किड्स आइकॉन ऑफ द ईयर बनें शाहरुख

बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान को निकलोडियन्स किड्स च्वाइस अवॉर्ड्स में किड्स ‘आइकॉन ऑफ द ईयर’ के पुरस्कार से नवाजा गया. इस अवॉर्ड के जीतने के बाद शाहरुख ने कहा, ‘मुझसे कहा गया था कि अगर मैं अपनी एक्टिंग से बच्चों का दिल जीत सकता हूं तो मैं सही माने में एक्टर हूं. मैं बहुत खुश हूं. यह मेरे लिए बहुत खास है इसलिए बिजी होने के बाद में यहां आया हूं क्योंकि ये अवॉर्ड बच्चों की तरफ से मुझे दिया गया है.’

अपने बचपन को याद करते हुए शाहरुख बोले ‘जब मैं बच्चा था तब मैं बड़ा होना चाहता था और अब मैं बच्चा हो जाना चाहता हूं. मैं बचपन में निकलोडियन्स देखा करता था, हालांकि हमारे बचपन में कार्टून कैरेक्टर्स के इतने ऑप्शन नहीं थे. लेकिन आज भी जब मेरे पास वक्त होता है तो मैं रिकॉर्डेड कार्टून प्रोग्राम देखता हूं.’

बता दें कि ‘सुल्तान’ को बेस्ट फिल्म और सलमान खान को बेस्ट एक्टर का खिताब मिला. दीपिका पादुकोण को ‘बाजीराव-मस्तानी’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला. अवॉर्ड पाने के बाद दीपिका ने कहा ‘आजकल के बच्चे बहुत टैलंटेड और कॉन्फिडेंट हैं. मुझे याद है जब हम स्कूल में हुए करते थे, तो हम ऐसे नहीं थे. साथ ही हमारे पास इतने ऑप्शन्स भी नहीं थे. ‘

वहीं वरुण धवन और आलिया भट्ट को बेस्ट जोड़ी चुना गया. सिद्धार्थ मल्होत्रा और कटरीना कैफ की फिल्म ‘बार बार देखो’ का गाना ‘काला चश्मा’ को बच्चों की तरफ से सबसे ज्यादा वोट मिले. टाइगर श्रॉफ को ‘डांसिंग स्टार’ और वरण को साल का बेस्ट एंटरटेनर का खिताब मिला.

बेस्ट टीवी कलाकार (मेल) का पुरस्कार कपिल शर्मा को मिला. तारक मेहता का उल्टा चश्मा को बेस्ट टीवी शो का खिताब दिया गया.

निकलोडियन्स च्वाइस अवॉर्ड्स 2016 में फिल्म और टीवी सहित मनोरंजन जगत के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को सम्मानित किया गया.

‘सेक्स सिंबल’ कहा जाना पसंद है: रणवीर सिंह

एनर्जेटिक और हंसमुख रणवीर सिंह मुंबई के हैं. अभिनय उनका पैशन है, लेकिन कोलेज के दिनों में कई बार उन्हें लगा था कि अभिनय का ख्याल करना उनके लिए ठीक नहीं. इसलिए वे लेखन के क्षेत्र में उतरे. जब विदेश में वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए गए, तो एक बार फिर अभिनय की ओर आकर्षित हुए, जहां उन्होंने कई नाटकों में काम किया और खूब प्रसंशा पाई.

इसके बाद वे भारत आये और अभिनय की ओर रुख किया. कई जगहों पर ऑडिशन देने के बाद उन्हें यशराज की फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ मिली. यहीं से उनके अभिनय की शुरुआत हुई. उन्होंने कई हिट फिल्में तो कई फ्लॉप फिल्में भी दी, लेकिन ‘बाजीराव मस्तानी’ उनकी एक यादगार फिल्म है, जिसमें उन्होंने बाजीराव की भूमिका बखूबी निभाई. उन्हें सबसे बड़ा ‘सेक्स सिंबल’ कहा जाना पसंद है. इस समय उनकी फिल्म ‘बेफिक्रे’ रिलीज़ पर है. जिसे वे ‘लाइट मूड’ की फिल्म कहते हैं, जिसकी शूटिंग पेरिस में हुई. उनसे बात करना रोचक था, पेश है अंश.

प्र. इस फिल्म को करने की वजह क्या है? किसी फिल्म को चुनते समय किस बात का ध्यान रखते हैं?

मैं हमेशा निर्देशक को ही देखता हूं. स्क्रिप्ट की सेंस अभी मुझे अधिक नहीं है. मैं थोड़ी ‘सेफ गेम’ खेलना चाहता हूं, इसलिए जिनकी फिल्में देखी हैं, उन्ही निर्देशक के साथ फिल्में करना चाहता हूं. इससे मुझे उनके काम के स्टाइल के बारे में थोड़ी जानकारी मिलती है और अभिनय करना आसान हो जाता है. कास्टिंग में मैं कभी नहीं घुसता. इसलिए मेरी को-स्टार कौन है, इस पर मैं कोई राय नहीं देता. आजतक प्राय: सभी फिल्मों में मैंने ही सबसे पहले फिल्म को साइन किया है.

प्र. फिल्म ‘बेफिक्रे’ के किरदार से अपने आप को कैसे ‘रिलेट’ करते हैं?

बेफिक्रे एक फिलोस्फी है, जिसका अर्थ यह है कि अधिक सोचना नहीं. वर्तमान में जीना है. मेरे हिसाब से लाइफ एक गिफ्ट है, जिसे पूरी तरह जिया जाना चाहिए. किसी काम को मैं हमेशा पूरे दिल से करता हूं. मैं जब फिल्में करता हूं या दोस्तों, परिवार वालों से मिलता हूं, तो पूरे तरीके से उनके साथ रहता हूं. इसके अलावा जो दिल में आये उसे करना पसंद करता हूं. पहले मैं डरता था कि ये काम सही कर रहा हूं या नहीं. अब तो बिलकुल भी नहीं डरता, जिससे मुझे खुशी मिले वह करता हूं. दर्शको को खुश करना ही मेरा मकसद होता है.

प्र. आप अपनी सफलता को कैसे देखते हैं?

मैंने कई सफल फिल्में और ब्रांड इंडोर्समेंट किये हैं. सफलता की परिभाषा मेरे लिए अलग है. मैंने औरो के लिए क्या किया, समाज को क्या वापस किया, कितनी अच्छाई आप चारों ओर बिखेर रहे हैं? ये सब देखताहूं. इसके अलावा क्या मैं अपनी शर्तों पर काम कर सकता हूं? मेरी सफलता छोटी है. अपने टर्म पर जो लाइफ को जिए, वही इंसान सफल है. मुझे नहीं लगता कि मैं सफल हूं. हालांकि कई फिल्में सफल हुई हैं. पर मैं लार्जर विज़न से दूर हूं. अभी भी कुछ चीजों से मैं बंधा हुआ हूं.

प्र. पेरिस की शूटिंग का अनुभव कैसा था?

वहां मेरे लिए निर्देशक ने एक आलीशान अपार्टमेंट खरीद दिया था. बहुत ही अच्छा अनुभव था. जगह बहुत ही खुबसूरत है. वहां के लोग भी बहुत अच्छे हैं. वहां का खाना, वहां की बोली अदभुत है. फिर ये एक हैप्पी फिल्म है. मूड भी वैसा ही था. इसलिए सबको सेट पर खुश होकर आने के लिए कहा गया था, ताकि वहखुशी पर्दे पर भी नज़र आये. मैं किसी भी चरित्र में हमेशा घुस जाने की कोशिश करता हूं, अगर दृश्य गुस्से का है, तो पूरा दिन मैं उसमें रहने की कोशिश करता हूं और ये बात मैं अपने टीम मेम्बर को पहले ही बता देता हूं ताकि वे मेरे किसी बात का बुरा ना माने. इस फिल्म में पूरा मनोरंजन का है. पूरी फिल्म मैंने विदेश में की और मेरा सपना कुछ हद तक पूरा हो चुका है.

प्र. फिल्म का प्रमोशन कितना जरूरी है? इसका फायदा और नुकसान कितना होता है?

