वैजिनोप्लास्टी : कौमार्य पाने का नया ट्रैंड

पहले प्लास्टिक सर्जरी फिर कौस्मैटिक और उस के बाद कंस्ट्रक्टिव सर्जरी. ये सभी सौंदर्य में निखार के लिए हैं. ऐसिड अटैक मामले में प्लास्टिक और कौस्मैटिक सर्जरी किसी वरदान से कम नहीं हैं. लेकिन इन दिनों ऐसी ही एक नई सर्जरी की काफी चर्चा है और वह है वैजिनोप्लास्टी. जी हां, आप जो सोच रही हैं वही सच है. यह वैजिनोप्लास्टी यौनांग के सौंदर्य के लिए ईजाद की गई सर्जरी है. महानगरों का यह एक नया ट्रैंड है.

भले ही इस तरह की सर्जरी का विज्ञापन देखने को नहीं मिलता है, लेकिन कौस्मैटिक सर्जन इस तरह की सर्जरी बड़ेबड़े अस्पतालों में करते हैं. बड़े अस्पतालों में इस तरह की सर्जरी के लिए अलग विभाग हैं. कोलकाता के नामी निजी अस्पताल या कौस्मैटिक सर्जन की वैबसाइट में हार्ट सर्जरी के साथसाथ किडनी, स्किन, लिवर ट्रांसप्लांटेशन के पैकेज के साथ वैजिनोप्लास्टी का भी पैकेज देखने को मिल जाता है. वैजिनोप्लास्टी विभाग के अंतर्गत हाइमेनोप्लास्टी और लाबियाप्लास्टी भी शामिल हैं.

आखिर वैजिनोप्लास्टी क्या है? इन दिनों इस तरह की सर्जरी की मांग क्यों बढ़ रही है? किस आयुवर्ग की महिलाओं में यह अधिक लोकप्रिय है? इस तरह की सर्जरी की सफलता दर क्या है और इस में स्किल फैक्टर क्या क्या हैं?

वैजिनोप्लास्टी एक जैनिटल रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी है. लेकिन जैनिटल रिकंस्ट्रक्शन में लिंग परिवर्तन भी शामिल है, पर वैजिनोप्लास्टी से योनि में मनचाहा बदलाव पाया जा सकता है. कोलकाता के कौस्मैटिक सर्जन डा. सप्तऋषि भट्टाचार्य का कहना है कि यह एक तरह की रिकंस्ट्रक्टिव प्लास्टिक सर्जरी है. इसका उद्देश्य मन वैजाइना को डिजाइन करना या कह लीजिए रिकंस्ट्रक्ट करना यानी योनि का पुनर्निर्माण और वह भी जैसा चाहें वैसा. इस रिकंस्ट्रक्शन थ्यौरी के अंतर्गत भी बहुत तरह की सर्जरी शामिल हैं. हाइमेनोप्लास्टी, लाबियाप्लास्टी वगैरह. वैजिनोप्लास्टी लंबे विवाहित जीवन और बच्चे पैदा करने से ढीली पड़ी योनि की दीवार को टाइट करती है. यह सर्जरी दरअसल कमजोर मांसपेशियों को दुरुस्त भी कर देती है. इस के अलावा रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी के अंतर्गत हिप की मांसपेशियों को टाइट कर बढ़ती उम्र का प्रभाव भी कम किया जाता है.

डा. अरिंदम सरकार कहते हैं कि अधेड़ उम्र की ज्यादातर महिलाएं वैजाइना रिकंस्ट्रक्शन के लिए आती हैं. कम उम्र की लड़कियां आमतौर पर हाइमेनोप्लास्टी के लिए आती हैं. बहरहाल, जो भी इस तरह की सर्जरी के लिए उन के पास आती है वह इस बारे में थोड़ीबहुत जानकारी हासिल कर के ही आती है. इसलिए अलग से कुछ ज्यादा कहने की जरूरत नहीं पड़ती है. हां, अगर इस बारे में उन्हें कोई खास जानकारी अलग से चाहिए या सर्जरी को ले कर किसी तरह की आशंका हो तो पहली सिटिंग में उस का निवारण कर दिया जाता है.

इस सर्जरी की इतनी डिमांड है कि कोलकाता के कई छोटेबड़े निजी अस्पतालों में यह सर्जरी हो रही है. हालांकि सभी निजी अस्पतालों में इस के लिए अलग से विभाग नहीं हैं और न ही इस सर्जरी के लिए विज्ञापन दिए जा रहे हैं, बावजूद इस के इस विशेष अंतरंग सर्जरी का अच्छा बाजार जम चुका है.

वैजाइना सर्जरी की चाह क्यों?

विदेश में बार्बी वैजाइना की बहुत मांग है. इस का कारण यह है कि इन दिनों पूरी दुनिया पर खासतौर पर नई पीढ़ी के दिलोदिमाग में वर्चुअल वर्ल्ड का नशा सिर चढ़ कर बोल रहा है. अपने यौनांग में छुरी चलवा कर काटछांट से भी महिलाएं पीछे नहीं हटना चाह रही हैं. कई महिलाओं ने माना कि उन के पति या सैक्स पार्टनर के जोर देने पर इस के लिए वे तैयार हुईं. लेकिन संचिता दास (बदला हुआ नाम) ने अपने पति को सरप्राइज देने के लिए हाइमेनोप्लास्टी करवाने का मन बनाया. अपनी शादी की 10वीं सालगिरह पर वह अपने जीवनसाथी को यह उपहार देना चाहती है.

