23 साल की उम्र में 350 गीतों को स्वर दे अन्वेशा ने बनाया रिकार्ड

‘गोलमाल रिटर्न’, ‘आई एम 24’, ‘डैंजरस इश्क’, ‘लव यू सोनियो’, ‘रांझणा’, ‘राउडी राठौड़’, ‘कांची’, ‘रिवाल्वर रानी’, ‘गुरू दक्षिणा’, ‘द एक्सपोज’, ‘प्रेम रतन धन पायो’ तथा ‘दो लफ्जों की कहानी’ सहित कई भाषाओं की फिल्मों, टीवी सीरियलों में पार्श्वगायन करते हुए 23 वर्षीय गायक अन्वेशा ने कम उम्र में 350 गीत गाने का रिकार्ड बनाया है. अन्वेशा ने न सिर्फ पार्श्वगायन किया, बल्कि वह कई टीवी के रिएलिटी शो का हिस्सा रही हैं. वह अब तक अमरीका, बांगलादेश, न्यूजीलैंड, यूएई, कनाडा, यूक्रेन, ओमान और थाईलैंड सहित कई देशों में म्यूजिकल कंसर्ट कर चुकी हैं.

23 वर्षीय अन्वेशा ने तीन वर्ष की उम्र से ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था. वह बताती हैं, ‘‘मेरा जन्म मुंबई के पास विरार में हुआ. जब मैं दो वर्ष की थी, तभी हम लोग कोलकाता रहने चले गए. मेरी पहली संगीत की गुरू मेरी मां हैं. मेरी मां मीता दत्ता गुप्ता भी गायक थीं. उन्होंने ही मुझे सबसे पहले सुर व ताल की शिक्षा दी. संगीत की एबीसीडी उन्होंने ही मुझे सिखायी. फिर चार साल की उम्र में मैने हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक जयंत सरकार से संगीत की विधिवत शिक्षा लेनी शुरू की. उसके बाद मैंने पटियाला घराने के पंडित अजोय चक्रवर्ती से संगीत की शिक्षा ली. 13 वर्ष की उम्र मैं ‘वायस आफ इंडिया’ संगीत प्रधान रिएलिटी शो से जुड़ी. फिर रियालिटी शो ‘छोटे उस्ताद’ का हिस्सा बनी. 14 साल की उम्र में मैने सबसे पहले बौलीवुड फिल्म ‘गोलमाल रिटर्न’ के लिए एक गीत गाया. उसके बाद से मैंने हिंदी, तमिल, बंगाली, तेलगू, कन्नड़, मलयालम भाषाओं की कई फिल्मों में पार्श्वगायन करते हुए 350 से अधिक गीत गा चुकी हूं. बहुत जल्द लोग ‘भालो लागे तोमको’ व ‘अमार जी किचू कोथा’ बंगला फिल्मों के अलावा हिंदी फिल्म ‘तुझसे मिलके ये बावरा’ तथा मलयालम फिल्म ‘मिन्ना मिनंगूं’ सहित कुछ अन्य फिल्मों में मेरी आवाज में स्वरबद्ध गीत सुन सकेंगे.’’

अन्वेशा अब तक सर्वश्रेष्ठ गायक के तकरीबन बीस अवार्ड भी जीत चुकी हैं. वह कहती हैं, ‘‘इन पुरस्कारों से मेरा हौसला बढ़ा. मैं आज भी हर दिन करीबन चार घंटे संगीत का रियाज करती हूं.’’

‘मेरे रश्के कमर’ पर मौनी का डांस देखा क्या!

इन दिनों ‘बादशाहो’ का ‘मेरे रश्के कमर’ गाना लोगों की जुबान पर है. अब फिल्म के इस गाने पर टीवी जगत की मशहूर ऐक्ट्रेस मौनी राय इस गाना पर डांस कर सोशल मीडिया पर छा गई हैं. मौनी के फैन क्लब से ये वीडियो शेयर किया गया है. नागिन एक्ट्रेस ने इतना बेहतरीन डांस किया है कि आप इसे देखते हुए भूल जाएंगे कि ओरिजनर गाना अजय देवगन और इलियाना डिक्रूज पर फिल्माया गया है.

गौरतलब है कि मौनी अक्षय कुमार के साथ बौलीवुड में एंट्री करने जा रही हैं. हालांकि, कहा जा रहा था कि मौनी को यह मौका सलमान खान से नजदीकियों की वजह से मिला है और उन्होंने ही उन्हें इस फिल्म के लिए रेकमेंड किया था. लेकिन बाद में फिल्म प्रड्यूसर रितेश सिद्धवानी ने सफाई दी कि उन्हें यह भमिका उनके टैलंट की वजह से मिली है.

मौनी का यह डांस बिल्कुल वैसा ही दिख रहा जैसा फिल्म ‘देवदास’ में माधुरी दीक्षित ने किया था. मौनी टीवी के अलावा सोशल साइट इंस्टाग्राम पर भी काफी फेमस हैं.

