मिनटों में आ जाएगा चेहरे पर निखार

कई बार ऐसा होता है कि हमारे पास तैयार होने का समय नहीं होता. ऐसे में हम कोई ऐसा नुस्खा चाहते हैं, जिससे मिनटों में चेहरे पर निखार आ जाए. पर क्या यह संभव है कि 20 मिनट में चेहरे पर ग्लो आ जाए? इन टिप्स को ध्यान में रखकर आप 20 मिनट में अपना खोया निखार वापस पा सकते हैं.

– अगर आपके पास घर में ब्लीच क्रीम नहीं है तो आप आलू का इस्तेमाल कर सकते हैं. आलू एक नेचुरल ब्लीच है. आलू स्किन टोन को हल्का करने का काम करता है. इसके अलावा आलू ऐक्ने को भी साफ करने में मददगार है. आलू को पीसकर उसका एक पेस्ट तैयार कर लें और चेहरे पर लगाएं. करीब 20 मिनट बाद चेहरा साफ कर लें.

– आलू के अलावा टमाटर भी एक अच्छा ब्लीच है. टमाटर में भरपूर मात्रा में ऐंटि-ऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं. टमाटर के गूदे से को अच्छी तरह पीसकर एक पेस्ट तैयार कर लें. इस पेस्ट को चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें. इसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इससे चेहरे पर मौजूद दाग-धब्बे भी साफ हो जाएंगे.

– आप पपीते का इस्तेमाल भी चेहरे पर चमक लाने के लिए कर सकते हैं. एक पपीते को अच्छी तरह पीस लें. इसमें गुलाब जल की कुछ बूंदें मिला लें. इस पैक को फेस मास्क की तरह चेहरे पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें.

हर मौसम में हिट है ये फैशन

सर्दियों में सबसे ज्यादा टेंशन फैशन ट्रेंड को लेकर होती है. मोटे-मोटे ऊनी कपड़ों के बीच ट्रेंडी नजर आना किसी चुनौती से कम नहीं है लेकिन कुछ चीजें सदाबहार होती हैं. इन टिप्स को अपनाकर आप भी ट्रेंडी और क्लासिक नजर आएंगी… तो खुद को तैयार कर लीजिए.

नाजुक पेस्टल रंगों का चयन

टोट या चेन स्ट्रैप, बैग चाहे जो भी हो, पर सुनिश्चित करें कि इस मौसम में सब नाजुक पेस्टल रंगों का ही हो.

समय की बचत

रोज और रोज गोल्ड घड़ियां देंगी रॉयल लुक.

आंखों की हिफाजत

कैट आइ सनग्लासेज को अलविदा कहें और बग आइ सनग्लासेज चुनें.

ज्वेलरी का कमाल

क्रिस्टल और राइनस्टोन (स्टफिक) ज्वेलरी की लेयर्स चमकीली होंगी और बहुत ज्यादा ध्यान अट्रैक्ट करेंगी.

जूतों का जादू

आरामदेह फैशन का स्थान सबकी सूची में अव्वल होता है. अपनी टीम वाली सैंडल्स की जगह डेपर लेदर मोकैसिन्स यानी सॉफ्ट चपड़े से बनें सपाट जूतें पहनें.

लिप्स का कमाल

होंठों पर लाल रंग की लिपस्टिक से ज्यादा आकर्षक भला और क्या लगेगा. इसलिए इस कलर को बेहिचकर लगाएं.

नोट बदलते वक्त न करें ये गलतियां

सरकार की ओर से 1000 और 500 रुपए के नोट बैन किए जाने के बाद बैंकों के बाहर लंबी लाइन लगी है. हर व्‍यक्ति अपना पैसा जमा कराने की जल्‍दी में है. एटीएम और बैंकों के सामने सुबह से शाम तक लंबी लाइन देखी जा रही है, लेकिन आपको बहुत परेशान होने की जरूरत नहीं है. आपका पैसा सेफ रहेगा. आपको अपने पैसे को 30 दिसंबर से पहले बैंक में जमा कराना होगा. इसके अलावा आप रेलवे, हॉस्पिटल और मेट्रो जैसे जरूरी सेवाओं में 24 नवंबर तक अपना पैसा जमा कर सकते हैं.

कुल मिलाकर जल्‍दबाजी न करें, क्‍योंकि अक्‍सर हम जल्‍दबाजी में ही गलतियां करते हैं.  हम यहां आपको जल्‍दबाजी में की जाने वाली ऐसी 5 ग‍लतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनके चलते टैक्‍स अधिकारी के नजर में आ सकते हैं.

