विंटर में मोक पाउट से पाएं ग्लैमरस अवतार

विंटर में अक्सर अपने लुक्स को लेकर आप परेशान रहती हैं और अपने समर एक्सपेरिमेंट्स को मिस करती हैं. इस विंटर ऐसा नहीं होगा क्योंकि हम आपके लुक को ग्लॉसी और ग्लैमरस बनाए रखने के लिए लाए हैं, जरूरी और आसान टिप्स. तो इस विंटर अपने लुक में ग्लैमर एड करिए मोक (कॉफी) पाउट के साथ…

इस साल आपकी विंटर को ग्लैमरस बनाने के लिए क्रिम्जन (गहरा लाल), क्रैन्बेरी कलर ( करौंदे का रंग) ब्लैकेस्ट बेरी, ऑक्सब्लड और चॉकलेट शेड्स ट्रेंड में हैं.

लिपस्टिक में आपको मैट लुक पसंद है तो डार्क मैट शेड्स में वाइन,प्लम, मसाला और कॉफी शेड्स के साथ आप किसी भी विंटर आउटफिट में कमाल लग सकती हैं. एक खास बात जो आपको याद रखनी है, वो यह है कि लिपस्टिक एप्लाई करने से पहले मॉइश्चराइजर लगाना न भूलें.

मेकअप एक्सपर्ट्स के अनुसार इस विंटर आई मेकअप इतना हाई-लाइट नहीं होगा. इसलिए आप अपने लिप कलर और शेड के साथ खासे एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं. वैम्पायर लुक के लिए आप ब्लैकेस्ट बेरी, ऑक्सब्लड, एक्स्ट्रा डार्क मरून और वॉइलेट कलर को चुन सकती हैं.

पेस्टल और ब्राइट पिंक कलर के साथ आप हॉट समर फील को सर्दियों में भी एंजॉय कर सकती हैं.

अगर आपको लाल होंठ ही पसंद आते हैं तो सर्दियों में गर्माहट भरा लुक पाने के लिए आप लाल रंग के रूबी, ब्लड, चेरी, ब्रिक और कैंडी जैसे शेड्स ट्राई कर सकती हैं.

नेचुरल लिप कलर के लिए आप न्यूड ग्लॉसी, बेंज, मोक शेड्स अपनाएं. इससे आपको परफेक्ट लुक के साथ ही नेचुरल एनर्जी भी महसूस होगी.

हिमालय की गोद में बसा नेपाल

हिमालय की गोद में बसा दुनिया का खूबसूरत देश नेपाल सदियों से सैलानियों का ध्यान अपनी ओर खींचता रहा है. यह दक्षिण एशिया का एकमात्र देश है जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद से बचा रहा. विदेशी मुद्रा और आमदनी का सबसे बड़ा जरिया यहां का पर्यटन विभाग है. हर साला लाखों की संख्या में पर्यटक इस खूबसूरत देश को देखने के लिए आते हैं.

खूबसूरती और भव्यता के लिए प्रसिद्ध प्राचीन मंदिरों का शहर काठमांडू कला और संस्कृति का केंद्र है. हिमालय की पहाड़ियों से घिरा हुआ काठमांडू नगर यूनेस्को की विश्व धरोहरों में शामिल है. यह नगर अपनी संस्कृति और परंपराओं के अतिरिक्त विशिष्ट शैली में बनेघर के लिए भी विश्व विख्यात है. यहां के मंदिरों की विश्व में अपनी अलग ही पहचान है जिसे देखने के लिए दुनियाभर के सैलानी यहां पहुंचते हैं. पशुपतिनाथ मंदिर उनमें से एक है. काठमांडू के पूर्वी हिस्से में बागमती नदी के तट पर स्थित यह मंदिर हिन्दू धर्म के आठ सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है. यह नेपाल में यह भगवान शिव का सबसे पवित्र और बड़ा मंदिर है.

पशुपतिनाथ मंदिर दुनियाभर के हिन्दूतीर्थ यात्रियों के अलावा गैर हिन्दू पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी रहा है. सावन के महीने में यहां श्राद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनती है. हिन्दूतीर्थ यात्रियों के लिए इस मंदिर का ठीक उतना ही महत्व है जितना भारत में केदारनाथ मंदिर. अगर इस मंदिर की संरचना के बारे में बात की जाए तो इसे एक मीटर ऊंचे चबूतरे पर स्थापित किया गया है. चौकोर आकार के बनी इस मंदिर की चार दरवाजे हैं. दक्षिणी द्वार पर तांबे की परत पर स्वर्ण जल चढ़ाया हुआ है. बाकी तीन पर चांदी की परत है. ऐसी मान्यता है कि मुख्य मंदिर में महिष रूपधारी भगवान शिव का शिरोभाग है, जिसका पिछला हिस्सा केदारनाथ में है. जिस नगर में यह मंदिर है उसके चारों ओर पर्वत मालाएं हैं, जिनकी खूबसूरती देखते ही बनती है. समुद्रतल से 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित काठमांडू शहर में मंदिरों के अलावा देखने के लिए और भी बहुत कुछ है.

बुद्धा स्तूप

तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक यह स्तूप नेपाल का सबसे विशाल स्तूप है. यहां से सम्पूर्ण काठमांडू का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है.

गार्डन ऑफ ड्रीम

थामेल एवं पूर्व रॉयल पैलेस के समीप यह सुंदर और ऐतिहासिक गार्डन ‘गार्डन ऑफ सिक्स सीजन’ के नाम से प्रसिद्ध है जिसे 1920 में स्थापित किया गया है. इस गार्डन की खास बात यह है कि इसे एडवर्डियन स्टाइल में डिजाइन किया है.

नारायणहिती महल संग्रहालय

दशकों तक राजशाही की आन बान और शान का प्रतीक रहेनेपाल के नारायणहिती महल को 2009 में संग्रहालय घोषित किया गया. काठमांडू का यह खूबसूरत महल नेपाल राजाओं का निवास स्थान रहा है.

फ्रीक स्ट्रीट

यह काठमांडू की सबसे महत्वपूर्ण सड़क है जहां सैलानियों की भींड़ आज भी उमड़ती है. इसके अलावा काठमांडू में स्वयंभू, नासल चौक, थेमल चौक पर्यटन के मुख्य आकर्षण हैं.

युवाओं में क्षमतायें बहुत हैं: अनुकृति शर्मा

उत्तराखंड की रहने वाली और दिल्ली, लखनऊ में अपनी पढाई पूरी करने वाली अभिनेत्री और मॉडल अनुकृति गोविंद शर्मा कहती हैं, आज के युवाओं की क्षमताओं का पता लगाना बेहद मुश्किल है. वह हर अवसर को अपने हिसाब से मोड़ने में सक्षम हैं. यही वजह है कि वह इंटरनेट और मीडिया से मिलने वाली सहूलियतों को अपने अनुकूल करने में सफल हो रहे हैं. जिन प्रतिभाओं की चर्चा नहीं होती थी वह कहीं अंधेरे में पड़ी रहती थी वह अब इंटरनेट और यूटयूब के जरीये दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने में सफल हो रहे हैं. ऐसे कई वीडियो उदाहरण बन गये हैं. जरूरत इस बात की है कि इस माध्यम का प्रयोग बेहद समझदारी और जिम्मेदारी के साथ हो.

बायोटेक्नाली से ग्रेजुएट करने के बाद अनुकृति गोविंद शर्मा ने साउथ की फिल्मों से एक्टिंग की शुरूआत की. तमिल और तेलगू की फिल्मों से एक्टिंग शुरू करने के बाद अनुकृति ने फैशन शो और मॉडलिंग में कदम रखा. सभी बड़े टॉप के डिजाइनर के साथ रैंप शो किया. वह मॉडलिंग के लिये पूरी तरह से फिट है. साउथ फिल्मों में काम करने के बाद भी वह स्लिम ट्रिम बनी रही.

अनुकृति गोविंद शर्मा ने अब युवाओं को मंच देने के लिये हैदराबाद में अपना एक प्रोडक्शन हाउस खोला है. इसमें ब्यूटी, लाइफस्टाइल, शॉर्ट फिल्में, डाक्यूमेंट्री, मेकअप, म्यूजिक एलबम, वीडियो सभी की जानकरियां होगी.

अनुकृति कहती हैं इसके जरीये केवल युवाओं को मंच दिया जायेगा. यूट्यूब के जरीये यह दुनिया के सामने आयेगा. वह कहती हैं युवा अपने लिये हमारे प्रोडक्शन के जरीये सब कुछ तैयार करा सकते हैं.अनुकृति ने अपने ब्राइडल मेकअप और ब्राइडल पोशाकों को लेकर नई पहल शुरू की है. इसे गोविंद आशा ब्राइडल टीवी पर देखा जा सकता है. वह कहती है कि इसके जरीये छोटे छोटे शहरों की प्रतिभाओं को देश विदेश में अपनी क्षमता दिखाने का मौका मिलेगा.

निर्माताओं को निहलानी की सलाह

‘केंद्रीय फिल्म प्रमाण बोर्ड’ के चेअरमैन पहलाज निहलानी ने कुछ फिल्म ट्रेंड पत्रिकाओं में अपनी तरफ से निर्माताओं के नाम एक अपील छपवायी है. इस अपील में पहलाज निहलानी ने नोट बंदी की वजह से पैदा हुए हालात के सामान्य होने तक ‘डिअर जिंदगी’, ‘कहानी 2’, ‘बेफिक्रे’ और ‘दंगल’ फिल्म के निर्माताओँ से अपील की है कि वह अपनी अपनी फिल्मों के प्रदर्शन को स्थगित कर समय का इंतजार करें.

पहलाज निहलानी ने अपनी इस अपील में लिखा है कि “नोट बंदी की वजह से दस नवंबर से थिएटरों में दर्षक नहीं पहुंच रहे हैं. मल्टीप्लैक्स के लिए दर्षक ऑनलाइन टिकट खरीद रहा है. पर हर सिनेमा घर में ऑनलाइन टिकट खरीदने की सुविधा नहीं है. जिसके चलते मटीप्लैक्स में 20 से तीस प्रतिशत लोग ही टिकट खरीद पा रहे हैं. जबकि सिंगल थिएटर में टिकट तो नगद पैसे से ही खरीदे जा सकते हैं, जिसके चलते सिंगल थिएटरो में टिकट सबसे कम बिक रहे हैं. लोग अभी अपने पुराने नोटों के बदलवाने में व्यस्त हैं. इसलिए मैं निर्माताओं से कहना चाहूंगा कि उन्हें कुछ समय इंतजार करना चाहिए और जब बाजार में नगदी के हालात सुधर जाएं, तब वह अपनी फिल्म के प्रदर्शन की तारीखें तय करें.”

अब कौन सा फिल्म निर्माता ‘केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड’ के चेअरमैन पहलाज निहलानी की इस अपील पर क्या कदम उठाएगा, यह तो वक्त ही बताएगा.

घर से ऐसे भगायें मच्छर

बरसात भले जा चुकी है पर बरसाती मच्छर हैं कि जाने का नाम ही नहीं ले रहे. अगर आप भी मच्छरों से परेशान हैं तो चलिए मच्छरों को भगाने के कुछ ऐसे तरीके बताते हैं जिन पर ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ेगा और मच्छर भी भाग जाएंगे       

– सरसों के तेल में अजवायन पाउडर मिला कर इस से गत्ते के टुकड़ों को तर कर लें. अब इन टुकड़ों को कमरे में ऊंचाई पर रखें. मच्छर भाग जाएंगे. तेल में तरबतर टुकड़ों को प्लेट में रखना न भूलें वरना चींटियों के आने का अंदेशा रहता है.

– मोस्कीटो रिपेलैंट में लिक्विड खत्म हो जाए तो उस में नींबू का रस और नीलगिरी का तेल भर कर जलाएं. इसे आप हाथ और पैरों पर भी लगा सकते हैं.

– नींबू के 2 टुकड़े कर लें. अब आधे टुकड़े में 10-12 लौंग फंसा कर प्लेट में रखें. मच्छर भाग जाएंगे.

– एक लैंप में थोड़ा सा मिट्टी का तेल डालें. फिर उस में कुछ बूंदें नीम के तेल की डालें. इस में आधी टिकिया कपूर की मिला दें. फिर लैंप को जला दें. मच्छर भाग जाएंगे.

– घर में तुलसी का पौधा मच्छरों को भगाने में मदद करता है.

बदलेगा ‘ट्यूबलाइट’ का क्लाइमेक्स?

फिल्मकार कबीर खान चाहे जितने दावे करें और सफाई देते रहे, मगर कबीर खान और सलमान खान के बीच बढ़ती दूरियां साफ नजर आने लगी है.

सूत्रों की मानें तो सलमान खान की कबीर खान से बिलकुल नहीं पट रही है. कबीर खान व सलमान खान के बीच पैदा हुई दूरी के ही चलते सलमान खान ने कबीर खान के निर्देशन में करीबन चार फिल्में करने से इंकार कर दिया.

इतना ही नहीं इसी वजह से फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ की शूटिंग भी बीच में रूक गयी थी. ‘ट्यूबलाइट’ की शूटिंग फिर से शुरू हुई है, तो सलमान खान ने फिल्म के निर्देशक कबीर खान से साफ साफ कहा है कि उन्होंने इस फिल्म का क्लाइमेक्स जो फिल्माया है, उसे बदलकर नया क्लाइमेक्स फिर से फिल्माएं.

इतना ही नहीं सलमान खान क्लाइमेक्स को फिल्माने के लिए पुनः मनाली जाने की बजाय चाहते हैं कि मुंबई में ही सेट बनाकर मनाली को गढ़ा जाए. मजेदार बात यह है कि फिल्म के निर्माता खुद सलमान खान हैं. सूत्रों का दावा है कि सलमान खान के नजदीकी लोग सलमान खान को समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि मुंबई में मनाली का माहौल नहीं रचा जा सकता, पर फिलहाल सलमान खान अपनी जिद पर अड़े हुए हैं.

सलमान खान एक तरफ ‘ट्यूबलाइट’ का क्लाइमेक्स पुनः फिल्माना चाहते हैं, जबकि वह एक साथ कई फिल्मों की शूटिंग के लिए हामी भर चुके हैं. एक तरफ उन्हें ‘यशराज फिल्मस’ की अली अब्बास जफर के निर्देशन में बन रही फिल्म ‘टाइगर जिंदा है’ की शूटिंग कटरीना कैफ के साथ करनी है, तो दूसरी तरफ उन्हें अपनी बहन अल्वीरा की फिल्म की भी शूटिंग करनी है.

‘दबंग 3’ के अलावा अपने पिता सलीम खान लिखित एक फिल्म भी करनी है. वहीं वह ‘रेस 3’ भी करने वाले हैं. ऐसे में सवाल यही है कि क्या कबीर खान, सलमान खान की बात मानकर फिल्म ‘ट्यूबलाइट’ का क्लाइमेक्स बदलेंगे? दूसरा सवाल है कि क्या सलमान खान जिद छोड़कर क्लाइमेक्स को दुबारा फिल्माने के लिए मनाली जाएंगे?

आखिर कौन है आलिया का असली ब्वॉयफ्रेंड!

फिल्म इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा बातें आलिया की लव लाइफ के बारे में की जाती हैं. इसके बाद उनकी परफॉर्मेंस और फिल्मों के बारे में कोई सवाल किया जाता है. लेकिन आलिया ने कभी भी अपने साथ जुड़े नाम को डेट करने के सवाल पर कुछ नहीं कहा है.

सूत्रों की मानें तो जब से उन्होंने एक्टिंग करियर की शुरुआत की है तबसे वो वरुण धवन, अर्जुन कपूर और सिद्धार्थ मल्होत्रा को डेट कर चुकी हैं. हालांकि एक्ट्रेस ने हमेशा यही कहा है कि उनका सभी के साथ दोस्ती का रिश्ता है. तो सवाल उठता है कि आखिर कौन है आलिया का असली ब्वॉयफ्रेंड?

इस सवाल का जवाब किसी और ने नहीं बल्कि उनके स्टूडेंट ऑफ द ईयर को-स्टार वरुण धवन ने दिया है. कॉफी विद करण सीजन 5 के शो पर जब एक्टर से यह सवाल पूछा गया तो उन्होंने बताया कि आलिया दुबई के एक लड़के को डेट कर रही हैं.

यह बात मजाक नहीं बल्कि सच है. सिद्धार्थ मल्होत्रा को डेट करने से पहले एक्ट्रेस अली को डेट कर रही थीं. अली (दंडारकर) दुबई में रहते हैं. एक्ट्रेस ने इस बात को कभी स्वीकार नहीं किया कि उनका कोई ब्वॉयफ्रेंड है. लेकिन वरुण के खुलासे से यह बात साबित हो गई है कि अली को आलिया से बेहद प्यार है. हाल ही में अली एक बार फिर से उनकी जिंदगी में वापसी कर चुका है. ऐसा लगता है कि अली का चैप्टर अब खत्म हो चुका है क्योंकि एक्टर ने कहा कि वो उन्हें पहले डेट कर रही थी.

करण इस बात को जानना चाहते थे कि उनके शो पर आए दोनों मेहमान वरुण धवन और अर्जुन कपूर ने क्या कभी एक्ट्रेस को डेट किया है. जिससे दोनों ने ही इंकार कर दिया. उन्होंने बताया कि उनके काम की वजह से उनके पास आलिया के साथ कनेक्ट होने के लिए पर्याप्त समय नहीं था. जिसकी वजह से उनके बीच गैप आ गया. वरुण ने कहा कि क्योंकि मैंने एक्ट्रेस के साथ कई फिल्मों में काम किया है इसी वजह से लिंकअप की खबरें बढ़ी हैं. वो हम दोनों के लिए सिर्फ दोस्त है. हालांकि दोनों ने सिद्धार्थ के साथ भट्ट के रिश्ते के बारे में कुछ नहीं बोला.

4 दशकों की कहानी, पत्थरों की जुबानी…

अगर आप मुंबई से गोवा के बीच के आकाश में होगे तो खिड़की से बाहर झांकने पर दूर-दूर तक पानी का सैलाब, रंग-बिरंगे घर और हरियाली नजर आएगी. यह दृश्य देखते ही समझ जाइए आप गोवा पहुंचने वाले हैं. टैक्सी में बैठे बैठे भी सोशल मीडिया छोड़ आप गोवा की सड़कों की रौनक जरूर देखें. आने-जाने में असुविधा न हो, इसलिए दोपहिया वाहन किराए पर लेने में ही समझदारी है.

गोवा में सिर्फ बीच, पार्टी और खूबसूरत विदेशी ही नहीं है, यहां इनके अलावा भी बहुत कुछ है. यहां है देश के सबसे पुराने और संरक्षित ‘अग्वादा किला’. बिंदास माहौल और खुलेपन की मिसाल गोवा अपने में इतिहास की कई कहानियां समेटे है.

इतिहास के गलियारों से

उत्तरी गोवा की बारदेज तहसील में है अग्वादा किला. यह अरपोरा से 8 किलोमीटर दूर है. अरपोरा से कैंडोलिम और सिन्क्वेरिम समुद्र तट की तरफ जाने वाली सड़क आगे किले तक ले जाती है. फोर्ट रोड पर चहल-पहल भरे बाजार, कई अच्छे विदेशी रेस्तरां और कैफे हैं. बाजार पार करने के बाद हल्की चढ़ाई है. रास्ता थोड़ा घुमावदार हो जाता है, लेकिन खूबसूरत नजारे यहां भी आपके साथ रहते हैं. ट्रैफिक न के बराबर है और सड़क के दोनों तरफ झाडि़यां हैं.

अग्वादा पुर्तगाली भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है- पानी का स्थल. मांडवी नदी के मुहाने पर बसा अग्वादा किला 1612 ईस्वी में बनवाया गया था. इसे पुर्तगालियों ने बनवाया था. हर किले की तरह इस किले का निर्माण भी दुश्मनों से सुरक्षा के लिए किया गया. लेकिन इस किले को बनवाने का एक और मकसद था- यूरोप से आने वाले जहाजों के लिए ताजा पानी मुहैया कराना.

 किले में पानी जमा  रहे, इसके लिए यहां एक विशाल टंकी बनवाई गई थी. इसे संभालने के लिए 16 बड़े स्तंभों का प्रयोग किया गया. टंकी की भंडारण क्षमता कई लाख गैलन है. इसमें पानी एकत्र करने के लिए प्राकृतिक झरनों की मदद ली जाती थी. मजे की बात है कि ये झरने किले के अंदर ही थे. 17वीं और 18वीं शताब्दी में दूर-दराज से आने वाले जहाज यहां रुकते, और ताजे पानी का स्टॉक लेकर आगे बढ़ जाते.

किले के प्रांगण में प्रवेश करते है टंकी सामने ही दिखाई देती है. इस पर खड़े होकर चारों तरफ नजर दौड़ाने पर आपको लगेगा जैसे लंबी आयताकार दीवार ने आपको घेरा हुआ है. एक कोने पर सफेद रंग का लाइट हाउस तो दूसरे किनारे पर मांडवी नदी है. ये दोनों किले की खूबसूरती को बढ़ाते हैं.

 यहां निरभ्र शांति है, और सुकून चाहने वालों के लिए यह जगह किसी सौगात से कम नहीं है. किले की बाहरी दीवार लगभग ढह चुकी है. अंदर की दीवारें मजबूत हैं जो तीन तरफ से चौड़ी खाई से घिरी हैं. चौथा छोर नदी की तरफ खुलता है. किले की संरचना कुछ ऐसी है कि इसे दो भागों में बांट सकते हैं- एक ऊपरी भाग और दूसरा निचला भाग. किले के ऊपरी हिस्से में पानी की टंकी, लाइट हाउस, बारूद रखने का कक्ष और बुर्ज हैं, जबकि निचला हिस्सा पुर्तगाली जहाजों की गोदी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. खास बात यह है कि अग्वादा देश का एकमात्र किला है जिस पर कभी किसी का आधिपत्य नहीं हो सका. यही वजह है कि पुर्तगाली किलों में अग्वादा सबसे अहम है.

पुराने दीप स्तंभों में से एक

लाइट हाउस किला परिसर में है और बाहर से ही दिखना शुरू हो जाता है. इसकी चार मंजिलें हैं. वर्ष 1864 में पुर्तगाल से आने वाले जहाजों को दिशा दिखाने के लिए इसे बनवाया गया था. अगर कहा जाए कि किले की शान लाइट हाउस है तो गलत नहीं होगा. अग्वादा लाइट हाउस देश के सबसे पुराने लाइट हाउस में से एक है. हालांकि बहुत-से लोग का मानना है कि यह एशिया का सबसे पहला दीप स्तंभ है. 1976 में इसका इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया था.

सेंट्रल जेल

किले के निचले भाग को, जो बाकी हिस्सों के मुकाबले बेहतर हालत में है, जेल में तब्दील कर दिया गया है. अब यह गोवा की सेन्ट्रल जेल है जिसमें नशीली दवाओं के कारोबार से जुड़े कैदियों को रखा जाता है. सैलानियों को यहां आने की इजाजत नहीं है. अग्वादा से करीब एक किलोमीटर पहले सिन्क्वेरिम तट है. बारदेज से आते हुए बाईं तरफ कई मोटरबोट हैं, जो डॉल्फिन पॉइंट जाने के लिए खड़ी रहती हैं. बोट में बैठकर डॉल्फिन्स के ऊपर आने के इंतजार भी अपना अलग ही मजा है. पानी से उचककर जितनी तेजी से वो बाहर आती हैं, उतनी ही फुर्ती से गुम भी हो जाती हैं. यहीं किनारे पर आप सेन्ट्रल जेल देख सकते हैं. किले और लाइट हाउस का ऊपरी हिस्सा भी यहां से साफ नजर आता है.

सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए बनेगा फिल्म प्रोत्साहन कोष

सरकार ने अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह में भारतीय सिनेमा को बढ़ावा देने के लिए एक फिल्म प्रोत्साहन कोष बनाने की नई पहल की है. इस पहल से स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं को दुनिया भर में उनके कार्य को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी.

फिल्म प्रोत्साहन कोष अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के किसी भी प्रतियोगिता खंड में चुनी जाने वाली और प्रचार गतिविधियों के लिए विदेशी फिल्म श्रेणी के अंतर्गत अकादमी पुरस्कार के लिए भारत के आधिकारिक नामांकन में चुनी जाने वाली फिल्मों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा.

फिल्म समारोह निदेशालय को सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ पैनल की सिफारिशों के आधार पर इस पहल को कार्यान्वित करने के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है. आईएफएफआई के 47वें संस्करण में सुगम्य भारत अभियान के अंतर्गत विशेष श्रव्य वर्णित तकनीक के साथ दिव्यांग बच्चों के लिए तीन फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा. इसका प्रदर्शन यूनेस्को और सक्षम के सहयोग से किया जाएगा.

सरकार के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर, आईएफएफआई 2016 में स्वच्छ भारत विषय पर आधारित पुरस्कार जीतने वाली 20 लघु फिल्मों के एक विशेष पैकेज का भी प्रदर्शन किया जाएगा. इन 20 फिल्मों को 4346 प्रविष्टियों में से चुना गया है और नई दिल्ली में दो अक्टूबर को राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम द्वारा आयोजित ‘स्वच्छ भारत फिल्म महोत्सव’ में सम्मानित किया गया.

आईएफएफआई इस नई प्रतियोगिता खंड के अंतर्गत युवा प्रतिभा को मान्यता देंगे. इस खंड में दुनिया भर के सिनेमा से 2016 की निर्देशकों की पहली शानदार फिल्मों का प्रदर्शन होगा. विजेता को एक रजत मयूर और दस लाख रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.

2016 में फिल्म, टेलीविजन और श्रव्य/दृश्य संचार अंतरराष्ट्रीय परिषद (आईसीएफटी), पेरिस और यूनेस्को भी एक ऐसी फिल्म को ‘आईसीएफटी- यूनेस्को गांधी पदक’ प्रदान करेगा जो शांति, सहिष्णुता और अहिंसा के आदर्शो को दर्शाती है.

आईएफएफआई 2016 में बारको इलेक्ट्रॉनिक्स के माध्यम से एक नए लेजर आधारित फोस्फर व्हील प्रोजेक्टर को प्रस्तुत किया जाएगा, जिसका उपयोग दुनिया भर में किसी भी फिल्म महोत्सव में पहली बार किया जा रहा है.

ताकि सर्दियों में बाल गिरने न पाएं

वैसे तो बालों के झड़ने की प्रॉब्लम हमेशा ही बनी रहती है लेकिन सर्दियों में यह कुछ बढ़ जाती है. ऐसा कहा जाता है कि एक दिन में 100 बाल गिरना समान्य बात है लेकिन अगर इनकी गिनती बहुत ज्यादा है तो यह वक्त संभलने का है. इन उपायों को अपनाकर आप अपने बेशकीमती बालों को गिरने से रोक सकते हैं.

– बाल धोने से पहले कंघी जरूर करें. बाल धोने के दौरान उलझ जाते हैं. ऐसे में पहले से ही उलझे बाल और भी बुरे हो जाएंगे. इसके साथ ही यह भी याद रखें कि गीले बालों में गलती से भी कंघी न करें. इससे बाल कमजोर हो जाएंगे.

– हर रात कंघी करके ही सोएं. इससे सुबह उठने पर आपको उलझे हुए बाल नहीं मिलेंगे. इससे बालों का गिरना भी कम होगा.

– गुगुने पानी से बाल धोएं. गर्म पानी से बाल धोना सही नहीं है. इससे बाल और ज्यादा गिरने लगेंगे. ज्यादातर लोग इन दिनों में गर्म पानी से बाल धो लेते हैं, जिससे यह समस्या बढ़ जाती है.

– बेबी शैंपू यूज करें. माइल्ड शैंपू यूज करने से बाल उलझेंगे भी कम और झड़ेंगे भी कम.

– कंडिशनर का इस्तेमाल करें लेकिन जड़ों में नहीं.

– बालों को सामान्य तरीके से सूखने दें. ड्रायर का इस्तेमाल बालों को रूखा तो बनाएगा ही साथ इससे बाल भी गिरेंगे.

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