फिल्म के लिए पहले ट्रेलर, फिर गाने जरुरी हैं. इससे फिल्म का फ्लेवर पता चलता है. अगर दर्शकों को ये दो चीजें पसंद नहीं आई है, तो आप कितना भी ढिंढोरा पीट लो, प्रमोशन कर लो, फिल्म नहीं चलती. कई बार बड़ी फिल्म भी प्रमोशन करने के बाद नहीं चलती, जबकि छोटी फिल्म बिना प्रमोशन के चल जाती हैं. दक्षिण में फिल्मों का प्रमोशन केवल एक सप्ताह में होता है, जिससे फिल्म के प्रति लोगो की रूचि बनी रहती है. वहीं प्रमोशन अगर हम एक दो महीने से करते हैं तो बार-बार एक बात रिपीट होती रहती है. आजकल प्रमोशन एक इंटरप्राईज हो चुका है, जहां लोग एक दूसरे की प्रॉफिट को देखने लगे हैं.

प्र. क्या आपको स्टारडम खत्म हो जाने का डर कभी सताता है? आप अपने आप को कैसे ‘कूल’ रखते हैं?

अभी तक सोचा नहीं है. मैं हमेशा चाहता हूं कि मुझे काम मिलता रहे. ‘मनी’ और ‘फेम’ मुझे कभी भी आकर्षित नहीं करती. मुझे पैसा पसंद है जिससे मुझे हर तरह के ऐशोआराम मिल रहा है. पर मैं यह जानताहूं कि यह हमेशा नहीं रहेगा. ये सही है कि जितना अधिक पैसा और प्रसिद्धी आपके पास रहेगी, जिंदगी उतनी ही कठिन होगी, जिसमें आपके खुद का व्यक्तित्व प्रभावित होता है. मैं इसे संतुलित करने के लिए काम के साथ-साथ अपने माता-पिता, बहन के अलावा अपने मित्रों को भी समय देता हूं. नहीं तो आप प्रसिद्दी और पैसे के पीछे भागते-भागते अपने परिवार और दोस्तों को खो देंगे, ऐसे में निश्चित ही आप अकेले रह जायेंगे. इसलिए जब मैं अपने परिवार और दोस्तों के बीच में होता हूं तो अपना मोबाइल बंद कर देता हूं, ताकि उस पल को मैं पूरी तरह उनके साथ रहूं. सेलिब्रिटी स्टेटस जितना बढ़ेगा, उतना ही मेरा सामाजिक दायरा कम होता जायेगा. मैं इससे डरता हूं और अभी से सब रिश्तों को सम्हाल रहा हूं.

मैं बहुत गुस्से वाला हूं, पर अपने आपको शांत रखने की हमेशा कोशिश करता हूं. अभिनय करने से पहले मैं मेडिटेट करता हूं. सही खाना, वर्कआउट और नींद ठीक होने पर मैं खुश रहता हूं. इससे मेरा तनाव भी कम होता है. मैं ‘आउटब्रस्ट’ नहीं होता और अपने आप को कंट्रोल करना जानता हूं. कई बार ऐसा हुआ है कि मैंने कोई बात कह दी और बाद में मुझे पछताना पड़ा.

प्र. पहली फिल्म से लेकर अब तक की फिल्म के दौरान अपने आप में क्या बदलाव महसूस करते हैं?

पहली फिल्म में मै कुछ नहीं जानता था. किसी को पहचानता नहीं था. मुझे वैनिटी वैन में बैठने के लिए कहा गया. मैं वहां बैठकर ‘रेस्टलेस’ होकर बुलाये जाने की अपेक्षा करता रहा. इस तरह आदित्य चोपड़ा ने मुझे हीरो बनाया. मैं समझता हूं कि वही मेरा सबसे ईमानदार परफोर्मेंस था. अभी तो सबकुछ पता है. इसका श्रेय आदित्य चोपड़ा को जाता है. इसलिए मैं उन्हें हमेशा प्राउड फील करवाना चाहता हूं. मुझे याद आता है कि पहली फिल्म के दौरान मैं बहुत इमोशनल भी हो गया था, क्योंकि इससे पहले उन्होंने केवल शाहरुखखान को लीड रोल में लिया था. संजय लीला भंसाली और आदित्य चोपड़ा मेरे लिए खास निर्देशक हैं.

प्र. आप अपनी कंट्रोवर्सी को कैसे लेते हैं?

कंट्रोवर्सी तो आती हैं, पर उसे मैं अधिक महत्व नहीं देता. हमेशा सोच समझ कर हर काम करने की कोशिश करता हूं, पर अगर कुछ गलत हो भी जाय तो माफी भी मांग लेता हूं.