1. बिना कैश बुक जांचे 2.5 लाख रुपए जमा करना

क्‍या होगा इससे?

2.5 लाख के डिपॉजिट पर सरकार कोई जांच नहीं करेगी, लेकिन आपने पहले भी अपने बैंक से ट्रांजनेकशन किए हैं. अगर 2.5 लाख डालने के बाद डिपॉजिट या ट्रांजेक्‍शन लिमिट के पार पहुंच रहा है तो आप टैक्‍स डिपार्टमेंट के राडार पर आ जाएंगे. दरअसल सेविंग अकाउंट पर 10 लाख से ज्‍यादा ट्रान्‍जेक्‍शन पर बैंक आपके खाते की जानकारी टैक्‍स डिपार्टमेंट को देता है.

ये है सॉल्‍यूशन?

आप सबसे पहले अपने कैश बुक को करेक्‍ट करें, जिससे ट्रांजेक्‍शन और कैश बुक का मिलान हो सके. इसके बाद अगर आप ज्‍यादा कैश भी जमा करते हैं तो आपको कोई दिक्‍कत नहीं होगी, क्‍योंकि आप टैक्‍स अधिकारियों के सामने अपनी बात रखने में सक्षम होंगे.

2. ज्‍यादा मात्रा में एक साथ कैश डिपॉजिट करना

क्‍या होगा इससे?

अगर आपने पहले इतना डिपॉजिट नहीं किया है तो आप टैक्‍स डिपार्टमेंट के राडार पर आ जाएंगे.

क्‍या है सॉल्‍यूशन?

पैसा थोड़े-थोड़े इन्‍स्‍टॉलमेंट में जमा करें और इस दौरान अपनी अर्निंग के एविडेंस भी जमा करें. अगर इन्‍फॉर्मल एविडेंस भी हैं तो भी जमा करके रखें, इससे टैक्‍स विभाग के सामने आपको अपनी बात रखने में आसानी होगी. प्रोफेशनल्‍स से सलाह लें.

3. बड़े पैमाने पर सोना खरीद लेना

क्‍या होगा इससे?

एक्‍साइज डिपार्टमेंट के डेटा के जरिए सरकार आप तक पहुंच जाएगी. सोने की हर बड़ी खरीद का ब्‍यौरा दुकानदारों को एक्‍साइज डिपार्टमेंट को हर साल सौंपना होता है.

क्‍या है सॉल्यूशन?

सोने में लिमिटेड निवेश करें या फिर खरीदने से बचें, प्रोफेशनल्‍स की सलाह लें.   

4. अपनी निजी जानकारी किसी अनजबी से साझा करना

क्‍या होगा इससे?

आपकी जानकारी लीक हो सकती है या आपके खिलाफ सामने वाला व्‍यक्ति शिकायत कर सकता है.

क्‍या है सॉल्‍यूशन?

इस बारे में पेशेवर लोगों से सलाह लें और उसी हिसाब से अपनी आय दिखाएं.

5. अपनी आय टैक्‍स डिपार्टमेंट के समाने घोषित नहीं करना

क्‍या होगा इससे?

लगातार कड़े होते टैक्‍स नियमों और तकनीक के चलते आप आज नहीं तो कल पकड़ में आ जाएंगे.

क्‍या है सॉल्‍यूशन?

अपनी आय इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट को बताएं, टैक्‍स और पेनाल्‍टी अदा करें और चैन की नींद सोएं.

प्रमोशन करने में मजा आता है: विद्या बालन

फिल्म ‘परिणीता’, ‘लगे रहो मुन्ना भाई’,  ‘द डर्टी पिक्चर’, ‘कहानी’ आदि कई फिल्मों से अपने अभिनय कालोहा मनवा चुकीं अभिनेत्री विद्या बालन स्वभाव से हंसमुख, विनम्र और स्पष्ट भाषी हैं. ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ उनके करियर की टर्निंग पॉइंट थी. जिसके बाद से उन्हें पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. उन्होंने अपने उत्कृष्ट परफोर्मेंस के लिए कई अवार्ड जीते. साल 2014 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. यही वजह है कि आज कोई भी निर्माता, निर्देशक उन्हें लेकर एक सफल फिल्म बनाने की कोशिश करता है. वह अपनीकामयाबी से खुश हैं और मानती हैं कि एक अच्छी स्टोरी ही एक सफल फिल्म दे सकती है. ‘कहानी’ फिल्म उनकी सफल फिल्म रही, इसके बाद ‘कहानी 2’ में भी वह फिर एकबार जबरदस्त भूमिका में आ रही हैं. फिल्म की प्रमोशन को लेकर वह बहुत खुश हैं. उनसे मिलकर बात करना रोचक था, पेश है कुछ अंश.

