कुछ ऐसे करें एक्वेरियम की साफ-सफाई

बहुत-से लोगों को अपने घर में फिश एक्वेरियम रखने का शौक होता है. इससे घर की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है. घर में एक्वेरियम रखने से मन को शांति और सुकून मिलता है. अधिकतर लोग इसे कमरे, लॉबी या डाइनिंग हॉल में रखना पसंद करते हैं. ऐसे में इसकी साफ-सफाई रखना बहुत जरूरी होता है.

एक्वेरियम को साफ करने के लिए काफी सावधानी बरतनी पड़ती है ताकि एक्वेरियम टूट ना जाए. आईए जानें इसे साफ करने के तरीका.

– एक्वेरियम को साफ करने में कम से कम 1-2 घंटे लग जाते हैं इसलिए आराम से इसके लिए समय निकालें.

– सफाई शुरू करने से पहले एक्वेरियम का फिल्टर सिस्टम, लाइटिंग और हीटर को बंद कर दें ताकि साफ करते वक्त करंट न लगे.

– एक्वेरियम में लगे आर्टिफिशल पौधों को बाहर निकालें और साफ करें.

– इसके बाद बाल्टी में आधा पानी निकाल लें लेकिन ध्यान रखें कहीं मछलियों को कोई नुकसान न हो.

– धीरे-धीरे सारी मछलियों को नेट की मदद से बाहर निकालें और बाल्टी में रख दें.

– एक्वेरियम से सारा पानी निकालने के बाद इसकी अच्छे से सफाई करें. पानी की वजह से एक्वेरियम में काई जम जाती है इसलिए स्पंज की मदद से दीवारों को साफ करें.

– साफ पानी से एक्वेरियम को धोएं और कपड़े से अच्छे से सूखा लें.

– इसके बाद सारी चीजें अपनी जगह पर टिका दें और एक्वेरियम में साफ पानी भरें और मछलियों को बड़ी सावधानी से उसमें डालें.  

पचमढ़ी जहां मन हो जाए मदमस्त

इतिहास और खूबसूरती का अद्भुत रंग समेटे मध्य प्रदेश के हिल स्टेशन पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी के नाम से भी जाना जाता है. प्रदेश के होशंगाबाद जिले में सतपुड़ा की पहाडि़यों के बीच पहाड़ों और जंगलों से घिरे हिल स्टेशन पचमढ़ी में पर्यटकों को कश्मीर जैसी खूबसूरती व नेपाल की शांति मिलती है.

अगर आप भी कुदरत के सौंदर्य को नजदीक से निहारना चाहते हैं तो सुकून और प्रदूषणरहित वातावरण से भरपूर पचमढ़ी एक बेहतर प्लेस है. यहां की खूबसूरती और आबोहवा सिर चढ़ कर बोलती है. खुशबूदार हवा, फाउंटेन, मनमोहक पेड़पौधे, पहाड़ और दूरदूर तक फैली हरियाली आंखों के सामने नैसर्गिक सौंदर्य का संसार प्रस्तुत करते हैं. यहां का तापमान सर्दी में 4.5 डिगरी सैल्सियस और गरमी में अधिकतम 35 डिगरी सैल्सियस होता है.

यहां आप वर्ष भर किसी भी मौसम में जा सकते हैं. यहां की गुफाएं पुरातात्त्विक महत्त्व की हैं क्योंकि यहां की गुफाओं में शैलचित्र मिले हैं. यहां की प्राकृतिक संपदा को पचमढ़ी राष्ट्रीय उद्यान के रूप में संजोया गया है. पर्यावरण की दृष्टि से पचमढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए यहां पौलिथीन का उपयोग नहीं करने दिया जाता.

दर्शनीय स्थल

पांडव गुफा

पचमढ़ी की एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित 5 गुफाओं को पांडव गुफा के नाम से जाना जाता है. माना जाता है कि ये गुफाएं गुप्तकाल की हैं और इन्हें बौद्ध भिक्षुओं ने बनवाया था. ऐसी भी मान्यता है कि 5 पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इन गुफाओं में कुछ समय बिताया था. गुफा के ऊंचाई पर स्थित होने के कारण यहां से पूरी पचमढ़ी के सौंदर्य को निहारा जा सकता है.

अप्सरा विहार

पांडव गुफा से आगे 30 फुट गहरा एक ताल है जहां नहाने और तैरने का आनंद लिया जा सकता है. बच्चों के साथ घूमने के लिए यह एक बेहतरीन पिकनिक स्पौट है.

रजत प्रपात

अप्सरा विहार से आधा किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस प्रपात से 350 फुट की ऊंचाई से गिरता इस का पानी एकदम दूध की तरह दिखाई देता है. अपने साथ एक जोड़ा कपड़ा ले जाएं ताकि इस प्रपात में स्नान कर सकें.

हांडी खोह

300 फुट गहरी यह खाई पचमढ़ी की सब से गहरी खाई है. खाई का अंतिम छोर जंगल के ऊंचेऊंचे पेड़ों के कारण दिखाई नहीं देता. घने जंगलों में ढकी इस खाई के आसपास कलकल बहते झरनों की आवाज सुनना अद्भुत आनंद देता है. ऊपर से देखने पर एक रोमांचभरी सिहरन पैदा होती है. स्थानीय लोग इसे अंधी खोह के नाम से भी पुकारते हैं. यहां बनी रेलिंग प्लेटफौर्म से पूरी घाटी का नजारा दिखाई देता है.

धूपगढ़

धूपगढ़ सतपुड़ा रेंज की सब से ऊंची चोटी है. यहां से सनसैट का व्यू काफी सुंदर दिखाई देता है. धूपगढ़ तक जाने के लिए अंतिम 3 किलोमीटर का रास्ता काफी घुमावदार है. बादलों के बीच में ही धीरेधीरे मलिन होते सूरज को देखना एक अनोखा अनुभव होता है.

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान

524 वर्ग किलोमीटर में फैले इस उद्यान की स्थापना 1981 में हुई थी. प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह उद्यान जहां चीड़, देवदार, सफेद ओक, यूकेलिप्टस, गुलमोहर और अन्य छोटेबड़े वृक्षों से ढका हुआ है वहीं यहां आप को बाघ, तेंदुआ, सांभर, चीतल, गौर, चिंकारा, भालू और रंगबिरंगे पक्षियों के भी दर्शन हो जाएंगे.

डचेश फौल्स

यह पचमढ़ी का सब से दुर्गम स्पौट है. यहां पहुंचने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है. 700 मीटर का रास्ता जहां घने जंगलों के बीच से पार करना पड़ता है वहीं करीब 800 मीटर का रास्ता पहाड़ पर से सीधा ढलान का है, इसलिए काफी संभलसंभल कर चलना पड़ता है. लेकिन नीचे उतरने के बाद फौल में नहाने से सारी थकान पल में छूमंतर हो जाती है.

इस का नाम बी फौल्स इसलिए पड़ा क्योंकि पहाड़ी से गिरते समय यह झरना बिलकुल मधुमक्खी की तरह दिखता है. यहां आते समय अपने साथ स्पोर्ट्स शूज लाना न भूलें क्योंकि पहाड़ी रास्तों पर चलने के दौरान उन की जरूरत पड़ती है. यह 3 बजे बंद हो जाता है.

समुद्रतल से 1,100 मीटर की ऊंचाई पर बसे इस शहर की आबादी लगभग 12 हजार है और यहां की जीवनशैली आज भी बाहरी चकाचौंध से अछूती है. प्रदूषणरहित वातावरण में कुदरत के सौंदर्य को निहारने के लिए इस छोटी सी सैरगाह में स्थानीय व्यंजनों का स्वाद लेना न भूलें. इन में कई जगह कैमरे या हैंडीकैम का शुल्क है, इसलिए गाइड से पूछ लें कि यह शुल्क कहां जमा कराया जाए.

कहां ठहरें

पचमढ़ी में ठहरने की बहुत अच्छी व्यवस्था है. मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग के भी हेरिटेज होटल और गेस्ट हाउस हैं जो विभिन्न आयुवर्ग की जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाए गए हैं. 

इस गर्मी आप दिखें कूल

गर्मी के शुरू होते ही घर से बाहर निकलने को दिल ही नहीं करता. धूप से बचते बचाते हम बाहर निकल तो जाते हैं मगर ऐसे बढ़ती हुई गर्मी में फैशन की सोचने की फुर्सत कहां है. लेकिन इस मौसम में फैशन में सुपरहिट रहना इतना भी मुश्किल नहीं है.

आज हम बता रहे हैं कि इस चिलचिलाती गर्मी में भी आप कैसे फैशनेबल दिख सकती हैं, फैशन में नया क्या है, जो आपको गर्मी से भी बचाएगा और ट्रेंडी भी दिखाएगा.

बाजार में कई समर क्लेक्शन आ चुके है साथ ही समर वियर में इस बार जॉर्जट मैक्सी, कॉटन कुर्ता और शर्ट्स काफी इन हैं. बात करें कलर्स और डिजाइन की तो पीच, लेमन, स्काई ब्लू और ग्रे कलर इस बार गर्मियों में सबसे ज्यादा पॉपुलर है.

ऐथेनिक वियर में खास चिकनकारी क्लेक्शन बाजार में उतारी गई है जॉर्जट पर चिकनकारी सूट सलवार और दुप्पटा आपको गर्मी से राहत के साथ साथ ट्रेंडी दिखने में भी मदद करेगा.

इस समय डिजिटल प्रिंट्स के ढेरों ऑप्शंस बाजार में मौजूद है. कुर्ता में हल्के रंगों के साथ इस बार एक्सपेरीमेंट किया गया है. फैशन एक्सपर्ट की मानें तो गर्मियों में आप भारी भरकम प्रिन्ट और डार्क कलर्स अवॉएड करें.

अगर आपका बजट थोड़ा कम है तो घबराए नहीं. थोड़े पैसे खर्च कर भी आप इन गर्मियों में स्टाइलिश दिख सकती हैं. स्ट्रीट मार्केट अफोर्डेबल रेंज में गर्मियों के कपड़ों की शॉपिंग का बेस्ट ऑप्शन है. यहां पर आपको टॉप्स, स्कर्ट्स, मैक्सी ड्रेसेज की ढेरों वेराएटी मिल जाएगी. वो भी आपके बजट में. गर्मियों से निपटने के लिए स्टोल्स की सबसे ज्यादा डिमांड होती है.

कौन हैं बॉलीवुड के रियल सुपरस्टार्स?

कहते हैं कि इंसान अपनी मेहनत से किसी भी मुकाम तक जा सकता है, मगर वो अपनी सफलता को कितने दिनों तक संजो कर रख सकता है, ये उसी पर निर्भर करता है. यूं तो बॉलीवुड में कई सुपरस्टार हैं जो अपनी मेहनत से रोज सफलता के नये नये झंडे गाड़ रहे हैं.

फिल्मों को दर्शक देखते हैं और दर्शक ही हैं जो एक आम इंसान को सुपरस्टार बनाते हैं. कई सितारों को तो इस बात की जानकारी होती है, वहीं कुछ सितारे ऐसे भी हैं जिन्हें अहसास भी नहीं होता कि उन्हें बनाने वाले उनके प्रशंसक ही हैं. यहां आज हम उन स्टार्स के बारे में बात कर रहे हैं, जो रील लाइफ और रियल लाइफ, दोनों में देश की जनता, सभी दर्शकों और देश-विदेश में उनके प्रशंसको के दिलों पर राज कर रहे हैं.

अमिताभ बच्चन

बात जब बॉलीवुड की कर रहे हैं, तो अमिताभ बच्चन का नाम इस मामले में सबसे बड़ा नाम है. क्या आप जानते हैं कि  हाल ही में अमिताभ बच्चन ने कुछ गरीब किसानों की पैसे देकर मदद की. इतना ही नहीं, अमिताभ यूनिसेफ (UNICEF) की महत्वकांक्षी परियोजना पल्स पोलियो और भारत सरकार की कैंपेन ‘सेव अवर टाइगर्स’ (Save Our Tigers) से भी जुड़े हुए हैं.

सलमान खान

यूं तो अभिनेता सलमान खान की पहचान इस देश के एक दबंग अभिनेता के तौर पर की जाती है. ये बात तो देश में लगभग सभी लोग जानते हैं कि सलमान अपना एक गैर-सरकारी सामाजिक संगठन बिइंग ह्युमेन (Being Human) चलाते हैं. इसकी मदद से वे उन कैदियों की मदद करते हैं, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं, मगर अपनी आर्थिक तंगी के चलते जेल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. इसके अलावा सलमान खान कई जरुरमंदों लोगो को पैसे भी डोनेट करते हैं.

प्रियंका चोपड़ा

देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा बॉलीवुड की तो जान हैं ही, आजकल वे विदेशों में भी अपने हुनर के जलवे बिखेर रही हैं. ये बात जगजाहिर है कि आज वे सफलता की शिखर पर खड़ी हैं. अपनी एक्टिंग में बेस्ट देने के अलावा वे सामाजिक कार्य भी खूब करती हैं. वे देश-भर के कई गांवों में इको-फ्रेंडली प्रोजेक्टस चलाती हैं और इतना ही नहीं, वे एनडीटावी (NDTV) द्वारा चलाए जा रहे ‘ग्रीनाथन’ की ब्रांड एंबेसडर भी हैं.

ऐश्वर्या राय बच्चन

खूबसूरती की मिसाल ऐश्वर्या राय को आज पूरी दुनिया जानती हैं. अपनी एक्टिंग से ऐश्वर्या ने बॉलीवुड में एक अलग ही छाप छोड़ी है. सबसे अच्छी बात है कि ऐश्वर्या सामाजिक कामों से भी खूब लगाव रखती हैं. उन्होंने अपनी आंखें ‘Eye Bank Association of India’ को दान कर दिया है. इतना ही नहीं ऐश्वर्या राय जरुरतमंद लोगों के लिए एक ‘ऐश्वर्या राय फाउंडेशन’ भी चलाती हैं.

शाहरुख खान

बॉलीवुड के बादशाह कहे जाने वाले किंग खान को पूरी दुनिया में भला कौन नहीं जानता. अपनी एक्टिंग से लोगों को प्रभावित करने वाले किंग खान अपने सामाजिक कामों से भी लोगों को प्रभावित करते हैं. वे ‘मेक अ विश’ (Make-A-Wish) फाउंडेशन के मेंबर हैं. शाहरुख अपनी स्वर्गीय मां के नाम से एक ट्रस्ट भी चलाते हैं, जो गरीब और असहाय लोगों के लिए काम करता है. शाहरुख खान एक ऐसे कलाकार हैं, जो दिव्यांगों के लिए भी चैरिटी करते हैं.

दिया मिर्जा

बॉलीवुड की खूबसूरत एक्ट्रेस दिया मिर्जा कई सामाजिक संस्थानों से जुड़ी हुई हैं. वे कैंसर, एड्स, पेटा और NDTV के ‘ग्रीनाथन’ कैंपेन से भी जुड़ी हुई हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने लखनऊ स्थित प्रिंस ऑफ वेल्स जूलोजिकल (Prince of Wales zoological park) के दो चीता को भी अडोप्ट कर रखा है.

जॉन अब्राहम

बॉलीवुड के सबसे स्टाइलिस्ट और सेक्सी एक्टर जॉन अब्राहम भी कई ऐसे सामाजिक मुहिम से जुड़े हुए हैं, जो गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करता है.

शिल्पा शेट्टी

बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी कमाई हुई फिल्मों की राशि में से कुछ राशि को एड्स जागरुकता अभियान के लिए डोनेट करती हैं. इतना ही नहीं, वे युवाओं के लिए कई बार कैंपेन करके और ऐसे ही कई माध्यमों के जरिए पैसे भी इकट्ठा कर चुकी हैं.

राहुल बोस

राहुल बोस की पहचान एक दमदार एक्टर के रूप में है. रियल लाइफ में भी वो ऐसे ही हैं. साल 2004 में आए सुनामी के दौरान उन्होंने अपने दम पर पैसे इकट्ठे किए थे. इतना ही नहीं, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली कई संस्थाओं के साथ वे जुड़े हुए भी हैं.

शबाना आजमी

बौलावुड की दुनिया की शबाना आजमी को भला कौन नहीं जानता. एक्टिंग के साथ-साथ शबाना अपना एक एनजीओ भी चलाती हैं. एनजीओ की मदद से वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई स्कूल्स और कॉलेजों में गरीब छात्रों क आर्थिक मदद करती हैं. इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सिलाई मशीन की भी व्यवस्था करती हैं.

विद्या बालन

भारत में चल रहे स्वच्छता अभियान के साख जुजडने के अलावा बॉलीवुड में मंजोलिका नाम से जानी जाने वाली अभिनेत्री विद्या बालन कई अन्य संस्थाओं से जुड़ी हुई हैं. इनमें से कुछ खास संस्थाएं बच्चों के लिए भी काम करती हैं.

प्रीति जिंटा

बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रीति जिंटा महिला भ्रुण हत्या के खिलाफ हैं. वे इसके लिए खुले तौर पर काम भी करती हैं. इसके अलावा प्रीति विधवा महिलाओं और एड्स से ग्रसित व्यक्तियों की मदद करने का काम भी करती हैं.

अक्षय कुमार

बॉलीवुड के खिलाड़ी अक्षय कुमार वाकई में एक दरियादिल इंसान हैं. देश में जब कभी भी कोई संकट आया है, उन्होंने खुल कर मदद की है. देश के किसानों और जवानों के लिए वे खास काम करते हैं. स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए भी वे कई संस्थाओं से भी जुड़े हुए हैं.

नाना पाटेकर

बॉलीवुड के सही मायने में सुपरस्टार हैं, नाना पाटेकर. वे हमेशा अपनी कमाई का 70 प्रतिशत किसानों और विधवाओं को दान कर देते हैं. उनकी सबसे अच्छी बात ये है कि वे इसका कभी प्रचार नहीं करते हैं.

कम पैसों और समय में करें बेहतर शॉपिंग

 

जैसे खाने-पीने का रूटीन टाइम पर बने रहने के लिए आप मेहनत करते हैं और ये आपके लिए बेहद जरूरी भी होता है. उसी तरह ग्रोसरी शॉपिंग टाइम पर की जाए यह भी जरुरी है. और अब जब ग्रोसरी शॉपिंग जरूरी है, तो आवश्यक है उन बातों को भी जानना जिनकी मदद से आप कम पैसों और कम समय में बेहतर शॉपिंग कर सकते हैं.

आइये जानते हैं बेहतर ग्रोसरी शॉपिंग के ये कुछ जरूरी टिप्स :

1. प्लान बनाएं

आपको सुनने में भले ही यह अजीब लगे शॉपिंग पर जाते समय यह कभी डिसाइड न करें कि आपको क्या-क्या खरीदना है. बेहतर है कि जब भी आपको जो सामान याद आए, उसे एक लिस्ट में अपडेट करते जाएं.

2. शॉपिंग लिस्ट हमेशा अपने साथ ले जाएं

अक्सर दुकान पर पहुंच कर हमें पता चलता है कि हम लिस्ट घर पर ही भूल आएं है इसीलिए शॉपिग पर जाने से पहले हमेशा याद से लिस्ट साथ रख लें. यह लिस्ट तब और भी जरूरी हो जाती है जब आपके पास सीमित समय हो और उसी दौरान आपको घर के लिए पूरा सामान अपडेट करना हो.

3. सामान का दुकानों के मुताबिक ग्रुप बनाएं

हमेशा सामान को एक ग्रुप में बांट लें इससे आपको पता रहेगा कि किस दुकान में जाकर क्या लेना और आपको कुल कितनी अलग-अलग दुकानों पर जाने की जरूरत है. इस बेहतर प्लानिंग से आप समय बचा सकते हैं.

4. लिस्ट से भटकें नहीं

आपने लिस्ट किसी खास वजह से बनाई है इसलिए जरूरी है कि आप उस पर टिके रहें. अपनी लिस्ट के प्रति ईमानदार रहेंगे तो फिजूल के खर्च से बचेंगे.

5. थोक में सिर्फ जरूरत का सामान ही

अक्सर हम ऑफर्स, छूट जैसे लुभावने प्रस्ताव की वजह से किसी चीज को ज्यादा क्वांटिटी में खरीद लेते हैं. आपको हमेशा वैराइटी का ध्यान रखना चाहिए जिससे आप जल्दी उबेंगे भी नहीं और थोक का सामान बर्बाद भी नहीं होगा.

6. एक हफ्ते की खरीदारी का मेन्यू बनाएं

रोजाना कुछ न कुछ खरीदने के लिए दुकान पर जाने से बेहतर है कि आप हफ्ते भर के सामान की लिस्ट एक साथ बना लें और उसी के मुताबिक सामान खरीदें. साथ ही, अगली शॉपिंग की तारीख भी तय कर लें. इससे घर पर अचानक सामान खत्म होने की स्थिति का सामना आपको नहीं करना पड़ेगा.

7. पीक आवर्स में शॉपिंग न करें

हमेशा शॉपिंग ऐसे समय पर ही करने जाएं जब भीड़ कम हो और पेमेंट के लिए लाइन छोटी हो. साथ ही आपके पास भी फुर्सत हो. हमें कोशिश करनी चाहिए कि शाम, रात और रविवार की दोपहर में शॉपिंग पर न जाएं. इस समय ज्यादातर लोग खरीदारी के लिए इकट्ठा होते हैं और समय का अभाव होने पर अक्सर कुछ न कुछ लेना छूट जाता है.

8. एक्सपायरी डेट चेक करें

जब भी कोई प्रोडक्ट खरीद रहे हों तो एक्सपायरी डेट चेक करें. इस बात को भी चेक करें कि पैकिंग में कोई खराबी न हो. कई बार कुछ चीजें जो छूट या कम रेट पर बेची जाती हैं वे अपनी एक्सपायरी डेट के नजदीक हो सकती हैं या उनकी पैकिंग में कोई खराबी हो सकती है. इसका सीधा-सा मतलब यह है कि उस चीज की क्वालिटी के साथ समझौता किया गया है.

9. किसी फ्रेंड के साथ शॉपिंग पर जाएं

जहां तक मुमकिन हो अपनी किसी ऐसी सहेली या पड़ोसन के साथ खरीददारी करने जाएं जो स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो और हेल्दी फूड में विश्वास रखती हो. शॉपिंग के दौरान जंक फूड के ऑप्शन आसानी से आपको ललचा देते हैं. खासकर जब जंक फूड के साथ ‘बाय वन गेट वन फ्री’ जैसे ऑफर मिलते हैं. ऐसे समय में ये फ्रेंड्स ही आपको ऐसी खरीदारी करने से रोकते हैं.

10. लेबल्स को समझें

कई प्रोडक्ट्स के पैक पर लो फैट जैसे शब्द लिखे होते हैं. अधिकतर इनको ढंग से समझ नहीं पाते हैं. अधिकतर लो फैट फूड्स में शुगर या नमक भरपूर मात्रा में होता है जो उसमें स्वाद के लिए डाला जाता है. खाने का सामान खरीदते समय उसमे मौजूद कैलोरीज के लिए न्यूट्रीशनल लेबल्स जरूर पढ़ें. कोई चीज कम कैलोरी वाली है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह हेल्दी भी है. आपको कैलोरी वैल्यू के लिए नहीं, बल्कि क्वालिटी वैल्यू के लिए खाना चाहिए.

समर ब्राइडल लुक्स के नये अंदाज

मौसम के करवट लेने के साथ ही ब्राइडल फैशन का मिजाज भी बदल गया है. गरमी के मौसम में दुल्हन बनने वाली ऐसे परिधान तलाशती हैं, जो उन की खूबसूरती बढ़ाने के साथ-साथ आरामदायक भी हों. इस मौसम में वजनदार लहंगा व भारीभरकम गहने पहनने के अलावा मेकअप की मोटी परत चढ़ाना भी मुमकिन नहीं होता है और इस बात को फैशन इंडस्ट्री भी बखूबी समझती है. तभी तो फैशन के गलियारों में समर वैडिंग की दुलहनों के लिए वह सब मौजूद है, जो वे चाहती हैं.

आजकल की लड़कियां ट्रैंडी और स्टाइलिश आउटफिट्स पसंद करती हैं. अब पारंपरिक दिखने वाले शादी के लहंगे चैक लिस्ट से आउट हो चुके हैं. इस बाबत फैशन डिजाइनर श्रुति संचिति कहती हैं, ‘‘बौलीवुड फिल्मों में अभिनेत्रियों द्वारा पहने गए स्टाइलिश लहंगों का क्रेज आम लड़कियों में तेजी से बढ़ रहा है. पहले ज्यादातर दुल्हनें गहरे लाल रंग की जरी और सीक्वैंस वर्क वाले भारीभरकम लहंगे ही पहनती थीं, मगर अब नौन-ट्रैडिशनल कौन्सैप्ट वाले लहंगे, वैडिंग गाउन्स, घाघरा और स्कर्ट्स पसंद करती हैं.’’

आजकल लड़कियां पहले की शरमाई-सकुचाई दुल्हनों की तरह एक जगह बुत बन कर नहीं बैठतीं, बल्कि अपनी शादी के हर क्षण का लुत्फ उठाती हैं. वे बरातियों संग डांस भी करती हैं और मेहमानों का स्वागत भी. गर्मी के मौसम में शादी के जोड़े को दोहरी भूमिका निभानी पड़ती है. उस का दुल्हन को स्टाइलिश दिखाने के साथसाथ आरामदायक होना भी जरूरी है. श्रुति के अनुसार, ‘यदि शादी में लहंगा ही पहनना है, तो फैब्रिक, कलर और लहंगे पर हुए काम पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि इस मौसम में स्टाइल और कंफर्ट में संतुलन बैठाना जरूरी है.’

श्रुति समर में ये कुछ खास ट्रैंडी वैडिंग लहंगों के स्टाइल्स के बारे में बताती हैं:

1. समर वैडिंग के लिए ओंब्रे सिल्क फैब्रिक का बना लहंगा सब से आरामदायक विकल्प है. यह फैब्रिक वजन में तो हलका होता ही है, इसे कलर कौकटेल के लिए भी जाना जाता है. दरअसल, कई रंगों की शेडिंग इसे रचनात्मक बना देती है, इसलिए इस फैब्रिक को वैडिंग लहंगे के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस पर गोल्डन पैच वर्क बेहद खूबसूरत लगता है. इस तरह के लहंगे को क्रौप वैडिंग चोली के साथ पहना जा सकता है. हलकी शिफौन की चुन्नी इस लहंगे के लुक को पूरा कर देती है.

2. गैरपारंपरिक दुल्हनों के लिए सिल्वर क्रौप टौप के साथ स्करलेट रैड कलर का वैल्वेट से बना लहंगा भी एक आदर्श लहंगा हो सकता है. यदि लहंगे पर चौड़ा गोल्डन बौर्डर हो तो वह और भी स्टाइलिश लगेगा.

3. आजकल गोल्ड थ्रैड की ऐंब्रौयडरी वाले लहंगे भी काफी इन हैं. ये दिखते भारी हैं, मगर वास्तव में इन का वजन काफी कम होता है.

4. दुलहन के लहंगे में गोल्डन कलर का एक अलग महत्त्व होता है. यह एक ऐसा रंग है, जिस में ट्रैडिशनल और मौडर्न दोनों ही लुक देने की क्षमता होती है. इसलिए गोल्ड थ्रैड वर्क के साथ ही गोल्ड फ्लौवर मोटिफ्स से सजे लहंगे भी समर वैडिंग की दुलहनों के लिए अच्छे विकल्प हैं.

5. साटन फैब्रिक पर हाफ नैट कवरिंग के साथ ये लहंगे नौनट्रैडिशनल कौन्सैप्ट पर तैयार होते हैं, इसलिए डैस्टिनेशन वैडिंग के लिए सब से अच्छे रहते हैं.

6. अब दुल्हनें लाल पारंपरिक रंगों से हट कर रंगों का चुनाव करती हैं. समर वैडिंग के लिए तैयार लहंगों के रंगों में प्रयोग काफी पसंद किए जा रहे हैं. अब रैड फैमिली के लाइट कलर्स के साथ ही पिंक, ग्रीन, ब्लू और निओन कलर्स के लाइट शेड्स के ब्राइडल लहंगे भी तैयार हो रहे हैं.

6. लहंगों में हैरिटेज फैब्रिक्स जैसे बनारसी, कांजीवरम और चंदेरी का फैशन भी लौट आया है. रौयल एवं क्लासिक इंडियन लुक पसंद करने वाली दुलहनें इस तरह के लहंगे भी ट्राई कर सकती हैं.

पिक्चर परफैक्ट मेकअप का है ट्रैंड

आजकल प्रोफैशनल फोटोग्राफी का जमाना है, इसलिए मेकअप का पिक्चर परफैक्ट होना बेहद जरूरी है. इस बाबत मेकअप आर्टिस्ट अतुल चौहान कहते हैं, ‘‘पहले की तरह फाउंडेशन, फेस पाउडर, काजल, बिंदी और लिपस्टिक लगा देने भर से आज की दुलहनें तैयार नहीं हो जातीं, बल्कि उन की पोशाक के आधार पर हमें उन का मेकअप स्टाइल तय करना पड़ता है. तभी उन्हें फोटोजैनिक लुक दिया जा सकता है.’’

मेकअप स्टाइल को तो और भी सावधानी से चुनना पड़ता है, क्योंकि इस मौसम में पसीना सारा खेल बिगाड़ सकता है. अतुल के अनुसार, इस मौसम में डे वैडिंग हो या नाइट वैडिंग मेकअप का सैटल होना जरूरी है. इस तरह के मेकअप में न्यूट्रल रंगों पर जोर दिया जाता है. इन में सभी हलके रंग जैसे पीच, ब्राउन फैमिली के लाइट कलर्स और स्किनटोन बेस्ड कलर्स का इस्तेमाल होता है. ये रंग दुलहनों को सोबर और सौफ्ट लुक देते हैं.

अतुल कुछ ऐसे समर ब्राइडल लुक्स के बारे में बता रहे हैं, जो खूबसूरती के साथसाथ स्टाइल भी नवाजते हैं :

ड्रामैटिक लुक : आजकल की लड़कियों को सैलिब्रिटी लुक चाहिए, जो असल में ड्रामैटिक मेकअप होता है. इस मेकअप में आंखों को बोल्ड लुक दिया जाता है और इस के लिए ग्लिटर्स का इस्तेमाल होता है. लिपस्टिक के शेड्स भी डार्क चुने जाते हैं. कंटूरिंग और हाईलाइटर्स का प्रयोग भी इस मेकअप का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है. समर वैडिंग के लिए यह मेकअप एक अच्छा विकल्प है बशर्ते शादी रात की हो.

स्ट्रोबिंग एवं बेकिंग : स्ट्रोबिंग और बेकिंग मेकअप इंडस्ट्री का एकदम ताजा ट्रैंड है. जहां स्ट्रोबिंग में लाइट मेकअप के साथ अपर चीकबोन, नोज, अपर लिप्स और चिन हाईलाइटिंग पर जोर दिया जाता है, वहीं बेकिंग में अंडरआई और फोरहैड की कमियों को दुरुस्त किया जाता है.

रौयल लुक : इस लुक में फ्लैट हेयरस्टाइल के साथ स्मोकी आई इफैक्ट दिया जाता है. इस लुक में बड़ी बिंदी और आभूषणों का अधिक महत्त्व है, इसलिए मेकअप बहुत ही हलका होता है.

अरैबिक स्टाइल : यह मेकअप भारतीय दुलहनों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है, क्योंकि इस मेकअप स्टाइल में बहुत ही कम कौस्मैटिक्स का प्रयोग होता है और पूरा फोकस आंखों को दिया जाता है.

समर ब्राइडल ज्वैलरी भी है खास

अब दुलहनें अपनी शादी के जोड़े के साथ इमिटेशन ज्वैलरी की जगह रियल ज्वैलरी पहनना ज्यादा पसंद करती हैं. इस बाबत ज्वैलरी डिजाइनर प्रितेश गोयल कहते हैं, ‘‘आजकल की दुलहनें ज्यादा जेवर पहनना पसंद नहीं करती हैं, इसलिए जो आभूषण वे शादी के वक्त खरीदती हैं उन की डिजाइन को अपनी ड्रैस के साथ मैच कर के ही खरीदती हैं.’’

समर वैडिंग और विंटर वैडिंग के हिसाब से दुलहनों की अलगअलग डिमांड होती है. जहां विंटर वैडिंग के लिए दुलहनें थोड़ा भारी ज्वैलरी भी पसंद कर लेती हैं वहीं समर वैडिंग के लिए उन की पसंद हलकी, सोबर और वनपीस ज्वैलरी होती है.

प्रितेश समर वैडिंग ज्वैलरी के कुछ खास ट्रैंड्स के बारे में बता रहे हैं :

जहां सर्दियों में दुलहन के लिए मल्टीलेयर्ड नैकलैस ट्रैंड में है वहीं गरमियों में टोडा डिजाइन (लंबे हार) का फैशन है. इस मौसम में दुलहन गले से सटे चोकर डिजाइन के नैकलैस भी ले सकती हैं, क्योंकि ये भी लेटैस्ट ट्रैंड का हिस्सा हैं. यदि गोल्ड ज्वैलरी ही लेनी है, तो मेटा पौलिश और फ्रौस्टिंग वर्क वाले मेटा स्टाइल के गहने भी काफी इन ट्रैंड हैं. लुक में ये हैवी लगते हैं, मगर वजन में हलके होते हैं.

अब चूडि़यों से भरे हाथों का फैशन भी चला गया है. अच्छे ज्वैलरी ब्रैंड्स में चौड़े ब्राइडल हैंडकफ्स आने लगे हैं. दुलहनें चाहें तो दोनों हाथों में 1-1 हैंडकफ पहन सकती हैं वरना एक हाथ में हैंडकफ और दूसरे में 2 कड़े भी पहन सकती हैं.

ब्राइडल चोली ट्रैंड्स

औफशोल्डर : औफशोल्डर या कोल्ड शोल्डर इस सीजन का हौट ट्रैंड है. वैस्टर्न आउटफिट्स से ले कर इन्हें ट्रैडिशनल लिबासों के साथ भी पेयर किया जा रहा है. ब्राइडल लहंगों के साथ भी इस तरह की चोलियां विभिन्न डिजाइनों में उपलब्ध हैं.

ब्रालेट : यदि दुलहन थोड़ा बोल्ड लुक चाहती है, तो ब्रालेट चोली अच्छा विकल्प है. यह चोली डीपनैक और शौर्ट स्लीव्स के लिए जानी जाती है. वैसे तो इस तरह की चोली का ट्रैंड साडि़यों के साथ है, मगर आजकल ब्राइडल लहंगों के साथ भी इन्हें क्लब किया जा रहा है.

पोचू स्टाइल : पोचू स्टाइल चोली के कई अंदाज हैं. दुलहन के फ्रंट को कवर करने के लिए जिस दुपट्टे का इस्तेमाल किया जाता है पोचू चोली उस की आवश्यकता को खत्म कर देती है. इस तरह गरमी के मौसम में दुलहनें 2 दुपट्टों के वजन से भी बचती हैं और उन्हें स्टाइलिश लुक भी मिल जाता है.

सुपर क्रौप चोली : नौनट्रैडिशनल लहंगे पर यह चोली बहुत ही खूबसूरत दिखती है. इस की लैंथ ब्रैस्ट लाइन तक ही होती है. पतली कमर वाली दुलहनों पर इस तरह की चोली खूब जंचती है.

प्रीड्रैप्ड दुपट्टा चोली : लुक में सब से अलग यह चोली काफी ट्रैंडी है. इस में चोली के साथ ही दुपट्टा भी जुड़ा होता है. लहंगे के साथ इस तरह की चोली दुलहनों को इंडोवैस्टर्न लुक देती है.

रिलीज होगी ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ लेकिन..

प्रोड्यूसर प्रकाश झा की फिल्‍म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को आखिरकार भारत में दिखाने की इजाजत मिल गई है. यानी विदेशों के कई फिल्‍म फेस्टिवल्‍स में तारीफें बटोर रही इस फिल्‍म को अब भारत में भी देखा जा सकेगा. हालांकि फिल्‍म को ‘ए’ सर्टिफिकेट के साथ रिलीज किया जाएगा और इसके कुछ सीन्‍स भी काटे जाएंगे.

फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) ने सेंसर बोर्ड को निर्देश दिया है कि फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरका’ को ‘ए’ प्रमाणपत्र दिया जाए जिसे पहले प्रमाणपत्र देने से सेंसर बोर्ड ने मना कर दिया था. सेंसर बोर्ड के द्वारा फिल्‍म को हरी झंड़ी न मिल पाने के कारण फिल्‍म के निर्देशक और प्रोड्यूसर समेत पूरी टीम काफी निराश थी. जिसके बाद प्रकाश झा ने एफसीएटी में अपनी की थी.

एफसीएटी ने निर्देश दिया है कि फिल्म को ‘स्वैच्छिक और कुछ अतिरिक्त कट के साथ तथा दृश्य हटाने के साथ’ प्रमाणपत्र दिया जाए. उन्होंने कहा कि फिल्म में गाली-गलौज वाली भाषा और अंतरंग दृश्य उसकी कहानी का अभिन्न हिस्सा हैं. हालांकि न्यायाधिकरण ने फिल्म के निर्माताओं को कुछ दृश्यों से हिंदी के कुछ शब्दों को म्यूट करने का निर्देश दिया जिनमें तवायफों के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द शामिल हैं.

कोंकणा सेन शर्मा, रत्ना पाठक शाह, अहाना कुमरा और प्लाबिता बोरठाकुर जैसे कलाकारों से सजी इस फिल्म ने तोक्यो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ‘स्पिरिट ऑफ एशिया अवार्ड’ और मुंबई फिल्म महोत्सव में लैंगिक समानता पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म के लिए ‘ऑक्सफेम अवार्ड’ जीता है. साथ ही इस फिल्‍म को हाल ही में हॉलीवुड फॉरिन प्रेस असोसिएशन द्वारा चुना गया है.

फिल्‍म को लॉस एंजलिस में हुए भारतीय फिल्‍मोत्‍सव (आईएफएफएलए) में प्रदर्शित किया गया था और यहीं से इसे हॉलीवुड फॉरिन प्रेस असोसिएशन द्वारा चुना गया है. क्‍योंकि इस फिल्‍म को अब चुन लिया गया है जिसका मतलब यह है कि अब इस फिल्‍म की डायरेक्‍टर अलंकारिता श्रीवास्‍तव और प्रोड्यूसर प्रकाश झा इसे इस साल के गोल्‍डन ग्‍लोब्‍स अवॉर्ड्स में एक आधिकारिक एंट्री के तौर पर भेज सकते हैं.

इस एक्ट्रेस ने प्रेग्नेंसी में शूट किया था रेप सीन

बॉलीवुड इंडस्ट्री में हर दिन कुछ ना कुछ नया घटित होता है लेकिन कभी कभी कुछ ऐसा घटित दो जाता है जिस पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है. ऐसी ही एक घटना फिल्म ‘रोटी कपड़ा और मकान’ (1974) की शूटिंग के दौरान हुई.

डायरेक्टर मनोज कुमार की इस फिल्म में मौसमी चैटर्जी ने अभिनय किया था. इस फिल्म में मौसमी का रेप सरवाइवर तुलसी का किरदार काफी लोकप्रिय हुआ था.

इस फिल्म का रेप सीन हिंदी सिनेमा के सबसे डिस्टर्बिंग सीन्स में से एक है. खास बात यह है कि मौसमी ने प्रेग्नेंसी के दौरान इस सीन को शूट किया था. 2015 में ही एक इंटरव्यू में मौसमी ने बताया था कि सीन में विलेन को उनका ब्लाउज खींचते दिखाया गया. उन्हें चिंता थी कि यह सीन कैसे शूट होगा. उस वक्त वह प्रेग्नेंट थी.

इस सीन के लिए मौसमी ने दो ब्लाउज पहने थे और विलेन ने ऊपर वाला ब्लाउज खींचा था. शूटिंग के दौरान उनके ऊपर ढेर सारा आटा गिर गया. वे पसीने से तर थीं और हर चीज चिपक जा रही थी. मुंह में आटा जाने के कारण खूब उलटियां हुई थी.

यही नहीं सीन के शूटिंग के वक्त मौसमी के बाल काफी लंबे थे. शूटिंग के बाद रात में 10.30 बजे वे घर पहुंचीं और बालों से आटा निकालते-निकालते उन्हें रात के 2 बज गए.

मौसमी के मुताबिक शूटिंग के दौरान नीचे गिरने से उन्हें ब्लीडिंग होने लगी थी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. किस्मत से उनहोंने बच्चे को नहीं खोया. हालांकि इसके बावजूद प्रोड्यूसर ने अगले दिन मैसमी को सेट पर रिपोर्ट करने के लिए कहा. इस सिचुएशन में रणधीर कपूर, ऋषि कपूर, विनोद खन्ना और विनोद मेहरा ने उनकी काफी मदद की थी.  

एक्ट्रेस मौसमी चटर्जी ने प्रोड्यूसर जयंत मुखर्जी से शादी की थी. उनकी दो बेटियां- पायल और मेघा हैं. उन्हें फिल्म रोटी कपड़ा और मकान के लिए 1974 में बेस्ट एक्ट्रेस इन सपोर्टिंग रोल का अवॉर्ड मिला था.

मौसमी का जन्म कोलकाता में हुआ था. उन्होंने 1967 में आई फिल्म बालिका वधु से डेब्यू किया था. वह आखिरी बार 2015 में रिलीज हुई फिल्म पीकू में नजर आई थी.

सोनाक्षी क्यों बन रही हैं विवादों की रानी!!

सोनाक्षी सिन्हा तो विवादों की रानी बनती जा रही है. वे ट्विटर पर हर किसी से न सिर्फ उलझ रही हैं, बल्कि जब ट्विटर पर वे किसी को सही जब नहीं दे पाती हैं, तो उन्हे ब्लॉक करना शुरू कर देती हैं.

ट्विटर पर अपनी ‘कला’, अपने ‘सपने’ और स्टेज पर परफार्म करने के अपने हक की बात करने वाली अदाकारा सोनाक्षी सिन्हा की 21 अप्रैल को सिनेमाघरों में प्रदर्शित फिल्म ‘‘नूर’’ ने जब से पानी तक नहीं मांगा, तब से सोनाक्षी सिन्हा लगातार ट्विटर पर लोगों से भिड़ने पर आमादा हैं.

‘नूर’ देखने के बाद फिल्म आलोचकों व सोनाक्षी सिन्हा के फैन्स ने जब उनकी परफॅार्मेंस की बुराई की, तो सभी को मुंहतोड़ जवाब देते हए उन्होने ट्विटर पर शायरी करते हुए लोगों को जवाब देना शुरू कर दिया. उसके बाद ट्विटर पर जस्टिन बीबर के म्यूजिकल कंसर्ट में गाने को लेकर वे अरमान मलिक व अमाल मलिक से भिड़ गईं. जब वे ट्विटर पर अरमान मलिक व अमान मलिक से नहीं जीती, तो सोनाक्षी सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा कि वह जस्टिन बीबर के कार्यक्रम में नही गा रही हैं.

सोनाक्षी सिन्हा के इस ट्वीट को देखकर जब गायिका सोना महापात्रा ने ट्विटर पर सोनाक्षी के लिए लिखा कि, ‘यदि यही बात पहले ही कह देंती कि वे जस्टिन बीबर के कार्यक्रम में नहीं गा रही हैं, तो इतनी बड़ी बहस न होती.’ इस पर सोना महापात्र को कोई जवाब देने की बजाय सोनाक्षी सिन्हा ने ट्विटर पर सोना महापात्रा को ब्लॉक कर दिया. जिसकी वजह किसी को भी समझ में नहीं आयी, पर सोनाक्षी के इस कदम के बाद सोना महापात्रा ने ट्विटर पर सोनाक्षी द्वारा खुद को ब्लॉक किए जाने के स्क्रीन शॉट को डालने के साथ व्यंग करते हुए लिखा है -‘‘हा हा हा..ऐसा नहीं है कि मैं कभी भी प्रतिभा, अनुग्रह और बुद्धि के इस बंडल का पालन करती थी.’’ अब सोनाक्षी चुप हो गयी हैं.

जरूर घूमें गोवा के ये 10 बीच, खूबसूरती देख हो जाएंगे दीवाने

गोवा क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सब से छोटा और जनसंख्या के हिसाब से चौथा सब से छोटा राज्य है. पूरी दुनिया में गोवा समंदर के अपने खूबसूरत किनारों और मशहूर स्थापत्य के लिए जाना जाता है. वर्षा ऋतु के आगमन के साथ ही प्रकृति गोवा को कुछ अलग, लेकिन अद्भुत स्वरूप प्रदान करती है. यह स्थान शांतिप्रिय पर्यटकों और प्रकृतिप्रेमियों को बहुत भाता है.

गोवा में छोटे बड़े लगभग 40 समुद्रीतट हैं. इन में से कुछ समुद्रतट अंतर्राष्ट्रीय स्तर के हैं. इसी कारण विश्व पर्यटन मानचित्र के पटल पर गोवा की पहचान विदेशों की तरह है. आकर्षक बीच, रिजौर्ट औैर बजट होटल सैलानियों को खूब आकर्षित करते हैं.

गोवा आने वालों को यहां की फिश करी और सीफूड बहुत पसंद आते हैं. साउथ गोवा में मार्टिन कौर्नर, वोकेरो इस के  लिए बहुत मशहूर हैं. साउथ गोवा में फाइवस्टार होटल बहुत हैं. यहां वे सैलानी आते हैं जिन्हें शांत माहौल पसंद है. जो लोग शोरशराबा, लेटनाइट पार्टीज, मस्ती, म्यूजिक पसंद करते हैं वे नौर्थ गोवा को पसंद करते हैं. यहां क्लब ज्यादा हैं. बाघा बीच के पास फैटफिश नामक रेस्तरां है. यहां की फिश थाली बहुत पसंद की जाती है. एंथोनी रेस्तरां का सीफूड लोगों को पसंद आता है. यहां के राहुल बताते हैं कि यहां हमेशा अच्छा और टैस्टी खाना मिलता है.

मौरजिम ग्रांड रिजौर्ट के मनोज कहते हैं कि दिसंबरजनवरी में यहां भीड़ ज्यादा रहती है. टापू पर लोग घूमना ज्यादा पसंद करते हैं. ट्रेबो रेन फौरेस्ट रिजौर्ट में पंजाबी फूड बहुत अच्छा मिलता है. मौरजिम के सफारिया रिजौर्ट में टापू और रिवर का मजा लिया जा सकता है.

बटरफ्लाई बीच

अपने नाम के हिसाब से यह बीच बहुत खूबसूरत है. अपनी अनछुई खूबसूरती की वजह से यह सैलानियों के बीच मशहूर है. एकांत चाहने वालों के लिए इस से बढि़या कोई दूसरी यह जगह नहीं हो सकती.

बटरफ्लाई द्वीप पर स्थित यह जगह बेजोड़ है. इस तट पर पहुंचने के लिए अगोंडा या पलोलेम तट से नाव के सहारे जाना होता है. रोमांच के शौकीन काकोलम बीच के तट पर जा सकते हैं. इस को टाइगर बीच भी कहते हैं.

गलजीबाग बीच

देशदुनिया में मशहूर मौरजिम तट की तरह गलजीबाग तट भी विलुप्तप्राय औलिव रिडली कछुए के अंडे देने और सेने वाली जगह है. मगर मौरजिम तट के भीड़भाड़ के बजाय यह तट अपेक्षाकृत शांत रहता है. हां, एक अच्छी बात यह है कि यहां कुछ बेहतरीन और स्वादिष्ठ सीफूड्स मिलते हैं. गलजीबाग तट कानाकोनासे 18 किलोमीटर की दूरी पर है, जो तालपोना बीच के दक्षिणी मुहाने पर स्थित है.

होलांत बीच

यह बेहद शांत रहने वाला समुद्री किनारा दूरदूर तक पसरा हुआ है. यह तट थोड़ा पथरीला है, मगर इस की खूबसूरती खुद की ओर खींचने के लिए काफी है.

बेतुल बीच

बेहद चौड़ा और पट्टीदार यह समुद्रीतट मडगांव से 18 किलोमीटर की दूरी पर है. यहां के नजारे आप को किसी पारंपरिक समुद्री गांव, जो मत्स्य पालन के धंधे में लगे होते हैं, की याद दिला देंगे. इस के नजदीक एक 17वीं शताब्दी का किला और एक खाड़ी भी है. यहां पहुंचने के लिए पहले आप सड़क के रास्ते मोबोर तट पहुंचें, और वहां से कैवेलोसिम-ऐसोलना फेरी की मदद से साल नदी होते हुए यहां तक पहुचें.

आरमबोल बीच

यह बेहद खूबसूरत और शांत समुद्रीतट दोस्तों और परिवार के साथ बार्बेक्यू का मजा लेने के लिए सब से मुफीद जगह है. यह तट धीरेधीरे मशहूर हो रहा है, जो पूरी दुनिया से बोहेमियाई लोगों को खुद की ओर आकर्षित कर रहा है. इस तट के नजदीक आज कई बेहतरीन कैफे व रेस्तरां खुल गए हैं.

अगोंडा बीच

मडगांव से 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह बीच बेहद खूबसूरत और पिकनिक के लिए मुफीद स्थानों में से एक है. समुद्र के किनारे की पहाडि़यां इसे रमणीय स्थल में बदल देती हैं.

कोला बीच

यहां रहने वाले स्थानीय लोग भी इस तट से वाकिफ नहीं हैं. इस छिपे हुए समुद्रीतट तक पहुंचने के लिए आप को कानकोना के दक्षिणी हिस्से की ओर जाना होगा, और फिर वहां से आप को संकेतों का पीछा करना होगा. सुनने में ही कितना दिलचस्प लग रहा है न.

अगोंडा तट से 5 मिनट की दूरी पर स्थित यह तट झील से घिरा हुआ है. यहां की सब से अच्छी बात यह है कि यहां रात को रुकने के लिए झोंपड़ीनुमा घर भी बने हैं. यहां रुक कर आप समंदर और वादियों का पूरा मजा ले सकते हैं.

वलसाओ बीच

गोवा के मशहूर मेजोरदा और कोलवा समुद्रीतट के उत्तर में और गोवा के दक्षिणी भाग में स्थित इस अद्भुत तट को कुदरत ने फुरसत में बनाया है, ऐसा लगता है. यहां आप को कुछेक तैराक तैरते हुए मिल जाएंगे जो भीड़भाड़ से बच कर यहां तैरने हेतु आते हैं.

सिंकेरियम बीच

यह सफेद बलुई तट दूरदूर तक पसरा हुआ है. लग्जरी रिजौर्ट्स के आसपास होने के बावजूद यह बेहद शांत समुद्रीतट है. शांतिपूर्वक बैठनेलेटने और खुद में खो जाने के लिए इस से बेहतर जगह शायद ही कोई हो. अरब सागर में डूबते हुए सूरज को देखना और उसे अपने चेहरे पर महसूस करने के लिए इस से मुफीद जगह नहीं मिल सकती.

सिरिदाओ बीच

पणजी से 12 किलोमीटर की दूरी पर और जुआरी नदी के मुहाने पर स्थित यह बेहद शांत और सुरमयी तट है. दूरदूर तक बालू ही बालू पसरी हुई है. इस के अलावा यहां पाए जाने वाले घोंघे, जो समंदर के किनारे पर आ जाते हैं, की चमक इसे और बेहतरीन बनाती है. सिरिदाओ के नजदीक में कई गुफाएं हैं जो यहां घूमनेफिरने वालों के लिए एक और रोमांचक स्थान है.

गोवा में पर्यटकों की भीड़ सब से अधिक गरमी के महीनों में होती है. जब यह भीड़ समाप्त हो जाती है तब यहां शुरू होता है ऐसे सैलानियों के आने का सिलसिला जो यहां मानूसन का लुत्फ उठाना चाहते हैं.

गोवा के मनभावन बीच की लंबी कतार में पणजी से 16 किलोमीटर दूर कलंगूट बीच, उस के पास बागा बीच, पणजी बीच के निकट मीरामार बीच, जुआरी नदी के मुहाने पर दोनापाउला बीच स्थित हैं. वहीं, इस की दूसरी दिशा में कोलवा बीच ऐसे ही सागरतटों में से है जहां मानसून के वक्त पर्यटक जरूर आना चाहेंगे. यही नहीं, अगर मौसम साथ दे तो वागाटोर बीच, अंजुना बीच, पोलोलेम बीच जैसे अन्य सुंदर सागरतट भी देखे जा सकते हैं.

गोवा को पर्ल औफ ईस्ट भी कहा जाता है. यह विदेशी पर्यटकों की पसंदीदा जगह है. दुनियाभर से पर्यटक यहां आते हैं. अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता, शानदार और भव्य वास्तुकला वाले चर्च, मंदिर व पुराने मकान गोवा में विदेशी सैलानियों को आकर्षित करते हैं.

यहां कई वन्यजीव अभयारण्य हैं, जैसे बोंडला वन्यजीव अभयारण्य और कोटिगाव वन्यजीव अभयारण्य और कुछ संग्रहालय, जैसे गोवा राज्य संग्रहालय, नैवेल एविएशन संग्रहालय, पुरातत्व संग्रहालय और पौट्रेट गैलेरी आदि भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.

कई किले, जैसे अगुआड़ा दुर्ग, तिरकोल किला और प्रसिद्ध चर्चों, जैसे बैसिलिका औफबोम जीसस, सेंट औगस्टिन चर्च आदि कई स्थान भी हैं जो देखने लायक हैं. गोवा अपनी पार्टियों और कार्निवाल के

लिए भी जाना जाता है जो कि खासतौर पर अक्तूबर और दिसंबर महीने में होते हैं.

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