‘किन्नर बहू’ ने अभिनव शुक्ला के हौट सीन्स पर दिया ऐसा रिएक्शन

फिल्म ‘अक्सर 2’ में जरीन के साथ हौट सीन करने वाले अभिनव शुक्ला रुबीना के ब्वायफ्रेंड है. रुबीना सीरियल ‘शक्ति : अस्तित्व के अहसास की’ में किन्नर बहू सौम्या का किरदार निभा रही हैं.

हाल ही में रिलीज हुए फिल्म ‘अक्सर 2’ के ट्रेलर में अभिनव जरीन खान के साथ लिपलाक करते और इंटीमेट होते नजर आ रहे हैं. इसी को लेकर रुबीना दिलाइक से उनका रिएक्शन मांगा गया तो उन्होंने अपने ब्वायफ्रेंड के इंटीमेट सीन्स पर कहा कि अभिनव एक अच्छे ब्वायफ्रेंड होने के साथ ही एक बहुत अच्छे इंसान भी हैं. जहां तक हमारी प्रोफेशनल लाइफ की बात है तो अभिनव ने हमेशा मुझे स्पेस और प्रोत्साहन दिया है.

वे एकदम प्रोफेशनल हैं इसलिए मुझे उनके किसी भी शो और फिल्मों को लेकर चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है. क्योंकि यह हमारे जौब का हिस्सा है तो पार्टनर होने के नाते इस तरह की निगेटिविटी से हम कभी भी एक-दूसरे को नीचा नहीं दिखा सकते हैं. इनफैक्ट, स्क्रीन पर किसी अजनबी के साथ इस तरह से रोमांस करने के लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है, जो उनमें है, जिसके लिए मैं उन्हें सैल्यूट करती हूं.

आखिर क्‍यों बदनामी को सर का ताज समझते थे शक्ति कपूर

बौलीवड में जहां लोगों को अपनी इज्जत की पड़ी रहती है, वहीं  यह कलाकार बदनामी को ताज समझता है. खास बात तो यह है कि शक्ति शुरुआत से ही ऐसे रहे हैं. स्कूल के दिनों में जब सजा मिलती थी, तो वह उसे मजे के तौर पर लेते थे और गर्व समझते थे. शरारतों के चलते उन्हें तीन स्कूलों से निकाला गया था.

सुनील कपूर उर्फ शक्ति कपूर ने ये यादगार किस्से तबस्सुम को बताए थे. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें तीन स्कूलों से निकाला गया. आखिरी स्कूल में उन्हें क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया था. वहां ‘रेड कोट’ नाम की सजा दी जाती थी. सजा पाने वाले को इसमें स्टेज पर बुलाया जाता था, जिसके बाद लड़कियों से उसे तीन लाल रंग के कोट पहनाए जाते थे.

यह सजा बच्चों को उनकी गलतियों का अहसास दिलाने के लिए दी जाती थीं. लेकिन शक्ति के मामले में बात कुछ उल्टी थी. वह सजा को मजे के तौर पर लेते थे. जब रेड कोट पनिशमेंट में लड़की उन्हें लाल कोट पहनाने आती, तो वह खुद को किंग समझते थे. कहते हैं कि जह वह ऊपर स्टेज पर सजा पाते थे, तो सब उन्हें नीचे से देखते थे. हालांकि, घर में इस बात पर पिटाई होती थी, लेकिन स्कूल में इसी से वह काफी मशहूर थे.

मैं गलत आदमी का साथ नहीं देती : उर्वशी शर्मा

फिल्म ‘नकाब’ से अभिनय के क्षेत्र में कदम रखने वाली मौडल और अभिनेत्री उर्वशी शर्मा दिल्ली की रहने वाली हैं. उन्होंने ‘नकाब’, ‘खट्टामीठा’, ‘आक्रोश’ आदि कई फिल्मों व टीवी शोज और विज्ञापनों में काम किया है. 2005 में वे मुंबई आईं और कुछ समय बाद उन्होंने अपने बौयफ्रैंड निर्माता और ऐक्टर सचिन जोशी से शादी कर ली. काम से थोड़े दिनों के लिए उर्वशी ने बे्रक ले लिया और फिर ‘फियर फैक्टर’ शो में आईं. वे एक बच्चे की मां हैं और अब एक धारावाहिक ‘एक मां जो लाखों के लिए बनी अम्मा’ में जीनत की मुख्य भूमिका निभा रही हैं. पेश हैं उन से हुई बातचीत के खास अंश.

इस शो में आने की प्रेरणा कैसे मिली?

पहली बार जब निर्देशक फरहान ने मुझे कहानी सुनाई और कहा कि शो की शूटिंग हैदराबाद में होगी. इस दौरान मुझे वहीं रहना पड़ेगा. एक बार तो मुझे लगा कि वे मेरा टाइम वेस्ट कर रहे हैं. मैं मना करने वाली थी, क्योंकि परिवार छोड़ कर वहां जाना मेरे लिए आसान नहीं था, लेकिन मेरे पति ने जब स्क्रिप्ट पढ़ी तो उन्होंने कहा कि तुम्हें एक अच्छा चरित्र करने को मिल रहा है. यह एक ड्रीम प्रोजैक्ट है, इसलिए तुम इसे स्वीकार कर लो. बस, मैं ने फरहान का औफर स्वीकार कर लिया.

इस में कितना होमवर्क किया?

मेरे लिए इस में होमवर्क है भी और नहीं भी. यह एक आम औरत की कहानी है, जिस का पति अगर उसे निकाल दे, तो वह क्या करेगी जबकि उस के पास एक बच्चा भी है. अपने और अपने बच्चे के लिए हर औरत किसी भी परिस्थिति से लड़ सकती है, बस यही अभिनय करना था, इसलिए कोई रिसर्च नहीं करनी पड़ी. लेकिन हां, यहां की भाषा, रहनसहन, कपड़े कैसे पहनने हैं आदि चीजें सीखनी पड़ीं, क्योंकि यह चरित्र एक मुसलिम औरत का है और मैं तो पंजाबी हूं. किसी रोल मौडल को फौलो नहीं करना था. इस में अभिनय करने में लेखक और निर्देशक ने मेरा भरपूर साथ दिया.