प्र. इस फिल्म को करने की खास वजह क्या है, कौन सी बात आपको इसमें अच्छी लगी?

ये एक अलग तरह की इमोशनल थ्रिलर फिल्म है. अलग दुनिया, अलग भूमिका, सब अलग है. फिल्म में दुर्गा रानी सिंह के साथ जो होता है वह एकदम अलग है. साढ़े चार साल बाद यह नयी कहानी आई है. इसकी कहानी रोमांचक और मनोरंजक है. इसमें मुझे एक अलग भूमिका करने को मिला जो अच्छी और चुनौतीपूर्ण है.

प्र. सीक्वल करना कितना मुश्किल होता है? कितना प्रेशर होता है?

हां, मुझे पता है कि लोग पुरानी कहानी से इसकी तुलना करेंगे. मैंने निर्देशक से इस बारें में बात भी की. उन्होंने कहा कि ये फ्रैंचाइजी है. इसमें हर कहानी अलग-अलग होगी. पहली बार फिल्म सुनते ही मैंने निर्देशक से पूछा कि क्या इस फिल्म में पुरानी फिल्म का कुछ भाग होगा? उन्होंने आत्मविश्वास के साथ कहा कि ये एकदम अलग फिल्म है, इसकी तुलना उससे नहीं होगी.

प्र. इस फिल्म के लिए आपने कितना होम वर्क किया?

सुजोय और मैं हमेशा फिल्म को और उसके भूमिका को लेकर बात करते रहते हैं, उसमें ही आधी तैयारी हो जाती है, क्योंकि किरदार को समझने में समय लगता है. लेकिन लगातार बात करते रहने से वह आसान होता है. इसमें एक जगह जहां मेरा एक्सीडेंट होता है प्रोस्थेटिक का प्रयोग किया गया है. उसके लिए कई ट्रायल्स हुए. मेकअप पर बहुत ध्यान दिया गया, क्योंकि निर्देशक ‘नो मेकअप लुक’ चाहते थे. जो फिल्म के एक भाग पर अधिक था. दूसरे भाग में प्रोस्थेटिक का प्रयोग हुआ है. वे ड्राई स्किन चाहते थे, क्योंकि दृश्य पहाड़ों पर रहने वाले के थे. जो कलिम्पोंग में शूट हुआ. मेरे मेकअप आर्टिस्ट श्रेयस म्हात्रे ने काफी मेहनत की है. फिर भी सही नहीं हुआ. अंत में निर्देशक ने मोयास्चरायजर लगाने को मना किया. मैंने वही किया और लुक सही आया.

प्र. ये फिल्म एक मां और बेटी की कहानी है, आप इसे कैसे ‘एक्सप्लेन’ करना चाहेंगी?

मेरे हिसाब से एक मां अपनी बेटी के लिए कुछ भी कर सकती है. किसी का क़त्ल भी कर सकती है. कुछ ऐसी ही भाव इस फिल्म में है और शायद अधिकतर मां ऐसी ही होती है. दुर्गारानी सिंह भी ऐसी ही महिला है. एक रियल भूमिका निभाने में बहुत अच्छा लगा.

प्र. फिल्म का कौन सा भाग अभिनय करने में मुश्किल लगा?

किसी का कान चबाना था. मुझे बहुत बुरा लगा. मुझे डर भी लगा था कि ये सीन एक बार में हो जाये. बार-बार ‘रिटेक’ ना करना पड़े.

प्र. आपके हिसाब से फिल्म का प्रमोशन करना कितना जरुरी है?

फिल्म का प्रमोशन करना बहुत जरुरी है. ये आज के कलाकारों के लिए अच्छा मौका है कि वे अपने काम को लोगों तक मीडिया के माध्यम से पंहुचा पाते है. इसे मैं हमेशा नयी-नयी तरीके से करना चाहती हूं. ताकि दर्शकों की रूचि फिल्म के प्रति बढ़े. मुझे अलग-अलग तरीके से प्रमोशन करने में मज़ा आता है.

प्र. अब तक की जर्नी को कैसे देखती है? अपने आप में कितना बदलाव महसूस करती है?

