इन दर्द में सिकाई है एक बेहतर उपाय

आप रोजमर्रा में ऐसे कई काम करती हैं, जिनकी वजह से आपको सूजन, दर्द, मसल्स पेन हो जाते हैं और ये बड़ी आम बात भी है. ऐसे में किसी गर्माहट देने वाली बाम और पैनकिलर खाने के अलावा गर्म पानी या बर्फ से सिकाई भी बेहद अच्छा इलाज माना जाता है.

सिकाई करने की सलाह तो डॉक्टर भी देते हैं, परंतु अगर आप इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि कब आपको बर्फ से सिकाई करनी चाहिए और कब गर्म पानी के इस्तेमाल से तो आइए यहां हम आपको बताते हैं आपके इन सारे सवालों के जवाब.. 

1. जोड़ों में दर्द या सूजन : बर्फ की सिकाई

आपके शरीर के किसी जोड़ में दर्द हो, जैसे घुटने में, पैरों में और साथ में सूजन भी हो तो, इसकी वजह अधिक काम या मसल्स में खींचाव हो  सकता है. ऐसे में आपको बर्फ की सिकाई इस तकलीफ से छुटकारा दिलवाती है. इसके लिए आपको चाहिए कि अपने पैरों को दिल की ऊंचाई तक किसी तकिये की मदद लेकर, ऊंचा करें और अब चोट वाले स्थान पर बर्फ की सिकाई करें.

2. पीरियड में दर्द : गर्म पानी से सिकाई 

हम आपको बताना चाहते हैं कि पीरियड के दर्द में, गर्म पानी के हीटिंग पैड्स का इस्तेमाल आपको बहुत राहत देता है. इस समय के दौरान, गर्म पानी से पेट के मसल्स की सिकाई आपको आराम देगी. इसके अलावा भी आप जब भी चाहें अपनी जरूरत के अनुसार, पेट दर्द में गर्म पानी से सिकाई कर सकती हैं. 

3. कमर दर्द : गर्म पानी से सिकाई

अगर आपको पीठ में दर्द है, तो इसके लिए गर्म पानी ही है एक बढ़िया इलाज. इसके लिए आप हीटिंग पैड में गर्म पानी भरकर फिर कमर की सिकाई करें, लेकिन यह तब अच्छा होतो है जब आपको अक्सर ही पीठ में दर्द होता है तो. लेकिन अगर आपको ये दर्द पहली बार हो रहा है तो बर्फ की सिकाई आपके लिए कारगर होगी.

4. सिरदर्द : बर्फ या गर्म पानी से सिकाई 

ये बात तो आप जानती ही होंगी कि बर्फ शरीर को सुन्न कर सकती है. इसलिए ही यह आपके सिरदर्द को भी दूर कर सकती है. पर यहां एक खास बात है कि गर्म पानी से भी सिर के मसल्स को आराम मिलता है इसलिए गर्म पानी की सिकाई भी कारगार साबित हो सकती है. और आप चाहें तो इसे गर्दन पर भी इस्तेमाल कर सकती हैं.

5. आर्थराइटिस : गर्म पानी से सिकाई 

शरीर के जोड़ों में जमकर दर्द और कड़कपन में आपको गर्म पानी की सिकाई करनी चाहिए. गर्माहट कड़क मसल्स को नर्म करती है और इन जगहों पर खून का बहाव भी बढ़ा देती है. अपने जोड़ों में आराम के लिए, आपको करीब 20 मिनिट तक गर्म पानी से सिकाई करना चाहिए. सिकाई करने के दौरान आराम की पोजिशन में रहें.

विद्या बालन : पांच साल, सात असफल फिल्में

बंगला फिल्मकार श्रीजित मुखर्जी की बंगला फिल्म ‘‘राजकाहिनी’’ की हिंदी रीमेक फिल्म ‘‘बेगम जान’’ की बॉक्स ऑफिस पर जो दुर्गति हो रही है, उसकी कल्पना फिल्म की मुख्य हीरोईन विद्या बालन, श्रीजित मुखर्जी और महेश भट्ट ने भी नहीं की होगी. यॅूं तो ‘बेगम जान’ देखने के बाद ऐसा होना स्वाभाविक लगा था, क्योंकि महेश भट्ट कैंप ने ‘बेगम जान’ को अपने एजेंडे के तहत बनाया है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि फिल्मकार श्रीजित मुखर्जी महज हिंदी फिल्मों में अपना करियर शुरू करने के लिए महेश भट्ट की हां में हां मिलाने को तैयार कैसे हो गए?

श्रीजित मुखर्जी ने अपनी फिल्म ‘राजकाहिनी’ हर रिफ्यूजी को समर्पित की थी. फिल्म की शुरूआत रिफ्यूजी कैंप में लोगों की त्रासदी के चित्रण के साथ ही होती है, जिसका दायरा वैश्विक था, मगर हिंदी फिल्म ‘‘बेगम जान’’ में उन्होने इसे बदल दिया. ‘बेगम जान’ की शुरूआत लड़की से बलात्कार की कोशिश के साथ होती है, जिसके चलते ‘बेगम जान’ का सुर ही बदल गया. बाद में श्रीजित मुखर्जी ने ‘राजकाहिनी’ के ही ढर्रे पर फिल्म को बढ़ाया. मगर फिल्म के निर्माता महेश भट्ट के इशारे पर स्त्री पुरूष और हिंदू मुस्लिम का दर्शन शास्त्र परोसते हुए हिंदुओं को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया, जिसके चलते फिल्म दर्शकों को आकर्षित नहीं कर पा रही है. फिल्म समीक्षक पहले ही फिल्म की सफलता की कम उम्मीद जता चुके हैं.

