मैं 26 वर्षीय शादीशुदा युवती हूं. मेरे स्तन काफी बढ़ गए हैं. ब्रा भी कसने लगी है. इसलिए मैं ने ब्रा पहनना छोड़ दिया है. मैं क्या करूं.

सवाल

मैं 26 वर्षीय शादीशुदा युवती हूं. मुझे 5 महीने का गर्भ है. समस्या यह है कि मेरा पेट तो उतना नहीं बढ़ रहा पर स्तन काफी बढ़ गए हैं. ब्रा भी कसने लगी है. इसलिए मैं ने ब्रा पहनना छोड़ दिया है. पर डरती हूं कि कहीं स्तन बेडौल न हो जाएं. मैं क्या करूं?

जवाब

गर्भावस्था के दौरान स्तनों का आकार बढ़ जाता है, इसलिए आप को अपनी पुरानी ब्रा टाइट होती होगी. बेहतर होगा कि सही आकार की और अच्छी क्वालिटी की ब्रा खरीदें. ब्रा पहनना न छोड़ें वरना स्तन बेडौल हो जाएंगे. अभी स्तनों के आकार को ले कर चिंतित न हों. प्रसूति के बाद और बच्चे को स्तनपान कराने पर स्तन फिर से पहले वाले आकार में आ जाएंगे.

ये भी पढ़ें…

जब करें इनरवियर का चुनाव

फैशनेबल दिखने के लिए इनरवियर्स का सही चुनाव बहुत जरूरी है, क्योंकि इनरवियर्स ही ड्रैस की फिटिंग को उभारते हैं. यदि सही इनरवियर्स नहीं होंगे तो बौडी शेप भी खराब दिखेगी. लेकिन इनरवियर किसे दिखाने हैं, यह सोच कर लड़कियां अकसर सस्ते इनरवियर खरीद लेती हैं और यहीं हो जाती है उन से फैशन मिस्टेक. जबकि आजकल बाजार में हर ड्रैस के लिए तरहतरह के इनरवियर्स उपलब्ध हैं.

आइए, जानते हैं किस ड्रैस के साथ कौन सा इनरवियर पहनना चाहिए:

– मिनिमाइजर ब्रा स्लिम फिट टौप के लिए है यदि आप अपनी हैवी ब्रैस्ट का साइज कम दिखाना चाहती हैं तो यह ब्रा आप के लिए परफैक्ट है.

– टी शर्ट पहन रही हैं तो टीशर्ट ब्रा ही पहनें. यह ब्रा आप की ब्रैस्ट को सही आकार देगी और टीशर्ट की फिटिंग भी सही आएगी.

– पैडेड ब्रा उन ड्रैसेज के लिए है, जो बहुत ही महीन फैब्रिक मसलन सिल्क, कौटन और लिनेन से बनी होती हैं.

– यदि डीपनैक ड्रैस पहनने जा रही हैं तो डैमी ब्रा पहनना न भूलें. यह ब्रा औफशोल्डर और ट्यूब टौप के नीचे भी पहनी जा सकती है.

– हाल्टरनेक ब्रा को ढीलेढाले स्पोर्टवियर के नीचे पहनना चाहिए. यह न केवल ब्रैस्ट को स्थाई रखती है, बल्कि पसीने को भी सोखती है. यह पसीने को आप के आउटरवियर पर नहीं आने देती.

फैशन ऐक्सपर्ट विनीता कहती हैं, ‘‘ब्रैस्ट और बंप्स महिलाओं के शरीर के बहुत ही अहम हिस्से होते हैं. ये दोनों ही हिस्से महिलाओं को अच्छी फिगर देते हैं और ड्रैस को अच्छी शेप. यदि किसी महिला की ब्रैस्ट का साइज कम है तो उसे आर्टिफिशियली बढ़ाने के लिए पैडेड ब्रा पहनी जा सकती है. ब्रा की ही तरह बंप्स को बढ़ाने के लिए पैडेड पैंटीज भी मिलती हैं.’’

टीनऐजर्स के इनरवियर

दरअसल, आज की युवा पीढ़ी में इनरवियर्स से जुड़ी सही जानकारी का ज्ञान होना बहुत जरूरी है खासतौर पर जब हम टीनऐजर्स की बात करते हैं, तब यह और भी महत्त्वपूर्ण विषय बन जाता है.