जर्नी तो उतार-चढ़ाव के बीच रही कुछ फिल्में चली कुछ नहीं, पर मैंने कभी हार नहीं मानी, क्योंकि हर दिन एक नया दिन होता है और हर दिन आप कुछ नया कर सकते हैं. मेरे जीवन में बदलाव तो बहुत आया, पहले मैं अकेली थी अब शादी हो चुकी है. सब कुछ बदल चुका है समय के साथ-साथ मैं भी ग्रो हुई हूं.

प्र. आप हमेशा कुछ न कुछ सामाजिक कार्य करती हैं, इसकी रूचि कहां से पैदा हुई?

बचपन से ही हमें सिखाया जाता रहा है कि हमें वो सबकुछ मिला, जिसकी जरुरत है. लेकिन इसका कुछ भाग हमें उनको देना चाहिए जिनके पास यह सब नहीं है. मेरी बहन भी अपने बच्चों को शेयर सिखाती है. ये बचपन से ही बच्चों को सिखाना पड़ता है. इससे बच्चों में संवेदनशीलता बढ़ती है. साथ ही इससे आप को ख़ुशी मिलती है और एक इंसान अपने पास कितना रख सकता है. ये सारी चीजे मुझे किसी और के बारें में सोचने पर मजबूर करती है और मैं सामाजिक कार्य की ओर चल पड़ती हूं.

प्र. आगे क्या कर रही हैं?

मैं एक मलयालम बायोपिक लेखक कमलादास पर कर रही हूं. उसी की तैयारी चल राही है. वह एक कंट्रोवर्सियल महिला थी. जिस तरह से वह अपनी जिंदगी जीती थी वह लोगों को अभी भी रुचिकर लगता है. उनपर फिल्म बन रही है और मैं उनको समझना चाहती हूं. इसके अलावा किसी भी भाषा में अच्छी स्क्रिप्ट पर मैं काम करना चाहूंगी. अभी मराठी और बांग्ला दोनों से ऑफर आते हैं, पर कोई बात अभी तक बनी नहीं है.

Film Review: तुम बिन 2

जीवन, मौत व प्यार को लेकर दार्शनिक बातें सुनने के शौकीन लोगों को यह फिल्म भाएगी. आंखों को सुख प्रदान करने वाली खूबसूरत लोकेशन की तलाश करने वालों को भी यह फिल्म पसंद आएगी. पर जिन्हे महज प्रेम कहानी व रोमांस में रूचि है, उन्हे यह फिल्म सिर्फ बोर करती है.

फिल्मकार अनुभव सिन्हा की  2001 की फिल्म “तुम बिन” की सिक्वअल फिल्म ‘‘तुम बिन 2’’ की कहानी के केंद्र में स्काटलैंड में रह रहे अमर (आशिम गुलाटी), तरन कौर (नेहा शर्मा) व शेखर (आदित्य शील) हैं. तरन अपने होने वाले पति अमर के साथ बर्फीली पहाड़ी पर स्कैटिंग का मजा लेने जाती है. अमर रात में कुछ उंची पहाड़ियों पर स्कैटिंग के लिए जाता है और तरन से सुबह नौ बजे होटल में मिलने का वादा करता है, मगर वह तय समय पर नहीं पहुंचता है. क्योंकि अमर स्कैटिंग करते समय किसी से टकराकर उंची पहाड़ी से नीचे नदी में गिर चुका है. 10 दिन की मेहनत के बाद भी उसकी तलाश नही हो पाती है. अंततः अमर के पिता (कंवलजीत सिंह) भी मान लेते हैं कि अमर की मौत हो गयी. क्योंकि शेखर नामक युवक आकर खुद बताता है कि उसकी गलती नहीं है, पर अमर व शेखर क्रास करते समय टकरा गए थे.

शेखर कहता है कि चाहे व उसे पुलिस को सौंप दे या अपने बेटे जैसा मान लें. उस दिन से शेखर तो अमर के पिता के लिए बेटे जैसा हो जाता है. अमर के पिता ही शेखर को तरन व उसकी बहनों से भी मिलवाते हैं. शेखर, तरन कौर की हर तरह से मदद कर उससे जीवन व प्यार को लेकर दार्शनिक बातें करते हुए खुश रखने का प्रयास करता है. वह तरन को समझाता है कि एक इंसान के चले जाने से जिंदगी रुक नहीं जाती. वह बताता है कि उसकी प्रेमिका ने किसी अन्य से शादी कर ली, उसे दुःख नही हुआ.

शेखर कहता है, ‘‘हम अपनी जिंदगी से जो चाहते हैं और जो चुनते हैं, उसके बीच हमारी अपनी कुछ कमजोरी व कुछ ताकत होती है.” पर तरन को बार बार अमर की याद सताती रहती है. शेखर, तरन को डर का मुकाबला करना सिखाता है. धीरे धीरे दोनों में प्यार हो जाता है.

