ये सीरियल दिलाएंगे आपको आपके बचपन की याद

आपके बचपन की यादों को ताजा करने के लिए हम लाये है 10 पुराने लेकिन आपके ऑल टाइम फेवरिट हिंदी सीरियल जो अभी भी आपकी यादो में बसे हुए हैं.

मालगुडी डेज

आर के नारायण की कहानियों पर आधारित दूरदर्शन पर आने वाला सीरियल मालगुडी डेज दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय था. इस सीरियल का बच्चा स्वामी सबका मनपसंद था.

विक्रम और बैताल

शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जिसने अपने समय में यह सीरियल ना देखा हो. यह प्राचीन भारतीय कहानियों पर आधारित सीरियल था जिसका प्रमुख उद्देश्य बच्चो को मनोरंजन के साथ साथ शिक्षित भी करना था.

महाभारत

भारतीय इतिहास का सबसे लोकप्रिय और चर्चित सीरियल था महाभारत जो महान भारतीय ग्रन्थ महाभारत पर आधारित था. आज भी लोग बी आर चोपड़ा की सीरियल महाभारत का नाम सुनते ही खुश हो जाते हैं.

रामायण

यह पुरे भारतीय इतिहास का सबसे चर्चित और प्रसिद्ध सीरियल रहा, जिसे रामानंद सागर ने लिखा और डायरेक्ट किया. यह 78 एपिसोड का सीरियल दूरदर्शन पर 25 जनवरी 1987 से 31 जुलाई 1988 तक प्रत्येक रविवार सुबह 9.30 बजे आता था.

चंद्रकांता

यह प्रसिद्ध धारावाहिक देवकीनंदन खत्री के उपन्यास पर आधारित था. इसके मुख्य पात्र क्रूर सिंह और जाबांज तो इसे देखने वालो के जेहन में आज भी ताजा है.

भारत एक खोज

यह भारत की 5000 वर्षो की गाथा का 53 एपिसोड का सीरियल था. इसमें भारत की प्राचीन सभ्यता से लेकर भारत की आजादी तक की प्रमुख घटनाओं का वर्णन किया गया था.

ब्योमकेश बक्शी

ब्योमकेश बक्शी, बासु चटर्जी ने डायरेक्ट किया था. यह सीरियल जासूसी घटनाओं पर आधारित था. इसमें रजत कपूर ने ब्योमकेश बक्शी का किरदार निभाया, जिसके लिए काफी प्रशंसा मिली.

तहकीकात

यह जासूसी रोमांचक सीरियल विभिन्न अपराध जांचों पर आधारित रहा था. विजय आनंद ने इसमें सैम डिसिल्वा और सौरभ शुक्ला ने गोपीचंद की भूमिका निभाई.

सुरभि

दूरदर्शन के शुरूआती दिनों में सुरभि सबसे चर्चित और लोकप्रिय सांस्कृतिक कार्यक्रम था.  इस कार्यक्रम को होस्ट किया था रेणुका शहाने और सिद्धार्थ कक ने.

परमवीर चक्र

यह भारतीय युद्ध गाथाओं पर आधारित सीरियल उन सैनिकों को समर्पित था जिन्हें अत्यधिक बहादुरी के लिए भारत सरकार द्वारा परमवीर चक्र प्रदान किया गया. इसे चेतन आनंद ने डायरेक्ट किया, अमरिंदर पाल ने आवाज दी और संगीत दिया प्यारे मोहन ने.

बारिश के मौसम में घूम आएं ये नैशनल पार्क

बरसात के मौसम में हरी भरी वादियों में घूमना बेहद मजेदार होता है और अगर ये राष्‍ट्रीय उद्यान हो तो बस मजा दुगना हो जाता है. तो फिर इंतजार किस बात का है इस बारिश के साजन घूम आइए भारत के प्रसिद्ध नैशनल पार्क.

जिम कॉर्बेट नैशनल पार्क

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है. इसे 1936 में एनडेंजर्ड बंगाल टाइगर की रक्षा के लिए हैंली नैशनल पार्क के रूप में स्थापित किया गया था. यह उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में स्थित है और इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. बाघ परियोजना पहल के तहत आने वाला यह पहला पार्क था.

पेरियार नैशनल पार्क

पेरियार नैशनल पार्क भी भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है. पेरियार राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य केरल के इडुक्की और पथानामथिट्टा जिले में एक रिजर्व एरिया है. यह हाथी और बाघ रिजर्व के रूप में पहचाना जाता है. इसे 925 किलोमीटर को 1982 में पेरियार नैशनल पार्क के रूप में घोषित किया गया था.

तदोबा नैशनल पार्क

महाराष्‍ट्र का तदोबा अंधेरी टाइगर रिर्जव सबसे पुराना और सबसे बड़ा नैशनल पार्क है. ये स्‍थान बंगाल टाइगर के लिए भी फेमस है. यहां पर करीब 43 बंगाल टाइगर हैं. भारत में सबसे ज्यादा इसी पार्क में टाइगर हैं.

हेमिस नैशनल पार्क

हेमिस राष्ट्रीय उद्यान भारत के जम्मू और कश्मीर में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र का सबसे ज्‍यादा ऊंचाई पर स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है. यह भारत में हिमालय के उत्तर में बना इकलौता राष्ट्रीय उद्यान है. हेमिस भारत में सबसे बड़ा अधिसूचित संरक्षित क्षेत्र और नंदा देवी बायोस्फेयर रिजर्व और आसपास के संरक्षित क्षेत्रों के बाद दूसरा सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है. यह नैशनल पार्क कई रेयर स्तनधारियों की प्रजातियों सहित हिम तेंदुओं के लिए भी जाना जाता है.

