गेटवे ऑफ इंडिया का महत्व जानती हैं आप

मायानगरी मुंबई पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं. मुंबई में कई दार्शनिक स्थान हैं. मुंबई के इन्हीं प्रसिद्ध आकर्षक केंद्रों में से एक है गेटवे ऑफ इंडिया. यह मुंबई का प्रमुख लैंड मार्क भी है. एक बार गेटवे ऑफ इंडिया को देखने के बाद भुलाया नहीं जा सकता.

मुंबई का गर्व होने के साथ-साथ गेटवे ऑफ इंडिया की कुछ ऐसी दिलचस्प बातें भी हैं जो आपको शायद ही पता होंगे.

मुंबई का ताज महल

गेटवे ऑफ इंडिया को मुंबई के ताजमहल भी कहा जाता है. यह इस शहर का एक महत्वपूर्ण लैंडमार्क है और इसकी ऐतिहासिक महत्वता भी है.

गेटवे ऑफ इंडिया का महत्व

पहले गेटवे ऑफ इंडिया मछुआरों द्वारा एक कच्चे घाट की तरह इस्तेमाल किया जाता था. बाद में इसे पुनर्निर्मित कर ब्रिटिश अधिकारियों व अन्य महत्वपूर्ण हस्तियों द्वारा अपने अवतरण स्थल के रूप में इस्तेमाल किया जाने लगा.

गेटवे ऑफ इंडिया की नींव

जब क्वीन मैरी और किंग जॉर्ज पंचम मुंबई की यात्रा पर गए तब उनकी यात्रा के उपलक्ष्य में, सन् 1911 में इस स्मारक की नींव रखी गयी, पर संरचना के डिजाइन को सन् 1914 में ही मंजूरी मिली थी.

गेटवे ऑफ इंडिया की वास्तुकला

गेटवे ऑफ इंडिया का निर्माण भारत-सर्सेनिक वास्तुकला का उपयोग करके बनाया गया है, जो गुजराती और इस्लामिक वास्तु शैलियों का मिश्रण है. उन दिनों यह शैली काफी प्रचलित थी.

गेटवे ऑफ इंडिया का डिजाइन

गेटवे ऑफ इंडिया का डिजाइन जॉर्ज विटेट द्वारा तैयार किया गया था, जो एक स्कॉटिश आर्किटेक्ट थे और जिन्होंने सबसे ज्यादा मुंबई में ही काम किया.

गेटवे ऑफ इंडिया की संरचना

गेटवे ऑफ इंडिया पीले बेसाल्ट और मजबूत कॉंन्क्रीट से बनाया गया है. जमीनी तल से संरचना की ऊंचाई लगभग 26 मीटर ऊपर है. इसकी दीवारों को खूबसूरत जाली के काम से सजाया गया है.

एलिफैंटा गुफाओं की ओर शुरुआती केंद्र

गेटवे ऑफ इंडिया, एलिफैंटा गुफाओं की ओर जाने के लिए एक प्रारंभिक केंद्र है.

स्मारकीय निशानी

गेटवे ऑफ इंडिया आज भी ब्रिटिश औपनिवेशक शासन को दर्शाता एक स्मारक है.

क्या है क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में निवेश?

किसी रेटिंग एजेंसी को टिकाऊ बिजनेस ग्रोथ के लिए अच्छी लोन ग्रोथ की जरूरत होती है. लोन ग्रोथ तभी अधिक होती है, जब कंपनियां बिजनेस बढ़ाने के लिए कर्ज लेती हैं. इससे इन एजेंसियों तक लिए अधिक क्रेडिट रेटिंग के मौके बनते हैं. लोन ग्रोथ इस पर निर्भर करती है कि कंपनियां बिजनेस बढ़ाने के लिए निवेश कर रही हैं या नहीं. भारत में पिछले कुछ साल में कैपिटल एक्सपेंडिचर में उम्मीद के मुताबिक बढ़ोतरी नहीं हुई है. इस तरह के संकेत मिल रहे हैं कि कैपिटल एक्सपेंडिचर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी. इससे शॉर्ट टर्म में लोन ग्रोथ अच्छी रहने की उम्मीद नहीं है. हालांकि, एनालिस्टों का मानना है कि रेटिंग एजेंसियों का मीडियम टर्म में परफॉर्मेंस बढ़िया रहेगा.

हाल में क्रिसिल के केयर रेटिंग्स में हिस्सेदारी खरीदने के बाद कंपनी को लेकर ‘बिडिंग वॉर’ शुरू हो गई. अमेरिकी रेटिंग एजेंसी फिच भी केयर रेटिंग्स में हिस्सेदारी खरीदने की ताक में लगी हुई है. इस वजह से रेटिंग एजेंसियों में शेयर बाजार की दिलचस्पी बढ़ी है. क्या इन कंपनियों में निवेश करना चाहिए?

जीएसटी के लागू होने के बाद संगठित क्षेत्र की कंपनियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है. इससे डेट इंस्ट्रूमेंट्स के जरिये फंड जुटाने वाली कंपनियों की संख्या बढ़ेगी. उधर, बैंकरप्सी कोड को अगर सही ढंग से लागू किया जाता है तो इससे बैंकों का भरोसा बढ़ेगा. इससे भी डेट इंस्टूमेंट्स से फंड जुटाने के मामले बढ़ेंगे. इसके अलावा, आरबीआई ने कमर्शियल पेपर पर ड्राफ्ट रेगुलेशन में कहा है कि शॉर्ट टर्म बॉन्ड के लिए दो रेटिंग एजेंसियों से रेटिंग कराना इंडस्ट्री के लिए अच्छा रहेगा. इस बारे में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की रिसर्च एनालिस्ट काजल गांधी ने बताया, ‘ब्याज दरों में गिरावट आ रही है और एनपीए साइकिल पीक कर गया है. इसके साथ कंपनियों की तरफ से अधिक बॉन्ड इश्यू किए जा रहे हैं. ये सभी बातें रेटिंग एजेंसियों के हक में हैं.’

हालांकि, रेटिंग एजेंसियों पर रेगुलेटरी फोकस भी बढ़ा है. मार्केट रेगुलेटर सेबी ने उनसे कहा है कि जो कंपनियां बॉन्ड इश्यू करती हैं, वे निवेशकों से किए गए वादों को पूरा कर रही हैं या नहीं, इस पर रेटिंग एजेंसियां करीबी नजर रखें. इस तरह की सोच बनी है कि रेटिंग एजेंसियां कंपनी की वित्तीय हालत में बदलाव आने पर तुरंत उसके कमर्शियल पेपर की रेटिंग में बदलाव नहीं करतीं. अब उन्हें यह ट्रैक करना होगा कि कंपनियों ने जितने भी बॉन्ड इश्यू किए हैं, वे उसका बकाया समय पर चुका रही हैं या नहीं. इसके साथ उन्हें कंपनी की वित्तीय हालत पर भी करीबी नजर रखनी होगी. रेटिंग एजेंसियों से यह भी कहा गया है कि किसी भी बड़ी इवेंट के बाद वे रेटिंग की समीक्षा करें और कंपनियों से मंथली बेसिस पर ‘नो डिफॉल्ट स्टेटमेंट्स’ की मांग करें.

इससे रेटिंग एजेंसियों को अधिक मुस्तैद रहना होगा. भारत में अभी तीन रेटिंग एजेंसियां लिस्टेड हैं. इस बदलाव को कौन कितनी तेजी से अपनाता है, इससे इस सेगमेंट में अच्छे-बुरे की पहचान होगी. इंडिया इंफोलाइन में रिसर्च एनालिस्ट जी वी गिरि ने बताया, ‘रेगुलेशंस में सख्ती के साथ रेटिंग एजेंसियों के बीच का फर्क पता चल रहा है.’ उन्हें इकरा सबसे अधिक पसंद है. उन्होंने बताया, ‘हमें मीडियम टर्म में इकरा के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है क्योंकि यह बॉन्ड मार्केट में काफी मजबूत है. सबसे तेजी से यही सेगमेंट बढ़ रहा है. इस कंपनी की पैरेंट मूडीज है और वह इसमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकती है.’ हालांकि, इंडिया इंफोलाइन का यह भी कहना है कि शॉर्ट टर्म में इकरा से बहुत रिटर्न नहीं मिलेगा क्योंकि यह बहुत महंगे वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अभी कैपिटल एक्सपेंडिचर साइकिल कमजोर है. इससे भी इकरा के परफॉर्मेंस पर बुरा असर पड़ सकता है.

एनालिस्ट केयर रेटिंग्स को लेकर भी पॉजिटिव हैं. यह सिर्फ रेटिंग बिजनेस में है. कंपनी करीब-करीब पूरी आमदनी रेटिंग बिजनेस से हासिल करती है, जबकि क्रिसिल के लिए यह 37 पर्सेंट और इकरा के लिए 58 पर्सेंट है. इसका मार्जिन 60 पर्सेंट है और यह दूसरी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों से ज्यादा है. वहीं, इसका प्रॉफिट आफ्टर टैक्स मार्जिन 50 पर्सेंट है. गांधी ने बताया, ‘केयर रेटिंग बिजनेस में काफी मजबूत बनकर सामने आई है. इसका मार्जिन अधिक है और मार्केट शेयर में भी बढ़ोतरी हो रही है. क्रिसिल के बाद ब्रांड रिकॉल के मामले में यह दूसरे नंबर पर है.’ क्रिसिल देश की सबसे बड़ी रेटिंग एजेंसी है, लेकिन एनालिस्टों को यह पसंद नहीं है. कंपनी को रेटिंग सेगमेंट के मुकाबले रिसर्च सेगमेंट से दोगुनी आमदनी होती है. अभी यह रेटिंग से अधिक एनालिटिक्स कंपनी है. स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज सेगमेंट पर इसकी अच्छी पकड़ है. हालांकि, इस सेगमेंट से मार्जिन कम मिलता है. पिछले चार साल से कंपनी को रेटिंग बिजनेस से दूसरी रेटिंग कंपनियों की तुलना में कम आमदनी हो रही है. एनालिस्टों का कहना है कि ऐसे में कंपनी के लिए हायर वैल्यूएशन कमांड करना मुश्किल हो सकता है.

दुनिया भर में रेटिंग कंपनियां महंगे वैल्यूएशन पर ट्रेड करती हैं. भारत में भी ऐसा ही है. इन कंपनियों का बिजनेस एसेट लाइट होता है. इन्हें बिजनेस चलाने के लिए बहुत कैपिटल की जरूरत नहीं पड़ती. रेटिंग एजेंसियों का ऑपरेटिंग कैश फ्लो मजबूत होता है. वहीं, इंक्रीमेंटल प्रॉफिट ग्रोथ के चलते रिटर्न रेशियो हेल्दी बने रहते हैं. ये कंपनियां डिविडेंड भी काफी अच्छा देती हैं. क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों में निवेश करते वक्त इनवेस्टर्स को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए.

पिस्ता खाएं, ब्लड प्रेशर घटाएं

उच्च रक्तचाप, या हाइपरटेंशन एक बहुत आम जीवन शैली विकार है. आमतौर पर, 45 वर्ष की आयु से अधिक महिलाएं इससे पीड़ित होते हैं. हालांकि युवा भी इसकी चपेट में हैं. उच्च रक्तचाप के मुख्य कारणों में तनाव, खराब भोजन, मोटापा, व्यायाम की कमी, उच्च कोलेस्ट्रॉल, असामान्य चयापचय दर आदि हैं. यदि उच्च रक्तचाप का इलाज नहीं किया जाता है, तो यह सिरदर्द, थकान और यहां तक कि प्रमुख हृदय रोगों का कारण बन सकता है.

यदि आप उच्च रक्तचाप के उपचार के लिए घरेलू उपाय की तलाश कर रहे हैं, तो हम आपकी मदद कर सकते हैं. हम आपको एक ऐसा नुस्खा बता रहे हैं, जिससे आपको ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने में मदद मिल सकती है.

आवश्यक सामग्री

– ड्राई पिस्ता 3 से 4

– पानी 1 गिलास

उच्च रक्तचाप के लिए इस घरेलू उपाय का नियमित आधार पर उपयोग किए जाने पर यह प्रभावी ढंग से काम करता है. इस उपाय को लेने के साथ ही आपको स्वस्थ भोजन और व्यायाम को दिनचर्या को शामिल करके, जीवन शैली में बहुत अधिक बदलाव करना चाहिए. यदि आप अधिक वजन वाले हैं और वजन कम करने से फैट वाली चीजों से बचना चाहिए. इसके अलावा नमक भी उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है. इस उपाय के साथ, आपको उच्च रक्तचाप के लिए, अपने चिकित्सक द्वारा निर्धारित दवाएं लेना जारी रखना चाहिए. एक बार जब लक्षण कम हो जाते हैं, तो दवाओं को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है. पिस्ता एक अखरोट है, जिसमें एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन बी 6, पोटेशियम और कॉपर जैसे अन्य आवश्यक पोषक तत्व होते हैं.

बनाने की विधि

एक गिलास पानी में पिस्ता डालकर रातभर भिगोकर रखें. अगली सुबह नाश्ते के बाद इस पानी को पीकर पिस्ता खा लें. बेहतर परिणाम के लिए इस क्रिया को लगभग तीन महीने तक जारी रखें.

क्या तैयार है आपकी हनीमून मेकअप किट?

शादी और शादी कि रस्मों से जुड़ी हर फिलिंग्स स्पेशल होती है. ठीक इसी तरह लास्ट बट नॉट लिस्ट ‘हनीमून’ भी हर न्यूली मैरिड कपल का मेमोरेबल ट्रिप होता है. जहां उन्हें मौका मिलता है एक दूसरे के और करीब से जानने का. ऐसे में इस ट्रिप के लिए खास जगह चुनने और वहां कि स्पेशल प्लानिंग के साथ-साथ जरूरी होता है आपका परफेक्ट लुक. जो पार्टनर के साथ नजदीकियों को बढ़ाने में अहम रोल निभाता है. इसलिए तो कहा जाता है कि शादी कि शॉपिंग हनीमून कि शॉपिंग के बिना अधुरी है.

साथ ही हनीमून जैसे यादागर ट्रिप के लिए आप जहां डिफरेंट ड्रेसेज पर जोर देती है वहीं अपने मेकअप किट को इग्नोर न करें. क्योंकि इसके बिना अपका परफेक्ट रोमांटिक लुक अधुरा ही रह जाएगा. इसलिए आज हमने यहां मेकअप से जुड़ी कुछ ऐसी लिस्ट तैयार कि है जो आपके हनीमून जैसे लाइफटाइम मोमेंट को और खास बना देंगी.

परफ्यूम

जिस तरह किसी भी खास पल को और ज्यादा यादगार बनाने के लिए खुशबु और अरोमा खास इफेक्ट देते है. ठीक उसी तरह इस रोमांटिक ट्रिप पर, एक दूसरे को मोहित करने में सबसे बड़ी भूमिका में होती है आपके परफ्यूम्स की. इसलिए हनीमून के लिए पसंदीदा परफ्युम्स पैक करना नहीं भूलें. जहां तक हो सके तो एक छोटा पैक अपने पर्स में रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आप तुरंत इस्तेमाल कर सके. आप चाहे तो हर दिन के लिए अलग-अलग परफ्युम्स भी ट्राय कर सकती है.

लोशन और मॉइश्चराइजर

हर ट्रिप कि तरह इस खास ट्रिप पर भी स्किन को इग्नोर न करें. क्योंकि अगर त्वचा रफ होगी तो आप कॉन्फिडेंट महसूस नहीं करेंगी. इसलिए कोशिश करें कि कुछ हैंडी लोशन्स और क्रीम्स पर्स में ही रखें.

सनस्क्रीन और सनब्लॉक क्रीम

समान पैक करते समय ध्यान रखें कि आप घुमने फिरने जा रहें है. इसलिए कुछ जगहों पर सन के डायरेक्ट कॉन्टेक्ट में भी आ सकते है. इसलिए प्री ब्राइडल सिंटिग्स के दौरान दमकाई स्किन और ग्लो को सूरज से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना न भूलें.

लिपस्टिक

ट्रिप के दौरान हर नए लुक को आकर्षक और कम्पलीट लुक देते है लिप कलर्स यानी लिपस्टिक. इसलिए जहां तक हो सके ड्रेसेज के साथ मैचिंग लिपस्टिक्स रखना न भूले.

नेल पेंट और रिमूवर

जिस तरह आप ड्रेस के संग लिप कलर्स बदलते है, ठीक उसी तरह नेल पेंट्स का शेड्स भी बदलकर और ट्रेंडी दिख सकती है. ड्रेस और ज्वैलरी के साथ मैचिंग नेल पेंट लगाने के लिए आप रिमूवर रखना न भूलें, क्योंकि इसकी मदद के बिना नेल पेंट बदलना इम्पोसिबल है.

कॉम्पेक्ट

अपने पार्टनर का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए मेकअप बहुत अहम रोल निभाता है. इसलिए हनीमून जैसे ट्रिप पर मेकअप कि बेसिक चीजों को ले जाना न भूलें. जैसे कि कॉम्पेक्ट, ब्रोंजर और इल्युमिनिटेर इत्यादि.

वेट वाइप्स और टिशू

हर ट्रिप कि तरह इस खास ट्रिप पर वेट वाइप्स और टिशूज को याद से रखें. क्योंकि यह सिर्फ मेकअप में नहीं, बल्कि पूरी ट्रेवलिंग के दौरान बहुत से केसज में काम आ सकते है.

फेस क्लिन्जर और टोनर

माना कि आप हनीमून पर बहुत बीजी है, लेकिन दिन के आखिर में स्किन का ध्यान रखना भी आप ही कि जिम्मेदारी है. क्योंकि स्किन के मामले में जरा सी भी लापरवाही आपको परेशानी में डाल सकती है. इसलिए कोशिश करें कि रात को स्किन को क्लिन्जर, टोनर और मोइश्चराइज करना न भूलें.

काजल

हनीमून जैसे ममोरेबल ट्रिप पर बहुत सी फिलिंग्स आपकी आंखों से जाहिर हो जाती है. इसलिए आंखों को और कैची और एक्ट्रेक्टिव बनाने के लिए काजल और आई लाइनर जरूर रखें. इसके अलावा आप चाहे तो ड्रेस के मुताबिक आई शोडोज भी रख सकती है.

ओरल केयर प्रॉडेक्ट्स

इस स्पेशल ट्रिप पर खुद को एक्ट्रेक्टिव दिखाने के लिए सिर्फ मेकअप जैसी बाहरी चीजों से ही काम नहीं चलेगा. पार्टनर को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आपकों अपनी ओरल हेल्थ पर भी ध्यान देना पड़ेगा. क्योंकि अगर मेकअप अच्छा और मुंह से बदबू आएं तो बना बनाया मूड खराब हो जाएंगा. ऐसी सिचुएशन से बचने के लिए टूथपेस्ट, डेंटल फ्लॉस, टंग स्क्रेपर और माउथवॉश जैसे ओरल केयर प्रॉडेक्ट्स आपकी बहुत मदद कर सकते है.

बॉलीवुड में नहीं है हुनर की कोई कमी

हुनर की कोई सीमा नहीं होती. एक ही आदमी कई अलग-अलग चीजों में महारत हासिल कर सकता है, बस उस काम में मन लगना चाहिए. बॉलीवुड कलाकारों को जब हम पर्दे पर देखते हैं तो हमें लगता है कि ऐक्टिंग ही इनका जुनून होगा और इन्हें सिर्फ ऐक्टिंग ही आती होगी. मगर ऐसा बिल्कुल नहीं है. हमारे बहुत से बॉलीवुड एक्टर्स ऐक्टिंग के अलावा कई अलग-अलग कलाओं में माहिर हैं और अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकलकर, वो अक्सर इन कलाओं में अपना हाथ आजमाते रहते हैं.

1. सलमान खान

सलमान खान बहुत अच्छे स्केच आर्टिस्ट हैं. उन्हें जब भी वक्त मिलता है, वो अपना ये सुक पूरा करते हैं.

2. आमिर खान

बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट को शतरंज का खेल बहुत पसंद है और इसमें एक्सपर्ट हैं. आपको जानकार हैरानी होगी कि आमिर ने शतरंज के स्टार प्लेयर, विश्वनाथन आनंद के साथ भी शतरंज खेला है और बकौल विश्वनाथन ने खेल तो काफी वक्त तक उलझाए रखा.

3. अक्षय कुमार

अक्षय कुमार को मार्शल आर्ट्स में तो महारत हासिल है ही, इसके अलावा उन्हें फोटोग्राफी कभी शौक है और खाना बनाने में तो वो एक्सपर्ट हैं. फिल्मों में आने से पहले वो Chef थे.

4. अली जफर

अली जफर के बारे में सब जानते हैं कि वो बहुत अच्छे सिंगर हैं. लेकिन आपको बता दें की वो Poet भी हैं और पेंटिंग में तो उस्ताद हैं. अपने शुरूआती दिनों में उन्होंने पब्लिक प्लेसेस पर स्केच बनाने का भी काम किया हैं.

5. कंगना रनौत

हिमाचल कि इस खूबसूरत अभिनेत्री को खाना बनाने का शौक है और वो अक्सर दोस्तों और परिवार के लिए लजीज खाना बनाती हैं.

6. विद्या बालन

विद्या बालन को ऐक्टिंग के अलावा कविताएं लिखने का शौक है और एक बेहतरीन मिमिक्री आर्टिस्ट भी हैं. और कई चर्चित लोगों कि मिमिक्री कर लेती हैं.

7. यामी गौतम

यामी एक बेहतरीन Interior Decorator हैं और उन्हें धरों को सजाने-संवारने कि अच्छी और शौक है.

8. आयुष्मान खुराना

आयुष्मान खुराना तो खुद में एक फिल्मी पैकेज हैं. एक्टिंग वो अच्छी करते ही हैं, अपने गाने का हुनर भी उन्होंने ‘विकी डोनर’ फिल्म में ‘पाणी दा रंग’ के जरिये दिखाया है इसके अलावा एक बेहतरीन संगीतकार और लिरिसिस्ट भी हैं.

9. रणदीप हुड्डा

रणदीप के पास 6 घोड़े हैं वो एक अच्छे पोलो प्लेयर हैं इसके आलावा शो जंपिंग में भी उन्होंने इनाम जीते हैं. उन्होंने एक बार कहा था ‘जाट घोड़ों पर ऐसे चलते हैं, जैसे पाणी में मछली.

10. जूही चावला

जूही ने 3 साल कत्थक सिखा है और 6 साल क्लासिकल सिंगिंग कि ट्रेनिंग भी लि है. वो बहुत अच्छी क्लासिकल सिंगर हैं. आज भी उनका दिन रियाज किये बिना शुरू नहीं होता.

हीरोइन को लांच करने में दिवालिया हो गए जैकी

एक समय पर जैकी श्रॉफ का स्टारडम ऐसा था कि उन्हें अपनी फिल्मों में साइन करने के लिए निर्माता-निर्देशक उनके आगे पीछे घुमते थे. हर निर्देशक इस होड़ में रहता कि जैकी सबसे पहले उनकी ही फिल्म में काम करें.

लेकिन कहते हैं ना कि कब किसकी किस्मत पलट जाए और उसके बुरे दिन शुरु हो जाए कोई नहीं जानता. कुछ ऐसा ही हुआ जैकी श्रॉफ के साथ. जैकी की जिंदगी में एक वक्त ऐसा आया जब एक फिल्म के चक्कर में उन्हें अपना घर तक गिरवी रखना पड़ा और कोई मदद के लिए आगे नहीं आया.

ये फिल्म थी ‘बूम’. जैकी श्रॉफ ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया था और इसके जरिए उन्होंने कटरीना कैफ को बॉलीवुड में लॉन्च किया. कटरीना के अलावा फिल्म में अमिताभ बच्चन, गुलशन ग्रोवर, पद्मा लक्ष्मी जैसे सितारे थें.

जैकी को लगा कि ये फिल्म चल जाएगी, लेकिन फिल्म में कटरीना कैफ और गुलशन ग्रोवर के अलावा बाकी कलाकारों ने भी इस कदर बोल्ड और इंटीमेट सीन दिए कि फिल्म को बी-ग्रेड का दर्जा मिल गया.

जैकी फिल्म को मिले इस दर्जे से पहले ही परेशान थे कि इसी बीच ड्रिस्ट्रीब्यूटर्स ने भी हाथ पीछे खींच लिए. फिल्म रिलीज से पहले ही लीक हो गई जिसकी वजह से कोई भी जैकी श्रॉफ को पैसे देने के लिए तैयार नहीं हुआ.

इसके बाद तो जैकी के पैरों तले जमीन ही खिसक गई. उन्हें कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या करें. जब कहीं से कोई राह नजर नहीं आईं तो मजबूरन जैकी श्रॉफ को अपना घर गिरवी रखना पड़ा. उन्होंने सोचा कि फिल्म से जो मुनाफा होगा उससे वो अपना घर छुड़वा लेंगे. लेकिन हुआ उल्टा.

फिल्म रिलीज हुई और बुरी तरह फ्लॉप हो गई. इसके बाद तो जैसे जैकी श्रॉफ के बुरे दिन ही शुरू हो गए. एक तरफ उनका घर पहले से ही गिरवी रखा हुआ था तो वहीं दूसरी ओर कटरीना कैफ से भी उनके रिश्ते बिगड़ गए.

वहीं जिन लोगों ने फिल्म में पैसे लगाए थे उनके पैसे वापस करने के लिए जैकी श्रॉफ और उनकी पत्नी को अपनी बहुमूल्य चीजें तक बेचनी पड़ीं. जैकी श्रॉफ की हालत दिवालिया हो चुकी थी क्योंकि फिल्म में उतनी कमाई भी नहीं की थी जितनी रकम उन्हें चुकानी पड़ी.

ये सीरियल दिलाएंगे आपको आपके बचपन की याद

आपके बचपन की यादों को ताजा करने के लिए हम लाये है 10 पुराने लेकिन आपके ऑल टाइम फेवरिट हिंदी सीरियल जो अभी भी आपकी यादो में बसे हुए हैं.

मालगुडी डेज

आर के नारायण की कहानियों पर आधारित दूरदर्शन पर आने वाला सीरियल मालगुडी डेज दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय था. इस सीरियल का बच्चा स्वामी सबका मनपसंद था.

विक्रम और बैताल

शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने अपने समय में यह सीरियल ना देखा हो. यह प्राचीन भारतीय कहानियों पर आधारित सीरियल था जिसका प्रमुख उद्देश्य बच्चो को मनोरंजन के साथ साथ शिक्षित भी करना था.

महाभारत

भारतीय इतिहास का सबसे लोकप्रिय और चर्चित सीरियल था महाभारत जो महान भारतीय ग्रन्थ महाभारत पर आधारित था. आज भी लोग बी आर चोपड़ा की सीरियल महाभारत का नाम सुनते ही खुश हो जाते हैं.

रामायण

यह पुरे भारतीय इतिहास का सबसे चर्चित और प्रसिद्ध सीरियल रहा, जिसे रामानंद सागर ने लिखा और डायरेक्ट किया. यह 78 एपिसोड का सीरियल दूरदर्शन पर 25 जनवरी 1987 से 31 जुलाई 1988 तक प्रत्येक रविवार सुबह 9.30 बजे आता था.

चंद्रकांता

यह प्रसिद्ध धारावाहिक देवकीनंदन खत्री के उपन्यास पर आधारित था. इसके मुख्य पात्र क्रूर सिंह और जाबांज तो इसे देखने वालो के जेहन में आज भी ताजा है.

भारत एक खोज

यह भारत की 5000 वर्षो की गाथा का 53 एपिसोड का सीरियल था. इसमें भारत की प्राचीन सभ्यता से लेकर भारत की आजादी तक की प्रमुख घटनाओं का वर्णन किया गया था.

ब्योमकेश बक्शी

ब्योमकेश बक्शी, बासु चटर्जी ने डायरेक्ट किया था. यह सीरियल जासूसी घटनाओं पर आधारित था. इसमें रजत कपूर ने ब्योमकेश बक्शी का किरदार निभाया, जिसके लिए काफी प्रशंसा मिली.

तहकीकात

यह जासूसी रोमांचक सीरियल विभिन्न अपराध जांचों पर आधारित रहा था. विजय आनंद ने इसमें सैम डिसिल्वा और सौरभ शुक्ला ने गोपीचंद की भूमिका निभाई.

सुरभि

दूरदर्शन के शुरूआती दिनों में सुरभि सबसे चर्चित और लोकप्रिय सांस्कृतिक कार्यक्रम था.  इस कार्यक्रम को होस्ट किया था रेणुका शहाने और सिद्धार्थ कक ने.

परमवीर चक्र

यह भारतीय युद्ध गाथाओं पर आधारित सीरियल उन सैनिकों को समर्पित था जिन्हें अत्यधिक बहादुरी के लिए भारत सरकार द्वारा परमवीर चक्र प्रदान किया गया. इसे चेतन आनंद ने डायरेक्ट किया, अमरिंदर पाल ने आवाज दी और संगीत दिया प्यारे मोहन ने.

बारिश के मौसम में घूम आएं ये नैशनल पार्क

बरसात के मौसम में हरी भरी वादियों में घूमना बेहद मजेदार होता है और अगर ये राष्‍ट्रीय उद्यान हो तो बस मजा दुगना हो जाता है. तो फिर इंतजार किस बात का है इस बारिश के साजन घूम आइए भारत के प्रसिद्ध नैशनल पार्क.

जिम कॉर्बेट नैशनल पार्क

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है. इसे 1936 में एनडेंजर्ड बंगाल टाइगर की रक्षा के लिए हैंली नैशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था. यह उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में स्थित है और इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बाघ परियोजना पहल के तहत आने वाला यह पहला पार्क था.

पेरियार नैशनल पार्क

पेरियार नैशनल पार्क भी भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है. पेरियार राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य केरल के इडुक्की और पथानामथिट्टा जिले में एक रिजर्व एरिया है. यह हाथी और बाघ रिजर्व के रूप में पहचाना जाता है. इसे 925 किलोमीटर को 1982 में पेरियार नैशनल पार्क के रूप में घोषित किया गया था.

तदोबा नैशनल पार्क

महाराष्‍ट्र का तदोबा अंधेरी टाइगर रिर्जव सबसे पुराना और सबसे बड़ा नैशनल पार्क है. ये स्‍थान बंगाल टाइगर के लिए भी फेमस है. यहां पर करीब 43 बंगाल टाइगर हैं. भारत में सबसे ज्यादा इसी पार्क में टाइगर हैं.

हेमिस नैशनल पार्क

हेमिस राष्ट्रीय उद्यान भारत के जम्मू और कश्मीर में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र का सबसे ज्‍यादा ऊंचाई पर स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है. यह भारत में हिमालय के उत्तर में बना इकलौता राष्ट्रीय उद्यान है. हेमिस भारत में सबसे बड़ा अधिसूचित संरक्षित क्षेत्र और नंदा देवी बायोस्फेयर रिजर्व और आसपास के संरक्षित क्षेत्रों के बाद दूसरा सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है. यह नैशनल पार्क कई रेयर स्तनधारियों की प्रजातियों सहित हिम तेंदुओं के लिए भी जाना जाता है.

नागरहोल नैशनल पार्क

कर्नाटक में स्थित नागरहोल अपने वन्य जीव अभयारण्य के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यह उन कुछ जगहों में से एक है जहां एशियाई हाथी पाए जाते हैं. हाथियों के बड़े-बड़े झुंड यहां देखे जा सकते हैं. मॉनसून से पहले की बारिश में यहां बड़ी संख्या में रंगबिरंगे पक्षी भी दिखाई देते हैं. वाइल्‍ड लाइफ और एनिमल लवर्स के लिए यहां देखने और जानने के लिए बहुत कुछ है.

सरिस्‍का नैशनल पार्क

‘सरिस्का’ बाघ अभयारण्य भारत में सब से प्रसिद्ध नैशनल पार्क्स में से एक है. यह राजस्थान के राज्य के अलवर जिले में स्थित है. 1955 में इसे वन्यजीव आरक्षित भूमि घोषित किया गया था. 1978 में बाघ परियोजना के तहत इसे नैशनल रिजर्व का दर्जा दिया गया. सरिस्का में बाघ, चीते, तेंदुए, जंगली बिल्ली, कैरकल, धारीदार बिज्जू, सियार स्वर्ण, चीतल, साभर, नीलगाय, चिंकारा, चार सींग वाले मृग जिसे ‘छाउसिंगा’ कहते हैं, जंगली सुअर, खरगोश, लंगूर और पक्षी प्रजातियों और सरीसृप की बहुत सारी प्रजातियों सहित बहुत सारे वन्य जीव मिलते है.

रणथम्‍भौर नैशनल पार्क

रणथम्‍भौर नैशनल पार्क उत्तर भारत के बड़े नैशनल पार्कस में से एक है. यह जयपुर से 130 किलोमीटर दक्षिण और कोटा से 110 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में राजस्थान के दक्षिणी जिले सवाई माधोपुर में स्थित है.

सावन में मेहंदी के बिना अधूरा है आपका श्रृंगार

बारिश, हरियाली, झूले, मिट्टी की सौंधी सी खुशबू, मेहंदी, बागों में खिले फूल, चिड़ियों का चहचहाना. यही तो है सावन की पहचान. सावन आते ही प्रकृति की अनोखी छटा बिखर जाती है. ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने हरे रंग की चादर ओढ़ ली हो.

बागों में झूले लग जाते हैं, लोग गीत गुनगुनाने लगते हैं, पेड़ों से आम लटक जाते हैं और रिमझिम बारिश से मौसम खुशनुमा हो जाता है. यह एक ऐसा मौसम है जिसमें रोमांस और रोमांच दोनों ही है. यह कहना गलत नहीं होगा की सावन एक ऐसा मौसम है जब प्रकृति का असल रूप और सुंदरता देखने को मिलती है.

सावन के महीने की रूमानियत ना सिर्फ किस्से कहानियों का खास हिस्सा रही है बल्कि मॉनसून का आगाज हमेशा से ही अपने साथ ढेर सारी परंपराएं लेकर आता है.

हिंदी कैलेंडर के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन का महीना शुरू हो चुका है. इस महीने का हर दिन त्यौहार की तरह मनाया जाता है. सावन में मेहंदी लगाना एक परंपरा भी है और आज के समय में फैशन.

महिलाएं इस महीने में  श्रृंगार करती हैं, रंग-बिरंगी कपड़े पहनती हैं और मेहंदी लगाती हैं. कहा जाता है कि मेहंदी के बिना सौंदर्य अधूरा होता है. मेहंदी की खुशबू घर-आंगन को महकाने के साथ-साथ हथेलियों की खूबसूरती में भी चार चांद लगाती है.

पर मेंहदी तभी खूबसूरत लगती है, जब उसका रंग गहरा हो और यह सही से रचे. मेहंदी का एक खास गहरा लाल रंग होता है जो हाथों पर बेहद खूबसूरत लगता है.

कई बार ऐसा होता है कि मेंहदी लगी तो बहुत अच्छी होती है लेकिन सही से न रचने के कारण खूबसूरत डिजाइन भी खिलकर नहीं आ पाता. ऐसे में आप इन उपायों को अपनाकर गहरी और खूबसूरत मेंहदी रचा सकती हैं. हालांकि पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी मेंहदी का घोल अच्छे से तैयार किया गया हो.

इन उपायों को अपनाने से गहरी रचेगी मेंहदी.

– मेंहदी लगाने के बाद धैर्य रखना बहुत जरूरी है. कम से कम पांच से छह घंटे के लिए मेंहदी को हाथों पर रचे रहने दें. इससे मेंहदी का रंग गहरा चढ़ता है.

– नींबू और चीनी के घोल के इस्तेमाल से भी मेंहदी का रंग गहरा चढ़ता है. दरअसल, इस घोल को लगाने से मेंहदी ज्यादा देर के लिए हाथों में चिपकी रहती है और इससे उसका रंग गहरा हो जाता है.

– फ्राइंग पैन में लौंग की कुछ कलियों को डालकर हाथ पर उनका धुंआ लेना भी एक कारगर उपाय है. ऐसा करने से मेंहदी का रंग गहरा हो जाता है.

– मेंहदी छुड़ाने के लिए पानी का इस्तेमाल न करें. हो सके तो 10 से 12 घंटों तक हाथों पर पानी के इस्तेमाल से बचें. साबुन के इस्तेमाल से दूर ही रहें तो बेहतर होगा.

– मेंहदी छुड़ाने के बाद सरसों के तेल को हाथों पर मल लें. इन उपायों को अपनाने से मेंहदी का रंग गहरा चढ़ता है.

सिर्फ आपके लिए हैं ये बड़े फायदे वाले छोटे बिजनेस

कोई भी काम छोटा नहीं होता है यह आप और हम सब जानते हैं. अगर आप घर पर बैठी हैं और कोई काम नहीं कर रही हैं, तो घबराइए नहीं आपके लिए यहां पर हम ऐसे ही कुछ बिजनेस आइडियाज बताएंगे, जिससे शुरूआत में भले ही कम कमाई हो लेकिन एक साल के अंदर आपको अपने बिजनेस में एक ग्रोथ नजर आएगी, बस आपको अपना पूरा ध्‍यान अपने बिजनेस पर देना होगा न कि लोगों की बातों पर.

इन बिजनेस में आपको ज्‍यादा निवेश करने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी. हम आपको यहां पर 5 ऐसे बिजनेस आइडिया बताएंगे जो छोटे स्‍तर से प्रारंभ होकर बड़े स्‍तर तक आपको ले जा सकते हैं.

लेडीज प्रोडक्‍ट की शॉप

लेडीज प्रोडक्‍ट जैसे कि चूड़ी, कंगन, नेकलेस, क्रीम, पाउडर और ना जाने कितनी चीजें महिलाएं हर दिन खरीदती हैं. लेडीज प्रोडक्‍ट की शॉप खोलना एक ऐसा बिजनेस है जिसे अगर आप मन लगाकर चलाने का प्रयास करेंगे तो यह हर कीमत पर आगे बढ़ेगा इससे आपको कभी नुकसान भी नहीं होगा. महिलाओं के लिए आने वाले सभी प्रोडक्‍ट की कीमत भी बहुत ज्‍यादा होती है इसलिए आपको मुनाफा भी इसमें ज्‍यादा मिलेगा. ऑनलाइन भी बेच सकते हैं आप अपने प्रोडक्‍ट चाहे मोबाइल हो या खिलौना आप इसे ऑनलाइन भी बेच सकते हैं. आप अगर रिसर्च करेंगे तो ऐसी कई सारी वेबसाइट हैं जो कि ऑनलाइन मोबाइल और खिलौने उपलब्‍ध कराती हैं. तो वहीं लेडीज के लिए कॉस्‍मैटिक प्रोडक्‍ट भी आप ऑनलाइन बेच सकते हैं इससे आपका बिजनेस न केवल आपके इलाके, आपके शहर बल्कि पूरे देश में धीरे-धीरे बिकना शुरू हो जाएगा.

मोबाइल रिपेयरिंग

हर दिन मोबाइल रिपेयरिंग शॉप में न जाने कितने मोबाइल रिपेयर होने के लिए आते हैं. कुछ कंपनी में रिपेयर होते हैं और कुछ बाहर. मोबाइल रिपेयरिंग की डिमांड कभी कम नहीं होगी. मोबाइल रिपेयरिंग के लिए एक छोटा सा कोर्स भी होता है जिससे आप इसकी ट्रेनिंग अच्‍छे से ले सकते हैं. कहने को तो मोबाइल रिपेयरिंग का काम बहुत छोटा है लेकिन अगर इसे गहराई से सोचें तो यह एक बहुत बड़ा बिजनेस है. जिससे आप 1 साल के अंदर लाखों की कमाई कर सकते हैं और फिर अगले तीन साल में आपका प्रॉफिट और भी ज्‍यादा बढ़ जाता है. इसके लिए इमानदारी से काम करने की जरुरत है बस आपको ट्रांसपैरेंसी के साथ काम करने की आवश्‍यकता है. आपको अपने कस्‍टमर्स को विश्‍वसनीयता के साथ काम करके देना होगा.

सेकंड हैंण्‍ड मोबाइल खरीदना और बेचना

एक आप्‍शन है मोबाइल रिपेयरिंग का और दूसरा काम है सेकंड हैण्‍ड मोबाइल खरीदना और बेचना. इसमें आप कितना कमा सकते हैं इसकी कोई हद नहीं है. एक 40 हजार का फोन अगर कोई बेचता है तो उसके लिए मात्र 15 हजार आपके पास आएंगे अगर 2 महीने के अंदर बेचता है. तो वहीं मोबाइल आप रिपेयर करके उसे सेकंड हैण्‍ड 20 से 25 हजार रुपए तक में बेच सकते हैं. आजकल हर कोई मंहगा मोबाइल सेकंड हैण्‍ड खरीदता है. तो दूसरा व्‍यक्ति हर चौथे महीने अपना मोबाइल बेचता है.

खिलौने की दुकान

खिलौने कमाई के ऐसे माध्‍यम हैं जिसका बाजार कभी भी मंदी में नहीं जा सकता है. इसके लिए जरुरी है स्‍ट्रैटजी बनाना. लाखों-करोंड़ों की कंपनियों खिलौनों की है. अगर आप एक छोटी सी भी खिलौने की दुकान खरीदते हैं तो आपकी दुकान ग्रोथ जरूर करेगी. इसके लिए यह जरुरी है आप अपनी दुकान सही जगह पर खोलें जैसे कि हॉस्पिटल के पास, स्‍कूल के पास और बीच कॉलोनी में. खिलौना की दुकान में आप वही खिलौना रखें जो उस सोसायटी के लोगों के खर्च के हिसाब से हो. मतलब उस सोसायटी के लोगों की इनकम को ध्‍यान में रखते हुए.

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