तभी पता चलता है कि अमर जिंदा है, वह 8 माह से लंदन के एक अस्पताल में कोमा में था. अब उसे होश आ गया है. डाक्टर का फोन पाकर अमर के पिता, तरन का परिवार व शेखर लंदन से अमर को लेकर आते हैं. तरन खुश है, पर  असमंजस में हो जाती है कि वह क्या करे? एक उसका अतीत का प्यार है, तो दूसरा उसका वर्तमान का प्यार है. एक दिन तरन, अमर को लेकर गुरूद्वारा जाती है और वह अमर को सच बताती है कि जब वह कोमा में चला गया था, तो यहां पर सभी को लगा था कि उसकी मौत हो गयी. वह 8 माह तक उसकी याद में रोती रही. पर दोस्त बनकर आए शेखर ने उसे खुश रहना सिखाया और अब सच यह है कि वह शेखर से प्यार करती है.

तरन की बात सुनकर अमर एक निर्णय लेता है, तभी गुरूद्वारे में शेखर भी पहुंच जाता है. अमर, तरन का हाथ शेखर के हाथ मे देते हुए कहता है कि वही तरन का वर्तमान है. वह तो उनका दोस्त ही रहेगा. पर तरन का अमर से फोन पर बात करना या अमर को लंदन डाक्टर के पास दिखाने ले जाना शेखर के मन में ईर्ष्या का भाव जगा देता है. वह एक हारे हुए प्रेमी व जलन की भावना से कुछ काम करता है. अंततः शेखर, तरन से दूर जाने का फैसला कर लेता है.

जहां तक अभिनय का सवाल है, तो आदित्य शील, नेहा शर्मा और आशिम गुलाटी यह तीनों कलाकार निराश करते हैं.

‘‘तुम बिन’’ का सिक्वअल बनाते समय पटकथा लेखक के तौर पर अनुभव सिन्हा कुछ कन्फ्यूज हो गए हैं. पहली फिल्म में अमर मर गया था, पर दूसरी फिल्म में वह अमर को दोबारा जिंदा वापस ले आए हैं. वह एक तरफ शेखर को अमर की मौत के लिए प्रायश्चित करने वाला श्ख्स बता रहे हैं, जो कि तरन को खुशी देने का काम कर रहा है. तो दूसरी उसी शेखर के अंदर प्यार को लेकर ईर्ष्या से ग्रसित व एक शक्की दिमाग वाला इंसान भी बता देते हैं.

एक तरफ वह वर्तमान पीढ़ी के बीच पनप रहे ‘कॉफी डे वाले प्यार’ की बात करते हैं, तो दूसरी तरफ शाश्वत व पहले प्यार की जीत की बात करते हैं. इसी चक्कर में फिल्म की गति न सिर्फ धीमी होती है, बल्कि फिल्म लंबी हो गयी. परिणामतः दर्शक सोचने लगता है कि फिल्म कब खत्म होगी. इंटरवल से पहले पाकिस्तानी लड़के को लेकर गढ़े गए दृश्य बेमानी हैं और मूल कहानी पर जबरन थोपे गए हैं.इससे भी लेखक व निर्देशक का कन्फ्यूजन ही साबित होता है.

15 वर्षों में समाज, देश व लोग काफी कुछ बदल चुका है. प्यार को लेकर सोच भी बदली है. जिसके चलते भी दर्शक इस कहानी से इत्तफाक नही रखेगा. इंटरवल के बाद कहानी कुछ ज्यादा ही बोर करती है. शेखर के किरदार में कई तरह के बदलाव गले नहीं उतरते. कुछ अच्छे गानों के बावजूद फिल्म में गाने इतने हैं कि वर्तमान समय की भोजपुरी फिल्में याद आ जाती हैं.

फिल्म का क्लायमैक्स कई फिल्मों व सीरियलों की नकल मात्र है. पर अनुभव सिन्हा के निर्देशन की तारीफ की जा सकती है, कुछ दृश्य अच्छे बने हैं. पूरी फिल्म को बहुत खूबसूरत लोकेशन पर फिल्माया गया है. यह लोकेशन जरुर लोगों की आंखों को सुकून प्रदान करती हैं. फिल्म के कैमरामैन ईवान मुलीगान तारीफ के हकदार हैं. टीसीरीज और बनारस मीडिया वर्कस द्वारा निर्मित ढाई घंटे की अवधि वाली फिल्म ‘‘तुम बिन 2’’ के लेखक अनुभव सिन्हा, संगीतकार अंकित तिवारी व निखिल विनय तथा कलाकार हैं- आषिम गुलाटी, नेहा शर्मा, आदित्य सील, मौनी रॉय, कंवलजीत सिंह व अन्य.