फिल्म ‘बेगम जान’ ने असफलता में नए रिकार्ड बना दिए हैं

विद्या बालन अभिनीत यह पहली फिल्म होगी, जिसने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर इतनी कम कमाई की है. फिल्म ‘‘बेगम जान’’ ने शुक्रवार को बाबा साहेब अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में छुट्टी होने के बावजूद महज तीन करोड़ 94 करोड़ ही कमाए. मजेदार बात यह है कि विद्या बालन ने इस फिल्म को नारी प्रधान बताने के लिए फिल्म का नाम ‘राजकाहिनी’ से ‘बेगम जान’ कराया. हकीकत में देखा जाए तो यह कदम गलत रहा, क्योंकि फिल्म के कथानक के साथ ‘राजकाहिनी’ या ‘राजकहानी’ ज्यादा उपयुक्त होता. मगर विद्या बालन तो खुद को महान साबित करना चाहती हैं. इसी के चलते फिल्म में ईला अरूण के मुंह से झांसी की रानी लक्ष्मी बाई और रजिया सुल्तान की वीरता की कहानी भी सुनवायी गयी. यह कहानियां ‘राजकाहिनी’ में नहीं है, यानि कि विद्या बालन ने अपरोक्ष रूप से यह जाहिर करने का प्रयास किया कि वे रजिया सुल्तान व झांसी की रानी की भांति काम कर रही हैं.

नारी प्रधान फिल्मों में भी ‘बेगम जान’ साबित हुई फिसड्डी

अफसोस की बात तो ये रही कि पिछले एक माह के अंतराल में प्रदर्शित नारी प्रधान फिल्मों में पहले दिन सबसे कम कमाई ‘बेगम जान’ की ही रही. प्राप्त आंकड़ो के अनुसार बॉक्स ऑफिस पर पहले दिन ‘बेगम जान’ ने तीन करोड़ 94 लाख रूपए, कंगना रानौट की फिल्म ‘रंगून’ ने 6 करोड़ सात लाख रूपए, अनुष्का शर्मा की ‘‘फिल्लौरी’’ ने चार करोड़ दो लाख रूपए और तापसी पन्नू की फिल्म ‘‘नाम शबाना’’ ने पांच करोड़ 12 लाख रूपए कमाए. मजेदार बात यह है कि विद्या बालन की पिछली असफल रही फिल्म ‘‘कहानी 2’’ ने पहले दिन तीन करोड़ 97 लाख रूपए बटोरे थे.

हर दिन गिरावट

शुक्रवार के बाद लोगों को उम्मीद थी कि शनिवार व रविवार को भी छुट्टी है, इसलिए इन दिनों में ‘बेगम जान’ की कमाई में बढ़ोत्तरी होगी, मगर ऐसा कुछ नहीं हुआ. शनिवार को ‘बेगम जान’ ने शुक्रवार से भी कम, सिर्फ 3 करोड़ पचास लाख ही कमाए. रविवार को तीन करोड़ 85 लाख रूपए ही कमाए. यानि कि पूरे वीकेंड में ‘बेगम जान’ की कमाई महज 11 करोड़ 29 लाख रूपए ही रही, पर यही नजर आ रहा है कि ‘बेगम जान’ की कमाई हर दिन गिरती जा रही है, यानि कि दर्शकों का प्यार नहीं मिल रहा है. हमें यह भी याद रखना हेाग कि फिल्म ‘बेगम जान’ को झारखण्ड सरकार ने टैक्स फ्री कर दिया है.

विद्या बालन व श्रीजित मुखर्जी के मगरमच्छी आंसू

‘बेगम जान’ के प्रदर्शन से पहले फिल्म के निर्देशक श्रीजित मुखर्जी ने दावा किया था कि बुधवार, 12 अप्रैल को प्रदर्शित हो रही हौलीवुड फिल्म ‘‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’’ से उन्हें कोई समस्या नहीं है. मगर अब वे कह रहे हैं कि ‘फास्ट एंड फ्यूरिस 8’ ने उनकी फिल्म को नुकसान पहुंचाया. और ऐसा ही विद्या बालन मानती हैं. ज्ञातब्य है कि ‘‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’’ ने शुक्रवार को 16 करोड़, शनिवार को 13 करोड़ और रविवार को 15 करोड़ रुपये कमाए.

मगर बौलीवुड में इसे श्रीजित मुखर्जी व विद्या बालन के मगरमच्छी आंसू कहा जा रहा है. वास्तव में ‘‘बेगम जान’’ की पृष्ठभूमि में पंजाब है और ‘बेगम जान’ के साथ ही प्रदर्शित पंजाबी सुपर स्टार गिप्पी ग्रेवाल की पंजाबी फिल्म ‘मंझे बिस्तर’ प्रदर्शित हुई, पर इस फिल्म को ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’ से नुकसान नही हुआ. इतना ही नहीं, इस हौलीवुड फिल्म से मलयालम फिल्म ‘‘सखाउ’’ को भी नुकसान नहीं हुआ. सिर्फ हिंदी फिल्म ‘बेगम जान’ को ही नुकसान हुआ. इसे कहते हैं ‘‘नाच न आवे आंगन टेढ़ा’’.

पंजाबी फिल्म का भी ‘बेगम जान’ मुकाबला नहीं कर पायी

‘‘बेगम जान’’ पूरे देश के 1100 स्क्रीन्स या सिनेमाघरों  में प्रदर्शित हुई है, जबकि ‘‘मंझे बिस्तर’’ तो दिल्ली और पंजाब के 150 सिनेमाघरों में ही प्रदर्शित हुई है. फिर भी ‘‘मंझे बिस्तर’’ ने शुक्रवार को 2 करोड़ 25 लाख रूपये, शनिवार को 2 करोड़ 18 लाख रूपए और रविवार को 2 करोड़ 40 लाख रूपए कमा लिए.