अब जहां तक हाइमेनोप्लास्टी का सवाल है, तो समाज में इन दिनों एक नया बदलाव भी देखा जा रहा है. पुराने जमाने में शादीब्याह के समय लड़कियों के कौमार्य को बहुत महत्त्व दिया जाता था. लेकिन बाद में खेलकूद में भाग लेने या साइकिल आदि चलाने जैसे विभिन्न कारणों की वजह से लड़कियों में कौमार्य की शर्त कम हुई. लेकिन आजकल फिर से समाज में कौमार्य को महत्त्व दिया जाने लगा है. लड़कियां शादी से पहले हाइमेनोप्लास्टी के लिए जा रही हैं. एक विशेषज्ञ सर्जन का दावा है कि उन के पास हाइमेनोप्लास्टी के बहुत सारे मामले आ रहे हैं. इस में कौमार्य झिल्ली का फिर से निर्माण किया जाता है. दावा यह है कि इस सर्जरी में ऊपरी तौर पर किसी तरह की सर्जरी का कोई निशान नहीं होता है. इसीलिए सैक्स पार्टनर को इस का पता नहीं चल पाता है. दावा यह भी है कि झिल्ली निर्माण के बाद संबंध बनाने पर शीलभंग का प्रमाण भी मिलता है. ऐसे मामले के लिए शादी की तारीख से 4 हफ्ते पहले सर्जरी का सुझाव दिया जाता है.

कल्याणी यूनिवर्सिटी से अंगरेजी साहित्य में पीएचडी करने वाली शुभा भट्टाचार्य (बदला हुआ नाम) वैजिनोप्लास्टी करा चुकी है. शुभा बताती है कि इस बारे में उस ने घर पर किसी को नहीं बताया है. 2 महीने बाद मेरी शादी होने वाली है. जैनिटल रिकंस्ट्रक्शन के बारे में मैं ने अपनी एक सहेली से सुना था. इसीलिए 15 दिन की सैर का बहाना बना कर वह कोलकाता चली आई और यह सर्जरी करवा ली. शुभा का कहना है कि इस विषय पर घर पर खुल कर बात करना असंभव था, इसलिए यह चोरीछिपे करवाई.

कोलकाता के एक निजी कालेज में होटल मैनेजमैंट का कोर्स करने वाली रितिका खन्ना (बदला हुआ नाम) ने भी इस सर्जरी का लाभ उठाया है. इस बारे में उस का कहना है कि यह उस का निजी मामला है. किसी डर या आशंका में उस ने यह सर्जरी नहीं करवाई. बस वह एक बार यह कर के देखना चाहती थी. इसीलिए करवाई.

बहरहाल, जिन्होंने भी इस तरह की सर्जरी के बारे में पहली बार सुना, जाहिर है उन के मन में अब इसे ले कर बहुत सारे सवाल उठेंगे. मसलन, आखिर इस तरह की सर्जरी की जरूरत क्यों पड़ रही है या फिर यह कहा जाए कि किसी मानसिकता के तहत इस किस्म की सर्जरी करवाई जाती है? दूसरे कई फैशन या लाइफस्टाइल ट्रैंड की तरह ही यह भी महज एक तरह का ट्रैंड है? किस तरह की महिलाएं यह सर्जरी करवा रही हैं? इस के फायदों के साथ किस तरह के नुकसान की आशंका है? सर्जरी के लिए कितने दिनों तक अस्पताल में रहना पड़ता है? सर्जरी के बाद स्वाभाविक जीवन में लौटने में कितना समय लगता है?

जोखिम कम नहीं

2007 में योनि संबंधित किसी भी तरह की सर्जरी का नाम डिजाइनर वैजाइना दिया गया. उस समय अमेरिकन कालेज औफ औबस्टेट्रिशियन ऐंड गाइनोकोलौजिस्ट ने इस बढ़ते ट्रैंड के खिलाफ चेतावनी दी थी. रौयल आस्ट्रेलियन कालेज औफ गाइनोकोलौजिस्ट भी इस ट्रैंड के खिलाफ रहा है. 2009 में ब्रिटिश मैडिकल जर्नल और 2013 में सोसाइटी औफ औबस्टेट्रिशियन ऐंड गाइनोकोलौजिस्ट औफ कनाडा ने इसे गैरजरूरत कौस्मैटिक सर्जरी बताते हुए इस ट्रैंड को रोके जाने पर जोर दिया था. बावजूद इस के 2015 में हुए सर्वे से साफ हो गया कि कोई भी चेतावनी काम न आई. दिनोंदिन यह ट्रैंड फूलाफला और इस का विस्तार हमारे यहां भी हो चुका है.

अब जहां तक जोखिम का सवाल है, तो विशेषज्ञों का मानना है कि इस सर्जरी के बहुत सारे जोखिम भी हैं. सब से पहले तो कुछ साइड इफैक्ट देखने को मिलते हैं. बहुत सारे मामलों में पाया गया कि खून का बहाव रोक पाना डाक्टर के लिए कठिन हो जाता है. वहीं संक्रमण भी एक समस्या है. इस तरह की सर्जरी में 1 से ले कर 3 घंटे तक का समय लग सकता है. यह पूरी तरह से निर्भर करता है योनिद्वार और उस के आसपास की मांसपेशियों पर. सर्जरी के 2 से 5 दिनों के भीतर कामकाज पर लौटा जा सकता है. वैसे 6 सप्ताह का समय लग सकता है. इस दौरान डाक्टर यौन संबंध बनाने से बचने की सलाह देते हैं. इस के अलावा सर्जरी के निशान धीरेधीरे ही जाते हैं. ऐसी सर्जरी बहुत ही अनुभवी सर्जन द्वारा करवाई जानी चाहिए.