आप ने इतनी जल्दी शादी कर कैरियर पर बे्रक क्यों लगा दिया?

यह मेरी प्रायोरिटी थी. मैं कम उम्र में शादी करना चाहती थी. समय रहते अगर शादी न की जाए तो उस पर बे्रक लग जाता है. मुझे सचिन मिले, हम दोनों में प्यार हुआ और फिर हम ने शादी कर ली. अब मैं जो चाहूं कर सकती हूं.

परिवार के साथ काम कैसे करती हैं? पति का कितना सहयोग मिलता है?

मैं ने अपनी मम्मी को अपने पास बुला रखा है. वे पूरा घर मैनेज कर लेती हैं. साथ ही, हैदराबाद में मेरा घर है, इसलिए कोई खास परेशानी नहीं है. पति का काफी सहयोग है. उन्होंने ही काम करने के लिए मुझे प्रेरित किया. अब वे ‘बेबी सिटिंग’ कर रहे हैं. जब वे काम करते हैं तब मैं ‘बेबी सिटिंग’ करती हूं.

रीयल लाइफ में आप अन्याय के विरुद्ध कितना लड़ती हैं? क्या कभी आप के साथ कुछ ऐसी घटना घटी?

रीयल लाइफ में अन्याय के खिलाफ मैं कुछ भी कर सकती हूं. मेरे साथ कई बार ऐसी घटनाएं घटी हैं. सिरफिरे लड़के जो टाइमपास करने के लिए किसी को देख कर कमैंट पास करते हैं उन्हें मैं ने पकड़ कर मारा है. स्कूल टाइम में जब मैं और मेरी बहन स्कूल जाती थीं तब एक लड़का हमें रोज फौलो करता था. हम दोनों बहनें तकरीबन एकजैसी दिखती हैं, इसलिए कभी वह मुझे फौलो करता था तो कभी मेरी बहन को. हम ने उसे समझाया कि ऐसा करना छोड़ दो, यह हमें पसंद नहीं. वह हमारे घर तक आ गया, क्योंकि उसे फ्रैंडशिप करनी थी. फिर हम ने पुलिस में उस की रिपोर्ट लिखवाई. पुलिस वाले सादी पोशाक में आए और उसे पकड़ लिया. उस के बाद वह कभी हमारे पीछे नहीं आया.

इस किरदार की चुनौती क्या है?

इस में शूटिंग करना बहुत चैलेंजिंग था. 50 डिगरी तापमान में ऐक्टिंग करना बहुत मुश्किल था. जब संवाद बोले जाते थे तो फैन बंद करना पड़ता था.

इस धारावाहिक में सारे गहने आप के हैं. ऐसा क्यों? रीयल लाइफ में आप कितनी फैशनेबल हैं?

मैं हमेशा डायमंड पहनती हूं. सोना नहीं पहनती. मुझे आर्टिफिशियल ज्वैलरी से एलर्जी है. फैशन मेरे लिए आरामदायक होना चाहिए, मैं हर रंग पहनती हूं, लेकिन सफेद रंग मुझे ज्यादा पसंद है.

आज महिलाएं बहुत आगे बढ़ने के बावजूद प्रताडि़त हो रही हैं. उन के लिए क्या संदेश है?

महिलाओं को समझना है कि जितना परिवार के लिए पुरुष जरूरी है उतनी ही महिला भी है. अगर हम उत्पीड़न सहेंगे तो बच्चे भी यही सीखेंगे. सहना भी उतना ही गलत है जितना कि जुर्म करना. मेरे पति इस बात का पूरा समर्थन करते हैं. वे मेरे हर काम को आगे बढ़ाते हैं. गलत आदमी का मैं कभी साथ नहीं देती.

राजकुमार राव के साथ रोमांस करेंगी ऐश्वर्या राय बच्चन

करण जौहर की फिल्‍म ‘ए दिल है मुश्किल’ में अपने से कई साल छोटे रणबीर कपूर के साथ रोमांस कर चुकी ऐश्‍वर्या राय बच्‍चन अब एक बार फिर स्‍क्रीन पर कुछ ऐसा ही दोहराने वाली हैं. पिछले कुछ दिनों से ऐश अपनी आने वाली फिल्‍म ‘फन्ने खां’ के लिए चर्चाओं में हैं. फिल्म ‘फन्ने खां’ में राजकुमार राव, ऐश्वर्या राय के साथ बड़े पर्दे पर रोमांस करते नजर आएंगे. पहले आर माधवन की ऐश्वर्या के अपोजिट आने की खबरें थी लेकिन अब इसकी आधिकारिक रूप से घोषणा कर दी गई है कि फिल्म में राजकुमार राव, ऐश्वर्या के अपोजिट नजर आएंगे. इस फिल्‍म में अनिल कपूर और दिव्‍या दत्ता भी नजर आएंगे. फिल्म का निर्देशन अतुल मांजेकर करेंगे.

आपको बता दें कि राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म ‘फन्ने खां’ बेल्जियम की फिल्म ‘एवरीडेज फेमस’ का हिन्दी एडेप्टेशन है. ये फिल्म आस्कर अवार्ड में बेस्ट फारेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में नामांकित की गई थी.

फिलहाल राजकुमार राव इस समय पोलैंड में हंसल मेहता की बायोग्राफिकल सीरीज ‘बोस’ की शूटिंग कर रहे हैं. और इसी दौरान फिल्म की निर्माता प्रेरणा ने उनको इसकी जानकारी दी. आजकल राजकुमार राव सातवें आसमान पर है क्योंकि अब उनको ऐश्वर्या राय के साथ फिल्म करने का मौका मिल गया है.

बौलीवुड के एक्टर राजकुमार राव अपनी एक्टिंग और हमेशा अलग तरह के किरदार निभाने की वजह से जाने जाते हैं. हाल ही में रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘बरेली की बर्फी’ बाक्स-आफिस पर धमाल मचा रही है.