नागरहोल नैशनल पार्क

कर्नाटक में स्थित नागरहोल अपने वन्य जीव अभयारण्य के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है. यह उन कुछ जगहों में से एक है जहां एशियाई हाथी पाए जाते हैं. हाथियों के बड़े-बड़े झुंड यहां देखे जा सकते हैं. मॉनसून से पहले की बारिश में यहां बड़ी संख्या में रंगबिरंगे पक्षी भी दिखाई देते हैं. वाइल्‍ड लाइफ और एनिमल लवर्स के लिए यहां देखने और जानने के लिए बहुत कुछ है.

सरिस्‍का नैशनल पार्क

‘सरिस्का’ बाघ अभयारण्य भारत में सब से प्रसिद्ध नैशनल पार्क्स में से एक है. यह राजस्थान के राज्य के अलवर जिले में स्थित है. 1955 में इसे वन्यजीव आरक्षित भूमि घोषित किया गया था. 1978 में बाघ परियोजना के तहत इसे नैशनल रिजर्व का दर्जा दिया गया. सरिस्का में बाघ, चीते, तेंदुए, जंगली बिल्ली, कैरकल, धारीदार बिज्जू, सियार स्वर्ण, चीतल, साभर, नीलगाय, चिंकारा, चार सींग वाले मृग जिसे ‘छाउसिंगा’ कहते हैं, जंगली सुअर, खरगोश, लंगूर और पक्षी प्रजातियों और सरीसृप की बहुत सारी प्रजातियों सहित बहुत सारे वन्य जीव मिलते है.

रणथम्‍भौर नैशनल पार्क

रणथम्‍भौर नैशनल पार्क उत्तर भारत के बड़े नैशनल पार्कस में से एक है. यह जयपुर से 130 किलोमीटर दक्षिण और कोटा से 110 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में राजस्थान के दक्षिणी जिले सवाई माधोपुर में स्थित है.

सावन में मेहंदी के बिना अधूरा है आपका श्रृंगार

बारिश, हरियाली, झूले, मिट्टी की सौंधी सी खुशबू, मेहंदी, बागों में खिले फूल, चिड़ियों का चहचहाना. यही तो है सावन की पहचान. सावन आते ही प्रकृति की अनोखी छटा बिखर जाती है. ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने हरे रंग की चादर ओढ़ ली हो.

बागों में झूले लग जाते हैं, लोग गीत गुनगुनाने लगते हैं, पेड़ों से आम लटक जाते हैं और रिमझिम बारिश से मौसम खुशनुमा हो जाता है. यह एक ऐसा मौसम है जिसमें रोमांस और रोमांच दोनों ही है. यह कहना गलत नहीं होगा की सावन एक ऐसा मौसम है जब प्रकृति का असल रूप और सुंदरता देखने को मिलती है.

सावन के महीने की रूमानियत ना सिर्फ किस्से कहानियों का खास हिस्सा रही है बल्कि मॉनसून का आगाज हमेशा से ही अपने साथ ढेर सारी परंपराएं लेकर आता है.

हिंदी कैलेंडर के पांचवे महीने को सावन का महीना कहा जाता है. सावन का महीना शुरू हो चुका है. इस महीने का हर दिन त्यौहार की तरह मनाया जाता है. सावन में मेहंदी लगाना एक परंपरा भी है और आज के समय में फैशन.

महिलाएं इस महीने में  श्रृंगार करती हैं, रंग-बिरंगी कपड़े पहनती हैं और मेहंदी लगाती हैं. कहा जाता है कि मेहंदी के बिना सौंदर्य अधूरा होता है. मेहंदी की खुशबू घर-आंगन को महकाने के साथ-साथ हथेलियों की खूबसूरती में भी चार चांद लगाती है.

पर मेंहदी तभी खूबसूरत लगती है, जब उसका रंग गहरा हो और यह सही से रचे. मेहंदी का एक खास गहरा लाल रंग होता है जो हाथों पर बेहद खूबसूरत लगता है.

कई बार ऐसा होता है कि मेंहदी लगी तो बहुत अच्छी होती है लेकिन सही से न रचने के कारण खूबसूरत डिजाइन भी खिलकर नहीं आ पाता. ऐसे में आप इन उपायों को अपनाकर गहरी और खूबसूरत मेंहदी रचा सकती हैं. हालांकि पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपकी मेंहदी का घोल अच्छे से तैयार किया गया हो.

इन उपायों को अपनाने से गहरी रचेगी मेंहदी.

– मेंहदी लगाने के बाद धैर्य रखना बहुत जरूरी है. कम से कम पांच से छह घंटे के लिए मेंहदी को हाथों पर रचे रहने दें. इससे मेंहदी का रंग गहरा चढ़ता है.

– नींबू और चीनी के घोल के इस्तेमाल से भी मेंहदी का रंग गहरा चढ़ता है. दरअसल, इस घोल को लगाने से मेंहदी ज्यादा देर के लिए हाथों में चिपकी रहती है और इससे उसका रंग गहरा हो जाता है.

– फ्राइंग पैन में लौंग की कुछ कलियों को डालकर हाथ पर उनका धुंआ लेना भी एक कारगर उपाय है. ऐसा करने से मेंहदी का रंग गहरा हो जाता है.

– मेंहदी छुड़ाने के लिए पानी का इस्तेमाल न करें. हो सके तो 10 से 12 घंटों तक हाथों पर पानी के इस्तेमाल से बचें. साबुन के इस्तेमाल से दूर ही रहें तो बेहतर होगा.

– मेंहदी छुड़ाने के बाद सरसों के तेल को हाथों पर मल लें. इन उपायों को अपनाने से मेंहदी का रंग गहरा चढ़ता है.

सिर्फ आपके लिए हैं ये बड़े फायदे वाले छोटे बिजनेस

कोई भी काम छोटा नहीं होता है यह आप और हम सब जानते हैं. अगर आप घर पर बैठी हैं और कोई काम नहीं कर रही हैं, तो घबराइए नहीं आपके लिए यहां पर हम ऐसे ही कुछ बिजनेस आइडियाज बताएंगे, जिससे शुरूआत में भले ही कम कमाई हो लेकिन एक साल के अंदर आपको अपने बिजनेस में एक ग्रोथ नजर आएगी, बस आपको अपना पूरा ध्‍यान अपने बिजनेस पर देना होगा न कि लोगों की बातों पर.

