यह सही है कि जो बातें जबान नहीं बोल पाती उन्हें आंखें बोल देती हैं. कभी ऐसा भी होता है कि कुछ लोग मुंह से कम आंखों से ज्यादा बोलते हैं. आंखों की भाषा हमारी बौडी लैंग्वेज का ही एक हिस्सा है. किसी की आंखों को ठीक से पढ़ा जाए तो यह अंदाज लगा सकते हैं कि वह क्या कहना चाहता है. आंखें अपनी बातें अपनी भिन्नभिन्न मूवमैंट्स से बोल देती हैं जैसे:
ऊपर देखना: जब कोई व्यक्ति ऊपर की ओर देखता है तो इस का मतलब है वह कुछ सोच रहा है या याद करने की कोशिश कर रहा है. कभीकभी ऊपर देखने के साथसाथ वह बाएं या दाएं भी देख सकता है. ऊपर देखने का अर्थ यह भी हो सकता है कि वह व्यक्ति अपने चारों तरफ के माहौल से बोर हो रहा है.
सिर नीचे कर देखना: अगर कोई इनसान सिर नीचे किए आंखों से पीछे की ओर किसी दूसरे आदमी को देख रहा हो तो समझें कि वह उस से नाराज है या उस व्यक्ति को शक की निगाहों से देख रहा है अथवा उसे परखने का प्रयास कर रहा है.
नीचे देखना: जब कोई व्यक्ति आप की किसी बात या व्यवहार से आंखें नीची कर देखे तो वह अपने को दोषी स्वीकार रहा है या आत्मसमर्पण करने के लिए तैयार है. लड़कियां जब ऐसा करें तो यह उन का शरमाना भी होता है.
बगल में देखना: आंखें ज्यादातर सामने देखती हैं. पर जब कोई बगल में देखने लगे तो मतलब आगे की चीज में उस की कोई रुचि नहीं है या फिर किसी दूसरे व्यक्ति या चीज में रुचि रखता है या उसे कुछ खतरा महसूस हो रहा है अथवा अपने आसपास की कोई आवाज सुनना चाहता है.
पार्श्व में देखना: कभी आंखें साइड मूव करती हैं. इस का मतलब यह हुआ कि वह आदमी झूठ बोल रहा है या कोई बहाना बना रहा है अथवा किसी षड्यंत्र के बारे में सोच सकता है.
टकटकी लगाए देखना: किसी को टकटकी लगा कर देखने का अर्थ है कि हम उस में रुचि ले रहे हैं. 2 प्रेमी भी एकदूसरे को इस तरह देख सकते हैं. अकसर ऐसा होता है कि जब हम किसी को कुछ देर टकटकी लगाए देखते हैं तो उस का भी ध्यान हमारी ओर आकर्षित हो जाता है और जब वह हमारी ओर देखने लगता है तो हम आंखें फेर लेते हैं और अपने किए पर शरमा जाते हैं या इस के लिए दोषी महसूस करते हैं.
इस तरह से देखते समय ध्यान देना होता है कि आंखें किधर देख रही हैं. यदि आंखें ऊपर से नीचे तक स्लाइड करें तो मतलब वह उस के प्रति आकर्षित है. अगर सैक्स और्गन पर नजर गड़ाए है तो उस में कामवासना है.
ऊपर से नीचे तक टकटकी लगाए देखने का मतलब यह भी हो सकता है कि वह आदमी अपने को सामने वाले से शक्तिशाली या बेहतर समझता है. कभीकभी ऐसा भी होता है कि एक से ज्यादा विकल्प सामने हों तो ऐसे में आंखें उन्हें परखने के लिए देर तक देखती हैं.
घूरना: आंखों में आंखें डाल कर घूरने का मतलब क्रोध या चैलेंज करना होता है. किसी खास समाचार को सुन कर दुखी या आश्चर्यचकित होने पर भी आंखें फाड़ कर देखते हैं.
आंखों द्वारा पीछा करना: आंखें आदतन अपने आसपास की मूवमैंट, अपने प्रिय व्यक्ति या वस्तु या जिस से खतरे का आभास हो उस का पीछा करती हैं जैसे कोई सेल्समैन अपनी चीज को उंगली या पैन से इंगित कर हमें कुछ दिखाता है तो हमारी आंखें भी उस के इशारे का पीछा करती हैं.
एक झलक या एक नजर देखना: किसी ओर एक झलक देखने के भी कई माने हो सकते हैं जैसे अगर कोई दरवाजे की ओर देख रहा हो तो वह वहां बाहर से जाना चाहता है. खिड़की की ओर देखने का मतलब खिड़की खोलना या बंद करना हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति की ओर बारबार एक झलक देख रहा है तो उस में उस की रुचि है पर देखना मना हो या यह भी हो सकता है कि उसे टकटकी लगा कर देर तक देखने की स्थिति में नहीं है.