ये हैं वो 10 तमिल कौमेडियन जिनके बिना अधूरी हैं फिल्में

फिल्मो में कौमेडी कर लोगों को हंसाना एक बहुत ही चैलेंज भरा काम है. यह जितना आसान दिखता है उससे कई गुना ज्यादा मुश्किल है. टौलीवुड में कुछ ऐसे टैलेंटेड कौमेडियंस है जो तमिल की हर फिल्म में लोगों का दिल जीतने के लिए जाने जाते हैं. जानिए कौन हैं इंडिया के टौप 10 तमिल कौमेडियंस जिनके बिना हर तमिल फिल्म अधूरी है.

ब्रह्मानंदम

पदम श्री ब्रह्मानंदम को किंग तमिल कौमेडियन  किंग माना जाता है. ये तमिल के पहले ऐसे कलाकार हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा कौमिक रोल्स करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकौर्ड का खिताब पाया है.  

वादिवेलु

54 साल के वादिवेलु को तमिल की फिल्मों का सबसे हिट तमिल कौमेडियन माना जाता है. इन्हें इनकी कौमिक टाइमिंग के लिए कई स्टेट अवार्ड्स से नवाजा जा चूका है.

संथानम

टेलीविजन के किसी कौमेडी सीरियल से अपना करियर शुरू करने वाले संथानम तमिल फिल्म इंडस्ट्री में अपमान कौमेडी के लिए जाने जाते हैं.

एम एस नारायण

एम एस नारायण तेलगु के बेस्ट कौमेडी एक्टर्स में से एक हैं जिनकी हाल ही में एक और्गन फेल हो जाने की वजह से मौत हो गई. तेलुगु के इस उभरते कौमेडियन को तमिल का देवानन्द भी कहा जाता है.

विवेख

पदमश्री विवेख भी तमिल के फेमस तमिल कौमेडियन में से एक हैं जिन्हें 3 बार फिल्मफेयर बेस्ट कौमेडियन के रोल में सम्मानित किया जा चुका है. विवेख तमिल टीवी में भी कौमेडी राइटिंग करने के लिए जाने जाते है.

रघु बाबु

रघु बाबु भी अपने पिता गिरी बाबु की तरह तमिल में अपनी कौमिक टाइमिंग और कौमेडी टैलेंट के जाने जाते है. रघु बाबु कई कौमेडी फिल्मो में एक जूनियर रोल्स के साथ साथ एक डायरेक्टर के रूप में भी कम कर चुके हैं.

करुनस

करुनस तमिल फिल्मो में एक असिस्टेंट तमिल कौमेडियनके रूप में कई रोल कर चुके है. कौमेडी में निपुणता के साथ साथ वे एक अच्छे गायक और फिल्मकर्ता भी हैं.

अली

तमिल के नामचीन कौमेडियन्स की लिस्ट में अली भी गिने जाते हैं. वे न केवल तमिल पर कई हिंदी फिल्मों में भी काम कर चुके हैं. अली को अकैडमी औफ ग्लोबल पीस  2013 द्वारा बेस्ट कौमेडी परफौर्मर का खिताब दिया गया है.

गाउंडमानी

1939 में जन्मे गाउंडमानी तमिल के सीनियर कौमेडियन्स में से एक हैं. ये अपनी कौमिक टाइमिंग और राइटिंग के तौर पर भी कई टीवी शोज में काम कर चुके हैं.

जाया परकाश रेड्डी

जयप्रकाश न सिर्फ कौमेडी टाइमिंग पर तमिल फिल्मों में अपने विलेन के किरदारों के लिए भी जाने जाते हैं. इन्हें तमिल और तेलुगु फिल्मो में मिस्टर जेपी  के नाम से भी जाना जाता है.

अलग मौके अलग फैशन

कालेज गोइंग यूथ्स को न सिर्फ कालेज जाने के लिए फैशनेबल कपड़ों की जरूरत होती है बल्कि कालेज में आए दिन होने वाले फैस्टिवल, फंक्शंस, टूर और फ्रैंड्स की बर्थडे पार्टी या शादी जैसे मौके के लिए भी उन्हें अलग अलग परिधानों की जरूरत पड़ती है. ऐसे में वे चाहते हैं कि हर मौके पर यूनीक दिखें ताकि हर कोई उन की ड्रैस और पसंद की वाहवाही करे.

प्रस्तुत हैं ऐसे ही कुछ विशेष अवसरों पर पहने जाने वाले खास फैशनेबल परिधान.

कालेज फैस्ट

कालेज फैस्ट को ले कर स्टूडैंट्स में खासी ऐक्साइटमैंट रहती है, तभी वे फैस्ट की डेट डिसाइड होते ही इस दिन की तैयारियों में जुट जाते हैं. उन्हें लगता है कि वे इस दिन अच्छे कपड़े पहन कर खूबसूरत दिख कर सब की नजरों में चढ़ सकती हैं. ऐसा हो भी क्यों न, यह दिन तो होता ही खास है. यदि आप भी फैस्ट की शान बनना चाहते हैं तो दिखें कुछ इस तरह खास.

– डंगरीज जो दिखने में कूल होने के साथ कंफर्टेबल भी होती है. आप इसे फुल स्लीव टौप, टीशर्ट वगैरा के साथ पहनें और साथ में शूज का स्टाइल आप को कूल लुक देगा.

– जंपसूट का फैशन तो चलन में है ही, लेकिन इस बार आप फ्लोरल जंपसूट पहन कर ट्रैंडी लुक पा सकती हैं. स्टाइलिश दिखने के लिए गौगल्स लगाना न भूलें. फिर देखिए क्या जलवा बिखेरती हैं आप फैस्ट में.

– अगर आप पैंट पहनने की शौकीन हैं तो लैदर पैंट पहन कर फैस्ट में ऐंट्री करें. साथ ही लौंगशर्ट के साथ हैंडबैग आप को क्लासिक लुक देगा.

– प्लाजो कंफर्टेबल होने के साथसाथ मौड लुक भी देता है. आप इस बार फैस्ट में शौर्ट कैजुअल टौप के साथ इसे ट्राई करिए.

– आप ग्रैफिक टीशर्ट के साथ जींस पहन कर अगर फैस्ट में जाएंगी तो अलग ही नजर आएंगी.

यदि ड्रैस यूनीक हो और हेयरस्टाइल वही पुराना तो आप के लुक में चारचांद नहीं लग पाते हैं. ऐसे में डिफरैंट हेयरस्टाइल ट्राई कर फैस्ट में हट कर दिखें.

– यदि आप यह सोच कर कन्फ्यूज्ड हो रही हैं कि मेरे फेस पर कोई भी हेयरस्टाइल नहीं जंचता तो आप लूज कर्ल्स वाले हेयरस्टाइल ट्राई करना न भूलें, क्योंकि यह सभी आउटफिट और फेसकट पर सूट करता है.

– मैसी बन हेयरस्टाइल जिस को ले कर युवतियां क्रेजी रहती हैं, आप इस हेयर स्टाइल में सैंटर औफ अट्रैक्शन बन सकती हैं.

– अगर आप बालों के साथ ज्यादा छेड़छाड़ करना पसंद नहीं करतीं और सिंपल सा लुक चाहती हैं तो बालों में प्रैसिंग कर के क्यूट लुक पा सकती हैं.

– अगर आप के हेयर्स काफी कर्ली हैं तो पिन्स से भी स्टाइलिश लुक पा सकती हैं.

आप को बता दें कि ऐक्सैसरीज के बिना आप का लुक इनकंप्लीट लगता है. आप अफगानी ज्वैलरी, झुमकियां, चूडि़यां, ड्रैस के हिसाब से सिलैक्ट कर के डैशिंग लुक पा सकती हैं.

फ्रैंड की शादी

फ्रैंड की शादी में जाने से ज्यादा इस अवसर पर नए कपड़े पहनने की ऐक्साइटमैंट होती है ताकि हर कोई वाउ कहे और दुलहन के बाद सब का ध्यान हम पर ही रहे तो इस के लिए आप ट्राई करें लेटैस्ट ड्रैसेज.

– कैजुअल ब्लैक मैक्सी आप को ग्लैमरस लुक देगी. इसे आप ग्लेडिएटर सैंडिल्स के साथ पहन कर धमाल मचा सकती हैं.

– सैक्सी दिखने की चाह हर युवती की होती है. ऐसे में आप पार्टी में स्ट्रिप ड्रैस पहन कर न सिर्फ खुद हौट फील करेंगी बल्कि औरों को भी हौट फील करवा सकती हैं.

– आजकल गाउन का फैशन है. आप पार्टीफंक्शन में नैट वाला, फिशकट, ए लाइन गाउन पहन कर सब की नजरें खुद पर टिकाने को मजबूर कर सकती हैं. साथ ही स्कर्टटौप, पटियाला सलवार के साथ शौर्ट कुरती भी ट्राई कर सकती हैं.

बर्थडे पार्टी

अगर पार्टी थीम बैस्ड हो तब तो ज्यादा झंझट नहीं, क्योंकि ऐसी पार्टियों में थीम बैस्ड कौस्ट्यूम्स जो पहनने होते हैं. लेकिन अगर पार्टी थीम पर आधारित नहीं है तो आप कैजुअल वियर के साथ वैस्टर्न ड्रैसेज ट्राई कर सकती हैं, क्योंकि यह कूल दिखने के साथ पार्टी के हिसाब से बिलकुल परफैक्ट बैठती है.

दोस्तों संग आउटिंग

दोस्तों के साथ आउटिंग पर जाने की बात सुनते ही हमारा मन खुशी से झूम उठता है. ऐसे में एक तरफ घूमने जाने की खुशी तो दूसरी तरफ हम यही सोचते हैं कि क्या पहनें जिस से आउटिंग को ऐंजौय कर पाएं.

ऐसे में सब से पहले यह ध्यान देना जरूरी है कि हम किस जगह और किस मौसम में घूमने जा रहे हैं. जैसे अगर आप समुद्री इलाके में घूमने जा रहे हैं वहां सूट वगैरा ले जाने से अच्छा है कि डैनिम की शौर्ट्स हाफ पैंट्स, स्मार्ट टीशर्ट्स वगैरा के साथ पहनें. यदि आप पहाड़ी इलाके में घूमने जा रहे हैं तो स्मार्ट वूलन टौप विद जींस, टाउजर, वूलन कुरती विद स्टौल के साथ वियर करें. इस से आप स्मार्ट दिखने के साथसाथ खुद को उस जगह के हिसाब से तैयार भी कर पाएंगे.

इन बातों को न करें नजरअंदाज

– एकदूसरे की देखादेखी कपड़े न खरीदें.

– ऐसे आउटफिट खरीदें जो कंफर्टेबल हो वरना आप का सारा ध्यान उन को ठीक करने पर ही लगा रहेगा.

– आप के रंगरूप और फिगर पर जो कलर जंचे वही खरीदें.

– डार्क मेकअप करने से बचें. जितनी आप सिंपल रहेंगी उतनी ही खूबसूरत दिखेंगी.

– ज्यादा टाइटफिट कपड़े न पहनें, क्योंकि इस से उठनेबैठने में दिक्कत होती है.

सोच ही नहीं लुक भी हुआ बोल्ड

आज महिलाएं घर की देहरी पार कर ऊंचे से ऊंचे मुकाम तक पहुंच रही हैं. मिस वर्ल्ड का खिताब लेना हो या मिस यूनिवर्स का, कौरपोरेट वर्ल्ड में नाम कमाना हो या पुरुषप्रधान क्षेत्रों में उत्कृष्टता साबित करनी हो, महिलाएं सामाजिक बेडि़यों को तोड़ कर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं. उन की सोच बोल्ड हुई है और इस के साथ ही उन के लुक और व्यक्तित्व में भी निखार आया है. पहनावा हो या मेकअप बोल्डनैस और इंडिपैंडैंसी हर पहलू में नजर आती हैं.

चर्चा में रहना है पसंद

हाल ही में दंगल फेम फातिमा शेख अपने बोल्ड फोटो शूट की वजह से सुर्खियों में रहीं. फातिमा ने इंस्टाग्राम पर 2 बोल्ड फोटो साझा किए. इन में वो बीच पर स्विमसूट पहने नजर आ रही हैं.

आज महिलाएं इस तरह के बोल्ड लुक द्वारा चर्चा में आने से गुरेज नहीं करतीं, बल्कि ऐंजौय करती हैं. बोल्ड लुक का एक उदाहरण मलाइका अरोड़ा भी हैं, जो अकसर अपने फैशन और बोल्ड स्टेटमैंट के लिए चर्चा में बनी रहती हैं.

क्रिएटिविटी का फंडा

आजकल लड़कियां और महिलाएं फैशनेबल और बोल्ड दिखने के लिए अपना अलग स्टाइल बनाती हैं. स्टाइल से ही ऐटीट्यूड डैवलप होता है, जिसे लोग हमेशा याद रखते हैं.

श्री लाइफस्टाइल की जौइंट मैनेजिंग डाइरैक्टर शीतल कपूर कहती हैं, ‘‘आप ने कौन सी फैंसी ड्रैस पहनी है इस से लोगों को मतलब नहीं होता, आप ने उसे कैसे कैरी किया है यह बात माने रखती है. ड्रैस लोगों की नजरों में आए और उन्हें अच्छी लगे, फिर चाहे वह इंडियन हो या वैस्टर्न. कोशिश करें कुछ ऐसा स्टाइल बनाएं जो अलग भी हो, बोल्ड भी हो और आप पर जंचे भी.

‘‘उदाहरण के लिए साड़ी एक पारंपरिक परिधान है पर आज की लड़कियां बौलीवुड हस्तियों से प्रभावित हो कर उसे ग्लैमरस टच देने से नहीं चूकतीं. साड़ी के साथ मैडरिन कौलर ब्लाउज, हाल्टर नैक ब्लाउज, लोकट स्लीवलैस ब्लाउज और नैट स्लीव वाले ब्लाउज कैरी कर काफी बोल्ड और स्टाइलिश नजर आती हैं.’’

फैशन का असर हर उम्र पर

अब महिलाएं खुद पर उम्र का असर नहीं आने देतीं. आज के समय में फैशन में बदलाव का असर हर उम्र में दिखता है. मां, नानीदादी, बूआ वगैरह पहले साडि़यां या सलवारकमीज के अलावा कुछ नहीं पहनती थीं. अब वे भी उतनी ही मौडर्न दिखना चाहती हैं, जितनी कि उन की बेटी और बहू. अब वे भी जींस, ट्राउजर, टीशर्ट और शर्ट में खुद को कंफर्टेबल पाती हैं और हमेशा जवां दिखना चाहती हैं.

आत्मविश्वास के लिए बोल्ड मेकअप

गिनीज रिकौर्ड होल्डर मेकअप आर्टिस्ट इशिका तनेजा कहती हैं कि मेकअप इनसान की ऊपरी सुंदरता ही नहीं निखारता, बल्कि दुनिया के सामने खुद को प्रस्तुत करने का आत्मविश्वास भी पैदा करता है. मेकअप के जरीए सुंदर बन कर महिला के मन में फीलगुड फैक्टर और आत्मविश्वास कूटकूट कर भर जाता है. इस आत्मविश्वास के साथ वह जो भी काम करती है, उस में सफलता निश्चित हो जाती है.

इशिका कहती हैं कि बोल्ड मेकअप आप को भीड़ से अलग करता है. बोल्ड दिखने के लिए आजकल ब्लैक और ट्रांसपैरेंट शेड के मसकारे की जगह पिंक से ले कर ग्रीन और यलो शेड के कलरफुल मसकारे ट्राई किए जाने लगे हैं. ये कलरफुल शेड्स न केवल आप की आंखों को बड़ा और खूबसूरत बनाते हैं, बल्कि ब्लैक मसकारे के मुकाबले ज्यादा आकर्षक भी नजर आते हैं.

बोल्ड लुक में लिपस्टिक के डार्क शेड्स जैसे रैड और पिंक चेहरे को अट्रैक्टिव लुक ही नहीं देते, बल्कि डार्क कलर चेहरे को लंबे समय तक ऐनर्जेटिक भी रखते हैं.

इसी तरह आंखों का स्मोकी लुक बोल्ड मेकअप में पसंद किया जाता है. आईब्रोज को पूरी तरह से बढ़ा कर या बिना शेप के रखा जाता है या उन्हें बनवाया जाता है, तो पौइंटर्स न  दे कर स्ट्रेट रखा जाता है. नाखूनों को नया लुक देने के लिए नेल आर्ट का इस्तेमाल किया जाता है.

कौस्मैटिक सर्जरी से बोल्ड लुक

आज कौस्मैटिक सर्जरी ने यह कमाल कर दिखाया है कि लोग सिर्फ अपने चेहरे को ही नहीं वरन बौडी पार्ट्स को भी नया और बोल्ड लुक दे सकते हैं. बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों में भी बौडी कंटूरिंग क्लीनिक खुल गए हैं. महिलाएं शिल्पा शेट्टी जैसे कर्व, कैटरीना कैफ जैसे आकर्षक होंठ या प्रियंका चोपड़ा जैसा सैक्सी लुक पाने और बोल्ड दिखने के लिए यहां लाखों रुपए खर्च करने से भी गुरेज नहीं करतीं.

बीएलके सैंटर फौर कौस्मैटिक ऐंड सर्जरी के डा. लोकेश कुमार बताते हैं कि कौस्मैटिक सर्जरी द्वारा कई तरह से आकर्षक और बोल्ड लुक पाया जा सकता है जैसे:

फेस लिफ्टिंग: फेस लिफ्टिंग 2 तरह से की जाती है. पहला है पारंपरिक पद्धति जिस में सर्जिकल प्रक्रिया द्वारा ढीली त्वचा और झुर्रियों को ठीक किया जाता है. यह पूरी तरह एक औपरेशन जैसा होता है और 2-3 दिन अस्पताल में रहना पड़ता है. सर्जरी के द्वारा मांसपेशियों और त्वचा को टाइट कर दिया जाता है.

वे महिलाएं जिन्हें झुर्रियां नहीं हैं, मगर त्वचा ढीली पड़ने से चेहरा लटक गया हो, उन्हें बिना सर्जरी के फेसलिफ्ट कराने की सलाह दी जाती है. इस में डर्मल फिलर के द्वारा वौल्यूम बढ़ा दिया जाता है, जिस से त्वचा टाइट दिखती है. दूसरा तरीका है, त्वचा में थ्रेड डाल कर उसे अंदर ही अंदर टाइट कर देना, जिस से चेहरा लिफ्ट हो जाता है.

ब्रैस्ट कंटुअर्स: कई महिलाएं अपने स्तनों के आकार से संतुष्ट नहीं होतीं. उम्र के साथ स्तनों का ढीला हो जाना भी एक मुख्य समस्या है. ब्रैस्ट ऐनलार्जमैंट और ब्रैस्ट औगमैंटेशन द्वारा इन्हें मनचाहा आकार दिया जा सकता है. ब्रैस्ट इनहांसमैंट में सिलिकौन इंप्लांट सब से अधिक चलन में है. इस का कोई साइड इफैक्ट नहीं होता.

लिप सर्जरी:

यह सर्जरी 2 कारणों से की जाती है. एक तो जिन के होंठ पतले होते हैं उन के लिए इनहांसमैंट सर्जरी की जाती है. इस में सर्जरी के द्वारा होठों में स्टफिंग कर के उन के आकार को बड़ा किया जाता है. दूसरा, जिन के होंठ बड़े और मोटे होते हैं, उन के लिए लिप रिडक्शन सर्जरी की जाती है. सर्जरी के अलावा एक नौन सर्जिकल तरीका भी है जिस में फिलर्स के द्वारा होंठों के लुक में बदलाव लाया जाता है.

नोज शेपिंग:

कुछ लोगों की नाक उन के चेहरे पर सूट नहीं करती. सर्जरी के द्वारा नाक के आकार में बदलाव लाया जाता है ताकि वह उन के चेहरे पर फबे. इस सर्जरी के लिए अस्पताल में भरती होना पड़ता है और रिकवर होने में कम से कम 2-3 सप्ताह का समय लगता है.

टैटूज:

आज की लड़कियों में अपने लुक को कूल और बोल्ड दिखाने के लिए टैटूज वगैरह बनवाने का क्रेज है. कुछ लड़कियां अपने मातापिता या अपने परिवार के किसी सदस्य के नाम का टैटू बनवाती हैं, अपने बौयफ्रैंड के नाम पर टैटू बनवाने वाली लड़कियों की भी कमी नहीं.                     

फिल्म रिव्यू : बादशाहो

आपातकाल की पृष्ठभूमि में प्यार, धोखा, गुस्सा, नफरत, बदले की कहानी व एक्शन से भरपूर मिलन लूथरिया की फिल्म ‘‘बादशाहो’’ बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं डालती. सत्तर व अस्सी के दशक में इस तरह की कहानी पर तमाम मसाला फिल्में बन चुकी हैं. सिर्फ आपातकाल की पृष्ठभूमि बताने से कहानी असरदार नहीं बनती.

फिल्म ‘‘बादशाहो’’ की कहानी शुरू होती है 1973 में जयपुर की महारानी गीतांजली के महल में चल रही एकपार्टी से. इस पार्टी में शासक दल के बड़े नेता संजीव (प्रियांशु चटर्जी) भी मौजूद हैं, जो कि महारानी से नाराज होकर महल से बाहर निकलते हैं. दो साल बाद आपातकाल लगने पर संजीव सेना को आदेश देते हैं कि अब महाराज नहीं रहे, इसलिए जयपुर के राजमहल की तलाशी लेकर महारानी गीतांजली के पास मौजूद सारा सोना जब्त करके दिल्ली के सरकारी खजाने में जमा किया जाए.

सेना का अफसर सैन्य बल के साथ राजमहल पहुंचता है. उसे जो कुछ मिलता है, उसकी जानकारी वह संजीव को देता रहता है. सोना मिलने के बाद महारानी को जेल भेज दिया जाता है. जेल के बाहर महारानी को छुड़ाने के लिए हंगामा होता है. इसी हंगामे में बदमाश भवानी सिंह (अजय देवगन) गिरफ्तार होकर जेल के अंदर पहुंचते हैं, जहां महारानी गीतांजली उनसे अपना सोना सरकारी खजाने तक पहुंचने से पहले वापस लाकर देने के लिए कहती हैं. पता चलता है कि भवानी सिंह कभी राजमहल में ही रहा करता था. वह महाराजा का अतिविश्वासपात्र था. महाराजा की मौत के बाद महारानी ने उस पर विश्वास किया था. दोनों के बीच कुछ ज्यादा ही अच्छे संबंध रहे हैं. पर एक गांव के जलाए जाने पर भवानी सिंह को अहसास हुआ था कि महारानी ने अपने चेहरे पर कई मुखौटे ओढ़ रखे हैं. तब वह महल से दूर चला गया था. पर अब वह महारानी की मदद के लिए तैयार है.

महारानी की सेक्रटरी संजना (ईशा गुप्ता) भी भवानी सिंह के साथ हैं. इसके अलावा भवानी सिंह ने महारानी के सोने को सरकारी खजाने में पहुंचने से पहले ही लूट लेने के मकसद से अपने सहयोगी दलिया (इमरान हाशमी) तथा ताला खोलने में माहिर तिकला (संजय मिश्रा) को बुला लिया है.

सरकार ने जब्त सोने आर्मी ट्रक में भरकर दिल्ली लाने की जिम्मेदारी सैन्य अधिकारी व कमांडो सहर (विद्युत जामवाल) को दी है. यह ट्रक व सैन्य अधिकारी चलते हैं. रास्ते में भवानी सिंह अपने साथियों के साथ सभी को हराकर ट्रक पर कब्जा कर भागते हैं. रास्ते में एक पुलिस अफसर (शरद केलकर) उनका पीछा करता है. अंततः एक जंगल में जाकर भवानी सिंह व उसके साथी सारा सोना पिघलाकर उसे ऊंटो पर लादकर चल देते हैं. इधर पता चलता है कि कमांडो सहर तो महारानी गीतांजली से मिला हुआ है.

अंततः सारा सोना उस गांव में जाकर बंट जाता है, जिस गांव को जलाने का आदेश कभी महारानी गीतांजली ने दिया था. खैर, अब आर्मी कहां गयी, महारानी कहां गयी, कुछ स्पष्ट नहीं होता. पर एक खंडहर में भवानी सिंह व उसके साथी आपस में बातें करते हुए नजर आते हैं.

अस्वाभाविक दृश्यों से भरपूर तितर बितर व अति कमजोर  पटकथा से युक्त फिल्म ‘‘बादशाहो’’ में आकर्षण वाला कोई मामला नही है. किरदारों का चरित्र चित्रण भी गड़बड़ है. अति कमजोर कहानी व पटकथा वाली यह फिल्म बोर ही करती है. संजीव के किरदार को संजय गांधी जैसा लुक दिया गया जिसकी वजह महज फिल्म को आपातकाल की पृष्ठभूमि से जोड़ना रहा या कुछ और यह फिल्मकार ही बेहतर जानते होंगे.

फिल्म की लोकेशन अच्छी है. कैमरामैन ने कुछ अच्छे दृश्य कैमरे में कैद किए हैं. जहां गीत संगीत का सवाल है,तो फिल्म का एक गाना ‘‘मेरे रश्के  कमर..’ ही ठीक है. जहां तक अभिनय का सवाल है, तो अजय देवगन कुछ कमाल नहीं दिखा पाए. इमरान हाशमी निराश करते हैं. ईलियाना डिक्रूजा जरुर अच्छी लगी हैं. विद्युत जामवाल का अभिनय भी ठीक ही है. संजय मिश्रा के हिस्से कुछ संवाद अच्छे आ गए हैं और उनकी परफार्मेंस भी अच्छी है.

दो घंटे तीस मिनट की अवधि वाली फिल्म का निर्माण मिलन लूथरिया, भूषण कुमार व किशन कुमार ने किया है. फिल्म के लेखक रजत अरोड़ा, निर्देशक मिलन लूथरिया, संगीतकार तनिष्क बागची व अंकित तिवारी तथा कलाकार हैं-अजय देवगन, इमरान हाशमी, ईलियाना डिक्रूजा, शरद केलकर, संजय मिश्रा, ईशा गुप्ता व अन्य.

इन तरीकों से महिलाएं सुरक्षित कर सकती हैं अपना भविष्य

भारत में ऐसी घरेलू महिलाओं की तादाद बहुत ज्यादा है जो अपने पति पर निर्भर हैं और किसी भी तरह के वित्तीय फैसलों में उनकी भागीदारी न के बराबर है. इसके बावजूद वह घर की मैनेजर होती हैं और उनकी जिम्मेदारी अपने घर के बजट को मैनेज करने की होती है.

पिछले कुछ सालों में महंगाई तो बढ़ी है, लेकिन उस अनुपात में सैलरी नहीं बढ़ी है. लेकिन कई बार जब घर में कोई इमर्जेंसी आती है जैसे जौब छूटना, हेल्थ प्रोब्लम, घर लेना तब सारा बोझ पत्नी के ऊपर होता है कि वो कैसे संब कुछ संभाले और समस्या से निजात दिलाये.

मनी फ्लो मैनेजमेंट

ज्यादातर घरों महिलाएं केवल ग्रौसरी की खरीदारी तक ही सीमित हो जाती हैं. जैसे सब्जी अगर लेनी होती है, तो सोचती हैं कि हफ्ते भर की सब्जी लेकर रख लें, यहां एक गलती हो जाती है की अगर सब्जी या खाने के सामान खराब हो गये तो उन्हें फेंकना पड़ता है. जिससे पैसों की बर्बादी होती है. लेकिन हाउसवाइव्स को इसके आगे बढ़ते हुए फाइनेंस को मैनेज करने का तरीका पता होना चाहिेए. इससे पता चलेगा कि कहां आपको ज्यादा खर्च करना है और कहां बचाना है. और यह कोई रौकेट साइंस नहीं और न ही इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह की जरूरत है. आप इसे खुद से या अपने पति की सलाह से भी कर सकती हैं.

खर्च कंट्रोल करना                        

अब जब आप मनी फ्लो मैनेजमेंट करना जान गईं हैं तो बारी है खर्चों पर कंट्रोल करने की, जैसे अगर आपके घर का बिजली का बिल 2 हजार हर महीने आता है, तो आपको सोचने की जरूरत है कि कैसे आप इसे कम कर सकती हैं. अगर आप हर रोज वौशिंग मशीन का इस्तेमाल करती हैं तो हफ्ते में 3-4 दिन ही इस्तेमाल करें. ऐसी ही कई चीजों का ध्यान रखकर आप खर्चों में कटौती कर सकती हैं.

पैसो की बचत के बारे में सोचे

हमेशा पैसों की बचत के बारे में सोचें. इसके लिए सबसे पहला कदम है एक अकाउंट खोलना. इसके अलावा आप सरकार की ओर से चलाई जा रही तमाम तरह की योजनाओं में भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा कर फायदा उठा सकती हैं. आप चाहें तो महंगी ब्रांडेड दवाओं की जगह सस्ती जेनेरिक दवाओं का इस्तेमाल करके भी पैसे बचा सकती हैं.

घर बैठे कमाएं पैसे

अगर आप पढ़ी लिखी हैं इसके बावजूद घर की जिम्मेदारियों के चलते आप अपने पति की कोई मदद नहीं कर पा रही हैं, तो घर बैठे पैसे कमाने की तरकीब ढूंढना शुरू कर दें. आप फ्रीलांसर की तरह काम कर सकती हैं. इसके अलावा अगर आपकी पेंटिंग, डांसिंग, टीचिंग जैसी कोई हौबी है तो आप इसके लिए अलग से क्लास चला सकती हैं और घर में क्लास लेकर पैसे कमा सकती हैं.

निवेश करें

निवेश की पहली सीढ़ी है बचत. अगर आप हर महीने पैसे बचाती हैं तो आपको सोचना चाहिए कि महंगाई को काटते हुए कैसे आप अपने पैसे को बढ़ा सकती हैं. कभी भी पैसे को अकाउंट में या घर पर भी खाली पड़े नहीं देना चाहिए. उसे फिक्स या फिर रिकरिंग डिपौसिट में निवेश करना चाहिए. अगर आपका पैसा 10 हजार से बढ़कर 11 हजार भी हो जाता है तो यह एक फायदे का सौदा है.

इन 10 खूबसूरत हिल स्टेशनों का अलग ही है आनंद

अगर आप घूमने फिरने के शौकीन हैं और हिल स्टेशन पर जाना आपको पसंद है, तो आप हमारे देश के इन खूबसूरत हिल स्टेशनों पर जा सकते हैं. जहां साल भर सुहाना मौसम बना रहता है. आप यहां अपनी छुट्टियां, हनीमून और घूमने के लिहाज से यहां आकर इन जगहों का मजा ले सकते हैं.

कलिमपोंग

वेस्‍ट बंगाल के दार्जिलिंग में बसे कलिमपोंग हिल स्‍टेशन का मौसम हमेशा खुशनुमा रहता है. यहां आने वाले टूरिस्‍ट ट्रैकिंग का खूब मजा लेते हैं. यहां के पहाड़ और खूबसूरत रास्‍ते लोगों को काफी आकर्षित करते हैं. यहां आने के बाद आप जरूर चाहेंगे की इस जगह को आप कैमरे में कैद कर लें क्योंकि ये जगह है ही इतनी खूबसूरत.

हफलौंग

वाइट एंट हिलौक के नाम से मशहूर हफलौंग हिल स्टेशन असम में स्थित है. यह गुवाहाटी से 310 किलोमीटर की दूरी पर बसा है, जिसे खूबसूरत लैंडस्केप्स, झीलों और पर्वतों के लिए जाना जाता है. हफलौंग असम में सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला टूरिस्ट प्लेस है. नीले पहाड़, अलग-अलग प्रकार के पक्षियों, और्किड के फूलों के बीच बहती नदियां यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं.

मासिनगुड़ी

ऊटी से 30 किमी दूर बसा मासिनगुड़ी काफी हरी-भरी जगह है. यह घूमने की बेहतरीन जगहों में शामिल है. मासिनगुडी शांति और सुकून के साथ ही अपनी वनस्पतियों के लिए खास तौर पर जाना जाता है. अगर आप ऊटी घूमने आए हैं तो 2-3 घंटे निकालकर मासिनगुड़ी जाना ना भूले. यहां के रिजौर्ट में नाइट सफारी, जंगलों में घूमने-फिरने और ट्रैकिंग का भी मजा लिया जा सकता है.

कुन्‍नूर

चाय के बागानों के लिए प्रसिद्ध तमिलनाडू का कुन्‍नुर हिल स्‍टेशन काफी खूबसूरत है. यह नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसा है और ऊटी से 19 किमी दूर है. यह फेमस हनीमून डेस्‍टिनेशन भी है. यहां का मौसम काफी सुहावना रहता है.

बासुंती

हिमाचल प्रदेश के नजदीक स्‍थित बासुंती इलाका काफी शांति और सुकून वाला है. यह जगह खासतौर पर योगा करने के लिए जानी जाती है. यहां की खुली हवा में योग क्‍लौस, फिशिंग और पेंटिंग करते हुए कई लोग मिल जाएंगे.

घूम

दार्जिलिंग से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घूम की खूबसूरती भी देखने लायक है. दार्जिलिंग की हिल कार्ट रोड जाते वक्त घूम रेलवे स्टेशन से होकर ही जाना होता है. दार्जिलिंग की काफी ऊंची जगहों में शामिल घूम में टौय ट्रेन द्वारा भी घूमा जा सकता है.  

नागिनी

दिल्ली से 550 किलोमीटरी की दूरी पर स्थित नगिनी में बहुत सारे खूबसूरत नजारे देखने को आपको मिल जाएंगे. लार्जी नदी के किनारे पर लगभग 26 किलोमीटर आगे नगिनी गांव बसा है. यहां कई दुर्लभ जड़ी-बूटियां भी मिलती हैं. यहां से ट्रैकिंग करते हुए हिमालय राष्ट्रीय उद्यान की ओर जाया जा सकता है.

शिलांग

नार्थ ईस्‍ट इंडिया का सबसे खूबसूरत शहर शिलांग सिर्फ मेघालय की राजधानी नहीं, शांत और खूबसूरत रिजौर्ट्स के लिए भी जाना जाता है. यहां की खूबसूरत, शांत और दूर तक फैली उमियाम झील का नजारा किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता. नौर्थ-ईस्ट के लोगों के लोगों के लिए घूमने की पसंदीदा जगहों में से एक है. इसे स्कौटलैंड औफ द ईस्ट के नाम से भी जाना जाता है. स्वच्छ वातावरण, मनोरम नजारे, ठंडा मौसम और यहां के अनेक दर्शनीय स्थल इसकी शोभा बढ़ाते हैं. यहां के झरने काफी खूबसूरत दिखते हैं.

नामिक रामगंगा वैली

हिमालय की ऊंची और सुंदर वादियों के बीच छुट्टियां बिताने का प्लान बहुत ही इंटरेस्टिंग और एडवेंचरस है. यहां की नामिक-रामगंगा वैली जो नंदा देवी और त्रिशूल के बहुत सारे गांवों के बीच स्थित है, जो अपनी परंपराओं और कलाओं के लिए खासतौर पर जानी जाती है. यहां के मंदिरों की लोकप्रियता अच्छी-खासी है. रामगंगा नदी, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है. यहां के चारों ओर के खूबसूरत नजारों को देखकर काफी  मन को काफी आनंद मिलता है।

रानीखेत

उत्‍तराखंड के अल्‍मोड़ा जिले में बसा रानीखेत एडवेंचर्स पसंदीदा लोगों के लिए बेस्‍ट जगह है. इस फेमस हिल स्‍टेशन में छुट्टी बिताने का मजा ही कुछ और है. यहां आने वाले पर्यटक पैराग्‍लाइडिंग का खूब मजा लेते हैं. बताते हैं कुमाऊं के राजा सुखदेव की पत्नी रानी पद्मावती को रानीखेत की खूबसूरती इतनी पसंद आई कि उन्होंने यहां रहने का निश्चय कर लिया था. तभी से इस जगह का नाम रानीखेत पड़ गया.

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