच्छुक हो. इसी के तहत 2014 में कैसाब्लांका वित्तीय नगरी की स्थापना की गई, जो मल्टीनैशनल कंपनियों की पसंदीदा बनती जा रही है.

यही नहीं, अफ्रीका में निवेश करने आने वाली कंपनियों के लिए मोरक्को सब से अच्छा एंट्री पौइंट हो सकता है क्योंकि यहां से कंपनियां अफ्रीकी महादेश की आर्थिक व्यवस्था को बेहतर तरीके से समझ पाती हैं. फ्रांसीसी उपनिवेश होने की वजह से मोरक्को का ध्यान ज्यादातर फ्रैंच बोलने वाले अफ्रीकी देशों पर ही था. इस वजह से वह अंगरेजी बोलने वाले नाइजीरिया और केन्या की तरह आर्थिक रूप से विकास नहीं कर पाया था. अब हालात बदल रहे हैं और वह नएनए अवसरों को तलाश रहा है. अगर ऐसा हुआ तो जल्द ही मोरक्को अफ्रीकी महादेश का न्यूयौर्क बन जाएगा.

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अफ्रीकी देशों की पिछड़ी छवि के विपरीत मोरक्को ने विकास, आधुनिकता व व्यापार के मोर्चों पर खुद को इस तरह ढाला है कि यह एक बड़ा बिजनैस हब बन कर उभर रहा है.

इस तरीके से आपकी सामान्य साड़ी भी बन जाएगी डिजाइनर

शुरू हो गया है फेस्टिव सीजन और उसी के साथ शुरू हो चुकी है त्योहारों पर बेस्ट दिखने की जद्दोजहद. किसी परिचित के यहां निमंत्रण पर जाना हो या घर पर गेट टुगेदर आयोजित करना हो. हर मौके पर आप दिखना चाहेंगी आकर्षक.

इसके लिए जरूरी है आप चुनें ऐसा पहनावा जो आपको दे सके डिफरेंट लुक. इस लिहाज से साड़ी परफेक्ट रहेगी. थोड़ी सी सुझबूझ से आप अपनी सामान्य साड़ी को डिजाइनर साड़ी में तब्दील कर सकती हैं.

जॉर्जट की ऐसी साड़ी खरीदें जिसकी वीविंग में गोल्डन या सिल्वर स्ट्राइप्स हों. ऐसी साडिय़ां आपको बाजार में काफी मिल जाएंगी. इसे डिजाइनर लुक देने के लिए मैचिंग कलर में बॉक्स प्लीट्स वाली स्टाइल में फ्रिल लगवाएं. उसके साथ पतली सी गोल्डन या सिल्वर लेस लगवा सकती हैं.

बीच-बीच में गोल्डन व सिल्वर सितारों से फूलों की डिजाइन भी बनवा सकती हैं. यकीन मानें, जब भी आप इसे पहनेंगी तो लोग आपकी तारीफ किए बिना नहीं रहेंगे. किसी अन्य के पास आपको ऐसी साड़ी नहीं दिखेगी, क्योंकि इसे तो आपने दिया है अपनी समझदारी से पर्सनल डिजाइनर टच.

इस कंपनी के साथ जुड़कर कमाएं मोटी रकम, बस करना होगा ये काम

यदि आपके पास बिजनेस शुरू करने के लिए ज्यादा बैकअप नहीं है तो यह खबर आपके लिए ही है. थोड़ा निवेश और लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करने की क्षमता 55 हजार रुपए के निवेश आपको हर महीने 40 हजार या इससे भी अधिक रुपए का मालिक बना सकता है. दरअसल आजकल तकनीक दुनिया में एक से बढ़कर एक तकनीक बाजार में दस्तक दे रही है. ऐसे में लोग भी इनकी तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. तकनीक की इसी दुनिया के माध्यम से बंगलुरू की एक कंपनी आपको कम निवेश में हर महीने 40 हजार रुपए कमाने का मौका दे रही है. यदि आप भी बिजनेस की तलाश में हैं तो इस कंपनी के साथ बतौर डीलर जुड़कर काम कर सकती हैं.

डीलरशिप लेने के बाद आप अपने शहर में भी बिजनेस शुरू कर सकती हैं. बिजनेस को आप कम निवेश में ही शुरू कर सकती हैं और व्यक्तिगत तौर पर यदि आप थोड़ा बोलने में माहिर हैं तो आपके लिए और अच्छा होगा. आगे हम आपको बता रहे हैं कि आप किस तरह इस कंपनी की डीलरशिप लेकर काम शुरू कर सकती हैं और हर महीने अच्छी इनकम कर सकती हैं.

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दरअसल बंगलुरू की होम औटोमेशन कंपनी पोंगो होम अपने नेटवर्क का विस्तार कर रही है. ऐसे में आप भी कंपनी की डीलरशिप लेकर उसके साथ जुड़ सकती हैं. डीलरशिप लेकर आप अपने शहर में बिजनेस शुरू कर सकती हैं. एक समाचार वेबसाइट के मुताबिक पोंगो होम (pongohome) 4.40 लाख रुपए में डिस्ट्रीब्यूटरशिप पर दे रही है. यदि आपको भी सेल्स की नौलेज हैं तो आप भी कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन कर सकती हैं.

वहीं इस कंपनी की डीलरशिप केवल 55 हजार रुपए के निवेश में मिल रही है. यदि आप भी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपके पास अच्छा मौका है. कंपनी का दावा है कि डीलरशिप लेने वाला हर व्यक्ति थोड़ी मेहनत से 40 हजार रुपए महीने तक की कमाई कर सकता है.

क्या है बिजनेस मौड्यूल

होम औटोमेशन कंपनी पोंगो होम आपके घर को स्मार्ट होम बना देती है. पोंगो होम की तरफ से आपके कमरे के इलेक्ट्रिक बोर्ड में एक डिवाइस फिट की जाती है, इसके माध्यम से आप मोबाइल के जरिए कमरे की लाइट को औन या फिर औफ कर सकते हैं. इतना ही नहीं आप पंखे की स्पीड कम या ज्यादा भी कर सकती हैं. यदि आप भी डीलरशिप लेते हैं तो आपको कंपनी का यह प्रोडक्ट सेल करना होगा.

कंपनी ने तीन तरह के प्रोडक्ट पेश किए हैं. होम औटोमेशन, एग्रीकल्चर औटोमेशन और सेंसर्स. होम औटोमेशन प्रोडक्ट के माध्यम से आप अपने घर को स्मार्ट होम बना सकती हैं. वहीं एग्रीकल्चर औटोमेशन के जरिए किसान घर पर बैठे मोबाइल से मोटर औन कर खेतों में पानी की सिंचाई शुरू कर सकते हैं.

ऐसे होगी कमाई

कंपनी के अनुसार डीलरशिप लेने वाले व्यक्ति को हर प्रोडक्ट पर 31 फीसदी तक का फायदा होता है. वन बीएचके फ्लैट को स्मार्ट होम बनाने पर 8 से 10 हजार रुपए का खर्च आता है. एक लाइट और पंखे को कंट्रोल करने के लिए 3200 रुपए का खर्च आता है. यदि आप हर महीने 12 छोटे घरों में भी यह सिस्टम इंस्टौल कर देती हैं तो आप हर महीने 40 हजार रुपए तक की इनकम कर सकती हैं. यदि आप भी कंपनी की डीलरशिप चाहती हैं तो वेबसाइट www.pongohome.com पर जाएं और कौन्टेक्ट अस में दिए गए नंबर पर संपर्क करें.

विद्या बालन पर कमेंट को लेकर ट्रोल हुईं शाहिद कपूर की पत्नी

बौलीवुड स्टार शाहिद कपूर की पत्नी मीरा राजपूत एक्ट्रेस नेहा धूपिया के नोफिल्टर चैट शो पर पहुंचीं. इस दौरान नेहा ने मीरा से पूछा कि इंडस्ट्री में ऐसी कौन सी हिरोइन है जिन्हें अपने स्टाइलिस्ट को बदलने की जरूरत है? इस पर मीरा ने झट से एक्ट्रेस विद्या बालन का नाम ले लिया.

मीरा के इस स्टेटमेंट से कई लोग नाराज नजर आ रहे हैं. इसके चलते मीरा सोशल मीडिया पर ट्रोल होने लगीं. शो पर मीरा द्वारा विद्या बालन का नाम लिए जाने के बाद ट्विटर पर यूजर्स ने इसे पति की पूर्व गर्लफ्रेंड से जलन होने की भावना कहा. मीरा की ये बात विद्या के फैंस को नागवार गुजरी जिसके बाद फैंस ने मीरा को सोशल मीडिया पर जवाब देना शुरू कर दिया.

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बता दें, साल 2008 में आई फिल्म ‘किस्मत कनेक्शन’ के वक्त विद्या बालन और शाहिद कपूर के लिंक अप की खबरें आई थीं. विद्या के फैंस का कहना है कि इसके चलते मीरा विद्या को निशाने पर ले रही हैं. आपको ये भी बता दें कि मीरा राजपूत-शाहिद कपूर जूहू की उसी बिल्डिंग में रहते हैं जहां विद्या बालन अपने पति सिद्धार्थ रौय कपूर के साथ रहती हैं. हाल ही में शाहिद कपूर भी ट्विटर पर ट्रोल हो गए थे. उनके ट्रोल होने की वजह थी एक पेपर कटिंग.