यदि सिर्फ पंजाब की बात की जाए तो शुक्रवार को ‘बेगम जान’ ने 35 लाख, ‘मंझे बिस्तर’ ने दो करोड़ तथा ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’ ने 85 लाख, शनिवार के दिन ‘बेगम जान’ ने 33 लाख, ‘मंझे बिस्तर’ ने एक करोड़ 90 लाख तथा ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’ ने 90 लाख और रवीवार के दिन ‘बेगम जान’ ने 38 लाख, ‘मंझे बिस्तर’ ने दो करोड़ तथा ‘फास्ट एंड फ्यूरियस 8’ ने एक करोड़ कमाए. ये आंकड़े भी साबित करते हैं कि दर्शकों ने किस तरह विद्या बालन की फिल्म ‘बेगम जान’ को नकारा है.

गम भुलाने का रास्ता

‘बेगम जान’ की असफलता को ढंकने के लिए अब निर्माण कंपनी आंकड़े पेश कर रही है. सूत्रों के अनुसार फिल्म ‘बेगम जान’ की निर्माण लागत महज 15 करोड़ रूपए है. प्रचार लागत मिलाकर 20 करोड़ हो जाएंगे, जिसमें से नौ करोड़ रूपए तो उन्होने टीवी व सेटेलाइट राइट्स बेचकर कमा लिए हैं. श्रीजित मुखर्जी के अनुसार झारखंड सरकार ने उनकी फिल्म ‘बेगम जान’ को दो करोड़ रूपए की सब्सिडी दी है. बाकि धीरे धीरे बॉक्स ऑफिस दे ही देगा.

विद्या बालन का करिश्मा खत्म, शादी के बाद करियर हुआ डांवाडोल

बौलीवुड में मिथ रहा है कि शादी के बाद हीरोईन का करियर खत्म हो जाता है. इस मिथ को तोड़ने में विद्या बालन असफल ही नजर आ रही हैं. सिद्धार्थ रॉय कपूर के साथ विवाह रचाने के बाद से विद्या बालन की एक भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफलता के झंडे नहीं गाड़ सकी है. पिछले पांच वर्ष के अंतराल में ‘‘घन चक्कर’’, ‘‘शादी के साइड इफेक्ट्स’’, ‘‘बॉबी जासूस’’, ‘‘हमारी अधूरी कहानी’’, ‘‘तीन’’ और ‘‘कहानी 2’’ के बाद अब ‘बेगम जान’’ विद्या बालन की लगातार सातवीं फिल्म है, जिसने बॉक्स ऑफिस पर मुंह की खायी है.

शादी के बाद, विद्या बालन की फिल्मों के पहले दिन के बॉक्स ऑफिस आंकड़े

घनचक्कर : 7 करोड़ 20 लाख

शादी के साइड इफेक्ट्स : 5 करोड़ 70 लाख

बॉबी जासूस : 1 करोड़ 85 लाख

हमारी अधूरी कहानी : 5 करेाड़ 10 लाख

कहानी 2 : 4 करोड़ 25 लाख

बेगम जान : तीन करोड़ 94 लाख

हम तो डूबेंगे सनम तुम्हें भी ले डूबेंगे

‘‘बेगम जान’’ की असफलता के बाद बौलीवुड में कई तरह की चर्चाएं गर्म हैं. इनमें से एक चर्चा यह है कि विद्या बालन के करियर को डुबाने में महेश भट्ट कैंप और उनकी प्रोडक्शन कंपनी ‘‘विशेष फिल्मस’’ का भी हाथ है. जब शादी के बाद विद्या बालन की तबियत खराब थी और वह फिल्में नहीं कर रहीं थीं, तब महेश भट्ट ने विद्या बालन को ‘‘विषेष फिल्मस’’ की फिल्म ‘‘हमारी अधूरी कहानी’’ में ये कह कर काम करने के लिए राजी किया था कि यदि विद्या बालन उनकी इस फिल्म में अभिनय नहीं करेंगी, तो वे फिल्म नहीं बनाएंगे, पर इस फिल्म ने ‘विशेष फिल्मस’ के साथ ही विद्या बालन के करियर में असफलता की एक कील गाड़ी और महेश भट्ट की कंपनी ‘विषेष फिल्मस’ की फिल्म ‘बेगम जान’ की वजह से विद्या बालन के करियर में कील ठंकी है. बौलीवुड में चर्चाएं हैं कि ‘हमारी अधूरी कहानी’ से सबक लेकर विद्या बालन को भट्ट कैंप की फिल्मों से दूरी बनाए रखनी चाहिए थी, पर ऐसा न कर उन्होंने जो गलती की है, उसका खामियाजा भी उन्हें ही भुगतना पड़ा रहा है. लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या विद्या बालन को अहसास नहीं है कि पिछले कुछ वर्षों से ‘विशेष फिल्मस’ की लगभग हर फिल्म असफल हो रही है. वहीं एक सूत्र की माने तो फिल्म ‘‘बेगम जान’’, ‘‘विशेष फिल्मस’’ की आठवीं असफल रही फिल्म है.

यामी ने दिखाया रितिक को ठेंगा

फिल्म ‘‘काबिल’’ में यामी गौतम के साथ अभिनय कर रहे रितिक रोशन काफी खुश थे. इस फिल्म के प्रमोशन के दौरान रितिक रोशन ने यामी गौतम की जमकर तारीफें भी की थी. रितिक रोशन ने जिस तरह से यामी गौतम की तारीफों के पुल बांधें थे, उससे तो यही अनुमान लगाया जा रहा था कि रितिक रोशन व यामी गौतम के बीच एक खास रिश्ता बन चुका है, मगर महज दो माह के अंदर ही यामी गौतम ने रितिक रोशन को ठेंगा दिखा दिया.

सूत्रों के अनुसार हाल ही में रितिक रोशन और उनके पिता राकेश रोशन ने अपनी फिल्म ‘‘काबिल’’ के सौ प्रशंसकों से मिलने के लिए मुंबई के पांच सितारा होटल ‘सन एंड सैंड’ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया, जहां पर रितिक रोशन व राकेश रोशन के साथ ही यामी गौतम ने भी मौजूद रहने का वादा किया था. इन सभी को शाम पांच बजे तक होटल पहुंचना था.

सूत्र बताते है कि रितिक रोशन व राकेश रोशन तो साढ़े पांच बजे ही पहुंच गए थे और फिल्म ‘काबिल’ के फैन्स भी समय पर पहुंच गए थे. मगर वहां यामी गौतम नदारद थी. यहां तक कि रितिक रोशन खुद बार बार यामी गौतम को फोन करते रहे, मगर यामी गौतम ने उनके फोन का जवाब देना भी उचित नहीं समझा.

सूत्र बताते हैं कि एक स्टार की तरह यामी गौतम सात बजे होटल पहुंची, मगर वे ‘काबिल’ के फैन्स या रितिक रोशन या राकेश रोशन किसी से नहीं मिलीं. यामी ने वहां मौजूद प्रेस फोटोग्राफरों से हलो हाय किया, अपनी तस्वीरे खिंचायीं, होटल का चक्कर लगाया और चुपचाप वहां से निकल गयीं. बेचारे रितिक रोशन व राकेश रोशन देखते ही रह गए.

टैक्स बचाने के लिए शुरू करें ये प्लानिंग

नए फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के लिए टैक्‍स प्‍लानिंग का समय आ गया है. कंपनियों ने अपने कर्मचारियों से नए फाइनेंशियल ईयर के लिए इन्‍वेस्‍टमेंट डिक्‍लेयरेशन मांगना भी शुरू कर दिया है. ऐसे समय में ऐसी 5 इनकम के बारे में बता रहे हैं जिन पर इनकम टैक्‍स नहीं लगता है. आपको टैक्‍स बचाने के लिए अभी से प्‍लानिंग शुरू कर देनी चाहिए इससे आपको टैक्‍स बचाने में मदद मिलेगी.

इक्विटी इन्‍वेस्‍टमेंट पर लॉग टर्म कैपिटल गेन

इक्विटी में इन्‍वेस्‍टमेंट के जरिए अधिक रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. इक्विटीज या इक्विटी म्‍यूचुअल फंड की बिक्री से होने वाले लॉग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्‍स नहीं लगता है. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि सिक्योरिटी ट्रांजैक्‍शन टैक्‍स का भुगतान किया गया हो.

इक्विटी में कैसे करें निवेश

आप स्‍टॉक मार्केट, आईपीओ, म्‍यूचुअल फंड और इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम ईएलएसएस के जरिए इक्विटी में निवेश कर सकते हैं. इक्विटी शेयर और इक्विटी म्‍यूचुअल फंड अगर आप एक साल के बाद बेचते हैं तो इसे लॉग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है. इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीमों में तीन साल का लॉक इन पीरिएड है. तीन साल के बाद इन स्‍कीमों से होने वाली इनकम को लॉग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है.

प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) पर रिटर्न

वर्तमान समय में दो तरह के प्रॉविडेंट फंड है. इम्‍प्‍लाई प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ). यह सैलरी पाने वाले कर्मचारियों के लिए है और दूसरा पब्लिक प्रॉविडेंट फंड, जो कि सबके लिए खुला है. ईपीएफ पर मिलने वाला रिटर्न टैक्‍स फ्री है. इसके अलावा पीपीएफ अकाउंट की 15 साल में मैच्‍योरिटी पर मिलने वाला रिटर्न टैक्‍स फ्री है.

सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला इंटरेस्‍ट

आयकर अधिनियम की धारा 80 टीटीए के तहत सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला इंटरेस्‍ट टैक्‍स फ्री है. हालांकि आप सेविंग अकाउंट पर अधि‍कतम 10,000 रुपए तक के इंटरेस्‍ट पर ही टैक्‍स छूट ले सकते हैं. अगर आप के पास कई सेविंग अकाउंट हैं तब भी आप कुल 10,000 रुपए इंटरेस्‍ट पर ही टैक्‍स छूट ले पाएंगे.

लाइफ इन्‍श्‍योरेंस पॉलिसी पर मिलने वाले बेनिफिट

लाइफ इन्‍श्‍योरेंस पॉलिसी न सिर्फ किसी तरह की अनहोनी होने पर वित्‍तीय सुरक्षा मुहैया कराती हैं बल्कि यह पॉलिसी होल्‍डर्स को कई जरह के बेनिफिट भी देती हैं जिन पर टैक्‍स नहीं लगता है. लाइफ इंश्‍योरेंस प्‍लान में जब प्‍लान की अवधि खत्‍म होती है तो पॉलिसी होल्‍डर को मैच्‍योरिटी बेनिफिट मिलता है. इसके अलावा पॉलिसी होल्‍डर्स की मौत होने पर डेथ बेनिफिट मिलता है.

मनी बैक प्‍लान में प्‍लान की अवधि के दौरान मनी बैक बेनिफिट दिया जाता है. आयकर अधिनियम 10 (10 डी) के तहत ये सभी बेनिफिट टैक्‍स फ्री हैं.

क्या होगा फिल्म ‘पद्मावती’ का?

संजय लीला भंसाली मन ही मन उस दिन को कोस रहे होंगे जिस दिन उन्होंने फिल्म ‘पद्मावती’ बनाने का निर्णय लिया होगा. पहले दिन से ही इस फिल्म को कई तरह की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.

संजय लीला भंसाली को सबसे पहले फिल्म के लिए कलाकारों के चयन में काफी बाधाएं आयी. कई कलाकार आए और गए. अंततः दीपिका पादुकोण, रणवीर सिंह और शाहिद कपूर के साथ उन्होंने जोधपुर में फिल्म की शूटिंग शुरू की, मगर ‘‘राजपूत करणी सेना’’ ने शूटिंग रूकवा दी. उन्होंने संजय लीला भंसाली के साथ मारपीट भी की.

