फिल्म रिव्यू : मंटोस्तान

साहित्यिक कृतियों को सेल्यूलाइड के परदे पर उतारते समय फिल्मकार किस तरह उसकी हत्या कर देते हैं,इसका जीता जागता नमूना है राहत काजमी की फिल्म ‘‘मंटोस्तान’’. देश के बंटवारे की पृष्ठभूमि पर सआदत हसन मंटो लिखित चार रोंगटे खड़े कर देने वाली विवादास्पद कहानियों ‘‘ठंडा गोश्त’’, ‘‘खोल दो’’, ‘‘आखिरी सैल्यूट’’ और ‘‘असाइनमेंट’’ को मिलाकर फिल्मकार राहत काजमी ने फिल्म ‘‘मंटोस्तान’’ की पटकथा लिखी है. लेकिन जिन्होंने सआदत हसन मंटों व उनकी कहानियों को पढ़ा है, उन्हें पूरी फिल्म देखने के बाद अहसास होता है कि  साहित्यिक कृतियों के साथ पूरा न्याय करने में फिल्मकार विफल रहा है.

फिल्म की कहानियां उन रातों के बारे में है, जो कि हमेशा सिसकियों में ही लिपटी रहती हैं. फिल्म की शुरुआत देश के बंटवारे और पं.जवाहर लाल नेहरू की आवाज के अलावा हिंदुओं द्वारा मुस्लिमों और मुस्लिमों द्वारा हिंदुओं की मारकाट के दृश्यों के साथ होती है. कहानी पंजाब में है, इसलिए सिख और मुस्लिम ही आमने सामने हैं. बहू बेटियों की इज्जत सरेआम लूटी जा रही है. चारों तरफ डर का माहौल है. लोग अपने घरों से निकलने से डर रहे हैं. पर ईश्वर सिंह (सोएब निकस शाह) जैसे लोग विपत्ति में घिरे लोगों के घर के अंदर घुसकर उनकी हत्या कर उनके गहने व जेवर लूट रहा है. तो उसकी पत्नी कुलवंत कौर (सोनल सहगल) ऐसे जेवर पहनकर खुशहोती है, पर जब उसका पति उसे धोखा देकर एक लाश के साथ संभोग करता है, तो इस सच को जानकर वह अपने पति की हत्या कर देती है.

एक कहानी उस मुस्लिम जज (वीरेंद्र सक्सेना) की है, जिसे भरोसा है कि उनका सिख दोस्त उनके घर जरुर ईदी देने आएगा. ईदी देने के लिए जज के दोस्त का बेटा आता है, पर वह अपने सिख साथियों से इस परिवार की रक्षा करने में असमर्थ नजर आता है. उधर सीमा पर भारत पाकिस्तान की सेना डटी हुई है. इनके बीच बातचीत हो रही है कि यह क्या हो गया. तभी पता चलता है कि भारतीय सैनिक राम सिंह का दोस्त जुल्फार (राहत काजमी) पाकिस्तानी सैनिक है. दोनों के बीच बातचीत होती है. बातचीत में ही गोली चल जाती है और अनजाने में राम सिंह मारा जाता है. चौथी कहानी एक मुस्लिम पिता (रघुवीर यादव) की है, जिनकी बेटी के साथ वही सिख बलात्कार करते हैं, जिन्होंने उसे ढूंढ़ कर लाने का वादा किया था.

फिल्मकार ने चारों कहानियों को फिल्म में एक दूसरे के समानांतर चलाया है, इससे दर्शक फिल्म के साथ जुड़ नहीं पाता है और चारों कहानियों का प्रभाव नहीं पड़ता. पटकथा लेखक की कमजोरी के चलते कहानियों का सही ढंग से फिल्म में रूपांतरण नहीं हो सका. फिल्म में विभाजन की त्रासदी व दर्द, तात्कालिक घटनाओं से उपजे विषाद व भय उभर नही पाता है. यह पटकथा लेखक और निर्देशक की कमजोरी का नतीजा है. अन्यथा मंटों की कहानियां पढ़ते समय यह सब इंसान को झकझोर देता है. पाठक के रोंगटे खड़े हो जाते हैं. पर यह सब पाठ्य का दृश्य श्राव्य माध्यम में अनुवाद करते समय खो गया. फिल्म जब क्लायमेक्स में पहुंचती है, तो तकनीक और शब्दों की ताकत दोनों ही निर्देशक की पहुंच से दूर हो चुके होते हैं.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो फिल्म में लगभग सभी नौसीखिए कलाकार हैं. जिनसे इस तरह की कहानी के पात्रों के साथ न्याय किए जाने की उम्मीद करना ही बेकार है. फिल्म में वीरेंद्र सक्सेना ने ठीक ठाक अभिनय किया है. रघुबीर यादव भी अपने किरदार के साथ न्याय नहीं कर पाएं. सोनल सहगल और सोएब शाह ने निराश ही किया है. फिल्म में एक मृत शरीर यानी कि लाश के साथ संभोग करने का अहसास होने पर जिस तरह की क्रिया व प्रतिक्रिया तथा भाव ईश्वर सिंह के चेहरे पर आने चाहिए थे, उसे सोएब शाह बिलकुल नहीं ला पाए. कुछ लोकेशन अच्छी हैं. कैमरामैन के काम को भी सराहा नहीं जा सकता.

128 मिनट की अवधि वाली फिल्म ‘‘मंटोस्तान’’ का निर्माण ‘‘राहत काजमी फिल्मस’’, ‘‘तारिक खान प्रोडक्शन’’ और आदित्य प्रताप सिंह इंटरटेनमेंट ने मिलकर किया है. लेखक व निर्देशक राहत काजमी हैं. फिल्म के कलाकार हैं-रघुवीर यादव, वीरेंद्र सक्सेना, सोनल सहगल, सोएब निकस शाह, रैन बसानेट, राहत काजमी व अन्य.

कुछ इंजीनियर तो कुछ मैट्रिक पास अभिनेता

जरूरी नहीं है कि फिल्मों में नाम कमाने के लिए ज्यादा पढ़ाई की जरूरत है, साउथ फिल्म इंडस्ट्री के बहुत से अभिनेता ऐसे भी है, जिन्होंने बड़ी-बड़ी डिग्रीयां हासिल की हैं तो कुछ अभिनेताओं ने सिर्फ मैट्रिक तक की ही पढ़ाई की है.