वर्तमान समय में कई तरह के पर्यावरण बदलाव हो रहे हैं, जिन का सीधा असर हमारे शरीर पर पड़ता है. इन बदलावों का ही असर है, जो आज लड़कियों में बहुत से शारीरिक बदलाव देखे जा रहे हैं.

इस की एक बड़ी वजह आजकल का खानपान भी है. मासिकधर्म शुरू होने पर लड़कियों के शारीरिक अंगों में विकास होता है. स्तनों का विकास भी मासिकधर्म पर निर्भर करता है.

इस तरह कम उम्र से ही लड़कियों को ब्रा पहननी होती है. यह एक ऐसी उम्र होती है जब अधिकतर लड़कियों को इस बात का आभास भी नहीं होता कि उन के स्तनों में उभार आ रहा है और वे आकार ले रहे हैं. ऐसे में एक मां ही अपनी बेटी को ब्रैस्ट केयर और ब्रा के सही चुनाव की जानकारी दे सकती है.

पेश है, कुछ खास जानकारी जो मां को अपनी बढ़ती बेटी को जरूर देनी चाहिए:

जब बेटी के स्तन आकार लेने लगें, तो तुरंत अपनी बेटी को इस बदलाव के बारे में समझाएं और उसे ट्रेनिंग या स्पोर्ट ब्रा खरीद कर पहनने को दें.

– विकसित होते स्तन कभीकभी लड़कियों को अवसाद में ले जाते हैं. इस बदलाव को लड़कियां आसानी से स्वीकार नहीं कर पातीं. दरअसल, खुद के शारीरिक अंगों में हो रहे बदलाव के बारे में दूसरों के मुंह से सुनती हैं, तो उन्हें यह परिस्थिति अटपटी लगती है, साथ ही विकसित होते स्तनों की बनावट भी अटपटी सी ही होती है. ऐसे में बेटी को कप्ड ब्रा पहनने का सुझाव दें. ऐसी ब्रा स्तनों के आकार को पौइंटेड दिखाने की जगह गोल आकार देती है. इस ब्रा में लगे अंडरवायर भी स्तनों को अच्छी सपोर्ट देते हैं.

– स्कूल में बहुत सारी ऐक्टिविटीज होती हैं, जिन में शारीरिक क्षमता का बहुत प्रयोग करना होता है. इन गतिविधियों में इस उम्र की लड़कियों को भी हिस्सा लेना होता है. मगर इस से पहले मां का फर्ज बनता है कि वह बेटी को समझाए कि उसे विकसित होते स्तनों का ध्यान रखना है और इस का ध्यान वह एक अच्छी स्पोर्ट ब्रा पहन कर ही रख सकती है. स्पोर्ट ब्रा पहनने से स्तनों के टिशूज पर प्रभाव नहीं पड़ता. इसलिए इस ब्रा को किसी स्पोर्ट में हिस्सा लेते या व्यायाम करते वक्त बेटी को पहनने को कहें.

– सवाल होते हैं. मसलन, फिटिंग, साइज और ब्रा पहनने के बाद कितना सहज महसूस हो सकता है. बेटी के मन में चल रही इस उथलपुथल को एक अच्छी फिटेड ब्रा के साथ मां ही खत्म कर सकती है.

– बेटी को डार्क कलर की ब्रा की जगह हलके रंग, हो सके तो स्किन टोन से मैच करते रंग की ब्रा पहनने की सलाह दें. दरअसल, डार्क रंग की ब्रा कपड़ों पर फ्लांट हो सकती है, लेकिन स्किन टोन कलर की ब्रा में यह दिक्कत नहीं आती.

एडल्ट फिल्में जिन्हें सेंसर बोर्ड ने किया बिना कट के पास

सेंसर बोर्ड आजकल अक्सर किसी न किसी फिल्म को रोकने के लिए चर्चा में रहता है. हाल ही में अलंकृता श्रीवास्तव को अपनी फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुरखा’ पास कराने में बहुत मशक्क्त करनी पड़ी.

हर फिल्म के बोल्ड सीन या डायलॉग को काटने-छाटने की डिमांड करता सेंसर बोर्ड एक समय कई अश्लील या विवादित फिल्में भी पास कर चुका है. ये फिल्में एडल्ट तो थी हीं और इनके कुछ सीन काफी विवादित भी रहे.

इन फिल्मों को देखकर कोई सोच भी नहीं सकता कि इन्हें इतने पहले के दौर में सेंसर बोर्ड ने पास कर दिया था. आजकल के समय में बोल्ड और हॉट की परिभाषा ही बदलकर रख दी है लेकिन उस वक्त की ये फिल्में भी कुछ कम नहीं थीं.

तो आइये जानते हैं उन एडल्ट फिल्मों के बारे में जिन्हें सेंसर बोर्ड ने पास कर दिया था.

सत्यम शिवम् सुंदरम

सत्यम शिवम् सुंदरम एक ऐसी फिल्म थी जिसने तहलका मचा दिया था. लोग छुप-छुपकर ये फिल्म देखने जाते थें जैसे की ये कोई पॉर्न फिल्म हो. इसमें जीनत अमान के कपड़े इतने छोटे थे कि बारिश वाले सीन में तो उनके बॉडी पार्ट्स पूरी समझ आ रहे थे.

वीराना

इस फिल्म को वीराने में ही देखें और उस वक्त भी इसे छुपकर ही देखा जाता था. हैरानी की बात है कि इतने बोल्ड सीन होने के बावजूद भी फिल्म रिलीज हो गयी.

फायर

इस फिल्म में नंदिता दास और शबाना आजमी के इतने बोल्ड सीन हैं कि देखने वाला हैरान रह जाये. शबाना आजमी नंदिता दास की भाभी का किरदार निभाती हैं जिससे उनके संबंध बन जाते हैं और ये शबाना के पति भी देख लेते हैं. इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने बिना किसी कट के पास कर दिया था.

राम तेरी गंगा मैली

1985 में रिलीज हुई इस फिल्म में एक्ट्रेस मंदाकिनी का वो भीगा हुआ बदन, आज भी लोग याद करते हैं. इस फिल्म में भी काफी बोल्ड सीन दिखाए गए थे.

पार्टी

साल 1984 में रिलीज हुई इस फिल्म में रोहिणी हट्टंगड़ी के बोल्ड सीन हैं. आज के जमाने में मां या दादी के रोल करनी वाली एक्ट्रेस रोहिणी के उस दौर की फिल्म में अपनी नाईटी उतार दी थी.

बॉलीवुड की हाई बजट फिल्में जो बॉक्स ऑफिस पर रहीं फ्लॉप

आज कल फिल्में 100 करोड़ की कमाई ना करें तो लोग उन्हें फ्लॉप ही मानते हैं. ईद के मौके पर सलमान की फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ आई जिसका बजट लगभग 110 करोड़ था. इस फिल्म की रिलीज के ठीक 10वें दिन फिल्म ने करीब 110.7 करोड़ रुपये का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन किया है. इसी तरह की कई फिल्में हैं जो बहुत महंगी बनाई गई हैं लेकिन बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई नहीं कर पाई.

इन हाई बजट फिल्मों का हाल कुछ ऐसा रहा.

बॉम्बे वेलवेट (2015)

अनुराग कश्यप की इस फिल्म में रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और करन जौहर मुख्य भूमिका में थे. इस फिल्म को करन जौहर ने ही प्रोड्यूस भी किया था. इस फिल्म का बजट 125 करोड़ रुपये था जबकि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन मात्र 20 करोड़ मुश्किल से हो पाया था.

बेशरम (2013)

रणबीर कपूर, ऋषि कपूर और नीतू कपूर जैसे बड़े नाम थे इस फिल्म में. जिसे अभिनव कश्यप ने डायरेक्ट और हिमांशू मेहरा ने प्रोड्यूस किया था. इस फिल्म ने मुश्किल से 11 से 15 करोड़ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन ही किया था, जबकि इसका बजट करीब 85 करोड़ था.

काइट्स (2010)

साल 2010 में अनुराग बसु ने ये फिल्म बनाई थी. इस फिल्म को राकेश रोशन ने प्रोड्यूस किया था. इस फिल्म का बजट करीब 150 करोड़ रुपये था. जबकि बॉक्स ऑफिस पर इसने करीब 83 करोड़ रुपये का ही कारोबार किया. फिल्म की कहानी दर्शकों को पसंद नहीं आई. इसमें रितिक रोशन, बारबरा मूरी और कंगना रनौत मुख्य भूमिका में थे.

गुजारिश (2010)

ऐश्वर्या राय और रितिक रोशन स्टारर इस फिल्म को संजय लीला भंसाली ने डायरेक्ट और प्रोड्यूस की थी. इस फिल्म का बजट 50 करोड़ था जबकि इसका बिजनेस 14 से 15 करोड़ ही हो पाया था.

ब्लू (2009)

एन्थोनी डिसूजा की डायरेक्टेड फिल्म ‘ब्लू’ को डिलिन मेहता ने प्रोड्यूस की थी. इस फिल्म में अक्षय कुमार, लारा दत्ता, संजय दत्त और कटरीना कैफ के होने के बावजूद फिल्म फ्लॉप रही. 129 करोड़ में बनी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 38 करोड़ रुपये का ही कारोबार कर पाई.

लव स्टोरी 2050 (2008)

हरमन बवेजा और प्रियंका चोपड़ा की इस फिल्म को बच्चों ने थोड़ा बहुत पसंद किया लेकिन एडल्ट दर्शकों ने इसे सिरे से नकार दिया. इस फिल्म को हैरी बवेजा ने डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था. इस फिल्म का बजट 60 करोड़ था, जबकि कमाई सिर्फ 18 से 20 करोड़ ही हो पाई थी.

द्रोणा (2008)

अभिषेक बच्चन, प्रियंका चोपड़ा, जया बच्चन और केके मेनन स्टारर इस फिल्म को भी मुंह की खानी पड़ी. दर्शकों को इनका काम एक परसेंट भी पसंद नहीं आया. इस फिल्म का बजट करीब 65 करोड़ था जबकि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन मात्र 8.5 करोड़ ही मुश्किल से हो पाया था. इस फिल्म को गोल्डी बहल ने डायरेक्ट किया था.

जरूरी नहीं की हर हाई बजट फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाए. कुछ जरूरी है तो वह है फिल्म का निर्देशन, प्रस्तुति, पटकथा और अभिनय.

मॉनसून में जा रही हैं घूमने तो रखें इन बातों का ध्यान

बारिश में घूमना एक रूमानी और उत्‍साहित करने वाला अहसास है, पर मानसून में मस्‍ती से जुड़ी कुछ परेशानी भी हैं. तो इन टिप्‍स को फॉलो कर लें मॉनसून में घूमने का मजा.

बारिश का पूरा मजा लेने के लिए चुनें सही जगह

अगर आप बारिश में घूमने का पूरा मजा लेने की ख्‍वाहिश रखती हैं और हरयाली के साथ साथ सेफ्टी को भी महत्‍व देती हैं तो फिर बेहतर होगा की आप मुंबई या महाराष्‍ट्र के खूबसूरत लोकेशंस पर जायें. इसके अलावा आप केरल के खूबसूरत नजारों और गोआ के बीच का भी मजा ले सकती हैं.

टिकट पहले बुक करवायें

इस मौसम में ट्रेन और दूसरे यात्रा के साधनों में काफी भीड़ भाड़ होती है. इसलिए एडवांस प्‍लानिंग के साथ एडवांस में टिकट भी बुक करा लें. बाकी कहां ठहरेंगे और कहां कहां जाना है इसकी भी व्‍यवस्‍था पहले ही कर लें.

सोच समझ कर करें ट्रैकिंग

बरसात के मौसम में पहाड़ी स्‍थानों पर लैंडस्‍लाइड का खतरा काफी ज्‍यादा होता है. साथ ही फिसलन भी हो जाती है. ऐसे में अगर आप ट्रैकिंग की शौकीन हैं तो फिर इस दौरान यात्रा की योजना ना ही बनायें तो बेहतर. कुछ लोगों को इसी मौसम में ट्रैकिंग करने का शौक होता है ऐसे लोग सोच समझ कर ऐसी जगह चुने जहां पानी अपेक्षाकृत कम बरस रहा हो और लैंडस्‍लाइड के लिहाज से भी वो सेफ जोन हो.

सावधानी से पिएं पानी

जी हां बारिश में ज्‍यादातर बीमारियां पानी के कारण ही होती हैं इसलिए सबसे ज्‍यादा सावधानी इसी में बरतें. कोशिश करें कि आर ओ का पानी पियें या फिर विश्‍वसनीय पैक वाटर ही बाजार से लें. अगर कुछ ना हो तो पानी को उबाल कर स्‍टोर करने की व्‍यवस्‍था बनायें.

कटे और खुले फल ना खायें

बारिश में फल तो खूब आते हैं पर याद रखें कि खुले में बिक रहे कटे फल बिलकुल ना खायें. ऐसे फल कई बीमारियों को दावत देने वाले होते हैं.

टेस्टी कर्ड सैंडविच

सामग्री

सैंडविच ब्रेड- 6

दही- 4 बड़े चम्मच पानी निकाल हुआ

प्याज- 1 बारीक कटी हुई

गाजर- 1 कद्दूकस की हुई

टमाटर- 1 बारीक कटा हुआ

पत्तागोभी- 1 बारीक कटी हुई

काली मिर्च पाउडर- 1 छोटी चम्मच

नमक- स्वादानुसार

मक्‍खन- सैंडविच सेंकने के लिए

विधि

सबसे पहले पानी निकले हुए दही को एक कटोरी में निकाल लें. अब उसमें कटी हुई सब्जियां, नमक, काली मिर्च अच्छी तरह से मिला दें. अब गैस पर नॉनस्‍टिक तवा रखें और उसे गर्म कर लें.

तवे पर हल्‍का सा मक्‍खन लगा दें और उस पर 1 ब्रेड रखें. ब्रेड के एक तरफ बड़े चम्‍मच की सहायता से मिश्रण को फैला दें, फिर उस पर दूसरी ब्रेड रख दें और उस पर हल्‍का सा मक्‍खन लगा दें.

जब ब्रेड एक तरफ से हल्‍की ब्राउन सिंक जाये तो पलटे से संभाल कर पलट दें. ध्‍यान रहे पलटने पर मिश्रण बाहर ना गिरने पाये. दूसरी तरफ भी हल्‍का ब्राउन सेंक लें. अब तिरछा सैंडविच के आकार में काट कर टोमेटो सॉस या चटनी के साथ गर्म गर्म सर्व करें.

हाई हील्स के दर्द से बचने के लिए अपनाएं ये टिप्स

आमतौर पर सभी महिलाओं को हाई हील्स पहनना बहुत अच्छा लगता है. फ्लैट फुटवियर की तुलना में हाई हील्स आपको ज्यादा स्टाइलिश और सेक्सी लुक देती हैं. हर लड़की चाहती है कि उसके पास कई सारी हाई हील्स की कलेक्शन हो जिसे वो जब चाहे अपनी ड्रेस और मूड के हिसाब से पहन सके.

हाई हील्स पहनना तो अच्छा लगता ही है लेकिन पैरों में दर्द के साथ परेशानी भी शुरू होती है. जी हां, हाई हील्स के साथ दर्द फ्री में मिलता है. अगर आप भी दर्द से बचने के लिए हील्स पहनना अवॉयड करती हैं तो आपका इंतजार खत्म हुआ. जी हां, आज हम आपको बता रहे हैं हाई हील्स पहनने के कुछ स्मार्ट तरीके जिनके द्वारा आप दर्द से बच सकती हैं.

परफेक्ट साइज

हाई हील्स के दर्द से बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप अपने साइज के हिसाब से ही अपने लिए फुटवियर चुनें. अगर फुटवियर का साइज ठीक नहीं होगा तो जाहिर सी बात है कि आपको उससे तकलीफ होगी. अकसर महिलाएं गलत साइज के फुटवियर खरीदने की गलती कर बैठती हैं. छोटे साइज के जूते आपकी मांसपेशियों और तंत्रिकाओं पर दबाव बनाती हैं जिसके परिणामस्वरूप आपको दर्द पैदा महसूस होता है.

आकार पर दें ध्यान

अपने लिए फुटवियर चुनते समय अपने पैर के आकार पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी है, खासकर तब जब आप हाई हील्स खरीद रहीं हों. आपके पैर का आकार हाई आर्क, नॉर्मल आर्क और फ्लैट फुट हो सकता है इसलिए अपने पैस की शेप को ध्यान में रखते हुए ही हाई हील्स खरीदें. अगर आप अपने पैर की शेप के अनुसार हाई हील्‍स नहीं खरीदेंगी तो इसकी कीमत आपके पैरों को दर्द सहन कर चुकानी पड़ेगी. अगर आपका पैर फ्लैट है तो आपको ऐसे फुटवियर पहनने चाहिए जिसमें आपका पैर आराम महसूस करे. शूज खरीदने से पहले उन्हें पहनकर और कुछ कदम चलकर भी जरूर देखें.

क्वालिटी भी है जरूरी

हील्स की क्वालिटी सीधे तौर पर आपके कंफर्ट से संबंधित है. जितनी अच्छी क्वालिटी होगी उतना ही उसे पहनने में आपको आराम महसूस होगा. हील्स खरीदते समय क्वालिटी में आपको डिजाइन, मटीरियल और शेप पर ध्यान देना चाहिए. अब अगली बार जब भी आप हाई हील्स खरीदने जाएं तो उसकी क्वालिटी को लेकर किसी भी तरह का समझौता न करें वरना आपकी लापरवाही का भुगतान आपके पैरों को करना पड़ सकता है.

पतले सोल की हील्स

पतले सोल वाली हील्स आपके पैरों को आरामदायक स्थिति नहीं दे पाती हैं. इस कारण आपके पैरों का दर्द और बढ़ जाता है. अपने लिए हील्स खरीदते वक्त उसमें प्रयोग किए गए सोल के पतलेपन और मटीरियल का ध्यान रखें. इस वजह से पतले सोल वाली स्टैलाटोज के मुकाबले प्लैटफॉर्म हील्स ज्यादा आरामदायक होती हैं.

लगातार खड़ी न रहें

हाई हील्स की वजह से आपके शरीर में न्यूरोमेकैनिज्मर बदलने लगता है. इसका मतलब है कि शरीर की यांत्रिक गतिविधियों का संपर्क आपके नर्वस सिस्टम से होने लगता है. हाई हील्स पहनकर लंबे समय तक लगातार चलने या खड़े रहने से आपके घुटनों, जांघों और कमर में स्थायी दर्द रह सकता है. अब जब कभी भी आप हाई हील्स पहनकर बाहर निकलें तो लंबे समय तक लगातार खड़े रहने या चलने की गलती न करें. अपने पैरों को आराम देने के लिए कुछ मिनट बैठ जाएं.

ब्रेक लेना न भूलें

अगर आप पूरा दिन हाई हील्स पहनती हैं तो बहुत जरूरी है कि थोड़े-थोड़े समय में आप इन्हें उतार कर अपने पैरों को आराम दें.

बिना शूटिंग किए निकल गए शाहरुख और अनुष्का

सुनील ग्रोवर से मनमुटाव के बाद कपिल की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही हैं. कपिल के फैंस तो यही चाहेंगे कि कपिल जल्द से जल्द अपने पुराने फॉर्म में आ जाएं, वर्ना कपिल शर्मा और शो के लिए ठीक नहीं होगा.

शुक्रवार को शाहरुख ख़ान और अनुष्का शर्मा ‘द कपिल शर्मा शो’ के लिए शूटिंग को गए थे. लेकिन उन्हें बिना शूट के ही सेट से वापस लौटना पड़ा. खबर है कि कपिल शर्मा स्ट्रेस के कारण असहज महसूस कर रहे थे और इसलिए उन्हें शूटिंग कैंसिल करनी पड़ी.

शाहरुख अनुष्का शर्मा के साथ अपनी आने वाली फ़िल्म ‘जब हेरी मेट सेजल’ के प्रमोशन को लेकर कपिल के शो में हिस्सा लेने पहुंचे थे. आप इन तस्वीरों में देख सकते हैं शाहरुख भी शूट कैंसिल होने के बाद थोड़े परेशान से नज़र आ रहे हैं.

बहरहाल, यह भी तय है कि शाहरुख और अनुष्का कपिल के शो में जाकर अपनी फ़िल्म को प्रमोट करते, उससे ज्यादा सुर्खियां तो उन्हें शो कैंसिल होने से मिल जाएगा. बड़ा सवाल यह है कि कपिल शर्मा को ऐसा क्या स्ट्रेस हो गया कि उन्हें शूटिंग ही कैंसिल करनी पड़ी? शूटिंग रद्द करने से मामला गंभीर लग रहा है. फोटों में आप देख सकते हैं अनुष्का भी हैरान सी दिख रही हैं.

यहां लोगो के लिए खुला आसमान ही है सिनेमाघर

सिनेमाघरों में फिल्में तो आपने बहुत देखी होंगी लेकिन अगर आपको फिल्म बाहर खुले क्षेत्र में दिखाई जाये तो सोचिए कैसा लगेगा. ऐसे ही दुनिया में कुछ सिनेमाघर हैं जहां खुले आसमान में शाम ढलते ही फिल्म दिखाई जाती है. जर्मनी में ऐसे कई शहर हैं जहाँ इस तरह के फिल्म समारोह होते हैं. वहां यूनिवर्सिटी के मैदान में या फिर खुले बगीचे में फिल्म समारोह होता है और लोगों क बड़े पर्दे पर फिल्म दिखाई जाती है

हमारे साथ आप यहां जान सकते हैं, विदेश के कई ऐसे शहरों के बारे में जहां आप खुले आसमान के नीचे आराम से फिल्म देख कर मजा ले सकते हैं.

बर्लिन

यहां फिल्म देखने के साथ पिकनिक भी मना सकते हैं. यहां पर लोग बेंचों पर बैठकर या कॉफीहाउस की टेबलों पर बैठकर फिल्म का मजा ले सकते हैं, अगर आप चाहे तो फिल्म का मजा लेटकर भी ले सकते हैं.

म्यूनिख

म्यूनिख में किनो, मोंड उंड श्टैर्ने नाम की जगह अपना 20वां साल बना रही है. एम्फीथियेटर में 13 सीढ़ियों पर बेठे दर्शक एकदम अच्छे से फिल्म का मजा ले सकते हैं और फिल्म देखने के बाद कोई घर न जाना चाहे तो पास के मैदान पर बार्बेक्यू कर ले.

म्यूनिख में साल 1972 के ओलंपिक के लिए बनी जगह खिलाड़ियों और घूमने वालों के काम आती है. यहां कुछ ऐसे सिनेमाघर हैं, जो 3D फिल्में भी दिखाते हैं. यहां मई से सितंबर के बीच खुले आसमान में भी फिल्म दिखाते हैं.

ड्रेसडेन

ड्रेसडेन में एल्बे नदी के किनारे खुले आसमान में फिल्म देखना एक रोमांटिक अनुभव है. यहां जून से सितंबर के बीच में हर दिन 3,000 लोग फिल्म देख सकते हैं.

बाडेन व्युर्टेम्बर्ग

यहां पुराने मठों के बीच कड़ी दीवारों पर बाडेन व्युर्टेम्बर्ग के आल्पिर्सबाख में फिल्में दिखाई जाती हैं. यहां बगीचे में लगभग 300 लोग कुर्सियों पर बैठकर फिल्म का मजा ले सकते हैं और मठ की परंपरा के हिसाब से ताजा बीयर भी बीच बीच में मिलती है.

डुइसबुर्ग

डुइसबुर्ग के समर फिल्म फेस्टिवल के दौरान फिल्मों का मजा लेने के साथ-साथ वहां आप आस-पास के इंडस्ट्रियल एरिया में रंग बिरंगी रौशनी का मजा और भी ज्यादा देखने लायक होता है.

बॉन

बॉन की यूनिवर्सिटी में हर साल मूक फिल्म समारोह होता है और वो भी खुले आसमान के नीचे. मार्लेने डीटरिष, चार्ली चैप्लिन फिल्मों का छोटा सा हिस्सा हैं. मुफ्त फेस्टिवल पियानो संगीत के साथ होता है.

हैम्बर्ग

हैम्बर्ग में शांसेनपार्क में फिल्मों का समारोह होता है किसी जमाने में यह तस्करों का अड्डा हुआ करता था लेकिन ये जगह अब सांस्कृतिक केंद्र है. हॉलीवुड की मशहूर फिल्में तो दिखाई जाती हैं लेकिन आप यहां डॉक्युमेंट्री फिल्में भी देख सकते हैं.

लुडविग्सबुर्ग

ऐतिहासिक लुडविग्सबुर्ग में 20वीं सदी में यहां कार्ल बैरेक्स बनाई गई. पहले इस जगह अस्तबल और परेड ग्राउंड थे लेकिन अब यहां सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं. इनमें कासेर्नेकिनो यानि फिल्में भी शामिल हैं.

श्टुटगार्ट

अगस्त में श्टुटगार्ट का मर्सिडीज बेंज वर्ल्ड शाम को ओपन एयर इवेंट की जगह बन जाता है. कार के म्यूजियम के एरिना में 700 दर्शक आ सकते हैं. 16 रातों में यहां ब्लॉकबस्टर और क्लासिक फिल्में दिखाई जाती हैं.

आपके लिए क्या है बेहतर रेग्यूलर या विमन सेविंग्स अकाउंट

आज बचत करने के बारे में कौन नहीं सोचता है. आप भी हर रोज यही सोचती होंगी कि कैसे ज्यादा बचत की जाए. आप जब भी इसके बारे में सोचती हैं तो बैंक में एक सेविंग्स अकाउंट खोलने के बारे में सोचा होगा आपने. क्या आपने कभी इस बारे में विचार किया है कि आपके लिए कौन सा अकाउंट बेहतर होता है. किसी भी बैंक का रेग्यूलर सेविंग्स अकाउंट या फिर खास महिलाओं के लिए बनाए गए विमन्स सेविंग्स अकाउंट.

तो जानिए हमारे साथ अपने सभी सवालों के जवाब…

किसके लिए बेहतर है ये खाता?

महिला बचत खाता विशेष तौर पर उन महिलाओं के लिए फायदेमंद रहेगा, जो बचत खाते पर ज्यादा से ज्यादा लाभ पाने की तलाश में रहती हैं. साथ ही इन खातों में उतना ही न्यूनतम बैलेंस रखने की जरूरत होती है जितना की सामान्य बचत खाते के लिए होती है.

कैसे खोला जा सकता है खाता : महिला बचत खाते (Women’s savings account) को एक महिला या तो व्यक्तिगत तौर पर खोल सकती है या फिर इसे ज्वाइंट होल्डिंग के मामले में इसे प्राइमरी होल्डर के तौर पर खोला जा सकता है. इन खातों में काफी सारे रिवार्ड के साथ ही कस्टमाइज फीचर्स की पेशकश की जाती है और इनमें डेबिट कार्ड लिंक्ड होता है.

इन खातों में विशेष ऑफर की पेशकश क्यों की जाती है?

एक महिला बचत खाते के अंतर्गत कुछ ऐसी सेवाओं की पेशकश की जाती है जो समान्य बचत खाते में नहीं दी जाती हैं. कोटक महिंद्रा बैंक अपने सिल्क-महिला बचत खाते के अंतर्गत होम बैंकिंग सर्विस की पेशकश करता है. इसके अंतर्गत खाताधारक कैश पिकअप, कैश डिलीवरी, चेक/ ड्राफ्ट डिलीवरी आदि जैसी सेवाओं का आनंद ले सकते हैं. हालांकि यह सेवा सिर्फ चुनिंदा शहरों में ही है.

उदाहरण के लिए – HDFC बैंक 1 लाख रुपए तक का एक्सीडेंटल हॉस्पिटलाइजेशन कवर और 10 लाख रुपए तक का एक्सीडेंटल डेथ कवर देता है. वहीं आरबीएल महिला बचत खाते के अंतर्गत देश के किसी भी एटीएम से अनगिनत बार कैश निकासी की सुविधा देता है.

ऐसे आप हर बैंक के नॉरमल और महिला बचत बैंक खाते के बारे में जानकारी इकट्ठा कर, खुद तय कर सकती हैं कि एक महिला बचत खाता सामान्य बचत खाते के मुकाबले कितना बेहतर है.

रोज सुबह लें ये जूस, होगा बहुत फायदा

हर रोज सुबह उठकर आप सबसे पहले क्या करती हैं? अगर आप कोई अच्छा और अपने स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद कोई काम करना चाहती हैं तो यहां हम आपको कुछ बताने जा रहे हैं, जो आपके बहुत काम का हो सकता है.

आजकल बाथरूम जाने में इन्फेक्शन होने की समस्या आम हो गई है. वैसे तो ये समस्या महिला-पुरूष दोनों में पायी जा रही है, लेकिन इस समस्या से ज्यादा पीड़ित, महिलाएं हो रही हैं और ये बीमारी उन्हें आए दिन घेर रही हैं.

ये समस्या यूरीन के रास्‍ते में संक्रमण के कारण पैदा होती है. आपने भी षायद देखा होगा कि इसके इलाज के लिए लोग कई महंगे प्रोडक्ट्स खरीदते हैं और डाक्टरों का चक्कर लगाते रहते हैं. पर इन सबसे हटकर हम आपको बता रहे हैं इसेक एक रामबाण इलाज के बारे में . हम बातकर रहे हैं आंवले के जूस की. जी हां हर रोज सुबह से एक गिलास आंवले का जूस पीना ऐसी किसी भी समस्या का एक बहुत च्छा इलाज है.

जानिए इसे कैसे पिएं और क्या-क्या हैं इसके फायदे

– रोज सुबह खाली पेट एक ग्लास पानी में दस एमएल आंवले का जूस मिलाकर लें.

– इससे शरीर में मौजूद सारे विषैले तत्व बाहर निकल जाएंगे.

– पेट और किडनी साफ हो जाएंगी.

– यूरीन इंफेक्शन की समस्या दूर हो जायेगी.

– पेट संबंधी बीमारियों को दूर रखेगा.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें