अनुष्का ने उड़ाई शाहरुख की हीरोईन बनने की खबर?

आम तौर पर कहा जाता है कि सफलता और असफलता दोनों को पचाना हर इंसान के लिए आसान नहीं होता है. फिर बॉलीवुड, बॉलीवुड तो यूं भी ‘‘शो बाजी’’ पर ही टिका हुआ है. यूं तो यहां हर शुक्रवार इंसान की तकदीर बदलती रहती है, इस कटु सत्य को दोहराते हुए तो सभी मिल जाएंगें, मगर इस कटु सत्य को स्वीकार करने को कोई तैयार नहीं होता.

हर इंसान सफल होने पर ‘अहम ब्रम्हास्मि’ की तरह अहम में इस कदर डूबता है कि फिर वह धीरे धीरे पतन की ओर अग्रसर होने लगता है. अहम में चूर इंसान को जब असफलता हाथ लगती है, तो वह अपनी कमियों का विश्लेषण करने की बनिस्पत उस असफलता को छिपाने के लिए ढेरों गलत कदम उठाता है. ऐसा ही कुछ इन दिनों अनुष्का शर्मा कर रही हैं.

गैर फिल्मी परिवार की अनुष्का शर्मा ने शाहरुख खान के साथ ‘यशराज फिल्मस’ की फिल्म ‘‘रब ने बना दी जोड़ी’’ से बॉलीवुड में कदम रखा था. तब से इक्का दुक्का फिल्मों को नजरंदाज कर दें, तो अनुष्का शर्मा लगातार सफलता की ओर अग्रसर चल रही थी. निरंतर सफलता ने उनके अंदर आत्म विश्वास पैदा किया. जिसके चलते वह बॉलीवुड की सबसे कम उम्र की फिल्म निर्माता बन बैठी.

अनुष्का शर्मा ने पहली फिल्म ‘‘एन एच 10’’ का निर्माण करने के साथ ही इसमें अभिनय किया. फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सफलता दर्ज कराते हुए अनुष्का को शोहरत दिलायी. इस सफलता ने अनुष्का शर्मा के अंदर अहम और ‘अहम ब्रम्हास्मि’ की ऐसी भावना भरी कि बतौर निर्माता उनकी दूसरी फिल्म ‘‘फिल्लौरी’’ ने बॉक्स ऑफिस पर दम तोड़ दिया. हालात ऐसे हैं कि अब बॉलीवुड के बिचौलिए उन्हें असफल अभिनेत्री करार दे रहे हैं. आखिर ‘फिल्लौरी’ में दिलजीत दोषांज के साथ अनुष्का शर्मा की ही मुख्य भूमिका है.

‘‘फिल्लौरी’’ की असफलता के चलते अनुष्का शर्मा को बतौर निर्माता अपनी तीसरी फिल्म ‘कनेडा’ का निर्माण भी स्थगित करना पड़ा है. वैसे अनुष्का शर्मा की तरफ से दावा किया गया है कि फिल्म ‘फिल्लौरी’ ने उन्हें कमा कर दिया है. पर फिल्म ‘कनेडा’ को लेकर चुप्पी साधी हुई है.

मगर अनुष्का शर्मा अपनी इस असफलता को पचा नहीं पा रही हैं. वह निरंतर अपनी पीआर टीम के माध्यम से खबरें फैला रही हैं कि वह निरंतर व्यस्त हैं और बॉलीवुड में उनकी मांग बढ़ती ही जा रही है. जबकि हककीत इसके विपरीत है.

बहरहाल, ‘फिल्लौरी’ की असफलता और ‘कनेडा’ का निर्माण स्थगित होने की खबरें गर्म होते ही अनुष्का शर्मा ने खबर दी कि वह अपनी तीसरी फिल्म ‘‘किराज इंटरटेनमेंट’’ के साथ मिलकर बनाने वाली हैं. पर वह यह बताना भूल गयीं अब फॉक्स स्टार स्टूडियो उनके साथ क्यों नहीं है?

मजेदार बात यह है कि अनुष्का शर्मा की पीआर टीम यहीं पर नहीं रूकी है. बल्कि जिस दिन दीपिका पादुकोण की तरफ से आनंद एल राय की शाहरुख खान के साथ वाली फिल्म छोड़ने की खबर आयी, उसके दो दिन बाद ही खबर आ गई कि अनुष्का शर्मा फिल्मकार आनंद एल राय की फिल्म में शाहरुख खान की हीरोईन बनने वाली हैं.

इस खबर के आते ही पहले तो सभी ने यकीन कर लिया. क्योंकि अनुष्का शर्मा व शाहरुख खान के बीच अच्छे संबंध हैं. अनुष्का शर्मा ने ‘रब ने बना दी जोड़ी’ और ‘जब तक है जान’ के बाद अब तीसरी फिल्म ‘द रिंग’ कर ली है. (ज्ञातब्य है कि अनुष्का शर्मा ने इम्तियाज अली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘द रिंग’ की शूटिंग ‘फिल्लौरी’ के प्रदर्शन से पहले ही पूरी कर दी थी. ‘द रिंग’ अभी तक प्रदर्शित नहीं हुई है. और ‘फिल्लौरी’ के असफल होने के बाद से अनुष्का शर्मा को कोई दूसरी फिल्म नहीं मिली है). इसलिए हर किसी ने मान लिया कि अनुष्का शर्मा अब शाहरुख खान के साथ चौथी फिल्म करने जा रही हैं. जबकि इस संबंध में आनंद एल राय चुप हैं.

बहरहाल, इस खबर के बाद बॉलीवुड से जुड़े बिचौलिए और सूत्र सक्रिय हो गए. बॉलीवुड के बिचौलिए कोई सच सामने लाते, उससे पहले ही अनुष्का शर्मा के प्रवक्ता ने इस खबर को झुठलाते हुए कहा है कि इस फिल्म के लिए अनुष्का शर्मा को कोई प्रस्ताव नहीं मिला है.

ऐसे में सवाल उठता है कि इस तरह की तथ्यहीन खबर किसने, किसके इशारे पर मीडिया में फैलायी और इस खबर के पीछे का मकसद क्या है? कहीं यह भी अनुष्का शर्मा का खुद को खबरों में बनाए रखने का अति घटिया पब्लिसिटी स्टंट तो नहीं.