प्रभास

शिक्षा- “बीटेक” (श्री चैतन्य कॉलेज हैदराबाद)

साउथ के स्टार प्रभास (37 साल) इन दिनों हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘बाहुबली-2’ के कारण चर्चा में हैं. इस फिल्म में प्रभास द्वारा निभाए गए रोल ने उन्हें वर्ल्डवाइल्ड फेमस कर दिया है. रियल लाइफ में प्रभास प्रोफेशनल इंजीनियर हैं. प्रभास ने श्री चैतन्य कॉलेज, हैदराबाद से बीटेक किया है. बता दें कि वे तेलुगु सिनेमा के फेमस स्टार हैं. उन्होंने 2002 में फिल्म ‘ईश्वर’ से अपना एक्टिंग करियर शुरू किया था. इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘वर्षम’ (2004), ‘छत्रपति’ ( 2005), ‘चक्रम’ (2005), ‘बिल्ला’ (2009), ‘डार्लिंग’ (2010), ‘मिस्टर परफेक्ट’ (2011), ‘मिर्ची’ (2013) में अभिनय किया है. वे 2014 में आई बॉलीवुड फिल्म ‘एक्शन जैक्सन’ में आइटम नंबर में भी नजर आए हैं.

रजनीकांत

शिक्षा- ग्रेजुएट (मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट)

रजनीकांत(66 साल) ने 1975 में फिल्म ‘रेयर मेलोडीज’ से डेब्यू किया था. इसके अलावा उन्होंने ‘अवल ओरु तुडर कते’ (1974), ‘अनठुलेनी कथा’ (1976), ‘छिलाकाम्मा चेप्पिनडी’ (1977), ‘खिलाड़ी किट्टू’ (1978), ‘भैरवी’ (1978), ‘ठिल्लू मुल्लू’ (1981) सहित कई फिल्मों में काम किया. उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘अंधा कानून’ (1983), ‘गिरफ्तार’ (1985), ‘फूल बने अंगारे’ (1991), ‘फरिश्ते’ (1991), ‘तमाचा’ (1988) सहित अन्य फिल्मों में काम किया है.

धनुष

शिक्षा- मैट्रिक (सेंट जॉन मैट्रिक हायर सेकंटरी स्कूल)

धनुष(33 साल) ने 2002 में आई फिल्म ‘थुल्लुवधो ल्लामई’ से डेब्यू किया था. इसके अलावा उन्होंने ‘तिरुडा तिरुडी’ (2003), ‘देवाथायई कन्देन’ (2004), ‘पोल्लाधवन’ (2007), ‘मरयां’ (2013), ‘नैयांदी’ (2013) सहित अन्य फिल्मों में काम किया है. वे 2013 में आई बॉलीवुड फिल्म ‘रांझणा’ और 2015 की ‘शमिताभ’ में भी नजर आए हैं.

सूर्या

शिक्षा- बीकॉम (लोयलो कॉलेज, चेन्नई)

सूर्या(41 साल) ने 1997 में आई फिल्म ‘नेररुक्कू नेर’ से डेब्यू किया था. इसके अलावा उन्होंने ‘काका काका’ (2003), ‘गजनी’ (2005), ‘वेल’ (2007), ‘अयन’ (2009), ‘सिंघम’ (2010), ‘सिंघम’ 2 (2013) सहित अन्य फिल्मों में काम किया है.

अल्लु अर्जुन

शिक्षा- बीबीए (एमएसआर कॉलेज, हैदराबाद)

अर्जुन(34 साल) ने 2003 में आई फिल्म ‘गंगोत्री’ से डेब्यू किया था. इसके अलावा उन्होंने ‘आर्या’ (2004), ‘बन्नी’ (2005), ‘हैप्पी’ (2006), ‘देसमुदुरु’ (2007), ‘आर्य 2’ (2009), ‘वारुदु’ (2010), ‘बद्रीनाथ’ (2011), ‘सराइनोडु’ (2016) सहित अन्य फिल्मों में काम किया है.

पृथ्वीराज 

शिक्षा- आईटी में बैचलर डिग्री (तस्मानिया यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया)

पृथ्वीराज(34 साल) ने 2002 में आई फिल्म ‘नन्दनम’ से डेब्यू किया था. इसके अलावा उन्होंने ‘अकाले’ (2004), ‘वर्गम’ (2006), ‘वास्तवम’ (2006), ‘थिरककथा’ (2008) सहित अन्य फिल्मों में काम किया है. उन्होंने बॉलीवुड फिल्म ‘अइय्या’ (2012), ‘औरंगजेब’ (2013), ‘नाम शबाना’ (2017) में काम किया है.

नागा चैतन्य

शिक्षा- बीकॉम (ट्रीनिटी कॉलेज, लंदन)

चैतन्य(30 साल) ने 2009 में आई फिल्म ‘जोश’ से डेब्यू किया था. इसके अलावा उन्होंने ‘ये माया चेसावे’ (2010), ‘बेजवादा’ (2011), ‘तडाखा’ (2013), ‘ऑटोनगर सूर्या’ (2014), ‘प्रेमम’ (2016), ‘सहासेम स्वासागा सागिपो’ (2016) सहित अन्य फिल्मों में काम किया है.

दिगंत

शिक्षा- बीकॉम (बेंगलुरु)

दिगंत(33 साल) ने 2006 में फिल्म ‘मिस कैलिफोर्निया’ से किया था. इसके अलावा उन्होंने ‘गालीपाटा’ (2008), ‘पंचरंगी’ (2010), ‘लाइफेउ इष्टेन’ (2011), ‘परिजता’ (2012) सहित अन्य फिल्मों में अभिनय किया है.