 

 

 

 

 

 

पब्लिसिटी के लिए कुछ भी कर सकते हैं ये सितारे

टीवी पर काम करने वाले कई सेलिब्रिटी ऐसे हैं जो अपनी पब्लिसिटी के लिए कुछ भी कर सकते हैं चाहे वो उनका उटपटांग बयान हो या फिर उनकी कोई तस्वीर हो. कुछ सेलिब्रिटीज को आप अक्सर सोशल मीडिया पर अश्लील वीडियो, फोटोज पोस्ट करते देख सकते हैं. आज हम यहां ऐसे सेलिब्रिटीज के बारे में बता रहे हैं जो हमेशा चर्चा में बने के रहने के लिए कुछ न कुछ पोस्ट करते रहते हैं.

निया शर्मा

निया शर्मा आजकल सोशल मीडिया पर अपनी बोल्ड फोटोज और विडियो के चलते चर्चा में बनी रहती हैं. निया शर्मा ने कुछ दिन पहले अपनी ब्रालेस फोटो शेयर कर निया ने खूब कान्ट्रोवर्सी बटोरी थी. निया शर्मा ने एक बार हद ही पार कर दी जब उन्होंने एक बच्चे का वीडियो शेयर किया, जिसमें वह खुलेआम गालियों का इस्तेमाल कर रहा था.

पूनम पांडे

पूनम पांडे कुछ ख़ास मौकों पर अपने हाट फोटोज और हाट वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं. इन्हीं के चलते वो खूब सुर्खियां बटोर चुकी हैं.

राखी सावंत

राखी सावंत अपने बयान उटपटांग की वजह से हमेशा सुर्खियों में बनी रहती हैं. वह खुलेआम कास्टिंग काउच को सपोर्ट कर चुकी हैं. वह खुद को वर्जिन बता चुकी हैं. राखी सावंत के निशाने पर हमेशा सनी लियोनी रहती हैं और कह चुकी हैं कि इंडिया सनी को कपड़े पहनने के पैसे दे रहा है.

कमाल राशिद खान

कमाल राशिद खान को लोग केआरके भी बोलते हैं. केआरके अक्सर सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटीज को लेकर ऊल-जलूल कमेंट करते रहते हैं. वे परिणीति चोपड़ा के बट पर कमेंट कर चुके हैं, धनुष को जमादार बता चुके हैं और सनी लियोनी से खुलेआम सेक्स की डिमांड कर चुके हैं.

शर्लिन चोपड़ा

शर्लिन चोपड़ा एक्सपोज करने के कारण सुर्खियों में रहती हैं. वे कामसूत्र 3डी जैसी फिल्मों में न्यूड और सेक्स सीन दे चुकी हैं. ट्विटर पर न्यूड फोटो शेयर करने के कारण उन्हें बैन भी किया जा चुका है.

संभावना सेठ

संभावना सेठ को बोल्ड स्टेटमेंट्स के लिए जाना जाता है. इसके अलावा, वे शार्ट टेम्पर्ड भी हैं. हाल ही में, जब उनके पति ने शर्लिन चोपड़ा के साथ हाट सीन दिए तो वे भड़क गई थीं. उन्होंने कहा था, “कौन सी पत्नी अपने पति को किसी दूसरी औरत के साथ इंटीमेट होते देख सकती है.

गौहर खान

गौहर खान की एक फोटो कुछ दिनों पहले खूब वायरल हुई जिसमे वो एक पापुलर मैगजीन के कवर पर नजर आ रही हैं. जबकि सच्चाई यह हैं कि इस मैगजीन कवर के लिए गौहर सिलेक्ट ही नहीं हुई थीं. मैगजीन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गौहर नहीं, अजय देवगन इस अंक में नजर आने वाले हैं. गौहर कुछ दिन पहले खूब सुर्खियों में रहीं, जब एक रियलिटी शो के फिनाले के दौरान एक शख्स ने उन्हें थप्पड़ मार दिया था. बाद में उस शख्स ने खुलासा किया था कि गौहर ने ऐसा करने के लिए उसे पैसे दिए थे जिससे उन्हें पब्लिसिटी मिल सके.

कश्मीरा शाह

कश्मीरा शाह अपनी बोल्ड इमेज के कारण चर्चा में रहती हैं. वे मीडिया में यह तक बता चुकी हैं कि उन्हें कौन सी सेक्स पोजिसन पसंद है. हाल ही में कश्मीरा ने बिकिनी फोटो शेयर कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश की. एक फोटो के साथ तो उन्होंने यह तक लिखा था, है तो दिखाओ.

पूजा मिश्रा

पूजा मिश्रा अक्सर हंगामा कर कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश करती हैं. कुछ समय पहले उन्होंने एक होटल के स्टाफ के साथ बदतमीजी की थी. इसके अलावा, वे सलमान खान पर रेप का आरोप लगा चुकी हैं. सोनाक्षी सिन्हा और उनकी मां पर भी आपत्तिजनक आरोप लगा चुकी हैं.