इन बिजनेस में आपको ज्‍यादा निवेश करने की भी जरुरत नहीं पड़ेगी. हम आपको यहां पर 5 ऐसे बिजनेस आइडिया बताएंगे जो छोटे स्‍तर से प्रारंभ होकर बड़े स्‍तर तक आपको ले जा सकते हैं.

लेडीज प्रोडक्‍ट की शॉप

लेडीज प्रोडक्‍ट जैसे कि चूड़ी, कंगन, नेकलेस, क्रीम, पाउडर और ना जाने कितनी चीजें महिलाएं हर दिन खरीदती हैं. लेडीज प्रोडक्‍ट की शॉप खोलना एक ऐसा बिजनेस है जिसे अगर आप मन लगाकर चलाने का प्रयास करेंगे तो यह हर कीमत पर आगे बढ़ेगा इससे आपको कभी नुकसान भी नहीं होगा. महिलाओं के लिए आने वाले सभी प्रोडक्‍ट की कीमत भी बहुत ज्‍यादा होती है इसलिए आपको मुनाफा भी इसमें ज्‍यादा मिलेगा. ऑनलाइन भी बेच सकते हैं आप अपने प्रोडक्‍ट चाहे मोबाइल हो या खिलौना आप इसे ऑनलाइन भी बेच सकते हैं. आप अगर रिसर्च करेंगे तो ऐसी कई सारी वेबसाइट हैं जो कि ऑनलाइन मोबाइल और खिलौने उपलब्‍ध कराती हैं. तो वहीं लेडीज के लिए कॉस्‍मैटिक प्रोडक्‍ट भी आप ऑनलाइन बेच सकते हैं इससे आपका बिजनेस न केवल आपके इलाके, आपके शहर बल्कि पूरे देश में धीरे-धीरे बिकना शुरू हो जाएगा.

मोबाइल रिपेयरिंग

हर दिन मोबाइल रिपेयरिंग शॉप में न जाने कितने मोबाइल रिपेयर होने के लिए आते हैं. कुछ कंपनी में रिपेयर होते हैं और कुछ बाहर. मोबाइल रिपेयरिंग की डिमांड कभी कम नहीं होगी. मोबाइल रिपेयरिंग के लिए एक छोटा सा कोर्स भी होता है जिससे आप इसकी ट्रेनिंग अच्‍छे से ले सकते हैं. कहने को तो मोबाइल रिपेयरिंग का काम बहुत छोटा है लेकिन अगर इसे गहराई से सोचें तो यह एक बहुत बड़ा बिजनेस है. जिससे आप 1 साल के अंदर लाखों की कमाई कर सकते हैं और फिर अगले तीन साल में आपका प्रॉफिट और भी ज्‍यादा बढ़ जाता है. इसके लिए इमानदारी से काम करने की जरुरत है बस आपको ट्रांसपैरेंसी के साथ काम करने की आवश्‍यकता है. आपको अपने कस्‍टमर्स को विश्‍वसनीयता के साथ काम करके देना होगा.

सेकंड हैंण्‍ड मोबाइल खरीदना और बेचना

एक आप्‍शन है मोबाइल रिपेयरिंग का और दूसरा काम है सेकंड हैण्‍ड मोबाइल खरीदना और बेचना. इसमें आप कितना कमा सकते हैं इसकी कोई हद नहीं है. एक 40 हजार का फोन अगर कोई बेचता है तो उसके लिए मात्र 15 हजार आपके पास आएंगे अगर 2 महीने के अंदर बेचता है. तो वहीं मोबाइल आप रिपेयर करके उसे सेकंड हैण्‍ड 20 से 25 हजार रुपए तक में बेच सकते हैं. आजकल हर कोई मंहगा मोबाइल सेकंड हैण्‍ड खरीदता है. तो दूसरा व्‍यक्ति हर चौथे महीने अपना मोबाइल बेचता है.

खिलौने की दुकान

खिलौने कमाई के ऐसे माध्‍यम हैं जिसका बाजार कभी भी मंदी में नहीं जा सकता है. इसके लिए जरुरी है स्‍ट्रैटजी बनाना. लाखों-करोंड़ों की कंपनियों खिलौनों की है. अगर आप एक छोटी सी भी खिलौने की दुकान खरीदते हैं तो आपकी दुकान ग्रोथ जरूर करेगी. इसके लिए यह जरुरी है आप अपनी दुकान सही जगह पर खोलें जैसे कि हॉस्पिटल के पास, स्‍कूल के पास और बीच कॉलोनी में. खिलौना की दुकान में आप वही खिलौना रखें जो उस सोसायटी के लोगों के खर्च के हिसाब से हो. मतलब उस सोसायटी के लोगों की इनकम को ध्‍यान में रखते हुए.

प्रेग्‍नेंसी के दौरान न करें अधिक चीनी का सेवन

ये एक जरुरी  बात हे जो आपको जाननी जरुरी है कि जो महिलाएं गर्भावस्‍था के दौरान चीनी का बहुत ज्‍यादा प्रयोग करती है वो सावधान हो जाएं, उनका ऐसा करना उनके बच्‍चे में अस्‍थमा बीमारी का कारण बन सकता है. इससे उनके बच्‍चे को एलर्जी और अस्‍थमा होने का खतरा बढ़ जाता है, ऐसा हाल ही में हुए एक अध्‍ययन से पता चला है.

शोधकर्ताओं के निष्कर्षों से पता चला है कि जो महिलाएं अपने खाने में ज्‍यादा मीठी चीजों का सेवन करती है और मीठे पेयपदार्थ आदि का सेवन करती हैं उनकी संतान में अस्‍थमा का खतरा काफी बढ़ जाता है. 73 प्रतिशत बच्‍चों में ये बीमारी जाये जाने का प्रमुख कारण सही था.

ऐसा होने के पीछे की वजह भी शोधकर्ताओं ने साफ की है, उनके अनुसार ऐसा मां के द्वारा लिए जाने वाले फ्रक्‍टोस की मात्रा के कारण होता है जिससे उनके बच्‍चे की इम्‍यून क्षमता प्रभावित होती है और उसमें एलर्जी और अस्‍थमा पनपने लग जाती है. ऐसा फेफड़ों के विकास होने के दौरान सबसे ज्‍यादा होता है. महत्‍वपूर्ण बात यह है कि बचपन में बच्‍चों को दी जाने वाली चीनी या मिठाई से इसका कोई लेना देना नहीं होता है.

एक अध्‍ययन के तहत मां और बच्‍चे के बीच के संबंध को बारीकी से देखा गया कि मां के मीठा खाने पर बच्‍चे के स्‍वास्‍थ्‍य पर क्‍या प्रभाव पड़ा. 7 से 9 उम्र की अवस्‍था में उनके फेफड़ों ने कैसे काम करना शुरू किया.

यह पाया गया कि इससे बच्‍चों में एलर्जी रिनिटस, अस्‍थमा और खुजली आदि भी हुई. हालांकि बुखार और खुजली को लेकर कोई ठोस निष्‍कर्ष नहीं निकाले गए हैं. पर यहां एक बात औऱ है कि इस बारे में केवल इन टिप्पणियों के आधार पर आप ये नहीं कह सकते हैं कि गर्भावस्था में मां द्वारा चीनी का उच्च सेवन निश्चित रूप से बच्‍चे में एलर्जी और एलर्जी अस्थमा पैदा कर रहा है, परन्‍तु, मां को चीनी का उच्‍च सेवन करने से बचना चाहिए, ये उनके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए ठीक रहता है. इस बारे मे आगे भी कई अध्‍ययन और शोध चल रहे हैं.

जिद्दी मेकअप के लिए घरेलू मेकअप रिमूवर्स

महिलाओं को अगर अपनी त्वचा की केयर करनी है तो सबसे बेस्‍ट तरीका है कि आप सोने से पहले अपने चेहरे से मेकअप निकालकर सोएं. इसलिए स्किन केयर में मेकअप रिमूवल को बहुत जरूरी समझा जाता है. आज हम आपको ऐसे घरेलू मेकअप रिमूवल के बारे में बताएंगें जो आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाए बिना चेहरे से मेकअप हटाएंगें. परीक्षण किए गए ये मेकअप रिमूवल जिद्दी से जिद्दी मेकअप को भी आपकी स्किन से हटा देंगें. मस्कारा हो, आईलाइनर हो या फिर ग्लॉसी लिपस्टिक हो, इन प्राकृतिक मेकअप रिमूवल से आपको जरूर ही फायदा होगा.

इन मेकअप रिमूवल में विटामिन और अन्य प्राकृतिक तत्व मिले हुए हैं जो आपकी स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगें. सदियों से महिलाएं मेकअप रिमूव करने के लिए इन नुस्खों का इस्तेमाल करती आईं हैं.

नोट : चेहरे से मेकअप रिमूव करते समय आपको अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है. आराम से इनका प्रयोग करें और इन्हें चेहरे पर लगाने से पहले स्किन पैच टैस्ट जरूर कर लें.

1. हेजलनट ऑयल और ऑलिव ऑयल हेजलनट ऑयल और ऑलिव ऑयल दोनों ही प्राकृतिक ऑयल्स हैं जिनमें ऐसे यौगिक मौजूद होते हैं जा आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाए बिना चेहरे से मेकअप को रिमूव करते हैं.

ऐसे बनाएं : एक चम्मच एक्‍स्‍ट्रा वर्जिन ऑयल में आधा चम्मच हेजलनट ऑयल मिलाएं. अब एक कॉटन बॉल इस मिश्रण में डिप करें और उससे चेहरे पर लगे मेकअप को साफ करें.

2. बादाम तेल और विच हेजल विच हेज़ल में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो सबसे बेहतर तरीके से चेहरे से मेकअप को साफ करता है. हेजल विच में बादाम तेल को मिलाकर लगाने से चेहरे की सफाई के दौरान स्किन से नैचुरल ऑयल्स नहीं खत्म होते हैं.

ऐसे बनाएं : एक चम्मच विच हेज़ल ऑयल में चार बूंद बादाम तेल की मिलाएं. इसे अच्छी तरह से मिक्स करें. इस मिश्रण से चेहरे पर लगे मेकअप को साफ करें.

3. शहद और एलोवेरा जैल शहद और एलोवेरा जैल में एंटीफंगल यौगिक के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो चेहरे की स्किन को अच्छी तरह से साफ करते हैं.

ऐसे बनाएं : एक चम्मच शहद और एक चम्मच एलोवेरा जैल लें. इन दोनों को अच्छी तरह से मिक्स करें और अब एक कॉटन बॉल इस मिश्रण में डिप करें और उससे चेहरे पर लगे मेकअप को साफ करें.

4. लैवेंडर एसेंशियल ऑयल और कैस्टिल सोप कैस्टिल सोप से चेहरे से मेकअप की हर एक परत साफ हो जाती है. वहीं लैवेंडर एसेंशियल ऑयल स्किन को अच्छी तरह से मॉइश्चराइज़ करते हैं.

ऐसे बनाएं : एक चम्मच कैस्टल सोप में 6 से 7 बूंदें लैवेंडर ऑयल की बूंदें मिलाएं. अब इस होममेड मेकअप रिमूवर से कॉटन बॉल की मदद से चेहरे से मेकअप साफ करें.

5. ग्लिसरीन और गुलाब जल ग्लिसरीन और गुलाबजल का मेल स्किन से मेकअप की हर परत को साफ कर देता है. साथ ही ये मिश्रण स्किन को आराम भी पहुंचाता है.

ऐसे बनाएं : एक चम्मच ग्लिसरीन में एक चम्मच गुलाब जल मिलाएं. अब इस होममेड मेकअप रिमूवर से कॉटन बॉल की मदद से चेहरे से मेकअप साफ करें.

6. नारियल तेल और खीरे का रस खीरे से स्किन को ठंडक मिलती है और नारियल तेल से त्वचा में मौजूद नैचुरल ऑयल्स को बनाए रखते हैं. इसलिए मेकअप रिमूव करने के लिए ये सबसे बैस्ट होममेड घरेलू नुस्खा है.

ऐसे बनाएं : एक चम्मच नारियल तेल में दो चम्मच ताजा खीरे का रस मिलाएं. अब इस होममेड मेकअप रिमूवर से कॉटन बॉल की मदद से चेहरे से मेकअप साफ करें.

 7. योगर्ट और विटामिन ई ऑयल योगट और विटामिन ई ऑयल को एकसाथ मिलाकर लगाने से चेहरे को भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स और स्किन रिवाईविंग विटामिंस मिलते हैं. साथ ही ये मिश्रण चेहरे से मेकअप हटाने में भी कारगर है.

ऐसे बनाएं : एक चम्मच योगर्ट में विटामिन ई का एक कैप्सूल निचोड़ दें. अब इस होममेड मेकअप रिमूवर से कॉटन बॉल की मदद से चेहरे से मेकअप साफ करें. इस मिश्रण से न सिर्फ मेकअप रिमूव होता है बल्कि स्किन चमकने भी लगती है.

8. दूध और जोजोबा ऑयल दूध और जोजोबा ऑयल का मेल किसी भी तरह के मेकअप को रिमूव करने की क्षमता रखता है. इस मिश्रण से आप जिद्दी आई मेकअप भी मिनटों में साफ कर सकती हैं.

ऐसे बनाएं : ये मेकअप रिमूवर मिश्रण बनाने के लिए एक चम्मच दूध में 5 से 6 बूंदें जोजोबा ऑयल की डालें. इस होममेड मेकअप रिमूवर से कॉटन बॉल की मदद से चेहरे से मेकअप साफ करें. इनका स्किन पर कोई साइड इफेक्‍ट नहीं पड़ता है.

21 महीने की बच्ची की मां बनीं सनी लियोन

बॉलीवुड एक्ट्रेस सनी लियोन और उनके पति डेनियल वेबर एक बच्ची के पैरंट बन गए हैं. जी हां, सनी ने एक बच्ची को गोद लिया है. यह बच्ची महाराष्ट्र के लातूर की है. सनी ने इस बच्ची का नाम नि‍शा कौर वेबर रखा है. सनी के इस फैसले की हर कोई तारीफ कर रहा है.

मां बनने की बात को लेकर हाल ही में सनी लियोन ने अपने मन की बात शेयर की थी. सनी से जब पूछा गया था कि वो अपनी फैमिली कब प्लान कर रहीं हैं तब उन्होंने कहा कि मैं बच्चा चाहती हूं लेकिन प्रेग्नेंसी से डरती हूं. हालांकि प्रेग्नेंट होने के बारे में अभी सोचना मेरे लिए काफी मुश्किल होगा क्योंकि फिलहाल मेरे पास बहुत काम है. लेकिन कौन जानता है कि कब कहां से मेरी गोद में एक बच्चा आ जाए. और सब हैरान रह जाएं कि ये बच्चा आखिर आया कहां से.

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा कि कोई एक्ट्रेस बच्चा गोद ले रही हो. सनी से पहले भी बॉलीवुड की कई एक्ट्रेसेस मां बनने के लिए बच्चे अडॉप्ट कर चुकी हैं. इस लिस्ट में प्रिति जिंटा से लेकर सुष्मिता सेन जैसी एक्ट्रेस का नाम भी शामिल है.

प्रिति जिंटा

प्रिति जिंटा बच्चे गोद लेने के मामले में सबसे आगे हैं. साल 2009 में अपने 34वें बर्थडे पर उन्होंने ऋषिकेश से एक या दो नहीं बल्कि 34 अनाथ बच्चियों को एक साथ गोद लिया. वे अपने बर्थडे के मौके पर गोद ली गईं इन बच्चियों के पालन-पोषण और शिक्षा पर बराबर ध्यान दे रही हैं.

सुष्मिता सेन

बॉलीवुड की बोल्ड और बिंदास एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने दो बेटियों को गोद लिया है. 41 साल की सुष्मिता आज रेने (2000) और आलिशा (2010) की सिंगल पेरेंट हैं.

रवीना टंडन

रवीना जब 21 साल की थीं, तब उन्होंने छाया और पूजा नाम की दो लड़कियों को गोद लिया था. आज उनकी दोनों बेटियां बड़ी हो चुकी हैं और अपने पैरों पर खड़ी हैं.

नीलम

एक्ट्रेस नीलम कोठारी ने साल 2011 में टीवी एक्टर समीर सोनी से शादी की और ठीक दो साल बाद उन्होंने आहना नाम की एक बच्ची को गोद लिया.

शोभना

साउथ की पॉपुलर एक्ट्रेस और मशहूर भरतनाट्यम डांसर शोभना ने साल 2010 में एक बच्ची को गोद लिया था. जिसका नाम अनंत नारायणी रखा.

बारिश में घरेलू नुस्खों से पाएं ग्लोइंग स्किन

बरसात का मौसम शुरू होते ही स्किन संबंधी परेशानियां भी शुरू हो जाती हैं. इस दौरान रैशेज, स्किन में लालिमा और खुजली की शिकायत आम बात है. इन टिप्स की मदद से फंगल इंफेक्शन और खुजली से बचा जा सकता है और स्किन को स्वस्थ रखा जा सकता है.

तुलसी है लाभदायक

बरसात के मौसम में अक्सर एलर्जी या खुजली जैसी समस्याएं हो जाती हैं. तुलसी ऐंटि-ऑक्सीडेंट और ऐंटि-बैक्टीरियल तत्वों से भरपूर है. यह किसी भी संक्रमण को ठीक कर सकती है. तुलसी का रस या इसका पेस्ट संक्रमित स्थान पर लगाने से फायदा होता है. यदि इससे चेहरे को धोया जाए तो काफी परेशानियां हल हो जाएंगी.

ऑल इन वन एलोवेरा

एलोवेरा भी स्किन प्रॉब्लम से निजात दिलाने में बहुत मददगार होता है. अगर बरसात के मौसम में आपकी स्किन में किसी भी प्रकार की एलर्जी हो जाए तो उससे छुटकारा पाने के लिए एलोवेरा सबसे आसान उपाय है. एलोवेरा का गूदा निकालकर संक्रमित स्थान पर लगाने से लाभ होता है. एलोवेरा त्वचा को जलन से भी बचाता है.

हल्दी है बेस्ट

हल्दी एक प्राकृतिक ऐंटिसेप्टिक है. साथ ही ऐंटि-फंगल तत्वों से भरपूर भी है, जो स्किन की एलर्जी या इंफेक्शन पर तेजी से असर कर उसे खत्म करने में अहम भूमिका निभाती है. अगर बरसात में स्किन में किसी भी प्रकार की एलर्जी हो जाए तो हल्दी को उस जगह पर लगा लें, एलर्जी जल्दी ही ठीक हो जाएगी.

जीरे से स्किन प्रॉब्लम होती है दूर

जीरा भी स्किन इंफेक्शन से बचाने में मददगार है. अगर दिन में 3 से 4 बार पानी के साथ जीरे का सेवन करें तो इंफेक्शन को खत्म करने में सहायक है. जीरा विटामिन-ई से भरपूर होता है, जो त्वचा को हेल्दी रखता है. अगर बरसात के मौसम में स्किन प्रॉब्लम हो तो प्रतिदिन जीरे के पानी का सेवन जरूर करें, इससे आपको जल्दी फायदा होगा.

लहसुन

लहसुन में भी अत्यधिक मात्रा में ऐंटि-बैक्टीरियल, ऐंटि-फंगल और ऐंटि-सेप्टिक होते हैं, जो संक्रमण को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. अगर बरसात में स्किन में किसी प्रकार की एलर्जी हो जाए तो उस जगह पर लहसुन का पेस्ट बनाकर लगा लें. यह आपको जल्दी आराम दिलाएगा. यह किसी प्रकार की जलन भी नहीं देता.

फिल्म रिव्यू : मुन्ना माइकल

टीवी पर प्रसारित हो रहे नृत्य प्रधान रिएलिटी शो के हिमायती सब्बीर खान की सोच उन्हें ले डूबी. टाइगर श्रॉफ को अपना लक्की मानने वाले सब्बीर खान महज नृत्य व गानों के बल पर बिना ठोस पटकथा व कहानी के फिल्म ‘‘मुन्ना माइकल’’ बना डाली, जिसे देखना समय व पैसे की बर्बादी के अलावा कुछ नहीं है.

फिल्म की कहानी मुंबई के तीन बत्ती इलाके में रहने वाले नृत्य के शौकीन युवक मुन्ना (टाइगर श्रॉफ) की है, जो स्ट्रीट स्मार्ट होने के साथ-साथ माइकल जैक्सन का बहुत बड़ा फैन है. वास्तव में एक वरिष्ठ नृत्य कलाकार माइकल (रोनित राय) के बूढ़े हो जाने पर उन्हें काम मिलना बंद हो जाता है, तब वह शराब के नशे में अपने घर जाते हुए सड़क पर रो रहे बालक को उठाकर अपने घर ले जाते हैं, और मुन्ना नाम देकर पालते हैं. यह मुन्ना माइकल होटलों में जाकर लोगों के साथ नृत्य की शर्त लगाकर उन्हें हराकर जीतता रहता है. कई बार मारामारी भी कर लेता है. लोग उसे समझ जाते हैं, तब वह मुंबई से दिल्ली पहुंच जाता है.

दिल्ली में मुन्ना माइकल से नृत्य सीखने के लिए एक गैंगस्टर महेंद्र फौजी (नवाजुद्दीन सिद्दिकी) आता है. महेंद्र फौजी बताता है कि वह एक लड़की डॉली (निधि अग्रवाल) के लिए नृत्य सीखना चाहता है. महेंद्र फौजी का अपना दिल्ली में बड़ा होटल है. महेंद्र फौजी एक दिन मुन्ना माइकल को डॉली को उपहार देने भेजता है. मुन्ना, डॉली से कह देता है कि वह तो महज कुरियर ब्वॉय है. महेंद्र फौजी, डॉली को अपने होटल में नौकरी और रहने के लिए फ्लैट दे देता है. एक दिन डॉली, मुन्ना के सामने अपना दिल खोलकर रख देती है कि वह मेरठ से मुंबई में टीवी का एक डांस रिएलिटी शो जीतना चाहती है. बात करते हुए मुन्ना माइकल, डॉली को अपना दिल दे बैठता है. इसी बीच एक दिन मुन्ना माइकल के सामने राज खुल जाता है कि महेंद्र फौजी शादीशुदा है. उसके बाद डॉली भागकर मुंबई आ जाती है. महेंद्र फौजी के कहने पर उसे ढूढ़ते हुए मुन्ना भी मुंबई पहुंच जाता है. फिर महेंद्र फौजी भी अपनी टीम के साथ पहुंचता है. उसके बाद कई बनावटी दृश्य आते हैं.

फिल्म की कहानी व पटकथा में दम नहीं है. इंटरवल के बाद फिल्म का कथानक ज्यादा कमजोर है. उन्होंने एक फॉर्मूला फिल्म बनायी है. यह फिल्म टीवी के रिएलिटी शो का घटिया संस्करण है. फिल्म में नृत्य, गाना, मारामारी यही हर दस मिनट में नजर आता है. गानों में कोई दम नही है. फिल्म में नृत्य, एक्शन और कॉमेडी, मनोरंजन सब कुछ स्तरहीन है. पूरी फिल्म अवास्तविक नजर आती है. निर्देशक के तौर पर सब्बीर खान पूरी तरह से मात खा गए हैं.