अन्य जानकारियां

इस सर्जरी की सुविधा हर बड़े शहर में है. कोलकाता में अपोलो, आमरी, बेलव्यू, कोलंबिया एशिया हौस्पिटल, डीसान अस्पताल, चाणक्य अस्पताल, फोर्टिस जैसे निजी अस्पतालों के अलावा बहुत सारे कौस्मैटिक सर्जनों के क्लीनिकों में भी यह सर्जरी की जाती है. अगर कौस्मैटिक सर्जनों के पास इस के लिए पूरा सैटअप न हो तो वे निजी अस्पताल या नर्सिंगहोम में इस तरह की सर्जरी करते हैं.

अब जहां तक खर्च का सवाल है, तो यह अस्पताल और नर्सिंगहोम पर निर्भर करता है. वैसे औसतन इस सर्जरी में क्व35 से क्व50 हजार तक का खर्च आता है. यह सर्जरी दोनों तरह के लोकल ऐनेस्थीसिया और सामान्य ऐनेस्थीसिया के बाद की जा सकती है. ज्यादातर मामलों में सामान्य ऐनेस्थीसिया पसंद की जाती है, क्योंकि इस तरह की सर्जरी में 1 से 3 घंटे तक का वक्त लग जाता है. कुछ दिनों तक भारीभरकम काम न करने की बंदिश है. 2-4 दिनों में सामान्य चलनाफिरना संभव हो जाता है. लेकिन जहां तक दापंत्य संबंध का सवाल है, तो 2-4 हफ्ते का इंतजार करने की सलाह दी जाती है.

मनोविदों की राय

यह सही है कि अलगअलग कारणों से विभिन्न उम्र की महिलाएं इस तरह की सर्जरी करा रही हैं. वहीं अगर कोई महिला या लड़की पति या अपने सैक्स पार्टनर के दबाव में आ कर इस तरह की सर्जरी के लिए जाती है, तो यह जरूर सोचने वाली बात है. आखिर क्यों? इसे इस तरह देखा जाना चाहिए. शरीर की अंतरिक बनावट में छेड़छाड़ के लिए पति या सैक्स पार्टनर दबाव बना रहा है, तो मान लेना चाहिए कि इस बहुत ही करीबी व आपसी रिश्ते में सब कुछ ठीकठाक नहीं है. यह कहीं किसी तरह की समस्या की ओर ही इशारा करता है, क्योंकि दांपत्य का रिश्ता हो या और कोई भी रिश्ता केवल शरीर के बूते टिक नहीं पाता है. आतंरिकता जरूरी होती है और अगर आतंरिकता है, तो शरीर या उस की बनावट की अहमियत नहीं होती है. ऐसे रिश्ते मजबूत होते हैं.

भारत में वैजिनोप्लास्टी का ट्रैंड भले ही हाल ही में शुरू हुआ हो, लेकिन विदेशों में इस का ट्रैंड पुराना है. 2006-07 में इस की शुरुआत हुई थी और आम भाषा में यह बार्बी वैजाइना सर्जरी के नाम से जानी जाती रही है. लेकिन सर्जरी की भाषा में इस तरह की अंतरंग सर्जरी वैजिनोप्लास्टी, लाबियाप्लास्टी और हाइमेनोप्लास्टी के नाम से जानी जाती है. बहरहाल, इस ट्रैंड को लेकर 2015 में एक सर्वे भी कराया गया, जिसके अनुसार इस साल विश्व भर में करीब 1 लाख महिलाओं ने बार्बी वैजाइना हासिल करने के लिए लाबियाप्लास्टी करवाई. बताया जाता है कि लगभग 50 हजार महिलाओं ने किशोर उम्र की योनि प्राप्त करने के लिए हाइमेनोप्लास्टी का सहारा लिया.

VIDEO : पकड़े गए सलमान, घूर रहे थे कैटरीना के…

सलमान खान और कैटरीना कैफ के करोड़ों प्रशंसक सहित बॉलीवुड के तमाम लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि कैटरीना-सलमान साथ हैं या नहीं. दोनों ने इस रहस्य पर परदा डाल रखा है और स्पष्ट नहीं कर रहे हैं कि हकीकत क्या है. ब्रेकअप की खबरें आती हैं तो दोनों साथ दिखने लग जाते हैं और जब साथ होने की बातें की जाती हैं तो दोनों में अलगाव देखने को मिलता है.

बॉलीवुड के कुछ लोगों का कहना है कि दोनों में ब्रेकअप हो चुका है, लेकिन इस बारे में वे कुछ नहीं बोलकर अपनी गरिमा को कायम रखना चाहते हैं. पिछले कुछ दिनों से कैटरीना और रणबीर की नजदीकियां लगातार सुर्खियां बटोर रही हैं. दोनों को एक-दूसरे के घर में देखा जा रहा है और यहां तक भी कहा गया है कि कैटरीना के घर पर जब आयकर अधिकारियों ने छापा मारा तो उसके कुछ देर पहले ही रणबीर वहां से रवाना हुए थे.