सोफिया हयात

सोफिया हयात ने बिग बास के दौरान अरमान कोहली पर बदसलूकी का आरोप लगाया था. इसके अलावा, वे इंटरव्यू में यह खुलासा कर चुकी हैं कि बचपन में उनका यौन शोषण हुआ था. इतना ही नहीं, सोफिया ने यह अनाउंसमेंट कर सुर्खियां बटोरने की कोशिश की कि वे नन बन चुकी हैं. फिर मीडिया में अपने ब्रेस्ट इम्प्लांट दिखाकर और बोल्ड फोटोज शेयर कर वे सुर्खियों में रहीं.

कुछ ऐसे सजाएं बच्चों का कमरा

आप पूरे घर को किस तरह सजाएं, कुछ ही देर में सोच सकती हैं लेकिन बच्‍चे का कमरा किस तरह डेकोरेट करें, इसमें बहुत दिमाग लगाना पड़ता है. हर बच्‍चे की आदत बिल्‍कुल अलग होती है और उसका कमरा भी इन्‍हीं आदतों के अनुसार होना चाहिए. हालांकि, आप खुद से सोच-समझ कर बच्‍चों के कमरे को रोचक और आरामदायक बना सकती हैं. इसके लिए आपको कई बातों का ध्‍यान रखना चाहिए, जैसे- बच्‍चे के सोने की जगह ठीक हो और कमरे में बाहर की खुली हवा भी आ सकें.

कमरे में ही बच्‍चा, छोटे-छोटे खेलों को खेल पाएं, इतनी जगह अवश्‍य होनी चाहिए. बेड ज्‍यादा ऊंचाई पर न हो, वरना उससे गिरकर उसे चोट लग सकती है. कमरे को डिजाइन करते समय बच्‍चे की उम्र, बच्‍चों की संख्‍या और बेटा व बेटी या का भी ध्‍यान रखें. आइए जानते हैं बच्‍चे के कमरे को डिजाइन करते समय और किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए.

रंग-बिरंगा रखें

आप पूरे घर को डीसेंट रखिए, लेकिन बच्‍चों के कमरे को सुंदर और चार्मिंग बनाएं. उसे खूब रंग-बिरंगा रखें. इससे बच्‍चों को अच्‍छा लगेगा और वो अच्‍छा वक्‍त कमरे में व्‍यतीत करेंगे.

पर्याप्‍त स्‍थान

बच्‍चों के कमरे में ज्‍यादा सामान न रखें, पर्याप्‍त स्‍थान रहने दें. ताकि बच्‍चे कमरे में ही खिलौने और किताबों को आराम से फैलाकर खेल सकें. इससे उन्‍हें चोट लगने का डर भी नहीं रहेगा.

डिजाइनर बेड

इन दिनों, मार्केट में बच्‍चों के लिए कई तरह के बेड उपलब्‍ध हैं. अगर आपके घर में बच्‍चों वाले कमरे में कम जगह है तो उस हिसाब से भी अच्‍छे बेड मिल जाते हैं. कमरे के क्षेत्रफल के हिसाब से भी आप बेड का चयन करें, ताकि उसे वहां फिट करवाने में दिक्‍कत न आएं. बंक बेड भी अच्‍छा विकल्‍प है.

मिनी आर्ट गैलरी बनाएं

बच्‍चे को कमरे को सजाने का सबसे अच्‍छा तरीका, वहां आर्ट गैलरी बनाना भी हो सकता है. इससे बच्‍चे को कला में रूचि आएगी या आप कई तस्‍वीरों को भी लगा सकते हैं जो उसके साथ हों.

वालपेपर

बच्‍चे के कमरे को वालपेपर से भी सजाया जा सकता है. यह सबसे सरल विकल्‍प है जिसके लिए बहुत मेहनत करने की आवश्‍यकता भी नहीं पड़ती है और बच्‍चे को बोरिंग भी महसूस नहीं होगा. 2 से 3 सालों के बाद आप चाहें तो वॉलपेपर बदल भी सकते हैं.

खेलने की जगह

बच्‍चे के कमरे को सजाने से पहले उसके खेलने का विशेष ध्‍यान रखें. कमरे में पर्याप्‍त स्‍थान रखें, सभी खिलौने ऐसे रखें जो उसकी पहुँच में हों और उसके कुछ दोस्‍त भी आकर खेल लें.

त्वचा के लिए वरदान है लेमन टी

आजकल हर कोई चाहता है कि उसके चेहरे की चमक और दमक बरकरार रहे. इसके लिए कुछ लोगों को सलाह मिलती है कि लेमन टी से चेहरा धुलने पर वह अच्‍छा हो जाता है.

क्‍या यह बात वाकई में सच है. जी हां, लेमन टी स्‍वास्‍थ्‍य को ही नहीं बल्कि चेहरे को भी अच्‍छा बना देती है. इसके कई लाभ होते हैं जोकि निम्‍न प्रकार हैं.

दाने न होने देना

अगर आपके चेहरे पर बहुत सारे दाने हैं तो लेमन टी से अपने चेहरे को प्रतिदिन वॉश करें. इसमें ऐसे तत्‍व को होते हैं तो दाने पैदा करने वाले कीटाणुओं को मार देते हैं और त्‍वचा को दाने रहित बना देते हैं.