अभिनेत्रियां जो अपनी फिल्मों में बनी प्रॉस्टिट्यूट

विद्या बालन की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘बेगम जान’ 14 अप्रैल को रिलीज हो गई. यह बांग्ला मूवी ‘राजकाहिनी’ का रीमेक है, जिसमें बेगम जान यानी विद्या बालन ने तवायफों के कोठे की मालकिन का रोल प्ले किया है. वैसे, यह पहला मौका नहीं है जब किसी एक्ट्रेस ने फिल्म में तवायफ या वेश्या (प्रॉस्टिट्यूट) का किरदार निभाया है.

1974 में आई फिल्म ‘मनोरंजन’ में जीनत अमान के रोल से लेकर 2004 में आई करीना कपूर की फिल्म ‘चमेली’ तक में एक्ट्रेस ने ऐसे रोल प्ले किए. बॉलीवुड की ऐसी ही कुछ फिल्में, जिनमें एक्ट्रेस ने प्रॉस्टिट्यूट का रोल किया.

प्यासा (1957)

इस फिल्म में वहीदा रहमान ने गुलाब नाम की प्रॉस्टिट्यूट का किरदार प्ले किया है. फिल्म में गुरुदत्त और माला सिन्हा भी हैं. वहीदा रहमान हाल ही में आशा पारेख की बायोग्राफी के लॉन्चिंग इवेंट के मौके पर नजर आई थीं.

अमर प्रेम (1972)

फिल्म में शर्मिला टैगोर ने पुष्पा नाम की प्रॉस्टिट्यूट का रोल प्ले किया है. फिल्म में राजेश खन्ना और विनोद मेहरा ने भी काम किया है.

आस्था (1997)

फिल्म में रेखा ने मानसी नाम का किरदार निभाया है, जो एक मैरिड वुमन है. हालांकि बाद में वो प्रॉस्टिट्यूट बन जाती है. फिल्म में उनके अलावा ओम पुरी और नवीन निश्चल ने भी काम किया है.

वास्तव (1999)

फिल्म में नम्रता शिरोडकर ने सोनिया नाम की प्रॉस्टिट्यूट का रोल किया है. इसमें उनके अलावा संजय दत्त और मोहनीश बहल भी हैं. नम्रता ने साउथ के सुपरस्टार महेश बाबू से शादी की है. उनके दो बच्चे भी हैं.

मार्केट (2003)

फिल्म में मनीषा कोइराला ने मुस्कान बानो नाम की प्रॉस्टिट्यूट का कैरेक्टर प्ले किया है. फिल्म में उनके अलावा सुमन रंगनाथन भी हैं.

चांदनी बार (2001)

प्रॉस्टिट्यूशन और डांस बार पर बनी फिल्म चांदनी बार में तब्बू ने मुमताज अली अंसारी का रोल प्ले किया है, जो चांदनी बार में बार गर्ल बन जाती है.

जूली (2004)

फिल्म में नेहा धूपिया ने जूली का रोल प्ले किया है, जो फिल्म एक हाई-प्रोफाइल प्रॉस्टिट्यूट बनी हैं. फिल्म में उनके अलावा प्रियांशु चटर्जी, यश टोंक और संजय कपूर ने भी काम किया है.

नो एंट्री (2005)

फिल्म में बिपाशा बसु ने बॉबी नाम की प्रॉस्टिट्यूट का रोल किया है, जो बार में डांस करती है. इसमें उनके अलावा अनिल कपूर, फरदीन खान और सलमान खान ने भी काम किया है.

चिंगारी (2006)

फिल्म में सुष्मिता सेन ने बसंती नाम की प्रॉस्टिट्यूट का रोल किया है, जो एक बच्चे की मां हैं. इसमें उनके अलावा मिथुन चक्रवर्ती और अनुज शावने ने भी काम किया है. फिल्म की डायरेक्टर कल्पना लाजमी हैं.

ट्रैफिक सिग्नल (2007)

फिल्म में कोंकणा सेन शर्मा ने नूरी नाम की प्रॉस्टिट्यूट का रोल प्ले किया है. डायरेक्टर मधुर भंडारकर की इस मूवी में कुणाल खेमू, नीतू चंद्रा और रणवीर शौरी ने भी काम किया है.

लागा चुनरी में दाग (2007)

फिल्म में रानी मुखर्जी ने विभावरी सहाय उर्फ बड़की का रोल किया है, जो अपनी फैमिली के लिए कई सैक्रिफाइस करती है. कई बार लोग उससे प्रॉस्टिट्यूट की तरह ट्रीट करते हैं. फिल्म में रानी के अलावा कोंकणा सेन शर्मा, अभिषेक बच्चन और कुणाल कपूर ने काम किया है.

देव डी (2009)

फिल्म में कल्कि कोचलिन ने लेनी और चंद्रमुखी नाम के दो रोल किए हैं. इसमें लेनी दिल्ली की एक स्टूडेंट होती है, जो एमएमएस स्कैंडल में फंस जाती है. इस घटना के बाद उसके पिता सुसाइड कर लेते हैं और उसकी फैमिली उसे एक छोटे से कस्बे में भेज देती है. इसके बाद जब वह वापस दिल्ली जाती है तो प्रॉस्टिट्यूट बन जाती है. फिल्म में कल्कि के अलावा अभय देओल और माही गिल ने भी काम किया है.

डी Day (2013)

फिल्म में श्रुति हासन ने सुरैया नाम की पाकिस्तानी प्रॉस्टिट्यूट का रोल प्ले किया है. फिल्म में उनके अलावा अर्जुन रामपाल, हुमा कुरैशी और इरफान खान ने काम किया है.

बदलापुर (2015)

फिल्म में हुमा कुरैशी ने झिमिली नाम की प्रॉस्टिट्यूट का रोल किया है, जो नवाजुद्दीन सिद्दीकी (लियाक) की गर्लफ्रेंड रहती है. इसमें उनके अलावा वरुण धवन, यामी गौतम और दिव्या दत्ता ने भी काम किया है.

जानना चाहती हैं काले बालों का राज?

आज कल हर कोई अपने सफेद होते बालों से परेशान है. आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में हम अपनी सेहत की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं दे पाते हैं और पोषक तत्वों की शरीर में कमी होने के कारण हमारे शरीर में कई शारीरक समस्याएं आ जाती हैं. उनमे से एक प्रमुख समस्या है, बालों का उम्र से पहले सफेद होना. परन्तु प्राकृतिक तरीकों को अपना कर आप सफेद बालों से मुक्ति पा सकते हैं.

ये भी जानते हैं कि क्या मुख्य कारण हैं कि बाल सफेद हो जाने के…

बालों के सफेद होने के कारण :

1. बहुत ज्यादा तनाव में रहना

2. ज्यादा तैलीय चीजों को खाना

3. बहुत ज्यादा साबुन और शेम्पू का इस्तेमाल करना

4. पोष्टिक भोजन ना लेना

बालों को काला करने के 9 घरेलू उपाय :

1. नारियल और निम्बू के रस का मिश्रण सफेद बालों को काला करने में मदद करता है. नारियल के तेल को निम्बू के रस में मिलाकर अपने बालों में इसकी मालिश करें और मालिश करने के बाद तकरीवन एक घंटे के बाद अपने बालों को धो लीजिए.

2. आम की पत्तियों को पीस लें और इससे एक पेस्ट सा तेयार हो जायेगा और इसे अपने बालों में लगायें. करीब 30 मिनट तक इसे लगा रहने दें. इसके बाद साफ पानी से अपने बालों को दों लें.

3. प्याज के रस में निम्बू मिलाकर अपने बालों में लगाएं और करीब 45 मिनट तक खुला छोड़ दें और बाद में इन बालों को अच्छी तरह धो लीजिए. इससे आपको सफेद बालों से मुक्ति मिलेगी और साथ ही साथ आपके बाल झड़ने बंद हो जायेंगे.

4. बालों का शुद्ध घी अपने बालों में लगाने से सफेद बाल जल्दी काले होने शुरू हो जाते हैं. इस घी को प्रतिदिन अपने बालों में लगाना चाहिए.

5. अपने बालों पर तिल के तेल की मालिश करने से सफेद बाल काले होने शुरू हो जाते हैं. इस तेल का इस्तेमाल हमें प्रतिदिन आपने बालों में करना चाहिए.

6. काली चाय सफेद बालों को काला करने में बहुत मदद करती है. काली चाय आपके बालों को मुलायम और चमकदार बनाती है. एक कप पानी में थोड़ी सी चाय की पत्तियां मिला दें और फिर इसे उबाल लें फिर इसमें एक चमच नमक मिला दें. इस पानी को ठंडा होने के बाद अपने बालों पर लगायें एक घंटे बाद अपने बालों को साफ़ पानी से धो लें.

7. लोंग के तेल से अपने बालों की मालिश करें इससे आपके सफ़ेद बालों को रोकने में बहुत मदद मिलेगी.

8. आंवला बालों को काला करने में बहुत अच्छा माना गया है. नारियल के तेल में आंवला के कुछ सूखे टुकड़े उबाल लें. इसे ठंडा हो जाने पर अपने बालों पर इसकी मालिश करें इस मिश्रण को अपने बालों पर कुछ घंटों तक रहने दें. एक – दो दिन छोड़ कर इस मिश्रण को अपने बालों पर लगायें कुछ ही हफ़्तों में आपको इसका फर्क दिखने लगेगा.

9. संतरे के रस में थोडा सा आंवले का रस मिलाकर अपने बालों में लगाने से बालों का झड़ना और सफेद होना बंद हो जाता है.

क्या असली-नकली सिक्के की पहचान है आपको?

आप सब्जीवाले से जब सब्जी लेती हैं या पास के ही किसी स्टोर से घर का या जरुरत का कोई छोटे मोटे सामान की खरीददारी करती हैं तो आपको कई बार चेंज के तौर पर दस रुपये के सिक्के भी मिलते होंगे. अब ये बात तो आप भी जानती होंगी कि 10 रुपए के सिक्के को लेकर बहस अभी खत्म नहीं हुई है. फर्जी सिक्का बनाने वाले कई गिरोहों को पकड़ तो लिया गया है, फिर भी लोगों के बीच इस बात का डर है कि उनके पास जो 10 रुपए का सिक्का है वह नकली है या असली है!

हाल ही में नकली सिक्कों की खबर के बाद देश की कई अलग-अलग हिस्सों में लोग 10 रुपए का सिक्का लेने से बच रहे थे. यहां आज हम आपको बताएंगे कि आप कैसे 10 रुपए के असली और नकली सिक्कों को की पहचान कर सकती हैं.

असली-नकली की पहचान

10 रुपए के सिक्के में 10 लाइन्स बनी होती हैं, साथ ही सिक्के के बीच के हिस्से पर रुपए का सिंबल बना होता है. इसके अलावा अंको में 10 लिखा होता है. ये अंक ’10’ सिक्के के मध्यभाग और बाहरी भाग 6:4 के अनुपात में अंकित होता है.

हेड्स की तरफ से ऐसे पहचाने

असली सिक्कों की पहचान बहुत ही आसान है. हेड्स की तरफ से सिक्के की प्रमाणिकता को पहचानने के लिए आपको देखना होगा कि INDIA और भारत सिक्के पर कहां अंकित हैं. सिक्के पर INDIA और भारत साइट की तरफ आमने सामने होते हैं. जबकि नकली सिक्के में INDIA और भारत एक साथ उपर की तरफ लिखा होता है.

अशोक की लाट ध्यान से देखें

10 रुपए का सिक्का हेड्स की तरफ से देखने पर अशोक की लाट यानि भारतीय राजपत्र का चिह्न आपको स्पष्ट दिखेगा जबकि नकली सिक्के में यह चिह्न छोटा और अस्पष्ट होगा. इसके अलावा 10 रुपए के असली सिक्के में ‘स्त्यमेव जयते’ छोटे अक्षरों में लिखा होगा जो कि ठीक अशोक की लाट के नीचे अंकित होगा. जबकि नकली सिक्के में यह अछर बड़े और धुंधले होंगे.

अपने आसपास भी दें जानकारी

इन तीन स्टेप्स को अपनाकर आप 10 रुपए के असली और नकली सिक्के का फर्क जान सकते हैं. इसके बारे में आप अपने साथ के लोगों और दोस्तों को भी बताएं जिससे वह नकली सिक्कों को पहचान सकें और बाजार में फैले नकली सिक्कों को लेने से बच सकें.

गर्मियों में ऐसे रखें अपने बालों का ख्याल

गर्मियों का मौसम आ चुका है. और विशोषज्ञों की मानें तो इस मौसम में सबसे अधिक बाल झड़ते हैं. इसलिए गर्मियों में बालों का खास ध्‍यान रखने की जरूरत है.

जानिए ऐसे 10 टिप्‍स, जो इस सीजन में बालों से जुड़ी आपकी हर प्रॉब्‍लम को सॉल्‍व कर देंगे.

1. वीकएंड पर बालों में जरूर तेल लगाएं और जूड़ा बनाकर रखें. इससे बालों को पोषण मिलेगा.

2. बालों पर हेयर ड्रायर आदि का प्रयोग ना करें, इससे बाल और रूखे हो जाते हैं और टूटने लगते हैं.

3. शाम को जब घर पहुंचे तो बालों में कंघी जरूर करें, फिर बाल बांध लें.

4. जब बाहर निकलें तो सिर को किसी कपड़े से ढक लें. बहुत कम लोगों को पता होगा कि धूप का असर बालों पर भी पड़ता है.

5. बाल धोने से पहले नारियल, जैतून के तेल से मालिश करें. प्रतिदिन बाल ना धोएं, इससे स्कैल्प में मौजूद प्राकृतिक तेल निकल सकता है, जिससे बाल रुखे हो सकते हैं और बार-बार बाल धोने की जरूरत महसूस हो सकती है.

6. अपने बालों को कलर करने के लिए अमोनिया फ्री हेयर कलर्स का इस्तेमाल करें. ये इनके दुष्प्रभाव से बचाते हैं और बालों को पोषण देते हैं.

7. जब भी पूल आदि में जाएं तो लौटकर बालों को अवश्‍य धो लें.

8. कंघी करते हुए हेयर ब्रश की बजाय चौड़े दांतों वाली कंघी का इस्तेमाल करें.

9. गीले बालों में कंघी ना करें. इससे बाल टूटते हैं.

10. बढ़ते तापमान के साथ बालों में तेल की जगह हेयर सीरम लगाएं. यह कम चिपचिपा होता है.

ताल तलैयों का शहर भोपाल

अब से कोई 25 साल पहले तक भोपाल घूमने आना पर्यटकों के लिए आखिरी 5 विकल्पों में से एक हुआ करता था लेकिन अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल शहर घूमने आना शुरुआती 5 प्राथमिकताओं में से एक होने लगा है.

इस बदलाव की वजह महज यह नहीं है कि देश के किसी भी हिस्से से रेलमार्ग द्वारा आना यहां सुविधाजनक और सहूलियत वाला काम है, बल्कि यह है कि यहां वाकई पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य व विकास हुए हैं जिस का श्रेय राज्य के पर्यटन विकास निगम को भी जाता है.

ताल तलैयों वाला भोपाल, झीलों वाला भोपाल, नवाबों वाला भोपाल, बाबुओं वाला भोपाल, जरदापरदा और गरदा वाला भोपाल व गैस त्रासदी वाला भोपाल अब काफी बदल गया है. दूसरे शहरों की तरह भोपाल भी चारों तरफ बढ़ा है. लेकिन अच्छी बात यह है कि यहां ऐसा हरियाली खोने या उजाड़ने की शर्त पर नहीं हुआ है. नए भोपाल की चौड़ी सड़कों के इर्दगिर्द झूमती हरियाली, बाग बगीचे और जगह जगह बने पार्क पर्यटकों को एहसास कराते हैं कि क्यों और कैसे भोपाल दूसरे शहरों से भिन्न है.

राजा भोज द्वारा बसाए गए शहर भोपाल का नाम पहले भोजपाल था, फिर अपभ्रंश में इसे भोपाल कहा जाने लगा. मुगल शासकों का यहां लंबे वक्त तक राज रहा, उस में भी दिलचस्प बात यह है कि अधिकांश वक्त शासन बेगमों ने किया.

आजादी के बाद भोपाल का विकास शुरू हुआ, तब एक नए भोपाल ने आकार लिया. नतीजतन, यह भी 2 हिस्सों में बंट गया. पुराना भोपाल और नया भोपाल. राजधानी बनने के बाद तो यहां ताबड़तोड़ निर्माण कार्य हुए मगर 70 के दशक में बने न्यू मार्केट ने मानो भोपाल का कायाकल्प कर दिया.

न्यू मार्केट न केवल व्यापारिक गतिविधियों का एक बड़ा केंद्र है बल्कि पर्यटकों के लिए शौपिंग का एक अलग अनुभव भी है. दर्जनों तंग और छोटी गलियों से हो कर जब आप बाहर निकलते हैं तो एक भोपाली जज्बा भी आप के साथ होता है. नए और पुराने भोपाल को बांटते न्यू मार्केट की खूबी है कि आप किसी भी तरफ चले जाइए, कोई न कोई पर्यटन स्थल आप का स्वागत कर रहा होगा.

साहित्य और कला में रुचि रखने वालों में से शायद ही कोई भारत भवन के नाम से वाकिफ न होगा. झील के किनारे बसे भारत भवन को कला और संस्कृति प्रेमियों का पसंदीदा अड्डा माना जाता है, जहां हर वक्त कोई न कोई आयोजन हो रहा होता है. यहां शासकीय पुरातत्व संग्रहालय और गांधी भवन भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं. भदभदा रोड पर पर्यटन विकास निगम द्वारा विकसित किया गया पिकनिक स्पौट का सैरसपाटा भी लोगों को अपनी तरफ खीचता है, जहां पार्क, बगीचा, हरियाली और रेस्तरां के अलावा बच्चों के मन बहलाने के तमाम साधन मौजूद हैं.

हवाई अड्डे को शहर से जोड़ती वीआईपी रोड रोज शाम को आबाद होती है तो देररात तक यहां चहल पहल रहती है. हाल ही में तालाब में भोज की विशाल प्रतिमा लगाई गई है. वीआईपी रोड के पुल पर खड़े हो कर तालाब के दूसरी तरफ बोट क्लब के नजारे चाह कर भी लोग नहीं भूल पाते, जहां से तालाब के सीने पर चलती मोटरबोट और क्रूज दिखते हैं. चप्पू वाली नावों या पैडल बोट में बैठ कर नौकायान का लुत्फ भी लोग उठाते नजर आते हैं.

निराली है शान 

पुराने भोपाल की भी शान निराली है जहां पर्यटक एशिया की सब से बड़ी मसजिद ताजुल मसाजिद की शान और वास्तु दोनों निहारते हैं. इस के निर्माण में संगमरमर का इफरात से इस्तेमाल हुआ है. पुराने भोपाल में ही गौथिक शैली में निर्मित शौकत महल भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहता है. ऐतिहासिक महत्त्व की एक और इमारत गौहर महल भी देखने काबिल है.

मछलीघर, और श्यामला हिल्स स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय सहित ये सभी पर्यटन स्थल एक दिन में आसानी से घूमे जा सकते हैं. किराए की टैक्सी से भोपाल घूमने में लगभग 1,200 रुपए का खर्च आता है. पर्यटकों को खानपान के मामले में भी भोपाल सस्ता या किफायत वाला शहर महसूस होता है.

पर्यटन स्थलों पर घूमते घूमते बीच में कभी न कभी व्यापारिक क्षेत्र एमपी नगर आता है, जहां ठहरने के लिए सुविधाजनक होटल और घूमने के लिए मौल हैं. भोपाल अगर देश का प्रमुख पर्यटन स्थल बना तो इस की एक वजह इस का एजुकेशन हब बन जाना भी है. 100 से भी ज्यादा इंजीनियरिंग कालेज शायद ही देश के किसी एक शहर में हों.

भोपाल शहर के बाहर होशंगाबाद रोड से होते भोजपुर का शंकर मंदिर भी दर्शनीय है, जहां से 20 किलोमीटर दूर भीमबैठका की गुफाएं हैं. इन गुफाओं के भित्ति और शैलचित्र आदिम युग और मानव इतिहास की जीती जागती मिसाल हैं. पुरातत्वविदों और इतिहास- प्रेमियों को भीमबैठका की गुफाएं जरूर देखना चाहिए.

भोपाल से 35 किलोमीटर दूर विश्वविख्यात बौद्ध तीर्थस्थल सांची है जिस के स्तूप सम्राट अशोक द्वारा बनवाए गए थे. बुद्ध के उपदेश, जातक कथाएं और उन से जुड़ी कुछ धरोहरें सांची में सलामत हैं.

पिछले 5 सालों में भोपाल में फिल्मी कलाकारों का आनाजाना बढ़ा है. अब यहां सालभर किसी न किसी फिल्म या फिर टीवी सीरियल की शूटिंग चलती रहती है. मध्य प्रदेश सरकार भी फिल्म निर्माताओं को खूब प्रोत्साहन दे रही है.

भोपाली बटुआ

खरीदारी के लिए हस्तनिर्मित जो आइटम देशभर में मशहूर हैं उन में भोपाली बटुआ प्रमुख है. भोपाल सालभर कभी भी आया जा सकता है लेकिन मई-जून में यहां अब तेज गरमी पड़ने लगी है. नवंबर से मार्च तक का मौसम काफी सुहाना रहता है.

रात में मौसम चाहे कोई भी हो, वीआईपी रोड के पास पुराने भोपाल के चौक बाजार की रौनक शबाब पर होती है. चौक की गलियों में चाट और खानपान का लुत्फ उठाने के साथ कपड़ों व ज्वैलरी की खरीदारी भी की जा सकती है. 

चटोरी गली

पुराने भोपाल के सुल्तानिया रोड स्थित चटोरी गली में आप को सभी प्रकार के नौनवेज आइटम की तरहतरह की वैरायटियां मिल जाएंगी जिन के जायके देशभर में मशहूर हैं. अगर कुछ चटपटा खाने का मन हो तो चटोरी गली उस के लिए एक बेहतर जगह है.

इन दर्द में सिकाई है एक बेहतर उपाय

आप रोजमर्रा में ऐसे कई काम करती हैं, जिनकी वजह से आपको सूजन, दर्द, मसल्स पेन हो जाते हैं और ये बड़ी आम बात भी है. ऐसे में किसी गर्माहट देने वाली बाम और पैनकिलर खाने के अलावा गर्म पानी या बर्फ से सिकाई भी बेहद अच्छा इलाज माना जाता है.

सिकाई करने की सलाह तो डॉक्टर भी देते हैं, परंतु अगर आप इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि कब आपको बर्फ से सिकाई करनी चाहिए और कब गर्म पानी के इस्तेमाल से तो आइए यहां हम आपको बताते हैं आपके इन सारे सवालों के जवाब.. 

1. जोड़ों में दर्द या सूजन : बर्फ की सिकाई

आपके शरीर के किसी जोड़ में दर्द हो, जैसे घुटने में, पैरों में और साथ में सूजन भी हो तो, इसकी वजह अधिक काम या मसल्स में खींचाव हो  सकता है. ऐसे में आपको बर्फ की सिकाई इस तकलीफ से छुटकारा दिलवाती है. इसके लिए आपको चाहिए कि अपने पैरों को दिल की ऊंचाई तक किसी तकिये की मदद लेकर, ऊंचा करें और अब चोट वाले स्थान पर बर्फ की सिकाई करें.

2. पीरियड में दर्द : गर्म पानी से सिकाई 

हम आपको बताना चाहते हैं कि पीरियड के दर्द में, गर्म पानी के हीटिंग पैड्स का इस्तेमाल आपको बहुत राहत देता है. इस समय के दौरान, गर्म पानी से पेट के मसल्स की सिकाई आपको आराम देगी. इसके अलावा भी आप जब भी चाहें अपनी जरूरत के अनुसार, पेट दर्द में गर्म पानी से सिकाई कर सकती हैं. 

3. कमर दर्द : गर्म पानी से सिकाई

अगर आपको पीठ में दर्द है, तो इसके लिए गर्म पानी ही है एक बढ़िया इलाज. इसके लिए आप हीटिंग पैड में गर्म पानी भरकर फिर कमर की सिकाई करें, लेकिन यह तब अच्छा होतो है जब आपको अक्सर ही पीठ में दर्द होता है तो. लेकिन अगर आपको ये दर्द पहली बार हो रहा है तो बर्फ की सिकाई आपके लिए कारगर होगी.

4. सिरदर्द : बर्फ या गर्म पानी से सिकाई 

ये बात तो आप जानती ही होंगी कि बर्फ शरीर को सुन्न कर सकती है. इसलिए ही यह आपके सिरदर्द को भी दूर कर सकती है. पर यहां एक खास बात है कि गर्म पानी से भी सिर के मसल्स को आराम मिलता है इसलिए गर्म पानी की सिकाई भी कारगार साबित हो सकती है. और आप चाहें तो इसे गर्दन पर भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

5. आर्थराइटिस : गर्म पानी से सिकाई 

शरीर के जोड़ों में जमकर दर्द और कड़कपन में आपको गर्म पानी की सिकाई करनी चाहिए. गर्माहट कड़क मसल्स को नर्म करती है और इन जगहों पर खून का बहाव भी बढ़ा देती है. अपने जोड़ों में आराम के लिए, आपको करीब 20 मिनिट तक गर्म पानी से सिकाई करना चाहिए. सिकाई करने के दौरान आराम की पोजिशन में रहें.

विद्या बालन : पांच साल, सात असफल फिल्में

बंगला फिल्मकार श्रीजित मुखर्जी की बंगला फिल्म ‘‘राजकाहिनी’’ की हिंदी रीमेक फिल्म ‘‘बेगम जान’’ की बॉक्स ऑफिस पर जो दुर्गति हो रही है, उसकी कल्पना फिल्म की मुख्य हीरोईन विद्या बालन, श्रीजित मुखर्जी और महेश भट्ट ने भी नहीं की होगी. यॅूं तो ‘बेगम जान’ देखने के बाद ऐसा होना स्वाभाविक लगा था, क्योंकि महेश भट्ट कैंप ने ‘बेगम जान’ को अपने एजेंडे के तहत बनाया है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि फिल्मकार श्रीजित मुखर्जी महज हिंदी फिल्मों में अपना करियर शुरू करने के लिए महेश भट्ट की हां में हां मिलाने को तैयार कैसे हो गए?

श्रीजित मुखर्जी ने अपनी फिल्म ‘राजकाहिनी’ हर रिफ्यूजी को समर्पित की थी. फिल्म की शुरूआत रिफ्यूजी कैंप में लोगों की त्रासदी के चित्रण के साथ ही होती है, जिसका दायरा वैश्विक था, मगर हिंदी फिल्म ‘‘बेगम जान’’ में उन्होने इसे बदल दिया. ‘बेगम जान’ की शुरूआत लड़की से बलात्कार की कोशिश के साथ होती है, जिसके चलते ‘बेगम जान’ का सुर ही बदल गया. बाद में श्रीजित मुखर्जी ने ‘राजकाहिनी’ के ही ढर्रे पर फिल्म को बढ़ाया. मगर फिल्म के निर्माता महेश भट्ट के इशारे पर स्त्री पुरूष और हिंदू मुस्लिम का दर्शन शास्त्र परोसते हुए हिंदुओं को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया, जिसके चलते फिल्म दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पा रही है. फिल्म समीक्षक पहले ही फिल्म की सफलता की कम उम्मीद जता चुके हैं.

फिल्म ‘बेगम जान’ ने असफलता में नए रिकार्ड बना दिए हैं

विद्या बालन अभिनीत यह पहली फिल्म होगी, जिसने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर इतनी कम कमाई की है. फिल्म ‘‘बेगम जान’’ ने शुक्रवार को बाबा साहेब अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में छुट्टी होने के बावजूद महज तीन करोड़ 94 करोड़ ही कमाए. मजेदार बात यह है कि विद्या बालन ने इस फिल्म को नारी प्रधान बताने के लिए फिल्म का नाम ‘राजकाहिनी’ से ‘बेगम जान’ कराया. हकीकत में देखा जाए तो यह कदम गलत रहा, क्योंकि फिल्म के कथानक के साथ ‘राजकाहिनी’ या ‘राजकहानी’ ज्यादा उपयुक्त होता. मगर विद्या बालन तो खुद को महान साबित करना चाहती हैं. इसी के चलते फिल्म में ईला अरूण के मुंह से झांसी की रानी लक्ष्मी बाई और रजिया सुल्तान की वीरता की कहानी भी सुनवायी गयी. यह कहानियां ‘राजकाहिनी’ में नहीं है, यानि कि विद्या बालन ने अपरोक्ष रूप से यह जाहिर करने का प्रयास किया कि वे रजिया सुल्तान व झांसी की रानी की भांति काम कर रही हैं.

नारी प्रधान फिल्मों में भी ‘बेगम जान’ साबित हुई फिसड्डी

अफसोस की बात तो ये रही कि पिछले एक माह के अंतराल में प्रदर्शित नारी प्रधान फिल्मों में पहले दिन सबसे कम कमाई ‘बेगम जान’ की ही रही. प्राप्त आंकड़ो के अनुसार बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ‘बेगम जान’ ने तीन करोड़ 94 लाख रूपए, कंगना रानौट की फिल्म ‘रंगून’ ने 6 करोड़ सात लाख रूपए, अनुष्का शर्मा की ‘‘फिल्लौरी’’ ने चार करोड़ दो लाख रूपए और तापसी पन्नू की फिल्म ‘‘नाम शबाना’’ ने पांच करोड़ 12 लाख रूपए कमाए. मजेदार बात यह है कि विद्या बालन की पिछली असफल रही फिल्म ‘‘कहानी 2’’ ने पहले दिन तीन करोड़ 97 लाख रूपए बटोरे थे.

हर दिन गिरावट

शुक्रवार के बाद लोगों को उम्मीद थी कि शनिवार व रविवार को भी छुट्टी है, इसलिए इन दिनों में ‘बेगम जान’ की कमाई में बढ़ोत्तरी होगी, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ. शनिवार को ‘बेगम जान’ ने शुक्रवार से भी कम, सिर्फ 3 करोड़ पचास लाख ही कमाए. रविवार को तीन करोड़ 85 लाख रूपए ही कमाए. यानि कि पूरे वीकेंड में ‘बेगम जान’ की कमाई महज 11 करोड़ 29 लाख रूपए ही रही, पर यही नजर आ रहा है कि ‘बेगम जान’ की कमाई हर दिन गिरती जा रही है, यानि कि दर्शकों का प्यार नहीं मिल रहा है. हमें यह भी याद रखना हेाग कि फिल्म ‘बेगम जान’ को झारखण्ड सरकार ने टैक्स फ्री कर दिया है.

विद्या बालन व श्रीजित मुखर्जी के मगरमच्छी आंसू

‘बेगम जान’ के प्रदर्शन से पहले फिल्म के निर्देशक श्रीजित मुखर्जी ने दावा किया था कि बुधवार, 12 अप्रैल को प्रदर्शित हो रही हौलीवुड फिल्म ‘‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’’ से उन्हें कोई समस्या नहीं है. मगर अब वे कह रहे हैं कि ‘फास्ट एंड फ्यूरिस 8’ ने उनकी फिल्म को नुकसान पहुंचाया. और ऐसा ही विद्या बालन मानती हैं. ज्ञातब्य है कि ‘‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’’ ने शुक्रवार को 16 करोड़, शनिवार को 13 करोड़ और रविवार को 15 करोड़ रुपये कमाए.

मगर बौलीवुड में इसे श्रीजित मुखर्जी व विद्या बालन के मगरमच्छी आंसू कहा जा रहा है. वास्तव में ‘‘बेगम जान’’ की पृष्ठभूमि में पंजाब है और ‘बेगम जान’ के साथ ही प्रदर्शित पंजाबी सुपर स्टार गिप्पी ग्रेवाल की पंजाबी फिल्म ‘मंझे बिस्तर’ प्रदर्शित हुई, पर इस फिल्म को ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’ से नुकसान नही हुआ. इतना ही नहीं, इस हौलीवुड फिल्म से मलयालम फिल्म ‘‘सखाउ’’ को भी नुकसान नहीं हुआ. सिर्फ हिंदी फिल्म ‘बेगम जान’ को ही नुकसान हुआ. इसे कहते हैं ‘‘नाच न आवे आंगन टेढ़ा’’.

पंजाबी फिल्म का भी ‘बेगम जान’ मुकाबला नहीं कर पायी

‘‘बेगम जान’’ पूरे देश के 1100 स्क्रीन्स या सिनेमाघरों  में प्रदर्शित हुई है, जबकि ‘‘मंझे बिस्तर’’ तो दिल्ली और पंजाब के 150 सिनेमाघरों में ही प्रदर्शित हुई है. फिर भी ‘‘मंझे बिस्तर’’ ने शुक्रवार को 2 करोड़ 25 लाख रूपये, शनिवार को 2 करोड़ 18 लाख रूपए और रविवार को 2 करोड़ 40 लाख रूपए कमा लिए.

यदि सिर्फ पंजाब की बात की जाए तो शुक्रवार को ‘बेगम जान’ ने 35 लाख, ‘मंझे बिस्तर’ ने दो करोड़ तथा ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’ ने 85 लाख, शनिवार के दिन ‘बेगम जान’ ने 33 लाख, ‘मंझे बिस्तर’ ने एक करोड़ 90 लाख तथा ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’ ने 90 लाख और रवीवार के दिन ‘बेगम जान’ ने 38 लाख, ‘मंझे बिस्तर’ ने दो करोड़ तथा ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’ ने एक करोड़ कमाए. ये आंकड़े भी साबित करते हैं कि दर्शकों ने किस तरह विद्या बालन की फिल्म ‘बेगम जान’ को नकारा है.

गम भुलाने का रास्ता

‘बेगम जान’ की असफलता को ढंकने के लिए अब निर्माण कंपनी आंकड़े पेश कर रही है. सूत्रों के अनुसार फिल्म ‘बेगम जान’ की निर्माण लागत महज 15 करोड़ रूपए है. प्रचार लागत मिलाकर 20 करोड़ हो जाएंगे, जिसमें से नौ करोड़ रूपए तो उन्होने टीवी व सेटेलाइट राइट्स बेचकर कमा लिए हैं. श्रीजित मुखर्जी के अनुसार झारखंड सरकार ने उनकी फिल्म ‘बेगम जान’ को दो करोड़ रूपए की सब्सिडी दी है. बाकि धीरे धीरे बॉक्स ऑफिस दे ही देगा.

विद्या बालन का करिश्मा खत्म, शादी के बाद करियर हुआ डांवाडोल

बौलीवुड में मिथ रहा है कि शादी के बाद हीरोईन का करियर खत्म हो जाता है. इस मिथ को तोड़ने में विद्या बालन असफल ही नजर आ रही हैं. सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ विवाह रचाने के बाद से विद्या बालन की एक भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे नहीं गाड़ सकी है. पिछले पांच वर्ष के अंतराल में ‘‘घन चक्कर’’, ‘‘शादी के साइड इफेक्ट्स’’, ‘‘बॉबी जासूस’’, ‘‘हमारी अधूरी कहानी’’, ‘‘तीन’’ और ‘‘कहानी 2’’ के बाद अब ‘बेगम जान’’ विद्या बालन की लगातार सातवीं फिल्म है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर मुंह की खायी है.

शादी के बाद, विद्या बालन की फिल्मों के पहले दिन के बॉक्स ऑफिस आंकड़े

घनचक्कर : 7 करोड़ 20 लाख

शादी के साइड इफेक्ट्स : 5 करोड़ 70 लाख

बॉबी जासूस : 1 करोड़ 85 लाख

हमारी अधूरी कहानी : 5 करेाड़ 10 लाख

कहानी 2 : 4 करोड़ 25 लाख

बेगम जान : तीन करोड़ 94 लाख

हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे

‘‘बेगम जान’’ की असफलता के बाद बौलीवुड में कई तरह की चर्चाएं गर्म हैं. इनमें से एक चर्चा यह है कि विद्या बालन के करियर को डुबाने में महेश भट्ट कैंप और उनकी प्रोडक्शन कंपनी ‘‘विशेष फिल्मस’’ का भी हाथ है. जब शादी के बाद विद्या बालन की तबियत खराब थी और वह फिल्में नहीं कर रहीं थीं, तब महेश भट्ट ने विद्या बालन को ‘‘विषेष फिल्मस’’ की फिल्म ‘‘हमारी अधूरी कहानी’’ में ये कह कर काम करने के लिए राजी किया था कि यदि विद्या बालन उनकी इस फिल्म में अभिनय नहीं करेंगी, तो वे फिल्म नहीं बनाएंगे, पर इस फिल्म ने ‘विशेष फिल्मस’ के साथ ही विद्या बालन के करियर में असफलता की एक कील गाड़ी और महेश भट्ट की कंपनी ‘विषेष फिल्मस’ की फिल्म ‘बेगम जान’ की वजह से विद्या बालन के करियर में कील ठंकी है. बौलीवुड में चर्चाएं हैं कि ‘हमारी अधूरी कहानी’ से सबक लेकर विद्या बालन को भट्ट कैंप की फिल्मों से दूरी बनाए रखनी चाहिए थी, पर ऐसा न कर उन्होंने जो गलती की है, उसका खामियाजा भी उन्हें ही भुगतना पड़ा रहा है. लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या विद्या बालन को अहसास नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों से ‘विशेष फिल्मस’ की लगभग हर फिल्म असफल हो रही है. वहीं एक सूत्र की माने तो फिल्म ‘‘बेगम जान’’, ‘‘विशेष फिल्मस’’ की आठवीं असफल रही फिल्म है.

यामी ने दिखाया रितिक को ठेंगा

फिल्म ‘‘काबिल’’ में यामी गौतम के साथ अभिनय कर रहे रितिक रोशन काफी खुश थे. इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान रितिक रोशन ने यामी गौतम की जमकर तारीफें भी की थी. रितिक रोशन ने जिस तरह से यामी गौतम की तारीफों के पुल बांधें थे, उससे तो यही अनुमान लगाया जा रहा था कि रितिक रोशन व यामी गौतम के बीच एक खास रिश्ता बन चुका है, मगर महज दो माह के अंदर ही यामी गौतम ने रितिक रोशन को ठेंगा दिखा दिया.

सूत्रों के अनुसार हाल ही में रितिक रोशन और उनके पिता राकेश रोशन ने अपनी फिल्म ‘‘काबिल’’ के सौ प्रशंसकों से मिलने के लिए मुंबई के पांच सितारा होटल ‘सन एंड सैंड’ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जहां पर रितिक रोशन व राकेश रोशन के साथ ही यामी गौतम ने भी मौजूद रहने का वादा किया था. इन सभी को शाम पांच बजे तक होटल पहुंचना था.

सूत्र बताते है कि रितिक रोशन व राकेश रोशन तो साढ़े पांच बजे ही पहुंच गए थे और फिल्म ‘काबिल’ के फैन्स भी समय पर पहुंच गए थे. मगर वहां यामी गौतम नदारद थी. यहां तक कि रितिक रोशन खुद बार बार यामी गौतम को फोन करते रहे, मगर यामी गौतम ने उनके फोन का जवाब देना भी उचित नहीं समझा.

सूत्र बताते हैं कि एक स्टार की तरह यामी गौतम सात बजे होटल पहुंची, मगर वे ‘काबिल’ के फैन्स या रितिक रोशन या राकेश रोशन किसी से नहीं मिलीं. यामी ने वहां मौजूद प्रेस फोटोग्राफरों से हलो हाय किया, अपनी तस्वीरे खिंचायीं, होटल का चक्कर लगाया और चुपचाप वहां से निकल गयीं. बेचारे रितिक रोशन व राकेश रोशन देखते ही रह गए.

टैक्स बचाने के लिए शुरू करें ये प्लानिंग

नए फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के लिए टैक्‍स प्‍लानिंग का समय आ गया है. कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से नए फाइनेंशियल ईयर के लिए इन्‍वेस्‍टमेंट डिक्‍लेयरेशन मांगना भी शुरू कर दिया है. ऐसे समय में ऐसी 5 इनकम के बारे में बता रहे हैं जिन पर इनकम टैक्‍स नहीं लगता है. आपको टैक्‍स बचाने के लिए अभी से प्‍लानिंग शुरू कर देनी चाहिए इससे आपको टैक्‍स बचाने में मदद मिलेगी.

इक्विटी इन्‍वेस्‍टमेंट पर लॉग टर्म कैपिटल गेन

इक्विटी में इन्‍वेस्‍टमेंट के जरिए अधिक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. इक्विटीज या इक्विटी म्‍यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाले लॉग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्‍स नहीं लगता है. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि सिक्योरिटी ट्रांजैक्‍शन टैक्‍स का भुगतान किया गया हो.

इक्विटी में कैसे करें निवेश

आप स्‍टॉक मार्केट, आईपीओ, म्‍यूचुअल फंड और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम ईएलएसएस के जरिए इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. इक्विटी शेयर और इक्विटी म्‍यूचुअल फंड अगर आप एक साल के बाद बेचते हैं तो इसे लॉग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है. इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीमों में तीन साल का लॉक इन पीरिएड है. तीन साल के बाद इन स्‍कीमों से होने वाली इनकम को लॉग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है.

प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) पर रिटर्न

वर्तमान समय में दो तरह के प्रॉविडेंट फंड है. इम्‍प्‍लाई प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ). यह सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए है और दूसरा पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, जो कि सबके लिए खुला है. ईपीएफ पर मिलने वाला रिटर्न टैक्‍स फ्री है. इसके अलावा पीपीएफ अकाउंट की 15 साल में मैच्‍योरिटी पर मिलने वाला रिटर्न टैक्‍स फ्री है.

सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला इंटरेस्‍ट

आयकर अधिनियम की धारा 80 टीटीए के तहत सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला इंटरेस्‍ट टैक्‍स फ्री है. हालांकि आप सेविंग अकाउंट पर अधि‍कतम 10,000 रुपए तक के इंटरेस्‍ट पर ही टैक्‍स छूट ले सकते हैं. अगर आप के पास कई सेविंग अकाउंट हैं तब भी आप कुल 10,000 रुपए इंटरेस्‍ट पर ही टैक्‍स छूट ले पाएंगे.

लाइफ इन्‍श्‍योरेंस पॉलिसी पर मिलने वाले बेनिफिट

लाइफ इन्‍श्‍योरेंस पॉलिसी न सिर्फ किसी तरह की अनहोनी होने पर वित्‍तीय सुरक्षा मुहैया कराती हैं बल्कि यह पॉलिसी होल्‍डर्स को कई जरह के बेनिफिट भी देती हैं जिन पर टैक्‍स नहीं लगता है. लाइफ इंश्‍योरेंस प्‍लान में जब प्‍लान की अवधि खत्‍म होती है तो पॉलिसी होल्‍डर को मैच्‍योरिटी बेनिफिट मिलता है. इसके अलावा पॉलिसी होल्‍डर्स की मौत होने पर डेथ बेनिफिट मिलता है.

मनी बैक प्‍लान में प्‍लान की अवधि के दौरान मनी बैक बेनिफिट दिया जाता है. आयकर अधिनियम 10 (10 डी) के तहत ये सभी बेनिफिट टैक्‍स फ्री हैं.

अनलिमिटेड कहानियां-आर्टिकल पढ़ने के लिएसब्सक्राइब करें