बाहुबली 2 नहीं तोड़ पाई शाहरुख का यह रिकॉर्ड

‘बाहुबली 2’ को रिलीज को एक सप्ताह होने को है. लेकिन यह फिल्म अभी भी सुर्खियों में बनी हुई है. रिकॉर्ड्स के मामले में ये फिल्म रिलीज के पहले से ही स्पॉटलाइट में बनी हुई थी. 28 अप्रैल को रिलीज हुई इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए लेकिन इसके बावजूद ये फिल्म शाहरुख खान की इस फिल्म का रिकॉर्ड तोड़ने में नाकाम रही.

24 अक्टूबर 2014 को रिलीज हुई शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की ‘हैप्पी न्यू ईयर’ की पहले दिन का कमाई ‘बाहुबली 2’ नहीं पार कर पाई.

इस फिल्म की पहले दिन की कमाई 44.97 करोड़ थी जबकि ‘बाहुबली 2’ की पहले दिन की कमाई 41 करोड़ रही. इसके साथ ही ‘हैप्पी न्यू ईयर’ का पूरा कलेक्शन 203 करोड़ था. अभी तक का ‘बाहुबली 2’ का कलेक्शन 600 करोड़ बताया जा रहा है.

एस एस राजमौली की फिल्म बाहुबली- द कन्क्लूजन सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी अपने नाम कई रिकॉर्ड कायम की है. आपको बता दें ‘बाहुबली 2’ ना सिर्फ घरेलू बॉक्स ऑफिस पर कमाई के मामले में सबको मात दे रही है बल्कि ये फिल्म यूनाइटेड स्टेट्स के बॉक्स ऑफिस पर भी तीसरे नंबर पर रही. इस फिल्म ने अब शाहरुख खान और संजय लीला भंसाली के ओवरसीज कलेक्शन को भी पीछे छोड़ दिया है.

ट्रेड सर्किल से मिली जानकारी के अनुसार देश के बाहर से बाहुबली 2 को ओपनिंग वीकेंड में 20. 4 मिलियन अमरीकी डॉलर यानि करीब 131 करोड़ 14 लाख रूपये की कमाई हुई है. जो सारी भारतीय भाषाओं सहित किसी इंडियन फिल्म की सबसे बड़ी कमाई है. इससे पहले शाहरुख खान की रोहित शेट्टी डायरेक्टेड चेन्नई एक्सप्रेस ने 17. 4 मिलियन अमरीकी डॉलर और फरहा खान डायरेक्टेड हैप्पी न्यू ईयर ने 16. 4 मिलियन डॉलर का ओपनिंग वीकेंड कलेक्शन किया था.

संजय लीला भंसाली की बाजीराव मस्तानी को 15 मिलियन डॉलर, सलमान की प्रेम रतन धन पायो को 14. 6 मिलियन डॉलर और शाहरुख़ खान की रईस को 13. 5 मिलियन डॉलर की कमाई हुई थी. बाहुबली नाइंथ आल टाइम वीकेंड ग्रॉसर भी है.

वेब सीरीज में दिखा टीवी की संस्कारी बहुओं का बोल्ड लुक

टीवी सीरियलों में संस्कार का पाठ पढा़ने वाली डेली सोप की बहुएं का संस्कारी अवतार तो आपने खूब देखा होगा. लेकिन क्या आप इनके दूसरे अंदाज से वाकिफ हैं. जी हां, हम बात कर रहे हैं संसकारी बहुओं के वेब सीरीज में दिखने वाले बोल्ड और बिंदास अवतार की.

आइए जानें, ऐसी ही कुछ टीवी एक्ट्रेस के बारे में जिनके वेब सीरीज रोल कर देंगे अपको हैरान…

निया शर्मा

निया शर्मा वैसे तो अकसर ही अपनी बोल्ड अदाओं के लिए सुर्खियों में रहती हैं. लेकिन इस बार जीटीवी के शो ‘जमाई राजा’ फेम बबली एक्ट्रेस निया ने वेब सीरीज ‘ट्विस्टेड’ में अपना सेक्सी और बोल्ड अवतार दिखा कर सबको चौंका दिया है.

सुरभि ज्योति

सीरियल ‘कूबूल है’ से टीवी इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने वाली सुरभि‍ ज्योति ने अपनी पहली वेब सीरीज ‘तनहाइयां’ से फैंस के बीच काफी हिट हो रही हैं.

शमा सिकंदर

शमा सिकंदर ने छोटे पर्दे पर ‘ये मेरी लाईफ है’ में एक मजबूत और इंडिपेंडेंट लड़की का किरदार निभाया था. ऐसे में उनकी वेब सीरीज ‘माया’ में उनका सेक्सी अंदाज उनके फैंस के होश उड़ाने के लिए काफी रहा.

संजीदा शेख

संजीदा शेख ने यूं तो यह बात साफ कर दी थी की वो स्क्रीन पर कोई बोल्ड सीन नही करेंगी लेकिन जल्द ही वह वेब सीरीज ‘गहराइयां’ में स्क्रिप्ट की डिमांड पर लव मेकिंग सीन करती नजर आएंगी.

त्रिधा चौधरी

त्रिधा चौधरी ने भी डिजिटल मीडिया पर तहलका मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. उनकी वेब सीरीज ‘स्पॉटलाईट’ में उन्होंने बोल्ड सीन्स दिखाकर अपने फैन्स के नंबर्स बढ़ा लिए हैं.

एक आलू है बालों की सारी समस्याओं पर भारी

क्या आपको भी लंबे, खूबसूरत और काले बालों की चाह हैं. खूबसूरत बाल किस महिला को पसंद नहीं आते, लेकिन अपनी लाइफस्टाइल और सही देखभाल के अभाव में अक्सर आपको बालों से जुड़ी किसी न किसी परेशानी को फेस करना ही पड़ता है. महंगे हेयर ट्रीटमेंट और कॉस्मेटिक्स के इस्तेमाल के बावजूद आपको इन परेशानियों से छुटकारा नहीं मिलता.

ये बात शायद आपको बताने की जरुरत नहीं है कि बहुत अधिक केमिकल इस्तेमाल करने से भी बाल खराब हो जाते हैं. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप अपने बालों के लिए नेचुरल तरीके अपनाएं.

बहुत से ऐसे कुदरती उपाय उपलब्ध है जिनकी मदद से आप बालों से जुड़ी परेशानियों को दूर कर सकते हैं. आमतौर पर लोगों को बालों से जुड़ी तीन तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिनमें

– रूखे-बेजान बाल,

– रूसी और

– ग्रोथ की समस्या शामिल हैं.

आमतौर पर ऐसी सभी परेशानियों के लिए अलग-अलग उपाय बताए जाते हैं लेकिन आलू एक ऐसी चीज है, जिसके इस्तेमाल से आप इन सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं.

आप आलू में शहद, दही और नींबू मिलाकर आप आपके बालों से संबंधित अलग-अलग समस्याओं से मुक्त‍ि पा सकते हैं.

1. घने और मुलायम बालों के लिए

दो से तीन आलू ले लें. इसे छीलकर इसका पेस्ट तैयार कर लें. इसके बाद इस पेस्ट में अंडे का पीला हिस्सा और शहद मिला लीजिए. उसके बाद इस पेस्ट को बालों पर लगाइए. इसे कुछ देर सूखने के लिए छोड़ दीजिए. जब ये पैक सूख जाए तो किसी अच्छे-माइल्ड शैंपू से बाल धो लीजिए. दो से तीन बार इस्तेमाल से ही आपको फर्क नजर आने लगेगा.

2. बालों की ग्रोथ के लिए

दो आलू लीजिए और इसका रस निकाल लीजिए. इसमें एक या दो चम्मच एलोवेरा जेल मिला लीजिए. इस मिश्रण को बालों की जड़ों से लेकर सिरे तक लगाइए. इसे 30 से 40 मिनट तक बालों में लगे रहने दीजिए. इसके बाद पानी से बालों को धो लीजिए. तुरंत शैंपू करने की जरूरत नहीं है.

3. डैन्ड्रफ की समस्या के लिए

एक या दो आलू ले लें. इन्हें पीसकर इनका रस निकाल लीजिए. इस रस में नींबू और दही मिलाकर बालों में लगाइए. इस पेस्ट को बालों में लगाकर कुछ देर के लिए यूं ही छोड़ दीजिए. इसके बाद किसी अच्छे शैंपू से बाल धो लीजिए.

दिलकश दुबई

दुबई को अगर रेगिस्तान का राजा कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. बहुत सुना था दुबई के बारे में और बहुतकुछ पढ़ा था. दुबई बहुत ही खूबसूरत है, बहुत ही व्यवस्थित, बहुत ही साफसुथरा है, चोरीचकारी का तो वहां सवाल ही पैदा नहीं होता.

मेरा बेटा प्रतीक और बहू चारू कुछ वर्षों से दुबई में नौकरी कर रहे हैं. इसलिए दुबई दर्शन की तमन्ना और भी बलवती हो गई. दिल में ढेर सारी उत्सुकता लिए मैं पति के साथ अपनी इस चिरप्रतीक्षित यात्रा पर निकल गई. दुबई के बारे में जितना सुना था, उस से कहीं अधिक पाया.

जिस रेगिस्तान को अंगरेज भारत को 60 लाख पौंड में बेच रहे थे, भारत के लेने से इनकार करने के बाद अंगरेजों ने उसे गैर पढ़ेलिखे कबीलों को दे दिया था. 4,000 वर्ग किलोमीटर के इस रेगिस्तान में न खेती लायक जमीन थी, न पेड़पौधे, न पीने का पानी था. बंजर गांवों के अतिरिक्त कुछ भी नहीं था. लोग पढ़ेलिखे नहीं थे. एक तरफ अंतहीन रेगिस्तान था तो दूसरी ओर खारे पानी का समुद्र हिलोरें ले रहा था.

वही रेगिस्तान आज दुबई की शक्ल में न्यूयौर्क से भी अधिक खूबसूरत लगता है. वहां अपार संपदा है. इस का कारण है कि दुबई के शेखों ने कभी भी मजहबी और कट्टरपंथी संगठनों को बढ़ावा नहीं दिया. कोई भी चरमपंथी मौलवीमौलाना जरा भी हरकत करे तो उसे देशनिकाला दे दिया जाता है. दुबई में दुनियाभर के लोगों को रहने व व्यापार करने की छूट है.

दुबई के निर्माण को 46 वर्ष हो गए हैं. दुबई, अबूधाबी, अजमान, शारजाह, फुजैराह, रस अल खैमाह, उम अल कुवैन – इन 7 राज्यों ने मिल कर संयुक्त अरब अमीरात का गठन किया है. जिसे यूएई कहा जाता है. इस की राजधानी अबूधाबी है, जो इस का सब से बड़ा राज्य भी है.

दुबई में नवंबर से फरवरी तक टूरिज्म का बैस्ट सीजन होता है. इस समय यहां पर पर्यटकों की अथाह भीड़ होती है. नवंबर माह में हम जैट एयरवेज की फ्लाइट से दुबई गए. दुबई का समय भारतीय समयानुसार डेढ़ घंटा पीछे रहता है. दुबई एयरपोर्ट पर काफी कठिन जांचों से गुजरना पड़ता है.

दुबई की 20 लाख की जनसंख्या में वहां के मूल अरब मात्र 13 प्रतिशत हैं. अन्य सारे लोग अनेक देशों से यहां काम करने, व्यापार करने के लिए आए हुए हैं. प्रतिदिन दुनियाभर से लाखों टूरिस्ट यहां आते हैं.

दुबई के शेखों के दृढ़निश्चय, तेल से प्राप्त अकूत धनराशि दुबई को शानदार बनाने में लगी है. दुबई तो एक रेगिस्तान था, इसे आज का दुबई बनाने के लिए मिट्टी, पत्थर, सीमेंट, पेड़पौधे, फूल, हरीघास, यानी रेत के अतिरिक्त सारी निर्माण सामग्री बाहरी देशों से आयात की गई.

दुबई का अपना कोई उद्योग नहीं है. अन्य देशों से आयातित सामान ही यहां पर मिलता है. कई विदेशी कंपनियां इस को सजानेसंवारने में लगी हैं या यहां आ कर व्यापार कर रही हैं.

पूरे यूएई के सातों राज्यों की जनसंख्या 1.5 करोड़ है. जिन में 30 प्रतिशत तो केवल भारतीय हैं. 13 प्रतिशत निवासियों के अतिरिक्त अन्य देशों से आए हुए हैं. यहां के मूल निवासियों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य की व्यवस्था मुफ्त है. दुबई में चमचमाती सड़कें, सरपट दौड़ता यातायात है. सड़कें 2 लेन से ले कर 8 लेन तक की हैं. यातायात के लिए मैट्रो का जाल बिछा है. दुबई में लाखों टैक्सियां व प्राइवेट वाहन चलते हैं. लाखों लोगों की भीड़ है. अपने वाहन की गति यदि आप ने निर्धारित गति से आगे बढ़ाई तो तुरंत फोटो खिंच जाएगी और फाइन लग जाएगा. इस की सूचना आप तक तुरंत पहुंच जाएगी.

दुबई में अपराध नहीं के बराबर हैं क्योंकि एक बार अपराध करते पकड़े गए तो छूटना मुश्किल है. स्वच्छता और पर्यावरण का सख्ती से पालन किया जाता है. एक कागज का टुकड़ा भी कहीं देखने को नहीं मिलता.

दुबई का सारा विकास कार्य निरवील (विकास प्राधिकरण) देखता है. अपार्टमैंट का किराया भी यही तय करता है. इस का नियंत्रण शेख परिवार के लोगों और कंपनी के उच्च स्तर के अधिकारियों के हाथों में रहता है. दुबई में अनेक बड़ेबड़े मौल हैं. जिन में एकदो तो विश्व स्तर के हैं. दुबई का सारा कारोबार बाहर के देशों से आए हुए लोगों के हाथों में है.

यहां पर हर तरह का पहनावा देखने को मिलता है. एक तरफ जहां यहां के मूल निवासी सिर से पांव तक ढके रहते हैं यानी कि अपने पारंपरिक पहनावे में रहते हैं, वहीं दूसरी तरफ विदेशी छोटेछोटे कपड़ों में दिखाई देते हैं. यहां पैट्रोल सस्ता है, लेकिन पीने का पानी महंगा है. कोल्डड्रिंक्स पानी से सस्ता है.

दुबई एक प्रकार से कौस्मोपौलिटन राज्य जैसा है. कोई प्रतिबंध नहीं है. इसलिए प्रतिदिन लाखों पर्यटक यहां अरबों डौलर व्यय करते हैं. दुबई सहित पूरा यूएई गैस नहीं बेचता. इसी से इस के विद्युत ट्रावाइजन चलते हैं. दुबई दिन के उजाले से रात के उजाले में अधिक खूबसूरत दिखाई देता है.

दर्शनीय स्थल

मरीना वाक

रात्रि में मरीना वाक का दृश्य अत्यधिक दर्शनीय हो जाता है. समुद्र से पानी ला कर एक झील सी निर्मित की गई है. जिस के 3 तरफ बड़ेबड़े टावर खड़े हैं. झील में नौकायन की व्यवस्था है.

झील के किनारेकिनारे लगभग 7 किलोमीटर की सड़क बनी है. जिस में टूरिस्ट पैदल या चारपहियों वाली छोटी खुली गाड़ी से घूमते हैं. इस सड़क के एक तरफ खानेपीने के रैस्टोरैंट व मौल वगैरा हैं. गद्दीदार बैंच लगी हैं. खजूर के पेड़ बिजली के लट्टुओं से सजे रहते हैं. यहां पर शाम व रात को पर्यटकों का मेला लगा रहता है.

ऐटलांटिस

यहां पर भी समुद्र के किनारेकिनारे घूमने के लिए पथ बना हुआ है. खूबसूरत गद्दीदार बैंचों पर बैठ कर सामने सैकड़ों नौकायनों को समुद्र में अठखेलियां करते देख सकते हैं. इस पथ के एक तरफ ऐटलांटिस होटल है जिस में टूरिस्ट आ कर ठहरते हैं.

ऐटलांटिस मौल व ऐक्वेरियम

ऐटलांटिस मौल में देशविदेश से निर्यातित सामान खरीदने की सुविधा है. ऐक्वेरियम तो इतना बड़ा है कि घूमने में डेढ़दो घंटे लग जाते हैं. इस ऐक्वेरियम में छोटी से छोटी व बड़ी से बड़ी मछली व समुद्री जीवों का अद्भुत संसार है. घूमने में ऐसा लगता है कि समुद्र के अंदर ही विचरण कर रहे हैं और जैसे समुद्र

और हमारे बीच शीशे की ऊंचीऊंची दीवारें हों.

इब्न बतूता मौल

यह मौल घूमने के लिए अच्छा है. इस मौल के ऊपर एक छत ऐसी बनाई गई है कि वहां लगता है कि हम खुले आसमान के नीचे घूम रहे हैं और ऊपर चांदतारों का समूह अठखेलियां कर रहा हो. यह छत कलाकार की कल्पना और वास्तुकला का कमाल है.

दुबई मौल

यह दुनिया का सब से बड़ा पांचमंजिला मौल है. यहां दुनिया के सभी देशों का सामान मिलता है. दुबई मौल बुर्ज खलीफा से लगा हुआ, इसी का एक हिस्सा है. इस में अनेक देशों के अपने खाने की चीजों के रैस्टोरैंट हैं. इस मौल को ठीक से पूरा घूमने के लिए एक दिन भी कम है.

मिरेकल गार्डन

मिरेकल गार्डन अकल्पनीय, अद्भुत, अप्रतिम, अतुलनीय है. यह फूलों की मानवीय कल्पना, आर्किटैक्ट के दिमाग का अद्भुत संयोजन है. इस मरुस्थल को खूबसूरत बनाने के लिए विभिन्न वस्तुएं दुनिया के देशों से एकत्रित कर के फूलों के स्वर्णिम संसार को अनेक रूपों, कलाकृतियों से इस प्रकार सजायासंवारा गया है कि क्षणभर के लिए दिमाग भ्रमित हो जाता है कि हम किसी रेगिस्तान में हैं या पुष्पलोक में.

सरिया, तारों, पुष्पों, घास व विद्युत की लडि़यों से सैकड़ों कलाकृतियां बनाई गई हैं. कहीं रेल का डब्बा, कहीं बस का डब्बा, कहीं भवन, कहीं वाटिका, कहीं महिला बड़ा सा फुहारा लिए सिंचाई कर रही है और ये सब कलाकृतियां विभिन्न रंगों के फूलों से बनाई गई हैं. सड़क के दोनों तरफ घने पेड़ों की कतारें हैं जो घना जंगल होने का एहसास देती हैं. तितलियों का अद्भुत संसार है. कुल मिला कर इस का शब्दों में वर्णन करना असंभव है.

बुर्ज खलीफा

बुर्ज खलीफा दुनिया की सब से ऊंची इमारत है. यह 828.8 मीटर ऊंची और 150 मंजिल की है. इस का निर्माण वर्ष 2004 में प्रारंभ  कर के 2009 में पूरा कर लिया गया था. इस में जाने के लिए औनलाइन 130 दिरहम और वहीं जा कर काउंटर पर 400 दिरहम दे कर टिकट लेना पड़ता है. पर्यटकों के लिए बुर्ज खलीफा 125वीं मंजिल तक ही खुला रहता है. यहां तक लिफ्ट 63 सैकंड में पहुंचा देती है. ऊपर की मंजिलों में पर्यटकों को नहीं जाने दिया जाता. बुर्ज खलीफा की मोटी कांच की दीवारों से पूरा दुबई दिखाई देता है. यहां पर पर्यटक फोटो खिंचवाते रहते हैं. फोटोग्राफर भी फोटो के लिए घूमते रहते हैं.

डांसिंग फाउंटेन

बुर्ज खलीफा के पास ही दुनिया का सब से बड़ा डांसिंग फाउंटेन है. इस का समय लगभग आधा घंटा है और हर आधे घंटे बाद शो दिखाया जाता है. संगीत के साथ जल की लहरों का नर्तन बहुत ही आकर्षक व बेमिसाल है.

डेजर्ट सफारी

दुबई से करीब 75-80 किलोमीटर दूर रेगिस्तान में मुख्य सड़क से हट कर 3-4 किलोमीटर के दायरे में कैंप लगाए गए हैं. वहां पर मुख्य सड़क से कुछ खास तरह की गाडि़यों से जाया जाता है. जो रेत के टीलों की सफारी कराते हुए ले जाती हैं. पर्यटक रेत के टीलों की सफारी का लुत्फ उठाते हैं.

इन कैंपों में तरहतरह के प्रोग्राम होते हैं, बैले डांस होता है, खानेपीने का प्रबंध होता है. यह सब टिकट में शामिल होता है. टिकट लगभग प्रतिव्यक्ति सवा सौ दिरहम का होता है. ये प्रोग्राम रात में होते हैं. रात में रेत ठंडी हो जाती है. मरु रेगिस्तान के मध्य रात बिताने का अलग ही आनंद होता है.

बर दुबई

यह कहने को पुराना दुबई है पर दुबई के साथ ही इस का भी आशातीत विकास हुआ है. दुबई की तरह ही यहां भी ऊंचे टावर, अपार्टमैंट व मौल हैं. यहां पर भी अनेक देशों का सामान मिलता है. यहां के विकास कार्यों आदि की व्यवस्था निरवील (विकास प्राधिकरण) के हाथ में है. सोना या अन्य सामान लेना हो तो यहीं से लेना चाहिए.

बर दुबई, दुबई की अपेक्षा हर लिहाज से सस्ता है. वैसे, निकटवर्ती शारजाह रहने व सामान खरीदने के लिए दुबई से काफी सस्ता है. दुबई में बाहरी देशों से गए श्रमिकों के लिए शहर से काफी दूर आवासीय स्थल बनाए गए हैं. शहर में इन की भीड़ दिखाई नहीं देती.

ग्लोबल विलेज

यह लगभग 20 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां पर बहुत बड़ेबड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान बनाए गए हैं. यहां पर विभिन्न देश अपने देशों का बनाया गया सामान विक्रय करते हैं. प्रतिदिन लाखों लोग आ कर इन प्रतिष्ठानों से सामान खरीदते हैं. ग्लोबल विलेज में अनेक पार्क हैं. लंबाचौड़ा परिसर है. लाखों कारों की रेलपेल है. हर सायं व रातभर मेला सा लगा रहता है. सब से अधिक भीड़ चाइनीज व्यापारिक प्रतिष्ठान में देखी गई. हमारे देश का भी वहां पर बहुत बड़ा व्यापारिक प्रतिष्ठान देखने को मिला. भारतीय व्यापारिक प्रतिष्ठान में भी काफी भीड़ थी. पाकिस्तान व्यापारिक प्रतिष्ठान में अधिकतर ऊन और चमड़े के जैकेट बेचे जा रहे थे.

जेबीआर बीच

यह दुनिया के बड़े बीच में से एक है. लाखों पर्यटक यहां मोटरबोट और अन्य तरीकों से समुद्र में अठखेलियां कर रहे थे. इस के पास 60-70 मंजिले ऊंचे टावर खड़े हैं, रैस्टोरैंट हैं, होटल हैं. इन होटलों में बाहरी देशों से टूरिस्ट आ कर ठहरते हैं. इन होटलों का किराया बहुत अधिक होता है. यहां पर अपार्टमैंट भी बहुत महंगे हैं. टूरिस्ट और यहां पर रहने वाले लोग नीचे उतर कर घूमते रहते हैं, खरीदारी करते हैं. खातेपीते हैं. यहां जगहजगह पर कल्चरल प्रोग्राम भी होते रहते हैं. लोग पिकनिक भी मनाते हैं. खूब गहमागहमी और रौनक रहती है. रात का पता ही नहीं चलता है.

इन के अलावा भी दुबई में घूमने के लिए अनेक जगहें हैं. निर्माण कार्य यहां चलता रहता है. नए नए टूरिस्ट स्पौट बनते रहते हैं. मानवनिर्मित खूबसूरती है दुबई की. दुबई बहुत ही सुंदर, सुरक्षित व व्यवस्थित है.

अपनी दोस्त से पूछें पैसे के बारे में ये सवाल

रिलेशनशिप हो या फिर करियर, हर मामले में आपकी खास दोस्त आपका साथ देती ही होगी. कई बार उसकी नसीहतों से आप इरिटेट होती होंगी, तो कई बार उन्हीं टिप्स पर चलकर आपको कई फायदे भी मिले होंगे.

लेकिन क्या आपके दोस्त पैसे और निवेश के मामले में भी आपको एडवाइज देते हैं? निश्चित रूप से कुछ ऐसे मनी टिप्स होंगे जो आप नहीं जानते होंगे लेकिन उन्हीं टिप्स को फॉलो करके आपका दोस्त आपसे बेहतर काम कर रहा होगा.

यह जानने के लिए कि क्या आपकी दोस्त सच में पैसे का बेहतरीन इस्तेमाल कर रही है, आज ही अपने दोस्त से ये सारे सवाल जरूर पूछें…

1. आपकी दोस्त अपनी इनकम का कितना पर्सेंट बचत करती हैं. अगर वे सच में बचत करती हैं तो उन्होंने कितनी जल्दी बचत करना शुरू किया था?

हम हमेशा नोटिस करते हैं कि हमारे दोस्त कितना खर्च करते हैं. आज तक हमने कितनी बार पूछा होगा कि आखिर वे बचाते कितना हैं? भले ही आपके दोस्त आपको अपनी सही इनकम न बताएं लेकिन वे अपनी बचत का पर्सेंटेज जरूर बता सकते हैं.

2. टैक्स बचाने के लिए आपकी दोस्त कौन से तरीके अपनाती हैं?

आपका दोस्त निश्चित रूप से टैक्स बचाने के लिए इंश्योरेंस और होम लोन से बेहतर स्कीमों जैसे ELSS टैक्स सेविंग फंड में निवेश करती होगी. इस सवाल का जवाब पूछें और अगर सही लगे तो पूरी जानकारी लेकर आप भी इन तरीकों को अपनाएं.

3. वे किस चीज में इन्वेस्ट करना पसंद करती हैं और क्यों?

निवेश का तरीका पूरी तरह से निर्भर करता है कि आपके रिस्क लेने का लेवल क्या है यानि कि आप रिस्क लेने में विश्वास करती हैं या नहीं. आपको पूछना चाहिए कि वह फिक्स डिपॉजिट में निवेश करती हैं या बॉन्ड या फिर इक्विटी और म्यूचुअल फंड में.

4. उन्हें पैसे बनाने और बचाने के आइडियाज कहां से मिलते हैं?

जब भी आपकी दोस्त को कोई वित्तीय जानकारी हासिल करनी होती है तो वो कौन से तरीके अपनाती हैं. क्या वह कोई विशेष न्यूज पेपर या ब्लॉग पढ़ती हैं या फिर किसी एप से जानकारी हासिल करती हैं.

5. उन्हें किस वित्तीय संस्थान पर भरोसा हैं?

जब बात पैसे की आती है तो भरोसा एक बड़ा मसला हो जाता है . इसी से आपको अपने दोस्त से पूछना चाहिए कि आपकी दोस्त अपने पैसे के लिए किस पर और क्यों विश्वास करती हैं.

स्पाइसी ड्रैगन चिकन

आज की हमारी यह ड्रैगन चिकन रेसिपी उन लोगों के लिए है जिन्हें नॉन वेज खाना बहुत पंसद है. यदि आप भी चिकन खाने के शौकीन हैं तो आज हम आपको एक स्पैशल डिश ड्रैगन चिकन घर पर बनाना सिखाएगें. यह खाने में बड़ा ही लजीज लगता है और इसे बनाना भी काफी आसान है.

सामग्री

500 ग्राम चिकन

1/2 टी स्पून नमक

1 टी स्पून काली मिर्च

2 टी स्पून सोया साॅस

1 टेबल स्पून लाल मिर्च पेस्ट

1 टेबल स्पून अदरक लहसुन पेस्ट

1 अंडा

30 ग्राम कार्न स्टार्च

70 ग्राम मैदा

35 मिलीलीटर तेल

35 ग्राम काजू

3 सूखी लाल मिर्च

60 ग्राम प्याज

100 ग्राम शिमला मिर्च

1 टेबल स्पून अदरक लहसुन पेस्ट

1 टेबल स्पून लाल मिर्च पेस्ट

150 मिलीलीटर केचप

1 टेबल स्पून सोया साॅस

1/2 टी स्पून नमक

टी स्पून चीनी

3 टेबल स्पून पानी

धनिया सजाने के लिए

विधि

एक बाउल में मैरीनेट करने की सारी सामग्री को लेकर अच्छे से मिक्स करें. फिर इस मसालेदार मिश्रण को 15 मिनट के लिए रख दें.

एक कड़ाही में तेल को गर्म करें और फिर इसमें मैरीनेट चिकन को सुनहरा भूरा होने तक तलें. अब इसे नैपकिन पेपर पर निकाल लें.

एक पैन में 35 मिलीलीटर तेल गर्म करें और फिर इसमें काजू,सूखी लाल मिर्च डालकर गोल्डन ब्राउन होने तक फ्राई करें.

फिर इसमें प्याज और शिमला मिर्च डालकर भूनें. इसके बाद 1 टेबल स्पून अदरक लहसुन पेस्ट डालें और 1 मिनट तक हिलाएं.

अब इसमें 1 टेबल स्पून लाल मिर्च पेस्ट,150 मिलीलीटर केचप,1 टेबल स्पून सोया साॅस,1/2 टी स्पून नमक,2 टी स्पून चीनी डालकर अच्छे से मिक्स करें. इसी में ही फिर 3 टेबलस्पून पानी मिलाएं और दो मिनट के लिए इसे पकने दें ताकि पानी सूख जाए और साॅस गाढ़ी हो जाए.

अब तला हुआ चिकन इसमें डालें और इसे साॅस में अच्छी तरह से मिक्स करें. धनिए से इसे सजाकर गर्म-गर्म परोसें.

खूबसूरत त्वचा के लिए प्याज लहसुन फेसपैक

खूबसूरत, निखरी और गोरी त्वचा किसे नहीं चाहिए होती है. और इसे पाने के लिए हम सब कुछ ट्राई भी करते हैं. आपने खूबसूरत त्वचा के लिए बेसन, गुलाब जल, एलोवेरा, हल्दी, दूध और शहद जैसे के घरेलू उपाय तो अपनाए होंगे लेकिन क्या आपने कभी प्याज और लहसुन का फेसपैक ट्राई किया है? अगर नहीं तो जरूर ट्राई करें प्याज और लहसुन का फेस पैक.

प्याज और लहसुन दो ऐसी चीजें हैं जिनका इस्तेमाल हर घर में होता है. ऐसे में आप जब चाहें तब ये फेसपैक बनाकर लगा सकती हैं.

त्वचा के लिए वरदान है प्याज

प्याज में कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं. इसके अलावा ये एंटी-ऑक्सीडेंट का भी खजाना है. इसके जूस में एंटी-सेप्ट‍िक, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं. जो कील-मुंहासों की समस्या को दूर करते हैं. इसके जूस में फ्लेवोनॉएड्स पाए जाते हैं. ये स्क‍िन सेल्स को यूवी किरणों से सुरक्षित रखते हैं. इसके नियमित इस्तेमाल से बढ़ती उम्र के लक्षण भी जल्दी नजर नहीं आते हैं.

कैसें करें इस्तेमाल

आप चाहें तो रोज की डाइट में कच्चे प्याज को शामिल कर सकती हैं. ये सेहत और खूबसूरती दोनों के लिए बेहतरीन है. इसे पीसकर फेसपैक बना सकती हैं और इस्तेमाल कर सकती हैं. इसके अलावा इसके जूस को भी प्रयोग में लाया जा सकता है.

रूप निखारने का अच्छा उपाय है लहसुन

लहसुन में विटामिन सी, विटामिन बी6, सेलेनियम, जिंक और फाइटोन्यूट्रीएंट्स पाए जाते हैं. इसके अलावा इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाया जाता है. पिंपल और झांइयों की समस्या दूर करने के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकती हैं.

कैसें करें इस्तेमाल

आप चाहें तो रोजाना लहसुन की एक या दो कली खा सकती हैं. इससे त्वचा पर तो निखार आएगा ही साथ ही पेट से जुड़ी कई बीमारियां भी दूर हो जाएंगी.

लहसुन के रस को कील-मुंहासों की जगह लगाएं. इससे ये जल्दी ठीक तो ही जाएंगे साथ ही दाग बनने का डर भी नहीं रहेगा. लहसुन के पेस्ट को शहद के साथ मिलाकर लगाना भी फायदेमंद है.

इस अभिनेत्री ने फिल्म में शूट किया था रियल डिलीवरी सीन

फिल्‍मों में दिखाए जाने वाले अधिकांश सीन कल्‍पना के आधार पर शूट किए जाते हैं. जिनमें कैमरे का खास भूमिका होती है, लेकिन फिल्‍म कालीमन्नू का एक डिलीवरी वाला सीन काफी चर्चा में रहा और ऐसा हो भी क्‍यों न..आखिर इसमें काम करने वाली अदाकारा ने इसके डिलीवरी सीन को अपनी रियल डिलीवरी के जरिए जो शूट कराया.

आइए जानते हैं जानें कैसे शूट हुआ ये सीन और क्या रहीं खास बातें…

साउथ इंडियन एक्ट्रेस श्वेता मेनन एक ऐसी अभनेत्री हैं, जिनके एक सीन ने सबको हिला कर रख दिया था. दरअसल, श्वेता ने ही अपनी फिल्म के एक सीन में लाइव डिलीवरी की थी. फिल्म के डायरेक्टर ब्लेसी ने फिल्म के लिए श्वेता की डिलीवरी को लाइव रिकॉर्ड किया था। 45 मिनट की इस लाइव डिलीवरी ने लोगों को चौंका दिया था. श्वेता ने एक बेटी को जन्म दिया था, जिसका नाम सबाइना रखा है.

हैरान हुए सभी लोग

अब एक्‍ट्रेस श्‍वेता मेनन को कौन नही जानता है. हालांकि इनकी खास बात यही है कि ये अपने अभिनय से ज्‍यादा अपने रियल डिलीवरी वाले सीन को लेकर जानी जाती हैं. श्‍वेता मेनन ने फिल्म ‘कालीमन्नू‘ में डिलीवरी सीन को रियल डिलीवरी के जरिए पूरा किया था. 2013 में आई फिल्‍म कालीमन्नू के डिलीवरी सीन को रियल डिलीवरी के जरिए पूरा करने के उनके फैसले ने सबको हैरत में डाल दिया था.

खास व्‍यवस्‍था : तीन कैमरों में हुआ था ये सीन शूट

फिल्‍म मेकर्स से लेकर हर कोई हैरान था. श्‍वेता मेनन का ये रियल डिलीवरी वाला सीन शूट कराने के मुंबई के नानावती अस्पताल को चुना गया था. इसके लिए वहां पर मैनेजमेंट से अनुमति लेकर विशेष व्‍यवस्‍था की गई थी. सीन को शूट करते वक्त अस्पताल के चुनिंदा डॉक्टर और नर्स थे. इसके अलावा वहां पर फिल्म की प्रोडक्शन टीम के तीन मेंबर्स भी थे.

काफी चर्चित हुआ था ये सीन

इतना ही नहीं इस सीन को शूट करने के लिए तीन कैमरे प्रयोग किए गए थे. जिससे जब यह फिल्‍म रिलीज हुई थी तो दर्शक इसमें इसके इस सीन को देखने के लिए एक्‍साइटेड हुए थे. फिल्‍म का यह सीन और ऐसा करने वाली श्‍वेता मेनन काफी फेमस हुई थीं. लोगों का कहना था कि यह उनका काफी हिम्‍मतभरा कदम है. ऐसा कम ही लोग कर सकते हैं.

श्वेता की प्रोफेशनल लाइफ के बारे में बात करें तो उन्होंने मलयालम फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की थी. साल 1994 में उन्होंने मिस इंडिया प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. फिल्मों के अलावा श्वेता ने टीवी शो और एंकरिंग भी की.

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