प्र. क्या नोट बंदी का आपकी फिल्म पर कुछ असर पड़ेगा?

नहीं, फिल्म अच्छी है, असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि मनोरंजन भी डेली लाइफ का एक पार्ट है और लोग अवश्य मैनेज कर लेंगे. मुझे लगता है कि ये सबकी समस्या है जो थोड़े दिनों बाद ठीक हो जाएगी. 

एक आइडिया जो बदल दे आपकी दुनिया

स्टार्ट-अप्स आज इनकम का सबसे अच्छा तरीका है. कॉलेज ड्रॉप आउट से लेकर होम मेकर तक सब ने बस एक आइडिया से सफलता की सीढ़ियां तेजी से चढ़ी. कुछ लोग तो लाखों की नौकरी छोड़कर अपने मन का स्टार्ट-अप शुरू कर मुनाफा कमा रहे हैं.

स्टार्ट-अप क्या है?

स्टार्ट-अप ऐसी कंपनी को कहा जाता है, जो अभी अपने शुरुआती दौर में है. यानी एंटरप्रेन्योर ने अपने आइडिया बाजार में उतारा ही है. स्टार्ट अप कंपनियां छोटे स्तर पर स्टार्ट की जाती हैं और आगे मार्केट में बने रहने के लिए इन्हें अक्सर किसी वेंचर कैपिटलिस्ट से फंडिंग की जरूरत होती है..

एक आइडिया जो बदल दे आपकी दुनिया

आपका आइडिया चाहे जितना भी ओरिजनल क्यों न हो, इस बात के 100% चांसेस हैं कि कोई और भी इस पर काम कर रहा हो. इसलिए डीप रिसर्च जरूरी है. बेसिक मार्केट के बारे में भी अच्छे से जान लें.

शुरुआत कैसे करें?

अगर आप भी स्टार्ट-अप शुरू करना चाहती हैं लेकिन कंफ्यूज हैं कि क्या करें और कैसे करें, तो पहले रिसर्च करें और फिर आगे बढ़ें. कोई भी बिजनेस शुरू करने से पहले खुद से पूछें:

क्या मेरी सर्विस या प्रोडक्ट की किसी को जरूरत है?

सर्वे

अपने आइडिया से जुड़े प्रोफेशनल्स से मिलें और उनकी इनसाइट का फायदा उठायें. इंजीनियर, सप्लायर, एजेंट, सरकारी अध्ािकारी, वकील जैसे प्रोफेशनल्स से जरूर राय लें.

कंपनी रजिस्ट्रेशन

भारत में कंपनियां दो स्वरूपों में रजिस्टर कराई जा सकती है: सोल प्रोपराइटरशिप और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आप www.mca.gov.in/MCAwv/RegisterN ewComp.html पर जा सकते हैं. ध्यान रहे, सोल प्रोपराइटरशिप बिजनेस करने के लिए कंपनी लॉ के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं कराना पड़ता.

ऐसे जुटायें फंड

– अपनी सेविंग

– बैंक लोन

– किसी को फाइनेंसर बनाकर या प्राइवेट इक्विटी (हिस्सेदारी) देकर

– वेंचर कैपिटलिस्ट के सहारे

मौसीनरम की यात्रा

बरसात किसे पसंद नहीं? बारिश के बाद ऐसा लगता है मानो पूरी प्रकृति खिल उठ हो. आपके अंदर छिपा छोटा सा बच्चा भी बाहर आने को बेकरार हो जाता है और आप मौका देखकर छत पर जरूर जाती होंगी. पर क्या आप जानती हैं हमारे देश में एक ऐसी जगह है जहां लोग लगातार बारिश से परेशान हैं और धूप का बेसब्री से इंतजार करते हैं. मेघालय के मौसीनरम में विश्व में सबसे ज्यादा बारीश होती है. सैलानियों के लिए यह जगह भले ही जन्नत सरीखी हो, पर यहां के स्थानीय निवासियों के लिए जीवनयापन बहुत कठिन है.

अगर आप मौसीनरम की यात्रा का मन बना रही हैं तो यहां जरूर जायें

1. मौसमई फॉल

यह भारत का चौथा सबसे ऊंचा जलप्रपात है. खासी हिल्स पर स्थित यह फॉल मौसीनरम से थोड़ी दूरी पर है. पर यहां जाकर आप खुद को भुल जायेंगी.

2. मौसमई केव्स

खासी के वासिंदों के लिए इस गूफा का अलग महत्तव है. अगर आप एडवेंचर प्रेमी हैं तो इन गुफाओं में जरूर जाये.

3. नोहकालाई फॉल

देश का पांचवा सबसे ऊंचा फॉल है नोहालीकलाई फॉल. नोहालीकलाई मौसीनरम से 5 किमी की ऊंचाई पर है. 1000 फीट की ऊंचाई से पानी को गिरते देखने का अपना एक अलग ही अनुभव है.

4. चेरापूंजी

विश्व में मौसीनरम के बाद यहां सबसे अधिक बारिश होती है. चेरापूंजी को सोहरा और चुर्रा भी कहते हैं. यहां साल भर बारिश होती रहती है.

5. मौलिंगबना

मौसीनरम से 25 किमी की दूरी पर स्थित मौलिंगबना अपने जीवाश्म(फॉसील) और प्राकृतिक गीजर के लिए प्रसिद्ध है.

सिगरेट का धुंआ एचआईवी से भी खतरनाक

वो लोग जो एचआईवी पॉजिटिव हैं, उनके लिए सिगरेट का धुंआ इस वायरस से भी अधिक खतरनाक है. एचआईवी की तुलना में सिगरेट एचआईवी पॉजिटिव लोगों को अधिक नुकसान पहुंचाता है और उनमें जीने की क्षमता को कम करता है. खतरनाक सिगरेट के धुंए पर यह शोध हाल ही में जर्नल में प्रकाशित हुई है.

एक इंसान जो एचआईवी से पीड़ित है और एचआईवी मेडीसिन लेने के साथ ही स्मोक भी करता है, वह एचआईवी के बजाय स्मोकिंग संबंधी बीमारी से पहले मरता है. अध्ययन से पता चलता है कि धूम्रपान बंद कर देने से एचआईवी पॉजिटिव इंसान अपने जीने की क्षमता में काफी हद तक सुधार कर सकते हैं.

अन्य बीमारी होने का खतरा ज्यादा

अब एचआईवी-स्पेसफिक मेडीसिन्स भी वायरस से लड़ने में अधिक कारगर हैं. इन दवाईयों के अलावा एचआीवी पॉजिटिव कपल्स जो अन्य उपाय भी अपनाते हैं वो भी उनकी जीवन स्तर में सुधार करने में मदद करते हैं. जबकि एचआईवी पॉजीटिव इंसान जब स्मोक करता है तो उसमें दिल की बीमारी, कैंसर, गंभीर तरह के फेफड़ों की बीमारी और अन्य संक्रमण होने का खतरा, स्वस्थ इंसान की तुलना में अधिक बढ़ जाता है.

ध्रुमपान से कम हो जाती है छह साल की जिंदगी

40 साल की उम्र से अधिक के वे पुरुष और महिला जो एचआईवी ट्रीटमेंट लेते हैं और ध्रुमपान भी करते हैं, उनमें ध्रुमपान ना करने वाले एचआईवी पॉजिटिव लोगों की तुलना में जिंदगी के 6.7 और 6.3 साल कम हो जाते हैं. अगर इसी उम्र के समूह के लोग ध्रुमपान करना छोड़ देते हैं तो उनके जिंदगी में 5.7 और 4.6 साल की बढ़ोतरी हो जाती है. यहां तक की 60 साल का एचआईवी पीड़ित मरीज (पुरुष और महिला दोनों) ध्रुमपान बंद कर अपनी जिंदगी में दो साल की बढ़ोतरी कर सकते हैं.

टेस्टी ट्रीट: श्रिंप चाउमिन

सामग्री

1 बड़ा चम्मच तेल

– 500 ग्राम श्रिंप

– 2 कप चाउमिन नूडल्स पकी

– 1/4 कप हरे प्याज की पत्तियां कटी

 – 1/2 कप प्याज बारीक कटा

 – 1/2 कप शिमलामिर्च कटी

– 1/4 कप सैलरी कटी

– 1 कप पत्तागोभी कटी

– 1/4 कप सोया सौस

– 1 छोटा चम्मच शहद

– 2 छोटे चम्मच अदरक बारीक कटा

– 1 छोटा चम्मच लहसुन बारीक कटा

– 2 बड़े चम्मच सेसमे औयल टोस्टेड

– नमक व कालीमिर्च स्वादानुसार

विधि

तेज आंच पर एक वोक में आधा तेल गरम कर के प्याज भून लें. अब इस में शिमलामिर्च व सैलरी को मुलायम हो जाने तक भूनें. फिर पत्तागोभी और पानी मिला दें. सभी सब्जियों के भुन जाने पर नमक व कालीमिर्च मिला कर एक प्लेट में निकाल लें. इसी वोक में बचा तेल गरम कर के श्रिंप, कालीमिर्च व नमक मिला कर गुलाबी हो जाने तक भूनें. अब इस में भुनी सब्जियां, हरा प्याज और नूडल्स मिला कर भूनें. फिनिश करने के लिए सोया सौस, शहद, अदरक, लहसुन को सेसमे औयल में मिक्स कर के इस में डालें. 1-2 मिनट तक और भून कर हरे प्याज से सजा कर सर्व करें.

व्यंजन सहयोग:

शैफ रनवीर बरार

अब राजकुमार राव बनेंगे बोस

‘अलीगढ़’ फिल्म के अभिनेता राजकुमार राव एकता कपूर की एक नई वेब सीरिज में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की भूमिका निभाएंगे.

एकता की कंपनी एएलटी बालाजी एक वेब सीरिज का निर्माण कर रही है जिसमें नेताजी की जिंदगी की अनकही कहानी बयां की जाएगी. राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता राजकुमार ने कहा कि वह पर्दे पर बोस की भूमिका निभाने के लिए उत्साहित हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पर्दे पर नेताजी की अनसुनी कहानी का हिस्सा बनने के लिए बेहद उत्साहित हूं. एक अभिनेता के तौर पर यह मेरे लिए एक शानदार मौका है. मैं उनकी जिंदगी की कहानी सुनकर काफी प्रभावित हुआ था.’’

राव इस समय इस भूमिका को बेहतर ढंग से निभाने के लिए अधिक से अधिक जानकारी एकत्र कर रहे हैं.

ब्राइडल ज्वैलरी चुनने से पहले

वैडिंग ज्वैलरी का चुनाव करना आसान नहीं. इस खास मौके पर रोजाना की तरह सिर्फ इयररिंग या नैकपीस पहन कर आप काम नहीं चला सकतीं. दुल्हन बनते वक्त नथ से ले कर मांगटीका, बाजूबंद से ले कर झुमके, नैकलैस से ले कर कमरपट्टा और चूडि़यों के साथ अंगूठी तक सैट करना जरूरी है. आइए, फैशन डिजाइनर शिल्पी सक्सेना से जानें कि इन दिनों कौन सी ब्राइडल ज्वैलरी ट्रैंड में है:

पोल्की ज्वैलरी: पोल्की ज्वैलरी दुलहन द्वारा सब से ज्यादा पसंद की जाती है. अनकट डायमंड से बनी यह ज्वैलरी ब्राइडल वियर यानी लहंगाचोली के साथ ही साड़ी पर भी काफी खूबसूरत नजर आती है. पोल्की ज्वैलरी से बना चोकर काफी आकर्षक लुक देता है, जबकि आप की ज्वैलरी के चोकर में वह बात नहीं होती.

कुंदन ज्वैलरी: कुंदन ज्वैलरी का भी एक अलग चार्म है. पोल्की ज्वैलरी के बाद इंडियन वैडिंग वियर के साथ ज्यादातर दुलहन कुंदन ज्वैलरी पहनना पसंद करती हैं. कुंदन ज्वैलरी हर ट्रैडिशनल वियर पर सूट करती है. इन दिनों कुंदन क्लच और मोजड़ी भी काफी पसंद की जा रही हैं.

स्टोन ज्वैलरी: सस्ती मगर अव्छी और एक ही नजर में दिल मोह लेने वाली स्टोन वैडिंग ज्वैलरी भी काफी आकर्षक नजर आती है. यह बात और है कि स्टोन ज्वैलरी लंबे समय तक आप का साथ नहीं देती. तेज धूप, पानी आदि के संपर्क में आने से स्टोन गिरने लगते हैं.

टैंपल ज्वैलरी: इन दिनों ब्राइडल टैंपल ज्वैलरी भी डिमांड में है. ज्यादातर इंडियन वैडिंग ज्वैलरी वैडिंग वियर पर ही जंचती है, लेकिन टैंपल ज्वैलरी ऐसी ज्वैलरी है जो लहंगाचोली और साड़ी ही नहीं, बल्कि इंडोवैस्टर्न वियर पर भी काफी सूट करती है यानी एक बार खरीद कर आप इसे कई बार पहन सकती हैं.

पर्ल ज्वैलरी: अगर आप लाइट या पेस्टल शेड का वैडिंग वियर पहन रही हैं, तो पर्ल ज्वैलरी को अपनी पहली पसंद बना सकती हैं. लाइट आउटफिट के साथ लाइट वेट पर्ल ज्वैलरी आप को रौयल लुक देगी. व्हाइट और यलो के साथ कलरफुल पर्ल का चुनाव भी कर सकती हैं.

गोल्ड ज्वैलरी: अगर शादी के लिए अच्छीखासी सेविंग की है, तो गोल्ड ज्वैलरी खरीद कर उन पैसों को इन्वैस्ट कर सकती हैं. गोल्ड ज्वैलरी की बात ही खास होती है, लेकिन यह भी सच है कि असली सोने से बनी ब्राइडल ज्वैलरी हर किसी के बस की बात नहीं होती. आप चाहें तो बाजार में उपलब्ध गोल्ड प्लेटेड वैडिंग ज्वैलरी भी पहन सकती हैं.

डायमंड ज्वैलरी: रिच लुक के लिए दुलहन डायमंड ज्वैलरी भी पहन सकती है. यह जरूरी नहीं कि आप असली डायमंड ही पहनें, मार्केट में असली डायमंड की तरह दिखने वाली आर्टिफिशियल डायमंड ज्वैलरी भी उपलब्ध है. चाहें तो ये भी खरीद सकती हैं. 

विवाह मंडप के नए अंदाज

शादी के अवसर पर मंडप का आकर्षण हर दूल्हेदुलहन को होता है. यह सही भी है कि इस के बाद उन की लाइफ बदलने वाली होती है. इसीलिए हर कोई इसे यादगार बनाना चाहता है. फिर शादी की अधिकतर रस्में यहीं निभाई जाती हैं.

एक समय था जब मंडप सजाने के लिए केले और आम के पत्तों, फूलों और घासफूस आदि का प्रयोग किया जाता था. लेकिन बदलते दौर ने इस में आधुनिकीकरण का समावेश किया है. हालांकि आजकल मंडप की अवधारणा कम होती दिखाई देने लगी है. इस की वजह समय और जगह की कमी होना है. फिर भी कुछ लोग आज भी परंपरागत शादी को महत्त्व देते हैं. ऐसे में शादी के लिए इवेंट मैनेजमैंट का सहारा लिया जाता है.

इस बारे में गुड टाइम कौन्सैप्ट्स के इवेंट मैनेजर आशु गर्ग कहते हैं कि विवाह में मंडप की धारणा अब कम होती जा रही है, लेकिन कुछ लोग ट्रैडिशनल शादियों को आज भी अच्छा समझते हैं. इस के लिए वे इवेंट मैनेजर का सहारा लेते हैं. हर बार हमें मंडप के नएनए कौन्सैप्ट देने पड़ते हैं, जो उन के बजट के हिसाब से होते हैं.

मंडप बनाने के लिए आजकल नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिस में थर्मोकोल, कागज, रंग, ईकोफ्रैंडली प्रिंटर द्वारा लकड़ी, कपड़े आदि पर विभिन्न प्रकार के चित्र उकेर कर मंडप सजाया जाता है. मंडप की कल्पना आजकल फिल्मों से भी आती है. लेकिन अधिकतर मंडप थीम पर आधारित होते हैं. आशु के अनुसार ये मंडप आजकल अधिक प्रचलित हैं:

गुंबदाकार मंडप: मुगलकाल के प्रचलित गुंबद के आकार के मंडप जो ‘रिच ट्रैडिशन’ और परंपरा को दिखाते हैं, को अधिकतर लोग पसंद करते हैं. इन्हें बनाने में खूबसूरत खंभों का प्रयोग किया जाता है, जो इन की खूबसूरती को बढ़ाते हैं. गुंबद को सजाने के लिए फूलों और रंगों का प्रयोग किया जाता है. प्राचीनकाल में आसमान को भी गुंबद माना जाता था. इसलिए ऐसे मंडप की कल्पना आज भी की जाती है.

थीम पर आधारित मंडप: परंपरागत तरीके से सजाया गया मंडप, जिस में गहरे रंग, गोल्डन और गुलाबी शेड्स के साथसाथ साटन के कपड़े और अलगअलग रंगों के फूलों का प्रयोग किया जाता है. विवाह के हर रीतिरिवाज के लिए यह मंडप सही होता है. इस के अंतर्गत फ्लौवरी थीम, कलर बेस्ड थीम, जिस में रौयल ब्लू, ब्लशिंग रोज आदि काफी पौपुलर हैं.

राजस्थानी स्टाइल मंडप: यह मंडप  राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर पर आधारित होता है. यह अधिकतर लकड़ी के खंभों पर कटवर्क का काम कर बनाया जाता है. इस में रोशनी की सजावट बहुत ही अच्छे तरीके से की जाती है, जिस से रोशनी का प्रतिबिंब चारों दिशाओं में खंभे के अंदर से बाहर फैलता है और भीतर रहने वाले जोड़े को राजस्थान के जयपुर का अनुभव होता है.

पीकौक थीम्ड मंडप: इस तरह के मंडप में चारों ओर सुनहरे रंग के खंभे बनाए जाते हैं. मंडप के बीच में मोर की कलाकृति वाली डिजाइन गुलाबी फूलों की सहायता से बनाई जाती है. गोल्डन पिलर और गुलाबी फूल ही इस मंडप का खास आकर्षण होते हैं.

रौयल थीम: रजवाड़ा मंडप ट्रैडिशनल ट्विस्ट के साथ कंटैंपेरिरी डिजाइन को मिला कर बनाया जाता है. इस में अधिक फूलों का प्रयोग कर ऐलिगैंट लुक दिया जाता है. चमकदार गहरे रंगों से बनाया गया यह मंडप शाही अंदाज का अनुभव कराता है. इस में रोशनी, पुरानी कलाकृतियां, रंग और साटन के कपड़े आदि से की गई सजावट देखने लायक होती है. मंडप का प्रवेशद्वार भी काफी आकर्षक बनाया जाता है. मंडप के आसपास बैठने की व्यवस्था को शाही लुक देने के लिए हैवी और क्लासी कुशन और मैट्रेस का प्रयोग किया जाता है.

..तो ये हैं इंडिया की ऑफिशियल स्वीटहॉर्ट

कंगना रनौत फिल्मकार हंसल मेहता की फिल्म ‘सिमरन’ की शूटिंग कर अमेरिका से वापस लौट आई हैं और मुंबई स्थित महबूब स्टूडियो में आयोजित एक इवेंट में वो काफी जॉली मूड में दिखीं. इस इवेंट में उन्हें ‘बीइंग कंगना’ टॉपिक पर बोलना था. उन्होंने यहां ना सिर्फ फोटोग्राफरों को पोज दिए, बल्कि मीडिया से मुखातिब भी हुईं.

अपनी आने वाली फिल्मों ‘सिमरन’ और ‘रंगून ‘ के बारे में बात करने के बाद जब उनसे ‘कॉफी विद करण’ पर आलिया के कमेंट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं आलिया से बहुत प्यार करती हूं. वो बहुत टैलेंटेड हैं. मुझे अच्छा लगा जानकर कि वो मेरे बारे में जानना चाहती हैं. ये बिल्कुल भी ऑफिनसिव नहीं है. मुझे उसका काम बहुत पसंद है. वो भारत की ऑफिशियल स्वीटहार्ट हैं.’

आपको बता दें कि करण जौहर के शो ‘कॉफी विद करण’ में आलिया व रणवीर सिंह एक साथ हिस्सा लेते नजर आए थे और इस दौरान दोनों ने कंगना का मजाक उड़ाया था.

आलिया ने कहा था कि कंगना के कई लवली एयरपोर्ट लुक्स सामने आए हैं, मगर ये नहीं पता कि वो कहां जाती हैं. खैर, कंगना ने अपने अंदाज में इसका जवाब दे दिया है. उन्हें यूं ही बॉलीवुड की क्वीन नहीं कहा जाता. रणवीर की बातों को भी उन्होंने हंसकर टाल दिया.

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