कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान दिलाएगा आपको घर बैठे कमाई करने का मौका

अक्सर ऐसा होता है कि हम पढ़ाई के साथ साथ काम करने की सोचते हैं. लेकिन पढ़ाई के साथ साथ बाहर जाकर या औफिस में बैठ कर काम करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन यदि आप घर बैठे-बैठे एक्सट्रा कमाई करना चाहती हैं तो पार्ट टाइम जौब के औपशन्स की कमी नहीं है.

रोजाना सिर्फ 3 से 4 घंटे देकर आप पार्ट टाइम नौकरी के जरिए महीने में 10 से 15 हजार रुपए की कमाई आसानी से कर सकती हैं. यदि आप ज्यादा टाइम देती हैं तो हफ्ते में 5 हजार रुपए महीने तक की इनकम इस तरह की नौकरियों से की जा सकती है. आज हम आपको बता रहे है कि कौन सी पार्ट टाइम नौकरी आप घर बैठ कर सकती हैं और इन कामों को आपको कैसे करना हैं. इसके इलावा कौन सी कपनियां है जो आपको इस प्रकार की नौकरी देती हैं.

डाटा एंट्री जौब

पार्ट टाइम में औफलाइन डाटा एंट्री की नौकरी आप कर सकती हैं. इसमें कंपनियां आपको औनलाइन डाटा प्रोवाइड करवाती हैं. इस डाटा को एमएस वर्ल्ड में टाइप करके वापिस कंपनियों के पास भेजना होता है.

यह काम करने के लिए आपको इंग्लिश टाइपिंग आना चाहिए. इसके अलावा एमएस वर्ल्ड, कम्प्यूटर का बेसिक नौलेज भी होना चाहिए.

फौर्म फिलिंग

आप घर बैठे-बैठे फौर्म फिलिंग का भी काम कर सकती हैं. इसमें आपको फौर्म में डिटेल फिल करना होगा. यह डिटेल और फौर्म औनलाइन ही सेंड किए जाते हैं.

इस काम को करने के लिए आपको कम्प्यूटर का बेसिक नौलेज, इंटरनेट सर्फिंग व वेबसाइट्स को खोलना आना चाहिए.

एड पोस्टिंग

इसमें आपको कंपनियों के एड अलग-अलग क्लासिफाइड वेबसाइट्स पर पोस्ट करना होते हैं. आप जितने ज्यादा एड पोस्ट करती हैं, उतना ज्यादा पेमेंट आपको मिलता है. यह कहीं से भी कभी भी किया जा सकता है.

इसके लिए सिर्फ आपके पास कम्प्यूटर या लैपटौप होना चाहिए जिसमें इंटरनेट कनेक्शन हो. सायबर कैफे में भी कुछ घंटे जाकर आप यह काम कर सकती हैं.

SMS सेंड करने का काम

कंपनियां अपने विज्ञापन मैसेज के जरिए भी करवाती हैं. अपने प्रोडक्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के मकसद से मोबाइल यूजर्स को संबंधित प्रोडक्ट के मैसेज करवाए जाते हैं.

इसके लिए ऐसे लोगों की जरूरत होती है जो प्रोडक्ट के मैसेज यूजर्स को सेंड करें. पार्ट टाइम इनकम के लिए फ्री टाइम में आप यह काम भी कर सकती हैं.

कौपी पेस्ट करने का काम

इसमें कंपनियों के लिए आपको एड पोस्ट करना होंगा. अलग-अलग क्लासिफाइड में आप जितने ज्यादा एड पेस्ट करेंगी, उतनी इनकम आपकी होगी. इस काम के लिए किसी तरह की स्किल्स की जरूरत नहीं.

आपको सिर्फ इंटरनेट चलाना आना चाहिए आपके कम्प्यूटर या लैपटौप में इंटरनेट कनेक्शन होना भी जरूरी है.

इन वेबसाइट्स के जरिए मिल सकती है नौकरी

 www.hkmsolution.com

www.akgsoftech.com

 www.dataconversionjobs.com

www.vivastreet.co.in

ऐसे और भी कई वेबसाइट्स हैं जो इस तरह की नौकरी करा रही हैं. नौकरी ढूंढने के लिए आप इंटरनेट पर ऐसी और वेबसाइट्स खोज सकता हैं.

इस मौसम में जाएं जैसलमेर, दुबई घूमने का होगा एहसास

हम में से काफी लोग ऐसे हैं, जो विदेश घूमने जाना चाहते हैं लेकिन कुछ वजहों से जा नहीं पाते. अगर हम आपसे ये कहें कि भारत की कुछ जगह ऐसी हैं, जहां खूबसूरती देखकर आपको लगेगा कि आप विदेश में घूम रही हैं. राजस्थान का जैसलमेर उन्हीं जगहों में से एक हैं, जहां जाकर आपको दुबई जैसा एहसास होगा.

गर्म के साथ सर्द भी है जैसलमेर 

जैसलमेर भले ही रेगिस्तान हो, लेकिन रेगिस्तान की रेत गर्मियों की दोपहर में जितनी गर्म हो सकती है, उतनी ही ठंडी यह सर्दियों की रातों में हो जाती है.  रेगिस्तान में चूरू देश के मैदानी इलाकों में सबसे ठंडी जगहों में से एक माना जाता है, इसलिए अगर आप जैसलमेर जाएं, तो मौसम के हिसाब से पर्याप्त तैयारी पहनने-ओढ़ने की भी करके जाएं.

जैसलमेर का किला

जैसलमेर का किला इतना शानदार है कि यहां जाकर आपको रेत भी सोना दिखाई देगी. जैसलमेर के किले को गोल्डन फोर्ट भी कहा जाता है. राजस्थानी नक्काशी को किले पर आसानी से देखा जा सकता है. तो अगर आप दुबई का बुर्ज खलीफा नहीं देख पाईं हैं, तो जैसलमेर का किला भी कम दिलचस्प नहीं है.

थार हेरिटेज म्यूजियम

जैसलमेर में थार म्यूजियम देखकर आपको राजस्थानी कला और धरोहर का अंदाजा लग जाएगा. पुराने सिक्के, राजस्थानी आभूषण, तलवारें आदि इस म्यूजियम में रखे हुए हैं. ठीक इसी तरह दुबई में मौजूद दुबई म्यूजियम, हेरीटेज और ड्राइविंग म्यूजियम में भी दुबई की पुरानी विरासत की झलक मिलती है.

इन जगहों पर घूमना ना भूलें

जैसलमेर में किले के अलावा सलीम सिंह की हवेली, कुलधारा, जैन मंदिर, नथमल की हवेली, गादीसर झील, बड़ा बाग जैसे जगहें घूमकर आपका मूड फ्रेश हो जाएगा.

डेजर्ट सफारी

अगर आपने जैसलमेर में जाकर डेजर्ट सफारी नहीं की, तो समझ लीजिए आप जैसलमेर के सही रंग देख ही नहीं पाईं. तो, इंतजार किस बात का आने वाली छुट्टियों में आप जैसलमेर जाने का प्लान बना सकती हैं.

मेडिकल लोन लेने का है मन तो एक बार इसे जरूर पढ़ें

एक मेडिकल लोन को एक पर्सनल लोन की तुलना में ज्यादा जल्दी प्रोसेस किया जाता है. आम तौर पर मेडिकल लोन का पैसा ट्रांसफर होने में लगभग तीन दिन का समय लगता है जबकि एक पर्सनल लोन का पैसा ट्रांसफर होने में लोन देने वाली कंपनी के नियमों के आधार पर कुछ घंटे या कुछ दिन भी लग सकते हैं.

इंश्योरेंस, भावी जोखिमों को कम करने का एक अच्छा तरीका है. हेल्थ इंश्योरेंस, मेडिकल इमरजेंसी में आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है. इससे आपको अपनी पौलिसी के कवरेज के आकार के अनुसार गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आपको आर्थिक मदद मिलती है. मेडिकल इमरजेंसी के दौरान तुरंत फैसले लेने पड़ते हैं और बहुत कम समय में पैसे का इंतजाम करना पड़ता है.

मेडिकल लोन एक ऐसा साधन है जिसे खास तौर पर इसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी में आपकी मदद करने के लिए तैयार किया गया है. इसी तरह बाजार में कुछ और लोन भी उपलब्ध हैं, जैसे पर्सनल लोन और जमानत के बदले में लोन जो तरह-तरह की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिए जाते हैं.

पर्सनल लोन के मामले में बैंक और वित्तीय संस्थान सिर्फ आवेदक के योग्यता मानदंडों की जांच करते हैं. उसके बाद ही यह फैसला करते हैं कि उसे लोन दिया जाए या नहीं, लेकिन मेडिकल लोन के मामले में कुछ एनबीएफसी पूरे परिवार की योग्यता की जांच करते हैं. इसलिए इसमें लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है. यदि रोगी का क्रेडिट स्कोर खराब है तब भी.