उसके बाद संजय लीला भंसाली कोल्हापुर में इस फिल्म की शूटिंग शुरू करने वाले थे, पर वहां पर फिल्म का सेट जला दिया गया. उसके बाद मुंबई में फिल्म के कॉस्ट्यूम जला दिए गए. उधर ‘राजपूत करणी सेना’ बार बार संजय लीला भंसाली को इस फिल्म का निर्माण रोकने के लिए धमका रही है.

फिल्म ‘पद्मावती’ के साथ जो कुछ हो रहा है, उसे देखते हुए बॉलीवुड में चर्चाएं गर्म हो गयीं कि अब यह फिल्म नहीं बनेगी. कुछ लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि अब फिल्म ‘पद्मावती’ 2018 में ही आ सकती है. उधर यह चर्चाएं भी गर्म हो गयीं कि संजय लीला भंसाली ने शाहिद कपूर को लेकर दूसरी फिल्म पर काम करना शुरू कर दिया है.

इन चर्चाओं पर विराम लगवाने के लिए फिल्म ‘पद्मावती’ के निर्माण से जुड़े स्टूडियो ‘‘वायकाम 18’’ ने बाकायदा पत्रकारों को ईमेल भेजकर सूचना दी कि फिल्म ‘पद्मावती’ हर हाल में 17 नवंबर 2017 को ही सिनेमाघरों में पहुंचेगी. लेकिन इस दावे के दो दिन बाद ही फिल्म ‘पद्मावती’ की शूटिंग शुरू होते ही फिर से रूक गयी. इस बार मुंबई के फिल्मसिटी स्टूडियों मे शूटिंग शुरू हुई.

सूत्रों के अनुसार शूटिंग के लिए दीपिका पादुकोण सेट पर पहुंच गयी थी. उन्होंने पटकथा पढ़ना शुरू किया. मगर कुछ देर बाद ही दीपिका पादुकोण ने पीठ दर्द की शिकायत की. डाक्टर बुलाया गया. डॉक्टर ने दीपिका पादुकोण को कुछ दिन आराम करने की सलाह दे दी. बेचारे संजय लीला भंसाली क्या करते? उन्होंने दीपिका पादुकोण को घर जाने के लिए कह दिया.

अब ‘पद्मावती’ से जुड़े सूत्रों की माने तो उस दिन दीपिका पादुकोण के बिना कुछ दृष्य शाहिद कपूर पर फिल्माए गए, पर उसके बाद से शूटिंग रूकी हुई है. सभी को दीपिका पादुकोण के स्वस्थ होने का इंतजार है.

उधर इस घटनाकम्र के बाद पुनः बॉलीवुड में चर्चाएं गर्म हो गयी हैं कि आखिर संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ का क्या होगा? क्या यह फिल्म बन कर सिनेमाघरों तक पहुंचेगी या…

बस एक चम्मच जीरा घटाएगा वजन

जीरा, एक ऐसा मसाला है जो खाने में बेहतरीन स्वाद और खुशबू देता है. लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि इसकी उपयोगिता केवल खाने तक ही सीमित नहीं है. इसके कई स्‍वास्‍थ्‍य लाभ भी हैं. जीरे का इस्तेमाल कई रोगों में दवा के रूप में भी किया जाता है.

जीरे में मैंगनीज, लौह तत्व, मैग्नीशियम, कैल्शियम, जिंक और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है. इसका सर्वाधिक उपयोग मेक्सीको, इंडिया और नार्थ अमेरिका में किया जाता है. इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि ये तेजी से वजन कम करता है.

यहां जानिये, कैसे जीरे के सेवन से कम होता है वजन :

वजन कम करने के लिए भी जीरा बहुत उपयोगी होता है और जीरा पाउडर, के सेवन से शरीर मे वसा का अवशोषण भी कम होता है जिससे स्वाभाविक रूप से वजन कम करनें में मदद मिलती है.

एक बड़ा चम्‍मच जीरा, एक गिलास पानी मे भिगो कर रात भर के लिए रख दें. सुबह इसे उबाल लें और गर्म-गर्म चाय की तरह पिये और बाकी बचा हुआ जीरा भी चबा लें. इसके रोजाना सेवन से शरीर के किसी भी कोने से अनावश्यक चर्बी शरीर से बाहर निकल जाता है. इस बात का विशेष ध्यान रखे की इस चूर्ण को लेने के बाद 1 घंटे तक कुछ भी न खायें.

इसके अलावा भुनी हुई हींग, काला नमक और जीरा समान मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें, इसे 1-3 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार दही के साथ लेने से भी मोटापा कम होता है. इसके सेवन से न केवल शरीर से अनावश्यक चर्बी दूर हो जाती है बल्कि शरीर में रक्त का परिसंचरण भी तेजी से होता है और कोलेस्‍ट्रॉल भी घटता है.

इन बातों का भी रखें ध्यान…

इसे खाने के बाद रात्रि में कोई दूसरी खाद्य-सामग्री नहीं खाएं. यदि कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है, तम्बाकू-गुटखा खाता या मांसाहार करता है तो उसे ये सभी चीजें छोड़ने पर ही इस दवा फायदा पहुचाएंगी. शाम का भोजन करने के कम-से-कम दो घंटे बाद दवाई लेनी है.

जीरा आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाकर शरीर को ऊर्जावान रखता है. साथ ही यह हमारे इम्यून सिस्टम को भी बढ़ता है. इससे ऊर्जा का स्‍तर भी बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म का स्‍तर भी तेज होता है. आपके पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के साथ-साथ फैट बर्न की गति को भी बढ़ाता है. पेट से सबंधित सभी तरह की समस्याओं में जीरे का सेवन लाभकारी होता है. मोटापा कम करने के अलावा भी जीरा कई तरह की बीमारियों में लाभदायक है.

दून की रानी गुच्चुपानी

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून पर्यटन, शिक्षा, स्थापत्य, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए खासा जानी जाती है जो दिल्ली से 230 किलोमीटर दूर स्थित है. यहां की सुंदरता का तो वैसे ही जवाब नहीं लेकिन इस की सुंदरता में चारचांद लगाते हैं लीची, आम वगैरा के पेड़, जिन्हें देख पर्यटक न सिर्फ देखते ही रह जाते हैं बल्कि इन फलों को चखे बिना आगे बढ़ना पसंद भी नहीं करते.

इतना ही नहीं, यहां का पलटन बाजार लोगों की पसंद को हमेशा से ध्यान में रखने के कारण बरबस ही अपनी ओर खींचता है. सिर्फ बाजार ही नहीं बल्कि आधुनिक मौल्स भी शहर को मौडर्न लुक देते हुए प्रतीत होते हैं. इसी शहर में अपार प्राकृतिक सौंदर्य समेटे बसा है गुच्चुपानी.

अगर हम यह कहें कि आप देहरादून घूमने गए और गुच्चुपानी के दीदार नहीं किए तो क्या देखा, कहना गलत नहीं होगा क्योंकि यहां का नजारा मन को रोमांचित जो कर देता है.

गुच्चुपानी गुफा जैसी है. ऊंचे ऊंचे पहाड़ों के बीच में बहती जलधारा के बीच से जाना काफी रोमांचक लगने के साथसाथ मन में रोमांस भी पैदा करता है. इस में से जाते हुए गुफानुमा एहसास होता है. बहते पानी के दोनों ओर पहाडि़यां हैं जिन्हें पानी में चलते हुए या दूर से देख कर आप को ऐसा एहसास होगा जैसे दोनों पहाडि़यां जुड़ी हुई हैं लेकिन असल में ऐसा नहीं है.

ये पहाडि़यां आपस में मिलती नहीं हैं, लेकिन ऐसा पास जाने पर ही पता चलता है. पर्यटक जब उन दोनों पहाडि़यों के बीच में से निकल कर दूसरी ओर जाते हैं तो उन के मन में खुशी की जो लहर दौड़ती है, शायद उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल होगा.

सुहाना मौसम

कहने भर के लिए यह सिर्फ एक गुफा है लेकिन नजारा दिल को छू जाने वाला. इस 600 मीटर लंबी गुफा में जैसेजैसे आप आगे बढ़ेंगे, आप को 10 मीटर ऊंचाई से गिरते हुए छोटेछोटे झरने दिखेंगे. जिन का ऊपर से गिरना पानी में अठखेलियां करने को आमंत्रित करता है.

सब से खास बात यह है कि इस गुफा में कदम रखते ही आप को बिलकुल भी गंदगी नहीं दिखेगी. पानी इतना साफ, कि देख कर उस में नहाने को मन करे. पानी से गुजरते हुए आप को कंकड़पत्थर भी मिलेंगे, जिन्हें आप यादगार के तौर पर अपने साथ संजो कर भी ला सकते हैं, लेकिन कंकड़ कहीं पैरों में चुभ न जाएं, इसलिए थोड़ी सावधानी बरत कर ही चलना चाहिए.

‘बस डरें नहीं, लेकिन संभल कर चलें, आगे अभी तो और हैं खूबसूरत नजारे’, यह उस गुफा से निकलने वाला व्यक्ति अपने पीछे आने वाले साथियों से कहता चलता है जिन के चेहरे पर डर साफ झलक रहा होता है.

रोमांच का लुत्फ

अकसर यहां आने वाले पर्यटक गुफा में पानी के स्पर्श को महसूस करने के लिए कैपरी या शौर्ट्स वगैरा पहन कर आते हैं या फिर घुटनों तक अपने कपड़ों को ऊपर उठा कर ठंडेठंडे पानी में भीगने का लुत्फ उठाते हैं और अपने मुंह से ‘नैचुरल ब्यूटी टच द हार्ट’ कहते हुए आगे बढ़ते चलते हैं.

सब से अच्छा यह है कि जो पर्यटक यहां पहली बार आते हैं और इस तरह के कपड़े पहन कर नहीं आते जिस से पानी के अंदर जाया जा सके, जैसे साड़ी वगैरा तो वे वहां दुकानों से किराए पर कुछ घंटों के लिए कपड़े ले लेते हैं और फिर खुद को डुबो लेते हैं इस रोमांचक माहौल में.

रौबर्स केव

आप को जान कर हैरानी होगी कि इस गुफा को अंगरेजों के समय से रौबर्स केव कहा जाता है. इस का कारण यह है कि उस समय डकैत डाका डालने के बाद छिपने के लिए इस जगह का इस्तेमाल करते थे जो वर्तमान में गुच्चुपानी के नाम से जानी जाती है और उत्तराखंड सरकार के संरक्षण में इस की देखरेख होती है. यहां प्रवेश शुल्क के रूप में सरकार द्वारा 25 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क निर्धारित किया गया है. और हां, अगर आप ने यहां गंदगी फैलाई तो 200 रुपए जुर्माना देने के लिए तैयार रहें.

यहां आ कर अकसर टूरिस्ट खानपान की दुकानों पर मोमोज, मैगी, ठंडीठंडी हवा में चाय की चुस्कियां लेना नहीं भूलते. वैसे, यहां खानापीना वही है जो आमतौर पर सभी पहाड़ी स्थानों पर होता है. और अगर आप चाहते हैं कि इतनी दूर आए हैं तो थोड़ी शौपिंग करते चलें तो इस के लिए यहां कोई व्यवस्था नहीं है बल्कि इस के लिए आप को दून मार्केट ही जाना पड़ेगा. इस के लिए आप को टैक्सी, बस वगैरा लेनी पड़ेगी.

आप को यहां पहुंचने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी क्योंकि यह स्थान देहरादून बसस्टैंड से 8 किलोमीटर दूर ही स्थित है. आप बस, ट्रेन, फ्लाइट वगैरा किसी भी माध्यम से देहरादून पहुंच सकते हैं. रेलवेस्टेशन देहरादून और एयरपोर्ट जौली ग्रांट है. देहरादून से गुच्चुपानी पहुंचने के लिए आप को टैक्सी, बस वगैरा बहुत आसानी से मिल जाएंगी. भले ही यह छोटा सा पिकनिक स्पौट हो लेकिन यहां की सुंदरता दिल में संजो कर रखने वाली है.

क्या आप भी हैं वाइटहेड्स से परेशान!

कई बार अचानक से चेहरे पर सफेद रंग के दाने दिखने लगते हैं और चेहरा खुरदुरा और भद्दा नजर आने लगता है. इन दानों को ऑयल बम्प या वाइटहेड्स कहते हैं. जब चेहरे के रोमछिद्र किसी कारणवश बंद हो जाते हैं, तो चेहरे से निकलने वाले अतिरिक्त तेल के बाहर न निकल पाने की वजह से नाक और उसके आस-पास दाने निकल आते हैं.

कई बार ये दाने गालों और सीने पर भी हो जाते हैं. इन तैलीय दानों की वजह से चेहरे की रौनक खत्म हो जाती है. कुछ घरेलू नुस्खे वाइटहेड्स से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं.

चंदन और गुलाब जल

चंदन पाउडर और गुलाब जल न सिर्फ त्वचा को ठंडक देते हैं, बल्कि उसे अच्छी तरह से साफ भी करते हैं. चंदन पाउडर में गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बना लें और उसे चेहरे पर लगाएं. सूख जाने के बाद ठंडे पानी से धो लें. यह पेस्ट त्वचा से अतिरिक्त तेल को सोखकर वाइटहेड्स की समस्या को जड़ से खत्म करता है.

एलोवेरा जेल

एलोवेरा जेल को व्हाइटहेड्स पर लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें. रात भर के लिए छोड़ दें और सुबह ठंडे पानी से चेहरा धो लें. एक माह तक नियमित इस्तेमाल से वाइटहेड्स की समस्या खत्म हो जाएगी.

अरंडी का तेल

अरंडी के तेल (कैस्टर ऑयल) में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. अरंडी के तेल में मौजूद एंटी बैक्टीरियल तत्व त्वचा से अतिरिक्त तेल को सोखकर तैलीय गांठों को बनने से रोकते हैं. कैस्टर ऑयल को गुनगुना करके उससे चेहरे की मालिश करें. थोड़ी देर बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. अगर कैस्टर ऑयल ज्यादा चिपचिपा लगता है तो आप इसमें थोड़ा-सा ऑलिव ऑयल भी मिला सकती हैं.

शहद

थोड़ा-सा शहद लेकर उसे वाइटहेड्स के ऊपर हल्के हाथों से मालिश करते हुए लगाएं. एक घंटे बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. नियमित तौर पर शहद का इस्तेमाल करने से बंद रोमछिद्र खुल जाएंगे और आपकी त्वचा पर अचानक से हो जाने वाली तैलीय गांठें या दाने खत्म हो जाएंगे.

आलू

अगर आप अपनी त्वचा की रंगत निखारना चाहती हैं और वाइटहेड्स से छुटकारा पाना चाहती हैं तो नियमित रूप से चेहरे पर आलू का इस्तेमाल करें. आलू को कद्दूकस कर लें और इससे धीरे-धीरे त्वचा की मालिश करें. कुछ देर बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. कच्चे आलू का पेस्ट बनाकर उसके रस को भी आप चेहरे पर लगा सकती हैं. सूख जाने के बाद चेहरा ठंडे पानी से धो लें.

मेथी की पत्तियां

मेथी की पत्तियों को धोकर अच्छी तरह से मैश करें और इसके रस को निचोड़ लें. अब इस रस को रुई से चेहरे पर लगाएं. आधे घंटे बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. मेथी की पत्तियों को दूसरी तरह से भी इस्तेमाल किया जा सकता है. दही और मेथी की पत्तियों को ग्राइंडर में डालकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को चेहरे के प्रभावित हिस्से में लगाएं और सूखने के लिए छोड़ दें. जब पेस्ट सूख जाए तो चेहरे को ठंडे पानी से धो लें.

टी ट्री ऑयल

वाइटहेड्स के उपचार के लिए टी ट्री तेल का इस्तेमाल करें. इसके इस्तेमाल से न केवल वाइटहेड्स की समस्या से निजात मिलती है, बल्कि मृत त्वचा से भी छुटकारा मिलता है. इससे रोमछिद्र भी खुल जाते हैं. थोड़ा-सा टी ट्री ऑयल लें और इसमें रुई डुबोकर वाइटहेड्स पर लगाएं. 15 से 20 मिनट बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. आप इस तेल को अपनी मॉइस्चराइजिंग क्रीम में भी मिला सकती हैं. यह त्वचा को नमी और पोषण भी देता है.

अपने होठों से झुर्रियों को हटाइये

देखा गया है कि ज्यादातर महिलाएं मुंह व होठों के आसापास की त्वचा पर लकीरों की समस्या से परेशान रहती हैं. वैसे तो झुर्रियां या लकीरों का दिखना बढ़ती उम्र की निशानी मानी जाती है, लेकिन कई बार बुरी आदतें व दोषपूर्ण जीवनशैली भी इन समस्याओं को बढ़ा देती हैं.

