‘बेइंतहा’ के हर्षद अरोड़ा कर रहे हैं कमबैक

देखा जाए तो इन दिनों टीवी पर ऐतिहासिक शो का बड़ा बोलवाला है. दर्शक भी ऐतिहासिक गाथा पर बने शो को देखना खूब पसंद करते हैं. खबरे आ रही हैं इस बार पर्दे पर हर्षद, ग्रेसी गोस्वामी के साथ रोमांस करते नजर आएंगे. बता दें ग्रेसी अभी केवल 15 साल की ही हैं. स्टार प्लस पर पिछले ही महीने शुरु हुए शो ‘आरम्भ’ के बाद, अब स्टार प्लस एक बार फिर से अपने दर्शकों के लिए एक और ऐतिहासिक शो ‘द किंग्स डॉटर्स’ लेकर आने वाला है.

इस शो में आपको हर्षद अरोड़ा, ग्रेसी गोस्वामी के साथ शक्ति आनंद और मौली गांगुली भी मुख्य भूमिकाएं अदा करते नजर आएंगे. फिलहाल तो इस शो का नाम अभी तक फाइनल नहीं किया गया है. बहुत जल्द चैनल, इस शो के आखिरी और फाइनल टाइटल के साथ शो का टाइम स्लॉट की भी घोषणा करेगा.

हर्षद के फैंस के लिए यह खबर किसी खुशखबरी से कम नहीं हो सकती हैं. बता दें कि बेइंतहा के बाद हर्षद एक बार फिर से कमबैक कर रहे है. इस शो में हर्षद एक योद्धा की भूमिका में नजर आएंगे. वहीं ग्रेसी गोस्वामी जो कि बालिका बधू में निम्बोली के किरदार में नजर आ चुकी हैं वह भी इसी शो के जरिए अपना कमबैक कर रही हैं.

ग्रेसी को आखिरी बार झलक दिखला जा में देखा गया और उसके बाद वह विद्या बालन स्टारर बेगम जान में नजर आईं. वह इस शो में एक राजकुमारी की भूमिका में नजर आने वाली हैं. वहीं हर्षद की बात करें तो उनसे पहले इस रोल के लिए विशाल करवाल को अप्रोच किया गया था लेकिन आखिरकार यह रोल हर्षद को मिला. इस शो में अंकित गुप्ता, नेहा सोलंकी और वाणी सूद के अपोजिट नजर आएंगे. जहां मौली गांगुली इस शो में एक रानी तो वहीं शक्ति आनंद पूरे परिवार के मुखिया के रुप में नजर आने वाले हैं.

इस शो में महत्वपूर्ण रोल अदा करने वाली नेहा सोलंकी हाल में जी टीवी के सेठजी में नजर आती हैं, वहीं वाणी सूद को श्रीदेवी स्टारर फिल्म मॉम में देखा जा चुका है. बता दें कि इस शो की शूटिंग अगले महीने से शुरु हो जाएगी. इस शो को पेनिनसूला पिक्चर्स प्रोडक्शन के तले बनाया जा रहा है.

पैसों को लेकर कभी न करें ये 5 गलतियां

पैसों को लेकर जितनी जल्दी प्लानिंग शुरू कर दी जाए, उतना बेहतर होता है. ऐसा न करने पर अक्सर बाद में पछताना ही पड़ता है.

जब हम यंग होते हैं तो लगता है कि मौज-मस्ती करने के लिए यही टाइम है. लिहाजा हमें अपनी जिंदगी जीनी चाहिए. ऐसा खासतौर पर 20-25 साल की उम्र के बीच होता है. लेकिन बाद में समझ में आता है कि समय रहते अगर पैसों की कीमत न समझी जाए तो हम बहुत कुछ अचीव करने से रह जाते हैं.

यहां जानते हैं ऐसी 5 बड़ी गलतियों के बारे में जो 20-25 साल की उम्र के दौरान युवा अक्सर करते हैं :

1. करियर के लिए सही प्लान न करना

ज्यादातर भारतीय युवा या तो डॉक्टर बनना चाहते हैं या फिर इंजीनियर. लोग अपनी रुचि‍ और कैपेसिटी को ढंग से समझ नहीं पाते हैं. नतीजा यह होता है कि कोचिंग में पैसे और अपनी मेहनत बर्बाद करने की रेस में शामिल हो जाते हैं.

इसलिए जरूरी है कि आप सही समय पर सही करियर का चुनाव करके उसी में पैसे और समय खर्च करें.

2. पैसे के लिए पैरेंट्स पर निर्भर रहना

कई लोग ऐसे होते हैं जो खुद कमाने के बावजूद अपने पैरेंट्स का सहारा पूरी तरह से छोड़ नहीं पाते. ऐसा अक्सर पहली और दूसरी जॉब में होता है कि यंगस्टर्स रहने, खाने और बाकी के शौक को पूरा करने में सारी सैलरी महीना खत्म होने से पहले ही खर्च कर देते हैं और फिर पैरेंट्स से मांगते है. ऐसी नौबत न आए इसके लिए जरूरी है मनी मैनेजमेंट सीखना.

3. लगातार बचत न करना

पहली और दूसरी जॉब के दौरान या फिर कॉलेज लाइफ में भी पैसे बचाने के प्रति हमेशा एक जिम्मेदारी होनी चाहिए. बहुत से लोग एक महीने बचाते हैं और दूसरे महीने नहीं. ऐसी लापरवाही के चलते उनका सेविंग अकाउंट खाली रहता है और जरूरत के समय उनके पास कुछ नहीं होता. इसकी एक वजह जरूरत की चीजों में खर्च करने की जगह फालतू खर्च करना भी है.

4. प्रैक्टिकल फाइनेंस और मनी मैनेजमेंट न समझना

फाइनेंस की प्रैक्टिकल नॉलेज का होना बेहद जरूरी है. आपको यह पता होना चाहिए कि छोटी-छोटी बचत करके ही आगे आप घर और कार जैसी चीजें खरीदने लायक हो पाते हैं. इसके लिए कुछ फाइनेंशियल ब्लॉग आदि पढ़ते रहना चाहिए जिससे निवेश के मुनाफे वाले तरीकों से वाकिफ रहें.

5. दूर की न सोचना

 आमतौर पर यंगस्टर्स आज में जीने में विश्वास रखते हैं और कल की चिंता नहीं करना चाहते. लेकिन यही गैर जिम्मेदाराना अंदाज उन्हें बाद में पछताने पर मजबूर कर देता है. कुछ समय बाद एहसास होता है कि पहले बचत की सोचने वाले दोस्त आज प्रॉपर्टी और कार के मालिक हो चुके हैं और वे वहीं के वहीं रह गए हैं.

उम्र बढ़ाती है एक कप कॉफी

एक शोधकर्ता बताते हैं कि दिन भर में तीन बार कॉफी पीने से आपकी आयु लंबी हो सकती है. यहां हम आपको बता देना चाहते हैं कि ये शोध यूरोप के दस देशों के करीब पांच लाख लोगों पर किया गया, जो कि 35 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के साथ था.

एक जर्नल में छपे शोध के मुताबिक एक कप अतिरिक्त कॉफी पीने से किसी इंसान की आयु लंबी हो सकती है. भले ही यह कॉफी डिकैफिनेटेड (कैफिन निकाला गया) ही क्यों ना हो.

लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने शोध के नतीजों पर शंका जाहिर की है. इन विशेषज्ञों का कहना है कि यह दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है कि कॉफी की ही वजह से ही ऐसा हुआ है या फिर कॉफी पीने वाले लोगों के स्वस्थ जीवनशैली के कारण.

हालांकि ये शोध बहुत सलीके से औऱ बिल्कुल सही तरीके से किये जाते हैं और समय समय पर इनसे संबंधित लेख भी छपते रहते हैं, लेकिन फिर भी आपको सावधान रहने की जरुरत है. अब इन शोधों ये भी पता नहीं चल सकता कि कॉफी के अंदर ऐसा क्या जादुई तत्व है, जिससे कि आयु बढ़ती है.

कई शोधकर्ताओं का कहना है कि अधिक कॉफी पीने का ताल्लुक दिल और आंत की बीमारी से मरने का जोखिम कम होने से है. अगर कॉफी की वजह से मृत्यु की दर में कमी का आकलन किया जाए तो एक अतिरिक्त कप कॉफी हर दिन पीने से मर्दों की उम्र तीन महीने ज्यादा हो सकती है, जबकि औरतों की आयु औसतन एक महीने बढ़ जाती है.

बारिश तो कभी तेज धूप से त्वचा पर पड़ रहा असर?

गर्मियों में चिलचिलाती धूप और अब हर दम होने वाली वारिश से आपकी त्वचा को नुकसान तो होता ही है. बार-बार इस बदलते मौसम के कारण त्‍वचा अक्‍सर काली पड़ जाती है. सनस्‍क्रीन और छाता प्रयोग करने के बावजूद सूरज की यूवी किरणें अपना असर दिखा जाती हैं. नतीजतन आपको स्किन टैन की समस्‍या हो सकती है. स्किन टैन में त्‍वचा जगह-जगह से काली पड़ जाती है. घरेलू उपायों से टैनिंग की समस्‍या से बचा जा सकता है.

नींबू का रस, बादाम तेल और शहद आपकी त्‍वचा के निखार को वापस लौटा सकते हैं. बहुत से लोगों को यह जानकारी नहीं होती कि नहीं जानते कि शुगर आपकी त्‍वचा को साफ करती हैं और नींबू का रस टैन को कम करता है. बटर मिल्‍क त्‍वचा को मुलायम बनाता है और नारियल पानी से चमक आती है. इस खबर के जरिए हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे फेसपैक, जिन्‍हें आप घर में बनाकर टैन से छुटकारा पा सकती हैं.

खीरा और गुलाब जल

गुलाब जल और खीरे के रस को नींबू में मिलाकर चेहरे पर लगाएं. ऐसा करने से आपको स्किन टैन की समस्‍या में राहत मिलेगी. नींबू का रस टैन के उपचार में कारगर होता है. गुलाब जल और खीरे का रस चेहरे को ठंडक देने के साथ ही यूवी किरणों से बचाव करता है.

शहद और नींबू का रस

दो चम्‍मच शहद में कुछ बूंदें नींबू का रस मिलाकर दिन में दो बार चेहरे पर लगाएं. आधे घंटे बाद ठण्‍डे पानी से अपना चेहरा धो लें. इससे आपका चेहरा निखर जाएगा. आप चाहें तो इस मिश्रण को दो से ज्‍यादा बार भी लगा सकती हैं. इससे आपको फायदा ही होगा. शहद जहां आपके चेहरे को जरूरी पोषण देता है, वहीं नींबू का रस त्‍वचा से मैल हटाने का काम करता है.

हल्‍दी का उबटन

हल्‍दी के उबटन से त्‍वचा की खोई हुई रंगत वापस लौटती है. इससे आपकी त्‍वचा गोरी लगती है. उबटन तैयार करने के लिए हल्‍दी पाउडर में नींबू का रस और कच्‍चा दूध मिलाकर पेस्‍ट तैयार कर लें. चेहरे पर लगाने के बाद सूखने तक इंतजार करें. अब इसे ठंडे पानी से धो लें.

ओट्स और बटर मिल्‍क पैक

बटर मिल्‍क त्‍वचा को शुष्‍क और मुलायम बनाता है. एक चम्‍मच पिसे हुए ओट्स को बटरमिल्‍क में मिलाकर पेस्‍ट तैयार करें. इस पेस्‍ट को अपने चेहरे और शरीर के टैन प्रभावित हिस्‍से पर लगाएं. ओट्स पुरानी पड़ चुकी स्किन को अलग करता है और आपकी त्‍वचा में निखार लाता है.

दही और बेसन

ताजे दही में बेसन और नींबू का रस मिलाकर लगाने से त्‍वचा में रंगत आती है. यदि आप इस मिश्रण को नियमित तौर पर दो बार लगाती हैं तो आपको स्किन टैन से छुटकारा मिलेगा. साथ ही यदि आपके चेहरे पर मुंहासों आदि के निशान हैं तो वे भी हल्‍के पड़ जाएंगे.

नींबू रगड़ने से उपचार

यदि आप अपनी कोहनी और घुटनों के साथ ही शरीर के अन्‍य हिस्‍सों को मुलायम व साफ रखना चाहती हैं तो नींबू बहुत फायदेमंद रहता है. ताजा नींबू लेकर उसे अपने शरीर के प्रभावित हिस्‍से में 15 मिनट तक रगड़ें. पूरी तरह सूखने के बाद इसे साफ पानी से धो लें.

नारियल पानी

ताजे नारियल पानी से त्‍वचा के रंग में निखार आता है और त्‍वचा मुलायम बनती है. इसे दिन भर में दो बार हाथों और चेहरे पर लगाना फायदेमंद रहेगा. इसके साथ ही नारियल पानी पीने से त्‍वचा को जरूरी पोषण मिलता है और यह खिल उठती है.

मिल्‍क पाउडर और शहद

मिल्‍क पाउडर, नींबू का रस, बादाम तेल और शहद को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर एक मिश्रण तैयार कर लें. चेहरे या शरीर के प्रभावित हिस्‍से में कम से कम 20 मिनट तक लगाएं. लगातार एक हफ्ते तक इस्‍तेमाल करेंगी तो टैन की समस्‍या में आराम मिलेगा. घर पर आपका ज्‍यादा समय व्‍यतीत होता है तो आप इसे दिन में तीन बार भी ट्राई कर सकती हैं.

नींबू और चीनी

चीनी के प्रयोग से भी आपकी त्‍वचा में निखार आता है. पिसी हुई चीनी को नींबू के रस में मिलाकर चेहरे पर 20 मिनट के लिए लगाएं. यदि आपकी शुष्‍क त्‍वचा है तो इस मिश्रण में कुछ बूंद ग्‍लिसरीन की मिलाने के बाद चेहरे पर लगाएं.

उबला हुआ आलू और नींबू

स्किन के टैनिंग का शिकार होने पर उबले हुए आलू में आधा चम्मच नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाएं. इससे स्किन का कालापन दूर होगा. सेब के रस में दो-तीन बूंद गुलाब जल मिलाकर लगाने से डस्की कलर भी फेयर होने लगता है.

इन सबके अलावा संतुलित भोजन भी आपकी त्‍वचा के लिए बेहद जरूरी होता है. अपने भोजन में अनार,गाजर, साबुत अनाज जैसे तत्‍वों को शामिल करें. इसके साथ ही तेज धूप में बाहर निकलने से बचें. दो साल से बड़े बच्चों पर सनस्क्रीन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

हिट फिल्म देने के बाद भी फ्लॉप हो गई ये एक्ट्रेस

80 के दशक में बॉलीवुड में कई हीरोइनों ने एंट्री की थी. उस वक्त मंदाकिनी और दिव्या राणा जैसी नई हीरोइनों ने भी फिल्मों में कदम रखा था. ये दोनों हीरोइनें फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में साथ नजर आईं.

फिल्म तो हिट हुई लेकिन दिव्या सुर्खियों में नहीं आ पाईं. फिल्म का सारा क्रेडिट मंदाकिनी ले गईं. इस फिल्म में एक्टर राजीव कपूर लीड रोल में थे और दिव्या के साथ उनकी ये दूसरी फिल्म थी.

दिव्या की पहली फिल्म ‘एक जान हैं हम’ बॉक्स ऑफिस पर ये औंधे मुंह गिरी थी. फिल्म तो खैर चली ही नहीं, राजीव कपूर और दिव्या राणा को भी लोगों ने पसंद नहीं किया, लेकिन राजीव के पिता राज कपूर ने दोनों को लेकर ‘राम तेरी गंगा मैली’ बनाई थी.

गौरतलब है कि फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ जबरदस्त हिट रही लेकिन दिव्या के करियर कोई फायदा नहीं पहुंचा पाई. दिव्या जैसे तैसे आगे बढ़ती रहीं. उन्होंने ‘वतन के रखवाले’, ‘एक ही मकसद’, ‘आसमां’ और ‘मां कसम’ जैसी फिल्मों में काम किया. लेकिन उनके हाथ सफलता नहीं मिली.

इतनी फिल्मों के बाद भी दिव्या राणा लोगों की नजरों में नहीं आईं और जिस सफलता और शोहरत का सपना लेकर वो फिल्मों में आईं थी वो उनसे दूर ही रही.

इसके बाद दिव्या राणा ने फिल्में छोड़ दीं.दिव्या राणा ने फिल्में छोड़ने के बाद शादी कर ली. शादी के बाद उन्होंने अपना नाम भी बदलकर सलमा मनेकिया रख लिया है.

..तो ऑफ एयर हो जाएगा ‘द कपिल शर्मा शो’!

एक वक्त था जब ‘कपिल शर्मा शो’ हर घर का सबसे चहेता शो हुआ करता था और इसकी टीआरपी तक पहुंच पाना किसी और के लिए इतना आसान न था, लेकिन पिछले कुछ समय से इसमें जबरदस्त गिरावट नजर आई है. हालांकि, हाल में यह भी सुनने को आया कि इस शो ने फिर से रफ्तार पकड़ी है लेकिन अब खबर आ रही है कि सोनी कपिल शर्मा के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर सकता है.

सुनील ग्रोवर के जाने की वजह से शो की टीआरपी को खासा नुकसान झेलना पड़ा था और यह शो टीआरपी रेटिंग्स में ऑल टाइम लो पर भी चला गया था.

इसके बाद से ही मीडिया रिपोर्ट्स में शो के ऑफएयर होने को लेकर दावा किया जा रहा था. हालांकि, चंदन प्रभाकर की वापसी और भारती सिंह के शो को ज्वाइन करने की वजह से टीआरपी में थोड़ा सुधार देखने को मिला था. पर अब एक बार फिर कपिल शर्मा का शो टॉप 10 से बाहर हो गया है और यह 14वें पायदान पर पहुंच गया है.

सूत्रों की मानें तो सोनी टेलीविजन कपिल शर्मा के साथ अपना कॉन्ट्रेक्ट खत्म कर सकता है. आपको बता दें कि कपिल शर्मा का सोनी टीवी के साथ कॉन्ट्रेक्ट अप्रैल में ही खत्म हो चुका है और चैनल ने इसे बढ़ाने को लेकर अब तक कोई भी फैसला नहीं लिया है.

रिपोर्ट में सोर्स के हवाले से बताया गया है कि कपिल शर्मा के कॉन्ट्रेक्ट को नहीं बढ़ाने की एक वजह उनकी हेल्थ भी हो सकती है. पिछले कुछ महीनों में कपिल शर्मा कई बार अपने शो के सेट पर ही बीमार हो चुके हैं. हाल ही में फेसबुक लाइव के दौरान कपिल शर्मा ने कहा था कि वह शो को लेकर स्ट्रेस में चल रहे हैं जिसका असर उनकी हेल्थ पर पड़ रहा है.

टीआरपी के अलावा इन दिनों कपिल शर्मा की तबीयत भी खराब चल रही है. गौरतलब है कि हाल ही में ‘मुबारकां’ की पूरी टीम शो के सेट पर से वापस लौट आई, क्योंकि कपिल शर्मा की तबीयत अचानक बिगड़ी और बताया गया था कि उन्हें हॉस्पिटल ले जाना पड़ा था. इस टीम में अनिल कपूर, अर्जुन कपूर और आथिया शेट्टी जैसे सितारे मौजूद थे. इससे पहले भी दो बार वह सेट पर बेहोश हो चुके हैं. एक बार ‘गेस्ट इन लंदन’ की टीम को भी उनकी खराब तबीयत की वजह से बिना शूट के ही वहां से वापस लौटना पड़ा था. इतना ही नहीं शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा जैसे सुपरस्टार ‘जब हैरी मेट सेजल’ को प्रमोट करने के लिए सेट पर पहुंचे तो उन्हें भी बिना शूट के वापस लौटना पड़ा और उनसे कहा गया कि कपिल की तबीयत की वजह से शूटिंग नहीं हो रही.

हालांकि, इस बीच में खबर यह भी आई कि कपिल अपनी अगली फिल्म ‘फिरंगी’ के शूट में भी व्यस्त चल रहे हैं. अब देखना है कि कपिल के इस शो के साथ सोनी का क्या फैसला आता है!

दुनिया में भेदभाव लाने वाला धर्म ही है

विश्व हिंदू परिषद संगठन अकसर हिंदू राष्ट्र की बात करता रहता है और इसीलिए मुसलिमों व ईसाइयों को वापस हिंदू बनाने का सुझाव देता है. देश के 16-17% मुसलिम व ईसाई (पाकिस्तान व बंगलादेश में रह गए मुसलिमों के अतिरिक्त) कैसे घर वापसी करेंगे और क्यों करेंगे, यह विश्व हिंदू परिषद संगठन न बताता है और न असल में जानता है. उसे यह जानने की जरूरत भी नहीं है कि आखिर इस भारतीय उपमहाद्वीप में इतने मुसलिम आ कहां से गए और आखिर मुसलिम राजाओं ने सभी को मुसलमान क्यों न बना लिया.

विश्व हिंदू परिषद जैसे संगठनों की नजर में मुसलिम व ईसाई नहीं हैं, केवल हिंदू हैं. वे हिंदुओं को भड़का कर, उन्हें इस घर वापसी की मुहिम के लिए चंदा देने के लिए उकसाते रहते हैं ताकि उन के नेताओं, महंतों, संतों, पंडों का हलवापूरी सुरक्षित रहे.

जो अंधविश्वास, पोंगापंथी मुसलिमों व ईसाइयों में है वही हिंदुओं में भी है, तो कोई क्यों हिंदू बनेगा? हिंदू समाज कोई बहुत उदार, वैज्ञानिक और तार्किक तो है नहीं. जिस तरह के बेमतलब के रीतिरिवाज हिंदुओं में हैं वैसे ही दूसरों में भी हैं. अल्पसंख्यक होने का भी कोई नुकसान नहीं, क्योंकि हिंदुओं में हरकोई एक तरह से अल्पसंख्यक है.

हिंदुओं में ब्राह्मण अपनी जगह अल्पसंख्यक है. रोटीबेटी के संबंध एक ही जाति में बनते हैं यह आज किट्टी पार्टी तक में देखा जा सकता है. विवाहों में अकसर एक ही जाति के लोगों का जमघट होता है. दोस्ती भी जाति देख कर होती है. व्यवसाय, नौकरी भले जाति को भुला कर कर लें पर मन में अल्पसंख्यक भाव तो रहता ही है.

औरतें तीनों मुख्य धर्मों में एक तरह से दूसरे दर्जे की हालत में हैं. वे पतियों की तो गुलाम हैं ही, रीतिरिवाजों की भी गुलाम हैं. कहीं बुरका है, कहीं चर्च जाने की बाध्यता है, तो कहीं मंदिरों में लाइनों में लगने की जबरन परंपरा है. तो फिर इस घर वापसी से क्या होगा? कौन से लड्डूपेड़े मिलेंगे.

हर धर्म में तलाक है. हर धर्म में औरतों को पति की मार खानी पड़ती है. धर्म लड़कियों को सुरक्षा नहीं दे पाया है और रेपिस्ट हर धर्म में मिल जाएंगे. शिक्षा का स्तर हर धर्म में घर की अपनी आर्थिक स्थिति पर निर्भर है, धार्मिकसामाजिक नियमों पर नहीं. विरासत के कानून चाहे कुछ भी हों, हर धर्म की औरतों के पास पैसा न के बराबर है. तो फिर कैसी घर वापसी?

घर वापसी तो भटके लोगों की होती है पर जब भटक कर भी खंडहर में रहना है, घर लौट कर भी वैसे ही गंदे, बदबूदार खंडहर में रहना होगा तो फिर कैसा घर और कैसी वापसी? गनीमत है कि इन छोटे संगठनों की बातें आमतौर पर नकार दी जाती हैं और जबरन कुछ नहीं करा जा रहा है. दुनिया में भेदभाव लाने वाला धर्म है. असल घर वापसी तो धर्म छोड़ना ही होगा पर धर्म छोड़ने की सलाह देने व वकालत करने वालों को यह काम कर के पैसा नहीं मिलता. वे तो चुपचाप काम करते हैं, किसी झमेले में नहीं पड़ते.

गर्भपात पर सरकारी हस्तक्षेप क्यों

सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है कि मैडिकल टर्मिनेशन औफ प्रैगनैंसी ऐक्ट को संशोधित कर के और भी लचीला बनाया जाए और गर्भवती औरत के सुखदुख की भी सोची जाए. यह सुझाव अच्छा है पर बहुत कम है. असल में गर्भपात पर औरत का अपना अधिकार होना चाहिए और यह फैसला कि गर्भपात कब करा जाए डाक्टर और गर्भवती के बीच होना चाहिए. यदि हाथ में फोड़ा हो जाए और गैंगरीन होने का डर हो तो हाथ काटने का फैसला डाक्टर और मरीज का है, सरकार बीच में कहां से आ गई?

आजकल स्तन व गर्भाशय कैंसरों की बाढ़ सी आई हुई है और डाक्टर मरीज की सहमति से बिना सरकारी अनुमति से उन्हें निकाल सकते हैं. गर्भस्थ शिशु की भी यही स्थिति है. वह औरत का अंग है, सरकार का नहीं और केवल धार्मिक कारणों से सरकारों ने इस में दखल दे रखा है. अनचाहे गर्भ का गर्भपात जीव हत्या नहीं है, एक अनचाही बीमारी से छुटकारा है.

बच्चों के लिए तो लोग तरसते हैं. आईवीएफ का उद्योग आज अरबों रुपयों का है. लाखों युगल बच्चा पाने के लिए डाक्टरों के आगे कतारें लगाए खड़े रहते हैं. बहुत से तो स्वामियों, साधुओं और मुल्लाओं से आशीर्वाद तक ले आने में नहीं हिचकते कि असल में पिता चाहे कोई हो नाम तो पति का ही होगा. ऐसे में जहां निपूती को समाज में हेय दृष्टि से देखा जाता हो वहां बच्चों को कोई अकारण ही मरने थोड़े देगा.

यह न सोचें कि छूट देने पर लोग हजारों की तादाद में गर्भ गिराने लगेंगे. यह तो अपवाद के रूप में ही होगा जब किसी कारण 20 सप्ताह से ज्यादा देर होने लगे. गर्भपात जितनी देर से होता है, उतना जोखिम बढ़ जाता है और यह डाक्टर व गर्भवती दोनों जानते हैं. गर्भ से छुटकारा केवल विशेष परिस्थितियों में लिया जाता है.

गर्भपात तभी कराया जाता है जब अनिवार्य हो. विवाहपूर्व गर्भ ठहरा हो या 2 बच्चों के होने के बाद ठहरा हो या फिर किसी तरह से पराए का हो तभी गर्भपात की नौबत आती है. यह फैसला 20 सप्ताह में करा जाए या 30 में या फिर 40 में, उसे डाक्टर और महिला पर छोड़ दें. अगर बच्चे के गर्भपात के कारण गर्भवती महिला की मृत्यु का अंदेशा हो तो भी फैसला उन दोनों का है, क्योंकि यह गर्भवती ही जानती है कि अगर बच्चा हो गया तो क्या परिणाम होगा. उस बच्चे को कूड़ा घर में मरने के लिए छोड़ देना सही नहीं, औपरेशन टेबल पर उस का अंत ज्यादा उचित है.

आजकल मैडिकल कारणों से भी यदि बच्चे का नियत अवधि के बाद गर्भपात कराना हो तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है जहां जहांगीरी घंटी से काम नहीं चलता लाखों का वकील करना पड़ता है. एक तो अनचाहा गर्भ, फिर गर्भपात का खर्च और फिर ऊपर से कानूनी खर्च. इन सब का औचित्य क्या है?

असल में सरकार को गर्भपात को अपराधों की श्रेणी में रखना ही नहीं चाहिए और गर्भ को मुक्ति देनी चाहिए. मिसकैरिज और मैडिकल टर्मिनेशन में कोई अंतर नहीं.

क्या आप भी फेसवॉश से धोती हैं अपना चेहरा!

आमतौर पर चेहरा साफ करने के लिए हम फेसवॉश या साबुन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन क्या आप जानती हैं साबुन और फेसवॉश में कई ऐसे रसायनिक तत्व होते हैं जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं? इससे त्वचा रूखी-बेजान हो सकती है. साथ ही इनके बहुत अधिक इस्तेमाल से झुर्रियां भी जल्दी पड़ जाती हैं.

फेसवॉश और साबुन में मौजूद रसायनिक तत्व त्वचा से नेचुरल ऑयल सोख लेते हैं जिससे त्वचा बेजान नजर आने लगती है. ऐसे में चेहरे को साफ करने के लिए आप घरेलू उपाय अपना सकती हैं. इनके इस्तेमाल से चेहरे की सफाई तो होती ही है साथ ही त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं भी दूर हो जाती हैं.

चेहरे की सफाई के लिए साबुन या फेसवॉश की जगह आप इस्तेमाल कर सकती हैं ये घरेलू उत्पाद.

दूध

त्वचा की सफाई के लिए कच्चे दूध का इस्तेमाल करना बहुत अच्छा है. इससे डेड स्क‍िन तो साफ हो ही जाती है साथ ही त्वचा की नमी भी बरकरार रहती है. ये एक नेचुरल क्लींजर है.

चीनी

चीनी के इस्तेमाल से भी आप साफ त्वचा पा सकती हैं. चीनी को महीन पीस लें और और इससे चेहरे की सफाई करें. चीनी डेड स्क‍िन को साफ करने में मददगार है. आप चाहें तो चीनी और एलोवेरा को एकसाथ मिलाकर चेहरे की सफाई कर सकती हैं.

पपीता

पपीते में मौजूद कैरोटेनॉएड्स और विटामिन नेचुरल क्लींजर की तरह काम करते हैं. इससे त्वचा पर निखार आता है. पपीते के कुछ टुकड़ों को शहद के साथ मिलाकर हल्के हाथों से चेहरे की मसाज करें. इससे चेहरा तो साफ होगा ही साथ ही झांइयों की समस्या में भी फायदा होगा.

शहद

शहद का इस्तेमाल कई तरह की स्किन प्रॉब्लम को दूर करने के लिए किया जाता है. ये त्वचा की नेचुरल नमी को खोने नहीं देता. साथ ही ये त्वचा को साफ भी करता है. शहद की कुछ बूंदें हाथ में लेकर उससे मसाज करें. कुछ देर के लिए इसे यूं ही छोड़ दें. उसके बाद चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें.

नारियल तेल

नारियल तेल से मसाज करना बहुत फायदेमंद है. इससे त्वचा की नमी बनी रहती है और रोम छिद्रों में मौजूद गंदगी भी साफ हो जाती है.

सावन के महीने की खास डिश घेवर

सावन का महीना हो और आप घेवर ना खाएं ऐसा तो हो ही नहीं सकता. अब तक आप बाजार का घेवर खाती होंगी. इस बार कुछ नया ट्राई करें और घर पर ही बनाएं घेवर

सामग्री

मैदा – 250 ग्राम

देशी घी – 50 ग्राम

दूध – 50 ग्राम

पानी – 800 ग्राम या 4 कप

घी या तेल – घेवर तलने के लिये

चाशनी के लिए

चीनी – 400 ग्राम

पानी – 200 ग्राम या 1 कप

विधि

मैदा छान कर किसी बर्तन में रख लीजिये. अब घी को किसी बड़े बर्तन में डाल कर उसमें बर्फ के टुकड़े डालकर हाथ से फेटिये. तब तक फेंटते रहिए जब तक घी क्रीम जैसा ना बन जाए. अब बर्फ के टुकड़े निकाल दीजिये और घी को एक दम चिकनी क्रीम बनने तक फेटते रहिए.

इसके बाद इस क्रीम में मैदा थोड़ी थोड़ी डाल कर फेटते जाइये. मिश्रण गाढ़ा होने पर दूध मिला दीजिये और थोड़ा थोड़ा पानी डाल कर खूब फेंटिये. मैदा डालकर अच्छी तरह मिलाइये और फेट कर चिकना गाढ़ा बैटर बना लीजिये.

अब इस बैटर में थोड़ा थोड़ा करके इतना पानी डालिये कि इतना पतला हो जाए कि चमचे से घोल गिराने पर पतली धार से गिरे और घोल एकदम चिकना हो उसमें कोई गुठली न रहे.

अब कढ़ाई में करीब आधा से कम ऊंचाई तक घी भर कर गरम कीजिये. घी इतना गरम हो कि मैदा की कोई भी बूंद घी में गिरे तो वह तुरन्त ऊपर उठकर तैरने लगे. अब मैदा का घोल किसी चमचे में भर कर बहुत ही पतली धार से इस गरम घी में डालिये, घोल डालने पर घी से झाग ऊपर उठते दिखाई देने लगते हैं. दूसरा चमचा घोल डालने के लिये 1-2 मिनट रुकिये, ताकि झाग खतम हो जायें.

अब फिर से दूसरा चमचा घोल भरकर बिलकुल पतली धार से घी में डालिये. इसी तरह आप जितना बड़ा घेवर बनाना चाहते हैं उसके हिसाब से उतनी बार घोल आप भगोने में डालेंगे, घोल को भगोने के बीच में डाला जाता है, यह घोल नीचे तले में जाता और तैर कर वापस ऊपर आता है और पहली परत के ऊपर पहुंच कर परत बनाता है.

यदि घेवर में बीच में जगह न रहे तो चमचे की पतली डंडी से बीच से घोल हटाकर थोड़ी जगह बना दें. इसी जगह से घोल को डालते रहिये जब तक सही आकार में घेवर ना बने.

जब आपको लगे कि इतना बड़ा घेवर सही है तब गैस को मीडियम कर दीजिये और हल्‍का गोल्‍डन ब्राउन ब्राउन होने तक सिकने दीजिये.

अब घेवर को किसी लकड़ी या स्टील की पतली छड़, या कलछी को उलटा पकड़ कर उसे छेद में अटका कर एक कगरदार गहरी थाली में तिरछा रखिए. ताकि घेवर से निकला अतिरिक्‍त घी निकल कर उस थाली में इकठ्ठा हो जाय. इसी तरह सारे घेवर तल कर निकाल लीजिये.

अब 2 तार की चीनी की चाशनी बनायें इसके लिए एक भगोने में चीनी में 1 कप पानी डाल कर गैस पर रखिये. उबाल आने के बाद 5-6 मिनट तक पकाइये. इसके बाद चाशनी को चम्मच से लेकर एक बूंद किसी प्लेट में गिराइये और हल्‍का ठंडा होने पर उंगली और अंगूठे के बीच चिपका कर देखिये. अगर वह उंगली और अंगूठे के बीच चिपक के और 2 तार बनें तो समझिए चाशनी तैयार है.

चाशनी को छूने लायक ठंडा कीजिये और एक थाली लीजिये, थाली के ऊपर एक प्याली रख लीजिये, एक घेवर लेकर प्याली के ऊपर रखिये और चाशनी को चमचे से घेवर के ऊपर फैला कर डालिये. तैयार घेवरों को हवा में 1 घंटे सूखने दीजिये. आपके घेवर तैयार हैं इन पर रबड़ी और कतरे हुये सूखे मेवे लगाकर सर्व कीजिए.

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