रणबीर और कैटरीना की नजदीकियों का हवाला देते हुए यह माना जा रहा है कि सलमान और कैटरीना में ब्रेक अप हो चुका है. शायद वे अपने को एक मौका और देना चाहते हैं, इसीलिए मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं.

इस बीच सलमान और कैटरीना का एक वीडियो सोशल मीडिया में छाया हुआ है. एक बार फिर सलमान खान सुर्खियों में बने हुए हैं, लेकिन इस बार वे अपनी वजह से नहीं बल्कि अपनी एक्स गर्लफ्रेंड कैटरीना की वजह से सुर्खियों में है. आईफा 2017 का जश्न शुरू होने वाला है और यही वजह है कि गुरुवार रात आईफा की प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी. इस कांफ्रेस का एक वीडियो वायरल हो गया है, अब क्या है इस वीडियो में, उसके लिए तो आपको इसे देखना होगा.

इस फिल्म के लिए चीन ने भारत से किया समझौता

इन दिनों लोग चीन में फिल्म ‘दंगल’ और ‘बाहुबली’ की कमाई की बात कर रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि दंगल से काफी साल पहले एक हिंदी फिल्म ने चीनी दर्शकों को बॉलीवुड का फैन बना दिया था. वो फिल्म थी 1951 में रिलीज हुई आवारा. इस फिल्म को राजकपूर ने डायरेक्ट किया और खुद ही एक्टिंग भी की.

उस दौर में भारत में ही फिल्म चल जाए बड़ी बात क्योंकि आजादी मिले कुछ ही समय बीता था. लेकिन इस फिल्म ने हिंदी सिनेमा की पूरे विश्व में पहचान बना दी. चीन में यह फिल्म इतनी पसंद की गई कि वहां हर किसी की जुबां पर फिल्म का गाना ‘आवारा हूं’ छा गया.

इस फिल्म थियेटर वर्जन में ढालने के लिए दोनों देशों के बीच एक एमओयू साइन किया गया है. यानी चीन में ये फिल्म अब थियेटर वर्जन में दिखेगी.

यह सच है कि राज कपूर को अभिनय विरासत में मिला था. उनके पिता पृथ्वीराज कपूर अपने समय के मशहूर रंगकर्मी और फिल्म अभिनेता थें.

राज कपूर की कुछ यादगार फिल्में

आग (1948)

राजकपूर जब 23 साल के थे तभी उन्होंने प्रोडक्शन हाउस का निर्माण करके फिल्म आग बनाई. यह फिल्म बेहद सफल हुई थी और इसमें वह पहली बार फिल्मी पर्दे पर नरगिस के साथ नजर आएं.

आवारा (1952)

वर्ष 1952 में प्रदर्शित फिल्म ‘आवारा’ राजकपूर के सिने करियर की अहम फिल्म साबित हुई. फिल्म की सफलता ने राजकपूर को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई. फिल्म का शीर्षक गीत ‘आवारा हूं या गर्दिश में आसमान का तारा हूं’, देश-विदेश में बहुत लोकप्रिय हुआ.

जिस देश में गंगा बहती है (1960)

इस फिल्म का प्रोडक्शन आरके स्टूडियो के तहत हुआ था. फिल्म हिंसा के प्रति एक सामाजिक संदेश देती है. फिल्म में राज कपूर ने राजू का किरदार निभाया है.

राम तेरी गंगा मैली (1985)

राज कपूर द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कहानी में औरतों पर होते अत्याचार और जमींदारों द्वारा औरतों एक भोग-विलास की वस्तु समझे जाने के मुद्दे को दिखाया है.

प्रेमरोग (1982)

राज कपूर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में बाल विवाह और पुनर्विवाह जैसे सामाजिक मुद्दे को उठाया है.

आमिर की फीस जान उड़ जाएंगे आपके होश

मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान बॉलीवुड में सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर्स की लिस्ट में शुमार हैं. हालांकि आजकल एक्टर्स फिल्मों से होने वाले प्रॉफिट से ही अपनी फीस वसूल रहे हैं.

अब आमिर खान भी अपनी अगली फिल्म के साथ भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं. ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ के लिए आमिर की फीस जानकर उनके फैंस को भी हैरानी होगी.

खबर है कि आमिर खान अपनी फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ के लिए प्रॉफिट का 70 परसेंट हिस्सा लेने वाले हैं और बाकी बचा हुआ 30 परसेंट प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा लेंगे.

अब ये बात काफी चौंकाने वाली है क्योंकि कोई भी प्रोड्यूसर अपनी फिल्म का इतना शेयर देने के लिए राजी नहीं होता है. शाहरुख खान, अक्षय कुमार और सलमान सभी अपनी अपनी फिल्मों से हुए प्रॉफिट का हिस्सा लेते हैं लेकिन किसी को भी आज तक 50 परसेंट से ज्यादा नहीं मिला.

ऐसे में अगर आमिर की हिट फिल्म ‘दंगल’ की बात करें तो फिल्म ने चीन में 1000 करोड़ की कमाई कर ली हैं. इस हिसाब से आमिर के हिस्से में 700 करोड़ और प्रोड्यूसर के हिस्से में केवल 300 करोड़ आएंगे.

वैसे तो आमिर की सभी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हमेशा ही दमदार प्रदर्शन करती हैं. ‘दंगल’ भी 1700 करोड़ कमाई के साथ अब तक की सबसे कमाऊ भारतीय फिल्म बनी है. वहीं ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ को लेकर भी आमिर के फैंस में जबरदस्त क्रेज है.

फिल्म में उनके साथ अमिताभ बच्चन, कैटरीना कैफ और फातिमा सना शेख लीड रोल में होंगे. ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ अगले साल दिवाली पर रिलीज होगी.

इस बायोपिक में नजर आएंगी करीना

बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर ने अपने बेटे तैमूर अली खान के जन्म के ​बाद अभी तक कोई फिल्म साइन नहीं की है. करीना कपूर खान के फैंस लिए एक खुशखबरी है. खबर है कि डायरेक्टर ओमंग कुमार ने करीना को अपनी अगली फिल्म की अप्रोच किया है.

ओमंग की अगली फिल्म एक बायोपिक होगी. इससे पहले वह मैरीकॉम और सरबजीत जैसी फिल्में बना चुके हैं. खबरों की माने तो ओमंग पिछले काफी समय से करीना के साथ काम करना चाहते थें.

अगर करीना इस फिल्म के लिए हां कह देती हैं तो यह उनकी पहली बायोपिक होगी जिसमें वह काम करेंगी. हालांकि ओमंग प्रियंका चोपड़ा और ऐश्वर्या राय को बायोपिक में कास्ट कर चुके हैं. इन दिनों करीना खुद को फिट करने के लिए काफी मेहनत कर रही हैं.

लेकिन अभी तक इस बात पर सस्पेंस बना हुआ है कि ओमंग अब किस रियल लाइफ स्टोरी पर बॉयोपिक बनाने की प्लालिंग कर रहे हैं. फिलहाल करीना अपनी फिल्म ‘वीरे दी वेडिंग’ के लिए अगस्त में शूट करना शुरू करेंगी.

इस फिल्म में करीना के साथ सोनम कपूर और स्वरा भास्कर दिखाई देंगी. इस फिल्म को एकता कपूर और रेहा कपूर प्रोड्यूस करेंगी. तैमूर के जन्म के बाद यह उनकी पहली फिल्म होगी. करीना आखिरी बार आर बाल्की की फिल्म ‘की एंड का’ में अर्जुन कपूर के साथ नजर आई थीं.

दुनिया के कलरफुल शहर जहां आप जरूर जाना चाहेंगे

दुनिया बहुत ही अनोखी और रंग-बिरंगी है. यहां कई ऐसे शहर हैं जो इंद्रधनुष के रंगों की तरह सजा है. इन शहरों को देखकर ही मन खुश हो जाता है. जिस तरह लोग अपने घरों में रंग-बिरंगे पेंट करवाते हैं उसी तरह कई शहर भी कलर थीम पर बने हुए हैं जैसे राजस्थान के शहर जयपुर को गुलाबी शहर कहते हैं. ऐसे ही और भी कई जगहें हैं जो काफी कलरफुल हैं. आइए जानिए ऐसे ही कुछ शहरों के बारे में.

वेनेटियन टाउन, इटली

इटली देश का वेनेटियन शहर अपने अनोखे और कलर थीम के कारण काफी फेमस है. इस शहर को कलरफुल बनाने के लिए यहां के लोगों का खास कारण था. यहां के लोग मछली पकड़ने का काम करते थे और कई-कई महीने घर से बाहर रहते थे. जब वे वापिस अपने शहर आते तो वहां बर्फ पड़ने के कारण उन्हें अपना घर ढूंढने में मुश्किल होती थी जिस वजह से वे अपने घर को पहचानने के लिए उन पर अलग-अलग रंग करते थे जिससे वे दूर से देखकर ही पहचाने जा सकें. 

एल्‍काफ ब्रिज, सिंगापुर

घूमने के लिए लोगों की पहली पसंद सिंगापुर देश है. यहां की सबसे स्वच्छ और सुंदर जगह है एल्काफ ब्रिज, जो 1997 में बनाया गया था. 2014 में फिलीपींस की आर्टिस्ट पेसिटा एबाड ने इस ब्रिज में कुछ बदलाव करना चाहा और 900 लीटर पेंट लगाकर पुल को शानदार और रंगीन बना दिया. सभी पर्यटकों के लिए सिंगापुर का यह ब्रिज देखने की पहली जगह है.

नूक, ग्रीनलैंड

ग्रीनलैंड की राजधानी नूक शहर की खूबसूरती यहां के प्राकृतिक नजारें है. ऊपर से बर्फ से घिरी और चारों तरफ फैले समुद्र का नीला पानी इस शहर की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है. यहां रहने वाले लोगों ने अपनी जरूरत के हिसाब से छोटे-छोटे घर बनाएं हैं. ये रंगीन घर यहां की सुंदरता को चार चांद लगा देते हैं.

पासुआ सिटी, मेक्‍सिको

मेक्सिको देश अपने अवैध धंधो और क्राइम की वजह से काफी मशहूर है. पासियो सिटी इस देश की छोटी-सी बस्ती है जो क्राइम के लिए बहुत फेमस है. सरकार ने इस जगह से क्राइम खत्म करने और लोगों को सुधारने के लिए 20 हजार पेंट का इस्तेमाल करके पूरी बस्ती को कलरफुल बना दिया ताकि पर्यटकों की नजर पड़े और यहां घूमने आएं.