पौधों से सजाइए घर

पेड़-पौधों के लिए धूप बहुत जरूरी होती है, लेकिन कुछ ऐसे भी पौधे होते हैं जिनको धूप की ज्यादा जरूरत नहीं होती. जहां धूप कम आती है ऐसे स्थान पर खूबसूरत पत्तियों वाले विभिन्न प्रकार के पाम, फाइकस, फर्न, मनीप्लांट, क्रोटन, मोनेस्टरा आदि लगा सकती हैं.

– बालकनी की दीवारों और उसकी बीम पर गमलों को लटका सकती हैं. आजकल लोहे के तार पर प्लास्टिक चढ़ी टोकरियां भी आती हैं, जिनमें पौधे लटका सकती हैं.

– बालकनी में यदि रेलिंग है तो उसमें गमले रखे जा सकते हैं. बस एक बात का ध्यान रखें कि गमलों के नीचे ऊंचे किनारों वाली एक तश्तरी जरूर रखें, इससे पानी नीचे नहीं गिरेगा.

– रेलिंग के आसपास अंगूर की बेल या टिकोमा आदि लटका सकती हैं. इससे बालकनी की खूबसूरती और बढ़ जाएगी.

– अगर बालकनी बहुत छोटी है तो गमले रखने की बजाय केवल लटकने वाले पौधे लगाएं.

– बालकनी में चीनी मिट्टी, लकड़ी, प्लास्टिक या बांस की बनी चीजों का उपयोग पौधा लगाने में कर सकती हैं.

– यदि बालकनी बड़ी है तो गमलों में सब्जियां मसलन पालक, बैंगन, टमाटर, भिंडी, हरी धनिया, मिर्च, करेला, बंदगोभी, गोभी, मटर आदि लगाकर ताजी सब्जियों का स्वाद ले सकती हैं.

– बरसात के मौसम में जहां बालसम, गमफरीना, नवरंग, मुर्गकेश आदि के पौधे लगाए जा सकते हैं तो वहीं सर्दियों के मौसम में पैंजी, पिटुनिया, डहेलिया, गेंदा, गुलदाऊदी आदि लगाए जा सकते हैं.

– बारहमासी फूलों के पौधे जैसे गुड़हल, गुलाब, रात की रानी, बोगनवेलिया, टिकोमा आदि भी लगाए जा सकते हैं.

यह जरूरी नहीं है कि आप बालकनी में ढेरों पौधे लगाएं. आप उतने ही पौधे लगाएं जिनकी देखरेख आसानी से कर सकती हैं. पौधों युक्त बालकनी न सिर्फ आपके दिल-दिमाग को सुकून पहुंचाती है, बल्कि देखने वालों को भी सुकून पहुंचाती है.

हीरोइन के लिए आमिर छोड़ सकते हैं ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’

अमिताभ बच्चन और आमिर खान के साथ काम करने का ख्वाब टूट सकता है. जब आदित्य चोपड़ा की फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ में आमिर और अमिताभ के साथ करने की खबर आई थी, तो इनके फैन्स काफी खुश हुए थे. लेकिन बॉलीवुड के दो दिग्गजों की जोड़ी बनने से पहले ही टूट सकती है. बताया जा रहा है फिल्म की हीरोइन को लेकर आमिर और आदित्य आमने-सामने आ गए हैं.

फिल्म ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ को विजय कृष्णा आर्चाय बना रहे हैं. खबर है कि आदित्य चोपड़ा चाहते हैं कि फिल्म की हीरोइन वाणी कपूर हों. लेकिन आमिर चाहते हैं कि फिल्म में आलिया भट्ट लीड एक्ट्रेस के किरदार में नजर आएं. आमिर और आदित्य के बीच हीरोइन को लेकर विवाद इस हद तक पहुंच चुका है कि आमिर इस फिल्म को छोड़ सकते हैं.

वाणी कपूर ने आदित्य की फिल्म ‘बेफिक्रे’ में भी लीड रोल निभाया है. इसमें वाणी के अपोजिट रणवीर सिंह नजर आएंगे. आदित्य ने खुद इस फिल्म को डायरेक्ट किया है. इसलिए उनका कहना है कि ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ के लिए वाणी परफेक्ट हैं. लेकिन आमिर खान तो आलिया भट्ट की रट लगाए बैठे हैं.

वैसे बता दें कि ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ की रिलीज डेट भी आदित्य ने तय कर ली है. यह फिल्म साल 2018 में दिवाली के मौके पर रिलीज की जाएगी.

‘मनहूस बताकर छीन ली थी 12 फिल्में’

विद्या बालन आज एक जाना-माना नाम हैं लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब इस एक्ट्रेस को मनहूस का टैग दे दिया गया था और एक-दो नहीं बल्कि बारह फिल्मों से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था. आखिर ऐसा क्या हुआ था ?

नेशनल अवॉर्ड जीत चुकीं विद्या बालन आज जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए उन्हें ऐसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा जिनके बारे में सुनकर आपकी रुह कांप उठेगी. अपने ऐसे ही एक पड़ाव के बारे में हाल ही में विद्या ने बताया.

एक इंटरव्यू के दौरान विद्या ने बताया कि 16 साल पहले जब उन्होंने मलयालम फिल्मों से अपने करियर की शुरुआत की थी तो उन्हें पहली फिल्म साउथ के सुपरस्टार मोहनलाल के साथ मिली. इसके बाद उन्हें बारह फिल्में एक साथ ऑफर हुईं. लेकिन मोहनलाल के साथ उनकी फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई जिसकी वजह से उनके हाथ आईं बारह फिल्मों से भी उन्हें निकाल दिया गया.

इसके बाद विद्या वहां काम नहीं कर पाईं जिसके बाद उन्होंने तमिल फिल्मों मे किस्मत आजमाने की सोची. पर हाय री किस्मत. यहां भी उन्हें फिल्म से रिप्लेस कर दिया गया. हताश होकर आखिरकार विद्या को एक सेक्स कॉमेडी फिल्म साइन करनी पड़ी. लेकिन उस फिल्म को करते वक्त विद्या इतनी असहज हो गईं कि उन्होंने वो फिल्म बीच में ही छोड़ दी.

इसके बाद भी विद्या की मुश्किलें खत्म नहीं हुईं. हिंदी फिल्मों में भी विद्या को काफी मशक्कत करनी पड़ी और फिर वो वक्त भी आया जब उनके टेलेंट की कद्र की गई और एक फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड भी मिला.

इन दिनों विद्या अपनी फिल्म ‘कहानी 2’ को लेकर चर्चा में हैं. इस फिल्म में वो एक ऐसी मां का किरदार निभा रही हैं जिस पर मर्डर और चोरी का इल्जाम लगा है.

‘कॉफी..’ पर संजय खोलेंगे कई राज

अक्षय-ट्विंकल के कॉफी विद करण सीजन 5 में आने के बाद जल्द ही बॉलीवुड का एक और लविंग कपल शो में नजर आयेगा.

कॉफी विद करण सीजन 5 में इस बार दर्शकों को काफी कुछ नया देखने को मिल रहा है. या यूं कहे जो इस शो के पिछले चार सीजन में नहीं हो सका वो करण ने इस सीजन में कर दिखाया.

जैसे एक साथ अक्षय-ट्विंकल को शो मे लाना. अक्षय तो पहले भी इस शो का हिस्सा रह चुके थे, लेकिन ट्विंकल ने इस शो मे आने के लिए कभी भी हामी नहीं भरी. लेकिन इस साल सीजन 5 में बॉलीवुड का यह परफेक्ट कपल करण के शो का हिस्सा बना.

इसी क्रम में बॉलीवुड का एक लविंग कपल है जो जल्द ही करण के शो में नजर आयेगा. दरअसल हम बात कर रहे हैं, संजय दत्त और मान्यता दत्त की.

सूत्रों की मानें तो, ये दोनों जल्द ही करण के शो में नजर आ सकते है. इसी फरवरी में जेल से रिहा हुए संजय दत्त करण के शो में अपनी जिन्दगी से जुड़े कई राज खोलते हुए नजर आयेंगे. बता दें यह पहली बार होगा जब संजय दत्त अपनी पत्नी मान्यता के साथ किसी चैट शो में शिरकत करेगें.

संजय दत्त पहले भी कई बार कॉफी विद करण का हिस्सा रह चुके है. जिसमे वह एक बार अपनी दोनों बहनों प्रिया और नम्रता के साथ नजर आये थें. तो एक बार सुष्मिता सेन के साथ.

क्यों खास है कॉफी विद करण सीजन 5

संजय दत्त-मान्यता दत्त

अक्षय कुमार और ट्विंकल खन्ना के बाद करण के शो कॉफी विद करण सीजन 5 में संजू बाबा अपनी पत्नी मान्यता के साथ शिरकत करते हुए नजर आयेंगे.

सोनम कपूर-करीना कपूर खान

गपशप गलियारों की माने तो करण के शो में करीना कपूर खान शो में सोनम कपूर के साथ नजर आ सकती हैं. बता दें करीना कपूर प्रेग्नेंट है और वह जल्द ही आगामी महीने में मां बनने वाली है. अगर करण के शो में करीना और सोनम साथ नजर आते हैं तो वाकई शो में काफी धमाल होने वाला है.

सानिया मिर्जा-फराह खान

टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा सीजन 5 में करण के शो फराह खान के साथ डेब्यू करती हुई नजर आयेंगी. बता दें, फराह और सानिया बहुत अच्छी दोस्त हैं.

रणवीर सिंह-रणबीर कपूर

ये दोनों शख्श एक ही एक्ट्रेस यानी दीपिक पादुकोण को डेट कर चुके है. पहले ये दोनों एक दूसरे को अवॉयड भी करते थे, लेकिन करण के शो में ये दोनों एक साथ कॉफी पीते हुए नजर आयेंगे और ढेर सारा धमाल करते हुए भी.

कपिल शर्मा

इसी के साथ सीजन 5 में कॉमेडियन कपिल शर्मा शो में अकेले शिरकत करते हुए दिखाई देंगे.

अर्जुन कपूर-वरुण धवन

अभी तक दर्शकों ने वरुण और सिद्धार्थ का ब्रोमांस देखा है, लेकिन करण के शो में अर्जुन और वरुण का ब्रोमांस देखने को मिलेगा. वो भी बिल्कुल हटके.

अक्षय कुमार-ट्विंकल खन्ना

करण जौहर ट्विंकल खन्ना बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन इसके बावजूद ट्विंकल ने अपने दोस्त के शो पर आने के लिए हामी नहीं भरी. लेकिन इस सीजन मे ऐसा हुआ, कोई शक नहीं की यह शो काफी मजेदार था.

शाहरुख-आलिया

शो के पहले एपिसोड में शाहरुख खान अलिया भट्ट के साथ नजर आये. भले दोनों शो में फिल्म को प्रमोट करने आये हों लेकिन इस शो में शाहरुख और अलिया की मस्ती वाकई देखने वाली थी.

अब सिंगल मदर बनीं काजोल

हिन्दी फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री काजोल अपनी अगली फिल्म में बच्चे की अकेले परवरिश करने वाली मां की भूमिका निभाने को लेकर उत्साहित हैं. वह इस फिल्म की शूटिंग अगले साल शुरू करेंगी.

निर्देशक आनंद गांधी अपने ही एक नाटक पर फिल्म बनाने के लिए काम कर रहे हैं जिसमें काजोल मुख्य किरदार में होंगी. ‘शिप ऑफ थीसस’ के निर्देशक फिल्म की पटकथा के सह लेखक भी हैं. इसके निर्माता अजय देवगन होंगे.

काजोल ने कहा, ‘वह (आनंद गांधी) फिल्म का निर्देशन नहीं करेंगे. उन्होंने इसे (कहानी को) लिखा है. हम अब भी पटकथा स्तर पर ही हैं और पटकथा का अंतिम दौर चल रहा है. मैं फिल्म में ‘सिंगल मदर’ की भूमिका में हूं. यह एक अच्छी कहानी है और मैं इस भूमिका को लेकर उत्साहित हूं.’

असल जिंदगी में 42 वर्षीय अभिनेत्री दो बच्चों की मां हैं. काजोल को लगता है कि कलाकारों पर उनके प्रशंसकों और मीडिया की वजह से हर वक्त अच्छा दिखने का दबाव होता है. ऐसा पहले नहीं होता था.

काजोल ने कहा, ‘सुबह हो या दोपहर हो या देर रात हो, जब भी हम घर से बाहर जाते हैं तो हमें हर वक्त अच्छा दिखना होता है. यह इस तरह से है कि आपने कैसे अच्छे कपड़े या पेंसिल हील्स नहीं पहनीं? मुझे हैरत है कि यह कैसे जचता है.’ उन्होंने कहा, ‘ मैं इसे गंभीरता से नहीं लेती और इसे अपनी जिंदगी प्रभावित नहीं करने देती हूं. मैं अपनी चप्पलों और आरामदेह कपड़ों में खुश हूं.

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