आंखों में आंखें डाल कर देखना: इस का मतलब वे दोनों परिचित हैं और उन के बीच स्ट्रौंग कम्यूनिकेशन है. दोनों को एकदूसरे में बराबर रुचि है या दोनों दूसरे की तुलना में अपने को बेहतर या शक्तिशाली समझते हैं.
आई कौंटैक्ट टूटना: किसी को लगातार देर तक घूरना संदेहास्पद स्थिति उत्पन्न कर सकता है. किसी को खतरे या अपमान का आभास हो जाता है तो वह और ज्यादा आई कौंटैक्ट बरदाशत नहीं कर पाता है. अगर वार्त्तालाप के बीच में हम आई कौंटैक्ट तोड़ देते हैं और फिर तुरंत उसे वापस देखते हैं तो इसे फ्लर्टिंग समझा जाए.
अगर किसी व्यक्ति को हम देख रहे हैं और वह आंखें मिलते ही नजरें फेर लेता है तो मतलब है कि उस की आप में रुचि नहीं है.
देर तक आई कौंटैक्ट: नौर्मल से ज्यादा देर तक आई कौंटैक्ट के अनेक माने हो सकते हैं. जब हम किसी को ध्यान से सुनते हैं तो आई कौंटैक्ट बढ़ जाता है बजाय जब हम उस से बात करते हैं.
जिन्हें हम पसंद करते हैं उन्हें देर तक देखते हैं और जो हमें पसंद करते हैं उन्हें भी देर तक देखते हैं. 2 प्रेमी एकदूसरे को देर तक देखते रह सकते हैं. मुसकरा कर देर तक देखने का मतलब उस की ओर हम आकर्षित हैं.
सीमित आई कौंटैक्ट: जब कोई आप से बहुत थोड़ी देर के लिए आई कौंटैक्ट बनाता हो तो समझें कि वह असुरक्षित महसूस कर रहा है. यह भी हो सकता है कि वह झूठ बोल रहा हो.
प्रोत्साहन: कोई आप की बात ठीक से समझे या माने इस के लिए आई कौंटैक्ट जरूरी है. अगर आप किसी की ओर देख कर बात कर रहे हैं और वह आप की तरफ नहीं देख रहा या कहीं ओर देख रहा हो तो समझें कि उस का ध्यान आप की बातों पर नहीं है. अगर आप की बात सुन भी रहा है तो पर्सनल कनैक्शन में कमी है.
जानबूझ कर भेंगापन: अगर किसी आदमी की बातों पर पूर्णतया आंशिक रूप से विश्वास न हो या संदेह हो तो सामने वाला आदमी अपनी अधखुली आंखों से देखता है. झूठ बोलने वाला व्यक्ति भी ऐसा करता है.
आंखों का झिलमिल करना: आंखों का झिलमिलाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, जिस से पुतलियां आंखों की सफाई करती हैं. किंतु जब हम विचारमग्न हों या स्ट्रैस में हों तो इस की गति बढ़ जाती है. जिस आदमी से हम बात कर रहे हैं उस के बारे में हम क्या सोचते हैं और कैसा रिश्ता है इस का असर भी ब्लिंकिंग पर होता है. आमतौर पर एक मिनट में हम 6 से 10 बार ब्लिंक करते हैं.
नौर्मल ब्लिंकिंग के अतिरिक्त सिर्फ एक बार बीच में ब्लिंक करने का मतलब यह भी हो सकता है कि जो हम देख रहे हैं वह कुछ असाधारण है.
आंख मारना: जब हम सामने वाले को आंख मारते हैं तो मतलब यह बात सिर्फ हम दोनों जानते या समझते हैं या कोई तीसरा जो वहां हो सकता है उस के विरुद्ध कोई चाल है. आमतौर पर इसे अच्छा नहीं मानते हैं.
आंखें बंद कर लेना: आंखें बंद करने के बाद हम कुछ भी नहीं देख सकते हैं. इस का मतलब हमारे सामने जो भी है उसे हम देखना नहीं चाहते हैं. कभी कोई सीरियस वक्ता बोलने के बीच में अपनी आंखें बंद कर लेता है. इस का अर्थ हुआ कि वह गंभीर चिंतन कर कुछ सोच या मन में झांक रहा है ताकि खुली आंखों से उस का ध्यान विचलित न हो.
गीली आंखें और आंसू: आंसू नली आंसुओं द्वारा आंखों की धुलाई करती है. ये आंसू हमारे दुखी होने के भी द्योतक हैं. कभीकभी अपार हर्ष या सफलता पर भी आंखों से आंसू गिरने लगते हैं. जब कभी हम अपने दुख को दूसरों से छिपाना चाहते हैं तब भी आंखें गीली हो जाती हैं.
आंखें रगड़ना: जब कभी हम किसी असहज स्थिति में होते हैं तो आंखें गीली हो सकती हैं. दूसरों को यह पता न चले इस के लिए हम आंखें रगड़ कर उन्हें सूखा करने का प्रयास करते हैं. कभीकभी यह स्थिति हमारी थकावट को भी दर्शाती है.