क्या आपको भी कभी ऐसी समस्या का सामना करना पड़ा है. होठों पर झुर्रियां व लाइनों के कई कारण हो सकते हैं. हालांकि इस समस्या से उबरना मुश्किल नहीं है, लेकिन इन कारणों के उपायों के बारे में जानने से पहले एक नजर उन कारणों पर डाल भी डाल लेते हैं…

धूम्रपान

धूम्रपान की आदत ना सिर्फ फेफड़ों के लिए हानिकारक होती है बल्कि यह आपके होठों की त्वचा को भी नुकसान पहुंचाती है. धूम्रपान से कोलेजन व इलेस्टिन ( वे तत्व जो त्वचा को सहारा व संरचना प्रदान करते हैं) क्षतिग्रस्त हो जाते हैं. इसलिए धूम्रपान की आदत को जल्द से जल्द छोड़ने की कोशिश करें.

च्युइंग गम

सुनने में च्युइंग गम खाने की आदत भले ही बुरी ना लगती हो लेकिन ज्यादातर लोग स्मोकिंग के बाद च्युइंग गम खाते हैं जो होठों पर झुर्रियों का कारण बन सकती है. च्युइंग गम खाने से होठों के आसपास की त्वचा या जॉ लाइन क्षतिग्रस्त होने लगती हैं.     

स्ट्रॉ का प्रयोग

जब आप कोई भी ड्रिंक स्ट्रॉ से पीते हैं तो आपके होठों का आकार सिगरेट पीने के समान हो जाता है. स्ट्रॉ का प्रयोग करने वाले लोगों में भी ये समस्या हो सकती है.

होठों पर झुर्रियों व लाइन्स का उपचार

होठों पर झुर्रियों की समस्या से बचने के लिए खास देखभाल की जरूरत होती है. जानिए होठों की झुर्रियों से बचने के आसान उपायों के बारे में –

1. प्रतिदिन 5 से 6 गिलास पानी पिएं. पानी न सिर्फ शरीर में पानी की पूर्ति करता है बल्कि होंठों की नमी भी बनाए रखता है.

2. मौसम में आ रहे बदलाव का सबसे ज्यादा असर होंठों पर पड़ता है, इसलिए अच्छे क्वालिटी का लिप बाम दो से तीन बार लगाएं.

3. यदि होठ स्मोकिंग से काले पड़ चुके हैं तो नींबू लगाइये क्योंकि यह प्राकृतिक ब्लीच होता है. जो कि त्वचा का रंग साफ करेगा.

4. अगर आपको दांतों से होंठ काटने या चबाने की आदत है तो इस आदत को तुरंत बदलें.

5. जब आप लिपस्टिक लगाती हैं तब जिस तरह से अपने होठो को बाहर की ओर निकालती हैं, बिल्कुसल वैसा ही रोज करें. ऐसा दिन में 20 बार करें जिससे आपके होठ भरे-भरे लगें.

6. देशी गुलाब की भीगी हुई पत्तियों को होठों पर कुछ देर तक नियमित मलें. इससे आपके होठ नेचुरल गुलाबी हो जाएंगे.

7. रात को सोने से पहले होंठों पर क्रीम, मलाई, मक्खन या देशी घी हल्के हाथों से कुछ देर मलें. होंठों की त्वचा इससे एक जैसी होकर मुलायम बनी रहेगी.

करिश्मा कपूर और संजय कपूर की जिंदगी की नई शुरुआत

लंबे समय से करिश्मा कपूर और उनके पूर्व पति संजय कपूर अपनी अपनी जिंदगी को नए सिरे से अपने अंदाज में संवारने के लिए संघर्ष कर रहे थे. अंततः दोनों की जिंदगी की नई शुरूआत की खबरें एक ही दिन आ गयीं.

जी हां! करिश्मा कपूर से तलाक होने के बाद से प्रिया सचदेव के संग लंबे समय से डेटिंग करते आ रहे संजय कपूर ने कल प्रिया सचेदव के संग विवाह रचा लिया. यानी कि अब संजय कपूर अपनी जिंदगी में प्रिया सचदेव के साथ आगे बढ़ गए हैं.

तो वहीं करिश्मा कपूर को भी अपनी जिंदगी की नई शुरूआत करने के लिए राह मिल गयी है. संजय कपूर से अलगाव के बाद करिश्मा कूपर भी संदीप तोशनीवाल के संग अपने प्यार की पेंगे बढ़ा रही थी. संदीप तोशनीवाल ने तो करिश्मा कपूर को रहने के लिए मुंबई में आलीशान फ्लैट तक खरीदकर दे दिया था. इसके बावजूद करिश्मा कपूर और संदीप तोशनीवाल की शादी के रास्ते अवरूद्ध थे, क्योंकि तोशनीवाल की पत्नी डॉ. आश्रिता उन्हें तलाक देने को तैयार नहीं थी. लेकिन जिस दिन करिश्मा कपूर के पूर्व पति संजय कपूर ने प्रिया सचदेव के संग विवाह रचाया, उसी दिन करिश्मा कपूर की जिंदगी में भी खुशखबरी आ गयी. उसी दिन करिश्मा कपूर को खबर मिली कि उनके प्रेमी संदीप तोशनीवाल की पत्नी डॉ. आश्रिता ने अंततः संदीप तोशनीवाल को तलाक देने के लिए तैयार हो गयी हैं.

एक वेब साइट के अनुसार डां. आश्रिता को उनके कुछ दोस्तों ने ही सलाह दी कि संदीप तोशनीवाल के साथ झगड़ने में कोई फायदा नहीं है. सूत्रों की माने तो संदीप तोशनीवाल ने डॉ. आश्रिता को दो करोड़ रूपए तथा दोनों बेटियों को तीन-तीन करोड़ रूपए देने के लिए हामी भरी है. बेटियां अपनी मां डॉ. आश्रिता के साथ ही रहेंगी. इसके अलावा दिल्ली के जिस मकान में अभी डॉ. आश्रिता रह रही हैं, वह मकान भी अब डॉ. आश्रिता का हो जाएगा. इस मकान पर संदीप तोशनीवाल का कोई हक नहीं होगा.

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