जहां तक अभिनय का सवाल है तो टाइगर श्रॉफ बहुत निराश करते हैं. यूं तो फिल्म के हर दृश्य में नवाजुद्दीन सिद्दिकी, टाइगर श्रॉफ पर भारी पड़ते हैं. मगर फिल्म ‘मुन्ना माइकल’ नवाजुद्दीन सिद्दिकी के करियर की सबसे कमजोर परफॉर्मेंस वाली फिल्म है. इसकी वजह यह है कि उन्हें पटकथा की मदद नहीं मिली. फिल्म में नवाजुद्दीन के किरदार का सही ढंग से चित्रण ही नहीं है. फिल्म के किरदार में नवाजुद्दीन फिट ही नहीं होते हैं. निधि अग्रवाल के करियर की पहली फिल्म है, पर वह अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाती हैं. वह लटके झटके व अंगप्रदर्शन ही करते हुए नजर आयी हैं.

दो घंटे 29 मिनट की अवधि की फिल्म ‘‘मुन्ना माइकल’’ का निर्माण ‘‘ईरोज इंटरनेशनल’’ और नेक्स्ट जनरेशन फिल्मस’’ ने किया है. फिल्म के लेखक अमल किंग, निर्देशक सब्बीर खान, कैमरामैन हरी के वेदांतम, संगीतकार मीत ब्रदर्स, तनिष्क बागची, प्रणय, विशाल मिश्रा, जावेद मोइसीन व गौरव रोशिन तथा कलाकार हैं टाइगर श्रॉफ, नवाजुद्दीन सिद्दिकी, निधि अग्रवाल, सना सईद व अन्य.

मैं पटाखा टाइप की लड़की नहीं हूं : इलियाना डिक्रुज

तेलगू भाषा की रोमांटिक फिल्म ‘देवदासु’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली अभिनेत्री इलियाना डिक्रुज को हिंदी फिल्मों में फिल्म ‘बर्फी’ से ब्रेक मिली. ‘रुस्तम’ भी उनकी सफल फिल्म है, जिसमें उन्होंने अक्षय कुमार की पत्नी की भूमिका निभाई थी. मुंबई की इलियाना हमेशा से फिल्मों में अभिनय करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें सबसे पहले दक्षिण की फिल्मों और कई विज्ञापनों में काम करने का अवसर मिला. इसके बाद वह हिंदी फिल्मों में आईं. इलियाना काम के लिए किसी निर्माता, निर्देशक के पीछे भागती नहीं हैं जो भी काम मिलता है और भूमिका अच्छी होती है तो वह हां कर देती हैं. वह शांत और हंसमुख स्वभाव की हैं. अभी वह ‘मुबारकां’ फिल्म की प्रमोशन में व्यस्त है जिसमें उन्होंने कॉमेडी की है. उनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है अंश.

कॉमेडी में आने की इच्छा कैसे हुई? इसे निभाना कितना मुश्किल था? कितनी तैयारियां करनी पड़ी?

मैं चाहती थी कि कुछ नया करूं और मुझे मिला. कॉमेडी करना आसान नहीं होता, खासकर लोगों को हंसाना बहुत कठिन काम है. इसमें होमवर्क से अधिक मैंने निर्देशक अनीस बज्मी की कॉमिक टाइम को फॉलो किया है. इससे मुझे काफी कुछ समझ में आ गया. जिससे अभिनय करना मुश्किल नहीं था. मैं इसमें पंजाबी लड़की बिंकल की भूमिका निभा रही हूं, पहले लगा था कि पंजाबी सीखनी पड़ेगी, लेकिन लेखक बलविंदर सिंह ने बहुत ही सुंदर तरीके से मेरे संवाद लिखे हैं, जिसे बोलना कठिन नहीं था. बहुत ही मजेदार भूमिका है.

ये भूमिका आपसे कितनी मेल खाती है?

बहुत अलग है, मैं वॉयलेंट और पटाखा टाइप की लड़की नहीं हूं. मैं किसी भी हालत में किसी को मारती पिटती नहीं हूं. मुझे तब अजीब लग रहा था, जब मैं एक सीन के दौरान अर्जुन कपूर को मारती हूं, लेकिन ये दृश्य मजेदार थी. दरअसल पंजाबी कल्चर में बहुत हंसी मजाक होता है, जिसे वे एन्जॉय करते है. मुझे इस भूमिका को करने में बहुत अच्छा महसूस हुआ. मैं शूटिंग के दौरान चण्डीगढ़ गयी और वहां का खाना खायी, जो बहुत लजीज था. खासकर गरम-गरम रोटी, घी, जलेबी मुझे सबसे अच्छी लगी.

मल्टीस्टारर फिल्म में आपको काम करने का कितना मौका मिला?

ये पूरी तरह से निर्देशक पर निर्भर करता है कि वह कैसे किसी को अंत में पर्दे पर लाते हैं. इस मामले में अनीस बज्मी बहुत सही है. वे स्टोरी लाइन के हिसाब से चलते हैं. उन्होंने जो कहानी मुझे सुनाई वैसे ही शूटिंग की. इसलिए अधिक सोचना नहीं पड़ता है. उनके साथ काम करने में कभी नहीं लगा कि सेट पर हम नए हैं. इसके अलावा अभिनेता अनिल कपूर के लिए तो हर दिन नया होता है, हर दिन वे उसी उत्साह और प्यार के साथ काम करते हैं. इससे मुझे बहुत प्रेरणा मिलती थी.

आपको कॉमेडी फिल्में कितनी पसंद है? ऐसी कोई फिल्म जिसे आपने बार-बार देखी हो?

मुझे बहुत अच्छा लगता है मैंने कई पुरानी फिल्में बार-बार देखी है. ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘सत्ते पे सत्ता’ मेरी हमेशा से पसंदीदा फिल्म रही है.

आप बहुत स्पष्ट भाषी हैं, इसका असर कभी आपके करियर पर पड़ा?

बहुत बार पड़ा है, लेकिन इन सालों में मैंने देखा है कि आज के अधिकतर लोग बहुत डिप्लोमैटिक हो चुके हैं. कहते कुछ हैं और करते कुछ हैं. आज के दर्शक हर बात को समझते हैं, उन्हें कुछ भी दिखा दो वे नहीं देखते. मैं इतनी हताश नहीं हूं कि जो भी काम मिले कर लूं. मैंने अपनी शर्तों पर काम किया है. उसके लिए मुझे किसी के साथ डिनर पर जाने की जरुरत नहीं पड़ी. ये क्षेत्र प्रोफेशनल है, यहां काम भी उसी तरीके से होता है. ऐसे में जो लोग इस क्षेत्र को फैंटसी समझते हैं, उन्हें इससे निकल कर हकीकत में जीने की जरुरत है.

आपको आपकी प्रतिभा के हिसाब से काम नहीं मिला, क्या आपको इसका मलाल है?

शायद हां, मुझे कभी-कभी लगता है. ऐसा इसलिए है कि मैं किसी की गर्लफ्रेंड नहीं हूं, या मेरा कोई इंडस्ट्री में नहीं है, इस वजह से मुझे अधिक फिल्में नहीं मिलती, लेकिन मैं इस बात से खुश हूं कि मुझे यहां इज्जत बहुत मिली. मैं जानती हूं कि कोई भी मेरे साथ न तो गलत बात करेगा, न ही गलत सोचेगा. मैं अपने काम से मतलब रखती हूं और काम खत्म होने के बाद घर चली जाती हूं.

समय मिले तो क्या करती हैं?

खाना पकाती हूं. मैं मुंबई में अकेले रहती हूं. दाल, चावल, सब्जी, थाई फूड, केक्स, चोकललेट्स आदि जो भी खाने की इच्छा होती है, घर पर ही बना लेती हूं. मेरी मां बहुत अच्छा खाना बनाती हैं, मैंने उनकी ही रेसिपी को लिया है, उनसे ही खाना बनाना भी सीखा है. जब आप अकेले रहते हैं, तो सही भोजन मिलना मुश्किल होता है, ऐसे में खाना बनाना जानने पर कोई समस्या नहीं आती.

क्या कोई ड्रीम प्रोजेक्ट है?

ड्रीम तो कोई नहीं है, लेकिन मैं इतना सोचती हूं कि जो भी फिल्म साईन करूं, उसमें मेरी भूमिका एक दूसरे से अलग हो.

कोई ‘बेस्ट कॉम्प्लीमेंट’ जो हमेशा याद रहता है?

‘बादशाहो’ फिल्म के शूटिंग के दौरान अभिनेता अजय देवगन ने एक मुख्य दृश्य के बाद कहा था कि बहुत दिनों बाद मैं एक एक्टर के साथ काम कर रहा हूं. ये बात मुझे बहुत अच्छी लगी थी. जब आप अपने काम की वजह से जाने जाते हैं तो वह बहुत ही अलग अनुभव होता है.

क्या ‘रुस्तम’ की सफलता से आपको कोई फायदा हुआ?

मैं जब अपनी फिल्में देखती हूं तो बहुत सारी कमियां उसमें दिखाई पड़ती है, लेकिन इस फिल्म के बाद बहुत सारी महिलाओं ने मेरे अभिनय की तारीफ की. वह अच्छा लगा, लेकिन इंडस्ट्री से क्या मिला, ये मैं अभी तक समझ नहीं पाई.

आप इंडस्ट्री में आईं संघर्ष किया और एक मुकाम तक पहुंची हैं, क्या नयी प्रतिभाओं के लिए कोई मैसेज देना चाहती हैं?

यहां आकर मैनेजर रखना काम के लिए कोशिश करना वह सब ठीक है, लेकिन आप अपने काम के प्रति हमेशा ‘ट्रू’ रहें, क्योंकि हर एक्टर में खूबियां होती हैं, उसे पहचाने और आगे लायें.

आपके यहां तक पहुंचने में परिवार का सहयोग कितना रहा है?

मेरे परिवार का बहुत सहयोग रहा है. माता-पिता बहन सभी ने मानसिक रूप से बहुत सहयोग दिया. उनकी वजह से मैं इतनी मजबूत हूं.

पहली अभिनय कब की थी?

जब मैं केवल 16 वर्ष की थी तो एक एड फिल्म में अभिनय किया था.

इंडस्ट्री में ‘नेपोटिज्म’ है, इस पर कितना विश्वास करती हैं?

ये हर क्षेत्र में है और फिल्म इंडस्ट्री में भी है. अगर आप किसी निर्माता, निर्देशक या कलाकार के बेटे या बेटी हैं, तो आपको ऑफर जरुर मिलता है. मेरे लिए भी यही रहा है कि मैं किसी के साथ न तो डिनर पर जाती हूं और न ही किसी को घर पर ‘इनवाईट’ करती हूं, इंडस्ट्री में 5 साल होने वाला है, मैं जहां तक पहुंची हूं, इसमें खुश हूं. कुछ सालों में और आगे बढ़ जाउंगी.

आपकी मुस्कराते हुए चेहरे का राज क्या है?

मैं अपने काम से हमेशा खुश रहती हूं. दुखी वे रहते हैं, जिन्हें एक के बाद एक फिल्में करने की इच्छा होती है. वे लाइफ को सोचे बिना काम करती रहती हैं और अगर नहीं मिला, तो तनाव में चली जाती हैं. मैं जब घर पर रिलैक्स करती हूं तो अपनी मोबाइल भी बंद कर देती हूं, क्योंकि वह समय सिर्फ मेरा होता है.

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