सेंटा मार्टा फवेला, ब्राजील

ब्राजील देश काफी रंग-बिरंगा है लेकिन यहां की स्लम बस्ती सेंटा मार्टा फवेला इस देश की खूबसूरती को चार चांद लगा देती है. यहां गरीबों की रंग-बिरंगी झुग्गियां हैं जिन्हें देखने के लिए पर्यटक दूर-दूर से यहां आते हैं. इन्हीं टूरिस्टों की वजह से यहां के लोग अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं.

गर्मियों में कुछ ऐसे रखें बालों का ख्याल

गर्मी के मौसम में सिर्फ स्किन ही नहीं, बालों की हालत भी खराब हो जाती है. इसलिए आपको जरूरत होती है कि आप अपने बालों की देखभाल कुछ खास तरीके से करें.

बालों को करें कवर

सबसे पहले तो धूप में बाहर निकलने से बचें पर, अगर आपको धूप में निकलना ही पड़ता है तो स्कार्फ, हैट या कैप से बालों को ढककर निकलना चाहिए. इसके साथ ही लीव-इन कंडीशनर्स का यूज जरूर करें ताकि बाल प्रोटेक्टेड रहें. सनस्क्रीन वाले लीव-इन कंडीशनर्स को प्रिफरेंस दें क्योंकि ये बालों को धूप से बचाने में हेल्प करेंगे. बालों में हेयर सीरम लगाने से भी वो सुरक्षित रहते हैं.

हफ्ते में दो बार करें शैम्पू

ह्यूमिडिटी और पसीने की वजह से आपके बाल चिपके तो हो सकते हैं लेकिन इसके साथ ही धूप की वजह से वो ड्राई भी होते हैं इसलिए रोजाना शैंपू न करें. हफ्ते में दो बार शैंपू करना काफी है. ज्यादा गंदे होने पर तीन बार शैंपू किया जा सकता है. क्लीन करने के लिए कूलिंग इंग्रेडिएंट्स वाले माइल्ड हर्बल शैंपू सिलेक्ट करें. सिर्फ स्कैल्प पर शैंपू करें. बालों में अलग से शैंपू लगाने से वो ड्राई हो जाते हैं.

कंडीशनर लगाना कभी ना भूलें

वैसे तो आप बालों को कंडीशन करते ही हैं, लेकिन गर्मियों में इसका खास ध्‍यान रखें क्योंकि गर्म हवाओं की वजह से बाल ड्राई हो जाते हैं इसलिए शैंपू करने के बाद कंडीशनर का यूज जरूर करें. वैसे कहा जाता है कि कंडीशनर सिर्फ बालों में लगाना चाहिए, बालों की रूट्स पर नहीं, लेकिन ये सही नहीं है. रूट्स पर कंडीशनर लगाने से बालों को मॉइश्चर मिलता है और वो हेल्दी रहते हैं. आप चाहें तो हेयर मास्क के जरिए भी कंडीशनिंग कर सकती हैं.

अच्‍छे और विश्‍वसनीय उत्‍पादों का इस्‍तेमाल करें

सही हेयर प्रोडक्ट्स यूज करना सबसे इंपॉर्टेंट हेयर केयर रिजीम है. इसके लिए सबसे पहले अपने बालों के टाइप को कंसीडर करें और उसके अकॉर्डिंग प्रोडक्ट चुनें. ऐसे प्रोडक्ट्स यूज करें जिनमें रेपलिनिशिंग, हायड्रेटिंग और मॉइश्चराइजिंग लिखा हो. वॉल्यूमाइजिंग और बाउंसी टैग वाले हेयर प्रोडक्ट्स को न यूज करें.

ट्रिमिंग कराते रहें

अगर आपके बालों के सिरे तेजी से फट रहे हैं तो ये बताता है कि या तो वो दो मुहे हो रहे हैं या फिर डैमेज या दोनों. अगर ऐसा है तो बालों की ट्रिमिंग करवाएं. आइडियली 6 से 8 हफ्तों में ट्रिमिंग करवा ही लेनी चाहिए. इसके अलावा हीटिंग प्रोडक्ट्स जैसे ब्लो ड्रायर, स्ट्रेटनर से दूर रहें क्योंकि इनसे निकलने वाली हीट बालों को ड्राई करती है.

बालों को दो मुहा ना होने दें

ह्यूमिडिटी और ड्राइनेस दोनों ही बालों को नुकसान पहुंचाती हैं और इससे डैंड्रफ, हेयरफॉल, फ्रिजिनेस की प्रॉब्लम कॉमन हो जाती है. दोमुहे को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा तरीका है कि बालों को ज्यादा से ज्यादा बांधकर रखें. इससे उनमें मॉइश्चर लॉक रहता है और वो डैमेज भी नहीं होते. इसके अलावा बालों की डीप कंडीशनिंग करें ताकि उनमें मॉइश्चर बना रहे.