कहां से मिलता है मेडिकल लोन?

मेडिकल लोन, टाटा कैपिटल जैसे एनबीएफसी द्वारा दिया जाता है. बैंक भी पर्सनल लोन आधारित मेडिकल लोन देते हैं. राष्ट्रीय बैंक, पर्सनल लोन की सुविधा देते हैं. इसका इस्तेमाल मेडिकल इमरजेंसी के दौरान इलाज के खर्च का भुगतान करने के लिए किया जा सकता है. लगभग सभी राष्ट्रीय बैंक पर्सनल लोन देते हैं. एनबीएफसी और बैंकों के अलावा, कुछ उधार देने वाली कंपनियां भी बैंकों और अस्पतालों के साथ टाईअप करके मेडिकल लोन देती हैं.

कितना मिलता है मेडिकल लोन

लोन की सीमा आम तौर पर 30 हजार से 30 लाख रुपये तक होती है. इस तरह का लोन आम तौर पर असुरक्षित होता है. लेकिन, लोन की रकम अधिक होने पर लोन देने वाली कंपनियां अपनी नीतियों के आधार पर थर्ड पार्टी गारंटी की मांग कर सकती हैं.

क्या आपको इमरजेंसी में लोन लेना चाहिए?

जब आपके हाथ में बहुत ज्यादा समय न हो और तत्काल इलाज करने की जरूरत हो तो आपको सबसे पहले कम से कम समय में पैसों का इंतजाम करने पर ध्यान देना होता है. कोई अन्य उधार लेने की तरह ही लोन लेते समय भी सावधानी बरतें और बहुत अधिक शुल्क का भुगतान न करें और किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले उसके नियमों एवं शर्तों को अच्छी तरह पढ़ लें.

कुछ कंपनियां और वित्तीय संस्थान, प्रोसेसिंग शुल्क माफ कर सकती हैं और ब्याज दर कम कर सकती हैं. लेकिन, आपको सभी नियमों एवं शर्तों को अच्छी तरह पढ़कर यह देख लेना चाहिए कि कहीं कोई छुपा खर्च या शुल्क तो नहीं है. यदि लोन लेने का सबसे अच्छा तरीका चुनने के लिए आपके हाथ में थोड़ा समय है तो सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार करें. पर्सनल लोन, मेडिकल लोन, सुरक्षित लोन (यदि आपके पास गिरवी रखने के लिए कोई संपत्ति है जैसे सोना, बैंक एफडी, इत्यादि), और उसके बाद सबसे अच्छे विकल्प के लिए आवेदन करें.

उसी तरह, आजकल पर्सनल लोन के लिए आवेदन करना भी बहुत सुविधाजनक हो गया है. कई पेपर लैस लोन औप्शन उपलब्ध होने के कारण आप अपने फोन से अपने लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं और जल्दी से लोन की रकम प्राप्त कर सकते हैं खास तौर पर तब जब आपको प्री-एप्रूव्ड लोन देने का औफर किया गया हो.

ऐसा रेस्टोरेंट जहां बंदर करते हैं वेटर का काम

अगर कोई आपसे पूछे कि आप किसी रेस्टोरेंट में बार-बार जाना क्यों पसंद करती हैं? तो आपका क्या जवाब होगा. शायद आप कहेंगी कि आपको वहां का खाना, माहौल बहुत पसंद है इसलिए आप वहां जाना पसंद करती हैं. लेकिन अगर हम आपसे ये कहें कि दुनिया में ऐसे कई दिलचस्प रेस्टोरेंट हैं, जहां आप जिंदगी में एक बार जाना तो जरूर पसंद करेंगे. आइए जानते हैं ऐसे ही एक अजीबोगरीब रेस्टोरेंट के बारे में.

क्या बुकिया तावेर्न’ रेस्टोरेंट, जापान

क्या बुकिया तावेर्न नाम के जापानी रेस्टोरेंट में बंदर वेटर के रूप में काम करते हैं और सबसे मजेदार बात ये है कि इन बंदरों की 2 घंटे की शिफ्ट लगती है. अपने काम के 2 घंटे पूरा करने के बाद इन बंदरों की जगह पर दूसरे बंदर आ जाते हैं. ऐसे 2-2 घंटे की शिफ्ट यहां चलती रहती है.

और तो और बंदर यहां बिल्कुल प्रोफेशनल तरीके से और काफी बढ़िया तरीके से काम करते हैं.

प्रोफेशनल यूनिफौर्म में रहते हैं बंदर

इन वेटर बंदरों को प्रोफेशनल लुक देने के लिए इन्हें एक यूनिफौर्म भी दी गई है. कड़ी ट्रेनिंग के बाद इन बंदरों को खाना सर्व करना सिखाया गया है. इन्हें ट्रेनिंग देने के लिए वहां दूसरे वेटर भी हर समय मौजूद रहते हैं. कभी उत्पात मचाने वाले इन बंदरों को अब कड़े अनुशासन की आदत पड़ चुकी है और अब वो इसका एक हिस्सा बन चुके हैं.

वेटर के यूनिफौर्म में ये बंदर बहुत ही ज्यादा मजेदार लगते है. बंदर ही इस रेस्टोरेंट के आकर्षण का प्रमुख केन्द्र हैं.

अब आप ये सोच रहीं होंगी की आखिर बंदर काम तो करते हैं लेकिन बदले में उन्हे क्या मिलता है.

काम के बदले मिलती हैं ये चीजें

काम के बदलने इन बंदरों को रहने, खाने-पीने की सुविधा के साथ इनके हर जरूरत का सामान दिया जाता है. इनकी देखरेख करने के लिए रेस्टोरेंट में स्टाफ तैनात किया गया है जबकि इनमें से कुछ बंदर घरेलू बंदर हैं, जिन्हें 2 घंटे की शिफ्ट पूरा करने के बाद घर भेज दिया जाता है.

घरेलू बंदर यानी उन्हे इंसानो के बीच रखकर ही पाला पोसा गया है, जिस वजह से उन बंदरो को इंसानो के बीच रहने की आदत है. यहां इन बंदरो का खासा ख्याल तथा उनके स्वास्थ, खान पान, आराम तथा उनका सारी सुख सुविधाओं का ध्यान रखा जाता है.

दीपिका पादुकोण का स्टारडम बना उनके लिए रोड़ा

गोवा में भारत के 48 वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की शुरूआत ईरानी फिल्मकार माजिद मजीदी की फिल्म‘‘बियांड द क्लाउड’’ से हुई, जिसे उन्होने भारत में भारतीय कलकारों के साथ ही फिल्माया है. माजिद मजीदी इस फिल्म को दीपिका पादुकोण के ही साथ बनाना चाहते थे. इसके लिए उन्होने दीपिका पादुकोण का औडीशन भी लिया. सब कुछ तय हो गया, उसके बाद अचानक माजिद मजीदी ने दीपिका पादुकोण की बजाय मालविका मोहनन को लेकर यह फिल्म बनायी. तब से कई तरह की अफवाहें गर्म थी.

पर अब गोवा में फिल्म समारोह के ही दौरान माजिद मजीदी ने अपनी फिल्म ‘‘बियौंड द क्लाउड’’में दीपिका पादुकोण को न लेने के लिए उनके स्टारडम को दोषी ठहराया है. मीडिया से बात करते हुए खुद माजिद मजीदी ने कहा-‘‘सेट पर एक बड़े स्टार के साथ हर चीज को समायोजित करना कठिन होता है.

मैंने एक दिन के लिए दीपिका पादुकोण का औडीशन टेस्ट रखा था. उस दिन मैंने महसूस किया कि उनके स्टारडम के चलते काम करना कितना मुश्किल है. उनसे मिलने वालों को तांता लगा हुआ था. उनको लेकर लोगों में अजीब सी उत्सुकता थी. सब कुछ व्यवस्थित करना हमारे मुश्किल हो रहा था.’’

मजीद मीजीदी ने आगे कहा-‘‘मैं अपनी फिल्म की कथा समाज से चुनता हूं. मैं अपनी फिल्म का हीरो लोगों की भीड़ से चुनता हूं. मैं असर नए लोगों के साथ काम करता हूं. इसके यह मायने नहीं है कि मैं स्थापित कलाकारों के साथ काम नहीं करना चाहता. मेरी फिल्म में लोकेशन भी एक पात्र होती है. मैंने अपनी फिल्म‘बियौंड द क्लाउड’ को मुंबई में फिल्माया है, उससे पहले मैं भारत में काफी घूमा. पर अंत में मैने मुंबई को चुना.’’

नेताजी की मृत्यु की अनसुलझी गुत्थी पर बनी वेब सीरीज ‘बोस डेड और अलाइव’

स्वतंत्रा सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित वेब सीरीज ‘बोस डेड और अलाइव’ में राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त अभिनेता राजकुमार राव हुबहू सुभाषचंद्र की तरह दिखे. उसमें उनके अभिनय की जितनी भी तारीफ की जाये वह कम होगी. उन्होंने उनके किरदार को बड़ी ही सहजता से निभाया है. इस किरदार को निभाने के लिए राजकुमार राव ने कड़ी मेहनत की है. उन्होंने फिल्म ‘ट्रैप्ड’ के लिए अपना वजन करीब 11 किलो तक कम किया था. वहीं इस फिल्म के लिए उन्होंने अपना वजन बढाया है. इतना ही नहीं नेताजी की लुक के लिए वे आधे गंजे भी हुए.

एकता कपूर के बालाजी प्रोडक्शन्स के डिजिटल चैनल आल्ट बालाजी के अंतर्गत निर्देशक पुलकित ने बहुत ही अच्छी तरह से इसे पेश किया है. 9 एपीसोड में बनी इस वेब सीरीज में नेताजी के मृत होने या जिन्दा होने जैसी अनसुलझे पहलुओं पर रोचक तरीके से रोशनी डालने की कोशिश की गयी है. अनुज धर की लिखी किताब ‘द बिगेस्ट कवर अप’ पर आधारित इस सीरीज में लेखक रेशु नाथ की भी तारीफ करनी होगी, जिसने बहुत बारीकी से हर पहलुओं को विस्तार पूर्वक लिखा है, जिससे ये वेब सीरीज रोचक बन पड़ी है. नंदिनी (पत्रलेखा) ने लेडी लव और बंगाली बाला के रूप में काफी अच्छा अभिनय किया है.

वेब सीरिज की शुरुआत एक प्लेन क्रैश से होती है, जिसमें नेताजी (राजकुमार राव) को कुछ लोग मृत तो कुछ जीवित समझते हैं. उनकी 14 साल से 41 साल तक की जर्नी, जो अजीब तरीके से खत्म हो जाती है और जिसे कोई सिद्ध नहीं कर पाता कि आखिर प्लेन क्रैश में उनकी मृत्यु हुई थी या नहीं, क्योंकि कुछ मानते है कि सुभाषचंद्र बोस उस प्लेन में थे ही नहीं जबकि कुछ मानते हैं कि वे प्लेन में सवार हुए थे. ऐसे में अगर वे उसमें थे ही नहीं, तो गए कहां? पूरी दुनिया जब उन्हें मृत घोषित कर शांत है, एक ब्रिटिश अधिकारी स्टेनली और उनकी जर्मन पत्नी एमिली को उसके मौत पर विश्वास नहीं हो रहा है और वे उसकी आवाज सुनने को आतुर हैं. ऐसे ही कई घटनाओं को दिखाकर कहानी को अंजाम तक पहुंचाया गया है.

इसके अलावा इसमें एक 14 साल का बच्चा जो आजादी पाने की चाहत में अपना घर छोड़ किन-किन हालात से गुजरता है उसे बहुत ही अच्छी तरह से वर्णन किया गया है. कहानी में आजादी के पहले की परिप्रेक्ष्य को अच्छी तरह से दिखाया गया है, लेकिन कहानी के संवाद थोड़े कमजोर हैं और यह चरित्र प्रधान न होकर परिस्थिति के अनुसार है जो कई बार सही नहीं लग रही थी. इसका संगीत ‘बोस…बोस…बोस…’ प्रभावशाली है. सीरीज देखने लायक है. इसे थ्री एंड हाफ स्टार दिया जा सकता है.

पंजाब पुलिस की वर्दी में कौन है ये खूबसूरत महिला

आज इंटरनेट एक ऐसा जरिया बन गया है जहां पर आप किसी भी तरह की जानकारी हासिल कर सकते हैं इसके अलावा देश-दुनिया में चल रहे ट्रेंड के बारे में भी पता कर सकते हैं. यह एक ऐसी जगह भी है जहां आप झूठी खबरें, अफवाहें बड़ी ही आसानी से फैला सकते हैं.

इसके अलावा किसी की तस्वीर पर कुछ भी लिखकर आप हंगामा खड़ा करवा सकते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां पंजाब पुलिस की वर्दी पहने एक महिला की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. महिला की वर्दी पर लगे बैज पर नाम लिखा है हरलीन मान.

 

#comingtolifesoon #kainaatarora As #harleenmaan @jeetkalsi9 @mikasingh presents #jaggajiyuandae makeup : @rajus_makeup

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बहुत से लोगों को लगा कि वो पंजाब पुलिस में एसएचओ हैं, वहीं बहुत से इस पुलिसवाली के लुक्स और खूबसूरती को देखकर क्लीन बोल्ड हो गए. जिसके बाद लोगों ने उनकी तस्वीर को शेयर करते हुए खुद को गिरफ्तार करने की अपील कर

यह तस्वीर फेसबुक, ट्विटर, वाट्सऐप आदि जगहों पर काफी वायरल हो गई. यूजर्स ने लिखा- हरलीन मान, पंजाब पुलिस, लोग गिरफ्तार होने के लिए कतार में खड़े हैं, हरलीन मान, पंजाब पुलिस कृपया मुझे गिरफ्तार कर लो, यह है पंजाब पुलिस की एसएचओ हरलीन मान, मैं सरेंडर करता हूं. लेकिन जब इस तस्वीर की सच्चाई आपको पता चलेगी तो निश्चित ही आप हैरान रह जाएंगे.

दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर किसी पुलिसवाली की नहीं बल्कि एक्ट्रेस कायनात अरोड़ा की है. उन्होंने यह लुक अपनी अपकमिंग फिल्म जग्गा ज्यूंदेई के लिए अपनाया हुआ है. एक्ट्रेस इससे पहले ग्रैंड मस्ती और खट्टा-मीठा जैसी हिंदी फिल्मों में नजर आ चुकी हैं.

तस्वीर के वायरल होने के बाद खुद वो सामने आई और सफाई दी. अपनी एक तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा- प्रिय लोग हरलीन मान फिल्म जग्गा ज्यूंदेई में मेरे किरदार का नाम है. यह केवल एक फिल्म है. मेरा फोन तस्वीर को फौरवर्ड करने वाले मैसेज से भर गया. लोग मुझे मैसेज और जोक्स भेज रहे हैं. गिरफ्तारी के लिए तैयार हूं जैसे मैसेज कर रहे हैं. मैं असली पुलिस नहीं हूं. 3 दिन हो गए हैं अब भी यह तस्वीर वायरल है.

कायनात अरोड़ा की सफाई उन लोगों के लिए एक सबक है जो बिना जांच पड़ताल और सोचे समझे किसी भी चीज को सच मानने लगते हैं. वैसे एक बात तो तय है कि तस्वीर के वायरल होने का अरोड़ा की फिल्म को फायदा मिल सकता है.

बंदगी पर उनके बौयफ्रैंड का बयान, कहा फिजिकली अट्रैक्टेड हैं दोनों

‘बिग बौस 11’ के घर में लड़ाई-झगड़े के अलावा भी अगर कुछ चर्चा में है, तो वह है बंदगी-पुनीश का रोमांस. कभी दोनों को रजाई में रोमांस करते देखा जाता है तो कभी बाथरूम में बंद होते. नैशनल टीवी पर इस हरकत के लिए सलमान की डांट का भी इनपर कोई असर नहीं पड़ा.

इस बीच जब बंदगी के एक्स बौयफ्रेंड डेनिस नागपाल से इस रिश्ते के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब कुछ यूं था, ‘घर में जाने से पहले वह ऐसी नहीं थी. मैं खुद ही समझ नहीं पा रहा हूं कि सिर्फ 8-9 हफ्तों में वह इतना कैसे बदल गई.

यहां तक की ‘बिग बौस’ में जाते समय उसने मुझे अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक के पासवर्ड भी दिए थे. मेरे साथ वीडियो चैट भी किया था. मैं बहुत आश्चर्य हूं कि वह घर से बाहर आने के बाद कैसे सबका सामना करेगी.

रही बात पुनीश की तो मैं उसे ज्यादा नहीं जानता हूं. मुझे लगता है कि दोनों एक दूसरे से सिर्फ फिजिकली अट्रैक्टेड है और प्यार का नाटक कर रहे हैं. बंदगी की मंजूरी से ही उनके बीच क्लोजनेस बढ़ी है. अगर बंदगी ने इनकार किया होता तो पुनीश भी दूरी बनाकर रहते.’

इतना ही नहीं, जब डेनिस से बंदगी के पिता के अस्पताल में भर्ती होने पर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया, ‘हां, हाई ब्लड प्रेशर के कारण वह हाल ही में अस्तपाल में भर्ती थे. बंदगी के परिवार वालों को बाहर काफी जिल्लत झेलनी पड़ रही है. यहां तक की बंदगी के मकान मालिक ने उन्हें उनके फ्लैट से निकालने का फैसला भी कर लिया है.’