ब्‍लैकहेड्स निकाल देना

लेमन टी से हल्‍के हाथों से मसाज करने पर ब्‍लैकहेड्स निकल जाते हैं और त्‍वचा पर कोई भी ब्‍लैकहेड्स नहीं रह जाता है.

तैलीय त्‍वचा पर असरदार

कई लोगों की स्‍कीन इतनी ज्‍यादा ऑयली होती है कि उनकी त्‍वचा पर कोई भी चीज असर नहीं करती है. ऐसे में लेमन टी काफी सहायक होती है.

त्‍वचा को क्‍लीन कर देना

यह नेचुरल क्‍लींजर की भांति काम करता है. इससे त्‍वचा पर हल्‍के हाथों से स्‍क्रब करने पर स्‍कीन में मुलायमपन आ जाता है और वह अच्‍छे से क्‍लीन हो जाती है.

काले धब्‍बे दूर कर देना

अगर आपकी त्‍वचा पर काले धब्‍बे या पैचेस हैं तो लेमन टी से चेहरे को वॉश करें, इससे काले धब्‍बे दूर हो जाते हैं और चेहरा चमकने लगता है.

क्या है असुरक्षित गर्भपात

किसी भी महिला के जीवन में गर्भपात भावनात्मक रूप से बहुत व्यथित करने वाली घड़ी होती है. इस से जहां एक तरफ वह गर्भपात के कारण मानसिक तौर पर दुखी होती है, वहीं दूसरी तरफ शारीरिक स्तर पर भी उसे पीड़ा झेलनी पड़ती है. दोनों ही हालात में स्थिति चिंताजनक होती है. हालात तब और संजीदा हो जाते हैं जब गर्भपात असुरक्षित तौर पर करवाया गया हो.

ज्यादातर महिलाओं को असुरक्षित गर्भपात के बारे में कोई जानकारी नहीं होती. यहां तक कि उन्हें गर्भपात के बाद होने वाली दिक्कतों का भी पता नहीं होता. गर्भपात प्रसव के समय होने वाले दर्द से कम पीड़ादायक नहीं होता और अगर यह असुरक्षित स्तर पर और किसी नौसिखिए से करवाया गया है तब तो चिंता और बढ़ जाती है.

असुरक्षित गर्भपात वह है, जो किसी अप्रशिक्षित व्यक्ति से करवाया जाता है. उस के पास न तो कोई डिगरी होती है और न ही अनुभव. कानूनी तौर पर भी ऐसा व्यक्ति गर्भपात करने का अधिकार नहीं रखता है. असुरक्षित गर्भपात से दर्द, संक्रमण, संतानहीनता जैसी जटिलताएं पनप सकती हैं. यहां तक कि मौत भी हो सकती है.

1971 में एनटीपी ऐक्ट (गर्भ समाप्ति कानून 1971) को कुछ खास मामलों में मान्यता दी गई. वह भी तब जब महिला या बच्चे के स्वास्थ्य अथवा जान को खतरा हो. परिवार नियोजन की विफलता और बलात्कार के कारण गर्भ होने की स्थिति में भी गर्भपात की इजाजत है. इन निर्धारित सीमाओं के बाहर गर्भपात करवाना अवैध माना जाता है. असुरक्षित गर्भपात का असर महिला के स्वास्थ्य पर पड़ता है और 2 सप्ताह के बाद भी उस के पेट में असहनीय दर्द, बुखार, योनि से रक्त या दुर्गंधयुक्त स्राव जारी रह सकता है.

गर्भपात के कुछ कारण

अकसर कुछ कारणों से गर्भपात की नौबत आती है. फिर चाहे महिला का जीवन बचाने के लिए गर्भपात करवाना जरूरी हो गया हो या गर्भ में पल रहा बच्चा किसी विकार से पीडि़त हो. ऐसे हालात में गर्भपात ही अंतिम उपाय रह जाता है. अकसर बेटे की चाह भी गर्भपात का कारण बनती है. ग्रामीण इलाकों और कुछ अशिक्षित लोगों द्वारा संकोचवश या सस्ते में छूटने की वजह से भी असुरक्षित गर्भपात का सहारा लिया जाता है और इसे आसपास की कोई अप्रशिक्षित महिला या झोलाछाप डाक्टर कम रुपयों में और अकसर घर पर ही कर देता है.

पिछड़े क्षेत्रों में आज भी ज्यादातर गर्भपात इसी तरह के लोग कर रहे हैं, जो किसी अस्पताल या नर्सिंगहोम में कंपाउंडर होते हैं या मरीज की देखरेख आदि का काम करते हैं. यही वजह है कि असुरक्षित गर्भपात के मामले बढ़ते जा रहे हैं.

गर्भवती महिलाओं में से 15% के मामले में कोई न कोई जटिलता उभरने की आशंका रहती है. भारत में दोतिहाई मातृ मृत्यु दर यानी गर्भपात या प्रसव के दौरान होने वाली मृत्यु बिहार, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में होती है. यह तथ्य भी चौंकाने वाला है कि देश में ऐनीमिया और कुपोषण के बाद महिलाओं की मौत का सब से बड़ा कारण असुरक्षित गर्भपात बन रहा है.

गंभीर स्थिति

विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक गांवों में 60 फीसदी महिलाएं दाइयों पर निर्भर हैं. स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण हर साल देश में प्रसव के दौरान 78 हजार महिलाओं की मृत्यु हो जाती है.

गर्भपात करवाना जानलेवा हो सकता है यदि:

– अप्रशिक्षित व अनुभवहीन डाक्टर के द्वारा और मान्यताप्राप्त, लाइसैंसशुदा मैटरनिटी होम में न करवाया गया हो.

– गंदे या रोशनी व हवा रहित कमरे में और कीटाणुयुक्त उपकरणों के जरीए करवाया गया हो.

– 12 सप्ताह के भीतर न किया गया हो. इस के अलावा भी कुछ घरेलू तरीके भ्रूण को समाप्त करने के लिए अपनाए जाते हैं. जैसे दादीमांओं के नुसखों या सुनीसुनाई बातों के आधार पर कुछ विशेष पेड़पौधों का रस योनि में डालना, कोई तार या ठोस वस्तु योनि में डाल कर भ्रूण को समाप्त करने की चेष्टा करना आदि.

असुरक्षित गर्भपात में गर्भपात के 2 सप्ताह बाद भी पेट में असहनीय दर्द, बुखार, योनि से रक्त या दुर्गंधयुक्त स्राव जारी रह सकता है. यह खतरनाक स्थिति है. हो सकता है कि गर्भपात अपूर्ण हुआ हो और गर्भाशय के भीतर भ्रूण का कोई अंश रह गया हो. इन हालात में जान जाने का खतरा भी बढ़ जाता है.

सुरक्षित गर्भपात

1 माह तक के गर्भ को दवा दे कर समाप्त किया जाता है, क्योंकि यह भ्रूण की शुरुआत होती है, इसलिए यह दवा से भी खत्म हो जाता है, लेकिन इस से अधिक समय के गर्भ की समाप्ति अबौर्शन से ही की जाती है जो कि उपकरणों के माध्यम से होता है.

सुरक्षित गर्भपात वैक्यूम ऐस्पिरेशन विधि से होता है. इस में योग्य डाक्टर द्वारा विशेष प्रकार की ट्यूब योनि के रास्ते गर्भाशय में डाल कर भ्रूण को बाहर खींच लिया जाता है. यह एक सरल और सुरक्षित तरीका है. डाइलेशन और क्यूरेटाज यह खुरच कर गर्भपात का तरीका है. गर्भ के बचेखुचे हिस्से को क्यूरेटर के जरीए निकाल दिया जाता है. क्यूरेटर चम्मच के आकार का एक उपकरण होता है.

दिल्ली की एक घनी बस्ती की 35 वर्षीय आसमां 5वीं पास है. 10 वर्षों से अपने क्षेत्र की महिलाओं का गर्भपात कर रही है. पहले वह किसी मैटरनिटी होम में मरीजों की देखरेख और इंजैक्शन लगाने का काम करती थी. जब काम छोड़ा तो घर पर ही गर्भपात करने को आमदनी का रास्ता बना लिया. वह कहती है, ‘‘अब तक बहुत गर्भपात किए हैं और कोई भी गलत नहीं हुआ. हालांकि कई दिनों तक हलकीहलकी ब्लीडिंग या दर्द की शिकायत कुछ महिलाओं को हुई, लेकिन सब कुछ ठीक रहा.’’

आसमां क्यूरेटर के जरीए गर्भपात करती है. वह दर्द का इंजैक्शन व दवा भी देती है.

असुरक्षित गर्भपात करवा चुकी नौरीन का कहना है, ‘‘मैं ने एक दाई से गर्भपात के लिए एक दवा ली थी. दवा खाने के बाद कई दिनों तक हलकी ब्लीडिंग और पेट में दर्द हुआ. उस के बाद करीब 1 साल तक कभीकभार दर्द की समस्या रही, लेकिन अब वह ठीक है.’’

वहीं अनीता बताती हैं, ‘‘मैं कई बार दाई से गर्भपात करवा चुकी हूं, लेकिन ठीक हूं.’’

डा. अनुराधा खुराना, लाजपत नगर, दिल्ली, कहती हैं, ‘‘एक अनुभवी डाक्टर कई वर्ष पढ़ाई करने के बाद गर्भपात करता है, जबकि अप्रशिक्षित महिलाएं महज दवाओं, इंजैक्शनों के नामों को जानती हैं. उन के पास अनुभव भी हो सकता है, लेकिन गर्भपात के दौरान जो जटिलताएं आती हैं उन्हें एक विशेषज्ञ ही संभाल सकता है. क्यूरेटर आदि उपकरणों का इस्तेमाल अगर अप्रशिक्षित दाई कर रही है, तो उस के हाथ से गर्भाशय को हानि पहुंचने और उस के फटने की आशंका बढ़ जाती है.

जब यही हानि किसी विशेषज्ञ से हो जाती है, तो वह उस स्थिति को काबू करने में प्रशिक्षित होता है और मरीज की जान को खतरा नहीं रहता.’’                      

गर्भपात के बढ़ते मामले

आधुनिकता की चकाचौंध कहिए या रिश्तों की नासमझ अकसर टीनऐज लड़केलड़कियां भी अपनी सीमाओं को लांघ जाते हैं. ऐसे में जब गर्भ ठहरता है, तो लड़की के घर वाले लोकलाज के डर से घर में असुरक्षित गर्भपात का रास्ता चुनते हैं. देश में प्रतिवर्ष करीब 60 लाख गर्भपात कराए जाते हैं और प्रत्येक सुरक्षित गर्भपात पर 17 अवैध गर्भपात होते हैं. 2008 में भारत में 65 लाख गर्भपात हुए, जिन में 66 फीसदी असुरक्षित थे. 2014-15 में 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के गर्भपात के मामलों में 67 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. इस में दिल्ली, बैंगलुरु, चेन्नई और मुंबई जैसे महानगरों के युवा सब से आगे रहे.

ऐसी भक्ति से तो गौ माता भी शरमा जाए

पहले गली में कुत्तों को खुला छोड़ दो और जब वे 2-4 को काटकाट कर मार डालें तो भी उन्हें बजाय रस्सी से बांधने के केवल शूशू कर के चुप करा दो. यह सीन बहुत जगह देखा होगा. कुत्तों की मालकिनों को कुत्तों से इतना प्रेम होता है कि उन का कुत्ता किसी को काट ले तो भी वे दोषी दूसरे को ही ठहराती हैं कि उस ने ही कुत्ते को उकसाया होगा.

ऐसा ही सा कुछ गौरक्षकों के साथ भी हो रहा है. देश भर में गौरक्षकों को भगवा गमछा गले में लटका कर गायभैंस पालने वालों को मारनेपीटने का लाइसैंस दे दिया गया है. बीसियों तो जान गंवा चुके हैं इन गौरक्षकों के हाथों और सैकड़ों पिटे और लुटे हैं. न राज्य सरकारें, जिन का काम राज्य में कानून व्यवस्था कायम करना है इन गौरक्षकों को पकड़ रही हैं और न केंद्र सरकार. नरेंद्र मोदी ने इस पर चिंता व्यक्त कर दी, राज्य सरकारों को सलाह दे दी और बस.

गौभक्तों की इस देश में कमी नहीं. प्रचार और रीतिरिवाजों के गुलाम से गौभक्त गौरक्षकों को भरपूर समर्थन देते हैं. पढ़ेलिखे, कानून के बारे में समझ रखने वाले, दूसरों के अधिकारों का सम्मान करने वाले भी आस्था के पागलपन में बह कर ऐसे मामलों में चुप रह जाते हैं. नतीजा यह है कि ये गौरक्षक असल में पैरलल पुलिस फोर्स बनने लगे हैं और हरेक से गौशाला, गौपूजा और रात्रि जागरण के नाम पर चंदा वसूली भी करने लगे हैं.

इस चंदे का हिसाब तो किसी को नहीं देना होता. जो चाहे मरजी करो. ऊंची जातियों के लोग पहले घर में लठैत पालते थे, जो वसूलियां भी करते थे, अब गौरक्षक पालने लगे हैं. पुलिस भी इन से डरती है, क्योंकि इन की पहुंच मंत्रियों तक होती है.

गौरक्षा देश की अर्थव्यवस्था के किए कितनी जरूरी है या कितनी घातक या फिर गौपूजा का कोई तार्किक आधार है या नहीं, इस सवाल को छोड़ भी दें, तो भी सदियों से चले आ रहे गाय पर आधारित व्यापार को यों ही धर्म के नाम पर गौरक्षकों के सुपुर्द नहीं करा जा सकता. यही गौरक्षक सामाजिक नियमों के ठेकेदार बनने लगे हैं. कोई क्या पहने, क्या खाए, क्या बोले, क्या देखे, क्या पढ़े सब गौरक्षक सद्रश लोग तय करने लगे हैं.

देश ने बड़ी मुश्किलों से थोड़ाबहुत सामाजिक परिवर्तन देखा है. आज भी समाज की सोच 18वीं सदी की है, पूरी नहीं तो आधी की तो है ही. आज भी शादीब्याह, त्योहार, आनाजाना, कुंडली, मंत्रों, हवनों, माता की चौकियों, शुभ काल, देवों के जागनेसोने पर हो रहा है. ऊपर से ये गौरक्षक पुरातनपंथी लट्ठमार सोच थोपने लगे हैं. दुनिया भर में घूमने वाले, अंतरिक्ष में यान भेजने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इन को मूक नहीं, सक्रिय समर्थन दे रहे हैं ताकि राजनीति पर पकड़ बनी रहे.

घरों की औरतों को इस से ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि एक कट्टरवादी सोच दूसरी कट्टरवादी सोच का सहारा बनती है. आज गौरक्षा के नाम पर लट्ठ चल रहे हैं कल संस्कृतिरक्षा के नाम पर विधवा विवाहों पर रोक लगने लगेगी.

फिल्मी सितारों का फोबिया जान चौंक जाएंगी आप

डर सभी को लगता है फिर वो चाहे किसी जानवर से हो या किसी और चीज से. सिने स्टार्स भी इसके आगे बेबस हैं. फिल्मों में भले वे स्काई-फ्लाई एक्शन करते हों, हजारों फीट ऊंचाई से कूद जाते हों या मौत के मुंह से बाहर आ जाते हों, लेकिन असल जिंदगी में वे मामूली चीजों से खौफ खाते हैं. बौलीवुड सितारों के डर अजीब हैं जो आपको हैरान भी कर देंगे और आपको मुस्कराने पर मजबूर भी. तो आइये जानते है बौलीवुड सितारों के अजीबोगरीब डर.

अर्जुन कपूर

माचो लुक्स के बाद बाद भी अर्जुन कई चीजों से डरते हैं. उन्हीं में से एक है सीलिंग फैन. जी हां, छत पर लगा पंखा उन्हें बेहद डरावना लगता है.

करीना कपूर

अनुष्का शर्मा की तरह करीना कपूर भी बाइक राइडिंग से बहुत डरती हैं. लेकिन ऐसे अनेक फिल्मी दृश्य है जिसमें यह बाइक राइडिंग करते हुए दिखाई गयी हैं.

सोनम कपूर

अगर 20 मंजिला इमारत होगी, तो आप कैसे ऊपर जाएंगे. स्वाभाविक है लिफ्ट से. लेकिन सोनम यहां पर सीढ़ियों से ऊपर जाएंगी. बौलीवुड की नीरजा सोनम कपूर को लिफ्ट से बहुत डर लगता है.

रणबीर कपूर

कहा जाता है कि काक्रेच या छिपकली से लड़कियां डरती हैं. लेकिन यह सरारर गलत है. लड़के भी काक्रोच और छिपकली जैसी चीजों से दूर भागते हैं. रणबीर कपूर को ही ले लीजिए. वह काक्रोच से बहुत डरते हैं.

आलिया भट्ट

प्रसिद्ध फिल्म निर्माता महेश भट्ट की बेटी और बॉलीवु़ड अभिनेत्री आलिया भट्ट को अंधेरे से बहुत डर लगता है. और डर से खौफ भी ऐसा कि वो एक मिनट भी अंधेरे में नहीं रह पातीं.

अनुष्का शर्मा

खुबसूरत अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को बाइक राइडिंग से बहुत डर लगता है. हालांकि वो ‘जब तक है जान’ और ‘रब ने बना दी जोड़ी’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं. इनके अलावा वह कई फिल्मो में बाइक पर सीन भी दे चुकी हैं.

शाहरुख खान

बौलीवुड के बादशाह शाहरुख खान को घोड़ों से डर लगता है. वह कम ही मौकों पर घोड़ों के साथ दिखते हैं.

दीपिका पादुकोण

दीपिका पादुकोण सांप से बहुत डरती हैं. वैसे बात तो सही है दुनियां में शायद ही कोई होगा जिसे जहरीले सांपो से डर न लगता हो.

कटरीना कैफ

बौलीवुड की टाप हीरोइनो में शामिल कटरीना कैफ का डर वास्तव में एक फोबिया के अंतर्गत आता है जो काफी अजीब है. कटरीना कैफ को टमाटर से डर लगता है, अब चाहे कुछ लोग इसे अजीब कहे लेकिन जो सच है वो तो है.

विद्या बालन

मशहूर एक्ट्रेस विद्या बालन बेहद बोल्ड और बिंदास मानी जाती हैं. लेकिन बिल्लियों के आगे उनकी बिंदासगिरी फुस्स हो जाती है. वह बिल्लियों से खूब डरती हैं.

अजय देवगन

केक किसे नहीं पसंद होता, लेकिन कई लोगों को इससे डर भी लगता है. जी हां, बौलीवुड एक्टर अजय देवगन को केक से डर लगता है. यही नहीं, वह अपने जन्मदिन पर केक नहीं काटते. रस्म के तौर पर उनके बजाय कोई बच्चा केक काटता है.

प्रियंका चोपड़ा

बौलीवुड से हौलीवुड का सफर तय कर चुकी प्रियंका चोपड़ा को घोड़ों से डर लगता है.

अभिषेक बच्चन

सेहत बनाने के लिए कहा जाता है फल खाइए. फल से सेहत बनेगी, मगर अभिषेक बच्चन इससे दूरी बनाकर रखने में ही अपनी सहूलियत समझते हैं.

बिपाशा बासु

बौलीवुड की खूबसूरत हाट एंड सेक्सी अभिनेत्री बिपाशा बासु को छिपकली से डर लगता है, वो भी इतना डर कि वो छिपकली को देख भी नहीं सकतीं.

सेलीना जेटली

खुबसूरत सेलीना जेटली को तितली से लगता है डर.

भारत के ऐतिहासिक किलों की सैर

भारत प्राचीन काल से ही संस्कृति और सभ्यता का देश रहा है. भारत में कई किले और दुर्गों सहित इमारतों का निर्माण किया गया जो आज भी भारत के बैभवपूर्ण इतिहास को दिखाती है. आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे ही रहस्यमई और प्रसिद्ध किलों के बारें में बता रहे हैं.

गोलकुंडा किला

यह किला आंध्रप्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 11 किमी की दूरी पर स्थित है. यह किला हैदराबाद के चार आश्चर्यों में से एक माना जाता है. काकतिया राजाओं के द्वारा इस किले का निर्माण कराया गया था. इस महल की सबसे बड़ी विशेषता यह है की यदि आप इसके आंगन में खड़े होकर तालियां बजाते हैं तो उनकी आवाज को इस किले की सबसे ऊंची जगह पर सुनी जा सकता है जी की 91मी के करीब ऊंची है.

ग्वालियर का किला

यह किला मध्यप्रदेश के ग्वालियर में है. इस किले को ‘भारत का गिब्राल्टर’ भी कहा जाता है. इस किले को राजा मानसिंह तोमर ने बनवाया था. यह किला पहाड़ी के ऊपर बना है और इससे नीचे की घाटी और शहर का नजारा बहुत सुन्दर दिखता है. ग्वालियर में कई राजवंशो ने राज्य किया है. यह किला ब्रिटिश काल में रानी लक्ष्मीबाई और तात्यातोपे की रणभूमि भी रहा हैं. यह किला उत्तर और मध्य भारत का सबसे सुन्दर और सुरक्षित किला माना जाता है.

मेहरानगढ़ का किला

यह किला एक पहाड़ी पर करीब 150 मी ऊपर बना हुआ है. इसको महाराजा राव जोधा ने 1459 ई में बनवाया था. इस किले तक आप जोधपुर सड़क मार्ग से पहुंच सकते हैं. इस किले में 7 दरवाजे हैं. यह किला जोधपुर में स्थित है और राजस्थान के बड़े किलों में से एक माना जाता है.

कांगड़ा किला

यह किला हिमालय की सुन्दर वादियों में है, इसका नाम कांगड़ा किला है. यह भारत का सबसे पुराना किला है और दुनिया के पुराने किलों में इसकी गिनती होती है इस किले को कटोच वंश के महाराजा सुशर्मचंद ने बनवाया था. इस किले के जिस हिस्से में राजा रहता था उसको चांदनी महल कहा जाता था. इस किले के अंदर में व्रजेशवरी मंदिर भी स्थित है. कांगड़ा का यह किला धन संपत्ति के लिए बहुत ज्यादा प्रसिद्द किला था.

चित्तौड़गढ़ का किला

इस किले में बहुत से ऐतिहासिक मंदिर, स्मारक तथा कुंड बने हैं. इस किले के अंदर जाने के लिए सुरक्षा के तौर पर 7 दरवाजे बनाये गए थे, इनको सात पोल कहा जाता है. यह किला 500 फुट की पहाड़ी पर बेराच नदी के किनारे स्थित है. इस किले की विशेषता इसके मंदिर,बुर्ज, महल और जलाशय हैं.

बोनलेस चिल्ली चिकन

सामग्री

बोनलेस चिकन : 350 ग्राम

कार्न फ्लोर : ½ कप

अंडा : 1

अदरक और लहसुन का पेस्ट : ½ चम्मच

प्याज : 2 कप

सोया सास : 1 चम्मच

हरी मिर्च : 2

विनेगर : 2 चम्मच

पानी जरूरतनुसार

आयल जरूरतनुसार

नमक स्वादानुसार

विधि

बोनलेस चिल्ली चिकन बनाने के लिए आप सबसे पहले एक बड़े कटोरे में कार्न फ्लोर, अदरक लहसुन का पेस्ट, अंड़ा, पानी और नमक डाल लें. इसके बाद इन सारी चीजों को मिक्स कर लें. अब बोनलेस चिकन के पीस को इस पेस्ट में मिला लें.

अब एक पैन में तेल डाल लें और गैस की आंच को तेज कर लें. तेल के गर्म हो जाने पर आप चिकन के पीस को पैन में डालकर सुनहरा होने तक इन्हें भून लें.

जब यह फ्राई हो जाए तो एक टिशू पेपर में इन्हें निकाल लें. एक दूसरे पैन में दो चम्मच तेल डाल लें. इसके बाद इसमें प्याज को काटकर डालकर सुनहरा होने तक भुन लें. इसमें आप अब हरी मिर्च मिला लें और इन्हें अच्छी तरह से भुन लें.

अब इसमें विनेगर और सोया सास डाल दें. अब इसमें चिकन के फ्राई किए हुए पीस डालें. इन सभी चीजों को अच्छी तरह से मिलाने के बाद कुछ देर तक इसे पकने दें. बोनलेस चिल्ली चिकन बनकर तैयार है.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें