जब पुलिस ने सुनील शेट्टी को आतंकवादी समझ कर लिया था गिरफ्तार

1992 में फिल्म ‘बलवान’ से बौलीवुड में अपना डेब्यू करने वाले डेशिंग एक्टर सुनील शेट्टी हाल ही में “ए जेंटलमैन” में नजर आए थे. सुनील शेट्टी आज भी इंडस्ट्री के सबसे फिट एक्टर माने जाते हैं. 2002 में सुनील शेट्टी संजय गुप्ता की फिल्म ‘कांटे’ में काम कर रहे थे.

इस फिल्म में सुनील एक बाउंसर अन्ना का किरदार निभा रहे थे. इस फिल्म की शूटिंग के लिए सुनील शेट्टी पूरी टीम के साथ अमेरिका गए हुए थे. सुनील शेट्टी शुरू से ही अपनी फिटनेस का खासा ध्यान रखते हैं. जिस होटल में सुनील शेट्टी ठहरे थे वहां से वो रोजाना ही जिम के लिए जाया करते थे.

जिम होटल से काफी दूर थी इस वजह से सुनील शेट्टी सुबह चार बजे ही अपने होटल से निकल जाते और जिम कर फिल्म सेट पर जाते. एक दिन सुनील शेट्टी को जिम में ज्यादा टाइम लग गया.

सुनील सेट पर लेट नहीं होना चाहते थे, इस वजह से उन्होंने अपने किरदार का लुक जिम में ही पहन लिया और वहां से सीधा फिल्म सेट की तरफ जाने लगे. लेकिन सुनील का ये लुक उन पर तब भारी पड़ गया, जब अमेरिकन पुलिस ने उन्हें एक आतंकवादी समझ कर गिरफ्तार कर लिया. सुनील ने उन्हें काफी समझाने की कोशिश की. लेकिन पुलिस वालों ने उनकी एक नहीं सुनी.

जब इस बात की जानकारी फिल्म सेट पर मौजूद अन्य कलाकारों तक पहुंची तो सब सुनील शेट्टी को बचाने पुलिस स्टेशन रवाना हुए. संजय गुप्ता और अमिताभ बच्चन ने किसी तरह पुलिस वाले को समझाने में कामयाब हुए.

इस फिल्म में सुनील शेट्टी के साथ संजय दत्त, अमिताभ बच्चन और कुमार गौरव अहम भूमिका में थे. इस हादसे के बाद सुनील अमेरिका जाने से बचने की कोशिश करते रहते हैं.

साहिर, जावेद और 200 रुपये का अनोखा किस्सा

एक दौर था जब जावेद अख्तर के दिन मुश्किल में गुजर रहे थे. ऐसे में उन्होंने मशहूर गीतकार साहिर लुधियानवी से मदद लेने का फैसला किया. जावेद ने उन्हें फोन किया और वक्त लेकर उनसे मुलाकात के लिए पहुंचे.

उस दिन साहिर ने जावेद के चेहरे पर उदासी देखी और कहा, “आओ नौजवान, क्या हाल है, उदास हो?” जावेद ने बताया कि दिन मुश्किल में चल रहे हैं, पैसे खत्म होने वाले हैं. उन्होंने साहिर से कहा कि अगर वो उन्हें कहीं काम दिला दें तो बहुत एहसान होगा.

जावेद अख्तर की मानें तो साहिर साहब की एक अजीब आदत थी, वो जब परेशान होते थे तो पैंट की पिछली जेब से छोटी सी कंघी निकलकर बालों पर फिराने लगते थे. जब मन में कुछ उलझा होता था तो बाल सुलझाने लगते थे. उस वक्त भी उन्होंने वही किया. कुछ देर तक सोचते रहे फिर अपने उसी जाने-पहचाने अंदाज में बोले, “जरूर नौजवान, फकीर देखेगा क्या कर सकता है”

फिर पास रखी मेज की तरफ इशारा करके कहा, “हमने भी बुरे दिन देखे हैं नौजवान, फिलहाल ये ले लो, देखते हैं क्या हो सकता है”, जावेद अख्तर ने देखा तो मेज पर दो सौ रुपए रखे हुए थे.

जावेद बताते हैं कि साहिर को लगा कि अगर वह ये पैसे उनके हाथ में देते तो मुझे बुरा लगता इसलिए उन्होंने दो सौ रुपये मेज पर रख दिए. ये उनका मयार था कि पैसे देते वक्त भी वो जावेद से नजर नहीं मिला रहे थे.

साहिर के साथ अब उनका उठना बैठना बढ़ गया था क्योंकि त्रिशूल, दीवार और काला पत्थर जैसी फिल्मों में कहानी सलीम-जावेद की थी तो गाने साहिर साहब के.

अक्सर वो लोग साथ बैठते और कहानी, गाने, डायलाग्स वगैरह पर चर्चा करते. इस दौरान जावेद अक्सर शरारत में साहिर से कहते, “साहिर साब, आपके वो दौ सौ रुपए मेरे पास हैं, दे भी सकता हूं लेकिन दूंगा नहीं” साहिर मुस्कुराते. साथ बैठे लोग जब उनसे पूछते कि कौन से दो सौ रुपए तो साहिर कहते, “इन्हीं से पूछिए”, ये सिलसिला लंबा चलता रहा.

साहिर और जावेद अख्तर की मुलाकातें होती रहीं, अदबी महफिलें होती रहीं, वक्त गुजरता रहा और फिर एक लंबे अर्से के बाद तारीख आई 25 अक्टूबर 1980 की. वो देर शाम का वक्त था, जब जावेद साहब के पास साहिर के फैमिली डाक्टर, डा कपूर का काल आया. उनकी आवाज में हड़बड़ाहट और दर्द दोनों था. उन्होंने बताया कि साहिर लुधियानवी नहीं रहे. हार्ट अटैक हुआ था. जावेद अख्तर के लिए ये सुनना आसान नहीं था.

वो जितनी जल्दी हो सकता था, उनके घर पहुंचे तो देखा कि उर्दू शायरी का सबसे करिश्माई सितारा एक सफेद चादर में लिपटा हुआ था. वो बताते हैं कि वहां उनकी दोनों बहनों के अलावा बी आर चोपड़ा समेत फिल्म इंडस्ट्री के भी तमाम लोग मौजूद थे.

मैं उनके करीब गया तो मेरे हाथ कांप रहे थे, मैंने चादर हटाई तो उनके दोनों हाथ उनके सीने पर रखे हुए थे, मेरी आंखों के सामने वो वक्त घूमने लगा जब मैं शुरुआती दिनों में उनसे मुलाकात करता था, मैंने उनकी हथेलियों को छुआ और महसूस किया कि ये वही हाथ हैं जिनसे इतने खूबसूरत गीत लिखे गए हैं लेकिन अब वो ठंडे पड़ चुके थे.

जूहू कब्रिस्तान में साहिर को दफनाने का इंतजाम किया गया. वो सुबह-सुबह का वक्त था, रातभर के इंतजार के बाद साहिर को सुबह सुपर्दे खाक किया जाना था. ये वही कब्रिस्तान है जिसमें मोहम्मद रफी, मजरूह सुल्तानपुरी, मधुबाला और तलत महमूद की कब्रें हैं.

साहिर को पूरे मुस्लिम रस्म-ओ-रवायत के साथ दफ्न किया गया. साथ आए तमाम लोग कुछ देर के बाद वापस लौट गए लेकिन जावेद अख्तर काफी देर तक कब्र के पास ही बैठे रहे.

काफी देर तक बैठने के बाद जावेद अख्तर उठे और नम आंखों से वापस जाने लगे. वो जूहू कब्रिस्तान से बाहर निकले और सामने खड़ी अपनी कार में बैठने ही वाले थे कि उन्हें किसी ने आवाज दी. जावेद अख्तर ने पलट कर देखा तो साहिर साहब के एक दोस्त अशफाक साहब थे.

अशफाक उस वक्त की एक बेहतरीन राइटर वाहिदा तबस्सुम के शौहर थे, जिन्हें साहिर से काफी लगाव था. अशफाक हड़बड़ाए हुए चले आ रहे थे, उन्होंने नाइट सूट पहन रखा था, शायद उन्हें सुबह-सुबह ही खबर मिली थी और वो वैसे ही घर से निकल आए थे. उन्होंने आते ही जावेद साहब से कहा, “आपके पास कुछ पैसे पड़ें हैं क्या? वो कब्र बनाने वाले को देने हैं, मैं तो जल्दबाजी में ऐसे ही आ गया”, जावेद साहब ने अपना बटुआ निकालते हुआ पूछा, ‘हां-हां, कितने रुपए देने हैं’ उन्होंने कहा, “दो सौ रुपए”.

ब्यूटी टिप औफ द डे : मेकअप से पहले जरूर लें फ्लैश टेस्ट

जब भी मेकअप की बात आती है, तो लोगों के मन में कई तरह के सवाल आ खड़े होते हैं. मेकअप कैसे करें? मेकअप के दौरान क्या सावधानी रखें? नया मेकअप ट्रेंड क्या है या मेकअप के लिए कैसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाए? ऐसी ही बातों को सुलझाने के लिए हम आपको दे रहे हैं ऐसी ब्यूटी टिप्स, जो मेकअप के दौरान आपका काम बेहद आसान बना सकती है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं फ्लैश टेस्ट के बारे में, जो आपको एक परफेक्ट मेकअप लुक देने में मदद करेगा.

क्या होता है फ्लैश टेस्ट

फ्लैश टेस्ट आपको आपके मेकअप बेस की सारी कहानी बता देता है. मेकअप बेस आपने सही तरह से लगाया है या नहीं, इसे परखने के लिए फ्लैश टेस्ट लेना जरूरी है. मेकअप बेस लगाने के बाद आपके स्मार्टफोन के कैमरे से फ्लैश औन कर फोटो ली जाती है. इस तस्वीर में आपको मेकअप बेस की खामिया पता चल जाती है.

क्यों जरूरी है फ्लैश टेस्ट

जैसा कि सभी जानते हैं अच्छे मेकअप के लिए जरूरी है परफेक्ट मेकअप बेस, जिसे लगाना थोड़ा मुश्किल होता है. कई बार लोग स्किन टोन के मुताबिक ज्यादा मेकअप अप्लाय कर देते हैं, जिससे चेहरे पर मेकअप थोपा हुआ दिखाई देता है. ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए आपको फ्लैश टेस्ट लेने की जरुरत पड़ती है.

कैसे करें फ्लैश टेस्ट

– चेहरे को अच्छी तरह से मौश्चराइज करें.

– मेकअप के शुरुआत में सबसे पहले आखों के नीचे और चेहरे के धब्बों को कंसीलर लगाकर छुपाएं और उसे अच्छी तरह से फैलाएं.

– चेहरे पर फाउंडेशन बेस लगाकर लूज पाउडर से स्किन टोन इवन करें.

– इसके बाद अपने फोन के कैमरे को फ्लैश मोड औन कर करीब से चेहरे की तस्वीर लें.

– तस्वीर में आपको साफ-साफ दिखाई देगा कि मेकअप अच्छी तरह से लगाया गया है या नहीं.

– यदि बेस में खामियां हों तो उसे ठीक कर लें.

फ्लैश टेस्ट लेते हुए रखें किन बातों का रखें खयाल

– फ्लैश टेस्ट लेते हुए फोन को आपके चेहरे से एक हाथ की दूरी पर रखें.

– ज्यादा रौशनी में लेने के बजाय रूम लाईट पर ही फ्लैश टेस्ट लें. अधिक रौशनी की वजह से आपके चेहरे की खामियां आपको नजर नहीं आएंगी.

– फ्लैश टेस्ट लेते हुए फोटो एडिटर मोड औन न रखें. ऐसा करने पर आपको बेस सही रूप में दिखाई नहीं देगा.

तो क्या कंगना को अपनों से है खतरा

कंगना रानौत लगातार विवादों में हैं. इस विवाद के चलते उनका करियर भी दांव पर लगा हुआ है. बौलीवुड दो खेमों मे बंटा हुआ है. कंगना रानौत के साथ खुलकर कोई नहीं बोल रहा है. जबकि वह कई दिग्गज फिल्मकारों व कलाकारों के साथ काम कर चुकी हैं. कंगना रानौट की सफलता की असली कहानी फिल्म‘‘तनु वेड्स मनु’’की सफलता के साथ शुरू हुई थी. इस फिल्म के एक निर्माता विनोद बच्चन भी थे, जो कि दस नवंबर को प्रदर्शित हो रही राज कुमार राव व कृति खरबंदा के अभिनय से सजी फिल्म ‘‘शादी में जरुर आना’’के भी निर्माता हैं.

हाल ही में जब विनोद बच्चन से हमारी मुलाकात हुई, तो हमने उनसे जानना चाहा कि वह तो कभी कंगना रानौत के काफी करीब रहे हैं. पर आज वह कंगना रानौत को लेकर क्या सोचते हैं? इस पर विनोद बच्चन ने कंगना को लेकर जो कुछ कहा, वह बौलीवुड की कार्यशैली के साथ साथ बहुत कुछ बयां करता है. विनोद बच्चन ने हमारे सवाल पर कहा-‘‘कंगना रानौट इमोशनल इंसान है. उनकी जिंदगी का विश्लेषण करुं, तो वह एक अच्छी इंसान है. अपनी जिंदगी में अच्छी सोच रखती हैं. उसे जो सफलता मिली है, वह उकी हकदार है. एक छोटे शहर की लड़की, इस बड़े शहर में जिसका कोई नहीं, उसके लिए कितना मुश्किल रहा होगा, अपनी जगह बना पाना.

इतने बड़े लोगों के बीच शुद्ध हिंदी भाषी लड़की का इतनी बड़ी सफलता पाना सलाम की हकदार है. मैं सोचता हूं कि कंगना जो कर रही हैं या जो कुछ किया है, वह उसमें उसका कितना योगदान है? क्योंकि इमोशनल लोग जब टूट जाते हैं, तो वह दुनिया की नहीं सोचते. कंगना अच्छी अदाकारा हैं, इस बात को उसने साबित किया है. जिस प्लेटफार्म पर भी रही, उस पर उसने खुद को बेहतरीन साबित किया.

आज जिस मुकाम पर वह पहुंची हैं, उसके पीछे उसकी मेहनत, उसकी ईमानदारी व उसकी अपनी तकदीर है. जो लोग इमानदार होते हैं, वह एक न एक दिन सफल होते है और उनकी सफलता लंबे समय के लिए होती है. दिल में सच्चाई रहती है, तभी वह लंबे समय तक सफल रहते हैं. कंगना के दिल में सच्चाई है.’’.

यदि कंगना रानौत दिल की सच्ची व ईमानदार है, तो फिर उनकी जिंदगी में जो हादसे/ विवाद हो रहे है, उससे उन्हे नुकसान नही हो रहा है? हमारे इस सवाल पर विनोद बच्चन ने कहा-‘‘इससे एक अच्छी कलाकार की इमेज को नुकसान पहुंचता है. मगर यह सब इस बात पर निर्भर करता है कि आपके आस पास कौन लोग हैं? चैबिसों घंटे कौन आपको सलाह दे रहा है? आपके बिजनेस, पी आर आदि को कौन मैनेज कर रहा है? इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है. आपके साथ चौबिस घंटे कौन लोग बैठते हैं, वह किस तरह का आइना आपको दिखाते हैं? उसमें आप कितना डूब जाते हैं और कितना आप अपनी सोच के अनुसार काम करते हैं. इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करता है.

मैं कंगना के साथ काफी रहा हूं, वह आज भी हमारी दोस्त हैं. हमारे संबंध अच्छे हैं. इसलिए मुझे कहीं नहीं लगा कि जो कुछ उसने टीवी पर या मीडिया में आकर कहा, वह उसकी अपनी भाषा या उसके अपने शब्द या उसकी अपनी सोच है. मुझे लगता है कि कंगना ने किसी के कहे शब्दों को अपनी जबान दे दी है. उसके इंटरव्यू पढ़कर भी यकीन नहीं होता, मैं नही जानना चाहता कि वह किनके साथ काम कर रही है,उसके आस पास कौन लोग हैं, बिजनेस मैनेजर या पीआर के रूप में कौन उसके आस पास हैं.पर मुझे नहीं लगता कि यह शब्द कंगना के हैं. वह आज भी उतनी ही भोली, इमोशनल, कठिन मेहनत करने वाली, काम के प्रति समर्पित इंसान हैं. मीडिया में जो कहानी हुई, उसमें कुछ हुई होंगी, कुछ नहीं हुई होंगी. सच मैं नहीं बता सकता.’’

क्या आप यह मानते है कि एक सफल कलाकार को बर्बाद करने में बिजनसे मैनेजर व पी आर का भी हाथ होता है? इस पर विनोद बच्चन ने कहा-‘‘सफल इंसान को संवारने या बिगाड़ने में उसके बिजनेस मैनेजर व पीआर मैनेजर का हजार गुना हाथ होता है, इसमें कोई दो राय नहीं. स्टार को असफल करने में इनका बड़ा होता है. बिजनेस मैनेजर अच्छे होने चाहिए. पीआर अच्छा होना चाहिए. इसी के साथ अपने कान, नाक और आंख खुले रखने चाहिए. अपने विवेक व सोच से डगमग नहीं होना चाहिए. जब आप सफल होते हैं, तो पूरी दुनिया आपके पास आ जाती है, पर जब आप असफल होते हैं, तो वही दुनिया आपकी ऐसी की तैसी कर देती है. सफलता को पचाना भी सफलता होती है. अपनी कामयाबी को पचा पाना आसान नहीं होता.’’

दिल्ली में इन इमारतों को देखना ना भूलें

दुनिया में मुगलों का इतिहास अपने आप में अनोखा है, भारत में मुगलों ने अपने शासन के वक्त कुछ भव्य इमारतों का निर्माण करवाया. सभी महलों की अपने आप में एक अलग कहानी है. एक महल तो ऐसा है कि अगर उस महल के प्रतिबिंब को तालाब में देखें तो वह एक पानी के जहाज जैसा लगता है. ऐसे ही कुछ इमारतों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जहां जाकर आप इनका लुत्फ भी ले सकती हैं, साथ ही साथ इतिहास को भी जान सकती हैं.

जहाज महल

दिल्‍ली के महरौली में स्‍थित ‘जहाज महल’ वाकई अद्भुत है. यह हौज ए शम्‍सी वाटर टैंक के कोने में स्‍थित है. इसको जहाज महल इसलिए कहते हैं क्‍योंकि बगल झील में महल का प्रतिबिंब देखने पर बिल्‍कुल पानी वाले जहाज जैसी आकृति बनती है. इसका निर्माण लोदी राजवंश के काल में खुशी के पल बिताने की धर्मशाला के रूप में किया गया था. आज भी यहां पर्यटकों की भारी भीड़ जुटती है.

जफर महल

यह मुगल काल में बनी सबसे आखिरी ऐतिहासिक इमारत है. वैसे तो इस महल का निर्माण अकबर शाह द्वितीय द्वारा करवाया गया था लेकिन बाद में 19वीं शताब्‍दी में बहादुरशाह जफर ने महल के मुख्‍य दरवाजे का निर्माण करवाया इसलिए इसे जफर महल नाम दिया गया. साउथ दिल्‍ली में स्थित इस ऐतिहासिक इमारत को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.

तुगलकाबाद

मंगोलों के आक्रमण से बचने के लिए दिल्ली के सुल्तान गयासुद्दीन तुगलक ने तुगलकाबाद में किला बनवाया था. यह किला तुगलक को कभी फला नहीं. वह यहां से कभी शासन नहीं कर सका. आज खाली पड़े इस किले को देखने पर्यटक आते हैं और इतिहास को समझते हैं.

विजय मंडल या जहांपनाह

तुगलक वंश का सबसे चर्चित सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक अपने पिता गयासुद्दीन तुगलक की हत्या करके गद्दी पर बैठा. इसी खूनी कुकृत्य के कारण वह अपने पिता के किले तुगलकाबाद में शांति से नहीं रह सका.

मुहम्मद तुगलक ने वहां रहने वाले वाली जनता को संरक्षण देने के हिसाब से दिल्ली के चौथे नगर को बसाया. यह नगर काफी हद तक किला राय पिथौरा और सीरी के बीच एक दीवारनुमा अहाता था. इस शहर का नाम रखा गया, जहांपनाह यानी पूरी दुनिया की पनाहगाह. जहांपनाह की दीवारें आज भी वहां खड़ी हैं जर्जर हो चुके इस अहाते को देखने भारी संख्‍या में लोग आते हैं. जिन्‍हें इतिहास में रुचि है वह इस जगह को काफी समझते होंगे.

कुतुबमीनार

दक्षिण दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुबमीनार ईंट से बनी विश्व की सबसे ऊंची मीनार है. इसकी ऊंचाई 72.5 मीटर करीब 237 फुट और व्यास 14.3 मीटर है, जो ऊपर जाकर शिखर पर 2.75 मीटर लगभग 9 फुट हो जाता है. इसमें 379 सीढियां हैं. कुतुबमीनार एक मशहूर टूरिस्‍ट स्‍पौट है जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं.

पोषक तत्वों का खजाना है मूंगफली

सर्दियों के दिनों में मूंगफली की खूब मांग होती है. मूंगफली में लगभग सारे पोषक तत्व होते हैं. यह काफी स्वास्थ्यकर भी है. मूंगफली प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत होता है. केवल मूंगफली ही नहीं बल्कि इसका तेल भी कई तरह से हमें फायदा पहुंचाता है. यह शरीर की त्वचा पर मौजूद कीटाणुओं को खत्म करने में भी हमारी मदद करता है. क्या आपको पता है कि मूंगफली को भूनकर खाने पर जितनी मात्रा में खनिज मिलता है उतना 250 ग्राम मांस में भी नहीं मिलता. सौ ग्राम कच्ची मूंगफली में एक लीटर दूध के बराबर प्रोटीन पाया जाता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि पोषक तत्वों का खजाना मूंगफली कई बीमारियों को भगाने में मददगार है.

दिल के लिए

दिल की सेहत के लिए मूंगफली काफी फायदेमंद है. अगर सप्ताह में पांच दिन मूंगफली का सेवन सुबह शाम किया जाए तो इससे दिल की बीमारियों की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है. इसके अलावा यह कोलेस्ट्राल को भी नियंत्रित करने का काम करता है.

कैंसर के लिए

मूंगफली में पोलीफिनालिक नाम का एंटी-आक्सीडेंट पाया जाता है, जो पेट के कैंसर को कम करने की क्षमता रखता है. 2 चम्मच मूंगफली के मक्खन का सप्ताह में दो बार सेवन करने से महिलाओं और पुरुषों दोनों में ही पेट के कैंसर का खतरा कम होता है.

हार्मोन्स के संतुलन के लिए

शरीर की विभिन्न प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए हार्मोन्स का संतुलन बेहद ही आवश्यक है. मूंगफली हार्मोन्स का संतुलन बनाये रखने में सहायता करता है. रोजाना 100 ग्राम मूंगफली का सेवन पुरुषों और महिलाओं दोनों में हार्मोन्स का संतुलन बनाए रखता है.

प्रजनन क्षमता बढ़ाने के लिए

मूंगफली में फोलिक एसिड पाया जाता है. यह गर्भावस्था के दौरान भ्रूण में न्यूरल ट्यूब के दोष के खतरे को कम करने में सहायक है साथ ही साथ यह महिलाओं में प्रजनन शक्ति को भी बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकता है.

हड्डियों की मजबूती के लिए

इसमें कैल्शियम और विटामिन डी की मात्रा मौजूद होती है जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है. यह हड्डियों के लिए एक बेहरीन और सस्ता प्राकृतिक उपचार है.

डार्क अंडरआर्म्स से छुटकारा दिलाएंगे ये खास उपाय

अंडरआर्म्स शरीर का एक ऐसा हिस्सा है जो अक्सर ढ़का हुआ रहता है. जब तक अपने हाथों को ऊपर की तरफ ना उठाया जाए यह दिखाई नहीं देती. इन हिस्सों में महिला और पुरुष दोनों में ही समान रूप से बालों की मौजूदगी होती है. एक समय था जब लोगों को उनके डार्क या काले अंडरआर्म्स होने से कोई फर्क नहीं पड़ता था और ना ही कोई महिला इसके लिए किसी भी प्रकार का कोई उपाय आदि करती थी. अगर देखा जाये तो उन्हें इसके काले होने की न परवाह थी और न ही उन्हें इसके लिए कोई उपाय करने की जरूरत महसूस होती थी. लेकिन आज के समय में महिलाओं में काले आर्मपीठ की समस्या एक बड़ी चिंता का रूप ले रही है और वह पूरी तरह से अपने शरीर की सफाई और उसके लुक के प्रति सजग हो रही हैं.

आज के फैशन को दौर में स्लीवलेस कपड़े चलन में हैं. जब आप फैशनेबल और स्लीवलेस कपड़े पहनती हैं तब आपके कांख के काले होने की स्थिति और भी भद्दी नजर आती है, जिसकी वजह से आपको लोगों के समक्ष कई बार शर्मिंदगी महसूस हो सकती है.

इससे परेशान होकर आप कई तरह के क्रीम या उत्पादों का प्रयोग करती होंगी और अगर आप वाकई खुशकिस्मत हैं तो आपको इसका पूरी तरह से तो नहीं पर थोड़ा तो लाभ मिलता ही होगा. लेकिन अगर आप उन लोगों में से नहीं हैं तो इन उत्पादों के साइड इफेक्ट्स आपकी त्वचा को झेलने पड़ते हैं.

अगर आप भी इस परेशानी को से जूझ रही हैं तो हम आपके लिए ऐसे घरेलू नुस्खे लेकर आए हैं, जिसे इस्तेमाल कर आप जल्द ही अपनी इस समस्या से छुटकारा पा सकेंगी.

आइये जानते हैं कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में जो इस प्रकार है-

चीनी

त्वचा में डेड स्किन के जमाव की वजह से भी कालेपन की समस्या आ सकती है. जिसे हटाने के लिए त्वचा को एक्सफोलिएट करने की जरूरत पड़ती है. डेड स्किन के जमाव को त्वचा से हटाने के लिए चीनी एक बढ़िया घरेलू उपाय है. एक चम्मच चीनी में एक चम्मच औलिव औइल मिला लें. फिर इसे प्रभावित जगह पर लगा कर हल्के हाथों से रगड़ें. इसके नियमित प्रयोग से त्वचा का कालापन दूर होने लगता है.

दूध

दूध के प्रयोग से त्वचा में निखार और कोमलता आती है. त्वटचा पर गाय के दूध का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमन्द होता है. त्वचा में सफेद रंगत पाने के लिए गाय के दूध से त्वचा पर तब तक मसाज करे जब तक यह पूरी तरह सूख न जाए, अगर आप अधिक अच्छा परिणाम चाहती हैं तो दूध में कुछ केसर मिला सकती हैं.

बेसन पैक

बेसन का प्रयोग भी त्वचा के गहरे रंग को साफ करने के लिए किया जाता है. अपने कांख के सफेद रंगत के लिए बेसन में दही या नींबू का रस मिला कर पेस्ट तैयार कर लें और 10 से 15 मिनट तक अंडरआर्म्स में लगा कर रखें. इससे काले अंडरआर्म्स जल्द ही साफ हो जाएंगे.

नींबू

हम सभी जानते हैं की नींबू ब्लीच करने के साथ स्किन को साफ करने के काम आती है. इसकी मदद से दाग- धब्बे आदि भी दूर हो जाते हैं. नींबू के रस को सीधे त्वचा में लगा कर 10 मिनट तक रखें फिर सादे पानी से त्वचा को धो लें.

संतरे का छिलका और दही

संतरे के छिलकों को सूखा कर पाउडर बना लें. इसे दही में मिलाकर पेस्ट बनाएं और त्वचा में 10 मिनट तक लगा कर रखें. इससे त्वचा के रंग में निखार आता है.

प्युमिस स्टोन

अपनी डार्क आर्मपिट को पानी से गीला करके इसमें क्लिंजिंग मिल्क लगा लीजिये इसके बाद इसे अपने हाथ से रगड़ें और फिर प्युमिस स्टोन की मदद से हल्के हल्के रगड़ते हुये त्वचा को साफ करिये. इसकी मदद से डेड स्किन आसानी से निकल जाती है और त्वचा साफ दिखाई देती है.

इस हीरोइन को मिला सबसे झगड़ालू एक्ट्रेस का खिताब

बौलीवुड में होने वाली कैट फाइट के बारे में तो आपने सुना ही होगा. आज के दौर में कैट फाइट बौलीवुड में काफी कामन है. अक्सर ही ये बात सुनने में आती है कि बौलीवुड इंडस्ट्री में कई ऐसी हीरोईने हैं जो एक-दूसरे के साथ काम करना तो दूर उन्हें देखना भी पसंद नहीं करती हैं. कई ऐसी अभिनेत्रियां हैं जो एक-दूसरे के साथ हमेशा ही लड़ती रहती हैं और एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ती.

पहले के समय में बौलीवुड इस कैट फाइट से दूर था. उस समय किसी भी हिरोईन के बीच इस तरह का झगड़ा नही होता था और न ही कोई एक दूसरे के ऊपर इस तरह का किचड़ ही उछालती नजर आती थी. पर जैसे-जैसे समय बदलता गया बौलीवुड में झगड़े का सिलसिले की भी शुरूआत होने लगी. आज के बौलीवुड में कई ऐसी हीरोईन हैं जो एक दूसरे पर मीडिया के सामने तंज कसती और फिल्मों को लेकर लड़ती हुई नजर आ ही जाती हैं. आजकल तो हर फिल्म में दो हीरोईनों क एक साथ काम करने का चलन सा शुरू हो चुका है और इसी के चलते फिल्मों के सेट पर अक्सर ही एक्ट्रस के बीच लड़ाई होने की खबरें आ ही जाती है, कभी उनके रोल को लेकर तो कभी एक्टर को लेकर.

आज हम आपको एक ऐसी ही एक्ट्रेस के बारे में बताने जा रहे हैं जो बौलीवुड में  झगड़ालू हीरोइन के नाम से प्रसिद्ध हैं. जो सिर्फ लड़कियों से ही नहीं लड़ती बल्कि अपने फिल्म के हीरो से भी झगड़ा कर बैठती हैं. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कौन है बौलीवुड की वो झगड़ालू हीरोइन जिसे कैट फाइट में महारत हासिल है.

चलिये फिर अब आप को बता ही देते हैं कि वो कोई और नहीं बल्कि कंगना राणावत है. जी हां, कंगना ने तो जैसे पर किसी से पंगा लेने की कसम सी खा ली है. वैसे आपको तो पता ही होगा कि आजकल कंगना हर किसी के साथ झगड़ा कर ही बैठती है. पूरा बौलीवुड ही कंगना राणावत को लेकर नए-नए विवाद खोल रहा है.

बौलीवुड के कई ऐसे फिल्म मेकर हैं जो कहते हैं कि कंगना अपने रोल को लेकर फिल्म के हर सीन पर लड़ती रहती हैं. हाल ही में कंगना के साथ इंटरव्यू का जिक्र हुआ था कि जब भी कंगना अपनी कोई भी फिल्म साइन करती हैं तो वह अपने रोल में इतना संजीदा हो जाती हैं कि वह अपने फिल्म के डायरेक्टर से लड़ जाती हैं. बौलीवुड में कंगना और ऋतिक की लव स्टोरी की चर्चा बहुत जोरों से फैली थी. इसके बाद उनके बीच कई तरह के विवाद की खबरे आने लगी इतना ही नहीं कंगना से झगड़े के चलते ही ऋतिक और राकेश रोशन ने उनके खिलाफ पुलिस में शिकायत तक दर्ज करा दी थी.

जिस वक्त कंगना और ऋतिक की प्यार की बातें चल रही थीं उस समय कंगना बौलीवुड की क्वीन बन गई थीं लेकिन ऋतिक की तो फिल्में कुछ खास कमाल नहीं कर रही थीं. ऋतिक अगर फिल्म करते भी थे तो सिर्फ अपने पापा की ही फिल्मों में काम करते थे.

ऋतिक ने कंगना से इश्क किया था. ऋतिक की लाइफ में यह समय वही था जब वह अपनी पत्नी सुजेन से तलाक ले रहे थे.

ऋतिक ही नहीं बल्कि आदित्य पंचोली ने भी कंगना के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. आदित्य का कहना है कि वह उन्हें धमकी देती है. आदित्य ने तो सबके सामने यह तक कह दिया कि वह सिरफिरी और बौलीवुड की सबसे झगड़ालू हीरोइन हैं. साथ में यह भी बोला है कि कंगना पागल भी हो गईं हैं.

बौलीवुड के कई ऐसे निर्देशक और निर्माता हैं जो यह बोल चुके हैं कि उनका और कंगना के काफी झगड़े हुए हैं. ऐसा लगता है कि कंगना के खिलाफ फिल्म इंडस्ट्री मे साजिश चल रही है. खैर अब जो भी हो पम तो कंगना को यही सलाह देंगे कि आप बौलीवुड में किसी से भी ज्यादा पंगा न लें क्योंकि आखिर आपको यहीं पर ही सबके साथ काम करना है.

#MeToo : मुनमुन दत्ता ने कहा, ‘वो अंकल जो अकेले में पकड़ लेते थे और…’

#MeToo कैंपेन यौन शोषण के खिलाफ दुनियाभर में चल रहा एक ऐसा कैंपेन है जिसके तहत दुनियाभर की कई सेलीब्रिटी महिलाएं अपने साथ हुए यौन उत्‍पीड़न और शोषण की घटनाओं पर खुलकर बात कर रही हैं. इस #MeToo कैंपेन की शुरूआत हौलीवुड एक्‍ट्रेस एलिसा मिलानो ने की थी. यह कैंपेन आज दुनियाभर की महिलाओं की आवाज बन कर उभरा है, जिससे कई महिलाएं जुड़कर अपने साथ हुई घटना का खुलासा कर चुकी हैं. मल्लिका दुआ की ही तरह अब एक और टीवी सेलीब्रिटी ने अपने साथ हुए ऐसे ही वाकये को दुनिया के सामने रखा है. ये एक्‍ट्रेस कोई और नहीं बल्कि टीवी सीरियल ‘तारक मेहता का उल्‍टा चश्‍मा’ की बबीता जी यानी मुनमुन दत्ता हैं. मुनमुन दत्ता ने अपने साथ हुए ऐसे ही एक मामले पर अपनी एक पोस्‍ट शेयर की है.

इस पोस्‍ट में मुनमुन ने लिखा, ‘मैं भी… हां मैं भी.. इस तरह की समस्‍या पर पोस्‍ट सांझा करना, यौन शोषण के खिलाफ दुनियाभर में चल रहे इस कैंपेन से जुड़ना और इसे झेल चुकी हर महिला के साथ अपनी सहानुभूति दिखाने से ही यह बात साफ होती है कि यह समस्‍या कितनी बड़ी है. मैं अचंभित हूं कि कुछ अच्‍छे ‘मर्द’ यह देख कर हैरान हैं कि इतनी ज्‍यादा संख्‍या में ऐसी महिलाएं ऐसी घटनाओं पर बात कर रही हैं. नहीं, आपको आश्‍चर्यचकित नहीं होना चाहिए. यह आप सब की नाक के नीचे हो रहा था, आप ही के घर में, आप ही की बहनों, बेटियों, माओं, पत्नियों और यहां तक की मेड तक के साथ. उनका विश्‍वास जीतें और उनसे पूछें. आप उनका जवाब सुनकर दंग रह जाएंगे.’

मुनमुन ने आगे अपने साथ हुए एक बचपन की घटना का खुलासा करते हुए लिखा, ‘ऐसा कुछ लिखते हुए मेरी आंखों में आंसू आ रहे हैं और मैं वापस से उन्हीं बचपन की यादों को जी रही हूं, जब मैं अपने नजदीक में रहने वाले एक अंकल से डरा करती थीं, क्‍योंकि उन्‍हें जब भी मौका मिलता था वह मुझे अपने हाथों से जकड़ लिया करते थे और धमकी देते थे कि मैं यह बात किसी को न बताऊं…या मुझसे उम्र में कहीं ज्‍यादा बड़े वो लोग, जो मुझपर अपनी खुद की बेटियों से अलग तरह का निगाह रखते थे…या वह आदमी जिसने मुझे अस्‍पताल में पैदा होते हुए देखा था और जब मैं 13 साल की थी तो उसने मुझे उस अलग तरह से छूना सही समझा क्‍योंकि मैं टीनेजर थी और मेरे शरीर में बदलाव हो रहे थे…या मेरा ट्यूशन टीचर जिसने मुझे नीचे हाथ लगाया था…या वह टीचर जिसे मैंने राखी बांधी थी, जो अपनी फीमेल स्‍टूडेंट्स को उनकी ब्रा का स्‍ट्रैप पकड़ कर खींचता था और उनके स्‍तन पर थप्‍पड़ मारता था…या ट्रेन में मिला वह आदमी जिसने तुम्‍हें जकड़ लिया था.. क्‍यों???  क्‍योंकि आप छोटी थीं, आप इतनी ज्यादा सहमी और डरी हुई थीं कि किसी से कुछ कह ही नहीं पायीं. इतनी डरी हुई कि आप अपने पेट में एक अजीब सी मरोड़ महसूस करती हैं और आपका गला डर के मारे सूख जाता है…आप समझ नहीं पाती कि आप अपने अभिभावक को यह कैसे बताएंगी या आप शर्म के मारे यह किसी को बता ही नहीं पाती हैं. और तब‍ आपके भीतर मर्दों को लेकर एक अजीब सी नफरत पैदा होने लगती है, क्‍योंकि आपको लगता है कि यही वे अपराधी हैं जिनकी वजह से आपको यह सब महसूस करना पड़ा है. यह एक ऐसी भावना है जिससे बाहर आने में आपको सालों लग जाते हैं.’

 

#MeToo …… Yes …. #Metoo ….. Sharing a post like this and joining the global awareness on sexual assaults on women all over the world and showing solidarity to each and every woman who sailed on the same boat , shows the magnitude of the problem. M surprised that some ‘good ‘ men are shocked to see the number of women who have come out and shared their #metoo experiences. NO DON’T BE. This is happening in your own backyard, in your own house, with your own sister, daughter , mother, wife or even your maid … Gain their trusts and ask them. You will be surprised at their answers.. You will be surprised with their stories.. Writing something like this brings me to tears reliving those memories as a little girl when I was scared of the neighbourhood uncle and his prying eyes who at any given opportunity would grope me and threaten me not to speak about this to anyone ….. OR my much older cousins who would eye me differently than their own daughters …. OR the man who saw me at the hospital when I was born and 13 years later he thought it’s appropriate for him to touch my body because I was a growing teenager and my body had changed…. OR my tuition teacher who had his hands in my underpants ……. OR this another teacher , whom I tied Rakhi to, would scold the female students in the class by pulling their bra straps and slapping on their breasts …. . OR that man in the train station who gropes U … Why ?? Because you’re too young and scared to speak up. So scared that you can feel your stomach getting twisted inside and throat getting choked up … you don’t know how are you going to explain it to your parents or you’re too shy to utter a word to anyone …. And then you start developing that deep rooted hatred towards men … Because you know they’re the culprit who made you feel this way.. That disgusting, twisted feeling inside which takes years to overcome …. M happy to be another voice joining this movement and make people realise that I was not spared either. But TODAY I will rip apart any man who even remotely tries anything on me. I AM PROUD OF WHO I AM ..

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मुनमुन ने इस कैंपेन से जुड़ने की बात पर लिखा, ‘मैं बहुत गर्व महसूस कर रही हूं कि मैं भी इस कैंपेन से जुड़ने वाली एक आवाज बनी हूं और लोगों तक यह संदेश पहुंचा रही हूं कि मुझे भी नहीं छोड़ा गया. लेकिन आज में किसी भी मर्द को सबक सिखा सकती हूं जो दूर से भी मेरे साथ कुछ करने की सोचे. मुझे अपने आप पर गर्व है…’

आपको बता दें कि हौलीवुड एक्‍ट्रेस एलिसा मिलानो ने अपने साथ हुए यौन शोषण की घटना का खुलासा करते हुए दुनियाभर की महिलाओं से आह्वान किया है कि वह भी अपने साथ हुई इसी तरह की घटनाओं का खुलासा करें और खुल कर इस बारे में बताए ताकि यह साबित किया जा सके कि यह कोई छोटी या नजरअंदाज कर दी जाने वाली घटना नहीं है.

एलिसा के इस ट्वीट के बाद दुनियाभर से महिलाएं #MeToo के साथ जुड़ रही हैं, अपने साथ हुई घटनाओं पर खुल कर बात कर रही हैं. एलिसा के इस ट्वीट पर अभी तक 27,000 से ज्‍यादा ट्वीट आ चुके हैं जिसमें हजारों महिलाओं ने अपने साथ हुई घटनाओं का खुलासा किया है.

27 साल बाद साथ नजर आएगी संजय दत्त और पूजा भट्ट की जोड़ी

बौलीवुड के दिग्गज निर्देशक महेश भट्ट 1991 की हिट फिल्म सड़क का सीक्वल बनाने जा रहे हैं. इसके सीक्वल में 27 साल बाद पूजा भट्ट और संजय दत्त की जोड़ी दर्शकों को देखने को मिलेगी. हालांकि फिल्म के लिए नई स्टारकास्ट के नाम भी तय किए जा रहे हैं.

महेश भट्ट सड़क-2 की स्क्रिप्टिंग और प्रोडक्शन में शामिल होंगे. इसके डायरेक्शन का फिलहाल उनका कोई प्लान नहीं है. इसे अगले साल 31 अगस्त को रिलीज करने की तैयारी है.

जब से इस फिल्म की सीक्वल बनने की खबर आई है पूजा की खुशी का ठिकाना नहीं है. हाल ही में पूजा भट्ट ने संजय और महेश भट्ट की एक तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की है. एक इंटरव्यू में पूजा ने फिल्म के बारे में कहा, सड़क-2 के हर फ्रेम में संजय दत्त होने वाले हैं. हालांकि मेरा किरदार थोड़ा अलग है. यह फिल्म शुरू से लेकर आखिर तक संजू की फिल्म होगी.

 

 

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हालांकि फिल्म के लिए युवा किरदारों की भी तलाश की जा रही है. लेकिन अगर आप सोच रहे हैं कि डैड की फिल्म में आलिया भी होंगी. तो फिलहाल ऐसा नहीं होने जा रहा है. महेश भट्ट का सड़क-2 में आलिया को कास्ट करने का कोई इरादा नहीं है. लेकिन पूजा भट्ट इसमें अब तक के सबसे अलग अंदाज में नजर आएंगी.

एक अंग्रेजी अखबरा को दिए इंटरव्यू में महेश भट्ट ने कहा, जब हमने पहली सड़क बनाई थी तब संजय 32 साल के थे और अब वह 54 साल के रवि हो चुके हैं. सड़क में एक इमोशनल कनेक्शन था जिसे हम बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं. इतने सालों बाद इस सुपरहिट फिल्म के सीक्वल में संजय को देखना मजेदार होगा. वह पिछले तीन महीने से इस फिल्म पर काम कर रहे हैं.

1991 में आई फिल्म “सड़क” में संजय दत्त ने टैक्सी ड्राईवर रवि का किरदार निभाया था जो अपनी जान जोखिम में डालकर महारानी के चंगुल से पूजा को बाहर निकाल लाता है. अब ये देखना है कि इस फिल्म के सीक्वल में किस हीरो-हिरोइन की कास्टिंग होती है.

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