वहीं दूसरी ओर बिग बौस से बाहर आ चुकी बेनाफ्शा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वे अपने और प्रियांक के रिश्ते को लेकर बाते बता रही हैं और वो भी किसी और के लिये नहीं बल्कि प्रियांक की गर्लफेंड दिव्या को वो ये बाते बता रही हैं कि प्रियांक और उनके बीच कुछ नही था सिर्फ दोस्ती का रिश्ता था लेकिन बाहर कि दुनिया में लोगो ने उस बात का बवाल मचा रखा है, बेनाफ्शा एक मजाकिया अंदाज में कहती हैं कि दिव्या रुक जाओ तुम ना जाओ मै तुमसे जल्दी मिलने आउंगी और सब बाते बताउंगी.

इस लोन प्रकिया को अपनाकर शुरू करें अपना व्यापार

आज के जमाने में पैसे की अहमियत उसे ही पता है जिनका की काम पैसे के अभाव में नहीं हो पाता है तो आज के जमाने में पैसे की क्या अहमियत है ये सभी लोग जानते हैं. खासकर घरेलू महिलाओं के लिये जो पढ़ी लिखी होने के बावजूद भी कुछ नहीं कर पा रही हैं क्योंकि उनके पास पैसे नही होते तो आज हम आपके फायदे की बात बताने जा रहे हैं.

अगर आप भी अपना खुद का कोरोबार करने के बारे में सोच रही हैं, तो आज हम आपको जो बताने वाले हैं वो वाकई आपके फायदे की बात साबित हो सकती है. क्योंकि इसकी मदद से आप अपने कारोबार की शुरुआत कर सकती हैं.

एक आदेश के मुताबिक अब बैंक लोन लेने के लिए किसी गारंटर की जरुरत नही पड़ेगी. छोटे-छोटे कारोबार करने वालों को धंधा बढ़ाने के लिए अब साहूकारों से कर्ज लेने की जरूरत नहीं होगी. क्योंकि अब बैंकों में 50 हजार तक लोन बिना किसी की गारंटी एवं बिना किसी की सिफारिश से आसानी से  मिल जाएगा.

यही नहीं हर बैंक शाखा को इस प्रकार के 25-25 लोन जारी करने के लिए पाबंद भी किया है. अभी तक बैंक में कोई भी लोन लेने जाता है तो, उसे बैंक में दो गारंटर को साथ ले जाना होता है. इसके अलावा विविध प्रकार की फार्मेलिटी पूरी होने के बाद लोन मिलता है, लेकिन केंद्र सरकार ने छोटे-छोटे कारोबार कर्ताओं के लिए लोन प्रक्रिया में सरलीकरण कर दिया है. यही नहीं जो बैंक लोन नहीं देगा उससे सरकार कारण भी पूछेगी. प्रत्येक जिले की किस-किस बैंक की शाखाओं ने कितने-कितने लोन जारी किए. इसकी रिपोर्ट सरकार एवं रिजर्व बैंक को भेजी जाएगी.

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लागू की है. इस योजना के तहत 50 हजार से 10 लाख तक का लोन दिया जाएगा. हालांकि योजना के प्रथम चरण में सरकार का फोकस 50 हजार या इससे कम लोन देने पर रहेगा. इस योजना में 50 हजार तक लोन लेने के लिए किसी भी बैंक में कोई गारंटी नहीं देनी पड़ेगी.

यहां तक पैन कार्ड भी नहीं चाहिये होगा. लोन के लिए आवेदन करने वाले को केवल दो आईडी प्रूफ देने होंगे. बस इतनी से प्रक्रिया के बाद आवेदनकर्ता को लोन बैंक द्वारा दिया जाएगा. सरकार ने प्रत्येक बैंक की प्रत्येक शाखा को एक निश्चित अवधि तक 25-25 लोन जारी करने का लक्ष्य दिया है. इसकी सीधी रिपोर्ट सरकार एवं रिजर्व बैंक को भेजी जाएगी. जो बैंक शाखा फिसड्डी रहेगी, उस पर सीधे उच्च स्तर से कार्रवाई होगी.

तीन प्रकार के लोन होंगे स्वीकृत

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत तीन प्रकार के लोन स्वीकृत होंगे. पहले चरण में केवल 50 हजार तक लोन देने पर सरकार एवं बैंकों का फोकस रहेगा. इस लोन को शिशु लोन कहा जाएगा. इसके बाद इस योजना में किशोर लोन जो 50 हजार से पांच लाख तथा तरुण लोन पांच लाख से 10 लाख रुपए तक दिया जाएगा. हालांकि किशोर एवं तरुण लोन जारी करने की प्रक्रिया के नियम एवं शर्तें कुछ अलग होगी.

पात्र व्यक्तियों को ही मिलेगा लाभ

ऐसा नहीं है कि हर किसी को लोन बैंक दे देंगी. ऐसा छोटा कारोबारकर्ता जो नियमित रूप से कारोबार कर रहा हो. उसकी जांच पड़ताल के बाद ही बैंक लोन देगी. कारण इस योजना का केवल पात्र व्यक्तियों को ही लाभ मिले.

यह है योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब तबके के छोटे-छोटे कारोबार करने वालों का उत्थान करना है. इस योजना से पहले बैंकों से 50 हजार तक का लोन लेना भी बहुत मुश्किल होता था. कारण गारंटर नहीं मिलने पर लोन नहीं दिया जाता था. अब छोटे कारोबारकर्ताओं को इस समस्या से मुक्ति मिलेगी.

विदेश में इन जगहों पर बढ़ जाती है भारतीय करेंसी की कीमत

आपके औफिस में कोई विदेश घूमने जा रहा है. ऐसे में आपका मन करता है कि आप भी कहीं घूमने जाए, लेकिन विदेश जाने का सोचते ही आपकी नजरें आपके बजट पर जाने लगती है, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि आप कम बजट में भी विदेश जाने का सपना पूरा कर सकती हैं, तो आपको कैसा लगेगा.

हम आपको ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर आपको कम पैसे भी ज्यादा लगेंगे यानि वहां भारतीय करेंसी की वैल्यू बढ़ जाती है. मतलब की आप आसानी से यहां अपने बजट में इन जगहों का आनंद ले सकती हैं और तो और जी भर के शौपिंग भी कर सकती हैं. क्योंकि इन जगहों पर कहीं आपका एक रुपया 208 तो कही 349 रुपये के बराबर है, तो चलिये हमारे साथ इन खूबसूरत जगहों के सुहाने सफर पर.

इंडोनेशिया

यहां पर साफ नीला पानी टूरिस्ट के लिए आकर्षण का केंद्र है. इसके अलावा टोबा झील, बालियम घाटी, माउंट ब्रोमो, कोमोडो नेशनल पार्क जैसी दिलचस्प जगह आपको जरुर पसंद आएगी. आप भारतीय करेंसी की वैल्यू का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि भारत के 1 रुपए की कीमत इंडोनेशिया रुपये में 208 रुपए है.

आइसलैंड

यूरोप में स्थित आइसलैंड में घूमने-फिरने की बहुत दिलचस्प जगहें है. यहां स्वार्तीफोस, ब्रिडाविक बीच, आस्कजा, स्कोगाफोस, ब्लू लगून जैसी जगह आपको जन्नत से कम नहीं लगेंगी. यहां भारत के 1 रुपए की कीमत आइसलैंडिक क्रोना (आइसलैंड करेंसी) में 1.60 रुपए के बराबर है.

कंबोडिया

यहां जाकर आप भारत को कम मिस करेंगे क्योंकि यहां भी भारत की तरह ही कई बड़े-बड़े मंदिर हैं. कंबोडिया में दुनिया का सबसे बड़ा विष्णु मंदिर है. यहां अंकोर वट, क्राती, कोहरोंग, मोंदूलकिरी जैसी जगहें आपका मन मोह लेंगी. यहां भारत के 1 रुपए की कीमत कंबोडियन राइल में 62.19 रुपए के बराबर है.

वियतनाम

वियतनाम चीन प्रभाव वाला देश है. जहां पर आप राजधानी हनोई, ला लोंग की खाड़ी, वाटर पपेट (पानी की अद्भुत कठपुतलियां), फोंन नहा की गुफाएं, पैराडाइज की गुफाएं, वियतनामी वीमेंस म्यूजियम में घूम सकती हैं. यहां भारत के 1 रुपए की कीमत वियतनामी डोंग में 349 रुपए के बराबर होगी.

नेपाल

नेपाल घूमने में आपको कुछ जगहें भारत जैसी ही दिखाई देंगी. नेपाल में बाबर महल, पुजारी मठ, गोरखा मेमोरियल म्यूजियम, पाटन म्यूजियम, चितवन नेशनल पार्क में घूमकर आप अपनी छुट्टियां दिलचस्प बना सकते हैं. यहां भारत के 1 रुपए की कीमत नेपाली रुपए में 1.60 रुपए के बराबर है.

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