जी हां, शाहिद की खबर की एक कटिंग सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें शाहिद की तरफ से एक स्टेटमेंट लिखा दिखाई दे रहा है. इस स्टेटमेंट में शाहिद कहते हैं, ‘मेरी लाइफ में सबसे ज्यादा मजाकिया वाकया था कि 18 साल की उम्र में मुझे आइडिया नहीं था कि मैं जिस लड़की से शादी करूंगा उसकी उम्र उस वक्त 5 साल रही होगी जब मैं 18 साल का था. यह मेरे लिए सबसे ज्यादा नौटी चीज थी जो लाइफ में हुई.’

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इस कमेंट के सामने आने के बाद लोगों ने शाहिद को आड़े हाथों लेना शुरू कर दिया. शाहिद के इस स्टेटमेंट को काफी इंसेंसिटिव माना जा रहा है. इसके चलते लोगों ने शाहिद को ट्रोल करना शुरू कर दिया. एक यूजर कहता है,’ पहले भी ये इस तरह की बकवास कर चुका है.’ यूजर कहता है कि इसमें इतना ड्रमैटिक होने की क्या जरूरत है, और फनी क्या हैं?

शहद लौटाएगा आपके चेहरे की खोई हुई रंगत

अगर सर्दियों के मौसम में त्वचा रूखी और बेजान हो गई है और कोल्ड क्रीम के इस्तेमाल से त्वचा की रंगत कहीं खो सी गई है और आपकी चेहरा काला नजर आने लगा है तो आपको अब घबराने के जरूरत नही हैं. आप शहद का इस्तेमाल कर अपनी त्वचा की खोई रंगत वापस पा सकती हैं. चेहरे पर शहद मलने से चेहरे का निखार बढ़ जाता है और त्वचा स्वच्छ और कोमल हो जाती है. आप सिर्फ शहद का उपयोग कर सकती हैं या चाहे तो शहद को अन्य पदार्थ के साथ मिलाकर भी प्रयोग कर सकती हैं.

आइये जानते हैं कि कैसे शहद के इस्तेमाल से आप त्वचा की खोई रंगत वापस पा सकती हैं-

गुलाब के पंखुड़ी को पीसकर पेस्ट बना लें. अब इस में शहद मिला कर अपने चेहरे पर लेप करे. गुलाब अस्ट्रिंजेंट है और शहद मौइश्चराइजर है. इसलिए इसके इस्तेमाल से आपके चेहरे पर पड़ी झाइया दूर हो जाएगी.

एक चम्मच दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर अपने चेहरे पर लगाएं. इसे 15 मिनट तक छोड़ दें फिर पानी से धो लें. दूध और शहद के इस लेप से आप की त्वचा को पोषण मिलेगा और त्वचा स्वच्छ और कोमल बनी रहेगी. सर्दियों के मौसम में इसका इस्तेमाल बेहद ही फायदेमंद होता है.

दही, बेसन और शहद का मिस्रण लगाने से चेहरे के दाग धब्बे कम होंगे साथ ही चेहरे का रंग भी निखर जाएगा. इसके अलावा हल्दी और शहद को बराबर मात्रा में मिला के त्वचा पर लगाने से मुहांसो से छुटकारा मिलता है.

अगर आपकी त्वचा रूखी है तो शहद, मलाई और बेसन का उबटन लगाए. इससे त्वचा की खोई नमी वापस आ जाएगी.

शहद में अंडे का सफेद भाग मिलाकर लगाने से चेहरे को पोषण मिलता है और रिंकल्स कम होते हैं.

एक चम्मच शहद, एक चम्मच चंदन पाउडर और आधे चम्मच ओट्स के आटे को आपस मे मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें. इस में आप चाहे तो दो-टीन बूंद औलिव आयल या कोकनट आयल को मिक्स करें. यह एक उत्तम फेस मास्क है. इस मास्क को अपने चेहरे पर लगाकर 10 मिनट रखे फिर पानी से धोकर साफ कर लें. यह चेहरे की रंगत को निखारने के साथ ही उसे स्वच्छ और कोमल बनाने का काम भी करता है.

फेस स्क्रब बनाना हो तो नमक और चीनी पाउडर को बराबर मात्रा में लें. उसमें आधा चमच नींबू का रस और एक चमच शहद डालें. इस को चेहरे पर लगाकर अच्छी तरह घिसने से डेड स्किन सेल्स निकल जाएगी.

शहद और केले का पेस्ट भी चेहरे को निखारने में मददगार है.

शहद और बादाम का पेस्ट चेहरे के त्वचा के लिए उत्तम टौनिक है.

इसके अलावा होठों पर शहद मलने से होंठों के फटने की समस्या से निजात मिलता है साथ ही होठ प्राकृतिक तरीके से गुलाबी और कोमल रहेंगे.

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