ब्लीच के बाद आपको भी होती है जलन

महिलाएं चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के लिए ब्लीच का इस्तेमाल करती हैं. कई बार सेंसेटिव स्किन होने के कारण ब्लीच के बाद चेहरे पर जलन होने लगती है और लाल निशान पड़ जाते हैं. कुछ महिलाओं को स्किन इंफेक्शन के कारण चेहरे पर खुजली भी होने लगती है. ऐसे में कुछ घरेलू उपाए अपनाकर इस समस्या को दूर किया जा सकता है. आइए जानिए ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में

लैवेंडर ऑयल

लैवेंडर ऑयल में मौजूद एंटी-सैप्टिक गुण जलने की समस्या से तुरंत राहत दिलाता है. ब्लीच करने के बाद जब स्किन पर रैशेज हो जाएं तो लैवेंडर ऑयल लगाएं.

एलोवेरा

एलोवेरा जेल में शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं जिससे जलन से राहत मिलेगी और इससे रैशेज भी खत्म होंगे.

हल्दी और दही

दही में चुटकी भर हल्दी मिलाएं और इसे कुछ देर के लिए चेहरे पर लगा रहने दें. इसमें मौजूद एंटी-एलर्जिक और एंटी-सेप्टिक गुण जलन से राहत दिलाकर एलर्जी और रैशेज को दूर करता है.

खीरा

ब्लीच के बाद होने वाली जलन से छुटकारा दिलाने के लिए खीरे का फेसपैक भी लगा सकते हैं. इसके लिए खीरे को पीस कर उसे चेहरे पर लगाएं.

दूध और चंदन

दूध में बायोटिन और मॉइश्चराइजिंग गुण होता है वहीं दूसरी तरफ चंदन में एंटी-इंफ्लेमेंटरी और कूलिंग प्रोपर्टीज होने के कारण ब्लीच से होने वाली जलन से राहत दिलाता है. इसके लिए दूध में चंदन पाउडर मिलाकर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर लगाने से ठंडक मिलेगी.

इस वायरल वीडियो में सलमान के साथ ये क्या कर रही हैं कैटरीना, आप भी देखें

हाल ही में दबंग खान एक प्रेस कांफ्रेंस में अपनी ही जींस चबाते हुए नजर आए थे, जिसके वीडियो ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया था. एक बार फिर सलमान खान सुर्खियों में बने हुए हैं, लेकिन इस बार वे अपनी वजह से नहीं बल्कि अपनी एक्स गर्लफ्रेंड कैटरीना की वजह से सुर्खियों में है. आईफा 2017 का जश्न शुरू होने वाला है और यही वजह है कि गुरुवार रात आईफा की प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई थी.

इस प्रेस कांफ्रेंस में सलमान खान, कैटरीना कैफ, आलिया भट्ट शामिल हुए, जिन्होंने साथ मिलकर लोगों के लिए समां बांध दिया. जहां सलमान को मीडिया के बीच बिंदास होते हुए देखा जाता है, वहीं कैटरीना अपने रिजर्व नेचर के लिए फेमस हैं. लेकिन इस इवेंट में बिल्कुल उल्टा हुआ. सलमान इवेंट में चुप्पी साधे हुए बैठे थे, जबकि कैटरीना ने जमकर सुर्खियां बटोरीं.

इस इवेंट के दौरान कैटरीना ने सलमान को लेकर कुछ ऐसा कहा, जिसे सुनकर सलमान भरी महफिल में शरमा गए. असल में सलमान से पूछा गया कि वे आलिया भट्ट के साथ काम कब करेंगे? सलमान इसका जवाब देते, इससे पहले कैटरीना ने ही जवाब दे दिया. कैटरीना ने बीच में बोलते हुए कहा कि ‘सलमान को मेरे लिए छोड़ दीजिये.’ जी हां ये किसी और ने नहीं, बल्कि सलमान की एक्स गर्लफ्रेंड ने कैमरा के सामने कहा. यहां तक कि कैट ने आलिया को भी नहीं छोड़ा और उनके लिए कह दिया ‘आलिया को वरुण के साथ रहने दीजिए.’

अब बताइए, भरी महफिल में आपकी एक्स गर्लफ्रेंड आपके लिए ऐसा कह दे, तो आप शर्म से पानी-पानी तो हो ही जाएंगे. कुछ ऐसा ही हाल सलमान का भी था.

सलमान खान और कैटरीना कैफ कभी एक दूसरे के काफी करीब थे. फिर, दोनों ने अपनी राहें बदल लीं. लेकिन, एक बार फिर जब यह जोड़ी ‘टाइगर ज़िंदा है’ में एक साथ काम करती नजर आयी तो दोनों में एक नई बॉन्डिंग देखने को मिली और यहीं से कयास लगाए जाने लगे कि सलमान-कैटरीना फिर से रिलेशनशिप में हैं.

आपको बता दें कि पिछले महीने ही सलमान खान और कैटरीना कैफ दोनों ऑस्ट्रिया में टाइगर जिंदा है की शूटिंग से लौटे हैं. गौरतलब है कि शूटिंग के दौरान कैटरीना बुरी तरह से घायल हो गई थीं, जिससे उनकी पीठ पर काफी चोटें आई. डॉक्टर ने उन्हें आराम करने की सलाह भी दी है. खबर यह भी आई थी कि उस दौरान सलमान की यही कोशिश रही कि कैटरीना को शूटिंग करने में ज्यादा दिक्कतों का सामना ना करना पड़े और वो केवल आसान दृश्यों की शूटिंग ही करें.

रसोई से जीतें पति का दिल

पति के दिल का रास्ता पेट से हो कर जाता है. इस कहावत के मद्देनजर पति का प्यार पाने के लिए पत्नी को तरहतरह के लजीज व्यंजन बना कर उसे खिलाने होंगे. वहीं आज की व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी में कामकाजी महिला के पास समय कम होने की वजह से घर में सभी काम के लिए मेड रख ली जाती है, जो खाने से ले कर कपड़े, बरतन, साफसफाई सभी कार्य निबटाती है. ऐसे में कोई कामकाजी महिला पति के दिल में कैसे जगह बनाए, इस के लिए भी रास्ता मौजूद है. उस रास्ते को अपनाइए, फिर देखिए रसोई के काम कैसे आसान हो जाते हैं.

रसोई प्रबंधन

वर्तमान समय में भागदौड़ भरी जिंदगी में समय की कमी को दूर करने के लिए रसोई प्रबंधन बेहद जरूरी है. ऐसा करने से रसोई के काम आसान हो जाते हैं. कैसे,  आइए जानें :

घर के सभी काम अपनी मेड से करवाएं पर रसोई का काम खुद करें, खासकर खाना बनाने का काम. आजकल ‘रेडी टु ईट’ वाले हैल्दी फूड मार्केट में मिलते हैं. उन को आप बहुत ही कम समय में बना सकती हैं. ये कुक्ड, अनकुक्ड और रेडी मिक्स फूड होते हैं. आप इन्हें खरीद कर रसोई का काम मिनटों में कर सकती हैं.

नाश्ते और दोपहर के खाने की तैयारी पिछली रात में ही कर लें, जैसे सब्जी काटना, आटा गूंधना आदि. इस से सुबह के समय आसानी होगी.

रात की बची हुई दाल का सांभर बना कर परोस सकती हैं या दाल को आटे में गूंध कर उस के परांठे या पूरियां बना लें. नाश्ते के लिए ये हैल्दी और बैस्ट औप्शंस है.

खड़ी दाल, राजमा या छोले बनाने हों तो उन्हें रात में ही धो कर भिगो दें. इस से कुकिंग टाइम के साथ रसोई गैस की भी बचत होती है.

होममेड गार्लिक, जिंजर, ग्रीन चिली, ओनियन का पेस्ट बना लें. उस पेस्ट में एक छोटा चम्मच गरम तेल और थोड़ा सा नमक मिला देने से वह ज्यादा दिनों तक फ्रैश रहता है. फिर इस से ग्रेवी वाली सब्जी बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता.

पति करें मदद

अगर पति को पत्नी के हाथों का बना खाना ही खाना है तो उन्हें चाहिए कि वे घर के कामों में पत्नी की मदद करें. कामकाजी पत्नी को जब पति से मदद मिलेगी तो उस की पसंद की चीजें बनाने में उस की रुचि जरूर रहेगी. जब दोनों पैसा कमाते हैं तो घर के काम भी दोनों को करने चाहिए. इस से दोनों में प्रेम भी बढ़ेगा.

रसोई संभालने के फायदे

खुद खाना बनाने से महिला अपने परिवार से भावनात्मक रूप से जुड़ी रहेगी और अपने पति व बच्चों की पसंद को भी समझेगी.

जब पत्नी खुद रसोई संभालेगी तो साफसफाई का विशेष ध्यान रखेगी जो उस के परिवार के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होगा.

खुद खाना बनाने से मालूम रहेगा कि कौन सा सामान कितनी मात्रा में बनाना है. बजट के अनुसार ही आप खर्च करेंगी. कोई भी चीज बरबाद नहीं होगी.

वैसे भी रसोई की पत्नी द्वारा देखभाल किया जाना बहुत जरूरी है. इस से रसोईघर व्यवस्थित रहता है.

खुद खाना बनाने से पैसों की बचत, सामान की बचत और स्वास्थ्यवर्द्धक खाना बनने के साथसाथ कई दूसरे लाभ भी होते हैं.

खुद के खाना बनाने से आप अपने पति व परिवार को ज्यादा पौष्टिक व ज्यादा स्वादिष्ठ खानपान दे सकती हैं.

आप के रसोई में काम करने से परिवार में प्यार और अपनत्व की भावना का विकास होगा.

पत्नी रसोई में काम करेगी तो वह अपनी सुविधा और समय के अनुसार काम करेगी.

आप टैंशनमुक्त हो कर परिवार के खानपान पर अच्छी तरह से ध्यान दे पाएंगी.

खाना बनाने के काम में घर के सदस्यों को भी शामिल किया जा सकता है. इस से काम का प्रैशर ज्यादा नहीं रहेगा.

पैक्ड फूड

कामकाजी महिलाओं के लिए पैक्ड फूड काफी सुविधाजनक होते हैं. पैक्ड दाल, चावल लाने से समय की बचत होती है. उन्हें न बीनना न साफ करना, सिर्फ धोना और पकाना होता है. आज इन्हीं पैक्ड फूड की वजह से महिलाओं की जिंदगी काफी आसान हो गई है.पत्नी इन सब बातों का ध्यान रखेगी तो वह अपने पति की चहेती बनने के साथसाथ उन के स्वास्थ्य और सेहत का भी ध्यान रख पाएगी. इतना ही नहीं इस से आपस में मिलजुल कर काम करने के साथ प्रेम की भावना का विकास भी होगा.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें